धर्म एवं ज्योतिष (ऑर्काइव)
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (15 जून 2023)
15 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- यात्रा, भय, कष्ट, व्यापार बाधा, शुभ समाचार, प्रसन्नता का योग बनेगा।
वृष राशि :- शत्रु भय, रोग, स्वजन सुख, लाभदायक जीवन, सुख, मन असमंजस में होगा।
मिथुन राशि :- वाहन भय, मातृ-पितृ कष्ट, हानि, व्यर्थ अनाप-सनाप खर्च से परेशानी होगी।
कर्क राशि :- सफलता, उन्नति, शुभ कार्य, विवाह, उद्योग-व्यापार में कष्ट होगा, ध्यान दें।
सिंह राशि :- शरीर कष्ट, उत्तम व्यय, खर्च में सफलता, व्यवस्था में साधारण लाभ होगा।
कन्या राशि :- खर्च, विवाद, स्त्री कष्ट, विद्या लाभ, कुछ अच्छे कार्य भी हो सकते हैं, ध्यान रखें।
तुला राशि :- यात्रा में हानि, राजभय, लाभ, कारोबार में उछाल, कष्ट की स्थिति बनेगी।
वृश्चिक राशि :- वृत्ति में लाभ, यात्रा, सम्पत्ति लाभ, कारोबार में लाभ, शिक्षा से लाभ होगा।
धनु राशि :- अल्प लाभ, शरीर कष्ट, चोटादि का भय, कष्ट, विलाप तथा हानि होगी।
मकर राशि :- शत्रु हानि, आंशिक शारीरिक सुख, समय उद्योग-व्यापार से लाभ होगा।
कुंभ राशि :- शुभ व्यय, संतान सुख, कार्य सफलता, मित्र वर्ग से संतोष होगा।
मीन राशि :- पदोन्नति, राजभय, न्याय, लाभ-हानि, व्यय, जीवन संतोषमय होगा।
राधे-राधे कहने से मिलते हैं ये अद्भुत लाभ, मन की शांति के साथ हर मनोकामना होती है पूरी
14 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शास्त्रों के अनुसार राधे-राधे का जाप करने वाले व्यक्ति से नकारात्मकता, बुरी शक्तियां, राक्षसी प्रवृत्ति आदि दूर रहती है.
मन शांत रहता है
राधे-राधे कहने वाले का मन शांत रहता है.
उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं घेर सकती. मानसिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
एकाग्रता बढ़ती है
राधे-राधे का पाठ करने वाले की एकाग्रता बढ़ती है, बुद्धि तेज होती है, विवेक जाग्रत होता है और निर्णय लेने की क्षमता तेज होती है.
पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है
राधे-राधे कहने वाले को पाप कर्मों से मुक्ति मिल जाती है. मृत्यु के बाद व्यक्ति को नरक या नीच जन्मों के जीवन से मुक्ति मिलती है.
आध्यात्मिक कष्टों से मुक्ति
राधे-राधे कहने से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कष्टों से मुक्ति मिलती है. उसे सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है.
राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है
राधे-राधे कहने से न केवल राधा रानी की कृपा प्राप्त होती है बल्कि श्री कृष्ण की कृपा और सानिध्य भी मनुष्य पर बना रहता है.
देवता जीवन भर रक्षा करते हैं
धर्म शास्त्रों के अनुसार राधे-राधे का पाठ करने वाले व्यक्ति की भगवान शिव, गरुड़ देव, इंद्र देव और नाग देवता जीवन भर रक्षा करते हैं.
खुलता है मोक्ष का मार्ग
राधे-राधे कहने से खुलता है मोक्ष का मार्ग; व्यक्ति को गोलोक में स्थान प्राप्त होता है. व्यक्ति श्री कृष्ण की कृपा का भागी बनता है.
दुर्भाव समाप्त हो जाते हैं
राधे-राधे कहने से दुर्भाव समाप्त हो जाते हैं, व्यक्ति अच्छे कर्मों का चुनाव करता है और यमराज का भय उसे सताता नहीं है.
हर मनोकामना होती है पूरी
शास्त्रों में राधा नाम को अपने आप में एक मंत्र बताया गया है ऐसे में इस नाम से जो भी मनोकामना की जाती है वह पूरी होती है.
हर बाधा दूर हो जाती है
राधे-राधे अपने आप में एक सिद्ध मंत्र है. राधे-राधे कहने वाले की हर बाधा दूर हो जाती है और उसका भविष्य उज्जवल हो जाता है.
जीवन में चाहते हैं तरक्की तो तुलसी समेत इन 5 पेड़ों में बांधें कलावा, खुल जाएगी बंद किस्मत
14 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में पूजा-पाठ को विशेष महत्व दिया जाता है। जीवन में शांति बनी रहे इसके लिए नियमित रूप से भगवान की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म में एक तरफ जहां देवी-देवताओं की पूजा होती है, वहीं दूसरी तरफ पेड़-पौधों की भी पूजा का विधान है। शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि हर एक देवी-देवता और ग्रह का संबंध कुछ पेड़-पौधों से अवश्य ही होता है। मान्यता है इन पौधों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और मनुष्य के जीवन से ग्रह संबंधित दोष दूर भाग जाते हैं। पूजा-पाठ के साथ ही कुछ पेड़ ऐसे भी हैं, जिनमें कलावा बांधना शुभ माना जाता है।
इन पेड़ों में कलावा बांधने से धन का लाभ होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं किन पेड़ों में कलावा बांधने से आपको लाभ मिलेगा... तुलसीहिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र और पूजनीय माना जाता है। कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में कलावा बांधने से मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख शांति का वास होता है।
शमीशमी के पेड़ की पूजा करने से शनिदेव और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि शमी के पेड़ में कलावा बांधने पर शनि देव प्रसन्न होते है। साथ ही राहु केतु ग्रह शांत होते हैं।
केले का पेड़
केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। केले के पेड़ की पूजा के साथ ही उसमें कलावा भी बांधने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
बरगद
शास्त्रों में बरगद यानी वट वृक्ष के पेड़ की पूजा का विधान है। वट सावित्री व्रत के दौरान महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं और कलावा बांधती हैं। मान्यता है कि बरगद के पेड़ में कलावा बांधने से सुहागिन स्त्रियों के सुहाग की रक्षा होती है। साथ ही अकाल मृत्यु जैसे योग भी टल जाते हैं।
गीता से सीखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें जो जीवन जीना करेगी आसान
14 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्रीमद्भगवत गीता भगवान कृष्ण के उपदेशों के बारे में बताती है। उन्होंने महाभारत के समय अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे । भले ही यह बहुत समय पहले हुआ हो, गीता के पाठ अभी भी हमें सिखाते हैं कि आज एक अच्छा जीवन कैसे जिया जाए।
यदि हम इन पाठों का पालन करते हैं, तो हम अपने जीवन में प्रगति कर सकते हैं और खुश रह सकते हैं। गीता एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रन्थ है क्योंकि यह एकमात्र ऐसा ग्रन्थ है जो हमें बताती है कि एक अच्छा जीवन कैसे जीना चाहिए।
गीता हमें धर्म, कर्म और प्रेम के बारे में सिखाती है। वह जो सिखाती है वह हमें एक अच्छा जीवन जीने में मदद कर सकती है। श्रीमद्भगवत गीता एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें हमारे लिए महत्वपूर्ण शिक्षाएं हैं। यदि हम इसकी शिक्षाओं का पालन करते हैं, तो हम अच्छे मनुष्य के श्रेणी में शामिल हो सकते है। गीता एक ऐसा ग्रन्थ है जो लोगों को जीवन के बारे में और एक अच्छा इंसान बनने के बारे में महत्वपूर्ण सबक सिखाती है। यह एक मार्गदर्शक की तरह है जो लोगों को अच्छे चुनाव करने और दूसरों के प्रति दयालु होने में मदद करता है।
गीता हमें सिखाती है कि दूसरों के प्रति दयालु होना महत्वपूर्ण है और भले ही वे हमारे साथ बुरा व्यवहार करें, उनके साथ बुरा व्यवहार न करें। हमें हमेशा अच्छा इंसान बनने की कोशिश करनी चाहिए और उसमें शांति, सज्जनता, मौन, आत्म-संयम और पवित्रता जैसे गुण होने चाहिए, जो हमें अच्छे चुनाव करने में मदद करते हैं। हमारा भविष्य हमारे आज के कार्यों से प्रभावित होता है, इसलिए हमेशा अच्छे काम करना महत्वपूर्ण है। जबकि हम अपने भाग्य को नहीं बदल सकते हैं, हम अच्छे चुनाव करने के लिए दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं।
आखिर क्यों नहीं हुआ राधा और कृष्ण का विवाह? जानिए क्या थी वजह
14 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जब भी प्रेम की बात होती है तो राधा-कृष्ण का नाम सबसे पहले आता है। संसार को प्रेम और स्नेह का पाठ पढ़ाने वाले श्रीकृष्ण का नाम हमेशा राधा के साथ ही लिया जाता है। सदियों से राधा-कृष्ण के अमर प्रेम की कहानी उदाहरण के रूप में पेश किया जाता है। राधा-श्रीकृष्ण के प्रेम को जीवात्मा और परमात्मा का मिलन कहा जाता है। लेकिन जब भी राधा और भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम का जिक्र होता है तो सबके मन में यह सवाल जरूर उठता है कि जब दोनों के बीच इतना प्रेम था, तो कृष्ण ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया? ऐसे में चलिए आज आपको बताते हैं कि आखिर कृष्ण ने राधा से शादी क्यों नहीं की थी...
