उत्तर प्रदेश
झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीज की सेप्टिक शॉक से मौत
11 Jun, 2025 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। रिम्स में इलाजरत कोविड से संक्रमित एक मरीज की मौत सेप्टिक शॉक के कारण मंगलवार को हो गई। 44 वर्षीय मरीज को दो जून को सीआईपी रांची से रिम्स रेफर किया गया था।
मरीज को खाना गले में फंस जाने की वजह से दिल का दौरा पड़ा और सांसे रुक गई, जिसके पश्चात उसे सीपीआर दिया गया और बचाने की कोशिश की गई। वेंटिलेटर सपोर्ट के लिए रिम्स लाया गया।
जांच में एस्पीरेशन निमोनिया की पुष्टी हुई। इस कारण ट्रामा सेंटर में वेंटीलेटर पर रखा गया। इसके अलावा मरीज को कई अन्य प्रकार की बीमारियां भी पहले से थी।
पांच जून को भर्ती मरीजों की जांच में मरीज को कोविड पॉजिटिव पाया गया। रांची में 12 कोरोना के एक्टिव केस है, जिनका इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
रिम्स चिकित्सकों के अनुसार मरीज की मृत्यु सेप्टिक शॉक की वजह से हुई है जिसमें मुख्यतः सर्कुलेटरी फेल्योर होता है न रेस्पिरेटरी फेल्योर जो कि आम तौर पर कोविड मरीजों में मौत का कारण होता है।
सेप्टिक शॉक एक जानलेवा स्थिति होती है जो तब होती है जब शरीर को किसी संक्रमण से लड़ने की प्रक्रिया खुद शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। यह सेप्सिस का गंभीरतम चरण होता है।
सेप्टिक शॉक क्या है?
जब शरीर में कोई संक्रमण (फेफड़ों, पेट, मूत्र मार्ग, या त्वचा ) बहुत अधिक फैल जाता है, तो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अत्यधिक प्रतिक्रिया देने लगती है। यह प्रतिक्रिया सिस्टमिक इनफ्लेमेटरी रिस्पांस पैदा करती है, जिससे रक्तचाप बहुत कम हो जाता है। अंगों (जैसे कि किडनी, लिवर, ब्रेन) तक खून की आपूर्ति कम हो जाती है।आक्सीजन की कमी होने लगती है। कई अंग एक-एक करके काम करना बंद करने लगती है।
रघुनाथ पांडेय की वापसी, श्रमिक यूनियन में फिर मिला नेतृत्व का मौका
11 Jun, 2025 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जमशेदपुर। टाटा स्टील यूटिलिटीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज श्रमिक यूनियन में रघुनाथ पांडेय फिर से अध्यक्ष बने हैं।
मंगलवार देर रात तक चले मतगणना के बाद रात लगभग दो बजे कोषाध्यक्ष व महासचिव व तीन बजे के बाद अध्यक्ष पद के परिणाम सामने आए।
अध्यक्ष पद के लिए कुल चार उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की थी। इसमें अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय (397 मत), विपक्ष से उम्मीदवार परमानंद सिंह (214 मत), तीसरे मोर्चा से चंद्रशेखर भूमिज (13 मत) व निर्दलीय प्रत्याशी राजेश कुमार को मात्र दो मत मिले।
वहीं, महासचिव के पद पर तीन उम्मीदवारों ने दावेदारी पेश की थी। इसमें निवर्तमान महासचिव सीडीएस कृष्णन फिर से बाजी मारी। कड़े मुकाबले में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार गोपाल जायसवाल को मात्र 22 मतों से हराया।
सीडीएस कृष्णन को (253 मत), गोपाल जायसवाल को (231 मत) और तीसरा मोर्चा से विनय कुमार को (142 मत) मिले।
इसी प्रकार कोषाध्यक्ष के पद पर पहली बार कोई महिला उम्मीदवार अपना भाग्य आजमां रही थी लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। विपक्ष से उम्मीदवार नेहा उपाध्याय (250 मत) व तीसरा मोर्चा से विजय बहादुर सिंह (31 मत) ही मिले।
इन्हें हराकर कमलेश सिंह (345 मत) मिले। ऑफिस बियरर्स के 10 में से नौ पदों पर रघुनाथ पांडेय एंड टीम ने कब्जा किया जबकि उपाध्यक्ष के एक पद पर विपक्ष से पिंटू शर्मा जीतने में सफल रहे।
हम अपने काम के दम पर जीते : कार्यकारी अध्यक्ष
जीत के बाद पत्रकारों से करते हुए कार्यकारी अमरनाथ तिवारी ने कहा कि हम अपने काम के दम पर चुनाव जीते जबकि विपक्ष अफवाहों के आधार पर चुनाव जीतना चाहते थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
भरोसा नहीं जीत सका विपक्ष
उम्मीद थी कि इस बार के चुनाव में विपक्षी टीम बाजी मारेगी और सत्ता पर काबिज होगी लेकिन वे कर्मचारियों का भरोसा नहीं जीत सके। बीते चुनाव में ऑफिस बियरर्स के 11 में से छह पदों पर विपक्ष ने कब्जा किया था लेकिन जिस उम्मीद से कर्मचारियों ने उन्हें जिताया था, वे भरोसे पर खरे नहीं उतरे।
कामकाजी महिलाओं के लिए सौगात: दफ्तर के करीब मिलेगी 'अपनी छत', सफर की परेशानी होगी खत्म
11 Jun, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार सरकार ने महिला कर्मचारियों की रिहाइश की सुविधा उनके कार्यस्थल के पास ही करने की योजना बनाई है. सरकार का प्लान है कि सरकारी महिला कर्मियों को उनके कार्यस्थल के आसपास ही आवास हो. सरकार लीज पर यह सुविधा देने जा रही है. राज्य सरकार की ओर से इस तरह की व्यवस्था पहली बार होने जा रही है. प्रशासन विभाग के इसके मसौदे पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में इस बाबत मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई. इसमें 22 एजेंडों पर मुहर लगी. इसमें लिए सभी मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि महिला सरकारी सेवकों को इसका लाभ मिलेगा, उन्हें आवास भत्ता की सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा.
