मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
भोपाल में जर्जर टंकी गिराते समय पैर फिसलने से घायल हुआ मजदूर, ठेकेदार का घेराव
7 Apr, 2023 09:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी के जोन क्रमांक 17 के अंतर्गत आने वाले वार्ड 78 में एक जर्जर ओवरहेड टैंक को गिराते समय हादसा हो गया। दरअसल टंकी को गिराते सतय वहां काम कर रहे एक मजदूर का पैर फिसल गया, जिससे वह घायल हो गया।जब इस घटना की जानकारी स्थानीय रहवासियों का लगी तो उन्होंने ठेकेदार का घेराव कर दिया। हालांकि बाद में नगर निगम अधिकारियों के द्वारा समझााइश देने के बात स्थानीय रहवासी वापस चले गए।
बता दें कि शुक्रवार दोपहर एक से दो बजे के बीच करोंद के पास स्थित नटखट चौराहे वाली कालोनी में एक मजदूर जर्जर टैंक को गिराने के लिए हथौड़ा चला रहा था। इतने में छज्जे का एक हिस्सा सहित मजदूर नीचे गिर गया। जिससे उसके शरी और सिर में गंभी चोटें आई हैं। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। हालांकि इस घटना के बाद निगम अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि आज से इस जर्जर टंकी को गिराते समय जाली लगाकर काम किया जाएगा। ताकि इसे तोड़ते समय जर्जर टंकी की सीमेंट-कांक्रीट आसपास के घरों तक उछल कर ना पहुंचे। इधर स्थानीय रहवासियों का आरोप है कि लापरवाही के चलते यह हादसा हुआ है, लेकिन निगम अधिकारियों द्वारा अब सुरक्षा के सारे इंतजाम के साथ ठेकेदार को काम करने के निर्देश दिए गए है।
मुख्यमंत्री चौहान ने किया पौध-रोपण
7 Apr, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पीपल, अमरूद, गुलमोहर और जामुन के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ क्षत्रिय खाती समाज के उपाध्यक्ष इछावर जिला सीहोर के रामपाल वर्मा, भोपाल के कोलार क्षेत्र से पूर्व पार्षद ममता पवार तथा बालक निखिल सैनी और बालिका तन्वी छीरा ने अपने जन्म-दिवस पर पौध-रोपण किया। इनके परिवार के सदस्य तथा परिचित भी पौध-रोपण में शामिल हुए।
पुराने कुएँ-बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर जल-स्रोतों के रूप में उपयोग किया जाएगा : मुख्यमंत्री चौहान
7 Apr, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सुरक्षा की सभी व्यवस्थाएँ करते हुए पुराने कुएँ-बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर, उनका जल-स्रोतों के रूप में उपयोग किया जाएगा। इन्दौर में विगत दिनों हुई हृदय विदारक घटना के बाद प्रदेश में कुएँ-बावड़ियों को चिन्हित कर उन्हें सुरक्षित बनाने के हर संभव उपाय करने के निर्देश दिए गए थे। इनको चिन्हित करने का कार्य जारी है। उन्हें भरने के बजाए, जल-स्रोतों के रूप में उपयोग करने के उद्देश्य से उन्हें सुरक्षित बनाते हुए जीर्णोद्धार करने से कुएँ-बावड़ियाँ समाज के लिए उपयोगी होंगी। इन्दौर में सामंजस्य और सद्भाव के साथ फिर से मंदिर स्थापित किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु फिर से पूजा-अर्चना कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान श्यामला हिल्स उद्यान में पौध-रोपण कर मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा कर रहे थे।
मुरैना की गजक, ग्वालियर के कार्पेट और रीवा का सुंदरजा आम को मिला जीआई टैग
7 Apr, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । मध्यप्रदेश के हस्त शिल्प उत्पादों ने नया इतिहास रचा है। केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के इंडस्ट्री प्रमोशन एडं इंटरनल ट्रेड ने मध्यप्रदेश के छह उत्पादों को जीआई टैग दिया है। इनमें डिंडौरी की गोंड पेंटिंग, ग्वालियर का कार्पेट, उज्जैन की बाटिक प्रिंट, जबलपुर भेड़ाघाट का स्टोन क्राफ्ट, बालाघाट की वारासिओनी की साड़ी और रीवा का सुंदरजा आम शामिल है। यह पहला अवसर है कि जब एक साथ मध्यप्रदेश के इतने उत्पादों को जीआई टैग मिला है। साथ ही प्रदेश में जीआई टैग प्राप्त उत्पादों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि मैं मुरैना और रीवा की जनता को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। चंबल की गजक और रीवा के सुंदरजा आम को जीआई टैग मिल चुका है। चंबल और विंध्य विकास कर रहे हैं। मुरैना की गजक का स्वाद अब दुनिया में जा रहा है और सुंदरजा की मिठास अद्भुत है। अब इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी। मध्यप्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की प्रबंध संचालक और संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम की सीईओ अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि जीआई टैग (जियोग्राफिकल इंडिकेशंस टैग) एक प्रकार का लेवल है, जिसमें किसी प्रोडक्ट को विशेष भौगोलिक पहचान दी जाती है। यह केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय तय करता है। नाबार्ड टेक्सटाइल कमेटी और वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से राज्य सरकार के कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के साथ-साथ स्थानीय उत्पादक संस्थाओं ने समन्वय से यह सफलता हासिल की गई है। कंसल्टेटिव कमेटी के परीक्षण के बाद 31 मार्च को केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने देश के 33 जीआई टैग मिलने पर ट्वीट कर बधाई दी है।
मई में देश को मिलेंगी तीन वंदेभारत ट्रेन
7 Apr, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक जबलपुर-इंदौर के बीच चलेगी
भोपाल । जबलपुर से इंदौर के बीच वंदेभारत ट्रेन चलाने की तैयारियां जबलपुर रेल मंडल जनवरी माह से कर रहा है, लेकिन यह तैयारियों उस वक्त धरी रह गईं जब इस ट्रेन को जबलपुर की बजाए भोपाल से निजामुद्दीन के बीच चला दिया गया, जिसको लेकर इंटरनेट मीडिया में लोगों ने जमकर नाराजगी बयां की।
एक बार फिर जबलपुर-इंदौर वंदेभारत ट्रेन को चलाने की तैयारियां जबलपुर में तेज हो गई हैं। इस बार जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक शील खुद इन तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। पिछले दो से तीन दिनों के दौरान उन्होंने ट्रेन चलाने की तैयारियों का लगातार जायजा लेने जबलपुर स्टेशन का निरीक्षण किया। इस दौरान मंडल के आपरेटिंग, इंजीनियरिंग, मैकेनिकल, कमर्शियल विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे। तकनीकी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद तय किया गया है कि वंदेभारत ट्रेन को प्लेटफार्म एक की बजाए छह से चलाया जाएगा, जिसके बाद अब इस प्लेटफार्म तक सभी तकनीकी खामियों को दूर किया जा रहा हैं।
ट्रेन रवाना करने जबलपुर आ सकते हैं पीएम
डीआरएम ने निरीक्षण के दौरान प्लेटफार्म छह की वीआइपी एंट्री से लेकर पार्किंग समेत अन्य जगह का जायजा लिया। सूत्र बताते हैं कि मई माह में वंदे भारत ट्रेन का रैक जबलपुर को मिल सकता है और इसी माह ट्रेन को चलाने की भी तैयारी है। ट्रेन जबलपुर से रवाना होगी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हरी झंड़ी िदिखाकर रवाना करेंगे। रेलवे बोर्ड से जबलपुर रेल मंडल को यह जानकारी दी गई है, जिसके बाद तैयारियां और तेज हो गई हैं। डीआरएम ने सुबह एडीआरएम दीपक गुप्ता, अमिताज बल्लभ और जेपी सिंह, विराट गुप्ता समेत आला अधिकारिों के साथ निरीक्षण किया । इसके बाद मंडल कार्यालय में आला अधिकारियों की बैठक भी ली। इसके बाद मौजूदा हालात और पीएम के आने की तैयारियों की जुड़ी जानकारी पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय और रेलवे बोर्ड को दी गई है।
अप्रैल में तीन और मई में भी चलेंगी तीन ट्रेनें
अप्रैल माह में तीन वंदे भारत ट्रेन चलाई जाएंगी। इसमें पहली ट्रेन अजमेर- नईदिल्ली के बीच चलेगी, दूसरी चेन्नई-कोयम्बटूर और तीसरी ट्रेन सिकंदराबाद से त्रिरूपति के बीच चलेगी। इसके बाद मई में भी वंदेभारत के तीन रैक देश को मिलेंगे। संभावना है पीएमओ की सहमति के बाद इन रैक को रेलवे बोर्ड मई माह में इनमें से एक ट्रेन को गुवाहाटी से पटना के बीच चलाया जाएगा। वहीं दूसरा रैक लखनऊ से दिल्ली और तीसरा रैक जबलपुर से इंदौर के बीच चल सकता है। इसको देखते हुए जबलपुर रेल मंडल से उद्घाटन समारोह की तैयारियां तेज कर दी हैं। मई माह के पहले हफ्ते में वंदेभारत का रैक जबलपुर आएगा और फिर इस रैक से जबलपुर-इंदौर के बीच ट्रायल होगा। इसके बाद ही ट्रेन चलाई जाएगी।
सीजन में पहली बार पारा 40 डिग्री के पार
7 Apr, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से आ रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में आंशिक बादल बने हुए हैं। साथ ही कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार शाम को राजधानी भोपाल के करोंद क्षेत्र में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार को भी भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, इंदौर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। उधर, गुरुवार को मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 40.4 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ में दर्ज किया गया, जो एक सीजन का सबसे अधिक तापमान रहा। दमोह में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास ट्रफ के रूप में बना हुआ है। राजस्थान के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। कर्नाटक पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर तमिलनाडु तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इन चार मौसम प्रणालियों के सक्रिय होने के साथ ही वर्तमान में हवा का रुख कभी पश्चिमी तो कभी दक्षिणी हो रहा है। हवाओं के साथ अरब सागर से नमी आ रही है। इस वजह से मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में आंशिक बादल बने हुए हैं। हालांकि, सुबह के समय बादल छंटने के कारण तीखी धूप भी निकलती है। इस वजह से अधिकतम तापमान धीरे-धीरे बढऩे लगा है। उधर, दोपहर के बाद फिर बादल छाने लगते हैं और बूंदाबांदी की स्थिति बन जाती है। शुक्रवार को भी मौसम का मिजाज इसी तरह बने रहने के आसार हैं।
इस बार रोटी के पड़ सकते हैं लाले
7 Apr, 2023 04:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बेमौसम बारिश से खराब हुई गेहूं की फसल, होगा महंगा
भोपाल । मप्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से सबसे अधिक गेहूं की फसल खराब हुई है। यही हाल देश के कई राज्यों का है। इसका असर इन दिनों उत्तर और मध्य भारत की मंडियों में देखने को मिल रहा है। मंडियों में पहुंच रही गेहूं की फसलों में गुणवत्ता में भारी गिरावट देखी जा रही है। बेमौसम हुई बारिश और ओलों के कारण इन फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसी कारण की गेहूं की कीमत 1,900 से 2,050 रुपये क्विंटल मिल रही है, जो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए तय 2,125 प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य से भी कम है। हालांकि जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में गेहूं की स्थिति थोड़ी सुधरने की उम्मीद है। गेहूं में नमी कम होने पर उसकी बेहतर कीमत मिल सकेगी। जबकि बाजार में इस बार गेहूं निर्मित होने वाले सामान थोड़े महंगे हो सकते हैं।
