मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 करोड़ 25 लाख बहनों के खातों में जारी किए तीसरी किश्त के 1209 करोड़ रूपये
11 Aug, 2023 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना एक सामाजिक क्रांति है। योजना में प्रतिमाह उपलब्ध कराया जा रहा एक हजार रुपए केवल पैसा नहीं, बहन-बेटियों का सम्मान है। बहन-बेटियों का आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान बढ़े, परिवार में उनका महत्व और समाज में उनका मान हो, इस उद्देश्य से ही यह योजना शुरू की गई है। योजना में बहनों को प्रतिमाह दी जा रही एक हजार रुपए की राशि को क्रमश: बढ़ाकर प्रतिमाह 3 हजार रुपए किया जाएगा।
बहनों की आँखों में आँसू नहीं खुशियां होंगी, यह उनका अधिकार है। हम बहनों को 3 हजार रुपए प्रतिमाह देंगे। रक्षा बंधन के पर्व पर 27 अगस्त को पूरे प्रदेश की बहनों से संवाद के लिए विशेष कार्यक्रम होगा तथा बहनों को उपहार प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान रीवा में राज्य स्तरीय लाड़ली बहना सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय क्षेत्रों के वार्डों से बहनें वर्चुअली जुड़ीं।
मुख्यमंत्री चौहान को लाड़ली बहना सेना सदस्यों ने भेंट की विशाल राखी
मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य स्तरीय सम्मेलन में पधारी लाड़ली बहनों का "बढ़े चलो लाड़ली बहना" गीत के साथ फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित गीत के साथ कन्या-पूजन कर, लाड़ली बहनों का सम्मान किया। मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री को लाड़ली बहना सेना की सदस्यों ने अपने हाथों से बनाई विशाल राखी भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने सिंगल क्लिक से प्रदेश की एक करोड़ 25 लाख बहनों के खातों में लाड़ली बहना योजना की तीसरी किस्त के 1,209 करोड़ रूपए अंतरित किए।
मुख्यमंत्री चौहान ने एक लाख 81 हजार जनजातीय बहनों के खातों में पोषण आहार के लिए आहार अनुदान योजना के 18 करोड़ 16 लाख रुपए सिंगल क्लिक से अंतरित किए। लाड़ली बहना योजना में पिछले 2 महीनों में बहनों के खाते में 2 हजार 419 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की गई है। इसी प्रकार विशेष पिछड़ी बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनों को अब तक 1,391 करोड़ रुपए से अधिक का आहार अनुदान दिया गया है।
161 करोड़ 35 लाख के विकास कार्यों का भूमि-पूजन तथा लोकार्पण
मुख्यमंत्री चौहान ने 161 करोड़ 35 लाख रुपए लागत के विकास कार्यों का भूमि-पूजन तथा लोकार्पण किया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रहट विकासखंड रीवा में नवीन 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन एवं 2 एफ, 2 एवं 2 एच टाइप आवास गृहों के निर्माण कार्य, माधो सदाशिवराव डिग्री कॉलेज रीवा में 6 व्याख्यान कक्ष का निर्माण, श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय में बालक-बालिक पी सीटस् वृद्धि, कोल भवन का निर्माण, जिला पंचायत अतिरिक्त भवन निर्माण, रीवा सिरमोर मेन रोड से गर्गन टोला मार्ग का निर्माण, सिरमोर मेन रोड से मलेहान टोला बाया तिबरियान टोला से सगरा मार्ग निर्माण, रीवा मनकहारी रोड से हरिहरपुर एप्रोच मार्ग निर्माण, जेपी मोड़ से ग्राम दुआरी, दुबारी-तुर्करा-बनकुईया रोड से श्रद्धानगर करिहा रेलवे स्टेशन रीवा रोड के विकास कार्यों का भूमि-पूजन किया गया।
मुख्यमंत्री चौहान ने शासकीय स्वामी विवेकानंद कॉलेज का निर्माण एवं जिर्णोद्धार, माधव सदाशिव कॉलेज रीवा में नवीन निर्माण एवं र्णोद्धार, शासकीय ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय नवीन निर्माण एवं र्णोद्धार कार्य, शासकीय कन्या पी कॉलेज रीवा नवीन निर्माण एवं र्णोद्धार कार्य, उत्कृष्ट विद्यालय में 100 सीटर बालिका छात्रावास का निर्माण, जिला स्तरीय उत्कृष्ट विद्यालय 100 सीटर बालक छात्रावास का निर्माण, श्यामशाह चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय रीवा में 100 से 150 सीट वृद्धि- 250 सीटस् यू.. कन्या, 100 सीटर इंनटर्न बालक, 100 सीटर इनटर्न बालिका छात्रावास का निर्माण, भावरा से खम्हरिया चोबान सड़क निर्माण, एनएच-37 से कंचनपुर मार्ग निर्माण, मडी से उमरी मार्ग निर्माण का लोकार्पण किया गया।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं और जन-कल्याणकारी कार्यक्रमों के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किए। मुख्यमंत्री चौहान ने लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की श्रीमती मनीषा साकेत एवं समूह की सदस्यों को लिफ्ट मिक्चर मशीन और सेंटरिंग व्यवसाय के लिए 5 लाख 56 हजार रुपए, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में श्रीमती मंजू पाण्डेय को 9 लाख रुपए के ट्रेडर्स वर्क्स और पीएम स्वनिधि में श्रीमती पूजा गुप्ता को पूजन सामग्री व्यवसाय के लिए 50 हजार रुपए के चेक तथा सुनील पटेल को मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के वाहन की चाबी भेंट की।
विंध्य क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विंध्य क्षेत्र के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। बिजली, सड़क, पानी, सिंचाई, शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों से अंचल का समग्र विकास हुआ है। रीवा आगमन पर हुए स्वागत, लोगों के स्नेह, उत्साह और आत्मीयता से अभिभूत होकर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विंध्य क्षेत्र से अभूतपूर्व आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही बहन-बेटियों की पूजा होती रही है। ऐतिहासिक रूप से बीच का कालखण्ड ऐसा आया जिसमें बेटियों के साथ भेदभाव होने लगा, बेटी को जन्म से ही अभिशाप और बेटे को कुल का दीपक और बुढ़ापे का सहारा माना जाने लगा। बेटियों के साथ अन्याय होने लगा और बेटियां कोख में ही मारी जाने लगी। इस पीड़ादायी और वेदना से भरी स्थिति को बदलने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध थी। बेटी को बोझ न समझा जाए, वह वरदान बनें इसी उद्देश्य से लाड़ली लक्ष्मी योजना बनाई गई।
हमारा संकल्प था कि प्रदेश की धरती पर पैदा होने वाली बेटी लखपति पैदा हो। बहन-बेटियों के सशक्तिकरण के लिए पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई, पुलिस और शिक्षकों के पद भी महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। महिलाओं के नाम सम्पत्ति के पंयन में भी छूट दी गई।
