मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
हाथ ठेला, फेरी और रेहड़ी वालों की पंचायत 29 मई को आयोजित होगी
24 May, 2023 09:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने हाथ ठेला, फेरी और रेहड़ी वालों की पंचायत 29 मई को बुलाई है। यह आयोजन मुख्यमंत्री आवास में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति पत्र वितरित करेंगे। कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण सभी नगरीय निकायों में किया जाएगा। गुरुवार को नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की।मंत्री भूपेंद्र सिंह ने सभी तैयारियां समय सीमा में पूरी करने के निर्देश दिए। इस पंचायत में भोपाल नगर के हाथ ठेला हितग्राही, पथ विक्रेता एवं रेहड़ी वाले शामिल होंगे। कार्यक्रम प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में भी होगा। जहां स्थानीय जनप्रतिनिधि पथ विक्रेताओं को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत ऋण स्वीकृति-पत्र वितरित करेंगे। बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीरज मंडलोई, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास भरत यादव, आयुक्त नगरपालिक निगम भोपाल केवीएस चौधरी कोलसानी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे
कोल समाज के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्रतीक कोलगढ़ी का होगा जीर्णोद्धार - मुख्यमंत्री चौहान
24 May, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोल समाज के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्रतीक त्योंथर की कोलगढ़ी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए तीन करोड़ 12 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस 9 जून से जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो जाएगा। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर कोल भवन बनाए जाएंगे, इसकी शुरुआत रीवा से होगी। कोल समाज की प्रगति और उत्थान के लिए सरकार और समाज मिल कर काम करेंगे। शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष गतिविधियाँ चलाई जाएंगी।
मुख्यमंत्री चौहान निवास परिसर में कोल जनजाति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप जला कर और भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री निवास पधारे कोल जनजाति के भाई-बहनों का मुख्यमंत्री ने पुष्प-वर्षा कर समाज के वरिष्ठ सदस्यों तथा जनजातीय कलाकारों का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री चौहान को समाज की ओर से मंगेश गोटिया ने स्वनिर्मित मुख्यमंत्री का चित्र भेंट किया। मुख्यमंत्री चौहान को साफा पहना कर और तीर-कमान भेंट कर कोल समाज की ओर से अभिवादन किया गया।
कोल समाज राम-भक्त और देश-भक्त समाज
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोल समाज की महिमा अद्भुत है। यह वह समाज है जिसने भगवान को भी घर दिया। भगवान श्रीराम के वनवास के समय कोल समाज ने ही उन्हें फल-फूल और आश्रय देने का काम किया। साथ ही समाज बंधुओं ने ही भगवान श्रीराम के लिए पर्ण कुटी का निर्माण किया। कोल समाज राम-भक्त और देश-भक्त समाज है। अंग्रेजों को खदेड़ने में भी कोल समाज आगे रहा है। वर्ष 1831 में बुधु भगत और मदारा महतो के नेतृत्व में हुआ कोल विद्रोह कई जनजातियों के लिए अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का प्रेरणा स्रोत बना। कोल समाज का अपना इतिहास है, इसके संरक्षण के लिए निरंतर कार्य जारी रहेगा। भले और भोले कोल समाज का सम्मान और प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित होगी।
जिन व्यक्तियों के पास रहने के लिए जमीन नहीं है, उनका सर्वे कराया जाएगा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना में पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जा रहा है। कोल समाज के जिन व्यक्तियों के पास रहने के लिए जमीन नहीं है, उनका सर्वे कराने के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को प्लॉट दिया जाएगा, पट्टे के साथ ही घर बनाने के लिए भी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में जमीन खरीद कर प्लॉट उपलब्ध कराए जाएंगे।
जिन्दगी बदलने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे : समाज भी हो सजग
