व्यापार (ऑर्काइव)
ट्रेन में यात्रा के दौरान गलती से भी ना करें ये छोटी गलती....
11 Jun, 2023 03:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के ज्यादातर लोग अब ट्रेन से सफर करते है. इसके पीछे कई वजह होती है जैसे कुछ लोगों के रेलवे का सफर ज्यादा सुविधाजनक और किफायती लगता है, तो कुछ लोगों के लिए समय बचाने वाला साधन है. वहीं, ज्यादातर जगहों पर आज के समय में यह साधन आसानी से उपलब्ध है.
वहीं, कुछ लोग अब भी कभी-कभार ही रेल यात्रा का लाभ ले पाते हैं. इन कुछ लोगों में आप भी शामिल है और अगर आप गर्मियों की छुट्टी में ट्रेन से सफर करने वाले हैं तो रेलवे के इस नियम के बारे में जरूर जान लें. वरना जानकारी के अभाव में आप वही कर दें, जो नहीं करना चाहिए तो आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
इस बोगी में किया सफर तो होगी जेल
ट्रेन में एक ऐसा कोच होता है. जहां पर लजीज खाना तैयार किया जाता है. यह रेलवे की ओर से यात्रियों को दी जाने वाले पेंट्री फैसिलिटी का होता है. रेल के इस पेंट्री कोच को पेंट्री कार भी कहा जाता है. अगर कोई यात्री किसी भी ट्रेन की पेंट्री कार में सफर करते पाया जाता है तो उसे सजा के तौर पर जेल जाना पड़ सकता है. इतना ही नहीं उस पर जुर्माना भी लगाया जाता है. बता दें कि आप अपनी किसी खास जरूरत के लिए पेंट्री कार में तो जा सकते हैं, लेकिन उसमें यात्रा करना दंडनीय अपराध है.
इस नियम का भी करें पालन
रेलवे प्लेटफॉर्म पर, चलती ट्रेनों और रेलवे स्टेशन परिसर में धूम्रपान करना भी सख्त मना है. इतना ही नहीं ट्रेनों और रेलवे परिसरों में शराब या किसी भी मादक पदार्थ का सेवन करने की भी पाबंदी है. वहीं, रेल यात्रियों को अपने साथ तय सीमा से ज्यादा सामान ले जाने की परमिशन नहीं है. फिर भी बहुत से लोग जरूरत से ज्यादा सामान लेकर ट्रेन में लेकर सफर करते हैं. वहीं, रेल में यात्रियों को कोई खतरनाक सामान ले जाने की भी अनुमति नहीं है. पकड़े जाने पर जेल और जुर्माना हो सकता है.
जानिए सामान ले जाने की तय लिमिट
फर्स्ट एसी और सेकेंड एसी के लिए 40 किलो है
थर्ड एसी और चेयर कार के लिए 35 किलो है.
स्लीपर क्लास के लिए 15 किलो है.
ChatGPT जैसे AI से आईटी सेक्टर में बढ़ेंगे रोजगार के अवसर....
11 Jun, 2023 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कोलकाता में भारत चैंबर्स ऑफ कॉमर्स में चैटजीपीटी को दश के लिए अहम बाताया है। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इसकी वजह से रोजगार में बढ़ोत्तरी हो सकती है। चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से आईटी कंपनियों की क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी। ये भारत जैसे विकासशील देश के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इस तकनीक से भारत की और प्रोजेक्ट को शुरू कर सकते हैं। इससे कई लोगों को रोजगार मिलेगा।
चैटजीपीटी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विकास की गति के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। चैटजापाटा शुरुआती समय में रोजगार पैदा कर सकती है, लेकिन बाद में यह रोजगार को प्रभावित कर सकता है।
चैटजीपीटी का रोजगार पर प्रभाव
चैटजीपीटी रोजगार को प्रभावित भी कर सकता है। ऐसे में यह एक चिंता का विषय है। इस समय भारत के विकास के लिए चैटजीपीटी बहुत जरूरी है। देश में अगर चैटजीपीटी रोजगार में वृद्धि करता है तो कंपनी अपने प्रोजेक्ट के लिए लोगों के लिए नियुक्त करेगा। एआई के आने से लोगों की इनकम में भी बढ़ोत्तरी होगी। चैटजीपीटी आई-टी सेक्टर की क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा। नागेश्वरन ने कहा कि एआई भले की बहु-आयामी दृष्टिकोण है, लेकिन हमें फिर भी एआई के नकारात्मक प्रभावों को सीमित करने की आवश्यकता है।
भारत की जीडीपी
आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी दर में 6.5 फीसदी की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है। नागेश्वरन ने भारत की जीडीपी पर कहा कि पूंजी निवेश और डिजिटल परिवर्तन ने भारत की जीडीपी में अतिरिक्त 0.5-0.8 फीसदी की वृद्धि में योगदान देगा। इसी के भारत की जीडीपी वित्त वर्ष 24 में 7 फीसदी के करीब हो जाएगी।
भारत की जीडीपी पर उन्होंने कहा कि निवेश और उपभोक्ता गति आने वाले सालों में विकास की संभावनाओं को कम करेगी। सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तार और पीएम गतिशक्ति, लॉजिस्टिक्स नीति, पीएलआई योजनाओं से मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट को बढ़ावा मिलेगा।
भारतीय कॉर्पोरेट और बैंकिंग सेक्टर नए रोजगार के लिए तैयार कर रहे हैं। बैंकों के पास लोन देने के लिए पर्याप्त पूंजी है। भारत की मजबूत बैलेंस शीट के कारण निवेश गतिविधियाों में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। पूंजीगत वस्तुओं का आयात बढ़ना, ये एक अच्छा संकेत है।
उन्होंने बताया कि हॉस्पिटैलिटी में कोविड के बाद रोजगार 4.5 करोड़ हो गया है। ये काफी अच्छी बात है। सीईए ने कहा कि महामारी के दौरान कुल बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत की तुलना में वर्तमान में 6.8 प्रतिशत है। वित्त वर्ष 23 में भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत है जो अनुमान से ज्यादा है।
Mid Cap Fund भी है निवेश का अच्छा ऑप्शन....
