उत्तर प्रदेश
UP के बलिया में क्रूड ऑयल का विशाल भंडार, ONGC ने खुदाई शुरू की, ऊर्जा क्रांति का आगाज
22 Mar, 2025 07:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बलिया स्थित गंगा बेसिन में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का बड़ा भंडार मिला है. यह तेल और गैस का भंडार बलिया के सागर पाली से लेकर प्रयागराज के फाफामऊ तक करीब 300 किमी से भी अधिक क्षेत्र में है. माना जा रहा है कि इस भंडार की बदौलत देश दशकों तक इंधन के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा. इस भंडार की खोज ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन लिमिटेड (ONGC) ने की है और संबंधित विभागों से एनओसी हासिल कर ओएनजीसी ने बलिया के सागरपाली में खुदाई भी शुरू कर दी है.
फिलहाल यह खुदाई करीब 3 वर्ग कमी एरिया में हो रही है. इसके लिए इस एरिया को बाड़ लगाकर आम आदमी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. ओएनजीसी के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के लिए यह तेल और गैस का भंडार किसी तोहफे से कम नहीं है. बल्कि इस परियोजना के दम पर देश में चल रही विकास की दौड़ में उत्तर प्रदेश चौकड़ी भरने की तैयारी कर ली है. बता दें कि तीन साल पहले इस एरिया में तेल और गैस का भंडार मिलने की सूचना मिली थी.
तीन साल पहले मिले थे सबूत
इस सूचना के बाद ओएनजीसी ने तीन साल तक लगातार सेटेलाइट, भू-रासायनिक, गुरुत्वाकर्षण-चुंबकीय और मैग्नेटो-टेल्यूरिक (MT) सर्वेक्षण किए और इस सर्वे की रिपोर्ट के बाद केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से खुदाई के लिए अनुमति हासिल की है. रिपोर्ट के मुताबिक ओएनजीसी ने केंद्र और राज्य सरकार से एनओसी हासिल करते ही बलिया के सागर पाली में 8 एकड़ भूखंड को पट्टे पर लेकर खुदाई शुरू कर दी है. इसके लिए असम से क्रेन एवं अन्य अत्याधुनिक उपकरण व मशीनें मंगाई गई हैं.
8 एकड़ जमीन पर लगाई बाड़
खुदाई में किसी तरह की बाधा को रोकने के लिए ओएनजीसी ने पूरे एरिया को बाड़ लगाकर घेर दिया है. ओएनजीसी के अधिकारियों के मुताबिक यह खुदाई के बलिया के सागर पाली के पास वैना रत्तू चक में हो रही है. यह स्थान नेशनल हाईवे और सागरपाली गांव के बीच है. अधिकारियों के मुताबिक अभी केवल एक कुएं की खुदाई हो रही है. यह खुदाई करीब 3,001 मीटर की गहराई तक होगी. यहां से पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद गंगा बेसिन में चिन्हित अन्य स्थानों पर कुएं खोदे जाएंगे.
ये होगा फायदा
आजादी की लड़ाई में बलिया ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था. सागर पाली के ही रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी चित्तू पांडेय के नेतृत्व में बलिया ने देश में सबसे पहले आजादी का स्वाद भी चखा. अब चूंकि दुनिया ऊर्जा क्रांति की ओर बढ़ रही है, ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर बलिया इस क्रांति में शामिल होकर देश का नेतृत्व करने वाला है. ओएनजीसी के अधिकारियों का भी दावा है कि बलिया की मिट्टी में इतना तेल और गैस है, जिससे दशकों तक भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो सकता है. बस दिक्कत इतनी भर है कि यहां पर तेल और गैस काफी गहराई में है और वहां तक पहुंचने में अभी एक से डेढ़ महीने का वक्त लग सकता है.
BJP नेता योगेश रोहिला की पूरी कुंडली, पहले परिवार का नरसंहार, अब पत्नी-बच्चों की हत्या
22 Mar, 2025 06:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह में जघन्य हत्या कांड को अंजाम देने वाला भाजपा नेता योगेश रोहिला शातिर और अपराधी प्रवृत्ति का रहा है. योगेश के पिता पेशे से एक अध्यापक थे. चार बहनों और माता समेत परिवार में कुल सात सदस्य थे. योगेश अपने परिवार के लोगों को परेशान करता था. योगेश की प्रताड़ना से परेशान होकर 2007 में पिता-माता और चार बहनों समेत परिवार के 6 लोगों ने मौत को गले लगा लिया था.
जानकारी के अनुसार, 2007 में भाजपा नेता की प्रताड़ना से तंग आकर उसके पिता रमेश रोहिला, माता और चार बहनों समेत एक ही दिन में परिवार के 6 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. इस दौरान पुलिस ने 6 लोगों के शव गांव के श्मशान घाट से बरामद किए थे. जिन्हें जलती चिता से कब्जे में लिया गया था. इस पूरे प्रकरण में योगेश रोहिला और 60 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया था.
योगेश रोहिला लगातार अपने माता- पिता और बहनों को परेशान करता था. वह उन्हें खर्च भी नहीं दे रहा था. जिसके चलते पिता को लगा कि वह अब अपनी बेटियों की शादी भी नहीं कर पाएंगे. इसी के चलते परिवार के ही छह लोगों ने जहर का सेवन कर लिया था.
पहली पत्नी की भी हुई थी मौत
2013-14 में शादी होने के बाद 2015 में योगेश रोहिला की पहली पत्नी की भी संदिग्ध परिस्थिति में मौत हुई थी. जानकारी के अनुसार, उसे भी जहर दिया गया था, लेकिन राजनीतिक पकड़ के चलते पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया गया. अब 2025 में योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारी है जिनमें से तीनों की मौत हो चुकी है. पत्नी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है. अगर पूरे प्रकरण पर आकलन किया जाए तो 2007 से लेकर 2025 तक आरोपी भाजपा नेता के परिवार में अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है.
खुद को मानता है रसूखदार नेता
आरोपी भाजपा नेता स्वयं को बड़ा रसूखदार नेता मानता था. आसपास के क्षेत्र में भी इसका बड़ा खौफ था. भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के साथ उसका उठना बैठना रहा है. मुकदमे दर्ज कराने, लोगों को लोन दिलाने समेत कई मामलों में वो शामिल रहता था. इतना ही नहीं, कई लोग इसके खौफ से तंग आकर क्षेत्र को भी छोड़कर भाग गए.
पत्नी को करता था प्रताड़ित
भाजपा नेता योगेश रोहिला ने हत्याकांड को अंजाम देने से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को भी अपनी पत्नी की जमकर पिटाई की थी. ग्रामीणों ने अपना नाम छिपाने की शर्त पर बताया कि शुक्रवार को आरोपी ने अपनी पत्नी की चोटी पकड़ कर गांव में घुमाया और उसकी जमकर पिटाई भी की. पिछले दो महीने से लगातार पत्नी को टॉर्चर कर रहा था और उसके साथ मारपीट भी करता था. लगातार अपनी पत्नी के चरित्र पर शक कर रहा था. जिसके चलते पूरे परिवार को मानसिक और शारीरिक रूप से टॉर्चर कर रहा था.
आदिवासी संगठनों का रांची बंद , पुलिस ने किया कड़ा बंदोबस्त, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद
22 Mar, 2025 06:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सावधान ! अगर आप झारखंड की राजधानी रांची में रहते हैं या आज आपका राजधानी रांची जाने का कोई कार्यक्रम निर्धारित है तो उसे तत्काल स्थगित कर दें. ऐसा इसलिए क्योंकि आज रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे फ्लाईओवर के रैंप हटाने की मांग को लेकर कई आदिवासी संगठनों के द्वारा आज रांची बंद बुलाया गया है.
आदिवासी संगठनों के बंद को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस ने ऐतिहातन सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं. राजधानी रांची में सुरक्षा की कमान 1000 से ज्यादा जवानों के द्वारा संभाली जाएगी. रांची में आदिवासी संगठनों के बंद को लेकर हाई अलर्ट है. किसी भी प्रकार के उपद्रव और हिंसा से निपटने के लिए रांची जिला प्रशासन के द्वारा ड्रोन कैमरा ,सीसीटीवी कैमरे के साथ-साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के माध्यम से बंद समर्थकों निगरानी की जाएगी.
सीसीटीवी से की जा रही है निगरानी
कंट्रोल रूम में विशेष तौर पर पुलिस कर्मियों के द्वारा राजधानी रांची के विभिन्न चौक चौराहा पर लगे सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से किसी भी प्रकार के उपद्रव करने वाले आरोपियों को चिन्हित कर उन पर, कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राजधानी रांची के सिरम टोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सामने बन रहे सिरमटोली टोली फ्लाईओवर के रैंप जो केंद्रीय सरना स्थल के मुख्य द्वार के सामने पड़ता है. उस कारण वहां सरहुल सहित विभिन्न समारोह के दौरान लाखों की संख्या में पहुंचने वाले आदिवासी समाज के लोगों को कठिनाई होने वाली है. ऐसी आशंका जताते हुए अलग-अलग आदिवासी संगठनों के द्वारा लगातार रांची की सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा.
पूर्व में आदिवासी संगठनों के द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ,विधायक कल्पना सोरेन, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मराण्डी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सहित 30 से ज्यादा आदिवासी विधायकों की शव यात्रा निकालकर अनोखे तरीके से विरोध जताया था.
रांची बंद का आह्वान किया गया है. इस वजह से यहां बहुत से स्कूलों को बंद रखा गया है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन के द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से हाई अलर्ट करते हुए 1000 से अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है.
इन सुविधाओं की दुकानें खुली रहेंगी
बंद का आह्वान करने वाले आदिवासी संगठनों के द्वारा यह कहा गया है कि आवश्यक सेवा जैसे अस्पताल, एंबुलेंस ,दवा दुकान और परीक्षार्थियों को बंद से मुक्त रखा जाएगा. वहीं दूसरी तरफ सरना समितियां के बंद को लेकर रांची जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है.
बंद समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा गया है कि बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा करने उपद्रव करने और रांची की कानून व्यवस्था को तोड़ते हुए राजा की स्थिति उत्पन्न करने पर प्रशासन के द्वारा ऐसे लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
रांची में झारखंड विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही चल रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड के 81 विधानसभा सीटों से निर्वाचित विधायक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं लेकर पहुंच रहे. वहीं दूसरी तरफ रांची में आदिवासी संगठनों के द्वारा चक्का जाम और बंद बुलाए जाने के कारण रांची जिला प्रशासन के लिए आज का दिन काफी मुश्किल होने जा रहा है. आम लोग स्वत ही बंद को ध्यान में रखते हुए आज अपने निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर रहे हैं.
खम्मन पीर बाबा का रहस्य, अंग्रेज भी डरते थे, पटरियां दिन में बिछती और रात को उखड़ जाती थीं
22 Mar, 2025 03:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Khamman Peer Baba: लखनऊ में स्थित खम्मन पीर बाबा की मजार काफी जानी मानी है. यह मजार लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के बीचों-बीच स्थित है और इसकी अपनी एक दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान जब रेलवे लाइन बिछाई जा रही थी, तो खम्मन पीर बाबा की मजार के ऊपर से रेलवे लाइन बिछा दी गई. लेकिन जब रेलवे लाइन बिछाने का प्रयास हुआ, तो रातों-रात वह उखड़ी हुई पाई गई. इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक दोहराया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दिन में लोग रेलवे लाइन बिछाते और रात में वह उखड़ जाती. इसके बाद खम्मन पीर बाबा तत्कालीन अधीक्षण अभियंता के सपने में आए और बताया कि यह उनकी आरामगाह है, यहां इस तरह का प्रयास न किया जाए. इसके बाद से वहां रेलवे लाइन नहीं बिछाई गई, जबकि मजार के दोनों तरफ लाइनें बिछी हुई हैं.
लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं
लखनऊ के लोग मानते हैं कि खम्मन पीर बाबा की मजार पर दर्शन और पूजा करने से उनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लोग अपनी इच्छाएं बाबा से मांगते हैं और पूरी होने पर खम्मन पीर बाबा को चादर चढ़ाते हैं. यहां हफ्ते के सातों दिन भीड़ लगी रहती है, लेकिन गुरुवार यानी जुमेरात के दिन यहां ज्यादा लोग आते हैं.
गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल
खम्मन पीर बाबा की मजार पर हर रोज हजारों लोग दर्शन करने आते हैं, और यहां आने वालों में न केवल उत्तर प्रदेश के लोग, बल्कि अन्य प्रदेशों के लोग भी शामिल होते हैं. यहां मुस्लिमों के अलावा हिंदू भी बड़ी संख्या में आते हैं. हिंदू लोग यहां अपनी मनोकामनाएं मांगते हैं और पूरी होने पर बाबा को चादर चढ़ाने आते हैं. यहां ऐसा दृश्य देखने को मिलता है, जहां मुस्लिमों से ज्यादा हिंदू दर्शन करने के लिए आते हैं, जो गंगा-जमुनी तहजीब का अद्भुत उदाहरण है.
सांपनाथ और नागनाथ के बीच से कोई एक नहीं चुनना होगा, वैशाली में बोले प्रशांत किशोर
22 Mar, 2025 11:53 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दिवसीय दौरे पर वैशाली पहुंचे. महुआ प्रखंड स्थित गांधी मैदान में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वैशाली लोकतंत्र की जननी है. यह पाटलिपुत्र की धरती है, जहां से पूरे देश का शासन चलता था. नालंदा और विक्रमशिला में दुनिया भर से लोग ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे, लेकिन आज यहां 5 बच्चों को भी अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है.
उन्होंने कहा कि इसलिए इस बार बिहार की जनता को विकल्पहीनता के कारण सांपनाथ और नागनाथ (आरजेडी और बीजेपी) में से किसी एक को नहीं चुनना पड़ेगा. अब बिहार की जनता के पास जन सुराज का बेहतर विकल्प है. इस बार चुनाव में नेता का चेहरा देखकर वोट न दें, इस बार अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट दें. इस बार आप जाति, धर्म या अनाज के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें. प्रशांत किशोर का जगह जगह भव्य स्वागत किया गया.
40 साल से समाज केवल आरक्षण के लिए लड़ रहा है
एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि 40 साल से समाज इसी में लड़ रहा है कि किसको कितना आरक्षण मिल जाए. उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों के जीवन में सुधार का एकमात्र उपाय शिक्षा के क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट है और लोगों के हाथ में कैपिटल को उपलब्ध कराना ताकि स्वरोजगार को बढ़ावा मिले. अगर हमें ग्रोथ चाहिए और समाज में बराबरी लानी है तो यहां शिक्षा पर इन्वेस्टमेंट करना होगा. 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इस तरह से पढ़ाया जाए ताकि वो व्यवस्था पर बोझ न बने. उन पर इतना खर्च किया जाए ताकि वो प्रोडक्टिव हों.
पीके बोले- हम लोग झूठे वादे नहीं कर सकते
उन्होंने कहा कि अभी सुन रहे हैं कि सारी महिलाओं को 2500 रुपए महीने देने की बात है, लेकिन वो लोग ये बताएंगे कि इतना पैसा आएगा कहा से. हम लोग झूठे वादे नहीं कर सकते हैं. जो लोग इस तरह के वादे कर रहे हैं वो पहले ही दिन से झूठ बोल रहे हैं. बिहार सरकार का इतना बजट ही नहीं है तो फिर सभी महिलाओं को हर महीने 2500 रुपए कैसे दे देंगे.
बिहार के बाढ़ में सुपर पॉवर थर्मल प्लांट की तीसरी इकाई सिंक्रोनाइज, ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
22 Mar, 2025 11:50 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर स्थापित बिहार के बाढ़ में मौजूद राज्य का पहला सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 की तीसरी इकाई को शुक्रवार को सिंक्रोनाइज कर दिया है. इसे 26.3.25 से 72 घंटे के लिए पूरी क्षमता पर चलाया जाएगा. ताकि इस नई इकाई से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया जा सके. बाढ़ सुपर पॉवर थर्मल प्लांट के स्टेज-1 के तीन और स्टेज-2 की दो इकाई पूरी तरह से बिजली का उत्पादन करना शुरू हो जाएगा.
इस थर्मल पॉवर प्लांट के स्टेज-1 में बनी तीन इकाईयों में प्रत्येक से 660 मेगावाट क्षमता की हैं. जबकि स्टेज-2 की दो इकाईयों की भी क्षमता 660 मेगावाट की है. इस तरह स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से कुल 1980 मेगावाट हो जाएगा और दूसरे स्टेज की दो इकाईयों से 1320 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है . इसमें बिहार को स्टेज-1 की तीनों इकाईयों से 61 फीसदी यानी 1202 मेगावाट मिलेगी तथा स्टेज-2 की दो इकाईयों से 87 फीसदी यानी 1153 मेगावाट बिजली मिल रही है.
बिहार की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ी
इस अवसर पर माननीय ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के बेहतर नेतृत्व और राज्य में सुशासन की वजह से संभव हो पाया है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य को निर्बाध एवं सस्ती बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि, व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. बाढ़ विद्युत ताप परियोजना का सफल क्रियान्वयन बिहार को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ राज्य के विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
नीतीश कुमार के केंद्रीय मंत्री रहते रखी गई आधारशिला
बाढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन की इसकी आधारशिला 1999 में रखी गई थी. उस समय मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र सरकार में मंत्री थे. पहले इसमें 660 मेगावाट की सिर्फ तीन यूनिटें बनाने की योजना थीं. परंतु बाद में इसके दूसरे चरण को मंजूर करते हुए 660 मेगावाट की दो अतिरिक्त यूनिटों को बढ़ाया गया. इस तरह इस संयंत्र के स्टेज-1 में तीन तथा स्टेज-2 में दो यूनिटें बनाने की योजना को मूर्तरूप दिया गया, जो अब जाकर पूरा हो गया है.
जमीन अधिग्रहण में आई थी की चुनौती
राज्य सरकार ने इस बाढ़ थर्मल पॉवर प्लांट की जमीन के अधिग्रहण में एनटीपीसी को काफी सहयोग किया. जमीन अधिग्रहण में कई बार स्थानीय स्तर पर कई विवाद भी हुए, लेकिन राज्य सरकार ने विशेषतौर पर पहल करते हुए इसका समाधान कराया और जरूरत के मुताबिक जमीन इस पॉवर प्लांट को मुहैया कराई. राज्य सरकार ने इसमें आने वाली विधि-व्यवस्था की समस्या का भी विशेष पहल करते हुए समाधान कराया. तब जाकर इसका सपना साकार हो पाया.
स्टेज-1 की स्थापना में आई थी कई चुनौती
बाढ़ थर्मल पॉवर स्टेशन के स्टेज-1 की तीन यूनिटों को बनाने का जिम्मा एक रशियन कंपनी को दिया गया था. कंपनी को कार्य शुरू करने का वर्क ऑर्डर 2005 में दिया गया था. इसके बाद एनटीपीसी के साथ इस रसियन कंपनी का विवाद हो गया. 2005 से 2014 तक यह विवाद चला और इसका खामियाजा बाढ़ थर्मल प्लांट को उठाना पड़ा और इसका निर्माण कार्य विलंब हो गया. फिर इसे पूरा करने की जिम्मेदारी दूसरी कंपनी को सौंपी गई, जिसने इसे चरणवद्ध तरीके से पूरा किया. स्टेज-1 की पहली इकाई नवंबर 2021, दूसरी इकाई अगस्त 2023 तथा तीसरी इकाई का निर्माण कार्य मार्च 2025 में पूर्ण हुआ.
दूसरी तरफ इस प्लांट के स्टेज-2 के निर्माण का कार्य भारतीय हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड को सौंपा गया. इसने 2016 में ही इसका कार्य पूरा कर दिया और दोनों इकाईयां समय पर चालू हो गईं. इनसे 660-660 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है.
मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर हनुमान चालीसा की गूंज, पुलिस ने की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
22 Mar, 2025 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुजफ्फरपुर रेलवे जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाया जा रहा है. जंक्शन परिसर में इसे लेकर जोर-शोर से निर्माण कर चल रहा है. इस दौरान स्टेशन परिसर में स्थित मंदिर को रेलवे ने तोड़ दिया है. इसी के विरोध में विश्व हिंदू परिषद ने हजारों लोगों के साथ स्टेशन पर पहुंचकर हनुमान चालीसा का पाठ किया है. इस दौरान स्टेशन के आसपास के इलाके में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती थी. साथ ही स्टेशन स्थित मस्जिद में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम थे.
मुजफ्फरपुर के रेलवे स्टेशन कैंपस में हजारों की संख्या में लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. हिन्दू संगठनों ने मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मंदिर हटाए जाने के विरोध में आज यानी शुक्रवार को मुजफ्फरपुर बंद का एलान किया था. इसके अलावा उन्होंने आक्रोश मार्च भी निकाला. हजारों की संख्या में युवक, युवती और बुजुर्ग एक साथ मंदिर वहीं बनायेंगे का नारा लगाते हुए स्टेशन पहुंचे. यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ एसएसपी सुशील कुमार मौजूद थे.
स्टेशन पर पढ़ा हनुमान चालीसा
इसके बाद संगठन के लोगों ने एसएसपी से सामूहिक हनुमान चालीसा पढ़ने की मांग की जिसे प्रशासन ने मान लिया. इसके बाद सभी लोग स्टेशन पर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे. इतनी बड़ी संख्या में आए लोगों ने शांतिपूर्वक तरीके से अपनी बात रखी और लॉ एंड आर्डर का कोई मसला खड़ा नहीं होने दिया. इस दौरान जंक्शन परिसर छावनी में तब्दील रही. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात था. शहर के कई इलाकों में बंद का असर दिखा.
अलर्ट मोड पर था प्रशासन
दुकानें बंद कराई गई हैं. वहीं, VHP कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. आज जुमे की नमाज भी थी, जिसे देखते हुए प्रशासन अधिक अलर्ट मोड पर था. मुजफ्फरपुर एसएसपी सुशील कुमार ने कहा कि हम पूरी तरह से अलर्ट पर थे. कहीं से भी कानून व्यवस्था की गड़बड़ी की शिकायत नहीं मिली है. SSP ने बताया कि स्टेशन परिसर के मंदिर की मूर्तियां सुरक्षित हैं.
‘मूर्ति नहीं देने पर होगा आंदोलन’
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष संजीव सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन से जो आश्वासन मिला है. हम उससे संतुष्ट नहीं है. ये पहली सीढ़ी चढ़े हैं. जिला प्रशासन ने एक हफ्ते में मूर्ति देने की बात कही है अगर नहीं देंगे तो आंदोलन होगा. वहीं, जंक्शन परिसर में बनी मस्जिद के मुस्लिमों ने कहा कि हिंदुओं के जो मंदिर टूटा है. उस पर रेलवे प्रशासन बैठकर दोबारा विचार करें.
बिहार में STF से मुठभेड़ में लूटेरा चुनमुन झा हुआ ढेर, तनिष्क शोरूम लूट का था आरोपी
22 Mar, 2025 11:24 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अररिया के नरपतगंज मे एसटीएफ ने एनकाउंटर में एक बदमाश को मार गिराया है. मुठभेड़ में एसटीएफ के तीन जवान घायल हुए हैं. एक अन्य बदमाश भी एनकाउंटर में घायल हुआ है. ढेर हुए बदमाश का नाम चुनमुन झा है. वह पूर्णिया और आरा के तनिष्क शोरूम में हुई लूट में शामिल था. एनकाउंटर नरपतगंज के थलहा नहर के नजदीक हुआ है. मौके पर एसपी अंजनी कुमार समेत पुलिस के अधिकारी पहुंच गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, अररिया के नरपतगंज थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई. पटना एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने थलहा नहर के पास बदमाशों की घेराबंदी की. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हुई. एनकाउंटर में पूर्णिया तनिष्क लूटकांड का आरोपी और कुख्यात अपराधी चुनमुन झा को तीन गोलियां लगीं. उसे घायल अवस्था में अररिया सदर अस्पताल लाया गया.
बदमाशों ने की फायरिंग
मजलिसपुर, पलासी निवासी चुनमुन झा कई लूटकांडों का मास्टरमाइंड है. पुलिस को सूचना मिली थी कि वह अपने गैंग के साथ नरपतगंज में छिपा है. इसे पकड़ने के लिए पटना एसटीएफ की टीम अररिया पहुंची. स्थानीय पुलिस के सहयोग से थलहा नहर के पास दबिश दी गई. इसी बीच बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई. चुनमुन झा के पैर और सीने में तीन गोलियां लगीं, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा.
पुलिस के तीन जवान भी घायल
मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की ओर से हुई फायरिंग में तीन पुलिस के जवान घायल हुए. इनमें नरपतगंज थानेदार कुमार विकास और एसटीएफ के जवान मोहम्मद मुश्ताक, शहाबुद्दीन को गोली लगी. स्थानीय लोग मेहनाज प्रवीण और अजमुन खातून को भी चोटें आईं हैं. मुठभेड़ में एक अन्य अपराधी के पैर में गोली लगी, लेकिन वह फरार हो गया. अररिया पुलिस की ओर से एएसपी रामपुकार सिंह ने मोर्चा संभाला. पुलिस घायल चुनमुन झा और अन्य घायलों को लेकर अस्पताल पहुंची. बीच इलाज के दौरान बदमाश चुनमुन झा की मौत हो गई. सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर प्रदीप कुमार ने मौत की पुष्टि है.
बिहार दिवस पर पीएम मोदी ने दी बधाई, नीतीश कुमार ने भी दी शुभकामनाएं
22 Mar, 2025 11:20 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पूरे देश में आज बिहार दिवस मनाया जा रहा है. बिहार का इतिहास बहुत पुराना है, भारत के इतिहास में इस राज्य में अहम रोल निभाया है. साल 1912 में बंगाल के विभाजन के कारण बिहार एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था. साल 22 मार्च 1912 में अंग्रेजों ने बंगाल प्रांत से अलग करके बिहार को एक नई पहचान दी थी. इसी के चलते 22 मार्च को बिहार दिवस के मौके पर मनाया जाता है. आज यानी 22 मार्च 2025 को बिहार के गठन के 113 साल पूरे हो गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दिवस के मौके पर सभी को बधाई दी. पीएम ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, वीरों और महान विभूतियों की पावन धरती बिहार के अपने सभी भाई-बहनों को बिहार दिवस की ढेरों शुभकामनाएं.
पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने बिहार की विकास यात्रा को लेकर कहा, भारतीय इतिहास को गौरवान्वित करने वाला हमारा यह प्रदेश आज अपनी विकास यात्रा के जिस महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है, उसमें यहां के परिश्रमी और प्रतिभाशाली बिहारवासियों की अहम भागीदारी है. हमारी संस्कृति और परंपरा के केंद्र-बिंदु रहे अपने इस राज्य के चौतरफा विकास के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे.
सीएम नीतीश कुमार ने शुभकामनाएं दी
बिहार दिवस के मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी राज्यवासियों को बधाई दी. सीएम ने एक्स पर कहा, बिहार दिवस के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. बिहार का इतिहास गौरवशाली है और हम वर्तमान में अपने निश्चय से बिहार का गौरवशाली भविष्य तैयार कर रहे हैं. बिहार के भविष्य की बात करते हुए उन्होंने कहा, विकसित बिहार के सपने को साकार करने में भागीदारी के लिए मैं आप सभी का आह्वान करता हूं. हम सब मिलकर बिहार के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे.
जेपी नड्डा से लेकर अमित शाह ने क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा,समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अतुल्य परंपरा, शौर्य एवं ज्ञान की भूमि बिहार के स्थापना दिवस पर समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई व अनंत शुभकामनाएं देता हूं. भगवान बुद्ध और महावीर की तपोस्थली बिहार ने अपने ज्ञान, दर्शन और अध्यात्म की रोशनी से सदैव सम्पूर्ण विश्व को आलोकित किया है. उन्होंने पीएम मोदी का जिक्र करते हुए कहा, आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में NDA सरकार बिहार के चहुंमुखी विकास और जनकल्याण के लिए कृत-संकल्पित है.
गृह मंत्री अमित शाह ने बिहारवासियों को बिहार दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा, ज्ञान, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की भूमि बिहार ने हमेशा देश को नेतृत्व और नई ऊर्जा दी है. इतिहास के गौरवशाली अध्यायों से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण तक, बिहार ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है.
राहुल गांधी ने भी पेश की बधाई
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा, बिहार की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता, ज्ञान और कला ने सदियों से भारत का मान बढ़ाया है और दिशा दिखाई है. सभी प्रदेशवासियों को बिहार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, लोकतंत्र की जन्मस्थली, बिहार ज्ञान की भूमि है. बिहार से ही गांधी जी ने अंग्रेज़ी हुकूमत के खिलाफ भारतीयों की आवाज बुलंद की थी. बिहार दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई.
बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव है. इसी के चलते जनाधार को अपनी तरफ साधने के लिए खरगे ने आगे कहा, बिहार में सामाजिक न्याय, समानता व समावेशी विकास का अध्याय जल्द शुरू होने वाला है. अब वह समय आ गया है जब बिहार को लोकतंत्र और संविधान को सुरक्षित रखने के लिए अपनी भूमिका निभानी है.
बरेली में छात्र पर हुए बेरहमी हमले में सुप्रीम कोर्ट का कड़ा फैसला, दोषियों को उम्रकैद की सजा
22 Mar, 2025 09:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के भोजीपुरा से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें एक छात्र पर बेरहमी से हमला किया गया था. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए दोषियों को उम्रकैद की सजा दी है. इस हमले में छात्र की दोनों आंखों की रोशनी चली गई थी और वह करीब तीन महीने तक कोमा में रहा था.
यह घटना 9 अप्रैल 2020 की है. भोजीपुरा थाना क्षेत्र में रहने वाला 24 वर्षीय जसवंत मौर्य पॉलिटेक्निक की पढ़ाई कर रहा था. घटना वाले दिन शाम को उसकी भाभी उर्मिला छत पर कपड़े डालने गई थी. तभी पड़ोस में रहने वाले मोर सिंह ने उसे गंदी-गंदी गालियां देनी शुरू कर दी. जब जसवंत ने इसका विरोध किया तो मोर सिंह के साथ उसके भाई नरोत्तम दास, सुरेंद्र और अशोक भी आ गए. चारों ने मिलकर जसवंत पर लोहे की रॉड, खटिया की पट्टी और डंडों से हमला कर दिया. जसवंत को सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा.
तीन महीने कोमा में रहा युवक
शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और जसवंत को अस्पताल ले जाया गया. पहले उसे भोजीपुरा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिर जिला अस्पताल भेजा गया और आखिर में एक प्राइवेट अस्पताल में उसका इलाज हुआ. इस दौरान उसके सिर के दो ऑपरेशन किए गए. वह करीब तीन महीने तक कोमा में रहा. जब उसे होश आया. तब तक उसकी दोनों आंखों की रोशनी जा चुकी थी. अब वह न चल सकता है. न बोल सकता है और न ही खुद से खाना खा सकता है. उसके हाथ-पैर भी ठीक से काम नहीं कर रहे हैं.
कोर्ट में 10 गवाहों को पेश किया गया
जसवंत के परिजनों ने इस घटना के बाद भोजीपुरा थाने में हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने जांच के बाद मोर सिंह और नरोत्तम दास के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. कोर्ट में 10 गवाहों को पेश किया गया. इसमें इलाज करने वाले डॉक्टरों की भी गवाही शामिल थी. एडीजीसी संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि जज रवि कुमार दिवाकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए दोषियों को कड़ी सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए सख्त दंड दिया जाना जरूरी है. ताकि समाज में कानून का डर बना रहे.
अपराधियों को उम्रकैद की सजा
उन्होंने कहा, “शठे शाठ्यम समाचरेत्” यानी दुष्ट के साथ दुष्टता का व्यवहार करना चाहिए. अगर दोषियों को सजा देने में नरमी बरती गई, तो समाज में गलत संदेश जाएगा और लोगों का कानून से भरोसा उठ जाएगा. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जसवंत पर ऐसा हमला किया गया कि वह जीवन भर के लिए लाचार हो गया. उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई. वह खुद से चलने-फिरने और खाने-पीने में असमर्थ है. इस हालात में दोषियों को कड़ी सजा देना जरूरी है. ताकि फिर किसी के साथ इस तरह की घटनाएं न हो. कोर्ट ने अपराधियों पर कड़ी टिप्पणी करते हुए मोर सिंह और नरोत्तम दास को उम्रकैद की सजा सुनाई.
बरेली में पति-पत्नी के झगड़े बढ़े, पिछले चार साल में आठ गुना बढ़ी मामले की संख्या
22 Mar, 2025 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कहते हैं पति-पत्नी का रिश्ता ऐसा होता है, जो उम्र भर साथ चलता है. लेकिन जब इन्ही रिश्तों में दरार आने लगे तो दुश्वारियां बढ़ जाती हैं. आज के दौर में पति-पत्नी के रिश्तों में कड़वाहट होना आम होती जा रही है, जिसकी वजह से जिन्दगी भर चलने वाला यह रिश्ता बीच में टूट रहा है. ऐसे ही कुछ चौंकाने वाले आंकड़े उत्तर प्रदेश के बरेली जिले से आए हैं. जहां जिले में पति-पत्नी के झगड़े अब आम हो गए हैं.
बीते चार साल में ऐसे मामलों में आठ गुना बढ़ोतरी हुई है. छोटी-छोटी बातों पर रिश्तों में दरार आ रही है और शक गलतफहमियों की वजह से कई परिवार टूटने की कगार पर हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो हर दिन चार से पांच मामले वन स्टॉप सेंटर पहुंच रहे हैं. इनमें से 20-30 फीसदी मामले तलाक तक पहुंच जाते हैं, जिससे परिवारों में बिखराव बढ़ रहा है. साल 2021-22 में 141 मामले वन स्टॉप सेंटर पहुंचे, जो अब बढ़कर 1201 हो गए. इनकी बड़ी वजह दूसरी शादी और शक बन रहे हैं.
आंकड़ों में दिख रही चौंकाने वाली सच्चाई
वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक चंचल गंगवार ने Tv9 को बताया कि वर्ष 2021-22 में दंपती विवाद के 141 मामले दर्ज हुए. 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 370 हो गई. 2023-24 में 749 और 2024-25 में अब तक 1201 मामले दर्ज हो चुके हैं. इसका मतलब है कि बीते चार वर्षों में पति-पत्नी के झगड़ों में आठ गुना तक बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर की टीम पति-पत्नी को समझाने और उनके रिश्ते को बचाने की कोशिश कर रही है. जिला प्रोबेशन अधिकारी मोनिका राणा ने बताया कि कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि समझौता कराना मुश्किल हो जाता है, लेकिन फिर भी उनकी टीम पूरी कोशिश करती है कि परिवार को टूटने से बचाया जाए.
आखिर क्यों टूट रहे हैं रिश्ते?
पति-पत्नी के बीच विवाद की कई वजहें सामने आई हैं. इनमें शक, गलतफहमियां, आर्थिक तंगी, मोबाइल का अधिक इस्तेमाल, बाहरी संबंध और पारिवारिक दखल जैसे कारण रिश्तों में दरार डाल रहे हैं. मुस्लिम समुदाय में आने वाले 60 से 70 फीसदी मामलों की वजह पति का दूसरा निकाह है. कई बार पति बिना तलाक दिए दूसरा निकाह कर लेते हैं या पत्नी पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें घर से निकाल देते हैं, ऐसे में महिलाएं वन स्टॉप सेंटर और अदालत का सहारा लेती हैं.
बच्चों को लेकर भी बढ़ रहा तनाव
बरेली के बारादारी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक दंपती के बीच उनकी बेटी को लेकर विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ गया कि पत्नी को वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज करानी पड़ी. इसी तरह, प्रेम-त्रिकोण के मामले भी बढ़ रहे हैं. किसी का किसी और से अफेयर होने की वजह से भी पति-पत्नी के बीच दरार आ रही है. वन स्टॉप सेंटर और जिला प्रशासन ऐसे मामलों में दंपती को समझाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. कई बार बातचीत से मामला सुलझ जाता है, लेकिन जब पति-पत्नी किसी भी हालत में साथ रहने को तैयार नहीं होते तो उन्हें कानूनी मदद भी दी जाती है. बरेली में पति-पत्नी के झगड़ों में तेजी से बढ़ोतरी चिंता का विषय बन रही है. रिश्तों में विश्वास और पारिवारिक समझ बढ़ाने की जरूरत है ताकि परिवार बिखरने से बच सकें.
मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में नया खुलासा: पत्नी मुस्कान और आशिक साहिल ने मिलकर की क्रूर हत्या
22 Mar, 2025 09:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में कई रहस्मयी बातों का खुलासा हो रहा है. सौरभ की हत्या बेहद क्रूरता से की गई थी. कातिल पत्नी मुस्कान ने सौरभ के सीने पर बैठकर चाकू से उसके दिल पर तीन वार किए थे. उसके आशिक साहिल शुक्ला ने सौरभ का गला धड़ से अलग कर उसे अपने कमरे में ले गया था. जिस कमरे में वो सौरभ का सिर ले गया, उसे पुलिस ने सील कर दिया है. यह कमरा कई रहस्यों से भरा है. यहां की दीवारों पर लगीं पेंटिंग्स खौफनाक हैं. कमरे का माहौल बताता है कि यहां किसी तरह की तांत्रिक क्रियाएं की जाती थीं. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है.
साहिल शुक्ला एक खौफनाक दरिंदा और उससे भी क्रूर उसकी प्रेमिका मुस्कान रस्तोगी, दोनों ने जिस तरह सौरभ राजपूत की हत्या की वह डरावनी है. साहिल का व्यवहार बेहद रहस्यमयी है. उसके पड़ोस में रहने वाले लोगों की मानें तो साहिल की हरकतें किसी तांत्रिक या अघोरी की तरह थीं. उसके घर का एक कमरा अजीब था. उसकी हमेशा लाइट बुझी रहती थी. पुलिस ने जब कमरे को देखा तो वहां कई अजीब पेंटिग्स मिलीं.
रहस्यों से भरा है साहिल का कमरा
कमरे की दीवारों पर लाल और काले रंग से पोकेमॉन जैसी पेंटिग्स बनाई गई हैं. कई भगवान के चित्र भी बने हुए हैं. कमरे से बीयर की खाली बोतलें भी मिली हैं. जांच के लिए फॉरेंसिक टीम बुलाई गई. कमरे को सील कर दिया गया और जांच की जा रही है. जांच में पता चला है कि साहिल बिल्ली पालता था. वह उसे खाना खिलाने के लिए बाहर आता था. पड़ोसियों का आरोप है कि साहिल का अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के प्रति दीवानगी थी.
सिर काटकर कमरे में ले गया था साहिल
मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने जो किया वो बेहद क्रूर था. मुस्कान ने अपने पति सौरभ राजपूत की न सिर्फ हत्या की, बल्कि उसके शव के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं. दोनों ने सौरभ के शव के 15 टुकड़े किए. इनमें सिर और हाथ की दोनों कलाई साहिल अपने साथ अपने घर ले गया था. इस बीच मृतक सौरभ की मां रेणु देवी ने कहा है कि उनके बेटे की हत्या तंत्र-मंत्र के लिए की गई थी. उनक दावा है कि साहिल और मुस्कान तांत्रिक क्रियाओं से जुड़े थे. वहीं, पुलिस ने अभी तक इन दावों की पुष्टि नहीं की है.
खाने में मिलाकर दी थी नशीली दवा
सौरभ राजपूत की हत्या 3-4 मार्च की रात की गई थी. सौरभ अपनी पत्नी मुस्कान और बेटी के साथ किराए के मकान में रहता था. यह मकान उसके घर से कुछ ही दूरी पर था. बताया जाता है कि 3 मार्च की रात सौरभ अपने घर से खाना लेकर आया था. उसने वह खाना मुस्कान को गर्म करने के लिया. इस बीच मुस्कान ने उस खाने में नशीली दवा मिला दी. सौरभ खाना खाने के बाद बेहोशी की हालत में पहुंच गया. उसके बाद मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला को फोन कर उसे अपने घर बुला लिया.
शव के किए थे 15 टुकड़े
उसके बाद दोनों ने जो किया वो रौंगटे खड़े कर देना वाला है. साहिल ने मुस्कान से उसकी हत्या के लिए कहा. मुस्कान चाकू लेकर सौरभ के सीने पर बैठ गई. उसने सौरभ के दिल में तीन बार चाक़ू घोंपा. उसके बाद दोनों हैवान बन गए. उन्होंने एक-एक कर सौरभ के शव के 15 टुकड़े किए. साहिल शुक्ला ने सौरभ के धड़ से सिर अलग किया. वह सौरभ का सिर और दोनों हाथों की कलाई अपने साथ घर ले गया. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह के मुताबिक, साहिल अपने कमरे में सौरभ का सिर ले गया था. उन्होंने बताया कि सुबूत जुटाने के लिए मुस्कान और साहिल के मोबाइलों की जांच की जा रही है.
अजीब था साहिल का व्यवहार
इधर, मुस्कान रस्तोगी के माता-पिता ने दावा किया है कि उनकी बेटी को साहिल ने तंत्र-मंत्र के जरिए अपने वश में कर रखा था. उनका आरोप हैकि साहिल ने उनकी बेटी के दिमाग को अपने कब्जे में कर लिया था. उसे नशे की लत में डाल दिया. साहिल पीले और काले रंगे के कुर्ते अधिक पहनता था. उसके हाथों पर रहस्यमयी टैटू बने हुए थे. पुलिस के मुताबिक, दोनों ने सौरभ के शव के टुकड़ों को एक ड्रम में बंद कर उसे सीमेंट से सील कर दिया था. वारदात के बाद दोनों हिमाचल प्रदेश चले गए. उन्होंने कसौल में होली मनाई. वापसी आने पर पुलिस ने दोनों को 18 मार्च को गिरफ्तार किया.
निकांत जैन: दसवीं पास दलाल, सरकारी टेंडरों में करता था दखल, रिश्तेदारों के जरिए बनाई थी पैठ
22 Mar, 2025 09:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में वसूली के आरोप में निलंबित किए गए आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश का करीबी दलाल निकांत जैन दसवीं पास हैं. सरकारी विभागों से लेकर स्पोर्ट्स तक के टेंडर में सीधे दखल देते हैं. निकांत के पिता सुधीर कुमार जैन ए क्लास के ठेकेदार हैं. उनके भी राजनेताओं और नौकरशाहों से संबंध अच्छे हैं. ऐसे में निकांत ने उसी का फायदा निकाल कर अपनी पैठ बनाई. निकांत जैन का आवास गोमती नगर के विनम्र खंड में हैं.
एसटीएफ की छानबीन में आरोपी निकांत जैन अधिकारियों के लिए दलाली का काम करते थे. निकांत के कई आईएएस, पीसीएस आईपीएस सहित अन्य अधिकारियों से करीबी रिश्ते हैं. आरोपी एक अधिकारी जरिये से दूसरे अधिकारी संपर्क बनाता था और फिर उसके जरिए वसूली करता था. इसके अलावा निकांत के मोबाइल फोन से भी कई अधिकारियों के सबूत मिले हैं. इसके अलावा कुछ अधिकारियों से लेनदेन से संबंधित बातचीत के चैट भी पाए गए हैं. ऐसे में पुलिस साक्ष्य के तौर पर विवेचना में शामिल करेगी.
मोबाइल फोन से डाटा कर दिया डिलीट
सूत्रों का कहना है आरोपी गिरफ्तार किए जाने से पहले मोबाइल फोन से डाटा डिलीट कर दिया था, जिसे रिकवर किया गया है. इसके अलावा पुलिस आरोपी की कॉल डिटेल भी निकलवा रही है. निकांत जैन पर मेरठ लखनऊ और एटा में पहले से ही मुकदमे दर्ज है. धोखाधड़ी की पहला मुकदमा उस पर 2018 में मेरठ में दर्ज हुई थी. अधिकारियों की हस्तक्षेप के बाद हर बार बच जाते थे. पुलिस भी अफसर के दबाव में उसके खिलाफ कार्रवाई से बचती थी। आरोपी अपनी पहुंच की धौस जमा कर पीड़ित को डराता था.
निकांत के पिता थे ठेकेदार
सोलर कंपनी के वसूली के प्रयास में गिरफ्तार अभिषेक प्रकाश का विचौलियों निकांत जैन 12 कंपनी का मालिक भी थे, जिसमें 6 वर्तमान में चल रही हैं. ऐसे में शुक्रवार को जब एसटीएफ उसकी तलाश में विनम्र खंड स्थित आवास पहुंची तो रहन-सहन देखकर हैरान रह गई. निकांत के पिता सुधीर कुमार जैन ए क्लास के ठेकेदार हैं. उनके राजनीतिक और नौकरशाओं से भी अच्छे संबंध हैं.
अधिकारियों के मुताबिक निकांत की कंपनी में श्री बाहुबली इंफ्रा बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड ,एक्मे रियलिटी वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड , एसएसजी एग्रोटेक प्राइवेट , लिमिटेड श्री बाहुबली बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड, लिजर्ड रिटेल नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड, सौरभ पेट्रो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल है. इनमें निकांत के भाई सुकान्त जैन समेत कई परिजन निदेशक हैं. हालांकि में 6 कंपनियां अब बंद हो चुकी हैं. विराट खंड विनम्र खंड समेत राजधानी में कई पतो पर तमाम अन्य कंपनियां भी संचालित किए जाने के सबूत मिले हैं.
पिता की मृत्यु के बाद संभाला कारोबार
निकांत के पिता ने 2001 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर और 2007 में गोमती नगर विनय खंड में मिनी स्टेडियम सहित कई परियोजनाओं का निर्माण कराया था. मूल रूप से मेरठ निवासी सुधीर जैन 25 साल पहले लखनऊ आ गए थे. निकांत ने पिता की मृत्यु के बाद कारोबार संभाला और देखते ही तमाम अधिकारियों का करीबी बन गया.
आरोपी की गिरफ्तार के बाद उसके कारनामे उजागर होने लगे हैं. बताया जा रहा है आरोपी ने कई लोगों से धोखाधड़ी की है. पुलिस इन पीड़ितों के बारे में जानकारी जुटा रही है. यही नहीं आरोपी बेनामी संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है. माना जा रहा है कई अधिकारियों ने निकांत के फॉर्म निवेश किया है.
निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश योगी सरकार ने भी दिए हैं. सीनियर आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती के दौरान अकूत संपत्ति अर्जित की है. जानकारी के मुताबिक अभिषेक प्रकाश के पास हजारों करोड़ की जमीन, मकान ,होटल और पैसे की लेने की बात सामने आई है.
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश इन्वेस्ट के सीईओ और IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश पर SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से 5% कमीशन की मांग करने का गंभीर आरोप लगाया है. कंपनी के प्रतिनिधि की शिकायत पर जांच के बाद ये कार्रवाई की गई है.
ठेकेदार पर जुर्माना, स्टेडियम निर्माण में 3 साल की देरी, अब हर दिन 1000 रुपये का दंड
21 Mar, 2025 07:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार के द्वारा साल 2018 में करीब 6 करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम की नीव रखी गई थी. जिसे साल 2022 में पूरा करना था. स्टेडियम की बात करें तो यह स्टेडियम खेलो इंडिया योजना के तहत खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए था. जो एक पैन इंडियन स्पोर्ट स्कॉलरशिप प्रोग्राम है जो सालाना सभी खेलों के 1000 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को फंडिंग देता है. गाजीपुर में इस स्टेडियम के अधूरे होने के कारण अभी तक यह योजना धरातल पर नहीं आ पाई है.
जानकारी के मुताबिक, स्टेडियम को साल 2022 में खेल विभाग को ट्रांसफर हो जाना चाहिए था जिससे भारत सरकार के खेलो इंडिया योजना के तहत खिलाड़ियों को कई तरह के खेल, जिसमें क्रिकेट, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, फुटबॉल, एथलेटिक्स इत्यादि के खेलों के खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलता. लेकिन स्टेडियम का काम पूरा होना तो दूर, तय समय से भी 3 साल अधिक हो जाने के बाद भी स्टेडियम पूर्ण रूप से सभी मानकों पर पूरा नहीं हुआ. जिसके कारण आज तक यह खेल विभाग को ट्रांसफर नहीं हो पाया है.
2022 में पूरा होना था काम
स्टेडियम को बनाने वाली कार्यवाही संस्था, जिसे 2022 में स्टेडियम को पूर्ण कर लेना था. लेकिन जब दिसंबर 2023 तक यह पूर्ण नहीं हो पाया तब शासन के द्वारा संस्था पर 1000 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगाया गया. जो आज तक लगातार चल रहा है. काम को लेकर जनवरी महीने में एक टीम जब स्टेडियम पहुंची तो उसने बहुत सारे काम अधूरे पाए. जिसमें फील्ड के समतलीकरण के साथ ही ड्रिप सिंचाई ,वॉलीबॉल का कोर्ट और इत्यादि काम अभी पूरे नहीं हुए हैं.
काम करने वाली संस्था पर लगा जुर्माना
जिला खेल अधिकारी अरविंद यादव ने कहा कि शासन की मंशा के अनुसार यह स्टेडियम 2022 में पूर्ण हो जाना चाहिए था. लेकिन अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है, इस स्टेडियम में बहुत सारे काम आज भी अधूरे हैं और काम करने वाली संस्था को कई बार नोटिस भी दिया गया. लेकिन संस्था ने अभी तक इसे पूर्ण नहीं किया है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2023 से 1000 रुपए प्रतिदिन का जुर्माना लगाया गया है और यह जुर्माना उस दिन तक चलेगा जिस दिन तक संस्था इसे पूरा कर खेल विभाग को हैंडओवर करेगा.
मेरठ में जुमे की नमाज के दौरान मस्जिद में घेरा गया कारी शफीक, हंगामा बढ़ा
21 Mar, 2025 07:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ के कोतवाली क्षेत्र स्थित शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान बड़ा बवाल हो गया. शहर काजी होने का दावा करने वाले कारी शफीकुर्रहमान को मस्जिद में नमाज पढ़ाने और तकरीर करने से रोक दिया गया. मामला उस समय गरमा गया जब कारी शफीक माइक के पास पहुंचे, लेकिन उन्हें माइक नहीं दिया गया और इस बीच भीड़ ने उन्हें घेर लिया. हंगामे के बाद पुलिस को दखल देना पड़ा और सुरक्षा के बीच कारी शफीकुर्रहमान को मस्जिद से बाहर निकाला गया.
कारी शफीकुर्रहमान का कहना है कि उनके साथ बदसलूकी की गई और उन्हें जानबूझकर नीचा दिखाया गया. उन्होंने कहा कि वह खुद को शहर काजी मानते हैं और पूर्व शहर काजी जैनुल साजीदुद्दीन के इंतकाल के बाद से यह मामला लंबित है. मस्जिद में उनकी कुर्सी पर बैठने को लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है. कारी शफीक ने बताया कि जुमे की नमाज के लिए जब वह मस्जिद पहुंचे, तो उन्हें माइक भी नहीं दिया गया और मौलाना खुर्शीद ने नमाज अदा कराई.
काजी पद को लेकर हुआ विवाद
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, कुछ समय से शाही जामा मस्जिद में काजी की कुर्सी को लेकर विवाद चल रहा है. पूर्व शहर काजी जैनुल साजीदुद्दीन के इंतकाल के बाद नए काजी की घोषणा को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं. एक गुट कारी शफीकुर्रहमान का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा गुट उन्हें स्वीकार करने को तैयार नहीं है. इसी विवाद के चलते शुक्रवार को मस्जिद में जमकर हंगामा हुआ.
पुलिस ने करी शांति की अपील
पुलिस ने हालात को संभालते हुए मस्जिद में मौजूद लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और किसी भी पक्ष को कानून हाथ में लेने नहीं दिया जाएगा. इस विवाद को लेकर शहर में चर्चा तेज है. मस्जिद समिति ने फिलहाल इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन काजी की कुर्सी पर विवाद और गहराने के आसार हैं