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई, सभी के स्वास्थ्य, युवाओं के रोजगार और स्व-रोजगार पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने समाजजन को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें अपनी जिन्दगी बदलने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे, हम गरीब रहने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। बच्चों की शिक्षा, रोजगार और स्व-रोजगार के लिए लक्षित प्रयासों से ही आने वाली पीढ़ी समय के साथ चल सकेगी। इसके लिए समाज को सजग होना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कोल विकास प्राधिकरण को मेधावी बच्चों की पढ़ाई, सरकारी नौकरी तथा मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती के लिए कोचिंग की व्यवस्था की दिशा में पहल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं के स्व-रोजगार केलिए आवश्यक प्रशिक्षण और लोन की व्यवस्था कर उन्हें रोजगार मांगने वाला नहीं रोजगार देने वाला बनाना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कोल समाज की महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और लाड़ली बहना योजना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किए।
भक्तिमय हुए मुख्यमंत्री चौहान
जनजातीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन -'आगे-आगे राम चलत हैं - पीछे लक्ष्मण भाई रे - शोभा बरन न जाई रे' को सुर देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने भी भजन की पंक्तियाँ गाईं। मुख्यमंत्री ने अतिथियों का मुख्यमंत्री निवास पधारने के लिए आभार माना।
राज्य स्तरीय कोल जनजाति प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान कोल समाज की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य शासन द्वारा जनजातीय समाज के मान-सम्मान और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। अन्य जन-प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। सम्मेलन में विधायक शरद कोल, अध्यक्ष जिला पंचायत सतना राम खिलावन कोल, अध्यक्ष जिला पंचायत रीवा नीता कोल, भारिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दिनेश अगरिया, जनजातीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल सहित बड़ी संख्या में कोल समाज के भाई-बहन उपस्थित थे।
कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा कूनो नेशनल पार्क
24 May, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कूनो नेशनल पार्क कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। यही वजह है कि यहां रहने वाले चीतों की ठीक से देखरेख नहीं हो पा रही है। पार्क में करीब 50 कर्मचारियों के पद खाली है। चीता प्रबंधन को लेकर वन विभाग के बड़े अधिकारी चिंतित हैं। कूनो नेशनल पार्क में कर्मचारियों के कई पद खाली है। इस वजह से चीतों की ठीक से देखरेख नहीं हो पा रही है।बता दें कि छह चीते खुले जंगल में हैं। एक चीते की देखरेख के लिए तीन शिफ्ट में छह कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है, जो कर्मचारी कम होने से प्रभावित हो रही है। मंगलवार को भी मादा चीता ज्वाला के शावक की मौत के लिए सीधे तौर पर पार्क प्रबंधन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। पार्क में शिकारी गतिविधियां भी बढ़ी हैं, जिसे देखते हुए पार्क संचालक प्रकाश वर्मा का तबादला 23 फरवरी को पेंच टाइगर रिजर्व कर दिया गया था, पर वे आज तक रिलीव नहीं हुए हैं। उधर, मार्च से चीतों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया। पार्क में संचालक, उपसंचालक, रेंजर, डिप्टी रेंजर, वनपाल, वनरक्षक सहित 226 पद हैं। इनमें से वर्तमान में 50 पद खाली हैं। कूनो में चीता लाए जाने के पहले (अगस्त 2022 से अब तक) से खाली पदों को भरने के प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए वन बल प्रमुख आरके गुप्ता ने प्रदेशभर के कर्मचारियों से आवेदन मांगे थे, ताकि स्वेच्छा से कर्मचारियों की पदस्थ किया जा सके, पर इतनी लंबी कोशिश के बाद भी 15 पद ही भरे जा सके। हाल ही में वन्यप्राणी मुख्यालय ने वन बल प्रमुख को फिर से खाली पद भरने के लिए पत्र लिखा है।
चयनित महिला शिक्षक बैठी भूख हड़ताल पर
24 May, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । जल्द शिक्षक भर्ती प्रारंभ करने की मांग को लेकर चयनित महिला शिक्षक भूख हड़ताल पर बैठ गई। लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के बाहर पिछले कई दिनों से चयनित शिक्षक धरना दे रहे हैं। सोमवार से चयनित महिला शिक्षक भीषण गर्मी में डीपीआई के बाहर भूख हड़ताल पर बैठी हैं। ये सभी चयनित शिक्षक कई विषयों में पदवृद्धि के साथ शिक्षकों के स्थायी पदों पर जल्द नियुक्ति की मांग कर रही हैं। चयनित महिला शिक्षकों का कहना है कि लाडली बहनों के लिए शासन की ओर से योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन हम लोगों की तरफ ध्यान ही नहीं है। चयनित महिला अभ्यर्थियों की मांग है कि शिक्षक भर्ती-2018 की प्रक्रिया को पदवृद्धि, तृतीय काउंसलिंग के साथ पूर्ण किया जाए। इनकी प्रमुख मांग है कि 2018 शिक्षक भर्ती उच्च माध्यमिक और माध्यमिक के विषय मातृभाषा हिंदी और संस्कृत में 500-500 पदों की वृद्धि कर नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। उच्च माध्यमिक शिक्षक 2018 के प्रथम काउंसलिंग ईडब्ल्यूएस वर्ग के 1039 पदों पर नियोजन प्रक्रिया प्रारंभ की जाए। वर्ग 1 और वर्ग-2 के गणित विषय के साथ अन्य विषयों की अतिरिक्त सूची क्लियर करते हुए उच्च माध्यमिक और माध्यमिक के सभी विषयों में पद वृद्धि कर तृतीय राउंड काउंसलिंग की जाए। इससे पहले इन महिलाओं ने तथा समस्त पात्र अभ्यर्थियों की मांग पर विभिन्न जनप्रतिनिधियों ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, विधानसभाध्यक्ष गिरीश गौतम, सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया, कर्मचारी कल्याण आयोग के अध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा रमेश चंद्र शर्मा, वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया, विश्वजीत सिंह सिसौदिया, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, जनजातीय कार्यमंत्री मीना सिंह, डॉ राघवेंद्र शर्मा प्रदेश कार्यालय मंत्री बीज भारतीय जनता पार्टी, दिनेश राय मुनमुन विधायक सिवनी, आशीष गोविंद शर्मा विधायक खातेगांव, गोपीलाल जाटव विधायक गुना, आदि कई बार नोट शीट जारी कर चुके हैं। हडताली शिक्षकों का कहना है कि हडताल के पहले दिन से शासन व प्रशासन की तरफ से किसी का ध्यान नहीं है।एक तरफ शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने का दम भरा जा रहा है।, वहीं दूसरी तरफ शिक्षित पात्र अभ्यर्थी रोजगार के लिए भूख हड़ताल करने पर मजबूर है। ऐसी दोगली-दोहरी राजनीति है जिसका खामियाजा केवल और केवल आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
प्रदेश सरकार गोसदन को फिर शुरू करेगी
24 May, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश सरकार गोसदन को फिर शुरू करने जा रही है। इनका नाम गोवंश वन्य विहार होगा। ऐसे 10 वन्य विहार शुरू किए जाएंगे। अंग्रेजों के समय से संचालित होने वाले वन्य विहार जंगल से जुड़ी राजस्व भूमि में होंगे, जिससे गोवंशीय पशुओं को चरने के लिए जंगल में छोड़ा जा सके। एक वन्य विहार में पांच हजार से अधिक गोवंशीय पशुओं को रखने की व्यवस्था होगी। बड़ी बात यह है की राज्य सरकार यहां पर प्रति गाय 71 रुपये हर दिन के हिसाब से अनुदान देगी। इसमें 50 रुपये वहां काम करने वाले कर्मचारी के लिए होगा। इनका संचालन गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) से कराया जाएगा। प्रदेश की मौजूदा गोशालाओं को प्रति गाय अभी 20 रुपये रोज के मान से अनुदान दिया जा रहा है।एक सुविधा यह भी रहेगी कि वन्य विहार संचालक कुल गायों में 40 प्रतिशत तक दुधारू गाय भी यहां रख सकेंगे, जिससे अतिरिक्त आय हो सके। वन्य विहार बनाने के लिए पशुपालन विभाग के पास पहले से छह हजार 700 एकड़ जमीन है। गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष अखिलेश्वरानंद गिरि ने बताया कि अविभाजित मध्य प्रदेश में 10 वन्य विहार थे। इनमें दो छत्तीसगढ़ और आठ मध्य प्रदेश में थे। वर्ष 2000 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इन्हें बंद कर दिया था। हालांकि, इनकी जमीन पशुपालन विभाग के पास ही थी। उन्होंने बताया कि वन्य विहार में गोवंशीय पशु दिन में चरने के लिए संरक्षित क्षेत्र में जाएंगे। रात में उन्हें गोशाला में रखा जाएगा। यहां पर धीरे-धीरे गोवंश को रखने की क्षमता आवश्यकता अनुसार बढ़ाई जा सकेगी।रायसेन और बालाघाट में भी वन्य विहार के लिए 500 एकड़ जमीन इसके लिए अधिग्रहित करने का प्रस्ताव है। जिन जिलों में वन्य विहार बनाए जा रहे हैं, उनमें सीहोर, शिवपुरी, जबलपुर, सागर, टीकमगढ़, पन्ना, खरगोन, मंदसौर, बालाघाट और रायसेन शामिल हैं। इनके अलावा बैतूल, छिंदवाड़ा और सिवनी में भी बनाने का प्रस्ताव है।
एनएचएम ने रदद की 12 परीक्षाएं
24 May, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
परीक्षाओं में गड़बड़ी की आशंका के चलते लिया निर्णय
भोपाल । राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) ने 12 परीक्षाएं रदद कर दी हैं। एनएचएम ने यह फैसला इन परीक्षाओं में भी गड़बड़ी की आशंका के चलते लिया है। इनकी लिखित परीक्षा या साक्षात्कार अगस्त 2022 से फरवरी 2023 के बीच हुआ था। अभी इन परीक्षाओं के परिणाम जारी नहीं हुए थे। अब नए सिरे यह परीक्षाएं कराई जाएंगी। बता दें कि बीती सात फरवरी को स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने का मामला प्रकाश में आने के बाद एनएचएम ने यह फैसला लिया है। ग्वालियर में पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पेपर लीक के मामले में कुछ दलाओं को पकड़ा था। उन्हें पूछताछ में बताया था कि उन्हें प्रश्न पत्र परीक्षा कराने वाली एमईएल कंपनी के तीन कर्मचारियों ने उपलब्ध कराया था, जबकि एनएचएम ने यह जिम्मेदारी स्ट्रैटजिक एलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस (सैम्स) को दी थी। सैम्स ने दूसरी कंपनियों को कुछ काम बांट दिया था। गड़बड़ी सामने आने के बाद एनएचएम ने 23 फरवरी को सैम्स का अनुबंध समाप्त कर उसे तीन वर्ष के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। जिन परीक्षाओं को रदद किया गया उनमें संविदा स्टाफ नर्स (अर्बन एचडब्ल्यूसी),तीन अगस्त 2022, संविदा फार्मासिस्ट (अर्बन एचडब्ल्यूसी), चार अगस्त 2022, सलाहकार किशोर स्वास्थ्य, 10 जनवरी 2023, कीट संग्राहक , 10 जनवरी 2023, सलाहकार-सीपीएचसी,10 जनवरी 2023, सलाहकार कम्यूनिटी मानिटरिंग , 11 जनवरी 2023, सलाहकार आईटी, आईआरटीएस, 11 जनवरी 2023, संविदा एएनएम , 21 जनवरी 2023, संविदा सब इंजीनियर- 21 जनवरी 2023, संविदा जिला डाटा मैनेजर ,21 जनवरी 2023, संविदा माइक्रोबायोलाजिस्ट , 21 जनवरी 2023, संविदा रिहेबिलिटेशन वर्कर , सात फरवरी 2023 की परीक्षा शामिल है।
पुराने विवाद में दोस्त को मारा चाकू, अस्पताल ले गए, मौत हुई तो आटो में छोड़कर भाग निकले
24 May, 2023 02:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । शहर के छोला मंदिर थाना इलाके में तीन युवकों ने पुराने विवाद को लेकर अपने दोस्त की जांघ में चाकू मार दिया। इसके बाद उसे उपचार कराने के लिए आटो से लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन अधिक खून बह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। यह देख तीनों उसे आटो में ही छोड़कर भाग निकले। आरोपितों के खिलाफ पूर्व से कई अपराध दर्ज हैं। वारदात के बाद से सभी फरार हैं। छोला मंदिर थाना पुलिस के मुताबिक शंकर नगर निवासी 26 वर्षीय सुनील मालवीय निजी काम करता था। उसकी मोहल्ले में रहने वाले सुनील उर्फ गोकू, निक्की मौर्या और रोहित रजक के साथ दोस्ती थी। चारों का पुराना आपराधिक रिकार्ड भी है। इनमें सुनील उर्फ गोकू के खिलाफ 15 केस दर्ज हैं। वह जिलाबदर भी हो चुका है।
पिछले दिनों उसे जहरीली शराब के साथ भी पकड़ा गया था। मंगलवार रात लगभग आठ बजे चारों दोस्त शंकर नगर में इकट्ठा हुए थे। इस दौरान उनमें पुरानी किसी बात को लेकर विवाद हो गया। जिसके चलते तीनों बदमाशों ने मिलकर सुनील मालवीय से मारपीट करते हुए उसकी जांघ में चाकू घोंप दिया। इसके बाद तीनों गंभीर रूप से घायल हुए सुनील को आटो से लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन अधिक खून बह जाने से सुनील की मौत हो गई तो उसे आटो में ही छोड़कर भाग निकले। सुनील की मां गुड्डी बाई की शिकायत पर पुलिस ने आरोपित सुनील उर्फ गोकू, निक्की मौर्या और रोहित रजक के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
कोल जनजाति सम्मेलन में सीएम शिवराज ने सुनाई शबरी की कथा, बोले- यही वो समाज जिसने भगवान के लिए भी घर बनाए
24 May, 2023 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री निवास परिसर में बुधवार को कोल जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोल समुदाय के लिए कई सौगातों की घोषणा की। सम्मेलन में मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय कोल जनजाति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामलाल रौतेल, जिला पंचायत सतना के अध्यक्ष श्री राम खेलावन कोल, जिला पंचायत रीवा की अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल, ब्यौहारी विधायक श्री शरद कोल सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोल जनजाति के हितग्राहियों को ऋण स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि यही वह समाज है, जिसने भगवान श्रीराम को भी घर बनाकर दिए। सीएम ने शबरी की कथा भी सुनाई और कहा कि शबरी मैया ने भगवान श्रीराम को चख-चखकर बेर खिलाए थे। बेर लक्ष्मण को भी दिया था। यह समाज अंग्रेजों के खिलाफ भी लड़ा।
सीएम ने कोल समाज को दी सौगातें
सीएम शिवराज ने कहा कि कौलगढ़ी के लिए 3.12 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिए। जून के पहले सप्ताह में कौलगढ़ी के पुनर्निर्माण का शुभारंभ करेंगे। हम कौल समाज का सम्मान वापस लौटाएंगे। आप भले और भोले हैं।विकास में जो सबसे पीछे रह गए, मेरे लिए वह सबसे पहले हैं। हम सभी को रहवास के लिए जमीन देंगे। पट्टा और कब्जा दिलाएंगे। इसके लिए सर्वे करवाउंगा। जो रह गए हैं, उन्हें सरकारी है तो ठीक वरना खरीदकर जमीन देंगे। इन्हें आवास के लिए राशि भी देंगे। प्लाट की व्यवस्था करके आवास के लिए अलग सूची बनाएंगे। पीएम आवास में कराने की कोशिश करेंगे। ऐसा नहीं हुआ तो अलग योजना बनाएंगे। प्राधिकरण समाज के बच्चों को पढ़ाने की योजना बनाए।
समाज के उद्धार की चिंता
सीएम ने कहा कि नेताजी आए, भाषण फटकारा और चले गए, पर हमें समाज के उद्धार की चिंता है। स्वरोजगार योजना पर भी ध्यान दें। ऐसी योजनाएं बनाएं जिसके लिए 50 लाख का लोन मिल जाए। मट्टी खोदने, तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए तो पैदा नहीं हुए हैं। रोजगार देने वाले बनें। इलाज स्थानीय स्तर पर कराएं, जरूरत हो तो मुझसे पैसे मांगे, मैं इलाज कराऊंगा। मामा किसलिए है। गांवों में टीम बनाकर यह देखें कि समाज के लोगों को सभी लाभ मिल रहे हैं। कौलगढ़ी के कार्यक्रम में समाज के सभी लोग आएं ताकि हम भी अपना विराट रूप दिखाएं। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि नौ जून को बिरसा मुंडा के शहादत दिवस पर त्योंथर में कौलगढ़ी के लिए शिलान्यास किया जाएगा।
कोल समाज के महापुरुषों के नाम पर हो बस्तियों का नामकरण
इससे पहले कार्यक्रम के मंच से ब्योहारी से विधायक शरद कोल ने कहा कि कोल जनजाति की जमीनों पर कब्जे हैं, उन्हें उनकी भूमि मिल जाए। छोटी-छोटी बातें हैं, जिन्हें दूर किया जा सकता है। कोल मोहल्ला,. कोल बस्ती की जगह समाज के महापुरुषों के नाम पर बस्तियों के नाम रखे जाएं।
मप्र कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रोतेल ने कहा राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास इस सरकार ने किया। हमें समझना होगा कि कोई हमें बरगला न पाए।गौरतलब है कि कोल जनजाति मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी अनुसूचित जनजाति है। इनका देश की संस्कृति, गौरवशाली परंपरा और स्वंतत्रता आंदोलन में अहम योगदान है। प्रदेश में कोल जनजाति की 10 लाख से भी ज्यादा जनसंख्या मुख्य रूप से रीवा, सतना, शहडोल, सीधी, पन्ना एवं सिंगरौली जिलों में निवास करती है। कोल जनजाति उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य में भी निवास करती है।
मप्र की राजनीति में पहली बार जातिवादी ट्रेंड
24 May, 2023 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही सियासत में एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। राजनीतिक दलों ने जाति के आधार पर मतदाताओं को खुश करने के दांव चलना शुरू कर दिया है। राज्य की सियासत में यह पहला मौका है, जब जातिवादी राजनीति के दांव आजमाए जा रहे हैं। यह संकेत दे रहे हैं कि मध्यप्रदेश की सियासत उत्तर प्रदेश और बिहार की राह पर आगे बढऩे लगी है। राज्य के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना भाजपा और कांग्रेस दोनों का लक्ष्य है। दोनों ही दल यह मानकर चल रहे हैं कि साल के अंत में होने वाले चुनाव आसान नहीं होंगे। लिहाजा इन दलों ने हर वर्ग को लुभाने की योजनाएं बना डाली हैं।
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की सरकार स्वर्ण कला बोर्ड, रजत कल्याण बोर्ड, तेल घनी बोर्ड, विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड, तेजाजी कल्याण बोर्ड और कुशवाहा कल्याण बोर्ड के गठन का ऐलान कर चुकी है। वहीं कांग्रेस की ओर से यादव समाज, केवट समाज और अन्य समाजों के साथ पिछड़ा वर्ग के सम्मेलनों का आयोजन किया जा चुका है। भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों ही दल समाजों के सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं तो संबंधित समाजों से जुड़े नेता अपने लिए विधानसभा चुनाव में टिकट देने का दबाव भी बना रहे हैं। इन नेताओं का तर्क यही है कि उनकी जाति के मतदाताओं का जितना प्रतिशत है, उतने टिकट उस जाति के लोगों को दिए जाएं। कुल मिलाकर इस बार के चुनाव से पहले राज्य में उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति की छाया नजर आने लगी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एमपी में अब तक जाति के आधार पर राजनीति की दिशा में न तो भाजपा बढ़ी थी और न ही कांग्रेस। इस बार दोनों ही राजनीतिक दल सत्ता पाने की चाहत में उस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जो आने वाले समय में राज्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
चुनावी साल में किसानों को साधेगी सरकार
24 May, 2023 12:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। प्रदेश में चुनावी साल होने की वजह से भाजपा व कांग्रेस दोनों की नजरें इस समय किसानों पर लगी हुई है। इसकी वजह है, प्रदेश में इनकी बड़ी आबादी का होना। बीते आम चुनाव में किसानों द्वारा कांग्रेस का साथ देने से भाजपा को सरकार से बाहर होना पड़ा था, जिससे सबक लेते हुए इस बार भाजपा का फोकस किसानों पर है। यही वजह है कि चुनाव से पहले भाजपा किसानों का साथ पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। अब इन्हें साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले माह मप्र आने वाले हैं। वे यहां पर होने वाले किसान महासम्मेलन में भाग लेंगे।
सम्मेलन में वे किसानों के खातों में फसल बीमा के तीन हजार करोड़ रुपये डालने की शुरुआत करेंगे। दरअसल किसान बड़ा वोट बैंक हैं और इन्होंने वर्ष 2018 के मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ ऋण माफ करने के वचन के कारण समर्थन दिया था। इसी के चलते कांग्रेस 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थी। पार्टी ने इस बार भी किसानों को ऋण माफी का वचन दिया है। रबी और खरीफ की फसलें वर्ष 2021-22 में अतिवृष्टि के कारण प्रभावित हुई थीं। सरकार ने उक्त वर्ष में न्यूनतम एक हजार रुपये का फसल बीमा देने का प्रविधान किया था। इसके कारण 44 लाख किसानों ने बीमा कराया। सूत्रों की माने तो लगभग तीन हजार करोड़ रुपये के बीमा दावे मंजूर हुए हैं। अब बीमा की राशि किसानों के खातों में अंतरित की जानी है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार चुनावी वर्ष में किसानों को साधने के लिए बड़ा कार्यक्रम करना चाहती है। साथ ही, राज्य सरकार ने हाल ही में 11। 9 लाख किसानों की 2,123 करोड़ रुपये की ब्याज माफी देने का निर्णय लिया है। यह इस दृष्टि से बड़ा कदम है। इस ब्याज माफी से इन किसानों को जून से सहकारी समितियों से खाद-बीज मिलने लगेगा, जो अपात्र होने के कारण बंद हो गया था। इसी तरह राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ भी 15 लाख से अधिक किसानों को देने जा रही है। इसी तरह से कुछ अन्य योजनाओं की घोषणा की भी तैयारी है। किसान महासम्मेलन में पीएम मोदी की उपस्थिति से देशभर के किसानों को पार्टी अच्छा संदेश देना चाहती है।
यह है प्रदेश में किसानों का आंकड़ा
राज्य की कुल आबादी का 72 फीसदी आबादी ग्रामीण है, जिसकी आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि है। मध्य प्रदेश में कुल किसानों की संख्या लगभग 100 लाख यानी 1 करोड़ है। इसमें 1 हेक्टेयर तक जोत सीमा वाले सीमांत किसान 38 लाख 91 हजार हैं। वहीं लघु किसान जिनकी जोत सीमा 1 से दो हैक्टेयर के बीच है, उनकी संख्या 24 लाख 49 हजार है। प्रतिशत के हिसाब से प्रदेश में 48। 3 प्रतिशत सीमान्त कृषक हैं, जबकि 27। 15 प्रतिशत लघु कृषक हैं।
लक्ष्मण सिंह ने अपनी ही पार्टी को घेरा
24 May, 2023 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश में मिशन 2023 की तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश की दोनों पार्टी चुनाव की तैयारी में जुट गई है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस के भीतर ही संगठन पर सवाल उठाने और गुटबाजी के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में आगामी विधान सभा चुनाव में पार्टी की नैया कैसे पार लगेगी। कल ही कांग्रेस जिला प्रभारी नूरी खान के सामने कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे और आज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के भाई विधायक लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी को घेरा है। उन्होंने यूथ कांग्रेस के चुनाव में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में ट्वीट कर अपनी बात लिखी है।
ट्वीट कर लक्ष्मण सिंह ने लिखा है कि- संगठन के इस महत्वपूर्ण चुनाव में पारदर्शिता होना चाहिए। हम कार्यकर्ताओं का विश्वास कैसे जीतेंगे। यूथ कांग्रेस के चुनाव में नया विवाद 20 लाख वोट पड़े और 8 लाख की गिनती हुई है 12 लाख रिजेक्ट किए गए है।मैन्युअल रि-ऑडिट की डिमांड की गई है। राजस्थान यूथ कांग्रेस के चुनाव परिणाम के बाद से विवाद चल रहा है। विवाद को लेकर कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट किया है।
कमलनाथ चुनाव आते-आते भूल जाएंगे घोषणाएं: ग्रहमंत्री
24 May, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमल नाथ पर निशाना साधते हुए ग्रहमंत्री डाक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अब उन पर ये उम्र हावी हो गई है और उससे ये लगता है कि जो आए दिन घोषणा करते हैं न मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते-आते वे सारी घोषणाएं भी भूल जाएंगे। मालूम हो कि कमल नाथ ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि को उनकी जयंती बताया था। मीडिया ने इस बारे में डाक्टर नरोत्तम मिश्रा से सवाल किया था। इस पर डाक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अकेले जयंती वाली बात नहीं है। पुण्यतिथि को जयंती कह दिया। साथ में यह भी कहा कि शुभ दिन है। अब आप उससे उनकी उम्र की अंदाजा समझ लो आप। उम्र का अंदाजा ऐसा हो गया, ये 75 साल से ऊपर का। उन्होंने मीडिया से ही सवाल किया कि एक बार आपको ध्यान हो जब दीपक सक्सेना से वे दिग्विजय सिंह को जिताने की अपील कर गए थे। डाक्टर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो विधानसभा की कार्रवाई को बकवास कह देते हों, जो किसी महिला नेत्री को आइटम कह देते हों। अब उन पर ये उम्र हावी हो गई है और उससे ये लगता है कि जो आए दिन घोषणा करते हैं न मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव आते-आते वे सारी घोषणाएं भी भूल जाएंगे। उल्लेखनीय है कि कमल नाथ ने रविवार को राजधानी में मप्र कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इसे जयंती बता दिया था। वहीं कमल नाथ ने वर्ष 2020 के उपचुनावों के दौरान डबरा में चुनावी सभा में भाजपा नेता इमरती देवी पर आइटम कहते हुए टिप्पणी कर दी थी। तब वे कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश राजे के लिए प्रचार करने पहुंचे थे।उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विदेश की धरती पर सम्मान होना हर भारतवासी के लिए गौरव और गर्व का क्षण है, लेकिन कांग्रेस और उसके नेता कमलनाथ जी दलगत राजनीति के चलते इसकी भी आलोचना कर रहे हैं।डाक्टर नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि कांग्रेस अब अपने सलाहकार मौलाना अरशद मदनी जैसे लोगों से बजरंग दल को लेकर बयान दिलवा रही है।
कार्तिकेय सिंह चौहान और मध्यप्रदेश कांग्रेस के बीच ट्विटर वॉर फिर गरमाया
24 May, 2023 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश कांग्रेस और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान में ट्विटर वॉर फिर गर्मा गया है। तीन दिन में मंगलवार को दूसरी बार है, जब कांग्रेस और कार्तिकेय में ट्विटर पर बयानजाबी हुई है। कांग्रेस ने 21 मई की रात 8:48 पर ट्वीट करते हुए कार्तिकेय को लिखा- हे युवराज! जब आप अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, तब आपके पिताजी की सरकार मंदसौर में किसानों के बच्चों को गोलियों से भून रही थी। इसके जवाब में कार्तिकेय ने मंगलवार (22 मई) सुबह 7:38 ट्वीट कर कहा- सुना है बड़े भाई नकुलनाथ जी जब अमेरिका में थे, तो देश में सिख नरसंहार हो रहा था? इससे पहले कार्तिकेय ने कांग्रेस के लिए लिखा था- कांग्रेस नेताओं में चरित्र शब्द की समझ कम है। दरअसल, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नी साधना का एक वीडियो शेयर करते हुए तंज कसा था। लिखा था- आदरणीय मामी जी, अब आपकी जल्द ही चूल्हा फूंकने की तकलीफ खत्म होने वाली है, क्योंकि कमलनाथ जी के मुख्यमंत्री बनते ही आपको भी 500 में गैस सिलेंडर मिलेगा। वीडियो में शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह सिलबट्टा चलाते नजर आ रहीं हैं। पास में कुछ महिलाएं चूल्हे पर रोटियां सेंकती और चूल्हा फूंकती नजर आ रही हैं। यह वीडियो मई में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मैरिज एनिवर्सिरी के दिन ट्वीट किया था।
चंबल में लगातार बढ रहा कछुओं का कुनबा
24 May, 2023 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुरैना । प्रदेश के मुरैना क्षेत्र में बहने वाली चंबल नदी में कछुओं का कुनबा लगातार बढता जा रहा है। विलुप्तप्राय ढोर व लाल तिलकधारी प्रजाति के कछुओं का वंश बढ रहा है। यहां कई ऐसी प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं, जो अन्य नदियों से सालों पहले विलुप्त हो चुके हैं। इसी कारण नदी का पानी स्वच्छ है, जिसमें अन्य जलीय जीवों का कुनबा भी बढ़ रहा है। चंबल नदी में कुल नौ प्रजाति के कछुए पाए जाते हैं, इसमें सबसे विशेष वाटागुर डोंगोका कछुआ या थ्री स्टिप्ड रूफ टरटल (ढोर कछुआ) है, जिसके कवच पर तीन धारियां होती हैं। दूसरी विलुप्तप्राय प्रजाति वाटागुर कछुआ की है, जिसे गर्दन व सिर के ऊपर लाल व सफेद रंग की धारियों के कारण लाल तिलकधारी के नाम से जाना जाता है। इन दोनों को नदी का स्वच्छताकर्मी माना जाता है, क्योंकि ये प्रजाति नदी के पानी को दूषित करने वाले घास-फूस से लेकर मृत कीट, पतंगे व प्रदूषण बढ़ाने वाली मछली व अन्य जलीयजीवों को अपना आहार बनाती हैं। इसीलिए घड़ियाल अभयारण्य प्रशासन इन दोनों प्रजाति के कछुओं के संरक्षण पर जोर दे रहा है। इसके अलावा हरडेला धुरजी, टेंट टेरियन और सरकम डाटा कछुआ भी है, जिनके कवच से गोली भी पार नहीं जाती। कछुओें की चार प्रजाति निलसोनिया गेंजेटिका, लिसमस पंटाटा, निलसोलिया ह्यूरम और चित्रिका इंडिका नाजुक कवच वाले होते हैं। भिंड की सांकरी हेंचुरी में वाटागुर डोंगोका व लाल तिलकधारी कछुओं के 3500 अंडे सहेजकर रखे गए हैं, जिनसे इस मई-जून में बच्चे निकलेंगे। पिछले साल 7500 अंडों का संरक्षण किया गया था, जिनमें से निकले बच्चों को चंबल में छोड़ा गया। कछुओं के 200 बच्चों की परवरिश के लिए भिंड के बरही में कछुआ सेंटर बनाया गया है। दो साल की उम्र होने पर नदी में छोड़ा जाएगा। जलीय जीवों की जानकार ज्योति डंडोतिया बताती हैं कि नदी किनारे जहां-जहां रेत है वहां-वहां मादा कछुए अंडे देती हैं। श्योपुर के पाली से लेकर कतन्नीपुरा, रघुनाथपुर, नदीगांव, बटेश्वरा मुरैना में भर्रा, डांगबसई, राजघाट, गड़ौरा, टिकरी, रिठौरा, उसैद घाट से लेकर भिंड में बाबूसिंह का घेर, दलजीत का पुरा, अटेर, बरई और उप्र से सटे सांकरी तक नदी किनारे रेत में भरपूर अंडे पाए जाते हैं। मादा कछुआ फरवरी-मार्च में रेत के नीचे गड्ढे बनाकर उनमें अंडे देती हैं, जिनसे मई के अंत या जून में अंडे निकलते हैं। एक मादा कछुआ 20 से 25 अंडे देती है। इस बारे में चंबल घड़ियाल अभयारण्य के डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि चंबल नदी में कभी कछुओं की गणना नहीं हुई, लेकिन नदी में हर जगह कछुओं की मौजूदगी, प्रजनन के लिए मिलने वालों अंडों की संख्या से स्पष्ट है कि चंबल में बहुत अच्छी संख्या में कछुए हैं। वाटागुर डोंगोका व वाटागुर कछुए अधिकांश नदियों से लगभग विलुप्त हो चुके हैं, लेकिन ये चंबल में अच्छी संख्या में पाए जाते हैं।
दो मौसम प्रणालियों के कारण छा रहे बादल
24 May, 2023 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में वर्तमान में दो मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं जिसके चलते बार-बार बादल आ रहे हैं और कई जगहों पर बूंदा-बांदी भी हो रही है जिसके चलते तापमान ज्यादा ऊपर नहीं जा पा रहा है। इस पूरे सप्ताह मौसम के ऐसे ही बने रहने के आसार है जिसके चलते नौतपा में भीषण गर्मी नदारद रहेगी और रुक-रुककर वर्षा की स्थिति बनती रहेग। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मई के आखिरी सप्ताह में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। गर्मी के सबसे तीखा समय माने जाने वाले दौर में इस वर्ष भीषण गर्मी के हालात नहीं है। प्रदेश में सोमवार को कहीं लू नहीं चली, वहीं सबसे अधिक 45 डिग्री सेल्सियस तापमान ग्वालियर, खजुराहो और नौगांव में दर्ज किया गया। राजधानी भोपाल में भी सुबह से धूप के बीच बादलों का आना-जाना लगा हुआ था, गर्मी जोर पकड़ ही रही थी कि दोपहर चढ़ते-चढ़ते मौसम पूरी तरह से बदल गया। तेज हवा और बूंदा-बांदी के कारण पारा एकदम से गिरा। मौसम वैज्ञानियों का कहना है कि मई के आखिर तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा। नौतपा में रुक-रुककर वर्षा होने के आसार बने हुए है। जिसके कारण ही तापमान भी ज्यादा नहीं चढ़ेगा। प्रदेश में मंगलवार से तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि हवा का रुख पश्चिमी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। सुबह के समय वातावरण शुष्क रहने से तापमान बढ़ने लगता है। दोपहर के बाद हवाओं के साथ नमी आने के कारण बादल छाने लगते हैं। तापमान काफी बढ़ा हुआ रहने और नमी कम रहने के कारण तेज हवाएं चलने लगती हैं। उधर 24 मई को एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में प्रवेश करने जा रहा है। इसके प्रभाव से 25 मई से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की वर्षा होने के आसार हैं।सोमवार दिन भर में दमोह में तीन सेमी सहित, गुना, सागर और ग्वालियर छिटपुट वर्षा दर्ज की गई है। इससे पहले रविवार को बीते 24 घंटों में प्रदेश के कई हिस्सों में वर्षा हुई थी। जिसमें बागली में चार,नेपानगर, इछावर में तीन, आगर, झार्ड, टाकखुर्द, रायसेन ईशागढ़, आष्टा, श्यामपुर और नागदा में एक सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में विदर्भ से लेकर तमिलनाडु तक एक द्रोणिका बनी हुई है। जो मराठवाड़ा और कनार्टक से होकर जा रही है। अरब सागर में भी एक प्रति चक्रवात मौजूद है।