मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री चौहान ने बरगद, आम और जामुन के पौधे लगाए
3 Apr, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला स्थित उद्यान में बरगद, आम और जामुन के पौधे लगाए। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस पौध-रोपण में सम्मिलित हुईं। मुख्यमंत्री चौहान के साथ बाजीराव साल्वे ने अपने जन्म-दिवस पर परिवार सहित पौध-रोपण किया। विमल साल्वे, गौतम साल्वे, पूनम साल्वे और कुमारी शौर्या साल्वे साथ थी। मुख्यमंत्री चौहान के साथ राजमाता विजया राजे सिंधिया फाउंडेशन के संस्थापक दिलीप यादव ने पौधे लगाए। महिला सुरक्षा और पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रही आशी चौहान भी पौध रोपण में शामिल हुईं।
महावीर स्वामी के 5 महाव्रत शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराते हैं: मुख्यमंत्री चौहान
3 Apr, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि महावीर स्वामी के 5 महाव्रत सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह भौतिकता से दग्ध मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दर्शन कराते हैं। महावीर जयंती पर हम उनके मार्ग पर चलने का संकल्प लें। महावीर स्वामी ने बताया था कि जो दूसरों को जीते वह वीर और जो स्वयं को जीते वह महावीर होते हैं। स्वयं को जीतने वाले जितेंद्रिय अर्थात जैन है। इस अर्थ में सभी को जैन बनने का प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान अमरकंटक में प्रदेश की श्रेष्ठ गो-शालाओं, गो-भक्तों और पशु सेवकों को आचार्य विद्यासागर जी दया पुरस्कार वितरित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आचार्य विद्यासागर राष्ट्रसंत हैं, जिनके दर्शन का आज मुझे सौभाग्य मिला है। उनमें मुझे महावीर स्वामी की छवि दिखाई देती है। मूक माटी उनका अद्भुत ग्रंथ है। जैन धर्म हमें बिना हथियार के दूसरों को जीतना सिखाता है। हमारी संस्कृति आत्मवत सर्वभूतेषु, सर्वे भवंतु सुखिन: और एकात्म मानवता की है। हम सबमें एक ही चेतना को देखते हैं, हर प्राणी का कल्याण चाहते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महात्मा गांधी के प्रिय भजन "वैष्णव जन तो तेने कहिए, जे पीर पराई जाने रे" से सीख ले कर मैंने बहनों के लिए लाड़ली बहना योजना बनाई है। मेरे मन में बहनों की पीड़ा दूर करने की भावना थी। इस योजना से बहने स्वावलंबी बनेगी और उनमें आत्म-विश्वास जागृत होगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गो-संरक्षण और गो-संवर्धन के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने गाय और पशुओं के लिए भी एंबुलेंस सेवा शुरू की है। प्रदेश के हर विकासखंड में एक-एक एंबुलेंस चलाई जा रही है, जिसमें डॉक्टर और कंपाउंडर की व्यवस्था भी की गई है। प्रदेश में 407 पशु एंबुलेंस आ चुकी है। इस सेवा के लिए 1962 पर कॉल करें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 1 अप्रैल से प्रदेश में शराब के अहाते बंद कर दिए गए हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर चालक का लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
जीव दया और गो-सेवा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में हुए उत्कृष्ट कार्य: विनय भैया
बाल ब्रह्मचारी विनय भैया ने कहा कि जीव दया और पशु सेवा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार उत्कृष्ट कार्य कर रही है। खेती में आज बैलों की जगह ट्रैक्टर और हार्वेस्टर ने ले ली है। इस कारण से गो-वंश के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश सरकार ऐसी व्यवस्था करें कि किसान खेती के बाद नरवाई को जलाये नहीं, बल्कि भूसे को गो-शालाओं को दे दे। भूसा पशुओं का भोजन है, मनुष्य को उसे जलाने का कोई अधिकार नहीं है। राज्य सरकार किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर भूसा निकालने की मशीन दे रही है। भूसा किसी भी हालत में जलाया नहीं जाना चाहिए।
म. प्र. गो-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने कहा कि प्रदेश में श्रेष्ठ कार्य करने वाली गो-शाला, गो-सेवकों और पशु-सेवकों के लिए आचार्य विद्यासागर जी दया पुरस्कार प्रारंभ किया गया है। प्रदेश में 1758 सक्रिय गो-शालाएँ हैं, जिनमें 2 लाख 87 हजार गो-वंश है। सरकार ने गो-सेवा के लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया है। इस वर्ष गो-शालाओं को 202 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि वितरित की गई है।
मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलन और कन्या-पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सांसद हिमाद्री सिंह, राम दास पुरी, जैन समाज के प्रमोद जैन, जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, गो-सेवक और बड़ी संख्या में जन-सामान्य उपस्थित रहा।
मुख्यमंत्री चौहान ने माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना की
मुख्यमंत्री चौहान ने अमरकंटक में मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी, पुण्य-सलिला माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, जन-प्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।
भगवान आदिनाथ के किए दर्शन
मुख्यमंत्री चौहान ने अमरकंटक में सर्वोदय तीर्थ पंचकल्याण मंदिर पहुँच कर भगवान आदिनाथ के दर्शन कर प्रदेश के नागरिकों की सुख-समृद्धि के लिए कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर का अवलोकन भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान को मंदिर परिसर में स्थापित 1000 प्रतिमाओं संबंधी जानकारी दी गई।
आचार्य विद्यासागर महाराज से आशीर्वाद लिया
मुख्यमंत्री चौहान ने अमरकंटक में जैन धर्मशाला पहुँच कर आचार्य विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये और उनका आशीर्वाद लिया।
कमल नाथ बोले- विधायकों की कोई कीमत नहीं होती, भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने जताई आपत्ति
3 Apr, 2023 08:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे पास आता जा रहा है, वैसे-वैसे पाला बदलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। भाजपा के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने दलबदल किया। कुछ और नेताओं व विधायकों के कांग्रेस के संपर्क में होने और जल्द ही सदस्यता लेने के दावे पर सोमवार को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ से प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विधायकों की कोई कीमत नहीं होती, कोई आए-जाए, उससे फर्क नहीं पड़ता है। मैं वजन उनका मानता हूं जो लोगों के नजदीक हैं। इस बयान को भाजपा ने विधायकों का अपमान बताया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि ये कमल नाथ जी का घमंड है, जो विधायकों को कुछ नहीं समझते हैं। भाजपा के कुछ और नेताओं के जल्द ही दलबदल की संभावना को लेकर मीडिया से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझसे कहा जाता है कि विधायक सदस्यता लेने वाले हैं तो मैं कहता हूं कि मैैं इनका क्या करूंगा। विधायकों की कोई कीमत नहीं होती है, जो जमीन व लोगों के नजदीक है, उनका वजन है।
उन्होंने कहा कि हर जिले में भाजपा के लोग हमारे संपर्क में है पर हमारा फोकस जमीन और लोगों से जुड़े जनाधार वाले नेताओं पर है। आज भी भाजपा के कई नेता मुझसे मिलने आए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कमल नाथ जी यह भूल गए हैं कि भारत के लोकतंत्र में यदि कोई ताकत है तो वह चुना हुआ सरपंच, पंच, विधायक या सांसद है। यह घमंड है जो आप विधायक को कुछ नहीं समझते हैं। भाजपा नेताओं के कांग्रेस के शामिल होने के दावे पर उन्होंने कहा कि कमल नाथ जी को सपना आया होगा पर यह भारतीय जनता पार्टी है, जो व्यक्तियों या परिवारों के नाम पर चलने वाला दल नहीं है। यह विचार पर आधारित दल है और कार्यकर्ता उसके लिए काम करता है। आप भाजपा की चिंता मत कीजिए।
छतरपुर में स्कार्पियो और कार की भिड़ंत में मां, गर्भवती बेटी और चालक की मौत
3 Apr, 2023 08:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छतरपुर । गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में ऊजरा गांव के पास स्कार्पियो से भिड़ंत में कार सवार मां-गर्भवती बेटी और चालक की मौत हो गई। गर्भवती को नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए छतरपुर लेकर आ रहे थे, तभी हादसा हो गया। स्कार्पियो के एयरबैग खुल गए थे, हालाकि उसमें सवार लोग भी गंभीर रूप से घायल हैं। गढ़ीमलहरा थाना प्रभारी टीकाराम कुर्मी ने बताया कि उत्तरप्रदेश के ऊदल चौक महोबा निवासी 25 वर्षीय राहुल सेन, मां गुड्डो सेन और आठ माह की गर्भवती बहन 28 वर्षीय पूजा सेन पत्नी मुकेश सेन निवासी कानपुर को कार क्रमांक यूपी 95 यू 1194 से नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के लिए छतरपुर लेकर आ रहे थे। कार देवेंद्र पुत्र अशोक सोनी चला रहे थे। सोमवार सुबह 11:45 बजे गढ़ीमलहरा थाना क्षेत्र में ऊजरा गांव के पास महोबा की ओर जा रही स्कार्पियो यूपी 95 क्यू 4015 के चालक ने सामने से टक्कर मार दी। इससे कार खंती में चली गई। कार में सवार पूजा, गुडडो और देवेंद्र की मौत हो गई, जबकि राहुल गंभीर रूप से घायल है।स्कार्पियो में सवार उत्तरप्रदेश में मेरठ निवासी 24 वर्षीय आदित्य निगम, 22 वर्षीय अमिता निगम और 13 वर्षीय अयांश निगम घायल हैं। अयांश की मां मेघा निगम ने बताया कि अयांश बहन को लेने छतरपुर आया था। यहां से उन्हें महोबा में पैतृक घर होते हुए मेरठ पहुंचाना था।
मध्य प्रदेश में निमाड़ की 16 सीटों पर कांग्रेस की नजर, एक मंच पर आए वरिष्ठ नेता
3 Apr, 2023 08:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में 2018 में 15 साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी में निमाड़ क्षेत्र ने बड़ी भूमिका निभाई थी। क्षेत्र की 16 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 10 पर जीत मिली थी। फिर खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन और बड़वानी जिले की इन सीटों पर कांग्रेस की नजर है। इस क्षेत्र में पार्टी 2018 के परिणाम दोहराने की योजना बना रही है। इसके संकेत पिछले सप्ताह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुभाष यादव की प्रतिमा के अनावरण के बहाने सभी वरिष्ठ नेताओं ने एक मंच पर आकर कार्यकर्ताओं को दे दिए। वहीं, इससे पार्टी में काफी समय से उपेक्षित महसूस कर रहे पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव को भी ताकत मिली है। अब वे पूरे क्षेत्र में सक्रिय होंगे।
मालवा और निमाड़ क्षेत्र से भाजपा को हमेशा से बढ़त मिलती रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में निमाड़ में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। 16 में से दस सीटें कांग्रेस ने जीतीं। इसमें खरगोन और बुरहानपुर में भाजपा का खाता भी नहीं खुला था। बड़वानी जिले की चार सीटों में से एक बड़वानी ही भाजपा जीत सकी थी। खंडवा में जरूर कांग्रेस का प्रदर्शन निमाड़ क्षेत्र के बाकी तीन जिलों की तुलना में कमजोर रहा था। क्षेत्र में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए कमल नाथ मंत्रिमंडल में बाला बच्चन, डा.विजय लक्ष्मी साधौ और सचिन यादव मंत्री बनाए गए थे। हालांकि, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दिया था, तब निमाड़ क्षेत्र के विधायक पार्टी के साथ थे, लेकिन कुछ समय बाद खंडवा जिले की मांधाता सीट से विधायक नारायण पटेल और नेपानगर से विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देकर भाजपा की सदस्यता ले ली। ये दोनों अरुण यादव के समर्थक माने जाते थे।
वहीं, खंडवा लोकसभा उपचुनाव के समय खरगोन जिले की बड़वाह सीट से विधायक सचिन बिरला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, विधानसभा में अभी भी वे तकनीकी रूप से कांग्रेस विधायक दल का हिस्सा हैं पर किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेते हैं। पार्टी ने निमाड़ क्षेत्र में अपनी स्थिति पिछले चुनाव से और अच्छी करने के लिए स्थानीय नेताओं को बूथ प्रबंधन के काम में लगा दिया है। खरगोन से विधायक रवि जोशी को संगठन दायित्व से मुक्त करके क्षेत्र में सक्रिय किया गया है तो अरुण यादव ने कमल नाथ, दिग्विजय सिंह, जयप्रकाश अग्रवाल, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, विवेक तन्खा, डा.गोविंद सिंह सहित प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं को एक मंच पर लाकर कार्यकर्ताओं को एकजुटता का संदेश दिया। पार्टी नेताओं ने यह संदेश भी दिया कि यादव अलग-थलग नहीं हैं, उनकी भूमिका वैसी ही है, जैसे पिछले चुनाव में थी। यादव भी अब पूरे क्षेत्र में सक्रिय होने जा रहे हैं। जल्द ही कार्यकर्ता सम्मेलनों की शुरुआत होगी।
भाजपा के पूर्व सांसद कांग्रेस में हो चुके हैं शामिल
निमाड़ क्षेत्र में कांग्रेस की सक्रियता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि खरगोन के बोरावां में सम्मेलन से एक दिन पहले भाजपा के पूर्व सांसद मकन सिंह सोलंकी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। जबकि, उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत लगाई थी।
इनका कहना है
निमाड़ तो कांग्रेस का गढ़ है। हम समूचे मालवांचल में बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस ने 2018 में भी सरकार बनाई थी और 2023 में भी कांग्रेस की ही सरकार बनेगी।
- अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री
भोपाल में मां की डांट से दुखी होकर फांसी लगाने वाली छात्रा उपचार के दौरान मौत
3 Apr, 2023 02:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । हबीबगंज इलाके में पिछले दिनों मां की डांट से दुखी होकर फांसी लगाने वाली नौंवी की छात्रा ने दो दिनों तक चले उपचार के बाद हमीदिया अस्पताल में दमतोड़ दिया। छात्रा के बयान दर्ज करने की काफी कोशिश की,लेकिन उसकी हालत ऐसी नहीं थी। बयान दर्ज कराए जा सकें। हबीबगंज थाने के एसआइ एसआई कमल सिंह के मुताबिक ई-3 अरेरा कॉलोनी नुपुर कुंज में निवासी शिल्पी पाल (15) अपने परिवार के साथ रहती थी। उसके पिता जगदीश पाल मप्र सरकार के एक अधिकारी की कार चालक है। उनके मकान के सर्वेंट क्वाटर में वह रह रहते थे। 30 मार्च को मां ने नवरात्रि के भंडारे में न जाने की बात को लेकर उसे डांट दिया था। बाद में वह अपनी मां और छोटी बहन के साथ भंडारे में चली गई थी, बीच में वह घर आ गई थी। जब परिजन घर पहुंचे तो तो उसने मां की साड़ी का फंदा बांधकर फांसी लगा ली थी। इसी दौरान भंडारे से लौटी मां ने फांसी काट कर उसे एक निजी अस्पताल पहुंचाया। जहां एक दिन उपचार किया गया, लेकिन जब तबियत बिगड़ने लगी तो उसे हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था। यहां रविवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका की मां बंगलों में साफ-सफाई और पिता ड्राइबर का काम करते हैं। इधर, बिलखिरिया थाना के हेड कांस्टेबल सुदीप राजपूत ने बताया कि ग्राम अमझरा निवासी मोहन नाथ पुत्र मुंशीनाथ (52) मेहनत-मजदूरी करता था। वह कल सुबह नौ बजे अपने घर से जंगल में महुआ बिनने निकला था। करीब आधा घंटे बाद उसकी पत्नी भी महुआ बिनने जंगल में पहुंची तो देखा मोहन नाथ पेड़ से बंधे रस्सी के फंटे पर लटका हुआ है। इसके बाद परिजनों ने उसे फंदे से काट कर घर पहुंचाया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अब तक की जांच में आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। पुलिस आज पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप देगी।
रेत कारोबार में ठगी, जनता से 15 हजार तक ज्यादा वसूली, वैध घाट दो, अवैध आठ
3 Apr, 2023 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । ग्वालियर के रेत के कारोबार में अवैध उत्खनन ही नहीं बल्कि महंगे दामों पर रेत को बेचने का भी बड़ा खेल चल रहा है। पहले तो अवैध उत्खनन और फिर मनमाने दामों पर रेत की सप्लाई। ग्वालियर में रेत खरीदनी है तो 10 से 15 हजार की ठगी का शिकार होना ही होगा, जबकि असल में यह कीमत नहीं है। रेत के दस घाट जिले में हैं जिसे नई रेत कंपनी को दिया गया है लेकिन दो ही घाट पुटटी और सिली की पर्यावरण एनओसी मिली है इसलिए शेष आठ घाटों को अनाधिकृत रूप से नहीं चलाया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि कंपनी अपनी राशि वापस मांग सकती है। इन घाटों से सांठगांठ के आधार पर रेत का खनन किया जा रहा है, क्योंकि रोजाना सैकड़ों डंपर रेत की सप्लाई शहर व शहर से बाहर हो रही है,तो दो घाट तो इसकी पूर्ति नहीं कर सकते हैं। रेत की जो ट्राली पांच से सात हजार में आती है, वह 15 हजार से ज्यादा की बेची जा रही है। हाइवे पर ऐसी ट्रालियों को आसानी से देखा जा सकता है क्योंकि कोई रोकने वाला नहीं है। अपने घर का सपना देखने वाले लोगों को बिल्डिंग मटेरियल में रेत की आपूर्ति करना होता,ग्वालियर में बड़ी हालत खराब है। यहां ट्राली से लेकर डंपर तक के दाम इतने उंचे कर रखे हैं कि कि हर कोई चौंक जाए। लंबे समय से यही कारोबार किया जा रहा है और जिला प्रशासन से लेकर माइनिंग विभाग इसको लेकर काेई कार्रवाई नहीं करता है। दरअसल,ग्वालियर में रेत का ठेका लेने वाली कंपनी के पास दतिया और भिंड जिले का भी काम है। ग्वालियर में कुल दस घाट हैं जहां से रेत का उत्खनन होता है। दो घाट भितरवार के पुटटी और सिली चल रहे हैं लेकिन शेष आठ घाट जो अभी रेत निकालने के लिए अधिकृत नहीं है िफर कारोबार चल रहा है।
बड़ा सवाल:
अवैध कारोबार,जनता ठग रही,सिस्टम बेफिक्र क्यों0 रेत के उत्खनन,परिवहन से लेकर सप्लाई तक में ग्वालियर में क्या हो रहा है,यह किसी से छिपा नहीं है। पहले अवैध उत्खन होता है फिर परिवहन में सांठगांठ इसके बाद सप्लाई में ओवर प्राइस,सीधे सीधे जनता के साथ ठगी हो रही है। रेत लेने का कोई और विकल्प भी नहीं इसलिए मजबूरी वश कोई रास्ता नहीं बचता। जिले के मुखिया लेकर माइनिंग विभाग और संबंधित क्षेत्र के एसडीएम-एसडीओपी इसको लेकर ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं। सब बेफिक्र होकर बैठे हैं।
इतनी महंगी बेची जा रही रेत
1000 फीट माल का डंपर 42000 रुपये
600 फीट माल की ट्राली15 से 17000 रुपये
इनका कहना
रेत के अवैध उत्खनन को लेकर पिछले ही दिनों कार्रवाई की गई थी और समय समय पर हम करते हैं। बीच में प्रशासन की अन्य जगह व्यस्तताएं हो जातीं हैं अब दोबारा कार्रवाई कराई जाएगी। शेष आठ घाटों पर रेत को लेकर स्थिति अधिकारियों से दिखवाते हैं और रेत के दामों को लेकर भी चर्चा की जाएगी।
अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर
अब प्राइवेट स्कूलों की तरह ही होंगी सरकारी स्कूलों की परीक्षाएं
3 Apr, 2023 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । शासकीय प्राइमरी और माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा तीन, चार, छह और सात की परीक्षाएं 5 अप्रेल से शुरू हो रही हैं। इस बार इन कक्षाओं की परीक्षाएं निजी स्कूलों के पैटर्न पर कराई जाएंगी। इसके लिए प्रश्नपत्र के ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। पेपर का पैटर्न भी बदला गया है। इसमें ऑब्जेक्टिव टाइप एवं लघु उत्तरीय प्रश्न शामिल करेंगे।
परीक्षाएं सुबह 9 बजे से 11:30 बजे तक होंगी। कक्षा 3 का पहला पेपर प्रथम भाषा विशिष्ट हिंदी का होगा। कक्षा 4 का पहला पर्चा पर्यावरण अध्ययन का रहेगा। कक्षा छठवीं का पहला पेपर 5 अप्रेल को गणित का और कक्षा 7वीं का पहला पेपर विज्ञान का होगा।
विभाग द्वारा इन कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं को वार्षिक मूल्यांकन कहा जाता है। इस बार प्राइवेट स्कूलों की तरह रिजल्ट में ग्रेड दिए जाएंगे। रिपोर्ट कार्ड का ले आउट भी बदला गया है।
आज से वंदे भारत एक्सप्रेस सप्ताह में छह दिन नियमित चलेगी, शनिवार को नहीं आएगी
3 Apr, 2023 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से नई दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन के वंदे भारत सोमवार से नियमित चलेगी। भोपाल से ट्रेन सुबह आएगी और दिल्ली की ओर से शाम को। ग्वालियर से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बीच चेयरकार श्रेणी में 1210 रुपये व एक्जीक्यूटिव श्रेणी में 2170 रुपये चुकाने होंगे। भोपाल के लिए यह ट्रेन लोगों को पंसद आने लगी है। निजामुद्दीन से भी लोग इस ट्रेन में आ रहे हैं। गत दिवस ट्रेन दिल्ली से लौटकर आई थी। तीन अप्रैल से ट्रेन नियमित चलने लगेगी। सुबह भोपाल से चलकर ग्वालियर सुबह 9:48 बजे पहुचेंगी और 9:50 पर रवाना होगी। जबकि निजामुद्दीन से चलकर ग्वालियर 17:45 बजे पहुंचेगी। ट्रेन नियमित दौड़ने लगेगी। शनिवार को इस ट्रेन का मेंटेनेंस होगा, जिसके चलते ट्रेन नहीं आएगी। हफ्ते में छह दिन ही सफर करने को मिलेगा।
- वंदेभारत में ग्वालियर से निजामुद्दीन के बीच खाना मिलेगा। ग्वालियर से भोपाल के बीच भी खाना मिलेगा। क्योंकि कैटरिंग चार्ज लिया जा रहा है।
- रानी कमलापति से ग्वालियर के बीच ब्रेकफास्ट मिलेगा। इसके 157 रुपये लिए जा रहे हैं। निजामुद्दीन से ग्वालियर के बीच कैटरिंग के 175 रुपये लिए जा रहे हैं, जिसमें ब्रेकफास्ट मिलेगा।
ट्रेन नंबर 20171
स्टेशन चैयर कार एक्जीक्यूटिव
रानी कमलापति से ग्वालियर 1055 1995
ग्वालियर से निजामुद्दीन 1000 1785
झांसी से ग्वालियर के बीच 550 985
ट्रेन संख्या 20172
स्टेशन चैयर कार एक्जीक्यूटिव
निजामुद्दीन से ग्वालियर 845 1645
ग्वालियर से रानी कमलापति 1210 2170
ग्वालियर से रानी कमलापति के बीच चैयरकार ऐसे लिया जाएगा किराया
किराया वंदेभारत शताब्दी
वेसिक फेयर 774 530
रिजर्वेशन चार्ज 44 40
सुपर फास्ट चार्च 45 45
जीएसटी 43 40
कैटरिंग 308 290
डायनेमिक फेयर --- 165
कम नहीं हो रही किसानों की परेशानी... फसल बेचने के लिए तीन-तीन दिन तक मंडी में इंतजार
3 Apr, 2023 11:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी लेटलतीफी के साथ शुरू हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि किसानों को खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। पहले तो स्लॉट बुकिंग मे दिक्कत फिर गेहूं तुलाई कराने लेकर पहुंचे किसान को 2 दिन से पहले अपनी बारी नहीं आने के कारण 2 से 4 हजार रुपए का फटका इसलिए लग रहा कि किराए के ट्रैक्टर या अन्य किराए के वाहन का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है।
प्रदेश में गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए व्यवस्थाएं भी पूरी तरह चाक-चौबंद नहीं हैं। ज्यादातर खरीदी केंद्र वेयर हाउस के समीप बनाए गए हैं, जहां पर हम्मालों द्वारा तोल किया जा रहा है, जिसमें काफी समय लगता है। हम्मालों की कमी से जूझ रहे गेहूं खरीदी केंद्रो पर किसानों को अपनी बारी के लिए 2 से 3 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके कारण किराए के ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों का भुगतान ज्यादा करना पड़ रहा है। हर किसान को 2000 से 4000 का अतिरिक्त भाड़ा सिर्फ इस कारण देना पड़ रहा है कि वाहन 2 से 3 दिन का समय तुलाई में लग रहा है। किसान नेता बबलू जाधव का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल ने लगातार निर्देश दिए हैं कि किसानों को खरीदी केंद्र पर दिक्कत ना आए और पानी लगा हल्की क्वालिटी का गेहूं भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, लेकिन अधिकारी किसानों को परेशान कर रहे हैं। कई जगह पर नमी वाला गेहूं नहीं लिया जा रहा। हालांकि अधिकारियों का कहना है किसानों को नमी वाले गेहूं को तुलाई केंद्र पर कुछ दिन रुकने के बाद फिर लाने को कहा गया है। किसान बबलू ने मांग कि किराए के ट्रैक्टर ट्राली या किराए के वाहन की राशि सरकार को देना चाहिए।
स्लाट बुकिंग में मैसेज पर असमंजस
समर्थन मूल्य पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बाद गेहूं विक्रय करने से पहले किसानों को स्लाट बुक कर अपनी बारी और दिनांक का उल्लेख करना होता है यहां पर भी किसानों को समस्या यह है कि खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से जो मैसेज आ रहे हैं वह अलग-अलग आ रहे हैं उसमें तो अधिकारी से संपर्क करने का जवाब किसानों को असमंजस में डाल रहा है।
मप्र भाजपा को नहीं मिलेंगे सह संगठन मंत्री
3 Apr, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश भाजपा संगठन में दो संगठन मंत्रियों की तैनाती को लेकर साल भर से लगाई जा रही तमाम अटकलों पर अब पूर्णविराम लग दिया है। दरअसल, हाल ही में हरियाणा में हुई संघ की होली बैठक में इससे जुड़े तमाम निर्णय लिए जा चुके हैं। ऐेसे में किसी भी प्रचारक को अब मप्र भाजपा में सह संगठन मंत्री का दायित्व देकर नहीं भेजा जाएगा। मप्र में संगठन के मुखिया हितानंद शर्मा ही रहेंगे। विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव तक शर्मा ही संगठन को लीड करेंगे।
पूर्व संगठन महामंत्री सुहास भगत की भाजपा से संघ में वापसी के साथ ही अकटलें लगाई जा रही थीं कि मप्र में सह संगठन मंत्री की दायित्व फिर से सौंपे जाएंगे। ऐसे में प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा को दो प्रमुख सहायत मिल जाएंगे। जिन्हें संघ के अलग-अलग प्रांत की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसको लेकर कई बार मंथन भी हुआ था, लेकिन आखिरी में सह संगठन मंत्रियों की परंपरा को आगे नहीं बढ़ाने पर निर्णय हुआ है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में भाजपा संगठन में सह संगठन मंत्रियों की व्यवस्था रही है। भगवतशरण माथुर और अरविंद मेनन भी सह संगठन मंत्री के दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। हालांकि मेनन केा बाद में प्रदेश संगठन महामंत्री का दायित्व भी मिला था। मेनन के बाद सुहास भगत को संगठन महामंत्री का दायित्व सौंपा गया था। सुहास भगत के समय संघ के प्रचारक रहे अतुल राय को सह संगठन मंत्री का दायित्व सौंपा गया था। राय को महाकौशल क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि राय की सुहास भगत से पहले ही भाजपा से वापसी हो गई थी। इसके बाद सुहास भगत की भाजपा से वापसी के बाद हितानंद शर्मा को संगठन महामंत्री का दायित्व सौंपा गया। इसके बाद से ही यह अटकलें हैं कि दो सह संगठन मंत्री मिलेंगे। अब इसकी संभावना लगभग पूरी तरह से खत्म हो गई है।
हितानंद शर्मा के संगठन महामंत्री बनने के बाद भाजपा में संभागीय संगठन मंत्रियों की व्यवस्था खत्म कर दी गई है। इसके अलग-अलग कारण सामने आए थे। जिसमें प्रमुख संभागीय पदाधिकारियों का सत्ता और संगठन में ेजरूरत से ज्यादा दखल होना बताया गया था।
अमेरिका से वापस आएगी एमपी की अप्सरा
3 Apr, 2023 09:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । एमपी के लिए न्यूयॉर्क से बड़ी खबर आई है। अमरीका में रखी प्रदेश की एक बेशकीमती मूर्ति अब दोबारा यहां आएगी। ये मूर्ति चोरी हो गई थी और बाद में इसे अमरीका में बेच दिया गया था। जिस म्यूजियम में ये मूर्ति रखी है उसने ये मूर्ति लौटाने का फैसला किया है। यह बेहद महंगी मूर्ति है जिसका वापस आना प्रदेश के लिए अहम सौगात होगी। इस मूर्ति के साथ ही देशभर के कुछ अन्य मूर्तियां भी लौटाई जा रहीं हैं। बताया जा रहा है कि प्राचीन धरोहरों के एक कुख्यात तस्कर ने ये मूूर्तियां ले जाकर अमेरिका में बेच दी थीं जिन्हें अब देश और प्रदेशों को लौटाया जा रहा है।
न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने एमपी को इसकी बेशकीमती धरोहर लौटाने का फैसला किया है। म्यूजियम ने 15 मूर्तियां भारत को लौटाने की बात कही है। इन मूर्तियों में मध्यप्रदेश की एक प्राचीन धरोहर भी शामिल है। भारत को जो मूर्तियां लौटाई जा रहीं हैं उनमें पहली शताब्दी ईसा पूर्व से लेकर 11वीं सदी तक की मूर्तियां हैं। ये प्राचीन मूर्तियां तांबा,टेराकोटा और पत्थर से बनी हैं। जानकारी के अनुसार म्यूजियम ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि अब उसे पता चला है कि ये मूर्तियां भारत से गैरकानूनी तरीके से अमरीका लाकर बेची गई थीं। बताया जा रहा है कि इन प्राचीन कलाकृतियों को स्मगलर सुभाष कपूर ने अमेरिका में बेचा था। यह स्मगलर अभी भी तमिलनाडु की जेल में कैद है। म्यूजियम ने जिन मूर्तियों को लौटाने की बात कही है उनमें एमपी की 11वीं शताब्दी की नर्तकी की मूर्ति भी है। करीब 10 करोड़ रुपए की जिन 15 पुरावशेषों को लौटाया जा रहा है उनमें बलुआ पत्थर से बनी एमपी की अप्सरा की मूर्ति शामिल है।
मप्र के 29 फीसदी पटवारियों की नौकरी खतरे में
3 Apr, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र में उन पटवारियों को नौकरी से निकाला जाएगा जिन्हें कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है। गौरतलब है कि राज्य शासन ने 2017 में नियुक्त पटवारियों के लिए कम्प्यूटर दक्षता प्रमाण-पत्र (सीपीसीटी) अनिवार्य किया था। लेकिन तीन साल का अतिरिक्त समय मिलने के बाद भी करीब 29 फीसदी पटवारी कम्प्यूटर दक्षता का प्रमाण-पत्र हासिल नहीं कर पाए हैं। अब सरकार ने ऐसे पटवारियों की जानकारी तहसीलों से मांगी है। आयुक्त भू-अभिलेख ने अब ऐसे पटवारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि राज्य शासन ने पटवारियों की कार्य प्रणाली और सेवा को डिजिटल कर दिया है। अब खसरे सहित अन्य रेकॉर्ड ऑललाइन हो गए हैं। ऐसे में 2017 के बाद भर्ती पटवारियों के लिए सीपीसीटी अनिवार्य कर दिया गया है। 2017 में बहुत कम उम्मीदवार ऐसे थे जिन्हें कम्प्यूटर दक्षता और हिन्दी टाइपिंग आती थी। इस कारण से पटवारी भर्ती परीक्षा 2017 में यह प्रावधान दिया गया था कि चयन होने पर दो साल के अन्दर सीपीसीटी परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। एसएलआर कार्यालय से ऐसे पटवारियों की जानकारी मांगी गई है। प्रभारी एसएलआर लक्ष्मी वर्मा ने बताया, हर 6 माह में सीपीसीटी परीक्षा होती है, जो पास होते हैं वे अपना प्रमाण-पत्र तहसील कार्यालय की स्थापना शाखा में दे देते हैं। उनकी सर्विस बुक भी तहसीलों में होती है। जानकारी आते ही आगे की कार्रवाई प्रस्तावित करते हुए नस्ती कलेक्टर को भेज दी जाएगी।
पटवारियों का काम ऑनलाइन
गौरतलब है कि पटवारियों का पूरा काम ऑनलाइन हो गया है। उसके बाद भी अधिकांश पटवारियों को कम्प्यूटर का ज्ञान नहीं है। ऐसे में आयुक्त भू-अभिलेख ने कम्प्यूटर दक्षता और हिन्दी टाइपिंग न जानने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संबंधित तहसीलों से ऐसे पटवारियों की जानकारी मांगी गई है। चूंकि हर 6 माह में सीपीसीटी परीक्षा होती है। इसमें पास होने वाले तहसील कार्यालय की स्थापना शाखा में अपना प्रमाण-पत्र जमा कराते हैं। दूसरी ओर राज्य में 11622 पटवारी हल्कों में तैनात अधिकांश पटवारियों को कम्प्यूटर पर हिन्दी टाइपिंग करना तो दूर कम्प्यूटर चलाना तक नहीं आता। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के 11 जिले में ही तैनात 582 पटवारियों में 26.85 प्रतिशत 1225 पटवारी कम्प्यूटर नहीं जानते।
कुछ ने रख लिए निजी कर्मी
राज्य सरकार ने पटवारियों की कार्य प्रणाली व सेवा डिजिटल कर दी है। उसके बाद भी कम्प्यूटर से दूरी रखने वाले पटवारियों ने कई जिलों में समानांतर व्यवस्था बना ली। ग्वालियर, भिंड में उन्होंने कम्प्यूटर चलाने निजी कर्मी लगा रखे हैं। सरकार ऐसा करने की इजाजत नहीं देती, लेकिन पटवारियों का दावा है, इसके लिए वे अपनी सैलरी से तनख्वाह देते हैं। मामला जो भी हो, सच्चाई यह है कि बिना कम्प्यूटर ज्ञान के सरकार का जमीन और राजस्व संबंधी काम पूरी तरह डिजिटल करना फिलहाल मुश्किल है।
निजी एजेंसियों की ले रहे मदद
प्रदेश में पुराने पटवारियों को कम्प्यूटर की जानकारी नहीं है। उन्हें सीमांकन के लिए निजी एजेंसियों की मदद लेनी पड़ती है। राजधानी भोपाल में 928 पटवारियों में 237 फील्ड में तैनात हैं। इनमें 70 प्रतिशत यानी 166 नई उम्र के हैं। वे तो कम्प्यूटर से सीमांकन करना जानते हैं, लेकिन 30 फीसदी (71) को टाइपिंग नहीं आती। इंदौर में 337 पटवारी हैं। इनमें 170 पुराने हैं। इनमें 51 को ही टाइपिंग आती है। बाकी हाथ से रिपोर्ट बनाते हैं। 286 को टाइपिंग नहीं आती। नए 47 प्रतिशत टाइपिंग जानते हैं। ऐसी ही स्थिति सागर की भी है। 578 पटवारियों में 350 कम्प्यूटर जानते हैं, पर 170 को टाइपिंग नहीं आती। ग्वालियर में 296 पटवारियों में 256 कम्प्यूटर जानते हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में तैनात पटवारियों ने अलग से सहयोगी रख रखे हैं। भिंड में 473 पटवारियों में 200 कम्प्यूटर नहीं चला पाते। 50 से अधिक पटवारियों ने अलग से सहयोगी रख रखे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने लगाए पीपल, खिरनी और गुलमोहर के पौधे
2 Apr, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में पीपल, खिरनी और गुलमोहर के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ रामदयाल प्रजापति ने अपने जन्म-दिवस पर पौध-रोपण किया। रीना जाट ने भी अपने जन्म-दिवस पर पौधे लगाए। विनय जाट तथा प्रणाम साथ थे। कृति गुप्ता तथा महेश प्रजापति, राकेश जोशी, कमल गर्ग, आनंद प्रजापति, विनोद प्रजापति, सोमेंद्र प्रजापति, प्रयाग, निखिलेश, अकांशु भी पौध-रोपण में शामिल हुए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ अमर सिंह, सुमित दुबे, राज दुबे, संजय जैन, संतोष जैन, अमर जैन, राजेंद्र जैन और सजल जैन ने पौधे भी लगाए।
अंतर्रात्मा से करें लाड़ली बहना योजना का मिशन मोड में क्रियान्वयन : मुख्यमंत्री चौहान
2 Apr, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि लाड़ली बहना योजना साधारण कार्य नहीं है। यह महिलाओं की जिन्दगी बदलने का मिशन है। गरीब, निम्न मध्यमवर्गीय, मजदूर, किसान परिवार की महिलाओं के जीवन की रोजमर्रा की परेशानियों को कम करने, उनका आत्म-विश्वास बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए शुरू की जा रही इस योजना के क्रियान्वयन में सभी जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, अधिकारी-कर्मचारी मिशन मोड में अंतर्रात्मा से जुड़ें। योजना का प्रचार-प्रसार हर गाँव और वार्ड तक सुनिश्चित किया जाए। योजना में आवेदन के लिए बहनों की हरसंभव सहायता की जाए। माँ-बहनों के लिए आरंभ की गई यह योजना परिवारों के लिए लाभकारी और समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना की तरह ही लाड़ली बहना योजना केवल प्रदेश में ही नहीं देश में भी लोकप्रिय होगी। मुख्यमंत्री चौहान योजना के बारे में प्रदेश की सभी ग्राम सभाओं के सदस्यों के साथ निवास कार्यालय से वर्चुअली संवाद कर रहे थे।
बहनों के सबल और आत्म-निर्भर बनने से ही देश-प्रदेश और समाज सशक्त बनता है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा प्रदेश विकास और प्रगति के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है। विकास का प्रकाश हर गाँव तक पहुँचा है। गाँवों के लिए बेहतर सड़क, पीने के पानी की व्यवस्था, आवास, सामुदायिक भवन, स्कूल, आँगनवाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था से विकास का यज्ञ चल रहा है। अधो-सरंचना विकास के साथ समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए भी योजनाएँ संचालित हैं। बहनों के सबल और आत्म-निर्भर बनने से ही देश-प्रदेश और समाज सशक्त बनता है। हमारे देश में यह मान्यता रही है कि जहाँ बहन-बेटियों का सम्मान होता है वहीं भगवान निवास करते हैं। लेकिन इतिहास के बीच के कालखंड में बहन-बेटियों का मान-सम्मान कम होता चला गया। बेटों की तुलना में बेटियों का अनुपात भी गड़बड़ाया। इस स्थिति में सुधार के लिए लागू की गई लाड़ली लक्ष्मी योजना के चमत्कारिक परिणाम सामने आए।
बहनों के सशक्तिकरण की कई योजनाएँ संचालित
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहनों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई फैसले लिए गए। राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पंचायत और नगरीय निकायों के चुनावों में महिलाओं के आरक्षण के साथ शासकीय सेवाओं में अवसर उपलब्ध कराने के लिए शिक्षक भर्ती में 50 तथा पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई। बेटियों ने भी अपनी प्रतिभा सिद्ध की। लाड़ली लक्ष्मी योजना के साथ बेटियों को पढ़ाई के लिए पुस्तकें, साईकिल और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई गई। पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप गाँव की बेटी, प्रतिभा किरण और लाड़ली लक्ष्मी योजना में अलग-अलग अंतराल पर राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई। महिलाओं का जीवन सरल बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या विवाह और प्रसूति सहायता योजना भी संचालित की जा रही है।
मेरे मन में हमेशा से गरीब, मध्यमवर्गीय बहनों की स्थिति सुधारने की तड़प रही
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की अत्यंत पिछड़ी बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों की महिलाओं को अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति तथा परिवार के पोषण पर ध्यान देने के लिए एक हजार रुपये प्रति माह उपलब्ध कराने की योजना वर्ष 2017 से आरंभ की गई थी। इससे बहनों का आत्म-विश्वास बढ़ा, उन्होंने यह राशि सकारात्मक कार्यों में खर्च की और घरों में उनका सम्मान भी बढ़ा। मेरे मन में गरीब, मध्यमवर्गीय परिवारों की बहनों की स्थिति सुधारने की तड़प हमेशा से रही है। बैगा, भारिया और सहरिया जनजाति की बहनों के लिए चलाई गई योजना के प्रभाव से यह विचार आया कि कठिन परिस्थितियों में रह रही प्रदेश की सभी बहनों के लिए ऐसी योजना चलाई जाए। परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना आरंभ की गई।
बहनों से ई-केवाइसी के लिए पैसा मांगने वालों पर एफआईआर कराई जाए
मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम सभा के सदस्यों को लाड़ली बहना योजना की पात्रता, आवश्यक दस्तावेजों और नियम प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि योजना का सभी वार्डों और गाँवों में प्रचार-प्रसार किया जाए। बहनों की ई-केवाइसी के लिए राज्य सरकार द्वारा राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए किसी भी व्यक्ति द्वारा पैसे मांगने की जानकारी मिलने पर तत्काल एफआईआर की जाए। आवेदन केन्द्रों पर इस आशय के पोस्टर लगाए जाएँ कि ई-केवाइसी नि:शुल्क होगी, इसके लिए कोई पैसा नहीं देना है।
आवेदन संबंधी तिथियों की दी जानकारी
मुख्यमंत्री चौहान ने आवेदन से जुड़ी तिथियों की जानकारी देते हुए कहा कि 30 अप्रैल तक आवेदन ऑनलाइन भरे जाएंगे। अनंतिम सूची सार्वजनिक स्थानों पर चस्पां की जाएगी। किसी को आपत्ति है तो वह पोर्टल पर अथवा पंचायत में लिखित में अथवा 181 नम्बर पर फोन कर आपत्ति दर्ज करा सकता है। आपत्तियों का निराकरण 15 से 30 मई तक किया जाएगा और 31 मई को अंतिम सूची पोर्टल पर प्रदर्शित करने के साथ ग्राम पंचायत कार्यालयों में चस्पां की जाएगी। बहनों के खाते में 10 जून से 1000 रूपये अंतरित किये जाना शुरू कर दिये जायेंगे।
ई-केवाइसी के लिए दूसरे गाँव जाने के लिए जिला प्रशासन करेगा वाहन की व्यवस्था
मुख्यमंत्री चौहान ने जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि आवेदन केन्द्रों पर बहनों के बैठने और पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जाए। जिन गाँवों और वार्डों में नेटवर्क के कारण ई-केवाइसी की समस्या है, वहाँ बहनों को अन्य गाँव या वार्ड में ले जाकर ई-केवाइसी कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाए।