मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व मंत्रियों, समाज सेवियों और पर्यावरण प्रेमियों के साथ किया पौध-रोपण
30 Jul, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्यामला हिल्स स्मार्ट उद्यान में पूर्व मंत्री जयंत मलैया और अजय विश्नोई के साथ पौध रोपण किया। पर्यावरण प्रेमी नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता पौध-रोपण में शामिल हुए। आज पीपल, करंज आम और नीम के पौधे लगाए गए।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ भोपाल, हरदा और नरसिंहपुर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पौधे लगाए। इनमें सुरेश कुमार चौहान, आशीष चौहान, संजय सिंह, सुमन चौहान, जया चौहान, प्रणव शर्मा, सुरेश सेंगर, सतीश शर्मा, अरुणा शर्मा, सुनील चौहान, सरोज चौहान, देवराज चौहान, प्रदीप रघुवंशी, हरिशंकर शर्मा, अंकुर मिश्रा, राकेश चतुर्वेदी, सुरेंद्र चौहान, राजेंद्र खरे, ओमप्रकाश खरे, सुबोध सिंह, आभा खरे, रामेश्वरी खरे, सव्यसिंह पटेल और सिद्धार्थ पटेल शामिल हैं। इन सभी ने पौधरोपण के साथ श्रमदान भी किया।
जयंत मलैया बोले- कांग्रेस झूठे सपने दिखा रही
30 Jul, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी ने घोषणा पत्र समिति का प्रमुख पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को बनाया है। रविवार को मलैया ने कांग्रेस के वचन पत्र को झूठा बताते हुए कहा कि लोग समझ है कि कौन कहता और कौन करता है। उन्होंने पार्टी से नाराज होने के सवाल पर कहा कि हम तो रूठे ही नहीं थे। भोपाल में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी घोषणा हुई है। सभी साथियों के साथ बैठ कर चर्चा करेंगे।
मलैया ने कहा कि भाजपा का जो भी इतिहास रहा है। उसके अनुसार नौजवानों, महिलाओं, किसानों शोषित वंचित वर्गों के लिए बीजेपी हमेशा काम करती रही है। इस बार भी हम सब इसी दिशा में काम करेंगे। कैसे हम प्रदेश और प्रदेश के लोगों को आगे ले जा सकते है।
कांग्रेस के वचन पत्र से मुकाबले के सवाल पर जयंत मलैया ने कहा कि मुकाबले का कोई प्रश्न नहीं उठता। उन्होंने पिछली बार कहा था कि दो लाख रुपए तक का कर्जा माफ करेंगे और 10 दिन में करेंगे। कमलनाथ जी कितने समय तक मुख्यमंत्री रहे, लेकिन दो लाख रुपए तक का कर्जा किसी का माफ नहीं हुआ। मलैया ने कहा कि इसका सभी लोगों को अच्छे से अहसास है। यह लोग सिर्फ कहने के लिए कह रहे है। मैं उस समय वित्त मंत्री था, मुझे पता था कि ना तो सरकार की हालत ऐसी है कि किसानों का दो लाख रुपए का कर्जा माफ किया जाए। यह मालूम था कि यह सब हवा हवाई है। यह बात सही है कि थोड़ी सीटों से उनकी सरकार बन गई। लेकिन अब लोग सब समझ गए है कि कौन कहता है और कौन करता है।
मलैया ने कहा कि कांग्रेस अभी तक सिर्फ झूठे सपने दिखा रही है। हमारी कोई योजना आती हे तो कहते है कि हमारी सरकार आएगी तो हम इससे बेहतर करेंगे। घोषणा पत्र की पहली बैठक को लेकर मलैया ने कहा कि पार्टी के नेताओं से बात कर बैठक करने को लेकर चर्चा करेंगे। कांग्रेस का वचन पत्र तैयार होने को लेकर कहा कि हमारा उससे कोई लेना देना नहीं है। भाजपा की अपनी सोच और चिंतन है। उसी दृष्टि से पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी करेंगी। वहीं, पार्टी की नाराजगी के चलते घोषणा पत्र समिति में शामिल करने के सवाल पर मलैया ने कहा कि मैं तो रूठा भी नहीं था। प्रभात झा जी का तो सवाल ही नहीं उठता।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान परशुराम जन्मस्थली, जानापाव में दर्शन और पूजन-अर्चन किया
30 Jul, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इंदौर जिले के जानापाव में भगवान परशुरामजी जन्मस्थली में दर्शन और पूजन-अर्चन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर जिले के प्रभारी तथा गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद वी.डी. शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, धार सांसद छतर सिंह दरबार ने भी दर्शन और पूजन-अर्चन किया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमित शाह को प्रस्तावित परशुराम लोक के निर्माण के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 10 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से परशुराम लोक का विकास प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विगत माह अपने जानापाव भ्रमण के दौरान घोषणा की थी, कि भगवान परशुराम जी की जन्म स्थली को प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और यहां भव्य परशुराम लोक बनाया जाएगा।
विमानतल पर हुआ स्वागत
इसके पूर्व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इंदौर विमानतल पहुँचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। अमित शाह काकेन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद वी.डी. शर्मा, सांसद शंकर लालवानी और कविता पाटीदार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, पूर्व विधायक राजेश सोनकर और अन्य जन-प्रतिनिधियों ने भी स्वागत किया।
राज्यपाल पटेल ने विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए रवाना किया
30 Jul, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राजभवन से अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय, ग्वालियर के विद्यार्थियों की बस को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। विश्व बैंक और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वित्तीय सहयोग से संचालित राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के संस्थान विकास कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के 18 विद्यार्थी चयनित हुए हैं। इनमें से 8 विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में और 10 विद्यार्थी फिलीपींस के उच्च कृषि शिक्षा संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, विद्यार्थियों के माता-पिता, पालक, कुलपति डॉ अरविन्द कुमार शुक्ला एवं प्राध्यापक मौजूद थे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने विद्यार्थियों और पालकों से चर्चा की। छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। माता-पिता से सतत संवाद करते रहने के लिए कहा। पालकों को बच्चों का निरंतर उत्साह वर्धन करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल को विश्वविद्यालय की शोध गतिविधियों की जानकारी दी गई। अन्न अथवा मिलेट्स की विभिन्न प्रजातियों के नमूने दिखाए गए।
अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए वेस्टर्न सिडनी यूनिर्वसिटी आस्ट्रेलिया जाने वालो में कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से निखिल खरे, कशिश यादव, शिवराज सिंह पोसवाल, आलोक चतुर्वेदी, कृषि महाविद्यालय सीहोर से तनु सिसौदिया, उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर से सुरभि आचार्य और कृषि महाविद्यालय, इंदौर से निकिता सोलंकी और आदेश कनेल शामिल हैं। आई.आर.आर.आई. मनीला फिलीपींस जाने वालो में कृषि महाविद्यालय ग्वालियर से स्नेहा विश्वास, स्नेहा शर्मा, सुरंजना कुमारी, प्राजिक्ता कटारे, कृषि महाविद्यालय इन्दौर से जयदीप पाठक, मुनीरा कौसर अंसारी, मरीना वी.एल., कृषि महाविद्यालय सीहोर से श्रुति तोमर, कृषि महाविद्यालय खण्डवा से अनुराग शर्मा और उद्यानिकी महाविद्यालय मंदसौर से गार्गी त्रिपाठी शामिल हैं।
धर्म के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने में जुटे नेता
30 Jul, 2023 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी सरगर्मी तेज हो चुकी है। दावेदार क्षेत्र में लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए नित-नए प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन इस बार मिशन 2023 में टिकट के दावेदारों ने मतदाताओं को आकर्षित करने और अपनी सियासी ताकत दिखाने के लिए धर्म का सहारा ले रहे हैं। प्रदेशभर में नेता अपने-अपने क्षेत्र में धार्मिक कथा करा रहे हैं। वहीं प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर में धार्मिक कथाओं के बाद अब रूद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम चल रहा है। नेता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में घर-घर रूद्राक्ष का वितरण किया जा रहा है।
कभी राम के सहारे अपनी राजनीतिक वैतरणी पार करने वाली भाजपा के बाद अब कांग्रेस के नेता भी धर्म की राजनीति में उत्तर आये है दावेदारों के साथ साथ वर्तमान विधायक भी धार्मिक यात्राओं के बाद शिव के सहारे अपनी चुनावी वैतरणी पार कराने में लग गए है विधानसभा 1, 4 व 5 में रुद्राक्ष व शिवपुराण में नेता अपनी दावेदारी कर रहे है। इसी के चलते घर-घर पंचमुखी रुद्राक्ष बांटे जा रहे है। एक अनुमान के अनुसार इंदौर में इन दिनों 15 लाख से अधिक रुद्राक्ष पहुंच चुके है। वैसे तो इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक पांच में कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही उम्मीदवार फिलहाल तय नहीं हैं, लेकिन सांसद से विधायक का चुनाव लड़ चुके सत्यनारायण पटेल और देपालपुर से पूर्व विधायक व रेनेसां यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति स्वपनिल कोठारी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं। इन दोनों ही ने जन-जन तक पहुंचने के लिए रुद्राक्ष वितरण और धार्मिक आयोजनों को माध्यम बनाया है। इसी तरह विधानसभा 4 में गौड़ परिवार की खिलाफत करने वाले में गंगा मिश्रा भी घर-घर रुद्राक्ष बांट रहे हैं, लोकेंद्रसिंह गौड़ और राजसिंह गौड़ भी शिव महापुराण करवा रहे हैं। विधानसभा दो में रमेश मेंदोला भी घर-घर रुद्राक्ष बांट रहे हैं। हर वार्ड में यह रुद्राक्ष वितरण का कार्य जारी है। विधानसभा 1 में विधायक संजय शुक्ला शुरू से ही सभी धर्मों के लोगो को अपनी आवश्यकता अनुसार वार्ड स्तर पर धार्मिक यात्राएं करवा रहे है कथाओं के सहारे कभी भाजपा नेता अपनी धार्मिक उपस्थिति दर्ज कराते थे शुक्ला भी इसी तर्ज पर बड़ी कथाएं करवा चुके है तो अब वे वार्ड स्तर पर पूरे सावन माह महारुद्राभिषेक करवा रहे है उनके बैनर पोस्टर में कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ प. प्रदीप मिश्रा भी नजर आ रहे है।
दावेदार करा रहे तरह-तरह के आयोजन
टिकट की आस लगाने वाले नेता अपने-अपने क्षेत्र में तरह-तरह के धार्मिक आयोजन कर रहे हैं। विधानसभा 4 से टिकट का सपना संजोए अक्षय कांति बम भी चल पड़े है और अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे है नए नवेले अक्षय ने गर्मी में पानी के टैंकर चलवाने के प्रयास किये तो अब 9 दिवसीय शिव महापुराण करवाने के साथ ही सवा लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर अभिषेक करवा रहे है हालांकि बम की टीम बेहद कमजोर है और कांग्रेसी भी कह रहे है कि पिछलों से कमजोर साबित होंगे लेकिन उम्मीद के सहारे अक्षय मैदान पकड़े हुए है और अब धर्म के सहारे अपनी पहचान बनाने में लगे है। एक अन्य नए नवेले दावेदार राजा मांधवानी भी मैदान में आ गए है वो पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा के सहारे विधानसभा 4 के चुनावी सपने देख रहे है। मांधवानी अब द्वारकापुरी क्षेत्र में राशन बाट रहे तो सिंधी समाज को साधने में लगे है उनके साथ बैठके कर रहे है यहां सिंधी समाज बड़ी संख्या में है बिल्डर से नेता बने राजा मांधवानी अब विधानसभा की बिसात बिछा रहे है। कांग्रेसी बता रहे है कि वे 10 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च चुनाव से पहले ही करने की तैयारी कर चुके हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी घर बुलाकर मदद कर रहे हैं, जो नहीं आ पा रहे हैं उनके घर मदद पहुंंच रही है। वही विधानसभा 5 में पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल व स्वपनिल कोठारी भी धार्मिक आयोजन करवा रहे है यहां से पटेल विधायक रह चुके है और पिछला चुनाव बहुत कम मतों से हारे थे इसलिए फिर मैदान में है पटेल अब कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव भी है और प्रियंका गांधी के नजदीक हो गए है पटेल 5 लाख रुद्राक्ष के साथ बेलपत्र व तुलसी घर घर बटवा रहे है नि:शुल्क पटेल की इस राजनीतिक सेवा में 5 लाख शिव आराधना स्त्रोत भी है जो उनको घर घर पहुंचा रहे है। वैसे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नजदीकी हो गए स्वप्निल कोठारी शिव चालीसा व रुद्राक्ष का वितरण करवा रहे है साथ ही द्वादश ज्योतिर्लिंग का पूजन भी करवाने निकल पड़े है। पहले दोनों दलों के नेता कलश यात्रा व भोजनभण्डारे में विश्वास रखते है अब रुद्राक्ष वितरण इनका सहारा बन रहा है भाजपा के नेता भी अब मैदान पकडऩे वाले है और नए दावेदार सिंग्नल मिलने के बाद बड़े आयोजन की तैयारी में भी लग गए हैं। वहीं देपालपुर में विशाल पटेल तो राऊ में जीतू पटवारी, सांवेर में तुलसी सिलावट लगातार धार्मिक आयोजन करवाने में जुटे हैं। सांवेर में रीना बौरासी शिव महापुराण कथा का आयोजन करा रही हैं। इसी बहाने लोगों तक पहुंचने का प्रयास और अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के प्रयास में ये जुटे हैं।
भाजपा में चुनाव केन्द्रीय नेतृत्व ने संभाला, कांग्रेस कमलनाथ व दिग्विजय के भरोसे
30 Jul, 2023 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियां शबाब पर हैं। दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाल लिया है। लेकिन इनके नेतृत्व में बड़ा परिवर्तन भी हुआ है।
भाजपा ने पूरा चुनाव केंद्रीय नेतृत्व के मातहत लडऩे की रणनीति अपनाई है। जबकि अभी तक प्रदेश में हुए अन्य चुनावों में स्थानीय नेतृत्व को वरीयता मिलती थी। वहीं, कांग्रेस भी पहले क्षत्रपों और केंद्रीय नेतृत्व के साथ चुनाव लड़ती थी। अब इसमें बड़ा बदलाव है। पहली बार पूरा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय के हाथों में है। इन दोनों की जुगलबंदी में ही पूरा चुनाव संचालित किया जा रहा है। कर्नाटक जीत के बाद सुनील कानुगोलू जैसे कई चुनाव रणनीतिकारों की टीम भी मध्यप्रदेश कांग्रेस में है। लेकिन दोनों पूर्व नेताओं और उनसे जुड़ी टीमें ही चुनाव प्रबंधन के साथ जमीन पर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। खैर, नतीजे जो भी हों लेकिन दोनों दलों की अभी से तैयारियों को देखकर लगता है कि चुनाव बेहद दिलचस्प होने वाला है।
जबलपुर और ग्वालियर में प्रियंका गांधी ने बड़ी आमसभा जरूर संबोधित की है। लेकिन कांग्रेस में केन्द्रीय नेताओं को सिर्फ प्रचार सभाओं तक ही सीमित रखा गया है। कांग्रेस के केन्द्रीय नेतृत्व ने विधानसभा चुनाव के लिए कमलनाथ को फ्री हैंड दे दिया है। कमलनाथ ही सर्वे के आधार पर विधानसभा के टिकट बांटेंगे। हालांकि इसमें दिग्विजय की राय को भी तवज्जो दी जाएगी।
विभिन्न सर्वे एजेंसियों की रिपोर्ट में अब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के दावे किए गए हैं। कर्नाटक में मिली जीत और सर्वे में अच्छी स्थिति के कारण कांग्रेसी कार्यकर्ता भी उत्साह से भरा हुआ है। ऐसे में साफ है कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भी पूरी ताकत झोंकने वाली है। जब से कांग्रेस की सरकार गई है तब से ही कमलनाथ ने मध्य प्रदेश को नहीं छोड़ा है। वो हर महीने के बीस से पच्चीस दिन प्रदेश की अलग-अलग विधानसभाओं को दे रहे हैं। उनकी दिनचर्या भी अब बदल चुकी है सुबह से अलग-अलग इलाके से आए लोगों से मिलने से लेकर किसी न किसी इलाके में जाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं। मतलब साफ है कि कमलनाथ ने भी सरकार बनाने की ठान रखी है।
विधानसभावार बूथ सम्मेलन करेगी कांग्रेस
30 Jul, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । सितंबर से मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधानसभावार बूथ सम्मेलन करेगी। इसके पहले 31 अगस्त तक कार्यकर्ताओं को चुनाव प्रबंधन के साथ मतदाता सूची की जांच का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पार्टी द्वारा नियुक्त बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) निर्वाचन आयोग के बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) के साथ दो अगस्त से घर-घर जाकर मतदाताओं के सत्यापन का काम करेंगे। शनिवार और रविवार को मतदान केंद्रों पर बैठेंगे। प्रदेश में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य दो अगस्त से प्रारंभ हो रहा है।
नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस सर्वाधिक ध्यान बूथ प्रबंधन पर दे रही है। इसके लिए बूथ प्रबंधन प्रकोष्ठ ने जिला और विधानसभा प्रभारी नियुक्त कर प्रशिक्षण भी दिया गया था। अब ये सभी बूथ कमेटियों के सदस्यों को प्रशिक्षित करेंगे। इसमें मतदान के समय बरती जाने वाली सावधानियों के साथ मतदाताओं की पहचान को लेकर जानकारी दी जाएगी। वहीं, दो अगस्त से प्रारंभ होने वाले मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम में बूथ लेवल आफिसर (बीएलओ) के साथ बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) घर-घर जाकर मतदाताओं के सत्यापन का काम करेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अभी तक 61 हजार बीएलए नियुक्त कर चुकी है। ये सभी मतदाता सूची की गड़बडिय़ों को चिन्हित करके आपत्ति दर्ज कराएंगे। ऐसे मतदाता, जिनके नाम तो मतदाता सूची में दर्ज हैं पर वे उस स्थान पर नहीं रह रहे हैं, उनके नाम हटवाने के लिए आवेदन देंगे। साथ ही बूथ लेवल आफिसर को लेकर कोई शिकायत है तो उसकी शिकायत भी करेंगे।
मतदाता सूची से संबंधित कार्य के सह प्रभारी डा. संजय कामले ने बताया कि 31 जुलाई तक जिलों में बूथ समितियों के गठन का काम पूरा हो जाएगा। सितंबर से विधानसभावार बूथ सम्मेलन होंगे। मतदाता सूची और बीएलओ नियुक्ति को लेकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और देवास में शिकायतें सामने आई हैं।
रूठों को मनाने और चुनाव में सक्रिय करने में सफल हुई भाजपा
30 Jul, 2023 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कुछ समय पहले तक भाजपा के वरिष्ठ नेता रूठे हुए थे। पिछले दो माह में केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें मनाने के लिए हर संभव प्रयास किए। सभी वरिष्ठ नेताओं को पदों पर बैठाकर उनको सम्मान देकर, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का बेहतर चक्रव्यूह रचने में भाजपा ने सफलता प्राप्त कर ली है।
पिछले दो माह में सत्ता और संगठन से जो उनकी नाराजगी थी। वह दूर करने के हरसंभव प्रयास राज्य और केंद्र स्तर पर किए गए हैं। सभी को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया गया है। संगठन मे विभिन्न पदों की जिम्मेदारी देकर,रूठे हुए नेताओं का मान सम्मान लौटाया गया है।
चुनावी चक्रव्यूह की संरचना में पूर्व सांसद और पूर्व प्रदेशअध्यक्ष प्रभात झा को चुनाव घोषणा पत्र समिति में शामिल किया गया है। पूर्व मंत्री जयंत मलैया को चुनाव घोषणापत्र कमेटी की कमान दी गई है। प्रभात झा को मनाने के लिए,प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा खुद उनके घर गए थे। पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला, लालसिंह आर्य, लता वानखेड़े,ओमप्रकाश धुर्वे,सुमेरसिंह सोलंकी,डीडी उइके,अजय प्रताप सिंह, दीपक विजयवर्गीय,एसएनएस चौहान,अतुल सेठ,मनोज पाल यादव इत्यादि को चुनाव घोषणा पत्र समिति का सदस्य बनाकर पार्टी ने चुनाव घोषणा पत्र के जरिए मतदाताओं को किस तरीके से लुभाया जाए। इसकी जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंप दी है।
जो नेता रूठे हुए थे, या जो 75 वर्ष की उम्र की दहलीज पर पहुंच चुके हैं। उनके साथ भी बेहतर संवाद पार्टी ने स्थापित कर लिया है। यदि उनकी टिकट काटी गई,तो उनके स्थान पर उनके परिवार के कोई सक्रिय सदस्य हैं। तो उन्हें टिकट से नवाजा जाएगा। इससे भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में जो नाराजगी थी। उसे दूर करने का प्रयत्न किया गया है। जिसका फायदा आने वाले चुनाव में निश्चित रूप से भाजपा को मिलने जा रहा है।
कैलाश विजयवर्गीय को भी राष्ट्रीय महासचिव के रूप में सक्रिय करके, मध्यप्रदेश के नेताओं को एकजुट कर एक मंच में लाने में भाजपा सफल हो गई है। यह सभी ताकतवर नेता हैं। जो अपने अपने क्षेत्रों एवं प्रदेश में जाति समीकरण को लेकर भी बड़ा प्रभाव रखते हैं। इन्हें सक्रिय करके भाजपा ने प्रारंभिक तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत बना लिया है। 1 माह पहले तक यह आशंका व्यक्त की जा रही थी,इसमें से बहुत सारे नेता अथवा उनके परिवार के सदस्य कांग्रेस के संपर्क में हैं। जिस कारण चुनाव के दौरान भाजपा को बड़ी चुनौती मिल सकती थी।
भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ताओं को मनाने का काम, पिछले 2 महीने में पूर्ण करने के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने अपना पूरा जोर लगा दिया। इस काम में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अदा की है। जिसका असर अब देखने को मिलने लगा है। नरेंद्र सिंह तोमर के हर कार्यकर्ता और हर नेता के साथ मधुर संबंध हमेशा से रहे हैं। उनके संबंधों की प्रगाढ़ता के कारण, नाराज नेताओं ने उनके ऊपर विश्वास किया। तोमर ने संगठन और सत्ता के जिन कारणों से वह नाराज थे। उनको दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह की है। केंद्रीय नेतृत्व ने भी उनकी सलाह को सर्वोच्चता पर रखा है। जिसके कारण रूठे हुए भाजपा नेताओं की नाराजगी दूर हुई है।
बदलेगा टिकट वितरण का फार्मूला केंद्रीय नेतृत्व इस बार मध्य प्रदेश के टिकट वितरण फार्मूले में भी बदलाव करने सहमत हो गया है। 75 वर्ष की आसपास की आयु के जिन नेताओं का टिकट कटना तय माना जा रहा था। यदि क्षेत्र में उनकी जीतने लायक स्थिति है, तो पार्टी उन्हें टिकट देगी। जिस नेता का प्रभाव अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा है। उनके परिवार का यदि कोई सक्रिय सदस्य जो राजनीति में है। उसे टिकट दी जा सकती है। जिसके कारण मध्यप्रदेश की टिकट वितरण में कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं अपनाया जाएगा। सभी नेता मिलकर,सर्वे रिपोर्ट के आधार पर संगठन की सहमति बनाकर टिकट वितरण किया जायेगा। इस बार भाजपा का लक्ष्यज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटों का जीतने का है।
कांग्रेस को विश्वास था,कि भाजपा के असंतुष्ट और नाराज नेता पार्टी के विरोध में काम करेंगे, या नाराज होकर घर बैठ जाएंगे। भाजपा के नाराज नेता कांग्रेस के लगातार संपर्क में थे। भाजपा के सशक्त नाराज राजनेताओं को कांग्रेस की टिकट देकर अपने पाले में लाने का जो सपना कांग्रेस देख रही थी। वह सपना अब टूटता हुआ नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी संगठित रूप से अब विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने के लिए तैयार हो चुकी है। कांग्रेस के पास जमीनी स्तर पर मजबूत संगठन नहीं है। जो भाजपा का मुकाबला कर सके। इस कारण कांग्रेस की चुनौती,आसन्न विधानसभा चुनाव मे बढ़ गई है। भाजपा के विद्रोह को लेकर कांग्रेश अपने आप को बड़े कंफर्ट जोन में मानकर चल रही थी। वर्तमान स्थिति में कांग्रेश के लिए चुनौतियां पहले की तुलना में और बढ़ गई हैं।
अगले माह आएगी कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची
30 Jul, 2023 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । नगरीय निकाय चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव के लिए भी अपने एक सैकड़ा प्रत्याशियों के नामों की घोषणा चुनाव घोषित होने से पहले करने की तैयारी कर रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। यह बात अलग है कि पहले पार्टी द्वारा इसी माह में प्रत्याशी घोषित किए जाने के दावे किए जा रहे थे। इन में से अधिकांश नाम उन क्षेत्रों के होंगे, जहां पर पार्टी के अभी विधायक नहीं हैं। सूत्रों की माने तो जिन विधानसभा क्षेत्रों के बारे में सबसे पहले निर्णय लेना है, वहां पर टीम कर्नाटक अपने स्तर पर संभावित प्रत्याशियों की नब्ज टोटल रही है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी। इनमें कुछ नाम उन सीटों के भी रहेंगे, जहां पर अभी पार्टी के मौजूदा विधायक हैं। यह वे नाम होंगे, जिन्हें कांग्रेस फिर से चुनावी मैदान में उतार रही है।
बताया जा रहा है कि, अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी प्रदेश कांग्रेस अपने मौजूदा विधायकों के टिकट को लेकर अंतिम निर्णय कर चुकी है। दरअसल पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि समय से पहले प्रत्याशी घोषित किए जाने से उन्हें क्षेत्र में संपर्क करने और अपनी प्रचार टीम को मजबूत करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा, जिसका फायदा मतदान के दौरान मिलेगा।
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व अभी डेढ़ दर्जन विधायकों को लेकर असमंजस्य की स्थिति में है। इसकी वजह है टीम कमलनाथ और टीम कर्नाटक के अंदरूनी सर्वे में इनकी स्थिति अच्छी नहीं पायी गई है। पार्टी इसके बाद से ही उनके विकल्पों की तलाश कर रही है। इनमें से कुछ ऐसे विधायक भी हैं, जो टिकट कटने पर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। अगर इस तरह की स्थिति बनती है तो उस सीट को कैसे कांग्रेस अपने पास बरकरार रख सकती है, इस पर भी मंथन जारी है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस इस पर जल्द निर्णय ले सकती है और अगस्त माह में अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जहां पर हमारे विधायक हैं, वे लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं, उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में फिर से मैदान में उतारना लगभग तय है, ऐसे में उनके नाम की घोषणा में देरी नहीं की जाएगी। नाम घोषित होने से संबंधित क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के सामने भी स्थिति साफ हो जाएगी और फिर वह पूरी मेहनत के साथ कांग्रेस को जिताने में जुट जाएगा। इनके अलावा कुछ ऐसी भी सीटें हैं, जहां पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करती आ रही है, वहां भी पार्टी अपने ऐसे प्रत्याशी के बारे में जल्द निर्णय ले सकती है, जो भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकता है। इस तरह पहली सूची में तकरीबन 100 प्रत्याशियों के नाम शामिल हो सकते हैं। जानकारों का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व चाहता है कि चुनाव को लेकर आवश्यक निर्णय जल्द लिए जाए, जिससे वरिष्ठ नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं के पास मैदान में ज्यादा समय देने का मौका मिल सके। इसलिए पार्टी अपना वचन पत्र, आरोप पत्र के अलावा चुनाव समितियों के गठन जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी जल्द लेने की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश की 8 नदियों के किनारों को किया जाएगा हरा-भरा
30 Jul, 2023 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा को भी गंगा-यमुना बेसिन की नदियों के चलते परियोजना में शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश पहला ऐसा राज्य है जो इसकी कमेटी बनाकर इसकी बैठक करने जा रहा है। इसके अंतर्गत यमुना की 8 सहायक नदियों को साफ करने पर एक्शन प्लान तैयार किया गया है। अगले चरण में इनकी अन्य सहायक नदियों को भी शामिल किया जाएगा।
स्टेट गंगा कमेटी का अध्यक्ष मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को बनाया गया है। प्रोजेक्ट के तहत यमुना की 8 सहायक नदियों को शामिल किया गया है। इसमें बेतवा, चंबल, गंभीर, गोधर, कालीसिंध, केन, पार्वती और सिंध नदी को शामिल किया गया है। स्टेट गंगा कमेटी में दस मेंबर रहेंगे। वित्त, वन, नगरीय प्रशासन, पीएचई, जल संसाधन, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जैसे विभागों को शामिल किया गया है। इसमें पांच मेंबर पदेन और पांच मेंबर्स विशेषज्ञ होंगे। सभी विभागों ने नदियों को स्वच्छ बनाने को लेकर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है।
वन विभाग की योजना के अनुसार अगले पांच साल में 48048 हेक्टेयर में इन नदियों के किनारे पौधे रोंपे जाएंगे। इस पर करीब 542.23 करोड़ रुपए खर्च आएगा। नदियों के किनारे 2-2 किलोमीटर तक पौधे रोंपे जाएंगे। इससे मिट्टी का कटाव रूकेगा। पेड़ों से पानी भी स्वच्छ होगा। वन विभाग के 18 डिविजन मिलकर कैचमेंट का ट्रीटमेंट करेंगे। चूंकि इन नदियों के किनारे कहीं उपजाऊ तो कहीं पथरीला इलाका है तो हर इलाके में अलग-अलग तरह के पौधे रोंपे जाएंगे। अभी वन विभाग नर्मदा और उसकी सहायक नदियों में 42 तरह से ट्रीटमेंट करता है। नर्मदा में 2-2 और इसकी सहायक नदियों के किनारे 1-1 किलोमीटरे के दायरे में पौधरोपण किया जाता है।
ये नदियां प्रदेश के 34 जिलों से होकर गुजरती हैं। केंद्र सरकार ने 11 जुलाई 2017 में कमेटी बनाई थी। यमुना बेसिन का मध्यप्रदेश में करीब 11,929 स्केवयर किलोमीटर का इलाका है, जो कुल बेसिन का 27.11 प्रतिशत है। केंद्र की ओर से अब पांच नदियों खान, मंदाकिनी, सिवनी, शिप्रा और मुरार को स्वच्छ बनाने के लिए करीब सात सौ करोड़ का फंड स्वीकृत गया। शहरी इलाकों की इन नदियों की हालत आज भी दयनीय है। इनमें आज भी सीवेज मिल रहा है। बैठक में इन पांचों प्रोजेक्ट का रिव्यू भी होगा।
खत्म होगा 10+2 पैटर्न, 18 साल में होगी 12वीं
30 Jul, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। बच्चों की पढ़ाई में जबर्दस्त बदलाव हो रहे हैं। 10 प्लस 2 का फॉर्मेट जल्द ही खत्म हो जाएगा। इसकी जगह राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अब 5 प्लस 3, 3 प्लस 4 का फॉर्मेट लागू होगा। पहले एक से 12वीं तक की पढ़ाई में 12 साल और 5 साल की उम्र जोडक़र कुल 17 साल लगते थे। अब तीन साल की उम्र पढ़ाई शुरू होगी। केंद्रीय विद्यालय संगठन की सहायक आयुक्त रानी डांगे ने यह बात बताई।
एमईपी के तहत केंद्रीय विद्यालयों में यह फार्मेट जल्द ही लागू होगा- केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि एमईपी के तहत केंद्रीय विद्यालयों में यह फार्मेट जल्द ही लागू होगा। तीन साल तक बच्चे बाल बाटिका में पढ़ेगे। यानी 6 साल की उम्र में कक्षा एक में आएंगे। इस तरह 18 साल में 12वीं कक्षा पूरी होगी। इसके अलावा भविष्य की जरूरतों के आधार पर स्किल कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। सीबीएसई के रीजनल ऑफिसर विकास कुमार अग्रवाल ने बताया कि सत्र 2022-23 में पायलट आधार पर स्थायी भवन वाले 49 केवीएस में 3, 4 और 5 आयु वर्ग के लिए तीन बाल वाटिका कक्षाओं का एक खंड खुला है। इनमें 40-40 सीटें हैं। भोपाल के तीन स्कूलों केवी-1,2 और 3 में यह कक्षाएं चल रही हैं। इनमें एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम चलेगा।
नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालयों ने कक्षा 9वीं एवं 10वीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कोर्स शुरू किया - नवोदय विद्यालय समिति की रीजनल ऑफिसर मृदुला त्रिपाठी ने बताया नवोदय एवं केंद्रीय विद्यालयों ने कक्षा 9वीं एवं 10वीं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कोर्स शुरू किया है। इसे सीबीएसई और इंटेल कंपनी के सहयोग से पढ़ाया जा रहा है, जबकि 11वीं व 12वीं में कंपनियों के साथ मिलकर औद्योगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। बच्चों को कंपनियों की विजिट कराई जाएगी।
आई फ्लू के बाद शहर में डेंगू का कहर
30 Jul, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्य प्रदेश में आई फ्लू के मामले थमे ही नहीं थे की डेंगू ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। अब तक पिछले साल से दोगुना डेंगू के मरीज सामने आ चुके है। जिसके बाद फॉगिंग के लिए शहर के अलग - अलग हिस्सों में गाडिय़ां तैनात की गई।
राजधानी भोपाल में आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन इसके 300 से 400 मामले सामने आ रहे है। वहीं शहर में डेंगू ने भी हाहाकार मचा रखा है। अब तक लगभग 120 डेंगू के मरीज सामने आ चुके है, यह संख्या पिछले साल की तुलना में दोगुनी। वहीं फॉगिंग के लिए शहर के अलग-अलग हिस्सों में गाडिय़ां तैनात की गई। सर्वे ले साथ-साथ लापरवाही का दौर भी जारी, यही कारण है की डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं।
शहर में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा है। हालात इसलिए चिंताजनक हैं बीते साल जनवरी से जुलाई अंत तक डेंगू मरीजों की संख्या 68 थी, जो इस जुलाई में 112 हो गई है। जिला मलेरिया कार्यालय की 50 टीमें शहर में डेंगू लार्वा सर्वे कर रही हैं। हालांकि संयुक्त टीमें अपने रुटीन काम भी कर रही हैं इसलिए पूरा फोकस नहीं हो रहा है। नगर निगम के फॉगिंग प्रभारी पंकज यादव ने बताया कि शहर में फॉगिंग के लिए 10 गाडिय़ों को तैनात किया है। रोज फॉगिंग के लिए कॉल की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। गौरतलब है कि अब तक शहर के करीब 2.30 लाख घरों में लार्वा सर्वे हो चुका है।
बारिश से मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनियों के अंदर की सडक़ किनारे जलभराव होने लगा है। इसी कारण शहर में मच्छरों की भरमार है। जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा भेजी जा रहीं लार्वा सर्वे टीम और नगर निगम के फॉगिंग वाहनों की संख्या पर्याप्त नहीं है। टीमें शहर में दिख ही नहीं रही हैं। अगर समय रहते जिम्मेदार नहीं चेते तो आने वाले दिनों में डेंगू और फैल सकता है। जिला मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे का कहना है कि पिछले साल जुलाई में 27 नए मरीज मिले थे। इस साल 17 मरीज मिले हैं। कुल मरीजों की संख्या इसलिए ज्यादा दिख रही है, क्योंकि जनवरी में ज्यादा मरीज आए थे।
शहर में डेंगू से ज्यादा प्रभावित साकेत नगर, शक्ति नगर, बरखेड़ा, पठानी, पिपलिया, पेंदे खां, बागसेवनिया, ईटखेड़ी, मिसरोद, कोलार, ई-7 अरेरा कॉलोनी, नेहरू नगर इसके साथ ही कटोरा सुल्तानांबाद, गांधी नगर, शिव नगर, करोंद, कैंची छोला, सुभाष नगर, सुभाष नगर, अयोध्या बायपास और अवधपुरी हैं।
चुनावी साल में कैलाश पर आलाकमान का बढ़ा विश्वास
30 Jul, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पार्टी के केन्द्रीय पदाधिकारियों की घोषणा की। नड्डा की टीम में इंदौर से भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को एक बार फिर जगह दी गई है। विजयवर्गीय को लगातार चौथी बार राष्ट्रीय महांमत्री बनाया गया है। टीम नड्डा में जगह बनाने वालों में मप्र से दूसरा नाम सौदान सिंह का है। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं ओमप्रकाश धुर्वे को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।
कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा के केंद्रीय पदाधिकारियों के बीच पहली बार 2015 में जगह दी गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहली पसंद होने के चलते उस साल उन्हें राष्ट्रीय महांमत्री बनाने के साथ ही बंगाल का प्रभारी भी बनाया गया। इसके बाद से वे लगातार चौथी बार पार्टी के राष्ट्रीय महांमत्री नियुक्त किए गए हैं। 2015 में उन्हें केंद्रीय टीम में शामिल करने के पीछे सबसे बड़ी वजह 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली भारी जीत थी। विजयवर्गीय को हरियाणा विधानसभा चुनावों का चुनाव अभियान प्रभारी बनाया गया था और पार्टी की इस जीत ने विजयवर्गीय के लिए केंद्रीय टीम के दरवाजे खोलने में अहम भूमिका निभाई।
कैलाश विजयवर्गीय 1990 से लगातार 6 बार विधायक चुने गए। 2003 में मप्र में उमा भारती के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल होने के बाद विजयवर्गीय लगातार 12 साल तक मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। सरकार चाहे उमा भारती की हो या बाबूलाल गौर की या फिर शिवराज सिंह चौहान की विजयवर्गीय हर सरकार में मंत्री बनाए गए। 2003 में उमा भारती सरकार में उन्हें जन-कार्य ,संसदीय मामले ,शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग (केवल सिंहस्थ -कुम्भ संबंधी कार्य ) का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2004 में उन्हें धार्मिक न्यास,धर्मादा और पुनर्वास विभाग भी दिया गया। अगस्त 2004 में बाबूलाल गौर सरकार में जन-कार्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। दिसम्बर 2005 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में जन-कार्य, सूचना तकनीकी , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में सम्मिलित किया गया। 2008 में शिवराज सरकार के दूसरे कार्यकाल में विजयवर्गीय को आईटी और उद्योग विभाग और 2013 में शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में शहरी विकास विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
कैलाश विजयवर्गीय के सिर हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का सेहरा बंधा था। तब से उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टीम का हिस्सा माना जा रहा है। उसके बाद पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्य की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई थी। भले ही भाजपा बंगाल में सरकार नहीं बना सकी, लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर चौंकाया जरूर। इसके बाद कयास लग रहे थे कि कैलाश विजयवर्गीय का प्रभाव कम होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें पार्टी ने न केवल राष्ट्रीय महासचिव बनाए रखा, बल्कि मध्य प्रदेश चुनावों में अहम जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने उन्हें इस साल होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की पॉलिटिकल विंग की कमान सौंपी थी। अब उन्हें फिर नई टीम में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी देकर संगठन में उनकी पूछ-परख कम होने की अटकलों को विराम लगा दिया है। विजयवर्गीय को चुनावी मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है। मध्य प्रदेश के मालवा- निमाड़ में उनकी गहरी पकड़ है, जहां पार्टी का पूरा फोकस बना हुआ है।
विदिशा के रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सौदान सिंह को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। सौदान सिंह संघ के करीबी हैं। एक दशक पहले राजनाथ सिंह के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री पद से इस्तीफा देकर चौंकाया था। संघ से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाया और जिम्मेदारी कायम रखी थी। 20 साल तक उनके पास छत्तीसगढ़ का प्रभार रहा। पिछले साल उन्हें हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया गया था। भले ही पार्टी चुनाव हार गई और सरकार चली गई, सौदान सिंह का प्रभाव कायम है। यही वजह है कि उन्हें अब भी उपाध्यक्ष कायम रखा गया है।
डिंडौरी जिले से पूर्व विधायक ओमप्रकाश धुर्वे को इस बार भी सचिव पद पर रखा गया है। धुर्वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। 2013 से 2018 तक विधायक रहे और पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी से हारे थे। मध्य प्रदेश में भाजपा का पूरा फोकस आदिवासी वोटरों पर है। आरक्षित सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन सत्ता में लौटने का रास्ता साफ करेगा। इसके अलावा धुर्वे का महाराष्ट्र में सह-प्रभारी के तौर पर प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। इसे देखते हुए उन्हें पद पर कायम रखा गया है। मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता को सह-कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की वजह विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी से जोड़ी जा रही है।
मध्यप्रदेश से जेपी नड्डा की टीम में शामिल मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता की नई टीम में राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष पद से छुट्टी की गई है। सूत्रों की मानें तो गुप्ता की परफॉरमेंस से नेतृत्व संतुष्ट नहीं था। इस वजह से उन्हें हटाया गया है।
भाजपा में बड़ी संख्या में कटेंगे टिकट!
30 Jul, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा चुनाव को पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव की कमान केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल ली है। चुनाव को लेकर टिकट वितरण के मापदंड भी तय किए गए हैं। जिसमें पार्टी के मौजूदा विधायकों में से बड्ी संख्या में टिकट काटे जा सकते हैं। पार्टी ने इस बार चुनाव जीतने के लिए हर जिला को ‘मिशन’ बनाया है। जिले की सभी सीटें जीतने के लिए कद्दावर नेता, संासद को भी विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। जबकि कद्दावर विधायकों की सीटों में बदलाव हो सकता है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार ‘मिशन जिला’ का फार्मूला इस तरह है। भोपाल जिले में 7 विधानसभा सीट हैं। इनमें से गोविंदपुरा, हुजुृर, नरेला और बैरसिया भाजपा के पास है। जबकि दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और मध्य सीट कांगे्रस के पास है। ऐसे में मिशन जिला के तहत भोपाल के कद्दावर विधायकों को दूसरी सीट से उतारा जा सकता है। जबकि सुरक्षित सीटों से नए चेहरे उजारे जा सकते हैं। पार्टी में ‘मिशन जिला’ पर तेजी से मंथन चल रहा है।
विधानसभा रिकॉर्ड के अनुसार भाजपा के 127 विधायक हैं। इनमें से 20 विधायक वे हैं, जो कांग्रेस छोडक़र आए थे और उपचुनाव में जीते। यानी भाजपा मूल के 107 विधायक हैं। पार्टी के उच्च पदाधिकारी के अनुसाल पार्टी कार्यकर्ता और लोगों में नाराजगी विधायक के खिलाफ है। सरकार और संगठन से कोई नाराजगी नहीं है। ऐसे में खराब छवि वाले चेहरे बदले जाएंगे। इनमें कुछ मंत्री भी हो सकते हैं। टिकट बड़ी संख्या में काटे जा सकते हैं, लेकिन अभी संख्या तय नहीं है।
आई फ्लू से बचाव और उपचार के लिए एडवाइजरी जारी
30 Jul, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक द्वारा जारी निर्देश का हवाला देते हुए सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि वर्तमान माह में नेत्र संक्रमण तेजी से आम जन में फैल रहा है, इसकी रोकथाम हेतु निम्न निर्देश जारी किए गए हैं।
सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि अपनी आंखों को छूने से पहले हाथ आवश्यक रूप से धोये। संक्रमित व्यक्ति अपना टॉवल, तकिया, आई ड्रॉप आदि उपयोग की गई वस्तुएं घर के अन्य सदस्यों से अलग रखें। स्विमिंग पूल तालाबों के प्रयोग से बचे। कांटेक्स लेंस पहना बंद करें और अपने नेत्र चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही फिर इसे शुरू करें। आँखों के सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग न करें। साफ हाथों से अपनी आंखों के आस-पास किसी भी तरह के स्त्राव को दिन में कई बार साफ गीले कपड़े से धोयें उपयोग किये गये कपड़े को गर्म पानी से धोलें। यदि आँखों में लालिमा हो तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से परामर्श लें। डाक्टर के सलाह के बिना कोई भी ड्रॉप का उपयोग न करें। उपरोक्त निर्देश आमजन में जन-जागरूकता हेतु प्रसारित करने की अपेक्षाएं संबंधितों से अभिव्यक्त की गई है।