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बांग्लादेश की आज़ादी के नायकों को झटका, यूनुस सरकार ने छीनी ‘स्वतंत्रता सेनानी’ की पहचान
4 Jun, 2025 01:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस अब बांग्लादेश के इतिहास को बदलने चले हैं. अब उनके निशाने पर बांग्लादेश के गठन के आवाज उठाने वाले और पाकिस्तान से आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानी आ गए हैं. यूनुस सरकार ने रातों रात एक अध्यादेश पारित करते हुए 400 से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों की मान्यता को रद्द कर दिया है. 1970 के चुनावों में जीतने वाले चार सौ से ज्यादा राजनेताओं की स्वतंत्रता सेनानी मान्यता रद्द की गई है, जिनमें मुक्ति संग्राम का नेतृत्व करने वाले बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, सैयद नजरूल इस्लाम, ताजुद्दीन अहमद, एम मंसूर अली, एएचएम कमरुज्जमां शामिल हैं. इसके लिए यूनुस सरकारी की ओर से अध्यादेश मंगलवार रात को जारी किया गया.
शेख हसीना की पार्टी के लोगों पर निशाना
राष्ट्रपति के आदेश पर ये अध्यादेश पारित हुआ और उसी दिन रात करीब 11 बजे राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिषद (जमुका) को राजपत्रित भेजा गया. बता दें कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिषद अधिनियम 2022 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, निर्वासित सरकार के एमएनए, एमपीए और चार श्रेणियों को वीर स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मान्यता दी गई थी. नए अध्यादेश में उन्हें मुक्ति संग्राम का सहयोगी बनाया गया है. नतीजतन, स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उनकी मान्यता रद्द कर दी गई है.
यूनुस के फैसले का विरोध
जमुका अधिनियम संशोधन के मसौदे पर 10 मार्च से चर्चा हो रही है. जिस पर मुक्ति संग्राम मामलों के सलाहकार फारुक-ए-आजम ने हस्ताक्षर किए थे. 21 मार्च को समाकाले में ‘शेख मुजीब और 400 से अधिक नेताओं को स्वतंत्रता सेनानी के रूप में मान्यता नहीं’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी हुई थी. जिसका कई हलकों में कड़ी आलोचना की गई. इसके बाद सलाहकार परिषद की बैठक में कई बार मसौदे पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि पहले चरण में 6 मई को चार सौ से ज्यादा राजनेताओं यानी 1970 के विजेताओं की मान्यता बरकरार रखने का फैसला किया गया था. लेकिन बाद में15 मई को सलाहकार परिषद ने कानून मंत्रालय की समीक्षा के अधीन मसौदे को मंजूरी दी.
पुतिन को करारा झटका: यूक्रेन ने तबाह किया रूस का ए-50 जासूसी विमान
4 Jun, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस-यूक्रेन जंग में अप्रैल 2025 के महीने में कुर्स्क जीतने के बाद व्लादिमीर पुतिन की नजर पूरे यूक्रेन पर थी. पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव ने इसका खुला ऐलान भी किया, लेकिन जून 2025 में जंग का पासा पलट गया. एक तरफ जहां यूक्रेन ने एक साथ सबसे बड़े ड्रोन स्ट्राइक के जरिए पुतिन के 40 विमान मार गिराए. वहीं अब खबर है कि यूक्रेनी हमले में रूस का सबसे खतरनाक जासूसी विमान ए-50 भी तबाह हो गया है. न्यूजवीक ने सैटेलाइट इमेज के जरिए बताया है कि रूस ए-50 विमान मॉस्को के पास ढेर हो गया है. पत्रिका ने इसके जले हुए मलबे की तस्वीर शेयर की है. इस तस्वीर के आने के बाद कहा जा रहा है कि जंग में पुतिन का वक्त ही खराब चल रहा है.
ए-50 विमान के ढेर होने के मायने
रणनीतिक दृष्टिकोण से इस जासूसी विमान को काफी अहम माना जाता है. यह विमान छोटी और ऊंची मिसाइल हमले के बारे में जानकारी जुटाता है और कमांड को बताता है. रूस की सेना में इसकी संख्या बहुत ही कम है, जिसके कारण इसे एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बहुत ही हल्का विमान है और हवा में उड़ान भरने में माहिर है. ए-50 विमान 400 मील की दूरी के साथ 150 से अधिक लक्ष्य को ट्रैक करने में सक्षम है. 1978 में रूस ने इस विमान को बनाना शुरू किया था. पहली बार 1985 में इसे बेड़े में शामिल किया गया.
यूक्रेन के स्ट्राइक से रूस बेदम
यूक्रेन ने जहां रूस के 40 विमान को मार गिराने का वादा किया है. वहीं क्रीमिया ब्रिज को भी विस्फोट के जरिए उड़ा दिया है. कहा जा रहा हैा कि यूक्रेन के इस अटैक से रूस का करीब 59 अरब रुपए का नुकसान हुआ है. पहली बार जंग में यूक्रेन ने रूस का इतना बड़ा नुकसान एक साथ पहुंचाया है. रूस ने अब तक यूक्रेन पर पलटवार नहीं किया है. कहा जा रहा है कि अब रूसी पलटवार अगर होता है तो यह बड़े जंग में तब्दील हो सकता है. यूक्रेन के साथ-साथ ब्रिटेन, जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों ने भी जंग को लेकर अपनी तैयारियां दुरुस्त कर ली है.
टोरंटो में भीषण गोलीबारी, एक की मौत और पांच गंभीर घायल
4 Jun, 2025 12:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा: कनाडा के टोरंटो में सामूहिक गोलीबारी की घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं. स्थानीय मीडिया के अनुसार, गोलीबारी नॉर्थ यॉर्क के लॉरेंस हाइट्स इलाके में हुई. टोरंटो पुलिस ने पुष्टि की है कि कम से कम पांच लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. टोरंटो की मेयर ओलिविया चाउ और स्थानीय पार्षद डिप्टी मेयर माइक कोल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "लॉरेंस हाइट्स इलाके में आज शाम हुई गोलीबारी की खबर से व्यथित हूं. मेरा कार्यालय टोरंटो पुलिस के संपर्क में है, जो अभी घटनास्थल पर हैं और पुलिस हमले की जांच कर रही है."
इस हमले की हो रही जांच
अधिकारियों के अनुसार, कनाडा के टोरंटो में हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए. घटना के आसपास की परिस्थितियों की जांच की जा रही है. आपातकालीन दल ने मंगलवार को रात करीब 8:30 बजे शहर के उत्तरी हिस्से में लॉरेंस हाइट्स इलाके में इसकी सूचना दी है. टोरंटो पुलिस संचालन केंद्र के अनुसार, यह घटना फ्लेमिंगटन रोड और ज़ैचरी कोर्ट के पास हुई है.
18 से 40 वर्ष के छह लोग घायल
टोरंटो पुलिस ने शुरू में बताया था कि चार लोगों को गोली लगी थी, लेकिन बाद में पैरामेडिक्स की ओर से अपडेटआया छह व्यक्तियों - 18 से 40 वर्ष की आयु के बीच के पांच पुरुष और एक महिला को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल ले जाया गया. बाद के अपडेट में, पुलिस ने पुष्टि की कि एक व्यक्ति की मौत हो गई और शेष पांच पीड़ित बुरी तरह से घायल हैं.
मजदूरी से वकालत और अब राष्ट्रपति, ली जे-म्यांग बने साउथ कोरिया के नए राष्ट्रपति
4 Jun, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सियोल: दक्षिण कोरिया में विपक्षी उम्मीदवार ली जे-म्यांग मंगलवार देर रात को राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए. यह जीत देश में कई महीनों से जारी राजनीतिक उथल-पुथल का अंत करेगी, जो अब अपदस्थ रूढ़िवादी नेता यून सुक येओल द्वारा ‘मार्शल लॉ’ लागू करने के आश्चर्यजनक फैसले के कारण शुरू हुई थी. यह स्पष्ट नहीं है कि ली के चुनाव से दक्षिण कोरिया की विदेश नीति में कोई बड़ा और तात्कालिक बदलाव आएगा या नहीं.
नए राष्ट्रपति के सामने क्या हैं चुनौतियां?
ली पर पहले आलोचकों द्वारा चीन और उत्तर कोरिया की ओर झुकाव और अमेरिका और जापान से दूर रहने का आरोप लगाया गया था. ली ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि दक्षिण कोरिया का अमेरिका के साथ गठबंधन उसकी विदेश नीति का आधार है. दक्षिण कोरिया के नये राष्ट्रपति के सामने सबसे कठिन बाहरी चुनौतियां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कर नीति और उत्तर कोरिया का बढ़ता परमाणु कार्यक्रम हैं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जो भी राष्ट्रपति बनेगा, वह इन मुद्दों पर दक्षिण कोरिया के पक्ष में बड़ी प्रगति सुनिश्चित करने के लिए कुछ खास नहीं कर पाएगा.
घोषणा से पहले ही किम ने मानी थी हार
स्थानीय समयानुसार, मंगलवार देर रात 2:40 बजे तक लगभग 95 प्रतिशत मतों की गिनती हो चुकी थी. इसके अनुसार डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार ली 48.86 प्रतिशत मतों के साथ आगे थे. मुख्य रूढ़िवादी उम्मीदवार किम मून सू को 41.98 प्रतिशत मत मिले. ली की जीत की औपचारिक घोषणा से पहले ही किम ने अपनी हार स्वीकार कर ली थी और पत्रकारों से कहा था कि वह "लोगों की पसंद को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करते हैं." किम ने ली को बधाई भी दी थी.
कब शपथ लेंगे नए राष्ट्रपति?
इससे पहले ली सियोल की सड़कों पर हज़ारों समर्थकों के सामने आए. उन्होंने औपचारिक रूप से जीत का दावा नहीं किया, लेकिन अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने, उत्तर कोरिया के साथ शांति को बढ़ावा देने जैसे अपने प्रमुख नीतिगत लक्ष्यों को दोहराया. उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद के साथ आगे बढ़ना चाहिए और इस पल से एक नई शुरुआत करनी चाहिए." विजयी उम्मीदवार को बुधवार को तत्काल ही राष्ट्रपति पद की शपथ दिला दी जाएगी.
कौन हैं दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति?
ली जे-म्यांग का जीवन गरीबी से अमीरी की ओर बढ़ने वाली प्रेरणादायक कहानी रही है. वह कभी फैक्ट्री में मजदूरी करते थे, फिर मानवाधिकार वकील बने और अब देश के नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. 1963 में ग्योंगबुक प्रांत के एंडोंग के एक सुदूर पहाड़ी गांव में पैदा हुए ली एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. ली को 2022 के चुनाव में मामूली अंतर से चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. उस समय उनकी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी. ली पहले एक मानवाधिकार वकील थे हालांकि बाद मे राजनेता बन गए. पूर्व राष्ट्रपति यून के खिलाफ चलाए गए महाभियोग में म्यांग की बड़ी भूमिका रही है और यही कारण है कि उन्हें पार्टी ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया था.
हरियाणा में राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस का 'संगठन सृजन अभियान' शुरू, बनेगी नई टीम
3 Jun, 2025 07:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले 11 सालों में आठ प्रभारियों द्वारा हरियाणा कांग्रेस का संगठन बनाने में विफल रहने के बाद अब राहुल गांधी ने स्वयं कमान संभाल ली है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार को चंडीगढ़ आ रहे हैं। वे हरियाणा में कांग्रेस नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ाने के साथ ही संगठन बनाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश देंगे।
दो चरणों में होने वाली बैठकों के दौरान राहुल गांधी सिर्फ 115 नेताओं से मिलेंगे। पहले दौर की मीटिंग राज्य के 17 प्रमुख नेताओं के साथ होगी, जबकि दूसरे दौर की मीटिंग में केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों के साथ संगठन बनाने के तौर-तरीके पर बातचीत की जाएगी।
गुजरात मॉडल को अपनाते हुए कांग्रेस ने तय किया है कि हरियाणा में कांग्रेस के अधिकतर जिलाध्यक्ष 50 साल की उम्र के आसपास के होंगे। इससे अधिक उम्र का कोई नेता यदि जिलाध्यक्ष के लिए दावेदारी करता है तो उसके नाम पर राहुल गांधी के स्तर पर ही विचार किया जाएगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को करीब सवा 11 बजे चंडीगढ़ स्थित हरियाणा कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में पहुंच जाएंगे। दोपहर ढ़ाई बजे तक उनके लौट जाने का शेड्यूल निर्धारित है।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और हरियाणा कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान जितेंद्र भारद्वाज ने मंगलवार को पूरे दिन कार्यालय में रहकर राहुल गांधी के दौरे की तैयारियों को अंतिम रूप दिया।
सुरक्षा बंदोबस्त के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ उनकी बैठकें हुई। पूरे कांग्रेस कार्यालय को लगभग सील कर दिया गया है। बुधवार को सुरक्षाकर्मियों द्वारा सिर्फ उन्हीं कांग्रेस नेताओं, केंद्रीय पर्यवेक्षकों व राज्य पर्यवेक्षकों को कांग्रेस कार्यालय में प्रवेश दिया जाएगा, जिनके नाम सूची में शामिल हैं।
राहुल गांधी हरियाणा के जिन 17 नेताओं के साथ पहले दौर की बैठक करेंगे, उनमें प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर मलिक और फूलचंद मुलाना, राष्ट्रीय महासचिव और सांसद कुमारी सैलजा तथा रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव, पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, नेशनल सेक्रेटरी चेतन चौहान, पूर्व विधायक चिरंजीव राव, नेशनल सेक्रेटरी प्रदीप नरवाल, नेशनल सेक्रेटरी विनीत पूनिया, पूर्व विधायक बलबीर पाल शाह और कांग्रेस पंचायत प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सुनील पंवार शामिल हैं। कांग्रेस के दोनों सह प्रभारी जितेंद्र बघेल और प्रफुल्ल गुडधे को भी बैठक में रहने को कहा गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी में इस बात को लेकर कड़ी नाराजगी है कि हरियाणा के नेताओं की आपसी गुटबाजी के चलते कांग्रेस सत्ता में आते-आते रह गई। पिछले 11 सालों में शकील अहमद, पृथ्वीराज चव्हाण, बीके हरिप्रसाद, गुलाम नबी आजाद, कमलनाथ, विवेक बंसल, शक्ति सिंह गोहिल और दीपक बाबरिया हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी रहे, लेकिन वे कांग्रेस का संगठन तैयार नहीं कर सके।
बीके हरिप्रसाद को दोबारा हरियाणा का प्रभार मिला है। उन्होंने कहा है कि पहले भी मैंने ही संगठन बनाया था और अब भी मैं ही संगठन तैयार करूंगा, लेकिन जिस तरह से पिछले चार माह से संगठन में अपने प्रभाव को लेकर कांग्रेस नेताओं में जंग छिड़ी हुई है, उसके मद्देनजर राहुल गांधी को ही चंडीगढ़ आना पड़ गया है।
केंद्रीय व राज्य पर्यवेक्षकों के जिलों पर होमवर्क पूरा, राहुल करेंगे फाइनल
राहुल गांधी बुधवार को 21 केंद्रीय पर्यवेक्षकों व 77 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षकों के साथ भी वार्ता करेंगे। राज्य स्तरीय पर्यवेक्षकों में आठ सह पर्यवेक्षक भी शामिल हैं। इनमेंसबसे अधिक हुड्डा गुट के पर्यवेक्षक हैं। एक केंद्रीय पर्यवेक्षक के साथ तीन-तीन राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
किस केंद्रीय पर्यवेक्षक व राज्य पर्यवेक्षक को कौन सा जिला दिया जाएगा, इस पर मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के बीच चर्चा हुई। राहुल गांधी की बैठक में चर्चा के इस प्रारूप को रखा जाएगा, जिसके बाद तय होगा कि कौन केंद्रीय पर्यवेक्षक किस जिले में संगठन तैयार करने जाएगा।
कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनने के लिए पांच साल से सक्रिय सदस्यता की शर्त अनिवार्य है। दावेदारों को पर्यवेक्षकों के समक्ष जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन करना होगा। पार्टी प्रभारी ने एक माह में संगठन बनाने का दावा किया है। इसके बाद ब्लाक अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया होगी। सबसे आखिर में राज्य कांग्रेस का संगठन बनेगा।
सुबह साढ़े 11 बजे से आरंभ होगा राहुल की बैठकों का दौर
यह पहला मौका होगा जब गांधी परिवार का कोई सदस्य बुधवार को हरियाणा कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय सेक्टर नौ चंडीगढ़ में पहुंचेगा। राहुल गांधी द्वारा ली जाने वाली बैठकों का दौर सुबह 11.30 बजे से आरंभ हो जाएगा। चंडीगढ़ पुलिस ने राहुल गांधी से मुलाकात करने वाले सभी नेताओं की सूचियां हरियाणा कांग्रेस से ले ली हैं।
सभी प्रवेश द्वार पर इन सूचियों के आधार पर ही इंट्री होगी। बुधवार को सुबह नौ बजे से हरियाणा कांग्रेस मुख्यालय की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस के नाके सक्रिय हो जाएंगे। इस बीच हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि अब बहुत जल्द कांग्रेस का संगठन खड़ा हो जाएगा। राहुल गांधी के आगमन की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
प्रेम विवाह के बाद ससुराल वालों ने पीटा, फरीदाबाद में युवक ने की आत्महत्या!
3 Jun, 2025 07:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रेम विवाह को लेकर सेक्टर-तीन के रहने वाले युवक की ससुराल वालों ने दयालपुर गांव में जमकर पिटाई की। उसने मजबूर होकर अपने घर में फांसी लगाकर की आत्महत्या कर ली। पुलिस ने ससुराल वालों के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप में मामला दर्ज कर मृतक का बादशाह खान अस्पताल में पोस्टमार्टम करा दिया है।
एसी नगर फरीदाबाद के रहने वाले पिता बजरंगी लाल ने बताया कि उसका बेटा आकाश सेक्टर-चार स्थित एक फैक्ट्री में प्रबंधक था। वह सेक्टर-तीन 36 गज हाउसिंग कॉलोनी में रहता था। उसने दयालपुर की रहने वाली प्रीति से 12 नवंबर-2024 को प्रेम विवाह किया था। इस विवाह से प्रीति के स्वजन खुश नहीं थे।
कमरे में बंद कर किया अपमानित
पहली जनवरी-2025 को प्रीति का भाई ध्रुव और पिता महिपाल निवासी दयालपुर दो बाइक पर आए और प्रीति को अपने साथ बाइक पर बैठा कर गांव ले गए। प्रीति पालतू पिल्ला को भी साथ ले गई। वहां पर पिल्ला बीमार हो गया।
पति आकाश अपने साथ घरेलू सहायिका शिरोमणी, साजन, कृष्णा को साथ लेकर को पिल्ला की दवा देने के लिए दयालपुर चला गया। वहां पर आकाश के साथ उसके साले ध्रुव, ससुर महिपाल, सास संतोष व अन्य ने उन्हें कमरे में बंद करके जमकर पीटा।
पंखा से लटकी मिली डेडबॉडी
इस दौरान ध्रुव ने थार में अपने कुछ बाहरी बदमाशों को भी बुला लिया। उन्होंने प्रीति को भी अलग कमरे में बंद कर दिया। आकाश की सबके सामने जमकर पिटाई की और अपमानित किया। सास संतोष ने घरेलू सहायिका शिरोमणि को भी पीटा। जैसे-तैसे आकाश अपनी कार में बैठ कर वापस सेक्टर-तीन आ गया और उसने सारी घटना के बारे में उन्हें बताया।
घटना की ऑडियो रिकॉर्डिंग है। घरेलू सहायिका शिरोमणि जब घर रोजाना की तरह सुबह साफ-सफाई करने के लिए पहुंची तो आकाश अपने कमरे में पंखा के हुक से फांसी लगाकर मृत अवस्था में लटका हुआ मिला। उसने इस घटना के बारे में स्वजन को जानकारी दी। स्वजन ने सेक्टर-तीन चौकी पुलिस को बताया।
पुलिस ने मृतक के पिता बजरंगी की शिकायत पर आरोपित सास संतोष , साली चीना, डोली , साले ध्रुव, ससुर महिपाल व अन्य 10 लोगों के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के आरोप मामला दर्ज कर मृतक का बादशाह खान अस्पताल में पोस्टमार्टम करा दिया।
सोशल मीडिया फेम बना जान का खतरा, इस्लामाबाद में 17 साल की टिकटॉकर की गोली मारकर हत्या
3 Jun, 2025 04:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: पाकिस्तान में क्राइम का ऐसा बोलबाला है कि क्या आम और क्या खास, वहां कोई सेफ नहीं है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में अपने ही घर के अंदर 17 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने एक अज्ञात संदिग्ध के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है. पाकिस्तान के अखबार की रिपोर्ट के अनुसार सना की मां फरजाना यूसुफ की शिकायत पर सोमवार शाम को सुंबल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई. इसमें अज्ञात आरोपी के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 लगाई गई.
कौन थी सना यूनुफ, कैसे हुई हत्या
रिपोर्ट के अनुसार 17 साल की सना यूनुफ पाकिस्तान के अंदर सोशल मीडिया पर फेमस थी. उसके टिकटॉक अकाउंट पर लगभग 800,000 फॉलोअर्स थे और उसके इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगभग 500,000 फॉलोअर्स थे. रिपोर्ट की माने तो एफआईआर में लिखा है कि सना की मां ने कहा है कि हाथ में पिस्तौल लिए एक लड़का शाम करीब 5 बजे अचानक उनके घर में घुस आया और "हत्या करने के इरादे से सीधे मेरी बेटी पर गोली चला दी". उन्होंने बताया कि सना के सीने में दो गोलियां लगीं, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. FIR में कहा गया है कि सना को हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन उसने गोली से लगी जख्म के कारण उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
पाकिस्तान में ऐसी पहली घटना नहीं
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में किसी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की हत्या हुई है. हाल के महीनों में ऐसी घटनाओं में लगातार वृद्धि हुई है. हाल ही में पंजाब के खुशाब में एक टिकटॉकर महिला की उसके चचेरे भाई ने बेरहमी से हत्या कर दी. इसी तरह, इस साल फरवरी में, एक और महिला टिकटॉकर पेशावर में अपने घर में मृत पाई गई थी.
इस बीच, जनवरी में पाकिस्तान के क्वेटा में एक पिता ने टिकटॉक पर वीडियो बनाने के लिए अपनी अमेरिका में जन्मी किशोर बेटी की हत्या कर दी थी. पुलिस के अनुसार, उसके परिवार को "उसके पहनावे, जीवनशैली और सामाजिक मेलजोल पर आपत्ति थी". परिवार 25 साल तक अमेरिका में रहा था और युवा लड़की ने अपने परिवार के पाकिस्तान वापस जाने से पहले ही टिकटॉक पर कंटेंट पोस्ट करना शुरू कर दिया था.
राजा मोहम्मद VI का बड़ा फैसला, इस बार बकरीद पर नहीं दी जाएगी कुर्बानी
3 Jun, 2025 03:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोरक्को: इस महीने की 6 और 7 तारीख को को ईद-अल-अजहा यानी बकरीद मनाई जाएगी. इस दिन इस्लाम को मानने वाले बकरे या किसी और जानवर की कुर्बानी देते हैं, जिसे लेकर एक बड़े मुस्लिम देश ने बड़ा फैसला लिया है. 99 परसेंट मुस्लिम आबादी वाले इस्लामिक मुल्क मोरक्को ने कुर्बानी को लेकर सख्त आदेश दिए हैं कि कोई भी नागरिक ईद पर बकरे या किसी और जानवर की कुर्बानी नहीं देगा, जिसके बाद पूरे देश में बकरे ढूंढने के लिए छापेमारी चल रही है.
मोरक्को के राजा मोहम्मद-VI के शाही फरमान से लोगों में बहुत गुस्सा है क्योंकि उनके आदेश के बाद सुरक्षाबलों ने कई शहरों में कुर्बानी रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस्लाम में बकरीद के दिन कुर्बानी देने का बहुत महत्व बताया गया है. इसका मकसद अल्लाह की राह में उस चीज की कुर्बानी के महत्व को समझना है, जो आपको प्यारी हो. बकरीद मुसलमानों को अपना कर्तव्य निभाने और अल्लाह पर विश्वास रखने का पैगाम देती है.
मोरक्को के राजा ने क्यों लिया कुर्बानी पर रोक का फैसला?
मोहम्मद-VI ने भयंकर सूखे के चलते कम हो रही पशुओं की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया है. राजा ने कहा है कि इस हफ्ते आ रहे बकरीद के त्योहार को लोग इबादत और दान करके मनाएं और कुर्बानी से बचें. राजा के इस फैसले के बाद अधिकारियों ने जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और चोरी छिपे कुर्बानी के लिए लाई गई भेड़ों को घरों से ही जब्त कर लिया गया है. सरकार की इन कार्रवाइयों से लोग बहुत नाराज हैं और विरोध प्रदर्शन में सड़कों पर उतर आए हैं.
मोरक्को सरकार के फैसले पर क्या सोचता है मुस्लिम वर्ल्ड?
मोहम्मद-VI के फैसले पर मुस्लिम वर्ल्ड ने भी आपत्ति जताई है और उन्होंने इसको खतरनाक मिसाल बताया है. उनका ये भी कहना है कि धार्मिक रीति-रिवाजों में सरकार दखल दे रही है. हालांकि, कुछ लोग सरकार के फैसले से सहमत हैं और आर्थिक और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए फैसले का बचाव कर रहे हैं.
कराची की मालिर जेल से 216 कैदी फरार, भूकंप के बाद मची अफरा-तफरी का उठाया फायदा
3 Jun, 2025 02:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान: सोमवार की देर रात को भूकंप आने के बाद कराची की मालिर जेल के कैदियों को सुरक्षा लिहाज से उनके कमरों से बाहर निकालकर मेनगेट तक लाया गया था, लेकिन मौका का फायदा उठाकर कम से कम 216 कैदी भाग गए. एक रिपोर्ट के अनुसार इसकी जानकारी जेल सुपरिटेंडेंट ने दी है. मीडिया से बात करते हुए, अधिकारी ने पुष्टि की कि 80 से अधिक कैदियों को फिर से पकड़ लिया गया है, लेकिन बाकि के कैदी अभी भी पहुंच के बाहर हैं.
जेल सुपरिटेंडेंट अरशद शाह ने कहा कि जेलब्रेक की घटना तब हुई जब भूकंप के झटकों के दौरान सुरक्षा एहतियात के तौर पर सर्कल नंबर 4 और 5 के कैदियों को उनकी बैरक से बाहर निकाला गया था. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "उस समय 600 से अधिक कैदी अपने बैरक के बाहर थे. अराजकता की स्थिति के बीच, 216 भागने में सफल रहे." उन्होंने कहा कि 135 से अधिक कैदी अभी भी फरार हैं और तलाश के प्रयास जारी हैं.
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में भारी गोलीबारी की आवाज सुनी जा सकती है, दावा किया जा रहा है कि यह मालिर जेल के आसपास के इलाकों से है. अन्य फुटेज में कुछ कैदी सड़क किनारे भागते नजर आ रहे हैं. वहीं सिंध के गृह मंत्री जिया-उल-हसन लंजर ने इस स्थिति को हाल के वर्षों में सबसे गंभीर जेलब्रेक में से एक बताया. मंगलवार तड़के बोलते हुए उन्होंने कहा कि भागने की घटना तब हुई जब निकासी के बाद 700 से 1,000 कैदी मेन गेट के पास जमा हुए थे. उन्होंने कहा कि करीब 100 कैदी जबरन गेट खोलकर भाग गए.
हालांकि दूसरी तरफ पाकिस्तान के मीडिया हाउस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने कहा कि कैदियों ने जेल की बाहरी दीवार तोड़ दी, जो रविवार से क्षेत्र में महसूस किए गए कम तीव्रता के कई भूकंप झटकों के कारण कमजोर हो गई थी.
रूस में आलू के दाम आसमान पर, पुतिन भी बोले- हालात गंभीर
3 Jun, 2025 01:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस: रूस पर यूक्रेन के ड्रोन हमले पहले ही पुतिन को बेचैन किए हुए थे. हमले वो भी ऐसे जो रूस के गहरे इलाकों तक जा पहुंचे, जहां रूस ने सोचा भी नहीं था. मगर इस बीच रूस की थाली से उसकी सबसे भरोसेमंद चीज आलू गायब होने लगे हैं. जिस देश को दुनिया में सबसे ज्यादा आलू खाने वाला माना जाता है, वहां अब ये सब्जी लग्जरी बन गई है. और यह संकट इतना गंभीर है कि खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस पर चिंता जाहिर करनी पड़ी.
रूस में आलू की कीमतें पिछले एक साल में करीब 2.8 गुना बढ़ गई हैं. मई 2025 की शुरुआत में औसतन एक किलो आलू की कीमत 85 रूबल (करीब ₹89) पहुंच गई, जबकि पिछले साल यही दाम 30 रूबल (₹32) के आसपास था. कुछ इलाकों में तो 200 रूबल प्रति किलो तक कीमतें पहुंच गई हैं. इस संकट ने सरकार को हिला दिया है. उप-प्रधानमंत्री दिमित्री पत्रुशेव ने माना है कि सरकार जरूरी कदम उठाने में देर कर गई. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्ज़ेंडर लुकाशेंको, जिन्हें मज़ाक में आलू-फ्यूरर कहा जाता है, उन्होंने भी इस संकट पर चिंता जताई है.
आखिर क्यों महंगा हुआ आलू?
इस संकट के पीछे कोई एक वजह नहीं, बल्कि कई कारण एक साथ जुड़े हुए हैं. सबसे बड़ी वजह है साल 2024 की खराब फसल. पिछले साल के मुकाबले आलू की पैदावार में करीब 12 फीसदी की गिरावट आई. कुल उत्पादन सिर्फ 17.8 मिलियन टन रहा. इसकी बड़ी वजहें रहीं जैसे खराब मौसम,बीज आलू की कमी और खेती के रकबे में गिरावट. दरअसल, 2023 में रूस में आलू की इतनी ज़्यादा पैदावार हुई थी कि दाम बहुत नीचे चले गए. इससे किसानों को घाटा हुआ और उन्होंने 2024 में आलू की जगह तेल वाले बीज, शुगर बीट जैसी फसलें उगानी शुरू कर दीं.
आलू सिर्फ सब्जी नहीं, रूसी संस्कृति का हिस्सा
रूस में आलू कोई आम सब्जी नहीं, बल्कि संस्कृति का हिस्सा है. इसे पीटर द ग्रेट के जमाने में पश्चिम से लाया गया था. शुरुआत में लोग इसे जहर समझते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह आम लोगों की थाली में जगह बना गया. यहां तक कि 1980 के दशक में जब मैकडॉनल्ड्स रूस आया, तो उन्हें इंसानों के खाने लायक आलू तक नहीं मिले. शुरू में पोलैंड से आलू मंगवाए गए, बाद में रूस में इंसानी खपत लायक आलू उगाए जाने लगे.
आलू के बिना थाली में बस पास्ता
जब खाने की चीजें महंगी होती हैं, तो लोग खाना कम नहीं करते, बल्कि वैरायटी छोड़ देते हैं. सब्जियों और मछली की जगह सिर्फ सस्ता आलू या पास्ता खाते हैं. इससे पोषण की कमी होती है. 90 के दशक में रूस के अनाथालयों में स्पाइना बिफिडा नाम की गंभीर बीमारी वाले बच्चे सामने आए. वजह थी माओं को ठीक खाना न मिलना. जब माओं ने सही खाना खाना शुरू किया, तो बीमारी कम हो गई. जब आम सब्जी भी आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाए, तो संकट सिर्फ थाली में नहीं, पूरी पीढ़ी की सेहत, संस्कृति और सोच पर असर डालता है. और यही आलू संकट आज रूस में कर रहा है.
स्पेन में जब कनिमोझी से पूछा गया; 'भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है?, तब जवाब पर गूंजीं तालियां'
3 Jun, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
स्पने: डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि के नेतृत्व वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल फिलहाल स्पेन दौरे पर है. स्पने में एक कार्यक्रम के दौरान कनिमोझी से पूछा गया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है? इस पर डीएमके सांसद ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर वहां मौजूद सभी लोग तालियां बजाने लगे. इस दौरान डीएमके सांसद ने कहा कि हमारे देश में बहुत कुछ किया जाना बाकी है और हम ये करना भी चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा ध्यान भटकाया जा रहा है.
कनिमोझी ने जवाब से की बोलती बंद
स्पेन में भारतीय समुदाय के लोगों से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और आवाज उठाने की अपील की गई. इसी दौरान एक व्यक्ति ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं डीएमके सांसद कनिमोझी से सवाल किया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है? गौरतलब है कि तमिलनाडु की डीएमके सरकार और केंद्र सरकार के बीच भाषा को लेकर विवाद हो रहा है.
खासकर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत तीन भाषा फार्मूले पर डीएमके सरकार विरोध कर रही है. स्पेन में पूछे गए सवाल को इसी विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि कनिमोझी के जवाब ने सवाल पूछने वाले व्यक्ति की बोलती बंद कर दी. कनिमोझी ने अपने जवाब में कहा कि 'भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता में अनेकता है.' कनिमोझी के जवाब पर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया.
'हमारा संदेश साफ, भारत सुरक्षित है'
कनिमोझी ने आगे कहा कि 'हमारे देश में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है और हम करना भी चाहते हैं, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा ध्यान भटकाया जा रहा है. हमें आतंकवाद और लड़ाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी बिल्कुल जरूरत नहीं है. बतौर भारतीय हमारा संदेश साफ है कि भारत सुरक्षित है. वे कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन वे हमें पटरी से नहीं उतार सकते. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि कश्मीर सुरक्षित रहे।'
बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस पर टूटा सियासी हमला, अब बीएनपी ने भी जताई नाराज़गी
3 Jun, 2025 12:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश: शेख हसीना के बाद खालिदा जिया की पार्टी ने भी बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर भारत के खिलाफ बयान देकर लोगों को गुमराह का आरोप लगाया है. ढाका में सोमवार 2 जून को एक बैठक में बीएनपी के प्रतिनिधि ने कहा कि यूनुस चुनाव नहीं कराना चाहते हैं, इसलिए भारत का नाम लेकर टाल-मटोल कर रहे हैं. बीएनपी के प्रतिनिधि सलाहुद्दीन का कहना था कि आप बार-बार कह रहे हैं कि एक देश बांग्लादेश में जल्दी से चुनाव चाहता है. हम पर भी आप भारत की तरह बात करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन क्या आप बताएंगे कि आप आखिर चुनाव क्यों नहीं करा रहे हैं?
सुधार को लेकर गंभीर नहीं यूनुस की सरकार
सलाहुद्दीन ने कहा कि सुधार को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. सरकार यह नहीं बता सकती है कि आखिर पिछले 10 महीने में क्या-क्या हुआ? जब 10 महीने में कुछ नहीं हुआ, तो अगले 10 महीने में क्या हो जाएगा?. सलाहुद्दीन के मुताबिक यूनुस की सरकार सिर्फ बयानबाजी पर चल रही है. सरकार न्यूट्रल नहीं है. एक पक्ष को बढ़ाने के लिए मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है. इसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
27 पार्टियों की चाहत- दिसंबर में हो चुनाव
यूनुस की बैठक में सलाहुद्दीन ने कहा कि आपने जापान में यह बयान दिया कि सिर्फ एक पार्टी दिसंबर 2025 तक चुनाव चाह रही है. यहां हम 30 पार्टियां मौजूद है, जिसमें से सिर्फ 3 पार्टियां ही दिसंबर में चुनाव नहीं चाह रही है. सलाहुद्दीन ने कहा कि आप गौर से देख लीजिए कि हम 27 पार्टी एक साथ हैं. आपने जो बयान दिया, उससे हम लोगों को ठेस पहुंचा. बांग्लादेश के लोगों को धक्का लगा. बीएनपी के मुताबिक अगर दिसंबर 2025 में चुनाव नहीं कराए जाते हैं तो आने वाले वक्त में इसे संपन्न कराना आसान नहीं होगा. बीएनपी ने तुरंत ही चुनाव को लेकर रोडमैप जारी करने की मांग की है.
चुपचाप सुनते रहे यूनुस, कुछ नहीं बोले
बैठक में यूनुस बीएनपी की बातों को चुपचाप सुनते रहे. बैठक में मौजूद सूत्रों ने बांग्लादेशी अखबार प्रथम आलो को बताया कि चुनाव को लेकर यूनुस ने कुछ नहीं कहा है. बांग्लादेश की स्थानीय मीडिया के मुताबिक यूनुस को लगता है कि वे सही से चुनाव नहीं करा पाएंगे. यही वजह है कि यूनुस दिसंबर 2025 में चुनाव कराने से कन्नी काट रहे हैं.
भारत की जलनीति से पाकिस्तान में हाहाकार, सूखते डैम और ठप होती खेती
2 Jun, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Indus Water Crisis Pakistan: कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र में चिनाब नदी का पानी भारत(India Pakistan water dispute) की ओर से रोक देने के कारण जल संकट (Indus water crisis)गहराता जा रहा है। मंगला और तरबेला जैसे मुख्य बांध (Mangal Tarbela dams) सूखे पड़े हुए हैं, जिससे सिंचाई प्रभावित हो रही है और खरीफ की फसलों की बुआई रुकने का खतरा मंडरा रहा है। दरअसल चिनाब नदी में भारत की ओर से जल प्रवाह घटाने के बाद पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली में पानी की कमी ((Pakistan water shortage))पिछले साल की तुलना में तेजी से बढ़ रही है । हालत यह है कि मंगला और तरबेला बांधों में जल संग्रहण आधे से भी कम हो गया है, जिससे सिंचाई और जल विद्युत उत्पादन दोनों प्रभावित हो रहे हैं। मानसून देर से आने के कारण सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता और भी कम हो सकती है, जिससे पंजाब प्रांत के किसानों को भारी नुकसान होने की आशंका है।
पाकिस्तान को जलस्तर के आंकड़े देना भी बंद कर दिया गया
ध्यान रहे कि भारत ने हाल ही में 1960 की सिंधु जल संधि निलंबित की है और पाकिस्तान को जलस्तर के आंकड़े देना भी बंद कर दिया गया है, जिससे पाकिस्तान को मानसून के दौरान पहले की तरह पूर्व चेतावनी देने में दिक्कत हो रही है। इस कदम से पाकिस्तानी किसानों के लिए खासकर खरीफ की बुवाई के मौसम में जल संकट और भी गहरा गया है।
भीषण गर्मी और मानसून की देरी से किसान बेहाल
पाकिस्तान में इस गर्मी में भीषण तापमान के बीच मानसून देर से पहुंचने की वजह से सिंचाई की समस्या और बढ़ गई है। जून के अंत तक मानसून के पहुंचने की संभावना कम है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
सिंधु नदी प्रणाली में पानी की कमी का आंकड़ा चिंताजनक
पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण ने बताया कि 2 जून, 2025 को पंजाब प्रांत में पानी की उपलब्धता पिछले साल की तुलना में 10.3 प्रतिशत कम हो गई है। वहीं कुल पानी की मात्रा 1,28,800 क्यूसेक रह गई है, जो सिंचाई के लिए पर्याप्त नहीं है।
मंगला और तरबेला बांधों में आधी क्षमता का पानी बचा
पाकिस्तान के प्रमुख दो बांध, मंगला और तरबेला, जो सिंधु और झेलम नदियों पर बने हुए हैं, आधी क्षमता से भी कम पानी स्टोर कर पा रहे हैं। यह स्थिति जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों को प्रभावित कर रही है, जिससे पंजाब और सिंध प्रांतों में खेती संकट में है।
सिंधु जल संधि के निलंबन से बढ़ी समस्या
भारत की ओर से 1960 की सिंधु जल संधि निलंबित करने के बाद से पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली के जल प्रवाह में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस निर्णय के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ नदियों के जलस्तर का डाटा साझा करना भी बंद कर दिया है, जिससे मानसून के दौरान पूर्व चेतावनी और आपदा प्रबंधन में बाधा आई है।
रिएक्शन : पाकिस्तान ने “गंभीर जल संकट” बताया
पाकिस्तान सरकार ने इस स्थिति को देश के लिए “गंभीर जल संकट” बताया है और भारत के सिंधु जल संधि निलंबन के फैसले की कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाते हुए जल संकट को आतंकवाद के साथ जोड़कर भारत की नीतियों की आलोचना की है। वहीं, कृषि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर जल संकट इसी तरह बना रहा तो आने वाले महीनों में पाकिस्तान के खाद्य सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है।
फालोअप: वैकल्पिक जल स्रोत खोजने और जल संरक्षण पर विचार
पाकिस्तान सरकार अब सिंधु जल संकट को कम करने के लिए वैकल्पिक जल स्रोत खोजने और जल संरक्षण परियोजनाओं को तेज करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सिंधु जल प्राधिकरण की ओर से आगामी हफ्तों में नए जल प्रबंधन उपायों की घोषणा की जा सकती है। साथ ही, दक्षिण-पश्चिम मानसून की संभावित स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है ताकि किसानों को समय पर सहायता दी जा सके।
साइड एंगल: पाकिस्तान का सामाजिक और आर्थिक तनाव और बढ़ा
इस जल संकट ने पाकिस्तान के सामाजिक और आर्थिक तनाव और भी बढ़ावा दिया है। सिंध की कमी के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है, जिससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार संकट और पलायन बढ़ सकता है। इसके अलावा, भारत-पाकिस्तान के बीच जल स्रोतों को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना भी जताई जा रही है, जो क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित कर सकता है।
हरियाणा में कांग्रेस पर अनिल विज का हमला, बोले– पहले अपने घर की लड़ाई सुलझाएं
2 Jun, 2025 05:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन एवं श्रम मंत्री अनिल विज ने कांग्रेस पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस सारे देश के मुद्दों पर अपना दृष्टिकोण रखती है और देश की बड़ी बड़ी समस्याओं के बारे में बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन यह पार्टी अपने एक राज्य हरियाणा में अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पा रही है। कांग्रेस की यह स्थिति बहुत ही निराशाजनक है।
अनिल विज सोमवार को चंडीगढ़ में मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के चंडीगढ़ दौरे पर अनिल विज ने कहा कि आठ महीने के ज्यादा हो गए और ये अभी तक अपना नेता प्रतिपक्ष तय नहीं कर पाए हैं।
ऐसी स्थिति तब है, जब नेता प्रतिपक्ष तय करने के लिए कांग्रेस की कई मीटिंग हो हो चुकी हैं। हरियाणा में कांग्रेस की फूट के बारे में अनिल विज ने कहा कि राजनीति बड़ी अजीब चीज है। वही लड़ाते हैं और वही समझौते करवाते हैं।
डबवाली में शादी समारोह में पहुंची पुलिस, दुल्हन सहित सभी निकले फर्जी
2 Jun, 2025 05:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजस्थान पुलिस रविवार को अचानक हरियाणा के सिरसा के डबवाली में चल रहे एक शादी समारोह में पहुंच गई. पुलिस ने शादी तय कराने वाले बिचौलिए को पकड़ लिया. फिर दुल्हन और उसके साथ आए रिश्तेदारों की जांच की गई तो वे सभी फर्जी निकले. यहां तक कि माता-पिता के रूप में लाए गए लोगों को भी दुल्हन का नाम नहीं पता था. जब यह बात पता चली तो शादी समारोह में अफरा-तफरी मच गई. सभी लोग शादी से चले गए.
इस मामले में शादी की पोशाक में आई दुल्हन, उसके रिश्तेदारों और बिचौलिए को हिरासत में लिया गया. इसके बाद पंजाब से बारात लेकर आया दूल्हा दुल्हन के लिए लाया गया लहंगा और अन्य सामान लेकर वापस लौट गया. पुलिस के अनुसार, रविवार को हरियाणा के डबवाली में एक शादी समारोह चल रहा था. दुल्हन तैयार थी, दूल्हा भी स्टेज पर बैठा था. कुछ रिश्तेदार खाना खा रहे थे, जबकि कुछ अन्य खुशी में नाच रहे थे.
पुलिस को देखकर सभी हैरान
इसी बीच राजस्थान पुलिस वहां पहुंच गई. शादी समारोह के बीच में पुलिस को देखकर दूल्हा-दुल्हन और उनके रिश्तेदार हैरान रह गए. राजस्थान पुलिस ने वहां मौजूद लोगों से शादी तय कराने वाले बिचौलिए के बारे में पूछा. तभी मेहमानों के बीच से रेशम सिंह नाम का एक व्यक्ति आगे आया और खुद को मध्यस्थ के रूप में पेश किया, जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया.
लड़की के माता-पिता निकले फर्जी
जब मेहमानों ने इस बारे में पुलिस से पूछा तो उन्हें बताया गया कि राजस्थान के बीकानेर जिले के कोलायत थाने में 27 मार्च 2024 को रेशम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. ये पिछले एक साल से फरार है. राजस्थान पुलिस के इस खुलासे के बाद शादी समारोह में हड़कंप मच गया. पुलिस ने वहां मौजूद दूल्हा-दुल्हन और उनके परिजनों को बुलाया. जब दुल्हन के माता-पिता से पूछताछ की गई तो वे लड़की का नाम भी नहीं बता सके.
दुल्हन और उसके साथ आए लोग को हिरासत में
इसके बाद जब उसके अन्य रिश्तेदारों से पूछताछ की गई तो वे भी आपस में किसी को नहीं जानते थे. राजस्थान पुलिस की जांच में लड़की के माता-पिता और लड़की पक्ष के अन्य लोग भी फर्जी निकले. राजस्थान पुलिस ने इसकी सूचना हरियाणा पुलिस को दी. फिर डायल 112 और नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दुल्हन और उसके साथ आए लोगों को हिरासत में ले लिया.
राजस्थान पुलिस केवल रेशम सिंह को अपने साथ ले गई. आरोपी रेशम सिंह पंजाब के बठिंडा का निवासी है और फिलहाल डबवाली के सुंदर नगर में किराए के मकान में रह रहा था.