मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
भोपाल में विकसित देश की पहली स्वदेशी बर्ड फ्लू वैक्सीन बाजार में
22 Mar, 2023 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुर्गीपालकों और कुक्कुट उद्योग के लिए हर साल सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाले बर्ड फ्लू यानी एवियन एन्फ्लुएंजा (एच-9 एन-2) यानी लो पैथोजैनिक वायरस का इलाज खोज लिया गया है। इस वायरस को खत्म करने वाली पहली स्वदेशी वैक्सीन भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (एनआईएचएसएडी) ने बाजार में लांच कर दी है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने तीन साल के गहन शोध के बाद इस वैक्सीन को बाजार में उतारा है।
हर साल बर्ड फ्लू के चलते लाखों मुर्गे और मुर्गियोंं को मारना पड़ता है। वैक्सीन के बाजार में उपलब्ध होने पर पोल्ट्रीफार्म वालों को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा। संस्थान के प्रोजेक्ट इन्वेस्टीगेटर डॉ. सी. तोष, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. एस. नागराजन और टीम के अन्य सदस्यों ने तीन साल के गहन शोध के बाद इस वैक्सीन को विकसित किया। इसे मृत वायरस से तैयार किया गया है। संस्थान के निदेशक डॉ. अनिकेश सान्याल के अनुसार यह वैक्सीन इतनी कारगर है कि इसकी देश ही नहीं विदेश में भी डिमांड है।
मुर्गियों में आता जाता है बांझपन
गौरतलब है कि अन्य बर्ड फ्लू वायरस के मुकाबले एच9 एन2 कम हानिकारक होता है। इस रोग से ग्रसित मुर्गियां अमूमन मरती तो नहीं हैं लेकिन वह अंडे कम देने लगती हैं। अंतत: वे बांझपन की शिकार हो जाती हैं। इस वैक्सीन के लगने के बाद मुर्गिंयां बीमार नहीं होंगी और उत्पादन क्षमता भी कम नहीं होगी।एच9एन2 के लो पैथोजैनिक वायरस से लाखों मुर्गियां सांस की बीमारी के बाद मर भी जाती हैं। इस वायरस को रोकने के लिए अब तक विदेश से टीका मंगाना पड़ता था। इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए 2021 में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को 160.11 करोड़ रुपए जारी किए थे।
छह महीने तक देगा सुरक्षा
प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक टीके को संक्रमण फैलाने वाले विलगित (आइसोलेट) वायरस को पूरी तरह निष्क्रिय कर तैयार किया गया है। इसलिए यह छह महीने तक मुर्गियों को सुरक्षा कवच देगा। ये एच9एन2 के सभी एंटीजेनेकली डायवर्जेंट स्ट्रेन पर कारगर है।
एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दो प्रकार का
एवियन इन्फ्लुएंजा वायरस दो प्रकार का होता है। हाई पैथोजैनिक और लो पैथोजैनिक। हाई पैथोजैनिक एवियन इन्फ्लुएंजा मुर्गियों में मृत्यु दर काफी अधिक (100 प्रतिशत तक) होती है। इसलिए इसके प्रकोप से प्रभावित पक्षियों को मारकर दफन करना पड़ता है। जबकि लो पैथोजैनिक एवियन इन्फ्लुएंजा के संक्रमण से अंडा उत्पादन में कमी (50 प्रतिशत तक), सांस की बीमारी और मृत्यु दर (5 से 6 प्रतिशत) तक होती है।
राजधानी के सामने आया ह्यूमन ट्रैफकिंग सनसनीखेज मामला
22 Mar, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। चूनाभट्टी इलाके में मानव तस्करी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहॉ रहने वाली एक नाबालिग किशोरी को देढ़ साल पहले उसकी सहेली की सास ने बेहोश कर अगवा कर लिया और फिर देवास में रहने वाले एक युवक को 1 लाख रुपए में बेच दिया। आरोपी युवक ने उसके साथ जर्बदस्तती शादी की, इसके बाद युवक और उसका पिता दोनों मिलकर उसे बंधक बनाते हुए मजदूरो की तरह काम करवाने के साथ ही लगातार अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। बीते दिनो मौका मिलने पर पीड़ीता किसी तरह वहॉ से भागकर वापस भोपाल अपने परिवार वालो के पास पहुंची और सारी आपबीती बताई। जानकारी लगने पर परिजन उसे थाने लेकर पहुंचे, जहॉ पुलिस ने आरोनी पिता-पुत्र, किशोरी को अगवा करने वाली उसकी सहेली की सास के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरु कर दिये है। थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इलाके में स्थित झुग्गी बस्ती में रहने वाले व्यक्ति ने 15 जुलाई 2021 अपनी नाबालिग बेटी के घर से अचानक लापता होने पर उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पिता ने पुलिस को बताया था कि उसकी लापता 16 वर्षीय बेटी मानसिक रुप से थोड़ा कमजोर है, और उसकी मॉ को निधन हो चुका है। काफी खोजबीन के बाद भी लबें समय तक नाबालिग की कोई जानकारी नहीं मिली। रंग पंचमी के दो दिन बाद अचानक नाबालिग चूनाभट्टी इलाके में रहने वाली अपनी महिला रिश्तेदार के घर पहुंच गई। उनके पूछने पर उसने बताया कि घटना वाले दिन वह अपनी सहेली के घर उससे मिलने गई थी। वहां सहेली मुस्कान की सास लक्ष्मी ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद वह बेहोश हो गई थी। बाद मे जब उसे होश आया तो वह अनजान जगह पर थी, और सहेली की सास लक्ष्मी उसके पास थी। पूछताछ करने पर नाबालिग को पता चला कि उसे लक्ष्मी ने उसे एक लाख रूपये में ग्राम हंसलपुरा पथवारी पीथमपुरा में हरिसिंह नाम के युवक को बेच दिया था। उसके बाद लक्ष्मी उसे छोड़कर वापस भोपाल आ गई। इसके बाद हरिसिंह के बेटे इंदर ने पीडिता से जर्बदस्ती शादी कर ली और उसे बंधक बनाकर रखने लगे। आरोपी इंदर उसका शारीरिक शोषण करने लगा और पिता-पुत्र दोनो उससे दिनभर खेतों में काम कराते थे। इस दौरान भागने की कोशिश करने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। इसके बाद इदंर का पिता हरिसिंह भी उसके साथ ज्यादती करने लगा। आरोपी आये दिन उसे अपनी हवस का शिकार बनाते थे। रंग पंचमी पर मौका मिलने पर वह उनके चुंगल से भाग निकली और जैसै तैसै अपने रिश्तेदार के घर पहुंची। बताया गया है कि किशोरी को बेचने वाली महिला लक्ष्मी मजदूरी करने इंदौर, देवास जाती है। उसी दौरान उसकी पहचान आरोपी इंदर की मां से हो गई। जिसने लक्ष्मी को बताया कि लड़के की शादी नहीं हो रही है। कोई लड़की हो तो बताना, इसके लिए वह लाख-डेढ़ लाख रुपए खर्च कर देगी। रकम की बात सुनकर लक्ष्मी लालच में आ गई, और उसने नाबालिग को जाल में फंसाकर इंदर के घर ले गई और उसे बेच दिया। अब पीड़िता बालिग है। मामला कायम कर पुलिस आगे की कार्यवाही में जुटी है।
