मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
यूनानी चिकित्सा महाविद्यालय में पीजी छात्रों के लिये ओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू
10 Apr, 2023 11:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : आयुष विभाग द्वारा मेनिट हिल्स आयुष परिसर में संचालित हकीम सैयद जियाउल हसन शासकीय महाविद्यालय में आज पोस्ट ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम शुरू हुआ।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मेहमूदा बेगम ने कहा कि तीन विषयों में पीजी कोर्स शुरू होने से राजधानी भोपाल के मरीजों को यूनानी चिकित्सा का और बेहतर इलाज मिल सकेगा। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे यूनानी चिकित्सा क्षेत्र में नये अनुसंधान पर लगातार अध्ययन करें। कार्यक्रम को संचालन समिति के अध्यक्ष डॉ. इफ्तेखार अहमद ने भी संबोधित किया। कॉलेज में 22 छात्रों को पीजी के लिये प्रवेश दिया गया है।
यूनानी चिकित्सा पद्धति स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान की लगभग 2500 साल पुरानी पद्धति है। इसकी शुरूआत ग्रीस (यूनान) से हुई है। यूनानी विधा के मूल सिद्धांतों में ब्रह्माण्ड के 4 तत्व हवा, पानी, मिट्टी एवं अग्नि का उल्लेख है। प्रदेश में शासकीय स्तर पर 64 यूनानी औषधालय संचालित हो रहे हैं।
बहनों को भा रहा है मुख्यमंत्री का जुदा अंदाज
10 Apr, 2023 11:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : इन दिनों पूरे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी देने और बहनों के फार्म भरवाये जाने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ जारी हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं जिला स्तरीय महासम्मेलनों में बहनों को योजना के प्रावधानों से अवगत करा रहे हैं। मुख्यमंत्री पहले सम्मेलन में आई बहनों का फूलों की वर्षा कर स्वागत-अभिनंदन करते है और संवाद की शुरूआत फिल्मी तराने "फूलों का तारों का सबका कहना है-एक हजारों में मेरी बहना है" के साथ करते है। मुख्यमंत्री का यह जुदा अंदाज प्रदेश की बहनों को खूब भा रहा है।
सम्मेलन में आई बहनें भी अपने शिवराज भईया के स्वागत में तख्तियों पर आत्मीय बेनर लगा कर अभिवादन कर रही हैं। तख्तियों पर लिखी भावनाएँ कुछ इस प्रकार की हैं - शिवराज भईया की नई सौगात-आधी आबादी रहे खुशहाल, हम बहनों को मिला सम्मान - शिवराज भईया बड़े महान, लाड़ली बहना योजना के लिये शिवराज भईया को धन्यवाद। प्रदेश की बहनों द्वारा अपने मुख्यमंत्री भईया को योजना शुरू करने के लिये लाखों की संख्या में खत लिखे जा रहे हैं। हर सम्मेलन में बहनें शिवराज भईया को रक्षा-सूत्र और राखी भी बांध रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दिल से निकली लाड़ली बहना योजना प्रदेश में 5 मार्च को लांच की गई है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की बहनों को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये गहन चिंतन के बाद मुख्यमंत्री ने योजना को अमलीजामा पहनाया। एक अप्रैल से योजना में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रदेश में योजना का प्रचार-प्रसार करने अनेक माध्यमों को अपनाया जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वयं संभागीय और जिला मुख्यालयों में लाड़ली बहना योजना को समझाने बहनों का महा सम्मेलन भी कर रहे हैं। इन सम्मेलनों में बड़ी संख्या में बहनें शामिल हो रही है।
पिछली 5 मार्च को भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए बहनों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्टेप बाय स्टेप योजना की प्रक्रिया बहनों के साथ साझा की और एक बहन का आवेदन भी भरवाया। मुख्यमंत्री का बहनों के साथ यह संवाद निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान का शुरू से मानना है कि परिवार, समाज, प्रदेश और देश तभी सशक्त होगा, जब महिलाएँ सशक्त और आत्म-निर्भर होंगी। उनके जीवन का ध्येय है कि प्रदेश की सभी बहनों का जीवन सरल, सुखद और आंनदमय बनाया जाये। बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों और पैसों की आवश्यकता के लिए परेशान न हों। इसी उद्देश्य से प्रदेश में उन्होंने अभिनव मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को शुरू किया है। योजना में ऐसे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की बहनें जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रूपये से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं है, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनों को योजना में पात्र माना जाकर हर महीने एक-एक हजार रूपये उनके खातों में अंतरित किये जायेंगे।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सभी गाँव और वार्ड में शिविर लगा कर बहनों के आवेदन भरवाये जा रहे हैं। इस कार्य में सरकारी मशीनरी के साथ जन अभियान परिषद एवं अन्य समाजिक संस्थाएँ भी सहयोग कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्वयं इन शिविरों में पहुँच कर प्रक्रिया का अवलोकन भी कर रहे है। बहनों को ई-केवायसी कराने में परेशानी न हो इसके लिये संबंधित संस्थाओं को प्रति केवायसी 15 रूपये की राशि भी राज्य सरकार दे रही है। इन सभी व्यवस्थाओं और मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशीलता से प्रदेश की सभी बहनें आनंदित है और उन्हें अब इंतजार है अपने जीवन में एक नई सुबह का, जिसका उदय 10 जून 2023 को होगा। यह दिन प्रदेश की बहनों के लिये ऐतिहासिक बन जायेगा, जब उनके खातों में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की 1000 रूपये की प्रथम किस्त आयेगी।
कोविड-19 उपचार व्यवस्थाओं पर प्रदेश के सभी अस्पताल में हुआ मॉक ड्रिल
10 Apr, 2023 10:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रायसेन जिला चिकित्सालय में कोविड-19 उपचार व्यवस्थाओं पर केन्द्रित मॉक ड्रिल का निरीक्षण किया। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते प्रकरण के दृष्टिगत उपचार व्यवस्थाओं को सुनिश्चित रखने के लिये 10 और 11 अप्रैल को मॉक ड्रिल संचालित करने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश के सभी अस्पताल में मॉक ड्रिल में कोविड-19 उपचार की व्यवस्थाओं को जाँचा गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि जिला अस्पताल रायसेन में कोविड-19 के संक्रमित व्यक्ति को आईसीयू में उपलब्ध करवाये जाने वाले उपचार की प्रक्रिया को दोहराया गया। अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, वार्ड में ऑक्सीन सप्लाई और लेब का भी निरीक्षण किया। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मॉक ड्रिल में कोविड-19 उपचार की व्यवस्थाएँ बेहतर पाई गई।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कोरोना पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रदेश के सभी अस्पतालों में कोविड-19 की उपचार व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने मॉक ड्रिल किया गया। सभी जिलों को ऐहतियाती तौर पर उपचार की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित रखने के निर्देश दिये गये हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री यशवंत मीणा, कलेक्टर श्री अरविंद दुबे, सीएमएचओ डॉ. दिनेश खत्री, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. शर्मा और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
होम्योपैथी के क्षेत्र में नये रिसर्च कर जन-सामान्य में विश्वास को मजबूत करें
10 Apr, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : प्रमुख सचिव आयुष श्री फैज अहमद किदवई ने कहा कि नये अनुसंधान कर होम्योपैथी का जन-सामान्य में विस्तार किये जाने की जरूरत है। उन्होंने होम्योपैथी के क्षेत्र में हो रहे नये कार्यों को भी जनता के सामने लाये जाने पर जोर दिया। प्रमुख सचिव श्री किदवई आज भोपाल के गवर्मेंट होम्योपैथी महाविद्यालय में विश्व होम्योपैथी दिवस पर हुए कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री किदवई ने होम्योपैथी के जनक सैम्यूल हैनीमेन की 268वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस मौके पर आयुक्त आयुष श्रीमती सोनाली पोंक्षे वायंगणकर भी मौजूद थी।
प्रमुख सचिव आयुष ने कहा कि होम्योपैथी के प्रेक्टिशनर की कार्य क्षमता में भी लगातार अपडेट किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से प्रदेश में मलेरिया उन्मूलन और सोरायसिस के क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य हो रहा है। जनजातीय क्षेत्र में सिकल सेल एनीमिया के उपचार के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे हैं, जो सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश देखा गया है कि जब मरीज चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों से निराश हो जाता है, तब वह होम्योपैथी की तरफ बढ़ता है। प्रमुख सचिव ने कहा कि होम्योपैथी से जिन मरीजों का बेहतर उपचार किया गया है, उनके विचार जन-सामान्य के बीच लाये जाने की आवश्यकता है। ऐसा करके होम्योपैथी के प्रति लोगों काविश्वास और बढ़ेगा।
आयुक्त आयुष श्रीमती वायंगणकर ने कहा कि प्रदेश में होम्योपैथी चिकित्सा की 213 डिस्पेंसरी संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में होम्योपैथी के फॉलोअर्स लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के आयुष ग्रामों में होम्योपैथी के ओर विस्तार किये जाने पर जोर दिया। कार्यक्रम को डॉ. पॉल, प्राचार्य डॉ. एस.के. मिश्रा, डॉ. परिहार ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में डॉ. जूही गुप्ता ने बताया कि सरकारी होम्योपैथी कॉलेज की स्थापना वर्ष 1991 में की गई थी। इसके बाद यह कॉलेज वर्ष 2008 से मेनिट हिल्स आयुष परिसर में संचालित हो रहा है। देश में सर्वाधिक 126 स्नातक और 70 स्नातकोत्तर छात्र प्रतिवर्ष प्रवेश ले रहे हैं। आयुष परिसर में 150 बिस्तरों का हॉस्पिटल भी संचालित किया जा रहा है। इनमें प्रतिदिन औसत रूप से 500 रोगियों का होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जा रहा है। महाविद्यालय में पढ़ाई के बाद छात्रों के प्लेसमेंट के लिये कॉलेज में विशेष सेल बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्री बोले नेहरू नहीं चाहते थे बाबा साहेब को मंत्रिमंडल में लेना, गांधी के दवाब में लिया
10 Apr, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा नेहरू नहीं चाहते थे बाबा साहेब को अपने मंत्रिमंडल में लेना, गांधी के दवाब में लिया मंत्रिमंडल में शामिल किया था। केंद्रीय मंत्री 16 अप्रैल को ग्वालियर में होने जा रहे अंबेडकर महाकुंभ की तैयारियों को लेकर आयोजित एक बैठक में बोल रहे थे। तोमर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और अनुसूचित समाज और बाबा साहब यह तीनों एक दूसरे के पूरक हैं। बाबा साहब अंबेडकर और अनुसूचित जाति समाज के बिना भाजपा अधूरी है। केंद्रीय मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 16 अप्रैल को होने वाले डॉक्टर अंबेडकर महाकुंभ की तैयारियों में कार्यकर्ताओं को अभी से प्राण प्रण से जुट जाना चाहिए जिससे कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जन्म जयंती का कार्यक्रम बस्तियों में हो, इससे 16 अप्रैल को अंबेडकर महाकुंभ कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अधिक से अधिक संख्या निकलकर आएगी।
उन्होंने कहा कि भाजपा न जातिवाद ना भाषावाद और ना पूंजीवाद पर भरोसा करती है भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद पर भरोसा करती है । पहली सरकार में नेहरू जी डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबा साहब अंबेडकर को मंत्री नहीं बना रहे थे। गांधी जी के दबाव में नेहरू ने इन्हें मंत्री बनाया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और बाबा साहब अंबेडकर जी को नेहरू जी का असली चेहरा दिखाई देने लगा। तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर लात मारकर सरकार से बाहर आ गए। श्री तोमर ने कहा कि डॉ. अंबेडकर सिद्धांतवादी थे । उन्होंने इस्तीफा देने के बाद अपने लोगों को कहा कि आज रात को ही बंगला खाली करना है और मकान देखने के लिए रात्रि में ही निकल गए और उन्होंने दिल्ली में अलीपुर रोड पर मकान किराए पर लिया। भाजपा सरकार में बिना किसी भेद भाव के हर जरूरतमंद को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने डॉ. भीमराव अंबेडकर से जुड़ी जगहों को विकसित करने के साथ ही तीर्थस्थल का नाम देकर बाबा साहब के साथ ही दलितों का सम्मान बढ़ाने का काम किया है। यह दिल्ली में अलीपुर रोड पर बनाया जा रहा है जहां अंबेडकर ने अंतिम सांस ली थी। 1.85 एकड़ के प्लॉट पर तीन मंजिला स्मारक बनेगा जिसके मध्य में एक गुंबद के नीचे संविधान रखा होगा। साथ ही अंबेडकर की जन्मभूमि महू , दीक्षाभूमि नागपुर और राजगृह तथा मुंबई से स्मृति चिन्ह लाकर इसमें रखे जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने एक ईंट भी नहीं लगाई। कांग्रेस लगातार डॉ.भीमराव अम्बेडकर का अपमान करता रहा।
मुख्यमंत्री आवास में फिर होंगी सामाजिक पंचायतें, प्रबुद्धजनों के साथ शिवराज करेंगे संवाद
10 Apr, 2023 08:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री आवास में फिर सामाजिक पंचायतों होंगी। इसमें विभिन्न समाज के प्रबुद्धजनों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संवाद करेंगे और जिन समस्याओं का समाधान संभव होगा, उसकी घोषणा भी मंच से ही की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी तैयारी प्रारंभ कर दी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद विभिन्न समाजों की समस्याओं के समाधान के लिए पंचायत करने का सिलसिला प्रारंभ किया था। इसमें सभी से चर्चा के बाद उन्होंने विभिन्न योजनाओं की घोषणा भी की। इस बार जब उन्होंने सत्ता की बागडोर संभाली तक कोरोना संकट था।
पूरा ध्यान इस बात पर ही था कि कैसे लोगों के जीवन को पटरी पर लाया जाए। इसके लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के कामों को प्राथमिकता देने के साथ अलग-अलग योजनाएं लागू की गईं। अब एक बार फिर मुख्यमंत्री अलग-अलग समाज के व्यक्तियों के साथ संवाद का सिलसिला प्रारंभ कर रहे हैं। राजपूत, कुम्हार, भोई सहित अन्य समाज के व्यक्तियों के साथ वे संवाद कर चुके हैं तो कुछ समाजों के कार्यक्रम में वे शामिल हुए। अब मुख्यमंत्री आवास में अन्य समाजों की पंचायतें आयोजित की जाएंगी। मुख्यमंत्री कार्यालय इसकी तैयारी कर रहा है। सभी जिलों में लाड़ली बहना सम्मेलन होने के बाद इसे प्राथमिकता दी जाएगी।
छतरपुर : कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी पर 50 लाख की धोखाधड़ी का केस दर्ज..
10 Apr, 2023 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्य प्रदेश के छतरपुर से से कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी पर नोएडा में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। आकाश शर्मा नाम के शख्स ने कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी पर केस दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि विधायक ने कम दामों में बिल्डिंग मैटेरियल देने का वादा किया था, लेकिन एडवांस पैसे लेने के बाद माल की सप्लाई नहीं की। एफआईआर में 50 लाख रुपये की ठगी का आरोप विधायक पर लगाया गया है।
नए सत्र में शिक्षा फिर से मंहगी
10 Apr, 2023 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
किताबें खरीदने में बिगड रहा घरों का बजट
भोपाल । अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा दिलवा कर एक सुरक्षित भविष्य का सपना देखना अब लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। अब तक जहां स्कूलों की फीस जुटाने में परिजनों की कमर टूट जाती थी वहीं अब बच्चे की किताबें खरीद में कई महीनों का घर का बजट हिल जाता है। कई स्कूल तो ऐसे हैं जिनमें किताबों का सेट 8 से 10 हजार रुपये तक है। एक तरफ स्कूली छात्रों के स्वजन परेशान हैं वहीं दूसरी ओर प्रशासन सब कुछ जानकर भी अनजान बना हुआ है। इसका परिणाम यह आ रहा है कि मजबूर लोग किताबें खरीदने के लिए दुकानों पर सुबह से ही लंबी लाइनें लगाकर खडे हो जाते है। भरी गर्मी में तपती धूप में लाइन लगा कर लोग अपने बच्चों की किताबें खरीद रहे हैं।
नियम रखे हैं ताक पर
नियम कहता है कि किसी भी अभिभावक को एक ही दुकान से पुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी को की जा सकती है। लेकिन स्कूलों ने सिर्फ खानापूर्ति के लिए दुकानों की सूची जारी की है लेकिन उनमें से सिर्फ एक या दो दुकानों पर ही पुस्तकें मिलेगी , शेष सिर्फ सही दुकान का पता बताते हैं।
किताबें खरीदने में पसीने छूट जाते हैं
निजी कंपनी में काम करने वाले राघवेंद्र शर्मा बताते हैं कि उनका संयुक्त परिवार है और कमाने वाले वह अकेले । ऐसे में घर के तमाम खर्चों के साथ बच्चों को इतनी मंहगी शिक्षा दिलाने में पसीने छूट जाते हैं। ऐसा भी नहीं है कि किसी की पुरानी पुस्तकों से पढ़ा लें , जब मन चाहे तब सिलेबस भी बदल दिया जाता है। कम से कम शिक्षा का तो व्यापारीकरण न करें। फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले शुभम सिंह ने बताया कि उनका बेटा अभी तीसरी कक्षा में हैं। अभी से शिक्षा के नाम पर इतनी लूट खसोट मचाई जा रही है यह बेहद चिंता जनक है। तीसरी कक्षा में पढऩे वाले बच्चे की किताबों का खर्चा ही 3400 रूपए चुकाया है। साधारण इंसान के लिए बच्चे को अच्छी शिक्षा दिला पाना बेहद मुश्किल हो गया है।
किसके कितने दाम
कक्षा - सेट के दाम(रुपए में)
केजी - 3100 से 3800
एलकेजी - 3200 से 4200
कक्षा 1 - 4800 से 6200
कक्षा 2 - 5100 से 6300
कक्षा 3 - 5400 से 6900
कक्षा 4 - 5900 से 7400
कक्षा 6 से 9 - 5700 से 8900
(नोट: प्रत्येक स्कूल के सेट की कीमतों में फर्क है)
450 की जगह 57 रुपए हो गई सब्सिडी, वह भी नहीं मिल रही
10 Apr, 2023 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । घरेलू गैस सिलेंडर के दाम जहां पिछले पांच सालों के लगातार बढ़ते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ गैस सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी 450 रुपए से घटकर 57 रुपए रह गई है, हैरानी की बात तो यह है कि वह भी कई ग्राहकों को नहीं मिल रही है, ऐसे में उपभोक्ता को दोहरी मार पड़ रही है, एक तरफ सब्सिडी नहीं मिल रही, तो दूसरी तरफ गैस सिलेंडर के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं।
पांच साल में घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में भले ही अधिक अंतर नहीं आया हो, लेकिन सब्सिडी लगातार घटती जा रही है। 5 वर्ष में सब्सिडी 393 रुपए तक कम हो चुकी है। पहले जहां सब्सिडी के ग्राहकों के खाते में 450 रुपए आ रहे थे, वहीं अब ये घटकर सिर्फ 57 रुपए ही रह गए हैं। कई लोगों के खाते में तो सब्सिडी के 57 रुपए भी नहीं पहुंच रहे हैं। ऐसे लोग एजेंसी वालों के चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं।
वर्तमान में घरेलू गैस सिलेंडर 1186.50 रुपए का मिल रहा है और उस पर मिलने वाली सब्सिडी सिर्फ 57 रुपए ही है। ऐसे में एलपीजी सिलेंडर 1129.50 रुपए का पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले के कारण किचन में भार पड़ रहा है और ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहे हैं। 2018 में यही घरेलू गैस सिलेंडर 1010 रुपए का था, लेकिन सब्सिडी अधिक आने से ये 560 रुपए का ही पड़ रहा था।
दो महीने से नहीं मिली सब्सिडी
साकेत नगर निवासी कपिल मलिक ने बताया कि सरकार ने गैस सिलेंडर पर पहले ही सब्सिडी घटा दी है। लेकिन दो महीने से तो यह अकाउंट में आई ही नहीं है। गैस एजेंसी में संपर्क किया तो बताया कि बैंक अकाउंट चेक करो। अकाउंट चेक किया तो इसमें भी सब्सिडी की राशि नहीं आई थी। बड़ागांव के पास रहने वाले देवेन्द्र अग्रवाल के खाते में भी सब्सिडी नहीं आई। गैस एजेंसी से जवाब मिल रहा है सब्सिडी गैस कंपनियां देती हैं इसमें हम क्या कर सकते हैं। आगे से ही नहीं आ रही होगी। गैस एजेंसी संचालकों का कहना है कि अभी तो वही 57 रुपए की सब्सिडी आ रही है, 450 रुपए की सब्सिडी तो काफी समय पूर्व आती थी। सब्सिडी नहीं आने की कुछ लोग हमारे पास भी शिकायत लेकर आते हैं। ऐसे अधिकांश लोगों के बैंक खाते बंद होने के कारण ऐसा होता है। वैसे तो सभी के खातों में 57 रुपए की सब्सिडी पहुंच रही होगी।
मुकुंदरा होगा कूनो के बाद भारत में चीतों का दूसरा घर
10 Apr, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । 70 साल बाद फिर से बसाए जा रहे चीतों का भारत में दूसरा घर राजस्थान का मुकुंदरा राष्ट्रीय उद्यान हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कूनो नेशनल पार्क से कुछ चीतों की शिफ्ंिटग के लिए राजस्थान के मुकुंदरा हिल्स राष्ट्रीय उद्यान और मध्यप्रदेश के गांधीसागर अभयारण्य में को चिन्हित किया है। इनमें मुकुंदरा पहले स्थान पर है, क्योंकि यहां चीतों को बसाने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी है, जबकि गांधीसागर में व्यवस्थाएं जुटाने में एक साल लगेगा।
हालांकि कूनो से कितने चीते, कब शिफ्ट होंगे, ये निर्णय भारत सरकार को लेना है, लेकिन पिछले माह हुई चीता टास्क फोर्स की बैठक में मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क और गांधीसागर अभयारण्य को लेकर मंथन हो चुका है। जिसमें सामने आया कि यदि कूनो से कुछ चीतों को तत्काल भी शिफ्ट किया जाए तो मुकुंदरा हिल्स पूरी तरह तैयार है। उल्लेखनीय है कि चीता पुनसर््थापना परियोजना के तहत दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को भारत में लाए जाने के बाद कूनो नेशनल पार्क में रखा जाना है और फिर यहां से देश के विभिन्न अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में भेजना है। कूनो में वर्तमान में 23 चीते (इनमें 4 शावक भी शामिल) हैं और कूनो की क्षमता 20 चीतों की है, लिहाजा आगामी समय में दक्षिण अफ्रीका या नामीबिया से नई खेप लाने से पहले कूनो में से कुछ चीते दूसरी जगह शिफ्ट करने होंगे।
मुकुंदरा में 82 वर्ग किमी का फैंसिंग एरिया
मुकुंदरा हिल्स राजस्थान के चार जिलों कोटा, झालावाड़, बूंदी और चित्तौडगढ़़ के लगभग 760 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस टाइगर रिजर्व में करीब 417 वर्ग किलोमीटर कोर और 342 वर्ग किलोमीटर बफर जोन है। सीसीएफ (वाइल्ड लाइफ) कोटा राजस्थान शारदा प्रताप सिंह के अनुसार इसमें 82 वर्ग किलोमीटर (8200 हैक्टेयर) का एरिया तार फैंसिंग से कवर्ड है, जिसमें चीता शिफ्ट करने का प्लान है। फैंसिंग होने से चीता के जंगल से बाहर निकलने की संभावना नहीं रहेगी। मुकुंदरा में चीतों के भोजन के लिए यहां चीतल, चिंकारा, सांभर और जंगली सूअर पर्याप्त मात्रा में है।
गांधीसागर में तैयारी को मांगे 20 करोड़, मिले 5 करोड़
मप्र के मंदसौर जिले में जिले में स्थित गांधीसागर अभयारण्य 370 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां चीतों को बसाने के लिए आवश्यक तैयारियों के लिए मप्र वन विभाग ने केंद्र सरकार से 20 करोड़ रुपए की डिमांड भेजी थी, जिसमें पिछले दिनों 5 करोड़ रुपए की स्वीकृति हो गई है। पीसीसीएफ(वाइल्ड लाइफ) मध्यप्रदेश जसवीर सिंह चौहान के अनुसार इन 20 करोड़ रुपए से गांधीसागर में 60 वर्ग किलोमीटर (6000 हैक्टेयर) एरिया में फैंसिंग की जाएगी। साथ ही हैबिटेट विकसित किया जाएगा, जलस्रोत तैयार होंगे, पेट्रोलिंग, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन इन सब कार्यों में एक साल लगेगा।
अब मई से लोगों को मिलेगी मोन्ड
10 Apr, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हेरिटेज शराब का टेस्ट ट्रायल सफल
भोपाल । प्रदेश को देश-दुनिया में पहचान दिलाने के मकसद से तैयार की गई महुए की हेरिटेज शराब मोन्डÓ का मप्र पर्यटन विकास निगम की होटल में ट्रायल सफल रहा। लोगों को यह शराब खुब पसंद आई है। लोगों से मिले फीडबैक से सरकार भी खुश है। अब सरकार हेरिटेज शराब मोन्डÓ मई से बाजार में उतारने की तैयारी कर रही है। हेरिटेज शराब का निर्माण महुए के फूलों से किया जा रहा है। यह दुनिया की एकमात्र शराब है, जो फूलों से बनाई जाती है। भारत में अकेले मप्र में इसका निर्माण किया जाता है। इस शराब में मिथाइल एल्कोहल नहीं होता, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। हेरिटेज शराब के निर्माण में किसी भी तरह के कैमिकल का प्रयोग नहीं किया जाएगा। शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाला पानी उच्च गुणवत्ता का होगा, उत्पादन इकाई में हाईजीन का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
प्रदेश सरकार ने महुए से बनने वाली इस हेरिटेज शराब के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत आलीराजपुर और डिंडोरी जिले का चयन किया था। सबसे पहले आलीराजपुर जिले के क_ीवाड़ा क्षेत्र में इस प्रोजेक्ट को शुरू किया गया। जिला प्रशासन के निर्देशन में लंबे समय से इस पर काम किया जा रहा था। फीडबैक के लिए 180 एमएल की पेकिंग में हेरिटज शराब को रखवाया गया था। हालांकि, आने वाले समय में ये 90 एमएल और 750 एमएल की पैकिंग में भी उपलब्ध होगी। क_ीवाड़ा में हेरिटेज शराब निर्माण के लिए तैयार यूनिट का संचालन स्व सहायता समूह कर रहा है। समूह में काम करने वाली टीम के सदस्य को इसके लिए पुणे के वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट से ट्रेनिंग भी दिलवाई जा चुकी है। इसी इंस्टिट्यूट में शराब की गुणवत्ता की जांच भी हुई है।
कीमतों को लेकर हो रही देरी
आबकारी विभाग हेरिटेज शराब के टेस्ट से लेकर पैकिंग को लेकर मिले लोगों के रिस्पांस से संतुष्ट है। साथ ही बार में शराब पीने वालों द्वारा फीडबैक फॉर्म में दिए गए सुझावों के आधार पर कमियों को दूर कर लिया गया है, लेकिन अभी हेरिटेज शराब की बिक्री कीमतों के फेर में अटक गई है। सरकार की मंशा है कि जिस तरह फैनी गोवा की पहचान बन गई है, वैसे ही हेरिटेज शराब मप्र की पहचान बन जाए। यही वजह है कि हेरिटेज शराब की कीमतों का निर्धारण पर ठीक से सोच-विचार कर रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हेरिटेज शराब की कीमतें निर्धारित करते वक्त इस बात का ख्याल रखा जा रहा है कि इसका निर्माण करने वाले आदिवासी स्व सहायता समूह को एक निश्चित प्रॉफिट प्राप्त हो, कीमत इतनी ज्यादा न हो कि लोग अफोर्ड न कर पाएं और इतनी कम भी न हो कि लोग उसे निम्न स्तर का ब्रांड समझने लगें। यही वजह है कि हेरिटेज शराब की कीमत तय करने में वक्त लग रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही हेरिटेज शराब की कीमत फायनल कर ली जाएगी और मई से मार्केट में इसकी बिक्री शुरू कर दी जाएगी। हेरिटेज शराब की बिक्री शराब की दुकानें पर होगी या अलग से काउंटर खोले जाएंगे, इसको लेकर भी अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।
अलीराजपुर और डिंडोरी में यूनिट
सरकार ने पिछले साल आबकारी नीति में हेरिटेज शराब के निर्माण के लिए अलीराजपुर और डिंडोरी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना था। अलीराजपुर और डिंडोरी में आदिवासी स्व सहायता समूहों द्वारा हेरिटेज शराब बनाने की यूनिट लगाई गई हैं। अलीराजपुर में हनुमान आजीविका स्व सहायता समूह ने हेरिटेज शराब का उत्पादन शुरू कर दिया है। हेरिटेज शराब के ब्रांड को मोन्ड नाम दिया गया है। हेरिटेज शराब 750 मिलीलीटर की पैकिंग में उपलब्ध होगी। डिंडोरी यूनिट से हेरिटेज शराब का उत्पादन अभी शुरू नहीं हो पाया है। दरअसल, मप्र देश का पहला राज्य है, जो महुए से शराब का निर्माण कर उसे वैध तरीके से बेचने जा रहा है। सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान हेरिटेज शराब की शुद्धता पर है, क्योंकि सरकार इसकी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करने की तैयारी कर रही है। सरकार का मानना है कि यदि हेरिटेज शराब की ठीक से ब्रांडिंग की जाए, तो देश ही नहीं पूरी दुनिया में इसकी अलग पहचान बन सकती है। यही वजह है कि इसकी क्वालिटी टेस्ट, खुशबू से लेकर कीमतों के निर्धारण में वक्त लग रहा है। उप सचिव वाणिज्यिक कर ओपी श्रीवास्तव का कहना है कि अलीराजपुर यूनिट में हेरिटेज शराब का उत्पादन शुरू हो गया है। कीमतें फायनल होते ही इसकी बिक्री शुरू कर दी जाएगी।
4 जून को होगा स्लेट एग्जाम
10 Apr, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एग्जाम पैटर्न और सिलेबस में हुआ बदलाव
तैयारी में ई-मटेरियल होगा काफी मददगार
भोपाल । लेक्चर और जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (नेट) की तर्ज पर राज्य स्तरीय एलिजिबिलिटी टेस्ट (एमपी स्लेट) होगा। यह परीक्षा 4 जून को होगी। इस बार स्लेट के परीक्षा पैटर्न के साथ ही सिलेबस में भी बदलाव हुआ है। यह परीक्षा ठीक नेट की परीक्षा की ही तरह होगी। इसके लिए यूजीसी द्वारा तय सिलेबस को फॉलो करना होता है। यह परीक्षा आठ साल पहले 2015 में आयोजित की गई थी। एसएलईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को पास प्रमाणपत्र प्राप्त होता है, जिसकी आजीवन वैधता होती है।
एमपी स्लेट सबसे पहले वर्ष 2003-04 में हुई थी। फिर 12 साल बाद 2015 में यह परीक्षा आयोजित की गई। अब आठ साल तक एक बार फिर परीक्षा ली जाएगी।
अब होंगे दो प्रश्नपत्र पहले एक ही होता था
स्लेट में काफी कुछ बदलाव किया गया है। पहले इस परीक्षा के लिए एक पेपर होता था, लेकिन अब दो पेपर लिए जाएंगे। यह दोनों पेपर एक ही शिफ्ट में होंगे। पहला पेपर एक घंटा और दूसरा पेपर 3 घंटे का रहेगा। पहले पेपर में 50 प्रश्न सामान्य एवं दूसरे पेपर में 150 प्रश्न विषय से संबंधित होंगे। इन्हें हल करना होगा।
देश की कठिन परीक्षाओं में से एक
उम्मीदवारों के लिए यूजीसी नेट क्लियर करना एक चैलेंजिंग टास्क है, क्योंकि इससे देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस एग्जाम में अच्छा स्कोर करने के लिए उम्मीदवारों के पास एक अच्छी तैयारी होनी जरूरी है। परीक्षा के लिए उपस्थित होने वाले उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे यूजीसी नेट 2021 के लिए इन टिप्स को जरूर फॉलो करें, ताकि वे समय से प्रश्न हल कर सकें।
इस साल स्लेट का एग्जाम नेट के ही जैसा
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय में मैथमेटिक्स के प्रोफेसर डॉ. एसके मल्होत्रा ने बताया कि इस साल स्लेट का एग्जाम नेट के ही जैसा होगा। सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। इस परीक्षा के लिए यूजीसी के सिलेबस को फॉलो करना होता है। इस साल नेट की ही तरह इसके दो पेपर होंगे।
भाजपा के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी
10 Apr, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिग्विजय सिंह इन जिलों में करेंगे धुआंधार दौरे
संगठन को मजबूत करने पर रहेगा जोर
भोपाल । मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर सभी पार्टियों अपने को मजबूत करने में जुट चुकी है। इस कड़ी में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी में है। दरअसल, दिग्गी सोमवार से भारतीय जनता पार्टी के प्रभाव वाले इलाके विदिशा सागर और दमोह का दौरा करेंगे। 5 दिनों तक इन तीन जिलों की 10 विधानसभा में धुआंधार दौरे करेंगे।
दिग्विजय सिंह 10 अप्रैल को विदिशा जिले के शमशाबाद और कुरवाई विधानसभा की बैठक करेंगे। 11 अप्रैल को सागर के बीना और खुरई विधानसभा की बैठक, 12 अप्रैल को सुरखी, सागर विधानसभा की बैठक, 13 अप्रैल को नरयावली और रहली विधानसभा की बैठक, 14 अप्रैल को दमोह जिले की हटा और पथरिया विधानसभा के दौरे पर रहेंगे। कांग्रेस ये विधानसभा की सीटें लंबे समय से हार रही है। दिग्विजय सिंह का जोर संगठन को मजबूत करने पर रहेगा। लगातार हार रही सीटों को लेकर कांग्रेस ने प्लान बनाया है। 65 सीटों पर अगले दो महीने में उम्मीदवार उतारने की तैयारी रहेगी।
10 लाख कर्मचारियों को शिवराज देंगे बड़ी सौगात
9 Apr, 2023 11:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
16 को कर्मचारी संगठनों से सीएम शिवराज करेंगे चर्चा
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने मांगे दो-दो प्रतिनिधियों के नाम
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से मप्र के सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दे सकते हैं। लंबे समय अपनी मांगों को लेकर लामबंद सरकारी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि मंडल से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चर्चा करेंगे। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने पंजीकृत कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों से दो-दो नाम मांगे हैं। बैठक में कर्मचारी संगठन की मांगों, नीतिगत निर्णय, आर्थिक मामलों समेत अन्य समस्याओं पर खुलकर बात होगी। फिलहाल बैठक की तारीख तय नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल के बाद यह बैठक आयोजित की जाएगी।
यदि मंत्रालय कर्मचारी संघ को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश कर्मचारी संगठन आंदोलन की राह पर हैं। प्रदेश से सबसे बड़े तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन ने आगामी 20 अप्रैल से चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान किया। इसके अलावा अध्यापक, संविदा कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, लिपिक वर्ग, वाहन चालक संघ, चतुर्थ श्रेणी, बिजली कर्मचारी, पेंशनर्स समेत अन्य कर्मचारी संगठन भी आंदोलन कर रहे हैं। कर्मचारियों के साथ होने जा रही बैठक को लेकर वित्त विभाग ने भी तैयारी शुरू कर दी है। राज्य कर्मचारी कल्याण परिषद ने भी मांगों के आधार पर सरकारी रिकॉर्ड के डाटा तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि राज्य कर्मचारी कल्याण परिषद ने मुख्यमंत्री से बैठक की अधिकृत जानकारी कर्मचारी संगठनों को नहीं दी है।
16 सूत्रीय मांगों पर होगा फोकस
तृतीय वर्ग कर्मचारी संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष एसएस रजक ने बताया कि राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के मंत्रालय स्थित कार्यालय से दो प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं। उन्होंने बताया कि संयुक्त रूप से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करने की मांग प्रमुख है। इसके अलावा मंत्रालय कर्मचारियों के समान वेतन मांग, लिपिकों की वेतन विसंगति, केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई राहत, पदोन्नति पर लगी रोक हटाने, वाहन चालकों की भर्ती कर एवं टैक्सी प्रथा बंद करने सहित अन्य मांगों पर मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष और राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त रमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की मांग समय-समय पर विचार मंथन करती है। कर्मचारी संगठनों से प्रतिनिधियों की सूची मांगी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि से संवाद करेंगे। जल्द ही यह बैठक आयोजित की जाएगी।
संविदा कर्मचारियों के नियमितिकरण की करेंगे मांग
मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के साथ सरकार ने सौतेला व्यवहार किया है। लंबे समय से संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतनमान, मंहगाई भत्ता समेत अन्य सुविधाओं की मांग संविदा कर्मचारी कर रहे हैं। इसके अलावा वरिष्ठता के आधार पर समय-मान वेतनमान, पदोन्नति, क्रमोन्नति, अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेच्युटी पर भी मुख्यमंत्री से बातचीत की जाएगी। उन्होंने बताया कि 5 जून 2018 की संविदा नीति के तहत सातवें वेतनमान का लाभ और अन्य सुविधाएं देने की मांग भी की जा रही है।
मंत्रालय कर्मचारी संघ संयुक्त मांगों पर करेगा चर्चा
मप्र मंत्रालय कर्मचारी संघ के सुभाष वर्मा ने बताया कि मंत्रालय कर्मचारियों की बहुत अधिक मांगे नहीं है। लेकिन मांगों को लेकर कर्मचारियों से चर्चा कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय कर्मचारी संघ अन्य शासकीय कर्मचारी संगठनों का समर्थन करता है। लिहाजा संयुक्त मोर्चा की मांग पर चर्चा की जाएगी।
शिवराज के गढ़ में गरजेंगे कमलनाथ
9 Apr, 2023 10:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सीहोर के आष्टा में 14 अप्रैल को करेंगे सविधान बचाओ सभा, सीएम को उनके ही घर में घेरने की तैयारी
भोपाल । मध्य प्रदेश में इसी साल नवंबर-दिसंबर के मध्य में विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में कांग्रेस का ज्यादा फोकस उन सीटों पर है, जहां बीजेपी का कब्ज़ा है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घेराबंदी के लिए शिवराज के गृह जिले सीहोर में कांग्रेस का ज्यादा फोकस दिखाई दे रहा है। बीते दिनों कमलनाथ ने सीहोर जिला मुख्यालय पर आम सभा को संबोधित कर बीजेपी को घेरा था। वहीं एक बार फिर से शिवराज के गृह जिले में उनको घेरने वाले है।
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ संविधान बचाओ सभा के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले की आष्टा विधानसभा में गरजेंगे। लिहाजा कमलनाथ के 14 अप्रैल को आष्टा विधानसभा में कार्यक्रम को लेकर सीहोर कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष डॉक्टर बलवीर तोमर ने शहर के दो अलग अलग स्थानों प्राइवेट शादी हॉल एवं रेस्ट हाउस में कांग्रेसी नेताओं एवं मण्डल सेक्टर के पदाधिकारियों की बैठक ली है। उन्होंने 14 अप्रैल को पूर्व सीएम कमलनाथ की संविधान बचाओ सभा की तैयारियों का जायजा लिया और उचित दिशा निर्देश दिए है।
वही कांग्रेस जिलाध्यक्ष डॉक्टर बलवीर तोमर ने कमलनाथ की होने वाली सभास्थल नया दशहरा मैदान और हेलीपैड का निरीक्षण भी किया। बता दें कि चुनावी साल को देखते हुए बीजेपी को घेरने में कांग्रेस कोई भी कसर नहीं छोडऩा चाहती है। लिहाजा अभी से इसकी तैयारी में जुट गई है। वहीं दूसरी तरफ सीएम शिवराज भी लगातार जिलों का दौरा कर बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर रहे है।