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लॉस एंजिल्स में उग्र विरोध, एक्टिव ड्यूटी मरीन की तैनाती, कर्फ्यू घोषित
11 Jun, 2025 10:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के लॉस एंजिल्स में हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन आदेशों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है, जिनकों काबू करने के लिए एक्टिव ड्यूटी मरीन को तैनात किया गया है. इस समय लॉस एंजिल्स का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग एक एप्पल के स्टोर को लूटते हुए दिखाई दे रहे हैं.
खबरों के मुताबिक सोमवार रात को कई नकाबपोश लोगों ने शहर में एक एप्पल स्टोर को लूट लिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें कई नकाबपोश लोगों को एप्पल स्टोर में घुसते और गैजेट लूटते हुए देखा जा सकता है. पुलिस के आते ही कई लोग स्टोर से भागते हुए दिखाई दिए.
तस्वीरों में हुडी और नकाब पहने दंगाइयों को स्टोर में तोड़फोड़ करते हुए देखा जा सकता है. इमारत में दर्जनों लोगों को देखा जा सकता है, इससे पहले कि कम से कम एक आदमी इमारत की तरफ से भागने के लिए खिड़की तोड़ता दिख रहा है.
क्यों हो रहे प्रदर्शन?
लॉस एंजिल्स में पिछले एक हफ्ते से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, प्रदर्शनकारी राज्य में निर्वासन अभियान चलाने से ICE अधिकारियों को रोकने की कोशिश कर रहे हैं. ट्रंप प्रशासन इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए शहर में कर्फ्यू लगाया है और नेशनल गार्ड मरीन तैनात किए हैं, जिसका राज्य के गवर्नर ने विरोध किया है.
युद्ध लड़ने वाले सैनिकों की प्रदर्शनकारियों के सामने तैनाती
तैनात किए गए मरीन वो सैनिक हैं जिन्हें गोरिल्ला हमलों, बम धमाकों और सीधी गोलीबारी का मुकाबला करने की ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें भीड़ से बात करने, समझाने या रोकने की ट्रेनिंग नहीं दी जाती. अब ऐसे लड़ाकों को घरेलू सड़कों पर उतारना, सैनिकों और जनता दोनों की जिंदगी खतरे में डालना बाला बताया जा रहा है.
कंटेनर जहाज में लगी नहीं हो रही शांत...कोच्चि या मुंबई के पास होता तब क्या होता
10 Jun, 2025 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोच्चि । अरब सागर में सिंगापुर का कंटेनर जहाज अचानक आग की लपटों में घिर गया। कोलंबो से मुंबई जा रहे जहाज में जबरदस्त विस्फोट हुआ और देखते ही देखते आग फैल गई। जहाज पर सवार 18 में से 14 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया, लेकिन 4 अब भी लापता हैं। इंडियन कोस्ट गार्ड और एयरफोर्स ने तुरंत एक्शन लेकर बड़ा हादसा होने से बचा लिया। लेकिन सवाल यही है कि आखिर इस जहाज में ऐसा क्या था जो आग शांत नहीं हो रही? अगर यह ब्लास्ट कोच्चि या मुंबई शहर के पास होता तब क्या होता?
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, कार्गों शिप 503 पर करीब 650 कंटेनर थे, जिसमें से 20-50 कंटेनर समुद्र में गिर चुके हैं। जहाज के मालिकों से कंटेनरों की विस्तृत जानकारी मांगी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इसमें ज्वलनशील और जहरीले रसायन हो सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस जहाज में भी इसतरह तेजी से जलने वाले पदार्थ मौजूद हो सकते हैं, जो थर्मल रनअवे (तेज गर्मी से खुद ब खुद विस्फोट) का कारण बन रहे हैं।
अगर यह विस्फोट कोच्चि या बेपोर जैसे शहर के पास होता तब परिणाम विनाशकारी हो सकते थे। समुद्री विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर की आग और विस्फोट अगर जमीन के पास होता तक एक किलोमीटर तक झटके महसूस हो सकते थे। सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी। पोर्ट तहस-नहस हो सकते थे।
विशेषज्ञों की चेतावनी
जानकार का मानना है कि अगर जहाज में जेट फ्यूल या बंकर ऑयल है, तब यह समुद्र में फैल सकता है और केरल तट की मछली पालन व्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर जहाज में लिथियम बैटरियां हैं, तब यह आग हफ्तों तक सुलग सकती है और कोई सामान्य पानी या फोम बुझा नहीं सकता। जहाज से समुद्र में गिरे कंटेनर सिर्फ एक जली हुई लाश नहीं, बल्कि बहता हुआ जहर हैं। इसमें से कुछ कंटेनर अगर फूट गए तब प्लास्टिक, रसायन, और भारी धातुएं समुद्री जीवों को नष्ट कर सकती हैं। केरल जैसे राज्य, जहां हजारों मछुआरे और तटीय परिवार समुद्र पर निर्भर हैं, उनके लिए यह हादसा रोजी-रोटी का संकट बन सकता है।
MV Wan Hai 503 पर लगी आग: भारतीय नौसेना-कोस्ट गार्ड का जांबाज रेस्क्यू, चीन ने जताया आभार
10 Jun, 2025 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केरल के अजीक्कल तट से लगभग 44 नॉटिकल मील दूर समुद्र में सिंगापुर-ध्वज वाले कंटेनर जहाज MV Wan Hai 503 में एक बड़ा धमाका हुआ. धमाके और आग की घटना के बाद भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल की तत्परता ने कई जानें बचा लीं. चीन ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए भारत का आभार जताया है.
9 जून को MV Wan Hai 503, जो कोलंबो से न्हावा शेवा (मुंबई पोर्ट) जा रहा था, में अचानक डेक के नीचे विस्फोट हुआ. इसके बाद जहाज में आग लग गई. जहाज पर कुल 22 क्रू सदस्य सवार थे, जिनमें 14 चीनी नागरिक थे, इनमें 6 ताइवानी भी शामिल हैं. इस हादसे में 4 लोग लापता हैं और 5 घायल बताए जा रहे हैं.
कैसे दी गई मदद?
भारतीय तटरक्षक बल ने घटना के तुरंत बाद ICGS राजदूत (न्यू मैंगलोर से), ICGS अर्नवेश (कोच्चि से), और ICGS सचेत (अगत्ती से) को मौके पर रवाना किया. इसके अलावा ICGS समुद्र प्रहरि और ICGS समरथ को भी अग्निशमन और बॉउंड्री कूलिंग के लिए भेजा गया. तटरक्षक बल ने बताया कि एक ICG विमान ने घटनास्थल का हवाई सर्वे किया और हवा से गिराई जाने वाली आपात सामग्री भी भेजी गई.
जहाज़ की स्थिति कैसी है?
जहाज के मध्य भाग और एकोमोडेशन ब्लॉक के पास आग और छोटे धमाके हुए. सामने वाला कंटेनर बे क्षेत्र अब काबू में है, लेकिन जहाज से अभी भी काले धुएं के गुबार उठ रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक जहाज करीब 10 से 15 डिग्री तक बाईं ओर झुक गया है और कुछ कंटेनर समुद्र में गिर चुके हैं.
भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं. इस हादसे के कारण समुद्र में प्रदूषण फैलने का भी खतरा बना हुआ है, जिसकी निगरानी की जा रही है.
चीन ने भारत को कहा शुक्रिया
भारत की मदद के बाद चीन ने आधिकारिक रूप से आभार व्यक्त किया. भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि हम भारतीय नौसेना और मुंबई कोस्ट गार्ड के तत्पर और पेशेवर रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आभारी हैं। हम उम्मीद करते हैं कि सर्च ऑपरेशन सफल हो और घायल क्रू मेंबर जल्द ठीक हों.
कपड़े उतारे- बेरहमी से पीटा डिलीवरी बॉय के साथ बदमाशों ने की हैवानियत
10 Jun, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हरियाणा के फरीदाबाद के सेहतपुर में कुछ बदमाशों ने फूड कंपनी के एक डिलीवरी बॉय के साथ बुरी तरह से मारपीट की. बदमाशों ने पहले डिलीवरी बॉय की 2 घंटे तक खूब पिटाई की. इससे डिलीवरी बॉय बुरी तरह से घायल हो गया. उसे खूब चोटें आईं. इसके बाद बदमाशों ने लड़के के मुंह और पूरे शरीर पर पेशाब कर दिया. उन्होंने डिलीवरी बॉय को पूरी तरह से नग्न कर उसकी पिटाई की.
दरअसल ये घटना रविवार रात का घटी, जब सेक्टर-37 स्थित फूड कंपनी में डिलीवरी बॉय का काम करने वाले सत्यम दुबे के साथ बदमाशों ने मारपीट की. सत्यम सूर्या विहार पार्ट 2 का रहने वाला है. रविवार रात को कंपनी के पास सेहतपुर नया पुल के पास स्थित मानवी प्लेस से एक ऑर्डर आया. इस ऑर्डर को सत्यम डिलीवर करने पहुंचा. वहां सत्यम का दोस्त विक्रांत भी ऑर्डर देने गया था. फिर दोनों वापस लौट रहे थे. तभी सेहतपुर नया पुल पर दोनों को बदमाशों ने घेर लिया.
चेहरे और पूरे शरीर पर पेशाब किया
पुल पर ही बदमाशों ने सत्यम के साथ मारपीट शुरू कर दी. जब विक्रांत ने सत्यम को बचाने की कोशिश की तो 15-20 लोग और आ गए. उन्होंने विक्रांत के साथ भी मारपीट की. हालांकि विक्रांत अपनी जान बचाकर उनके चंगुल से भाग निकला. इसके बाद आरोपी सत्यम को एक स्कूल के पास खाली पड़े प्लॉट में गए और वहां भी उसकी पिटाई की. जब सत्यम बेहोश हो गया तो बदमाशों ने उसे होश में लाने के लिए उसके चेहरे और पूरे शरीर पर पेशाब किया.
पैसे छिनकर भाग गए बदमाश
पीड़ित ने बताया कि जब वह होश में आ गया तो फिर से आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की. विक्रांत ने सत्यम के साथ हो रही मारपीट की जानकारी फोन कर उसके पिता को दे दी थी. पिता ने पुलिस में केस दर्ज कराया. इसके बाद जब विक्रांत ने शोर मचाया कि पुलिस आ रही है. मैंने पुलिस को फोन कर दिया तो सभी आरोपी भाग निकले.लेकिन पैसे छिनकर भाग गए. पीड़ित सत्यम ने बताया कि आरोपी आपस में अपने नाम लक्की, सुक्खी, हिमांशु, सन्नी, बॉबी, रोहन, दीपक, ऋषि और सल्लू कहकर पुकार कर रहे थे.
तीन आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा
पुलिस ने मामले में तुरंत कार्रवाई की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पीड़ित का कहना है कि वह आरोपियों को नहीं जानता. पकड़े गए आरोपियों में दीपक, बॉबी और धीरज शामिल हैं. बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. उन्हें भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. सत्यम को घटनास्थल से अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
बांग्लादेश में आर्थिक बदहाली: भीख मांगने को मजबूर लाखों लोग, सरकार पर सवाल!
10 Jun, 2025 06:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांग्लादेश में यूनुस सरकार के शासन में भिखारियों की बाढ़ आ गई है. इन दिनों राजधानी ढाका में सबसे ज्यादा भिखारी देखने को मिल रहे हैं. ढाका के सभी सार्वजनिक स्थलों पर गैंग बनाकर लोग भीख मांग रहे हैं. बांग्लादेश में भिखारियों की बढ़ती संख्या ने वहां के प्रशासन और आम लोगों की टेंशन बढ़ा दी है.
बांग्लादेश में यूनुस सरकार के शासन में भिखारियों की बाढ़ आ गई है. इन दिनों राजधानी ढाका में सबसे ज्यादा भिखारी देखने को मिल रहे हैं. ढाका के सभी सार्वजनिक स्थलों पर गैंग बनाकर लोग भीख मांग रहे हैं. बांग्लादेश में भिखारियों की बढ़ती संख्या ने वहां के प्रशासन और आम लोगों की टेंशन बढ़ा दी है.
पाकिस्तान से दोस्ती का असर?
बांग्लादेश में भिखारियों के बढ़ने की संख्या ऐसे वक्त में सामने आई है, जब यूनुस की सरकार पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ा रही है. पूरी दुनिया में भीख मांगने के मामले में पाकिस्तानियों का अपना ट्रैक रिकॉर्ड है.
पाकिस्तान में कम से कम 2 करोड़ भिखारी हैं, जो दुनिया कई देशों में जाकर भीख मांगते हैं. पाकिस्तान के भिखारी यूएई, कतर और सऊदी जैसे देशों में जाकर भीख मांगते हैं.
बांग्लादेश में कितने भिखारी?
2023 में बांग्लादेश में भिखारियों को लेकर एक आंकड़ा जारी किया गया था. इसमें कहा गया था कि पूरे देश में करीब 7 लाख भिखारी हैं. अकेले ढाका में 40 हजार भिखारियों के होने की बात कही गई थी. उस वक्त शेख हसीना की सरकार ने भिखारियों को मुख्यधारा में लाने का वादा किया था.
हालांकि, शेख हसीना की सरकार के जाने के बाद यूनुस इस पर साइलेंट हो गए. कहा जा रहा है कि ढाका में अब भिखारियों की संख्या पहले की तुलना में काफी ज्यादा बढ़ गई है.
भिखारियों का क्या कहना है?
2 महिला भिखारियों से बात की है. एक रशेदा (बदला नाम) ने कहा कि मैं बीमार हूं और काम नहीं कर सकती, इसलिए मैं भीख मांगने के लिए ढाका आ गई हूं. रशेदा के मुताबिक बच्चों को पालने के लिए भीख मांगना जरूरी है. बांग्लादेश में महिलाओं के लिए कोई सुविधाजनक काम नहीं है.
वहीं 16 साल की तंजेला ने अखबार से बात करते हुए कहा कि मेरी मां गृहिणी हैं. मेरा भाई बीमार है. रोजी-रोजगार न होने की वजह से मैं उसके इलाज के लिए पैसा नहीं जुटा पा रहा था. मैं भीख मांगकर उसका अब इलाज करा रहा हूं.
हालिया आंकड़ों की मानें तो बांग्लादेश में बेरोजगारी दर में बढ़ोतरी हुई है. वहीं यूनुस की सरकार महंगाई पर भी अब तक कंट्रोल नहीं कर पाई है.
कर्ज के बोझ तले डूबता पाकिस्तान, आर्थिक संकट ने तोड़ी कमर
10 Jun, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान की हालत दिन-प्रतिदिन बदतर होती जा रही है। पाकिस्तान दुनियाभर से कर्ज लेकर अपने लोगों और देश का विकास करने के बजाय आतंकवाद पर खर्च करता है, जिसे पूरी दुनिया ने देखा है। पाकिस्तान की ओर से जारी आर्थिक सर्वे से पता चला है कि कर्ज अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। इससे पाकिस्तान की वित्तीय स्थिति पर संकट गहरा गया है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था जून 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में 2.7 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है, जबकि पिछले वर्ष के दौरान इसमें 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। सरकार ने शुरू में 3.6 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य रखा था, लेकिन पिछले महीने इसे घटाकर 2.7 प्रतिशत कर दिया।
2025 में 4.2 प्रतिशत जीडीपी हासिल करना पाक सरकार का लक्ष्य
आइएमएफ को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में वास्तविक जीडीपी 2.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2026 में अर्थव्यवस्था 3.6 प्रतिशत बढ़ेगी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार का लक्ष्य 4.2 प्रतिशत जीडीपी है। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने सोमवार को अपने देश का आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 जारी किया है।
पाकिस्तान की ओर कहा गया है कि 31 मार्च 2025 तक उसका कुल कर्ज 76,00700 करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है, जो उसके इतिहास में अब तक का सबसे अधिक कर्ज है। पाकिस्तान का यह कर्ज पिछले चार सालों में लगभग दोगुना हो गया है, क्योंकि 2020-21 में यह कर्ज 39,86000 करोड़ पाकिस्तानी रुपये था, जबकि पिछले 10 साल में यह कर्ज करीब पांच गुना बढ़ चुका है।
जीडीपी ग्रोथ में फिसड्डी साबित हो रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान सरकार की ओर से जारी आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही के लिए पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ 1.37 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 1.53 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 2.4 प्रतिशत रहेगी। लगातार तीसरे साल ऐसा हो रहा है जब पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ बहुत कम होगी। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ-साथ मित्र देशों के सामने भी राहत पैकेज मांगने के लिए हाथ फैला देता है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने तो यहां तक कह दिया कि जब हम किसी मित्र देश के पास जाते हैं या फोन करते हैं तो उन्हें लगता है कि हम उनके पास पैसे मांगने आए हैं। भारत आइएमएफ और विश्व बैंक के सामने यह मुद्दा उठाता रहा है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए दुनिया भर मिलने वाली सहायता का दुरुपयोग कर रहा है।
विश्व बैंक के अनुसार भारत ने रिकार्ड संख्या में अपने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। वहीं पाकिस्तान की करीब 45 प्रतिशत आबादी गरीबी में अपनी जीवन गुजार रही है, जबकि 16.5 प्रतिशत लोग अत्यधिक गरीबी में रहते हैं।
'स्पाइडरवेब' का बदला: रूस ने यूक्रेन पर बरसाए ड्रोन, रातभर गूंजते रहे धमाके
10 Jun, 2025 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूक्रेन के 1 जून को किए गए हमले के बाद रूस अब बदला लेने के लिए उतारू हो गया है. रात के अंधेरे में रूस ने यूक्रेन पर ड्रोन बरसाए. यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि रूस ने उस पर सोमवार की रात को 500 से ज्यादा ड्रोन लॉन्च किए हैं. यूक्रेनी वायु सेना ने सोमवार को कहा कि रूस ने तीन साल के युद्ध की सबसे बड़ी रातोंरात ड्रोन बमबारी की है. जिसमें उसने यूक्रेन पर लगभग ड्रोन बरसाए और मिसाइल भी दागीं. रूस ने यह पलटवार ऑपरेशन स्पाइडरवेब का बदला लेने के लिए किया है.
दोनों देशों के बीच युद्धविराम का रास्ता नहीं निकल रहा है. युद्धविराम करने की मुश्किलों के बीच भी सोमवार को दोनों ने एक दूसरे के युद्धबंदियों के एक और बैच की अदला-बदली की, लेकिन इसी के बाद रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर हमला कर दिया और ड्रोन बरसा दिए.
ऑपरेशन स्पाइडरवेब का बदला?
रूस इस समय यू्क्रेन से बदला लेने पर उतारू है. दरअसल, यूक्रेन ने हाल ही में रूस पर एक ऐसा अटैक किया है जिसमें उसने रूस की शक्ति को भारी नुकसान पहुंचाया है. यूक्रेन ने 1 जून को 100 से ज्यादा यूक्रेनी ड्रोन रूस पर दागे. इस हमले में यूक्रेन ने रूस के परमाणु-सक्षम लंबी दूरी के बमवर्षकों को निशाना बनाया. इस अटैक को यूक्रेन ने स्पाइडरवेब नाम दिया था.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि हमले रूस के पांच क्षेत्रों – मरमंस्क, इरकुत्स्क, इवानोवो, रियाज़ान और अमूर पर किए गए थे – लेकिन कहा गया कि विमान केवल मरमंस्क और इरकुत्स्क में क्षतिग्रस्त हुए थे, जबकि अन्य स्थानों पर हमलों को विफल कर दिया गया था. अब रूस इस हमले का ही बदला ले रहा है.
रूस ने बरसाए ड्रोन
वायु सेना के अनुसार, 479 ड्रोन के अलावा, रविवार से सोमवार तक यूक्रेन के कई हिस्सों में रूस ने 20 मिसाइलें दागी, जिसमें कहा गया कि बैराज ने मुख्य रूप से सेंट्रल और पश्चिमी क्षेत्रों को निशाना बनाया. रात में हुए सबसे बड़े अटैक के बाद यूक्रेन ने कहा कि उसने रूस के इस हमले का बराबरी से सामना किया और कई ड्रोन को रोका. यूक्रेन की वायु सेना ने कहा कि उसकी एयर फोर्स ने 277 ड्रोन और 19 मिसाइलों को रोका और नष्ट कर दिया. यूक्रेन ने दावा किया कि सिर्फ 10 ड्रोन या मिसाइलों ने उनके टारगेट को मारा. अधिकारियों ने बताया कि रूस के इस हमले में यूक्रेन का एक व्यक्ति घायल हो गया.
यूक्रेन भी कर रहा पलटवार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रविवार देर रात को कहा कि कुछ क्षेत्रों में, “हालात बहुत मुश्किल बने हुए हैं”. रूस के हमले से पहले यूक्रेन ने रूस के सैन्य ठिकानों पर 6 जून को हमला किया था. रात को यूक्रेन की सेना ने रूस के एंगेल्स और ड्यागिलेवो हवाई अड्डों को निशाना बनाया था, जहां रूस के बमवर्षक विमान तैनात हैं. यूक्रेन ने इसे पहले से रक्षा वाला हमला बताया था. इस हमले में रूस का एक MI-8 हेलिकॉप्टर पूरी तरह नष्ट हो गया और एक MI-35 हेलिकॉप्टर को नुकसान पहुंचा था. इसके अलावा, यूक्रेन ने रूस के सरातोव और रियाजान इलाकों में ईंधन डिपो और सैन्य ठिकानों पर भी अटैक किए थे.
इस अटैक को लेकर यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के सैन्य संसाधनों को कमजोर करने के लिए ये हमले किए ताकि रूस के हवाई हमले रोके जा सकें.
रूसी अधिकारियों ने कहा है कि हालिया हमले उन हवाई अड्डों पर यूक्रेन के ड्रोन हमले के जवाबी हमलों पर पलटवार है.
लगातार हो रही दोनों देशों के बीच शांति वार्ता
पिछले तीन साल से दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को शांत कराने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इस्तांबुल में रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों के बीच हाल के दो दौर की सीधी शांति वार्ता हुई. इस वार्ता के बाद दोनों देशों ने कैदियों के साथ-साथ उनके हजारों मृत और गंभीर रूप से घायल सैनिकों की अदला-बदली पर राजी हुए. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संकेत दिया है कि वह तब तक लड़ते रहेंगे जब तक उनकी शर्तें पूरी नहीं हो जातीं.
दिन में कैदियों की अदला-बदला, रात को अटैक
जेलेंस्की और रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सोमवार को दोनों देशों के बीच अधिक कैदियों की अदला-बदली की गई, हालांकि, किसी भी पक्ष ने यह नहीं बताया कि कितने कैदी हैं. कितने कैदियों की अदला-बदली हुई. जेलेंस्की ने कहा कि जिन लोगों की अदला-बदली की गई उनमें घायल सैनिकों के साथ-साथ 25 साल से कम उम्र के लोग भी शामिल थे. लेकिन जहां दिन में दोनों देशों के बीच कैदियों की अदला-बदली हो रही है. वहीं, रात के समय में रूस ने फिर हमला कर दिया.
प्रदर्शनकारियों पर सख्त ट्रंप प्रशासन, LA में पहुंचे नेशनल गार्ड और मरीन
10 Jun, 2025 10:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कैलिफोर्निया में इमिग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के कदमों के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन ने लॉस एंजिल्स में नेशनल गार्ड को तैनात किया। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही है।
वहीं, ट्रंप ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कैलिफोर्निया में नेशनल गार्ड की तैनाती करके 'बहुत बढ़िया फैसला' लिया है। उन्होंने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में कहा, अगर हमने ऐसा नहीं किया होता, तो लॉस एंजिल्स पूरी तरह से नष्ट हो गया होता। ट्रंप ने यह संकेत भी दिया कि वह कैलिफोर्निया के गवर्नर की गिरफ्तारी का समर्थन करेंगे।
बीच ट्रंप प्रशासन ने एलान किया है कि अमेरिकी सेना अस्थायी रूप से लॉस एंजिल्स में लगभग 700 मरीन तैनात करेगी, जब तक कि अधिक संख्या में नेशनल गार्ड सैनिक वहां नहीं पहुंच जाते। नाम न बताने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि जब तक नेशनल गार्ड के और सैनिक घटनास्थल पर नहीं पहुंच जाते, तब तक एक बटालियन को अस्थायी ड्यूटी पर भेजा जाएगा।
पिछले चार दिनों से प्रदर्शनकारी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। देश में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को निर्वासित करने की नीतियों के खिलाफ इस प्रदर्शन को डेमोक्रेट्स पार्टी का भी साथ मिल रहा है।
ट्रंप पर दर्ज होगा मुकदमा: गैविन न्यूसम
इसी बीच राज्य के नेशनल गार्ड का नियंत्रण अपने हाथ में लेने और उसे लॉस एंजिल्स की सड़कों पर तैनात करने के ट्रंप के फैसले को कैलिफोर्निया के अधिकारी अदालत में चुनौती देंगे।
कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट किया,"यह बिल्कुल वही है जो ट्रंप चाहते थे। उन्होंने आग भड़काई और अवैध रूप से नेशनल गार्ड को संघीय बनाने का काम किया। हम उन पर मुकदमा करने जा रहे हैं।"
ईरान का चौंकाने वाला कदम: रातों-रात किया परमाणु परीक्षण, मचा अंतरराष्ट्रीय हलचल
10 Jun, 2025 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मिडिल ईस्ट (Middle East) बारूद की ढेर पर खड़ा है। हल्की सी चिंगारी से मिडिल ईस्ट को जला सकती है। इंटरनेशलन एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट के मुताबिक ईरान (IRAN) ने गुपचुप तरीके से परमाणु बम (Nuclear Bomb) बनाने के दिशा में कई परीक्षण (Nuclear Test) किए हैं। IAEA ने कहा है कि ईरान ने हथियार ग्रेड के यूरेनियम के अपने भंडार को 60 प्रतिशत बढ़ाया है। फरवरी में यूरेनियम का भंडार 133.8 किलोग्राम था, जो कि मई में 408.6 किलोग्राम कर पहुंच गया है।
IAEA की टीम नहीं लगा पायी थी पता
इजरायली अखबार जेरूसलम पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक IAEA की टीम ने अगस्त 2020 में परमाणु परीक्षण स्थलों का दौरा किया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय टीम उस बंकर तक नहीं पहुंच पायी थी, जहां से सबकुछ कंट्रोल हो रहा था। बाद में ईरान ने उन बंकरों को ध्वस्त कर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान के पास 10 परमाणु बम बनाने जितनी सामग्री उपलब्ध हो गई है।
2003 में दो बार इम्प्लोजन टेस्ट किए थे
ईरान ने 15 फरवरी-3 जुलाई 2003 के बीच दो बार इम्प्लोजन टेस्ट किए थे। ये वही तकनीक है जो परमाणु बम के कोर को ब्लास्ट करने में इस्तेमाल होती है। अमेरिकी दवाब के बाद ईरान ने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम को शिथिल कर दिया था। अमेरिका सहित पश्चिम के देशों के साथ साल 2015 के समझौते के तहत ईरान परमाणु गतिविधि पर प्रतिबंध लगाने पर सहमत हो गया था, लेकिन साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका के इस कदम के बाद ईरान ने परमाणु परीक्षण कार्यक्रम पर तेजी से काम शुरू किया।
न्यूक्लियर डील पर चल रही है बातचीत
ईरान और अमेरिका के बीच जारी न्यूक्लियर बातचीत पर इसका सीधा असर पड़ सकता है। माना जा रहा था कि ईरान और अमेरिका एक बार फिर न्यूक्लियर डील के बेहद करीब पहुंच गए हैं। ईरान के इस कदम से दोनों देशों के बीच माहौल बिगड़ सकता है। IAEA ने कहा कि ईरान ने एक ऐसा कोल्ड टेस्ट करने की प्लानिंग की थी जिसमें कोर में परमाणु सामग्री, प्राकृतिक या क्षीण यूरेनियम होगा।
ट्रंप ने दी थी ईरान को धमकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत नाकाम रही तो वह ईरान की परमाणु सुविधाओं को तबाह कर सकते हैं। ईरान ने एक ऐसे समय पर परमाणु परीक्षण किया है, जब अमेरिका ने हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा दी है।
डिएगो गार्सिया द्वीप अमेरिका का एक सैन्य रणनीतिक अड्डा है। जहां से अमेरिका मिडिल ईस्ट पर नजर रखता है। यहां पर अमेरिका ने बॉम्बर और F-15 फाइटर जेट्स तैनात किए हैं। इस तैनाती को ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
हाल में साऊदी रक्षा मंत्री ने किया था ईरान का दौरा
साऊदी रक्षा मंत्री मोहम्मद खालिद बिन सलमान ने हाल ही में तेहरान का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने ईरान के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी। सलमान ने कूटनीतिक लहजे में ईरान को चेतावनी भी दी थी कि ईरान अमेरिका के साथ चल रही न्यूक्लियर डील पर बातचीत को गंभीरता से ले, वरना इजरायल के साथ ईरान का युद्ध का खतरा बढ़ सकता है।
बाहर जन्मे बच्चों को नहीं मिलेगी आसानी से कनाडाई नागरिकता? जानें नया नियम
9 Jun, 2025 04:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा की सरकार नागरिकता कानून में नया और एक बड़ा बदलाव करने वाली है। इसके लिए वहां की सरकार ने C-3 नाम का एक नया विधेयक संसद में पेश किया है। इस बिल के मुताबिक, अब कनाडा में जनमें बच्चों को वहां की नागरिकता नहीं मिल सकेगी। यह नया विधेयक कनाडा के नागरिकता कानून को और सख्त बना सकता है। यह विधेयक मौजूदा वंशानुक्रम आधारित नागरिकता प्रणाली में बड़ा बदलाव करता है। अब अगर कोई कनाडाई नागरिक विदेश में अपने बच्चे को जन्म देता है या गोद लेता है, तो वह उसे सीधे तौर पर नागरिकता नहीं दे सकेगा जब तक कि उसने खुद कनाडा में कम से कम तीन साल (1,095 दिन) की शारीरिक उपस्थिति न दिखाई हो।
नया नागरिकता विधेयक Bill C-3
वर्तमान में,2009 से लागू नियमों के तहत केवल पहली पीढ़ी तक वंश आधारित नागरिकता सीमित है। लेकिन नए बिल में उस सीमा को फिर से परिभाषित करते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि सिर्फ कनाडाई होना अब विदेश में जन्मे बच्चे के लिए नागरिकता पाने की गारंटी नहीं होगा। अब देश से मजबूत संबंध साबित करना आवश्यक होगा।
प्रवासियों और NRI पर पड़ेगा असर
इस नए कानून का असर विशेषकर उन प्रवासियों और एनआरआई समुदाय पर पड़ेगा, जो कनाडा के नागरिक तो हैं लेकिन विदेशों में रहते हैं या उनके बच्चे विदेशों में जन्म ले रहे हैं।
भारत जैसे देशों के प्रवासियों को अब अपने बच्चों को कनाडाई नागरिकता दिलाने के लिए पहले खुद को कनाडा में कम से कम तीन साल तक रहना होगा।
कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप विभाग (IRCC) के मुताबिक, वंश द्वारा नागरिकता की पहली पीढ़ी की सीमा अब कनाडाई परिवारों के वैश्विक जीवनशैली को नहीं दर्शाती। यह विधेयक इस “अन्याय” को दूर करने के लिए लाया गया है, ताकि नागरिकता प्रणाली और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष हो सके।
IRCC क्या कहता है?
बिल C-3 अभी विधायी समीक्षा प्रक्रिया से गुजर रहा है। इसे कानून बनने के लिए संसद के दोनों सदनों से पारित होना होगा और शाही स्वीकृति प्राप्त करनी होगी। IRCC का कहना है कि यदि यह विधेयक पारित होता है, तो इसके प्रावधानों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा।
अमेरिका के बाद कनाडा भी बढ़ा रहा भारतीयों की मुश्किलें
जहां अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने आव्रजन कानूनों को सख्त किया है, वहीं कनाडा में यह बदलाव ज्यादा संरचित और पारिवारिक संबंधों को महत्व देने वाला माना जा रहा है। इससे अमेरिका की तुलना में कनाडा अप्रवासियों के लिए अधिक अनुकूल विकल्प बन सकता है। कनाडा का नया नागरिकता कानून देश और प्रवासियों के बीच रिश्ते को पुनर्परिभाषित करने की ओर एक बड़ा कदम है। अब नागरिकता केवल जन्म पर नहीं, बल्कि कनाडा से वास्तविक संबंधों पर आधारित होगी। भारतीय मूल के लोगों समेत सभी प्रवासियों को इसके प्रभाव को समझकर आगे की योजना बनानी होगी।
अमेरिकी विमान हादसा: टुल्लाहोमा में हुआ बड़ा हादसा, जानमाल का नुकसान नहीं
9 Jun, 2025 04:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के टेनेसी प्रांत में रविवार की सुबह एक और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। घटना टुल्लाहोमा में बीचक्राफ्ट संग्रहालय के पास हुई है। विमान में 16-20 यात्री सवार थे। हादसे के बाद मौके पर हाईवे पट्रोल पुलिस टीम पहुंची और घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया। कुछ गंभीर घायलों को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
जानें किस समय हुआ हादसा?
अधिकारियों के अनुसार हादसा टुल्लाहोमा में बीचक्राफ्ट म्यूजियम के पास ओल्ड शेल्बीविले रोड के पास रविवार दोपहर को 12 बजकर 45 मिनट पर हुआ। टेनेसी हाईवे पेट्रोल टीम ने जानकारी देते हुए बताया कि विमान में 16-20 लोग सवार थे। कुछ लोगों को हॉस्पिटल ले जाया गया है। एफएए ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि विमान में 20 लोग सवार थे। विमान की पहचान डे हैविलैंड कनाडा डीएचसी-6 के रूप में हुई है।
स्थानीय महिला ने बताया कैसे हुआ हादसा?
रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों ने बताया कि दुर्घटना म्यूजियम के पास और रनवे से कुछ ही दुरी पर हुई। हादसे में हवाई जहाज के कॉकपिट को काफी नुकसान पहुंचा। वहीं एक अन्य स्थानीय महिला ने बताया कि वह अपने पालतू कुत्तों के साथ घर के पीछे स्थित कोर्टयार्ड में बैठी थीं। जब विमान क्रैश होने से पहले नियंत्रण में नहीं था और उनके घर के ऊपर से होकर गुजरा था। महिला ने आगे बताया कि विमान एयरपोर्ट के रनवे की ओर बढ़ रहा था तभी एक पेड़ से टकराकर चकनाचूर हो गया।
ईरान में अब नहीं टहला सकेंगे कुत्ते, प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
9 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ईरान ने सामाजिक व्यवस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 20 से ज्यादा शहरों में कुत्तों के घुमाने पर बैन लगा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, जिन शहरों में प्रतिबंध लगाया गया है उनमें करमानशाह, इलम, हमादान, करमान, बोरूजेर्ड, रोबत करीम, लवसनात और गोलेस्तान शामिल हैं।
इसी तरह के बैन सबसे पहले 2019 में राजधानी तेहरान में लगाए गए थे, जिससे नागरिकों के बीच और आलोचना हुई थी। ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि कुत्तों को टहलाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। उनका यह भी तर्क है कि कुत्तों को टहलाना सुरक्षा संबंधी मुद्दों को जन्म दे सकता है।
कुत्तों के मालिक पर हो रही कार्रवाई
हालांकि उन्होंने इस कदम को लेकर कोई विशेष जानकारी नहीं दी है। रिपोर्टों के अनुसार, अधिकारी प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले कुत्तों के मालिकों पर कार्रवाई कर रहे हैं, जिसके कारण गिरफ्तारी और प्रतिरोध हो रहा है। सुधारवादी अखबार एतेमाद ने रविवार को इलाम शहर के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस खबर में कोई अन्य अपडेट नहीं था। ईरान के सरकारी अखबार ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना, सुरक्षा सुनिश्चित करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है
ईरान में कुत्तों को टहलाना प्रतिबंधित क्यों है?
स्थानीय निर्देशों और पुलिस के आदेशों के जरिए प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि कोई राष्ट्रीय कानून पारित नहीं हुआ है। हालांकि, ईरान के दंड संहिता और संविधान में कुछ ऐसे अनुच्छेद हैं जो अधिकारियों को ऐसे प्रतिबंध लगाने में सक्षम बनाते हैं, जो सार्वजनिक नैतिकता पर अनुच्छेद 638, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरों पर अनुच्छेद 688 और संविधान का अनुच्छेद 40 है, जो दूसरों को नुकसान पहुंचाने पर रोक लगाता है।
12 देशों के नागरिकों पर अमेरिका की यात्रा पर पाबंदी, ट्रंप का आदेश
9 Jun, 2025 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में इमिग्रेशन एनफोर्समेंट पर बढ़ रहे तनाव के बीच डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा प्रतिबंध नीति आज से प्रभावी हो रही है. राष्ट्रपति ट्रंप ने बीते बुधवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए, 12 देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगा दी थी. उन्होंने अपने पहले कार्यकाल की एक खास नीति को पुनर्जीवित करने और उसका विस्तार करने में राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया है, जिसका प्रभाव मुख्य रूप से अफ्रीका और मिडिल ईस्ट के लोगों पर पड़ेगा.
बुधवार को घोषित प्रतिबंध अफगानिस्तान, म्यांमार, चाड, कांगो गणराज्य, इक्वेटोरियल गिनी, इरिट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान और यमन के नागरिकों पर लागू होता है. बढ़ा हुआ प्रतिबंध बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, टोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला के लोगों पर लागू होता है, जो अमेरिका से बाहर हैं और उनके पास वैध वीजा नहीं है.
न्यायाधीशों के साथ टकराव
यह नीति आज से प्रभावी होगी और इसके खत्म होने की कोई तारीख तय नहीं है. नए नियमों के बारे में जानने योग्य बातें यहां दी गई हैं. व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से, ट्रंप ने इमिग्रेशन एनफोर्समेंट का एक अभूतपूर्व अभियान शुरू किया है, जिसने कार्यकारी शक्ति की सीमाओं को पार कर लिया है और संघीय न्यायाधीशों के साथ टकराव हुआ है जो उन्हें रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
सात मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध
अपने पहले कार्यकाल के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में भी एक आदेश जारी किया था, जिसमें सात मुस्लिम देशों के नागरिकों पर अमेरिका की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इन देशों में इराक, सीरिया, ईरान, सूडान, लीबिया, सोमालिया और यमन शामिल थे. 2017 में ट्रंप के इस आदेश के बाद इन मुस्लिम देशों के लोग परेशान हुए थे. कुछ यात्रियों को या तो अमेरिका आने वाली उड़ानों पर चढ़ने से रोक दिया गया था या फिर उन्हें उतरने के बाद अमेरिकी एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया था.
ट्रंप के इस आदेश को मुस्लिम प्रतिबंध भी कहा गया था. बहुत से लोगों ने इसका विरोध किया और कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन 2018 में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने इसका एक संशोधित रूप मंजूर कर लिया.
ट्रंप के प्रतिबंध से कौन हुआ प्रभावित?
उस दौरान ट्रंप के प्रतिबंध से ईरान, सोमालिया, यमन, सीरिया और लीबिया के विभिन्न श्रेणियों के यात्री और अप्रवासी प्रभावित हुए थे. इसके अलावा, उत्तर कोरिया और कुछ वेनेजुएला के सरकारी अधिकारियों और उनके परिवारों पर भी इस प्रतिबंध का असर हुआ था.
नए प्रतिबंध में भी कई मुस्लिम देश
अब नए प्रतिबंध में भी कई मुस्लिम देश शामिल हैं. ट्रंप ने इस प्रतिबंध का हमेशा यह तर्क देकर बचाव किया कि इसका उद्देश्य देश की रक्षा करना था. यह मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह पर आधारित नहीं था. हालांकि, ट्रंप ने व्हाइट हाउस के लिए अपने पहले अभियान के दौरान मुसलमानों पर खुले तौर पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था.
अमेरिका में हालात बिगड़े, राष्ट्रपति ट्रंप ने की नेशनल गार्ड की तैनाती
9 Jun, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में इस समय लॉस एंजिलिस से लेकर कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लोगों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है. गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया है. नारेबाजी की जा रही है. इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड फोर्स को तैनात कर दिया है. फोर्स के तैनात होने के बाद आंदोलनकारी और भी ज्यादा गुस्से में आ गए हैं और फोर्स के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इमिग्रेशन को लेकर सख्त कदम उठा रहे हैं. देश में बिना दस्तावेजों के रहने वालों पर एक्शन लिया जा रहा है. इसी के चलते फेडरल इमिग्रेशन को लेकर लॉस एंजिलिस में रेड हुई. इस रेड में 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसी गिरफ्तारी और रेड को लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. इमीग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने लॉस एंजिल्स के तीन स्थानों पर छापेमारी की थी. इन छापों में दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया, जिसमें एक प्रमुख यूनियन नेता डेविड ह्यूएर्टा भी शामिल थे.
ट्रंप ने तैनात किए नेशनल गार्ड
पिछले दिनों से हो रहे आंदोलन के हिंसक रूप लेने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड तैनात कर दिए. अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े शहर में इमिग्रेशन छापों के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद ट्रंप का कहना है कि उन्होंने “बहुत मजबूत कानून व्यवस्था” बनाए रखने के लिए लॉस एंजिल्स में 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात किया. हालांकि, नेशनल गार्ड को बुलाने के उनके फैसले ने कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसोम के अधिकार को खारिज कर दिया, जिन्होंने इस कदम को “जानबूझकर भड़काऊ” कहा. राज्य के मामलों में आमतौर पर नेशनल गार्ड को तैनात करने का अधिकार गवर्नर को होता है.
क्या होते हैं नेशनल गार्ड?
इस समय जो शब्द सबसे ज्यादा सुनाई दे रहा है वो है नेशनल गार्ड, जो हथियार लेकर लॉस एनिजिलस में तैनात हो गए हैं. नेशनल गार्ड अमेरिकी सशस्त्र बल रिजर्व का हिस्सा है. इसमें दो ब्रांच होती हैं: आर्मी नेशनल गार्ड और एयर नेशनल गार्ड. इसका गठन साल 1903 में मिलिशिया एक्ट की ओर से किया गया था.
कब-कब किया जाता है तैनात?
नेशनल गार्ड को आपदा राहत पहुंचाने के लिए तैनात किया जाता है. यह इमरजेंसी, बाढ़, भूकंप जैसे हालात में तैनात किए जाते हैं. हाल ही में, इसे जनवरी 2025 में कैलिफ़ोर्निया में विनाशकारी जंगल की आग के दौरान बुलाया गया था और साल 2005 में तूफान कैटरीना के बाद भी तैनात किया गया था.
इसी के साथ आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी नेशनल गार्ड को तैनात किया जाता है. 6 जनवरी, 2021 को कैपिटल पर हमले के दौरान, राष्ट्रपति जो बाइडेन के उद्घाटन के आसपास सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, 25,000 से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों को वाशिंगटन डीसी में तैनात किया गया था.
साल 2020 में जॉर्ज फ्लॉयड के विरोध प्रदर्शन के दौरान, स्थानीय पुलिस बलों का समर्थन करने के लिए कई राज्यों में हजारों नेशनल गार्ड सैनिकों को जुटाया गया था. इसी के साथ नेशनल गार्ड विदेशों में सैन्य अभियानों का भी समर्थन कर सकते हैं.
क्या राष्ट्रपति कर सकते हैं तैनात?
लॉस एंजिलिस में बढ़ती अशांति को शांत करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने शायद ही कभी इस्तेमाल किए जाने वाले संघीय कानून के तहत एक निर्देश जारी किया. इस निर्देश के तहत राष्ट्रपति कुछ परिस्थितियों में नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात करने की इजाजत देता है. नेशनल गार्ड एक मिक्स इकाई के रूप में कार्य करता है जो राज्य और संघीय दोनों हितों की सेवा करता है. आमतौर पर, किसी राज्य में नेशनल गार्ड को तैनात गवर्नर करते हैं.
आमतौर पर राष्ट्रपति तीन हालातों में नेशनल गार्ड को तैनात कर सकते हैं.
1- अमेरिका पर किसी विदेशी राष्ट्र की ओर से आक्रमण किया गया हो या आक्रमण का खतरा हो
2- सरकार के खिलाफ “विद्रोह हो या विद्रोह का खतरा हो
3- राष्ट्रपति नियमित बलों के साथ अमेरिका के कानूनों को निष्पादित करने में असमर्थ हों.
ट्रंप ने नेशनल गार्ड को तैनात करने का तर्क अपने ज्ञापन में दिया. उन्होंने कहा, लॉस एंजिल्स में विरोध प्रदर्शन अमेरिका की सरकार के अधिकार के खिलाफ विद्रोह का एक रूप है. इसी के चलते उन्होंने गार्ड्स को तैनात किया.
क्या है रोल?
लॉस एंजिल्स में इमिग्रेशन को लेकर की गई रेड के बाद लोग अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) के खिलाफ हो गए हैं. इसी के चलते गार्ड्स का रोल हालात को काबू करना है. साथ ही अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) और होमलैंड सुरक्षा सहित संघीय एजेंटों की रक्षा करने की है. इस दौरान यह सैनिक इमिग्रेशन छापे नहीं करेंगे. साथ ही नागरिकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेंगे.
पहले भी प्रोटेस्ट में तैनात किए गए गार्ड
विशेषज्ञों के मुताबिक, साल 1965 के बाद यह पहली बार है कि नेशनल गार्ड को राज्य के गवर्नर के अनुरोध के बिना तैनात किया गया है. साल 2020 में, जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कुछ राज्यों में नेशनल गार्ड के सैनिकों को तैनात किया गया था.
क्यों हुआ आंदोलन?
अमेरिका में राष्ट्रपति ट्रंप अवैध रूप से रहने वाले लोगों और इमिग्रेशन को लेकर सख्त हो गए हैं. इसी के चलते उन्होंने बिना दस्तावेजों के रहने वालो पर सख्त एक्शन लेने के लिए कहा है. इसी के चलते अवैध आप्रवासन पर ट्रंप की कार्रवाई के तहत ICE अधिकारियों ने शुक्रवार को एलए के कई हिस्सों में छापे मारे.
आईसीई की एक शाखा, होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन के एक प्रवक्ता ने कहा, 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया.
ट्रंप का एलन मस्क पर हमला, बोले – 'उनकी हरकतों से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता'
9 Jun, 2025 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयार्क। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी अमेरिकी अरबपति और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ संबंध सुधारने की कोई इच्छा नहीं है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मस्क उन उम्मीदवारों को वित्तपोषित करते हैं जो उन रिपब्लिकनों के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं जिन्होंने राष्ट्रपति के घरेलू नीति बिल के पक्ष में मतदान किया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दोनों के बीच जबरदस्त तलवारें खीची थीं। दोनों ने एक-दूसरे पर वार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। एक कार्यक्रम में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनके पास मस्क से बात करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा- ''मैंने कभी भी मस्क के साथ अपने संबंधों को लेकर कोई चिंता नहीं की। मुझे उनकी गतिविधियों से कोई फर्क नहीं पड़ता।''
मस्क ने कुछ पोस्ट किए डिलीट
वैसे पर्दे के पीछे, दोनों के करीबी लोग सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं। मस्क ने ट्रंप के खिलाफ किए कुछ कड़े पोस्ट इंटरनेट मीडिया से हटा दिए हैं जबकि ट्रंप ने भी मस्क की और आलोचना करने में संयम बरता है। ट्रंप के सलाहकार मानते हैं कि यदि दोनों में समझौता हो भी जाता है तो यह रिश्ता पहले जैसा नहीं होगा।