उत्तर प्रदेश
'मुर्दा' पहुंचा थाने! पुलिस की बड़ी लापरवाही, मरा मानकर पोस्टमॉर्टम की तैयारी थी, शख्स निकला जिंदा
14 Jun, 2025 12:42 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस द्वारा ‘मृत’ घोषित एक युवक अचानक थाने पहुंच गया और बोला, “साहब, मैं जिंदा हूं, मेरा पोस्टमॉर्टम रुकवाइए. इस घटना ने पुलिस और परिजनों को हैरत में डाल दिया. अब पुलिस लावारिस शव की दोबारा शिनाख्त करने में जुटी है.
घटना गुरुवार दोपहर घाटमपुर के मुख्य चौराहे की है, जहां सड़क किनारे एक युवक का शव मिला. शव की शिनाख्त न होने पर पुलिस ने स्थानीय वॉट्सएप ग्रुपों में उसकी तस्वीर साझा की. देर शाम ईदुरुख गांव की सुमन नामक महिला ने शव को अपने भाई अजय शंखवार के रूप में पहचाना. सुमन ने बताया कि शव का चेहरा उनके भाई से मिलता-जुलता था और उसने लाल शर्ट व काली पैंट पहनी थी, जो अजय के कपड़ों से मेल खाती थी. इसके आधार पर पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए कानपुर भेज दिया.
ये है मामला
शुक्रवार को अजय शंखवार स्वयं घाटमपुर थाने पहुंचा और अपनी जीवित होने की जानकारी दी. अजय ने बताया कि वह भीतरगांव कस्बे में एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करता है और उसके पास फोन नहीं है. वह हफ्ते में एक-दो बार दूसरों के फोन से घरवालों से बात करता है. शुक्रवार को जब पुलिस भट्ठे पर उसकी तलाश में पहुंची, तो उसे मामले की गंभीरता का पता चला. पुलिस ने बताया कि उसकी बहन ने लावारिस शव को उसका शव समझ लिया था, जिसके बाद पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू हो गई थी.
लावारिश शव की शिनाख्त में जुटी पुलिस
अजय के थाने पहुंचने पर पुलिस ने तत्काल पोस्टमार्टम रोक दिया. घाटमपुर के एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि शव की शिनाख्त में गलती हुई थी. अब पुलिस दोबारा शव की पहचान कराने का प्रयास कर रही है. अजय के जिंदा होने की खबर सुनकर उसके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है. पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है ताकि लावारिस शव की वास्तविक पहचान हो सके.
बिजली कटौती बनी जानलेवा: बिजनौर जिला अस्पताल में डायलिसिस मशीन बंद होने से मरीज की मौत पर हंगामा, परिजनों ने लगाया आरोप
14 Jun, 2025 09:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूपी के बिजनौर में जिला अस्पताल की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई. बिजनौर के जिला अस्पताल में छब्बीस साल के सरफराज का डायलिसिस चल रहा था, तभी हॉस्पिटल की बिजली चली गई. सरफराज का आधा ब्लड मशीन में ही था. बिजली जाते ही मशीन बंद हो गई, जिससे सरफराज की हालत बिगड़ गई. कुछ ही देर में उसकी दर्दनाक मौत हो गई, जबकि हॉस्पिटल में जनरेटर तो था, लेकिन चलाने के लिए डीजल नहीं था.
हैरानी की बात यह है कि जिस समय सरफराज की मौत हुई उसी वक्त सीडीओ बिजनौर पूर्ण बोरा अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे. जैसे ही उन्हें डायलिसिस के दौरान मरीज की मौत की सूचना मिली. वो वहां पहुंचे. उन्होंने पाया कि पांच और भी मरीजों का डायलिसिस प्रोसेसिंग चल रहा है, लेकिन बिजली न होने के कारण मशीनें, पंखे और लाइट भी बंद थे, जिसको देख सीडीओ ने अपने स्टाफ को भेजकर पचास लीटर डीजल मंगवाया और जनरेटर चालू कराया. फिर मेडीकल अस्पताल प्रशासन के क्रिया कलापों की जांच करनी शुरु कर दी.
3 घंटे के डायलिसिस प्रोसिजर में 5 घंटे लगते हैं
सीडीओ को डायलिसिस करने वाले स्टाफ ने बताया कि मेडिकल अस्पताल के डायलिसिस डिपार्टमेंट का ठेका संजीवनी डायलिसिस फर्म के पास है, लेकिन कम्पनी का मैनेजर डीजल नहीं मंगवाता है, जिससे अक्सर बिजली सप्लाई फेल हो जाने पर मशीने बंद हो जाती हैं. तीन घंटे के डायलिसिस प्रोसिजर में पांच घंटे लग जाते है.
मां बोली-बेटे को हो रही थी बेचैनी
वहीं सरफराज की मां सलमा ने बताया कि उनके बेटे सरफराज का डायलिसिस चल रहा था. बिजली गुल होने पर आधा खून मशीन में ही रह गया था, तभी उसके बेटे के पेट में दर्द होने लगा. डाक्टर ने उनसे पेट दर्द का इंजेक्शन लाने को बोला. इसके बाद वो पर्चा लेकर इंजेक्शन लाई. सरफराज इंजेक्शन लगाया गया. फिर दवाई खिलाई, लेकिन उसको बेचैनी महसूस हो रही थी.
डाक्टरों की लापरवाही से गई जान
उन्होंने बताया कि उन्होंने जनरेटर चलाने को बोला तो मेडिकल स्टाफ ने कह दिया कि डीजल नहीं है. उन्होंने रो रोकर सबसे जनरेटर चलाने को कहा, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. सरफराज ने दम तोड दिया. उनके बेटे की जान अस्पताल स्टाफ और डाक्टरों की लापरवाही ने ले ली. सीडीओ पूर्ण बोरा ने बताया कि बिजनौर मेडिकल अस्पताल की कई शिकायतें मिल रही थीं, जिसकी जांच के लिए वो पहुंचे. तब पता चला कि डायलिसिस विभाग में बिजली नहीं होने के कारण डायलिसिस मरीजों की हालत बिगड़ रही है.
सीडीओ ने बताया कि उनके सामने ही एक युवक की दुखद मौत हो गई. डायलिसिस विभाग के सभी रिकार्ड जब्त कर लिए हैं. यहां मशीनें, दवाइयां सभी गंदगी में रखे हैं. मेडिकल अस्पताल प्रचार्या डा. उषा से व्यवस्था सुचारू रखने को कहा है, ताकि मरीजों का अच्छा इलाज हो सके.
लालू के पुराने साथी और अति पिछड़ा वर्ग से आने वाले मंगनी लाल मंडल होंगे RJD के नए प्रदेश अध्यक्ष
14 Jun, 2025 09:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिल सकता है. पूर्व सांसद और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगनी लाल मंडल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, मंगनी लाल मंडल का नाम लगभग तय हो चुका है और वे 14 जून को पार्टी कार्यालय में नामांकन करेंगे, जहां लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव खुद मौजूद रहेंगे.
आरजेडी के संगठन में लंबे समय से बदलाव की चर्चा थी. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की विदाई लगभग तय मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि पार्टी अब प्रदेश स्तर पर नए नेतृत्व को मौका देने की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में अति पिछड़ा वर्ग और अन्य समाजिक समूहों में पकड़ मजबूत की जा सके.
जेडीयू से फिर आरजेडी में वापस आए हैं मंडल
मंगनी लाल मंडल पहले भी आरजेडी से जुड़े रह चुके हैं, लेकिन बीच में वे जेडीयू में शामिल हो गए थे, जहां उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की भूमिका निभाई. हालांकि, जनवरी 2025 में उन्होंने जेडीयू छोड़कर फिर से आरजेडी का दामन थाम लिया. आरजेडी में वापसी के दौरान उन्होंने कहा था कि जेडीयू में अति पिछड़ों के साथ अन्याय हो रहा है और वहां आंतरिक लोकतंत्र नहीं बचा है.
5 जुलाई को औपचारिक ऐलान
सूत्रों के अनुसार, 5 जुलाई को मंगनी लाल मंडल के आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा की जाएगी. पार्टी के इस कदम को अति पिछड़ा वर्ग को साधने की बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. यह बदलाव आरजेडी की रणनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत है, जिससे पार्टी आगामी चुनावों में नए सिरे से उतरने की तैयारी में है.
महागठबंधन और एनडीए दोनों ही सेट कर रहे प्लान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों में बदलाव कर रहे हैं और नए दल भी चुनावी मैदान में सक्रिय हैं. यह चुनाव बिहार की राजनीति में नए समीकरणों और बदलावों का संकेत दे रहा है. प्रशांत किशोर ने आगामी विधानसभा चुनावों में लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के सत्ता से बाहर होने की भविष्यवाणी की है। उनका अभियान साफ-सुधरी राजनीति और परिवर्तन वाले नेतृत्व लाने पर जोर दे रहा है.
मुख्यमंत्री नीतीश ने DBT के माध्यम से 62 लाख लाभार्थियों को भेजे ₹271 करोड़, पारदर्शिता पर जोर
14 Jun, 2025 09:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1, अण्णे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना एवं मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभुकों के खाते में 271 करोड़ 15 लाख रूपये की राशि का डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया. इस कार्यक्रम में पांच सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के कुल 61 लाख 29 हजार 548 लाभुकों को 254 करोड़ 45 लाख 5 हजार 900 रूपये तथा मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के 85 हजार 556 लाभुकों को 16 करोड़ 70 लाख 33 हजार रूपये की राशि हस्तांतरित की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी की बात है कि आज कुल 62,15,104 (बासठ लाख पन्द्रह हजार एक सौ चार) लाभुकों को 271,15,38,900 (दो सौ एकहत्तर करोड़ पन्द्रह लाख अड़तीस हजार नौ सौ) रुपये की राशि हस्तांतरित की गयी है, जिसमें इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना तथा इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के अन्तर्गत केन्द्र सरकार की ओर से 112.14 करोड़ तथा राज्य सरकार की ओर से 68.93 करोड़ की राशि सम्मिलित है.
बिहार निःशक्तता पेंशन योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार निःशक्तता पेंशन योजना के तहत 9 लाख 64 हजार 220 लाभार्थियों को 38 करोड़ 68 लाख 95 हजार 600 रूपये की राशि राज्य सरकार की तरफ से हस्तांतरित की गयी है. लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 8 लाख 63 हजार 76 लाभार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से 34 करोड़ 69 लाख 19 हजार 600 रूपये की राशि हस्तांतरित की गयी है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 35 लाख 59 हजार 667 लाभार्थियों को केन्द्र की तरफ से 89 करोड़ 83 लाख 43 हजार 600 रूपये तथा राज्य सरकार की तरफ से 61 करोड़ 48 लाख 85 हजार 500 रूपये की राशि हस्तांतरित की गयी है.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना के तहत 1 लाख 10 हजार 583 लाभार्थियों को 3 करोड़ 31 लाख 77 हजार 600 रूपये की राशि केन्द्र सरकार द्वारा जबकि 1 करोड़ 10 लाख 59 हजार 200 रूपये की राशि राज्य सरकार द्वारा हस्तांतरित की गयी है. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत 6 लाख 32 हजार 2 लाभार्थियों को केन्द्र सरकार की तरफ से 18 करोड़ 99 लाख 18 हजार 600 तथा राज्य सरकार की तरफ से 6 करोड़ 33 लाख 06 हजार 200 रूपये की राशि हस्तांतरित की गयी है.
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत 85 हजार 556 लाभुकों को राज्य सरकार की तरफ से 16 करोड़ 70 लाख 33 हजार रूपये की राशि हस्तांतरित की गयी है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का भी सभी क्षेत्रों में पूरा सहयोग मिल रहा है. इन योजनाओं में भी केन्द्र सरकार द्वारा राशि प्रदान की गयी है. समाज कल्याण विभाग द्वारा जो सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनायें चलायी जा रही हैं उसका लाभ लोगों को मिल रहा है. समाज कल्याण विभाग सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के संबंध में लोगों को अवगत कराये और इसका लाभ लोगों को मिलता रहे.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ
कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया. इस दौरान जानकारी दी गयी कि वित्तीय वर्ष 2005-06 में 12 लाख 25 हजार 106 लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं का लाभ दिया जा रहा था, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2005-06 में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं पर 9834.32 लाख रूपये की राशि खर्च की जा रही थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 524167.02 लाख रूपये की राशि खर्च की जा रही है.
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, सामाजिक सुरक्षा निदेशालय की निदेशक रंजिता, आई०सी०डी०एस० के निदेशक अमित कुमार पाण्डेय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण निदेशालय के निदेशक योगेश कुमार सागर सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि सभी जिलों के जिलाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुये थे.
अहमदाबाद प्लेन क्रैश ने दिलाई 'पटना प्लेन हादसे' की याद
13 Jun, 2025 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पटना। गुजरात के अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एयर इंडिया के विमान क्रैश होने से कई यात्रियों की जान चली गई। विमान अहमदाबाद से लंदन जा रही थी।
विमान में 242 यात्री सवार थे। इस विमान हादसे में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी की भी जान चली गई। इस हादसे में केवल एक यात्री जिंदा बचा है।
वहीं, इस हादसे से राजधानी पटना में 25 साल पहले हुए विमान हादसे की यादें भी ताजा हो गई। तब अलायंस एयर बोइंग 737-2एबी विमान हादसे का शिकार हो गया था।
विमान कटी पतंग की तरह पटना के गर्दनीबाग में जमीन पर आ गिरा था। उस दौरान हादसे में 66 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
राजधानी पटना में 17 जुलाई 2000 का दिन इतिहास के पन्नों में एक डरावने अध्याय के रूप में दर्ज है। दरअसल, उसी दिन कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से दिल्ली के लिए उड़ान भरने एलायंस एयर का विमान पटना एयरपोर्ट पर लैंडिंग के पहले गर्दनीबाग में गिर गया था।
दुर्घटना में विमान में सवार 56 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों समेत गर्दनीबाग स्थित सरकारी आवास के पांच लोगों की जाने चली गई थी।
पटना में धमाके की आवाज से लोगों की नींद खुली थी। आवासीय कॉलोनी में लोगों की चीख पुकार और अफरातफरी का माहौल बना था।
भाषा विवाद के बाद JAC और JSSC से मांगा गया सुझाव
13 Jun, 2025 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्रस्तावित झारखंड शिक्षा पात्रता परीक्षा (जेटेट) नियमावली-2025 में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।
अब विवाद उत्पन्न होने के बाद अब इस पर डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान, रांची, झारखंड अधिविद्य परिषद, झारखंड कर्मचारी चयन आयोग तथा जेसीईआरटी से सुझाव मांगा गया है।
विभाग ने गुरुवार को इन संस्थानों को नियमावली का प्रारुप भेजकर उसपर सुझाव मांगा है। इससे पहले विभाग ने पांच जून को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को प्रारुप भेजकर उसपर सुझाव मांगा था।
विभाग ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जेटेट नियमावली अभी प्रारंभिक चरण में है। इसका अभी प्रारुप ही तैयार हुआ है, जिसपर उक्त संस्थानों तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों से सुझाव मांगा गया है।
प्रारुप पर प्राप्त होने वाले सुझाव पर अमल कर आवश्यक प्रक्रिया पूरी करते हुए उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। विभाग ने सर्वसाधारण से कहा है कि नियमावली को लेकर किसी भी प्रकार के भ्रम या संशय में नहीं रहा जाए, क्योंकि अभी यह प्रारंभिक अवस्था में ही है।
बताते चलें कि नियमावली का प्रारुप वायरल होने के बाद विभिन्न जिलों में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा के निर्धारण पर विवाद होने लगा। कहा जाने लगा कि कई जिले ऐसे हैं, जहां की क्षेत्रीय भाषा को नियमावली में सम्मिलित नहीं किया गया।
इधर, राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर पलामू और गढ़वा में भोजपुरी भाषा को सम्मिलित करने का अनुरोध किया।
दरअसल, जिलावार निर्धारित भाषा में पलामू और गढ़वा में कुडुख और नागपुरी को सम्मिलित किया गया है, जबकि वहां भोजपुरी भी बोली जाती है। इसी तरह, संताल के जिलों में संथाली, बांगला के अलावा खोरठा को सम्मिलित किया गया है, जबकि वहां वह भाषा बोली ही नहीं जाती।
कार्मिक विभाग द्वारा निर्धारित भाषा को प्रारुप में किया गया सम्मिलित
जेटेट नियमावली के प्रारुप में जिलावार जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा काे कार्मिक विभाग द्वारा 10 मार्च 2023 को निर्धारित जिलावार भाषा को ही अपनाया है। प्रस्तावित नियमावली में बकायदा इसका उल्लेख किया गया है।
30-30 अंकों के होंगे भाषा के प्रश्न
प्रस्तावित नियमावली में कक्षा एक से पांच तथा कक्षा छह से आठ दोनों के लिए आयोजित होनेवाली जेटेट परीक्षा में कुल 150 अंकों की परीक्षा में भाषा-एक तथा भाषा-दो के 30-30 प्रश्न निर्धारित किए गए हैं।
भाषा-एक में हिंदी, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी में से कोई दो भाषा का चयन करना है। उर्दू सहायक आचार्य के लिए एक भाषा उर्दू का चयन करना होगा। वहीं, भाषा-दो में कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचित जिलावार जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में भाषा-एक की भाषाओं (हिंदी, संस्कृत, उर्दू, अंग्रेजी) को छोड़कर एक भाषा का चयन करना है।
हालांकि, इसमें यह भी कहा गया है कि कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जिलावार निर्धारित जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं में परिवर्तन करने पर वह लागू होगा। इस तरह, इसमें कोई भी परिवर्तन कार्मिक विभाग को भी करना होगा।
बिहार के औरंगाबाद में युवक की गला दबाकर हत्या
13 Jun, 2025 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हसपुरा (औरंगाबाद)। हसपुरा थाना क्षेत्र के हसपुरा डीह निवासी हयात खान के पुत्र मंसूर खान उर्फ अप्पू खान (22) की हत्या गुरुवार रात्रि में गला दबाकर कर दी गई है। घटना की सूचना पर पहुंची थाना की पुलिस ने युवक शव चांदी गांव के मैदान से बरामद किया है। एसडीपीओ का कहना कि युवक के शरीर पर कोई जख्म का निशान नहीं पाया गया है।
घटना को लेकर ग्रामीणों ने पटेल चौक मुख्य सड़क को जाम कर दी। आक्रोशित लोग वारदात में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी और मुआवजा की मांग करने लगे। हादसे की सूचना पर दाउदनगर एसडीपीओ कुमार ऋषिराज और थानाध्यक्ष पुलिसबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। घटना की जांच की। सड़क जाम किए ग्रामीणों से को आश्वासन दिया कि जल्द ही इस घटना का राजफाश किया जाएगा।
ग्रामीणों के शांत होने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल भेजा। शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजनों को सौंप दिया। मामले में मृतक के पिता के द्वारा पुलिस को आवेदन दिया गया था। इधर, एसडीपीओ ने बताया कि युवक के शरीर पर कोई जख्म का निशान नहीं पाया गया है।
मौत का कारण पता नहीं चला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से जान जाने का कारण पता चलेगा। उन्होंने बताया कि वारदात को लेकर स्वजनों और ग्रामीणों से पूछताछ की गई है। घटना की जांच की जा रही है। बताया कि एफएसएल की टीम ने भी घटना की जांच की है। ग्रामीणों ने बताया कि युवक बाइक का मैकेनिक था।
गुमला में CHC निर्माण कार्य में लापरवाही
13 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुमला। गुमला समाहरणालय के सभागार में गुरुवार को उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित ने जिला समन्वय समिति की बैठक की।
बैठक में उपायुक्त ने चैनपुर प्रखंड में निर्माणाधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ठप पड़े रहने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कार्यपालक अभियंता, बीडीओ चैनपुर और सिविल सर्जन पर लापरवाही के लिए उनके वेतन भुगतान स्थगित करने का निर्देश दिया।
साथ ही नवंबर 2025 तक चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण हर हाल में पूर्ण करने का निर्देश दिया। चैनपुर में बनने वाले ब्लाक पब्लिक हेल्थ यूनिट और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण में भूमि विवाद का अवरोध पर संबंधित विभागों को समन्वय बनाकर विवाद का निपटारा करने निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया।
बैठक जिले में चिह्नित कुल 22 आयुष्मान आरोग्य मंदिर की नियमित रुप से बीडीओ द्वारा जांच करने और आवश्यक सुधार कर व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने सभी अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करते हुए योजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु समयबद्ध और परिणाममूलक प्रयास सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने यह स्पष्ट रूप से कहा कि प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी नियमित रूप से बैठकें आयोजित कर कार्यों की प्रगति पर नजर रखी जाए एवं आपसी सहयोग से समस्याओं का समाधान किया जाए।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में जिले में निर्माणाधीन 67 स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति की गहन समीक्षा की गई। इनमें से छह उपकेंद्रों के निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं पर विशेष रूप से चर्चा की गई।
बैठक में समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की गई। जिले में निर्माणाधीन 82 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि लंबित भवन निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जाए।
साथ ही अप्रोच रोड, बिजली कनेक्शन और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी समुचित व्यवस्था की जाए। लेरंबा और सिलफरी के आंगनवाड़ी केंद्रों की मरम्मत एवं निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के लिए 15 दिनों की समयसीमा निर्धारित की गई है।
उपायुक्त ने सभी बीडीओ को अपने क्षेत्र में निर्माण कार्यों का नियमित निरीक्षण करने और समन्वय के साथ कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का निर्देश दिया।
समेकित जनजातीय विकास अभिकरण (आईटीडीए) के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए छात्रवृत्ति योजना का लाभ प्रत्येक पात्र छात्र तक पहुंचाने, जिन छात्रों के बैंक खाते, केवाईसी या आधार से संबंधित समस्याएं हैं, उनके समाधान हेतु बैंक अधिकारियों विशेषकर लीड बैंक मैनेजर के सहयोग से विद्यालयों में विशेष कैंप लगाए की बात कही।
बैठक में सामाजिक सुरक्षा कोषांग की समीक्षा के दौरान जिला सामाजिक सुरक्षा सहायक निदेशक द्वारा यह जानकारी दी गई कि अप्रैल माह तक मंईयां सम्मान योजना की राशि का भुगतान हो चुका है, लेकिन अब भी लगभग 15,000 लाभुकों के आधार कार्ड की पुष्टि नहीं होने के कारण उनके खातों में भुगतान नहीं हो पा रहा है।
इस पर उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में आधार सीडिंग की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में परियोजना निदेशक आईटीडीए रीना हसदक, डीडीसी दिलेश्वर महतो, निदेशक विद्या भूषण कुमार, अपर समाहर्ता शशिंद्र कुमार बड़ाइक, सिविल सर्जन नवल कुमार आदि मौजूद थे।
माँ के अंतिम संस्कार में शामिल होने निकला परिवार किराए के अभाव में रात भर चौराहे पर फंसा रहा
13 Jun, 2025 12:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गरीबी किस तरह से लोगों को बेबस कर सकती है. इसका एक जीता जगत मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से सामने आया है, जहां एक परिवार के अपनी मां की तेरहवीं के लिए बिहार जाना चाहता था. पैसे नहीं होने के कारण वह अपने घर नहीं पहुंच गया. परिवार ने पूरी तरह रात एक चौराहे बैठे-बैठे बिता दी. परिवार के पैसा होता तो वह अपनी मां के आखिर काज में शामिल हो पाते. हालांकि, की ऐसा नहीं हो पाया.
बिहार के ऊंचाहार के रहने वाले बिंदेश्वरी प्रसाद कुरुक्षेत्र में मजदूरी करते हैं. उन्हें मां की मौत के बाद बुधवार सुबह मां के त्रयोदशी संस्कार में पहुंचना था. घर पहुंचने के लिए वह समय से अपने परिवार के साथ निकल गए थे. बिंदेश्वरी अपने परिवार के 7 अन्य सदस्यों के साथ मंगलवार देर रात करीब 12 बजे कुरुक्षेत्र से लखनऊ के रवाना हुए थे. इस प्राइवेट बस का किराया प्रति यात्री 800 रुपये था.
अलीगढ़ में बाइक सवारों से टकराई बस
बस अपनी रफ्तार से लखनऊ की तरफ जा रही थी कि इस बीच वह अलीगढ़ में बाइक सवारों से टाकरा गई. बस से टक्कर होते ही सभी बाइक सवार शख्स दूर जमीन पर गिर गए. इसके बाद घटना की सूचना पुलिस को दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गई. बस को खाली कराके पुलिस ने उसे जब्त कर लिया. साथ ही ड्राइवर और कंडक्टर को भी पकड़ लिया. बस से उतारे गए सभी अलग-अलग साधनों से अपने गंतव्य तक पहुंच गए.
रात भर सड़क पर गुजारी रात
इन्हीं में एक परिवार बिंदेश्वरी प्रसाद का भी था, जो रात भर अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे पर बैठा रहा. सुबह जब उनसे पूरी रात वहीं रुकने और घर नहीं जाने का लोगों ने पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि उनके पास पैसे नहीं है. वह अपनी के तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निकले थे. लेकिन अब वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं पाएंगे. यह बात सुनते ही कुछ लोगों की मौके पर आंखें भर आई. इसके बाद बस कंडक्टर और अन्य लोगों ने उनको किराये के रुपये देकर घर के लिए रवाना किया.
यूपी में 'लोक मोर्चा' का उदय: स्वामी प्रसाद मौर्य सीएम फेस घोषित, 2027 चुनाव में बदलेंगे सियासी समीकरण?
13 Jun, 2025 12:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की सियासत में 2027 का राजनीतिक ताना-बाना बुना जाने लगा है. बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचना चाहती है तो सपा पीडीए फॉर्मूले के सहारे वापसी को बेताब है. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए और सपा के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन से मुकाबले के लिए यूपी में तीसरे मोर्चे का भी गठन हो गया है. पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई छोटे-छोटे दलों को लेकर ‘लोक मोर्चा’ बनाया है, जिसका ऐलान गुरुवार को लखनऊ में किया जाएगा.
स्वामी प्रसाद मौर्य लखनऊ के ‘दयाल पैराडाइज होटल’ में कई छोटे-छोटे दलों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया जाएगा. हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने खुद को लोक मोर्चे का सीएम चेहरा पहले ही घोषित कर दिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि तीसरा मोर्चा बनाकर स्वामी प्रसाद मौर्य 2027 का सियासी सीन कितना बदल पाएंगे?
यूपी में ‘तीसरे मोर्चे’ का गठन
उत्तर प्रदेश की सियासत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने नई सियासी हलचल पैदा करने के लिए तीसरे मोर्चे यानी लोक मोर्चा के गठन की तैयारी कर ली है, जिसका ऐलान गुरुवार को औपचारिक तौर पर करेंगे. इसके लिए कई छोटे-छोटे दलों के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक के बाद मीडिया के साथ लोक मोर्चा में कौन-कौन दल शामिल हो रहे हैं, उनके नाम को सामने रखेंगे. इसके अलावा मोर्चे के स्वरूप और एजेंडे का भी ऐलान कर सकते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने लोक मोर्चा का गठन कर आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव पूरे दमखम के साथ लड़ने की रूपरेखा बनाई है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस मोर्चे के जरिए आगामी पंचायत चुनाव में अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने की योजना बनाई है. उनका कहना है कि जमीनी स्तर पर मजबूत पकड़ ही विधानसभा चुनाव में सफलता की नींव रखेगी. पंचायत चुनाव के जरिए ही कार्यकर्ताओं को संगठित कर विधानसभा चुनाव की बिसात बिछाई जाएगी.
सीएम फेस होंगे स्वामी प्रसाद मौर्य
यूपी में तीसरे फ्रंट के तौर पर बने लोक मोर्चा के सीएम पद का चेहरा स्वामी प्रसाद मौर्य होंगे. इसकी घोषणा खुद ही उन्होंने की है. पूर्व मंत्री के निजी सचिव सज्जाद अली ने बताया कि लोक मोर्चा में सर्वसम्मति से स्वामी प्रसाद मौर्य को 2027 विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुना गया है, जिनकी अगुवाई में ही लोक मोर्चा चुनाव लड़ेगी. हालांकि, लोक मोर्चा की आगामी रणनीति के बारे में स्वामी प्रसाद मौर्य गुरुवार को बैठक के बाद जानकारी देंगे.
स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा गठित किए जा रहे लोक मोर्चा की आगामी रणनीति, सीट बंटवारा, सहयोगी दलों के नाम और चुनावी घोषणापत्र की रूपरेखा वो खुद साझा करेंगे. इस दौरान लोक मोर्चा के साथ कौन-कौन से दल और नेता रहेंगे, इसकी जानकारी भी शेयर करेंगे. पिछले दिनों उनकी मुलाकात नगीना के सांसद चंद्रशेखर आजाद से हुई थी. माना जा रहा है कि लोक मोर्चा का हिस्सा चंद्रशेखर आजाद भी बन सकते हैं.
चुनावी सीन बदल पाएंगे स्वामी प्रसाद?
उत्तर प्रदेश की सियासत के मंझे हुए खिलाड़ी स्वामी प्रसाद मौर्य हैं. जनता दल से लेकर बसपा, बीजेपी और सपा में रह चुके हैं. ओबीसी के बड़े नेता माने जाते हैं. पांच बार विधायक रहे चुके हैं और चार बार यूपी में मंत्री रहे हैं. मौर्य-कुशवाहा, सैनी और शाक्य समाज के बीच स्वामी प्रसाद की ठीक-ठाक पकड़ मानी जाती है. आबंडेकर और कांशीराम की सियासी विचारधारा को लेकर आगे चल रहे हैं, लेकिन बसपा से अलग होने के बाद उनकी पकड़ कमजोर पड़ी है.
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था. हालांकि, सपा में उनका सियासी सफर लंबा नहीं चला और जनता पार्टी के नाम से अपना नया दल बना लिया और अब छोटे दलों को साथ मिलाकर तीसरा फ्रंट यानी लोक मोर्चा बनाने का ऐलान किया है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की राजनीति में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या स्वामी प्रसाद मौर्य का यह नया सियासी प्रयोग जनता को लुभा पाएगा या फिर यह भी अन्य मोर्चों की तरह सीमित प्रभाव ही डाल पाएगा.
स्वामी प्रसाद की पकड़ कमजोर पड़ी?
यूपी की सियासत में एक समय स्वामी प्रसाद मौर्य की पकड़ मौर्य-कुशवाहा, सैनी और शाक्य समाज के बीच मजबूत थी. यूपी में अपने समाज के बदौलत बड़े नेता बने और मायावती ने उन्हें चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बनाया था. यूपी की बदली हुई सियासत में जिस समाज पर उनकी कभी पकड़ हुआ करती थी, उसके बड़े नेता बनकर बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य उभरे हैं. इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद का समाज सपा के साथ खड़ा नजर आया है. इस तरह स्वामी प्रसाद की पकड़ से मौर्य-कुशवाहा, सैनी-शाक्य समाज बाहर निकला है और अलग-अलग पार्टियों के साथ खड़ा नजर आ रहा है.
यूपी में चुनावी लड़ाई दो ध्रुवीय हो गई है. एक तरफ वोटर बीजेपी को जिताना चाहता है तो दूसरा बीजेपी को हराना. यूपी में चुनावी लड़ाई सपा के अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच सिमटी हुई पिछले दो चुनाव से दिख रही है. ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य छोटे-छोटे दलों को मिलाकर कितना बड़ा खेल कर पाएंगे, ये कहना अभी मुश्किल है?
खाकी हुई दागदार: यूपी-112 के सिपाही ने युवती को छत से फेंका, छेड़खानी का विरोध बना जानलेवा, गिरफ्तार
13 Jun, 2025 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां छेड़छाड़ का विरोध करने पर डायल 112 के सिपाही ने लड़की को छत से फेंक दिया. परिजनों का आरोप है कि इस दौरान की लड़की की रीढ़ कि हड्डी टूट गई है. साथ ही उसका एक पैर भी फ्रैक्चर हो गया है. पीड़िता को इलाज के लिए लोहिया अस्पतालमें भर्ती कराया गया है. परिजन का आरोप है कि आरोप सिपाही ने उनके साथ भी मारपीट की है.
लखनऊ के बीबीडी थाना क्षेत्र के तहत आने वाले लालपुर इलाके में छेड़छाड़ का विरोध करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही ने एक लड़की से मारपीट करते हुए छत से फेंक दिया है. घटना की जानकारी देते हुए पीड़िता ने बताया कि डायल 112 का सिपाही मुकेश यादव की गलत नजर मेरे ऊपर थी. कई बार आते-जाते हाथ पकड़ लेना, जबरन रास्ता रोका लेना साथ ही वह मुझसे गंदी बातें करता था.
छेड़खानी का विरोध पर पीड़िता को दिया धक्का
इन सब से तंग आकर मैंने सिपाही की पत्नी कुमकुम यादव से शिकायत की तो उन दोनों से मेरी कहासुनी हो गई. इसके बाद पति-पत्नी मेरे पास आते हैं और घटना के सबूत मांगते हैं. साथ ही इस बीच कुमकुम मुझे तुरंत थप्पड़ मार देती और फिर वह दोनों मुझे धमकाने लगते है. इस दौरान जब मैंने उन लोगों का विरोध किया तो उन्होंने मुझे दो मंजिला मकान से नीचे फेंक दिया. साथ ही मेरे घरवालों से बदतमीजी करते हुए सिपाही और उसकी पत्नी ने मारपीट की.
परिजन ने सिपाही पर लगाए गंभीर आरोप
परिजनों का आरोप है कि लड़की को छत से फेंकने की वजह से उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई है. साथ ही एक पैर भी फ्रैक्चर हो गया है. उसे लखनऊ के ही राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है. लड़की के पिता ने बताया कि उनका परिवार पिछले लगभग 1 साल से लालपुरवा इलाके में किराए के मकान में रह रहा है. इस फ्लोर के सामने किराए पर एक सिपाही दंपति भी रहता है.
आरोपी सिपाही वर्दी का झाड़ता था रौब
उन्होंने बताया कि सिपाही मुकेश यादव ने उनकी बेटी के साथ कई बार गलत व्यवहार किया और विरोध करने पर वह हमेशा अपनी वर्दी का रौब झाड़ता था. एक दिन तंग आकर बेटी ने सिपाही की पत्नी से उसकी शिकायत की थी. इस बात से बौखलाया सिपाही उसकी पत्नी और उसके साले अंकित यादव ने बेटी से मारपीट करते हुए उसे छत से फेंक दिया. जब मैं मौके पर पहुंचा तो उन्होंने मेरे साथ भी गाली गलौज करते हुए मारपीट की.
आरोपी सिपाही पर FIR दर्ज
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने आरोपी सिपाही के खिलाफ थाने में FIR दर्ज कराई है. मामले की जानकारी देते हुए बीबीडी थाने की पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. सबूतों के आधार पर मामले की जांच की जा रही है.
यात्रियों को बड़ी राहत, चक्रधरपुर स्टेशन पर हुए नए सुधार कार्य
13 Jun, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन में यात्री सुविधाओं की दिशा में एक बड़ी पहल के तहत पहली बार लिफ्ट की सुविधा शुरू हो गई है।
अब यात्रियों को प्लेटफॉर्म नंबर एक से दो या तीन पर जाने के लिए फुट ओवरब्रिज की सीढिया चढ़ने की जरूरत नहीं होगी।
यह सुविधा विशेष रूप से बुजुर्ग, दिव्यांग, बीमार यात्रियों और छोटे बच्चों के साथ सफर कर रहे यात्रियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी।
रेलवे द्वारा प्लेटफॉर्म एक और दो को जोड़ने वाले फुट ओवरब्रिज के दोनों ओर लिफ्ट स्थापित की जा चुकी है। चक्रधरपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक में पार्सल कार्यालय के समीप ही लिफ्ट को लगाया गया है।
प्लेटफार्म नंबर एक पर बन कर तैयार लिफ्ट को चालू कर दिया गया है और रेल यात्री इसका इस्तेमाल भी कर रहे है। वहीं, प्लेटफार्म संख्या दो और तीन को जोड़ने वाली लिफ्ट को फिलहाल बंद रखा गया है। जो कुछ ही दिनों में यात्रियाें के लिए शुरू हाे जाएगी।
मालूम रहे कि चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन का अमृत भारत स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक और दो में एक-एक लिफ्ट का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। लिफ्ट में एक साथ 13 लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे।
मौलाना के इशारे पर 'कांड': लड़की के साथ पकड़ा गया शख्स, बोला- 'प्रेमिका नहीं, मैं तो बस...
13 Jun, 2025 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अमरोहा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एक युवक मौलाना के कहने पर लड़कियों को बाहर सप्लाई करने की बात कबूल कर रहा है. उसने वीडियो में ये भी खुलासा किया है कि उसके साथ इस काम में और भी लोग शामिल हैं. युवक ने अपना नाम निजामुद्दीन बताया. इसके साथ ही ये भी बताया कि वह गजरौला के खाद गुजर गांव का रहने वाला है.
वायरल वीडियो में नजर आने वाला निजामुद्दीन लड़कियों को अपने साथ ले जाकर बाहर सप्लाई करने यानी बेचे जाने की बात तक खुद कबूल कर रहा है. वह ये बात भी कबूल कर रहा है कि उसको ये काम करने के लिए मौलाना बोलते हैं. यही नहीं युवक अपने साथ तीन से चार लोगों के साथ होने की भी बात कर रहा है. वीडियो के वायरल होते ही अमरोहा पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच शुरू की.
नाबालिग बच्ची को भगाकर ले जा रहा था
अमरोहा के अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश भदौरिया ने वायरल वीडियो को लेकर बयान जारी करते हुए कहा वायरल वीडियो थाना बछरायूं क्षेत्र के गांव लख्मिया का है. वायरल वीडियो में दिख रहा युवक गांव की किसी नाबालिग बच्ची को भगाकर ले जा रहा था. जहां गांव वालों ने उसे पकड़ लिया ओर उसकी पिटाई की. जहां उसने कहा कि लड़की उसकी प्रेमिका नहीं है. बल्कि वह लड़कियों को मौलाना के कहने पर सप्लाई करता है. इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक निज़ामुद्दीन को हिरासत में ले लिया और केस दर्ज कर लिया गया.
पुलिस कर रही मामले की जांच
अब पुलिस वायरल वीडियो के आधार पर युवक ने लड़कियों को किडनैप कर सप्लाई किए जाने यानी बेचे जाने वाली बात कही है. उसकी जांच कर रही है. हालांकि वीडियो में कही जाने वाली बात कितनी सच है और कितनी नहीं ये जांच के बाद ही पता लग सकेगा. पुलिस आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि वह लड़कियों को प्यार के जाल में फंसा कर अपने साथ ले जाता है और फिर मौलाना के कहने पर उन्हें बाहर बेच देता है.
कदमा थाने का दारोगा निलंबित, FIR लिखने के लिए मांगे थे 1 लाख रुपये
13 Jun, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जमशेदपुर। वरीय पुलिस अधीक्षक पीयूष पांडेय ने कदमा थाना के दारोगा सुनील कुमार दास को निलंबित कर दिया है। दारोगा पर कदमा की महिला दुर्गा कुमारी से एक लाख रूपये मांगने का आरोप था।
महिला दहेज प्रताड़ना का आवेदन लेकर थाना गया थी। प्राथमिकी दर्ज करने के नाम पर बार-बार थाना बुलाकर एक लाख रूपये की मांग दारोगा कर रहा था। जिसकी शिकायत टेल्को निवासी भाजपा नेता अंकित आनंद ने की थी।
वरीय पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच का आदेश सिटी एसपी कुमार शिवाशीष को दिया था। एसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर वरीय पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
महानगर भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद ने महिला एवं उसके भाई के साथ पांच जून को एसएसपी को लिखित शिकायत सौंपी थी और ट्वीट कर मुख्यमंत्री, डीजीपी, कोल्हान डीआईजी व राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकार को सूचित किया था।
एसएसपी के निर्देश पर सिटी एसपी ने जांच शुरू की और महिला की प्राथमिकी दर्ज कराने में मदद की। जांच में व्हाट्सएप कॉल, चैट संदेश व शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए गए।
रविवार को सिटी एसपी कार्यालय में शिकायतकर्ता अंकित आनंद समेत महिला, उसके पिताजी एवं भाई का बयान कलमबंद किया गया, साथ ही आरोपों के समर्थन में आवश्यक साक्ष्य भी प्रस्तुत किये गए थे। कदमा थाने से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने और ठोस साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई हुई।
इधर, अंकित आनंद ने कहा कि यह जीत सिर्फ महिला की नहीं, बल्कि पुलिस विभाग पर भरोसे की है। मुझे अफसोस रहेगा कि कदमा थाना प्रभारी ने रिश्वत प्रकरण पर सूचना दिए जाने के बावजूद चुप्पी साधे रखा। मैंने जो कहा था, उसे निभाया - भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस।
डीजीपी, एसएसपी और सिटी एसपी की तत्परता ने न्याय को संभव बनाया, इसके लिए आभार। भाजपा नेता अंकित आनंद ने ट्वीट कर निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि सत्यमेव जयते, ना खायेंगे : ना खाने देंगे।
पपीते के साथ करें केले की खेती, होगी बंपर कमाई
12 Jun, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोपालगंज। किसानों के खेतों में केला व पपीते अपनी मिठास घोलेगी। जिले की मिट्टी केला तथा पपीता की खेती के लिए मुफीद है।
यह देख कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग ने केला तथा पपीते की खेती का रकबा बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत केला व पपीते की खेती के लिए 120 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है।
लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही उद्यान विभाग ने इसकी खेती करने में रुचि दिखाने वाले किसानों का चयन करने की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है।
चयनित किसानों को उद्यान विभाग द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान पर पपीता के बीज तथा केला के पौधा दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान सलाहकार समय-समय पर किसानों को खेत में जाकर केला व पपीते की उपज बढ़ाने के लिए सलाह भी देंगे।
केला व पपीते की खेती को मुफीद जिले की मिट्टी
जिले में किसान केला तथा पपीते की खेती करते रहे हैं। जिले की मिट्टी मुफीद होने के बाद भी काफी कम रकबे में केला तथा पपीता की खेती होती है।
इसे देखते हुए कृषि विभाग की पहल पर उद्यान विभाग केला तथा पपीता की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रहा है।
किसानों में केला व पपीते की खेती के प्रति रुझान बढ़ने के साथ ही इसकी खेती करने का रकबा बढ़ाया जा रहा है। इस बार उद्यान विभाग ने 60 हेक्टेयर में केला तथा 60 हेक्टेयर में पपीता की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है।
किसानों के चयन की प्रक्रिया पूर्ण
केला व पपीता की खेती करने के लिए किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। चयनित किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर बीज व पौधे उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही उन्नत तरीके से केला व पपीता की खेती करने के लिए खेतों में जाकर किसान सलाहकार किसानों को प्रशिक्षण भी देंगे।
कहते हैं अधिकारी
" जिले की मिट्टी केला व पपीता की खेती के लिए काफी मुफीद है। इसे देखते हुए केला व पपीता की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। केला व पपीता की खेती करने के प्रति किसानों में रुझान भी बढ़ रहा है। इसकी खेती करने वाले किसानों को विभाग अनुदान देने के साथ ही उनको पूरा सहयोग करता है।" - ललन कुमार सुमन, जिला कृषि पदाधिकारी
प्रखंडवार पपीता की खेती का निर्धारित लक्ष्य
प्रखंड
क्षेत्र (हेक्टेयर)
केला की खेती का लक्ष्य (हेक्टेयर)
कुचायकोट
07
07
गोपालगंज
04
06
मांझा
05
04
बैकुंठपुर
04
06
बरौली
07
06
हथुआ
04
4.5
फुलवरिया
04
03
भोरे
04
03
उचकागांव
04
3.5
कटेया
04
03
पंचदेवरी
04
2.5
थावे
03
3.5
सिधवलिया
03
05
विजयीपुर
03
03