राधा और कृष्ण की प्रेम कहानी
मान्यता है कि जब राधा-कृष्ण बालपन में मिले थे तभी उन्हें अपने प्रेम का आभास हो गया था। राधा कृष्ण से उम्र में 11 महीने बड़ी थीं। श्रीकृष्ण राधा से प्रेम करने लगे। दोनों एक दूसरे से विवाह भी करना चाहते थे। जब ये बात राधा के घर वालों को पता चली, तो उन्होंने राधा को घर में कैद कर दिया। वह लोग राधा और कृष्ण की विवाह के इसलिए भी खिलाफ थे क्योंकि राधा की मंगनी हो चुकी थी।
कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने राधा रानी से शादी करने की हठ कर दी थी। इस पर यशोदा माता और नंदबाबा उन्हें ऋषि गर्ग के पास ले गए। ऋषि गर्ग ने भी कान्हा को बहुत समझाया। इसके बाद कान्हा का मथुरा बुलावा आ गया। वह हमेशा के लिए वृंदावन छोड़कर मथुरा चले गए। उन्होंने राधा से वादा किया था कि वह वापस लौटेंगे, लेकिन वह कभी वापस नहीं आए और न ही राधा जी के मथुरा या द्वारका जाने का जिक्र मिलता है।
एक मत यह भी है कि राधारानी ने ही श्रीकृष्ण से विवाह के लिए मना किया था। राधा यशोदा पुत्र कान्हा से प्रेम करती थीं, लेकिन जब वह मथुरा गए तो राधा रानी खुद को महलों के जीवन के लिए उपयुक्त नहीं मानती थीं। लोग चाहते थे कि श्रीकृष्ण एक राजकुमारी से विवाह करें। इसलिए राधा ने श्रीकृष्ण से विवाह न करने की ठान ली।
ये भी कहा जाता है कि राधा को महसूस हो चुका था कि श्रीकृष्ण भगवान का अवतार हैं। वह खुद को एक भक्त मानने लगी थीं। राधा श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन हो चुकी थीं। वह भगवान से विवाह नहीं कर सकती थीं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (14 जून 2023)
14 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- दैनिक व्यवसाय गति में सुधार तथा योजनाएं फलीभूत होंगी।
वृष राशि :- दैनिक कार्यक्षमता में वृद्धि, सफलता एवं प्रभुत्व के योग अवश्य ही बनेंगे।
मिथुन राशि :- आर्थिक योजना पूर्ण होवे, कार्य क्षमता में वृद्धि, इष्ट मित्रों से सुख सहयोग मिले।
कर्क राशि :- व्यवसाय अनुकूल, चिन्ताएं कम होंगी, इष्ट मित्र सुख वर्धक होंगे।
सिंह राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा तथा कार्यवृत्ति में सुधार होगा।
कन्या राशि :- कुछ समस्याए सुलझें-कुछ पैदा होंगी, कार्य वृत्ति में सुधार अवश्य होगा।
तुला राशि :- कार्य व्यवसाय क्षमता कुछ अनुकूल हो, आशाओं में सफलता से कार्य बनेंगे।
वृश्चिक राशि :- धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, बिगड़े कार्य अवश्य बनेंगे।
धनु राशि :- प्रत्येक कार्य में विलम्ब संम्भव, धन का लाभ, आशानुकूल सफलता मिलेगी।
मकर राशि :- आरोप-प्रत्यारोप, क्लेश सम्भव, धन लाभ, आशानुकूल सफलता के साधन प्राप्त हों।
कुंभ राशि :- सफलता के साधन जुटायें, समय आराम से बीतेगा, ध्यान रखें।
मीन राशि :- किसी तनाव-क्लेश से बचिये, मन में अशांति व क्लेश अवश्य होगी।
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दर्श अमावस्या के दिन करें ये काम, परिवार पर बरसेगी कृपा
13 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है। दर्श अमावस्या के दिन चंद्रदेव की पूजा की जाती है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। इस दिन व्रत और पूजा करने से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं।
