मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
जल्द ही छिंदवाड़ा में होगी पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा...
22 Aug, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा में अगले महीने की 5 से 9 सितंबर तक प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा आयोजित होगी। यह जानकारी पंडित प्रदीप मिश्रा ने खुद अपनी शिव पुराण कथा में दी है, वहीं सांसद नकुलनाथ ने भी एक निजी चैनल के कार्यक्रम में चर्चा करते हुए बताया कि वह हनुमान भक्त के अलावा शिव भक्त भी हैं। आगामी 5 से 9 सितंबर तक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा छिंदवाड़ा में आयोजित कराएंगे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पूर्व सीएम कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा आयोजित कराई थी, इसी दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा भी छिंदवाड़ा में फाइनल हो गई थी, वहीं अब इसकी डेट आ गई है, जिसके बाद एक बार फिर से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है।
चुनाव से पहले विधायक संजय पाठक करा रहे वोटिंग, 50% से कम वोट मिले तो नहीं लड़ेंगे इलेक्शन
22 Aug, 2023 10:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश के सबसे रईस विधायक माने जाने वाले संजय पाठक चुनाव के पूर्व ही अपने क्षेत्र में जनादेश के नाम पर मतदान करवा रहे हैं। चुनाव की तर्ज पर हो रहे इस मतदान के लिए विधायक संजय पाठक ने बाहर से बड़ी संख्या में टीम बुलवाई है जिन्हें 10 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया गई। जिले और बाहर से आई टीम लोगों के घर-घर जाकर मतदाता पेटी में लोगों से उनसे मतों के आधार पर पर्ची डलवाने का काम करेंगे। इसके लिए विधायक संजय पाठक ने 183 ग्रामों और तीन नगर परिषद के लिए 280 मतदान केंद्र बनाएं हैं, जो 21 अगस्त से शुरू होकर 25 अगस्त तक वोटिंग करने के लिए है। उसके बाद काउंटिंग का काम शुरू किया जाएगा। चुनाव में मिले मतदान का 50 प्रतिशत तय करेगा कि संजय पाठक अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा से बीजेपी विधायक संजय सत्येंद्र पाठक विधानसभा चुनाव के पहले ही वोटिंग कराकर यह तय करना चाहते हैं कि वो चुनाव लड़े अथवा न लड़े। उन्होंने इस बात का ऐलान पहले ही कर दिया हैं कि जनमत सर्वेक्षण के दौरान यदि उन्हें 50 फ़ीसदी से कम मत मिलते हैं तो वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। जिसके लिए मतदान की प्रक्रिया सोमवार से शुरू कर दी गई है। निर्वाचन आयोग की तरह संजय पाठक ने मत पेटियों को मंगवा कर वितरण सोमवार को किया। इन पेटियों को विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव-गांव में बूथ तक पहुंचाया जाएगा। जहां मतदाता पर्ची डालकर विधायक संजय पाठक के भविष्य का फैसला करेंगे। जिसकी शुरुआत विजयराघवगढ़ विधानसभा के सबसे बुजुर्ग मतदाता राजा पंडित जिनकी उम्र 96 वर्ष है
मुख्यमंत्री शिवराज भोपाल में आज करेंगे 'सीखो-कमाओ' योजना का शुभारंभ
22 Aug, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को सीखो कमाओ योजना की शुरुआत करेंगे। मुख्यमंत्री भोपाल के शासकीय महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भेल में शाम चार बजे योजना में चयनित युवाओं को अनुबंध पत्र का वितरण करेंगे।
प्रदेश में युवाओं को कौशल विकास के साथ ही लर्न एंड अर्न की तर्ज पर "ऑन जॉब ट्रेनिंग" की सुविधा के लिये शुरू की गई 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ' योजना में 18 से 29 वर्ष आयु के मध्यप्रदेश के मूल निवासी युवाओं को, जिन्होंने 12वीं/आईटीआई या उससे उच्च शैक्षणिक योग्यता प्राप्त की हो, को उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को 8 से 10 हजार रूपये का स्टायपेंड भी दिया जाएगा।
'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ' योजना के प्रथम चरण में एक लाख युवाओं को रोजगारोन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। योजना में 8 लाख 69 हजार 673 युवाओं ने अपना पंजीयन कराया है। अब तक कुल 16 हजार 450 प्रतिष्ठानों ने पंजीकृत युवाओं के लिये लगभग 68 हजार 984 पद प्रकाशित किये हैं। योजना में पहले प्रतिष्ठानों का पोर्टल पर पंजीयन किया गया। इसके बाद वेकेंसी प्रकाशित की गई। युवाओं द्वारा भी पोर्टल पर कोर्स का चयन कर वेकेंसी की विरूद्ध आवेदन किया जा रहा है। अब तक लगभग 14 हजार 450 अनुबंध जनरेट किये गये हैं। इसमें भोपाल में सर्वाधिक 643 अनुबंध किये गये।
ऑनलाइन लोन के जाल में फसें परिवार की सामुहिक आत्महत्या मामला
21 Aug, 2023 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पुलिस ने निजी बैंक कर्मचारी सहित पॉच और आरोपियो को किया गिरफ्तार
भोपाल। राजधानी के रातीबड़ थाना इलाके में दो बेटों को जहर देकर मारने के बाद पति-पत्नि द्वारा फांसी लगाकर खुदकुशी किये जाने के मामले में पुलिस ने 38 दिन बाद पॉच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। परिवार सहित खुदकुशी करने वाले इंश्योरेंस एजेंट भूपेंद्र विश्वकर्मा के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते से भोपाल में यस बैंक के एक खाते में 95 हजार 700 रुपए ट्रांसफर हुए थे। इसी आधार पर पुलिस ने आरोपियो को गिरफ्तार किया है। जॉच में सामने आया की इस लेन देन में खाताधारक और यस बैंक के कर्मचारी समेत पॉचो आरोपियो को 1 लाख 80 हजार रुपए का कमीशन मिला था। पुलिस अब उस आरोपी की तलाश कर रही है, जिसने कमीशन दिया था।
सनसनीखेज मामले में पुलिस ने 23 दिन पहले राजस्थान के टोंक से खलील नामक आरोपी को पकड़ा जो जालसाजो को फेक बैंक अकाउंट उपलब्ध कराता था। पूछताछ में सामने आया था की उसने 40 हजार रुपए में अपना खाता जालसाजो को किराए पर दिया था। बीते दिन पकड़े गये आरोपियो के नाम शारिक बेग (25) पुत्र मुश्ताक, निवासी अरवलिया, थाना ईंटखेड़ी, उबेज खान (27) पुत्र शफीक खान, जुमेराती, अरशद बेग (29) पुत्र जहिर बेग, निवासी इस्लामपुरा तलैया, शाहजहां उर्फ शाजी खान (31) पुत्र नासिर खान, निवासी कमला पार्क और फरहान रहमान (30) पुत्र रिजवान रहमान, निवासी सब्जी मंडी के पास, न्यू अशोका गार्डन बताये गये है। साइबर पुलिस की जांच में सामने आया कि भूपेंद्र के बैंक ऑफ बड़ौदा के एकाउंट से रकम हमीदिया रोड स्थित यस बैंक की ब्रांच में अमायरा ट्रेडर्स के खाते में 95 हजार 700 रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इस अमायरा ट्रेडर्स का प्रॉपराइटर शारिक है। उससे पूछताछ करने पर चार और आरोपियों के नाम सामने आ गए। आरोपी शारिक ने पुलिस को बताया की शाजी उसका परिचित है। और उसके कहने पर अपनी फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने की सहमति दी थी। आरोपी शाजी के दोस्त उबेज ने ही यस बैंक के कर्मचारी फरहान से शाजी की पहचान कराई थी। फरहान ने अमायरा फर्म के नाम पर अकाउंट खोलने से पहले 10 हजार की रकम लेकर फील्ड इंवेस्टिगेशन फर्जी तरीके से कर दी थी। इससे यस बैंक में खाता खुल गया। आरोपी अरशद बेग आरोपी शारिक का रिश्तेदार है। भूपेंद्र के खाते से शारिक के अकाउंट में आई रकम को अरशद ने निकाला था। इस पूरे फर्जीवाड़े में शाजी मध्यस्थ था। वह टेलीग्राम ग्रुप पर आरोपियों के संपर्क में रहता था। गौरतलब है कि शिव विहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) कोलंबिया बेस्ड एक कंपनी में ऑनलाइन जॉब करते थे। वे टाटा एआईजी में भी इंश्योरेंस का काम देखते थे। भूपेंद्र पर ऑनलाइन कंपनी का लोन था। आर्थिक हालत खराब होने के कारण वो लोन जमा नहीं कर पा रहे थे। कंपनी ने उनका लैपटॉप हैक कर उसमें मिले कॉन्टैक्ट पर एडिटेड अश्लील वीडियो वायरल कर दिए थे। इससे परेशान भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रितु (35) के साथ सुसाइड कर लिया। आत्महत्या से पहले उन्होनें अपने दो बेटों ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) को कोल्ड्रिंक में जहर मिलाकर दे दिया था। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
मप्र में मानसून की सक्रियता होने लगी कम
21 Aug, 2023 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश में एक बार पुन: मानसून की सक्रियता कम होने लगी है। कम दबाव का क्षेत्र अब प्रदेश में कमजोर पड़ने लगा है। इसके हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने की संभावना है। आज से प्रदेश के अधिकतर जिलों में मौसम साफ होने लगेगा। इस वजह से धूप भी निकलेगी और दिन का तापमान बढ़ने लगेगा। हालांकि वातावरण में नमी बरकरार रहने के कारण ग्वालियर, उज्जैन एवं भोपाल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। उधर रविवार को सुबह साढ़े आठ से शाम साढ़े पांच बजे तक रतलाम में 25, बैतूल में 13, जबलपुर में 11.4, रीवा में 11, पचमढ़ी में सात, मंडला एवं धार में दो, उज्जैन में एक, मलाजखंड में 0.8, इंदौर में 0.7, छिंदवाड़ा में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। भोपाल, खजुराहो एवं नर्मदापुरम में बूंदाबांदी हुई। सम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में कहीं-कहीं मध्यम स्तर की वर्षा हो रही है। हालांकि कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर पड़ गया है। इसके ऊपरी हवा के चक्रवात के रूप में परिवर्तित होकर आगे बढ़ने की संभावना है।इस वजह से अब मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। बादल छंटने से धूप निकलेगी। उधर, वातावरण में नमी रहने के कारण सोमवार को भोपाल, उज्जैन एवं ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं मध्यम स्तर की वर्षा हो सकती है। सम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी जेपी विश्वकर्मा ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी मध्य प्रदेश के मध्य में बना हुआ है। मानसून द्रोणिका जैसलमेर, कोटा से मप्र में बने कम दबाव के क्षेत्र से होकर रायपुर, गोपालपुर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना हुआ है।
MP में 150 से अधिक सीटें जीतकर BJP बनाएगी सरकार : विजयवर्गीय
21 Aug, 2023 05:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में कम से कम 150 सीट जीतने के लक्ष्य से काम करने को कहा है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं से इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में कम से कम 150 सीटें जीतने के लिए काम करने को कहा है।
अमित शाह के राज्य दौरे के दौरान रविवार को हुई राज्य कार्यसमिति की बैठक के बारे बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता और नेता राज्य में साल 2018 के विधानसभा चुनावों की तुलना में और अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को नाग पंचमी के अवसर पर उज्जैन जिले के महाकालेश्वर मंदिर परिसर में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि राज्य में भाजपा एक बार फिर से चुनाव जीतकर सरकार बनाने जा रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राज्य की यात्रा पर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में द्विध्रुवीय राजनीति रही है और यहां के लोग कभी भी किसी तीसरे पक्ष को स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा यहां बहुत से लोग आए और चले गए, वह भी आयेंगे और चले जाएंगे।
सीएम शिवराज - इंसान को इंसान बनाते हैं शिक्षक
21 Aug, 2023 04:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को 2023-24 सत्र में नियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि टीचर बनना कोई साधारण नौकरी नहीं है। टीचर इंसान को इंसान बनाते हैं। शिक्षक की समाज में अहम भूमिका होती है। इस अवसर पर अपने शिक्षक को याद करते हुए सीएम ने कहा कि मैं अपने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ा हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं, उसका पूरा श्रेय मेरे गुरु रतनचंद्र जैन को जाता है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित भी किया। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार भी उपस्थित रहे।
सीएम शिवराज ने कहा कि हमारा चंद्रयान जल्द ही चांद पर उतरने वाला है। मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि एक दिन आने वाला है, जब भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को भारत, शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएगा। इसी के साथ सीएम ने लोगों को योग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सभी लोग सुबह योग, प्राणायाम और व्यायाम करें। इससे आप हेल्दी व आनंदित रहेंगे और अपना काम अच्छी तरह से कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि शिक्षा वो है, जो मनुष्य को मनुष्य बना दे। मनुष्य का मतलब है चरित्रवान, ईमानदार, शालीन, कर्मठ, देशभक्त और अपने लिए नहीं, दूसरों के बारे में सोचने वाला हो।
गांव की बेटी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में रहने वाली बेटियों को हर महीने मिलते है 750 रुपये
21 Aug, 2023 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली बेटियों को 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार एक योजना चला रही है। इस योजना का नाम है- गांव की बेटी योजना। इस योजना के तहत 12वीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने वाली बेटियों को सरकार द्वारा हर माह आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के लिए सरकार द्वारा हर साल निर्धारित समय पर आवेदन बुलवाए जाते हैं।
क्या है गांव की बेटी योजना?
गांव की बेटी योजना के तहत मध्य प्रदेश के गांवों में रहने वाली और 12वीं में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने के बाद उच्च शिक्षा लेने लेने वाली बेटियों को सरकार हर महीना 500 रुपये प्रोत्साहन राशि के तौर पर देती है। वहीं, इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली गांव की छात्राओं को हर महीने 750 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
7500 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि
यह प्रोत्साहन राशि साल में दस महीने तक ही जाती है। ऐसे में नियमित पाठ्यक्रम में एडमिशन लेने वाली छात्राओं को हर साल 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसी तरह इंजीनियरिंग और मेडिकल कालेज में पढ़ने वाली छात्राओं को हर साल 7500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती ही है। छात्राओं को इस योजना का लाभ पूरे ग्रेजुएशन के दौरान मिलता है।
प्रोत्साहन राशि के हकदार वो ही लाभार्थी हैं, जिन्होंने गांव में रहकर गांव के स्कूल से पढ़ाई की हो। 12वीं में न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक से उत्तीर्ण हो और शासकीय अथवा निजी कालेज या यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रही हो।
कैसे करें आवेदन?
छात्रवृत्ति के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करें
संबंधित महाविद्यालय द्वारा स्वीकृति दी जाती है
स्वीकृति के बाद छात्रा के बैंक खाते में राशि जमा होती है।
योजना की अधिक जानकारी के लिए इस लिंक http://scholarshipportal.mp.nic.inपर क्लिक करें
प्रधानमंत्री भी जुडे कार्यक्रम में, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपे
21 Aug, 2023 02:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उमावि में प्रारंभ हो गया है । इसमें सत्र 2023-24 में नवनियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नियुक्ति पत्र सौपें। इस दौरान मुख्यमंत्री नवनियुक्त शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित भी किया। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कार्यक्रम में वचुअल रुप से मौजूद रहे
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की सराहना की और सभी नव नियुक्त 5580 शिक्षकों को बधाई व शुभकानाएं दी। उन्होंने कहा आज आप सभी इस ऐतिहासिक कालखंड में शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण दायित्व से अपने आप को जोड़ रहे हैं। इस बार लाल किले से मैंने विस्तार से बात की है कि कैसे देश के विकास में राष्ट्रीय चरित्र की अहम भूमिका है। आप सभी पर भारत की भावी पीढ़ी को गढ़ने, उन्हें आधुनिकता में ढालने और नई दिशा देने की जिम्मेदारी है। मैं मध्य प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त होने वाले साढ़े पांच हजार से ज्यादा शिक्षक भाई बहनों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे बताया गया है कि पिछले 3 वर्षों में एमपी में करीब 50 हजार शिक्षकों की भर्ती हुई है। इसके लिए राज्य सरकार भी बहुत बहुत बधाई की पात्र है।
आदेश निकालने में देरी, पीओपी की बन गई मूर्तियां
21 Aug, 2023 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । गणेश चतुर्थी के लिए शहर में एक हजार से ज्यादा छह से बारह फीट की प्रतिमाएं बनकर तैयार हो चुकी हैं। वहीं छोटी प्रतिमाओं की संख्या भी अब पांच से सात हजार तक पहुंच गई है। ऐसे में पीओपी की प्रतिमाओं और उनकी ऊंचाई को लेकर कलेक्टर की तरफ से निकाला गया धारा-144 का आदेश प्रभावी होता नहीं दिख रहा। न ही इस बार एसडीएम मूर्तियों को लेकर कार्रवाई नहीं कर रहे। इसी का नतीजा है कि लिंक रोड नंबर तीन पर पीओपी की प्रतिमाएं खुले आम बन रही हैं। इधर मूर्तिकारों से जुड़े और हिउस के पूर्व अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह का कहना है कि मई माह से मूर्तियां बनना शुरू हो जाती हैं। इस बार प्रशासन आदेश जारी करने में लेट हो गया। एक हजार प्रतिमाएं तो छह से बारह फीट की बनकर तैयार हैं।
कलकत्ता से आकर यहां कई माह पूर्व मूर्तियां बनाने का काम करने वाले मूर्तिकार अनूप डे बताते हैं कि प्रशासन की बैठक के बाद वे और अन्य मूर्तिकार बड़े मूर्तियां नहीं बना रहे हैं। वे प्रशासन से अनुमति लाने के लिए कह देते हैं। इधर एडीएम हरेंद्र नारायण ने कलेक्टर की तरफ से एनजीटी के नियमों को ध्यान में रख निकाले गए धारा-144 का आदेश को लेकर मूर्तिकारों के साथ बैठक कर उन्हें पीओपी की मूर्तियां नहीं बनाने और खतरनाक कलर नहीं करने के लिए निर्देशित किया है। इसके बाद भी पीओपी की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। करीब 22 से 24 हजार छोड़ी बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जनगणेश चतुर्थी के बाद राजधानी में हर साल 22 से 24 हजार प्रतिमाओं का विसर्जन कर साल होता है। ये तो वो आंकड़ा है जो प्रशासन की तरफ से तए किए गए घाटों पर मूर्तियां विसर्जित होती हैं। इसके अलावा गांव, देहात में भी काफी मूर्तियां शहर से बनकर जाती हैं। इसके अलावा काफी मूर्तियों को घरों में विसर्जित किया जाता है। अनुमान के तहत गणेश चतुर्थी पर ही करीब 30 हजार से ज्यादा छोटी बड़ी प्रतिमाओं को बिक्री होती है। 800 से ज्यादा पांडाल लगाए जाते हैं, जिसमें 400 से ज्यादा तो बड़ी प्रतिमाओं के होते हैं।
