मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मोबाइल लैपटॉप से सर्च हो रहीं 50 लाख बच्चों से जुड़ी अश्लील साइट
16 Jul, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । आजकल हर बच्चे के पास मोबाइल है। अभिभावक खुद परेशानियों से बचने के लिए छोटे बच्चों को मोबाइल पकड़ा देते हैं। कोरोना के बाद तो सभी स्कूली बच्चों के पास मोबाइल और लैपटॉप आ चुके हैं लेकिन अब इनसे नई समस्या पैदा हो रही है। मोबाइल और लैपटॉप पर बच्चे अश्लील साइट पर जा रहे हैं। इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) एवं महिला एवं बाल कल्याण विभाग के एक कार्यक्रम में यह बात सामने आई है। ऑनलाइन कक्षाओं के कारण बच्चों की मोबाइल व लैपटॉप पहुंच के साथ नए खतरे भी पैदा हुए हैं। हालिया वर्षों में बच्चों के ऑनलाइन यौन शोषण की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है। हाल ये है कि नेट पर लाखों बच्चों की अश्लील सामग्रिया मौजूद हैं। बच्चे भी इन्हें सर्च कर रहे हैं।
आईसीपीएफ द्वारा अप्रेल 2020 में जारी एक रपट में देश के सौ शहरों में हर महीने औसतन 50 लाख बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्रियां या चाइल्ड एब्यूज सेक्सुअल मैटीरियल (सीसैम) सर्च किए गए। यह जानकारी इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) एवं महिला एवं बाल कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक परिचर्चा के दौरान दी गई। कार्यक्रम में ऑनलाइन यौन उत्पीडऩ के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई गई और इस पर लगाम लगाने के उपायों की बात कही गई। मप्र महिला व बाल विकास विभाग के निदेशक विशाल नाडकर्णी ने कहा कि मदद के लिए हमारे पास कड़े कानून, एजेंसियां और विशेषज्ञ हैं। हम जमीनी स्तर पर परिवारों के बीच जागरूकता पैदा करें।
पुराने वाहनों पर भी लगेगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट
16 Jul, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में अब पुराने वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जाएगी। परिवहन विभाग ने 1 अप्रेल 2019 के पहले के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की जिम्मेदारी वाहन डीलरों को दी है। इसके लिए गाइड लाइन भी जारी की है। प्रदेश में करीब 50 लाख वाहन ऐसे हैं, जिन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं है, साधारण प्लेट लगी है। इस कारण से दूसरे राज्यों में उन्हें जुर्माना भुगतना पड़ता है। ऐसे वाहन मालिकों को इससे लाभ होगा।
परिवहन विभाग ने अक्टूबर-2014 में हाई सिक्योरिटी प्लेट लगाने वाली कंपनी लिंक उत्सव का ठेका निरस्त कर दिया था। उसके बाद प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगना बंद हो गई। प्रदेश में अक्टूबर 2014 से एक अप्रेल 2019 के बीच रजिस्टर्ड हुए 50 लाख वाहनों पर नंबर प्लेट नहीं है। बाजार से साधारण प्लेट लगवाई है। दिल्ली एनसीआर में सबसे ज्यादा सख्ती है, प्रदेश के वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं होने से जुर्माना लग रहा था। परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा ने आदेश दिया है कि क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी व जिला परिवहन अधिकारी अपने जिले के डीलरों के साथ बैठक कर व्यवस्था को अमल में लाएं।
वाहन डीलरों को ऑनलाइन पोर्टल तैयार करना होगा। जिस पर वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के इच्छुक लोग आवेदन कर सकेंगे। उन्हें प्लेट के लिए स्लॉट समय दिया जाएगा। जिस कंपनी की गाड़ी है, उस कंपनी का डीलर ही प्लेट लगाएगा। वाहन-4 पोर्टल से गाड़ी की चेसिस व इंजन नंबर के मिलान के बाद प्लेट तैयार होगी। डीलर को प्लेट के रेट अपनी एजेंसी पर चस्पा करने होंगे। ऑनलाइन आवेदन के पश्चात वाहन मालिक को एसएमएस के माध्यम से सूचना देनी होगी। डेटा सुरक्षित करने की जिम्मेदारी भी डीलर की होगी। जो डीलर जिस प्लेट का उपयोग करेगा, वह परिवहन विभाग से एप्रूव करानी होगी। अगले छह महीने में सभी सरकारी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना अनिवार्य होगा।
महाकौशल के जिलों में 42 खदानो की नीलामी
16 Jul, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार 51 ब्लॉकों की नीलामी के लिए निविदा आमंत्रण जारी की है। पहली बार इतने बड़े पैमाने पर 51 खनिज ब्लॉक की नीलामी मध्यप्रदेश में एक साथ की जा रही है।
महाकौशल क्षेत्र में 42 खदानों के लिए निविदा आमंत्रित की गई हैं। इनमें 35 आयरन ओर की खदानें हैं। जबलपुर, कटनी, बालाघाट, डिंडोरी और छिंदवाड़ा में करीब 1950 हेक्टेयर में आयरन ओर, बॉक्साइट, मैग्नीज, लेटराइट की खदानों को नीलाम किया जा रहा है। 10 अगस्त को इनकी बिड खोली जाएगी।
जिन 51 ब्लॉक की नीलामी की जा रही है। उसमें 14 खनिज ग्रेफाइट, वेनेडियम, प्लैटिनम, ग्रुप ऑफ एलिमेंट्स,मैग्नीज, बॉक्साइट, चूना पत्थर एवं सोने के मुख्य खनिज शामिल हैं। इन सभी के साथ अब खनिज ब्लॉकों की संख्या बढ़कर 176 हो जाएगी।
मध्य प्रदेश में पांच वेदर सिस्टम सक्रिय, इन 20 जिलों में भारी बारिश की संभावना
15 Jul, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मानसून द्रोणिका के मध्य प्रदेश से होकर गुजरने एवं बंगाल की खाड़ी में चक्रवात के बनने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रविवार को 20 जिलों सीधी, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, पन्ना, छिंदवाड़ा, बैतूल, बुरहानुपर, रतलाम, देवास, उज्जैन, रायसेन, इंदौर, नरसिंहपुर, सिवनी, सागर में भारी वर्षा हो सकती है।
अच्छी बारिश के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बनने और मानसून द्रोणिका के मप्र से होकर गुजरने से मानसून की गतिविधियों में तेजी आने लगी है। इससे रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, भोपाल, नर्मदापुरम, इंदौर व उज्जैन संभाग के जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। 18 जुलाई को बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात के बनने की संभावना है। इस वजह से वर्षा का सिलसिला लगातार बना रह सकता है।
वर्तमान में यह है मौसम सिस्टम
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक वर्तमान में मानसून द्रोणिका राजस्थान, उत्तर प्रदेश से मध्य प्रदेश के सीधी से होकर छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। दक्षिणी गुजरात पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। पाकिस्तान के ऊत्तरी भाग में एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है।
अच्छी वर्षा से नदियां उफान पर
विभिन्न अंचलों में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। ग्वालियर-चंबल अंचल के भिंड की निचली बस्तियों के घरों में पानी भर गया। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ में शहर सहित ग्रामीण अंचलों में भारी वर्षा हुई। बान सुजारा बांध के चार गेट खोलकर पानी धसान नदी में छोड़ा गया, यहां पर निचले क्षेत्रों में स्थित गांवों में अलर्ट भी जारी किया गया। विदिशा जिले के ग्यारसपुर क्षेत्र में जोरदार वर्षा से निर्माणाधीन तालाब का पानी खेतों में घुसने से छह किसानों की फसल बह गई। रायसेन के बेगमगंज क्षेत्र में बीना और सेमरी नदी और बेरखेड़ी घाट के रपटा कम डैम के पुल पर पानी होने से कई गांवों का संपर्क टूटा रहा। अच्छी वर्षा से शिप्रा, चंबल आदि नदियां उफान पर आ चुकी हैं।
कहां कितनी बारिश दर्ज
शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक जबलपुर में 73.8, पचमढ़ी में 27, मलाजखंड में 14, सागर में 13, मंडला में आठ, खजुराहो में 7.8, नौगांव, धार में पांच, शिवपुरी, उमरिया, दमोह, सतना एवं सीधी में चार, नर्मदापुरम में तीन, गुना में 0.6, ग्वालियर में 0.5, छिंदवाड़ा में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात सागर में 142, सिवनी में 81.4, नर्मदापुरम में 54 मिमी. वर्षा हुई।
MP में आनलाइन गेमिंग में बीस लाख रु. हारकर युवक बना हत्यारा, चाकू खरीदा, गड्ढे खुदवाए, शव के छह टुकड़े कर तीन बोरों में भरकर गाड़ दिए
15 Jul, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुना । आनलाइन गेमिंग में बीस लाख रुपये हारने के बाद युवक अपने ही फुफेरे भाई का हत्यारा बन गया। दृश्यम फिल्म से आइडिया लेते हुए आरोपित ममेरे भाई ने अपने फुफेरे भाई की चाकू से हत्या कर शव के छह टुकड़े किए। तीन बोरों में टुकड़ों को भरकर अलग-अलग स्थानों पर गड्ढों में गाड़ दिए। कैंट थानाक्षेत्र से तीन दिन पहले गायब युवक का शव तीन बोरों में गड़ा हुआ मिलने से सनसनी फैल गई। पुलिस ने शुक्रवार रात आरोपित ममेरे भाई की निशानदेही पर शव को बरामद कर लिया है। आरोपित कुछ दिनों पहले आनलाइन गेमिंग में 20 लाख रुपये हार चुका था। उसे 60 हजार रुपये मृतक को लौटाने थे। पुलिस पूछताछ में हत्या की वजह पैसों का लेनदेन और सार्वजनिक रूप से बेइज्जत करना बताई गई है। लेकिन हत्या का तरीका देखकर पुलिस भी हैरान है। आरोपित ने हत्या पूरी योजनाबद्ध तरीके से की है, जिसने एक महीने पहले चाकू खरीदा था, तो 10 दिन पहले मजदूर ले जाकर तीन गड्ढे खुदवाए थे। फिलहाल पुलिस ने शनिवार सुबह शव का पोस्टमार्टम कर स्वजन को सौंप दिया है। वहीं आरोपित को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार 12 जुलाई की दोपहर शहर की गंगा कालोनी निवासी विवेक शर्मा उम्र 45 साल अचानक लापता हो गया था। तमाम तलाशी के बाद जब विवेक नहीं मिला, तो स्वजन ने शाम छह बजे कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं अगले दिन गुरुवार को गायब व्यक्ति की मोटरसाइकिल सिंगवासा तालाब के समीप मिली। इसके साथ ही पुलिस पड़ताल में जुट गई। इसी दौरान पुलिस ने भांजी से चर्चा की। उसने पुलिस को बताया कि मामा उस दिन घर में अंदर नहीं आने दे रहे थे। इस पर पुलिस आरोपित मोहित शर्मा की बहन के एसएएफ कालोनी स्थित घर पहुंची। जहां से पूरी कहानी की गुत्थी सुलझती चली गई। पुलिस ने सबसे पहले आरोपित को शिवपुरी से गिरफ्तार किया। फिर कैंट थाने लाकर पूछताछ की गई। पहले तो आरोपित गुमराह करता रहा। लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया। शुक्रवार की रात नेशनल हाईवे-46 स्थित मिडवे-ट्रीट के समीप कच्ची पगडंडी पर खुदवाए तीन गड्ढों में से एक में गाड़े गए बोरों को निकलवाया। जैसे ही बोरों को खोलकर देखा, तो पुलिस भी हैरान रह गई। क्योंकि, शरीर को छह टुकड़ों में काटा गया था। इसमें सिर अलग, दोनों हाथ और पैर भी अलग कर दिए गए थे।
मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है आरोपित
कैंट थाना प्रभारी संजीत मावई ने बताया कि आरोपित पेशे से मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव है। उसने वारदात के पीछे की वजह मृतक विवेक शर्मा द्वारा पैसों की लगातार मांग और सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज और बेइज्जत करना बताई। आरोपित मोहित आनलाइन गेमिंग में करीब 20 लाख रुपये हार चुका था। इसके साथ ही उसे 60 हजार रुपये विवेक को देना थे, तो 90 हजार रुपये दूसरे व्यक्ति को दिलाए थे, वह वापस करा दिए थे। लेकिन विवेक बकाया रुपये के लिए निरंतर दबाव बनाकर प्रताड़ित कर रहा था। इसके चलते ही एक महीने पहले से हत्या की योजना बना रहा था।
आरोपित ने किया दृश्यम फिल्म का जिक्र
थाना प्रभारी मावई ने बताया कि विवेक शर्मा की जिस तरीके से हत्या की गई है, उसके तरीके को लेकर जब आरोपित से पूछताछ की गई, तो उसने बताया था कि दृश्यम फिल्म देखी थी, जिसने भी आइडिया का काम किया।
प्लानिंग बताती है आरोपित का शातिर अंदाज
- आरोपित ने एक महीने पहले चाकू खरीदा। इसके साथ ही पालीथिन खरीदकर बैग में रखता था।
- हत्या से 10 दिन पहले नेशनल हाइवे-46 स्थित मिडवे-ट्रीट से 200 मीटर आगे दाहिने तरफ कच्ची पगडंडी पर मजदूर ले जाकर तीन गड्ढे करवाए। इसके लिए बकायदा चूना डालकर मजदूर को दो वाई तीन साइज भी बताई।
- हत्या वाले दिन मां को जमालघोटा पिलाया, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद एसएएफ कालोनी स्थित बहन के घर पहुंचा, जहां बहन को मां की तबीयत खराब होने का हवाला देकर घर भेज दिया। इसके बाद विवेक शर्मा को पैसा देने बहन के घर बुलाया।
- सबसे पहले आरोपित ने विवेक को नशीला पदार्थ सुंघाया और संभवतया इलेक्ट्रिक कटर से शरीर के छह टुकड़े किए।
- इस दौरान भांजी घर पहुंची, तो उसे अंदर नहीं आने दिया। उससे कहा कि बास घायल हैं, उनका इलाज कर रहा हूं और 200 रुपये देकर नाश्ता-पानी करने भेज दिया।
- 450 रुपये देकर आटो किया, जिसमें तीन बोरों में भरे शव के छह टुकड़ों को लेकर गया और जहां गड्ढे कराए थे, उनमें एक गड्ढे में बोरों को गाड़ दिया।
वर्जन-
युवक की हत्या करने के बाद आरोपित ने शरीर के छह टुकड़े कर दिए थे। इसके बाद तीन बाेरों में भरकर हाइवे स्थित मिडवे-ट्रीट के समीप कच्चे रास्ते पर गड्ढे में गाड़ दिए थे। आरोपित को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा रहा है, ताकि पुलिस रिमांड लेकर आगे की पूछताछ की जा सके।
- राकेशकुमार सगर, पुलिस अधीक्षक गुना
वाटरफॉल के नीचे खड़ा युवक पैर फिसलने से अमरगढ़ झरने में गिरा
15 Jul, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। राजधानी भोपाल का रहने वाला युवक अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने शुक्रवार दोपहर को सीहोर जिले के अमरगढ़ झरने पर पहुंचा था। यहां वह वाटरफॉल के नीचे खड़ा था अचानक ही पैर फिसलने के कारण वो झरने में गिरकर बह गया। कई घंटों की सर्चिंग के बाद भी उसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी। मिली जानकारी के मुताबिक मिनाल रेसीडेंसी में रहने वाला 28 वर्षीय आकाश जायसवाल (28) पिता दिगम्बर जायसवाल अपने दोस्तों अंकित जायसवाल, हर्ष राय, आदित्य भदौरिया, सीमा सुमन, टॉम निक के साथ कार से पिकनिक मनाने अमरगढ़ झरने पर गया था। यहां सभी दोस्त वाटरफॉल के नीचे जाकर नहाते हुए मस्ती करने लगे। अचानक वॉटर फॉल के नीचे चट्टान पर खड़े होकर नहा रहे आकाश का पैर फिसल गया। और वह सीधे गहरे पानी में गिरकर बहने लगा। जब तक दोस्त उसे बचाने की कोशिश करते तब तक आकाश झरने की तेज धार में बहते हुए उनकी नजरों से ओझल हो चुका था। हादसे की सूचना मिलने पर सूचना पहुंची पुलिस, होमगार्ड और एसडीईआरएफ टीम ने आकाश की तलाश में कई घंटे तक झरने में दूर तक सर्चिंग की लेकिन उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। तेज बरसात और अंधेरे के कारण रेस्क्यू टीम ने सर्चिंग ऑपरेशन रोक दिया अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार अलसुबह दोबारा सर्चिंग ऑपरेशन शुरू किया गया।
सोनागिरी में गिराया गया जर्जर भवन, चार घंटे की मशक्कत
15 Jul, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । नगर निगम द्वारा बारिश के मौसम में जोखिम को देखते हुए एक जर्जर भवन को चार घंटे की कडी मशक्कत के बाद गिरा दिया गया। यह भवन भेल क्षेत्र में स्थित सोनागिरी में था। मकान मालिक व किराएदारों के बीच आपसी सहमति नहीं बनने की वजह से देर रात तक यह कार्रवाई चलती रही। दरअसल दुकानदार नहीं चाहते थे, कि इस भवन को गिराया जाए। लेकिन 35 वर्ष पुराना भवन अब जर्जर हो चुका था। दीवारों में दरारें आ गई थी, छज्जों के प्लास्टर भी उखड़ रहे थे। जिससे बड़े हादसे का खतरा था। ऐसे में नगर निगम ने मकान मालिक से इस भवन को खाली करने के लिए नोटिस जारी किया था। बता दें कि इस भवन के भूतल व पहली मंजिल में 10 दुकानों का संचालन किया जा रहा था। नगर निगम के अतिक्रमण अमले ने चार घंटे की मशक्कत के बाद भवन को जमींदोज कर दिया। जोन क्रमांक 15 के सहायक यंत्री एसके राजेश ने बताया कि सोनागिरी-ए सेक्टर में जर्जर इमारत को अति जर्जर मानते हुए इसे खाली करने के लिए 18 अप्रैल 2023 को नोटिस जारी किया गया था। इसके बाद कई बार रिमाइंडर भेजा गया, फिर भी भवन खाली नहीं हुआ। ऐसे में शुक्रवार दोपहर नगर निगम का अमला इसे गिराने के लिए पहुंचा था। लेकिन दुकानदारों ने इसका विरोध शुरु कर दिया। वो दुकानें नहीं खाली करना चाहते थे। ऐसे में नगर निगम के कर्मचारियों को कार्रवाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। हालांकि शाम तक भवन मालिक व दुकानदारों के बीच सहमति बन गई। भवन मालिक ने नई इमारत बनने पर इन्हें प्राथमिकता में दुकान किराए से देने का वादा किया, जिसके बाद दुकानें खाली की गई।
जेपी अस्पताल में आईसीयू बंद, मरीजों ने किया हंगामा
15 Jul, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी के जयप्रकाश (जेपी) अस्पताल में आईसीयू बंद होने से मरीजों ने जमकर हंगामा कर दिया। मरीजों को भर्ती करने से मना कर उन्हें हमीदिया अस्पताल रैफर किया जा रहा है। नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से अब जेपी अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगी हैं। मालूम हो कि जेपी अस्पताल में दो आईसीयू हैं। इनमें से 12 बिस्तरों का मुख्य आईसीयू और दूसरा कोविड ब्लाक में तैयार किया गया आईसीयू है। शुक्रवार को कोविड आईसीयू में ताला डाल दिया गया। वहीं मेन आईसीयू भी खाली है, यहां कोई मरीज भर्ती नहीं किया जा रहा है। मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अभी कोई मरीज ऐसा नहीं है जिसे आईसीयू में रखने की जरूरत पड़े।अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि व्यवस्थाएं पूरी हैं, जैसे ही मरीज आएगा उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया जाएगा। इधर, हड़ताली नर्सों का कहना है कि सोमवार से नर्सों की हड़ताल शुरू हुई है, तब इस वार्ड में आठ मरीज भर्ती थे।हड़ताल के बाद अस्पताल प्रबंधन ने पहले से भर्ती मरीजों के डिस्चार्ज होने का इंतजार किया। कुछ मरीजों को तय समय से पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया। शुक्रवार को नर्सों ने पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन किया। नर्सों का कहना है कि उन्होंने कोविड में अपनी जान जोखिम में डाल कर काम किया। इसके बावजूद सरकार हमारे काम को भूल गई। जब तक हमें हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक उत्तर नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।सभी नर्सिंग अधिकारी शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करेंगी। इस बारे में जेपी अस्पताल अधीक्षक डा. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि जेपी में दो आईसीयू हैं, इसमें से कोविड आईसीयू बंद हैं उसमें रमीज नहीं है। मुख्य आईसीयू चालू है, संविदा कर्मचारियों ने स्वास्थ्य सेवाएं संभाल रखी है। मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जा रही है।
बिजली कंपनियां फिर से रखेगी आउटसोर्स कर्मचारियों को
15 Jul, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । बीते दिनों हडताल करने के कारण हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों को विद्युत वितरण कंपनियां फिर से सेवा में बहाल करेगी। इन कर्मचारियों को बीते जनवरी के महीने में हडताल पर जाने के कारण हटा दिया गया था। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट कर खेद व्यक्त किया और दोबारा ऐसा नहीं करने का विश्वास भी दिलाया। आउटसोर्स कर्मचारियों ने संविलियन करने, अनावश्यक सेवा से हटाकर प्रताड़ित करने, वेतनवृद्धि न होने और दुर्घटना बीमा को लेकर हड़ताल की थी। विद्युत वितरण कंपनियों ने चेतावनी देने के बाद भी जो एक हजार 28 कर्मचारी काम पर नहीं लौटे थे, उनकी सेवाएं समाप्त कर दी थी।कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से भेंट की और फिर से सेवा में रखे जाने का अनुरोध किया। इस पर उन्होंने सभी को बहाल करने के निर्देश दिए। एक अन्य मामले में जबलपुर हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए उपयंत्री की भर्ती को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया। इसके साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है। उधर आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जल्द इन्हें कार्य पर रखने की कार्यवाही की जाएगी। बताया जा रहा है कि सभी कर्मचारी शनिवार से काम पर लौटेंगे।
दतिया में दो बहनों का अपहरण, बड़ी बहन से सामूहिक दुष्कर्म, घर आकर लगाई फांसी
15 Jul, 2023 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दतिया । दतिया में स्कूल से घर लौट रही दो बहनों का बदमाशों ने अपहरण कर लिया। बदमाशों ने बड़ी बहन से सामूहिक दुष्कर्म किया और छोटी से छेड़छाड़ की। बाद में घर जाकर बड़ी बहन ने फांसी लगा ली। समय पर स्वजन ने देख लिया और उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले गए, जहां उसकी हालत गंभीर है। घटना उनाव थाना क्षेत्र की है। घटना के बाद लोगों ने थाना घेरकर प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि शुक्रवार दोपहर 19 वर्षीय और 17 वर्षीय दोनों बहनें स्कूल से घर लौट रही थी। इस दौरान आरोपित उन्हें धमकाकर एक घर में ले गए और बड़ी बहन से सामूहिक दुष्कर्म किया। स्वजन ने जब थाने जाकर शिकायत की तो पुलिस ने मामले में रुचि नहीं ली। इसके बाद रात को भीड़ ने थाने का घेराव कर दिया।
चार आरोपितों में एक भाजपा नेता का बेटा
थाने के घेराव के बाद पुलिस ने मामले में आरोपित आदित्य यादव, विक्की साहू, अमन यादव और धुव्र राय को गिरफ्तार किया है। आरोपितों में धुव्र भाजपा उनाव मंडल अध्यक्ष भज्जू राय का बेटा है।
ड्रोन से माला माल होंगे किसान
15 Jul, 2023 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। बदलाव के दौर में कृषि में भी काफी कुछ बदल रहा है। सोयाबीन से लेकर मूंग, सरसों, अरहर, गेहूं, सब्जी और कई प्रकार की फसलों को कीट, बीमारी से बचाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक, दवाओं का छिडक़ाव किया जाता है। एक मजदूर को पूरे दिन की मजदूरी और महंगे कीटनाशक के साथ ढाई एकड़ खेत में कीटनाशक का छिडक़ाव करने 35 से 40 बार पंप भरता है। दवा का मिश्रण बार-बार बनाता है। अब यही काम ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। ड्रोन से ढाई एकड़ खेत में दवा का छिडक़ाव करने में मात्र 20 मिनट लगेंगे। दवा भी एक्सपर्ट के माध्यम से तैयार की जाएगी, जिससे उसका अनुपात भी नहीं बिगड़ेगा।
ड्रोन से दवा डालने के लिए मुख्यालय स्तर पर कंपनियां डेमो दे चुकी हैं। अभी तीन कंपनियों से अनुबंध किया है। ये अपने ड्रोन और एक्सपर्ट के माध्यम से दवा का छिडक़ाव कराएंगे। इसके रेट तय होना बाकी हैं, जानकारों का कहना है कि रेट मजदूरी और कीटनाशक में खर्च होने वाले रुपयों के आधार पर ही तय होंगे। लेकिन कम रेट ही रहेंगे। ड्रोन की मदद से नैनो यूरिया और डीएपी भी डाला जा सकता है। अभी जरूरत पर मजदूर नहीं मिलते हैं, इससे कभी-कभी समय पर खेत में दवा नहीं डल पाती, फसल खराब हो जाती है। लेकिन इससे समय पर दवा और फसल भी अच्छी होगी।
1.47 लाख हेक्टेयर कृषि, 10532 हेक्टेयर सब्जी का रकबा
राजधानी में 1. 47 लाख हेक्टेयर कृषि का रकबा है। इसी में से 10532 हेक्टेयर रकबे में किसान कई प्रकार की सब्जी कर रहे हैं। भोपाल में गेहूं के अलावा, सरसों, मूंग, सोयबीन, चना सहित कई प्रकार की सफल होती हैं। इसमें हर सीजन में करीब पांच से छह लाख लीटर लीटर कीटनाशक का उपयोग होता है। ज्यादा कीटनाशक के उपयोग से जमीन भी खराब हो जाती है। लेकिन ड्रोन से कीटनाशक का छिडक़ाव होगा तो वह फसल पर ही जाएगा। जमीन पर कम जाने की संभावना होगी। इससे जमीन की उर्वरक क्षमता भी बची रहेगी।
2024 में हर दोपहिया वाहन चालक के सिर पर होगा हेलमेट
15 Jul, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष परिवहन विभाग ने मोटर वीकल एक्ट के नियमों के पालन को लेकर अंडरटेकिंग दी है। जिसमें 15 जनवरी 2024 तक हर दोपहिया वाहन चालक के सिर पर हेलमेट होगा, हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट होगी और कार चालक सीट बेल्ट पहनेंगे। इस पर हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के लिए अगली डेट 16 जनवरी 2024 तय कर दी।
बता दें, वर्ष 2021 में ग्वालियर की विधि छात्रा ऐश्वर्या शान्डिल्य की ओर से ग्वालियर बेंच में जनहित याचिका दायर की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने यह याचिका ग्वालियर पीठ से मुख्यपीठ जबलपुर स्थानांतरित कराई। याचिकाकर्ता की ओर से बताया कि मोटर वीकल एक्ट और रूल्स में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है। दलील दी गई कि प्रदेश में केवल कागजों में कार्रवाई हो रही है, जबकि हकीकत में नियमों का पालन नहीं हो रहा। इस पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्ययोजना बनाकर अंडरटेकिंग देने के आदेश दिए थे।
प्रदेश सरकार ने मोटर वीकल अधिनियम के प्रावधानों का जनता से पालन सुनिश्चित कराने कार्ययोजना प्रस्तुत की। इस संबंध में अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत रूपराह ने अंडरटेकिंग दी कि आगामी 6 माह के भीतर प्रदेश के प्रत्येक वाहन में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लग जाएंगी।15 जनवरी 2024 के बाद यदि नियमों का उल्लंघन होता है तो परिवहन आयुक्त और एडीशनल इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अवमानना की कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होंगे। युगलपीठ ने एडीशनल एजी की अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले पर अगली सुनवाई 16 जनवरी 2024 को निर्धारित की है।
फिर होगी पटवारी परीक्षा!
15 Jul, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। एमपी में पटवारी परीक्षा में धांधली के आरोपों पर उम्मीदवारों के विरोध के बाद पटवारियों की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। प्रदेशभर में हजारों स्टूडेंट्स के विरोध के बाद राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। सीएम शिवराजसिंह चौहान ने विधायक के विवादास्पद सेंटर के रिजल्ट की फिर जांच की बात भी कही है। इधर पटवारी परीक्षा निरस्त कर फिर नए सिरे से पटवारी परीक्षा कराए जाने की भी बात सामने आई है।
राजधानी भोपाल और इंदौर सहित प्रदेश के कई शहरों में पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के खिलाफ हजारों स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन किए। इसके बाद सीएम शिवराजसिंह चौहान ने परीक्षा के आधार पर पटवारियों की नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी।
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल एमपीईएसबी ने ग्रुप-2 (सब ग्रुप-4) और पटवारी भर्ती परीक्षा कराई थी। इसमें करीब 10 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। मार्च अप्रैल में हुई पटवारी भर्ती में धांधली के आरोप हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के भिंड विधायक संजीव सिंह कुशवाहा के कॉलेज में बने परीक्षा सेंटर से टॉप टेन में 7 परीक्षार्थी ‘टॉपर्स बन गए। इतना ही नहीं, इसी सेंटर से 114 उम्मीदवारों का चयन हो गया। यही कारण है कि उम्मीदवार नाराज हो उठे जिससे सीएम को नियुक्तियां रोककर जांच का आश्वासन देना पड़ा। सीएम के इस निर्णय के बाद कांग्रेस ने कहा कि नियुक्तियां रोककर सरकार ने ये मान लिया कि पटवारी परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई। कांग्रेस ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि यह व्यापमं जैसा बड़ा घोटाला है और कांग्रेस प्रदेश भर के उम्मीरवारों का पूर्ण समर्थन करती है।
इधर प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि वर्तमान परीक्षा प्रणाली से प्रदेश के छात्र-छात्राओं का विश्वास उठ गया है। एमपी के लाखों युवाओं ने दिन-रात मेहनत कर परीक्षा दी थी। प्रदर्शनकारियों ने धांधली के बाद परीक्षा को निरस्त करने की भी मांग की। उम्मीदवारों का कहना है कि सरकार नए सिरे से ऑफलाइन परीक्षा लेकर पटवारियों की भर्ती करे। कांग्रेस ने भी उम्मीदवारो की इस मांग का समर्थन किया है।
वोटिंग से पहले भी जनता के हाथों में नेताओं का भविष्य
15 Jul, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में पार्टियां अब कॉरपोरेट कंपनियों की तर्ज पर काम कर रही हैं। कंपनियां किसी भी बड़े प्रोडक्ट को लांच करने से पहले मार्केट में सर्वे करवाती हैं और जरूरत के हिसाब से अपने उत्पाद बाजार में उतारती हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस कुछ इसी तरह से काम कर रही है। इस बार नेताओं की सिफारिश नहीं बल्कि जनता से मिले फीडबैक के आधार पर नेताओं को टिकट दिए जाएंगे। दोनों पार्टियां विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों के चयन के लिए सर्वे करवा रही हैं। इससे साफ है कि मध्य प्रदेश में वोटिंग से पहले भी नेताओं का भविष्य जनता के हाथ में है।
मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही मिशन-2023 की जीत की तैयारी तेज कर दी है। इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव में दोनों ही प्रमुख दलों के बीच मुकाबला कड़ा होना माना जा रहा है। भाजपा सत्ता बरकरार रखने और कांग्रेस में वापसी के लिए जोर लगा रही है। इस बार दोनों दलों के वरिष्ठ नेताओं ने सिफारिश पर नहीं बल्कि सर्वे के आधार पर टिकट देना तय किया है। इसके लिए दोनों दल अलग-अलग एजेंसियों से विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे करवा रहे हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधायकों से साफ कहा है कि जो जीतने वाला होगा उसी को टिकट मिलेगा। इसलिए फील्ड में जुट जाओ। मुख्यमंत्री के अलावा आरएसएस भी संगठन को सर्वे रिपोर्ट दे चुका है। केंद्र भी अपने स्तर पर सर्वे करा रहा है।
कांग्रेस पहले भी कर चुकी इस पर काम
वहीं, पीसीसी चीफ कमलनाथ भी कई मौकों पर कार्यकर्ताओं से कह चुके हैं कि सर्वे के आधार पर ही चुनाव में टिकट दिए जाएंगे। हमारी प्राथमिकता स्थानीय उम्मीदवार एवं जीतने वाले पर रहेगी। ऐसा कहा जाता है कि कांग्रेस ने 2018 में इंटरनल कुछ सर्वे करवाए थे, जिसके आधार पर टिकट बांटे थे। इसके बाद नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस ने महापौर के लिए भी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट दिए थे। जिसका फायदा यह हुआ कि कांग्रेस के पांच महापौर ने चुनाव में जीत दर्ज की।
2018 का चुनाव भी नजदीकी रहा था
बता दें 2018 के विधानसभा चुनाव में 230 सीट में कांग्रेस को 114 और भाजपा को 109 सीट पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने 4 निर्दलीय, 1 बसपा और 2 सपा विधायक के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। इसके बाद 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। अब दोनों ही पार्टियां चुनावी जीत के लिए जोर लगा रही हैं।
मध्य प्रदेश की लड़ाई जीतने के लिए भाजपा का प्लान
15 Jul, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश चुनाव में अब कुछ ही महीने का वक्त बचा है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को अचानक भोपाल पहुंचे और पार्टी की तैयारियों को लेकर अहम बैठक की। अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला लिया गया। इस अभियान का स्वरूप क्या होगा? इसे लेकर अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा विजय संकल्प अभियान के तहत विजय संकल्प रैलियों, विजय संकल्प रथयात्रा की शुरुआत कर सकती है। भाजपा ने उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भी विजय संकल्प रथयात्रा की शुरुआत की थी। देवभूमि में भाजपा का ये प्रयोग सफल रहा था और पार्टी ने परंपरा तोड़ते हुए लगातार दूसरी बार सरकार बना ली।
अमित शाह का अचानक भोपाल पहुंच जाना, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, चुनाव प्रभारी और पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक करना और बैठक में विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला लिया जाना।।।राजनीति के जानकार इसे मध्य प्रदेश चुनाव को लेकर भाजपा नेतृत्व के ड्राइविंग सीट पर आने की तरह देख रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के लिए मध्य प्रदेश में जीत बहुत जरूरी है, खासकर कर्नाटक की हार के बाद। राजस्थान में हर चुनाव में सरकार बदलने का ट्रेंड रहा है, ऐसे में पार्टी नेतृत्व वहां सरकार बनने को लेकर आश्वस्त है। अब बाकी बचे जिन चार राज्यों में चुनाव होने हैं, उनमें मध्य प्रदेश की लड़ाई महत्वपूर्ण है। कर्नाटक की हार के बाद भाजपा नहीं चाहती कि किसी बड़े राज्य में उसकी हार हो और लोकसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़े।
भाजपा ने 2008, 2013 और 2018 का चुनाव मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लड़ा। इसबार शीर्ष नेतृत्व फ्रंटफुट पर क्यों नजर आ रहा है जो सहायक की भूमिका में नजर आता रहा है? इसपर अमिताभ तिवारी ने कहा कि हर पार्टी चुनाव के लिए अपने आकलन के आधार पर रणनीति बनाती है। भाजपा को लगा हो कि स्थानीय नेतृत्व के साथ केंद्रीय नेतृत्व भी जोर लगा दे तो जीत या बड़ी जीत दर्ज की जा सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस समय भाजपा के सबसे बड़े चेहरों हैं। ऐसे में अगर अमित शाह अचानक मध्य प्रदेश जाते हैं, मीटिंग करते हैं तो इसके पीछे संदेश ये है कि भाजपा राज्य के चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रही है और किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरतना चाहती। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार शिवराज सिंह चौहान ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिसे आसानी से हटाया जा सके। भाजपा को ये चुनाव उनके साथ ही लडऩा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा सामने रखकर भाजपा ने पहले भी राज्यों में चुनाव लड़े हैं। भाजपा किसी एक चेहरे की जगह सामूहिक नेतृत्व के विकल्प को चुनकर चुनावी रण में उतरती नजर आ रही है।
अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर विजय संकल्प अभियान शुरू करने का फैसला हुआ। सीएम शिवराज जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलने की तैयारी में थे। शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा कब शुरू होगी, इसे लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। अब विजय संकल्प अभियान शुरू करने के ऐलान के बाद शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर सस्पेंस की स्थिति बन गई है। सीएम शिवराज की ओर से पहले ही ये ऐलान किया जा चुका था कि वे जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलेंगे। सीएम शिवराज विधानसभा चुनाव से पहले जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलते भी रहे हैं। 2018 के चुनाव में शिवराज की जन आशीर्वाद यात्रा 14 जुलाई को शुरू हो गई थी। उज्जैन के महाकाल मंदिर से भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह ने महाकाल की पूजा-अर्चना के बाद जन आशीर्वाद यात्रा को रवाना किया था। लेकिन चुनाव में सीटों के लिहाज से भाजपा कांग्रेस से पीछे रह गई और 15 साल लगातार सरकार चलाने के बाद पार्टी को 15 महीने विपक्ष में बैठना पड़ा था। जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत जुलाई के पहले पखवाड़े में ही होनी थी। लेकिन इसके रोडमैप को लेकर भी अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। भाजपा में 2018 की हार के बाद पार्टी में अकेले शिवराज की जगह हर जोन में बड़े नेताओं के यात्रा निकालने के फॉर्मूले पर भी बात हो रही थी। कहा जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी अलग-अलग जोन में जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलें और बड़ी रैलियों में सीएम शिवराज भी शामिल हों। अब बदली रणनीति के तहत भाजपा उत्तराखंड की तर्ज पर विजय संकल्प रथयात्रा शुरू कर सकती है।
मध्य प्रदेश के पिछले चुनाव में भाजपा को 41.6 फीसदी वोट शेयर के साथ 109 सीटों पर जीत मिली थी और कांग्रेस को 41.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 114 सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के कारण ये सरकार 15 महीने में ही गिर गई थी। कमलनाथ सरकार की विदाई के बाद भाजपा ने सरकार बनाई थी।