लाड़ली बहना योजना से आत्मनिर्भर बनेंगी महिलाएं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इसी क्रम में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना शुरू की गई है। प्रतिमाह बहन बेटियों को राशि उपलब्ध कराने का उद्देश्य यह है कि वे अपनी आवश्यकता और अपनी मर् के अनुसार बिना रोक-टोक के पैसा खर्च कर सकें। वे अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहें।
गरीब और निम्न मध्यम वर्गीय परिवारों की महिलाओं के लिए यह बड़ी राहत है। योजना आरंभ होने के बाद कई बहनों ने इस पैसे से बच्चों की फीस भरी है, उन्हें कपड़े, किताब और अन्य जरूरत का सामान स्वयं खरीद कर दिया है। कई बहनें चाय की दुकान, सिलाई-कढ़ाई जैसे अपने काम आरंभ करने की दिशा में भी पहल कर रही हैं।
संगठित रहकर विकास का नया इतिहास रचेंगे
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों को अपनी स्थिति सुधारने के लिए संगठित होना होगा। हर गाँव और हर वार्ड में लाड़ली बहना सेना गठित की जा रही है। बहनें इस सेना से जुड़ें, बहनों की यह सेना उनके हितों की रक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने में हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। हम बहनों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। बहन-बेटियों के विरूद्ध अपराध करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
उन्हें सुरक्षित वातावरण मिले, इस उद्देश्य से ही शराब की दुकान के साथ चलने वाले अहाते बंद किए गए हैं। हमारा प्रयास है कि हर बहन की आय 10 हजार रुपए प्रतिमाह हो, इस दिशा में हम निरंतर सक्रिय हैं और संगठित रहकर प्रगति और विकास का नया इतिहास रचेंगे।पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत करते हुए कहा कि पिछड़े क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले रीवा क्षेत्र के विकास में मुख्यमंत्री चौहान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह, क्षेत्रीय विधायक तथा जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
जनदर्शन में शामिल हुए मुख्यमंत्री चौहान
सम्मेलन से पहले मुख्यमंत्री चौहान जनदर्शन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने कॉलेज चौराहा स्थित विवेकानंद पार्क पहुँचकर स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर जनदर्शन आरंभ किया तथा विकास रथ पर समाज के विभिन्न वर्गों और आमजन से संवाद किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने लाड़ली लक्ष्मी बेटियों, विद्यार्थियों, खिलाड़ियों, व्यापारी संघ के प्रतिनिधियों, स्व-सहायता समूह के सदस्यों, भूतपूर्व सैनिकों, सामाजिक तथा धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, लाड़ली बहना सेना की सदस्यों, विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों से भेंट की तथा संवाद किया। मुख्यमंत्री चौहान का सरपंच संघ, रोजगार सहायक संघ, आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तथा खिलाड़ियों द्वारा अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री ने अस्पताल चौराहा स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर जनदर्शन का समापन किया।
विंध्य में वर्चस्व की लड़ाई, दलों ने बढ़ाई सक्रियता
11 Aug, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में कुछ महीने बाद विधानसभा चुनाव होने है, चुनाव के चलते मध्य प्रदेश के पूर्वी इलाका विंध्य की चर्चा राजनीति के गलियारों में तेज होने लगी है। रीवा संभाग में रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली जिले आते है। हर पार्टी यहां जाति का खेल खेलती हुई नजर आ जाती है। विंध्य अंचल में 24 सीटें आती है। रीवा जिले में आठ सीटें आती है। आज हम रीवा जिले की सभी सीटों के सियासी इतिहास के बारे में जानकारी देंगे। रीवा जिले में आठ विधानसभा सीटे है, सीटों में सिरमौर, सेमरिया, त्योंथर, मऊगंज, देवतालाब, मनगवां, रीवा, गुढ़ शामिल है।
पठारी क्षेत्र में आने वाले रीवा जिले में कई जलप्रपात है, अपने जलप्रपात और सफेद बाघों के कारण रीवा हमेशा चर्चा में रहता है। रीवा जिला को सफेद बाघों की भूमि कहा जाता है। रीवा के राजनीतिक समीकरण पर गौर करें तो 2003 से पहले रीवा को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था, लेकिन 2003 के बाद से यहां कांग्रेस का क्लीन स्वीप हुआ है। 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र में भाजपा को बहुत बड़ी जीत मिली, भाजपा रीवा की सभी आठ सीटों पर जीतने में कामयाब हुई थी, लेकिन सत्ता में उसे जगह नहीं मिली। शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से वहां के भाजपा कार्यकर्ता पार्टी से नाराज नजर आ रहे है।
कभी कांग्रेस का किला रहा मध्य प्रदेश का पूर्वी इलाका विंध्य अब भाजपा की पॉवर पॉलिटिक्स का सेंटर बन गया है। समय के साथ साथ मध्य प्रदेश के राजनीतिक नक्शे में विंध्य में भाजपा का वर्चस्व बढ़ता गया और कांग्रेस का घटता गया । यहां बीएसपी का वोट बैंक भी चुनाव दर चुनाव बढ़ता गया। यहां भाजपा के विजय रथ की रफ्तार तेजी से बढ़ी। मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष गिरीश गौतम भी रीवा से आते है। पिछली जीत से उत्साहित भाजपा को मात देने के लिए विपक्षी पार्टियों कांग्रेस, बीएसपी , आप ने रीवा में पैर पसारना शुरू कर दिया है।
बीएसपी प्रदेशाध्यक्ष इंजी रमाकांत पिप्पल ने रीवा में डेरा डाल रखा है, जिससे बीएसपी की लगभग सभी सीटों पर सक्रियता बढ़ी है। बीएसपी की ओर से रीवा जिले की हर सीट पर सम्मेलन आयोजित किए जा रहे है। आप की भी इलाके में सक्रियता बढ़ रही है, 2023 में आप पार्टी भले ही चुनाव न जीते लेकिन उसने अन्य दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, छोटे दल भाजपा और कांग्रेस का चुनावी गणित बिगाड़ रहे है। बीएसपी और आप की रीवा में बढ़ती सक्रियता भाजपा और कांग्रेस की जीत की राह में बाधा बन सकती है। कांग्रेस ने विंध्य में 2008 में दो, 2003 में चार और 2013 में 12 सीटें जीती थी। रीवा में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के भीतर गुटबाजी की खबरें खूब देखने को मिल रही है, यहां बसपा और आप की मजबूती और बढ़ती सक्रियता से कांग्रेस के लिए मुसीबत बन सकती है। आपको बता दें देश में बीएसपी का पहला सांसद रीवा लोकसभा क्षेत्र से मिला था। लेकिन पिछले चुनाव में बीएसपी को रीवा में एक भी सीट नहीं मिली थी। 8 विधानसभा सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। हालांकि बीएसपी का वोट परसेंट यहां कम नहीं हुआ और चुनावी मौसम में बीएसपी की बढ़ती सक्रियता से यहां उसका जनाधार बढ़ा है।
