मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
बीपीसीएल बीना में लगाएगा 50 हजार करोड़ का प्लांट
12 Apr, 2023 10:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मंत्रालय में सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली। कैबिनेट की मीटिंग के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया मप्र की सरकार लगातार प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है। आज मप्र के इतिहास के सबसे बड़े निवेश प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है।
विश्वास सारंग ने बताया आज का दिन अब तक के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट के रूप में जाना जाएगा। आज सीएम की अध्यक्षता में हुई मध्यप्रदेश कैबिनेट की निवेश संवर्धन सब कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया है कि भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड को मध्य प्रदेश में अभी तक के सबसे बड़े इन्वेस्टमेंट के लिए बड़ी रियायतें देने का निर्णय लिया है। बीना रिफाइनरी के कैंपस में ही भारत पैट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड अपना एक विस्तारित प्लांट लगाने जा रहा है। इस प्लांट में बीपीसीएल लगभग 45 से 50 हजार करोड़ का इन्वेस्टमेंट मध्यप्रदेश में करेगा। यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट होगा इसमें गैसोलीन, डीजल, एलएलडीपी, और पॉलीप्रोपलीन आदि का प्रोडक्शन होगा। इस प्लांट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दो लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
बीपीसीएल ने मप्र सरकार से कुछ रियायतें मांगी थीं। सरकार ने बीपीसीएल के नए वेंचर के लिए स्टेट जीएसटी में 15 हजार करोड़ की छूट 15 साल के लिए देने का निर्णय किया है। बीपीसीएल को 500 करोड़ रुपए का इंटरेस्ट फ्री लोन उपलब्ध कराएंगी। बीपीसीएल ने बिजली में 1 प्रति यूनिट की रियायत मांगी है उसे भी निवेश संवर्धन समिति ने मंजूरी दी है। यह मध्य प्रदेश के लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है
एमपी मिलेट्स मिशन को मंजूरी
सारंग ने कहा- मोटे अनाज मिलेट्स को लेकर देश भर में बड़े स्तर पर जन जागरण हुआ है। आज कैबिनेट में मध्य प्रदेश राज्य मिलेट्स मिशन की घोषणा की गई है। यह इस उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया है कि हम मोटे अनाज के प्रचार प्रसार उसके उत्पादन और उसके उपयोग इन तीनों आयामों पर काम करेंगे। इस मिशन की अवधि 2025 तक 2 साल के लिए रहेगी। इसमें किसानों को सहकारी संस्थानों द्वारा मोटे अनाज के बीच 80त्न सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज का उत्पादन करें। इसके साथ ही किसानों को इस उत्पादन के लिए अलग-अलग स्तर पर कार्यशाला और प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मोटे अनाज के वैल्यू एडिशन के लिए सरकार अलग से जन जागरण अभियान चलाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि जो किसान मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं। उन्हें बड़े स्तर पर उसका आर्थिक लाभ मिल सके।
मिड डे मील में शामिल होगें मिलेट्स के व्यंजन
मंत्री सारंग ने बताया कि मोटे अनाज की ज्यादा से ज्यादा लोगों में लोकप्रियता हो, इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि सरकारी कार्यों में जहां भोजन की व्यवस्था रहती है उसमें यह सुनिश्चित किया जाए कम से कम एक डिश मिलेट्स से बनी हुई हो। हफ्ते में एक दिन मिड डे मील में बच्चों को भी मोटे अनाज का भोजन कराने पर विचार करने को कहा है। हॉस्टल में भी हफ्ते में एक दिन मोटे अनाज से बने व्यंजन बनाने की बात मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं। मध्यप्रदेश में मोटे अनाज को लेकर जागरूकता के लिए अगले 2 सालों में बड़े स्तर पर काम करेंगे। इस मिशन के लिए अलग से लगभग 2325 लाख रूपए के बजट का प्रावधान रखा गया है। जो किसानों को बीज उपलब्धता के साथ जन जागरण के लिए मदद करेगा।
गेहूं एक्सपोर्ट करने वाले किसानों को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति करेगी सरकार
सारंग ने बताया गेहूं अधिसूचित कृषि उपज में आती है। कि किसानों के हित में आज निर्णय करते हुए कैबिनेट ने यह निर्णय किया है कि गेहूं एक्सपोर्ट करने के लिए यदि किसान मंडी शुल्क देते हैं तो उसकी प्रतिपूर्ति सरकार करेगी। इसका प्रावधान आज की मंत्रिपरिषद में किया गया है।
ग्रीष्मकालीन मूंग की आर्थिक नुकसान का सरकार मार्कफेड को देगी मदद
सारंग ने कहा- देश में ग्रीष्मकालीन मूंग का 40 प्रतिशत उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। बीते साल मध्यप्रदेश में ग्रीष्मकालीन मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। उसका उपार्जन मार्कफेड द्वारा किया गया था। लेकिन मार्कफेड से सिर्फ 25 प्रतिशत मूंग केंद्र सरकार द्वारा ली गई थी। बाकी प्रति 75 प्रतिशत मूंग का विक्रय मार्कफेड द्वारा किया गया था। उससे किसानों के हित में लाभ मिल सके और उचित दाम मिल सके। सरकार ने यह निश्चित किया था कि मूंग को लेकर मार्कफेड को जो आर्थिक हानि हुई है उसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
ट्रांसजेंडर्स ओबीसी में होंगे शामिल
