मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
बादल तो मंडरा रहे पर खुलकर नही बरसे
31 Jul, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । सोमवार को भी बादलों की अठखेलियां जारी रहेगी। आसमान पर बादल तो मंडरा रहे पर खुलकर बरस नही रहे। रविवार को भी सुबह से बादलों की आवाजाही जरी रही। बीच-बीच में चटक धूप भी निकलती रही। बादलों की रंगत देख ऐसा लगा कि जोरदार बारिश होगी लेकिन बादल दगाबाज निकले हल्की बूंदाबांदी कर हवा के साथ आगे बढ़ गए। बादलों की बेरूखी और धूप के बीच बूंदाबांदी के बीच तेज उमस भी महसूस हुई। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में ओडिशा के आसपास हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात नमी मिलने के कारण फिर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, लखनऊ से होकर गुजर रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इन दो मौसम प्रणालियों के असर से रीवा, शहडोल, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल संभाग में झमाझम वर्षा हो सकती है। प्रदेश के शेष क्षेत्रों में कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ सकती हैं। मानसून ट्रफ श्रीगंगानगर, रोहतक, लखनऊ, गया, रांची से कम दबाव के क्षेत्र से होती हुई बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। पंजाब एवं उससे लगे पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त पाकिस्तान और उसके आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि उत्तरी ओडिशा से कमजोर पड़कर बंगाल में गंगा नदी के क्षेत्र में पहुंचकर कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित हो गया है। इसके साथ ही यह मौसम प्रणाली वापस उत्तरी ओडिशा और उससे लगे झारखंड पर सक्रिय है। इसके प्रभाव से पूर्वी एवं उत्तरी मप्र में अच्छी वर्षा होने की संभावना बढ़ गई है।शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सीधी में 17, दमोह में 14, सागर में पांच, जबलपुर में 1.5 मिलीमीटर वर्षा हुई। उज्जैन एवं भोपाल में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी अभिजीत चक्रवर्ती ने बताया कि वर्तमान में उत्तरी ओडिशा और उससे लगे झारखंड पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
कार्यालय में शराबखोरी मामले में एक कर्मचारी निलंबित
31 Jul, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के मुख्यालय में शराबखोरी के मामले में एक कर्मचारी को निलंबित कर महज रस्म अदायगी की गई है, जबकि महिला कर्मचारी से नाइट करवाने के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मालूम हो कि यहां रात की पाली में महिला कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी, जबकि पुरुष वहीं शराब भी पी रहे थे। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक कर्मचारी को निलंबित कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई है। जबकि महिलाओं की रात में ड्यूटी लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इधर, विभाग की संयुक्त नियंत्रक माया अवस्थी ने प्रयोगशाला प्रभारी संदीप विक्टर से जवाब तलब किया है। उन्होंने पूछा है कि शाम छह बजे के बाद महिला कर्मचारियों की ड्यूटी किसके आदेश से लगाई गई है। हालांकि वह इसका जवाब नहीं दे सके हैं। जानकारी के अनुसार प्रयोगशाला प्रभारी की कार्यप्रणाली को लेकर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। पूर्व में संयुक्त नियंत्रक अभिषेक दुबे ने संदीप विक्टर की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी जताई थी। साथ ही उन्हें समय पर कार्यालय आने के निर्देश दिए थे। जब तक वह रहे, तब तक सब ठीक रहा, उनके जाते ही माहौल ज्यों का त्यों हो गया। कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि प्रभारी कभी भी समय पर नहीं आते हैं। उनका कार्यालय एक बजे के बाद ही खुलता है। यही कारण है कि न तो खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच समय पर होती हैं और न ही जिलों को रिपोर्ट समय पर जारी हो पाती है। मालूम हो कि 28 जुलाई को इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित हुआ था। इसमें खाद्य एवं औषधि विभाग मुख्यालय में तकनीकी सहायक लखन मदनेकर अपने साथियों के साथ शराब पार्टी कर रहे थे। जिस समय शराब पार्टी चल रही थी, उस समय महिला कर्मचारी लैब में नमूनों की जांच कर रही थी। अमूमन लैब में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को शाम छह बजे के बाद नहीं रोका जाता है, लेकिन प्रयोगशाला प्रभारी अधिकारी संदीप विक्टर ने इन्हें जांच पूरा करने के निर्देश दिए थे। इस दौरान एक भी जिम्मेदार अधिकारी प्रयोगशाला में मौजूद नहीं था। इस बारे में खाद्य अधिकारी देवेंद्र वर्मा का कहना है कि कार्यालय में शराब पार्टी किए जाने का वीडियो सामने आया था। तकनीकी सहायक लखन मदनेकर को निलंबित किया गया है। साथ ही महिला कर्मचारियों को देर रात रोकने की भी जांच की जा रही है।
कुबेरेश्वर धाम में रवि प्रदोष पर तीन लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे
31 Jul, 2023 03:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीहोर जिला मुख्यालय के पास चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण पुरुषोत्तम मास में प्रदोष श्रद्धा भक्ति के साथ मनाया गया। इस मौके पर यहां पर लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं ने फूलों से विशेष श्रृंगार किया और यहां पर स्थित पवित्र शिला पर जल अर्पित कर मंगल की कामना की।
रविवार सुबह पंडित प्रदीप मिश्रा ने रवि प्रदोष पर महाआरती की। रविवार को छुट्टी होने के कारण साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं धाम पर पहुंचे। मंदिर से इंदौर-भोपाल हाईवे के दो किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लगी हुई थी। जाम की स्थिति को देखते हुए यातायात और पुलिस सहित समिति ने ट्रैफिक व्यवस्था संभाली।
रविवार को करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं को यहां पर बने काउंटरों से रुद्राक्ष वितरण किए। उन्होंने बताया कि श्रावण पुरुषोत्तम मास में प्रदोष है। रवि प्रदोष व्रत करने से आय, आयु और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। साथ ही मानसिक और शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है।अत: शिव भक्त श्रद्धा भाव से देवों के देव महादेव की पूजा उपासना करते हैं।
अगर आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो रवि प्रदोष व्रत पर विधि विधान से महादेव और माता पार्वती की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय शिव प्रदोष स्तोत्र का पाठ करें। इस स्तोत्र के पाठ से साधक की सभी मनोकामनाएं धीरे धीरे पूर्ण हो जाती हैं।
दर्दनाक सड़क हादसे में दो दोस्तों की मौत
31 Jul, 2023 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा | नागपुर रोड चंदन गांव में एक तेज रफ्तार इको स्पोर्ट कार डिवाइडर पर चढ़ गई, जिससे कार में सवार दो युवको की मौत हो गई। टीआई सुमेर सिंह जगेत के मुताबिक शनिचरा बाजार निवासी संगीत मिश्रा पिता मनीष मिश्रा और संचार कॉलोनी निवासी अर्पित चड्ढा इस कार में सवार थे, दोनों छिंदवाड़ा की तरफ आ रहे थे, तभी तेज रफ्तार कार चंदन गांव के पास अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई। हादसा इतना भयानक था कि कार के परखच्चे उड़ गए। उनकी कार में बैठे अर्पित चड्ढा और संगीत मिश्रा बुरी तरह से कार में फंस कर जख्मी हो गये, जिनका अधिक खून बह जाने से मौके पर ही मौत हो गई।
गर्भवती जूनियर डॉक्टर ने एनेस्थीसिया का ओवर डोज लेकर की आत्महत्या
31 Jul, 2023 01:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) से गायनेकोलॉजिस्ट में पीजी थर्ड ईयर की जूनियर डॉक्टर सरस्वती ने रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात अपने बेडरूम में खुदकुशी कर ली। उन्होंने बेहोशी की दवाईयों व इंजेक्शन का ओवरडोज लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया। पुलिस को मृतका के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
थाना प्रभारी विजय सिंह सियोदिया ने बताया कि कहकशा अपार्टमेंट कोहेफिजा निवासी डॉ. सरस्वती पति जयवर्धन चौधरी (27) मूलत: बेंगलूरु आंध्र प्रदेश की रहने वाली थी। वह यहां गांधी मेडिकल कॉलेज(जीएमसी) में गायनेकोलॉजिस्ट में पीजी थर्ड इयर की पढ़ाई कर रहीं थी। यहां वे अपने पति जयवर्धन चौधरी के साथ रही थीं। सोमवार सुुबह करीब साढ़े छह बजे बेंगलूरु में रहने वाले भाई ने जूनियर डॉक्टर सरस्वती को उनके मोबाइल पर कॉल किया, जब उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया तो बहनोई जयवर्धन कॉल कर बात कराने को कहा।
जब जयवर्धन बेडरूम में पहुंचे तो सरस्वती अपने बेड पर बेसुध हॉलत में पड़ी थी। उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को जूनियर डॉक्टर सरस्वती के बेडरूम से बेहोशी की दवाईयां व बेहोशी का खाली इंजेक्शन की शीशी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि जूनियर डॉक्टर सरस्वती ने इन दवाईयों का ओवर डोज लेकर खुदकुशी की है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पति को सौंप दिया है।
भोपाल में तैयार हो रही हैं दीनदयाल रसोई बांटने वाली गाडिय़ां
31 Jul, 2023 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश सरकार की योजना के बाद अब इंदौर नगर निगम की मदद से मजदूर डेरों और बस्तियों तक दीनदयाल रसोई पहुंचाने के लिए 25 विशेष गाडिय़ां भोपाल में तैयार हो रही हैं। इनमें से चार गाडिय़ां इन्दौर को भी मिलेंगी, जिनकी मदद से विभिन्न बस्तियों और मजदूर डेरों तक दीनदयाल रसोई 5 रुपए के शुल्क पर मोबाइल सूचना के बाद भेजी जा सकेगी।
अब तक इंदौर शहर के पांच स्थानों पर दीनदयाल रसोई का संचालन किया जा रहा है और इसके लिए निगम ने कुछ समाजसेवी संस्थाओं को यह जिम्मेदारी सौंप रखी है। सरवटे बस स्टैंड, गंगवाल बस स्टैंड और अन्य कई क्षेत्रों में इसका संचालन हो रहा है, जहां प्रतिदिन पांच रुपए में दीनदयाल रसोई उपलब्ध कराई जाती है। पिछले दिनों मप्र शासन ने दीनदयाल रसोई विभिन्न मजदूर ठीयो और गरीब बस्तियों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे और इसके लिए समाजसेवी संस्थाओं के मोबाइल नंबर पर फोन कर पांच रुपए में दीनदयाल रसोई संबंधितों को उनके क्षेत्रों में गाडिय़ों के माध्यम से मिल सकेगी। गरीबी उपशमन प्रकोष्ठ के प्रभारी मनीष शर्मा मामा के मुताबिक भोपाल में पिछले दिनों इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने 25 गाडिय़ां तैयार कराने के टेंडर जारी किए थे और इनका काम भी शुरू हो गया है। अगस्त के पहले अथवा दूसरे सप्ताह में चार गाडिय़ां इन्दौर को भी मिलेंगी। इन गाडिय़ों के माध्यम से दीनदयाल रसोई का भोजन जरूरतमंदों तक मोबाइल पर सूचना के आधार पर भेजा जा सकेगा और इसके लिए संबंधित संस्थाओं से भोजन उपलब्ध कराने को लेकर चर्चा भी हो चुकी है। किसी भी मजदूर चौक अथवा तंग गरीब बस्तियों में दीनदयाल रसोई का भोजन मंगवाया जा सकेगा और इसके लिए 5 रुपए का शुल्क ही चुकाना होगा।
उम्रदराजों के हाथों में विधानसभा सचिवालय का कामकाज
31 Jul, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । सेवानिवृत्त अफसरों के पुर्नवास के मामले में राज्य शासन के नक्शेकदम पर अब प्रदेश की विधानसभा का सचिवालय भी चल रहा है। शायद यही वजह है कि विधानसभा सचिवालय का कामकाज अब बुजुर्गों के हाथों में है। यहां पर सचिवालय में सेवानिवृत्त हो चुके पीएस से लेकर अनुभाग अधिकारी तक जमे हुए हैं। इसकी वजह से जहां अधीनस्थों को उच्च पदों पर काम करने का मौका नहीं मिल पा रहा है तो, वहीं युवाओं को नौकरी का अवसर भी नहीं मिल रहा है। फिलहाल यहां पर आधा अफसर सेवानिवृत्त अफसर जमे हुए हैं। कुछ अधिकारी नियमों की लेकिन-परंतु की व्याख्या करते हुए रिटायरमेंट के कई साल बाद भी येन-केन प्रकारेण सरकारी सुविधाएं और रौब की धमक बनाए रखने के लिए कुर्सी पर जमे हुए हैं। विधानसभा सचिवालय में पिछले कुछ दशकों से सरकारी नियम-कानूनों के बंधन की अपने हिसाब से व्याख्या करते हुए अधिकारी-कर्मचारी नौकरी में आते हैं और फिर रिटायरमेंट के बाद किसी न किसी रूप में जमे रहते हैं। इस तरह के जोड़ तोड़ की शुरुआत 1990 के दशक से हुई, उस समय प्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह की सरकार थी। बाद में कुछ कर्मचारियों की नियुक्तियों को लेकर भी विवाद खड़ा हुआ था। जिसके बाद दो अधिकारियों सत्यनारायण शर्मा व कमलकांत शर्मा की गिरफ्तारी तक हुई थी। इसके बाद कुछ और नियुक्तियों पर सवाल उठे जिनमें से कुछ निरस्त हो गईं तो कुछ नियुक्तियां हो भी गईं। हाल ही में एक नियुक्ति ऐसी की गई, जिसमें उसे नौकरी देने के लिए आवेदक की पात्रता की शर्तों को उसके दायरे तक सीमित रखने का सूचना जारी की गई।
विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियां तो संदेह के दायरे में आईं हीं लेकिन कुछ विशिष्ट लोगों की आंखों के तारे बनकर अधिकारियों को रिटायरमेंट के बाद सेवा में बनाए रखने के लिए भी जोड़-तोड़ होती रही है। अभी मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रमुख सचिव अवधेश प्रताप सिंह से लेकर सचिव शिशिर चौबे, अवर सचिव रमेशचंद्र रूपला व मुकेश मिश्रा, अनुभाग अधिकारी रमेश सागर व एसपी बुंदेला रिटायरमेंट के बाद भी सेवावृद्धि, संविदा नियुक्तियों पर काम कर रहे हैं। सचिव चौबे की उम्र 65 साल हो जाने के बाद उन्हें परामर्शी के रूप में रखे जाने और संविदा नियुक्ति की सेवाशर्तों के आदेश के बाद संशोधित आदेश से फिर संविदा नियुक्ति दे दी गई। अवर सचिव रमेशचंद्र रूपला रिटायरमेंट के बाद भी संविदा नियुक्ति पर पदस्थ हैं।
अमजद खान को भगवान बजरंगबली की प्रतिमा का अपमान करना पड़ा भारी
31 Jul, 2023 12:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | मध्य प्रदेश के शहपुरा के मां शारदा टेकरी के पास स्थित भगवान बजरंगबली मंदिर की प्रतिमा का अपमान करने के मामले में लोगों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। लोगों ने बाजार को पूरी तरह से बंद कर जबलपुर अमरकंटक मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है।रविवार दोपहर एक बजे शहपुरा के निवास तिराहे के पास मार्ग में आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।
जानकारी मिलने पर कलेक्टर विकास मिश्रा, पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव सिन्हा मौके पर पहुंचे।लोगों ने भगवान बजरंगबली की प्रतिमा को अपमानित करने वाले आरोपियों फिरोज खान और अमजद खान के खिलाफ एनएसए के तहत मामला दर्ज करने और उसका घर गिराने की मांग कर रहे थे, जिसके बाद आनन-फानन में आरोपित अमजद खान का शहपुरा में स्थित कच्चा मकान बुलडोजर से ढहा दिया गया।
इस दौरान भारी पुलिस फोर्स मौजूद रही।दोनों आरोपितों पर एनएसए के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव जिले से मंत्रालय भेजने की जानकारी जब अधिकारियों ने दी तभी प्रदर्शनकारी माने। दोपहर 3 बजे के बाद ही इस मार्ग में आवागमन बहाल हो सका।प्रदर्शन कर रहे हिंदूवादी संगठनों और अन्य लोगों ने भाजपा के जिला अध्यक्ष, अवध राज बिलैया, जिला महामंत्री ज्ञानदीप त्रिपाठी और शहपुरा के मंडल अध्यक्ष घनश्याम कछवाहा का पुतला फूंका।
उनका आरोप है कि मामले में इन नेताओं द्वारा कोई पहल नहीं की गई। इसी का नतीजा था कि इतने दिन तक आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इन नेताओं के खिलाफ 'हाय-हाय' के नारे भी लगाए।
यह है पूरा मामला?
दरअसल, बजरंगबली की प्रतिमा को अपमानित करने का मामला 17 जुलाई को सामने आया था। जब लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया तो 19 जुलाई को मामला दर्ज कर दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया। इसके बाद से ही लोग आरोपितों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे।इस मामले को लेकर शहपुरा समेत विक्रमपुर, समनापुर, शाहपुर, बजाग, करंजिया, गाड़ासरई, मेहेदवानी व अन्य कस्बे का बाजार भी बंद रख कर प्रदर्शन किया जा चुका है।
नगर निगमों पर भारी पड़ रहे हैं बिजली के बिल
31 Jul, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । चुनावी साल में भी शहर सरकारों को आर्थिक रूप से राहत नहीं मिल पा रही है। यही वजह है कि अब शहर सरकारें भी कर्ज दर कर्ज लेने को मजबूर हो रही हैं। इनमें भी सबसे खराब स्थिति भोपाल और इंदौर नगर निगमों की है। इन दोनों नगर निगमों को हर माह बिजली का बिल आते ही जोर का झटका धीरे से लगता है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव में महज तीन माह रह गए हैं, ऐसे में अगर बिजली के बिलों का भुगतान नहीं किया जाता है तो फिर बिजली कंपनी कनेक्शन काट देगी, जिससे शहर अंधेरे में डूब जाएगा। इस स्थिति में सत्तारुढ़ दल को लेकर लोगों में नाराजगी बढ़ेगी। इस वजह से अब नगर निगमों को मजबूरी में बिजली का बिल भुगतान करने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इसकी वजह से राज्य शासन नगरीय निकायों के लोन रीपेमेंट के लिए बनी मुद्रांक शुल्क निधि से चुका रहा है। यह बात अलग है कि इस मद से कर्ज का भुगतान तभी किया जा सकता है , कर्ज विकास कामों के लिए लिया गया हो। दरअसल वित्तीय कुप्रबंधन और फिजूलखर्ची पर रोक नहीं लगाने की वजह से प्रदेश के अधिकांश नगरीय निकायों की माली हालत खराब बनी हुई है। यह निकाय करों की वसूली में भी रुचि नहीं लेते हैं, जिससे आय में वृद्धि नहीं हो पाती है। भोपाल में करीब चार साल पहले बकाया अधिक होने की वजह से बिजली कंपनी ने सप्लाई बंद करना शुरू कर दी थी। स्ट्रीट लाइट्स की बिजली काट दी थी। फिर नगर निगम के कार्यालयों की बिजली बंद करना शुरू कर दी। इसके बाद शहर में जलप्रदाय करने वाले कोलार प्लांट की विद्युत आपूर्ति रोक दी गई। इससे घबराकर निगम प्रशासन ने कुछ राशि बिजली कंपनी के खाते में जमा करा दी।
कुछ दिन बाद कटौती का सिलसिला फिर शुरू हो गया। दो-तीन हफ्ते में ही शहर के 25 फीसदी इलाकों की स्ट्रीट लाइट्स की बिजली सप्लाई बंद कर दी गई। यह क्षेत्र अंधेरे में डूब गए। इसे लेकर रहवासी शिकायत करने लगे। राजनीतिक मुद्दा भी बनने लगा। ऐसे में नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को दखल देना पड़ा। उन्होंने बिजली कंपनी के अधिकारियों को बुलाकर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कलेक्टर से अनुमति लिए बगैर कहीं भी सप्लाई बंद नहीं की जाएगी। इसके बाद भी इस साल मई में स्ट्रीट लाइट्स की विद्युत आपूर्ति रोक दी गई थीं।
नगर निगम का हर माह औसतन बिजली का खर्च दस करोड़ रुपए है। इसमें से केवल आठ करोड़ रुपए तो जलप्रदाय का होता है। इस हिसाब से हर साल बिजली बिल भुगतान के लिए नगर निगम को एक अरब रुपए की जरुरत होती है। निगम इसका भुगतान नहीं करता है, लिहाजा शासन द्वारा इस बिल के भुगतान के लिए चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि में कटौती कर बिजली कंपनी को देने के लिए मजबूर बना हुआ है। इस वजह से निगम को अब हर महीने छह करोड़ रुपए कम मिल पा रहे हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति से ही अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी दी जाती है। यह पिछले कई महीनों से समय पर नहीं मिल पा रही है। इंदौर समेत कई निकायों की चुंगी क्षतिपूर्ति पर भी शासन की कैंची चल रही है।
मप्र के 162 निकायों की सारी कॉलोनियां वैध
31 Jul, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में सरकार ने दिसंबर 2022 तक की सभी अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे प्रदेश के उन लाखों लोगों को राहत मिल रही है,जो अभी तक सडक़, बिजली, पानी जैसी समस्याओं से जूझ रहे है। गौरतलब है कि पूर्व में सरकार ने दिसंबर 2016 तक की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत राज्य के 413 नगरीय निकायों में से 162 निकाय ऐसे हैं, जिनमें सारी कॉलोनियां वैध हैं। गौरतलब है कि चुनावी साल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मई को अवैध कॉलोनी में रहने वाले लाखों लोगों को साधने के लिए बड़ा ऐलान किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिसंबर 2022 तक की सभी अवैध कॉलोनियों वैध होगी। हमें लोगों की जिंदगी बनानी है। यदि अब कोई अवैध कॉलोनी कटी तो उसके लिए अधिकारी जिम्मेदार होंगे। बता दें दिसंबर 2016 तक 6077 अवैध कॉलोनी वैध होगी। वहीं, दिसंबर 2022 तक इसमें अब करीब ढाई हजार कॉलोनी और वैध हो जाएगी। इससे इन कॉलोनी में रहने वाले लोगों को सुविधाएं मिलेगी।
सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की जो प्रक्रिया शुरू की है, उसके तरह जो तथ्य सामने आए हैं, वे चौकानें वाले हैं। प्रदेश के दो बड़े शहर भोपाल और इंदौर अवैध कॉलोनियों के मामले में दूसरे नगर निगमों से पिछड़ गए हैं। महानगरों का आकार ले रहे इन दोनों शहरों से ज्यादा अनाधिकृत कॉलोनियां खंडवा, ग्वालियर जैसे नगरीय निकायों में हैं। इतना ही नहीं, राज्य के 162 निकाय ऐसे हैं, जिनमें सारी कॉलोनियां वैध हैं। दरअसल, राज्य के 413 नगरीय निकायों में 31 दिसंबर, 2016 तक अस्तित्व में आ चुकी अनाधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की जा रही है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के मुताबिक 16 नगर निगमों में सर्वाधिक अवैध कॉलोनियां ग्वालियर में हैं। वहां 429 अवैध कॉलोनियां चिन्हांकित की गई हैं। इसके बाद खंडवा का नंबर आता है। खंडवा में ऐसी 338 कॉलोनियां हैं। वहीं भोपाल में इनकी संख्या 320 और इंदौर में महज 196 है। सागर, रीवा, मुरैना, सिंगरौली, कटनी, रतलाम, देवास, उज्जैन और बुरहानपुर में आंकड़ा 100 से भी कम है। सबसे कम अवैध कॉलोनियां सिंगरौली नगर निगम क्षेत्र में हैं। वहां केवल नौ कॉलोनी है। इसके बाद 30 कॉलोनियों के साथ मुरैना का स्थान है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस साल मई में 31 दिसंबर, 2022 तक की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा की थी। कहा था कि छोटे प्लॉट पर निर्मित मकान को जैसा है वैसा ही स्वीकार किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक इसका फायदा प्रदेश की करीब 2500 कॉलोनियों के लाखों रहवासियों को मिलेगा। अमृत, विधायक निधि समेत अन्य संसाधनों से इनमें बुनियादी विकास कार्य कराए जाएंगे। फिलहाल निकायों में ऐसी कॉलोनियों को चिन्हांकित कर नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है। प्रदेश में 16 नगर निगम है। फिलहाल 11 में वैध की गई कॉलोनियों में बिल्डिंग परमिशन मिलने लगी है। राजधानी की 320 अनाधिकृत कॉलोनियों में से 238 को वैध करने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। नगर निगम इनमें 170 से अधिक बिल्डिंग परमिशन भी जारी कर चुका है। इंदौर में 100 कॉलोनियों की वैध कर 65, उज्जैन की 33 में 100, खंडवा की 40 कॉलोनी में दस भवन अनुज्ञा. देवास की 95 में दो, रतलाम की 51 में 25, कटनी की 76 कॉलोनी में 17, ग्वालियर की 169 में नौ, मुरैना की तीन कॉलोनियों में 3 रीवा की 40 में दस और सतना की 137 कॉलोनियों में 21 से अधिक बिल्डिंग परमिशन दी जा चुकी है। इस तरह नगर निगमों की 1149 अवैध बसाहट नियमित हो चुकी है। अधिकारियों को 251 निकायों की 6077 कॉलोनियों को 30 जून तक वैध करने का टारगेट दिया गया था। हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया। कुछ निकायों में यह प्रक्रिया चल रही है।
चुनाव से पहले दर्जनों प्रतिमाओं का होगा अनावरण
31 Jul, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कुछ ही महीने रह गए हैं। चुनाव के सियासी समीकरण को अपने पक्ष में करने के लिए भगवान और महापुरुषों की मूर्ति लगाने की होड़ शुरू हो गई है। ग्वालियर में ही 19 बड़ी प्रतिमायें तैयार हो रही हैं।जिन की सप्लाई अक्टूबर माह तक हर हालत में करना,मूर्तिकारों को भारी पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 11 फीट से लेकर 111 फीट तक की प्रतिमायें तैयार की जा रही हैं।इसमें 6 प्रतिमाएं महाराणा प्रताप की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की 3 प्रतिमायें हैं। 111 फीट की मूर्ति भगवान राम की,108 फीट की प्रतिमा हनुमान जी की और 108 फुट की प्रतिमा भगवान परशुराम की तैयार हो रही है। ओंकारेश्वर में शंकराचार्य की जो मूर्ति लगना है वह भी 108 फीट की यहीं तैयार हो रही है। चुनाव के पहले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं की भी बड़ी मांग सामने आई है।
मध्यप्रदेश में मूर्तिकार के रूप में प्रभात राय की बड़ी साख है। उनके पास 19 बड़ी मूर्तियों के आर्डर हैं। उनके यहां दिन-रात काम चल रहा है। 15 फीट से लेकर 111 फीट तक की मूर्तियां इनके यहां तैयार हो रही हैं। इन सभी की डिलीवरी अक्टूबर वहां तक करना अनिवार्य है। एक मूर्ति की कीमत 12 लाख रुपए से लेकर सवा करोड़ रुपए तक होती है। इन्होंने नई मूर्तियों के ऑर्डर लेना बंद कर दिए हैं। जिन मूर्तियों को बनाने के ऑर्डर लिए हैं, वही समय पर बन जाए,यह इनकी प्राथमिकता है।
गुना में 108 फीट के भगवान राम की प्रतिमा को स्थापित किया जाना है। अशोक नगर में 111 फीट के हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित होनी है। कटनी में 108 फीट के भगवान परशुराम की मूर्ति लगना है। महाराणा प्रताप की मूर्ति के सबसे ज्यादा ऑर्डर भोपाल के हैं। राज्य शासन के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, विधायक जजपाल सिंह और संजय पाठक जल्द से जल्द मूर्ति का अनावरण करने के लिए लगातार मूर्तिकार के संपर्क में बने हुए हैं।
चुनाव के साल आती है,आंदोलनों की बाढ़
31 Jul, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव के पहले आंदोलनों की बाढ़ आ गई है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पिछले 4 वर्षों में जितने आंदोलन नहीं हुए। उससे ज्यादा आंदोलन पिछले 4 माह में हो गए हैं। कुछ इसी तरीके की स्थिति जिला मुख्यालयों पर भी बनी हुई है। आए दिन जिलों में भी आंदोलन और प्रदर्शन हो रहे हैं। कर्मचारी संगठन और अन्य संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। ताकि चुनाव के पहले सरकार उनकी बात को मान ले। चुनाव के बाद फिर उनकी मांग पर सुनवाई नहीं होगी। जिसके कारण सभी वर्गों को सरकार तक अपनी अपनी बात पहुंचाने के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है।
सबसे ज्यादा परेशानी पुलिस बल को हो रही है। पुलिसकर्मियों को 18 से 20 घंटे तक की ड्यूटी करनी पड़ रही है।वह लगातार तनाव से गुजर रहे हैं।आए दिन होने वाले प्रदर्शन और राजनीतिक दलों की रैली और जनसभाओं के कारण पुलिसकर्मी बुरी तरह से परेशान हैं। नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। उनकी सुरक्षा में भी काफी पुलिस बल लग रहा है। विशेषकर महिला पुलिस कर्मियों की जब वीवीआइपी ड्यूटी लगती है। तब उन्हें खाने-पीने और टॉयलेट जैसी समस्याओं से उन्हें जूझना पड़ता है। जिसके कारण पुलिस बल में भारी दबाव देखने को मिल रहा है।
पुलिस बल संख्या में काफी कम है। स्वीकृत पदों से कम संख्या में पुलिस बल काम कर रहा है। आए दिन आसपास के जिलों से पुलिस बल बुलाया जाता है।इन पुलिसकर्मियों को सबसे ज्यादा परेशानियों से गुजरना पड़ता है। विशेष रूप से आरक्षक और महिला आरक्षक बहुत परेशान हैं। आए दिन आसपास के जिलों से पुलिस बल को बुलाकर ड्यूटी पर लगाया जाता है। लेकिन उनके खाने-पीने और सुख सुविधाओं का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है। जिसके कारण पुलिस बल में तनाव बढ़ता जा रहा है।
मप्र में अब 70 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले पर रोक
31 Jul, 2023 08:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में अब 70 हजार अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले नहीं होंगे। सरकार को कलेक्टर का तबादला करने के पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। दो अगस्त से प्रारंभ होने जा रहे मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्य को देखते हुए यह व्यवस्था लागू की गई है।
वहीं, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना की ओर से चुनाव आयोग को एक स्थान पर तीन साल से पदस्थ अधिकारियों को हटाए संबंधी निर्देश का पालन प्रतिवेदन दिया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि 31 अगस्त तक मतदाता सूची में नाम जोडऩे, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन लिए जाएंगे। सेक्टर अधिकारी मतदाता सूची का वाचन करेंगे। इसमें जनवरी में हुए संक्षिप्त पुनरीक्षण में जिनके नाम काटे या जोड़े गए थे, उनकी जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन आवासों का भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा, जिनमें छह से अधिक मतदाता हैं।
कांग्रेस ने इसको लेकर शिकायत की थी कि भोपाल के नरेला विधानसभा में कई आवास ऐसे हैं, जिनमें कई मतदाता हैं। 22 सितंबर तक दावे-आपत्ति का रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निराकरण किया जाएगा। जिसका भी नाम सूची से हटाया जाएगा, उसके पहले उसे नोटिस दिया जाएगा ताकि वह अपना पक्ष रख सके।
चार अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। मतदाता सूची के कार्य को देखते हुए आयोग ने शासन को निर्देश दिए हैं कि इससे जुड़े किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का तबादला न किया जाए। यदि उसे हटाया जाना आवश्यक है तो आयोग से पूर्व अनुमति ली जाए। इसमें 64 हजार 100 बूथ लेवल आफिसर सहित सेक्टर अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी और कलेक्टर शामिल हैं।
उधर, तीन साल से एक स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को हटाने के चुनाव आयोग के निर्देश का पालन प्रतिवेदन सोमवार को मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की ओर से आयोग को देना है। राजस्व, सामान्य प्रशासन, गृह सहित अन्य विभाग, ऐसे अधिकतर अधिकारियों का तबादला कर चुके हैं।
बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र को सर्व-सुविधायुक्त बनाया जायेगा
30 Jul, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : आयुष राज्य मंत्री रामकिशोर 'नानो' कावरे ने कहा है कि परसवाड़ा क्षेत्र को विकास के मामले में सर्व-सुविधायुक्त बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि विकास के सभी काम समय पर पूरे कराये जायेंगे। राज्य मंत्री शनिवार को बालाघाट के परसवाड़ा क्षेत्र के ग्राम लामता, कनारी, दौनी, घुर्सीटोला में विकास पर्व पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर 76 लाख 10 हजार रूपये लागत के 9 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया।
राज्य मंत्री कावरे ने कहा कि परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का लामता एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसके आसपास जनजातीय क्षेत्र की बड़ी आबादी निवास करती है। इसे ध्यान में रखते हुए ग्राम लामता में सभी आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि 9 करोड़ रूपये लागत का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन जल्द बनाया जायेगा। इस क्षेत्र में 8 करोड़ रूपये लागत का कॉलेज भवन भी लगभग बनकर तैयार हो गया है। लामता पंचायत के लिये 40 लाख 48 हजार रूपये की पेयजल योजना को मंजूरी मिल गई है। मंत्री कावरे ने इस मौके पर आँगनवाड़ी केन्द्र भवन, माध्यमिक शाला भवन का भूमि-पूजन किया। उन्होंने विकास पर्व के दौरान आँगनवाड़ी केन्द्र भवन का लोकार्पण किया।
भोपाल का गो-काष्ठ अन्य राज्यों का भी बचा रहा वन एवं पर्यावरण
30 Jul, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : पृथ्वी पर प्राणी मात्र के अस्तित्व के आधार जंगल और स्वच्छ पर्यावरण को बचाने की एक अनूठी अलख जगी है, मध्यप्रदेश के भोपाल से। गो-काष्ठ मेन ऑफ इंडिया कहे जाने वाले सेंट्रल पॉल्यूशन बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. योगेन्द्र कुमार सक्सेना द्वारा 5 साल पहले भोपाल में शुरू की गई मुहीम से अब तक 5 लाख 10 हजार क्विंटल लकड़ी और तकरीबन 3400 एकड़ का वन क्षेत्र बच सका है। वहीं गोबर के आय परक होने से गो-शालाओं में बेसहारा, वृद्ध और अनुपयोगी गायों की पूछ-परख बढ़ गई है। शव दहन, होलिका दहन, औद्योगिक बायलर, होटल के तंदूर एवं अलाव आदि में लकड़ी का स्थान गो-काष्ठ लेने लगा है।
डॉ. सक्सेना ने बताया कि गो-काष्ठ के जलने से 24.80 प्रतिशत कार्बन डाई ऑक्साइन का उत्सर्जन कम होता है। नमी कम होने के कारण गो-काष्ठ जल्दी जल जाता है और आम की लकड़ी देर तक जलती रहती है। सामान्य लकड़ी से शव दहन को 8 से 9 घंटे लगते हैं, जबकि गो-काष्ठ से यह प्रक्रिया 4-5 घंटे में पूरी हो जाती है। सामान्य लकड़ी की खपत 4 से 5 क्विंटल के विरूद्ध गो-काष्ठ केवल ढ़ाई से 3 क्विंटल ही लगता है। हिन्दु मान्यता के अनुसार यह पवित्र होने के साथ सस्ता भी पड़ता है।
भोपाल के 10 श्मशान घाट में आमजन गो-काष्ठ का प्रयोग स्वेच्छा से करने लगे हैं। भोपाल ही नहीं दिल्ली, बनारस, कानपुर, नागपुर, मुम्बई, जयपुर, अमरावती, रोहतक, रायपुर, इंदौर, कटनी, छिंदवाड़ा, नासिक, प्रयागराज आदि शहरों में भी भोपाल के गो-काष्ठ का प्रयोग अंतिम संस्कार के लिये किया जा चुका है।
भोपाल गो-काष्ठ पूरे देश में एक मॉडल के रूप में स्थापित हो चुका है। केन्द्र शासन द्वारा राज्यों को राष्ट्रीय स्तर पर भोपाल मॉडल को आधार बनाते हुए गो-काष्ठ निर्माण और उपयोग के लिये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
भोपाल में साढ़े 3 लाख क्विंटल गौ-काष्ठ का उपयोग हो चुका है। इसमें से 80 हजार क्विंटल गो-काष्ठ होलिका दहन में उपयोग हुआ। गो-काष्ठ के एवज में लगभग 85 हजार पेड़ कटने से बचे हैं।
डॉ. सक्सेना की देख-रेख में बुधनी की वर्धमान इंडस्ट्रीज में केप्टिव पॉवर प्लांट में फेबरिक के निर्माण में ईंधन के रूप में गो-काष्ठ का प्रयोग हुआ। इससे 19 मेगावॉट की बिजली बनाई गई, जो बिल्कुल कोयले की तरह जली। गो-काष्ठ के उपयोग से 30 प्रतिशत प्रदूषण भी कम होता है। केप्टिव पॉवर प्लांट मं 135 टन प्रति घंटे क्षमता का बायलर है, जिससे अधिकतम 115 टन प्रति घंटे भाप का उत्पादन किया जाता है और 24 मेगावॉट के प्लांट में अधिकतम 19 मेगावॉट बिजली बनती है, जिसके लिये रोज 360 टन कोयला इस्तेमाल होता है। डॉ. सक्सेना द्वारा किये गये ट्रायल में मात्र 36 टन गो-काष्ठ का उपयोग किया गया। इससे भाप, बिजली और फेबरिक के उत्पादन में कोई अन्तर नहीं देखा गया। कंपनी 100 प्रतिशत तक गो-काष्ठ उपयोग पर विचार कर रही है।