उत्तर प्रदेश
बरेली में तनाव: मौलाना तौकीर रजा हाउस अरेस्ट, पुलिस से तीखी झड़प के बाद सड़कों पर सन्नाटा
16 Jun, 2025 11:56 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को रविवार को बरेली में उस वक्त उनके आवास पर ही नजरबंद कर दिया गया, जब वह मुस्लिम समाज पर कथित अत्याचारों के खिलाफ गिरफ्तारी देने के लिए कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालने की तैयारी में थे। इस दौरान मौलाना के समर्थकों और पुलिस बल के बीच तीखी झड़प देखने को मिली, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया।
सुबह से ही मौलाना तौकीर रजा के आवास के बाहर बड़ी संख्या में उनके समर्थक जुटना शुरू हो गए थे। मौलाना ने घोषणा की थी कि वह अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे "जुल्म" के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए अपनी गिरफ्तारी देंगे। हालांकि, पुलिस ने किसी भी तरह की भीड़ को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त इंतजाम किए थे। जैसे ही मौलाना ने घर से बाहर निकलने की कोशिश की, पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दौरान पुलिस और मौलाना के समर्थकों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। समर्थक बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश कर रहे थे, जबकि पुलिस उन्हें नियंत्रित करने का प्रयास कर रही थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, मौलाना तौकीर रजा के आवास और आसपास के संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान तैनात कर दिए गए। पूरे शहर में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है, जिसके तहत चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी है।
नजरबंद किए जाने के बाद मौलाना तौकीर रजा ने मीडिया से बात करते हुए देश के मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा, "ये देश में कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।" मौलाना ने बजरंग दल जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की भी पुरजोर मांग की। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की तैयारी को "देश में नई क्रांति लाने की पहल" बताया, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ना है।
पुलिस की कड़ी चौकसी के बावजूद, मौलाना तौकीर के कुछ वफादार समर्थक और आईएमसी के नेता सेठ दामोदर पार्क के बाहर धरने पर बैठ गए। वे मौलाना की रिहाई और उनकी मांगों को पूरा करने की मांग कर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए कोई बल प्रयोग नहीं किया, लेकिन स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
बरेली में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है, और प्रशासन किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तरह से सतर्क है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक मुद्दों को लेकर पहले से ही तनाव का माहौल बना हुआ है।
मथुरा में बड़ा हादसा: निर्माणाधीन खुदाई बनी काल, 6 मकान गिरे, रेस्क्यू जारी
16 Jun, 2025 11:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक साथ 6 मकानों के भरभराकर गिरने का मामला सामने आया है. मलबे के नीचे दबने से 3 लोगों की मौत हो गई है. वहीं, अभी भी कई लोग मलबे में दबे हुए बताए जा रहे हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. अचानक मकानों के गिरने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां बाड़े में (खुली भूमि) में JCB से खुदाई चल रही थी. इस दौरान यह हादसा हो गया.
मथुरा के थाना गोविंद नगर क्षेत्र में एक बड़ी घटना सामने आई है. यहां कच्ची सड़क पर बने 6 मकान अचानक भरभराकर गिर गए. यह मकान कच्चे टीले पर बने हुए थे. मकान गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.
अचानक भरभरा कर गिरे 6 मकान
जानकारी के मुताबिक, रविवार दोपहर करीब 12 बजे ये हादसा हुआ. अबतक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. 4 लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया है. अभी भी 10-12 लोगों के दबे होने की खबर है. मलबे मे दबे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है.
सूचना मिलने पर पुलिस, नगर निगम, प्रशासन और दमकल की टीम मौके पर पहुंची हैं. रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. मृतकों की पहचान तोताराम (38), दो सगी बहनें यशोदा (6) और काव्या (3) के तौर पर हुई है.
जेसीबी से चल रही थी खुदाई
सभी 6 मकान जो ढहे हैं, वो मिट्टी के टीले पर बने हुए थे. लोगों ने बताया कि यहां बाड़े (खुली भूमी) में JCB से खुदाई चल रही थी. तभी अचानक मिट्टी धसी और एक के बाद एक सभी मकान मलबे में तब्दील हो गए.
लोगों ने बताया कि जब हादसा हुआ तो ऐसा लगा कि भूकंप आ गया हो. लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. वहीं पुलिस लोगों से पूछताछ कर घटने की जांच में जुट गई है.
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर खुले रहेंगे सरकारी स्कूल
16 Jun, 2025 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सभी सरकारी स्कूल खुले रहेंगे। माह का तीसरा शनिवार होने पर भी स्कूल खुले रहेंगे।
इस दिन सभी स्कूलों में 'योग संगम' का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बच्चे, शिक्षक, अभिभावक और विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य योग करेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिया। इसे लेकर भेजे गए पत्र में बकायदा केंद्र के पत्र भी सम्मिलित किया गया है।
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने अपने पत्र में सभी स्कूलों में केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुसार सुबह 6.30 बजे से 7.45 बजे तक सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम के आयोजन करने के निर्देश दिए है।
इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य लोगों को भी बुलाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलों से इस आयोजन को लेकर गूगल शीट पर रिपोर्ट भी देने को कहा गया है।
इस कार्यक्रम के सफल आयोजन की जवाबदेही संबंधित स्कूलों के प्रधानाध्यापक और योग क्लब की होगी। शिक्षा विभाग ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी के रूप में स्कूलों में एक दिन तथा एक साथ सूर्य नमस्कार तथा योगाभ्यास का आयोजन कराया था।
बताते चलें कि सरकारी स्कूलों में प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को अवकाश रहता है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्कूल खुले रहेंगे। हालांकि, स्कूल कितनी देर खुले रहेंगे, जिलाें को भेजे गए पत्र में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
केंद्र के पत्र में इतना ही कहा गया है कि सुबह 6.30 बजे से 7.45 बजे तक योग संगम के आयोजन के लिए स्कूल खुले रहेंगे।
इसे लेकर शिक्षकों में संशय भी है कि स्कूल सुबह 7.45 तक ही खुले रहेंगे या अन्य दिनों की तरह पूर्वाह्न 11.30 बजे तक। शिक्षकों ने अपने-अपने संघ के जरिए विभाग के माध्यम से इससे स्पष्ट करने की मांग उठाई है।
उत्पाद सचिव मनोज कुमार से आज एसीबी करेगी पूछताछ
16 Jun, 2025 11:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। झारखंड में जारी शराब घोटाले में उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग के वर्तमान सचिव मनोज कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने मनोज कुमार को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया है। सोमवार को उनसे गहन पूछताछ होगी। उन पर फर्जी बैंक गारंटी को छिपाने, अवैध वसूली को संरक्षण देने और एक खास बीयर कंपनी को लाभ पहुंचाने जैसे संगीन आरोप हैं। इस घोटाले से राज्य सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
एसीबी की जांच में खुलासा हुआ है कि फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर मैनपावर आपूर्ति करने वाली एजेंसियों को ठेके दिए गए। मेसर्स मार्शन इनोवेटिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज जैसी कंपनियों ने 2023 से फर्जी गारंटी के जरिए काम शुरू किया, जिससे सरकार को 38 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि नवंबर 2024 में छत्तीसगढ़ की दो कंपनियों मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ओम साईं विबरेजेज प्राइवेट लिमिटेड को बिना मंत्री की जानकारी के 11 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया, जबकि इन कंपनियों पर 450 करोड़ रुपये का बकाया था। मनोज कुमार पर इन अनियमितताओं को छिपाने का आरोप है।
शराब पर अवैध वसूली और खास बीयर कंपनी को लाभ
शराब घोटाले में एक और सनसनीखेज खुलासा यह है कि एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बिक्री के जरिए अवैध वसूली की गई। जांच के अनुसार, बीयर की प्रति बोतल पर 10 रुपये अतिरिक्त वसूले गए, जिससे हर महीने करीब 48 लाख रुपये और सालाना 57 करोड़ रुपये की अवैध कमाई हुई। यह पैसा नीरज कुमार सिंह और मनोज कुमार के करीबी रिश्तेदार अंशु के जरिए पहुंचाया जाता था। अंशु को हर माह 50 लाख रुपये दिए जाते थे।
इसके अलावा, एक खास बीयर कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए अन्य ब्रांडों की आपूर्ति रोककर दबाव बनाया गया। दुकानदारों को इस कंपनी की बीयर बेचने के लिए मजबूर किया गया, जिसके पीछे मनोज कुमार की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।
एसीबी की कार्रवाई और गिरफ्तारियां
एसीबी ने इस मामले में अब तक 27 लोगों को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। पूर्व उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, और झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और सुधीर कुमार दास को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नीरज कुमार सिंह, जो अवैध वसूली का प्रमुख किरदार माना जाता है, भी जेल में है। छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, क्योंकि वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए। एसीबी ने पूर्व आयुक्त अमित प्रकाश से भी पूछताछ की, लेकिन उनके जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए।
दो आईएएस अधिकारियों, करण सत्यार्थी और फैज अक अहमद, जिन्होंने इस घोटाले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, को एसीबी ने गवाह के तौर पर बुलाया है। इनसे पूछताछ के दौरान नए तथ्य सामने आने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार मनोज कुमार को उनके पद से हटाने की कार्रवाई शुरू कर सकती है। जांच में यह भी सामने आया है कि मनोज कुमार ने नौ महीनों में 200 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा होने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। एसीबी का मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर चल रहे इस घोटाले की जानकारी मनोज कुमार को थी और अब उनसे सख्त पूछताछ की जाएगी।
नकली विजिलेंस अफसर कोलकाता से गिरफ्तार
16 Jun, 2025 11:25 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जमशेदपुर। कदमा और टेल्को समेत कई थाना क्षेत्रों में नकली विजिलेंस अफसर और सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को ठगने वाले जयंत कुमार जायसवाल को जमशेदपुर पुलिस ने कोलकाता से गिरफ्तार किया है। आरोपी महिलाओं को धमकाकर लाखों रुपये के आभूषण ठगता था।
पुलिस पूछताछ में जयंत ने बताया कि आइपीएल में सट्टेबाजी में हारने के बाद उसने ठगी का रास्ता अपनाया। वह देश के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूमकर इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता था।
ठगी की घटनाओं के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले
कदमा और टेल्को थाना क्षेत्र में हाल ही में हुई ठगी की घटनाओं के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे जयंत की पहचान हुई।
चूंकि वह जमशेदपुर का रहने वाला नहीं था, इसलिए उसकी पहचान करने में थोड़ा समय लगा। जयंत घरों में घुसकर महिलाओं को धमकाता था और खुद को विजिलेंस या सीबीआई का अधिकारी बताता था।
इसके बाद वह उनसे लाखों रुपये के आभूषण ठगकर फरार हो जाता था। पुलिस जयंत को जमशेदपुर ला रही है और उससे पूछताछ कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने और कहां-कहां इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरफ्तारी से कई और मामलों का खुलासा हो सकता है।
धनबाद से मुंबई जाने वाले यात्री ध्यान दें!
16 Jun, 2025 11:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
धनबाद। धनबाद से लोकमान्य तिलक मुंबई के बीच चलने वाली साप्ताहिक एसी स्पेशल ट्रेन 17 जून से जनरल व स्लीपर के कोच के साथ चलेगी।
अभी 10 थर्ड एसी इकोनामी कोच, पांच थर्ड एसी व पांच सेकेंड एसी कोच के साथ चल रही ट्रेन में साधारण श्रेणी के छह, स्लीपर के छह, इकोनामी चार, थर्ड एसी व दो व सेकेंड एसी दो कोच जोड़े जाएंगे। जनरल व स्लीपर कोच जुड़ने से कम आय वर्ग वाले यात्री कम किराए में मुंबई पहुंच सकेंगे।
कोच संयोजन में बदलाव के बाद धनबाद से 24 जून तक तथा वापसी में लोकमान्य तिलक से 26 जून तक ही टिकट बुक हो रहे हैं। फेरे विस्तार नहीं होने से जुलाई से टिकट बुकिंग नहीं हो रही है इससे यात्रियों में मायूसी है।
आखिर किस बात पर लड़के को करनी होगी 7 दिन मंदिर की सफाई? न्याय परिषद का चौंकाने वाला आदेश
14 Jun, 2025 06:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के गोपालगंज की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने एक बच्चे को एक अनोखी सजा सुनाई, जहां नाबालिग को सुधरने का एक मौका दिया और उसे जेल नहीं भेजा, बल्कि सजा के तौर पर थावे मंदिर में एक हफ्ते तक सफाई करने के लिए कहा. दरअसल किशोर न्यायिक बोर्ड के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी (Chief Judicial Magistrate) ने ऐसा फैसला नाबालिग बच्चों को आपराधिक मानसिकता से बचाने के लिए लिया.
मजिस्ट्रेट का मानना है कि किशोरों को सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए, जिससे की जुर्म के रास्ते पर न चलें. उन्होंने हाल ही में शराब तस्करी में शामिल एक नाबालिग आरोपी को सुधरने के लिए लिए मौका दिया और सात दिन तक मंदिर में सफाई करने का फैसला सुनाया. क्योंकि किशोर ने तस्करी में पकड़े जाने के बाद अपना जुर्म कबूल कर लिया था और कहा था कि तस्करों ने उसे पैसों का लालच दिया था.
मजिस्ट्रेट ने सुधरने का दिया मौका
किशोर पिछले साल उत्तर प्रदेश से शराब की तस्करी करने के आरोप में पकड़ा गया था. उसके साथ एक और तस्कर था, जिसे जेल भेज दिया गया था. लेकिन ये नाबालिग था. इसलिए इसका मामला किशोर न्याय बोर्ड में दर्ज कराया गया था, जिसके बाद इस मामले में केस चला. पुलिस और दूसरे पक्ष ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं, जिन्हें सुनने के बाद मजिस्ट्रेट ने अपना फैसला सुनाया और किशोर को सुधरने का एक चांस दिया, जिसके बाद किशोर ने भी सुधरने की शपथ ली और दोबारा कोई गलत काम न करने की बात कही.
मंदिर में साफ-सफाई का काम
किशोर को थावे मंदिर में एक हफ्ते तक सफाई करने का आदेश दिया गया. इस मामले पर थावे मंदिर के पुजारी संजय पांडे ने कहा कि बोर्ड की ओर से एक पत्र के जरिए आदेश की जानकारी दी गई. अब उसी के आधार पर किशोर से मंदिर में साफ-सफाई का काम कराया जाएगा. किशोर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और उसने अपनी गलती भी मानी थी. इसलिए उसे सुधार का मौका दिया गया है.
अटल पथ पर खूनी खेल: 'बार-बार चेकिंग' से गुस्साए स्कॉर्पियो सवार ने पुलिसवालों को रौंदा
14 Jun, 2025 06:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार राजधानी पटना में वाहन चेकिंग दौरान स्कार्पियो सवार युवकों ने तीन पुलिसकर्मियों को रौंद दिया था. इसमें से एक महिला कांस्टेबल की मौत हो गई. वहीं, दो दरोगा भी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. घटना के बाद दोनों कार सवार आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि आखिर क्यों उन्होंने पुलिसकर्मियों को देखकर कार की स्पीड कम करने की जगह उन पर चढ़ा दी.
पटना के अटल पथ पर पुलिस बुधवार को गाड़ियों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान पुलिस ने एक स्कार्पियो कार को रुकने का इशारा किया. कार सवार युवकों ने गाड़ी को रोकने की बजाय तीन पुलिसकर्मियों को रौंद दिया. कार के नीचे आने से ड्यूटी पर तैनात एसके पुरी थाने के तीन पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए. इनमें एसआई दीपक मणि, एएसआई अवधेश कुमार और महिला कांस्टेबल कोमल शामिल थी.
तीन आरोपी अरेस्ट
तीनों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद कांस्टेबल कोमल को मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी होते ही पटना के एसएसपी अवकाश कुमार तुरंत मौके पर पहुंच गए और उन्होंने टक्कर मारने वाले दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है. पकड़ गए आरोपियों की पहचान प्रॉपर्टी डीलर निखिल, अंकित और कुलदीप के तौर पर हुई है. वहीं, एक आरोपी राजा अब भी फरार चल रहा है. निखिल और अंकित को घटना के तुरंत बाद अरेस्ट कर लिया गया था.
जानें पुलिसकर्मियों पर क्यों चढ़ाई कार
वहीं, कुलदीप को अगले दिन अरेस्ट किया गया था. स्कार्पियो कार को प्रॉपर्टी डीलर निखिल चला रहा था. यह कार भी उसी की है. बाकी लोग कार में मौजूद थे. पुलिस की पूछताछ में प्रॉपर्टी डीलर निखिल और अंकित ने बताया कि वह पिछले कुछ दिनों से रोजाना जेपी गंगा पथ पर स्कॉर्पियो से घूमने जाते थे. इस दौरान वह बार-बार हो रही चैकिंग से परेशान हो गए थे. इस बात से परेशान होकर उन्होंने पुलिसकर्मियों पर कार चढ़ा दी.
गोरखपुर में विक्षिप्त महिला से गैंगरेप, पुलिस का 'हाफ एनकाउंटर', एक आरोपी गिरफ्तार
14 Jun, 2025 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोरखपुर में मानसिक रूप से विक्षिप्तमहिला से गैंगरेप के मुख्य आरोपी को शुक्रवार की देर रात गोरखपुर पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के घेराबंदी करने के बाद आरोपी युवक ने पुलिस पर फायरिंग की और भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्यवाही में आरोपी युवक को पैर में गोली लगी, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. युवक बेलघाट थाना क्षेत्र में एक महिला के साथ गैंगरेप का मुख्य आरोपी है.
आरोपी की पहचान बेलघाट थाना क्षेत्र के बेलाव निवासी शफीक खान उर्फ गोलू के रूप में हुई है. पुलिस ने शफीक के पास से एक तमंचा और एक खोखा भी बरामद किया है. इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी. शुक्रवार की देर रात पुलिस मुखबिर की सूचना पर मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हीरा मंडी गई थी.
तीन लोगों ने किया महिला से गैंगरेप
पुलिस टीम जब उसे पकड़ने गई तो वह भागने लगा. उसने पुलिस पर फायरिंग भी कर दी. इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मुख्य आरोपी शफीक उर्फ गोलू को पैर में गोली लग गई, जिसके बाद वह गिर पड़ा और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, गोरखपुर के बेलघाट थाना क्षेत्र में बुधवार को तीन आरोपियों ने एक महिला के साथ गैंगरेप किया था.
नदी के किनारे जा रही थी महिला, तभी पकड़ा
55 वर्षीय एक महिला बुधवार की शाम को शाहपुर तटबंध होते हुए नदी के किनारे जा रही थी. आरोप है कि इसी दौरान तीन युवकों ने उसे पकड़ लिया और उसके साथ रेप किया. तीनों आरोपियों के चंगुल में फंस चुकी महिला ने अपने आप को बचाने के लिए शोर मचाया. उसकी आवाज सुनकर जब एक महिला वहां पहुंची तो तीनों आरोपी वहां से फरार हो गए.
पीड़ित महिला के पति ने की शिकायत
इसके बाद वो महिला पीड़िता को उसके घर ले गई और परिजनों को घटना की जानकारी दी. इसके बाद पीड़ित महिला के पति ने इसकी शिकायत पुलिस से की, जिसके बाद गुरुवार को पुलिस ने आरोपी सोनू और गप्पा , मुहम्मद रजा उर्फ बबलू, और शफीक खान उर्फ गोलू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया और आरोपियों की तलाश में जुट गई.
शुक्रवार की दोपहर पुलिस ने आरोपी सोनी और बबलू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वहीं शुक्रवार की देर रात मुठभेड़ में तीसरे मुख्य आरोपी शफीक को गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस उसे भी जेल भेजने में तैयारी में जुट गई है.
पूर्व सीएम मधु कोड़ा पर हाईकोर्ट ने चौथी बार लगाया जुर्माना
14 Jun, 2025 12:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगे जाने पर हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर आठ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
जुर्माने की राशि झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार( झालसा) में जमा करने का निर्देश अदालत ने दिया है। इसके पहले भी समय मांगने पर मधु कोड़ा पर हाईकोर्ट तीन बार जुर्माना लगा चुका है।
मधु कोड़ा लंबे समय से इस मामले में जवाब दाखिल नहीं कर रहे हैं। हर बार समय की मांग कर रहे हैं। जवाब दाखिल नहीं करने पर उन पर 13 दिसंबर 2024 को एक हजार, 17 जनवरी 2025 को दो हजार रुपये कोर्ट ने हर्जाना लगाया था। तीसरी बार भी जवाब दाखिल नहीं करने पर कोर्ट ने चार हजार का हर्जाना लगाया था।
ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने मधु कोड़ा के खिलाफ आरोप तय किया है। कोड़ा ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
मधु कोड़ा पर ये है आरोप
मधु कोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए हैदराबाद की बिजली कंपनी आइवीआरसीएल के निदेशक डीके श्रीवास्तव से मुंबई में 11.40 करोड़ रुपये रिश्वत ली थी।
साथ ही कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए उसे लातेहार, गढ़वा और पलामू सहित छह जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण करने का टेंडर दे दिया।
इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है, इसमें मधु कोड़ा ढाई साल तक जेल में रहे थे। उन्हें 30 जुलाई 2013 को जमानत मिली थी।
आरोप है कि हैदराबाद की ब्लैक लिस्टेड कंपनी आइवीआरसीएल को काम दिया गया था। वर्ष 2006 में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजना के लिए झारखंड को केंद्र से 467.76 करोड़ रुपये मिले थे।
इस परियोजना के तहत झारखंड के छह जिलों के 27359 गांवों का विद्युतीकरण किया जाना था। इससे 29.26 लाख परिवारों को सीधे तौर पर लाभ मिलता।
'मैं हिंदुस्तानी हूं!': 6 दशक से भारत में रह रही पाकिस्तानी मूल की महिला पर FIR, फर्जी दस्तावेजों का आरोप
14 Jun, 2025 12:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के बरेली में विदेशी नागरिकों की पहचान के लिए चलाए जा रहे ‘ऑपरेशन खोज’ के दौरान पुलिस ने एक महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. बारादरी थाना क्षेत्र के सूफी टोला इलाके में पुलिस को एक महिला मिली, जो पाकिस्तान में पैदा हुई थी, लेकिन बीते 60 साल से बरेली में रह रही थी. महिला का नाम फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा है.
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि महिला के पास आधार कार्ड, वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसे जरूरी दस्तावेज हैं. लेकिन जब उनसे भारतीय नागरिकता से जुड़े कागज़ मांगे गए, तो वो कोई प्रमाण नहीं दिखा सकीं. इसके बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज की है.
फरहत का दावा- ‘मैं पाकिस्तानी नहीं, हिन्दुस्तानी हूं’
पुलिस की पूछताछ पर फरहत सुल्ताना ने साफ तौर पर कहा कि वो खुद को भारतीय मानती हैं. उनका कहना था, मेरा जन्म भले ही 1961 में पाकिस्तान में हुआ हो, लेकिन जब मैं सिर्फ 8 महीने की थी. तब ही मेरे परिवार वाले मुझे बरेली ले आए थे. मुझे पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं पता. मेरी पूरी ज़िंदगी यहीं गुज़री है. मेरी आंखें भारत में खुलीं, मेरी परवरिश यहीं हुई. मुझे पाकिस्तानी मत कहो, मैं हिन्दुस्तानी हूं. फरहत का कहना है कि उन्होंने कभी पाकिस्तान की धरती को जाना ही नहीं, और उन्हें भारत में ही रहना है क्योंकि यहीं उनका घर है, परिवार है, और पूरी ज़िंदगी यहीं बीती है.
64 साल से रह रही बरेली में, बनाए सरकारी दस्तावेज
फरहत सुल्ताना का कहना है कि वे पिछले 64 सालों से बरेली में रह रही हैं. इस दौरान उन्होंने स्थानीय स्तर पर सभी जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी आदि बनवा लिए थे, जिनकी मदद से वे सरकारी सुविधाएं ले रही थीं. हालांकि अब जब जांच में ये बात सामने आई कि उनके पास भारतीय नागरिकता का कोई वैध प्रमाण नहीं है, तो पुलिस ने उनके बनाए हुए दस्तावेजों की कानूनी जांच शुरू कर दी है.
बरेली में ही हुई है शादी
फरहत सुल्ताना की बरेली में ही शादी हुई है और उनके पांच बच्चे हैं, जिनमें चार बेटियां और एक बेटा है. एक बेटी की 1 साल पहले मौत हो चुकी है. फरहत सुल्ताना कहना है कि पति झगड़ा करता है और घर का खर्चा भी नहीं देता है और ना ही घर पर आता है. बेटियों की शादियों का खर्चा भी नहीं दे रहा है. मैं बहुत परेशान हूं. मैं भारत की ही हूं. मेरे को परेशान ना किया जाए. पुलिस मुझे थाने ले गए. एक कागज पर साइन कर 3 घंटे बाद घर वापस भेज दिया. मुझे मुकदमे के बारे में नहीं बताया था. मेरे साथ अन्याय हो रहा है.
एसपी सिटी ने दी जानकारी
एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि जिले में ऑपरेशन खोज नाम से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जा रही है. इस अभियान के दौरान फरहत सुल्ताना का मामला सामने आया.
मानुष पारीक ने बताया, फरहत सुल्ताना का जन्म पाकिस्तान में हुआ है और उनके पास भारतीय नागरिकता से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं. फिर भी उन्होंने आधार कार्ड और राशन कार्ड बनवा लिए हैं, जो कानून के खिलाफ है. इस कारण बारादरी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच चल रही है.
जानिए अगला कदम क्या होगा
अब पुलिस और प्रशासन यह जांच कर रहा है कि फरहत सुल्ताना ने कैसे और किन तरीकों से ये सरकारी दस्तावेज बनवाए. अगर इस प्रक्रिया में किसी ने मदद की या नियमों को तोड़ा, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
अब उत्पाद सचिव मनोज कुमार से ACB करेगी पूछताछ
14 Jun, 2025 12:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। शराब घोटाला मामले में सोमवार को उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग के सचिव मनोज कुामर से एसीबी पूछताछ करेगी।
एसीबी को अब तक की छानबीन में उत्पाद सचिव मनोज कुमार के रिश्तेदार के बारे में भी जानकारी मिली है। उनपर भी पूरे राज्य में एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब की बिक्री करवाने और अवैध वसूली कराने के बिंदुओं सहित विभाग में जारी अनियमितता के आरोपों के बिंदु पर पूछताछ होनी है।
शुक्रवार को अमित प्रकाश पहुंचे एसीबी कार्यलय
शुक्रवार को उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद सह पूर्व महाप्रबंधक जेएसबीसीएल अमित प्रकाश एसीबी कार्यालय पहुंचे।
एसीबी ने उन्हें समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था। एसीबी ने उनसे फर्जी बैंक गारंटी का मामला उजागर होने के बावजूद दोनों प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन व विजन के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने के मामले में पूछताछ की।
यह भी पूछा गया कि प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया की वसूली का क्या प्रयास किया। प्लेसमेंट एजेंसियों के कर्मियों का मानदेय भुगतान क्यों नहीं हुआ।
पूरे राज्य में एमआरपी से अधिक मूल्य पर हो रही शराब की बिक्री रोकने की दिशा में क्या कार्रवाई की। राजस्व वसूली, विधि व्यवस्था, अवैध वसूली सहित विभिन्न मुद्दों पर एसीबी ने उनसे पूछताछ की है।
एक दिन पहले ही उन्होंने उत्पाद विभाग से सूचना के अधिकार के तहत 1200 पन्नों का कागजात लिया था, जिसके आधार पर उन्होंने एसीबी के सवालों का सामना किया। उन्होंने क्या जवाब दिया, यह सामने नहीं आ पाया है। सूचना है कि एसीबी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है।
'मुर्दा' पहुंचा थाने! पुलिस की बड़ी लापरवाही, मरा मानकर पोस्टमॉर्टम की तैयारी थी, शख्स निकला जिंदा
14 Jun, 2025 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस द्वारा ‘मृत’ घोषित एक युवक अचानक थाने पहुंच गया और बोला, “साहब, मैं जिंदा हूं, मेरा पोस्टमॉर्टम रुकवाइए. इस घटना ने पुलिस और परिजनों को हैरत में डाल दिया. अब पुलिस लावारिस शव की दोबारा शिनाख्त करने में जुटी है.
घटना गुरुवार दोपहर घाटमपुर के मुख्य चौराहे की है, जहां सड़क किनारे एक युवक का शव मिला. शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस ने स्थानीय वॉट्सएप ग्रुपों में उसकी तस्वीर साझा की. देर शाम ईदुरुख गांव की सुमन नामक महिला ने शव को अपने भाई अजय शंखवार के रूप में पहचाना. सुमन ने बताया कि शव का चेहरा उनके भाई से मिलता-जुलता था और उसने लाल शर्ट व काली पैंट पहनी थी, जो अजय के कपड़ों से मेल खाती थी. इसके आधार पर पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कानपुर भेज दिया.
ये है मामला
शुक्रवार को अजय शंखवार स्वयं घाटमपुर थाने पहुंचा और अपनी जीवित होने की जानकारी दी. अजय ने बताया कि वह भीतरगांव कस्बे में एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है और उसके पास फोन नहीं है. वह हफ्ते में एक-दो बार दूसरों के फोन से घरवालों से बात करता है. शुक्रवार को जब पुलिस भट्ठे पर उसकी तलाश में पहुंची, तो उसे मामले की गंभीरता का पता चला. पुलिस ने बताया कि उसकी बहन ने लावारिस शव को उसका शव समझ लिया था, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
लावारिश शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस
अजय के थाने पहुंचने पर पुलिस ने तत्काल पोस्टमार्टम रोक दिया. घाटमपुर के एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि शव की शिनाख्त में गलती हुई थी. अब पुलिस दोबारा शव की पहचान कराने का प्रयास कर रही है. अजय के जिंदा होने की खबर सुनकर उसके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि लावारिस शव की वास्तविक पहचान हो सके.
बिजली कटौती बनी जानलेवा: बिजनौर जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन बंद होने से मरीज की मौत पर हंगामा, परिजनों ने लगाया आरोप
14 Jun, 2025 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूपी के बिजनौर में जिला अस्पताल की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई. बिजनौर के जिला अस्पताल में छब्बीस साल के सरफराज का डायलिसिस चल रहा था, तभी हॉस्पिटल की बिजली चली गई. सरफराज का आधा ब्लड मशीन में ही था. बिजली जाते ही मशीन बंद हो गई, जिससे सरफराज की हालत बिगड़ गई. कुछ ही देर में उसकी दर्दनाक मौत हो गई, जबकि हॉस्पिटल में जनरेटर तो था, लेकिन चलाने के लिए डीजल नहीं था.
हैरानी की बात यह है कि जिस समय सरफराज की मौत हुई उसी वक्त सीडीओ बिजनौर पूर्ण बोरा अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे. जैसे ही उन्हें डायलिसिस के दौरान मरीज की मौत की सूचना मिली. वो वहां पहुंचे. उन्होंने पाया कि पांच और भी मरीजों का डायलिसिस प्रोसेसिंग चल रहा है, लेकिन बिजली न होने के कारण मशीनें, पंखे और लाइट भी बंद थे, जिसको देख सीडीओ ने अपने स्टाफ को भेजकर पचास लीटर डीजल मंगवाया और जनरेटर चालू कराया. फिर मेडीकल अस्पताल प्रशासन के क्रिया कलापों की जांच करनी शुरु कर दी.
3 घंटे के डायलिसिस प्रोसिजर में 5 घंटे लगते हैं
सीडीओ को डायलिसिस करने वाले स्टाफ ने बताया कि मेडिकल अस्पताल के डायलिसिस डिपार्टमेंट का ठेका संजीवनी डायलिसिस फर्म के पास है, लेकिन कम्पनी का मैनेजर डीजल नहीं मंगवाता है, जिससे अक्सर बिजली सप्लाई फेल हो जाने पर मशीने बंद हो जाती हैं. तीन घंटे के डायलिसिस प्रोसिजर में पांच घंटे लग जाते है.
मां बोली-बेटे को हो रही थी बेचैनी
वहीं सरफराज की मां सलमा ने बताया कि उनके बेटे सरफराज का डायलिसिस चल रहा था. बिजली गुल होने पर आधा खून मशीन में ही रह गया था, तभी उसके बेटे के पेट में दर्द होने लगा. डाक्टर ने उनसे पेट दर्द का इंजेक्शन लाने को बोला. इसके बाद वो पर्चा लेकर इंजेक्शन लाई. सरफराज इंजेक्शन लगाया गया. फिर दवाई खिलाई, लेकिन उसको बेचैनी महसूस हो रही थी.
डाक्टरों की लापरवाही से गई जान
उन्होंने बताया कि उन्होंने जनरेटर चलाने को बोला तो मेडिकल स्टाफ ने कह दिया कि डीजल नहीं है. उन्होंने रो रोकर सबसे जनरेटर चलाने को कहा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. सरफराज ने दम तोड दिया. उनके बेटे की जान अस्पताल स्टाफ और डाक्टरों की लापरवाही ने ले ली. सीडीओ पूर्ण बोरा ने बताया कि बिजनौर मेडिकल अस्पताल की कई शिकायतें मिल रही थीं, जिसकी जांच के लिए वो पहुंचे. तब पता चला कि डायलिसिस विभाग में बिजली नहीं होने के कारण डायलिसिस मरीजों की हालत बिगड़ रही है.
सीडीओ ने बताया कि उनके सामने ही एक युवक की दुखद मौत हो गई. डायलिसिस विभाग के सभी रिकार्ड जब्त कर लिए हैं. यहां मशीनें, दवाइयां सभी गंदगी में रखे हैं. मेडिकल अस्पताल प्रचार्या डा. उषा से व्यवस्था सुचारू रखने को कहा है, ताकि मरीजों का अच्छा इलाज हो सके.
लालू के पुराने साथी और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले मंगनी लाल मंडल होंगे RJD के नए प्रदेश अध्यक्ष
14 Jun, 2025 09:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है. पूर्व सांसद और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगनी लाल मंडल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, मंगनी लाल मंडल का नाम लगभग तय हो चुका है और वे 14 जून को पार्टी कार्यालय में नामांकन करेंगे, जहां लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव खुद मौजूद रहेंगे.
आरजेडी के संगठन में लंबे समय से बदलाव की चर्चा थी. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की विदाई लगभग तय मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि पार्टी अब प्रदेश स्तर पर नए नेतृत्व को मौका देने की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में अति पिछड़ा वर्ग और अन्य समाजिक समूहों में पकड़ मजबूत की जा सके.
जेडीयू से फिर आरजेडी में वापस आए हैं मंडल
मंगनी लाल मंडल पहले भी आरजेडी से जुड़े रह चुके हैं, लेकिन बीच में वे जेडीयू में शामिल हो गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका निभाई. हालांकि, जनवरी 2025 में उन्होंने जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी का दामन थाम लिया. आरजेडी में वापसी के दौरान उन्होंने कहा था कि जेडीयू में अति पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है और वहां आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा है.
5 जुलाई को औपचारिक ऐलान
सूत्रों के अनुसार, 5 जुलाई को मंगनी लाल मंडल के आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा की जाएगी. पार्टी के इस कदम को अति पिछड़ा वर्ग को साधने की बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. यह बदलाव आरजेडी की रणनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है, जिससे पार्टी आगामी चुनावों में नए सिरे से उतरने की तैयारी में है.
महागठबंधन और एनडीए दोनों ही सेट कर रहे प्लान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं और नए दल भी चुनावी मैदान में सक्रिय हैं. यह चुनाव बिहार की राजनीति में नए समीकरणों और बदलावों का संकेत दे रहा है. प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनावों में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के सत्ता से बाहर होने की भविष्यवाणी की है। उनका अभियान साफ-सुधरी राजनीति और परिवर्तन वाले नेतृत्व लाने पर जोर दे रहा है.