सारंग ने कहा- सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों एक निर्णय दिया था कि ट्रांसजेंडर समुदाय को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया जाए। आज मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि पिछड़ा वर्ग की सूची में क्रमांक 94 पर ट्रांसजेंडर को सम्मिलित किया जाएगा।
दो सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी
कैबिनेट ने सिंचाई की बड़ी 2 परियोजनाओं की स्वीकृति दी। उज्जैन जिले के महिदपुर विकासखंड के ग्राम डूंगरिया के समीप छपरा नदी पर बांध बनाया जाएगा इसमें 104 करोड रुपए की लागत से बांध निर्माण होगा। इसके साथ ही टिटौली डिस्ट्रीब्यूटर परियोजना के पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति भी आज की बैठक में दी गई।
कांग्रेस का 52 फीसदी आबादी पर फोकस
12 Apr, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी यानी अन्य पिछड़ा वर्ग ही है। विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत तय करने के लिए अब कांग्रेस ने जातिगत समीकरण साधने की योजना बनाई है। इसके तहत कांग्रेस अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग जाति के सम्मेलन करने की रणनीति पर अमल करने जा रही है। इन सम्मेलनों के माध्यम से कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों को कांग्रेस के पक्ष में लाने का प्रयास करेगी। दरअसल, हाल ही में पार्टी के विभिन्न मोर्चा-प्रकोष्ठ की बैठक में यह बात उठी थी की पिछड़ा वर्ग के नाम पर कुछ जातियों के लोगों को ही महत्व दिया जाता है, जिसकी वजह से अन्य जातियों के लोगों को महत्व नहीं मिल पाता है। इसके बाद अब पार्टी ने ओबीसी की सभी जातियों को साधने की रणनीति बनाई है।
कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नवंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के पहले ओबीसी को साधने के लिए कांग्रेस अब जिलेवार सामाजिक सम्मेलन करेगी। इसमें वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग क्षेत्र दिए जाएंगे। सम्मेलनों में भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग के साथ किए जा रहे अन्याय को प्रमुखता के साथ उठाया जाएगा। साथ ही 27 प्रतिशत आरक्षण को पूरी तरह लागू करने की मांग करके फिर इस मुद्दे को हवा देने की तैयारी है। भले ही प्रदेश में शिव सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जा चुका है, लेकिन अब भी इस वर्ग के अभ्यार्थी विभिन्न परीक्षाओं में बढ़े हुए आरक्षण को हासिल करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकारी शिक्षक भर्ती की बात हो या फिर राज्य प्रशासनिक सेवा परीक्षा इनमें तय किए गए आरक्षण को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
ओबीसी आरक्षण पर जोर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने सतना में ओबीसी महासम्मेलन करने के बाद इस बड़े वर्ग को पार्टी के साथ जोडऩे के लिए पिछड़ा वर्ग कांग्रेस को जिम्मेदारी सौंपी है। सतना से पार्टी के विधायक और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके अंतर्गत अप्रैल से जिलेवार पिछड़ा वर्ग के सामाजिक सम्मेलन होंगे। इसमें समाज को एकजुट करने का प्रयास किया जाएगा क्योंकि कई विधानसभा क्षेत्रों में ओबीसी वर्ग निर्णायक भूमिका में हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कमल नाथ सरकार ने ओबीसी को आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका और आज भी ओबीसी को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस मुद्दे को पार्टी लगातार उठाती रही है पर भाजपा कांग्रेस पर ही ओबीसी वर्ग को धोखा देने का आरोप लगाती है। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय याचिका पर सुनवाई के समय उच्च न्यायालय में महाधिवक्ता खड़े ही नहीं हुए थे। उच्चतम न्यायालय में भी पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर विरोध किया।
भाजपा के दावों की खोलेंगे पोल
कुशवाहा का कहना है कि भाजपा जनता को भ्रमित करती है। उनकी सच्चाई हम जनता के सामने लाएंगे। सामाजिक सम्मेलन करके बताएंगे कि 17 वर्ष सरकार में रहने पर कभी भाजपा ने ओबीसी वर्ग की सुध नहीं ली। आज भी भर्ती परीक्षाओं के परिणाम नहीं आ पा रहे हैं। इसके साथ ही संविदा और आउटसोर्स भर्तियों में जिस तरह आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करके आरक्षित वर्ग के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है, उसे भी जनता को बताकर इस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग उठाई जाएगी। उधर, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री पवन पटेल राहुल-कमल नाथ संदेश यात्रा के माध्यम से ओबीसी वर्ग को कांग्रेस को जोडऩे का प्रयास कर रहे हैं। साढ़े छह हजार किलोमीटर की इस यात्रा में एक हजार 446 किलोमीटर की पदयात्रा होनी है। इसमें ओबीसी वर्ग को यह बताया जा रहा है कि शिवराज सरकार ने ओबीसी वर्ग को केवल धोखा देने का काम किया है। 14 प्रतिशत आरक्षण हो या फिर 27 प्रतिशत, कांग्रेस की सरकार ने ही दिया है।
मुफ्त बिजली ने बनाया कर्जदार
12 Apr, 2023 08:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र देश में सबसे अधिक बिजली उत्पादकों राज्यों में से एक है। इसके बावजुद यहां के उपभोक्ताओं को सबसे अधिक बिजली मिलती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों पर 48 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है। यह कर्ज मुफ्त की बिजली यानी संबल योजना के कारण बढ़ा है। मप्र ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों की स्थिति यही है। पावर मिनिस्ट्री के आंकड़ों से पता चलता है कि 36 में से 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश उपभोक्ताओं को सब्सिडी वाली बिजली प्रदान कर रहे हैं, जिसमें कम से कम 1.32 लाख करोड़ रुपए देश भर में अकेले 2020-21 वित्तीय वर्ष में खर्च किए गए हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक ने 36.4 प्रतिशत या 48,248 करोड़ की सबसे ज्यादा बिजली सब्सिडी दी। तीन साल के डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि दिल्ली ने 2018-19 और 2020-21 के बीच अपने सब्सिडी एक्सपेंडिचर में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी। ये 2018-19 में 1,699 करोड़ रुपए थी जो बढ़कर 3,149 करोड़ रुपए हो गई। ये सभी राज्यों में दूसरी सबसे अधिक है। मणिपुर ने इन तीन वर्षों में बिजली सब्सिडी में सबसे बड़ी 124 प्रतिशत की उछाल देखी गई। 120 करोड़ रुपए से बढ़कर ये 269 करोड़ पर पहुंच गई।
मप्र की बात करें तो यहां 2018 के चुनाव के दौरान भाजपा सरकार ने संबल योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत संबल बिल माफी ने मप्र की तीनों बिजली वितरण कंपनियों का कर्ज अरबों रुपए बढ़ा दिया है। राज्य को मौजूदा वित्तीय वर्ष का ही 14,000 करोड़ रूपए से ज्यादा की राशि बिजली कंपनियों को देना है। यह राशि ऊर्जा विभाग की उन तमाम विभिन्न जनहित की योजनाओं की है, जिस पर सरकार लोगों को सब्सिडी देती है। उधर बिजली कंपनियों का कर्ज भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इसकी भरपाई के लिए कंपनियां उपभोक्ताओं पर भार डाल रही हैं। उधर हर साल मप्र में 20 से 25 हजार करोड़ से अधिक की बिजली खरीदी हो रही है। वर्ष 2021-22 में ही 27 हजार 500 करोड़ से अधिक राशि खरीदी पर इस्तेमाल हुई है। इसी तरह हर साल फिक्स चार्ज के रूप में भी मप्र 4000 करोड़ रुपए निजी क्षेत्र की कंपनियों को दे रहा है, जिनके साथ 25 वर्ष का एग्रीमेंट है। इनमें लैंको अमरकंटक, टोरेंट पॉवर गुजरात, बीना पॉवर, बीएलए पॉवर, सासन, एमबी पॉवर, जयप्रकाश निगरी टीपीएस और झाबुआ पॉवर हैं।
सरकार ने नहीं दिए 3000 करोड़
जानकारी के अनुसार सरकार ने जो संबल योजना शुरू की है उसके कारण बिजली कंपनियों पर लगातार बोझ बढ़ रहा है। सरकार द्वारा इसकी भरपाई होनी थी, लेकिन मप्र सरकार ने अब तक करीब 3000 करोड़ रुपए नहीं दिए। बिजली मामलों के जानकार व रिटायर्ड एडीशनल चीफ इंजीनियर राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि कर्ज बढऩे की यह बड़ी वजह थी। सरकार इसकी भरपाई करती तो उपभोक्ताओं पर भार कम होता। अग्रवाल ने बिजली कंपनियों के टैरिफ प्रस्तावों पर कहा कि वे 3 प्रतिशत प्रति यूनिट दर बढ़ाना चाहती हैं, जबकि बड़े कर्जों को छोड़ भी दिया जाए तो आज की तारीख में कंपनियां करीब 5 हजार करोड़ के फायदे में हैं। उन्हें तो 10 प्रतिशत तक राशि कम करना चाहिए। बहरहाल, कर्जों की बात है तो 2017-18 से लेकर 2021-22 तक कंपनियों पर कर्ज 11625 करोड़ बढ़ा है। कुल कर्ज अब 48 हजार करोड़ से अधिक है। यह नाबार्ड, आरईसी व अन्य वित्तीय कंपनियों का पैसा है। कर्ज की यह जानकारी सरकार ने विधानसभा को दी है।
सौगातों का भार कंपनियों पर
राज्य सरकार ऊर्जा विभाग द्वारा संचालित लोक हित की योजनाओं के जरिए लोगों को राहत देती है। पिछली कमलनाथ सरकार ने अगस्त 2019 से इंदिरा ग्रह ज्योति योजना का विस्तार करते हुए इसका लाभ सभी घरेलू उपभोक्ताओं को देना शुरू किया था। हालांकि बाद में शिवराज सरकार ने इसे सिर्फ बीपीएल तक सीमित कर दिया। इंदिरा किसान ज्योति योजना के तहत किसानों को लाभ दिया जा रहा है। इसी तरह नि:शुल्क विद्युत प्रदाय योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पिछले वित्तीय वर्षों का राज्य सरकार पर 3016 करोड़ की सब्सिडी बकाया है। वहीं साल 2019 में सरकार को 17506 करोड़ रुपए की सब्सिडी देनी थी। जिसमें से 13870 करोड़ की देनदारी देने के बाद 3636 करोड़ रुपए की सब्सिडी देना बाकी है।
बिजली कंपनियों का घाटा
भले ही बिजली कंपनियों पर सरकार की देनदारी हो, लेकिन इसके बाद भी बिजली कंपनियों पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार पहले ही बिजली कंपनियों का 26055 करोड़ रुपए कर ओढ़ चुकी है। इसके बाद भी बिजली कंपनियां लगातार घाटे में हैं। आंकड़ों को देखें तो मप्र में बिजली कंपनियों का घाटा साल दर साल बढ़ता जा रहा है। साल 2014- 15 में 5156.88 करोड़ रुपए का घाटा, साल 2015-16 में 7156. 94 करोड़ रुपए का घाटा, साल 2016- 17 में 7247.55 करोड़ रुपए का घाटा, साल 2017-18 में 5327.54 करोड़ रुपए का घाटा, साल 2018-19 में 7053 करोड़ रुपए का घाटा बिजली कंपनियों को हुआ है।
अग्निवीर भर्ती की लिखित परीक्षा 17 अप्रैल से होगी
11 Apr, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । अग्निवीर भर्ती लिखित परीक्षा 17 अप्रैल से प्रारंभ होने वाली है। हर दिन तीन शिफ्ट में परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। पहली बार अग्निवीर भर्ती में पहले लिखित परीक्षा होने जा रही है। इसका शेड्यूल जारी हो चुका है। भारतीय सेना में भर्ती के लिए आनलाइन लिखित परीक्षा 8 दिन चलेगी, इसके लिए ग्वालियर में एक परीक्षा केंद्र बनाया गया है। जबकि ग्वालियर के सेना भर्ती कार्यालय के अंतर्गत सागर में भी एक परीक्षा केंद्र बनाया गया है। हर दिन तीन शिफ्ट में परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। पहली बार अग्निवीर भर्ती में पहले लिखित परीक्षा होने जा रही है। इसका शेड्यूल जारी हो चुका है। पहले चरण में 17 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच परीक्षा होगी, जबकि दूसरे चरण में 24 से 26 अप्रैल के बीच परीक्षा होगी। ग्वालियर में चितौरा रोड स्थित भारतीय विद्या मंदिर को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। पहली शिफ्ट सुगह 8.30 से 9.30 बजे, दूसरी शिफ्ट सुबह 11.30 से दोपहर 12.30 बजे और तीसरी शिफ्ट दोपहर 2.30 बजे से 3.30 बजे तक होगी। अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र उनके पंजीकृत इमेल पर भेजा जा रहा है। परीक्षार्थियों को समय से पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। भारतीय सेना की ओर से एडवायजरी जारी हुई है, जिसमें परीक्षार्थियों को दलालों से सावधान रहने के लिए अलर्ट किया गया है। कई दलाल सक्रिय हो गए हैं, जो परीक्षा में पास कराने का झांसा दे रहे हैं। भारतीय सेना की ओर से परीक्षार्थियों को ऐसे दलालों से सावधान रहने की अपील की गई है, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पडे।
खाने में मिला केंचुआ तो होटल के खिलाफ प्रकरण दर्ज
11 Apr, 2023 06:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भोजन में केंचुआ मिलने की शिकायत पर खादय सुरक्षा विभाग ने एक होटल संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। साथ ही विभाग द्वारा होटल पर विक्रय हेतु उपलब्ध मिल्क शेक और काफ़ी के सैंपल जब्त किए गए। यह मामला शहर के डीबी माल के बर्कोस रेस्टोरेंट का है। खादय विभाग रेस्टोरेंट के मालिक पर कानूनी कार्रवाई की भी तैयारियां कर रहा है। दरअसल रेस्टोरेंट में अलाकृटि के खाने में केचुआ पाया गया था। जिसका वीडियो बनाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी से शिकायत की गई थी।भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह को मामला संज्ञान लाने के बाद होटल का लाइसेंस को निरस्त किया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेंद्र दुबे ने बताया कि इसका ग्राहक ने वीडियो बनाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी को भेजा हुआ था। जिसके बाद निरीक्षण कर कार्रवाई की गई है। 10 नंबर स्टाप पर बिना पैकिंग डेट ओर लेबल के काफी परोसने वाले ठेका काफी के संचालक के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया गया है । विक्रय हेतु उपलब्ध मिल्क शेक और काफ़ी के सैंपल जब्त किए गए। दरअसल रेस्टोरेंट में अलाकृटि के खाने में केचुआ पाया गया था। जिसका वीडियो बनाकर खाद्य सुरक्षा अधिकारी से शिकायत की गई थी।
सीएम शिवराज ने किया स्वसहायता समूह की महिलाओं से संवाद
11 Apr, 2023 02:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर स्वसहायता समूहों के संकुल संगठनों की महिलाओं के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। दोपहर 01 बजे शुरू हुए इस सम्मेलन में प्रदेश भर से महिलाएं पहुंची हैं, जिनके साथ सीएम शिवराज संवाद कर रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में सीएम शिवराज लाड़ली बहना समेत महिलाओं के हितार्थ चलाई जा रही सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में उन्हें बताएंगे। सीएम शिवराज ने सम्मेलन में पहुंचीं महिलाओं का पुष्पवर्षा कर स्वागत-अभिनंदन किया।
अशोका गार्डन क्षेत्र में गंदगी देख भड़के मंत्री विश्वास सारंग, अधिकारी को मौके पर बुलाकर लगाई फटकार
11 Apr, 2023 01:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री और भोपाल की नरेला सीट से विधायक विश्वास सारंग मंगलवार सुबह अपने क्षेत्र में विकास कार्यों का जायजा लेने निकले। इसी दौरान एक जगह उन्हें गंदगी नजर आई तो वह बिफर उठे। उन्होंने संबंधित जोन के स्वास्थ्य अधिकारी को मौके पर बुलाकर फटकार लगाते हुए तुरंत साफ-सफाई करवाने के लिए निर्देशित किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंत्री सारंग सुबह करीब 10 बजे अशोका गार्डन क्षेत्र के वार्ड-71 में स्थित ओल्ड सुभाष नगर में निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। इसी दौरान वहां रहवासियों ने उनसे गंदगी को लेकर शिकायत की। मंत्री सारंग मौके पर पहुंचे तो गंदगी पड़ी देख वह भड़क गए। उन्होंने वहीं से जोन-11 के एएचओ जयपाल सिंह तोमर को फोन किया और बुलाकर जमकर फटकार लगाई। मंत्री सारंग एएचओ से यह कहते भी सुने गए कि 'मैं 7 बजे से घूम रहा हूं और तुम मुझे अभी दिखे हो। किस काम के लिए हो, ये बताओ।' अधिकारी चुपचाप सिर झुकाए उनकी बात सुनते रहे। मंत्री सारंग ने एएचओ को स्थल पर तुरंत सफाई करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के प्रति किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शिवराज कैबिनेट ने दी राज्य मिलेट मिशन को मंजूरी, ट्रांसजेंडर्स को मिलेगा ओबीसी का दर्जा
11 Apr, 2023 01:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ मंत्रालय में बैठक की। शिवराज कैबिनेट की इस बैठक में राज्य मिलेट मिशन के प्रस्ताव को स्वीकार करने समेत कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। राज्य मिलेट मिशन के तहत किसानों को मोटा अनाज के उत्पादन के लिए 80% के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराया जाएगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रांसजेंडर को ओबीसी की सूची में शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। वहीं, प्रदेश से निर्यात हुए गेहूं को मंडी शुल्क की प्रतिपूर्ति व्यापारियों को करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए नियमों में संशोधन किया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई निवेश संवर्धन समिति की बैठक में बीना रिफाइनरी में भारत पेट्रोलियम लिमिटेड द्वारा 50000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। इसमें कंपनी अपनी गतिविधियों को विस्तार देगी। इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर दो लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इस निवेश के एवज में राज्य सरकार ने कंपनी को 15 साल तक सीजीएसटी में छूट देने का निर्णय लिया है।साथ ही 500 करोड़ रुपये का इंटरेस्ट फ्री लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। बिजली की दर में 1 रुपये प्रति यूनिट की छूट भी सरकार कंपनी को देगी। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शासकीय कार्यक्रम में होने वाले भोज में मोटे अनाज से बने व्यंजन को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। मिड डे मील और छात्रावासों में भी मोटे अनाज का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
अचलेश्वर मंदिर के निर्माण कार्य पर फिर लगा ब्रेक
11 Apr, 2023 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । नगर के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र अचलेश्वर मंदिर के निर्माण कार्य पर लगा ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है। चैंबर आफ कामर्स के चुनाव से पहले निर्माण कार्य शुरु किया गया था, क्योंकि कान्ट्रेक्टर जगदीश मित्तल भी चुनाव लड़ रहे थे। ताकि चुनाव में अचलेश्वर निर्माण कार्य मुद्दा नहीं बन पाए। कान्टेक्टर ने फिर से काम मंदिर का निर्माण कार्य फिर से शुरु करा दिया था, और दावा किया था कि महाशिवरात्रि के तीन माह बाद निर्माण कार्य पूर्ण हो जाएगा। यह तीन माह भी बीत गए। अब भी मंदिर के निर्माण का काफी काम शेष है। होली से निर्माण कार्य पर फिर ब्रेक लग गया है। मंदिर निर्माण के संयोजक व कान्ट्रेक्टर भी निर्माण कार्य को लेकर कथनों में मतभिन्नता है। कान्ट्रेक्टर का साफ कहना है कि आर्थिक परेशानी के कारण काम फिर बंद कर दिया गया है। जबकि संयोजक का कहना है कि ठेकेदार पत्थर लेने के लिए बियाना राजस्थान गया है। कुल मिलाकर जिला प्रशासन पर दवाब बनाया जा रहा है। ठेकेदार पत्थर और कारीगर लेने के लिए बियाना गया है: मंदिर जीर्णोद्धर समिति के संयोजक हरिबाबू शिवहरे का दावा है कि काम निरंतर चल रहा है। मंदिर के ऊपर के लिए कुछ पत्थर आना है। कुछ पत्थरों पर नक्कासी का काम यहीं कराया जाता है। कुछ पत्थर को बियाना की फैक्ट्री में तैयार कराया जाता है। ठेकेदार अमृतलाल उन्हें यह बताकर गया है कि वह पत्थर लेने के लिये बियाना राजस्थान जा रहा है, और कारीगर को भी लाना है। निर्माण कार्य फिर से शुरु हो जाएगा।
2019 में निर्माण कार्य पूर्ण होना था
- श्री अचलेश्वर मंदिर में निर्माण कार्य वर्ष 2017 में निर्माण कार्य शुरु किया गया था। निर्माण कार्य का कान्टेक्ट 2019 में पूरा होना था। किंतु निर्माण कार्य पूर्ण करने में चार साल का विलंब हो गया है।
- श्रद्धालुओं को हो रही है परेशानी: न्यास में अनियमितताओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अनियमितताओं का मामला कोर्ट तक पहुंचा। कोर्ट ने न्यास को भंग कर रिसीवर नियुक्त किए। इसके बाद अभी मंदिर के संचालन का कार्य जिला प्रशासन के हाथों में। कलेक्ट्रेट कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है। मंदिर में व्याप्त अव्यवस्थाओं के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। मंदिर का फर्श उखाड़ा हुआ है, जिसके कारण नियमित रूप से साफ-सफाई नहीं हो पा रही है।
भिंड में बाबा रामेदव ने कहा मैं किसी पार्टी का समर्थक नहीं, जो सनातन धर्म का समर्थन करे उसका साथ दें
11 Apr, 2023 12:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भिंड । मैं किसी पार्टी का समर्थक नहीं, जो सनातन धर्म का समर्थन करे उसका साथ दें। यह बात योग गुरु बाबा रामेदव ने कही। वह लहार में स्थित उपाध्याय गार्डन में चल रही चिन्मयानंद बापू की कथा में पहुंचे थे। साथ ही योग गुरु बाबा रामदेव ने भाजपा कार्यसमिति के सदस्य अंबरीष शर्मा उर्फ गुड्डू भैया का नाम लेते हुआ कहा कि गुड्डू तुम कपालभाति करना शुरू करो, तुम्हारे विरोधी कल से ही अलोम विलोम करने लगेंगे। वहीं योग गुरु ने मंच के माध्यम से सनातन धर्म, भारतीय शिक्षा बोर्ड बनाने, नियमित योग करने और नशा छोड़ने का संदेश दिया।बता दें कि योग गुरु सोमवार दोपहर डेढ़ बजे लहार पहुंचे। हेलीपैड पर उनकी अगुवाई के लिए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अंबरीश शर्मा उर्फ गुड्डू भैया पहुंचे। इसके बाद वह गुड्डू भैया के घर के लिए रवाना हो गए। करीब एक घंटे तक योग गुरु भाजपा नेता के निवास पर रहने के बाद करीब ढाई बजे कथा स्थल पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान योग गुरु रामदेव ने राजनीति पर तंज कसते हुए कहा कि बाबा को राजनीति से क्या लेना देना, कोई एमपी बने, कोई एमएलए, सीएम या पीएम बने, हमारी फकीरी को कोई चुनौती नहीं दे सकता। हमें किसी से क्या लेना-देना, लेकिन शासन और सत्ता में भी जो सनातन धर्म के प्रति निष्ठा रखता हो उसी का समर्थन करो, जो सनातन के साथ नहीं उसका भगवान मोक्ष करेंगे। इसके बाद उन्होंने भाजपा नेता अंबरीष शर्मा को बुलाते हुए कहा कि कथावाचक चिन्मयानंद बापू से कहा कि आज तो कथा कहने आए हो, जब यह विधायक बन जाएं, मंत्री बन जाएं तो दोबारा फिर आशीर्वाद देने अइओ। आज तो शिलान्यास हो गया है। उन्होंने कहा कि यह बालक बहुत अच्छा है। इन्हें लोग गुड्डू भैया बुलाते हैं। इसके बाद पहले भाजपा नेता ने योग गुरु को दंडवत होकर प्रणाम किया, इसके बाद पंडोखर सरकार को प्रणाम किया। जब वह पंडोखर सरकार से आशीर्वाद ले रहे थे, तभी योग गुरु ने चुटकी लेते हुए कहा कि चलो अब तेरा बेड़ा पार है। वहीं योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि पंडोखर सरकार पर सिद्धियां हैं, इन पर हनुमानजी की विशेष कृपा है। इस अवसर पर संत महामंडलेश्वर बालक महाराज, कमलेशपुरी महाराज, सांसद संध्या राय, सेंवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह, पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद महंत, संतोष बौहरे, भगवान दास बाबा सेंथिया सहित अन्य मौजूद रहे। भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन किया जाए योग गुरु रामदेव बाबा ने कहा कि भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन होना चाहिए, क्योंकि भारत बहुत ही जल्द शिक्षा क्रांति के साथ पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। ऐसा कोई भी बोर्ड नहीं जहां भागवत गीता, रामायण पढ़ाई जाती हो। शिक्षा बोर्ड का गठन होने से हमारे युवा संस्कृत सीख पाएंगे, बोल पाएंगे। साथ ही हमारे युवा देश का निर्माण कर सकेंगे। चिन्मयानंद बापू को जन्मदिन पर सोने और हीरे से जड़ित कुंडल दूंगा मंच के माध्यम से योग गुरु रामदेव महाराज ने कहा कि चिन्मयानंद बापू मेरे बच्चे की तरह हैं। इनकी वाणी में तेज है। वहीं चिन्मयानंद बापू के जन्मदिन पर मैं सोने और हीरे से जड़ित कुंडल दूंगा। मैं तो पहनता ही नहीं हूं, लेकिन मैं अपने बच्चों को तो यह सब दे ही सकता हूं। मैं तो इंटरनेशनल भिखारी हूं मंच के माध्यम से योग गुरु रामदेव बाबा ने कहा कि गुटखा और शराब का सेवन जो करता है, वह नरक में जाता है। मैं इंटरनेशनल भिखारी हूं, इसलिए झोली फैलाकर आपके सामने खड़ा हूं। आप मेरे साथ संकल्प लें कि अगर हम नशे का सेवन करते हैं तो आज से ही छोड़ देंगे।
सिकरावाली गांव में लगी घर में आग, पुलिस और ग्रामीणों ने बाल्टी से पानी फेंककर बुझाई
11 Apr, 2023 11:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । भंवरपुरा के सिकरावली गांव में एक घर में सोमवार दोपहर आग लग गई। आग कच्चे मकान में लगी थी और आसपास करब रखी हुई थी। इससे कुछ ही देर में आग भड़क गई। फायर ब्रिगेड को सूचना दी लेकिन फायर ब्रिगेड की गाड़ी दूसरे स्पाट पर थी। इसके चलते फिर भंवरपुरा थाने के फोर्स और ग्रामीणों ने ही बाल्टी से पानी फेंकना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिस ने ही पानी की कमी न हो इसके लिए बड़ी मोटर चलवाई, जिससे पानी की सप्लाय होती रही और आखिर आग बुझ गई। फायर ब्रिगेड करीब तीन घंटे तक यहां नहीं पहुंच पाई।
घाटीगांव अनुभाग के भंवरपुरा स्थित सिकरावली गांव में रहने वाले घमंडी गुर्जर के घर में सोमवार दोपहर आग लग गई। आग लगते ही पूरा परिवार बाहर भागा। सूचना मिलने पर भंवरपुरा थाना प्रभारी बलवीर सिंह मावई फाेर्स के साथ यहां पहुंच गए। जब फायर ब्रिगेड को फोन लगाया तो पता लगा कि गाड़ी मोहना में दूसरे स्पाट पर है। यहां खेत में आग लग गई थी। ग्वालियर से दूसरी गाड़ी आने में काफी समय लगता, इसलिए पुलिस ने ग्रामीणों को इकठ्ठा किया और बाल्टी से ही पानी फेंकना शुरू कर दिया। यहां पानी के ड्रम रखवाए गए। एसडीओपी संतोष पटेल को जब पता लगा तो उन्होंने पानी की कमी न हो, इसके लिए पानी की मोटर चालू करवाई। यहां ड्रम रखवाए और लगातार पानी डालते रहे। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। यहां जेसीबी और फायर ब्रिगेड पहुंचने में होती है परेशानी: सिकरावली सहित कुछ अन्य गांव ऐसे हैं, जहां बड़ी गाड़ियां नहीं पहुंच पाती। भंवरपुरा में ही 30 हजार रुपये के इनामी बदमाश का घर था, जिस पर बुलडोजर चलाने की तैयारी थी। लेकिन यहां जेसीबी नहीं पहुंच पाई थी, इसके चलते पुलिस ने मजदूरों के साथ मिलकर मकान तोड़ा था।
प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि के आसार नहीं