कमेटी करेगी समुचित जांच
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भवन का चयन करने के लिए जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक कमेटी बनाई जाएगी. अनुमंडल पदाधिकारी इस कमेटी के सदस्य सचिव के अलावा जिला के एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को सदस्य बनाया गया है. यह कमेटी किराए के लिए प्राप्त सभी आवेदनों या रूचि की अभिव्यक्ति का विश्लेषण करके समुचित जांच करेगी.
किराए के लिए होगा भवन का चयन
इसके लिए इच्छुक मकान मालिक अपने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) के पास आवेदन करेंगे. इसके आधार पर यह देखा जाएगा कि पदस्थापन स्थल के आसपास यह स्थल मौजूद है या नहीं. इस भवन में पानी, शौचालय, बिजली समेत अन्य सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं या नहीं. तमाम पहलुओं की जांच करने के बाद निजी भवन का चयन लीज (पट्टा) के लिए किया जाएगा. इसके बाद सरकार के साथ एकरारनामा होगा. संबंधित महिला कर्मी से आवासन से संबंधित किसी तरह की असुविधा की शिकायत प्राप्त होने पर उसका निराकरण का दायित्व संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी की होगी.
बिहार जन्म-मृत्यु नियमावली में संशोधन
बिहार जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियमावली, 1999 के नियम-5 समेत अन्य धाराओं में संशोधन किया गया है. इसके बाद अब यह नियमावली बिहार जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 कही जाएगी. इसके तहत राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न डाटाबेस तैयार कर इसे अपडेट करने के साथ ही किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख और स्थान को साबित करने, किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिला लेने, चालान लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, पासपोर्ट जारी करने या किसी अन्य कार्य के लिए जन्म एवं मृत्यु के रजिस्ट्रीकरण कार्य का सरलीकरण कार्य का सरलीकरण, डिजिटाइजेशन कर कंप्यूटर के माध्यम से निर्धारित समयसीमा में जारी किया जाएगा.
हर पंचायत में तैनात होंगे लिपिक
राज्य की सभी पंचायतों में 8 हजार 93 निम्नवर्गीय लिपिकों की बहाली की जाएगी. पंचायत सरकार भवन या अन्य पंचायत स्तरीय कार्यालय में इन्हें पदस्थापित किया जाएगा. इनकी जिम्मेदारी पंचायत स्तरीय योजनाओं के क्रियान्वयन और इनका समुचित लेखन करने की होगी. इसके लिए लिपिकीय संवर्ग (भर्ती एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2018 का गठन किया गया है. इसके अलावा कृषि विभाग के नवसृजित कषि विपणन निदेशालय के लिए 14 पदों का सृजन किया गया है. इस निदेशालय की मदद से किसानों के उत्पाद में वैल्यू एडिशन या मूल्य संवर्द्धन करवाना समेत अन्य कार्य हैं. मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के चार पदों की स्वीकृति दी गई है. इसमें वरीय विमान चालक के दो, कन्सलटेंट एवं सिविल इंजीनियर के एक-एक पद शामिल हैं.
21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण
राज्य में गठित मेगा स्किल सेंटर से आगामी 5 वर्षों में 21 हजार 600 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. राज्य के युवाओं को बाजार मांग के अनुरूप अत्याधुनिक रोजगारपरक कौशल ज्ञान प्रदान करना इन मेगा स्किल सेंटरों का उदेश्य है. चयनित एजेंसी स्वतंत्र प्लेसमेंट सेल का गठन करेगी, जो प्रशिक्षित युवाओं को नियोजित करेगी. इस परियोजना की लागत 280 करोड़ 87 लाख रुपये है और इसकी अवधि 5 वर्ष की होगी.
नगरपालिका क्षेत्र के विज्ञापन नियम में बदलाव
बिहार नगर निगम क्षेत्र में विज्ञापन नियमावली (संशोधन), 2025 पर कैबिनेट की मुहर लग गई है. इसके अंतर्गत नगरपालिका क्षेत्र में प्रदर्शित होने वाले सभी तरह के विज्ञापन की दर निर्धारित की गई है. सार्वजनिक स्थल पर किसी भी दीवार, वाहन, होर्डिंग, फ्रेम, भवन, जमीन या अन्य किसी स्थान पर प्रदर्शित किए जाने वाले विज्ञापनों पर अलग-अलग दर निर्धारित की गई है. इसके लिए नगर निकायों में 5 कलस्टर बनाते हुए केंद्रीयकृत प्रणाली तैयार की गई है. इसके लिए नगर विकास एवं आवास विभाग से लाइसेंस लेने की आवश्यकता है. इसमें निगेटिव विज्ञापन की एक सूची भी तैयार की गई है, जिन्हें विज्ञापन के लिए प्रतिबंधित करके रखा गया है.
एसटी वर्ग को पीएम आवास योजना का लाभ
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के तरह राज्य के अनुसूचित जाति (एसटी) समुदाय के 9 समुह के लोगों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया जाएगा. इन आदिवासी समुदाय के लोगों को आवास के लिए 2 लाख रुपये चार बराबर किश्तों में दी जाएगी. जिन एसटी समुदायों को इसमें शामिल किया गया है, उसमें असुर, बिरहोर, बिरजीया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहईया, सौरियापहाड़िया और सावर शामिल हैं.