महिलाएं गोबर की खास ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का निर्माण करती हैं। मान्यताओं के अनुसार ये प्रतिमाएं पवित्र तो हैं ही, साथ ही विसर्जन के बाद भी हमेशा आपके साथ ही रहेती हैं। इन प्रतिमाओं को देसी गाय के गोबर, लकड़ी के बुरादे से तैयार किया जाता है। जो पूरी तरह से प्राकृतिक है। इतना ही नहीं भगवान का खूबसूरत श्रृंगार भी प्राकृतिक रंगों से ही किया जाता है। उत्सव के बाद आप इन प्रतिमाओं का विसर्जन बड़ी आसानी से घर के गमलों में कर सकते हैं. इसके बाद वे पौधे के लिए खाद का काम भी करेंगे।
रंग पानी को करता है जहरीला
पीओपी की मर्तियों में विषाक्त रंगों से निर्मित मूर्ति एवं उनके विसर्जन से प्रदूषण बढ़ जाता है। कलेक्टर ने आने आदेश में प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी काफी जगह केमिकल व रासायनिक वस्तुओं का उपयोग प्रतिमा, मूर्ति निर्माण में किया जा रहा है।
भाजपा एक माह के अंदर जारी करेगी आकांक्षी सीटों की सूची
21 Aug, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव के तीन महीने पहले भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर राजनीतिक पंडितों को चौंका दिया है। आम तौर पर चुनाव की तारीखें घोषित होने पर ही पार्टी अपने पत्ते खोलती हैं। इस बार भाजपा ने तमाम अटकलों को विराम देते हुए तीन महीने पहले ही 39 नाम घोषित कर दिए हैं। वहीं पार्टी सूत्रों की मानें तो 15 सितंबर तक भाजपा और 64 नामों की दूसरी सूची जारी कर देगी। इसके लिए पार्टी में तैयारियां जोर से चल रही हैं। गौरतलब है की 2018 में हारी 103 विधानसभा सीटों को भाजपा ने आकांक्षी सीटों की श्रेणी में रखा है।
गौरतलब है कि भाजपा इस बार युद्ध स्तर पर चुनावी तैयारी में जुटी हुई है। मैदानी तैयारी में कांग्रेस से काफी आगे होने के बाद अब भाजपा ने प्रत्याशियों के नाम घोषित करने में भी बाजी मार ली है। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पार्टी ने 29 जिलों की 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं। सबसे ज्यादा नाम महाकौशल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र से है। सबसे कम उम्मीदवार विंध्य इलाके से हैं। 39 में से चार टिकट महिलाओं को दिए गए हैं। पहली सूची में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 13 और अनुसूचित जाति की आठ सीटें है। पार्टी ने सी और डी कैटेगरी में सीटों को बांटा है। सी कैटेगरी में वह सीटें हैं जहां पार्टी दो या ज्यादा बार हारी है। कभी जीते भी हैं तो काफी कम अंतर से। डी कैटेगरी में वह सीटें हैं जो कभी नहीं जीत सके। पार्टी ने चुनाव से काफी पहले इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं, ताकि उम्मीदवारों को जमीन पर काम करने का और अपनी जीत सुनिश्चित करने का ज्यादा समय मिल सके।
भाजपा के पास अभी 127 विधायक हैं। यानी 103 सीटों पर पार्टी हारी है। ऐसे में भाजपा का फोकस है की चुनाव की घोषणा से पहले कमजोर सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया जाए। पार्टी ने पहली सूची में 39 प्रत्याशियों का नाम घोषित कर दिया है। अब बाकी हारी सीटों पर भी पार्टी की तरफ से जल्द ही सूची जारी की जा सकती है। विधानसभा चुनावों के इतिहास में पहली बार तीन महीने पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने वाली भाजपा जल्द ही एक और सूची जारी करने जा रही है। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सितम्बर के दूसरे हफ्ते में होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा। इसमें भी सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा जहां पिछला विधानसभा चुनाव हार गई थी। इसके अलावा उपुचनाव वाली कुछ सीटों पर भी प्रत्याशियों का ऐलान किया जाएगा। पहली सूची जारी होने के बाद कई मौजूदा विधायकों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। संगठन के सर्वे में पिछली बार पिछड़ गए विधायकों को अब अपने टिकट कटने का तरा सता रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश संगठन ने अपने स्तर पर तीन सर्वे कराए थे। सीएम ने विधायकों के साथ वन टू वन में उन्हें यह सर्वे रिपोर्ट दिखाते हुए काम सुधारने और क्षेत्र में कार्यकर्ता और जनता से मेलजोल बढाने की सलाह दी थी। माना जा रहा है कि इस बार सवा सौ में से आधे विधायको के टिकट काटे जा सकते है। इसके अलावा तीन से चार सांसदों को भी मौका दिया जा सकता है। छत्तीसगढ़ की पहली सूची में भाजपा ने अपने एक सांसद को विधानसभा प्रत्याशी बनाया है।
भाजपा ने अपनी पहली सूची में जिन 39 सीटों पर टिकट घोषित किए हैं, उसमें सिर्फ एक ही मापदंड चला और वह यह कि जिसमें चुनाव जीतने की सबसे ज्यादा संभावना है उसे टिकट दे दो। यही कारण है बाकि सब बातों को नजरअंदाज कर हारे हुए उम्रदराज और पार्टी से बगावत कर चुनाव लडऩे वाले नेता भी उम्मीदवार बनाए गए हैं। 