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साढ़े 7 साल बाद मिला वायुसेना के विमान का मलबा
13 Jan, 2024 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । वायुसेना के एक ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का मलबा करीब साढ़े 7 साल बाद बंगाल की खाड़ी में मिला है। इसे समुद्र में करीब 3.4 किलोमीटर की गहराई में ढूंढ लिया गया है। भारतीय वायुसेना का एएन-32 विमान साल 2016 में एक मिशन के दौरान लापता हो गया था। उसमें 29 लोग सवार थे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओसीयन टेक्नोलॉजी ने एक ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल से कुछ तस्वीरें कैप्चर की थीं। इसकी जांच के बाद पता चला है कि चेन्नई के समुद्री तट से करीब 310 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में कुछ मलबा मिला है, जो वायुसेना के एएन-32 विमान का है।
इंजीनियरिंग का कमाल है अटल सेतू; समुद्र में 17 किमी का 6 लेन हाइवे, प्रधानमंत्री आज उद्घाटन करेंगे
12 Jan, 2024 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई ट्रांसहार्बर लिंक (अटल सेतु) जिसका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में शिलान्यास किया था वह अटल सेतु अब बन कर तैयार हो गया है। इंजीनियरिंग का यह कमाल भारत के विकास के इतिहास में एक मील का पत्थर है। प्रधानमंत्री मोदी आज इस पुल का उद्घाटन दोपहर में करीब 3.30 बजे कर रहे हैैं। 17,840 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया यह पुल 21.8 किलोमीटर लंबा है और इस पुल पर 6 लेन में ट्रेफिक चलेगा। 21.8 किमी लंबे इस पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र पर बनाया गया है जबकि 5.5 किमी जमीन पर तैयार हुआ है। इस पुल के निर्माण से मुंबई और नवी मुंबई के जिस सफर में 2 घंटे का समय लगता वह अब केवल 20 मिनट में पूर हो जायेगा। भारत के पुलों के इतिहास की बात करें तो अटल सेतु भारत का सबसे लंबा पुल होगा जो कि देश में सबसे लंबा समुद्री पुल भी है। यह पुल मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ेगा। इसके अतिरिक्त मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों को कम समय में यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा यह मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच भी कनेक्टिविटी बनाएगा। अटल सेतु 1,77,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट के इस्तेमाल से तैयार हुआ है। इस पुल की लागत 18,000 करोड़ रुपये बतायी जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस पुल पर से 70,000 वाहन गुजरेंगे। इस पुल को 100 वर्ष के इस्तेमाल किये जाने के लिये तैयार किया गया है। अटल सेतु पर वाहनों की गति को 100 प्रति घंटा चलाने की अनुमति दी गई है। लेकिन इस पुल पर बाइक, आटो रिक्शा, ट्रेक्टर और भारी वाहन को चलने की अनुमति नहीं होगी। सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो इस पुल को मानसून के मौसम में तेज गति की हवाईओं का सामना करने के लिये विशेष रूप से लाइटिंग पोल बनाए गये है बिजली से होने वाली क्षति के लिये भी लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम से इस पुल को लैस किया गया है।
कोरोना से दिसंबर में 10 हजार मौतें
12 Jan, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। कोरोना से दिसंबर 2023 में 10 हजार लोगों की मौत हुई। ये जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दी। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पिछले महीने क्रिसमस और नए साल के सेलिब्रेशन की वजह से कोरोना को फैलने का मौका मिला। फिलहाल कोरोना का जेएन.1 वैरिएंट पूरी दुनिया में फैल रहा है। हालांकि, कोरोना अभी ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है इसके बावजूद ये रूप बदलकर लोगों की जान ले रहा है। 10 हजार लोगों की मौत के अलावा कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की तादाद नवंबर की तुलना में 42 प्रतिशत तक बढ़ी।
पासपोर्ट रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर
12 Jan, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दुनिया में 6 देशों के पास सबसे पावरफुल पासपोर्ट है। इनमें जापान, सिंगापुर, स्पेन, फ्रांस, इटली और जर्मनी शामिल हैं। पासपोर्ट रैंकिंग जारी करने वाले ऑर्गेनाइजेशन हेनली एंड पार्टनर्स ने 2024 के लिए पासपोर्ट इंडेक्स जारी किया है। ये रैंकिंग इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के डेटा पर आधारित है। रैंकिंग में भारत 80वें स्थान पर कायम है। 2023 में भी भारत की यही रैंक थी। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल भारतीय 5 ज्यादा देशों में वीजा फ्री ट्रैवल कर सकते हैं। 2023 में भारत के लोग 57 देशों में बिना वीजा ट्रैवल कर सकते थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा बढक़र 62 हो गया है।
100 अमृत भारत ट्रेन चलाएगी केंद्र सरकार
12 Jan, 2024 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । मोदी सरकार कामगारों और श्रमिकों को ध्यान में रखते हुए देश में एक साथ 100 अमृत भारत ट्रेनें चलाने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत भारतीय रेलवे के सभी कारखानें 200 रेल इंजन और 2200 कोच तैयार करने में लगे हुए हैं। मोदी सरकार इन ट्रेनों के सभी कोच का निर्माण एलएचबी तकनीक से किया जा रहा है। जिससे किसी भी दुर्घटना के दौरान यह कोच एक दूसरे पर नहीं चढ़ेंगे। इसके अलावा इनमें झटके भी कम लगेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या से चलने वाली पहली अमृत भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी।
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन का किराया आम मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से 15 फीसदी ज्यादा होगा। हालांकि यह ट्रेन अन्य ट्रेनों के मुकाबले बहुत ही सुविधायुक्त होगी। यात्रियों को यात्रा में काफी आराम मिलेगा।
ट्रेनों के लिए हो रहा है मार्ग का चयन
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया है कि 100 ट्रेनों के लिए रेलवे मार्ग का चयन किया जा रहा है। देश के प्रमुख रेलमार्गों पर यह ट्रेनें चलाई जाएंगी। अभी दरभंगा से आनंद विहार तक पहली ट्रेन चलाई गई है। यह अयोध्या होते हुए संचालित हो रही है। दूसरी ट्रेन का संचालन मालदाटाउन से बेंगलुरू के बीच किया जा रहा है।
पुश-पुल तकनीक से चलेगी ट्रेन
वंदेभारत की तरह अमृतभारत ट्रेन पुश-पुल तकनीक से चलेगी। इसमें दोनों तरफ ही इंजन रहेंगे। इसमें आगे का इंजन ट्रेन का संचालित करता है और पीछे का इंजन ट्रेन को पुश करता है। इस तकनीक से ट्रेन तेजी से गति पकड़ लेती है। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रतिघंटा के गति से चल सकती है। इसे सेमीबुलेट ट्रेन कहना गलत नहीं होगा।
अमृत भारत की एक ट्रेन में होंगे 22 कोच
भारतीय रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अमृत भारत ट्रेन के सभी ट्रेनों में 22 कोच का रैक रहेगा। एक इंजन आगे और एक इंजन पीछे लगने के बाद यह 24 कोच की ट्रेन हो जाएगी। इस समय पूरे देश में 24 कोच की लंबी ट्रेन ज्यादातर चलाई जा रही हैं। इसी आधार पर देश में अब प्लेटफार्म भी बनाए जा रहे हैं। लंबी ट्रेनों के संचालन से ज्यादा से ज्यादा लोगों को गंतव्य पहुंचाने में मदद मिल रही है।
वंदेभारत बनाने वाली फैक्ट्री में बन रहा इंजन
वंदेभारत ट्रेन बनाने वाली इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चैन्नई ही इस ट्रेन के लिए भी इंजन तैयार कर रही है। या यूं कहें कि जो इंजन वंदभारत एक्सप्रेस ट्रेन में लगा है अब वही अमृत भारत एक्सप्रेस में लगाया जाएगा। इसके अलावा रेल कोच फैक्ट्री और चितरंजन लोकोमोटिव वकर्स पश्चिम बंगाल में भी इंजन और कोच तैयार किए जा रहे हैं।
पीएम मोदी आज करेंगे अटल सेतु का उद्घाटन
12 Jan, 2024 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई। देश का सबसे लंबे समुद्री ब्रिज पर वाहनों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। मुंबई पुलिस ने बुधवार को बताया कि फोर-व्हीलर, मिनी बस और टू-एक्सेल व्हीकल की मैक्सिमम स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। ब्रिज की चढ़ाई और उतार पर स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी। वहीं, मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, ऑटो और ट्रैक्टर को इस ब्रिज पर प्रवेश नहीं मिलेगा।
मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि ट्रक, बस और भारी वाहनों को मुंबई की तरफ जाने के लिए ईस्टर्न फ्री-वे में एंट्री नहीं दी जाएगी। इन वाहनों को मुंबई में प्रवेश करने के लिए मुंबई पोर्ट-सिवड़ी एग्जिट का उपयोग करना होगा। इस ब्रिज का नाम अटल सेतु रखा गया है। पीएम मोदी शुक्रवार को इसके उद्घाटन के लिए मुंबई आएंगे। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल होंगे।