भाजपा किसान मोर्चा गांव-गांव लगाएगा चौपाल
11 Aug, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। केंद्र और राज्य सरकार ने किसानों के हित में जो कदम उठाए हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश भाजपा का किसान मोर्चा नमो शिव किसान चौपाल लगाएगा। संगठन ने इसकी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इस कार्यक्रम की घोषणा 11 अगस्त को मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति में हो सकती है।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह चौधरी ने बताया कि किसान चौपाल लगाने से पहले ट्रैक्टर यात्रा निकाली जाएगी। संभाग और जिला स्तर पर सम्मेलन करने की भी तैयारी है। कांग्रेस द्वारा की गई धोखाधड़ी को किसानों के बीच रखने के साथ सरकार ने किसान हित में कदम उठाए हैं, उन्हें बताया जाएगा। मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद, मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चहल सहित अन्य वरिष्ठ नेता भाग लेंगे।
मप्र में भाजपा इस बार नई रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी। हर कार्यकर्ता को 4 काम करने की जिम्मेदारी दी है। इन चारों काम को पूरा करने के लिए 10 दिन की डेडलाइन होगी। पहले टास्क में भाजपा के मंडल और शक्ति केंद्र स्तर के कार्यकर्ताओं को 10 दिन में 200 लोगों को फोन कॉल करना है। दूसरे टास्क में बूथ स्तर पर जिन भाजपा समर्थकों या कार्यकर्ताओं के पास बाइक और फोर व्हीलर हैं, उनकी लिस्ट बनाना है। फोर व्हीलर पर कमल का फूल बनवाना है। तीसरे टास्क में वोटर्स से डेली कॉन्टैक्ट करने की जिम्मेदारी दी गई है। हर दिन दो वोटर्स के घर चाय पीने जाना होगा। चौथे टास्क में बूथ पर 5 जगह दीवार लेखन कराने को कहा गया है। प्रदेशभर में हो रहे विधानसभा सम्मेलनों में कार्यकर्ताओं को ये दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में भाजपा की 64 हजार 100 बूथ पर समितियां हैं।
भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भोपाल में हुए विधानसभा सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, आपके मोबाइल की कॉन्टैक्ट लिस्ट में अगर 500-600 नंबर हैं, तो आपको उनमें से 200 लोगों को 10 दिन में कॉल कर हाल-चाल पूछना है। उनके क्षेत्र में माहौल की जानकारी लेना है। लोगों की क्या राय है, यह भी जानना है। शर्मा ने कहा कि लोगों को 20 साल पहले मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार के दौर और पिछले 15 महीने की कमलनाथ सरकार में हुए भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी को भी याद दिलाना है। कांग्रेस और भाजपा सरकारों की तुलनात्मक स्थिति भी समझानी है। अगर बातचीत में ऐसी कोई जानकारी मिलती है, जो जनता के बीच बड़ा मुद्दा है, तो इसे वरिष्ठ नेताओं को बताएं। भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने हर कार्यकर्ता को जिन 200 लोगों से कॉल कर चर्चा करने को कहा है, उनमें से 100 लोग भाजपा के कार्यकर्ता या समर्थक होंगे। बाकी 100 लोग आम जनता के बीच से होंगे। इनमें कर्मचारी, व्यापारी, रिश्तेदार भी हो सकते हैं।
भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए कई तरह की प्लानिंग की है। इस प्लानिंग में सोशल मीडिया से लेकर होर्डिंग, बैनर, पोस्टर, डिजिटल वॉल पेंटिंग और एलईडी स्क्रीन के जरिए प्रचार-प्रसार की तैयारी है। बूथ स्तर पर संगठन ने भाजपा के प्रति माहौल बनाने के लिए एक खास तैयारी शुरू की है। हर बूथ पर 10 मोटरसाइकिल मालिकों की लिस्ट तैयार कराई गई है। इनकी बाइक पर भाजपा का झंडा लगा होगा। औसतन एक विधानसभा में अगर 250 बूथ हैं तो भाजपा के पास करीब एक विधानसभा में 2750 बाइकधारकों की लिस्ट हर समय उपलब्ध रहेगी। इनके जरिए बड़ी बाइक रैली निकालकर माहौल बनाया जाएगा। भाजपा ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि जिनके पास फोर व्हीलर हैं, वे अपनी गाड़ी के पीछे वाले कांच पर कमल का फूल बनवाकर लिखवाएं- फिर एक बार-भाजपा सरकार। फोर व्हीलर वाले भाजपा कार्यकर्ताओं, समर्थकों की लिस्ट भी तैयार करने को कहा गया है ताकि रैली, सभाओं के दौरान पब्लिक को लाने-ले जाने में वाहनों की उपलब्धता आसान हो सके।
भाजपा संगठन ने वोटर लिस्ट के एक पेज में दर्ज 30 मतदाताओं पर एक पन्ना प्रभारी के साथ पन्ना समिति बनाई है। पन्ना समिति के सदस्य अपने पेज में दर्ज 30 वोटर में से रोजाना दो मतदाताओं के घर चाय पीने जाएंगे। उनके हालचाल पूछेंगे। इसके बाद भाजपा के प्रति बन रहे माहौल की जानकारी देंगे। उन्हें यह भी बताएंगे कि मध्यप्रदेश में बहुमत से भाजपा की सरकार बन रही है। भाजपा ने सभी बूथ और शक्ति केंद्र स्तर के कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिए हैं कि हर बूथ के इलाके में कम से कम 5 स्थानों पर दीवार लेखन कराएं। दीवार पर कमल का फूल बनवाकर लिखवाएं- फिर एक बार-भाजपा सरकार।
बसपा ने घोषित किए 7 प्रत्याशी, रामबाई का नाम नहीं
11 Aug, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र विधानसभा चुनाव के लिए बीएसपी ने पहली लिस्ट में 7 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इस लिस्ट में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का ख्याल रखा गया है। यूपी की बॉर्डर से सटी सीटों पर बसपा ने ये उम्मीदवार घोषित किए हैं। बीएसपी द्वारा जारी की गई सात उम्मीदवारों की लिस्ट में चंबल से एक, बुन्देलखंड से दो, और विंध्य क्षेत्र से चार प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। इन उम्मीदवारों में तीन ब्राह्मण, दो पटेल, एक ठाकुर और एक दलित वर्ग है। इन उम्मीदवारों में बलवीर सिंह डंडोतिया, अवधेश प्रताप सिंह राठौर, रामराजा पाठक, देशराज अहिरवार, मणिराज सिंह पटेल, विष्णु देव पाण्डेय, पंकज सिंह शामिल हैं।
सतना जिले की रामपुर बघेलान सीट से बसपा ने रिटायर्ड तहसीलदार को उम्मीदवार बनाया है। बसपा के विधानसभा प्रत्याशी बनाए गए मणिराज सिंह पटेल रामपुर बघेलान के पिथैपुर गांव के रहने वाले हैं। वे साल 2020 में तहसीलदार पद से रिटायर हुए और सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्ति के 17 दिन बाद बसपा जॉइन कर ली थी। वे सतना की रघुराजनगर तहसील से रिटायर हुए हैं। मणिराज के चाचा सरपंच रह चुके हैं। वर्तमान में चचेरे भाई महेन्द्र सिंह वार्ड 21 से जिला पंचायत के सदस्य हैं। रामपुर बघेलान सीट पूर्व मुख्यमंत्री गोविन्द नारायण सिंह के परिवार की परंपरागत सीट रही है। इस सीट पर पूर्व मंत्री हर्ष सिंह के बेटे विक्रम सिंह बीजेपी से विधायक हैं। इस सीट पर 1993 और 2008 में बसपा के उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रभाव वाली मुरैना जिले की दिमनी सीट पर बसपा ने फिर उम्मीदवार बनाया है। बलवीर डंडौतिया 2013 में दिमनी से बसपा से विधायक चुने गए थे। इसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लेकिन उनका मोहभंग हुआ और वे इसी साल फरवरी में फिर बसपा में वापस लौट आए थे। अब बीएसपी के टिकट पर वे फिर मैदान में ताल ठोकेंगे। इस सीट पर वर्तमान में कांग्रेस के रविन्द्र सिंह तोमर विधायक हैं। बीएसपी ने झांसी की सीमा से सटी निवाड़ी विधानसभा सीट पर बीएसपी ने अवधेश प्रताप सिंह राठौर को प्रत्याशी घोषित किया है। अवधेश प्रताप सिंह, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे स्वर्गीय बृजेन्द्र सिंह राठौर के चचेरे भाई हैं। पहले टीकमगढ़ जिला पंचायत के सदस्य और जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रह चुके हैं। साल 2008 में परिसीमन के बाद निवाडी से उमा भारती की पार्टी (भारतीय जनशक्ति पार्टी) से विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उमा की बीजेपी में वापसी के साथ ही अवधेश राठौर भी बीजेपी में शामिल हो गए थे। बृजेन्द्र सिंह राठौर के निधन के बाद हुए उपचुनाव में बीजेपी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था। अब बसपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के संसदीय क्षेत्र खजुराहो में आने वाली राजनगर विधानसभा सीट पर बीएसपी ने रामराजा पाठक को प्रत्याशी बनाया है। वे साल 2008 में बसपा में शामिल हुए थे। सतना जिले की रैगांव सीट पर बीएसपी ने अपने कैड़र के पुराने कार्यकर्ता को उम्मीदवार घोषित किया है। 1990 से बसपा में काम कर रहे देवराज अहिरवार को रैगांव सीट पर प्रत्याशी बनाया है। वे 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। रीवा जिले की सेमरिया विधानसभा सीट पर बीएसपी ने तीसरी बार पंकज सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया है। पंकज वर्तमान में सेमरिया के विधानसभा प्रभारी हैं। वे 2013 और 2018 में विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। रीवा जिले की सिरमौर सीट से बीएसपी ने पुलिस विभाग के रिटायर डीएसपी विष्णुदेव पांडेय (वीडी) को उम्मीदवार घोषित किया है। वीडी पांडेय रीवा की सेमरिया सीट से कांग्रेस के पूर्व विधायक अभय मिश्रा के समधी हैं। पिछले 2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा के दो विधायक चुने गए थे। इनमें भिंड से संजीव सिंह कुशवाह और दमोह की पथरिया सीट से रामबाई सिंह परिहार विधायक बने थे। लेकिन संजीव सिंह ने बीजेपी जॉइन कर ली थी। रामबाई फिलहाल बसपा में ही हैं। लेकिन बीएसपी द्वारा जारी की गई लिस्ट में मौजूदा बसपा विधायक रामबाई का नाम घोषित नहीं किया गया है।
मोदी की मन की बात कार्यक्रम पर मध्य प्रदेश में बनेगा इतिहास, 100 घंटे लगातार चलेगा सेमिनार
10 Aug, 2023 10:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को लेकर गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड मेकिंग मैराथन सेमिनार रविंद्र भवन भोपाल में 23 अगस्त से 27 अगस्त तक 100 घंटे लगातार चलेगा। मन की बात के 100 एपिसोड पूर्ण होने के बाद टास्क इंटरनेशनल पब्लिक पालिसी रिचर्स सेंटर यह आयोजन करेगा। इसकी तैयारियों को लेकर सेमिनार के संयोजक डा. राघवेंद्र शर्मा, आयोजन समिति की कोर कमेटी के सदस्य सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी अजातशत्रु श्रीवास्तव और भोपाल बाल कल्याण समिति की चेयरमैन जाग्रति सिंह ने बताया कि मन की बात के 100 एपिसोड पूर्ण होने पर देश और विदेश के 100 वक्ता एक ही मंच पर नान स्टाप 100 घंटे तक मन की बात के विविध विषयों पर वक्तव्य देंगे और जिसे 100 श्रोता सुनेंगे। हर एक वक्ता के सामने नए 100 श्रोता होंगे।
उन्होंने बताया कि यह सेमिनार गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा। इसके लिए पंजीकरण हो चुका है। देश विदेश से विविध क्षेत्रों के वक्ताओं से बातचीत की जा रही है। आयोजन में सामाजिक जागरुकता के लिए 100 संकल्प भी लिए जाएंगे। प्रत्येक एपिसोड के अंदर जल संरक्षण, देह दान, नेत्र दान और नागरिक दायित्वों के निर्वहन का भी संकल्प लिया जाएगा। राघवेंद्र शर्मा ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम स्वर्णिम भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने जिन लोगों से चर्चा की है, उनका सेमिनार में अभिनंदन किया जाएगा। मन की बात कार्यक्रम को औसतन 23 करोड़ लाेग सुनते हैं। एक बार सुनने वालों की संख्या 100 करोड़ से भी अधिक हो गई है। यह दुनिया का सर्वाधिक सुना जाने वाला कार्यक्रम हैं। सेमिनार में डा. शर्मा की पुस्तक के प्रथम भाग का विमोचन भी किया जाएगा।
छतरपुर के फर्नीचर उत्पाद को मिलेगी नई पहचान
10 Aug, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : एक जिला एक उत्पाद के तहत छतरपुर जिले के प्रसिद्ध फर्नीचर उत्पाद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने के लिए बुधवार को सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम विभाग और नेशनल डिजाइन संस्थान के बीच एम ओ यू हुआ।
एमएसएमई विभाग के सचिव-सह-आयुक्त पी.नरहरि एवं एनआईडी, भोपाल के निदेशक प्रोफेसर धीरज कुमार द्वारा अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। नरहरी ने कहा कि इस अनुबंध के बाद छतरपुर के फर्नीचर डिजाइन और उत्पाद को नया मंच मिलेगा।इस अवसर पर एमएसएमई विभाग के संचालक रोहित सिंह और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री चौहान ने माँ नर्मदा के पूजन-अर्चन से की दिन की शुरूआत, अमर कंठेश्वर शिव का किया रुद्राभिषेक
