ख़बर
डब्ल्यूएचओ ने दी चेतावनी, अभी कोविड से खतरा टला नहीं
15 Jan, 2024 09:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिनेवा । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी कोविड से खतरा टला नहीं है। डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि कोविड-19 वायरस के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम वैश्विक स्तर पर बना हुआ है, यह वायरस सभी देशों में फैल रहा है। महामारी रोकथाम के लिए जिम्मेदार डब्ल्यूएचओ की अंतरिम निदेशक मारिया वैन केरखोव ने एक विशेष बयान में जिनेवा में कहा कि अपशिष्ट जल विश्लेषण पर आधारित अनुमान के अनुसार, कोविड-19 का वास्तविक प्रसार रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या से दो से 19 गुना अधिक है। उन्होंने शरीर के कई अंगों को प्रभावित करने वाली पोस्ट-कोविड स्थितियों की शुरुआत के बारे में भी चिंता व्यक्त की। हालांकि कोविड से संबंधित मौतों में भारी कमी आई है, फिर भी 50 देशों में प्रति माह लगभग 10 हजार मौतें अभी भी हो रही हैं। वान केरखोव ने वायरस की उभरती प्रकृति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्लेषण किए गए वैश्विक अनुक्रमों में से लगभग 57 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करने वाले कोविड-19 जेएन.1 वैरिएंट का प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि विशिष्ट मानदंडों द्वारा परिभाषित, जिसमें चार से 12 महीने या उससे अधिक समय तक बनी रहने वाली गंभीर थकान, फेफड़ों की दुर्बलता, तंत्रिका संबंधी समस्याएं और हृदय संबंधी दुर्बलता जैसे लक्षण चिंता का विषय है। आंकड़े बताते हैं कि दस में से एक संक्रमण गंभीर मामलों सहित, पोस्ट-कोविड स्थितियों को जन्म दे सकता है। वैन केरखोव ने कहा कि अभी तक इसका कोई इलाज उपलब्ध नहीं है, क्योंकि यह अभी भी नया है। इस क्षेत्र पर अपर्याप्त ध्यान दिया गया है और पर्याप्त फंडिंग नहीं की गई है। उन्होंने उत्तरी गोलार्ध में इन्फ्लूएंजा संक्रमणों की संख्या में तेजी से वृद्धि की भी चेतावनी भी दी।
पीने के पानी की कमी से जूझ रहा ये देश
15 Jan, 2024 09:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वेलिंगटन । न्यूजीलैंड निवासी इन दिनों गर्मी के साथ-साथ पानी की कमी का भी सामना कर रहे हैं। इसके बाद लोगों से पानी बचाने की अपील की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार राजधानी वेलिंगटन, पिक्टन और अन्य मध्य न्यूजीलैंड क्षेत्रों के साथ-साथ दक्षिण द्वीप के ओटागो क्षेत्र के निवासियों से आने वाले हफ्तों में जल बचाने के लिए कहा जा रहा है, क्योंकि देश भर में गर्मी के तापमान में वृद्धि के साथ मांग बढ़ती जा रही है।
वेलिंगटन महानगरीय क्षेत्र 17 जनवरी को लेवल 2 जल प्रतिबंध में चला जाएगा, जिसका मतलब आवासीय घरों के लिए स्प्रिंकलर और सिंचाई प्रणालियों पर प्रतिबंध है। वेलिंगटन सिटी काउंसिल ने कहा कि निवासी किसी भी समय अपने बगीचे में हाथ से पानी डाल सकते हैं। काउंसिल ने कहा कि वेलिंगटन में पानी की मांग 195 मिलियन लीटर तक पहुंच गई, और मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार कुछ संक्षिप्त अवधि के लिए बारिश होने की संभावना है, लेकिन, इससे स्थिति में मदद मिलने की संभावना नहीं है।
पिक्टन और वाइकावा के निवासियों और व्यवसायों से पानी की हर बूंद को महत्व देने की अपील की गई है। उन्हें तत्काल पानी की खपत कम करने के लिए कहा गया है, क्योंकि मांग अभी भी शहर की आपूर्ति से अधिक है। काउंसिल के कार्यकारी महाप्रबंधक नियामक जो गिलरॉय ने कहा, पूरे ओटागो में नदियां अब कम हो रही हैं और हमें इसतरह लोगों की जरूरत है जो पानी का संरक्षण करें और नदियों, झीलों या झरनों से लेते समय इसका कुशलतापूर्वक उपयोग करें।