साथ ही इस दिन उगते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देने और गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि दर्श अमावस्या के दिन पितर स्वर्ग से पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद देते हैं। इसलिए इस दिन पितरों की पूजा की जाती है। दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दान देना बहुत शुभ माना जाता है।
दर्श अमावस्या का है विशेष महत्व-
पितृ दोष को दूर करने और उसे प्रसन्न करने के लिए सुबह स्नान कर तर्पण करें। इससे पितरों को प्रसन्नता होती है। और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यह आपके जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली लाता है।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। उन्हें दर्श अमावस्या व्रत का पालन करना चाहिए और चंद्रदेव से प्रार्थना करनी चाहिए। यह उन्हें भाग्यशाली बनाता है।
धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि अमावस्या के दिन भूत-प्रेत और आत्माएं सक्रिय हो जाती हैं। इसलिए अमावस्या के दिन बुरे कार्यों से बचना चाहिए। तथा धार्मिक कार्यों को विशेष महत्व देते हैं।
दर्शन अमावस्या के दिन व्रत और पूजा करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसे में इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार स्नान करना और किसी ब्राह्मण या किसी जरूरतमंद को दान देना शुभ होता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। हालांकि गंगा स्नान का संयोग न हो तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।
रविवार के दिन किए गए कुछ काम पड़ सकते हैं भारी
13 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता हैं वही रविवार का दिन भगवान सूर्यदेव की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता हैं इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं।
मान्यता है कि ऐसा करने से प्रभु प्रसन्न होकर अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं लेकिन इसी के साथ ही कुछ ऐसे कार्य हैं जिन्हें भूलकर भी रविवार के दिन नहीं करना चाहिए वरना व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि कौन से काम रविवार के दिन नहीं करने चाहिए।
रविवार को ना करें ये काम-
शास्त्र अनुसार रविवार के दिन पश्चिम और वायव्य दिशा में दिशा शूल होता हैं ऐसे में इस दिन इन दिशाओं की यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर आपका यात्रा करना जरूरी हैं तो ऐसे में आप घर से निकलने से पहले दलिया, घी या पान खाकर ही निकलें। इसके अलावा रविवार के दिन भूलकर भी तांबे से बनी हुई चीजों या सूर्यदेव से संबंधी चीजों को नहीं बेचना चाहिए ऐसा करने से कुंडली का सूर्य कमजोर होकर अशुभ फल प्रदान करता है जिससे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं।
ज्योतिष की मानें तो रविवार के दिन नीले, काले और कत्थई रंग के वस्त्रों को भी नहीं धारण करना चाहिए। इसके अलावा आप रविवार को लाल रंग के वस्त्र पहन सकते हैं इसे शुभ माना जाता हैं। रविवार को मांस मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए वरना जीवन में तमाम तरह के संघर्ष का सामना करना पड़ सकता हैं।
शिवलिंग पर अर्पित करें बस एक ये चीज, मिलेगा पैसा ही पैसा, करियर में मिलेगी सफलता
13 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है, कहा जाता है कि अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो सोमवार के दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव को काला उड़द अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कुशल..
पैसे कमाने के तरीके
धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय उन्हें काली उड़द की दाल का भोग लगाएं। ऐसा लगातार पांच सोमवार तक करने से धन में वृद्धि होगी। ध्यान रखें कि आप सही तरीके से पैसा कमा रहे हैं।
नौकरी- व्यापार में वृद्धि के लिए
अगर आपको नौकरी या व्यापार में तरक्की या प्रमोशन नहीं मिल रहा है तो शिवलिंग पर काली उड़द चढ़ाएं। प्रसाद के रूप में उड़द की दाल की एक पोटली बना लें और इस पोटली को अपने ऑफिस या दुकान में रखें और उस स्थान पर नियमित पूजा करें, ऐसा करने से व्यापार में वृद्धि होती है।
आर्थिक तंगी दूर करने के उपाय
अगर आपके हाथ में मेहनत के बावजूद पैसा नहीं टिक रहा है या फिजूलखर्ची ज्यादा है तो आप सोमवार के दिन गाय को काली उड़द की दाल खिलाएं ऐसा करने से आपकी धन संबंधी समस्याएं दूर हो जाएंगी।
सोमवार को न करें ये काम:
सोमवार के दिन कभी भी पूजा में काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. पूजा में आप हमेशा हरा, लाल, सफेद, केसरिया या पीला रंग पहन सकते हैं। गलती से भी भगवान शिव को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए। अगर आप भोलेशंकर को नारियल चढ़ा रहे हैं तो ध्यान रहे कि उन्हें नारियल पानी बिल्कुल भी न चढ़ाएं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (13 जून 2023)
13 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- इष्ट मित्र सुख वर्धक होंगे, प्रयत्नशीलता तथा सफलता से लाभ होगा।
वृष राशि :- समय पर सोचे कार्य बनेंगे, कार्य तत्परता से लाभ अवश्य ही होगा।
मिथुन राशि :- मनोबल उत्साह वर्धक होगा, व्यावसायिक क्षमता में वृद्धि अवश्य होगी।
कर्क राशि :- परिश्रम में सफलता सम्भव है, सोच-समझ कर कार्य करें।
सिंह राशि :- कार्य वृत्ति में सुधार, चिन्ताएW कम हों, सफलता के साधन अवश्य बनेंगे।
कन्या राशि :- परिश्रम करने पर भी सफलता दिखायी न देवे, कार्य स्थगित रखना ठीक होगा।
तुला राशि :- कुछ लोगों से मेल-मिलाप सम्भव, कार्य क्षमता अनुकूल अवश्य होगी।
वृश्चिक राशि :- स्वास्थ नरम, चोटादि का भय होगा, मनोबल उत्साहवर्धक होगा।
धनु राशि :- कार्य कुशलता से संतोष, दैनिक कार्यवृत्ति में सुधार होगा, ध्यान रखें।
मकर राशि :- मनोबल उत्साहवर्धक हो, इष्ट मित्रों से परेशानी, धोखे से बचें।
कुंभ राशि :- कार्य-व्यावसाय गति मंद होते हुए भी साधन सम्पन्नता बनकर कार्य होगा।
मीन राशि :- विघटनकारी तत्व परेशान करें, अनायास कुछ बाधायें बन जायेंगी।
इस दिन है आषाढ़ अमावस्या, जानिए तिथि और पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
12 Jun, 2023 06:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर साल आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन आषाढ़ अमावस्या मनाई जाती है। इस अमावस्या को अषाढ़ी अमावस्या या हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस साल आषाढ़ अमावस्या 18 जून को है। हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन किसी पवित्र नदी, सरोवर में स्नान और पितरों के निमित्त दान व तर्पण करने का विधान रहता है। मान्यता है कि ऐसा करने से आपके पितृ प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। वहीं पितरों के आशीर्वाद से मान-सम्मान में वृद्धि होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं आषाढ़ अमावस्या की तिथि, मुहूर्त और पितरों को खुश करने के उपाय...
आषाढ़ अमावस्या 2023 तिथि
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 17 जून शनिवार को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर शुरू हो रही है। अगले दिन रविवार 18 जून को सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर आषाढ़ अमावस्या 18 जून को है। वहीं 17 जून को आषाढ़ की दर्श अमावस्या होगी।
आषाढ़ अमावस्या 2023 स्नान-दान मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 18 जून को आषाढ़ अमावस्या का स्नान-दान का मुहूर्त सुबह 07 बजकर 08 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक है। वहीं शुभ योग की बात करें तो सुबह 08 बजकर 53 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक लाभ-उन्नति मुहूर्त है। इसके बाद 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 37 मिनट तक अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये करें ये काम
धार्मिक शास्त्रों में पूर्णिमा की तरह की अमावस्या पर भी स्नान-दान को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इसलिए आषाढ़ अमावस्या के दिन जल्दी उठें और किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
इसके बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन तर्पण जरूर करें। इसके अलावा यदि आपकी कुंडली में पितृदोष है, तो आषाढ़ अमावस्या पर यज्ञ कराना चाहिए। इससे पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है।
जगन्नाथ मंदिर की ध्वजा हवा के विपरीत दिशा में क्यों लहराती है, हनुमान जी से जुड़ा है रहस्य
12 Jun, 2023 06:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भगवान जगन्नाथ के मंदिर में ऐसे चमत्कार हैं जिनका जवाब विज्ञान के पास भी नहीं है. हवा के विपरीत दिशा में मंदिर की ध्वजा का लहराना भी इन्हीं चमत्कारों में से एक है. इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता है. इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि आखिर कैसे और क्या है इससे जुड़ा रहस्य?
क्या है पौराणिक मान्यता?
हवा के विरुद्ध ध्वजा लहराने का संबंध हनुमान जी से है. पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र की आवाज के कारण भगवान विष्णु को विश्राम करने में कठिनाई होती थी. जब यह बात हनुमान जी को पता चली तो उन्होंने समुद्र से कहा कि तुम अपनी वाणी रोक लो क्योंकि तुम्हारे शोर से मेरे स्वामी को चैन नहीं आ रहा है. तब समुद्र ने कहा कि यह मेरे वश में नहीं है. यह ध्वनि उतनी ही दूर तक जाएगी जितनी हवा की गति जाएगी. इसके लिए आपको अपने पिता पवन देव से निवेदन करना चाहिए. तब हनुमान जी ने अपने पिता पवन देव का आह्वान किया और उन्हें मंदिर की दिशा में न बहने के लिए कहा. पवनदेव ने कहा कि यह संभव नहीं है. इसके लिए उन्होंने हनुमान जी को एक उपाय बताया.
हनुमान जी ने क्या उपाय किया था?
अपने पिता के बताए उपाय के अनुसार हनुमान जी ने अपनी शक्ति से स्वयं को दो भागों में बांट लिया और फिर वे हवा से भी तेज गति से मंदिर की परिक्रमा करने लगे. इससे हवा का ऐसा चक्र बना कि समुद्र की आवाज मंदिर के अंदर न जाकर मंदिर के चारों ओर घूमती रहती है और श्री जगन्नाथ जी मंदिर में आराम से सो जाते हैं. इसी वजह से मंदिर की ध्वजा भी हवा के विपरीत दिशा में लहराती है.
हैरान करने वाली और भी बातें हैं
मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला यह ध्वज प्रतिदिन बदला जाता है. जगन्नाथ मंदिर की ऐसी मान्यता है कि अगर एक दिन के लिए भी झंडा नहीं बदला गया तो मंदिर 18 साल के लिए बंद हो जाएगा. इस मंदिर का प्रसाद भी बड़े ही रोचक तरीके से तैयार किया जाता है. प्रसाद पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे के ऊपर रखे जाते हैं, जिसे लकड़ी के चूल्हे पर पकाया जाता है, लेकिन इस प्रक्रिया में सबसे ऊपर के बर्तन में रखी सामग्री पहले पकती है और फिर धीरे-धीरे नीचे के बर्तन में रखी सामग्री पकती है.
अमर है आज भी इन देवी देवताओं की शक्ति
12 Jun, 2023 06:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज हम आपको वो पाँच हिन्दू देवताओं के बारे में बताएंगे जिनकी अमर शक्तियाँ हैं। हिंदू धर्म में अनेक देवताएँ मान्य हैं, लेकिन कुछ ऐसे देवता हैं जिनकी शक्तियाँ अमर हैं और वे मानवों से अलग होते हैं।
यह देवताएँ ब्रह्मा, विष्णु, शिव, देवी दुर्गा और हनुमान हैं। इन देवताओं को आप पूजते होंगे या नहीं, इसका कोई धर्मीय महत्व नहीं है, लेकिन उनकी अमर शक्तियाँ और महिमा को देखते हुए यह जानना रोचक हो सकता है।
भगवान ब्रह्मा - सृजनकर्ता: वेदों में ब्रह्मा को ब्रह्मा, प्रजापति, चतुर्मुख, विद्यापति और हिरण्यगर्भ के नामों से जाना जाता है। यह देवता हिन्दू पंथ के प्रमुख तीन देवताओं में से एक हैं, जिनकी पूजा बहुत कम होती है। इनका मुख चारों दिशाओं में मिला होता है और उनके एक ही चरण होते हैं। ब्रह्मा को विश्व का सृजनकर्ता माना जाता है और इनकी शक्ति श्रेष्ठतम है। ब्रह्मा की पूजा के साथ-साथ उनकी अर्चना भी की जाती है और इसके लिए विशेष दिन और मुहूर्त अपनाए जाते हैं। ब्रह्मा की प्रमुख शक्तियाँ श्री, सरस्वती, संसार, सर्वज्ञता और सृष्टि हैं।
भगवान विष्णु - संरक्षक: विष्णु हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं। वे अपनी अमर शक्तियों के लिए माने जाते हैं। विष्णु को पालक देवता माना जाता है और उनकी पूजा देश भर में की जाती है। विष्णु के विभिन्न अवतारों में राम, कृष्ण, नरसिंह और वामन सबसे प्रमुख हैं। इन अवतारों के द्वारा विष्णु ने अधर्म का नाश किया और धर्म की स्थापना की। विष्णु की अमर शक्तियाँ उनकी अवतारों के माध्यम से व्यक्त होती हैं और उन्हें धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णित किया गया है। विष्णु की पूजा के साथ-साथ उनकी आरती और मंत्रों का जाप भी किया जाता है।
भगवान शिव - महादेव: शिव हिन्दू धर्म के महादेव माने जाते हैं और उनकी अमर शक्तियों की पूजा की जाती है। शिव को त्रिमूर्ति में से एक माना जाता है, जिनमें वह विष्णु और ब्रह्मा के साथ संयुक्त रूप से मौजूद होते हैं। शिव की पूजा और उनके व्रत भक्तों द्वारा विशेष भक्ति के साथ की जाती है।शिव की अमर शक्तियों की बात करें तो उन्हें महादेव का अवतार माना जाता है। उनकी आदि शक्ति पर्वती है और उनके अन्य प्रमुख रूप हैं काली, दुर्गा, उमा और पार्वती। शिव के बारे में कई कथाएँ और महाकाव्य मिलते हैं, जो उनकी महिमा को दर्शाते हैं।
देवी दुर्गा - दिव्य माता: देवी दुर्गा हिन्दू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें अमर शक्तियों का प्रतीक माना जाता है। दुर्गा की पूजा व अर्चना हर्षोल्लास से की जाती है। इन्हें देवी माता के रूप में माना जाता है और उनकी विभिन्न अवतारों में उनकी शक्तियाँ प्रकट होती हैं। दुर्गा की महिमा के साथ-साथ उनकी वीरता और दिव्यता भी प्रमुख हैं। इनकी पूजा के साथ-साथ उनके चालीसा और आरती का पाठ भी किया जाता है।
भगवान हनुमान - महाबली मॉन्की गॉड: हनुमान हिन्दू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक हैं, जिन्हें अमर शक्तियों के द्वारा व्यक्त होने वाले देवता माना जाता है। हनुमान को भगवान श्री राम के भक्त के रूप में जाना जाता है, जो रामायण के मुख्य पात्र हैं। हनुमान की पूजा और उनके मंत्रों का जाप उनके भक्तों द्वारा विशेष श्रद्धा से किया जाता है।
हनुमान की अमर शक्तियों की चर्चा करें तो उनकी महाबली और महिमा प्रमुख हैं। हनुमान के कई अद्भुत कारनामे और उनकी दिव्यता की कथाएँ हिन्दू धर्म के ग्रंथों में मिलती हैं। ऊपर वर्णित देवताओं में हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण और अमर शक्तियों की चर्चा की गई है। ये देवताएं अपनी अद्भुत शक्तियों के कारण मान्यता प्राप्त हैं और उनकी पूजा और आराधना हिन्दू संप्रदाय में की जाती है। यहाँ दिए गए हैडिंग्स के माध्यम से हमने इन देवताओं की प्रमुखताएं और महत्वपूर्ण विवरण को संक्षेप में प्रस्तुत किया है। यदि आप इन देवताओं के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हिन्दू धर्म के प्रमुख ग्रंथों और कथाओं का अध्ययन कर सकते हैं।
नीम करोली बाबा के अनुसार ऐसे लोग कभी नहीं बन सकते धनवान
12 Jun, 2023 06:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नीम करोली बाबा को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि नीम करोली बाबा पर हनुमान जी की असीम कृपा थी। बाबा नीम करोली के भक्त पूरी दुनिया में हैं। बाबा नीम करोली का आश्रम उत्तराखंड के कैंची धाम में है, जहां सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग पहुंचते हैं। बाबा नीम करोली के भक्तों में देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं। मान्यता है कि कैंचीधाम एक ऐसी जगह है जहां कोई भी मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता। कैंची धाम वाले बाबा के उपदेश आज भी दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। अपने उपदेश में उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी बताया है, जो कभी भी अमीर नहीं बन सकते। चलिए जानते हैं बाबा के इस उपदेश के बारे में...
धन की बर्बादी करने वाले लोग
धन की बर्बादी करने वाले लोग कभी भी अमीर नहीं बन सकते। नीम करोली बाबा का कहना था कि कभी दिखावे के चक्कर में आकर धन की बर्बादी नहीं करनी चाहिए। जो लोग फिजूलखर्ची की जगह बचत पर ध्यान देते हैं उन पर मां लक्ष्मी हमेशा मेहरबान रहती हैं। इसलिए सोच समझकर धन खर्च करना चाहिए।
धन की सही उपयोगिता
बाबा नीम करोली के अनुसार वही व्यक्ति अमीर बना पता है जो पैसों की उपयोगिता को समझता है। धनी व्यक्ति हमेशा सोच समझ कर पैसे खर्च करता है। साथ ही नीम करोली बाबा ये भी कहते हैं कि अमीर होने का मतलब सिर्फ धन को इकट्ठा करना नहीं, बल्कि इसे सही जगह खर्च करना भी होता है। धन का उपयोग हमेशा किसी की मदद के लिए ही करना चाहिए। इससे घर में धन का आगमन बना रहता है।
इन जगहों पर खर्च करें धन
नीम करोली बाबा कहते थे कि अपने धन को समय-समय पर किसी धार्मिक कार्य पर खर्च करते रहना चाहिए। धार्मिक कार्यों में आप जितना धन खर्च करेंगे वो दोगुना मात्रा में वापस लौटेगा। वहीं जो व्यक्ति सिर्फ अपनी सुख-सुविधाओं पर धन खर्च करते हैं वो धनवान होने के बाद भी गरीब ही रहते हैं। बाबा का कहना था कि जो लोग गरीबों की मदद करते हैं, भगवान खुद उनके धन के भंडार भर देते हैं।
राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (12 जून 2023)
12 Jun, 2023 12:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेष राशि :- स्वभाव में आकस्मिक परिवर्तन ही सफलता है, व्यवसाय में उन्नति होगी।
वृष राशि :- कार्य में सफलता मिलेगी, मान-सम्मान की प्राप्ति होगी, शत्रु वर्ग का जोर होगा।
मिथुन राशि :- यह सप्ताह उत्तम फलकारक है, अधिकारियों का पूर्ण सहयोग अवश्य मिलेगा।
कर्क राशि :- नौकरी में व्यावधान हो सकता है, व्यवसाय ठीक नहीं है, भवुकता से हानि होगी।
सिंह राशि :- आनंद का अनुभव करेंगे, केतु गृह पीड़ा कारक है, काफी मतभेद अवश्य होंगे।
कन्या राशि :- मनोरंजन में अति हर्ष होगा, व्यवसाय में लाभ होगा तथा कार्य अवश्य होगा।
तुला राशि :- पारिवारिक उत्तर दायित्व की वृद्धि होगी, आमोद-प्रमोद में विरोध अवश्य होगा।
वृश्चिक राशि :- मानसिक तनाव अनावश्यक बढ़ेगा, स्वजनों की सहायता अनुभूति अवश्य होगी।
धनु राशि :- व्यवसाय की उन्नति में आर्थिक स्थिति में विशेष सुधार अवश्य होगा, ध्यान दें।
मकर राशि :- विलास सामग्री का संचय होगा, अधिकारियों की कृपा का लाभ मिलेगा।
कुंभ राशि :- इष्ट मित्रों से अच्छा सहयोग मिले तथा उत्तम लाभ के योग अवश्य बनेंगे।
मीन राशि :- गृह-कलह, हीन मनोवृत्ति, शरीर पीड़ा, परेशानी अवश्य ही बनेगी, व्यापार में व्यावधान होगा।