देश
सुप्रीम कोर्ट में तमिल में बहस की मिले इजाजत: सीएम स्टालिन की बड़ी मांग
16 Jun, 2025 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाषा विवाद के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि तमिल भाषा को भी सुप्रीम कोर्ट में अदालती भाषा के रूप में इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए. स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाई कोर्ट में तमिल भाषा में बहस की अनुमति दी जानी चाहिए और यह मांग लंबे समय से की जा रही है. उन्होंने जजों से इस मुद्दे पर समर्थन का अनुरोध किया. हालांकि, उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि फैसले तमिल भाषा में भी दिए जा रहे हैं.
दरअसल, स्टालिन लंबे समय से तमिल भाषा का मुद्दा उठा रहे हैं. उन्होंने हमेशा से तमिल भाषा को केंद्र सरकार के प्रशासनिक और आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की वकालत की है. वह तमिलनाडु में हिंदी थोपने का लगाचार विरोध करते आए हैं. स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडु किसी भी भाषा के खिलाफ नहीं है, लेकिन वे किसी भी भाषा को तमिल पर हावी होने की अनुमति नहीं देंगे.
तीन-भाषा नीति का विरोध करते हैं स्टालिन
दरअसल, स्टालिन और उनकी पार्टी डीएमके तमिलनाडु में दो-भाषा नीति (तमिल और अंग्रेजी) का समर्थन करते हैं. वे केंद्र सरकार की तीन-भाषा नीति का विरोध करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह तमिल भाषा और संस्कृति को कमजोर कर सकती है. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह हिंदी को गैर-हिंदी भाषी राज्यों पर थोपने की कोशिश कर रही है.
हिंदी केवल एक ‘मुखौटा’ है- स्टालिन
उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदी केवल एक ‘मुखौटा’ है और इसके पीछे संस्कृत को बढ़ावा देने की मंशा है. डीएमके ने 1937-39 और 1965 में हिंदी विरोधी आंदोलनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसने तमिलनाडु की भाषाई पहचान को मजबूत किया. स्टालिन इन आंदोलनों की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई (अण्णा) ने 1968 में दो-भाषा नीति को कानून बनाया था.
अहमदाबाद हादसे के बाद लंदन और फ्रैंकफर्ट से भारत आ रहे विमान के सामने आई बड़ी मुसीबत
16 Jun, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारत आने वाली दो बड़ी विमानों को रविवार और सोमवार को बीच रास्ते से वापस लौटना पड़ा। लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से चेन्नई के लिए निकली ब्रिटिश एयरवेज की बोइंग ड्रीमलाइनर को तकनीकी खराबी की वजह से वापस लौटना पड़ा। वहीं दूसरी दूसरी फ्लाइट लुफ्थांसा की थी। ये भी बोइंग की ड्रीमलाइनर विमान है। ये फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही थी, लेकिन बम की धमकी के चलते उसे भी वापस फ्रैंकफर्ट जाना पड़ा।
डोवर की खाड़ी के ऊपर काटे कई चक्कर, फिर वापस लौटना पड़ा
ब्रिटिश एयरवेज की फ्लाइट BA35 रविवार को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे से दोपहर 1:16 बजे चेन्नई के लिए उड़ी। लेकिन टेक ऑफ के कुछ देर बाद पायलट को तकनीकी खराबी का पता चला। फ्लाइट रडार24 के मुताबिक, इस जहाज ड्रीमलाइनर ने डोवर की खाड़ी के ऊपर कई चक्कर काटे और फिर वापस हीथ्रो लौट आई।
ब्रिटिश एयरवेज ने अपने बयान में कहा, "हमारी फ्लाइट को एक छोटी तकनीकी खराबी की वजह से एहतियातन हीथ्रो हवाई अड्डे पर वापस लाना पड़ा। विमान सुरक्षित लैंड हुआ। यात्री और चालक दल सुरक्षित हैं। हमारी टीमें यात्रियों के सफर को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने की कोशिश में जुटी हैं।"
बम की धमकी की वजह से विमान को जर्मनी लौटना पड़ा
दूसरी तरफ, फ्रैंकफर्ट से हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा की फ्लाइट LH752 को भी रविवार देर रात बीच रास्ते से लौटना पड़ा। इस उड़ान को बम की धमकी मिली थी, जिसके चलते उसे हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की इजाजत नहीं मिली। फ्लाइट अवेयर के मुताबिक, ये विमान बोइंग 787-9 ड्रीमलाइनर था।
