मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
केवल जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट
2 Sep, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में इस बार विधानसभा चुनाव युद्ध की तरह लड़ा जा रहा है। इसलिए भाजपा ने टिकट वितरण का ऐसा फॉर्मूला बनाया है जिससे दावेदारों की नींद उड़ी हुई है। इस बार पार्टी ने तय किया है कि ने नेतागिरी चलेगी, न वफादारी। इस बार केवल जिताऊ को ही टिकट दिया जाएगा। टिकट के इस फॉर्मूले ने सिंधिया समर्थकों को पसोपेस में डाल दिया है। गौरतलब है की पार्टी ने जो पहली सूची जारी की है उसमें सिंधिया समर्थक रणवीर जाटव को टिकट ने देकर इसका संकेत दे दिया है।
भाजपा की दूसरी सूची जल्द आने वाली है। ऐसे में टिकट के दावेदारों की चिंताएं बढ़ गई हैं। खासकर सिंधिया समर्थकों की दावेदारी ने पेंच फंसा दिया है। जिन सीटों पर समर्थक टिकट मांग रहे हैं, वहां पुराने भाजपा नेता सक्रिय हैं। इधर पार्टी को भी जिताऊ चेहरे की तलाश है। मप्र की सियासत में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंथिया का बड़ा कद है जिसके भरोसे वर्ष 2020 में भाजपा ने उस कांग्रेस से सत्ता छीनी थी, जिसने वर्ष 2018 में अपना 15 साल का सूखा खत्म कर सूबे की सत्ता हासिल की थी तब सिंधिया समर्थक निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के अलावा सैकड़ों समर्थकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था, किन्तु तीन साल बाद जब अगले चुनाव होने हैं, तो उससे पहले इन समर्थकों की घर वापसी ने सिंधिया के जादू पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ माह में उनके 5 बड़े वफादार अब कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं। इतना ही नहीं भिंड के गोहद से रणवीर जाटव का टिकट कटने के बाद समर्थको ने जिस तरह से खून से खत निकलकर अपनी विवशता को दर्शाया था, उससे यह लगने लगा है कि आने वाले समय में सिंधिया के कुछ और वफादार उनका साथ छोड़ सकते हैं।
दूसरी सूची भी चौकाएगी
गौरतलब है की कांग्रेस में उपेक्षा के कारण बड़ी संख्या में सिंधिया समर्थक भाजपा में शामिल हुए थे। भाजपा ने उन्हें पूरा मान-सम्मान भी दिया है। लेकिन टिकट वितरण में पार्टी किसी भी तरह की छूट देने को तैयार नहीं है। सूत्रों की मानें तो हारी हुई सीट पर प्रत्याशी तय करने बैठे भाजपा के निर्णयकर्ताओं को अपनी अनुशंसा सहित जिस सूची को दिल्ली भेजा है, उसमें कई सिंथिया समर्थकों के नाम गायब बताए जा रहे हैं। इनमें से चंबल-ग्वालियर अंचल की वे सीटें शामिल हैं, जहां पिछला उपचुनाव सिंधिया समर्थक हार गए थे। दतिया जिले की डबरा विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव हारने वाली इमरती देवी का टिकट तय माना जा रहा है, किन्तु पिछले कुछ दिनों में उन्हें लेकर जिस तरह की कंट्रोवर्सी सामने आई है, उससे संघ और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है। ऐसे में उन पर खतरा हो सकता है। हालांकि वहां भाजपा के पास इमरती देवी जैसा प्रभावी दूसरा चेहरा नहीं होना उन्हें बचा सकता है। ग्वालियर पूर्व से उपचुनाव हार चुके मुन्नालाल गोयल राज्य बीज विकास निगम के अध्यक्ष है और एक बार फिर से टिकट की दौड़ में हैं, लेकिन वहां भाजपा के पुराने नेताओं की दावेदारी ने उनका गणित बिगाड़ दिया है। यहां से पूर्व मंत्री माया सिंह भी प्रमुख दावेदार बताई जा रही है। मुरैना से चुनाव हारे पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम के अध्यक्ष रघुराज सिंह कंसाना भी टिकट के मामले में संकट में बताए जा रहे हैं। यहां पार्टी का सर्वे उन्हें जिताऊ नहीं मान रहा है। दिमनी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर मंत्री रहे गिराज दण्डोतिया को सिंधिया समर्थक होने का तोहफा सरकार ने देते हुए उर्जा विकास निगम का अध्यक्ष बना दिया था, किन्तु उन्हें 2023 में भाजपा का टिकट मिले यह अभी संशय का विषय बना हुआ है। इसी तरह करैरा से उपचुनाव हारे सिंधिया समर्थक जसवंत जाटव पशुधन कुक्कट निगम के चैयरमैन तो बन गए, लेकिन उन्हें इस चुनाव में टिकट मिलेगा यह अब तक सुनिश्चित नहीं है।
उपचुनाव हारने वालों की दावेदारी कमजोर
भाजपा सूत्रों का मानना है कि प्रदेश में हुए उपचुनाव में जिन नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है उनकी दावेदारी कमजोर है। गौरतलब है कि उपचुनाव में भाजपा ने सिंधिया समर्थकों को टिकट देकर मैदान में उतारा था। तब इन समर्थकों के लिए भाजपा के पुराने नेताओं ने अपनी कुर्बानी दी थी। इनमें से कई ऐसे नेता हैं, जिन्होंने भाजपा को अपने-अपने क्षेत्रों में खड़ा किया था, किन्तु सरकार को बहुमत में लाने के लिए इन नेताओं ने तब चुप्पी साथ ली थी, किन्तु अब ऐसी स्थिति नहीं है। उपचुनाव में सिंधिया समर्थक 6 नेताओं को हार का सामना करना पड़ा था। जिससे उनकी दावेदारी कमजोर पड़ी है और पार्टी का पूरा फोकस जिताऊ उम्मीदवार पर आकर टिक गया है। ऐसे में इन समर्थकों के साथ-साथ इस चुनाव में टिकट की आस लगाएं बैठे नेताओं की भी उम्मीदों पर पानी फिर सकता है। सिंघिया समर्थकों को टिकट पर फुल गारंटी इसलिए नहीं कही जा रही है, क्योंकि इन समर्थको को टिकट नहीं दिए जाने का क्रम शुरू हो गया है। भाजपा ने गोहद से चुनाव जीतने की संभावना वाले लालसिंह आर्य पर भरोसा जताते हुए उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया है और रणवीर सिंह का टिकट कट चुका है। हालांकि रणवीर जाटव ने खमोशी से इस निर्णय को स्वीकार भी कर लिया है, लेकिन सवाल सिंधिया समर्थकों की टिकट मिलने पर जरूर खड़ा हो गया है।
सिंधिया समर्थकों की घर वापसी ने बढ़ाई चिंता
ऐसा माना जाता है कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं होता है। इसी कहावत को चरितार्थ कर रहा है मप्र में होने वाला विधानसभा चुनाव, जिसमें कई पुराने कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता जो पार्टी छोडक़र चले गए थे, अब फिर से अपनी पुरानी पार्टी में जगह तलाश कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा चर्चा उन नेताओं की है जो 2020 में कांग्रेस छोडक़र ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भारतीय जनता पार्टी में चले गए थे। चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि सिंधिया के साथ गए कुछ नेताओं ने दोबारा कांग्रेस जॉइन कर घर वापसी कर ली है। इसका कारण तलाश करने पर बात सामने आई कि सिंधिया के साथ कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए नेताओं को अपना राजनीतिक भविष्य खतरे में नजर आ रहा था। सूत्रों की मानें तो जिस तरह से पिछले कुछ समय से सिंधिया के करीबी लोगों की कांग्रेस में घर वापसी हो रही है, उसने सिंधिया सहित उनके करीबियों को चिंता में डाल दिया है। बताया गया है कि सिंधिया ने अपने समर्थकों की पैरवी भी की है। हालांकि उन्होंने पिछले दिनों खुलकर ये कह दिया था कि टिकट वितरण में न तैरा न मेरा, सब भाजपा का हिस्सा है जानकार मान रहे है कि भाजपा अपनी पहली सूची में तकरीबन 50 से ज्यादा नाम घोषित करने वाली थी, किन्तु सिंधिया समर्थकों के टिकट को लेकर नेताओं द्वारा खुलकर मंथन नहीं हो पाने की वजह से 39 नामों को सार्वजनिक किया गया था।
भूमि पट्टा वितरण कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने दोहराया संकल्प, प्रदेश में कोई गरीब जमीन और आवास के बगैर नहीं रहेगा
2 Sep, 2023 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । सीएम शिवराज सिंह ने शनिवार को दीनदयाल रसोई योजना के तीसरे चरण का शुभारंभ किया। इसके तहत प्रदेश में 66 नए दीनदयाल रसोई केंद्रों की सौगात दी, जहां लोगों को 05 रुपये में भोजन की थाली मिलेगी। इसके अलावा प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आवासहीनों को सरकार आवास बनाने के लिए भूमि के पट्टे भी दे रही है। कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में ऐसे 38 हजार से अधिक आवासहीनों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पट्टे वितरित किए। सुबह करीब साढ़े दस बजे सीएम शिवराज कुशाभाऊ ठाकरे सभागार पहुंचे और कन्या पूजन व दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि भाजपा के आराध्य पंडित दीनदयाल उपाध्याय की एक बात मुझे हमेशा याद रहती है। वो कहते थे कि जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है। और परमात्मा कहां मिलेगा, इस बारे में कहते थे कि मैं नहीं जानता मंदिर में भगवान की आरती उतारने, पूजन करने से परमात्मा प्रसन्न होंगे या नहीं, ये भी नहीं जानता कि तीज-त्योहार पर व्रत करने या हिमालय की गुफाओं में बैठकर तपस्या करने से भगवान आपको दर्शन देंगे या नहीं, लेकिन मैं यह जरूर जानता हूं कि यदि दीन-दुखियों की सेवा कर ली, गरीबों के आंसू पोंछ दिए तो उनकी आंखों में आपको साक्षात ईश्वर के दर्शन हो जाएंगे। वो कहते थे कि दरिद्र ही नारायण है। उसकी सेवा मतलब भगवान की पूजा।
सीएम शिवराज ने कहा कि भाजपा सरकार का फोकस है गरीब कल्याण, दरिद्रों की सेवा। हम गरीबों को उनका हक दे रहे हैं। लाड़ली बहना योजना को लेकर कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि इस तरह पैसा क्यों बांट रहे हो। मैं बताना चाहता हूं कि यह पैसा बांटना नहीं, बल्कि उनका (बहनों का) हक है। धरती के संसाधनों पर सबका हक है। जिनके पास है, वो उससे धन कमाते हैं। लेकिन अधिकार तो उनका भी है, जिनके पास नहीं है। उनका हक उन्हें देने के लिए गरीबों के कल्याण की योजना चला रहे हैं। यही सही अर्थों में सामाजिक न्याय है।
शिवराज ने कहा कि भाजपा की सरकार हर कदम पर विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने अपने इस संकल्प को दोहराया कि प्रदेश में कोई भी गरीब जमीन या आवास के बगैर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि गांवों में हमने मुख्यमंत्री भू-आवासअधिकार योजना बनाई है, जिसके तहत आवासहीनों को पट्टे बांटे जा रहे हैं। इसके अलावा शहर में भी कोई भी गरीब बगैर जमीन के नहीं रहेगा और यदि जमीन नहीं रही, तो भी मकान तो बनाएंगे। इससे पहले नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि दीनदयाल रसोई योजना के तीसरे चरण में 66 नगर पालिकाओं में स्थाई रसोई केंद्रों का शुभारंभ किया जा रहा है। इन्हें मिलाकर अब प्रदेश में 166 दीनदयाल स्थायी रसोई केंद्र हो गए हैं, जहां पर पांच रुपये में भोजन मिलेगा।कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीर प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल की महापौर मालती राय, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी भी मौजूद रहे।
एरिना के रिटेल चेन ने 6 साल पूरे किए
2 Sep, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनी मारुति सुजुकी एरिना के रिटेल चेन ने 6 साल पूरे कर लिए हैं।मारुति सुजुकी कंपनी ने 2017 में इस नेटवर्क को शुरु किया था। देशभर में एरिना के 2,853 आउटलेट्स हैं। कंपनी ने एफवाय 2023-24 में कुल 68प्रतिशत एरिना मॉडल्स सेल किए हैं। मारुति सुजुकी के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, विपणन और बिक्री, शशांक श्रीवास्तव, ब्रांड की सफलता में एरेना के योगदान पर प्रकाश डालते हैं। वित्त वर्ष 23-24 से जुलाई 23 तक 29प्रतिशत से अधिक की स्टैंडअलोन बाजार हिस्सेदारी के साथ, एरेना के 9 उत्पादों के पोर्टफोलियो ने मारुति सुजुकी की कुल बिक्री में 68प्रतिशत का योगदान दिया है।बता दें कि एरिना लाइनअप में ऑल्टो के10, एस-प्रेसो, सेलेरियो, वैगन आर, ईको, स्विफ्ट, डिजायर, अर्टिगा और ब्रेज़ा शामिल हैं। कंपनी के अनुसार हर महीने लगभग इनके 10000 यूनिट्स की सेल होती है।
चीतों की शिफ्टिंग का फ्यूचर प्लान तैयार
2 Sep, 2023 11:06 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वन्य जीव वैज्ञानिकों ने अध्ययन में नौरादेही अभयारण को पाया बेहतर
भोपाल । मप्र में चीतों की शिफ्टिंग का फ्यूचर प्लान तैयार कर लिया गया है। प्रदेश के सागर जिले की रहली तहसील स्थित नौरादेही वन्य-जीव अभयारण्य को राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्य-जीव संस्थान द्वारा अपने वैज्ञानिक अध्ययन के बाद भविष्य में चीतों के लिये उपयुक्त क्षेत्र माना है। इस संबंध में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव को पत्र लिख कर अवगत कराया है। 23 जून 2023 को लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर नौरादेही अभयारण्य को चीता पुनस्र्थापना के लिये चयनित किये जाने का अनुरोध किया था। इस पर मंत्री यादव ने बताया है कि, भविष्य में चीता एक्शन प्लान के तहत चीता का प्रमोचन भविष्य में नौरादेही वन्य-जीव अभयारण्य में किया जा सकता है। वहीं पत्र के बाद केन्द्रीय एजेंसियों ने नौरादेही अभयारण्य का अध्ययन कर शिफ्टिंग की सहमति दी है।
10 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर 200 से अधिक विधानसभा से गुजरेगी जन आशीर्वाद यात्रा
2 Sep, 2023 10:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी द्वारा मध्यप्रदेश में पांच स्थानों से जन आशीर्वाद यात्राएं निकाली जा रही हैं। इन यात्राओं के रथों को पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी, केन्द्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी श्री भूपेन्द्र यादव, केन्द्रीय मंत्री व चुनाव प्रबंधन समिति के प्रदेश संयोजक नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री व प्रदेश सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद 2 सितंबर शनिवार की सुबह 11 बजे हरी झंडी दिखाकर प्रदेश कार्यालय भोपाल से रवाना करेंगे।
सरकार से जुड़े लोगों की मानें और हाल-फिलहाल में जिस प्रकार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरा मोर्चा संभाला हुआ है, उससे तो यह पक्का लगता है कि भाजपा अब हर घर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की डबल इंजन सरकार की योजनाओं लेकर जाएगी। तय माना जा रह है कि डबल इंजान को लेकर कल्याणकारी योजनाएं पहुंचाने का खाका 10 हजार किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा के जरिए बनाया गया है।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा 3 सितम्बर से प्रदेश में जन आशीर्वाद यात्राओं का शुभारंभ किया जा रहा है। इन यात्राओं के माध्यम से पार्टी के वरिष्ठ नेता जनता से आगामी चुनावों के लिए समर्थन एवं आशीर्वाद मांगेंगे। यात्राओं के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए जन आशीर्वाद रथों का प्रयोग किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेतागण शनिवार सुबह 11 बजे बजे रथों को हरी झंडी दिखाकर प्रदेश कार्यालय से गंतव्य के लिए रवाना करेंगे।
प्रदेश भर में निकलने वाली पांच यात्राएं प्रदेश के 230 में से 210 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी और 10,643 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इसका समापन 25 सितंबर को होगा। माना जा रहा है इस यात्रा के बाद विशाल सभा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित कर सकते हैं। इसके साथ ही भाजपा का प्रचार अभियान भी चरम पर पहुंच जाएगा।
खराब परफॉर्मेंस वाले विधायकों का कटेगा टिकट
2 Sep, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद अब कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर से आयोजित की गई है। इसमें प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगने के बाद पार्टी प्रदेश की आधे से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन विधायकों की परफॉर्मेंस खराब होगी उनका टिकट कटना तय है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के 95 में से 70-75 विधायकों को टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि चुनाव समिति ने लगभग 100 सीटों पर नामों पर सहमति बना ली गई है। सूत्रों की माने तो इनमें अधिकांश पार्टी के मौजूदा विधायकों के नाम है। सूत्रों की माने तो सूची में 15-20 मौजूदा विधायकों के स्थान पर नए चेहरों के नाम शामिल किए गए है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में 100 विधानसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बनाएं जाने की खबर है। समिति ने अपने अंदरुनी सर्वे और दिल्ली द्वारा कराएं गए सर्वे के आधार पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर सहमति जताई है। समिति ने तय किया है कि लगभग 60 नामों की सूची जल्द घोषित कर दी जाए और जहां विधायकों के टिकट बदलने है, वहां उन्हें भरोसे में लेकर आगे निर्णय लिया जाए। इसके अलावा समिति ने उन विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी अपने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन किया, जहां पार्टी पिछले चुनाव में काफी कम मतों के अंतर चुनाव हारी थी। खबर है कि इनमें से कुछ क्षेत्रों के लिए भी नामों की घोषणा पहली सूची में कर दी जाएगी।
पहली सूची जल्द
माना जा रहा है कि पार्टी जीती हुई विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों का जल्द एलान कर देगी। सूत्रों का दावा है कि एक दर्जन विधायक इस बार टिकट से वंचित हो सकते हैं। पिछले दो माह से जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में जुटी प्रदेश कांग्रेस अब अंतिम फैसले की ओर है। नए प्रदेश प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के चैयरमैन भंवर जितेन्द्र सिंह 2 सितम्बर से भोपाल में कैंप लगाने वाले हैं। ये नेता लगातार पांच दिन भोपाल में रहकर चुनावी रणनीति के साथ-साथ प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लगा सकते हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की मानें तो भोपाल में बैठक के बाद सूची हाई कमान के पास भेजी जाएगी। वर्मा का कहना है कि पहली सूची 6 या 7 सितंबर को जारी की जा सकती है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि किसी कारणवश यदि इन तारीखों में सूची जारी नहीं होती है, तो इस माह गणेश चतुर्थी से पहले जीती हुई 50 सीटों पर प्रत्याशी सार्वजनिक हो जाएंगे। कांग्रेस के जानकार मान रहे हैं कि विधायकों वाले क्षेत्रों में प्रत्याशियों के बारे में फैसला होने के बाद कांग्रेस उस सूची पर विचार करेगी, जहां पिछले चुनाव में पार्टी काफी कम वोटों के अंतर से हारी हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाली सीटों पर उम्मीदवारों का चयन होगा। कांग्रेस में उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहली सूची में जीती हुई उन सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम होंगे, जहां ज्यादा दावेदार नहीं हैं और क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों की स्थिति भी बेहतर है। जीती हुई सीटों में जिन विधायकों को इस बार टिकट नहीं देने हैं, उनके नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो एक दर्जन विधायक के टिकट खतरे में हैं। बताया गया है कि तकरीबन तीन महीने पहले कांग्रेस ने अपने 18 विधायकों के नाम लाल घेरे में किए थे और उन विधायकों से साफ तौर पर कह दिया गया कि समय रहते क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारें, नहीं तो टिकट से वंचित होना पड़ेगा। बताया गया है कि इनमें से कुछ विधायकों की स्थिति पहले से बेहतर है और पार्टी के सर्वे में उन्हें जीतने वाला चेहरा बताया जा रहा है, किन्तु अभी भी 12 से ज्यादा ऐसे विधायक हैं, जिनके क्षेत्र में अब जीतने वाला प्रभाव नहीं बचा है, ऐसे में इन विधायकों के स्थान पर वहां नया चेहरा उतारने की तैयारी की जा रही है।
पहली सूची में 50 नाम
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अपनी पहली सूची में 50 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। इनमें तराना, घटिया, खाचरोद, सोनकच्छ, राऊ, छिंदवाड़ा जिले की सभी सातों विधानसभा सीट, पिछोर, भोपाल उत्तर, राघोगढ़, खिलचीपुर, भोपाल मध्य, महेश्वर, कसरावद, बिछिया, डबरा, पेटलावद, कुक्षी, धरमपुरी, झाबुआ, जबलपुर पूर्व, बरगी, चित्रकूट, छतरपुर, बंडा, चाचौड़ा, गोहद, चंदेरी, सबलगढ़, शाहपुरा, गोटेगांव, अलीराजपुर, झाबुआ आदि शामिल हैं।
टिकट के 4 हजार दावेदार
पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रदेश की 230 सीटों के लिए करीब 4 हजार दावेदार हैं। यानी 17 गुना से अधिक। अधिकांश सीटों पर 12 से ज्यादा नाम है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों को हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया जैसी सीटों पर 20 से ज्यादा चुनाव लडऩे वालों के आवेदन मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने रणनीति बनाई है कि तीन चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रत्येक सीट पर नामों को शार्ट आउट कर फाइनल करने लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर को होगी। इस में कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह और इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होने भोपाल आ रहे हैं। बैठक दिल्ली में भी हो सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी पहले उन 66 सीटों के नाम फाइनल करेगी जिनमें कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में हार रही है। इस बैठक में प्रत्येक सीट पर एक नाम तय कर पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिए जाएंगे, जिससे सितंबर के पहले सप्ताह में पहली सूची जारी की जा सके। सभी टिकटों को सितंबर अंत तक फाइनल कर दिया जाएगा।
ममता जी हिंदुत्व की भावनाओं को खंडित करने के काम में लगी हैं
2 Sep, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ममता बनर्जी के तिलक न लगवाने पर छिड़ा विवाद, नरोत्तम मिश्रा ने कहा
भोपाल । मुंबई में गुरुवार को विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की तीसरी बैठक में शिरकत करने पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा होटल परिसर में सभी मेहमानों को लगाए जा रहे तिलक से इंकार करने पर विवाद उठ खड़ा हुआ है। खासकर भाजपा के नेता इस मुद्दे पर ममता के खिलाफ हमलावर हैं। इस विवाद में मप्र के गृहमंत्री और भाजपा नेता डा. नरोत्तम मिश्रा भी कूद पड़े हैं। उन्होंने ममता पर तंज कसते हुए इसे उनकी तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है।
नरोत्तम ने शुक्रवार सुबह मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा- ममता जी सत्ता का तिलक लगाने को आतुर हैं इसलिए तुष्टीकरण की राजनीति की तरफ हैं। हिंदुत्व का प्रतीक है तिलक। ममता जी हिंदुत्व की भावनाओं को खंडित करने के काम में लगी हैं। नरोत्तम ने यहां तक कहा कि लाखों तिलकधारियों का खून बहाने वाली ममता जी को स्वाभाविक है कि तिलक लगाने में दिक्कत आएगी। वे उस राज्य की मुख्यमंत्री हैं, जो दुर्गापूजा के नाम पर जाना जाता है। इस पर देश के लोगों को विचार करना चाहिए।
कांग्रेस दफ्तर में सुंदरकांड पाठ पर भी कसा तंज
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मोदीजी के आने का एक परिणाम यह भी है कि कभी कांग्रेस कार्यालय में बकरे बंधा करते थे, आज वहां सुंदरकांड का पाठ हो रहा है। चचाजान दिग्विजय सिंह और चलो-चलो करने वाले कमल नाथ राखी बंधवा रहे हैं।
लाड़ली बहना योजना ने बनाया मध्य्रपदेश में भाजपा सरकार का रोडमैप
2 Sep, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवराज के चेहरे पर बढ़ाया भरोसा
भोपाल। मध्यप्रदेश की एक सभा, एक लाख के करीब महिलाएं और पंडाल से एक सुर में आवाज गूंज रही -मेरे भैया। यानी शिवराज भैया, लाड़ली बहनों के भैया। भांजियों के मामाजी। मेरे भैया की ये गूंज अगली बार फिर शिवराज सरकार की दस्तक देती दिखाई दे रही है।लाड़ली बहना योजना मध्यप्रदेश में फिर भाजपा सरकार की वापसी का रोडमैप तैयार करती दिख रही है। प्रदेश में लगभग 5 करोड़ 40 लाख मतदाता हैं। लाड़ली बहनों की पंजीकृत संख्या करीब एक करोड़ 25 लाख है, और लगभग सभी मतदाता है। यानी कुल मतदाताओं का 25 फीसदी। ये 25 फीसदी शिवराज सरकार को अगले चुनाव में 150 से ज्यादा सीटें दिलवा सकती हैं।
लाड़ली बहना के सामने कांग्रेस की नारी सम्मान योजना है। भाजपा के एक हजार रूपए (अब 1250) कांग्रेस ने 1500 रुपये का ऐलान किया। है। बावजूद इसके जनता के बीच उसकी चर्चा ज्यादा है। इस बारे में राजनीतिक विश्लेषकों कहना है कि जनता चेहरे पर भरोसा करती है।,कागज़ी पुर्जों पर नहीं। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान वो चेहरा बन चुके हैं जिनपर जनता खासकर आर्थिक कमजोर और महिला वर्ग को बेहद भरोसा है। वे उन्हें वादा निभाने वाले अपने बीच के आदमी लगते हैं, जबकि कांग्रेस के कमलनाथ का सीधे जनता से कोई जुड़ाव नहीं है। वे एक उद्योगपति की छवि में कैद हैं। ऐसे में लाड़ली बहना के करीब एक करोड़ वोट शिवराज के चेहरे को मिलने की सम्भावना ज्यादा है। कांग्रेस की नारी सम्मान योजना कही भी इस दौड़ में नहीं दिखती।
‘लाड़ली बहना’ से शिवराज की वापसी का गणित
मध्य्रपदेश में जिस तरह से लाड़ली बहना योजना का रेस्पोंस है, उसने कांग्रेस की पूरी रणनीति को बैकफुट पर कर दिया है। लाड़ली बहना का मतदान से गणित यह है कि कुल एक करोड़ 25 लाख लाड़ली बहना का पंजीयन, इन्हे अब 1250 रुपये प्रतिमाह मिल रहे। एक करोड़ 25 लाख मे से आधे वोट भी यदि भाजपा को मिलते हैं तो ये होंगे करीब 50 लाख वोट। पचास लाख वोट यानी कुल मतदाताओं का करीब दस फीसदी। इस पचास लाख वोट यदि पिछले चुनाव के वोटिंग ट्रेंड्स 70 फीसदी मतदान से देखें तो ये आंकड़ा कुल मतदान का करीब 15 फीसदी होगा। मध्यप्रदेश में भाजपा कांग्रेस के बीच वोट परसेंटेज का अंतर एक से तीन फीसदी ही अब तक रहा है। ऐसे में 15 फीसदी वोट की बढ़त मध्य्रपदेश में सरकार की करीब तीस से पैंतीस फीसदी सीट में इजाफा करेगी।
लाड़ली बहना बनी सरकार के प्रचारक
इस योजना को बारीकी से देखेंगे तो ये सिर्फ सवा करोड़ महिलाओं के वोट का मामला नहीं है। ये महिलायें धीरे-धीरे करके मध्यप्रदेश भाजपा और ‘अपने भैया शिवराज ‘ की प्रचारक बन गई हैं। ये महिलाएं अपने परिवार और मिलने जुलने वालों से भी भाजपा को वोट देने और उसकी नीतियों की तारीफ़ कर रही हैं। करीब एक फीसदी का अंतर प्रचार भी करेगा।
परिवार साथ आया तो 170 सीटें भी संभव
लाड़ली बहना योजना से लाभान्वित [परिवार भी शिवराज और भाजपा को वोट देने का मन बनाता दिख रहा हैं। यानी एक लाड़ली बहना से करीब तीन वोट जुड़े हैं। यदि ये होता है तो भाजपा को 170 सीटें भी मिल सकती है।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ जन-प्रतिनिधियों ने लगाए पौधे
1 Sep, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में नीम, मौलश्री और गुलमोहर के पौधे रोपे। इस अवसर पर महापौर मालती राय और पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ बालिका वैभवी झा ने अपने जन्म दिवस पर पौध रोपण किया। कृष्ण मोहन झा, अभिषेक सिंह, डॉ. मंजू मेहता और मिहिर कुमार ने भी पौध रोपण किया। मुख्यमंत्री चौहान के साथ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स जिला गुना के राजेश अग्रवाल, अमित सोगानी, रविन्द्र जैन तथा अभिजीत गोयल पौध-रोपण में शामिल हुए। मुख्यमत्री चौहान के साथ पार्षद आरती अनेजा तथा उनके परिजन व जन-प्रतिनिधि अमित शर्मा, देवांश शर्मा, अशुतोष पांडे, प्रत्यांश त्रिपाठी, मालती त्रिपाठी पौध रोपण में शामिल हुईं। मुख्यमंत्री चौहान के साथ सनातनी युवा वाहनी की सदस्यों ने भी पौधे लगाए।
मंत्रालय में हुआ राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान "जन-गण-मन" का सामूहिक गायन
1 Sep, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : सितंबर माह के प्रथम शासकीय कार्य दिवस पर आज मंत्रालय स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में राष्ट्र-गीत "वंदे-मातरम" एवं राष्ट्र-गान "जन-गण-मन" का सामूहिक गायन हुआ। इस अवसर पर पुलिस बैंड ने देशभक्ति से ओतप्रोत सुमधुर धुनें प्रस्तुत की। सामूहिक गायन में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार, जे एन कंसोटिया, राजेश राजौरा, अशोक बर्णवाल, एस एन मिश्र, मलय श्रीवास्तव, अजीत केसरी, के सी गुप्ता एवं प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई सहित मंत्रालय, सतपुड़ा और विंध्याचल भवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
राज्यपाल पटेल से ब्रिटिश उप उच्चायुक्त स्कॉट की सौजन्य भेंट
1 Sep, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल से ब्रिटिश उप उच्चायुक्त क्रिस्टीना स्कॉट ने आज राजभवन में सौजन्य भेंट की। राज्यपाल पटेल को ब्रिटिश सरकार के फॉरेन कॉमनवेल्थ एन्ड डेव्हलपमेंट ऑफिस द्वारा संचालित इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर क्लाइमेट रीसिलिएन्ट ग्रोथ प्रोग्राम की जानकारी दी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर क्लाइमेट रीसिलिएन्ट ग्रोथ प्रोग्राम से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय स्टेक होल्डर्स मौजूद थे।
मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर ग्रोथ प्रोग्राम पोर्टफोलियो अंतर्गत परिषद द्वारा इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एनवायरनमेंट एन्ड डेव्हलपमेंट के सहयोग से जलवायु सूचना सेवा टूल क्रिस्प-एम डिजाईन किया गया है। क्रिस्प-एम टूल केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ब्रिटिश सरकार के फॉरेन कॉमनवेल्थ एन्ड डेव्हलपमेंट ऑफिस के सहयोग से जलवायु परिवर्तन की संभावित चुनौतियों का सामना करने में ग्रामीण समुदायों को आवश्यक सहायता देने के लिए विकसित किया गया है। मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जहाँ रायसेन और सीहोर जिलों में इसका पायलेट प्रोजेक्ट अक्टूबर 2021 में लाँच किया गया था। क्रिस्प-एम टूल ग्रामीण परिवारों को स्थानीय जलवायु डेटा को प्राप्त, साझा करने की सुविधा के साथ ही जलवायु संकट का सामना करने में मदद करता हैं। उनकी आजीविका की सुरक्षा के लिए संसाधनों तक पहुँचने की सुविधा प्रदान करता है। समुदायों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में जानकारी देकर भविष्य के जलवायु परिदृश्य, भूमि के भू-जल की स्थिति, सतही वर्षा जल प्रवाह और वर्षा पेटर्न आदि के विषय में जागरूक कर जल-संरक्षण की दीर्घकालीन योजना निर्माण में सहायता करता है। पायलट प्रोजेक्ट में टूल की व्यापक उपयोगिता और स्वीकार्यता के दृष्टिगत जन-साधारण के लिये टूल का वैश्विक संस्करण इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एन्वायरमेंट एण्ड डेव्हलपमेंट के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी हितधारक द्वारा सार्वभौमिक रूप से उपयोग किया जा सकता है।
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एन्वायरमेंट एण्ड डेव्हलपमेंट की टीम लीडर और मुख्य शोधकर्ता ऋतु भारद्वाज ने बताया कि फील्ड स्तर पर कार्यरत सरकारी पदाधिकारियों और समुदायों को टूल की उपयोगिता के बारे में आवश्यक जानकारी देने और उनकी क्षमता को बढ़ाने के लिए मैपकॉस्ट में संसाधन केन्द्र की स्थापना की गई है। यह केन्द्र क्रिस्प-एम टूल के उपयोग के द्वारा भविष्य में जलवायु प्रभावों के बेहतर प्रबंधन में सहयोगी होगा।
अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए तैयार पर नहीं मिल रही पदस्थापना
1 Sep, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश के आइएएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में जाने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी, दीपाली रस्तोगी और करलिन खोंगवार देशमुख को अनुमति भी दे चुके हैं लेकिन अब तक तीनों को पदस्थापना नहीं मिली है। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे के त्यागपत्र को स्वीकार करने को लेकर आठ सितंबर को निर्णय हो सकता है। हाई कोर्ट ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस मामले में निर्णय लेने के लिए कहा है। बांगरे छतरपुर के लवकुश नगर के अनुविभागीय अधिकारी पद पर पदस्थ थीं। पदस्थापना का निर्णय केंद्र सरकार के स्तर पर होना है। जैसे ही इनके लिए पद चिह्नित हो जांएगे, तीनों की सेवाएं प्रतिनियुक्ति पर सौंप दी जाएंगी। माना जा रहा है कि 15 सितंबर तक इसके आदेश हो सकते हैं।
विपिन माहेश्वरी को किया पदोन्नत, विशेष महानिदेशक एसटीएफ होंगे
1 Sep, 2023 06:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । 1990 बैच के महानिदेशक एसडब्ल्यू नकवी के सेवानिवृत्त होने पर अतिरिक्त महानिदेशक विपिन माहेश्वरी को महानिदेशक पद पर पदोन्नत किया गया है। पदोन्नति के साथ नवीन पदस्थापना के आदेश जारी विशेष पुलिस महानिदेशक दूरसंचार का अतिरिक्त प्रभार मध्य प्रदेश गृह विभाग के अनुसार इसके साथ ही विपिन माहेश्वरी को विशेष पुलिस महानिदेशक दूरसंचार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उल्लेखनीय है कि विपिन माहेश्वरी नवंबर में सेवानिवृत्त होंगे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक अवस्थी की पदोन्नति होगी इसके बाद 1990 बैच के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक अवस्थी को पदोन्नत किया जाएगा। जानकारी के अनुसार वे जुलाई 2024 में सेवानिवृत्त होंगे। उल्लेखनीय है कि विपिन माहेश्वरी मध्य प्रदेश पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निर्वहन कर चुके हैं।
विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे सांसद गुमान सिंह डामोर
1 Sep, 2023 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । रतलाम-झाबुआ सांसद गुमानसिंह डामोर ने विधानसभा चुनाव लडऩे की अटकलो पर विराम लगाते हुए लोकसभा चुनाव ही लडऩे की इच्छा जाहिर की है। सैलाना विधानसभा क्षेत्र में सांसद निधि से टैंकर वितरण कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे गुमान सिंह डामोर ने पत्रकारों से चर्चा में सैलाना रतलाम ग्रामीण और पेटलावद विधानसभा से चुनाव लडऩे की संभावनाओं को नकारते हुए कहा की वे विधानसभा चुनाव लडऩे के इच्छुक नहीं है । उनकी तैयारी लोकसभा चुनाव को लेकर है।
दरअसल रतलाम झाबुआ से सांसद गुमान सिंह डामोर के रतलाम ग्रामीण और सैलाना विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता को देखते हुए यह अटकलें लगाई जा रही थी कि वह सैलाना,रतलाम ग्रामीण, और पेटलावद विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। लेकिन अब सांसद गुमान सिंह डामोर ने इस मामले पर बयान देकर अटकलें पर विराम लगा दिया है। सांसद गुमानसिंह डामोर ने कहा की भोपाल में भी मुझसे पूछा गया था तब मेने कहा था की में सांसद हूँ।मेरे पास आठ विधायक है। ऐसी स्तिथि में विधानसभा चुनाव लडऩे की मेरी कोई आकांक्षा नही है। मैं लोकसभा में ही ठीक हुँ और मेरी तैयारी भी लोकसभा चुनाव को लेकर ही चल रही है।
सिंतबर में नहीं तरसाएगा मानसून
1 Sep, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2 से 8 तारीख तक होगी झमाझम बारिश
भोपाल । मानसून ब्रेक के चलते बुधवार को राजस्थान की गर्म हवा ने दस्तक दे दी, जिससे शहर में गर्मी और बढ़ गई। इससे दिन में गर्मी की चुभन भी बढ़ी। सावन के महीने में चैत्र जैसे मौसम का अहसास हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन गर्मी से राहत की संभावना नहीं है। सुबह से शहर में राजस्थान की गर्म हवा तीन से पांच किमी प्रतिघंटा की गति से शुरू हो गई थी। इस हवा ने पूरी नमी सोख ली, जिससे आसमान साफ रहा। आसमान साफ होने से सूरज की तल्खी पढ़ गई। दोपहर में गर्मी बढऩे से एसी व कूलर चलाने पड़े। गर्मी के कारण टंकी का पानी भी गर्म होने लगा है। रक्षा बंधन की छुट्टी होने से सडक़ों पर लोगों की संख्या कम रही।
एक ट्रफ और सक्रिय
मानसून ट्रफ लाइन का पूर्वी व पश्चिमी हिस्सा हिमालय की तराई होते हुए गुजर रहा है, लेकिन एक अन्य ट्रफ बंगाल की खाड़ी से बिहार तक सक्रिय है। यह ट्रफ पश्चिमी हिस्से तक नहीं आ रही है। इस कारण नमी नहीं आ रही है। मध्य प्रदेश के मध्य में चक्रवातीय घेरा बना है, लेकिन हवा में नमी नहीं होने से बारिश की संभावना कम है। नमी नहीं आ रही है। राजस्थान की हवाओं की वजह से नमी में और कमी आ गई है। इसलिए बादल भी नहीं छा पा रहे हैं। मानसून सीजन के जुलाई और अगस्त दोनों महीने सबसे ज्यादा बारिश के होते हैं। इन दोनों महीनों में ही जरूरत से बहुत कम बारिश हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मानसून की निष्क्रियता के चलते बारिश कराने वाले कोई स्ट्रांग सिस्टम नहीं बने। बहुत कम बारिश की यही खास वजह है।
महीने भर में सिर्फ 6 दिन हुई थोड़ी तेज बारिश
पूरे महीने में सिर्फ 6 दिन ही थोड़ी तेज बारिश हुई। 3 तारीख को 10.2, 4 को 15.2, 18 को 16.7, 19 को 36.5 और 20 को 16.0 मिमी बारिश हुई थी। एक भी दिन भारी बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के मुताबिक 64.5 मिमी से 114.5 मिमी को भारी बारिश माना जाता है।