10 Aug, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर प्रवास के दौरान आज दिन की शुरूआत सावन के पवित्र महीने में मां नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक में मां नर्मदा की पूजा-अर्चना से की। चौहान ने मां नर्मदा के दर्शन के साथ ही मंदिर परिसर में अमर कंठेश्वर शिव का रुद्राभिषेक किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की उन्नति, समृद्धि तथा प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की। कोल जनजाति आयोग के अध्यक्ष राम लाल रौतेल, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, दिलीप जायसवाल, रामदास पुरी और हीरा सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के अंतर्गत अमरकंटक में लगाये 75 पौधे
10 Aug, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनूपपुर प्रवास के दौरान आज आजादी के अमृत महोत्सव के 75 वर्ष पूरे होने पर पवित्र नगरी अमरकंटक में 75 पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ जवाहर नवोदय विद्यालय अमरकंटक के विद्यार्थियों ने 'मेरी माटी मेरा देश' कार्यक्रम के तहत विभिन्न प्रजातियों के 75 पौधे रोपे। उल्लेखनीय है कि आजादी के अमृत महोत्सव के समापन समारोह के रूप में मेरी माटी मेरा देश अभियान 9 से 15 अगस्त तक मनाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत विद्यालय परिसरों में शिलाफलकम (स्मारक) की स्थापना, भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने, देश की एकता को सृदढ़ करने और अपने कर्तव्य निभाने जैसी पंच प्रण की शपथ, वसुधा वंदन के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों के आसपास पौधरोपण, वीरों के वंदन और राष्ट्रीय ध्वज फहराने व राष्ट्रगान जैसी गतिविधियां की जाना है। पौधरोपण में आयुक्त शहडोल संभाग राजीव शर्मा, एडीजीपी शहडोल डी.सी सागर, कलेक्टर आशीष वशिष्ठ, पूर्व विधायक सुदामा सिंह तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
सायबर अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट को हार्ड टारगेट बनाने में प्रतिभागी योगदान करें
10 Aug, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सायबर अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट को हार्ड टारगेट बनाने में प्रतिभागी अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य लगाए। प्राप्त ज्ञान का समाज में प्रसार ही उसकी सार्थकता है। उन्होंने कहा कि प्राप्त ज्ञान और साधन से निज उन्नति के साथ ही समाज के वंचित, पिछड़े वर्ग को लाभान्वित कर, उनके उत्थान में सहयोग करना ही भारतीय संस्कृति है। उन्होंने कहा है कि हर घर तिरंगे के संकल्प से हर नागरिक स्वयं को जोड़े। दूसरों को जोड़ कर, राष्ट्र के प्रति अपनी समर्पण शक्ति को जागृत करे। इस अमृत काल को राष्ट्र के प्रति कर्तव्य काल के रूप में मनाएं।
पटेल आज आई.ई.एस. कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित साइबर सिक्योरिटी हैकथॉन कवच-2023 के विजेताओं के पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। हैकथॉन का आयोजन केन्द्रीय शिक्षा एवं गृह मंत्रालय की पहल पर किया गया था। राज्यपाल ने प्रतियोगिता के विजेताओं के साथ आई.ई.एस. विद्यालय और विश्वविद्यालय के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि हार से सीखने वाले ही भविष्य के विजेता होते है। प्रतियोगिता में सहभागिता की सार्थकता परिणामों में नहीं, प्राप्त ज्ञान, अनुभव और कौशल के प्रसार में है। उन्होंने कहा कि नवीन तकनीक के लाभ और हानि दोनों पक्ष होते है। शिक्षित युवाओं की जिम्मेदारी है कि वह अपनी प्रतिभा और ज्ञान से आधुनिक तकनीक के लाभ को समाज के वंचित वर्गों तक पहुँचाएं। तकनीक के दुरुपयोग की हानियों से रक्षा करें। उन्होंने कहा कि यह चिंता की बात है कि समाज के शिक्षित और सक्षम वर्ग के कुछ लोग अपने सामर्थ्य का दुरुपयोग गरीब और वंचित वर्ग को सताने में करते है। अशिक्षित, गरीब और पिछड़े वंचित वर्ग के सदस्य ऐसे अपराधियों के द्वारा आर्थिक और मानसिक पीड़ा का शिकार बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा शक्ति की ऊर्जा और उत्साह को प्रोत्साहित करते हुए, नये अवसर उपलब्ध कराए है। अवसरों का लाभ लेकर युवा पूरे जोश और होश के साथ राष्ट्र निर्माण में सहभागी बने। उन्होंने साइबर सुरक्षा और अपराध की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों और नवाचार के लिए युवाओं की सहभागिता के साथ आयोजन की पहल की सराहना भी की।
मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष, भरत शरण सिंह ने कहा कि देश का अमृत काल हमारे आजादी के संघर्ष के वीरों शहीदों से प्रेरणा लेने का काल है। आजादी के लिए उनके बिना प्रतिफल की कामना के संघर्ष और अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण के अनुसरण का है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं को अपनी विरासत पर गर्व के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए संकल्पित होना चाहिए। नागरिक कर्तव्यों के दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
आई.ई.एस. विश्वविद्यालय के कुलाधिपति इंजीनियर बी.एस.यादव ने स्वागत उद्बोधन में समूह की गतिविधियों, उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि समूह के पूर्व छात्र-छात्राएं देश विदेश में अच्छे स्तर कार्य करने के साथ संस्थान में अध्ययनरत विद्यार्थियों का आर्थिक और शैक्षणिक सहयोग एवं मार्गदर्शन भी कर रहे है। उन्होंने हैकथॉन-2023 के आयोजन और प्रतिभागियों की ऊर्जा एवं कार्य के प्रति समर्पण की सराहना की। विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवांश सिंह ने आभार प्रदर्शन किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया। उनका पुष्पगुच्छ, शॉल, श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया तथा उनका आभार ज्ञापित करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।
बांधवगढ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघिन की मौत
10 Aug, 2023 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के बांधवगढ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघिन की मौत हो गई है। बुधवार को मादा बाघिन का क्षत विक्षत अवस्था में पाया गया । प्रथम दृष्टया बाघिन का शव तीन से चार दिन पुराना लग रहा है। घटना पार्क के पनपथा कोर परिक्षेत्र के पथरहठा बीट के जंगल की है। बताया जा रहा है कि बाघिन के शरीर में घाव के निशान हैं। सूचना के बाद पार्क प्रबंधन के अधिकारी, फोरेंसिक टीम और डाग स्क्वाड के साथ घटनास्थल पहुंचे। जांच के बाद मृत बाघिन का शव जला दिया गया है। बता दें एक माह के भीतर बांधवगढ में तीन बाघों की मौत हो चुकी है, जिसमे दो बाघिन और एक बाघ शामिल है। पिछले महीने बांधवगढ़ में दो बाघों की मौत हो गई थी। दोनों ही बाघ मानपुर रेंज के अंतर्गत देवरी बीट में मर गए थे। एक बाघ की मौत 16 जुलाई को मानपुर रेंज के देवरी बीट में हुई थी। ग्राम मढ़उ के पास घायल बाघिन मिली थी जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। जबकि दूसरे भाघ की मौत 21 जुलाई को मानपुर रेंज के देवरी बीट आरएफ 363 में हो गई थी। यहां बाघ का एक सप्ताह पुराना शव पाया गया था। 4 फरवरी 2023 को घुनघुटी रेंज के बलवई बीट में मुड़ना नदी के किनारे बाघ का शव मिला। 2 मार्च 2023 को खितौली रेंज के डोभा बीट के कक्ष क्रमांक 374 में 18 महीने के मादा बाघ शावक का शव पाया गया। मौत का कारण आपसी संघर्ष बताया गया। 3 अप्रैल 2023 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर के बिरुहली बीट के कक्ष क्रमांक 406 जुट्टा तालाब के पास बाघ के हमले में डेढ से तीन महीने के शावक की मौत हुई। 8 मई 2023 को पनपथा बफर के ग्राम करौंदिया में 10 वर्षीय बाघ का शव पाया गया।18 मई 2023 को बांधवगढ़ के झोरझोरा में मादा बाघ शावक का शव पाया गया।
बीएमएचआरसी में बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर खोलने की मिली अनुमति
10 Aug, 2023 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । केंद्र सरकार ने राजधानी के बीएमएचआरसी (भोपाल मेमोरियल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) में बोनमैरो ट्रांसप्लांट सेंटर खोलने की अनुमति दे दी गई है। यह 50 बिस्तर वाला सेंटर होगा। बोनमैरो ट्रांसप्लांट को किफायती और आम मरीजों की पहुंच में लाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह सेंटर वर्ष 2026 के अंत तक शुरू करना होगा। इस सेंटर में रासायनिक, जैविक, रेडियोलाजिकल और परमाणु दुर्घटनाओं के संपर्क में आने वाले पीड़ितों की जांच व इलाज भी हो सकेगा। इसमें ट्राइएज, परिशोधन, जैव-नियंत्रण सुविधा, प्रयोगशाला, आपरेशन थियेटर, एंबुलेंस होगी। इस सेंटर के शुरू होने के बाद इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को कम दाम में अच्छे और बेहतर इलाज की सुविधा मिल सकेगी। केंद्र का मुख्य उद्देश्य भोपाल गैस त्रासदी जैसी घटनाओं से उत्पन्न होने वाली चिकित्सा आपात स्थिति और कोविड-19 महामारी जैसी जैविक आपात स्थिति का प्रबंधन करना है। अभी तक प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में केवल एमवाय इंदौर में ही यह सुविधा है। सरकार इस बीमारी के इलाज को किफायती बनाने की दिशा में बड़ा काम कर रही है। इसके तहत इस सेंटर पर अधिकतम दो लाख रुपये तक का खर्च आएगा। ऐसे मरीजों के इलाज के लिए ज्यादातर दवाएं और डाइग्नोसिस टेस्ट आदि की सुविधा अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होती है। डोनर के प्रकार और स्टेम सेल के स्रोत के अनुसार निजी अस्पतालों में प्रत्यारोपण की लागत 30 लाख से 35 लाख रुपये तक होती है। इस कारण कई रोगी लंबे समय तक प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि वे निजी क्षेत्र के अस्पतालों में इलाज का खर्च नहीं उठा सकते हैं।उल्लेखनीय है कि यह अस्पताल 1984 में हुए भोपाल गैस कांड से प्रभावित लोगों को अच्छा इलाज देने के लिए जुलाई 2000 में बनाया गया था। 23 वर्ष बाद इस अस्पताल में उक्त सेंटर बनाने की अनुमति मिली है। इस सेंटर का लाभ गैस पीड़ित के साथ-साथ आम मरीज भी ले सकेंगे। इस बारे में बीएमएचआरसी भोपाल की निदेशक डा. मनीषा श्रीवास्तव का कहना है कि अस्थिमज्जा प्रत्यारोपण के लिए मंजूरी मिल गई है। इसके लिए दो एकड़ भूमि का चयन भी हो चुका है। संबंधित कंपनी से एमओयू भी हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। इस प्रोजेक्ट को 2026 तक पूर्ण होना है।
कमलनाथ ही नहीं गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार के नेताओं के नाम पर भी पैसे मांगे थे तनिश ने
10 Aug, 2023 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ के नाम पर ठगी करने वाले मास्टरमाइंड तनीश छाजेड़ को बेंगलुरु पुलिस गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। शातिर ने कमलनाथ ही नहीं बीजेपी के राष्ट्रीय युवा मोर्चा अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या के नाम पर गुजरात में भाजपा नेताओ, राजस्थान के गृहमंत्री, महाराष्ट्र मुख्यमंत्री बिहार मुख्यमंत्री और आप सांसद संजय सिंह के नाम पर फोन लगाकर कई नेताओं से रुपए मांगे थे।अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पिछले महीने आरोपी ने अपने साथियों के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर कांग्रेस नेताओं से रुपये की वसूली की कोशिश की थी।कांग्रेस नेता गोविंद गोयल ने संदेह होने पर अपने स्तर पर इसकी छानबीन की। बाद में उन्होंने आरोपी को पैसे देने का लालच देकर बुलाकर गिरफ्तार करवाया था। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में तनिश छाजेड़ का नाम लिया था, जो फरार चल रहा था। करीब तीन दिन पहले तनिश को गिरफ्तार किया गया था।
बेंगलुरु पुलिस को भी इसी तरह के मामले में उसकी तलाश थी। बुधवार को राजधानी पहुंची पुलिस उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है। वहां से कार्रवाई पूरी होने के बाद भोपाल पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर आगे की पूछताछ करेगी।
10 लाख न मिलने पर नव विवाहिता को डेढ़ साल बाद ही घर से निकाला
10 Aug, 2023 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। महिला थाना पुलिस ने नवविवाहिता की शिकायत पर उसके पति सहित सास, ससुर और 3 ननदो के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 30 वर्षीय पिंकी यादव ने शिकायती आवेदन देते हुए बताया था, कि उसकी शादी डेढ़ साल पहले अजय यादव से हुई थी। आरोप है कि शादी के थोड़े दिनों बाद ही पति सहित सास कृष्णा यादव ससुर यज्ञ प्रसाद और तीनो ननदो किरण, सुमन, पूनम यादव ने दहेज में 10 लाख की मांग करते हुए उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। डिमांड पूरी ना होने पर बीते दिनों ससुराल वालों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। पुलिस के बताया कि दोनों परिवारों के बीच परामर्श केंद्र में काउंसलिंग कराई गई थी। लेकिन समझौता ना होने पर पुलिस ने नवविवाहिता की शिकायत पर सभी आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
जनसंवाद का अनूठा माध्यम बनी सामाजिक समरसता यात्रा
10 Aug, 2023 04:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सत्यनारायण बागरी
भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष में जितना योगदान बलिदानियों और स्वाधीनता संग्राम सेनानियों का है उससे भी अधिक महत्वपूर्ण उन संत विभूतियों का है जिन्होंने समाज को एकजुट होकर स्वत्व जागरण का आव्हान किया था । ताकि भारत एक स्वाधीनता संपन्न राष्ट्र बन सके । संत रविदास उनमें सबसे प्रमुख थे । उनके संकल्प के अनुरूप मध्यप्रदेश में निकाली जा रही सामाजिक समरसता यात्रा समाज में एकत्व स्थापना का अद्भुत वातावरण बना रही है । यात्रा का समापन 12 अगस्त को सागर में होने जा रहा है । उसी दिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी संत रविदास के विशाल मंदिर निर्माण की आधार शिला रखेंगे।
विदेशी शक्तियों ने भारतीय समाज को बाँटकर अपने राज्य शासन की नींव रखी थी । संत रविदास ने उनके षड्यंत्र को बेनकाब कर समाज के सभी वर्गों और जातियों को एक सूत्र में बाँधने अभियान चलाया था । इसके लिये उन्होंने भारत भर की यात्राएँ की और विभिन्न वर्गों और समूहों के लोगों को अपने अभियान में जोड़ा। चित्तौड़ की महारानी सुप्रसिद्ध संत और झाला रानी उनकी शिष्य बनीं । रविदास ने जिस परिवार में जन्म लिया था उस परिवार की आविका का काम चर्मशिल्प था । रविदास पढ़ने के लिये रामानानंद के आश्रम में गये ।
रामानंद ने शिष्यत्व प्रदान किया । अपनी शिक्षा पूरी कर रविदास ने सामाजिक समरसता यात्रा पर निकले पर अपनी आविका के लिये चर्मशिल्प का काम न छोड़ा। वे उपानह अर्थात जूता बनाने का सामान अपने साथ रखते । प्रवचन संगोष्ठी के बाद अपना काम करते । उनके काम न छोड़ने का कारण यह था कि वे समाज को अपनी परंपरा के प्रति गौरव गरिमा का भाव जगाना चाहते थे
वे कहते थे-
जनम जात मत पूछिए,
का जात अरू पात।
रैदास पूत सब प्रभु के,
कोए नहिं जात कुजात॥
रैदास जन्म के कारनै
होत न कोए नीच।
नर कूं नीच करि डारि है,
ओछे करम की कीच॥
संत रविदास के इन्ही संदेशों के साथ आरंभ इस समरस यात्रा समाज पर गहरा प्रभाव छोड़ा है । लोग स्वप्रेरणा से इस यात्रा का स्वागत करने आगे आये ।संत शिरोमणी रविदास ने अपने गुरु रामानंद की प्रेरणा से समाज को संगठित और जाग्रत करने का जो अभियान छेड़ा था । उसी के अनुरूप यह यात्रा रही । संत रविदास का अभियान दो स्तरीय था । एक तो स्वत्व का जागरण ताकि समाज परिस्थतियों से भयभीत होकर अपने जड़ों से दूर न हो जाय इसीलिए वे जन्म और जाति के आधार के बजाय सद्कर्म और आचरण की श्रेष्ठता पर जोर देते थे ।
उनकी दृष्टि में आविका के लिये कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता । इसलिए जूता बनाने का सामान सदैव अपने साथ लेकर चलते थे । उनका दूसरा अभियान था समाज को जाति, वर्ग वर्ण और क्षेत्र से ऊपर उठकर भारत राष्ट्र की पराधीनता से मुक्ति संघर्ष के लिये तैयार करना । इस संबंधी भी उनकी अनेक रचनाएँ थीं । वे कहते थे-
पराधीनता पाप है,
जान लेहु रे मीत।
रैदास दास पराधीन सौं,
कौन करैहै प्रीत॥ ...
सौ बरस लौं जगत मंहि,
वत रहि करू काम।
रैदास करम ही धरम हैं,
करम करहु निहकाम॥ ...
उनकी इन पंक्तियों में बहुत स्पष्ट है कि पराधीनता से मुक्ति संघर्ष के लिये समाज को तैयार कर रहे थे और अपने कर्म को धर्म बताकर स्वत्व और स्वाभिमान जगाना चाहते थे । उनके इन दोनों अभियानों की झलक उनकी देश व्यापी यात्राओं और रचनाओं से मिलती है । भारत का ऐसा कोई प्राँत और क्षेत्र नहीं जहाँ रविदास ने यात्रा न की हो । उनकी स्मृतियाँ भारत के प्रत्येक प्राँत और प्रत्येक क्षेत्र में है । उनका पंजाब लोक वन में रविदास , उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान में रैदास, गुजरात और महाराष्ट्र में 'रोहिदास' तथा बंगाल में उन्हें ‘रुइदास’ के नाम का संबोधन है । कुछ पांडुलिपियों में रायादास, रेदास, रेमदास और रौदास नाम का भी उल्लेख मिलता है।
जो संदेश संत शिरोमणी रविदास ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रा करके पूरे समाज को एक सूत्र में पिरोया था ठीक उसी के अनुरूप मध्यप्रदेश शासन के अंतर्गत कार्यरत संस्था जनअभियान परिषद ने इस यात्रा को संयोजित किया है । ये कुल पाँच यात्राएं हैं जिन्हें 25 जुलाई को प्रदेश के विभिन्न स्थानों से आरंभ हुईं। इनका शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह ने किया था । पहली यात्रा ग्यारह जिलों के, दूसरी यात्रा तेरह जिलों के, तीसरी यात्रा दस जिलों के, चौथी यात्रा आठ जिलों के और पाँचवी यात्रा नौ जिलों के विभिन्न स्थानों से होकर ग्यारह अगस्त तक सागर पहुँचेगी। जहाँ 12 अगस्त को इन यात्राओं का औपचारिक समापन होगा ।
अठारह दिनों तक चलने वाली यह यात्राएं कुल 46 जिलों के 244 स्थानों में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित कर रही है । अधिकांश स्थानों का लक्ष्य पूरा हो गया है और विभिन्न क्षेत्रों से होकर निकलने वालीं ये समरसता यात्राएँ अब समापन की ओर हैं। पूरी यात्रा में संत रविदास के भजनों और संकल्पना गीतों का गायन हुआ तथा उनके वन के प्रेरणादायक प्रसंगों की चर्चा हुई । इस यात्रा और इसके आयोजनों में गाँव और कस्बों के लोग स्वप्रेरणा और आस्था से जुड़े ।
यात्रा जिस गाँव कस्बे नगर से निकलती लोग जुड़ते और अगले पड़ाव तक छोड़ने जाते । यात्रा में सागर में प्रस्तावित संत रविदास मंदिर निर्माण के लिये हर घर से एक मुट्ठी मिट्टी और जल एकत्रित किया गया। प्रदेश की ऐसी कोई नदी नहीं जिसका जल संग्रहीत न हुआ हो । संत रविदास का प्रस्तावित मंदिर पूरे प्रदेश के हर गाँव कस्वे का प्रतीक होगा, अंश होगा । सभी यात्राएं 11 अगस्त तक सागर पहुंच रहीं हैं। सागर में 12 अगस्त को सभी यात्राओं का एकत्रीकरण होगा। इस एकत्रीकरण के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे वे इस अवसर पर संत रविदास के भव्य विशाल मंदिर का शिलान्यास करेंगे।
भारत की सांस्कृतिक पुर्नस्थापना के संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लगातार सक्रिय हैं। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना से समय ने करवट बदली और जनआकांक्षाओं के अनुरूप अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का काम अंतिम चरण में है। वहीं काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर का र्णोद्वार हुआ। वहीं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के प्रयासों से महाकाल लोक बना।
अब इसी कड़ी में सभी वर्ग, वर्ण जाति और समूह के बंधुओं को को एक सूत्र में पिरोकर सशक्त समरस समाज और सशक्त राष्ट्र निर्माण की दिशा में संत रविदास महाराज का 100 करोड की लागत से विश्व का सबसे बडा मंदिर की आधारशिला रखी जा रही है। जो समृद्ध भारत निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयाम है ।
(लेखक वरिष्ठ भाजपा नेता है)
आदिवासी नेतृत्व को कभी उभरने नही दिया कांग्रेस ने : उपेक्षा और असम्मान की दर्जनों दास्तान
10 Aug, 2023 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुकाम सिंह किराड़े
चुनाव सामने आते ही काँग्रेस एक बार फिर आदिवासी हितों की बात कर रही है । जबकि सत्य यह है कि काँग्रेस ने सदैव आदिवासी हितों की उपेक्षा की है । एक बार तो जोड़ तोड़ से आदिवासी मुख्यमंत्री को अपदस्थ किया और अपनी सरकार बनाई जबकि दो बार मुख्यमंत्री पद के लिये आदिवासी समाज के नेता की नैसर्गिक दावेदारी छीनी । स्वाधीनता संघर्ष में जिन आदिवासियों ने बलिदान दिया उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया सो अलग।
भारत का आदिवासी समाज सदैव राष्ट्र और सांस्कृतिक मूल्यों केलिये समर्पित रहा है । ऐसा कोई काल खंड, कोई विदेशी हमला नहीं जब आदिवासी समाज ने अपनी पूरी शक्ति से प्रतिकार न किया हो । आदिवासी समाज को कभी सत्ता की चाहत नहीं वह तो स्वत्व और स्वाभिमान से संपन्न भारत राष्ट्र के लिये समर्पित रहा । किन्तु अफसोस तब होता है जब आदिवासी समाज के नैसर्गिक अधिकार को छीना जाता है । ऐसा काँग्रेस के राज में अक्सर हुआ । देश और प्रदेश के इतिहास में ऐसी घटनाएँ दर्ज हैं । स्वतंत्रता के बाद देश की बागडोर काँग्रेस के हाथ आई । आदिवासी समाज ने काँग्रेस को स्वदेशी सत्ता के कारण पूरा समर्थन दिया, अपना प्रति पूरा विश्वास जताया था ।
आशा की जा रही थी कि स्वतंत्रता के बाद आई स्वदेशी सत्ता में आदिवासी बंधुओं को ऊचित सम्मान और स्थान मिलेगा । इसीलिए आदिवासी बंधुओं ने मध्यप्रदेश ही नहीं अपितु भारत भर में काँग्रेस को बिना शर्त पूर्ण समर्थन दिया था । देश भर में आदिवासी क्षेत्रों से काँग्रेस उम्मीदवार एकतरफा ता करते थे । किन्तु आदिवासी समाज की भावना का काँग्रेस ने कभी सम्मान नहीं किया । और न आदिवासी समाज को वह अवसर दिया जिसके लिये वह वास्तविक अधिकारी रहे । सामाजिक और राजनैतिक दोनों दिशाओं में आदिवासी समाज के साथ अन्याय हुआ है ।
यदि हम मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास की बात करें तो कमसेकम तीन ऐसे उदाहरण हैं जब आदिवासी समाज से नेतृत्व छीना गया । ये तीनों घटनाएँ उन दिनों की है जब वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य भी मध्यप्रदेश का अंग हुआ करता था ।पहली घटना वर्ष 1969 की है । उन दिनों मध्यप्रदेश में संयुक्त विधायक दल की सरकार थी । उस सरकार में सबसे बड़ा घटक भारतीय जनसंघ का था और दूसरा घटक उन विधायकों का था जो काँग्रेस छोड़कर आये थे । इस संविद सरकार के पहले मुख्यमंत्री गोविन्द नारायण सिंह थे । वे भी काँग्रेस छोड़कर आये थे । किन्तु बाद में स्वर्गीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पहल और जनसंघ के समर्थन से आदिवासी राजा नरेश चंद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया ।
यह बात काँग्रेस को सहन न हुई । विभिन्न काँग्रेस नेताओं ने जोड़ तोड़ की और काँग्रेस छोड़कर आये कुछ विधायकों को तोड़कर वापस काँग्रेस में ले गये और सरकार गिरा दी । इस प्रकार केवल तेरह दिन में ही आदिवासी नेतृत्व के हाथ से मुख्यमंत्री पद चला गया । इस जोड़तोड़ में महत्वपूर्ण भूमिका उस समय के सक्रिय विधायक जो आगे चलकर 1980 में मुख्यमंत्री भी बने अर्जुन सिंह की थी । इसका उल्लेख अर्जुनसिंह ने स्वयं अपनी आत्मकथा में किया है । इस घटनाक्रम का राजा नरेशचंद्र की भावनाओं को इतना आघात लगा कि उन्होंने स्वयं को राजनैतिक सक्रियता से अलग कर लिया । बाद में समाज के आग्रह पर उनके परिवार की बेटियाँ आगे आईं।
दूसरा अवसर 1980 का है । तब जनता पार्टी को हराकर काँग्रेस को बहुमत मिला था । आदिवासी समाज से संबंधित शिवभानु सोलंकी काँग्रेस विधायक दल के नैसर्गिक दावेदारी थी । त के बाद काँग्रेस विधायक दल की बैठक इसी भवन में हुई जो आज मुख्यमंत्री निवास के रूप में जाना जाता है । इस बैठक के लिये केंद्रीय प्रतिनिधि के रूप कमलनाथ भी आये थे ।
इस बैठक में यह स्पष्ट हो गया था कि विधायकों के बहुमत का सद्भाव भी शिवभानु के साथ था । (ऐसा उस समय के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुआ था ।) किन्तु शिवभानु को अवसर न मिल सका और मुख्यमंत्री पद अर्जुन सिंह के पास चला गया ।तीसरी घटना 1993 की है । तब भारतीय जनता पार्टी को पराजित कर काँग्रेस पुनः सत्ता में आई थी । काँग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में जमना देवी की दावेदारी सशक्त थी । अनेक वरिष्ठ नेताओं ने भी उनका समर्थन किया था ।
यह विचार बन गया था कि जमुनादेवी के रूप में दो संदेश दिये जा सकते हैं। एक तो महिला और दूसरा आदिवासी चेहरा। चूँकि मध्यप्रदेश में काँग्रेस ने किसी महिला और आदिवासी को अवसर न दिया था । इस बात को तब काँग्रेस के अनेक वरिष्ठ नेताओं ने भी समर्थन किया था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री श्यामा चरण शुक्ल का नाम प्रमुख था ।फिर भी जमना देवी को अवसर न मिल न मिल पाया और दिग्विजयसिंह को मुख्यमंत्री बनाया गया ।
जबकि दिग्विजयसिंह तो विधायक भी नहीं थे । उनके गृह नगर राघोगढ़ से उनके अनुज लक्ष्मणसिंह विधायक थे । दिग्विजयसिंह पहले मुख्यमंत्री बने फिर उनके अनुज से स्तीफा दिया और उपचुनाव लड़कर दिग्विजयसिंह विधानसभा सदस्य बने ।ये वो तीन बड़े प्रसंग हैं जो सर्वविदित हैं।इनसे आदिवासी की भावनाएँ कितनी आहत हुईं इसकी कल्पना सहज की जा सकती है । इसके अतिरिक्त काँग्रेस में भंवर सिंह पोर्ते,बसन्त राव उइके, छोटेलाल उइके,मोहन लाल ,दिलीप सिंह भूरिया और कमला देवी की उपेक्षा हुई यह सर्व विदित है ।
(लेखक भाजपा के राष्ट्रीयअनसूचित जनजाति मोर्चा के विशेष आमंत्रित सदस्य एवं पूर्व विधायक है)