2018 के चुनाव में शिकस्त खाने वाले कई नेताओं को भाजपा ने फिर से दांव पर लगाया है, वहीं कुछ विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व में विधायक रहे नेताओं पर भरोसा जताया है। कुछ नए चेहरों को भी मौका दिया गया है। भाजपा उम्मीदवारों के चयन में कई महीनों से विधानसभा वार दौरे कर रहे सह संगठन मंत्री अजय जामवाल के फीडबैक, अलग-अलग प्रांतों से भेजे गए विस्तारकों की रिपोर्ट और पिछले एक महीने से सक्रिय टीम की अहम भूमिका रही है। भाजपा की पहली सूची में जिस तरह के नाम आए हैं, उसने नेताओं की गणेश परिक्रमा करने वाले नेताओं के दिल की धडक़ने बढ़ा दी हैं। इस सूची में किसी खास नेता के किसी समर्थक को कोई महत्व नहीं दिया गया है। संगठन सूत्र बताते हैं कि प्रदेश संगठन और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कराए गए तीन सर्वे के आधार पर ही टिकट बांटे गए हैं। पार्टी सक्रियता पर सर्वे कराया गया है और उसके बाद आला पदाधिकारी की माने तो 50 से अधिक सीटों पर नाम तय हो चुके हैं। गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के पास 109 सीटें थी और कांग्रेस ने 114 सीटें जीत कर सरकार बनाई थी। इसके बाद कांग्रेस के 22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस का दामन छोडक़र भाजपा का कमल अपना लिया था। इसके बाद कुछ और विधायक भी कांग्रेस से भाजपा में आए थे। कुल 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटें जीती थी और कांग्रेस नौ सीटो पर सिमट गई थी। भाजपा पूरी तैयारी पिछले विधानसभा चुनाव को आधार मानकर कर रही है। यही वजह है कि उसने 103 सीटों पर अपना फोकस बढ़ा दिया है। इन पर पिछले दो साल से संगठन काम भी कर रहा है। दूसरी लिस्ट में इन्हीं 103 में 64 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान की पुष्ट जानकारी सूत्र दे रहे हैं।
नवनियुक्त शिक्षकों को मुख्यमंत्री आज सौपेंगे नियुक्ति पत्र
21 Aug, 2023 11:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । नवनियुक्त शिक्षकों का प्रशिक्षण-सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम भेल स्थित सीएम राइज शासकीय महात्मा गांधी उमावि में सोमवार को सुबह 11 बजे होगा। इसमें सत्र 2023-24 में नवनियुक्त पांच हजार 580 शिक्षकों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नियुक्ति पत्र सौपेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री नवनियुक्त शिक्षकों को उनके प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर अध्यापन में उत्कृष्टता एवं शिक्षा में नवीन आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित भी करेंगे। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य विभाग की मंत्री मीना सिंह एवं स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिक्षकों से संबधित अन्य घोषणाएं भी कर सकते हैं।
पूर्व आईएएस वेदप्रकाश, आरके मिश्रा व एमके अग्रवाल ने ली भाजपा की सदस्यता
21 Aug, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । ग्वालियर में आज भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के दौरान तीन रिटायर्ड आईएएस ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। सबसे पहले ग्वालियर, जबलपुर के निगम कमिश्नर व छिंदवाडा, नरसिंहपुर के कलेक्टर रहे वेदप्रकाश, पन्ना के पूर्व कलेक्टर रहे आरके मिश्रा तथा खंडवा मुरैना व देवास के पूर्व कलेक्टर रहे एमके अग्रवाल ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय व जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने उनको भाजपा का केसरिया अंगवस्त्र पहनाकर सदस्यता दिलाई।
सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को दी भगवान की संज्ञा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली भारत, शक्तिशाली भारत, आत्मनिर्भर भारत आकार ले रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को भगवान की संज्ञा दी। मुख्यमंत्री ने कहा वैक्सीन बनाने में सालों लग जाते हैं। भारत ने कोरोना काल में नौ माह में वैक्सीन विकसित कर हर नागरिक को दो से तीन डोज लगाकर विश्व को स्तब्ध कर दिया। यह चमत्कार मोदी की प्रेरणा से हुआ है।
आज हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं
सिंधिया केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा देश की आजादी के बाद, जो 60 साल में नहीं हो सका वो नौ साल में हो गया। आज हम विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था हैं। हर क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर हो रहा है। 50 करोड़ लोगों के जन-धन खाते खुले हैं। इन खातों में सरकार का पैसा सीधे पहुंच रहा है। बूथ पर 51 प्रतिशत वोट हासिल करना लक्ष्य प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा सरकार बनाने के लिए प्रत्येक बूथ पर 51 प्रतिशत वोट हासिल करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर कार्यकर्ता तैयार है।
मां के आंसू देखे 10 करोड़ बहनों को सिलेंडर दिए
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी देखी है। मां चूल्हे पर खाना बनाती थी। धुएं से आंखों से निकलते आंसू देखकर नरेंद्र मोदी जी ने संकल्प लिया होगा वे किसी के आश्रू नहीं बहने देंगे। 10 करोड़ बहनों को सिलेंडर दिए। ग्वालियर की धरा पर उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी, राजमाता विजयाराजे सिंधिया, कुशाभाऊ ठाकरे, भाऊ साहब पौतनीस का स्मरण किया।
भाजपा की अयोध्या में सेंध की तैयारी...‘युवराज’ का टिकट रोकने में लगे भाजपाई
21 Aug, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । इस बार भाजपा की अयोध्या कहे जाने वाले किले में सेंधमारी की तैयारी है और ये कोई दूसरा नहीं, बल्कि अपने ही कर रहे हैं। सबका एक ही लक्ष्य है, कैसे भी हो ‘युवराज’ को अयोध्या की बागडोर देने से रोकना है। शांत रहने वाली अयोध्या में चल रहा अंदरूनी घमासान कभी भी बाहर आ सकता है, जैसा पांच नंबर विधानसभा में हो रहा है। यहां इस बार भाजपा से चार दावेदार मैदान में हैं। यहां से सांसद और महापौर भी विधायक का टिकट चाह रहे हैं। टिकट किसको मिलेगा, यह तो आने वाला वक्त बताएगा, वहीं कांग्रेस में दो दावेदारों के बीच ही मुकाबला बचा है और दोनों को उनके राजनीतिक आकाओं ने हरी झंडी दे रखी है।
शहर के विधानसभा क्षेत्रों में 4 नंबर का अपना एक अलग ही महत्व है। हिंदूवादी तेवरों और भाजपा की अयोध्या के रूप में जानी जाने वाली इस विधानसभा की बागडोर इस समय मालिनी गौड़ के हाथों में है और इसके पहले वे विधायक के साथ-साथ महापौर भी रह चुकी हैं। यह भाजपा की परंपरागत सीट रही है और 1985 के बाद इस पर कभी भी कांग्रेस का कोई उम्मीदवार नहीं जीता। 1990 में कैलाश विजयवर्गीय द्वारा इस सीट को भाजपा की झोली में डालने के बाद लगातार यह सीट गौड़ परिवार के पास ही रही। इस बार गौड़ चाह रही हैं कि वे अपने पुत्र, यानी अयोध्या के युवराज एकलव्यसिंह गौड़ के हाथों में इसकी कमान दे दें, यानी उनके लिए टिकट ले आएं, लेकिन ये आसान नजर नहीं आ रहा है। कट्टर हिंदूवादी छवि होने के बावजूद एकलव्य के लिए चार नंबर की राह आसान नजर नहीं आ रही है। पहले ही गौड़ परिवार में मतभेद हैं और स्व. लक्ष्मणसिंह गौड़ के बाद कई लोगों ने इस सीट पर कब्जा जमाया था। वहीं गौड़ के करीबी रहे कई नेता भी अभी गौड़ परिवार से दूर हैं। वहीं भाजपा के ही दावेदारों ने भी इस बार गौड़ परिवार के सामने खम ठोंक रखा है। इनमें कोई हलके-पतले नहीं, बल्कि सांसद और महापौर भी शामिल हैं। दूसरी ओर कांग्रेस में मात्र दो उम्मीदवार हैं, जो किला लड़ा रहे हैं। उनके लिए सेंधमारी मुश्किल है। वहीं इस सीट से सुरजीतसिंह चड्ढा की दावेदारी भी थी, लेकिन उन्हें कांग्रेस का शहर अध्यक्ष बना दिया गया। इसके साथ ही गोलू अग्निहोत्री भी इस विधानसभा में सक्रिय हुए थे, लेकिन वे भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।
शंकर लालवानी भले ही सांसद हैं, लेकिन उनकी निगाह इस सीट पर हमेशा से रही है। लक्ष्मणसिंह गौड़ के निधन के बाद उनका दावा और मजबूत हो गया था, लेकिन मुख्यमंत्री की विशेष रुचि के चलते मालिनी गौड़ को टिकट मिला और वे एक उपचुनाव के साथ-साथ लगातार तीन बार विधायक बन गईं। लालवानी सिंधी वोट के बल पर इस विधानसभा से टिकट का दावा करते आए हैं। इस बार फिर वे चार नंबर में सक्रिय हैं, लेकिन खुलकर बोल नहीं रहे हैं। लालवानी की भी मुख्यमंत्री से नजदीकी है और वे इसी का फायदा उठाना चाहते हैं, क्योंकि उनकी सांसदी भी करीब 9 महीने बाद समाप्त हो जाएगी। पुष्यमित्र भार्गव महापौर बनने के बाद भी भार्गव की निगाह इस सीट पर है और वे पिछले एक साल में इसी विधानसभा में कई आयोजन करवा चुके हैं। चूंकि इस विधानसभा में इनका गृहक्षेत्र है, इसलिए भी वे दावा कर रहे हैं। राजनीतिक हलकों में तो कहा जा रहा है कि वे मालिनी गौड़ की तरह ही महापौर रहते विधायक बनना चाह रहे हैं। हालांकि उन्होंने इस क्षेत्र में अपने प्रतिनिधि के रूप में पूर्व पार्षद भरत पारख को भी आगे कर रखा है। जवाहर मंगवानी परिवार को दो बार पार्षद का टिकट मिला। मंगवानी कई बार कार्यालय मंत्री रहे और भाजपा संगठन में कम्प्यूटरीकरण का श्रेय भी उन्हें ही दिया जाता है। हर बार बड़े नेताओं के आगमन पर मंगवानी को कार्यक्रम की जवाबदारी दी जाती है। चूंकि इस बार उनका टिकट चार नंबर की खींचतान में ही काट दिया गया था, इसलिए वे अब विधानसभा के दावेदार हो गए हैं। वे बड़े नेताओं को अपनी मंशा बता चुके हैं और अब टिकट के लिए खुलकर सामने आ रहे हैं। विधायक रमेश मेंदोला के नजदीकी युवा मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी गंगा पांडे भी टिकट के दावेदारों की कतार में हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में धार्मिक आयोजन करवाकर बता दिया कि उनके पास भी क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या में हैं। हालांकि इसके पहले उन्होंने पार्षद की भी दावेदारी की थी, लेकिन गौड़ परिवार से मतभेद के चलते उन्हें टिकट नहीं दिया गया। वे खुलकर विधानसभा में मेल-जोल बढ़ा रहे हैं और गौड़ परिवार के लिए मुसीबत पैदा कर सकते हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कांग्रेस के अक्षय बम पिछली बार भी यहां से दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इस बार वे फिर कई महीनों से विधानसभा में सक्रिय हो गए हैं। कहा जा रहा है कि दिग्विजयसिंह ने उन्हें तैयारियों का इशारा कर दिया है, इसलिए वे इसी विधानसभा में अपना समय दे रहे हैं। उनके पास युवाओं की एक बड़ी टीम भी है। यही नहीं, उन्होंने मतदाता सूची और संगठन के हिसाब से अपनी व्यूहरचना भी कर ली है, ताकि टिकट मिलने के बाद संगठन की ए बी सी डी न करना पड़े। पहली बार कांगे्रस की ओर से सामने आए राजा मंधवानी पेशे से बिल्डर हैं और पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा के करीबी हैं। सिंधी वोटों के बल पर वे अपनी दावेदारी कांग्रेस के सामने कर रहे हैं। वर्मा ने उनकी सीधे कमलनाथ से मुलाकात भी करवा दी है और कमलनाथ ने उन्हें इशारा भी कर दिया है, लेकिन इस सीट पर कमलनाथ की चलेगी या दिग्विजयसिंह की, इसको लेकर कांग्रेसियों में संशय है। मंधवानी अपनी निजी टीम के माध्यम से क्षेत्र में आयोजन करवा रहे हैं।
विकास के समग्र दृष्टिकोण से कार्य हुआ मध्यप्रदेश में : अमित शाह
20 Aug, 2023 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश प्रगति के सभी क्षेत्रों में आगे है। भोपाल से लेकर हर चौपाल तक विकास हुआ है। मध्यप्रदेश में हॉलिस्टिक एप्रोच (समग्र दृष्टिकोण) से कार्य हुआ है। मध्यप्रदेश को देश के विकसित राज्यों में पहुँचाने का प्रयास किया गया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को प्रगति की ओर उन्मुख राज्य बनाया है। शाह आज भोपाल के कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में गरीब कल्याण महाअभियान में मध्यप्रदेश के रिपोर्ट कार्ड (2003-2023) को जारी कर संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में सतत् विकास की ओर अग्रसर होना है। वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री मोदी जी ने मध्यप्रदेश को निरंतर और मन से आवश्यक सहयोग दिया है। बीमारू राज्य से बेमिसाल राज्य बनने वाले मध्यप्रदेश ने अनेक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है। मध्यप्रदेश का गठन वर्ष 1956 में हुआ।
वर्ष 1980 में आर्थिक क्षेत्र के विशेषज्ञ आशीष बोस ने तत्कालीन प्रधानमंत्री को एक प्रतिवेदन दिया था जिसमें अविभाजित मध्यप्रदेश सहित, उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान को बीमारु राज्य कहा गया था। तब इन राज्यों को देश की ग्रोथ में बाधा मानते हुए कहा गया था कि इन राज्यों में सुधार आसान नहीं है। लेकिन मध्यप्रदेश ने इस टैग को खत्म किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से मुक्ति मिली है। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में सफलता मिली है। चाहे कृषि का क्षेत्र हो, युवाओं को स्वभाषा में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की सुविधा देने का प्रश्न हो, महिलाओं का कल्याण हो, सड़क, पानी, बिजली का क्षेत्र हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र हो, गरीबों को योजनाओं का लाभ दिलवाने का कार्य हो, सभी में मध्यप्रदेश ने बीस वर्ष में उल्लेखनीय कार्य किया है। आम जनता के हित में कार्य कर मध्यप्रदेश में बेमिसाल राज्य बना। बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य और सुशासन के साथ मजबूत कानून व्यवस्था से प्रदेश में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिला है।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि स्टेट को विकास में बाधा मानते हुए राइट ऑफ स्थिति वाला माना गया था, वो आज सबसे आगे है। मध्यप्रदेश में प्रत्येक योजना के निचले स्तर तक क्रियान्वयन की मजबूत नींव पर विकास और जन-कल्याण की इमारत खड़ी की गई है।
सभी क्षेत्रों में निरंतर आगे मध्यप्रदेश
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश गरीबी से लोगों को मुक्ति दिलवाने में सबसे आगे है। पिछले 20 वर्ष में
शिक्षा, सड़क, कृषि विकास दर, गेहूँ खरीदी, धान खरीदी, राशन के वितरण, विद्यालयों के उन्नयन, पर्यटन क्षेत्र परियोजनाओं के क्रियान्वयन, योजनाओं के संचालन, नयी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाएँ खोलने, राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण, हवाई अड्डों के विकास, ऊर्जा उत्पादन, ओंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की प्रतिमा और अद्वैत संस्थान प्रारंभ करने की पहल, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल, सिंचाई क्षेत्र, महाकाल लोक के निर्माण, भोपाल और इन्दौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, पेसा नियम लागू करने और निवेश के लिए मध्यप्रदेश को अनुकूल राज्य के रूप में उभारने के कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाने और नए भारत के निर्माण करने के संकल्प में मध्यप्रदेश जैसे राज्य सहयोगी हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेता स्व. कुशाभाऊ ठाकरे का स्मरण भी किया।
मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनायेंगें
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक दौर था जब मध्यप्रदेश बीमारु राज्य था, पानी, बिजली, सड़क, डकैतों का आतंक जैसी कई समस्याओं से ग्रस्त था। आज हम इस छवि को बदलने में सफल रहे हैं। मध्यप्रदेश की अर्थ-व्यवस्था का आकार 2003 के 71 हज़ार करोड़ से विगत वर्ष 13 लाख 50 हज़ार करोड़ तक ला दिया गया है। विशेषकर 2014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोग से डबल इंजन की मध्यप्रदेश सरकार ने विकास के नये कीर्तिमान रचे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के विकास को गति प्रदान करने में कोई कसर बाक़ी नहीं छोड़ी। मध्यप्रदेश के विकास को नई गति, नई दिशा प्राप्त हुई और दोगुनी गति से मध्यप्रदेश ने विकास किया। मध्यप्रदेश राष्ट्रीय विकास दर से तेज गति से प्रगति कर रहा है। राष्ट्रीय जीएसडीपी में योगदान का प्रतिशत भी इस अवधि में 3.6 प्रतिशत से बढ़कर आज 4.8 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2003 में 23 हज़ार करोड़ से बढ़कर आज मध्यप्रदेश का बजट 3 लाख 14 हज़ार करोड़ रुपये हो गया है। देश की 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थ-व्यवस्था के संकल्प में मध्यप्रदेश 550 बिलियन डॉलर का योगदान देने के लिए तेज़ी से कार्य कर रहा है। आज मध्यप्रदेश की विकास दर विगत वर्ष 19 प्रतिशत, वर्तमान वर्ष में 16 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार इस प्रगति से संतुष्ट नहीं है। प्रधानमंत्री जी द्वारा अमृतकाल में वर्ष 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे समृद्ध, वैभवशाली और गौरवशाली राष्ट्र बनाने के संकल्प में मध्यप्रदेश अपनी भूमिका का निर्वहन करेगा। हम मिलकर मध्यप्रदेश को देश का सबसे अग्रणी राज्य बनायेंगें।
अंतिम छोर के हर व्यक्ति तक विकास पहुँचायेंगे
सांसद वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हम स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने की ओर अग्रसर हो रहे हैं। अंतिम छोर के हर व्यक्ति तक विकास पहुँचायेंगे। कार्यक्रम में मंच पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में गरीब कल्याण महा अभियान के अंतर्गत मध्यप्रदेश के दो दशक (2003-2023) में हुए विकास कार्यों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किए जाने के अवसर पर मध्यप्रदेश में विकास आयामों पर केन्द्रित फिल्म प्रदर्शित की गई। केन्द्र सरकार के गत 9 वर्ष के कार्यकाल में हुए उल्लेखनीय कार्यों एवं उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई। साथ ही गरीब कल्याण योजनाओं पर आधारित गीत लांच किया गया।
केन्द्रीय मंत्री शाह द्वारा मध्यप्रदेश की उपलब्धियों का विषय वार उल्लेख
देश में यदि गत दस वर्ष में 10 प्रतिशत आबादी गरीबी के चक्र से बाहर निकली है तो उसमें मध्यप्रदेश का सर्वाधिक योगदान है।
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर क्षेत्र में ढेर सारे परिवर्तन किए हैं। जहां तक प्रदेश के बजट के आकार की बात हो, यह वर्ष 2002 में 23 हजार 100 करोड़ था। अब यह 3 लाख 14 हजार करोड़ से अधिक है।
मध्यप्रदेश में शिक्षा का बजट 2556 करोड़ से बढ़कर 38 हजार करोड़ हुआ है। कोई भी समाज शिक्षा के विकास के बिना खड़ा नहीं हो सकता।
मध्यप्रदेश में पूर्व सरकार के समय स्वास्थ्य का बजट सिर्फ 580 करोड़ रुपये था जो अब 16 हजार करोड़ है। इसमें आयुष्मान भारत योजना शामिल नहीं है।
सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
सर्व शिक्षा अभियान में सिर्फ 844 रुपये की राशि खर्च होती थी अब लगभग 7 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
अनुसूचित जाति जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण पर में भी बजट में वृद्धि हुई है। पहले जहां 1056 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती थी अब 64 हजार 390 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
मध्यप्रदेश प्रति व्यक्ति आय पहले 11 हजार 700 रुपए थी जो अब बढ़कर एक लाख 40 हजार रुपए हो गई है।
एमएसएमई सेक्टर में साल भर में 4 हजार 299 उद्योगों के पंजीयन होते थे। अब इनकी संख्या 3 लाख 61 हजार है।
सड़क निर्माण में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। पहले सिर्फ 60हजार किलोमीटर सड़कें थीं। अब मध्यप्रदेश में 5 लाख 10 हजार किलोमीटर लम्बाई से अधिक की सड़कें हैं जो आठ गुना से भी ज्यादा हैं। एनएच सड़कों की लम्बाई 4800 से बढ़कर 13 हजार किलोमीटर हो गई।
कृषि क्षेत्र में कृषि विकास दर साढ़े छह गुना बढ़ गई है। गेंहूँ खरीदी 4 लाख 38 हजार मीट्रिक टन से 70 लाख 96 हजार मीट्रिक टन हो गई है। धान खरीदी 0.95 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 46 लाख 30 हजार मीट्रिक टन हो गई है। प्रदेश में 90 लाख से अधिक किसानों को 19 हजार करोड़ रुपए से अधिक लाभ दिए गए हैं।
मध्यप्रदेश में नि:शुल्क राशन वितरण का लाभ सिर्फ 52 लाख परिवारों को मिलता था जो करीब सवा करोड़ लोगों को मिल रहा है।
मेडिकल सीटें 620 थीं जो अब 4 हजार से ज्यादा हैं।
एकलव्य आवासी आदर्श विद्यालय बिलकुल नहीं थे इनकी संख्या अब 63 है।
आईटीआई की सख्या 159 से बढ़कर 1514 हो गई है।
पर्यटन क्षेत्र में सड़कों के बनने से पर्यटक संख्या बढ़ी है। एक समय सिर्फ 64 लाख पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे, इनकी संख्या बढ़कर 9 करोड़ हो गई है।
प्रदेश में तीन शहरों रीवा, ग्वालियर और जबलपुर में एयर पोर्ट विकास और टर्मिनल निर्माण के कार्य हो रहे हैं। इंदौर को दिल्ली- मुम्बई कॉरीडोर में शामिल किया गया ।
प्रदेश की ऊर्जा क्षमता 29 हजार मेगावाट से भी अधिक है।
सिंचाई साधनों के विस्तार से 47 लाख हेक्टर से अधिक क्षेत्र सिंचित हो रहा है।
प्रदेश में 46 लाख से अधिक बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना और 53 लाख से अधिक बहनों को स्वसहायता समूहों से जोड़कर लाभान्वित किया गया है।
इंदौर और भोपाल में मेट्रो रेल परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं।
प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 4 से बढ़कर 24 तक हो गई है।
प्रदेश में जनजातीय समाज के हित में पेसा कानून लागू करने और जनजातीय संस्कृति दिखाने वाले संग्रहालय की स्थापना की जा रही है।
मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बना है।
खण्डवा जिले में ओंकारेश्वर में 2400 करोड़ रुपए लागत से विद्युत उत्पादन इकाई प्रारंभ की जा रही है।
प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहल हुई है।
प्रदेश की आर्थिक विकास दर 16 प्रतिशत से अधिक है।