नाबालिगों को जबरियां कराया जाता है प्रेग्नेंट, नाइजीरिया में धड़ल्ले से हो रही है बेबी फार्मिंग
14 Jan, 2024 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन। नाइजीरिया वो देश हैं जो बेबी फार्मिंग यानी बच्चों की खेती के लिए जाना जाता है। इसका आधुनिक नाम से सरोगेसी दिया गया है। सरोगेसी का सीधा मतलब देखे तो इसे किराए की कोख भी कहा जाने लगा है। बस इसी किराएदारी के नाम पर गोरख धंधा हो रहा है। जिसके कारण कई नाबालिग लड़कियों की जिदंगी ही तबाह हो रही है। वजह है कि नाबालिग बच्चियों को किडनैप किया जाता है और उन्हे जबरियां गर्भधारण कराया जाता है। इनकी उम्र 14-17 साल के बीच होती है।
बेबी फार्मिंग के नाम से चलने वाला ये घिनौना धंधा आराम से चल रहा है। कम उम्र की लड़कियों को किडनैप करके इस धंधे में उतारा जाता है। उन्हें ज़बरदस्ती प्रेग्नेंट किया जाता है और बच्चे पैदा करने के लिए मजबूर किया जाता है। इस बिजनेस को बढ़ावा मिलता है उन कपल्स से, जिनकी कोई संतान नहीं हैं। ऐसे में लड़कियों को जबरन सरोगेट मदर बनाकर उनसे बच्चे पैदा कराए जाते हैं और फिर इन्हें ऊंची कीमत पर बेच दिया जाता है। बेबी फार्मिंग का व्यापार अस्पतालों, अनाथालयों और दूसरी जगहों पर चोरी-छिपे चलाया जा रहा है। कई बार तो खुद गरीबी और बदहाली की वजह से लड़कियां और महिलाएं सरोगेट मदर बनने के लिए तैयार हो जाती हैं। ऐसा नहीं है कि इस घिनौने धंधे के बारे में किसी को पता नहीं है। अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रह चुके बेबी फार्मिंग के तमाम केस सामने आ चुके हैं और मानवाधिकार संस्थाएं इसे खत्म करने के लिए प्रयास भी करती रही हैं लेकिन ये पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। साल 2011 में गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुरक्षाकर्मियों ने एक छापे में 32 प्रेग्नेंट महिलाओं को रिहा कराया था. ये लड़कियां छोटी उम्र में प्रेग्नेंट होने के बाद भी अबॉर्शन नहीं करा सकतीं क्योंकि नाइजीरिया का कानून इसे इज़ाजत नहीं देता। यहां अबॉर्शन को बड़ा अपराध माना जाता है और इस पर 3-7 साल की जेल हो सकती है। माफिया इस तरह पैदा हुए बच्चों को 3-4 रुपये में बेचकर मुनाफा कमाते हैं।
बुध ग्रह धरती से तेज गति से लगाता है सूर्य के चक्कर
14 Jan, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन । आपको पता है कि वो कौन सा ग्रह है, जो आकार में तो पृथ्वी से छोटा है लेकिन जो काम पृथ्वी 365 दिन में करती है, वो 88 दिन में ही पूरा कर देता है। आप सोचिए इस ग्रह की रफ्तार कितनी तेज़ होगी। हम जिस ग्रह की बात कर रहे हैं, वो ग्रह बुध है। ये हमारे सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है, लेकिन इसकी सूर्य के चक्कर लगाने की रफ्तार धरती से कहीं ज्यादा है। जहां धरती को सूर्य का चक्कर लगाने में एक वर्ष यानि 365 दिन लग जाते हैं, वहीं बुध ग्रह ये काम महज 88 दिन में पूरा कर लेता है। वो 29 मील यानि 47 किलोमीटर/सेकंड की रफ्तार से चलता है और 70,000,000 किलोमीटर के दायरे में घूमता है। इसका परिपथ भी धरती की तरह गोलाकार नहीं बल्कि अंडाकार है। दिलचस्प बात ये भी है कि बुध धरती की तरह 24 घंटे में स्पिन यानि घूमकर नहीं चलता है बल्कि इसका एक पूरा दिन धरती के 176 दिनों के बराबर होता है। बुध ग्रह काफी कुछ धरती की तरह ही दिखता है, यही वजह है कि इसे पृथ्वी का जुड़वां ग्रह कहते हैं। इसका अपना कोई चांद नहीं है न ही इसकी कोई रिंग है।