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए गएः-
-पटना में मौजूद लोकनायक जयप्रकाश हड्डी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में स्पोर्ट इंजूरी की इकाई शुरू की गई है. इस इकाई में 20 बेड की व्यवस्था की गई है. साथ ही 36 नए पदों का सृजन किया गया है.
-जल संसाधन विभाग के तहत बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम के तहत 100 करोड़ रुपये लागत की दो योजनाएं स्वीकृति की गई हैं. इसमें हसनपुर-बनिया से सगुनी के बीच 8.330 किमी लंबाई का नया तटबंध का निर्माण तथा पटना के बख्तियारपुर प्रखंड में गंगा चैनल के दाएं तट पर सुरक्षात्मक कार्य एवं कटाव कार्य शामिल हैं.
-समाज कल्याण विभाग के तहत समेकित बाल विकास सेवाएं अंतर्गत बिहार बाल विकास लिपिकीय संवर्ग (संशोधन) नियमावली, 2025 को स्वीकृति मिली.
-बिहार खेल सेवा संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्ते) नियमावली, 2025 को स्वीकृति दी गई. इससे राज्य में प्रतिभावान खिलाड़ियों का चयन प्रारंभिक स्तर पर किया जा सकेगा.
-सात डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. इन्हें लगातार अनुपस्थित रहने और अन्य कारणों से यह कार्रवाई की गई है. खगड़िया सदर अस्पताल के सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आशीष कुमार एवं डॉ जागृति सोनम, इसी जिले गोगरी के महेशखुंड अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. मो. फिरदौस आलम, लखीसराय सदर अस्पताल की सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनामिका कुमारी, इसी जिले के बड़हिया रेफरल अस्पताल की डॉ. अनुपम कुमारी, बेगूसराय के बरौनी स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अनुपम कुमार और लखीसराय के हलसी के नौवा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. अभिनव कुमार शामिल हैं.
'दहेज में चाहिए तेरी किडनी', ससुरालवालों की अजीबोगरीब मांग पर महिला ने दर्ज कराई शिकायत
11 Jun, 2025 10:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दहेज में कार, घर, सोना और संपत्ति मांगने का चलन पुराने समय से ही चला आ रहा है. हालांकि दहेज लेना कानूनन अपराध है, लेकिन शादी में चोरी-छिपे दहेज आज भी लिया ही जाता है. इतना ही नहीं महिला जब ससुराल आ जाती है, उसके बाद भी उससे दहेज की मांग की जाती है. दहेज न लाने पर महिला को ससुराल वाले प्रताड़ित करते हैं, लेकिन क्या आपने सुना है कि दहेज में किसी महिला से उसकी किडनी मांग ली जाए. जाहिर है नहीं सुना होगा, लेकिन ऐसा बिहार में हुआ है.
उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला द्वारा अपने बेटे के लिए दहेज में अपनी बहू से उसकी किडनी मांगने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दीप्ति नाम की महिला ने इस संबंध में मुजफ्फरपुर महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पीड़िता दीप्ति अब अपने मायके में है. पुलिस को अपने साथ हुए अत्याचारों के बारे में बताते हुए दीप्ति ने कहा कि मेरी शादी 2021 में हुई. मेरा ससुराल मुजफ्फरपुर के बोचहा थाना क्षेत्र में है.
दहेज नहीं ला सकती तो किडनी दो
पीड़िता ने बताया कि शादी के बाद शुरू में सब ठीक था. लेकिन फिर मेरे ससुराल वालों ने पैसे, बाइक और जेवर लाने के लिए मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और मेरे साथ मारपीट की. जब मैं अपने ससुराल वालों की मांगें मानने को तैयार नहीं हुई, तो उन्होंने मुझ पर अपने बीमार पति को अपनी एक किडनी देने के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया.
पुलिस ने की समझौते की कोशिश
महिला ने बताया कि मुझे अपने पति की किडनी की बीमारी के बारे में शादी के दो साल बाद पता चला. ससुराल वालों ने मुझ पर किडनी देने के लिए दबाव डाला. मुझे मारा-पीटा और प्रताड़ित किया. दीप्ती इसके बाद अपने माता-पिता के घर आ गई और महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई. इस मामले पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी.
दीप्ति ने अपने पति से तलाक मांगा, लेकिन उसके पति ने उसे तलाक देने से मना कर दिया. महिला थाने में 38/25 का मामला दर्ज किया है और उसके पति समेत ससुराल पक्ष के चार लोगों को आरोपी बनाया है.
UP पुलिस की अनोखी 'बाराती' रणनीति: शादी में लूट करने वाले शातिरों को उन्हीं के अंदाज में पकड़ा
11 Jun, 2025 10:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर में शादी समारोह में लूट की वारदात को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार लुटेरों के पास से पुलिस ने नगदी और मोटरसाइकिल बरामद किया है. लुटेरे इतनी सफाई से वारदात को अंजाम देते थे कि कोई समझ ही नहीं पाता था. पुलिस ने इन लुटेरों को उन्हीं के अंदाज में गिरफ्तार कर लिया.
लुटेरों का गैंग ने बीते अठारह मई को भीटी क्षेत्र के दिलावल पुर में आई एक बारात में लूट की वारदात को अंजाम दिया था. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो हैरान करने वाली कहानी सामने आई.
बाराती बन कर करते थे लूट
लुटेरों का यह गिरोह पहले यह पता करता था कि क्षेत्र में शादी समारोह कहां हैं. इसके बाद ये सभी लोग बाराती बन कर इस बराता में शामिल हो जाते थे. बरात में नाश्ता करते और खाना भी खाते इसी दौरान ये लोग दूल्हे के रिश्तेदारों पर नजर भी रखते. ये लोग इस बात का पता लगाते कि किसके बैग में पैसा है और फिर मौका पाकर बैग छीन कर फरार हो जाते. बरात से भागने के लिए ये लोग एक पल्सर मोटरसाइकिल का प्रयोग करते थे.
बाराती बन पुलिस ने लुटेरों को पकड़ा
शादी समारोह में लूट की खबर पुलिस को कई बार मिली. इसलिए पुलिस ने भी लुटेरों के अंदाज में ही काम करना शुरू किया. सादे ड्रेस में कई पुलिस वाले बारात में शामिल होने लगे और ऐसे लोगों पर नजर रखने लगे. ऐसे ही एक बारात में लूट की वारदात को अंजाम देने के नियत से शामिल इन लुटेरों को भीटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार लुटेरों के पास से 91 हजार नगदी और पल्सर बाइक बरामद हुई है. पुलिस ने मनीष, दिव्यांश और अनिल को गिरफ्तार किया है. ये सभी अयोध्या जिले के तारुन थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. इनके खिलाफ सुल्तानपुर , अयोध्या और अंबेडकरनगर में मुकदमा दर्ज है.
पुलिस अधीक्षक केशव कुमार ने बताया कि ये सभी लोग बरात में शामिल हो कर वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस वाले भी सादे ड्रेस में बरात में शामिल हो कर इनकी तलाश करते थे. इन सभी के विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई की जायेगी.
'चलो शादी कर लेते हैं' कहने पर बॉयफ्रेंड ने गर्लफ्रेंड को दिया जहर
11 Jun, 2025 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां भोजपुर थाना इलाके के शाहपुर गांव में एक प्रेमी ने प्रेमिका को जहर दे दिया. प्रेमिका की हालत बिगड़ने पर उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच में जुटी है.
प्रेमिका ने अपने परिवार वालों को जानकारी दी कि उसका प्रेम प्रसंग बीते 4 साल से जावेद से चल रहा था. जावेद ने शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बनाए. इसी बीच, जावेद ने उसे मिलने बुलाया. पीड़िता ने कहा कि बातचीत के दौरान उसने जावेद से शादी को कहा तो वह इधर-उधर की बातें करने लगा. इसी बीच,उसने कोई जहरीला पदार्थ पीने को दिया. जावेद ने कहा कि अगर तुम ये पी लोगी तो मैं शादी कर लूंगा.
जहरीला पदार्थ पी लिया
पीड़िता के मुताबिक, वह जावेद की बातों में आ गई और जहरीला पदार्थ पी लिया. इससे उसकी हालत बिगड़ गई. इस वक्त प्रेमिका जिला अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है. फिलहाल परिजन ने पुलिस में शिकायत की है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
क्या बोले एसपी?
एसपी देहात कुंवर आकाश सिंह ने बताया कि शाहपुर गांव से एक सूचना प्राप्त हुई कि एक युवती से उसके प्रेमी ने रेप किया है. वहीं, पीड़िता को जहरीले पदार्थ का सेवन करा दिया है. युवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
पीड़िता के परिवार सदमे में
वहीं, इस घटना से पीड़िता के परिवार सदमे में हैं. उन्होंने पुलिस से आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है. मोहल्ले में सन्नाटा पसरा है. एक अधिकारी के मुताबिक, पीड़ित परिवार से पूछताछ की गई है. एक टीम अस्पताल भी गई थी. सेहत में सुधार आते ही पीड़िता से भी जानकारी ली जाएगी.
शिक्षा के लिए मजबूरी? B.Tech छात्र ने कॉलेज में की चोरी, स्कॉलरशिप न मिलने का बहाना
10 Jun, 2025 04:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के झांसी में चोरी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां कॉलेज से लैपटॉप, टैबलेट और कम्प्यूटर चोरी के मामले में पुलिस ने एक चोर को अरेस्ट किया है. आरोपी चोर कोई और नहीं कॉलेज का ही स्टूडेंट था. पुलिस से छात्र ने पूछताछ की है. उसने चोरी की हैरान कर देने वाली वजह बताई है.
एक अधिकारी ने बताया कि नवाबाद थाना पुलिस ने बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के बीटेक सेकंड ईयर के छात्र प्रशांत को इस मामले में अरेस्ट किया है. छात्र ने बताया कि उसे फीस जमा करने थे. स्कॉलरशिप भी नहीं आई थी. इस वजह से उसने कॉलेज में चोरी की. हालांकि, पुलिस ने चोरी हुए सामान बरामद कर लिए हैं.
कॉलेज से छात्र ने ये सामान चुराए थे
आरोपी छात्र प्रशांत लखनऊ का रहने वाला है. पुलिस को आरोपी के पास से जो सामान मिले हैं, उनमें 12 टैबलेट, एक लैपटॉप, 2 डेस्कटॉप और 2 सीपीयू शामिल हैं. पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आरोपी ने अकेले ही वारदात को अंजाम दिया है. उसने किसी भी शख्स की मदद नहीं ली है. पुलिस से पूछताछ में उसने बताया है कि आर्थिक हालात से वो परेशान हैं. उसके पास पैसे नहीं थे. इसलिए उसने कॉलेज में घुसकर चोरी की.
कॉलेज में क्यों की चोरी?
छात्र ने पुलिस को बताया कि पिता सेल्समैन का जॉब करते हैं. उनकी भी सैलरी ज्यादा नहीं है. उसके पास कॉलेज की फीस चुकाने के लिए चोरी के अलावा कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था. चोरी की शिकायत बीआईईटी के कुलसचिव डॉ. विमल किशोर ने थाने में दर्ज कराई थी. इसके बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी थी. पुलिस की टीम ने कॉलेज में आकर जायजा लिया था और कर्मचारियों से पूछताछ भी की थी. पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज को भी खंगाला था. बताया जा रहा है कि आरोपी युवक सामान को बेचने की फिराक में था.
महाकुंभ भगदड़ की नई रिपोर्ट पर विपक्ष हमलावर, अखिलेश-सुप्रिया ने सरकार से मांगे जवाब
10 Jun, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
महाकुंभ में मौनी अमावस्या से ठीक पहले की रात मची भगदड़ और इसमें हुई मौतों को लेकर उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बड़ा बवाल शुरू हो गया है. इस बार बवाल को एक निजी मीडिया हाउस बीबीसी की तथ्यात्मक रिपोर्ट ने हवा दी है. दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया था इस भगदड़ में महज 37 लोगों की ही मौत हुई थी, लेकिन बीबीसी ने संबंधित प्रमाण पेश करते हुए दावा किया है कि कम से कम 82 लोग इस भगदड़ में मारे गए थे. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आंकड़ों में इस अंतर को लेकर सपा के साथ कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में इस घटना को तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82 बताया है.
इस प्रसंग पर आगे बढ़ने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि उस हादसे वाली रात हुआ क्या था? साथ ही यह भी जानने की कोशिश करते हैं कि भगदड़ क्यों मची? आइए शुरू से शुरू करते हैं. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या थी. कायदे से मौनी अमावस्या को ही माघ मेला, अर्द्ध कुंभ या कुंभ का मुख्य स्नान माना जाता है. इसी मान्यता की वजह से उस रात संगम में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इस भीड़ से बचने के लिए लाखों की तादात में लोग एक दिन पहले की रात में ही संगम नोज के पास पहुंच गए थे. इन लोगों की योजना था कि सुबह चार बजे से पहले ही वह गंगा में डुबकी लगा लेंगे.
रात में 1.10 पर मचा था भगदड़
इसी सोच के साथ यह लाखों की भीड़ स्नान घाट को जाने वाले रास्ते के ईदगिर्द सोई थी. उधर, शहर से संगम की ओर श्रद्धालुओं के आने का क्रम भी लगातार बना हुआ था. बताया जा रहा है कि इसी दौरान प्रशासन ने पीपा वाले पुल को शाही स्नान के लिए बंद कर दिया. इसकी वजह से भीड़ का दबाव काफी बढ़ गया और लोग बेकाबू हो गए. करीब एक बजकर 10 मिनट पर पोल नंबर 12 के पास यह बेकाबू भीड़ जब आगे बढ़ी तो बैरियर टूट गया और यह भीड़ वहां सोए लोगों को रौंदते हुए बढ़ने लगी. कहा जा रहा है कि इस घटना में दो सौ से अधिक लोग भीड़ के पांवों तल कुचले गए थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया था कि इनमें से 37 लोगों की मौत हुई थी. जबकि मीडिया हाउस ने अपनी रिसर्च के आधार पर मौतों की संख्या 82 बताई है.
वायरल हुए थे कई वीडियो
रात में एक बजकर 10 मिनट पर हुए इस हादसे के कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे. इसमें एक महिला कांस्टेबल का वीडियो भी शामिल है. इस वीडियो में वह घटना स्थल से अधिकारियों को फोन पर कह रही थी कि स्थिति नाजुक है, जल्द फोर्स भेजिए. इसके अलावा एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भीड़ बेतरतीब होकर चीखते चिल्लाते हुए भागती नजर आ रही थी. यह दोनों वीडियो इस हादसे की भयावहता बताने के लिए काफी थे.
कहां-कहां हुई थी भगदड़
भगदड़ के बाद खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बयान दिया था. उन्होंने भगदड़ की बात स्वीकार करते हुए कहा था कि संगम नोज पर 30 लोगों की मौत हुई थी. वहीं उन्होंने अन्य स्थानों पर 7 लोगों की मौत को सवीकार किया था. अब बीबीसी ने 11 राज्यों के 50 जिलों में घूमकर जो अपनी रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है कि कुल चार से अधिक स्थानों पर भगदड़ मचा था. इसमें कुल मौतों की संख्या 82 से अधिक है.
अखिलेश यादव का सरकार पर सीधा हमला
मीडिया रिपोर्ट के आधार पर सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस नेत्री सुप्रीया श्रीनेत ने बीजेपी और योगी सरकार पर सीधा हमला बोला है. अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर घटना को तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82 बताते हुए कहा कि सत्य कब तक छिपाओगे. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें. सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही जरूरी होता है. इसी के साथ उन्होंने लिखा है कि भाजपा आत्म-मंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं, वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढ़कर अपने को, अपने मिथ्या-साम्राज्य का मुखिया मान रहे हैं.
अखिलेश यादव ने पूछे ये सवाल
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा, सवाल सिर्फ आंकड़े छिपाने का नहीं है, सदन के पटल पर असत्य बोलने का भी है और इस बड़ी बात का भी है कि महाकुंभ मृत्यु-मुआवज़े में जो राशि नकद दी गई, वो कैश क्यों दी गई? फिर उन्होंने पूछा कि वो कैश आया कहां से और वो कैश कहां गया, जो वितरित नहीं हो पाया? इसी के साथ्ज्ञ उन्होंने सवाल उठाया कि कैश बांटने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ? उन्होंने कहा कि बीबीसी की यह रिपोर्ट अंत नहीं है, बल्कि महाकुंभ में हुई मौतों और उनसे जुड़े पैसों के महासत्य की खोज का आरंभ है.
श्री बांके बिहारी कॉरिडोर प्रोजेक्ट को मिली अंतिम मुहर, 5 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण
10 Jun, 2025 03:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में बांके बिहारी जी के मंदिर में कॉरिडोर बनाने के लिए प्रस्ताव पाास कर दिया गया है. मथुरा-वृन्दावन नगर निगम की बैठक में सोमवार को ये प्रस्ताव पारित हो गया. हालांकि बांके बिहारी जी के मंदिर में कॉरिडोर बनाने का ये प्रस्ताव शांति नहीं, बल्कि बैठक में भारी हंगामे के बाद पास हुआ. अब बांके बिहारी मंदिर के आसपास करीब पांच एकड़ के दायरे में कॉरिडोर बनाया जाएगा.
बैठक में बीजेपी से जुड़े सभी पार्षदों सरकार की योजना का समर्थन किया, जबकि विपक्षी पार्षदों ने प्रस्ताव का विरोध किया. इस बैठक में महापौर विनोद अग्रवाल, नगर आयुक्त जगप्रवेश समेत सभी वार्डों के पार्षदों की मौजूदगी रही. बैठक में महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा कि बांके बिहारी जी के लिए हर साल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद योगी सरकार बांके बिहारी जी के मंदिर में कॉरिडोर बनाना चाहती है.
बीजेपी और उनके सहयोगियों ने लगाए जयकारे
महापौर विनोद अग्रवाल ने जैसे ही ये बात कही, वैसे ही जितने बीजेपी के और उसके सहयोगी पार्षद थे सभी ने बांके बिहारी जी का जयकारा लगाना शुरू कर दिया. वहीं बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र से कांग्रेस पार्षद घनश्याम चौधरी ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. उनकी ओर से कॉरिडोर बनाने से वृंदावन की गलियों का प्राचीन स्वरूप नष्ट होने की बात कही गई. साथ ही उन्होंने कॉरिडोर बनाने से सैकड़ों लोगों पर असर पड़ने की भी बात कही. इस पर महापौर ने मंदिर के सेवायतों की आवासीय आशंकाओं को निराधार बताया.
सहमति से ही कॉरिडोर की अंतिम रूपरेखा बनेगी
साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार सभी के पुनर्वास का इंतजाम करेगी. उन्होंने कहा कि ग्वोस्वामी समाज के मांगों के अनुरूप ही कॉरिडोर बनाया जाएगा. सभी की सहमति से ही कॉरिडोर की अंतिम रूपरेखा बनाई जाएगी. सरकार ध्यान रखेगी कि सेवायत गोस्वामियों, क्षेत्रीय निवासियों और व्यापारियों आदि किसी का अहित न हो.
बिहार के काराकाट में आठ किलो गांजा बरामद
10 Jun, 2025 03:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोहतास। काराकाट पुलिस ने आठ किलो गांजे के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसकी गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर डेहरी से पटना जाने वाली एक बस से की गई। बिक्रमगंज के एसडीपीओ कुमार संजय ने बताया कि एनएच 120 ए स्थित बहुआरा काली मंदिर के समीप सघन वाहन जांच की जा रही थी। इसी दौरान नासरीगंज की तरफ से आने वाली एक बस को रुकने का इशारा किया गया, तो बस पर बैठा एक व्यक्ति अपनी पीठ पर लदे पिठू बैग एवं हाथ में लिए झोले को लेकर गेट की ओर तेजी से बढ़ने लगा।
शक होने पर उसे सशस्त्र बल के सहयोग से रोका गया। पूछने पर उसने अपना नाम भोजपुर जिला निवासी स्व शिव कुमार प्रसाद का पुत्र गुप्तेश्वर प्रसाद उम्र 58 वर्ष बताया। उसके बैग और झोले की तलाशी एनडीपीएस एक्ट के तहत काराकाट के सीओ डॉ. रितेश कुमार के समक्ष की गई, तो बैग से 5 बंडल एवं झोले से 3 बंडल कुल 8 बंडल गांजा बरामद किया गया। इसका वजन कुल 7 किलो 900 ग्राम था।
उसके पास से एक मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में काराकाट थाना काण्ड सं 300/25 दिनांक 09.06.25 धारा 20 (बी) (8) एनडीपीएस एक्ट दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। एसडीपीओ ने बताया कि इस गिरोह के अन्य लोगों के बारे में जानकारी लेने का प्रयास पुलिस कर रही है।
गिरफ्तार गुप्तेश्वर प्रसाद उदवन्तनगर थाना काण्ड संख्या-140/23, धारा-342/307 भादवि का अभियुक्त है। छापेमारी दल में काराकाट थानाध्यक्ष भागीरथ कुमार, काराकाट सीओ डॉ. रितेश कुमार, पुअनि रोहित कुमार, पुअनि संजय कुमार ठाकुर, सिपाही रोहन राज शामिल रहे।
गोपालगंज में 7 महीने की प्रेग्नेंट किशोरी का मिला शव
10 Jun, 2025 01:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गोपालगंज। रविवार रात जादोपुर थाना क्षेत्र के बलुआ टोला में सात माह की गर्भवती एक किशोरी की गला दबाकर हत्या कर शव को गन्ने की खेत में फेंक दिया गया। यह घटना चार दिनों में दूसरी है। चार दिनों के अंदर दो किशोरी की हत्या कर शव को फेंक दिया गया है।
ऐसे में जादोपुर दियारा क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। जानकारी के अनुसार, जादोपुर थाना क्षेत्र के बलुआ टोला निवासी शख्स की 15 वर्षीय बेटी रविवार की रात को अपने घर से खाना खाने के बाद सोने के पहले दरवाजे पर बैठ गई। यहां से वह लापता हो गई।
वहीं दो घंटे की खोजबीन का उसका शव गन्ने के खेत से बरामद कर लिया गया। रविवार की रात को शव बरामद होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए लेकर सदर अस्पताल पहुंची।
यहां पोस्टमार्टम के दौरान चिकित्सक ने बताया कि वह सात माह की गर्भवती थी। फिलहाल इस मामले में जादोपुर थानाध्यक्ष मोहन कुमार निराला चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं।
शुक्रवार को मिला था एक किशोरी का शव
उधर, गोपालगंज के ही दूसरे गांव में एक किशोरी की हत्या का मामला सामने आया। माता-पिता पर ही अपनी बेटी की हत्या करने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, 15 वर्षीय किशोरी का अपने ही गांव के एक युवक से प्रेम-प्रसंग था।
आरोप है कि इसको लेकर स्वजन ने कई बार किशोरी को समझाने के बाद उसकी पिटाई भी की थी। आरोप है कि इसके बाद उसके पिता व मां के अलावा भाई ने मिलकर घर के एक कमरे में किशोरी को ले गए। कमरे में पिता ने बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी।
आरोप है कि भाई और मां ने भी पूरी वारदात में किशोरी के पिता का साथ दिया था। शव पूरी तरह से नहीं जल सका तो पुलिस से बचने के लिए स्वजन ने सिहोरवा बांध के समीप दफन कर दिया था।
शुक्रवार की रात शव को पुलिस ने बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपित माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित भाई की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है।
डिटेंशन सेंटर से दो महिलाओं सहित 3 बांग्लादेशी फरार
10 Jun, 2025 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हजारीबाग। हजारीबाग स्थित जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा (जेपी कारा) के डिटेंशन सेंटर से रविवार रात दो महिलाओं सहित तीन बांग्लादेशी नागरिकों के फरार होने की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह डिटेंशन सेंटर से फरारी की अब तक की तीसरी घटना है, जिसने पुलिस और जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। फरार होने वालों में 29 वर्षीय रीना खान उर्फ फीना देवी (निवासी-ढाका), 24 वर्षीय अख्तर खुशी (निवासी-चटगांव) और 22 वर्षीय मोहम्मद नजमुल हक (निवासी-सानिधभांगा, मोरलेगंज) शामिल हैं।
तीनों के खिलाफ भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने और बिना वैध पासपोर्ट रहने का मामला दर्ज था। ये विभिन्न जेलों रांची, जामताड़ा और दुमकामें बंद थे, जिन्हें बाद में हजारीबाग के डिटेंशन सेंटर में स्थानांतरित किया गया था।
घटना के समय डिटेंशन सेंटर में आठ सुरक्षाकर्मी तैनात थे और कैदियों को कांटेदार बाड़े वाले कक्षों में रखा गया था, इसके बावजूद तीनों का फरार हो जाना चौकाने वाला है। अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वे निगरानी और सुरक्षा घेरे को चकमा देकर कैसे फरार हुए।
चौंकाने वाली बात यह है कि फरार हुए आरोपितों की तस्वीर तक पुलिस या जेल प्रशासन द्वारा जारी नहीं की गई है। इस मामले में जेपी कारा और पुलिस प्रशासन एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नजर आ रहे हैं।
इस मामले को लेकर लोहसिंघना थाना में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू कर दी गई है। घटना की जानकारी मिलते ही उपायुक्त शशि प्रकाश, एसडीपीओ सदर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा की।
जानकारी के अनुसार, तीनों विदेशी नागरिक अपनी सजा पूरी कर चुके थे और उन्हें बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया चल रही थी। भारत सरकार लगातार बांग्लादेश दूतावास से संपर्क में थी, लेकिन बांग्लादेश की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण उनकी रिहाई में देरी हो रही थी।
इस कारण से उन्हें जेल से हटाकर जेपी कारा परिसर स्थित डिटेंशन सेंटर में रखा गया था। वहीं, इस घटना ने एक बार फिर यहां की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी उजागर करती है। इससे पहले भी दो बांग्लादेशी और एक रोहिंग्या नागरिक यहां से फरार हो चुके हैं, लेकिन किसी को अब तक दोबारा पकड़ा नहीं जा सका है।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर चूक की जिम्मेदारी किस पर डालता है और फरार विदेशी नागरिकों की तलाश में कितनी तेजी और सफलता दिखाता है।
जहां गोलियों की आवाज़ थी, वहां अब सेब के बागों की खुशबू है — बदलाव की कहानी
10 Jun, 2025 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तोपचांची। जहां कभी नक्सलियों की धमक सुनाई देती थी, वहां अब सेब की महक फैल रही है। तोपचांची के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र रोआम में इन दिनों सेब की खेती की शुरुआत की गई है।
इसकी शुरुआत पूर्व बीस सूत्री अध्यक्ष सह किसान विकास तिवारी ने किया है। सेब की खेती की शुरुआत कर वे दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं।
उन्हाेंने दो वर्ष पूर्व पांच हजार रुपया खर्च कर अपने एक मित्र से हिमाचल से 10 सेब का पौधा मंगवाया था। घर के पीछे जमीन पर 10 पौधे को लगाए और पूरी लगन के साथ दो वर्षों तक पौधे के पीछे मेहनत किया।
वर्तमान में आठ पौधों में फल लगा है। इसका उपयोग फिलहाल वे स्वयं कर रहे हैं। सेब का फल लगने के कारण पूरे प्रखंड में विकास तिवारी चर्चा के केंद्र बन गए हैं। सेब की उपज कर किसानों व आमजनों के बीच उन्होंने यह संदेश दिया है कि अगर इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र के नाम से बदनाम तोपचांची में बदलाव की बयार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पहले यहां के किसान सब्जी का उत्पादन कर रहे थे। आज सेब की खेती की कोशिश कर रहे हैं। उसमें सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं।
उनके बगीचे में सेब के पौधों के साथ अंबिका तथा अरुणिका प्रजाति के आम के पौधे भी लगे हुए हैं। जिसमें हर वर्ष फल आता है। उन्होंने बताया कि सेब की खेती को उन्होंने परीक्षण के तौर पर शुरू किया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली है।
सरकार अगर उन्हें मदद करे तो बड़े पैमाने पर सेब की खेती कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अभी हिमाचल तथा कश्मीर में सेब पेड़ पर ही लगा हुआ है लेकिन उनके द्वारा लगाए गए पौधे में सेब पूरी तरह से तैयार हो गया है।
चक्रधरपुर स्टेशन में जल्द लगेगा वाटर वेंडिंग मशीन
10 Jun, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर के पैसेंजरों के लिए एक गुड न्यूज है। चक्रधरपुर स्टेशन में चार साल से बंद पड़ी वाटर वेंडिंग मशीन अब एक बार फिर से शुरू होगी।
रेल प्रशासन ने स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म में वाटर वेंडिंग मशीन लगाने के लिए एक संबंधित एजेंसी को कार्य सौंपा है। 15 दिनों के भीतर एजेंसी वाटर वेंडिंग मशीन लगाने का कार्य शुरू करेंगी। इसके बाद कम पैसे में यात्रियों को शुद्ध आरओ वाटर यात्रियों को मिल सकेगा।
वहीं, चक्रधरपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 में भी वाटर वेंडिंग मशीन लगाने के लिए रेल प्रशासन टेंडर निकाल कर एजेंसी की तलाश कर रही है।
मालूम रहे कि चक्रधरपुर स्टेशन में पांच वर्षों से वाटर वेंडिंग मशीन बंद पड़ी थी। वाटर वेंडिंग मशीन के बंद होने से यात्री पांच रुपए के बजाय 15 से 20 रुपए में पानी की बोतल खरीदकर पीने के लिए मजबूर हैं।
लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए ट्रेन से उतरकर 5 रुपये में आरओ के ठंडे पानी की बोतल मिल जाती थी, लेकिन अभी लोगों को 15 रुपए में पानी की बोतल मिल रही हैं, जिससे यात्रियों को ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
चक्रधरपुर स्टेशन में प्रतिदिन 20 हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना होता है। गर्मी के दिनों में चक्रधरपुर स्टेशन के यात्री 3 से 4 हजार लीटर से अधिक बोतलबंद पानी खरीद कर पी जाते है। वहीं, भीषण गर्मी में स्टेशन में लगे नल से गर्म पानी निकल रहा है। यात्रियों को सस्ता शीतल पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा था।
चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आदित्य कुमार चौधरी ने बताया कि जल्द ही चक्रधरपुर स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म में वाटर वेंडिंग मशीन लगेगा। रेलवे ने टेंडर के माध्यम से एजेंसी का चयन कर लिया है। उसे जल्द से जल्द वाटर वेंडिंग मशीन को स्थापित करने को कहा गया है।
मानसून से पहले सरकार सख्त, बांधों की सुरक्षा को लेकर जारी हुए कड़े निर्देश
10 Jun, 2025 10:34 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के जल संसाधन माननीय मंत्री विजय कुमार चौधरी और प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किये हैं. उन्होंने कहा कि मुख्य अभियंताओं, कार्यपालक अभियंताओं और कनीय अभियंताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में तटबंधों की स्थिति का जमीनी स्तर पर आकलन करने का निर्देश जारी किया है. जल संसाधन विभाग ने कहा कि दृष्टि एप के माध्यम से निरीक्षण रिपोर्ट्स अपलोड की जा रही हैं, जिनके आधार पर तुरंत कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है.
विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि मॉनसून से पूर्व सभी कटाव निरोधी कार्य, तटबंधों की मरम्मत, झाड़ियों की सफाई, रैट होल्स एवं फॉक्स होल्स की पहचान तथा सुधार कार्य निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण कर लिए जाएं. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी संवेदनशील स्थलों पर वरिष्ठ अधिकारियों का निरीक्षण हो.
विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने स्पष्ट रूप से कहा कि तटबंधों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वर्तमान में “बाढ़ सुरक्षा सप्ताह” के तहत गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वीरपुर, कटिहार और पटना सहित सभी संवेदनशील क्षेत्रों में विभाग की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं.
आम जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि तटबंधों की मजबूती और आपातकालीन तैयारी समय से पहले पूरी की जाए.
राज्य की जनता से भी नियंत्रण कक्ष से जुड़कर बाढ़ से संबंधित किसी भी आपदा, आकस्मिकता, तटबंध में सीपेज, पाइपिंग, कटाव, क्षरण या जानबूझकर की गई क्षति से जुड़ी सूचना या शिकायत सीधे देने की अपील की गई है. इसके लिए 24 घंटे सातों दिन कार्यरत टोल फ्री नंबर 1800-3456-145 और दूरभाष संख्याएं 0612-2206669 एवं 0612-2215850 उपलब्ध हैं. इन नंबरों पर प्राप्त शिकायतों और सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी.