व्यापार (ऑर्काइव)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों के लिए एक स्पेशल एफडी स्कीम की शुरू....
29 Jul, 2023 05:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एफडी निवेश करने के लिए काफी अच्छा और सुरक्षित ऑप्शन में से एक है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ग्राहकों के लिए एक स्पेशल एफडी स्कीम शुरू की है। इस एफडी स्कीम का नाम अमृत कलश है। इसमें ग्राहक को हाई-इंटरेस्ट का ऑफर मिलता है। अगर आप भी इस स्कीम में निवेश करने वाले हैं तो आपको बता दें कि इस स्कीम में निवेश करने की आखिरी डेट 15 अगस्त 2023 है। आइए, इस स्कीम के बारे में जानते हैं।
एसबीआई अमृत कलश एफडी स्कीम
इस स्कीम में जमा की गई राशि 400 दिन के बाद मैच्योर होती है। इस स्कीम में निवेश करने की आखिरी तिथि 15 अगस्त 2023 है। जून महीने में इस स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई थी। इस स्कीम में कोई भी निवेश कर सकता है। बैंक मासिक, तिमाही और छमाही आधार पर ब्याज देती है।
एसबीआई अमृत कलश एफडी स्कीम ब्याज दर
इस स्कीम का टेन्योर 400 दिन का है। आप इस स्कीम में 2 करोड़ रुपये से कम की राशि निवेश कर सकते हैं। एसबीआई के अधिकारिक वेबसाइट के अनुसार इस एफडी में सामान्य ग्राहक को 7.10 फीसदी का ब्याज मिलता है। वहीं, सीनियर सिटीजन को 7.60 फीसदी का इंटरेस्ट मिलता है। इस स्कीम के मैच्योर होने के बाद बैंक टीडीएस को काटकर ब्याज की राशि को ग्राहक के अकाउंट में जोड़ देती है। इस स्कीम में ग्राहक को प्रीमैच्योर और लोन की सुविधा भी मिलती है।
एसबीआई के एफडी की ब्याज दरें
एसबीआई अपने ग्राहक को 7 दिनों से लेकर 10 वर्षों की एफडी पर 3 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक का इंटरेस्ट देता है। वहीं सीनियर सिटीजन की एफडी "एसबीआई वी-केयर" के तहत 0.50 फीसदी का अतिरिक्त प्रीमियम ऑफर करते हैं। इस एफडी में बैंक 3.5 फीसदी से 7.50 फीसदी तक का इंटरेस्ट रेट पेश करते हैं।
Bank Of India ने एफडी 'मानसून डिपॉजिट' की लॉन्च....
29 Jul, 2023 04:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दो करोड़ रुपये से कम कुछ अवधि की एफडी की ब्याज दरों में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही 400 दिनों की एक स्पेशल एफडी स्कीम मानसून डिपॉजिट लॉन्च की है। बैंक की ओर से इस स्पेशल एफडी पर सबसे अधिक 7.25 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, नई ब्याज दरें 28 जुलाई से लागू हो गई हैं। बैंक की ओर से 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि एफडी ऑफर की जा रही है।
बैंक ऑफ इंडिया की एफडी की ब्याज दरें
7 दिनों से लेकर 45 दिनों तक की एफडी पर - 3.00 प्रतिशत
46 दिनों से लेकर 179 दिनों तक की एफडी पर - 4.50 प्रतिशत
180 दिनों से लेकर 269 दिनों तक की एफडी पर - 5.00 प्रतिशत
270 दिनों से लेकर एक साल से कम की एफडी पर - 5.50 प्रतिशत
एक साल की एफडी पर - 6.00 प्रतिशत
एक साल एक दिन से लेकर 399 दिनों की एफडी पर - 6.00 प्रतिशत
400 दिनों की एफडी पर - 7.25 प्रतिशत
401 दिनों से लेकर दो साल से कम की एफडी पर - 6.00 प्रतिशत
दो साल से लेकर 3 साल से कम एफडी पर - 6.75 प्रतिशत
3 साल से लेकर 5 साल से कम एफडी पर - 6.50 प्रतिशत
5 साल से लेकर 10 साल की एफडी पर - 6.00 प्रतिशत
वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी अधिक ब्याज
बैंक की वेबसाइट दी गई जानकारी के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक) को 3 वर्ष या उससे अधिक की एफडी कराने पर 0.50 प्रतिशत की ब्याज के अलावा 0.25 प्रतिशत की ब्याज दी जाएगी। वहीं, अतिवरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष या अधिक) को 3 वर्ष या उससे अधिक की एफडी कराने पर 0.50 प्रतिशत की ब्याज के अलावा 0.40 प्रतिशत की ब्याज दी जाएगी।
LIC ने लॉन्च की नई “जीवन किरण”पॉलिसी....
29 Jul, 2023 03:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने एक नई पॉलिसी लॉन्च करने की घोषणा की है। इस पॉलिसी का नाम है “जीवन किरण”यह पॉलिसी एक नई गैर-लिंक्ड, गैर-भागीदारी वाली जीवन बीमा पॉलिसी है जो मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारकों को उनके द्वारा भुगतान किए गए प्रीमियम को 'वापस' लौटा देती है। इस पॉलिसी को 18-65 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति खरीद सकता है।
प्रीमियम में नहीं होगा यह शामिल
जीवन किरण पॉलिसी में यदि पॉलिसीधारक मैच्योरिटी तक जीवित रहता है तो उसे पॉलिसी के तहत भुगतान किया गया कुल प्रीमियम वापस मिल जाएगा लेकिन इस प्रीमियम में कोई अतिरिक्त प्रीमियम, राइडर प्रीमियम या भुगतान किया गया टैक्स शामिल नहीं होगा।
मृत्यु के बाद आश्रितों को मिलेगी इतनी राशि
जीवन किरण पॉलिसी अवधि के दौरान यदि पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो इस मामले में, मूल बीमा राशि, वार्षिक प्रीमियम के सात गुना के बराबर राशि या तब तक भुगतान किए गए कुल प्रीमियम का 105 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, पॉलिसीधारक के आश्रितों को सौंपी जाती है। एकल प्रीमियम प्लान के मामले में, नामांकित व्यक्तियों को मूल बीमा राशि या एकल प्रीमियम का 125 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, प्राप्त होगा।
कितनी है मैच्योरिटी अवधि?
पॉलिसीधारकों के पास क्रमबद्ध तरीके से पांच साल की अवधि में परिपक्वता लाभ प्राप्त करने का विकल्प होता है। इसमें अपने नामांकित व्यक्तियों को देय मृत्यु लाभ के लिए भी पॉलिसीधारक विकल्प चुन सकते हैं। पॉलिसी के तहत न्यूनतम बीमा राशि, जो 10-40 वर्षों की अवधि के साथ आती है, 15 लाख रुपये है। नियमित प्रीमियम विकल्प के तहत न्यूनतम किस्त 3,000 रुपये और एकल प्रीमियम संस्करण के तहत 30,000 रुपये है।
मिलता है राइडर एड करने का विकल्प
धूम्रपान करने वालों और धूम्रपान न करने वालों के लिए प्रीमियम अलग-अलग होती है जिसमें धूम्रपान करने वालों के लिए ज्यादा प्रीमियम का भुगतान करना होता है। पॉलिसी दुर्घटना मृत्यु और विकलांगता लाभ राइडर और दुर्घटना लाभ राइडर जैसे दो वैकल्पिक कवर के साथ आती है जो आधार पॉलिसी द्वारा प्रदान की जाने वाली बुनियादी सुरक्षा को मजबूत करती है।
मांग बढ़ने पर महंगा हुआ गोल्ड....
28 Jul, 2023 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: शुक्रवार 28 जुलाई को बुलियम मार्केट में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिली।
आज वायदा करोबार में सोना 185 रुपये और चांदी में 23 रुपये की तेजी देखने को मिली है। खबर लिखे जाने तक शेयर बाजार लाल निशान पर कारोबार कर रहा है।
वायदा कारोबार में सोने का भाव
मजबूत हाजिर मांग के कारण वायदा कारोबार में आज सोने की कीमत 185 रुपये बढ़कर 59,135 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर, अगस्त डिलीवरी वाले सोने के अनुबंध की कीमत 185 रुपये या 0.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,135 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जिसमें 2,347 लॉट का कारोबार हुआ। वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में सोना 0.22 प्रतिशत बढ़कर 1,989.50 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
वायदा कारोबार में चांदी का भाव
मजबूत हाजिर मांग के कारण वायदा कारोबार में आज चांदी की कीमत 23 रुपये बढ़कर 73,770 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर, सितंबर डिलीवरी के लिए चांदी अनुबंध 23 रुपये या 0.03 प्रतिशत बढ़कर 15,299 लॉट में 73,770 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में चांदी 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24.35 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी।
आपके शहर में क्या है सोने की स्पॉट कीमत
गुड रिटर्न वेबसाइट के मुताबिक सर्राफा बाजार में सोने की स्पॉट कीमतें कुछ इस प्रकार हैं:
* दिल्ली में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,260 रुपये है।
* मुंबई में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,110 रुपये है।
* कोलकाता में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,110 रुपये है।
* चैन्नई में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,550 रुपये है।
* बेंगलुरु में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,110 रुपये है।
* हैदराबाद में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,110 रुपये है।
* चंडीगढ़ में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,260 रुपये है।
* जयपुर में 24 कैरेट, 10 ग्राम सोना 60,260 रुपये है।
* पटना में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का दाम 60,160 रुपये है।
* लखनऊ में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का रेट 60,260 रुपये है।
MSMEs के विकास के लिए राज्य में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम....
28 Jul, 2023 05:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ के समान हैं। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए MSME सेक्टर का विकास करना बेहद आवश्यक है। बात अगर उत्तर प्रदेश की करें तो राज्य में MSMEs का अंतर्जाल काफी बड़े स्तर पर फैला हुआ है।
वर्तमान समय में राज्य में 90 लाख से ज्यादा MSMEs हैं जो कि काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इनके विकास के लिए सही इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर भी काफी निवेश हो रहा है।
यूपी को निवेश की दृष्टि से एक बेहतरीन राज्य बनने का लक्ष्य
MSMEs के सुचारु संचालन के लिए उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग प्रोमोशन पॉलिसी 2022 के द्वारा भी कई महत्वपूर्ण सुधार करने का प्रयास किया गया है। चलिए जानते हैं इस पॉलिसी की खास बातें- उत्तर प्रदेश को निवेश की दृष्टि से एक बेहतरीन राज्य बनाने के उद्देश्य से इस पॉलिसी को लागू किया गया, जिसमें MSMEs के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयीं।
किसी भी बिजनेस के लिए फंड रेज करना एक बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में कोलेटरल फ्री ऋण की उपलब्धता को और आसान करते हुए दो करोड़ रुपए तक के लोन पर ली जाने वाली गारंटी फीस से MSMEs को मुक्त किया जाना एक बड़ा कदम है। बता दें कि अब यह गारंटी फीस राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है।
यूपी के इन क्षेत्रों में MSME को मिलती है सब्सिडी
इस नीति के तहत बुंदेलखण्ड और पूर्वांचल के क्षेत्र से आने वाली MSMEs 25, 20 व 15% तक की कैपिटल सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त ब्याज दरों पर भी खास सब्सिडी प्रदान की जा रही है। जिससे MSMEs के लिए लोन लेना बेहद आसान हुआ है। बता दें कि ब्याज सब्सिडी का लाभ केवल सूक्ष्म उद्योग ही प्राप्त कर सकते हैं। इस सब्सिडी में पांच वर्षों तक वार्षिक ब्याज पर 50% की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी भी की दी जाती है मदद
इसके अतिरिक्त इस नीति में MSMEs को इंफ्रास्ट्रक्चर सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जाती है। जिसके तहत 10 एकड़ तक के इंडस्ट्रिएल एरिया के निर्माण में 2 करोड़ रुपए की सीलिंग पर ब्याज में 50% की वार्षिक सब्सिडी प्रदान की जाती है। बता दें कि इंफ्रास्ट्रक्चर इंट्रेस्ट सब्सिडी 7 वर्षों तक प्रदान की जाती है।
यहां से करें खुद को रजिस्टर
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम MSMEs के विकास के लिए बेहद उपयोगी हैं। MSME सेक्टर की अपार संभावनाओं व उसके समक्ष उपलब्ध चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए Jagran BADLAV MSME Conclave के Lucknow Edition का आयोजन 2 अगस्त को शाम 3 बजे लखनऊ के The Centrum होटेल में होगा। इस आयोजन के स्टेट पार्टनर उत्तर प्रदेश सरकार है। ऐसे में अगर आप भी इस आयोजन से डेलीगेट के रूप में जुड़ना चाहते हैं तो अभी रजिस्टर करें- https://bit.ly/3K4J1to
यथार्थ हॉस्पिटल का आईपीओ आज हो रहा है बंद....
28 Jul, 2023 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। Yatharth Hospital and Trauma Care Services Ltd का आईपीओ बुधवार, 26 जुलाई को सदस्यता के लिए खुला है और ये शुक्रवार 28 जुलाई को बंद हो गया। प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के लिए यथार्थ हॉस्पिटल आईपीओ की कीमत 285 रुपये से 300 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के प्राइस बैंड के भीतर तय की गई है। मंगलवार यानी 25 जुलाई को यथार्थ हॉस्पिटल आईपीओ ने 18 एंकर निवेशकों से 300 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के ऊपरी प्राइस बैंड पर 205.96 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
यथार्थ में इन कंपनियों ने किया निवेश
Yatharth Hospital and Trauma Care Services Ltd के प्रमुख एंकर निवेशकों की बात करें, तो इसमें SBI Life Insurance Company, Goldman Sachs (Singapore), Kotak Mahindra Life Insurance Company, ICICI Prudential Mutual Fund, Max Life Insurance Company, HDFC MF और BNP Paribas Arbitrage जैसी कंपनियां शामिल हैं। आपको बता दें कि यथार्थ हॉस्पिटल आईपीओ में 490 करोड़ रुयपे के नए शेयर जारी करना और प्रमोटरों विमला, प्रेम नारायण और नीना त्यागी द्वारा 65.51 लाख इक्विटी शेयर बेचने का प्रस्ताव शामिल है।
कंपनी का क्या है प्लान
Yatharth Hospital का मुख्स उद्देश्य नेट इनकम का उपयोग लोन का भुगतान करने या अग्रिम भुगतान करने, कंपनी के दो अस्पतालों, नोएडा अस्पताल और ग्रेटर नोएडा अस्पताल के साथ-साथ कंपनी की सहायक कंपनियों एकेएस और रामराजा द्वारा संचालित अस्पतालों के लिए पूंजीगत व्यय के लिए करना है। इसके अतिरिक्त, अधिग्रहण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के माध्यम से अकार्बनिक विकास पहलों को वित्तपोषित करने की योजना है।
आपको बता दें कि प्रत्येक इक्विटी शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपये है। इसका फ्लोर प्राइस 28.5 गुना है और कैप प्राइस इक्विटी शेयरों के अंकित मूल्य का 30.0 गुना है। फ्लोर प्राइस पर कंपनी का प्राइस टू अर्निंग रेशियो 28.25 है और कैप प्राइस पर ये 29.73 है।
बोली न्यूनतम 50 इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 50 इक्विटी शेयरों के गुणकों में लगाई जा सकती है। मार्च में समाप्त तिमाही के लिए, यथार्थ अस्पताल का कर पश्चात लाभ (PAT) 65.77 करोड़ रुपये था, जबकि Q4FY23 के लिए राजस्व 523.10 करोड़ रुपये था।
यूनाइटेड किंगडम के अरबपतियों में शामिल है भारत का गोपी हिंदुजा.....
28 Jul, 2023 04:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम के अमीरों की लिस्ट में ब्रिटिश शाही परिवार के अलावा एक भारतीय परिवार भी शामिल है। ये है हिंदुजा बिजनेस फैमली...। शायद आप इस परिवार के बारे में बहुत न जानते हों। आइए, इस फैमली के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गोपी हिंदुजा कौन हैं
83 वर्षीय गोपीचंद हिंदुजा एक भारतीय मूल के ब्रिटिश अरबपति बिजनेसमैन है। ये हिंदुजा ग्रुप्स के को-चेयरमैन है। इस साल की टाइम्स रिच लिस्ट के अनुसार गोपी हिंदुजा के पास 35 बिलियन पौंड की संपत्ति है। गोपी हिंदुजा और उनका परिवार आधिकारिक तौर पर यूके में सबसे अमीर लोगों में से एक है। इनकी संपत्ति गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और यूके के अरबपति जयश्री उल्लाल की कुल संपत्ति से भी ज्यादा है।
विश्व स्तर पर बिजनेस चारों भाई श्रीचंद, गोपी, प्रकाश और अशोक के पास है। कंपनी के संरक्षक श्रीचंद एसपी हिंदुजा का मई 2023 में निधन हो गया था। इसके बाद गोपी हिंदुजा चेयरमैन बन गए।
क्या है इनकी सफलता की कहानी
हिंदुजा ग्रुप्स का बिजनेस इनके पिता परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने शुरू किया है। इनका बिजनेस भारत में सबसे लोकप्रिय व्यवसायों में से एक है। 1971 में जब परमानंद की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद पिता के बिजनेस को बेटों ने ट्रकिंग से लेकर बैंकिंग, आईटी और मीडिया तक हर सेक्टर में निवेश करके विश्व स्तर तक विस्तार किया।
हिंदुजा ग्रुप्स ने 1984 में गल्फ ऑयल को खरीदा। इसी साल कंपनी के शेयरधारकों को सबसे ज्यादा लाभंश भी मिला था। हिंदुजा ग्रुप्स ने 1987 में अशोक लीलैंड का भी अधिग्रहण किया। आपको बता दें कि अशोक लीलैंड भारत की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी है।
अमीरों की लिस्ट में कब शामिल हुए हिंदुजा परिवार
हिंदुजा परिवार का नाम अमीरो की लिस्ट में सबसे पहले 2014 में शामिल हुआ था। जब उनकी संपत्ति 11.9 बिलियन पौंड थी। इसके बाद लगातार 5 साल तक हिंदुजा फैमली अमीरों की लिस्ट में टॉप पर रहे।
वेदांता ग्रुप वर्ल्ड क्लास कंपनी से करेगा पार्टनरशिप....
28 Jul, 2023 04:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय ग्रुप वेदांता के अनिल अग्रवाल ने शुक्रवार को भारत के लिए महत्वाकांक्षी सेमीकंडक्टर मैनुफैक्चरिंग की रूपरेखा तैयार करते हुए कहा कि वैश्विक खनन कंपनी ने एक विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी भागीदार की पहचान की है और उनके साथ गठजोड़ की प्रक्रिया में है। कंपनी का कहना है कि सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, आइए पूरी खबर के बारे में जान लेते हैं।
वेदांता का क्या है प्लान
वेदांता के अनिल अग्रवाल ने कहा कि कंपनी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जिस तरह की प्रतिक्रिया हमें जापान, कोरिया और अमेरिका में मिली है, गुजरात के आसपास ईकोसिस्टम बनाया जाएगा और हमने इस उद्देश्य के लिए 100 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर हब के रूप में उभरेगा और ये भारत की सिलिकॉन वैली बनाने के लिए सही जगह है।
सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्स का होगा उत्पादन
अनिल अग्रवाल ने कहा कि सेमीकंडक्टर के लिए हमने पहले ही विश्व स्तरीय साझेदार की पहचान कर ली है और उनके साथ गठजोड़ की प्रक्रिया में हैं। वेदांता समूह ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि वह गुजरात में धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र में भारत का पहला सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और सेमीकंडक्टर में प्रौद्योगिकी और इक्विटी भागीदारों को जोड़ने के लिए पर्याप्त प्रगति हुई है।
वेदांता सेमीकंडक्टर्स एंड डिस्प्ले के ग्लोबल एमडी आकाश के हेब्बार ने हाल ही में कहा था कि कंपनी सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले फैब्स के लिए संशोधित योजना के तहत अपने आवेदनों के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार करेगी।
सरकार से कर चुकी है आवेदन
आपको बता दें कि हेब्बार ने एक बयान में कहा था, "इसके बाद, हम तुरंत निर्माण शुरू कर देंगे और हमारे माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की राह पर निकल पड़ेंगे।" इस सप्ताह की शुरुआत में एक अपडेट में समूह ने कहा कि संशोधित योजना के तहत उसका सेमीकंडक्टर आवेदन सरकार द्वारा विचाराधीन है।
वहीं, डिस्प्ले फैब के लिए, वह अब संशोधित डिस्प्ले योजना के तहत एक नया आवेदन दाखिल करने के लिए आगे बढ़ रहा है। समूह ने बढ़ते भारतीय बाजार के लिए महत्वपूर्ण सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले ग्लास/मॉड्यूल का उत्पादन करने के लिए अपना संकल्प और प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
गैर-बासमती चावल निर्यात पर बैन से दुनिया में क्यों मची हलचल.....
28 Jul, 2023 04:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: 20 जुलाई को भारत सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है। वो फैसला था गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना। इस फैसले के बाद से दुनिया भर के बड़े संगठन को ग्लोबल मुद्रास्फीती का डर सता रहा है।
हाल ही में इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने भारत से प्रतिबंध हटाने की भी बात कही थी। आईएमएफ ने यह आशंका जताई थी की प्रतिबंध की वजह से ग्लोबल मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
पिछले कुछ दिनों में, चावल का स्टॉक करने के लिए अमेरिकी और कनाडाई दुकानों में कतार में लगे एनआरआई के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि एनआरआई भारत से चावल के बैग अपने साथ वापस ले जा रहे हैं। तो आखिर भारत के इस एक फैसला से दुनिया में इतना हलचल क्यों है और चावल को लेकर विदेशों में हो क्या रहा है।
भारत ने क्यों लगाया है प्रतिबंध
सबसे पहले जानिए आखिर भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने प्रतिबंध का फैसला घरेलू मजबूरियों को देखते हुए लिया था।
दरअसल देर से आई मॉनसून और भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे पूरे भारत में चावल की कीमतें बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
भारत के फैसले से दुनिया में खलबली क्यों
अब आप सोच रहे होंगे चलो ठीक है भारत ने अपने देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया तो आखिर इस कदम से दुनिया में हलचल क्यों है तो आपको बता दें कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और वास्तव में दुनिया के चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। स्वाभाविक है कि इतने बड़े निर्यातक का चावल के निर्यात को बैन करने का फैसला खलबली मचाने वाला है।
कनाडा और यूएस में लोगों के बीच घबराहट
भारत के इस फैसले के बाद कनाडा और यूएस से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि एनआरआई विशेषकर तेलुगु समुदाय के लोगों के बीच घबराहट है और वो चवाल की खरीदारी कर उसे स्टॉक कर रहे हैं। ट्विटर पर एक वीडियो के मुताबिक, डलास, टेक्सास से, भारतीयों को सुपरमार्केट और दुकानों में लगभग चावल के बैग जमा करते हुए देखा जा सकता है।
बासमती चावल को भी एनआरआई कर रहे हैं जमा
आप घबराहट का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि है प्रवासी भारतीय बासमती चावल को भी स्टॉक कर रहे हैं जिसे भारत ने प्रतिबंध नहीं किया है।
मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका
भारत के चावल निर्यात प्रतिबंध से प्रवासी भारतीयों को उनकी पसंदीदा चावल की किस्म नहीं मिलने से कहीं अधिक गंभीर संकट पैदा होने की आशंका पैदा हो गई है। इससे दुनिया भर में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका भी पैदा हो गई है। 25 जुलाई को, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने एक संवाददाता सम्मेलन में इन आशंकाओं को व्यक्त किया था।
भारत ने प्रतिबंध को बताया सही
भारत ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि
भारतीय बाजार में गैर-बासमती सफेद चावल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और घरेलू बाजार में कीमतों में वृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए, भारत सरकार ने निर्यात नीति में संशोधन किया है।
बयान में यह भी बताया गया कि 12 महीनों में चावल की खुदरा कीमतों में 11.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत के चावल निर्यात के बारे में कुछ तथ्य
पिछले साल देश से 55.4 मिलियन मीट्रिक टन चावल का निर्यात हुआ था। इसके अलावा पिछले साल भारत ने 17.86 मिलियन टन गैर-बासमती चावल का निर्यात किया था, जिसमें से 10.3 मिलियन टन गैर-बासमती सफेद चावल था।
8वें वेतन आयोग के लिए क्या है सरकार का प्लान....
27 Jul, 2023 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों को एक साथ दो बड़े तोहफे या फिर यूं कहें कि खुशखबरी मिल सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत (DR) दोनों में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती है।
4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद DA, 42 प्रतिशत से बढ़कर 46 प्रतिशत हो जाएगा। इससे वेतन में कम से कम 2000 रुपये बढ़ सकते हैं। इस फैसले से देश के 1 करोड़ कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों को फायदा होगा।
सैलरी में हो सकती है अधिकतम इतनी बढ़ोतरी
यदि किसी केंद्रीय कर्मचारियों का मूल वेतन 18,000 रुपये है, तो उसे 42 प्रतिशत के हिसाब से 7,560 रुपये का डीए मिल रहा होगा। वहीं जब डीए 46 प्रतिशत हो जाएगा तब डीए 8280 रुपए प्रति माह होगा।
इस हिसाब से मासिक वेतन में 720 रुपये की बढ़ोतरी होगी। अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 56,900 रुपये है तो उसे हर महीने 2,276 रुपये और सालाना 27,312 रुपये भत्ता मिलेगा।
HRA में भी बढ़ोतरी संभव
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार महंगाई भत्ते के अलावा एचआरए में भी बढ़ोतरी कर सकती है। पिछला एचआरए जुलाई 2021 में 25 प्रतिशत तक बढ़ाया गया था। इस बार इसमें 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी संभव है।
8वें वेतन आयोग के लिए क्या है सरकार का प्लान
सरकार ने मंगलवार 25 जुलाई को राज्य सभा को स्पष्ट किया था कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। यह बात वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कही थी।
क्या होता है DA और HRA
महंगाई भत्ते का भुगतान सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगी को भी मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है। मुद्रास्फीति के प्रभाव को रोकने के लिए इसकी गणना मूल वेतन के प्रतिशत के रूप में की जाती है। आयकर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार, आईटीआर दाखिल करते समय डीए से संबंधित कर देनदारी की घोषणा करना अनिवार्य है।
HRA का फुल फॉर्म हाउस रेंट अलाउंस होता है। यह किराए के आवास के लिए किए गए खर्च के लिए नियोक्ता द्वारा प्रदान किए गए आपके वेतन का एक हिस्सा है। आप एचआरए छूट का दावा तभी कर सकते हैं जब आप किराए के घर में रह रहे हों। एचआरए छूट आयकर अधिनियम, 1961 के नियम 2ए के साथ धारा 10 (13ए) के तहत कवर की गई है।
किसानों के खाते में आज आएगी PM Kisan Yojana की 14वीं किस्त....
27 Jul, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के लिए कई स्कीम चलाई जा रही है। इन योजना में सरकार किसानों को कुछ वित्तीय लाभ देती है जिसका इस्तेमाल किसान अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए करते हैं। पीएम किसान योजना भी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक योजना है। इस योजना में सरकार किसानों को एक साल में 6,000 रुपये देती है। ये राशि हर 4 महीने की किस्त के तौर पर दिया जाता है। सरकार ने अभी तक 13 किस्त जारी कर दी है। देश के 12 करोड़ किसानों के परिवार कई समय से 14 वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं। किसानों का इंतजार अब खत्म हुआ है। सरकार आज 14 वीं किस्त जारी कर देगी। ये किस्त किसानों के अकाउंट में सीधे तौर पर आएगी। पीएम किसान के अधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक सरकार आज 8.5 करोड़ किसानों के अकाउंट में किस्त जारी करेगा। इसका मतलब कि आज 3.5 करोड़ किसानों के अकाउंट में 14 वीं किस्त नहीं आएगी।
किन किसानों के अकाउंट में नहीं आएगी किस्त
केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए सख्त हो गई है। इसके बाद पीएम किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी किसानों की संख्या अब कम हो गई है। यह सभी फर्जीवाड़ा पर नकेल कसने का नतीजा है। सरकार के सख्त होने के बाद इस योजना की 14वीं किस्त केवल 8 करोड़ किसानों को ही मिलेगी। ऐसे में एस सवाल आता है कि लाभार्थी कैसे चेक करें कि उनको किस्त मिलेगी या नहीं।
ऐसे चेक करें स्टेटस
आपको सबसे पहले पीएम किसान योजना की अधिकारिक वेबसाइट पर जाना है।
इसके बाद आपको वहां Beneficiary Status पर क्लिक करना है।
अब आपके सामने एक नया विंडो ओपन होगा, यहां आपको अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और कैप्चा दर्ज करना है।
इसके बाद आप जैसे ही गेट डेटा पर क्लिक करते हैं आपके सामने आपका स्टेटस होगा।
Mircosoft ने Ai से कमाया बड़ा मुनाफा....
27 Jul, 2023 12:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में अपनी आय की रिपोर्ट जारी की है। बीते बुधवार को अमेरिका की कई बड़ी तकनीकी कंपनियों में गिरावट आई क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट के नतीजों ने संकेत दिया कि एआई वर्चस्व के लिए हो लड़ाई तकनीकी दिग्गजों को कैसे महंगी पड़ेगी, जिन्होंने हाल के महीनों में प्रौद्योगिकी के प्रचार के कारण अपने शेयरों में तेजी देखी है। शुरुआती कारोबार में माइक्रोसॉफ्ट के शेयरों में 3.6 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि कंपनी ने एक आक्रामक एआई-संबंधित खर्च योजना बनाई, जिसमें कहा गया कि लाभ को निचले स्तर तक पहुंचने से पहले एआई में गहन निवेश की जरूरत है।
माइक्रोसॉफ्ट शेयरों में 46.4 फीसदी तेजी
अगर ट्रेडिंग बंद होने तक घाटा जारी रहता है तो माइक्रोसॉफ्ट अपने बाजार पूंजीकरण से लगभग 100 बिलियन डॉलर (लगभग 8,20,100 करोड़ रुपये) कम करने के लिए तैयार है। कल बंद होने तक इसके शेयरों में 46.4 फीसदी की तेजी आ चुकी थी। मर्फी एंड सिल्वेस्ट के वरिष्ठ धन सलाहकार और बाजार रणनीतिकार पॉल नोल्टे ने कहा कि ऐसी कंपनियों के लिए एआई बहुत सारा राजस्व और कमाई पैदा करेगा, लेकिन बहुत सारे निवेशक अफवाह में भरोसा रहे हैं और अब जब हमारे पास कमाई है, तो वे मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एआई को लेकर अभी भी बहुत उत्साह है, लेकिन कोई भी यह नहीं समझता है कि इनमें से कई कंपनियों की निचली रेखा पर जाने का क्या इसका क्या मतलब है। NYSE FANG+ इंडेक्स, जिसमें कई मेगाकैप ग्रोथ नाम शामिल हैं, 0.2 प्रतिशत नीचे था। एआई के प्रति उन्माद के कारण इस वर्ष अब तक सूचकांक लगभग 76 प्रतिशत बढ़ चुका है।
Google को हुआ फायदा
Google-पैरेंट अल्फाबेट की दूसरी तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहने के बाद इसके शेयरों में 5.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। अल्फाबेट अपने बाजार पूंजीकरण में लगभग 100 बिलियन डॉलर जोड़ने के लिए तैयार दिख रहा है।
बढ़ें माइक्रोसॉफ्ट के शेयर
हालिया रैली ने माइक्रोसॉफ्ट के मूल्यांकन को बढ़ा दिया है। यह शेयर 12 महीने की आगे की कमाई के 31 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो अल्फाबेट के PE से 20 गुना ज्यादा है। यूबीएस के वैश्विक धन प्रबंधन मुख्य निवेश अधिकारी मार्क हैफेल ने एक ग्राहक नोट में कहा कि तकनीकी कमाई का मौसम मिश्रित नोट पर शुरू हुआ है।
जाने Insurance कराने वाले लोग इन 5 दिक्कतों का करते हैं सामना....
27 Jul, 2023 11:57 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में बीमा को वित्तीय योजना और सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट माना जाता है। कई लोगों के लिए बीमा कंपनियों के साथ उनकी यात्रा उतनी आसान नहीं रही है। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जहां पॉलिसीधारकों को अपनी बीमा कंपनियों के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ा है। अपने इस लेख में हम ऐसी ही 5 दिक्कतों के बारे में बात करने वाले हैं। इन बाधाओं को समझकर और उचित सावधानियां और उपाय अपनाकर, पॉलिसीधारक एक सहज और अधिक सकारात्मक बीमा अनुभव सुनिश्चित कर सकते हैं।
क्लेम सेटलमेंट में देरी
पॉलिसीधारकों द्वारा की जाने वाली आम शिकायतों क्लेम सेटलमेंट भी शामिल है। कभी-कभी, क्लेम की प्रोसेसिंग और सेटलमेंट में लंबा समय लग सकता है, जिससे पॉलिसीधारकों के लिए महत्वपूर्ण असुविधा और वित्तीय तनाव पैदा हो सकते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए, पॉलिसीधारकों को उचित दस्तावेज बनाए रखना चाहिए। पॉलिसी की जानकारी, दावा प्रपत्र, मेडिकल रिपोर्ट, बिल और किसी भी अन्य प्रासंगिक दस्तावेजों का व्यापक रिकॉर्ड रखने से क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिल सकती है।
अपर्याप्त कवरेज
एक अन्य सामान्य शिकायत अपर्याप्त कवरेज है। पॉलिसीधारक खुद को ऐसी स्थिति में पा सकते हैं, जहां उनकी बीमा पॉलिसी दावा घटना के दौरान अपेक्षित वित्तीय सुरक्षा प्रदान नहीं करती है। ये अस्पष्ट पॉलिसी शर्तों, बहिष्करणों या सीमाओं के कारण हो सकता है, जिन्हें ठीक से संप्रेषित या समझा नहीं गया था। इस स्थिति से बचने के लिए, पॉलिसीधारकों को खरीदारी से पहले अपनी बीमा पॉलिसियों की व्यवस्थित रूप से समीक्षा करनी चाहिए।
अनफेयर पॉलिसी टर्म
अनुचित पॉलिसी शर्तें भी बीमा क्षेत्र में शिकायतों का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। पॉलिसीधारक अक्सर कुछ ऐसे सेगमेंट या शर्तों के साथ समाप्त हो जाते हैं, जिन्हें पॉलिसी खरीद प्रक्रिया के दौरान प्रभावी ढंग से प्रकट या समझाया नहीं गया था। इसके बाद दावा दायर करते समय गलतफहमी और विवाद हो सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए, पॉलिसीधारकों को पॉलिसी के सभी पहलुओं को समझने में सतर्क रहना चाहिए।
खराब कस्टमर सर्विस
खराब ग्राहक सेवा सभी उद्योगों में एक समस्या है और बीमा भी इसका अपवाद नहीं है। पॉलिसीधारकों को आमतौर पर अपने बीमा प्रदाताओं तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और अक्सर प्रक्रियाएं और औपचारिकताएं उन पर भारी पड़ती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए, पॉलिसीधारकों को बीमा कंपनी के साथ सभी कम्यूनिकेशन का रिकॉर्ड रखना चाहिए, जिसमें तारीखें, बात किए गए प्रतिनिधियों के नाम और बातचीत या ईमेल का कंटेट शामिल है।
महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा न करना
भौतिक तथ्यों का खुलासा न करने के कारण बहुत से दावे खारिज हो जाते हैं। मांगी गई सभी जानकारी प्रदान करना आवश्यक है, क्योंकि ये बीमा हामीदारी के लिए भी आवश्यक है। प्रस्ताव प्रपत्र भरना एक लंबी प्रक्रिया लग सकती है लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण काम है। बीमाधारक को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी आवश्यक जानकारी बीमाकर्ता के साथ साझा की गई है और पहले से मौजूद बीमारियों, स्वास्थ्य समस्याओं, अस्पताल में भर्ती होने आदि से संबंधित कोई तथ्य नहीं छिपाया जा रहा है।
नेटवेब टेक्नोलॉजीज आईपीओ की लिस्टिंग के बाद निवेशकों को हो सकता है मुनाफा....
27 Jul, 2023 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज शेयर बाजार में इस Netweb Technologies का आईपीओ लिस्ट होने जा रहा है। आज निवेशकों के लिए काफी अहम दिन है। कई एक्सपर्ट के मुताबिक नेटवेब टेक्नोलॉजीज का आईपीओ की लिस्टिंग के बाद निवेशकों को शानदार मुनाफा हो सकता है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के मुताबिक आज बाजार में नेट वेब टेक्नोलॉजीज का आईपीओ लिस्ट होगा। आपको बता दें कि कंपनी के आईपीओ को निवेशकों की तरफ से शानदार प्रक्रिया मिली है। आईपीओ के अंतिम दिन तक इश्यू 90.36 गुना सब्सक्राइब हो गया था। नेटवेब टेक्नोलॉजीज के शेयर गुरुवार यानी कि आज बीएसई और एनएसई पर एक विशेष प्री-ओपन सत्र (SPOS) में लिस्ट होंगे। कंपनी के शेयर 'बी' ग्रुप्स में ट्रेड करेंगे।
कितना रहेगी एक शेयर की कीमत
कंपनी के आईपीओ पर निवेशकों की शानदार प्रक्रिया के बाद शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि आज बाजार में कंपनी के शेयर में तेजी देखने को मिल सकती है। कंपनी के शेयर 900 रुपये प्रति शेयर पर खुल सकते हैं। अगर बाजार में मंदी जैसी स्थिति बनी रही तो नेटवेब टेक्नोलॉजीज का शेयर 850-870 रुपये प्रति शेयर पर भी खुल सकते हैं। नेटवेब टेक्नोलॉजीज के आईपीओ में सबसे ज्यादा दिलचस्पी क्वॉलीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) ने दिखाई है। इनकी तरफ से 220.69 गुना आईपीओ सब्सक्राइब हुआ है।
नेटवेब टेक्नोलॉजीज का आईपीओ
कंपनी का आईपीओ निवेशकों के लिए 17 जुलाई से 19 जुलाई की बीच खुला था। कंपनी ने इस आईपीओ के जरिये 631 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। कंपनी ने इसके लिए 206 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू जारी किया था।
आईपीओ का उद्देश्य
कंपनी इस आईपीओ के जरिये फ्रेश इश्यू में से 32.3 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिचर करेगा। वहीं, 128.02 करोड़ रुपये का उपयोग लॉन्ग टर्म वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इसके साथ ही कंपनी 22.5 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के लिए खर्च करेगा।
क्या आपके शहर में भी पेट्रोल- डीजल की कीमतों में हुआ है बदलाव....
27 Jul, 2023 10:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज सुबह सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के ताजा दामों को अपडेट कर दिया है। आज भी गाड़ी चालकों के लिए राहत की खबर है। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतजैसे के तैसे बने हुए हैं। आइए जानते हैं आज आपके शहर में प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल की कीमत कितनी है?
दिल्ली समेत अन्य महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में प्रति लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर
कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर
चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर
मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर
नोएडा समेत अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा में एक लीटर पेट्रोल 97.00 रुपये और डीजल 90.14 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम में पेट्रोल 97.01 रुपये और डीजल 89.88 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु में प्रति लीटर पेट्रोल 101.94 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़ में पेट्रोल की कीमत 96.20 रुपये और डीजल 84.26 रुपये प्रति लीटर
जयपुर में पेट्रोल 108.45 रुपये और डीजल 93.69 रुपये प्रति लीटर
पटना में एक पेट्रोल 107.42 रुपये और डीजल 94.21 रुपये प्रति लीटर
लखनऊ में पेट्रोल 96.62 रुपये और डीजल 89.81 रुपये प्रति लीटर
कच्चे तेल के दाम
देश की तेल कंपनियां वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों को तय किया जाता है। ब्रेंट क्रूड का भाव 0.56 गिरावट के साथ 79.02 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड 79.45 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ है। इन कीमतों में ढुलाई की लागत, टैक्स और डीलर कमीशन आदि भी शामिल होता है। इसी वजह से कई राज्यों में इनके दाम अलग होते हैं।
फोन से चेक करें दाम
आप अपने फोन से भी देश के सभी शहरों का पेट्रोल-डीजल के दामों को चेक कर सकते हैं। आपको अपने फोन से 92249 92249 RSP डीलर कोड लिखकर मैसेज करना है। इसके अलावा आप इंडियन ऑल ऐप को डाउनलोड करके भी ताजा रेट्स जान सकते हैं।