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पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की जल युद्ध की धमकी, कहा– भारत को पानी के मोर्चे पर हराएंगे
8 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पाकिस्तान ने भारत के हाथों न जाने कितनी बार मुंह की खाई है लेकिन अपनी करतूत और गीदड़भभकी से कभी बाज नहीं आता है। वहीं, एक बार फिर पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बयान दिया है कि जिसमें कहा गया है कि इस्लामाबाद जल युद्ध में भारत को हराएगा, उनका इशारा सिंधु जल संधि को लेकर था।
भारत चिनाब का पानी जानबूझकर कंट्रोल कर रहा है- ख्वाजा आसिफ
उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत चिनाब का पानी जानबूझकर कंट्रोल कर रहा है। नदी में पानी का प्रवाह जितना होना चाहिए, उससे काफी कम है। उन्होंने कहा कि भारत पारंपरिक युद्ध में पराजित हुआ था, और अब हम उसे जल युद्ध में भी हराएंगे।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान चिनाब नदी में पानी के कम प्रवाह और हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों पक्षों के बीच आधिकारिक बातचीत पूरी से बंद है।
इस्लामाबाद ने भारत को भेजे हैं कई पत्र
उन्होंने भारत के साथ किसी भी तरह की बैक-चैनल बातचीत से भी इनकार किया, जिससे पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति में अनिश्चितता की एक और परत जुड़ गई। इस बीच, इस्लामाबाद ने नई दिल्ली को कई औपचारिक पत्र भेजकर इस निर्णय की समीक्षा करने को कहा है।
जल संसाधन सचिव ने चार भेजा पत्र
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को चार बार पत्र लिखा - जिनमें से तीन ऑपरेशन सिंदूर के बाद लिखे गए - जिसमें संधि निलंबन पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया।
भारत ने जारी किया बयान
हालांकि, भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। 24 अप्रैल को, उसने औपचारिक रूप से पाकिस्तान को सिंधु जल संधि को स्थगित रखने के अपने फैसले की जानकारी दी। भारत की जल संसाधन सचिव देबाश्री मुखर्जी ने लिखा कि सद्भावना के साथ संधि का सम्मान करना संधि का मूल आधार है। हालांकि, हमने इसके बजाय पाकिस्तान द्वारा भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को निशाना बनाकर सीमा पार आतंकवाद को जारी रखा है।
पाकिस्तान की ओर से बार-बार संपर्क करने के बावजूद भारत अपनी बात पर अड़ा हुआ है। 29 अप्रैल को एक अधिकारी ने दोहराया कि जब तक पाकिस्तान “विश्वसनीय रूप से और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद का त्याग नहीं करता” तब तक कोई चर्चा नहीं होगी।
प्रदर्शन के बीच ट्रंप का सख्त कदम, नेशनल गार्ड की तैनाती से बढ़ा तनाव
8 Jun, 2025 03:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कल शनिवार को एक और सख्त फैसला लिया जिस पर विवाद शुरू हो गया है. राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के लिए कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड के 2 हजाव जवानों को तैनात करने का आदेश दिया है हालांकि इस फैसले पर स्थानीय गवर्नर ने कड़ी आपत्ति जताई है.
व्हाइट हाउस ने शनिवार को अपने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप कैलिफोर्निया में “अराजकता को दूर करने के लिए नेशनल गार्ड को तैनात कर रहे हैं, जिसे वहां पर जानबूझकर पनपने दिया गया.” वहां पर कल प्रवासियों के खिलाफ सख्ती के बाद दूसरे दिन बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को भगाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
ट्रंप का यह कदम भड़काऊः गवर्नर
कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम, जो डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हैं, ने इस गार्ड की तैनाती पर आपत्ति जताई और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने एक पोस्ट में कहा कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति का यह कदम “जानबूझकर भड़काऊ है और इससे सिर्फ तनाव ही बढ़ेगा.”
गवर्नर न्यूसम ने अपने बयान में कहा, “संघीय सरकार कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड को “अपने नियंत्रण में लेने” की ओर बढ़ रही है. सरकार की यह कोशिश “जानबूझकर भड़काऊ” है और चेतावनी दी कि इससे “केवल तनाव बढ़ेगा.” उन्होंने आगे कहा, “संघीय सरकार कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड को अपने नियंत्रण में ले रही है और लॉस एंजिल्स में 2,000 सैनिकों को तैनात कर रही है, इसलिए नहीं कि वहां कानून व्यवस्था खराब है, बल्कि इसलिए कि वे एक तमाशा चाहते हैं.”
हिंसा जारी रही तो सेना की होगी तैनातीः रक्षा सचिव
इस बीच रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने X पर अपने एक पोस्ट में अमेरिकी सेना को तैनात करने की धमकी दी. उन्होंने कहा, “यदि हिंसा जारी रहती है, तो कैंप पेंडलटन में एक्टिव ड्यूटी मरीन को भी बुलाया जाएगा – वे हाई अलर्ट पर हैं.”
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने कैलिफोर्निया के नेशनल गार्ड के एक हिस्से को टाइटल 10 अथॉरिटी के नाम से फेडरलाइज्ड बनाया है, जो गवर्नर को नहीं, बल्कि उन्हें कमांड की श्रृंखला में सबसे ऊपर रखता है.
दूसरी ओर, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान आव्रजन अधिकारी जो काम कर रहे थे, वह “संयुक्त राज्य अमेरिका में अवैध अपराधियों के हमले को रोकने और उलटने के लिए जरूरी है. इस हिंसा के मद्देनजर, कैलिफोर्निया के बेकार डेमोक्रेट नेताओं ने अपने नागरिकों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से दूर कर दिया है.”
‘यह गलत कदम, भरोसा होगा खत्म’
राष्ट्रपति का यह कदम उनके सोशल मीडिया नेटवर्क पर एक धमकी जारी करने के तुरंत बाद आया, जिसमें कहा गया था कि अगर न्यूजॉम और लॉस एंजिल्स की मेयर करेन बास “अपना काम नहीं करते हैं,” तो “संघीय सरकार मामले में हस्तक्षेप करेगी और समस्या, दंगों और लुटेरों को हल करेगी, इसे किसी भी तरह से हल किया जाना चाहिए!” ट्रंप ने न्यू जर्सी में UFC फाइट में हिस्सा लेने से कुछ समय पहले आदेश पर हस्ताक्षर किए, जहां वे बॉक्सर माइक टायसन के साथ रिंगसाइड पर बैठे थे.
सोशल मीडिया पर अपने बयान में न्यूसम ने कहा कि स्थानीय अधिकारी “किसी भी समय कानून व्यवस्था को बनाए रखने में सक्षम हैं,” और “वर्तमान में कोई भी ऐसी जरूरत नहीं है जिसकी पूर्ति न की गई हो.” उन्होंने कहा, “यह गलत मिशन है और इससे जनता का भरोसा खत्म हो जाएगा.”
पैरामाउंट शहर में एक औद्योगिक पार्क (IT park) के बाहर दंगारोधी गियर और गैस मास्क पहने बॉर्डर पैट्रोल कर्मियों ने पहरा दिया, और जब राहगीर और प्रदर्शनकारी बीच में और सड़क पर जमा हो गए, तो उन्होंने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. कुछ लोगों ने स्मार्टफोन पर घटनाओं को रिकॉर्ड करते हुए अधिकारियों का मजाक उड़ाया.
ट्रंप से तनातनी के बाद मस्क को उठाना पड़ा भारी नुकसान, एक दिन में सर्वाधिक घाटा झेलने वाली कंपनियों में शामिल हुई टेस्ला
8 Jun, 2025 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन । एक वक्त ट्रंप के सबसे बड़े समर्थक रहे एलन मस्क, अब उनके सबसे बड़े आलोचकों में से एक हो गए हैं। मस्क सार्वजनिक तौर पर ट्रंप की आलोचना कर रहे हैं और ट्रंप ने भी सार्वजनिक तौर पर पलटवार किया है। ट्रंप ने टेस्ला और स्पेसएक्स को मिलने वाले सरकारी ठेकों को बंद करने की धमकी दी है। जिससे मस्क को भारी नुकसान की आशंका है। साथ ही ट्रंप से भिडऩे के बाद मस्क की कंपनी टेस्ला के शेयरों में भारी गिरावट हुई है। मार्केट कैप में 13 लाख करोड़ रुपये गंवाकर एलन मस्क की कंपनी टेस्ला अमेरिकी बाजार में एक दिन में सबसे ज्यादा नुकसान वाली टॉप पांच कंपनियों में शामिल हो गई है।
राष्ट्रपति ट्रंप और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच बढ़ते विवाद के बाद गुरुवार को टेस्ला के मार्केट कैप में करीब 152.4 बिलियन डॉलर (12,92,000 करोड़ रुपये) की गिरावट आई। डॉव जोन्स के मार्केट डेटा के अनुसार रिकॉर्ड पर यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। टेस्ला ने पिछले पांच सत्रों में बाजार मूल्य में लगभग 237.2 अरब डॉलर गंवा दिए हैं। 2 जनवरी के बाद से कंपनी के शेयरों में यह पांच दिनों की सबसे खराब गिरावट है। गुरुवार के सत्र के दौरान 276 मिलियन से अधिक टेस्ला शेयरों की खरीदारी-बिकवाली हुई जो जनवरी 2023 के बाद से सबसे अधिक है।
टेस्ला के बाजार पूंजीकरण में 29 प्रतिशत की कमी आई है और इस साल लार्ज कैप शेयरों में सबसे खराब प्रदर्शन टेस्ला का ही रहा। साल 2025 की शुरुआत में टेस्ला पूरी दुनिया में आठवीं सबसे बड़ी कंपनी थी, वो अब 10वें स्थान पर आ गई है। ट्रंप प्रशासन में सरकारी दक्षता विभाग के प्रमुख के तौर पर मस्क ने बड़ी संख्या में संघीय सरकार के खर्चों में कटौती की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला गया। इसका विरोध भी मस्क को झेलना पड़ा और अमेरिका में लोगों ने टेस्ला और टेस्ला के शोरूम में तोडफ़ोड़ की। इससे भी टेस्ला को काफी नुकसान उठाना पड़ा। कंपनी ने 2025 में अपने बाजार मूल्य का करीब 29 फीसदी से अधिक गंवा दिया है। भारतीय रुपयों में इसकी गणना करें तो यह राशि करीब 32 लाख करोड़ रुपये (380 अरब डॉलर) के आसपास होगी।
एक दिन में 14 प्रतिशत गिरे टेस्ला के शेयर
ट्रंप के साथ तनातनी के बाद 6 जून को टेस्ला के शेयरों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई। जिससे कंपनी को एक दिन में 150 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यह एक दिन में किसी भी कंपनी को हुए सबसे बड़े नुकसान में से एक है। अभी भी मस्क की मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं क्योंकि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में मस्क की कंपनियों टेस्ला और स्पेसएक्स के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट खत्म करने की धमकी दी है।
ट्रंप और मस्क के बीच तनातनी की वजह ट्रंप प्रशासन द्वारा लाए जा रहे टैक्स बिल को लेकर है। मस्क इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। जबकि ट्रंप का कहना है कि इस बिल का मकसद टैक्स कटौती, रक्षा बजट को बढ़ाना और सीमा सुरक्षा को मजबूत करना है। हालांकि इस बिल में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। साथ ही ईवी खरीदने पर मिलने वाली 7500 डॉलर की छूट को भी खत्म कर दिया गया है। माना जा रहा है कि मस्क को इन प्रावधानों से आपत्ति हो सकती है। टेस्ला वर्ष 2025 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला लार्जकैप स्टॉक भी बन गया है। टेस्ला के शेयरों में गिरावट से जनवरी से अब तक, एलन मस्क को करीब 380 अरब डॉलर (करीब 32 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान उठाना पड़ा है। टेस्ला का बाजार पूंजीकरण 2025 में अब तक 29.3 प्रतिशत गिरकर 917 बिलियन डॉलर रह गया है। यह दुनिया की बड़ी कम्पनियों में एक दिन की पांचवीं सबसे बड़ी गिरावट है।
टेस्ला के शेयरों में हालिया गिरावट के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में नरमी, सीईओ एलन मस्क की राजनीतिक पारी व उससे जुड़े विवाद और अब सीधे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनका सार्वजनिक मंच पर झगड़ा रहे हैं। टेस्ला के शेयरों में गुरुवार को भारी गिरावट उस समय आई, जब ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर एलन मस्क की कंपनियों के साथ सरकारी अनुबंधों को समाप्त करने की धमकी दी। इसके बाद मस्क ने अपने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर वाले कर और व्यय विधेयक की तीखी आलोचना की।
यूक्रेन में रूस ने फिर मचाई तबाही, ड्रोन और मिसाइलों से किया धुआं-धुआं
8 Jun, 2025 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कीव। यूक्रेन के भयानक ड्रोन हमले के बाद रूस की जवाबी कार्रवाई लगातार जारी है। रूस ने शनिवार को यूक्रेन के पूर्वी शहर खारकीव पर एक भीषण ड्रोन और मिसाइल हमला किया, जिसमें कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और 21 लोग घायल हो गए। यूक्रेनी स्थानीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। यह हमला रूस की ओर से यूक्रेन पर हो रहे लगातार और व्यापक हमलों की कड़ी में एक और खतरनाक कदम है। खारकीव के मेयर इगोर टेरेखोव ने बताया कि हमले में 18 बहुमंजिला इमारतें और 13 निजी मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रूस ने इस हमले में 48 शहीद ड्रोन, 2 मिसाइलें और 4 एरियल ग्लाइड बम का इस्तेमाल किया। एरियल ग्लाइड बम को बेहद घातक माना जाता है, क्योंकि ये सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदते हैं और बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं।
पिछले दिनों यूक्रेन ने ड्रोन के जरिए रूस पर ताबड़तोड़ हमला किया। रूस के अंदर यूक्रेन द्वारा ड्रोन हमला किए जाने के तुरंत बाद ली गई रूसी एयर बेस की सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि कई बम गिराने वाले विमान नष्ट हो गए और बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
यूक्रेन ने टारगेट के करीब कंटेनरों से लॉन्च किए गए 117 मानव रहित एरियल व्हीकल का उपयोग करके रूस भर में करीब चार एयर बेस को निशाना बनाया। रॉयटर्स की ओर से वेरिफाइड ऑपरेशन के ड्रोन फुटेज से पता चलता है कि करीब दो जगहों पर कई एयरक्राफ्ट पर हमला किया गया।
बिलावल की अगुवाई में पहुंचे पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से अमेरिकी सांसद ने कहा-जैश-ए-मोहम्मद को खत्म करो
8 Jun, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वॉशिंगटन। अमेरिकी सांसद ब्रैड शेरमन ने बिलावल भुट्टो से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को पूरी तरह से खत्म करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को हर संभव प्रयास चाहिए। इसके साथ ही शेरमन ने पाकिस्तान से ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिका की मदद करने वाले डॉ. शकील आफरीदी को रिहा करने को कहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कॉपी करते हुए पाकिस्तान ने भी 5 देशों में अपना डेलिगेशन भेजा है। इसमें एक डेलिगेशन का नेतृत्व बिलावल भुट्टो कर रहे हैं।
शेरमैन ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को ‘घिनौना’ बताते हुए कहा कि ये आतंकी संगठन 2002 में हुए वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या समेत कई अपराधों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैंने पाकिस्तानी डेलीगेशन को आतंकवाद से लडऩे के महत्व पर जोर दिया। खास तौर पर जैश-ए-मोहम्मद समूह से जिसने 2002 में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के निवासी डेनियल पर्ल की हत्या की थी।
एलन मस्क ने डिलीट किए ‘एप्सटीन फाइल्स’ वाले ट्वीट...
7 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अरबपति एलन मस्क के बीच उपजा विवाद शायद खत्म होने की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर किए अपने कई पुराने ट्वीट्स डिलीट कर दिए हैं। मस्क ने हाल ही में एक्स पर ट्रंप को लेकर की गई कई व्यक्तिगत टिप्पणियों वाले पोस्ट को डिलीट कर दिया है। इनमें से एक विवादित ट्वीट में उन्होंने दावा किया था कि डोनाल्ड ट्रंप का नाम जेफ्री एप्सटीन की फाइलों में है, और यही कारण है कि वो फाइलें सार्वजनिक नहीं हो पा रही हैं।
मस्क ने हटाए कई विवादित पोस्ट
इस ट्वीट में मस्क ने लिखा था, 'अब बड़ा धमाका करने का वक्त है, डोनाल्ड ट्रंप एप्सटीन फाइलों में हैं। यही असली वजह है कि वे सार्वजनिक नहीं हो रहीं। शुभ दिन डीजेटी! इस पोस्ट को भविष्य के लिए मार्क कर लो। सच्चाई बाहर आएगी।' हालांकि अब यह ट्वीट और अन्य कई आलोचनात्मक पोस्ट मस्क ने हटा दिए हैं। इस पर अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग पहल के प्रमुख जेम्स फिशबैक, जो मस्क की ट्रंप-विरोधी टिप्पणियों पर पहले नाराजगी जता चुके थे, ने अब उनकी इस 'पहली सकारात्मक पहल' की सराहना की है। फिशबैक ने कहा, 'एलन ने राष्ट्रपति के बारे में किए गए अपमानजनक ट्वीट्स डिलीट कर दिए हैं। यह एक अच्छा पहला कदम है। अगला कदम: ट्रंप और उनके परिवार से पूरी तरह माफी मांगना चाहिए।'
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
इस पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब मस्क ने अमेरिकन पार्टी नाम की एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की बात कही। इस पर फिशबैक ने उन्हें चेताया और लिखा- 'एलन, जापान की जनसंख्या दर और अपनी नई पार्टी के बारे में ट्वीट करते रहो, लेकिन ट्रंप से सार्वजनिक माफी जरूरी है। नीतियों पर असहमति हो सकती है, लेकिन निजी आरोप लगाना गलत था।' इसके बाद मस्क ने जवाब में कई ट्वीट्स किए, जिनमें से ज्यादातर अब डिलीट हो चुके हैं। हालांकि कुछ प्रतिक्रियाएं अभी भी ऑनलाइन दिखाई दे रही हैं, जो उनके हटाए गए ट्वीट्स से जुड़ी हैं।
ट्रंप की नाराजगी और तीखी प्रतिक्रिया
मस्क ने ट्रंप की एक महत्वपूर्ण योजना को घिनौनी और भयानक करार दिया था। यह बयान रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं को चौंकाने वाला लगा। जवाब में ट्रंप ने भी कड़ा रुख अपनाया और कहा, 'एलन और मेरा रिश्ता पहले बहुत अच्छा था। अब नहीं पता कि आगे कैसा रहेगा।' इतना ही नहीं, ट्रंप ने मस्क की कंपनियों को मिलने वाली सरकारी सहायता और ठेके बंद करने की भी बात कह दी। उन्होंने कहा, 'सरकार का पैसा बचाने का सबसे आसान तरीका है एलन की कंपनियों के सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देना।' इसके बाद मस्क ने ट्रंप को अकृतज्ञ कहा और एप्सटीन से जुड़े अपुष्ट दस्तावेजों की ओर इशारा कर मामले को और उग्र कर दिया।
विदेशी मंच पर गाना गाने से सांसद कटघरे में, रेखा शर्मा ने दी सफाई
7 Jun, 2025 05:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेश में पाकिस्तान की पोल खोलने गईं हरियाणा से भाजपा की राज्यसभा सदस्य और महिला आयोग की पूर्व प्रमुख रेखा शर्मा के वायरल वीडियो पर राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। अल्जीरिया में गुनगुनाती रेखा शर्मा के वायरल वीडियो ‘जाने तू या जाने ना’ को विपक्ष ने ‘कूटनीतिक अनुशासन’ की अनदेखी और संवेदनहीनता का प्रतीक बताया है। वहीं, रेखा शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए इतना गिर रही है।
भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया के विभिन्न देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है, ताकि पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क की पोल खोली जा सके। इसी तरह का एक दल बहरीन, कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया में भेजा गया ताकि भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई को वैश्विक समर्थन मिल सके और दक्षिण एशिया में आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके।
अल्जीरिया में बैठक के दौरान भाजपा सांसद रेखा शर्मा का 15 सेकंड का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह ‘जाने तू या जाने ना’ गुनगुनाती दिख रही हैं और उनके बगल में असदुद्दीन ओवैसी मुस्कुराते हुए नजर आते हैं। अंत में वहां बैठे लोग तालियां बजा रहे हैं।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने इंटरनेट मीडिया हैंडल एक्स पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है कि मुझे लगा कि सर्वदलीय मंडल हिंदुस्तान के खिलाफ एक क्रूर आतंकी हमले में 28 लोगों की शहादत, ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों और पुंछ में हमारे 16 निर्दोष लोगों की शहादत के बारे में दुनिया को बताने गए हैं। लेकिन यहां तो अलग ही माहौल है।
ऑल इंडिया कांग्रेस (एआईसीसी) के एक्स हैंडल पर लिखा गया है कि 27 मई को भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कुवैत का दौरा किया और गीत गाए। इसके बाद 28 मई को कुवैत ने 19 साल के प्रतिबंध के बाद पाकिस्तानी वीजा आवेदन फिर से खोल दिया। क्या कूटनीति है।
भाजपा सांसद ने इस पर नाराजगी जताते हुए एक्स पर लिखा कि जब कूटनीति के एक वास्तविक क्षण को राजनीतिक नफरत के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है, तो यह बहुत दुख देता है। अल्जीरियाई लोगों द्वारा पसंद किया जाने वाला यह गीत किसी पार्टी में नहीं, बल्कि भारत के सम्मान से भरे कमरे में दोस्ती के संकेत के रूप में गाया गया था। यह शर्मनाक है कि कांग्रेस किस तरह से सस्ते राजनीतिक लाभ के लिए गिरती है और मजाक उड़ाती है।
'देश का अपमान और शर्मिंदा करती कांग्रेस'
कांग्रेस के वीडियो पर सवाल उठाते हुए रेखा शर्मा ने लिखा है कि वीडियो अल्जीरिया का था, कुवैत का नहीं। लेकिन उन्हें कैसे पता चलेगा? वे नक्शे पर देश का पता भी नहीं लगा सकते। यही कारण है कि भारत ऐसी पार्टी पर भरोसा नहीं कर सकता जो अपने ही देश का अपमान करती है और उसे शर्मिंदा करती है।
भारत से तनाव के बीच सऊदी अरब पहुंचे पाक पीएम और मुनीर
7 Jun, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर के बाद से विदेशों में घूम-घूमकर मदद मांग रहे हैं और अपनी साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। इसी क्रम में शरीफ सऊदी अरब पहुंचे। उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की। इस दौरान भारत के साथ तनाव के दौरान सऊदी अरब की भूमिका की प्रशंसा की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी सऊदी अरब की यात्रा पर है। इसमें विदेश मंत्री इशाक डार, फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर और गृहमंत्री सैयद मोहसिन नकवी शामिल हैं। बैठक के दौरान पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने पर सहमति जताई।
क्राउन प्रिंस को पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा के लिए किया आमंत्रित
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने शुक्रवार को दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों को गहरा करने के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने गाजा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की बढ़ती गति पर संतोष व्यक्त किया और पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच गहरे, रणनीतिक और भाईचारे के संबंधों की पुष्टि की।
शहबाज शरीफ ने क्राउन प्रिंस को पाकिस्तान की आधिकारिक यात्रा के लिए आमंत्रित किया।
मेक्सिको में विमान हादसे में तीन की मौत
7 Jun, 2025 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका और चीन की सरकार के बीच व्यापार वार्ता का नया चरण अगले सप्ताह से शुरू होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस संबंध में कहा, अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ लंदन में बैठक करेंगे। अमेरिकी पक्ष में ट्रेजरी मंत्री स्कॉट बेसेन्ट, वाणिज्य मंत्री हॉवर्ट लुटनिक और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर शामिल होंगे। ट्रंप ने इससे पहले चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से फोन पर लंबी बात की थी। उन्होंने इसे 'सकारात्मक' बताते हुए कहा कि लंदन की बैठक में भी अच्छी बातचीत होने की उम्मीद है।
भारत और श्रीलंका में समुद्री सुरक्षा पर जोर
भारत और श्रीलंका ने अपने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श के दौरान खासतौर से समुद्री सुरक्षा पर चर्चा की। श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने कहा, कोलंबो में भारत-श्रीलंका रक्षा संवाद में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग मजबूत करने, समुद्री सुरक्षा बढ़ाने तथा प्रशिक्षण-रणनीतिक भागीदारी में सहयोग के नए रास्ते तलाशने पर विचार किया गया। दोनों देशों के बीच इस बैठक में दीर्घकालिक रक्षा साझेदारी की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
ऑपरेशन ब्लू स्टार : ब्रिटिश भूमिका जांचने की मांग
ब्रिटेन के सिख सांसद वारिंदर ज्युस और जस अठवाल ने ब्रिटिश संसद में एक बार फिर मांग की है कि जून 1984 में भारत में हुए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में तत्कालीन पीएम मार्गरेट थैचर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार की संलिप्तता की स्वतंत्र जांच की जाए। उत्तरी इंग्लैंड के वॉल्वरहैम्प्टन वेस्ट में सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के ज्युस और इलफोर्ड साउथ से लेबर सांसद अठवाल ने ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की नेता लूसी पॉवेल के समक्ष सदन के सत्र के दौरान इस मामले को उठाया। उन्होंने स्वर्ण मंदिर में चरमपंथ विरोधी भारतीय सैन्य अभियान के 41 साल पूरे होने के मौके पर इस मुद्दे का जिक्र किया और अपने साथी सिख लेबर सांसद तन धेसी को पॉवेल द्वारा दिए गए आश्वासन की ओर इशारा किया। पॉवेल ने कहा था कि ‘मामले की तह’ तक जाना चाहिए।
अमेरिकी सांसद शेरमन बिलावल नीत शिष्टमंडल से बोले- पाकिस्तान में आतंकी संगठन- जैश-ए-मोहम्मद खत्म करें
पाकिस्तानी सांसद बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका दौरे पर है। यहां उन्होंने डेमोक्रेट नेता और सांसद ब्रैड शेरमन से मुलाकात की। शेरमन ने बिलावल से आतंकवाद के मुद्दे पर बेबाकी से बात की। शेरमन ने बिलावल कहा कि पाकिस्तान में को 'घृणित' आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे दहशतगर्दों का यह संगठन खत्म किया जा सके। शेरमन ने ये भही कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए। शेरमन ने खुद इस मुलाकात का ब्यौरा एक्स हैंडल पर साझा किया। उन्होंने 2002 में अमेरिकी नागरिक डेनियल पर्ल की हत्या का भी जिक्र किया।
डिमेंशिया से पीड़ित हत्यारे को मौत की सजा देने का आदेश
अमेरिका के उटाह के स्टेट जज ने डिमेंशिया से पीड़ित हत्या के दोषी व्यक्ति को मौत की सजा देने का आदेश दिया है। जज राल्फ लेरॉय मेंजिज ने 1988 में उटाह की एक महिला की हत्या के दोषी को मौजूदा वक्त में डिमेंशिया से पीड़ित होने के बावजूद मौत की सजा देने का आदेश दिया। हालांकि जज के फैसले पर कई लोगों ने विरोध जताया है।
जापान की राजकुमारी को ब्राजील ने किया सम्मानित
जापान की राजकुमारी काको ऑफ अकिशिनो को ब्राजील के साओ पाउलो राज्य के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। जापान की राजकुमारी इन दिनों दक्षिणी अमेरिकी देशों की 11 दिवसीय यात्रा पर हैं। जापानी राजकुमारी अपने दौरे के तहत गुरुवार को साओ पाउलो पहुंची थीं। उनके साथ जापानी समुदाय के कई लोग भी थे।
मेक्सिको में विमान हादसे में तीन की मौत
मेक्सिको में एक विमान हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हादसे में ग्वाटेमाला के दो पायलट और एक मेक्सिकन कृषिविज्ञानी इंजीनियर की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ, जब ये लोग मवेशियों में स्क्रूवर्म के प्रसार को रोकने के लिए मक्खियों को मुक्त कर रहे थे। मेक्सिको के कृषि मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ग्वाटेमाला का विमान दक्षिणी मैक्सिको में तापचुला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, लेकिन इसका कारण नहीं बताया। मेक्सिको ने पिछले महीने अमेरिकी सरकार के दबाव में कीट के प्रसार को नियंत्रित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाया था, जिसने स्क्रूवर्म के डर से मैक्सिको से मवेशियों के आयात को निलंबित कर दिया था।
गाजा में अपहृत थाई बंधक का शव इस्राइल ने बरामद किया
इस्राइल ने सात अक्तूबर 2023 को गाजा में अपहृत एक थाई बंधक का शव बरामद कर लिया है। इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि थाई नागरिक नट्टापोंग पिंटा का शव एक विशेष सैन्य अभियान के तहत इस्राइल को लौटा दिया गया है। सरकार ने बताया कि पिंटा को किबुत्ज़ नीर ओज से अगवा किया गया था और युद्ध की शुरुआत में ही उसे कैद में मार दिया गया था। यह घटना दो इस्राइली-अमेरिकी बंधकों के शव बरामद होने के दो दिन बाद हुई है। गाजा में 55 बंधक अभी भी बचे हैं। इस्राइल का कहना है कि इनमें आधे से अधिक मर चुके हैं। रक्षा मंत्री ने शनिवार को बताया कि पिंटा का शव राफा क्षेत्र से बरामद किया गया। वह कृषि कार्य के लिए थाईलैंड से इस्राइल आया था।
नेपाल में अवैध सोने के साथ भारतीय नागरिक गिरफ्तार
नेपाल में एक भारतीय नागरिक को 274 ग्राम अवैध सोने के साथ गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल के 31 वर्षीय महादेव सामंत को शुक्रवार को काठमांडू जा रही एक यात्री बस की सुरक्षा जांच के दौरान चंद्रगिरी नगरपालिका के नागधुंगा से गिरफ्तार किया गया। भारतीय नागरिक बिना सीमा शुल्क चुकाए सोना लेकर आया था। पुलिस ने मामले की आगे की जांच शुरू कर दी है।
लंदन में पंजाबी सिंगर सुनंदा शर्मा की कार में तोड़फोड़....
7 Jun, 2025 04:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंजाब की मशहूर सिंगर सुनंदा शर्मा इन दिनों लंदन गई हुई थीं, जिनके साथ एक दुख घटना घट गई। सिंगर ने इस घटना के संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है।
सुनंदा ने इमोशनल होते हुए बताया कि लंदन में उनकी जगुआर कार को किसी ने काफी बुरी तरीके से तोड़ दिया। वीडियो में देखा जा सकता है कि किसी ने उनकी कार में तोड़फोड़ की है और कार के शीशे टूटे हुए हैं और कांच के टुकड़े हर जगह बिखरे पड़े हैं।
हालांकि, वीडियो में सुनंदा मुस्कुरा भी रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि कार के साथ सिर्फ तोड़फोड़ नहीं हुई, बल्कि उनके दो महंगे बैगों की चोरी भी हुई है। वीडियो में सिंगर अपनी कार की ओर इशारा करके दिखा रही हैं कि उनका काफी ज्यादा नुकसान हुआ है।
न्यूजीलैंड की सांसद इस चीज से हुईं खफा, संसद में दिखाने लगी खुद की ऐसी तस्वीर...
7 Jun, 2025 02:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। जिस रफ्तार से टेक्नॉलॉजी विकसित हो रही है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जल्द ही इंसानों के लिए कुछ भी असंभव नहीं रह जाएगा। लेकिन टेक्नोलॉजी के लगातार होते विकास ने मानवता को कहीं पीछे छोड़ दिया।
हाल ही में न्यूजीलैंड की सांसद लॉरा मैक्लूर ने डीपफेक टेक्नोलॉजी की काली सच्चाई दुनिया के सामने रखी है। उन्होंने संसद के फ्लोर पर अपने ही एक AI-जनरेटेड नग्न तस्वीर को दिखाया, जो पूरी तरह नकली था। सांसद मेक्लूर ने कहा, "यह मेरा नग्न चित्र है, लेकिन यह असली नहीं है।"
उन्होंने डीपफेक के खतरों पर बात करते हुए कहा, "पीड़ितों के लिए यह अपमानजनक और दिल दहलाने वाला है। मुझे संसद में यह तस्वीर उठाकर दिखाना भयानक लगा, भले ही मुझे पता था कि यह मैं नहीं हूं।"
'समस्या तकनीक में नहीं, इसके दुरुपयोग में है'
लॉरा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस चित्र को साझा करते हुए लिखा, "आज मैंने संसद में अपने AI-जनरेटेड नग्न डीपफेक चित्र को दिखाया ताकि यह जाहिर हो कि ये कितने वास्तविक दिखते हैं और इन्हें बनाना कितना आसान है। समस्या तकनीक में नहीं, बल्कि इसके दुरुपयोग में है, जिससे लोगों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हमारे कानूनों को इसकी गंभीरता के साथ कदम मिलाना होगा।"
अमेरिका में थरूर ने ट्रंप के दावे की खोली पोल....
7 Jun, 2025 01:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय डेलिगेशन के एक दल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद इस वक्त अमेरिका के दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने वाले दावे को लेकर टिप्पणी की है।
थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि दो असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता संभव नहीं है, जैसे आतंकवादियों और आतंक से पीड़ितों के बीच कोई तुलना नहीं की जा सकती है। दरअसल, उन्होंने गुरुवार को काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की है।
थरूर की टिप्पणी
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार ये कहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव सुलझाने में मदद की है। ट्रंप की मध्यस्थता वाले दावे को लेकर शशि थरूर ने कहा कि मध्यस्थता ऐसा शब्द है जिसे हम विशेष रूप से स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, "मैं आपको बताता हूं कि क्यों हम मध्यस्थता को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। असल बात यह है कि जब आप 'ब्रोकर' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो आप एक ऐसी समानता की बात कर रहे हैं जो वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं है।"
थरूर के बयान की मुख्य बातें
आतंकवादियों और आतंक से पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती।
एक ऐसा देश जो आतंकवाद को सुरक्षित पनाह देता है और एक ऐसा देश जो एक सशक्त बहुदलीय लोकतंत्र है और अपने काम के जरिए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहा है, दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती।
ऐसा देश जो सिर्फ अपने हाल में रहने की कोशिश कर रहा है और एक ऐसा पड़ोसी जो जियो पॉलिटिकल व्यवस्था को बदलना चाहता है जो पिछले 75 वर्षों से चली आ रही है, इनके बीच कोई समानता नहीं हो सकती।
ऐसे में यह कहना कि इन दो असमानों चीजों के बीच मध्यस्थता संभव है, गलत होगा।
जब थरूर से पूछा गया कि वो इस टकराव में अमेरिकी भूमिका को कैसे देखते हैं? उन्होंने कहा कि कुछ हद तक अनुमान ही लगा सकते हैं कि अमेरिका की भूमिका पहले पक्षों से संवाद में रही होगी।
हमारी सरकार को अमेरिकी सरकार से हाई लेवल पर कई कॉल्स मिलीं और हम उनके विचार और चिंता की सराहना करते हैं।
अमेरिका ने शायद पाकिस्तान से भी इसी तरह के हाई लेवल के संवाद किए होंगे और संभवतः वहीं पर अमेरिका की बातों का सबसे ज्यादा असर हुआ होगा।
ट्रंप ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि 10 मई को ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर यह दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम को लेकर सहमति बन गई है और इसमें वाशिंगटन की मध्यस्थता से हुई बातचीत की अहम भूमिका रही। इसके बाद से ट्रंप दर्जनों बार यह कह चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक के बीच तनाव को सुलझाया है।
अमेरिकियों की प्राइवेसी में DOGE की दखल....
7 Jun, 2025 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को लाखों अमेरिकियों के सोशल सिक्योरिटी डेटा तक पहुंच की इजाजत दे दी।
यह फैसला ट्रम्प प्रशासन की उस अपील के बाद आया, जिसमें उन्होंने एक जिला जज के अप्रैल के आदेश को हटाने की मांग की थी, जिसमें डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन के रिकॉर्ड तक पहुंच से रोका गया था।
कोर्ट ने अपने संक्षिप्त और बिना हस्ताक्षर वाले आदेश में कहा, "सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन अब गवर्नमेंट एफिशिएंसी को लाखों अमेरिकियों टीम के सदस्यों को उनके काम के लिए ज़रूरी रिकॉर्ड तक पहुंच दे सकता है।"
इस फैसले से डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को वह डेटा देखने की इजाज़त मिल गई, जिसमें अमेरिकियों की निजी जानकारी शामिल है।
लिबरल जज कर रहे विरोध, प्राइवेसी के खतरे की दे रहे दलील
सुप्रीम कोर्ट के तीन लिबरल जजों ने इस फैसले का विरोध किया। जस्टिस केतांजी ब्राउन जैक्सन ने कहा कि यह कदम लाखों अमेरिकियों की निजता के लिए "गंभीर खतरा" है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस डेटा में सोशल सिक्योरिटी नंबर, जन्म तारीख, पते, बैंक खातों की जानकारी और मेडिकल रिकॉर्ड जैसी संवेदनशील जानकारी शामिल है।
जैक्सन ने कहा, "सरकार डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को बिना किसी रोक-टोक के यह निजी और गैर-अनाम जानकारी तुरंत देना चाहती है, जबकि अदालतों को यह जांचने का मौका भी नहीं मिला कि डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की पहुंच कानूनी है या नहीं।"
अप्रैल में जिला जज एलन हॉलैंडर ने अपने फैसले में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी कर्मचारियों को ऐसी जानकारी तक पहुंच से रोक दिया था, जिसमें अमेरिकियों की पहचान हो सकती थी, जैसे सोशल सिक्योरिटी नंबर, मेडिकल हिस्ट्री या बैंक रिकॉर्ड।
हॉलैंडर ने कहा था कि सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन केवल गुमनाम या संशोधित रिकॉर्ड ही डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी को दे सकता है, और वह भी उन कर्मचारियों को, जिन्होंने बैकग्राउंड चेक और संघीय कानूनों व प्राइवेसी नीतियों की ट्रेनिंग पूरी की हो।
सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप, यूट्यूब डाउन होने से लोग परेशान
7 Jun, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिका में वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब के डाउन होने की खबर है। डाउनडिटेक्टर के अनुसार यूजर्स को वीडियो स्ट्रीमिंग और वीडियो लोड करने में परेशानी आ रही है। डाउनडिटेक्टर को 5,000 से ज्यादा आउटेज रिपोर्ट मिली हैं। एक यूजर ने एक्स पर पोस्ट किया कि मैं वीडियो अपलोड नहीं कर पा रहा हूं। कई उपयोगकर्ताओं ने आउटेज की रिपोर्ट करने के लिए एक्स (पूर्व में ट्विटर) का सहारा लिया।
ट्रंप और मस्क के बीच जंग करने में चीन की अहम भूमिका
6 Jun, 2025 05:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी टेस्ला के मालिक एलन मस्क, दो ऐसी हस्तियां हैं जो अपनी बेबाक राय और बड़े फैसलों के मशहूर हैं। ट्रंप के चुनावी अभियान से लेकर बीते कुछ दिनों तक मस्क उनके करीबी थे। लेकिन अब दोनों के बीच तनाव खुलकर सामने आ गया है। खबरों के मुताबिक, मस्क-ट्रंप के बीच तनातनी का कारण एक विधेयक है, लेकिन असल कहानी कहीं गहरी और पेचींदा है। इसके पीछे अमेरिका-चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर, चिप बैन, और सबसे अहम, रेयर अर्थ मैटेरियल्स का संकट, जो मस्क की कंपनियों के लिए मुसीबस बना है।
लेकिन असली जड़ चीन की रणनीति और ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियां है। ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही चीन, कनाडा, और मैक्सिको जैसे देशों पर भारी टैरिफ लगाने की नीति बनाई। खास तौर पर चीन पर 10 से लेकर 145 प्रतिशत तक के टैरिफ लगाए गए, इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ और प्रतिबंध लगा दिए। इस ट्रेड वॉर का सबसे बड़ा हथियार बना है रेयर अर्थ मैटेरियल्स। ये वे खनिज हैं, जिनका इस्तेमाल आधुनिक तकनीक जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, रॉकेट, रोबोट, और माइक्रोचिप्स में होता है। चीन इन मैटेरियल्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक और आपूर्तिकर्ता है, और उसने हाल ही में इनके निर्यात पर सख्ती दिखानी शुरु कर दी है। अब चीन केवल उन कंपनियों को ये मैटेरियल्स दे रहा है, जो यह साबित करें कि उनका अमेरिकी सेना से कोई संबंध नहीं है।
चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल्स और उनसे जुड़ी मैग्नेट्स के निर्यात पर नए लाइसेंसिंग नियम लागू किए दो माह हो चुके हैं, लेकिन अब इसके गंभीर असर पश्चिमी देशों की औद्योगिक इकाइयों में दिख रहे हैं। स्मार्टफोन से लेकर लड़ाकू विमानों तक में जरूरी सात तत्वों (डिस्प्रोसियम, गैडोलिनियम, लुटेशियम, समेरियम, स्कैन्डियम, टरबियम और इट्रियम) की आपूर्ति में आई रुकावटों से ऑटोमोबाइल सेक्टर में हलचल मच गई है। रेयर अर्थ तत्व वास्तव में दुर्लभ नहीं होते, लेकिन इनका खनन और प्रोसेसिंग अत्यंत कठिन होती है। दुनिया में कुल 17 रेयर अर्थ तत्व हैं, जिसमें 15 लैन्थेनाइड्स और दो अन्य स्कैन्डियम और इट्रियम शामिल हैं। चीन इस क्षेत्र में केवल खनन ही नहीं, बल्कि 90 प्रतिशत प्रोसेसिंग क्षमता भी रखता है। अमेरिका, म्यांमार जैसे देश भी खनन करते हैं, लेकिन अंतिम प्रोसेसिंग अधिकतर चीन में ही होती है। इकारण बीजिंग को वैश्विक आपूर्ति शृंखला में भारी दबदबा हासिल है।
अप्रैल में चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने घोषणा की थी कि अब सात प्रकार के रेयर अर्थ तत्वों और मैग्नेट्स के निर्यात के लिए लाइसेंस जरूरी होगा, जिसमें अंतिम उपयोग का प्रमाण और डिक्लेरेशन भी देना होगा। भले ही यह नियम सभी देशों पर लागू होता है, लेकिन इस कदम को अमेरिका के खिलाफ प्रतिशोध के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने इससे पहले गैलियम, जर्मेनियम और टंगस्टन जैसे अन्य अहम खनिजों पर भी निर्यात नियंत्रण लगाया था। बीजिंग का कहना है कि ये कदम अवैध खनन रोकने और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हैं। भारत के पास दुनिया के 6 प्रतिशत रेयर अर्थ भंडार हैं, लेकिन उसकी वैश्विक उत्पादन में हिस्सेदारी मात्र 0.25 प्रतिशत है।