ब्रिज के लिए 250 रुपए का टोल टेक्स लगेगा
मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण ने ब्रिज के लिए टोल टैक्स 500 रुपए निर्धारित किया था। इसके बाद महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की 4 जनवरी की बैठक में टैक्स का आधा किया गया। 22 किलोमीटर के इस ब्रिज पर चलने के लिए लोगों को 250 रुपए चुकाने पड़ेंगे। शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस ब्रिज को टोल फ्री करने की मांग की।
22 को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने अयोध्या आ रहे लालकृष्ण आडवाणी
11 Jan, 2024 11:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भाजपा के वरिष्ठ नेता, देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए देशभर में आंदोलन करने वाले लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हो रहे हैं। आडवाणी के कार्यक्रम में शामिल होने की पुष्टि उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण देने के लिए संघ नेताओं के साथ गए विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने की है।
विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष कुमार ने बताया कि जब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल और रामलाल के साथ आडवाणीजी को 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण देने गए थे, तब उनके स्वास्थ्य को लेकर चर्चा हुई, लॉजिस्टिक्स की चर्चा हुई कि उन्हें अयोध्या आने के लिए क्या-क्या व्यवस्था की जरूरत होगी, वे कार्यक्रम में कितनी देर बैठ सकते हैं, क्या उनके लिए कोई डॉक्टर उपलब्ध रह सकता है, क्या पूरे समय के लिए उनके साथ कोई व्यक्ति रह सकता है।
विहिप नेता ने बताया कि इस चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह गोपाल ने आडवाणी के कार्यक्रम में शामिल होने को महत्वपूर्ण बताकर कहा कि उनका कार्यक्रम में शामिल होना जरूरी है, महत्वपूर्ण है और सब चाहते हैं कि वे अयोध्या आएं। कृष्ण गोपाल ने आडवाणी के परिवार को आश्वासन दिया कि आडवाणी के अयोध्या आगमन के लिए जिस-जिस व्यवस्था की आवश्यकता होगी और जो भी व्यवस्था वे चाहते हैं,वहां सारी व्यवस्था की जाएगी। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष ने आडवाणी के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि अपने स्वास्थ्य के ठीक न होने के बावजूद 96 वर्ष की आयु में उन्होंने कार्यक्रम में आना ( अयोध्या ) स्वीकार किया है।
देश के ‘सबसे स्वच्छ शहरों’ में इस बार इन्दौर के साथ सूरत ने भी शीर्ष सम्मान हासिल किया
11 Jan, 2024 08:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
:: मध्य प्रदेश का महू सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित ::
:: राज्यों की श्रेणी में महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा व छत्तीसगढ़ को तीसरा पुरस्कार ::
:: भारतीय राष्ट्रपति ने प्रदान किए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण 2023’ पुरस्कार ::
:: समारोह में 24 राष्ट्रीय, 20 जोनल और 54 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी किए गए घोषित ::
नई दिल्ली/इन्दौर । भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) द्वारा भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 प्रदान किए। यहां 13 पुरस्कार विजेताओं को स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ छावनी, सफाई मित्र सुरक्षा, गंगा टाउन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणियों के अंतर्गत सम्मानित किया गया। इस वर्ष सबसे स्वच्छ शहर पुरस्कार की श्रेणी में दो शहरों को संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया।
बंदरगाहों के शहर सूरत ने भी इस बार इन्दौर के साथ शीर्ष सम्मान हासिल किया, इससे पहले इन्दौर ने लगातार 6 वर्षों तक अकेले शीर्ष स्थान हासिल किया था। 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सासवड़, पाटन और लोनावला ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया। मध्य प्रदेश के महू छावनी बोर्ड को सबसे स्वच्छ छावनी बोर्ड घोषित किया गया। वाराणसी और प्रयागराज ने सबसे स्वच्छ गंगा टाउन्स में क्रमश: पहला व दूसरा स्थान का पुरस्कार जीता। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य की श्रेणी में क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार जीता। साथ ही चंडीगढ़ को सर्वश्रेष्ठ सफ़ाईमित्र सुरक्षित शहर का पुरस्कार मिला।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 के सभी वितेजाओं को बधाई देते हुए कहा, स्वच्छ भारत मिशन को लगातार आगे बढ़ाने के लिए मैं केंद्र सरकार, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और उनकी टीम की सराहना करती हूं। भागीदारी के साथ किया गया यह स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छता के स्तर को ऊपर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्ष 2023 का विषय है ‘वेस्ट टु वेल्थ’, यह बहुत अच्छा और उपयोगी विषय है। आपकी इस सोच को आगे बढ़ाते हुए मैं कहना चाहती हूं कि ‘वेस्ट इज़ वेल्थ’, कचरे को कंचन में परिवर्तित करना है, समग्र स्वच्छता को दिव्य बनाना है। आप सब स्वच्छता से संपन्नता के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं और मिशन के द्वारा आत्म निर्भरता उत्पन्न कर रहे हैं, जो कि सराहनीय है। मुझे ये जानकर संतोष हुआ है कि सफाईमित्र सुरक्षा, गरिमा और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए भी प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। ये उत्तम कार्य है कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में ‘सर्कुलैरिटी इन वेस्ट मैनेजमेंट’ की अवधारणा का पालन किया जा रहा है। अधिक से अधिक वस्तुओं को रीसाइकल और रीयूज़ करने संबंधी सर्कुलर इकॉनमी की पद्धति सस्टेनेबल डेवलेपमेंट के लिए सहायक सिद्ध हो रही है। मुझे ये जानकर खुशी हुई है कि आप सभी ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के लिए रिड्यूस, रीयूज़ और रीसाइकल का विषय निर्धारित किया है।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “आज भारत का हर शहर ओडीएफ है। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि एसबीएम एक सरकारी कार्यक्रम से शुरू होकर एक जन आंदोलन बन गया। यह मिशन अंत्योदय से सर्वोदय के दृष्टिकोण का प्रमाण है। स्वच्छ भारत मिशन की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2014 में कचरे का केवल 15-16% वैज्ञानिक प्रसंस्करण होता था, जबकि आज यह संख्या लगभग 76% है, अगले 2 से 3 वर्षों में 100% हासिल किया जाएगा। स्वच्छ सर्वेक्षण के बारे में उन्होंने कहा, “2016 में मामूली शुरुआत से, आज स्वच्छ सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा वार्षिक सर्वेक्षण बन गया है। स्वच्छ सर्वेक्षण ने शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के अभ्यास को बढ़ावा दिया है और यह एक मजबूत थर्ड-पार्टी असिसमेंट है।
प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए MoHUA सचिव मनोज जोशी ने कहा, “पिछले 9 वर्षों में स्वच्छता की दिशा में बहुत सारे ऐसे परिवर्तन हुए हैं, स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। हर जगह और हर किसी के लिए शौचालय है। हमने देश का 90% हिस्सा साफ़ कर दिया है, बाकी 10% साफ़ करने की ज़रूरत है।” उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की विशिष्टता पर जोर देते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इसे ‘वेस्ट टु वेल्थ’ के सिद्धांत के साथ विकसित किया गया था। अपशिष्ट प्रबंधन में सर्कुलैरिटी को बढ़ावा देने और अपशिष्ट से मूल्य निकालने की क्षमता का दोहन करने के एसबीएम-यू 2.0 के उद्देश्य के साथ तालमेल बिठाने पर विचार करें। 2016 में 73 प्रमुख शहरों के मामूली मूल्यांकन से शुरू होकर वर्तमान संस्करण में 4477 शहरों तक अपनी पहुंच बनाने के बाद स्वच्छ सर्वेक्षण का महत्व भी तेजी से बढ़ गया है। इस वर्ष स्वच्छ शहर पुरस्कारों में लेगेसी डंपसाइट्स को खत्म करने, प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन करने, रिड्यूज, रीयूज, रीसाइक्लिंग के सिद्धांतों को लागू करने और सफ़ाईमित्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी गई है। स्वच्छ सर्वेक्षण (SS) 2023 ने कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने पर ध्यान केंद्रित किया और मूल्यांकन 3,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं की टीम द्वारा किया गया।
राष्ट्रपति की उपस्थिति में एक तारीख एक घंटा एक साथ अभियान और 2024 के लिए स्वच्छ भारत मिशन एंथेम के विमोचन पर प्रकाश डालते हुए एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति के माध्यम से स्वच्छ भारत मिशन के 9 वर्षों और स्वच्छता की भावना को फिर से जीवंत किया गया। पार्श्व गायक कैलाश खेर ने नया संकल्प है, नया प्रकल्प है एंथेम को अपनी आवाज दी है।
वर्ष का सबसे प्रतीक्षित पुरस्कार समारोह 3000 से अधिक मेहमानों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। अतिथियों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, उपमुख्यमंत्री और यूएडी मंत्री अर्जुन साव, मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, उत्तर प्रदेश के यूडी मंत्री अरविंद कुमार शर्मा समेत देश के विभिन्न हिस्सों से मेयर, राज्य और शहर प्रशासक, सेक्टर पार्टनर्स, विषयों के विशेषज्ञ, युवा संगठन, उद्योग प्रतिनिधि, स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र में स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान, एनजीओ, सीएसओ सफाई मित्र, स्वयं सहायता समूह आदि शामिल थे।
पद्मश्री सुदर्शन पटनायक और उनकी टीम ने स्वच्छ भारत की यात्रा, उपलब्धियों और भावना को दर्शाते हुए एक जीवंत सैंड आर्ट क्रिएटिव लाइव प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण स्वयं सहायता समूह के सदस्यों द्वारा लगाए गए रंगीन स्टॉल थे, जो हस्तशिल्प, कलाकृति, कलाकृतियों और कचरे से बने अन्य उत्पाद बेच रहे थे। स्टालों में अपसाइकल किए गए कपड़े के थैलों से लेकर केले के पत्तों के शोपीस, बांस के उत्पादों से लेकर कचरे से बने आभूषणों तक के उत्पाद प्रदर्शित किए गए। स्टोर में और भी बहुत कुछ था! अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में नई तकनीकों और उपकरणों को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान खींचा। मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनों से लेकर सीवेज सफाई करने वाले रोबोट तक, कचरा संग्रहण और परिवहन वाहनों से लेकर अत्याधुनिक रोबोट तक, प्रदर्शनी में मजबूत मशीनों का प्रदर्शन किया गया और विभिन्न शहरों को इनके उपयोग की संभावनाओं संबंधी जानकारियां हासिल करने में मदद मिली।
पुरस्कार समारोह ने शहरों और नागरिकों को नए दृढ़ संकल्प और उत्साह के साथ कचरा मुक्त शहरों का लक्ष्य प्राप्त करने की ओर खुद को फिर से प्रतिबद्ध करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया।
दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके
11 Jan, 2024 06:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप इतना जोरदार था कि काफी देर तक लोगों ने इन झटके को महसूस किया। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण संस्थान (यूएसजीएस) के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश प्रांत के जोर्म में था। यहां आए पहले भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 मापी गई, जबकि दूसरा भूकंप इससे भी ज्यादा तीव्र था, जिसकी तीव्रता 6.4 रही है।
एक के बाद एक आए इन दोहरे भूकंप के तेज झटकों से लोग दहशत में आ गए और घबराकर घरों तथा दफ्तरों से बाहर निकल आए। भूकंप से फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई, जिसके झटके उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने इसकी जानकारी दी। भारतीय समयानुसार दो बजकर 50 मिनट पर आए भूकंप का केंद्र काबुल से 241 किलोमीटर उत्तर उत्तरपूर्व में था। भूकंप से लोगों में दहशत फैल गई। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कई लोगों ने भूकंप के झटके महसूस होने की बात कही।
तेलंगाना में अब नहीं होगी बिजली की किल्लत,नई नीति से जगमगाएगा राज्य
11 Jan, 2024 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हैदराबाद। तेलंगाना में बिजली की किल्ल्त दूर करने के लि राज्य सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। इसके लिए नई नीति बनाकर राज्य में बेहतर बिजली व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने कहा कि विभिन्न राज्यों की मौजूदा बिजली नीतियों के विस्तृत अध्ययन और ऊर्जा विशेषज्ञों के साथ चर्चा और विधानसभा में बहस के बाद एक व्यापक नीति तैयार की जाएगी।बिजली पर समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को विधानसभा चुनाव के दौरान घोषित छह गारंटियों में से एक गृह ज्योति योजना के माध्यम से घर में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना तैयार करने का आदेश दिया।उन्होंने अधिकारियों को सरकारी क्षेत्र में बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना तैयार करने,अधिक बिजली कंपनियां स्थापित करने की संभावनाओं का अध्ययन करने और निर्माणाधीन नए बिजली उत्पादन संयंत्रों के कार्यों में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
सीएम ने अधिकारियों से बिजली का दुरुपयोग रोकने और बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता बढ़ाने को कहा। उन्होंने राज्य में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मजबूत और सक्रिय कदम उठाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति के वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। सीएम ने अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बिजली की खपत, 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति, कंपनियों द्वारा बिजली उत्पादन, नई बिजली उत्पादन इकाइयों के उपाय, गृह ज्योति योजना के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली आपूर्ति के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 2014 के बाद से बिजली कंपनियों और विद्युत नियामक परिषद (ईआरसी) द्वारा किए गए समझौतों, बिजली खरीद की कीमतों के बारे में व्यापक अध्ययन करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से डिस्कॉम द्वारा किए गए वर्षवार समझौतों का विवरण और संबंधित जानकारी भी प्रस्तुत करने को कहा।
अधिकारियों ने रेवंत रेड्डी को तेलंगाना में बिजली उत्पादन की स्थापित क्षमता, विभिन्न बिजली उपयोगिताओं से बिजली खरीद, नियमित बिजली खपत, डिस्कॉम के प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी दी। अधिकारियों को बिजली आपूर्ति कंपनियों को अधिक भुगतान कर अनुबंध करने के पीछे के कारणों की भी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उन कंपनियों से बिजली खरीदने का निर्देश दिया जो खुले बाजार में कम कीमत पर बिजली आपूर्ति कर रही हैं। रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य में अब तक रचनात्मक बिजली नीति नहीं बनने से कठिनाइयां और समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे दूसरे राज्यों का दौरा करें और बिजली नीतियों, बिजली की स्थिति और अपनाई गई सर्वोत्तम नीतियों का अध्ययन करें और सरकार को रिपोर्ट सौंपें।
चीन के तीन उत्पादों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी
11 Jan, 2024 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारत सरकार ने चीन से आयात होने वाले व्हील लोडर, जिप्सम टाइल्स और इंडस्ट्रियल लेजर मशीनों पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने की घोषणा की है।डायरेक्टर जनरल ऑफ रेमडीज की सलाह पर सरकार ने यह कदम उठाया है।
घरेलू कंपनियों के लिए चीन से कम कीमत पर होने वाले आयात के कारण स्थानीय कारोबारियों की मांग धीरे-धीरे खत्म होती जा रही थी। उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। कारोबारिओं द्वारा लगातार सरकार से मांग की जा रही थी। चीन से आयात होने वाले सामान पर एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जाए। सरकार ने अब एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है। इससे स्थानीय कारोबारियों को राहत मिलेगी।
खंड-खंड में लागू होगी तीनों कानून की न्याय संहिता
11 Jan, 2024 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा न्याय संहिता से जुड़े तीन बिल अनुसूचित हो चुके हैं।इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है। लेकिन इन्हें एक साथ देश भर में लागू कर पाना संभव नहीं है।
भारतीय न्याय संहिता, साक्ष्य संहिता और सुरक्षा संहिता में नई तकनीकी को समाहित किया गया है। सभी राज्यों में अभी यह तकनीकी थानों में उपलब्ध नहीं है। इस तरीके का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तय किया है,कि जिन राज्यों में इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं है। उनमें पुराने कानून के अनुसार ही काम होगा। जहां पर इंफ्रास्ट्रक्चर है। उन राज्यों में तीनों कानून को लागू किया जाएगा।
केंद्र सरकार जल्द से जल्द तीनों नए कानून को लागू करना चाहती है। इसमें कई समस्याएं सामने आ रही हैं। केंद्र सरकार ने अब इस मामले में राज्य सरकारों को छूट दी है, कि वह इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने तक पुराने कानून को लागू करें। जल्द से जल्द नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करें। केंद्र शासित प्रदेशों में 100 फ़ीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार है। 31 जनवरी से केंद्र शासित प्रदेशों में तीनों नए कानून लागू कर दिए जाएंगे। बाकी सभी राज्य अपने-अपने हिसाब से समीक्षा कर कानून को लागू करेंगे।
राज्यों को 2000 करोड़ की सहायता
केंद्र सरकार ने नया ढांचा तैयार करने के लिए राज्यों को 2000 करोड रुपए जारी किए हैं।इस राशि से सभी राज्यों को अपने सभी थानों को अपग्रेड करना होगा। देश में 6 नई फॉरेंसिक साइंस लैब तैयार की जाएगी। गृह मंत्रालय राज्यवार और जिलेवार सभी थानों में किस तरह का अपग्रेड किया जाना है।इसकी सूची तैयार करा रहा है।
तीन नये कानून लागू करने में चुनौतियां
सभी राज्यों के 257 थानों में वाहन उपलब्ध नहीं है। 638 पुलिस थानों में टेलीफोन की व्यवस्था नहीं है।
143 पुलिस थानों में वायरलेस और मोबाइल की सुविधा नहीं है।
पंजाब अरुणाचल उड़ीसा जैसे संवेदनशील राज्यों के थानों में बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण नए कानून का क्रियान्वयन संभव नहीं हो पा रहा है।
नए नियमों के अनुसार देशभर में 1।53 लाख सब इंस्पेक्टर की नियुक्ति होनी चाहिए, जबकि अभी मात्र 99 हजार ही कार्यरत हैं।
पुलिस बल में 9।77 लाख से ज्यादा कांस्टेबल की जरूरत है। वर्तमान में सभी राज्यों में मिलाकर 8।10 लाख कांस्टेबल उपलब्ध हैं। जिसके कारण केंद्र सरकार ने खंड-खंड में नए कानूनो को लागू करने का निर्णय लिया है।नए और पुराने कानून का खेल अभी कई महीनो तक चलता रहेगा।
टूरिस्ट प्लेस से कई आंतकी संगठनों की आरामगाह बना मालदीव
11 Jan, 2024 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद भी भारतीयों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर मालदीप सरकार लगातार दोनों देशों की दोस्ती का हवाला दे रही है। ये सब इसकारण हो रहा है, क्योंकि मालदीव की इकनॉमी काफी हद तक इंडियन टूरिस्ट्स पर निर्भर है। हर साल वहां लाखों भारतीय छुट्टियां मनाने जाते हैं।
अब लक्षद्वीप मालदीव को रिप्लेस कर सकता है। वैसे सुन्नी-बहुत मालदीव के बारे में अमेरिका तक कह चुका कि ये हद से ज्यादा चरमपंथी देश है, जिसके लोगों का आतंकवादियों से लिए नरम रूख रहा। काफी हद तक ये सही भी है। एक समय पर बौद्ध आबादी वाला ये देश तेजी से मुस्लिम आबादी में बदला। अब हालत ये है कि यहां नॉन-मुस्लिमों को नागरिकता तक नहीं मिलती।
इतिहासकार क्या मानते हैं
ज्यादातर स्कॉलर्स का मानना है कि चोल साम्राज्य से भी पहले वहां कलिंग राजा ब्रह्मदित्य का शासन था। ये 9वीं सदी की बात है। इसके बाद राजसी शादियों के जरिए वहां तक चोल वंश पहुंच गया। 11वीं सदी में मालदीप पर महाबर्णा अदितेय का शासन रहा, जिसके प्रमाण वहां आज भी शिलालेखों पर मिलते हैं।
इससे पहले से ही बौद्ध धर्म भी वहां फल-फूल रहा था। ईसा पूर्व तीसरी सदी में वहां की ज्यादातर आबादी बौद्ध थी। हिंदू राजाओं के आने के बाद दोनों ही धर्म एक साथ बढ़ते रहे। अब भी वहां के 50 से ज्यादा द्वीपों पर बौद्ध स्तूप मिलते हैं। लेकिन ज्यादातर या नष्ट हो चुके, या तोड़े जा चुके। आखिरी बौद्ध राजा धोवेमी ने साल 1153 में इस्लाम अपना लिया और उनका नाम पड़ा, मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला।
असल में द्वीप देश में लंबे समय से अरब व्यापारियों का आना-जाना था। शुरुआत में बात व्यापार तक रही, लेकिन धीरे-धीरे वे अपने धर्म का प्रचार करने लगे। राजा के धर्म परिवर्तन के बाद लगभग सारी आबादी ने मुस्लिम धर्म अपना लिया और देश का इस्लामीकरण हो गया। इस बात का जिक्र नोट ऑन द अर्ली हिस्ट्री ऑफ मालदीव्स नाम की किताब में मिलता है।
हिंद महासागर में स्थित ये द्वीप देश अब 98 प्रतिशत मुस्लिम है. बाकी 2 प्रतिशत अन्य धर्म हैं, लेकिन उन्हें अपने धार्मिक प्रतीकों को मानने या पब्लिक में त्यौहार 0मनाने की छूट नहीं। यहां तक कि अगर किसी को मालदीव की नागरिकता चाहिए तब वहां मुस्लिम,वहां भी सुन्नी मुस्लिम होना पड़ता है।
वैसे ये पर्यटन का देश है, लेकिन टूरिस्ट्स को भी यहां अपने धर्म की प्रैक्टिस पर मनाही है। वे सार्वजनिक जगहों पर पूजा-पाठ नहीं कर सकते। अमेरिकी रिपोर्ट ने भी लगाई मुहर यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने साल 2022 में मालदीव में रिलीजियस फ्रीडम पर एक रिपोर्ट जारी की। इसमें बताया गया कि वहां के द्वीप पर भगवान की मूर्तियां स्थापित करने के जुर्म में तीन भारतीय पर्यटकों को गिरफ्तार कर लिया गया था। देश में लगभग 29 हजार भारतीय रह रहे हैं, लेकिन या तब वे इस्लाम अपना चुके, या फिर अपना आधिकारिक धर्म छिपाते हैं।
क्या है आईएसआईएस से संबंध
लगभग 12 सौ द्वीपों से बने देश के बारे में माना जाता है कि कि यहां पर कैपिटा आबादी पर सबसे ज्यादा युवा इस्लामिक स्टेट के लिए लड़ने गए। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 से लेकर 2018 की शुरुआत तक, यहां से ढाई सौ से ज्यादा लोग आईएसआईएस में भर्ती के लिए सीरिया चले गए। ये जनसंख्या के हिसाब से दुनिया में सबसे ज्यादा है। इसमें काफी लोग मारे गए, जबकि ज्यादातर मालदीवियन महिलाएं नॉर्थईस्ट सीरिया के कैंपों में हैं। खुद मालदीव की सरकार ने उन्हें वापस लाने के लिए नेशनल रीइंटीग्रेशन सेंटर बनाया हुआ है, जो दूसरों देशों के साथ संपर्क में है। मालदीव का अड्डू शहर इस्लामिक चरमपंथियों का गढ़ बना हुआ है। ये शहर साल 2018 के बाद सक्रिय हुआ, और लगातार आईएसआईएस की विचारधारा पर काम करने लगा। इसके अलावा युवाओं के दिमाग में जहर भरकर उन्हें भड़काना भी इनका काम है। काफी लोग अल-कायदा को भी सपोर्ट करते हैं।
पीएम मोदी करेंगे समुद्री पुल हार्बर लिंक का 12 जनवरी को उद्घाटन
11 Jan, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । प्रधानमंत्री मोदी 12 जनवरी को मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का उद्घाटन करेंगे। इसे देश का सबसे लंबा समुद्री पुल बताया जा रहा है। मुंबई के सेवरी और रायगढ़ जिले के न्हावा शेवा क्षेत्र के बीच 21.8 किलोमीटर लंबा यह पुल है। इसके उद्घाटन के बाद यात्रा में केवल 15-20 मिनट का समय लगेगा जिसमें अभी 2 घंटे लग जाते हैं।
अधिकारियों के अनुसार एमटीएचएल मेन मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा जो राज्य के 2 सबसे बड़े शहरों को जोड़ता है। यह 6 लेन वाला पुल है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के उद्घाटन को लेकर कुछ दिनों पहले जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि पीएम मोदी 12 जनवरी को एमटीएचएल का उद्घाटन करेंगे। इस पुल से इससे जुड़े क्षेत्रों में तेजी से आर्थिक विकास संभव हो सकेगा। एमटीएचएल मुंबई के सेवरी को नवी मुंबई के चिरले से जोड़ेगा और प्रतिदिन इससे 70 हजार वाहनों की आवाजाही हो सकती है। कहा जा रहा है कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक के उद्घाटन से आवागमन में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। इससे कनेक्टिविटी में सुधार के साथ ही आवास की मांग में भी वृद्धि होने वाली है। खासतौर से पनवेल इलाके में संपत्तियों के मूल्यों में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एमटीएचएल के तैयार होने से मध्य और दक्षिण मुंबई से पनवेल तक पहुंचना काफी सुविधाजनक हो जाएगा। एमटीएचएल को एलिवेटेड कॉरिडोर के जरिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा। इससे मुंबई से पुणे लगातार यात्रा करने वालों को लाभ होगा।
बेंगलुरु में मंदिरों के आने के लिए ड्रेस कोड लागू
11 Jan, 2024 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेंगलुरु । बेंगलुरु में मंदिर प्रबंधन बुधवार से एक ड्रेस कोड लागू कर रहा है। अब भक्तों को केवल भारतीय पारंपरिक ड्रेस में ही मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति होगी। कर्नाटक देवस्थान महासंघ और हिंदू जनजागृति समिति इस संबंध में मंदिरों के सामने बोर्ड लगाएगी और बुधवार से इस संबंध में सख्त नियम लागू करने को कहा है। ड्रेस कोड के अनुसार, पुरुषों को शॉर्ट्स, बरमूडा, फटी जींस, सीना दिखाने वाली टी-शर्ट पहनने की अनुमति नहीं है। वहीं, महिलाओं को शॉर्ट्स, मिडी, फटी जींस में मंदिरों के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
बोर्ड ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अशोभनीय, अश्लील पोशाक पहनकर मंदिरों में प्रवेश न करें। इसमें यह भी कहा गया है कि मंदिर की पवित्रता की रक्षा करना परम धार्मिक कर्तव्य है। कर्नाटक मंदिर-मठ और धार्मिक संस्थान संघ ने पिछले महीने सभी मंदिरों के पुजारियों और ट्रस्टियों की बैठक बुलाई थी और जनवरी में नियम लागू करने का फैसला किया था।
पहले अपील की गई थी और हिंदू संगठनों ने फैसले का समर्थन किया था। बेंगलुरु के वसंत नगर में श्री लक्ष्मी वेंकटरमण मंदिर के सामने इस संबंध में एक बोर्ड लगाकर मंदिरों के लिए ड्रेस कोड अभियान भी चलाया जाएगा।