लुफ्थांसा ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "हमें हैदराबाद में लैंड करने की इजाजत नहीं मिली, इसलिए विमान को वापस फ्रैंकफर्ट लौटना पड़ा।"
हैदराबाद हवाई अड्डे के एक सीनियर अफसर ने भी पुष्टि की कि बम की धमकी का मैसेज तब मिला, जब विमान अभी इंडियन एयर स्पेस में दाखिल नहीं हुआ था। इस वजह से विमान ने भारत में लैंड नहीं किया और फ्रैंकफर्ट लौट गया।
इजरायली अटैक में ईरान में पढ़ रहे 2 कश्मीरी छात्र घायल
16 Jun, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव ने एक बार फिर वैश्विक सुर्खियां बटोरी हैं। इस संघर्ष की जद में अब आम लोग भी आ गए हैं। इसका असर विदेशी छात्रों की सुरक्षा पर भी पड़ रहा है।
बीती रात तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बने बॉयज हॉस्टल के पास एक हमला हुआ। इस हमले में दो भारतीय छात्र घायल हो गए। ये दोनों छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं।
हालांकि, दोनों छात्रों की हालत अब स्थिर है और विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें रामसर ट्रांसफर कर दिया है। इस घटना ने ईरान में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। स्थानीय प्रशासन और भारतीय दूतावास इस मामले की जांच में जुटे हैं, ताकि घटना के कारणों और जिम्मेदारों का पता लगाया जा सके।
भारत सरकार नागरिकों को निकालने के लिए कर रही तैयारी
ईरान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ऑपरेशन शुरू करने जा रही है। ईरान सरकार ने भारतीयों सहित विदेशी नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजने की बात कही है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर के जरिए बाहर निकाला जाएगा।
अहमदाबाद प्लेन क्रैश के रहस्य से अब हटेगा पर्दा
16 Jun, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में 12 जून को हुए दिल दहला देने वाले एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में अहम कामयाबी मिली है। जांचकर्ताओं ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) को बरामद कर लिया है। इससे पहले फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) भी मिल चुका था।
इस हादसे में 270 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हादसे की जांच कर रही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने पहले सिर्फ फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर के मिलने की तस्दीक की थी। लेकिन अब कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर भी बरामद हो गया है।
वहीं, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा ने रविवार को घटना स्थल का दौरा किया और घायलों से मुलाकात की। उन्होंने जांच और राहत कार्यों का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों को हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया।
अलग-अलग विभागों के आला अफसरों की मीटिंग
अधिकारियों ने पी के मिश्रा को बताया कि दोनों ब्लैक बॉक्स सुरक्षित हैं। इनके मिलने से हादसे की वजह का पता लगाना आसान हो जाएगा। एएआईबी ने जांच शुरू कर दी है, जबकि अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड भी अलग से जांच कर रहा है, क्योंकि विमान अमेरिका में बना था।
पी के मिश्रा ने सर्किट हाउस में एक हाई-लेवल मीटिंग भी की है। इस मीटिंग में केंद्र और राज्य सरकार के आला अफसरों, एएआईबी और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी शामिल रहे। मीटिंग में राहत, बचाव और जांच के कामों पर विस्तार से बात हुई।
पी के मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, "इस हादसे की भयानकता से मैं बहुत दुखी हूं। हर कोई उदास है। पीड़ितों के प्रति संवेदना जाहिर करना और उनका दर्द बांटना हमारा फर्ज है।"
मुंबई एयरपोर्ट पर सोना तस्करी करते पकड़ा गया एयर इंडिया कर्मचारी
16 Jun, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई के एअरपोर्ट पर DRI ( राजस्व खुफिया निदेशालय) ने एक बड़ी कर्रवाई करते हुए एअर इंडिया के एक पुरुष क्रू मेंबर को सोने की तस्करी के आरोप में पकड़ा है। यह क्रू मेंबर न्यूयॉर्क से आने वाली फ्लाइट AI-116 से 13जून को मुंबई पहुंचा था।
कहां छिपाया था सोना?