11 Apr, 2023 11:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मौसम प्रणालियों के निष्क्रिय होते ही अब प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि के आसार नहीं हैं। वर्तमान में प्रदेश के कई जिलों में हल्के बादल छाए रहेंगे। आज से प्रदेश के सभी जिलों के तापमान में एक से दो डिग्री सेल्सियस की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। बादलों के कारण एक-दो तापमान के बढ़ने की गति धीमी रहेगी लेकिन बढ़ोत्तरी का क्रम लगातार चलेगा और एक सप्ताह में प्रदेश के सभी जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार हो जाएगा। इससे प्रदेश में तेज गर्मी पड़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार प्रदेश में अप्रैल अंत तक तीखी गर्मी का असर देखने को मिल सकता है। 15 अप्रैल के बाद अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के ऊपर पहुंच सकता है। वर्तमान में पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी तापमान कम है। इस वजह से पश्चिम से आने वाली हवाएं भी गर्म नहीं हैं। इससे भी तापमान नहीं बढ़ रहा है। अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी मंगलवार से ही देखने को मिलने लगेगी। मौजूदा स्थिति को देखते हुए कई जिलों में बादल इसी तरह से बनें रहेंगे। बादल बने रहने और वातावरण में नमी के असर से बीच–बीच में कुछ जगहों पर स्थानीय बादलों के असर बूंदा-बांदी हो सकती है, लेकिन मुख्यत: धूप तपने और तापमान बढ़ने का क्रम ही नजर आएगा। जल्द ही राजस्थान और गुजरात में तापमान बढ़ने से पश्चिम से गर्म हवाओं के आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा जिससे तापमान में तेजी से बढ़त होगी।मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अप्रैल माह में एक सप्ताह में मध्य प्रदेश में दो ट्रफ लाइन बनी। उनमें से एक का असर अभी भी बना हुआ है। इस वजह से बादल मौजूद है।
मऊगंज को जिला बनाने के प्रारूप की अधिसूचना जारी, 10 मई के बाद लेगा मूर्तरूप
11 Apr, 2023 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजस्व विभाग ने मध्य प्रदेश के रीवा जिले को तोड़कर नया मऊगंज जिला बनाने के प्रारूप की अधिसूचना जारी कर दी है। मऊगंज तहसील को जिले का स्वरुप दिया जाएगा। इस जिले के गठन के बाद प्रदेश में कुल मिलाकर 53 जिले हो जाएंगे। प्रस्तावित मऊगंज जिले में रीवा जिले की तहसील मऊगंज, हनुमना एवं नईगढ़ी शामिल होंगी तथा जिला मुख्यालय भी मऊगंज रहेगा। जबकि विघटित रीवा जिले में तहसील हुजूर, हुजूर नगर, गुढ़, रायपुर कर्चुलियान, मनगवां, त्यौंथर, जवा, सिरमौर एवं सेमरिया रह जाएगी। राजस्व विभाग ने नए जिले मऊगंज के संबंध में आम लोगों को तीस दिन का भीतर दावे आपत्ति बुलवाए है। 10 मई 2023 के बाद यह जिला मूर्त रुप ले लेगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों मऊगंज में आयोजित एक कार्यक्रम में इस तहसील को जिला बनाने की घोषणा की थी और कहा था कि आगामी 15 अगस्त को वे इसी नए जिले में ध्वजारोहण करेंगे।
कैटरिंग कंपनी पर लगाया 50 हजार का जुर्माना लगाया
11 Apr, 2023 10:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । हाल ही में प्रारंभ हुई तेज गति से चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में खाना कम पडने के मामले में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पेारेशन (आईआरसीटीसी) ने कैटरिंग एजेंसी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।कैटरिंग कंपनी के अधिकारी, कर्मचारियों की गलती के कारण खाना कम पड़ा था। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों ट्रेन के एक कोच में खाना कम पड़ गया था, इसकी जानकारी जब आईआरसीटीसी को लगी तो आदेश जारी करते हुए नई दिल्ली के कैटरिंग एजेंसी के संचालक आरके एसोसिएट्स को सख्त चेतावनी दी है कि आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए। नहीं तो फर्म के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने जुर्माना की कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा है कि एजेंसी के कर्मचारियों ने चलती ट्रेन में खाने की करंट बुकिंग ज्यादा ले ली थी। इस वजह से खाना कम पड़ गया और यात्रियों को असुविधा हुई। वंदे भारत के कोच नंबर सी 13 में खाना कम पड़ने की घटना को स्वीकार करते हुए कहा है कि सेवा प्रदाताओं से उन्हें जानकारी मिली है। उसके अनुसार निजामुद्दीन से कुल 281 यात्रियों ने ट्रेन में सफर शुरू किया था। इसके बाद 120 यात्री आगरा से, 210 ग्वालियर और 68 वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई झांसी से ट्रेन में सवार हुए थे। इस तरह कुल 679 यात्रियों को खाने की सुविधा प्रदान करना था। खाना कम पड जाने के कारण ट्रेन में सवार यात्रियों ने हंगामा खडा कर दिया था।
2014 का कांग्रेस मुक्त भारत अभियान, 9 साल बाद भी कांग्रेस बनी हुई है दमदार
11 Apr, 2023 10:13 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। 2014 में जब कांग्रेसनीत यूपीए को हराकर भाजपा सत्ता में आई. नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने,तो पार्टी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा बुलंद किया। पार्टी का तर्क था कि देश में कांग्रेस को पूरी तरह खत्म कर देंगे। लेकिन 9 साल बाद भी कांग्रेस पूरी दमदारी के साथ खड़ी हुई है, जबकि भाजपा ने कांग्रेस मुक्त भारत के लिए जो फॉर्मूला लागू किया है, उससे भाजपा कांग्रेस-युक्त हो गई है। यानी अब भाजपा में कांग्रेस के कई नेता बड़े पदों,जिसमे मंत्री और मुख्यमंत्री बने हुए हैं। दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए विपक्षी दल के नेताओं को सीबीआई और ईडी का डर दिखाया, जिसके कारण कांग्रेस सहित दूसरी विपक्षी पार्टियों के सैकड़ों नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। इन आयातित नेताओं के कारण मूल भाजपाईयों के सामने अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है। अब भाजपाई अपनी ही पार्टी में बेगाने हो गए हैं। पार्टी की विचारधारा भी बदल गई है. कांग्रेस और अन्य पार्टियों की संस्कृति भी भाजपा में आने लगी है.
चाल, चरित्र और चेहरे वाली भाजपा दक्षिणपंथी विचारधारा की पार्टी है। इस विचारधारा की देश में यही एकमात्र पार्टी है। सत्ता में आने के बाद से पार्टी ने अपना कुनबा बढ़ाने के लिए दूसरी विचारधारा वाली पार्टियों में जमकर तोडफ़ोड़ की है। 2014 से लेकर अब तक दूसरी पार्टियों के करीब 211 विधायक और सांसद भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भारतीय लोकतंत्र में इसके पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में तोडफ़ोड़ नहीं हुई । इन 9 सालों में बीजेपी ने ना केवल अपने वोट बैंक को बढ़ाया है, बल्कि कांग्रेस समेत कई क्षेत्रिय दलों के नेताओं भाजपा में शामिल किया है। इस कारण भाजपा का मूल स्वरूप कांग्रेसमय हो गया है।
कांग्रेसी बन गये भाजपा का चेहरा
कभी अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी भाजपा का खांटी चेहरा हुआ करते थे। लेकिन अब इनकी जगह मूल कांग्रेसियों ने ले ली है। दरअसल, कुछ कांग्रेसियों ने सत्ता के लोभ में, तो कुछ ने सरकार के दबाव में भाजपा का दामन थाम लिया है। इनमें प्रमुख हैं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, जितेन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़, चार दशक से अधिक समय तक कांग्रेस में रहे बीरेंद्र सिंह, हेमवती नंदन बुहुगुणा के बेटे विजय बहुगुणा और बेटी रीता बहुगुणा, कभी राहुल गांधी की टीम का एक अहम हिस्सा रहे आरपीएन सिंह, यूपी में एक दिन के मुख्यमंत्री रहे जगदंबिका पाल, चौधरी बीरेंद्र सिंह, महाराष्ट्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण राणे, पूर्व विदेश मंत्री रहे एसएम कृष्णा, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी, एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी, हार्दिक पटेल आदि ये बड़े नाम हैं, जो कभी कांग्रेस के हुआ करते थे।
भाजपा में जाते धुल गए इनके दाग
दरअसल, भाजपा ने अपना कुनबा बढ़ाने के लिए दूसरी पार्टियों के नेताओं को भ्रष्टाचार या अन्य मामलों में फंसाना शुरू किया। इसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी, एनसीपी, शिवसेना के कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। लेकिन हैरानी की बात यह है, कि जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के दाग लगे. उनके भाजपा में जाते ही सारे दाग धुल गए। इनमें कांग्रेस की तरुण गोगोई सरकार में मंत्री रहे हिमंत बिस्वा शर्मा पर शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई ने आरोपी बनाया था। ममता सरकार में कद्दावर मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी से सीबीआई ने शारदा घोटाले में पूछताछ शुरू की थी। आसनसोल के कद्दावर नेता जितेंद्र तिवारी पर कोयला चोरी, नारायण राणे पर आदर्श सोसायटी मामले में हेराफेरी का आरोप, 2009 से 2014 तक मनसे के विधायक रहे प्रवीण डारेकर पर 2015 में मुंबई कॉपरेटिव बैंक में 200 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया गया था। वहीं पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल पर भाजपा सरकार के दौरान राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। महाराष्ट्र के कद्दावर नेता अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले का आरोप, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल रॉय पर शारदा घोटाले में पैसा लेकर चिटफंड कंपनी फेवर देने का आरोप लगा, लेकिन भाजपा में जाते ही इन सभी का दाग धुल गया।
भाजपा में वरिष्ठ नेताओं को कोई नहीं पूछ रहा: शेखावत
उधर, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता भंवरसिंह शेखावत ने कहा है कि दो-तीन नेता पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं। कई वरिष्ठ नेताओं समेत मुझे भी बैठक में नहीं बुलाया गया। मैंने इस बात की जानकारी तोमर को भी दी है। मैंने उन्हें यह भी कह दिया है, कि यदि इसी तरह से वरिष्ठ नेताओं को नजरअंदाज किया, तो चुनाव में पार्टी को नुकसान होगा। दरअसल, जनसंघ से लेकर भाजपा के आज तक के सफर में जिन तीन पीढिय़ों ने पूरी निष्ठा के साथ काम करके, पार्टी को इस स्तर पर पहुंचाया। वह आज उपेक्षित होकर घर पर बैठे हुए हैं। गरीबी और बदहाली का जीवन बिता रहे हैं। सत्ता दलालों के हाथ में चली गई है। चुनाव जब आते हैं तब दिखावे का सम्मान करके, चुनाव में उनका लाभ लेते हैं, फिर भूल जाते हैं। भाजपा अब कार्यकर्ताओं की पार्टी नहीं रही। भाजपा के वरिष्ठजन कहने लगे हैं, सत्ता में बैठे लोग उपयोग करते हैं। और कचरे में डाल देते हैं। यदि यही स्थिति रही, तो आगे पार्टी और संगठन का भविष्य भी अच्छा नहीं रहेगा। इस तरह वह अपनी नाराजगी स्पष्ट रूप से दर्शाने लगे हैं।