11 Jun, 2023 03:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप भी अपने पैसे को इंवेस्ट करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं। आप म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाकर बेहतर रिटर्न पाना चाहते हैं तो आप मिड-कैप इक्विटी फंड में भी निवेश कर सकते हैं। मिड-कैप फंड ने पिछले 1 साल में 36 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। आप इस फंड में तब ही निवेश करना जब आप रिस्क ले सकते हैं। इसका मतलब ये है कि यहां आपको लाभ के साथ साथ की बार जोखिम का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए हम आपको इस फंड के बारे में बताते हैं।
मिड-कैप फंड क्या है
मिड-कैप इक्विटी फंड को मिड-कैप म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। ये मिड-कैप कंपनियों के शेयर होते हैं, निवेशक इन ही शेयरों में इंवेस्ट करते हैं। सेबी द्वारा निर्धारित नियमों के तहत मार्केट कैपिटलाइजेशन में 101वीं से 250वीं सबसे बड़ी कंपनियों के बीच है। इन फंडों में जोखिम और रिटर्न दोनों का मिश्रण होता है। जब आप इन कंपनियों के शेयर में निवेश करते हैं तो बाजार में हो रहे बदलाव का असर आपके निवेश पर पड़ता है।
रिस्क लेने पर ही करें इंवेस्ट
मिड-कैप में लार्ज कैप फंड की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। ऐसे में इस फंड में उन ही निवेशकों को निवेश करना चाहिए जो रिस्क ले सकते हैं। अगर आप लंबे समय तक इस फंड में निवेश करते हैं तो ये आपके लिए यह फायदेमंद हो सकता है। आपको इस फंड में 2 साल से 5 साल के लिए इंवेस्ट करना चाहिए। वैसे तो मिड-कैप ने लार्ज कैप की तुलना में बेहतर प्रदर्शन दिया है, लेकिन ये फंड बाजार में गिरावट आने के बाद गिर सकते हैं।
इतना ही करें निवेश
कई एक्सपर्ट के मुताबिक आपको इस फंड में अपने पोर्टफोलियो का 20 फीसदी से 30 फीसदी तक का ही इंवेस्ट करना चाहिए। मान लीजिए कि आपके पास 1000 रुपये हैं तो आपको इस फंड में 200 रुपये से 300 रुपये तक का ही इंवेस्ट करना चाहिए। इसके साथ ही आपको इस फंड में लंबे समय तक निवेश करना चाहिए।
म्यूचुअल फंड के साथ इसमें भी करें निवेश
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के वजाए आपको सिस्टमेंटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) में निवेश करना चाहिए। एसआईपी में आप हर महीने एक फिक्सड अमाउंट लगाते हैं। ऐसे में रिस्क कम होता है साथ ही बाजार के उतार-चढ़ाव का असर भी नहीं पड़ता है।
मिड-कैप फंड्स के फायदे
मिड-कैप में निवेश करने वाली कंपनियों में लार्ज-कैप की तुलना में ज्यादा संभावना है।
स्मॉल कैप स्टॉक में अस्थिरता ज्यादा होती है, वहीं मिड कैप में अस्थिरता कम होती है।
मिड-कैप आपके पोर्टफोलियों में विविधता लाने में हेल्प करता है।
ITR फाइल करने जा रहे हैं तो पहले जान लें ये पूरी बात....
11 Jun, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के सभी ईमानदार टैक्स पेयर के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की आखिरी तारिख 31 जुलाई, 2023 है। आईटीआर फाइल करने से पहले अगर आप भी उस टैक्स को बचाना चाह रहे हैं जो लीगल है और आपका हक है तो आपके लिए यह बड़ी खबर है।
अगर आपने नई टैक्स रिजीम चुनी है और आपकी आय 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये के बीच आती है, तो आपको अधिकतम 30 प्रतिशत की रेट से टैक्स देने की जरूरत नहीं है।
इन बातों का रखें ध्यान
आप इनकम टैक्स व्यय पर बचत कर सकते हैं लेकिन उससे पहले आप यह सुनिश्चित करना होगा कि आपने किसी टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट में महत्वपूर्ण निवेश नहीं किया हुआ है।
करदाताओं को इनकम टैक्स की धारा 80C या 80D जैसे विभिन्न वर्गों के तहत टैक्स छूट से बचने के लिए नई टैक्स रेजीम के तहत कम दरों पर आयकर का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
कितने प्रतिशत लगता है टैक्स?
10 लाख रुपये से अधिक लेकिन 15 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्ति को नई टैक्स व्यवस्था में 20 या 25 प्रतिशत की दर से टैक्स का भुगतान करना होगा।
वहीं अगर आपने पुरानी टैक्स व्यवस्था का विकल्प चुना है तो आपको 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दोनों टैक्स व्यवस्था स्लैब में 30 प्रतिशत सबसे अधिक टैक्स है।
इस तरह उठा सकते हैं लाभ
भारत में आप दोनों तरह के टैक्स रिजीम या तो नई टैक्स रिजीमया फिर पुरानी टैक्स रिजीमसे आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
अगर आप नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनते हैं, तो आपको चालू वित्त वर्ष के लिए टैक्स दाखिल करने से पहले फॉर्म 101E जमा करना होगा। फॉर्म 101E में की गई घोषणा सरकार को टैक्सपेयर की कर व्यवस्था की पसंद का आकलन करने में मदद करती है, जिससे उन्हें नई कर व्यवस्था का लाभ उठाने में मदद मिलती है।
लग सकता है जुर्माना
आपको बता दें कि इन दोनों टैक्स सिस्टम में अलग-अलग टैक्स स्लैब और उनके अलग-अलग फायदे है और नुकसान है।
दोनों ही टैक्स स्लैब में अधिकतम 30 फीसदी का टैक्स देना होता है। अगर आप आईटीआर फाइल करने की आखिरी डेट से चुक जाते हैं तो आपको जुर्माने के साथ-साथ ब्याज भी देने पड़ सकता है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
11 Jun, 2023 11:10 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तेल कंपनियों ने आज के पेट्रोल और डीजल के दाम जारी कर दिए हैं। आज कंपनियों ने तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है।
आज दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 106.31 रुपये व डीजल की कीमत 94.27 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 106.03 रुपये जबकि डीजल का दाम 92.76 रुपये प्रति लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर है।
जानिए आपके शहर में कितना है दाम
पेट्रोल-डीजल की कीमत आप एसएमएस के जरिए भी जान सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर जाकर आपको RSP और अपने शहर का कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर भेजना होगा। हर शहर का कोड अलग-अलग है, जो आपको आईओसीएल की वेबसाइट से मिल जाएगा।
बता दें कि प्रतिदिन सुबह छह बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। सुबह छह बजे से ही नई दरें लागू हो जाती हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है।
इन्हीं मानकों के आधार पर पर पेट्रोल रेट और डीजल रेट रोज तय करने का काम तेल कंपनियां करती हैं। डीलर पेट्रोल पंप चलाने वाले लोग हैं। वे खुद को खुदरा कीमतों पर उपभोक्ताओं के अंत में करों और अपने स्वयं के मार्जिन जोड़ने के बाद पेट्रोल बेचते हैं। पेट्रोल रेट और डीजल रेट में यह कॉस्ट भी जुड़ती है।
सोने की कीमतों में आई गिरावट....
10 Jun, 2023 03:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सोने की कीमतों में इन दिनों गिरावट देखा जा सकती है. पीली धातु काफी समय से एक ही दायरे में बनी हुई हैं. अब इसके दामों में 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से गिरावट आई हैं. हालांकि, बीते माह भारी डिमांड के बावजूद सोने पर काफी दबाव बना हुआ है. ऐसे में यहां जानिए कि क्या इस समय आपके लिए गोल्ड की खरीददारी करना सही होगा या नहीं.
अमेरिकी फेड पर डिपेंड करते हैं दाम
इस मामले में एक्सपर्ट्स का कहना है कि 13 जून को अमेरिकी फेड की बैठक से पहले गोल्ड के दाम करीब 60,000 रुपये पर हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई तरह के कयास लगाए जा रहे, जिसमें यह भी कहा जा रहा है कि लगातार 10 बार बढ़ोतरी के बाद क्या फेड जून की बैठक में ब्याज दर कम करेगा या अपने फिर अपने इसी आक्रमक रवैये को कामय रखेगा.
जानिए कितने रुपये का बन रहा आधार
मीडिया के हवाले से कहा जा रहा है कि इस कैलेंडर ईयर की पहली तिमाही में बड़ी तेजी देखने के बाद, मजबूत डॉलर और ट्रेजरी यील्ड में तेजी के बीच सोने में हाई लेवल से कुछ प्रॉफिट बुकिंग नजर आई है. यह भी कहा जा रहा है कि अब गोल्ड अगले बुल रन के लिए तकरीबन 60,000 रुपये का बेस तैयार रहा है. वहीं, बाजार विश्लेषकों की माने तो गर्मी का मौसम परंपरागत तौर पर सोने के दामों के लिए एक कमजोर मौसम माना जाता है, क्योंकि इसकी डिमांड बढ़ाने के लिए इन फ्यूचर में कोई खास कारण नजर नहीं आते हैं.
फिर से बढ़ सकते हैं गोल्ड के दाम
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिकी फेड की आगामी बैठक के रिजल्ट भी गोल्ड के रेट को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. बैठक के बाद ही इसे लेकर तस्वीर स्पष्ट होगी. उन्होंने कहा कि डॉलर इंडेक्स 104.50 के लेवल को बनाए रखने में सक्षम नहीं है, जो सोने की चाल में बढ़त के लिए एक बड़ा ट्रिगर है. अमेरिकी मुद्रास्फीति और अमेरिकी बेरोजगारी संख्या फेड की ओर से इंटरेस्ट रेट रोकने की तरफ ले जा सकती हैं, जो सोने की कीमतों में तेजी का कारण हो सकते हैं.
इतनी आ सकती है गिरावट
एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू बाजार में इंडियन करेंसी को समर्थन देने के लिए आरबीआई के हस्तक्षेप से गोल्ड के रेट प्रभावित होंगे, लेकिन सोने पर तेजी का नजरिए तब तक बरकरार रखा जाएगा, जब तक ये 58,600 रुपये के स्तर से नीचे नहीं आता. वहीं, यह 61,440 रुपये तक भी जा सकत है. इसके ऊपर अगला स्तर 62,500 रुपये और 63,650 रुपये प्रति 10 ग्राम हो सकता है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्याज दर की उम्मीदों में यह नया बदलाव सोने के दाम बढ़ने में मुश्किल बना रहा है, क्योंकि यह अमेरिकी डॉलर का समर्थन कर रहा है, जो तीन महीने के उच्च स्तर पर कारोबार कर रहा है. उनके मुताबिक अगर सोना अपने नियर टर्म सपोर्ट को तोड़ता है तो इसमें 59,200 - 58,400 रुपये तक गिरावट आ सकती है. IBJA Rates के मुताबिक बीते शुक्रवार को सोने के दाम 59,960 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुए, यह गणना विदाउट टैक्स निकाली गई है.
डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत ने बड़ी मिसाल कायम की....
10 Jun, 2023 03:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत यूपीआई (UPI) से ट्रांजैक्शन के मामले में पूरे विश्व में अव्वल नंबर पर पहुंच चुका है. आंकड़ें खंगालने पर यह जानकारी निकलकर सामने आई है. पिछले साल यानी कि 2022 के डाटा के मुताबिक साल 2021 की अपेक्षा में इंडिया दुनिया के कई देशों को पछाड़ते हुए आगे निकल आया है. जानकारी के मुताबिक देश के डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) में 91 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है. भारत का डिजिटल ट्रांजैक्शन 89.5 मिलियन रहा है.
इन देशों को पछाड़ते हुए मारी बाजी
ब्राजील , चीन, थाईलैंड और साउथ कोरिया को धूल चटाते हुए इंडिया टॉप पोजिशन पर कायम है. आपको बता दें कि कभी ये देश डिजिटल पेमेंट के मामले में भारत से बहुत आगे हुआ करते थे. अब इनका नंबर भारत के बाद है, जिसमें ब्राजील 29.2 मिलियन, चीन 17.6 मिलियन, थाईलैंड 16.5 मिलियन और साउथ कोरिया 8 मिलियन के साथ चौथे नंबर पर है. अब अगर इन चारों देशों के आंकड़ों पर नजर डाले तो इनसे भारत बहुत आगे है.
बता दें कि कभी चीन डिजिटल पेमेंट के मामले में नंबर वन पर था. साल 2010 में चीन का डिजिटल पेमेंट सभी देशों से ज्यादा था, जिसका ट्रांजैक्शन 1119 मिलियन था. दूसरे नंबर पर भारत था, जिसका 370 मिलियन का ट्रांजैक्शन था. जबकि, तीसरे नंबर पर अमेरिका था, जिसका डिजिटल ट्रांजैक्शन 153 मिलियन था.
भारत में तेजी से बढ़ रहा डिजिटल पेमेंट
डिजिटल पेमेंट के मामले में इंडिया में साल 2010 के बाद से काफी उछाल देखने को मिला है. साल 2014 के बाद तो इसकी रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ी है. भारत का डिजिटल पेमेंट का ग्राफ साल 2023 के साथ ही बड़ी रफ्तार के साथ बढ़ रहा है. वहीं, दूसरी तरफ डिजिटल इस मामले में चीन पिछड़ गया है.
इन शहरों में सबसे ज्यादा हो रहा डिजिटल पेमेंट
रिपोर्ट् के मुताबिक साल 2022 के आंकड़ें बताते है कि भारत में सबसे ज्यादा डिजिटल पेमेंट बेंगलुरु में हो रहा है. इशके बाद दूसरे नंबर पर देश की राजधानी दिल्ली रहा है. फिर आता है मायानगरी मुंबई का नंबर. जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु साल 2022 में 6,500 करोड़ रुपये के 29 मिलियन ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए थे.
जून के इस हफ्ते में आएगी किसानों के खाते में 14वीं किस्त की राशि....
10 Jun, 2023 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जुड़ा एक बड़ा अपडेट लेकर आए हैं. बता दें कि इसकी 14वीं किस्त जारी होने है, जिसका किसान भाइयों को बड़ी बेसब्री से इंतजार है. इस योजना के तहत 13 किस्तों की रकम किसानों के खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है.
अब अगली यानी की 14वीं किस्त जल्दी की जारी होने की उम्मीद है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा है कि अगली किस्त जून में आएगी. अगर आप भी अगली किस्त का इंतजार कर रहे हैं तो यहां जानिए कि कब योजना की 14वीं किस्त मिल सकती है.
देश के किसान भाइयों को मोदी सरकार की ओर से आर्थिक मदद के तौर पर साल भर में 6 हजार रुपये की तीन किस्ते जारी की जाती है. इसके तहत चार महीने के अंतराल पर दो-दो हजार रुपये करके किसानों के खाते में भेज जाते हैं.
अब इस योजना के तहत अब 14वीं किस्त किसानों के खाते में भेजे जाने हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस किस्त की रकम जून के तीसरे सप्ताह में किसानों को जारी कीजा सकती है. हालांकि, इस मामले पर मोदी सरकार ने कोई अपडेट या ऑफिशियल अनाउंसमेंट अब तक नहीं की गई है.
पीएम किसान योजना की 13वीं किस्त 27 फरवरी 2023 को किसानों के खाते में डाली थी. इस लिहाज से देखा जाए तो मोदी सरकार के पास अगली किस्त जारी करने का समय जुलाई 2023 तक है. ऐसे में जून से लेकर जुलाई के बीच कभी भी 14वीं किस्त का पैसा भेजने के कयास जोरों पर है.
अगर आप पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं, लेकिन अब तक इस योजना के तहत ई-केवाईसी और भू-सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाए हैं तो कर लें, वरना आपकी 14वीं किस्त की राशि अटक सकती है. भू-सत्यापन के लिए आपको कृषि विभाग कार्यालय पर जाना होगा.
करंसी को लेकर आरबीआई ने जताई चिंता....
10 Jun, 2023 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आप अपने वॉलेट और पर्स में जो नोट लेकर घूम रहे हैं हो सकता है कि वो नकली हों. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर चिंता जाहिर की है. आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक इस सर्कुलेशन में 500 रुपये के नकली नोट की घुसपैठ में लगातार बढ़ती ही जा रही है. आइए जानते हैं आरबीआई ने क्या चिंता जाहिर की है. अगर कभी आपके भी पास नकली नोट आते हैं तो यहां समझिए कि ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए...
कब कितने नकली नोट हुए बरामद
जानकारी के मुताबिक साल 2022-23 में 500 रुपये के तकरीबन 91,110 नकली नोट बरामद किए गए. 2021-22 में 76,669 नकली नोट पकड़े गए थे. वहीं, साल 2020-21 में 500 रुपये के 39,453 नकली नोट पकड़े गए थे. यहां देखा जा सकता है कि 2021-22 के मुकाबले 2022-23 में 500 रुपये के नकली नोट 14.6 फीसदी ज्यादा हैं. नकली नोटों की बरामदगी में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है. इसका मतलब है मार्केट में नकली नोटों की घुसपैठ में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है.
नकली नोट मिलने पर ये करें
ATM से नकली नोट निकलने पर
आरबीआई के नियम के मुताबिक किसी बैंक के एटीएम से नकली नोट निकलते हैं तो वह बैंक उस नोट को बदलकर देगा.
ऐसा होने पर सबसे पहले वहां मौजूद सिक्योरिटी गार्ड को इसकी जानकारी जरूर दें.
इस बात का ध्यान रखें आपको एटीएम के सामने ही नकली नोट की पहचान करनी होगी.
इसके बाद वहां लगे सीसीटीवी कैमरे पर नोट का अगला और पिछला दोनों हिस्सा दिखाना होगा.
लेनदेन में मिलने पर
अगर आपको बड़ी पैमाने पर नकली नोट मिलते हैं तो आप इसे जितनी जल्दी हो सके आरबीआई की नजदीकी ब्रांच में ले जाएं. याद रखें कि आपके पास इस बात के पूरे सुबूत होनने चाहिए. इसके साथ ही अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन को भी इसकी रिपोर्ट दें.
बैंक ब्रांच में फेक नोट मिलने पर
अगर कोई व्यक्ति किसी बैंक में नकली नोट जमा करने आता है और उस रकम में नकली नोट निकलते हैं, तब बैंक उन नकली नोटों को जब्त करके आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश घटकर छह माह के निचले स्तर पर पहुंचा....
10 Jun, 2023 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव और मुनाफा वसूली के कारण मई में इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश आधा घटकर 3,240 करोड़ रुपये रह गया है। यह 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में 2,258 करोड़ रुपये का निवेश आया था। अप्रैल में भी इसमें गिरावट आई थी। हालांकि, यह लगातार 27वां महीना है, जब इक्विटी फंडों में निवेश आया है।
निवेशकों ने स्मॉल कैप और मिड कैप में निवेश किया है। कुल 42 म्यूचुअल फंड कंपनियों को मई में डेट साधनों में 57,420 करोड़ रुपये निवेश मिला है। इससे पहले अप्रैल में यह शुद्ध रूप से 1.21 लाख करोड़ रुपये था। म्यूचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) इस दौरान 43.2 लाख करोड़ रुपये रहा है। अप्रैल में यह 41.62 लाख करोड़ रुपये था। मई में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का निवेश फिर से 14 हजार करोड़ के ऊपर 14,749 करोड़ रुपये हो गया है। अप्रैल में यह घटकर 13,728 करोड़ रुपये पर चला गया था। पूरे उद्योग में केवल हाइब्रिड सेगमेंट ऐसा रहा है, जिसमें मई में निवेश बढ़ा है।
वहीं, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) चालू वित्त वर्ष में डेट संसाधनों से 50,000 करोड़ रुपये जुटाएगा। यह रकम घरेलू और विदेशी बाजारों से जुटाई जाएगी। बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने इसका फैसला किया है।
बैंक ने कहा, वह डेट के कई संसाधनों से इस रकम को जुटाएगा। मार्च तिमाही में बैंक को 18,094 करोड़ का फायदा हुआ था।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम
10 Jun, 2023 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल के कीमतों में राहत जारी है। शनिवार को पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम जस के तस बने हुए हैं। पिछले साल मई में आखिर बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव देखने को मिला था।
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में पेट्रोल-डीजल के भाव
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर है। चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल 102.80 रुपये और डीजल 94.40 रुपये प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये प्रति लीटर और एक लीटर डीजल 94.27 रुपये में मिल रहा है। कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है।
क्रूड ऑयल का आज क्या है भाव?
क्रूड ऑयल में लगातार उतार- चढ़ाव देखने को मिल रहा है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड का भाव 1.17 डॉलर प्रति बैरल या 1.54 प्रतिशत गिरकर 74.79 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड 1.12 डॉलर प्रति बैरल या 1.57 प्रतिशत गिरकर 70.17 डॉलर प्रति बैरल पर है।
कैसे चेक करें अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के ताजा रेट्स?
पेट्रोल-डीजल के दाम प्रतिदिन सबुह 6 बजे जारी किए जाते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, 92249 92249 पर RSP डीलर कोड लिखकर अपने शहर में ताजा पेट्रोल-डीजल के दाम पता कर सकते हैं।
जाने Prepaid, Credit और Debit कार्ड में क्या है अंतर
9 Jun, 2023 05:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कैशलेस ट्रांजैंक्शन के लिए आप या तो यूपीआई का इस्तेमाल करते है या फिर कार्ड का।दरअसर मार्केट में बैंकों के अलावा एनबीएफसी भी अपने कार्ड लॉन्च कर रही है जिससे उलझन और बढ़ रही है। हर कार्ड के अपने अलग-अलग फायदे हैं और बैंक और एनबीएफसी कंपनियां हर कार्ड पर अलग ऑफर भी रख रही है।
प्रीपेड कार्ड
प्रीपेड कार्ड एक भुगतान कार्ड होता है, जो आप या बैंक द्वारा पहले से लोड किया जाता है। प्रीपेड कार्ड बैंक या गैर-बैंक प्रीपेड इश्यूअर द्वारा जारी किए जाते हैं। आप अपने प्रीपेड कार्ड में उपलब्ध पैसों से सामान और सेवाएं खरीद सकते हैं।एक मुख्य फैक्टर जो प्रीपेड कार्ड को डेबिट और क्रेडिट कार्ड से अलग करता है, वो यह है कि प्रीपेड कार्ड, डेबिट कार्ड की तरह आपके बैंक खाते से जुड़ा नहीं होता और यह कार्ड क्रेडिट कार्ड की तरह क्रेडिट लाइन से जुड़े नहीं होते हैं।जब आप प्रीपेड कार्ड का यूज करते हैं, तो आप केवल उस पैसों का उपयोग कर रहे होते हैं जिसे आपने उस पर लोड किया है। आप कोई पैसा उधार नहीं ले रहे हैं और कार्ड आपके किसी अन्य वित्तीय खाते से लिंक नहीं किया जा सकता है।
डेबिट कार्ड
डेबिट कार्ड वो कार्ड होता है जो बैंक आपको सेविंग अकाउंट खुलवाते वक्त देता है। इस कार्ड से ट्रांजैक्शन करते वक्त पैसा आपके खाते से कटता है।डेबिट कार्ड से आप सिंगल टैप या स्वाइप से सीधे खाते से पेमेंट करने की सुविधा देता है। ज्यादातर लोग डेबिट कार्ड से भुगतान करना पसंद करते है, क्योंकि यह उनके दैनिक लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है।
क्रेडिट कार्ड
क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय साधन है , जो आपको क्रेडिट पर प्रोडक्ट खरीदने की सुविधा देता है, और आप रिपेमेंट डेट से पहले यूज किए गए क्रेडिट का पुनर्भुगतान कर सकते हैं। ब्याज से बचने के लिए, आपको रिपेमेंट डेट के भीतर क्रेडिट राशि का चुकाना होता है।क्रेडिट कार्ड निर्दिष्ट कार्ड सीमा के साथ आते हैं। इस कार्ड को देने से पहले आपका CIBIL स्कोर, इनकम प्रोफ़ाइल, आदि जैसे कई पैरामीटर का पता लगाया जाता है।
अगर पहली बार कर रहे हैं आप इंवेस्टमेंट तो जरूर ध्यान रखें इन खास बातों का....
9 Jun, 2023 03:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर किसी काम की कभी न कभी शुरुआत जरूर होती है. इन्हीं में से एक इंवेस्टमेंट भी शामिल है. इंवेस्टमेंट के लिए भी लोगों को कभी न कभी शुरुआत जरूर करनी होती है. वहीं अगर आप भी अपने इंवेस्टमेंट की शुरुआत करने जा रहे हैं तो आपको कुछ अहम बातों का ध्यान जरूर ध्यान रखना चाहिए. अगर इंवेस्टमेंट की शुरुआत के साथ ही कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखा जाए तो भविष्य काफी बेहतर हो जाता है. आइए जानते हैं इनके बारे में...
रिस्क कितना लेना है?
इंवेस्टमेंट की शुरुआत करते ही इस बात का ध्यान रखें रिस्क की पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए. आपको अपने पैसे पर कितना रिस्क लेना है इसका आपको पता होना चाहिए. बाजार में रिस्की इंवेस्टमेंट भी हैं और बाजार में बिना जोखिम वाले इंवेस्टमेंट माध्यम भी है. ऐसे में आपकी रिस्क लेने की क्षमता कितनी है, इसका ध्यान रखें और उसके बाद ही इंवेस्टमेंट करें.
कितने साल इंवेस्टमेंट रखना है?
शॉर्ट टर्म के लिए इंवेस्टमेंट करना है, मिड टर्म के लिए इंवेस्टमेंट करना है या फिर लॉन्ग टर्म के लिए इंवेस्टमेंट करना है... इसके बारे में भी आपको जानकारी होनी चाहिए. आपको अपने इंवेस्टमेंट की अवधि को लेकर अलर्ट रहना होगा. इंवेस्टमेंट कितनी अवधि के लिए कर रहे हैं, यह रिटर्न मिलने के लिहाज से काफी मायने रखता है. आपका क्या टारगेट है और वो टारगेट कब तक पूरा करना है, उसके समझकर ही अवधि चुनें.
डायवर्सिफाई रखें
अपने इंवेस्टमेंट को हमेशा डायवर्सिफाई रखें. एक ही जगह पर अपना सारा इंवेस्टमेंट न करें. एक एक ही जगह पर अपना सारा इंवेस्टमेंट रखते हैं तो नुकसान की स्थिति में काफी दिक्कतें उठानी पड़ सकती है. ऐसे में अपने पैसे को अलग-अलग जगह पर इंवेस्ट करें.
आईटी सेक्टर के इन शेयरों में निवेशकों को मिल सकता है तगड़ा मुनाफा
9 Jun, 2023 03:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोग अपनी संपत्ति को कम टाइम में ज्यादा बढ़ाने के लिए शेयर बाजार में निवेश करते है क्योंकि बाजार उन्हें बाकी के निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न कम समय में देता है। बाजार में कई तरह के सेक्टर हैं जैसे फार्मा सेक्टर, बैंक सेक्टर, मेटल सेक्टर इत्यादि।
लेकिन एक सेक्टर ऐसा है जो आने वाले 2 या 3 साल में निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकता है। यह सेक्टर है आईटी सेक्टर आज हम आपको इस सेक्टर से जुड़े 10 स्टॉक्स के बारे बताएंगे जो आने वाले साल में आपको ज्यादा रिटर्न देकर आपका मुनाफा बढ़ा सके।
इंफोसिस
आईटी की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के स्टॉक पर 26 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट ने इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस लगभग 1600 रुपये सेट किया है।
टीसीएस
टाटा कंसलटेंसी सर्विस के स्टॉक में अगले दो से तीन साल में 25 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल सकती है। इस स्टॉक का एक्सपर्ट ने टार्गेट प्राइस लगभग 4010 रुपये सेट किया है।
एलटीआई माइंडट्री
एलटीआई माइंडट्री के स्टॉक निवेशकों को 31 प्रतिशत तक का रिटर्न दे सकते हैं। एक्सपर्ट के अनुसार इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस 6440 रुपये रहने की संभावना है।
कोफोर्ज
आईटी कंपनी कोफोर्ज के स्टॉक में करीब 25 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट ने इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस करीब 5500 रुपये सेट किया है।
एचसीएल टेक
एचसीएल टेक के स्टॉकआने वाले टाइम में 19 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। एक्सपर्ट ने इसका टार्गेट प्राइस लगभग 1340 रुपये सेट किया है।
परसिस्टेंट सिस्टम
परसिस्टेंट सिस्टम के स्टॉक में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा सकती है। एक्सपर्ट ने इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस लगभग 5500 रुपये सेट किया है।
टेक महिंद्रा
टेक महिंद्रा के स्टॉक में करीब 5 प्रतिशत की तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट ने इसका टार्गेट प्राइस करीब 1140 रुपये सेट किया है।
विप्रो
विप्रो के स्टॉक 2 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट ने इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस करीब 410 रुपये सेट किया है।
बिरला सॉफ्ट
बिरला सॉफ्ट के स्टॉक में 5 प्रतिशत तक की तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट ने इस स्टॉक का टार्गेट प्राइस करीब 360 रुपये सेट किया है।
जेनसर
जेनसर के स्टॉक को एक्सपर्ट ने होल्ड करने की राय दी है और इसका टार्गेट प्राइस 385 रुपये का सेट किया है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ रुपया....
9 Jun, 2023 12:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की तेजी के साथ 82.46 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू इक्विटी बाजारों में विदेशी फंड की आवक ने इंडियन करेंसी को समर्थन प्रदान किया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में, घरेलू इकाई 82.49 पर मजबूत खुली और 82.45 के उच्चतम स्तर को छुआ। बाद में इसने अपने पिछले बंद भाव से 5 पैसे की बढ़त दर्ज करते हुए 82.46 के स्तर पर कारोबार किया।
कल कैसा था रुपये का कारोबार?
को डॉलर के मुकाबले रुपया 82.51 पर बंद हुआ था। गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दर पर ठहराव बनाए रखने का फैसला सुनाया। इसकी पहले से उम्मीद की जा रही थी। इसने शेयर बाजार के साथ रुपये में मजबूती की भावना को आगे बढ़ाने में मदद की। आपको बता दें कि आरबीआई ने गुरुवार को प्रमुख ब्याज दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा। हालांकि, निवेशक अगले सप्ताह घोषित होने वाले अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर के फैसले से सतर्क हैं।
कैसा है डॉलर इंडेक्स?
डॉलर सूचकांक, जो छह मुद्राओं के मुकाबले ग्रीनबैक की ताकत का अनुमान लगाता है, 0.04 प्रतिशत बढ़कर 103.38 हो गया। ग्लोबल ऑयल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स 0.50 फीसदी गिरकर 75.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। घरेलू इक्विटी बाजार में, 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 25.29 अंक या 0.04 प्रतिशत बढ़कर 62,873.93 पर कारोबार कर रहा था। एनएसई निफ्टी 7.45 अंक या 0.04 प्रतिशत बढ़कर 18,642.00 पर पहुंच गया।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) गुरुवार को पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार बने रहे, क्योंकि उन्होंने एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार 212.40 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।