इसकी उम्र 4.5 बिलियन साल बताई जाती है। ये सूर्य का चक्कर लगाते वक्त सिर्फ 2 डिग्री ही घूमकर चलता है। चूंकि ये बिल्कुल सीधा ही है, इसलिए इस ग्रह पर कोई मौसम भी नहीं बदलता। ये सूर्य से 46,000,000 किलोमीटर दूरी पर है। मालूम हो कि हम धरती पर रहते हुए यहां के वातावरण और माहौल के आदी हो चुके हैं लेकिन इसके आगे की दुनिया के बारे में हमें कम ही जानकारी है। धरती पर मौजूद समुद्र की गहराइयों में तमाम रहस्य छिपे हुए हैं और ब्रह्मांड में ऐसी कई चीज़ें हैं, जिनके बारे में हमने सिर्फ सुना है, इन तक पहुंच नहीं पाए हैं।
बालाकोट एयर स्ट्राइक का डरा, अपने एयर डिफेंस को मजबूत कर रहा पाकिस्तान
14 Jan, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद । पाकिस्तान को बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक का डर सताने लगा है। इसकारण वह अपने एयर डिफेंस को मजबूत करने में जुटा है। पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारउल हक काकड़ ने कुछ दिनों पहले गीदड़भभकी दी थी। इसमें उन्होंने कहा था कि बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसा भारत ने कुछ किया तब पाकिस्तान करारा जवाब देगा। उनके बयान के बाद अब पाकिस्तानी सेना एक एयर डिफेंस एक्सरसाइज करती हुई दिख रही है, जो उनके अंदर बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक का डर दिखाता है। पाकिस्तानी सेना ने सोनमियामी में अल-बायजा-3 2024 अभ्यास किया। इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने एयर डिफेंस तकनीकी की फायरिंग की, जिसका अवलोकन पाक आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने किया। पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि वायु रक्षा प्रणालियों की एकीकृत फायरिंग और युद्धाभ्यास का प्रदर्शन किया गया। पाकिस्तानी सेना इसे अपनी हवाई सीमाओं की वायु रक्षा क्षमता बढ़ाने की ऐतिहासिक उपलब्धि के तौर पर देख रही है।
मुनीर ने मध्यम वायु रक्षा हथियार प्रणाली, मध्यम वायु रक्षा प्रणाली, छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और विस्तारित छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली का लाइव प्रदर्शन देखा। यह सब पाकिस्तान तब कर रहा है जब कुछ दिनों पहले अंतरिम पीएम काकड़ ने गीदड़भभकी दी थी। काकड़ ने कहा कि अगर किसी ने हमारी जमीन पर हमले की कोशिश की तब पाकिस्तान वैसा ही करेगा जैसे हमने 2019 में किया था। हम उनके विमानों को मार गिराएंगे।
दरअसल अनवारुल हक काकड़ का यह बयान भारत पर निशाना साधने वाला था। क्योंकि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट में एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने अपने आधुनिक विमानों के जरिए हमला किया था। जवाब में भारत के मिग-21 विमान ने पाकिस्तान के एक फाइटर जेट को गिरा दिया था। इसमें भारत का भी एक फाइटर जेट गिरा था, जिसमें एयरफोर्स पायलट अभिनंदन को पकड़ लिया गया था। हालांकि हाल ही में किताब में खुलासा हुआ है कि भारतीय पायलट अभिनंदन के पकड़ने के बाद भारत की 9 मिसाइलों का मुंह पाकिस्तान की ओर हो गया था। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना के हाथ पैर फूल गए थे।
नेपाल में राप्ती नदी में गिरी बस....12 लोगों की मौत
14 Jan, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कांठमांडू । नेपाल पुलिस ने पुष्टि की है कि मध्य-पश्चिमी नेपाल के डांग जिले में सड़क दुर्घटना में दो भारतीय नागरिकों सहित कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है। दुर्घटना में अब तक केवल आठ मृतकों की पहचान हो सकी है। पुलिस ने कहा कि यात्री बस बांके के नेपालगंज से काठमांडू जा रही थी, लेकिन यह पुल से फिसल गई और राप्ती नदी में गिर गई। हम लोगों ने केवल आठ मृत यात्रियों की पहचान की है, जिसमें दो भारतीय भी शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, बस दुर्घटना में अतिरिक्त 22 यात्रियों को चोटें आई हैं। मृतक भारतीयों की पहचान बिहार के मलाही के रहने वाले योगेन्द्र राम (67) और उत्तर प्रदेश के रहने वाले मुने (31) के रूप में हुई है।
चीन से लौटते ही आंख दिखाने लगे मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू
14 Jan, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन के पांच दिवसीय दौरे के बाद स्वदेश लौट आए हैं। उन्होंने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया है कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है। मुइज्जू ने कहा कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता। हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है।
चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने पांच दिन के अपने चीन दौरे के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। उनका ये दौरा ऐसे समय पर हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया। इस मामले को लेकर भारत और मालदीव दोनों देशों में राजनयिक विवाद बढ़ा हुआ है।
भारत में चल रहे बॉयकॉट मालदीव के ट्रेंड के बीच मुइज्जू ने चीन से अपील की थी कि वो अधिक से अधिक चीनी पर्यटकों को मालदीव भेजे। मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते हुए मुइज्जू ने कहा था कि कोविड से पहले हमारे देश में सबसे अधिक पर्यटक चीन से आते थे। मेरा अनुरोध है कि चीन को ऐसा करने के लिए फिर से अपनी कोशिशें तेज करनी चाहिए।
अमेरिका ने फिर यमन पर हमला किया
14 Jan, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिका ने लगातार दूसरे दिन शनिवार को भी यमन में हूतियों पर हमला किया है। इस दौरान उनकी रडार फैसेलिटी को निशाना बनाया गया। अमेरिकी वॉरशिप स्स् कार्नी ने यमन के समय के मुताबिक, सुबह करीब 3:45 बजे टॉमहॉक मिसाइल से अटैक किया। हूतियों के मीडिया हाउस अल-मसीराह ने कहा है कि अमेरिका ने यमन की राजधानी सना में कई एयरस्ट्राइक्स की हैं।
अमेरिका ने कहा है कि यह रडार साइट लाल सागर में जहाजों के लिए खतरा थी। यह हमला 12 जनवरी के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन का फॉलो-अप था। इसका मकसद समुद्र में हूतियों के हमला करने की क्षमता को कम करना है। इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए व्हाइट हाउस प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा था- हम जो भी कर रहे हैं, उसका मकसद तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि इसे कम करना है। दूसरी तरफ, अमेरिका के हमले का विरोध के लिए सना में लाखों लोगों ने प्रदर्शन किया।
मॉरीशस में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर 2 घंटे छुट्टी
14 Jan, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पोर्ट लुईस । मॉरीशस की सरकार ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 22 जनवरी को हिंदू धर्म मानने वाले कर्मचारियों के लिए 2 घंटे की छुट्टी की घोषणा की है। इस दौरान वे स्थानीय कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे। मॉरीशस की कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।
कैबिनेट की तरफ से जारी किए प्रस्ताव में कहा गया है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक घटना है। यह अयोध्या में भगवान राम की वापसी का प्रतीक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 22 जनवरी को दोपहर 2 बजे से हिंदुओं को दो घंटे की स्पेशल छुट्टी दी जाएगी। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ ने कैबिनेट के इस फैसले पर कहा कि ये हिंदूओं की भावनाओं और परंपराओं का सम्मान करने के लिए छोटा सी कोशिश है।
पेंटागन के ऑडिट में खुलासा; मंत्रालय ने अपने ही विभाग की रिपोर्ट को गलत बताया
14 Jan, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयार्क। रूस से जंग लडऩे के लिए यूक्रेन की मदद कर रहे अमेरिका को नहीं पता की उनकी तरफ से दिए गए 1 बिलियन डॉलर यानी 8 हजार करोड़ रुपए के हथियार कहां हैं। अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन की ऑडिट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। पेंटागन के इंस्पेक्टर जनरल के मुताबिक यूक्रेन को भेजे गए 8 हजार करोड़ रुपए के हथियारों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है। शक जताया गया है कि या तो एक बिलियन डॉलर के हथियारों को कहीं और भेज दिया गया है या उनकी लूट हुई है।
डिफेंस डिपार्टमेंट के ऑफिस ने दिखाया कि यूक्रेन को दी गई 1.7 बिलियन डॉलर की मदद से 59 प्रतिशत यानी लगभग 1 बिलियन डॉलर का कोई ब्योरा ही नहीं है। ये रिपोर्ट उस वक्त आई है जब अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी यूक्रेन और इजराइल को दी जाने वाली 105 बिलियन डॉलर की मदद को रोके हुए है। अमेरिका के डिफेंस डिपार्टमेंट के प्रेस सेक्रेटरी ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने अपने ही रक्षा विभाग के दावों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हथियारों को कहीं और भेजा गया। हमने हथियारों को यूक्रेन में तैनात और उनका इस्तेमाल होते हुए देखा है।
बजन घटाने अब आई स्मार्ट टैबलेट, खाते ही आधी कर देगी भूख
13 Jan, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । मेडिकल साइंस ने कुछ ऐसा फार्मूला ढूंढ निकाला है जिससे मनुष्य का फटाफट वजन कम हो सकता है। दरअसल एक ऐसी स्मार्ट टैबलेट का ईजाद किया गया है जो खाते ही इंसान की भूख को आधी कर देगी। बता दें कि इस फार्मूले की ज़रूरत लोगों को सालों से थी। हाल ही में ऐसा ही एक इंवेंशन हुआ है, जो निचले स्तर तक पहुंचा तो बहुत से लोगों की समस्या हल हो जाएगी। इस चमत्कारी टैबलेट या पिल ने तहलका मचा रखा है। मिली जानकारी के अनुसार वज़न कम करने के लिए किसी हानिकारक प्रोसीज़र पर जाने के बजाय वैज्ञानिकों की बनाई एक ऐसी पिल मौजूद है, जो स्वस्थ तरीके से वेट कम देगी। इसे गेम चेंजर भी कहा जा रहा है। एक शोध आर्टिकल में इस स्मार्ट पिल के बारे में बताया गया है। इसे वेट लॉस का भविष्य भी कहा जा रहा है। बता दें कि इस गोली की टेस्टिंग फिलहाल सुअरों पर की गई है, जिससे आशाजनक परिणाम मिले हैं। 30 मिनट पहले सुअरों को गोली खिलाने के बाद देखा गया कि उन्होंने कम से कम 40 फीसदी कम खाना खाया। दरअसल ये पिल पेट में खिंचाव लाने वाले रिसेप्टर्स को एक्टिव करके भोजन के स्टीमुलेशन का काम करता है। इससे हाइपोथैलेमस के हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है और पेट भरा हुआ महसूस होता है।
मीडिया में आई खबर के मुताबिक वाइब्स नामक स्मार्ट टैबलेट बनाने वाली टीम ने इसके बारे में बताया है कि वाइब्स गोली को भोजन से 20-30 मिनट पहले खा लिया जाए, तो शुरू में ही पेट भरा हुआ लगेगा और आपकी डाइट अपने आप कम हो जाएगी। दरअसल एमआईटी की पूर्व स्नातक छात्रा और पोस्टडॉक श्रिया श्रीनिवासन ने इस गोली के कॉन्सेप्ट को सोचा था, जो हार्वर्ड विश्वविद्यालय में बायोइंजीनियरिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। 1 डॉलर यानि करीब 84 रुपये के लगभग कीमत वाली यह गोली विटामिन की साधारण गोली के बराबर है।
बचत करने के लिए घर बेचकर होटल में रहना शुरु किया,देते हैं हर रोज 11 हजार किराया
13 Jan, 2024 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग । बचत करने के लिए लोग अलग अलग तरकीब लगाते हैं। खर्च में कटौती करते हैं और सिर्फ बेसिक जरुरतों पर ही ज्यादा ध्यान देते हैं। चीन में एक परिवार इस तरह से कुछ नहीं सोचना वो अलग ही अपनी सोच रखता है। इस परिवार ने बचत करने के लिए खुद का बना बनाया मकान बेच दिया। वजह थी कि बचत करना है। यहां तक भी ठीक था। मकान बेचने के बाद उसे 11 हजार रुपए प्रतिदिन के किराए वाला लक्सीरियस होटल में रहना शुरु कर दिया।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक चीन के हेनान प्रांत के परिवार ने ये अजीबोगरीब फैसला लिया है। यहां के नानयांग शहर में मौजूद एक होटल में परिवार एक सुइट लेकर रह रहा है। चीनी सोशल साइट पर फैमिली का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वो सुइट का टूर करा रहे हैं। उनके सुइट में एक लिविंग रूम और दो कमरे हैं। इसके अलावा एक सोफा, टीवी, कुर्सियां और खाने-पीने की सुविधाएं भी हैं। परिवार 229 दिन से यहीं रह रहा है और परिवार में कुल 8 लोग हैं। चूंकि वो लंबे वक्त से यहां रह रहे हैं, ऐसे में उन्हें किराये में भी छूट दी जा रही है।आप भी सोच रहे होंगे कि कोई घर बेचकर होटल में क्यों रहेगा? दरअसल परिवार का दावा है कि उनकी सेविंग में इससे बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि यहां उन्हें बिजली-पानी, पार्किंग और हीटिंग जैसे खर्च नहीं देने पड़ रहे। नानयांग का किराया तो नहीं पता लेकिन शंघाई में दो बेडरूम के अपार्टमेंट के लिए 20 हज़ार युआन यानि 2 लाख 33 हज़ार रुपये से ज्यादा किराया हर महीने देना पड़ता है, जिसके ऊपर से बिजली-पानी जैसे बिल शामिल हैं। इसकी तुलना में पूरे परिवार को यहां साढ़े 3 लाख रुपये से थोड़ी सी ज्यादा रकम में सारी सुविधाएं मिल रही हैं। ऐसे में उन्हें ये सस्ता लग रहा है।
लौटकर अमेरिका रुस पर आया....शुरु किया कच्चे तेल का आयात
13 Jan, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा । यूक्रेन में सैन्य हस्तक्षेप को लेकर मॉस्को पर लगाए प्रतिबंधों के बावजूद, अमेरिका ने एक साल से अधिक समय में पहली बार रूस से तेल आयात करना फिर से शुरू किया है। अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) के अनुसार, अमेरिका ने अक्टूबर में 36,800 बैरल और नवंबर में 9,900 बैरल रूसी तेल का आयात किया, जिसकी कीमत क्रमशः 2.7 मिलियन डॉलर और 749,500 डॉलर थी। आयात अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) द्वारा दिए गए विशिष्ट लाइसेंसों द्वारा संभव हुआ, जो प्रतिबंधों के प्रवर्तन की देखरेख करता है।
ईआईए डेटा से साफ होता है कि अमेरिका ने रूसी तेल के लिए प्रीमियम का भुगतान किया है, क्योंकि अक्टूबर में एक बैरल की कीमत 74 डॉलर और नवंबर में 76 डॉलर थी, जो 2022 में अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा निर्धारित 60 डॉलर प्रति बैरल की मूल्य सीमा से काफी ऊपर है।
अमेरिका ने मार्च 2022 में रूस से तेल, गैस और अन्य ऊर्जा संसाधनों के आयात पर प्रतिबंध लगाया, साथ ही रूसी व्यक्तियों, संस्थाओं और क्षेत्रों को लक्षित करने वाले अन्य प्रतिबंध भी लगाए। हालाँकि, ओएफएसी के पास कुछ लेनदेन के लिए लाइसेंस जारी करने का अधिकार है, जो अन्यथा मामले-दर-मामले आधार पर प्रतिबंधों द्वारा निषिद्ध हैं। रूसी तेल का आयात फिर से शुरू करने के अमेरिकी फैसले के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि यह वैश्विक ऊर्जा संकट, चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव या यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के राजनयिक प्रयासों से संबंधित हो सकता है।
वाशिंगटन में रामायण की शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रम आयोजित
13 Jan, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयॉर्क । अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में कैपिटोल हिल में शुक्रवार के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करने पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर दिया गया। एक गैर लाभकारी संगठन ‘हिंदूएक्शन’ द्वारा कैपिटोल हिल में ‘रामायण अक्रॉस एशिया एंड बियॉन्ड कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राजनयिक और सांसद शामिल हुए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सम्मेलन समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर देता है। इसका मुख्य संदेश आज के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करना है।
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी कार्यक्रम में शामिल हुए। संधू ने कहा, ‘‘यूएस कैपिटोल में कांग्रेस सदस्य मैक्स मिलर, श्री थानेदार और अमेरिका में थाइलैंड के राजदूत तानी संगरत के साथ ‘एशिया में रामायण : हिंद-प्रशांत की साझा सांस्कृतिक विरासत’ कार्यकम में शामिल होकर खुशी हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रामायण का कालातीत ज्ञान हिंद-प्रशांत और उससे आगे की भौगोलिक सीमाओं से परे है।’’ विज्ञप्ति के अनुसार, अफगानिस्तान के हजारा समुदाय के सदस्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान से बौद्ध और हिंदू स्मारकों की रक्षा करने के अपने अनुभव साझा किए।
पर्यटन बढ़ावा के लिए मालदीव ने मांगी चीन से मदद
12 Jan, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माले । भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा से उत्पन्न तनाव के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू का चीनी दौरा सुर्खियों में हैं। पांच दिन के बींजिग प्रवास को लेकर मोइज्जू ने चीनी नेताओं और उनकी मेहमाननवाजी की मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की है। इस दौरान मोइज्जू ने चीन के साथ कई अहम समझौते के साथ ही मालदीव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चीन से मदद मांगी। क्योंकि भारतीयों द्वारा सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट की बातें कही जा रही हैं।
चीन में दिया गया मालदीव के राष्ट्रपति का ये बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा, चीन और मालदीव के रिश्ते बहुत पुराने और प्रगाढ़ हैं। दोनों देशों के बीच संबंध इस तथ्य से पता चलता है कि कोविड महामारी से पहले पर्यटन के लिहाज से मालदीव में सबसे ज्यादा चीनी पर्यटक आते थे। मोहम्मद मोइज्जू ने अनुरोध किया कि चीन इस शानदार रिश्ते की ओर फिर से लौटें और एक बार फिर उसी तरह सबसे ज्यादा चीनी हमारे यहां आएं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के बयान को कई विशेषज्ञ भारतीयों के मालदीव की बजाय लक्षद्वीप की यात्रा करने से हो रहे नुकसान की भरपाई के तौर पर देख रहे हैं। दरअसल मालदीव की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा हिस्सा पर्यटकों से आता है। भारतीय भी बड़ी संख्या में मालदीव जाते हैं लेकिन हाल में नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तो में तनाव आया है। ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जो बताती हैं काफी बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दिया है, जिसका असर मालदीव के पर्यटन उद्योग पर पड़ा है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू बीते साल चुनाव जीतने के बाद से ही भारत की बजाय चीन की ओर झुकाव रख रहे हैं। मोइज्जू के कई बयानों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के कुछ नेताओं और मंत्रियों की टिप्पणियों के बाद ये तनाव काफी बढ़ गया है। इसका असर ये हुआ है कि भारत में एक वर्ग मालदीव के बायकॉट की बात कह रहा है और काफी लोगों ने अपनी मालदीव यात्रा कैंसिल कर दी है।