मप्र में बिजली 10 पैसे यूनिट महंगी
22 Mar, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
1 अप्रैल से नई दरें लागू
भोपाल । सरकार की मुफ्त बिजली योजना के चलते बिजली कंपनियों को हो रहे घाटे की पूर्ति के लिए 1 अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू होंगी, जिसके तहत तकरीबन 10 पैसे यूनिट की वृद्धि की जाएगी। हालांकि चुनावी वर्ष होने के कारण पहली बार इतनी कम वृद्धि हुई है। प्रदेश की बिजली कंपनियों ने नवंबर 2022 में नियामक आयोग के सामने लंबे घाटे और लगातार विद्युत उत्पादन में बढ़ रहे खर्च को दर्शाते हुए बिजली दर में 3.2 फीसदी (तकरीबन 20 से 25 पैसे प्रति यूनिट) वृद्धि का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद नियामक आयोग में भोपाल, जबलपुर, इंदौर में दावे-आपत्ति की औपचारिकता की गई और 1 अप्रैल से बिजली की नई दरें लागू करते हुए 10 से 12 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि पारित की गई। नई दरवृद्धि से प्रदेश सरकार को सालाना साढ़े 500 से 600 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बिजली बिल में राजस्व प्राप्त होगा।
मुफ्त बिजली ने बनाया कर्जदार
मप्र देश में सबसे अधिक बिजली उत्पादकों राज्यों में से एक है। इसके बावजुद यहां के उपभोक्ताओं को सबसे अधिक बिजली मिलती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों पर 48 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। यह कर्ज मुफ्त की बिजली यानी संबल योजना के कारण बढ़ा है। मप्र ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों की स्थिति यही है। पावर मिनिस्ट्री के आंकड़ों से पता चलता है कि 36 में से 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाली बिजली प्रदान कर रहे हैं, जिसमें कम से कम 1.32 लाख करोड़ रुपए देश भर में अकेले 2020-21 वित्तीय वर्ष में खर्च किए गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक ने 36.4 प्रतिशत या 48,248 करोड़ की सबसे ज्यादा बिजली सब्सिडी दी। तीन साल के डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि दिल्ली ने 2018-19 और 2020-21 के बीच अपने सब्सिडी एक्सपेंडिचर में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी। ये 2018-19 में 1,699 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 3,149 करोड़ रुपए हो गई। ये सभी राज्यों में दूसरी सबसे अधिक है। मणिपुर ने इन तीन वर्षों में बिजली सब्सिडी में सबसे बड़ी 124 प्रतिशत की उछाल देखी गई। 120 करोड़ रुपए से बढ़कर ये 269 करोड़ पर पहुंच गई।
सरकार ने नहीं दिए 3000 करोड़
मप्र की बात करें तो यहां 2018 के चुनाव के दौरान भाजपा सरकार ने संबल योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत संबल बिल माफी ने मप्र की तीनों बिजली वितरण कंपनियों का कर्ज अरबों रुपए बढ़ा दिया है। जानकारी के अनुसार सरकार ने जो संबल योजना शुरू की है उसके कारण बिजली कंपनियों पर लगातार बोझ बढ़ रहा है। सरकार द्वारा इसकी भरपाई होनी थी, लेकिन मप्र सरकार ने अब तक करीब 3000 करोड़ रुपए नहीं दिए। बिजली मामलों के जानकार व रिटायर्ड एडीशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि कर्ज बढ़ने की यह बड़ी वजह थी। सरकार इसकी भरपाई करती तो उपभोक्ताओं पर भार कम होता। अग्रवाल ने बिजली कंपनियों के टैरिफ प्रस्तावों पर कहा कि वे 3 प्रतिशत प्रति यूनिट दर बढ़ाना चाहती हैं, जबकि बड़े कर्जों को छोड़ भी दिया जाए तो आज की तारीख में कंपनियां करीब 5 हजार करोड़ के फायदे में हैं। उन्हें तो 10 प्रतिशत तक राशि कम करना चाहिए। बहरहाल, कर्जों की बात है तो 2017-18 से लेकर 2021-22 तक कंपनियों पर कर्ज 11625 करोड़ बढ़ा है। कुल कर्ज अब 48 हजार करोड़ से अधिक है। यह नाबार्ड, आरईसी व अन्य वित्तीय कंपनियों का पैसा है। कर्ज की यह जानकारी सरकार ने विधानसभा को दी है।
माननीयों के हंगामे के चलते संसद 23 मार्च तक स्थगित...6 दिन पहले समाप्त हुआ मप्र विधानसभा का बजट सत्र
22 Mar, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । देश में पिछले कुछ वर्षों के दौरान न लोकसभा, न राज्यसभा और न ही विधानसभाओं का सत्र पूरी अवधि तक चल पा रहा है। मंगलवार को विपक्ष की नारेबाजी के बाद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही 23 मार्च तक स्थगित के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके साथ ही बजट सत्र का तय अवधि से 6 दिन पहले ही समापन हो गया है। अगर देखा जाए तो पिछले साल में विधानसभा का कोई भी सत्र पूरे दिन नहीं चला है।