हालांकि, शुरुआती जांच में कुछ नहीं मिला है। लेकिन पूछताछ के दरान उसने खुलासा किया कि उसने एक पाउच में विदेशी सोने की सिल्लियां काली टेप में लपेटकर एअरपोर्ट के बैगेज सर्विस एरिया में छिपा दी थी। क्रू मेंबर ने यह काम तब किया था जब उसका ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट हो रहा था।
इसके बाद DRI अधिकारियों ने उस स्थान की जांच की जहां के बारे में क्रू मेंबर ने जानकारी दी थी, जहां से पाउच बरामद किया गया जिसमें 1,373 ग्राम विदेशी सोना था। इसकी कीमत लगभग 1.42 करोड़ रूपये बताई गई है। आरोपी ने यह भी माना कि उसने पहले भी कई बार सोने की तस्करी की है।
तस्करी रैकेट का मास्टरमाइंड हुआ गिरफ्तार
DRI अधिकारियों ने जांच के बाद सोने की तस्करी रैकेट के मास्टरमाइंड को भी गिरफ्तार किया है, जिसने एअरलाइन स्टाफ को तस्करी के लिए भर्ती किया था। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसने कई बार एअरलाइन स्टाफ की मदद से सोने की तस्करी करवाई है।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए आरोपी
गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कस्टम्स एक्ट के तहत हिरासत में ले लिया गया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले को लेकर DRI की जांच अभी भी जारी ह और नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब एअर इंडिया के क्रू मेंबर तस्करी में पकड़े गए हों। दिसंबर 2024 में चेन्नई एअरपोर्ट पर एक केबिन क्रू सदस्य को गिरफ्तार किया गया था, जो एक यात्री की मदद से 1.7 किलो 24 कैरेट सोने की तस्करी कर रहा था। बताया गया था कि उस क्रू मेंबर ने उड़ान के दौरान यात्री से सोना लिया और उसे छिपाया।
मई 2024 में भी एक और मामला सामने आया था, जब केरल के कन्नूर एअरपोर्ट पर एअर इंडिया की एअर होस्टेस सुरभी खातून को 960 ग्राम सोने की तस्करी के आरोप में पकड़ा गया। उसने सोने को अपने शरीर के अंदर (रेक्टम में) छिपा रखा था।
देश में 41% लोगों ने अपनाई योगमय जीवनशैली: आयुष मंत्रालय सर्वे
16 Jun, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संयुक्त राष्ट्र के 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के एक दशक बाद 41 प्रतिशत से अधिक लोगों ने अपनी जीवनशैली में योग को किसी न किसी रूप में शामिल कर लिया है।
आयुष मंत्रालय के कराए ताजा सर्वेक्षण के अनुसार 24.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने योग के कारण अपनी फिटनेस में सुधार का अनुभव किया, जबकि 16.9 प्रतिशत ने तनाव स्तर में कमी की सूचना दी।
लोगों ने क्या दावा किया?
लगभग एक चौथाई उत्तरदाताओं ने स्वास्थ्य संबंधी ज्ञान प्राप्त करने का दावा किया। आयुष मंत्रालय के इस सर्वेक्षण में 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 30,084 परिवारों को शामिल किया गया, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों का समावेश था।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के एक दशक का प्रभाव 'सर्वेक्षण निष्कर्ष' शीर्षक वाले इस सर्वेक्षण में यह भी सामने आया कि 11.2 प्रतिशत लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं। 13.4 प्रतिशत लोग कभी-कभी योग करते हैं, जबकि 75.5 प्रतिशत लोग योग का अभ्यास नहीं करते हैं।
सीसीआरवाइएन के निदेशक डॉ. राघवेंद्र राव ने स्पष्ट किया कि 11.2 प्रतिशत लोग नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं। यह वह लोग हैं जो योग कक्षाओं में जाते हैं और नियमित रूप से सत्रों में भाग लेते हैं। उन्होंने कहा, ''जब हम कहते हैं कि 41 प्रतिशत से अधिक लोगों ने योग को अपनी जीवनशैली में अपनाया है, तो इसका मतलब है कि वे भक्ति योग (प्रार्थना) या ध्यान और आत्म-अभ्यास जैसे विभिन्न रूपों में योग का अभ्यास करते हैं ताकि मन को शांत किया जा सके।''
योग अभ्यास में शहरी नागरिक व पुरुष आगे
शहरी क्षेत्रों में 12.6 प्रतिशत उत्तरदाता नियमित रूप से योग का अभ्यास करते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह आंकड़ा 10.4 प्रतिशत है। 11.6 प्रतिशत नियमित अभ्यासकर्ता पुरुष हैं, जबकि 10.7 प्रतिशत महिलाएं हैं।
योग के प्रति जागरूकता 18-24 आयु वर्ग में सबसे अधिक पाई गई। योग का अभ्यास करने के मामले में 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों का हिस्सा 17 प्रतिशत था। योग करने वाले 36.2 प्रतिशत उत्तरदाता मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और गैस्टि्रक आदि समस्याओं से पीडि़त हैं।
39.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं को सामान्य योग प्रोटोकाल के बारे में जागरूकता है और पिछले एक दशक में एक तिहाई (33.4 प्रतिशत) लोगों ने कम से कम एक सामुदायिक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में भाग लिया है। यह सर्वेक्षण केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद और योलो 9 टेक्नोलाजीज के अंतर्गत किया गया था।
हरित योग
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए डिजायन किए गए 10 प्रमुख कार्यक्रमों में से एक 'हरित योग' है। केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि योग के साथ पर्यावरणीय स्थिरता को एकीकृत करने का प्रयास किया जा रहा है और यह देश भर में काफी लोकप्रिय हो रहा है।
हरित योग एक आंदोलन है जो हमारी सांसों को पृथ्वी की लय से बांधता है। एक समय में ही एक पेड़, एक आसन करना यह स्थिरता की ओर एक प्रतीकात्मक लेकिन बड़ा कदम है। इसके लिए आयुष मंत्रालय स्थानीय निकायों और निवास कल्याण संघों के सहयोग से योग पार्कों का विकास और पुनर्जीवित कर रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने की जनगणना 2027 की तैयारियों की समीक्षा बैठक
16 Jun, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में अगली जनगणना 2027 में होने वाली है, जिसमें पहली बार जाति आधारित गणना भी की जाएगी। रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस एतिहासिक जनगणना को लेकर तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जनगणना को लेकर अधिसूचना सोमवार को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। यह 16वीं जनगणना होगी और स्वतंत्रता के बाद आठवीं बार जनगणना कराई जा रही है।
इस बार जनगणना में डिजिटल तकनीक का भी इस्तेमाल होगा और लोगों को मोबाइल एप के जरिए स्वयं जानकारी भरने का विकल्प भी मिलेगा। इसके साथ ही डेटा की सुरक्षा को लेकर सख्त उपाय किए जाएंगे।
दो चरणों में होगी जनगणना
जनगणना दो चरणों में की जाएगी...
पहला चरण- हाउस लिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) होगा, जिसमें हर घर की स्थिति उसमें मौजूद सुविधाएं और संपत्ति से जुड़ी जानकारी इकट्ठी की जाएगी।
दूसरा चरण- जनसंख्या गणना (Population Enumeration-PE) होगा, जिसमें हर व्यक्ति से जुड़ी जनसंख्यिकीय, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी दर्ज की जाएगी।
2027 का जनगणना क्यों है खास?
इस बार जाति आधारित आंकड़ों को भी शामिल किया जाएगा।
इस जनगणना में लगभग 34 लाख गणनाकार और पर्यवेक्षक और करीब 1.3 लाख जनगणना अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाकों, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों के लिए जनगणना की तिथि 1 अक्टूबर 2026 की मध्यरात्रि होगी।
बाकी देश के लिए जनगणना की तिथि 1 मार्च 2027 की मध्यरात्रि रखी गई है।
इस बार जनगणना में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जाएगा।
इसके तहत डेटा संग्रहण के लिए मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा।
लोग खुद भी अपनी जानकारी ऑनलाइन भर सकेंगे जिसे सेल्फ-एनेमरेशन कहा जाएगा।
गौरतलब है कि भारत में पिछली जनगणना साल 2011 में हुई थी। कोरोना महामारी के चलते 2021 की जनगणना स्थगित कर दी गई थी, इस कारण अगली जनगणना 16 साल बाद हो रही है।
उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बन्स का असर, कई राज्यों में बारिश और तेज हवाएं
16 Jun, 2025 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वेस्टर्न डिस्टर्बन्स सक्रिय होने से भीषण गर्मी झेल रहे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के अधिकतर हिस्से में शनिवार रात तेज हवा के साथ वर्षा होने से लोगों ने रविवार को राहत महसूस की। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में 16-21 जून के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हल्की-मध्यम वर्षा के साथ 40-50 किमी प्रति घंटे की गति वाली तेज हवाएं चलने की संभावना है।
लगातार गर्मी की मार झेल रहे लोग
लगातार पांच दिनों से भीषण गर्मी की चपेट में चल रही दिल्ली में रविवार अलसुबह ढाई बजे से साढ़े पांच के बीच 104 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चली, वहीं 42 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
विभिन्न इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिली। रविवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से 3.2 डिग्री कम 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मौसम विभाग ने तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है।
बिहार में भी रविवार को मौसम ने करवट ली। पटना सहित आसपास इलाकों में शाम होते आंशिक बादल छाए रहने के साथ तेज हवाएं चलनी शुरू हुईं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पटना सहित दक्षिणी भागों के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहने के साथ बादल के गरजने एवं छिटपुट वर्षा की संभावना है।
पंजाब का मौसम
उत्तरी भागों के अधिसंख्य भागों में 50-60 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ बादल गरजने, वज्रपात को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पंजाब के चंडीगढ़, पटियाला, संगरूर में वर्षा हुई, वहीं अन्य जिलों में बादल छाए रहे।
मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से पंजाब के अधिकतर जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। इस दौरान हल्की से मध्यम वर्षा भी होगी। 21 जून के बाद मानसून की पंजाब में एंट्री हो सकती है।
हिमाचल में कैसा रहेगा मौसम?
हिमाचल प्रदेश में रविवार को बारालाचा, कुंजुम व रोहतांग दर्रा में जहां हल्का हिमपात हुआ, वहीं शिमला, कांगड़ा व धर्मशाला में झमाझम वर्षा हुई। प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा कांगड़ा में 34, धर्मशाला में 16, शिमला व कुफरी में सात-सात मिलीमीटर दर्ज की गई। मौसम विभाग ने 16 जून को लाहुल स्पीति और किन्नौर को छोड़कर अन्य सभी जिलों में कुछ स्थानों पर 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तूफान चलने की संभावना जताई है।
उत्तराखंड में भी कुछ क्षेत्रों में आकाशीय बिजली चमकने, वर्षा के तीव्र दौर होने और तेज हवा चलने को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चारधाम व यात्रा मार्ग पर भी बादल छाये रहने से लेकर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार हैं।
राजस्थान में रविवार को लगातार दूसरे दिन वर्षा हुई। जयपुर मौसम केंद्र ने सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों में बारिश की संभावना जताई है।
UP में वज्रपात व आंधी-बारिश से 30 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश में पश्चिमी क्षेत्र से पूर्वांचल तक कुछ जिलों में बूंदाबांदी होने से अधिकतम तापमान में थोड़ी गिरावट जरूर आई, मगर उमस से छुटकारा नहीं मिला है। वज्रपात, आंधी-बारिश ने विभिन्न जिलों में 30 लोगों की जान ले ली।
प्रयागराज और जौनपुर में पांच-पांच, ललितपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, बरेली, बिजनौर में दो-दो, कानपुर देहात, कुशीनगर, शाहजहांपुर, लखनऊ, हरदोई, संभल, झांसी, जालौन, अमेठी, सोनभद्र में एक- एक मौत हुई है। दूसरी ओर, कानपुर में सात लोगों की मौत गर्मी की वजह से बताई जा रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार से अगले तीन-चार दिनों तक बारिश होने की संभावना है। लू का दौर लगभग समाप्त हो चुका है। 43.2 डिग्री सेल्सियस के साथ वाराणसी रविवार को सबसे गर्म रहा। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश के कई हिस्सों में मॉनसून की शुरुआत हो गई है। 18 जून को भारी वर्षा की संभावना है।
दिल्ली में कई स्थानों पर गिरे पेड़, करंट से दो की मौत
दिल्ली में रविवार तड़के आई आंधी और वर्षा के कारण कई स्थानों पर पेड़ों के गिरने से काफी नुकसान हुआ। आरकेपुरम में दो लोगों की करंट से मौत हो गई, वहीं कई स्थानों पर पेड़ गिरने से वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
पीतमपुरा में तेज आंधी से बिजली के खंभे में आग लग गई और आस पास के मकान में भी पहुंच गई। इस वजह से पार्किंग में खड़े कई कारें और दो पहिया वाहन जल गए। इसके अलावा सफदरजंग एन्क्लेव में मोबाइल टावर गिर गया। टावर एक माह पूर्व ही लगा था।
टूरिस्ट सीजन में शिमला में 2.25 लाख व्हीकल्स की एंट्री, शहर में 21 ट्रैफिक बाइक राइडर्स तैनात
15 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिमला: हिमाचल में इन दिनों समर टूरिस्ट सीजन जारी है. बड़ी संख्या में पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. शिमला शहर की बात करें तो यहां भी टूरिस्ट व्हीकल्स की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. जिसके मध्यनजर शिमला पुलिस द्वारा यातायात के सुचारू संचालन और जन सुविधा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं.
"पिछले एक सप्ताह में ही 2,25,000 से ज्यादा गाड़ियों का शिमला में आना-जाना हुआ है. इस भारी ट्रैफिक को देखते हुए पुलिस ने अपनी तैयारियां पुख्ता कर ली हैं. सभी गजेटेड अधिकारी अपने-अपने थाना क्षेत्रों में यातायात की निगरानी और पर्यवेक्षण में जुटे हुए हैं." - गौरव सिंह, एसपी शिमला
एसपी शिमला ने बताया कि फील्ड एनफोर्समेंट को मजबूत करने के लिए 46 एक्स्ट्रा पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक विंग शिमला में तैनात किया गया है. इन अधिकारियों को शहर के 23 रिक्त ट्रैफिक ड्यूटी पॉइंट्स पर रणनीतिक रूप से नियुक्त किया गया है. जिससे भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन में सुधार हो सके. इसके अलावा 4 नए बाइक राइडर्स को तैनात किया गया है. जिससे अब कुल 21 ट्रैफिक बाइक राइडर्स शिमला शहर में कार्यरत हैं. ये बाइक राइडर्स तेजी से मूवमेंट कर सकें. भारी गाड़ियों के आवागमन को नियंत्रित कर सकें और ट्रैफिक संबंधी समस्याओं पर जल्द प्रतिक्रिया दे सकें, इस उद्देश्य से इन बाइक राइडर्स की तैनाती की गई है.
यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें
यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है.
शहर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर लावारिस और लंबे समय से खड़ी गाड़ियों को हटाया जा रहा है.
जनसाधारण से अपील- नागरिकों से अनुरोध किया जा रहा है कि निजी गाड़ियों की अपेक्षा सार्वजनिक परिवहन का ज्यादा इस्तेमाल करें. खासकर मुख्य शहर क्षेत्र में, ताकि जाम की समस्या कम हो सके.
कमरूनाग से लौटते हुए श्रद्धालुओं की पलटी बस, 14 प्रवासी मजदूर घायल
15 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंडी: जिला मंडी में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब श्रद्धालुओं से भरी एक निजी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. दरअसल सुंदरनगर के जयदेवी में देव कमरूनाग से दर्शन कर लौट रहे प्रवासी श्रद्धालुओं की निजी बस हादसे का शिकार हो गई. इस हादसे में बस में सवार 14 लोग घायल हुए हैं, जिन्हें 108 एंबुलेंस के जरिए प्राथमिक उपचार के लिए सिविल अस्पताल सुंदरनगर पहुंचाया गया. वहीं, जैसे ही यह हादसा हुआ तो मौके पर चीख-पुकार मच गई. घटना की सूचना मिलते ही सुंदरनगर थाना की टीम भी मौके पर पहुंची.
हादसे में घायल सभी प्रवासी मजदूर
डीएसपी सुंदरनगर भारत भूषण ने बताया कि शनिवार रात 8:30 के करीब जयदेवी के फगवाओ में यह हादसा पेश आया है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बस में सवार सभी घायल प्रवासी मजदूर बताए जा रहे हैं, जिन्हें मामूली चोटें आई हैं. फिलहाल दुर्घटना के कारण स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि सड़क संकरी और ढलानदार होने से कारण ड्राइवर बस से संतुलन खो बैठा और बस पलट गई.
सरानाहुली मेले से लौटते समय हुआ हादसा
जैसे ही स्थानीय लोगों को घटना की सूचना मिली तो वे तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को सुरक्षित बस से बाहर निकाला. पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई. पुलिस द्वारा हादसे के असल कारणों को जानने कि लिए पूछताछ की गई. बता दें कि आज बड़ा देव कमरूनाग में सरानाहुली उत्सव व मेला चला हुआ है. ऐसे में हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं सैलानी कमरूघाटी पहुंचते हैं. सरानाहुली मेले से लौटते वक्त ही यह हादसा हुआ है.
"कमरूनाग से लौटते समय श्रद्धालुओं की निजी बस पलट गई. जिसमें 14 श्रद्धालु घायल हो गए. जिनका इलाज जारी है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगामी जांच जारी है." - भारत भूषण, एसपी सुंदरनगर
अहमदाबाद प्लेन हादसा- विजय रूपाणी के शव की पहचान हुई:राजकोट में कल होगा अंतिम संस्कार
15 Jun, 2025 03:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद विमान हादसे में जान गंवाने वाले गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की पहचान हो गई है। रविवार को उनका DNA मैच हो गया। परिवार के मुताबिक, राजकोट में सोमवार दोपहर 3 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा।
12 जून को हुए प्लेन क्रैश में मरने वालों का आंकड़ा 275 पहुंच गया है। आज सुबह तक 248 शवों के DNA सैंपल लिए गए। इनमें से 31 की शिनाख्त हो गई है, 20 शव परिजन को सौंपे गए हैं। उनके डेथ सर्टिफिकेट भी उपलब्ध कराए गए।
एम्बुलेंस के जरिए सिक्योरिटी के साथ शवों को उनके गृहनगर पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें बनाई गई हैं, जो मृतकों के परिजनों के सीधे संपर्क में हैं। 192 एम्बुलेंस और वाहन स्टैंडबाय पर हैं। हादसे में जान गंवाने वाले विदेशी नागरिकों में से 11 के परिजन आज अहमदाबाद पहुंच सकते हैं।
शवों को रखने के लिए 170 ताबूत बनाने का ऑर्डर दिया गया है। इनमें से करीब 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए गए हैं। बाकी के ताबूत बनाने का काम जारी है।
पूर्व CM विजय रूपाणी का DNA अभी तक नहीं हुआ मैच, जानिए क्यों आ रही है परेशानी
15 Jun, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Ahmedabad plane crash: 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया था। इस हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया, लेकिन हादसे के तीन दिन बाद भी रूपाणी की शिनाख्त नहीं हो सकी है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में मृतकों की पहचान के लिए चल रही डीएनए जांच में अब तक पूर्व मुख्यमंत्री का डीएनए मेल नहीं हुआ है।
पूर्व सीएम विजय रूपाणी का डीएनए अभी तक मैच नहीं हुआ
रविवार को अस्पताल के डिप्टी सिविल सुपरिटेंडेंट डॉ. रजनीश पटेल ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 31 लोगों के डीएनए सफलतापूर्वक मैच हो चुके हैं, जिनमें से 12 पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। लेकिन विजय रूपाणी का डीएनए रिपोर्ट अब तक नहीं मिल सकी है। उन्होंने कहा कि रूपाणी की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की देखरेख में जारी है और जैसे ही मेल होगा, परिवार को सूचना दे दी जाएगी।
विमान में सवार 241 यात्रियों को हुई थी मौत
हादसे के दिन एयर इंडिया की यह इंटरनेशनल फ्लाइट लंदन के लिए रवाना हो रही थी, लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनीकी खराबी के कारण क्रैश हो गई। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 यात्रियों की मौत हो गई। सिर्फ एक व्यक्ति को जीवित निकाला जा सका। यह हादसा भारत के विमानन इतिहास के सबसे दुखद और भयावह हादसों में शामिल हो गया है।
250 से ज्यादा डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की टीम
अस्पताल प्रशासन और राज्य सरकार इस आपदा से निपटने में पूरी तत्परता से जुटे हुए हैं। सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि हादसे की खबर मिलते ही अस्पताल में 250 से ज्यादा डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वयंसेवकों की टीम ने त्वरित राहत कार्य शुरू कर दिया। घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी गई और मृतकों की पहचान की प्रक्रिया तुरंत शुरू की गई।
कई शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त
डॉ. जोशी ने बताया कि कई शव बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण पहचान मुश्किल हो गई थी, इसलिए फॉरेंसिक जांच और डीएनए मिलान की मदद ली जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है, जिसमें पार्थिव शरीर की सुपुर्दगी से लेकर मनोवैज्ञानिक मदद और आर्थिक राहत तक शामिल है।
हेल्प नंबर जारी
अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने यात्रियों के परिजनों की सुविधा के लिए एक विशेष कंट्रोल रूम की स्थापना की है और 10 संपर्क नंबर भी जारी किए हैं: 9429915911, 9429916096, 9429916118, 9429916378, 9429916608, 9429916622, 9429916682, 9429916758, 9429916771 और 9429916875। परिजन अस्पताल के डी2 ब्लॉक स्थित कंट्रोल रूम में आकर या इन्हीं नंबरों के जरिए संपर्क कर सकते हैं। अस्पताल प्रशासन ने अपील की है कि लोग केवल इन्हीं अधिकृत नंबरों से आए कॉल का जवाब दें, ताकि गलत सूचना से बचा जा सके।
पांच साल बाद फिर शुरु हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा, हर-हर महादेव के जयकारों के बीच पहला जत्था रवाना
15 Jun, 2025 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पांच वर्षों के लंबे इंतजार के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर बाबा के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए शुरू हो गई है। शुक्रवार को हर-हर महादेव के जयकारों के बीच पहला जत्था धार्मिक उत्साह और आस्था के साथ रवाना हुआ। वर्ष 2019 के बाद पहली बार है जब यह पवित्र यात्रा फिर शुरू की गई है। कोरोना महामारी के कारण यात्रा पर रोक लगा दी गई थी, जो अब हट दी गई है।
विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित विशेष समारोह में विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा ने यात्रा का शुभारंभ किया। उन्होंने चीनी पक्ष द्वारा सहयोग प्रदान करने और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की सक्रिय भूमिका के लिए आभार प्रकट किया।
उन्होंने बताया कि यात्रा 15 जून से 25 अगस्त तक चलेगी। यात्रा उत्तराखंड और सिक्किम के मार्गों से हो रही है, जिसमें कुल पांच बैच भेजे जाएंगे। हर बैच में 50 तीर्थयात्रियों को शामिल किया गया है। इस साल कुल 750 यात्रियों का चयन किया गया है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल हिंदू श्रद्धालुओं, बल्कि जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए भी गहन धार्मिक महत्व रखती है। इस यात्र को मोक्ष की ओर ले जाने वाली यात्रा माना जाता है।
धर्मार्थ कार्य विभाग और यूपीएसटीडीसी की ओर से तीर्थयात्रियों के ठहरने, खानपान और मार्गदर्शन की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। तीर्थ यात्रियों के लिए विशेष वातनूकुलित भवन तैयार किया गया है, इसमें एक समय में 288 श्रद्धालु ठहर सकते हैं। साथ ही, यात्रियों को राज्य पर्यटन विभाग द्वारा तैयार ब्रोशर किट भी दी जा रही हैं।
कैलाश मानसरोवर यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि भारत और चीन के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण प्रतीक भी बन चुकी है। केंद्र सरकार इस यात्रा के पुनः संचालन को एक सकारात्मक संकेत मान रही है, जो धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग की मिसाल भी है।
फ्लाइट के क्रैश पर संजय राउत ने साइबर हमले की आशंका जाहिर की
15 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । एयर इंडिया की फ्लाइट के क्रैश होने पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। फ्लाइट उड़ान भरने के महज 30 सेकंड में ही नीचे गिरकर क्रैश हो गई। इसके बाद शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने गंभीर सवाल उठाकर साइबर हमले की आशंका जाहिर की है।मुंबई में प्रेसवार्ता को संबोधित कर राउत ने कहा, मैं कोई तकनीकी विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन हादसे के पीछे कुछ गंभीर सवाल हैं। फ्लाइट अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के महज 30 सेकंड के भीतर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गई? क्या यह महज तकनीकी खराबी थी, या फिर किसी दुश्मन देश द्वारा विमान की प्रणाली पर साइबर हमला किया था? उन्होंने हाल के दिनों में भारत के सैन्य और सामरिक प्रतिष्ठानों पर संभावित साइबर हमलों की घटनाओं का हवाला देकर हादसे की गहन तकनीकी और साइबर दृष्टिकोण से जांच की मांग की।
इतना ही नहीं राउत ने विमानन क्षेत्र में रखरखाव की स्थिति पर सवाल उठाकर पूछा कि अहमदाबाद में विमान का रखरखाव किस कंपनी या एजेंसी के अधीन था? उन्होंने कहा कि जब बोइंग के साथ विमान सौदा हुआ था, तब भाजपा इसके विरोध में थी, जबकि तब प्रफुल्ल पटेल नागरिक उड्डयन मंत्री थे।
राउत ने कहा, आज लोग हवाई यात्रा करने से डर रहे हैं। विमानन क्षेत्र में रखरखाव सबसे अहम पहलू है। आखिर अहमदाबाद को ही क्यों चुना गया? वहां का रखरखाव मानक के अनुरूप है या नहीं?दूसरी ओर, केंद्र ने हादसे की विस्तृत जांच के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक समिति का गठन किया है। यह समिति हादसे की तह तक जाकर इसके वास्तविक कारणों का पता लगाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह समिति मौजूदा मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपीएस) की समीक्षा करेगी और जरूरत पड़ने पर नई एसओपीएस व नीतियों की सिफारिश भी करेगी।
समिति को मिलेगी सभी डेटा तक पहुंच
इस समिति को फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, रखरखाव रिकॉर्ड, एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) लॉग और चश्मदीद गवाहों की गवाही तक पूरी पहुंच होगी। समिति तीन महीने के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
विमान हादसा : लंदन में बेटा इंतजार करता रहा और पिता अनंतयात्रा पर चले गए
15 Jun, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अहमदाबाद | 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान दुर्घटना के बाद हर दिन दिल दहला देनेवाली कहानियां सामने आ रही हैं| ऐसी कई कहानियां हैं, जो हमें इस कड़वी सच्चाई को स्वीकार करने पर मजबूर कर रही हैं कि जब मौत आनी होती है, तो वह बिना किसी कारण के आती है और कड़ियां जुड़ती चली जाती हैं। लेकिन कभी-कभी मौत इस तरह आती है कि परिवार के सदस्यों को जीवन भर का गम दे जाती है। ऐसी ही कहानी है अहमदाबाद में रहने वाले एक पिता और लंदन में रहने वाले उसके बच्चों की। अहमदाबाद में रहने वाले वैष्णव रमणलाल परीख फादर्स डे के मौके पर अपने बेटे कुणाल और बेटी जान्हवी परीख से मिलने लंदन जा रहे थे। लेकिन बेटे ने यह नहीं सोचा था कि जिस पिता के साथ वह लंदन में फादर्स डे मनाने की योजना बना रहा था, वह कभी लंदन नहीं पहुंच पाएगा। जब वैष्णव रमनलाल परीख विमान में सवार हुए तो उन्होंने अपने बेटे को मोबाइल पर इसकी जानकारी दी। लेकिन कुछ मिनट बाद उनके बेटे को जो खबर मिली, उस पर उसके लिए यकीन करना मुश्किल था। 12 जून को वैष्णव रमनलाल परीख उसी विमान से अहमदाबाद से लंदन जा रहे थे जो मेघानीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था| वैष्णव परीख के कृषि विभाग से सेवानिवृत्त होने के 6 महीने बाद उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी| जिसके बाद से वह अहमदाबाद में अकेले ही रहते थे| जबकि बेटा कुणाल और बेटी जान्हवी लंदन में रहते थे| बेटे ने कई बार अपने पिता वैष्णव परीख को लंदन में आकर रहने का अनुरोध किया| कुणाल अपने पिता की एकलता को खत्म करना चाहता था और लंदन में उनके साथ समय व्यतीत करना चाहता था| किसी प्रकार कुणाल अपने पिता को लंदन आने के लिए मना लिया और 12 जून को अहमदाबाद से सीधे लंदन की फ्लाइट भी बुक करवा दी| पिता लंदन आ रहे होने की बात से कुणाल काफी खुश था कि 15 जून को पिता के साथ फादर्स डे मनाएगा| लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था| अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद एयर इंडिया का विमान मेघाणीनगर में हादसे का शिकार हो गया| जिसमें 12 क्रू मेम्बर और 229 यात्रियों की मौत हो गई| एक ओर लंदन में कुणाल अपने पिता का इंतजार करता रहा, वहीं दूसरी ओर वैष्णव परीख ऐसी यात्रा पर रवाना हो गए, जहां कभी लौटकर नहीं आएंगे| बेटे ने कल्पना भी नहीं की होगी वह कभी अपने पिता से नहीं मिल पाएगा| फिलहाल वैष्णव परीख की मौत की खबर मिलने के बाद कुणाल और जान्हवी अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए हैं, जो देर रात तक पहुंच सकते हैं|