रबी की अन्य फसल जैसे चने के बारे में कारोबारियों का कहना है कि बेमौसम हुई बारिश के कारण कुछ फसलों को नुकसान हुआ है। उनकी उपज 10 से 15 फीसदी तक घटी है। इसकी वजह से इसकी कीमत 4,600 से 4,700 रुपये प्रति क्विंटल की जगह पिछले कुछ दिनों से कीमत इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,335 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गई है। फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि अगर कोई किसान ऐसा गेहूं ला रहा है, जो बारिश से प्रभावित नहीं है और वह अच्छी गुणवत्ता का है तो उसकी कीमत मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में आराम से 2,500 से 2,600 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही है। पिछले सप्ताह तक गेहूं में नमी की मात्रा करीब 15 फीसदी थी। लेकिन मौसम ने साफ होने के बाद यह घटकर 11.5 से 12 फीसदी रह गई है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि बेमौसम बारिश और ओलों से मप्र में सबसे अधिक गेहूं प्रभावित हुआ है। अगर अगले कुछ दिनों में मौसम साफ हो जाता है और अच्छी धूप होती है, तो ही गेहूं साफ हो जाएगा और गुणवत्ता में गिरावट कम हो जाएगी। बारिश से प्रभावित राज्यों के किसानों को चाहिए कि वे अपने खेतों से तत्काल प्रभाव से पानी निकलें, जिससे जमींदोज हुई फसल को बचाया जा सके और उन्हें जल्दबाजी में कोई फसल नहीं काटनी चाहिए।
10 फीसदी फसलों को हुआ नुकसान
इधर, केंद्र सरकार का कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में हाल में हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की करीब 8.10 फीसदी फसल खराब होने का अनुमान है। लेकिन देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में बेहतर उपज की संभावना से उत्पादन में होने वाले नुकसान की भरपाई की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के अनुसार इस साल देश का कुल गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा। बारिश से 8.10 फीसदी गेहूं की फसल को नुकसान होने का अनुमान उन क्षेत्रों में लगाया गया है, जो ओलावृष्टि, आंधी और तेज हवाओं के कारण पौधों के जमीन पर गिरने से हुआ। इस साल देश में कुल 3.4 करोड़ हेक्टेयर गेहूं बोए जाने के मद्देनजर गेहूं को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। बेमौसम बारिश से अधिक क्षेत्र में फसल को फायदा हुआ है और देर से बुवाई वाले क्षेत्रों में फसल की पैदावार 10.15 फीसदी अधिक होने की संभावना है। मध्यप्रदेश और राजस्थान में 80 फीसदी गेहूं की फसल कट चुकी है। इसलिए इन दोनों राज्यों में फसल को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में गेहूं का लगभग 25 फीसदी क्षेत्र देर से बोया गया था और इन स्थानों पर बेमौसम बारिश से फसल की वृद्धि में मदद मिल रही है।
मप्र समेत कई राज्यों की फसलें हुई खराब
कृषि मंत्रालय ने चालू फसल वर्ष 2022-23 जून-जुलाई में रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। पिछले साल, बेमौसम बारिश और गर्मी की लू चलने के कारण घरेलू गेहूं के उत्पादन में गिरावट आई, जिससे सरकार को बढ़ती घरेलू कीमतों को रोकने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा। राज्यों के आंकड़ों के अनुसार, खराब मौसम के कारण मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लगभग 5.23 लाख हेक्टेयर गेहूं की फसल खराब होने का अनुमान है। पंजाब और हरियाणा में नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
मप्र में भाजपा संगठन के बदलेंगे कई बड़े चेहरे
7 Apr, 2023 03:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
संघ के दखल से होगा प्रत्याशी का चयन, आलाकमान ने पदाधिकारियों से जमीनी स्तर पर कराया डबल लेयर सर्वे
भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा मिशन 2023 की तैयारियों की जुटी है. अब जमीनी पड़ताल और हकीकत जानने के लिए भाजपा आलाकमान ने राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल को मैदान में उतारा है. संघ से जुड़े भाजपा के दोनों बड़े पदाधिकारी ने जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक ली. विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से अलग-अलग जिलों में जाकर नेताओं के नामों पर चर्चा की. आलाकमान के कराए डबल लेयर सर्वे ने प्रदेश भाजपा के पदाधिकारियों की नींद उड़ा दी है.
संघ के दखल के बाद प्रत्याशी का होगा चयन
प्रदेश के कई जिलों के दौरे करने के बाद क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल ने पार्टी आलाकमान को अपनी फीडबैक रिपोर्ट सौंपी हैं. मध्यप्रदेश में पार्टी संगठन में कई बड़े चेहरे बदले जा सकते हैं. दोनों दिग्गज पदाधिकारियों के रिपोर्ट पर ही बड़े बदलाव होंगे. मध्यप्रदेश में अब संघ के दखल के बाद ही प्रत्याशी चयन की कवायद होगी. जामवाल ने भिंड, मुरैना, मंदसौर, नीमच, रतलाम, अनूपपुर, सिंगरौली और जबलपुर समेत कई जिलों की रिपोर्ट आलाकमान को सौंपी है.
फीडबैक पर कांग्रेस का हमला
संघ के दिग्गज पदाधिकारियों के फीडबैक लेने पर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल ने कहा कि भाजपा की जमीनी पर हालत खराब है. पार्टी के नेताओं को कुछ समझ नहीं आ रहा है. जमीन खिसक चुकी है. बुरी तरह से अब पार्टी के बड़े नेता समझ पा रहे हैं. यही कारण है कि जमीन पर उतरे हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा 20 से 25 सीटों पर खिसक जाएगी. यही कारण है कि अब उन्हें पार्टी के कार्यकर्ताओं की याद आ रही है.
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा का पलटवार
भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने कहा कि भाजपा एक कार्यकर्ता आधारित पार्टी है और यहां सब कार्यकर्ता है. कार्यकर्ताओं से लगातार फीडबैक लिया जाता है. यहां कोई कार्यकर्ता ना छोटा है ना बड़ा है. कार्यकर्ता समय-समय पर फीडबैक देता है. इसी आधार पर फैसले होते हैं. अब यदि बड़े पदाधिकारी मैदान में उतरे हैं, तो भारतीय जनता पार्टी के लिये है. कांग्रेस के लिए तो नहीं उतरेंगे. यह कभी किसी दूसरे दल में नहीं होता है. यह कांग्रेस में नहीं होगा. यह भारतीय जनता पार्टी में ही होगा. इसी के आधार पर भारतीय जनता पार्टी एक बार 2023 में सत्ता में आएगी.
भाजपा के 3 पूर्व प्रदेशाध्यक्ष समेत 14 नेता रूठों को मनाएंगे
7 Apr, 2023 02:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी में उन नेताओं की पूछपरख बढऩे वाली है, जो हासिए पर चले गए हैं या उन्हें संगठन ने घर बैठा दिया है। पार्टी में नाराज चल रहे इन नेताओं को मनाने के लिए संगठन ने 3 पूर्व प्रदेशाध्यक्ष समेत 14 नेताओं को जिलों में उतार दिया है। ये नेता 15 अप्रैल तक जिलों में घूमकर पार्टी के नाराज नेता एवं कार्यकर्ताओं से संवाद कर संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे। इससे पहले हासिए पर चल रहे पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा को मनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा 26 मार्च को भोपाल प्रवास के दौरान उनके निवास पर पहुंचे थे।
भाजपा ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह को रूठों को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। खास बात यह है कि मप्र भाजपा के मौजूदा संगठन में घर बैठा दिए गए ज्यादातर नेताओं ने तोमर, प्रभात और राकेश सिंह के साथ काम किया है। यही वजह है कि इन्हें भी रूठों से संवाद करने का काम दिया गया है। हालांकि माया सिंह, जयभान सिंह पवैया, कृष्णमुरारी मोघे भी भाजपा में खुद हासिए पर चले गए है। पार्टी ने इन्हें भी रूठों को मनाने का काम दिया है। इसके अलावा सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव, कैलाश विजयवर्गीय, माखन सिंह, सत्यनारायण जटिय, फग्गन सिंह कुलस्ते, लाल सिंह आर्य, सुधीर गुप्ता और राजेन्द्र शुक्ल को भी रूठों का मनाने का काम सौंपा है। ये नेता पूर्व नगर पालिका अध्यक्षों, पार्टी की जिला इकाइयों के पूर्व अध्यक्षों, पूर्व विधायकों, पूर्व संसद सदस्यों और अन्य लोगों के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद संगठन को रिपोर्ट सौंपेंगे। भाजपा हाईकमान को जानकारी मिली थी कि भाजपा का कार्यकर्ता असंष्ठ है, उसकी पूछपरख नहीं हो रही है। इसके बाद असंतुष्टों को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है। जिसकी शुरूआत भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा केा मनाकर की है।
असंतुष्ठों को मनाएंगे ये नेता
नरेंद्र सिंह तोमर: इंदौर, भोपाल, सीहोर
राकेश सिंह: नर्मदापुरम, बैतूल, मंडला
प्रभात झा: खरगोन, बुरहानपुर
गोपाल भार्गव: छिंदवाड़ा, बालाघाट, सिवनी
कैलाश विजयवर्गीय: जबलपुर, धार, रीवा, सतना
जयभान सिंह: पवैया उज्जैन, शाजापुर, देवास
माखन सिंह: गुना, शिवपुरी, श्योपुर
कृष्ण मुरारी: मोघे विदिशा, रायसेन, सागर
सत्यनारायण जटिया: रतलाम, मंदसौर, नीमच
फग्गन सिंह कुलस्ते: झाबुआ, अलीराजपुर
माया सिंह: राजगढ़, नरसिंहपुर, दतिया
लाल सिंह आर्य: टीकमगढ़, कटनी, पन्ना, छतरपुर
सुधीर गुप्ता: ग्वालियर, भिंड, मुरैना
राजेन्द्र शुक्ल: सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, शाहडोल
कूनो से फरार चीतों में से एक ओबान को ट्रेंकुलाइज कर जंगल में छोड़ा
7 Apr, 2023 02:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
श्योपुर । लंबे समय से फरार चल रहे कूनो के नामबिबियाई चीतों में से एक ओबान को ट्रेंकुलाइज कर फिर से कूनो के जंगलों में छोड़ा गया है। गौरतलब है कि कूनो में सबसे पहले एक मादा चीता आशा और नर मादा ओबान को बड़े बाड़े से जंगल में छोड़ा गया था इसके बाद नर चीता ओबान की लोकेशन रिहायसी इलाको की ओर बढ़ती दिखाई दी। ओबान सबसे पहले विजयपुर के झाड़ बड़ौदा में प्याज के खेतो में दिखाई दिया उसके बाद पार्वती बड़ौदा क्वारी नदी के तटीय इलाकों में पानी पीते दिखाई दिया। उसके बाद ओबान अपनी लगातार जगह बदलता रहा उसके बाद ओबान शिवपुरी जिले की ओर आगे बढ़ा उसकी लोकेशन पहले सिलपुरा और कल पोहरी रेंज के सब डिवीजन बैराड़ में डाबर पुरा,रामपुरा के खेतों में दिखाई दी। जिसके बाद कूनो अभ्यारण के वरिष्ट अधिकारियों की उपस्थिति में उसे ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में रखकर फिर से एक बार कूनो के जंगल में ले जाकर छोड़ दिया है। वही मादा चीता आशा की लोकेशन फिलहाल धैरेंट सरकार जंगल बताई जा रही है।
भोपाल में तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकराकर पलटी, एक युवक की मौत
7 Apr, 2023 01:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । शुक्रवार तड़के शहर की वीआइपी रोड पर खानूगांव के पास एक दर्दनाक हादसा हो गया। एक तेज रफ्तार कार बेकाबू होकर रैलिंग से टकराकर पलट गर्इ। हादसे में कार चला रहे युवक की मौके पर मौत हो गई। कार में कुल सात युवक सवार थे। उनमें से तीन घायल हुए हैं। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोहेफिजा थाना प्रभारी विजय सिंह सिसोदिया ने बताया कि रोहित पुत्र मुकेश वैष्णव रेतघाट के पास परिवार के साथ रहता था। हाल ही में उसने 10वीं की परीक्षा दी थी। शुक्रवार तड़के रोहित अपने बड़े भाई नरेश और पांच दोस्तों के साथ चाय पीने के लिए कार से निकला था। कार रोहित चला रहा था। सुबह करीब पांच बजे वे लोग वीआइपी रोड स्थित खानू गांव के पास पहुंचे, तभी रफ्तार अधिक होने के कारण कार बेकाबू हो गई और रैलिंग से टकराकर पलट गई। इस हादसे में रोहित की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में घायल तीन लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर है।
डिफाल्टर लाखों किसानों को नहीं मिल रहा खाद-बीज
7 Apr, 2023 01:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । बैंकों और सहकारी समितियों से कर्ज लेने वाले किसानों को कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में दो लाख तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। साल 2018 में कमलनाथ की सरकार बनी तो 50 हजार तक के कर्ज माफ भी हुए। लेकिन 50 हजार से दो लाख तक का ऋण लेने वाले किसान कर्ज माफी के चक्कर में डिफाल्टर हो गए। इन किसानों पर कर्ज की राशि के अलावा भारी भरकम ब्याज भी चढ़ गया। डिफाल्टर हुए किसान खाद और बीज के लिए परेशान हो रहे हैं। अब कांग्रेस फिर कर्जमाफी करने की बात कह रही है वहीं भाजपा कमलनाथ की कर्जमाफी स्कीम के चक्कर में डिफाल्टर हुए किसानों का ब्याजमाफ करने की बात कह रही है। शहडोल के ब्यौहारी पहुंचे सीएम शिवराज ने फिर कमलनाथ की कर्जमाफी योजना पर हमला बोलते हुए ब्याजमाफ करने की बात कही।
ब्यौहारी में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- कमलनाथ जी ने कर्जमाफी का झूठा वादा किया था। कमलनाथ ने कर्जा माफ नहीं किया और कर्जामाफी के चक्कर में कई किसानों ने पैसे नहीं भरे और डिफाल्टर हो गए और ब्याज बहुत ज्यादा हो गया। अब हमने ये तय किया है कि कर्जामाफी की झूठी घोषणा के कारण किसान के सिर पर जो ब्याज चढ़ गया है वो भाजपा की सरकार और मामा भरवाएगा।
छतरपुर में सबसे ज्यादा किसान डिफाल्टर
कमलनाथ सरकार गिरने तक 4 लाख 41 हजार 840 किसानों को कर्जमाफी योजना का लाभ न मिल पाने के चलते वे डिफाल्टर हो गए। डिफाल्टर हुए किसानों में सबसे 32 हजार 594 डिफाल्टर छतरपुर जिले में है और दूसरे नंबर पर मंदसौर में 26 हजार 431, दमोह में 20 हजार 871 किसान डिफाल्टर हैं। दस हजार से ज्यादा डिफाल्टर किसानों वाले जिलों में विदिशा, बैतूल, रायसेन, सीहोर, गुना, शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, रीवा, टीकमगढ़, पन्ना, सागर, सिवनी, बालाघाट और जबलपुर शामिल है।
किसानों को कर्ज के बोझ से बचाने की कवायद
जय किसान ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिल पाने से कई किसान डिफाल्टर हो गए हैं। अब चुनाव करीब आते देख प्रदेश की भाजपा सरकार कमलनाथ सरकार की इस कमजोरी पर चुनावी दांव खेलने की तैयारी में है। कांग्रेस के कर्जमाफी की योजना के कारण डिफाल्टर हुए किसानों के साथ फसल ऋण जमा नहीं कर पाए सभी तरह के डिफाल्टर किसानों को बढ़ते ब्याज के बोझ से से मुक्त कर डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर निकालने के लिए ब्याज भरेगी।
डिफाल्टर किसानों से तीन गुना ज्यादा कृषक ब्याजमाफी के दायरे में आएंगे
कर्जमाफी के चक्कर में करीब 4 लाख 41 हजार किसान डिफाल्टर हुए हैं। इनसे तीन गुना यानि 11 लाख से ज्यादा किसानों को ब्याजमाफी स्कीम के लिए चिन्हित किया है। इनके लिए शिवराज सरकार कृषक ब्याज सहायता योजना लाने की तैयारी में है। इसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा संभवत: मई में सरकार इसकी घोषणा करेगी।
ब्याजमाफी के लिए बजट में प्रावधान
शिवराज सरकार ने इस साल के बजट में 11 लाख डिफाल्टर किसानों की ब्याजमाफी के लिए करीब 27 सौ करोड का प्रावधान किया है। सहकारिता विभाग, अपेक्स बैंक और वित्त विभाग मिलकर ब्याजमाफी का फार्मूला तय कर रहे है। कुल 11 लाख किसान इसके दायरे में आ रहे है। तय यह करना बाकी है दो लाख रुपए तक के मूलधन वाले किसानों को इसमें शामिल करना है या दो लाख रुपए तक मूलधन और ब्याज को मिलाकर इस दायरे में रखना है। या फिर जीरो प्रतिशत ब्याज दर की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपए तक का कर्ज लेने वाले किसानों का ब्याज माफ किया जाएगा। ब्याजमाफी के फार्मूले पर मुहर लगते ही इसे कैबिनेट में रखा जाएगा और कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही लागू किया जाएगा। अगले महीने सरकार यह योजना लागू कर देगी।
डिफाल्टर किसान खाद बीज के लिए होते हैं परेशान
बैंकों और सहकारी समितियों से डिफाल्टर हुए किसानों को खेती के समय पर सोसाइटियों से खाद, बीज नहीं मिल पाता। ऐसे में किसानों को मंहगे दामों पर खाद, बीज खरीदना पड़ता है। कई बार बीज और खाद की गुणवत्ता खराब होने पर किसान को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। अब सरकार किसानों को खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए डिफाल्टर होने पर भी इसे मुहैया कराने की नीति पर भी विचार कर रही है।
किसानों को तीन लाख तक का लोन
जिला सहकारी बैंक, अपेक्स बैंक के जरिए किसानों को फसल के हिसाब से प्रति हेक्टेयर 50 हजार से सवा लाख रूपए तक का कर्ज बिना ब्याज पर मिलता है। कर्ज की अधिकतम सीमा तीन लाख रुपए तक होती है। इससे ज्यादा राशि का कर्ज बिना ब्याज नहीं मिल पाता। इस लिमिट में सभी छोटे-बड़े किसानों को ऋण की पात्रता होती है।
अब नौकरी देने से ज्यादा सरकार का स्टार्टअप पर जोर
7 Apr, 2023 01:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए चुनावी साल में सरकार नए प्लान पर अमल करने जा रही है। अब वार्ड स्तर पर ही रोजगार मुहैया कराने पर सरकार का जोर होगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग इस प्लान पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अमल करेगा। भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर नगर निगमों में इसे लागू किया जाएगा। दरअसल, अब नौकरी देने से ज्यादा सरकार का जोर स्टार्टअप पर है। खास बात यह है कि रोजगार के लिए लोन समेत अन्य सहायता के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में कुल पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 25 लाख 81 हजार है।
नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वार्ड स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने का कॉन्सेप्ट स्मार्ट सिटी के बी-नेस्ट के एक आइडिया पर तैयार किया गया। इस योजना पर मुख्य रूप से रोजगार कार्यालय और नगरीय प्रशासन काम करेगा। रोजगार पंजीयन के ऑनलाइन आंकड़ों को संबंधित जोन के जरिए वार्डों में उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि संबंधित वार्ड के पंजीकृत बेरोजगार की जानकारी जुटाई जा सके। अच्छी बात यह है कि रोजगार देने के लिए ग्राउंड जीरो से पहल भी अब सरकार करेगी। पायलट प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बाद इसे पूरे प्रदेश के नगरीय निकायों में लागू किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा वार्डों में रोजगार
डाटा संग्रहण
प्लान के तहत संबंधित वार्डों में रहने वाले बेरोजगारों का डाटा तैयार किया जाएगा। रोजगार पंजीयन कार्यालय से शैक्षणिक योग्यता समेत कार्य अनुभव का पूरा खाका तैयार होगा। रोजगार पंजीयन कार्यालय से यह डाटा संबंधित निकाय को मिलेगा।
प्लानिंग रिपोर्ट
संबंधित वार्ड भी अपने स्तर पर रोजगार को लेकर रिपोर्ट तैयार करेगा। इसमें वार्ड में रोजगार के साधन, आवश्यकता, हॉकर्स कॉर्नर समेत अन्य वर्तमान स्थिति की जानकारी होगी। संपत्ति कर समेत अन्य कर वसूली के लिए यह डाटा निकायों में उपलब्ध होता है। अब इसका वर्गीकरण किया जाएगा।
आवेदन और रूचि
रोजगार के लिए संबंधित व्यक्ति से वार्डों में कार्यरत अमला भी संपर्क करेंगे। तय प्रारूप में रोजगार के लिए आवेदन करना होगा। इस आवेदन में रोजगार का प्रकार समेत स्टार्टअप की प्रारंभिक जानकारी देना होगी।
आवेदन का वर्गीकरण और काउंसलिंग
संबंधित निकाय को आवेदन का वर्गीकरण भी करना होगा। स्टार्टअप समेत नौकरी की अलग-अलग श्रेणियों का निर्धारण होगा। वर्गीकरण के बाद काउंसलिंग की जिम्मेदारी भी संबंधित नगरीय निकाय की होगी। काउंसलिंग में कैसे स्टार्टअप खड़ा किया जाएगा। इन तमाम पहलुओं पर चर्चा होगी।
योजनाओं से लाभ की प्राथमिकता
काउंसलिंग के बाद स्टार्टअप खड़ा करने के लिए पहला जोर सरकारी योजनाओं पर होगा। प्रदेश में रोजगार के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इस योजना के जरिए ही स्टार्टअप खड़ा करने पर जोर होगा।
कैटेगरी प्लान
जरूरी नहीं है कि जिस वार्ड का रहवासी हो उसी वार्ड में रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए जोन स्तर पर भी प्लानिंग होगी। यदि चुना गया स्टार्टअप संबंधित वार्ड में अमल में नहीं जा सकता तो अन्य वार्ड में संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
नौकरी के लिए भी निकाय करेंगे पहल
वार्ड स्तर पर रोजगार के लिए नौकरी मुहैया कराने पर भी प्लान तैयार है। यह काम भी कंसल्टेंसी की तर्ज पर होगा। अंतर बस इतना है कि यह काम मुफ्त किया जाएगा। शैक्षणिक योग्यता मुताबिक रिक्वायरमेंट निकायों में दर्ज कराई जाएगी। यह काम भी ऑनलाइन होगा। वार्ड और जोन स्तर पर यह जानकारी संबंधित संस्था या कंपनी तक पहुंचाई जाएगी। स्टार्टअप और नौकरी की मंथली रिपोर्ट से रोजगार सृजन की स्थिति साफ होगी। बता दें कि बिना रोजगार कार्यालय पंजीयन के बिना लाभ नहीं मिलेगा।
मप्र में बेरोजगारी की स्थिति
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि एमपी में कुल पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 39 लाख 32 हजार 634 है। प्रदेश में ओबीसी वर्ग के बेरोजगारों की संख्या करीब 10 लाख है। 8 लाख 11 हजार सामान्य वर्ग के पंजीकृत बेरोजगार हैं। अनुसूचित जाति वर्ग के 4 लाख 35 हजार और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 3 लाख 36 हजार बेरोजगार हैं। बेरोजगारी के मामले ग्वालियर प्रदेश के पहले स्थान पर है। यहां 1 लाख 55 हजार पंजीकृत बेरोजगार हैं। दूसरे नंबर पर 1 लाख 31 हजार बेरोजगारों के साथ भोपाल और तीसरे पायदान पर 1 लाख 9 हजार बेरोजगारों की संख्या के साथ रीवा है।
यह अनूठी पहल है- मंत्री
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया ने बताया कि रोजगार सृजन को लेकर सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है। इसके अलावा नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं। जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जाएगा। निश्चित ही यह नवाचार आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।
आईएएस नेहा मारव्या को नौ माह से कोई काम नहीं
7 Apr, 2023 12:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश के राजस्व विभाग की उप सचिव नेहा मारव्या के पास नौ महीने से कोई काम नहीं है। माना जा रहा है कि 2011 बैच की आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या के साथ आजीविका मिशन की एक शिकायत की जांच की रिपोर्ट तैयार करने के बाद यह सलूक किया जा रहा है। जांच में मारव्या ने एक अधिकारी को दोषी पाया था। इसी रिपोर्ट को आईएएस अधिकारी के लिए नुकसानदायक बताया जा रहा है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले मप्र राज्य रोजगार गारंटी परिषद की एडिशन सीईओ रहीं नेहा मारव्या चार माह से एक शिकायत की जांच कर रही थीं। यह शिकायत तत्कालीन सहायक जिला प्रबंधक जिला पंचायत रायसेन के भूपेंद्र प्रजापति ने की थी। उन्होंने विधानसभा की लोकलेखा समिति एवं अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को शिकायत की थी। इसमें विभाग के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ललित मोहन बेलवाल पर एक महिला सुषमा रानी शुक्ला की फर्जी नियुक्ति के आरोप लगाए थे। बताया जा रहा है कि नेहा मारव्या की जांच में बेलवाल पर सुषमा रानी और उसके 6-7 परिचितों को फर्जी तरीके से नियुक्ति देने और मनमाने तरीके से वेतन बढ़ाने की बात सामने आई है। साथ ही मामले में अपराधिक मामला दर्ज करने की अनुशंसा कर दी। हालांकि ललित बेलवाल ने आरोपों को षड्यंत्र बताया था।
पीएस ने कहा था- गेट आउट
सूत्रों ने बताया था कि इस मामले में मारव्या पर दबाव बनाया गया, लेकिन उन्होंने वरिष्ठों की भी नहीं सुनी। इसके बाद उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद की एडिशनल सीईओ से उप सचिव राजस्व विभाग में कर दिया गया। जब मारव्या ज्वाइन करने प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के पास पहुंची तो उनको गेट आउट कहकर कमरे से बाहर कर दिया था। कहा जा रहा है कि एक वरिष्ठ महिला आईएएस से भी मारव्या की कहासुनी हुई थी और उच्चाधिकारी ने उन्हें सबक सिखाने की धमकी दी थी। जानकारी के अनुसार ट्रांसफर के बाद नेहा मारव्या को एक छोटे कमरे में बैठाया गया है। जहां उनको प्यून भी नहीं दिया गया है।
कोई अपमान नहीं किया
राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने कहा कि वह उप सचिव राजस्व हैं। जहां तक विवाद की बात है तो ना मैंने उनका कोई अपमान किया ना उन्होंने मेरा किया।
अब काम मिल रहा
इस मामले में बात करने पर नेहा मारव्या ने कहा कि उनको अब काम मिल रहा है। इसके अलावा अन्य सवालों के जवाब देने से उन्होंने मना कर दिया।
वापस मिलेगी फसल बीमा की राशि
7 Apr, 2023 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में हालही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार किसानों के नुकसान का आकलन कर उसकी भरपाई करेगी। वहीं दूसरी तरफ मप्र सरकार को फसल बीमा से करीब 2200-2300 करोड़ रूपए मिलने वाले हैं। सरकार इस राशि को विकास कार्यों में उपयोग करने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार को बीमा कंपनी पैसा लौटाती है तो इसी आधार पर केंद्र सरकार भी राशि वापस मांग सकती है। हालांकि इसकी संभावना कम दिख रही है।
गौरतलब है कि मप्र में हर साल किसान बड़ी संख्या में फसल बीमा करवाते हैं। किसान, राज्य सरकार, केंद्र मिलकर बीमा कंपनी को फसल बीमा का प्रीमियम जमा करते हैं। नुकसान होने पर प्रीमियम की कुल राशि से 10 प्रतिशत राशि तक का क्लेम कंपनी देती है। इससे आगे जो भी नुकसान होता है, उसे सरकार भरती है। यदि नुकसान प्रीमियम की कुल राशि से 20 प्रतिशत तक कम हो तो कंपनी बचा पैसा सरकार को लौटाती है।
2200 करोड़ वापस मिलेंगे
जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में किसानों का नुकसान कम होने की वजह से बीमा कंपनी मप्र को 2200 करोड़ रुपए से अधिक राशि लौटाने जा रही है। फसल उत्पादन और उसकी कटाई का डाटा सरकार ने बीमा कंपनी को सौंप दिया। अब जल्द ही क्लेम राशि का निर्धारण होगा जो 2200 से 2300 करोड़ रुपए के बीच रहने वाला है। गौरतलब है कि वर्ष 2020-21 में रबी और खरीफ फसल का नुकसान ज्यादा हुआ था। ऐसे में राज्य सरकार की 600 करोड़ रुपए अतिरिक्त राशि खजाने से देनी पड़ी थी।
6750 करोड़ जमा हआ था प्रीमियम
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में किसान, राज्य सरकार और केंद्र ने 7200 करोड़ रुपए प्रीमियम दिया था। इसमें 3100 करोड़ रुपए राज्य के थे। नुकसान ज्यादा हुआ तो 600 करोड़ अतिरिक्त भरना पड़ा। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 6750 करोड़ प्रीमियम जमा हुआ। इसमें राज्य सरकार का 2900 करोड़ शामिल था। अनुमानत: क्लेम के निर्धारण के बाद सरकार को 2200-2300 करोड़ रूपए मिल सकते हैं। बीमा कंपनी से पैसा मिलने के बाद तैयारी है कि इस राशि को 2023-24 के बीमा प्रीमियम में इस्तेमाल किया जाए। हालांकि सहमति नहीं बनी है। वजह- चुनावी साल में सड़कों व विकास के काम, लाड़ली बहना योजना आदि में सरकार को पैसे की जरूरत है।
2016 में शुरू हुई थी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2016 में फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी। कोशिश थी कि योजना से किसानों को फसल की सुरक्षा प्रदान की जा सके। प्राकृतिक आपदाओं की वजह से फसलों को होने वाले नुकसान का खामियाजा किसानों को न भुगतना पड़े। फसल बीमा योजना में प्रीमियम राशि को भी किसान की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए काफी कम रखा गया है। खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का मात्र 2 प्रतिशत और रबी फसलों पर बीमा राशि का पर 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि किसानों को देनी होती है।
मप्र सरकार पूरे देश में अव्वल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ उठाकर कृषि को लाभ का धंधा बनाने के सपने को साकार करने में मध्य प्रदेश सबसे आगे है। मुख्यमंत्री प्रदेश के किसानों को योजना का भरपूर लाभ देना चाहते हैं। इसी वजह से पिछले 5 साल से राज्य में बीमा योजना से लाभान्वित किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप पर काम कर रहे मुख्यमंत्री ने कृषि कल्याण योजनाओं को भी सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है। राज्य सरकार ने सुनिश्चित किया है कि न सिर्फ फसल बीमा योजना बल्कि किसानों को केंद्र व राज्य सरकार की हर योजना का भरपूर लाभ मिले। साल 2016-17 में फसल बीमा योजना की शुरुआत हुई। पहले ही साल रबी व खरीफ की फसल मिलाकर कुल 9 लाख 61 हजार 659 किसानों को 1,814 करोड़ रुपये की फसल बीमा राशि वितरित की गई थी। 2019-20 में प्रदेश के 25 लाख 46 हजार 649 किसानों को 6,016 करोड़ रुपये की बीमा राशि वितरित की गई। 2020 की खरीफ और 2020-21 की रबी की फसलों के दावों की संख्या 49 लाख थी। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।