मप्र विधानसभा का बजट सत्र 29 दिन का था। लेकिन यह सत्र 6 दिन पहले ही समाप्त हो गया। पिछले 4 साल के दौरान विधानसभा का कोई भी सत्र पूरी अवधि तक नहीं चला है। इसको लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं पर जनहित से जुड़े मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। गौरतलब है कि 2022 में लोकसभा वर्ष में 100 दिन, बड़ी विधानसभा 90 से 75 दिन और छोटी विधानसभा में सदन की कार्यवाही 60 दिन चलाने की बात कही गई थी। संसद हो या विधानसभा, जनता के मुद्दों पर चर्चा, सवाल-जवाब और फिर निर्णय पर पहुंचना ही आदर्श संसदीय व्यवस्था है, लेकिन अब स्थितियां बदलती जा रही हैं। विधानसभा सत्रों में चर्चा के नाम पर हंगामा, विरोध और फिर कार्यवाही का स्थगन। बीते कई वर्षों में यही चिंताजनक ट्रेंड मप्र विधानसभा में दिखाई दिया। मप्र में 15वीं विधानसभा के चार साल से अधिक समय पूरे हो चुके हैं। लेकिन विडंबना यह देखिए कि इन दिनों में विधानसभा का सत्र 73 दिन भी नहीं चला। 15वीं विधानसभा में इस बजट सत्र को मिलाकार 120 दिन बैठकें तय की गई थीं, लेकिन 73 दिन ही हुईं। यह आंकड़ा बता रहा है कि चर्चा का समय लगातार घट रहा है। लोकतंत्र के लिए इसे कतई अच्छा नहीं माना जा सकता। 15वीं विधानसभा में तीन सत्रों को छोड़कर 4 साल में अन्य कोई भी सत्र (बजट, मानसून और शीतकालीन) अपनी निर्धारित अवधि पूरी नहीं कर सका। यहां तक कि बजट सत्र की बैठकें भी समय से पहले ही समाप्त हो गईं। जबकि यह सबसे लंबा होने की परंपरा रही है।
सत्र चलाने में किसी की रूचि नहीं
दरअसल, सत्तापक्ष हो या विपक्ष किसी की भी रूचि अब अधिक अवधि तक सत्र चलाने में नहीं रह गई है। सरकार का जोर इस बात पर रहता है कि विधायी कार्य पूरे हो जाएं। वहीं, विपक्ष शुरुआत से ही हंगामा करना प्रारंभ कर देता है। स्थिति अब तो यह बनने लगी है कि प्रश्नकाल तक पूरा नहीं हो पाता और अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ती है। पिछले मानसून सत्र में यही स्थिति बनी। इससे अध्यक्ष व्यथित भी नजर आए पर सदन के सुचारू संचालन में पक्ष और विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जाहिर है दोनों पक्ष इसके लिए एक-दूसरे को ही जिम्मेदार बताते हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह का आरोप है कि सरकार सदन में चर्चा कराने से भागती है। विपक्ष लोक महत्व के विषयों पर चर्चा करना चाहता है पर सत्तापक्ष हंगामा करने लगता है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कहते हैं कि कांग्रेस कभी जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करती। हंगामा करना ही इनका मकसद रहता है। जबकि, सदन का मंच हमें जनहित पर चर्चा करने के लिए दिया है और सबकी प्रक्रिया निर्धारित है। बड़ी तैयारी के साथ विधायक विधानसभा सत्र के लिए प्रश्न लगाते हैं। एक घंटे के प्रश्नकाल में 25 प्रश्नों का चयन लॉटरी के माध्यम से होता है। जिन सदस्यों के प्रश्न इसमें शामिल होते हैं वे सदन में सरकार का उत्तर चाहते हैं और पूरक प्रश्न भी करते हैं पर हंगामे के कारण प्रश्नकाल ही पूूरा नहीं हो पा रहा है। इससे विधायकों के प्रश्न पूछने के अधिकार का हनन भी हो रहा है। अपनी बात रखने का उन्हें मौका भी कम मिल रहा है। इसे लेकर विधायक आपत्ति भी दर्ज करा चुके हैं। विधेयकों को लेकर भी स्थिति अलग नहीं है। इस दौरान अधिकतर विधेेयक हंगामे के बीच ध्वनिमत से चंद मिनटों में पारित हो जाते हैं।
स्पीकर के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव खारिज
सदन में बजट भी पारित हो गया। इससे पहले स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हुई। लंच ब्रेक से पहले स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 27 मार्च की तारीख दी। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए आपत्ति जताई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा स्पीकर से सहमत नहीं दिखे। कहा- अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास नहीं आ सकता। मैं बीजेपी की ओर से प्रस्ताव कर रहा हूं कि इस अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत किया जाए। पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने भी कहा कि संकल्प नियमों के विपरीत हो, तो उस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। पहले दिन और अंतिम दिन चर्चा नहीं हो सकती। ऐसे में स्पीकर ने बीजेपी के प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से हां/न कराई। बीजेपी का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया। बजट भी पारित हुआ। कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।
नारेबाजी के बीच 25 मिनट ही चली लोकसभा
विपक्ष की नारेबाजी के बाद राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही मंगलवार को लगातार 7वें दिन स्थगित कर दी गई। दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर 2 बजे दोबारा शुरू हुई थी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए सत्ता पक्ष के सांसदों ने राहुल गांधी की माफी की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने 23 मार्च तक के लिए राज्यसभा को स्थगित कर दिया। इसके पहले जगदीप धनखड़ ने अपने चेम्बर में सदन के कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी। जिसमें बीजेपी, वाईएसआरसीपी और टीडीपी को छोड़कर अन्य राजनीतिक दलों के नेता नहीं आए। इधर, लोकसभा की कार्यवाही भी 25 मिनट तक चली, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी के बीच 23 मार्च सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
सुबह कार्यवाही रुकने बाद विपक्ष ने किया प्रदर्शन
कार्यवाही स्थगित होने के बाद सभी विपक्षी दलों ने संसद की पहली मंजिल पर प्रदर्शन किया। सभी सांसदों के हाथ में बैनर-पोस्टर था। वे अडाणी-हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे। इधर, ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के सांसदों ने कांग्रेस से अलग प्रदर्शन किया। वे अडाणी मुद्दे पर पीएम से चुप्पी तोडऩे की मांग कर रहे थे।
शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में 80 करोड़ रुपये का गबन, 126 आरोपितों को भेजा जेल
21 Mar, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के शिवपुरी जिला सहकारी बैंक में 80 करोड़ रुपये से अधिक का गबन हुआ। 126 अधिकारियों-कर्मचारियों को जेल भेजा। प्रदेश के इतिहास में इतनी बड़ी कार्रवाई इससे पहले नहीं हुई। यह बात सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने कांग्रेस विधायक केपी सिंह के ध्यानाकर्षण के उत्तर में सदन में बताई। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि बैंक की स्थिति को सुधारने के लिए जल्द ही कदम उठाया जाएगा। केपी सिंह ने कहा कि बैंक में हुए गबन के कारण खातेदार परेशान है। जरूरत पड़ने पर भी वे अपनी जमा रकम नहीं निकाल पा रहे हैं। लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। वहीं, भाजपा विधायक बीरेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि गांवों में जाना मुश्किल हो गया है। एक-एक हजार रुपये के लिए लोग परेशान हो रहे हैं। इस पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि गबन का यह मामला 2008 से चल रहा था। इस बीच कांग्रेस की सरकार भी रही। जैसे ही हमारे संज्ञान में मामला कड़ी कार्रवाई करते हुए चार मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित अन्य को जेल भेजा। अपेक्स बैंक 50 करोड़ रुपये बैंक को देने तैयार था लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक के प्रविधान के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है। बजट में सरकार ने एक हजार करोड़ रुपये का प्रविधान किया है। इससे कुछ रास्ता निकालेंगे।
श्वान के काटने की घटना पर जताई चिंता
भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से श्वान को काटने की बढ़ती घटना को लेकर चिंता जताई। मध्य प्रदेश में मानव अधिकार आयोग ने भी श्वान के काटने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है और सरकार से जरूरी कदम उठाने को लेकर के अनुशंसाएं की हैं। साथ ही श्वान के काटने पर मृतक के परिजनों को दो लाख , घायल को 10 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक की राशि बतौर क्षतिपूर्ति देने के लिए निर्देश दिए हैं।
इस मामले में सरकार को कदम उठाना चाहिए। नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि आवारा पशु, खासतौर से श्वान की आबादी को नियंत्रित करने की दिशा में जनसहयोग और एनजीओ के माध्यम से काम करेंगे और पालतू पशु को लेकर कानूनी प्रविधान किए जाएंगे। अनुसूचित जनजाति वर्ग पर बढ़ते अत्याचार को लेकर कांग्रेस के सदस्य आसंदी के सामने पहुंचे अनुसूचित जनजाति वर्ग पर बढ़ते अत्याचार के मामलों पर चर्चा ने कराने को लेकर कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने आ गए। उन्होंने सरकार पर स्थिति को नियंत्रित करने पर असफल होने का आरोप लगाया और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल गए। विधानसभा अध्यक्ष ने पूछा कि क्या ये बहिर्गमन है तो नेता प्रतिपक्ष डा.गोविंद सिंह ने कहा कि नहीं, वे अपनी बात रखने के लिए बाहर गए हैं।
उल्टी करने के लिए बस से झांक रही बच्ची के सिर के हुए टुकड़े..
21 Mar, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश के खंडवा में सोमवार रात एक दर्दनाक सड़क हादसे में सात साल की बच्ची की मौत हो गई। छैगांव माखन के पास बच्ची बस की खिड़की से उल्टी करने के लिए अपना मुंह बाहर निकाल रही थी, तभी साइड से चल रही एक आइशर गाड़ी से उसका सिर इस तरह टकराया कि बच्ची के सिर के टुकड़े हो गए। हादसे में उसकी आंख और सिर का ऊपरी हिस्सा शरीर से अलग होकर बाहर गिर गया, जिसे देखकर बस में सवार यात्री कांप उठे।खून से लथपथ बच्ची के शरीर को बस से खंडवा तक लाया गया, जिसके बाद एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया। पर तब तक मासूम की मौत हो चुकी थी। हादसे से गुस्साए परिजनों ने बस पर पथराव कर दिया।
गनीमत रही कि बस में बैठे किसी अन्य यात्री को चोट नहीं आई। वहीं, पुलिस ने बस को जब्त कर ड्राइवर और क्लीनर को हिरासत में ले लिया।राजकुमारी का परिवार मूलतः सिंगोट का रहने वाला है। लेकिन रोजी-रोटी के चलते वे तेजाजी नगर शिफ्ट हो गए।मौसी छवि बाई ने बताया कि हमारी देवी पूजा अमावस्या के दिन सराय गांव में होती है। इसीलिए मैं अपने परिवार के साथ राजकुमारी को लेकर सराय जा रही थी। हम बस में बैठे थे। छैगांव माखन के पास बस रफ्तार में थी।
राजकुमारी को उल्टी होने लगी। तो उसने खिड़की से बाहर सिर किया। उलटी करने के बाद उसने अपना मुंह वापस अंदर कर लिया था, लेकिन बस ने इस तरह झटका दिया कि साइड में बैठी राजकुमारी का सिर कांच में टकराया।कांच फूट गए और साइड से चल रही आइशर गाड़ी में उसका सिर आ गया। वहीं, पुलिस का कहना है कि उल्टी करते समय बच्ची का सिर आइशर गाड़ी से टकराया है।राजकुमारी की मौत के बाद परिजन बिलख पड़े। उन्होंने बताया कि, राजकुमारी के परिवार में पिता, मां सुनीता, दो भाई व एक बहन है।
माता-पिता बदहवास न हो जाए इसलिए उन्हें बेटी की मौत की खबर नहीं दी है। उन्हें यही कहा कि, तुम लोग आ जाओ।राजकुमारी ठीक है।घटना की खबर लगते ही परिवार के सदस्य इंदौर नाका पर इकट्ठा हो गए। उन्होंने वहां बस पर पत्थर फेंकना शुरू किया, तो इंदौर रोड स्थित बस स्टैंड तक वे बस पर पत्थर मारते रहे। इस दौरान बस में बैठे यात्री घबरा गए। हालांकि अचानक हुए पथराव की इस घटना में बस में बैठे किसी भी यात्री को चोट नहीं आई है।
थाना प्रभारी सहित 14 पुलिसकर्मी को हाईकोर्ट का नोटिस, बिना अपराध के तीन युवकों को बनाया था आरोपी..
21 Mar, 2023 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर | सोमवार देर रात क्राइम ब्रांच के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा एक युवक और उसके भाइयों के साथ मारपीट करने और उन्हें अलग-अलग बिना अपराध के कई थानों में बंद करने के मामले में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने तत्कालीन चार थाना प्रभारी समेत 14 पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किए हैं। साथ ही चार सप्ताह के भीतर उनसे जवाब-तलब किया है।
बता दें कि बिरला नगर में रहने वाले परिवादी यतेंद्र सिंह चौधरी ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर करके दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्जकर सीआरपीसी की धारा-156 के तहत कार्रवाई करने का निवेदन किया है। ऐसे में परिवादी यतेंद्र सिंह द्वारा जिन लोगों पर आरोप लगाया गया है, उनमें पांच पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी आलोक परिहार, जितेंद्र मावई, राजेंद्र बर्मन, सुदेश तिवारी और संजू कामले के अलावा एक एएसआई और आठ आरक्षक शामिल हैं। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी संबंधित पुलिसकर्मियों से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
एडवोकेट जितेन्द्र सिंह राठौर के माध्यम से दायर याचिका में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्जकर मामले की जांच कराने का निवेदन किया गया है। न्यायालय ने प्रतिवादी घनश्याम जाट, अनिल राजावत, संतोष भदौरिया, जितेन्द्र सिंह तोमर, लोकेन्द्र राजावत, रामसहाय यादव, अंजनी चंदेल, राहुल यादव सभी आरक्षक, सत्यवीर जाटव एएसआई, टीआई जीतेंद्र मावई, राजेन्द्र बर्मन, संजू कामले, सुदेश तिवारी और आलोक परिहार सभी थाना प्रभारी हैं, जिन्हें नोटिस जारी किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, यतेन्द्र सिंह जाट निवासी लाइन नंबर-12 बिरला नगर ने भारतीय दंड संहिता की धारा-452, 364, 364 ए, 365, 367, 368, 395, 397 भादंसं तथा 11 एवं 13 डकैती अधिनियम के तहत विशेष न्यायालय में परिवाद पेश किया है।
यह है मामला?
याचिका अनुसार, परिवादी यतेन्द्र सिंह जाट चार सितंबर 2018 को रात 10.21 बजे अपने घर पर खाना खा रहा था। तभी उसके घर में 8-10 लोग सिविल ड्रेस में जबरन घुसकर परिवादी व उसके भाइयों को मारने-पीटने लगे। परिवादी और उसके पिता गजेन्द्र सिंह व परिवादी की पत्नी ने उन्हें रोकने व बीच-बचाव करने का प्रयास किया। इस पर टीआई सुदेश तिवारी ने उस पर रिवॉल्वर तान दी थी। घनश्याम जाट ने सिर पर रिवाल्वर लगा दी। एक व्यक्ति ने परिवादी के पिता गजेन्द्र सिंह को धक्का दे दिया। परिवादी की पत्नी के साथ भी आरोपियों ने धक्का-मुक्की की। आरोपी उसके भाइयों को घर से बाहर लाकर मारते हुए ले जाने लगे। तभी पड़ोसी विनय परमार को इन लोगों ने पकड़ लिया।
एक आरोपी ने परिवादी का पर्स भी छीन लिया। आरोपी उनके मोबाइील तथा जेबों में रखे पैसे भी ले गए। वहीं, आरोपी उनकी कार को भी क्राइम ब्रांच थाने में ले गए। वहां परिवादी और उनके भाई की मारपीट की गई। इसके बाद परिवादी को यूनिवर्सिटी थाने ले जाकर बंद कर दिया गया। यहां पुष्पेन्द्र और विनय के साथ मारपीट की गई। यतेंद्र और कपिल को छह सितंबर 2018 को गोला का मंदिर थाने ले जाकर बंद कर दिया गया। जब उनके पिता ने न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन पेश किया तो पुलिस ने कपिल को छोड़ दिया। जबकि परिवादी और उसके भाई की गिरफ्तारी से पुलिस ने इनकार कर दिया था।
यह मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने परिवादी को धारा-151 में तथा आठ सितंबर 2018 को पुष्पेन्द्र व विनय परमार को आबकारी एक्ट में बंद करना बताते हुए न्यायालय में पेश किया गया। परिवादी ने आरोपियों पर कार्रवाई के लिए उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की, जिस पर न्यायालय ने एसपी को आवेदन देने और एसपी को 30 दिन में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब अवमानना याचिका प्रस्तुत की गई, जिसे न्यायालय ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने की स्वतंत्रता के साथ अवमानना याचिका खारिज कर दी थी।
Weather : अगले दो दिन ओले-बारिश गिरने की संभावना कम..
21 Mar, 2023 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | मध्यप्रदेश के कई जिलों में बारिश का सिलसिला जारी रहा। कई इलाकों में सोमवार को भी ओलावृष्टि और बारिश हुई। छतरपुर के बड़ामलहरा, राजगढ़ और सागर में ओले गिरे हैं। सागर में तो खेतों और सड़क पर सफेद चादर जैसी बिछ गई। रायसेन में सोमवार रात ओलावृष्टि हुई है। हालांकि मौसम विभाग की मानें तो दो दिन बारिश-ओलावृष्टि की संभावना कम है। दो दिन बाद मौसम फिर बदल सकता है।मौसम केंद्र की रिपोर्ट कह रही है कि बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के शहडोल, ग्वालियर, सागर, जबलपुर, भोपाल अनेक संभागों के जिलों में कई स्थानों पर, उज्जैन, इंदौर, नर्मदापुरम, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई। गौरिहार में 5, ईसागढ़ में 4, बड़ा मलहरा, गढ़ाकोटा, बिरसा, अमानगंज, बड़ोदा, बेगमगंज, चंदेरी, नरवर, कोलारस, कुरवाई में 2 सेमी तक पानी गिरा है।
अगले 24 घंटों का पूर्वानुमान कहता है कि शहडोल, रीवा, चंबल संभागों के जिलों में तथा भोपाल, दतिया, बैतूल, ग्वालियर, खंडवा, शिवपुरी, निवाड़ी, सीहोर, अशोकनगर, बुरहानपुर, टीकमगढ़, बालाघाट, छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विभाग का यलो अलर्ट बता रहा है कि शहडोल, रीवा, चंबल संभागों के जिलों में तथा भोपाल, दतिया, बैतूल, ग्वालियर, खंडवा, शिवपुरी, निवाड़ी, सीहोर, अशोकनगर, बुरहानपुर, टीकमगढ़, बालाघाट, छतरपुर जिलों में कहीं-कहीं बिजली भी गिर सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अलग-अलग स्थानों पर बने चार वेदर सिस्टम के असर से नमी का आना जारी है। इस कारण मध्य प्रदेश में वर्षा होने का सिलसिला जारी है। फिलहाल एक पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी मध्य प्रदेश के आसपास एक्टिव है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात एक्टिव है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में बने चक्रवात से लेकर उत्तर प्रदेश से होकर नागालैंड तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है।
सहेली की सास ने नाबालिग को बेसुध कर एक लाख में बेचा, गुलामों की तरह रखकर पिता-पुत्र करते थे दैहिक शोषण
21 Mar, 2023 02:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । चूनाभट्टी इलाके में पिछले डेढ़ साल से लापता नाबालिग किसी तरह से अपने घर वापस आ गई। घर आने के बाद उसने डेढ़ साल के दौरान की दुखभरी दास्तां अपने स्वजनों को सुनाई, जिसे सुनकर सभी सन्न रह गए। नाबालिग को उसकी सहेली की सास ने पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर पीथमपुरा के पास एक गांव में अधेड़ व्यक्ति को एक लाख रूपये में बेच दिया था। जहां वह व्यक्ति और उसका बेटा उसे बंधक बनाकर गुलामों की तरह बर्ताव करते हुए उसका दैहिक शोषण कर रहे थे। रंगपंचमी पर किसी तरह वह उनके चंगुल से भाग निकली और दूसरों की मदद लेकर बड़ी मुश्किल से अपने घरवालों के पास वापस पहुंची। तब जाकर इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने पीडिता की शिकायत पर एफआइआर दर्ज कर अगवा करने वाली महिला और नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले पिता-पुत्र की तलाश शुरू कर दी है।
चूनाभट्टी थाना प्रभारी नितिन शर्मा के मुताबिक इलाके में रहने वाली नाबालिग अचानक से 15 जुलाई 2021 को घर से लापता हो गई थी, स्वजनों ने उसकी गुमशुदगी थाने में दर्ज कराई थी। काफी तलाश करने के बाद वह नहीं मिली थी। रंग पंचमी के दो दिन बाद वह अचानक चूनाभट्टी में अपनी ताई के घर पर पहुंची। जहां उसने पूरे डेढ़ साल तक की पूरी दास्तां बयां की। यह सुनकर नाबालिग के स्वजन सन्न रह गए और उन्होंने उसके साथ थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता अब बालिग है।
सहेली की सास ने एक लाख में बेचा
मामले की जांच अधिकारी एसआइ गोसिया सिद्दकी ने बताया कि नाबालिग 15 जुलाई 21 को अपने घर से निकलकर अपनी सहेली के घर पर गई थी। जहां पर सहेली की सास ने उसे पानी पिलाया। उसके बाद वह बेहोश हो गई थी। जब उसे होश आया तो वह अनजान स्थान पर थी। जहां उसके सामने सहेली की सास लक्ष्मी खड़ी थी। जब उसने पूछताछ की तो नाबालिग को पता चला कि उसे लक्ष्मी ने एक लाख रूपये में ग्राम हंसलपुरा पथवारी पीथमपुरा में हरिसिंह नाम के व्यक्ति को बेच दिया था। उसके बाद लक्ष्मी उसे छोड़कर वापस भोपाल आ गई।
पिता-पुत्र दोनों करते थे दुष्कर्म
पीडिता ने पुलिस को बताया कि आरोपित हरिसिंह और उसका बेटा इंदर भांवरकर उसे गुलाम की तरह रखते थे और जब मन करता था तो दोनों उसका शरीरिक शोषण किया करते थे। उससे दिनभर खेतों में जी-तोड़ काम कराया जाता था। दो-दिन में एक बार खाना दिया जाता था। विरोध करने या भागने की कोशिश पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। रंग पंचमी पर वह किसी तरह से गांव से भागने में कामयाब हो गई और भटकते-भटकते अपने घर पहुंची।
विदिशा पहुंचे सीएम शिवराज, फसल नुकसान का लिया जायजा, किसानों को बंधाया ढाढस
21 Mar, 2023 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदिशा । बीते एक हफ्ते के दौरान प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की खेत में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। विदिशा जिले में भी फसलों पर ओलावृष्टि की मार पड़ी है। मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए विदिशा पहुंचे। सीएम ने ग्राम पटवारी खेड़ी में पहुंचे और किसानों से बात की। सीएम ने किसानों को ढाढस बंधाते हुए आश्वासन दिया कि बेमौसम बारिश, ओलाबृष्टि से बर्बाद फसल का पूरा सर्वे कराकर किसानों को पर्याप्त राहत राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने पटवारी खेड़ी के अलावा घुरदा और मढ़ी चौबीसा गांव का दौरा किया।
गौरतलब है कि सोमवार को ही विदिशा जिले के गंजबासौदा, सिरोंज, शमशाबाद और कुरवाई के 18 गांवों में करीब 20 से 30 मिनट तक जोरदार ओलावृष्टि हुई। जिसके कारण गांवों की सड़कों और खेतों में ओलों की परत जम गई। इनमें गंजबासौदा के 8, कुरवाई के 3, शमशाबाद के दो और सिरोंज के 5 गांव शामिल है। बेमौसम वर्षा और ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी गेहूं और चना की फसल को भारी नुकसान हुआ। कई खेतों में फसल कटी पड़ी है, जिसके सड़ने का खतरा बढ़ गया है। इससे पहले रविवार को विदिशा और ग्यारसपुर तहसील के 21 गांवों में ओलावृष्टि हुई थी। इसके अगले ही दिन सोमवार की दोपहर को गंजबासौदा,सिरोंज और कुरवाई तहसील के गांवों में कुदरत का कहर बरपा। कुछ गांवों में 20 मिनट तक तो कुछ गांवों में 30 मिनट तक ओले गिरे। इस ओलावृष्टि के कारण खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसल की बालियां टूटकर गेहूं के दाने खेत में बिखर गए। यही स्थिति चना की फसल के साथ भी बनी। सबसे अधिक नुकसान पवई, पिथोली और कुलहन में बताया जा रहा है। किसानों का कहना था कि वे मौसम सुधरने के बाद फसल कटाई की तैयारी में थे लेकिन वर्षा और ओलों ने फसलों को बर्बाद कर दिया।
RTO एजेंट ने किया सुसाइड, दीवार पर लिखा- मेरी मौत की जिम्मेदार पत्नी और उसके मां-बाप..
21 Mar, 2023 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा के पांढुर्णा में एक व्यक्ति ने पत्नी से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया। बतौर आरटीओ एजेंट के रूप में काम करने वाले संतोषीमाता वार्ड निवासी सोनू उर्फ उमेश लखन ठाकुर (38) ने अपने घर के उपरी मंजिल पर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक वह दोपहर को ससुराल से लौटा था और अपने कमरे में चला गया। रात में जब सोनू नीचे नहीं आया, तो उसके पिता ऊपर कमरे में गए। उसने काफी देर तक दरवाजा नहीं खोला, जिसके बाद सोनू के पिताजी ने दरवाजा तोड़कर देखा तो है वह पंखे पर लटका हुआ था।
घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। इस संबध में थाना प्रभारी ने बताया कि हमने मर्ग इंटिमेशन कायम कर लिया है। आगे विवेचना जारी है। पुलिस ने बताया कि सोनू और उसकी पत्नी में कुछ माह से अनबन चल रही थी इसलिए वह अपने मायके छिंदवाडा गई थी। सोनू का चार साल का पुत्र भी वर्तमान में छिंदवाड़ा में है।
ससुराल पक्ष से चल रहे वाद विवाद के चलते इन दिनों सोनू काफी दबाव में था। प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत होता है कि सोनू इस दबाव को झेल नहीं पाया और उसने पंखे से लटक कर आत्महत्या की। सोनू ने आत्महत्या के पूर्व अपने कमरे की दीवार पर ‘‘ मेरी मौत की वजह पत्नी अनुराधा, उसके मां-बाप, मौसी और मौसा है, परेशान होकर मैं मर रहा हूं.. ऐसा सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
Weather: भारी ओलावृष्टि से मध्यप्रदेश में दिखा कश्मीर सा नजारा..
21 Mar, 2023 11:04 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश के कई जिलों में इन दिनों भारी ओलावृष्टि और बारिश हो रही है। ओलावृष्टि के चलते सड़क से लेकर खेत तक बर्फ की चादर बिछी नजर आ रही है। कई जगहों पर बर्फ की खूबसूरती कश्मीर का अहसास करा रहा है, तो वहीं लोग बर्फ में खेल कर मौसम का मजा ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर बर्फबारी के वीडियो वायरल हो रहा हैं, जिन्हें देखकर कश्मीर के किसी खूबसूरत स्थान का अहसास हो रहा है। खरगोन में भारी ओलावृष्टि के बाद जब मैदानी इलाके में बर्फ जमी तो लोग वहां बर्फ में खेलते दिखे, तो वहीं लॉग ड्राइव पर निकले लोगों को भी खूबसूरत नजारे देखने मिले।
सांवरिया ज्वेलर्स के चोरों को पुलिस ने पकड़ा, 11 लाख के आभूषण जब्त..
21 Mar, 2023 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उज्जैन | सांवरिया ज्वेलर्स पर हुई लाखों की चोरी के मामले में जीवाजीगंज थाना पुलिस ने एक माह के पहले ही इस वारदात को अंजाम देने वाले दो लोगों को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार करते हुए इनके पास से 11 लाख रुपये के आभूषण जब्त कर लिए हैं। आरोपियों से कठोरता से की गई पूछताछ मे चोरों ने अपराध करने की बात भी स्वीकार कर वाली है।24 फरवरी 2023 को जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में स्थित सांवरिया ज्वेलर्स को अज्ञात चोरों ने निशाना बनाते हुए, यहां से लाखों रुपये के आभूषणों और नगदी पर हाथ साफ किया था। जिस पर थाना जीवाजीगंज पुलिस ने अज्ञात आरोपी के विरुद्ध अप क्र. 79/23 धारा 457, 380 भा.द.वि. का प्रकरण पंजीबद्ध किया था।
इस घटना के बाद जीवाजीगंज थाना पुलिस लगातार चोरों का सुराग जुटाने में लगी हुई थी। जीवाजीगंज थाना प्रभारी गगन बादल और साइबर सेल प्रभारी प्रतीक यादव की टीम ने लाखों रुपये की चोरी के मामले को सुलझाने के लिए घटनास्थल से फिंगर प्रिंट की जांच की, सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले और अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया, जिससे लाखों की चोरी को अंजाम देने वाले चोरों तक पहुंच पाई।बताया जा रहा है कि 20 मार्च 2023 को पुलिस को जानकारी लगी थी कि सांवरिया ज्वेलर्स पर चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी धीरज उर्फ धीरू और साजिद चिमनगंज मंडी क्षेत्र में काले रंग की एक्टिवा पर घूम रहे हैं।
सूचना के बाद पुलिस ने तुरंत इन चोरों की घेराबंदी करवाई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने चोरी की वारदात को अंजाम देना कबूला और चोरी का सामान गांधीनगर स्थित मकान पर होने की बात कही थी, जिसे जब्त कर लिया गया है। इस मामले में मंगलवार को दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस उनका रिमांड मांगेगी।धीरज उर्फ धीरू पिता गजेंद्र के विरुद्ध पूर्व में थाना जीवाजीगंज पर चोरी, मारपीट, डकैती की योजना आदि के कुल सात अपराध पंजीबद्ध हैं। वहीं, साजिद निवासी गांधीनगर के विरुद्ध पूर्व में थाना जीवाजीगंज पर चोरी जैसी धारा में कुल जैसे अपराध पंजीबद्ध है।
सोने का मंगलसूत्र, सोने के नाक के काटे, सोने का मंगलसूत्र पेन्डल, सोने का गले का लाकेट, सोने के कान के पेन्डल, सोने के मोती, चांदी के पायल 67 जोड़, चांदी के कड़े 37 जोड़, चांदी के पांच कंदोरे, चार छल्ले चादी के, पांच ब्रेसलेट, बिछिया 160 जोड, चांदी के सिक्के आठ नग, चांदी की तस्वीर 13, चांदी के कलश दो, चांदी के ग्लास दो, चांदी के नोटे 102, चांदी की कटोरी दो, चांदी का चम्मच एक, चांदी की मूर्ति एक, चांदी के पैर एक कुल मश्रुका कीमती 11,00,000रू से अधिक का आरोपियों से बरामद किया गया।
भजन गायक कन्हैया मित्तल महाकाल की भस्मारती में हुए शामिल..
21 Mar, 2023 10:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उज्जैन | खाटू श्याम के भजन गायक कन्हैया मित्तल मंगलवार सुबह बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे, जहां उन्होंने भस्मआरती में शामिल होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। भस्मआरती में शामिल होने के बाद भजन गायक कन्हैया मित्तल ने गर्भगृह से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन व अभिषेक किया।महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित प्रदीप गुरू और पंडित यश गुरु ने बताया कि खाटू श्याम के भजन करने वाले प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल आज बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचे थे, जहां उन्होंने गर्भगृह से बाबा महाकाल का पूजन अर्चन अभिषेक किया और लगभग दो घंटे भस्म आरती में शामिल हुए। गर्भगृह में पंडित प्रदीप गुरु और पंडित यश गुरु द्वारा पूजन अर्चन व अभिषेक करवाया गया।
दर्शन के उपरांत कन्हैया मित्तल ने मीडिया से कहा कि बाबा महाकाल सभी की मनोकामना पूरी करते हैं। उनके दरबार में आकर कुछ भी मांगने की जरूरत नहीं पड़ती है। मैं भी बाबा महाकाल का भक्त हूं, जो कि मौका मिलते ही उनके दर्शन करने आया हूं। बता दें, भजन गायक कन्हैया मित्तल सोमवार रात उज्जैन में आयोजित खाटू श्याम की एक भजन संध्या करने आए थे, जिन्होंने आज (मंगलवार) सुबह बाबा महाकाल की भस्म आरती में शामिल होकर बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मौत के बाद भी उसके नाम से राशन और पेंशन लेने वालों की शामत
20 Mar, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जिसमें व्यक्ति की मौत के बाद भी परिवार वाले उसके नाम पर राशन और पेंशन सहित दूसरी सुविधाएं लेते रहते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है। आधार जारी करने वाली संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) और रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया इसका पक्का इंतजाम करने जा रही हैं। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया देश में जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखने वाली संस्था है। दोनों संस्थाएं एक मैकेनिज्म पर काम कर रही हैं। इसमें मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होते ही आधार निक्रिष्य हो जाएगा। सूत्रों के मुताबिक इस मैकेनिज्म के तहत संबंधित एजेंसी के डेथ सर्टिफिकेट जारी करते ही मृतक के परिवार के पास इसकी जानकारी भेजी जाएगी और उनकी सहमति के बाद आधार नंबर निक्रिष्य कर दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इस मैकेनिज्म को लागू करने के लिए राज्य सरकारों से भी बातचीत की जा रही है। डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए परिवार वालों को मृतक का आधार नंबर देना होगा। यूआईडीएआई ने बर्थ सर्टिफिकेट जारी करते समय आधार अलॉट करने की योजना शुरू कर दी है। अब तक 20 राज्य इस सिस्टम को लागू कर चुके हैं। दूसरे राज्यों के भी आने वाले दिनों में इस योजना की शुरू करने की संभावना है। ये सुविधाएं आधार 2.0 का हिस्सा हैं। आधार 2.0 के तहत सरकार इसकी क्रेडिबिलिटी बढ़ाने के साथ-साथ नए फीचर ला रही है।
यूआईडीएआई ने एक महत्वाकांक्षी अपडेशन एक्सरसाइज शुरू की है। जिन लोगों को 10 साल पहले आधार कार्ड जारी किए गए हैं, उनसे अपने रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है। इस बारे में अब तक सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है लेकिन अनुमानों के मुताबिक तीन करोड़ से अधिक लोग अपना आधार अपडेट करा चुके हैं। आधार का इस्तेमाल का दायरा बढ़ता जा रहा है। हेल्थ रिकॉर्ड से लेकर इनकम टैक्स और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए इसका यूज हो रहा है। सरकार एक ऐसी व्यवस्था बनाना चाहती है जिसमें आधार की डिटेल में बदलाव होने के साथ ही सारा रिकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाए।