मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
बाहरी राज्यों से आने वाली तुअर पर नहीं लगेगा शुल्क
27 May, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में दाल बनाने के लिए अन्य राज्यों से लाई जाने वाली तुअर पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने 31 मार्च 2024 तक मंडी शुल्क से छूट देने का निर्णय लिया है। प्रदेश के कृषि विभाग ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल ने मंडी शुल्क से छूट देने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन उसके आदेश जारी नहीं हुए थे। दाल मिल संचालकों ने दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री से भेंटकर मिलिंग में आ रही समस्या और अन्य राज्यों में मिल रही छूट का हवाला दिया तो उन्होंने मंडी शुल्क में छूट देने का भरोसा दिया था। इऐ अमलीजामा पहनाते हुए कृषि विभाग ने राज्य के बाहर से मंडी क्षेत्र में स्थापित दाल मिल लाई जाने वाले तुअर को मंडी शुल्क के भुगतान से छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट 31 मार्च 2024 तक प्रभावी रहेगी।मालूम हो कि अभी 1.70 प्रतिशत मंडी शुल्क लगता है। प्रदेश में बड़ी मात्रा में राज्य के बाहर से तुअर दाल बनाने के लिए आती है। मिल संचालक लंबे समय से यह मांग कर रहे हैं कि मंडी शुल्क से छूट दी जाए।
पार्क प्रबंधन गंभीरता दिखाता, तो बच जाती शावकों की जान
27 May, 2023 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में तीन शावकों की मौत को लेकर वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि पार्क प्रबंधन मामले में यदि गंभीरता दिखाता, तो शायद शावकों की जान बच जाती। विशेषज्ञा का कहना है कि पार्क में तीन चीता शावकों की मौत को केंद्र और राज्य के वन अधिकारियों में चीता परियोजना को लेकर चल रही अंतर्कलह व प्रबंधन की लापरवाही का ही परिणाम माना जाएगा। हालांकि ज्वाला के चौथे शावक की हालत में अब सुधार देखने को मिल रहा है। उसे 24 मई को बाड़े से निकालकर चीतों के लिए पार्क में बनाए गए अस्पताल में एसी वाले कक्ष में रखा है। उसे लगातार ड्रिप लगाई जा रही है। बकरी का दूध पिलाया जा रहा है। राजधानी के वन्यप्राणी विशेषज्ञ अजय दुबे कहते हैं कि डेढ़ माह में तीन युवा चीतों की मौत के बाद पार्क प्रबंधन गंभीरता दिखाता, तो शावकों की जान बचाई जा सकती थी। इनकी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उधर, चीता परियोजना संचालन समिति बनाकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति के उन सदस्यों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया, जो चीतों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की मांग करने वालों का साथ दे रहे थे। दुबे सवाल करते हैं कि वन अधिकारियों को यह पहले से पता था कि ज्वाला (सियाया) पहली बार मां बनी है, उसे शावकों को पालने का अनुभव नहीं है तो शावकों की देखरेख में अतिरिक्त सावधानी बरती जानी थी। दूर से निगाह रखने के साथ बीच-बीच में नजदीक से देखने की कोशिश भी करनी थी। इससे शावकों के जिंदा रहते हुए पता चल जाता कि वह कमजोर (कम वजन के) हैं। यह बात पहले से पता होती, तो उन्हें बचाने का प्रबंधन भी संभव था। जब हीट वेव को शावकों की मौत का कारण बताया जा रहा है तो शावकों को लपट से बचाने के लिए छांव का ठीक वैसे प्रबंध किया जा सकता था, जैसे 17 सितंबर 2022 को किया गया था। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लकड़ी के बाक्स (पिंजरों) से चीतों का क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ने आए थे। इन बाड़ों में घास की झोंपड़ी बनाई गई थीं। चीता परियोजना से जुड़े एक अन्य विशेषज्ञ बताते हैं कि शावकों की मौत स्थानीय प्रबंधन की विशुद्ध लापरवाही है। हमें चीतों का वंश बढ़ाना है। ऐसे में भारत की धरती पर पैदा होने वाले इन शावकों का रोज वजन लिया जा सकता था। चार पशु चिकित्सक हैं, ड्रिप चढ़ाते। वे कहते हैं कि 80 से 90 प्रतिशत मृत्युदर की बात की जा रही है, तो यह खुले जंगल में होता है, बाड़े में नहीं। जहां 24 घंटे कैमरों से निगरानी की जा रही हो, वहां इतनी मृत्युदर बताना तो नाकामी छिपाने का बहाना है। बड़े बाड़े में शावकों को रखने में कोई कठिनाई आ रही थी, तो मां के साथ उन्हें छोटे बाड़े में कुछ समय के लिए शिफ्ट कर देते। वहां तापमान में कुछ कमी लाने के भी प्रयास किए जा सकते थे। वे कहते हैं कि ज्वाला के साथ तो छोटे बाड़े में ले जाना का कोई मुद्दा ही नहीं था, वह कैद में रहकर ही पली-बढ़ी है। उसे छुआ भी जा सकता है। वे कहते हैं कि मां अनुभवी होती है तो गर्मी बढ़ने पर शावकों को पानी के किनारे और पेड़ों की छांव में ले जाती है।
दिग्विजय ने सीएम शिवराज को दी बहस की चुनौती, भाजपा प्रवक्ता ने दिया करारा जवाब
27 May, 2023 02:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आने के साथ दोनों प्रमुख दलों के नेताओं के बीच सियासी आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी तेज होता जा रहा है। भाजपा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 'बंटाढार' कहते हुए उन पर हमला करने का कोई मौका नहीं चूकती। इसको लेकर अब दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुले मंच से बहस की चुनौती दे डाली। उन्होंने कुछ ट्वीट किए, जिनमें उन्होंने कहा कि बार-बार भाजपा वाले मेरे १० के कार्यकाल पर मेरे ख़िलाफ़ अनर्गल आरोप लगाते हैं। भाजपा के २० साल के घोटालों का लेखा-जोखा क्यों नहीं देते? भाजपा के समय मध्य प्रदेश से बाहर के लोगों को पैसा ले कर नौकरी दी गई। शिवराज चौहान जी, आओ एक दिन आमने-सामने बहस हो जाये। दो दो हाथ हो जाएं। दिग्विजय ने ट्वीट में लिखा कि मेरे कार्यकाल में मध्य प्रदेश के ग्राम पंचायत जनपद पंचायत ज़िला पंचायत नगर पंचायत नगर पालिका नगर निगम द्वारा लाखों स्थानीय लोगों को शासकीय सेवाओं में लिया गया। जन स्वास्थ रक्षक गौ रक्षकों को रोज़गार मिला।
दिग्विजय की इस चुनौती पर भाजपा की ओर से प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने करारा पलटवार करते हुए दिग्विजय के ट्वीट के जवाब में लिखा कि सर आप भी जानते हैं कि हमेशा "कंपेयर चार्ट" बनाकर ही ओपिनियन बनाई जा सकती है। आप बहुत चतुर नेता हैं और जानते हैं कि "बिजली, सड़क और पानी" पर आपके कार्यकाल मे कोई काम नही हुआ और आपको "शून्य" मिलेगा, इसलिए आप इस चर्चा से बचना चाहते हैं। आपके मुख्यमंत्रित्व काल में भ्रष्टतम सरकार चली, इसलिए आप उससे तुलना करने हेतु मना करते हैं क्योंकि आपको उसमे "शून्य" अंक मिलेंगे। खैर परीक्षा मे जनता तय करेगी, न कि आप कि वह आपको कितने नंबर दे। भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने अपने अगले ट्वीट में दिग्विजय से कुछ तीखे सवाल किए। उन्होंने पूछा कि क्या कारण था कि व्यापम की पहली एफआइआर को आप चतुराई से दबा दिये थे? क्या कारण था कि आपने सारी नौकरियां खत्म कर "संविदा कर्मी" नामक शोषण करने वाली नौकरी की परिपाटी डाली? क्या कारण था जो आपने शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी के बजाय लाठियां दी थी? क्या कारण है कि आपके समय पीएससी मे पंडितजी ने नौकरियों की दरें तय कर रखी थीं? क्या कारण है कि आपकी सरकार को संस्थाओं ने "अली बाबा और चालीस चोर" की सरकार कहा?
शादी का झांसा देकर नागालैंड की युवती से दुष्कर्म, रुपये-जेवरात हड़पे, मतांतरण के लिए किया प्रताड़ित
27 May, 2023 02:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कोहेफिजा थाना पुलिस ने नागालैंड की एक युवती की शिकायत पर उसके प्रेमी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म, मारपीट और मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपित युवक के साथ-साथ उसकी मां को भी सह-आरोपित बनाया है। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपित राजमिस्त्री का काम करता है। कोहेफिजा थाना पुलिस के मुताबिक मूलत: नागालैंड की रहने वाली 30 वर्षीय युवती ने शिकायत दर्ज करार्इ है। उसमें बताया कि वह सिलाई का काम करती थी। वर्ष 2021 में फेसबुक के माध्यम से उसका परिचय गंजबासौदा जिला विदिशा निवासी कृष्णपाल उर्फ राकेश कोरी से हुआ था। आपस में बातचीत शुरू होने के बाद उनके बीच प्रेम-प्रसंग शुरू हो गया। इसी बीच कृष्णपाल ने युवती को शादी करने का प्रस्ताव दिया, तो युवती ने सहमति जता दी। इसके बाद मार्च 2023 में कृष्णपाल उसे शादी करने का झांसा देकर नागालैंड से भोपाल ले आया। यहां पर दोनों लालघाटी स्थित बरेला गांव में किराए का मकान लेकर रहने लगे। उनके साथ में कृष्णपाल की मां सावित्री भी रहने लगी थी। इस दौरान शादी करने का भरोसा देते हुए कृष्णपाल उसके साथ दुष्कर्म करने लगा। कृष्णपाल ने अदालत में शादी करने का बहाना बनाकर युवती के जेवरात और घर से साथ लाए रुपये भी हड़प लिए। उससे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करा लिए। कृष्णपाल ने उससे युवती से बोला था कि सरकार अंतरजातीय विवाह करने पर दो लाख रूपये भी देती है। योजना का फायदा उठाने के बाद भी तुम मुस्लिम धर्म ही अपनाए रहना।
मतांतरण के लिए किया प्रताड़ित
युवती ने पुलिस को बताया कि साथ रहने के कुछ समय बाद ही कृष्णपाल ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मां सावित्री भी बेटे का साथ देती थी। सावित्री ने एक बार गर्म तेल डालकर उसे जलाने का भी प्रयास किया था। कृष्णपाल और उसकी मां उसे मुस्लिम धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपनाने के लिए प्रताड़ित करने लगे। परेशान होने पर उसने अपनी एक सहेली के माध्यम से अपने माता-पिता से संपर्क किया, लेकिन उन्होंने दूसरे धर्म के युवक से शादी करने पर रिश्ता खत्म होने की बात कहकर मदद करने से मना कर दिया।
युवक की नृशंस हत्या से लोगों में आक्रोश, कोतवाली चौराहा पर शव रखकर किया चक्काजाम
27 May, 2023 01:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीहोर । शुक्रवार को सूरज कुशवाह नामक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। आरोपित ने सिर्फ पता पूछने पर कुल्हाड़ी से प्रहार करते हुए सूरज के सात टुकड़े कर दिए थे। आरोपित ईंट भट्टे पर काम करता था। शनिवार को मृतक के परिजनों व अन्य लोगों ने शव यात्रा के दौरान नगर के कोतवाली चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया। मृतक के दो छोटे बच्चे है परिजनों की मांग थी कि मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाए और आर्थिक मदद व आरोपित को फासी की सजा दी जाए। मृतक युवक सब्जी का ठेला लगाता था,
सूचना मिलने पर एसडीएम अमन मिश्रा, सीएसपी निरंजन राजपूत ने परिजनों व समाज के लोगों परिवार को आर्थिक सहायता सहित बच्चों को पढ़ाई कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर करीब डेढ़ घंटे बाद चक्काजाम समाप्त किया गया। हालांकि शुक्रवार को घटना के बाद देर रात मृतक के परिजन कोतवाली थाने पहुंचे थे, जहां थाना प्रभारी नलिन बुधौलिया से भट्टा संचालक पर मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार करने की मांग कर रहे। वहीं कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार सुबह चक्काजाम करने की भी चेतावनी दी थी। हालाकि टीआइ ने आवेदन लेकर मामला शांत कराकर परिजनों को वापस घर रवाना कर दिया था।
मानवता हुई शर्मशार, न्यायालय परिसर में लावारिस अवस्था में मिला नवजात
27 May, 2023 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा । जिला कोर्ट परिसर में इंसानियत को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। एक नवजात को कोई अज्ञात व्यक्ति लावारिश छोड़कर चला गया। बच्चे के शरीर पर चींटिया रेंग रही थी। जब बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी, तो लोगों ने उसे उठाया। इसके बाद में जिला न्यायालय के अधिकारी एवं स्थानीय कर्मचारियों के द्वारा बच्चे को जिला अस्पताल में जाकर भर्ती करवाया गया। साथ ही उसका उपचार भी शुरू करवाया गया। बच्चा करीब 15 दिन का बताया जा रहा है। पुलिस द्वारा मामला कायम किया गया है। सीएसपी प्रियंका पांडे ने बताया कि बच्चे की मां कौन है और किसने बच्चे को छोड़ा है, इसके बारे में तफ्तीश कर रहे हैं। शुक्रवार को जिला न्यायालय परिसर में नवजात शिशु मिलने से हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने तत्काल इसकी सूचना न्यायालय के कर्मियों को दी।
लावारिश अवस्था में मिले नवजात शिशु को जिला अस्पताल के एनआसीयू वार्ड में उपचार दिया जा रहा है। अभी स्पष्ट नही हो पाया है कि शिशु के साथ ऐसी निर्दयता आखिर किसने की। शिशु को किस पुरुष या किस महिला ने यहां छोड़ा है, इसके लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी तलाश रही है। फिलहाल इस मामले में कोतवाली थाने में आइपीसी की धारा 317 के तहत प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है।
लोडिंग वाहन अनियंत्रित होकर पलटा, दो महिलाओं की मौत, करीब दो दर्जन घायल
27 May, 2023 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सागर । सागर रोड पर नरेन नदी के पास महिलाओं से भरा एक लोडिंग वाहन अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई। चालक सहित लगभग दो दर्जन लोग घायल हो गए। लोडिंग वाहन में सवार महिलाएं खुरई से जरुआखेड़ा के जंगल में बीड़ी पत्तियां तोड़ने के लिए जा रही थीं। घटना शनिवार सुबह की है। जानकारी के अनुसार इस हादसे में संध्या पति मुकेश अहिरवार (30) निवासी अब्दुल कलाम वार्ड खुरई की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। लाड़ली बाई (50) निवासी रेंगुआ की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हादसे में 22 महिलाएं और वाहन चालक भी घायल हो गया। गंभीर रूप से घायल 6 महिलाओं को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया है।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार लोडिंग वाहन में क्षमता से ज्यादा महिलाएं भरी हुई थीं। वाहन पलटने के बाद चीख-पुकार मच गई। बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर ही घायल अवस्था में पड़ी हुई थी। सूचना मिलने पर पर 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंची। महिलाओं ने बताया कि वह रोजाना बीड़ी बनाने के लिए पत्ती तोड़ने के लिए जरुआखेड़ा के जंगल में जाती हैं। सुबह 5 बजे घर से तैयार होकर निकल जाती है और जंगल से पत्ती तोड़कर वापस आती है। आज भी लोडिंग वाहन में 20 से ज्यादा महिलाएं पत्ती तोड़ने के लिए जा रही थी तभी लोडिंग वाहन पलट गया। जिसमें सवार सभी महिलाएं घायल हो गई।
ट्रक से बचने के चक्कर पलटा वाहन
लोडिंग वाहन ड्राइवर आकाश पिता सुदामा विश्वकर्मा (22) निवासी अब्दुल कलाम वार्ड ने बताया कि उसके वार्ड की कुछ महिलाओं ने जरुआखेड़ा के जंगल ले जाने के लिए कहा था। उन महिलाओं को ले जाते समय रास्ते में ही कुछ और महिलाएं वहीं जाने के लिए बैठ गईं। नरेन नदी के पास सामने से तेजी से आ रहे ट्रक से बचने के चक्कर में लोडिंग वाहन सड़क किनारे पलट गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रदेश में 17 प्रतिशत खाद्य नमूने फेल
27 May, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । खाद्य पदार्थों में मिलावट चरम पर है। सरकार व प्रशासन की तमाम सक्रियता के बाद भी यहां 17 प्रतिशत नमूने मिलावटी मिल रहे हैं। बीते एक साल में इसके लिये जिम्मेदारों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा प्रशासन ने 8.67 करोड़ का अर्थदंड भी अधिरोपित किया है। बावजूद इसके राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मात्र 2 आरोपियों के खिलाफ ही कार्रवाई हो पाई है।
दरअसल प्रदेश में 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच मिलावट मुक्ति अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई थी। इस दौरान लिये गये 14771 नमूनों में 12836 को राज्य की निजी खाद्य प्रयोगशालाओं में जांच के लिये भेजा गया। जिसमें 2192 नमूने फेल मिले। यह कुल नमूनों का 17.07 प्रतिशत है। कमोबेश यही स्थिति मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान के निर्देश पर मिलावट मुक्ति अभियान में भी सामने आई है। करीब 2 साल में परीक्षण के लिये जुटाए गये 42 हजार 999 नमूनों में 7503 अमानक मिले हैं। यह बाजार में बेंची जा रही खाद्य सामग्री का 17.44 प्रतिशत है। अभियान के यह आंकड़े 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच के हैं।
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दरकार
प्रदेश में अमानक सामग्री बेंच रहे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, लेकिन सख्ती का अभाव दिखा है। अधिरोपित अर्थदंड और वसूली के बीच अंतर को देखते हुए यही माना जा रहा है। क्योंकि 9 नवंबर 2020 से 31 मार्च 2023 के बीच 18.80 करोड़ अधिरोपण के मुकाबले मात्र 6.3 करोड़ रूपये ही वसूले जा सके हैं। वहीं दूसरी ओर 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 के बीच अधिरोपित 8.67 करोड़ के जुर्माने पर 2.93 करोड़ ही सरकार के खाते में आ पाए हैं। इसके अलावा 163 के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया, लेकिन मात्र 2 के खिलाफ ही राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जा सकी है।
दुग्ध शुद्धीकरण का 62.86 लाख दूध जब्त
्रदुग्ध शुद्धीकरण के लिये सरकार ने 62.86 लाख रूपये के दुग्ध उत्पाद जब्त किये हैं। साथ ही 2 प्रकरणों में लाइसेंस निरस्तगी की कार्रवाई की गई। इसके अलावा 8 के खिलाफ न्यायालयों में वाद दाखिल किया गया। 11 हजार 141 दुग्ध उत्पाद नमूनों में 4099 दूध, 1317 मावा, 1283 पनीर, 948 घी और 3494 अन्य उत्पाद शामिल है।
चलित प्रयोगशालाओं में जबलपुर में सबसे ज्यादा नमूने
सरकार द्वारा संचालित चलित प्रयोगशालाओं में सबसे ज्यादा नमूने जबलपुर संभाग से लिये गये हैं। साल भर में यह संख्या 13 हजार 510 रही है। इसके अलावा भोपाल 11 हजार 921 और सागर में 11 हजार 197 रही है। जबकि रीवा में 10 हजार 12, उज्जैन में 10 हजार 773 और खंडवा में 10 हजार 206 नमूने लिये गये है।
इनका कहना है
सरकार के निर्देशानुसार खाद्य प्रशासन लगातार मिलावट के खिलाफ अभियान चलाए हुए है। नागरिक हितों को संरक्षित करने खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश भर में यह अनवरत चलती रहेगी।
डीके वर्मा, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी, मुख्यालय भोपाल, मध्यप्रदेश
जब सरकार देगी 600 करोड़ तब कर्मचारियों को मिलेगी महंगाई से राहत
27 May, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारी मांगों को लेकर लामबंद हो रहे हैं। महंगाई भत्ता और महंगाई राहत जैसे लंबित विषय पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। यह इसलिये भी कि जनवरी 2023 से जहां कर्मचारियों का केंद्र सरकार के समान 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता बकाया है। वहीं पेशनरों को प्रतिमाह हो रहा है 9 प्रतिशत महंगाई राहत का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बीते 5 माह में हुए इस नुकसान की भरपाई तब होगी, जबकि सरकार 600 रूपये का भुगतान करेगी।
महत्वपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2023 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते में वृद्धि कर 42 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई राहत प्रदान कर दिया है। वहीं मध्य प्रदेश में बीते 5 माह में कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 9 प्रतिशत महंगाई राहत के आदेश जारी नहीं हो पाए है। इसके कारण कर्मचारियों को लगभग 600 करोड़ का नुकसान हो चुका है। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी दावा है कि प्रत्येक कर्मचारी को प्रति माह 620 से 5640 तक कम वेतन मिल रहा है। यदि महंगाई राहत और महंगाई भत्ते के बकाया एरियर को जोड़ लिया जाय तो कर्मचारियों को होने वाले नुकसान का आंकड़ा और बढ़ जाता है। बता दें कि प्रदेश में करीब 12 लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी है।
कर्मचारियों ने राज्य सरकार से से मांग की है कि जिस प्रकार सरकार केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों को जनवरी-जुलाई में महंगाई भत्ता महंगाई राहत का भुगतान किया जाता है उसी प्रकार राज्य सरकार को भी केंद्रीय तिथि केंद्रीय दर से महंगाई भत्ता महंगाई राहत दी जानी चाहिए। कर्मचारियों ने जनवरी 2023 से कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता और पेंशनरों को 9 प्रतिशत महंगाई राहत प्रदान करते हुए पूर्व की बकाया राशि जीपीएफ खाते में और पेंशनरों को नगद राशि देने की मांग की है।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को पांच महीने का वक्त बचा है इसलिए कर्मचारी अपनी-अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार पर लगातार दबाव बना रहे है। अब कर्मचारी सरकार को अपना वादा याद दिला रहे है। इसके लिये मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यसचिव को पत्र भी भेज चुकी है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार ने अनसुना किया तो इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जानकारी देने से मना करने पर सायबर ठग ने दी जान से मारने की धमकी
27 May, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। बागसेवनिया थाना इलाके में एक जागरुक महिला ने सायबर ठग को अपने एकांउट से जुड़ी जानकारी देने से मना किया तो आरोपी ने उसे और उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी दे डाली। पुलिस के अनुसार इलाके में रहने वाली 31 वर्षीय मोनिका पंडोले पति अखिलेश ने लिखित शिकायत कतरे हुए बताया कि वह घरेलू महिला है। बुधवार शाम वह घर पर अपनी एक साल की बेटी के साथ थी, जबकि पति काम पर गए थे। रात करीब पौने आठ बजे एक अनजान नंबर से उनके मोबाइल पर फोन आया। फोन रिसीव करने पर दूसरी और से बात करने वाले अज्ञात व्यक्ति ने उनसे कहा कि मुझे पहचाना क्या। मोनिका ने उसे पहचानने से इंकार करते हुए उससे नाम बताने को कहा। ठग ने अपनेपन के अंदाज में कहा कि मुझे पहचानिये आप मुझे अच्छे से जानते हैं। इस पर मोनिका ने उससे कहा कि क्या आप शिव भैया बोल रहे हैं। महिला की बात सुनकर आरोपी ने कहा कि हा में शिव बोल रहा हूँ। इसके बाद उसने कहा कि उसका एक दोस्त बीएसएफ में है, मुझे उससे पैसै लेने है, लेकिन अभी में अपने एकांउट में पैसै नहीं डलवा सकता। और वह रकम तुम्हारे एकाउंट में जमा करवा लेता हुं, इसलिए अपना एकाउंट नंबर बता दो। महिला को संदेह होने पर उसने जानकारी देने से मना कर दिया, इसपर आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दे डाली। बाद में पति के घर आने पर महिला ने उसे सारी बात बताई और थाने जा पहुंची। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर मोबाइल नंबर के आधार पर उसकी तलाश शुरु कर दी है।
सेहत के साथ आमदनी भी
26 May, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : झाबुआ जिले के ग्राम भुरीमाटी की शारदा सिंह वासुनिया कहती हैं कि काला कड़कनाथ हमारे जीवन में उजियारा लाया है। सरकार ने हमें स्व-रोजगार के लिये कड़कनाथ के 40 चुजे दिये थे। ये 5 से 6 महीने में बाजार में बेचने लायक हो जाते हैं। इनसे अण्डें भी मिल रहे हैं। मुनाफा अच्छा होने से परिवार की बहुत सारी जरूरतें अब पूरी होने लगी हैं। खुशी है कि कड़कनाथ को बाजार में बेचने से जहाँ आमदनी हो रही है, वहीं उसके अंडों से परिवार को भी पौष्टिक आहार मिल रहा है।
शारदा के पति कमल सिंह वासुनिया खेती और मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि हम सरकार की जितनी भी तारीफ करें कम है। सरकारी सहायता से जब से शारदा ने कड़कनाथ मुर्गी पालन का काम शुरू किया है, तब से मेरी बहुत सी चिंताएँ कम हो गई हैं। इससे हमें 20 हजार रूपये तक की आमदनी हो जाती है।
उल्लेखनीय है कि झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिले में अनुसूचित जनजाति के लोगों को अनुदान पर कड़कनाथ चुजे प्रदाय किये जा रहे हैं। झाबुआ जिले को कड़कनाथ की मूल प्रजाति के लिए जीआई टैग भी मिला हुआ है। इकाई लागत 4 हजार 400 रूपये है, जिसमें 3 हजार 300 रूपये का पशुपालन विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है। हितग्राही को मात्र 1100 रूपये अंशदान के रूप में व्यय करने होते हैं। एक बार इकाई शुरू होने के बाद चुजा, मुर्गा और अण्डा से आमदनी सतत जारी रहती है। अन्य मुर्गें की अपेक्षा कड़कनाथ अच्छी आमदनी देने के साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है।
मुख्यमंत्री चौहान ने बरगद, अमरूद और करंज के पौधे लगाए
26 May, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट उद्यान में बरगद, अमरूद और करंज के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ कु. राध्या वाघेला ने अपने जन्म-दिवस पर साथ पौध-रोपण किया। उनके परिवार के सदस्य पूनमचंद वाघेला, शरद वाघेला, अर्चना वाघेला और दैविक वाघेला उपस्थित थे। सभी लोगों ने पौध-रोपण के साथ श्रमदान भी किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने विमान से शिर्डी जा रहे देवास के 32 बुजुर्ग को दी शुभकामनाएँ
26 May, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर देवास के 32 बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों को शिर्डी तीर्थ-यात्रा की शुभकामनाएँ दी। इंदौर से शिर्डी विमान से तीर्थ-दर्शन के लिये यात्रियों के रवाना होते समय संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और इंदौर सांसद शंकर लालवानी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि तीर्थ-यात्रा पर जाने की प्रत्येक नागरिक की इच्छा रहती है। तीर्थ-यात्रा आत्मा को सुख प्रदान करती है। वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश में तीर्थ-दर्शन योजना बनाई गई थी। योजना में अब हवाई जहाज से यात्रियों को भेजने की शुरूआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनेक ऐसी योजनाएँ संचालित की हैं, जिनसे नागरिकों को आत्म-सुख प्राप्त हो। अयोध्या में श्रीराम मंदिर परिसर के विकास के साथ ही उज्जैन में श्रीमहाकाल महालोक, सलकनपुर में देवीलोक सहित चित्रकूट, ओरछा और जामसांवली जैसे धार्मिक स्थलों पर विभिन्न सुविधाएँ बढ़ाई जा रही हैं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आसानी हो सके। तीर्थ-दर्शन योजना में पहले रेल से ही यात्रियों को भेजा जाता था। अब हवाई जहाज द्वारा भी तीर्थ-यात्रा की सुविधा प्रारंभ की गई है। राज्य शासन ने अब पति-पत्नी को एक साथ विमान से तीर्थ-दर्शन के लिए योजना के नियमों में आवश्यक संशोधन की पहल भी की है।
मुख्यमंत्री चौहान ने शिर्डी जा रहे तीर्थ-यात्रियों की सफल यात्रा की कामना करते हुए सहयोग के लिए साथ जा रहे अधिकारी-कर्मचारियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री चौहान 29 मई को स्ट्रीट वेंडर्स से होंगे रू-ब-रू
26 May, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लघु व्यवसाय करने वाले लोगों (स्ट्रीट वेंडर्स) के कल्याण के लिए अनेक योजनाएँ संचालित हैं। इनका लाभ पात्र लोगों को सही ढंग से मिले, इसके लिए अभियान संचालित किया जाये। नगरीय विकास एवं आवास विभाग और स्थानीय प्रशासन हाथ ठेले और फेरी लगा कर छोटा-मोटा कारोबार करने वाले लोगों को लाभान्वित करने का कार्य करें। नगरीय क्षेत्र में व्यवसाय के लिए पर्याप्त स्थान की सुविधा देते हुए यह ध्यान रखें कि व्यवस्था बिगाड़े बिना इन व्यवसाइयों की रोजी-रोटी चलती रहे। मुख्यमंत्री चौहान आज समत्व भवन में 29 मई को भोपाल में होने वाली नगरीय क्षेत्र के हाथ ठेला चालकों, फेरी वालों, रेहड़ी वालों की होने वाली पंचायत की तैयारियों की जानकारी ले रहे थे। आयुक्त नगरीय प्रशासन भरत यादव, कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह, नगर निगम आय़ुक्त वी.एस. चौधरी कोलसानी और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लघु व्यवसाय करने वाले लोगों के परिवारों को लाड़ली बहना योजना, आय़ुष्मान कार्ड और शिक्षण संबंधी सुविधाएँ प्राप्त होती रहे, इसके लिए समय-समय पर समीक्षा की जाए। पीएम स्वनिधि योजना में लाभान्वित होने वाले हितग्राही को डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर प्रावधानों का लाभ मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए। मध्यप्रदेश पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में प्रथम रहा है। यह स्थिति आगे भी बनी रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स को बेहतर तरीके से विभिन्न योजनाओं का लाभ मिले, इसके लिए पंचायत में आवश्यक मंथन होगा। प्राप्त सुझावों और पूर्व में संचालित कार्यक्रमों के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए नवीन सुविधाएँ देने पर भी विचार किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में पीएम स्वनिधि योजना : एक नजर में
देश में 14 मई 2020 को केन्द्र सरकार द्वारा पीएम स्वनिधि योजना घोषित की गई, जिसका क्रियान्वयन 1 जून 2020 से प्रारंभ हुआ। कोरोना काल में कारोबार की दिक्कतें झेलने वाले शहरी पथ विक्रेताओं के रोजगार और उनकी आजीविका को सुनिश्चित करना योजना का प्रमुख उद्देश्य था। योजना में एक वर्ष के लिए 10 हजार रूपये की ब्याज मुक्त कार्यशील पूंजी ऋण के रूप में उपलब्ध करवाई जाती है। समय से भुगतान करने पर दोबारा 20 हजार रुपये की राशि प्राप्त होती है, जिसका भुगतान समय पर करने पर 50 हजार रूपये की कार्यशील पूँजी ऋण और ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। डिजिटल ट्रांजेक्शन पर वर्ष में अधिकतम 1200 रूपये का विशेष अनुदान दिया जाता है। हितग्राही को बिना गारंटी का ऋण मिलता है। देश में मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में प्रथम स्थान पर है। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शहरी असंगठित कामगार एकीकृत पोर्टल तैयार कर पंजीयन किए गए। प्रदेश में 9 लाख 17 हजार पहचान/विक्रय प्रमाण-पत्र जारी किए गए हैं। कुल 5 लाख 53 हजार 106 प्रकरण मंजूर कर हितग्राही लाभान्वित किए जा चुके हैं। प्रदेश की प्रगति 102.45 प्रतिशत है। पीएम स्वनिधि योजना में केन्द्र सरकार द्वारा 7 प्रतिशत के ब्याज अनुदान के प्रावधान के साथ मध्यप्रदेश सरकार 7 प्रतिशत से अधिक की ब्याज राशि अनुदान के रूप में दे रही है। योजना का 3 चरण में क्रियान्वयन हुआ है।
स्वनिधि से समृद्धि
प्रदेश के 335 नगरीय निकायों में स्वनिधि से समृद्धि योजना पर अमल हो रहा है। प्रथम चरण में 9 नगरीय निकाय भोपाल, इन्दौर, ग्वालियर, बुरहानपुर, खण्डवा, उज्जैन, सागर, गुना और छतरपुर शामिल हुए। द्वितीय चरण में 15 निकाय जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा, देवास, सिंगरौली, रतलाम, मुरैना, सतना, सिवनी, विदिशा, शिवपुरी, खरगोन, दमोह और धार का चयन किया गया है। तृतीय चरण में प्रदेश की 311 नगरीय निकायों का चयन स्वनिधि से समृद्धि योजना में किया गया। पीएम स्वनिधि के लाभार्थी और उनके परिजन को केन्द्र सरकार की जिन आठ जन-कल्याणकारी योजनाओं से जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है, उनमें पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम श्रमयोगी मान धन योजना, वन नेशन-वन कार्ड, पीएम जन-धन योजना, पीएम मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना सहित भवन और अन्य निर्माण श्रमिक योजनाएँ शामिल हैं।
मप्र में बादल छाने से वातावरण में घुली ठंडक
26 May, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी में बीती रात को तेज हवाएं चलने के साथ नर्मदापुरम रोड, कोलार रोड पर वर्षा हुई। इससे वातावरण में ठंडक घुल गई। प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से बादल छाने लगे हैं। इस वजह से नौतपा के पहले दिन गुरुवार को पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान में छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। बुधवार को टीमकगढ़ का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था, जो गुरुवार को छह डिग्री सेल्सियस लुढ़ककर 39 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। कई शहरों में बूंदाबांदी भी हुई।उधर गुरुवार को प्रदेश में सबसे अधिक 43.8 डिग्री सेल्सियस तापमान नरसिंहपुर में दर्ज किया गया। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलग-अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियों के अलावा हवा का रुख भी पश्चिमी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से अरब सागर से नमी भी आ रही है। इस वजह से प्रदेश के उत्तरी एवं पूर्वी क्षेत्र के जिलों में वर्षा हो रही है। शुक्ला के मुताबिक मौसम का इस तरह का मिजाज अभी दो-तीन दिन तक बना रह सकता है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भोपाल, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, सागर, शहडोल, जबलपुर संभाग के जिलों में वर्षा होने की संभावना है। चंबल संभाग एवं शिवपुरी जिले में ओले गिरने की भी आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान पर ट्रफ के रूप में बना हुआ है। उत्तरी पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात अब पंजाब पर आ गया है। उत्तर प्रदेश से लेकर बांग्लादेश तक द्रोणिका लाइन बनी हुई है, जो बिहार, झारखंड से होकर जा रही है। इसके अतिरिक्त दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक एक अन्य द्रोणिका लाइन बनी हुई है। जो विदर्भ, तेलंगाना से होकर जा रही है।