व्यापार
बैंक ऑफ बड़ौदा ने सचिन तेंदुलकर को बनाया ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर
8 Oct, 2024 02:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना ग्लोबल ब्रांड एंबेसडर बनाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा अपने कारोबार को तेजी से बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। उसका मानना है कि सचिन की ब्रांड वैल्यू इमेज से उसे अपने मकसद को पूरा करने में मदद मिलेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा सचिन के साथ मिलकर अपने पहले अभियान "प्ले द मास्टरस्ट्रोक" की शुरूआत कर रहा है। इसके जरिए वह अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगा, ताकि वे 'मास्टरस्ट्रोक' खेलकर आर्थिक लक्ष्यों की पारी में एक बड़ा स्कोर बनाएं।
बैंक के लिए क्या करेंगे सचिन?
बैंक ऑफ बड़ौदा के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सचिन बैंक के सभी ब्रांडिंग कैंपेन का मुख्य चेहरा बनेंगे। वे ग्राहक शिक्षा एवं वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों और धोखाधड़ी की रोकथाम पर जागरूकता अभियानों के साथ ग्राहक एवं कर्मचारी जुड़ाव कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण बनेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा का 17 देशों में व्यापक उपस्थिति है। बैंक का मानना है कि एक वैश्विक स्पोर्ट्स ब्रांड के रूप में सचिन वैश्विक मंच पर बैंक के ब्रांड को और ऊंचाई पर लेकर जाएंगे।
बैंक ने सचिन से साझेदारी पर क्या कहा?
इस साझेदारी के बारे में बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी और सीईओ देबदत्त चांद ने कहा, "भारत के खेल दिग्गजों में से एक सचिन तेंदुलकर को अपना वैश्विक ब्रांड एंबेसडर घोषित करना बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए बहुत गौरव का क्षण है। सचिन ग्लोबल आइकन हैं, जिन्होंने हमेशा उदाहरण पेश करते नेतृत्व किया है और अपने खेल से हमें प्रेरित किया है।"
बैंक ने इस अवसर पर 'बॉब मास्टरस्ट्रोक बचत खाता' की शुरुआत की भी घोषणा की, जो विशेष रूप से प्रीमियम सेवाओं के इच्छुक ग्राहकों के लिए डिजाइन किया गया एक विशिष्ट बचत बैंक खाता है। 'बॉब मास्टरस्ट्रोक बचत खाता' की उत्पाद संरचना में इस श्रेणी की सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं, विश्वसनीयता और दीर्घकालिक वित्तीय आयोजना शामिल हैं।
पार्टनरशिप पर क्या बोले सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ जुड़ने की काफी खुशी है। यह एक ऐसी संस्था है जो निरन्तर समय के साथ उन्नति के पथ पर अग्रसर है और आज के समय मे अपना स्थान कायम किए हुए है। एक सदी पहले एक छोटी सी शुरुआत से आगे बढ़ते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा उत्कृष्टता, सत्यनिष्ठा, नवोन्मेषिता के सिद्धांतों पर चलते हुए एक अग्रणी बैंकिंग संस्थान बन गया है। ये मूल्य मेरे दिल के करीब हैं और मेरा मानना है कि ये किसी भी कार्य की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं।"
एयरटेल बिजनेस ने फोर्टिनेट के साथ की साझेदारी, 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट'- उद्यमों के लिए अत्याधुनिक और सुरक्षित कनेक्टिविटी समाधान किया लॉन्च
8 Oct, 2024 02:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एयरटेल सिक्योर इंटरनेट, फोर्टिनेट के नए युग के साइबर सुरक्षा समाधानों के साध मिलकर उद्यमों को मौजूदा और उभरते खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला से बचाएगा
यह समाधान विशेष रूप से एयरटेल के सुपर-फास्ट, अखिल भारतीय इंटरनेट लीज लाइन (आईएलएल) नेटवर्क पर संपूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
गुरुग्राम – भारत के अग्रणी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं में से एक, भारती एयरटेल ("एयरटेल") की बी2बी शाखा, एयरटेल बिजनेस ने नेटवर्किंग और सुरक्षा के अभिसरण को आगे बढ़ाने वाले वैश्विक साइबर सुरक्षा लीडर फोर्टीनेट से नए युग के साइबर सुरक्षा उपायों का लाभ उठाते हुए 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' लॉन्च किया है - जो साइबर खतरों के खिलाफ एक मजबूत और पूरी तरह से प्रबंधित सुरक्षा प्रदान करने वाला एक नए युग का इंटरनेट सुरक्षा समाधान है।
यह अनूठा समाधान विशेष रूप से इंटरनेट लीज लाइन (आईएलएल) सर्किट पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो एयरटेल की विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी को फोर्टिनेट के अगली पीढ़ी के फ़ायरवॉल के साथ जोड़ता है। यह एयरटेल के अत्याधुनिक सुरक्षा संचालन केंद्र (एसओसी) और फोर्टिनेट के सुरक्षा ऑर्केस्ट्रेशन, ऑटोमेशन और रिस्पॉन्स (एसओएआर) प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से व्यापक, एंड-टू-एंड सुरक्षा प्रदान करता है, जो साइबर खतरों के खिलाफ मजबूत प्रबंधन और सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
एयरटेल बिज़नेस के सीईओ शरत सिन्हा ने कहा, "साइबर सुरक्षा लगातार जटिल होती जा रही है और कई संगठनों के पास इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए संसाधनों की कमी है। हम भारतीय बाजार में समावेशी साइबर सुरक्षित आईएलएल की पेशकश करने में अग्रणी रहे हैं। हमारे एक और अभिनव सुरक्षा समाधान - 'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' के लॉन्च के साथ - हम एक व्यापक, भविष्य-प्रूफ समाधान प्रदान करते हैं जो उच्च पूंजीगत व्यय के बोझ के बिना उद्यमों की सुरक्षा को मजबूत करता है"।
फोर्टिनेट के भारत और सार्क के कंट्री मैनेजर विवेक श्रीवास्तव ने कहा, "चूंकि साइबर सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए कई संगठन इन खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करने और कम करने के लिए विशेषज्ञ सहायता की मांग कर रहे हैं। 'सिक्योर इंटरनेट' की पेशकश करने के लिए एयरटेल बिजनेस के साथ हमारी साझेदारी एक लागत प्रभावी समाधान प्रदान करती है, जो वास्तविक समय में संभावित खतरों की पहचान करने और उनका जवाब देने के लिए 24x7 सुरक्षा घटना की निगरानी और पता लगाती है। एसओसी का एक सर्विस मॉडल की तरह का उपयोग करके, संगठन अपनी स्वामित्व की कुल लागत को कम कर सकते हैं, साइबर सुरक्षा कौशल अंतर को पाट सकते हैं और आज के डिजिटल परिदृश्य में व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए अपने जटिल वातावरण में अधिक दृश्यता प्राप्त कर सकते हैं।"
'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) द्वारा सामना की जाने वाली लगातार बढ़ती साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करेगा, जिसमें सीमित विशेषज्ञता, खंडित समर्थन और सुरक्षा उपकरणों के लिए उच्च पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) शामिल हैं। कई उद्यमों में बुनियादी सुरक्षा और प्रौद्योगिकी निवेश को बनाए रखते हुए कई स्थानों पर सुरक्षा का प्रबंधन करने की विशेषज्ञता का भी अभाव है, जिससे वे इंटरनेट-आधारित हमलों से प्रभावित हो जाते हैं। उद्यम, एयरटेल के अगली पीढ़ी के आईएसओसी का भी विकल्प चुन सकते हैं, जो एक अत्याधुनिक साइबर रक्षा केंद्र है, जो सुरक्षा सेवाओं का एक बड़ा पोर्टफोलियो प्रदान करता है।
'एयरटेल सिक्योर इंटरनेट' सेवा मॉडल को प्रौद्योगिकी अप्रचलन से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यवसाय भविष्य के लिए तैयार रहें और पूंजीगत व्यय कम हो। यह सेवा आवश्यकतानुसार सहज अपग्रेड या डाउनग्रेड की अनुमति देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि व्यवसाय हमेशा उभरती सुरक्षा चुनौतियों से आगे रहें। एयरटेल का एसओसी खतरे को कम करने के लिए एआई और एमएल एल्गोरिदम के साथ उन्नत ऑर्केस्ट्रेशन टूल का उपयोग करता है, जिससे मजबूत और सक्रिय सुरक्षा मिलती है।
एयरटेल सिक्योर इंटरनेट के साथ, व्यवसायों को एयरटेल की अखिल भारतीय कनेक्टिविटी से लाभ मिलता है, जिससे वे अपने सभी स्थानों - मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय, डेटा सेंटर और दूरस्थ साइटों को जोड़ सकते हैं। फोर्टिनेट के नेक्स्ट जेनरेशन फ़ायरवॉल को बंडल करने से समग्र सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जबकि एयरटेल का इंटेलिजेंट सिक्योरिटी ऑपरेशंस सेंटर आईएसओसी अपने प्रमाणित और प्रशिक्षित संसाधनों के साथ पूरे सेटअप का प्रबंधन करता है, जिससे निरंतर सुरक्षा और मन की शांति सुनिश्चित हो जाती है।
छोटे शहरों में ई-कॉमर्स की उछाल, 72% ग्राहकों ने बढ़ाई खरीदी की रफ्तार
8 Oct, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मोबाइल फोन और इंटरनेट के बढ़ने के कारण देश के छोटे इलाकों में भी अब ई-कॉमर्स से खरीदने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 72 फीसदी ग्राहकों का मानना है कि उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से अपनी खरीदी बढ़ा दी है। 21 फीसदी ने कहा, वे पहले की ही जितना खरीदी कर रहे हैं। सात फीसदी ने हालांकि कम शॉपिंग की है।
फिक्की और डेलॉय की सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि ई-कॉमर्स क्षेत्र दूसरे व तीसरे स्तर के शहरों में तेजी से बाजार बढ़ा रहा है। मध्यम वर्ग के लोगों की आय में इजाफा हो रहा है। ऐसे में ई-कॉमर्स को इससे मदद मिल रही है। रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स बाजार के 2023 के अंत तक 85 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद थी।
59% ने कहा, कम दाम में मिलता है सामान
रिपोर्ट के अनुसार, 59 फीसदी का मानना है कि ई-कॉमर्स पर कम दाम में अच्छा सामान मिलता है। इसलिए वे खरीदी करते हैँ। 59 फीसदी लोग सुविधाओं की वजह से जाते हैंं। 56 फीसदी ने कहा, पसंद का सामान न होने पर उन्हें रिटर्न करने में सुविधा मिलती है। 51 फीसदी इसलिए खरीदी करते हैं क्योंकि उनको विशेष ऑफर्स मिलते हैं। सात फीसदी ने कहा, उनकी खरीदी का अनुभव अच्छा है।
45% लोग क्विक कॉमर्स से मंगाते हैं ग्रॉसरी
सर्वे में 45 फीसदी लोगों ने कहा कि वे क्विक कॉमर्स से ग्रॉसरी मंगाते हैं, क्योंकि इसकी डिलीवरी जल्दी होती है। महानगरों में 49 फीसदी तो प्रथम स्तर के शहरों में 47 फीसदी लोग क्विल कॉमर्स से सामान मंगाते हैं। 50 फीसदी महिलाएं भी इसी प्लेटफॉर्म का उपयोग करती हैं। 43 फीसदी पुरुष उपयोग करते हैं।
वृद्धि की वजह छोटे शहर
रिपोर्ट के अनुसार, दूसरे स्तर के शहर वृद्धि के लिहाज से उभरते हुए चालक हैं।
47% ने कहा, वे साल में एक या दो बार इलेक्ट्रॉनिक्स सामान ऑनलाइन खरीदते हैं।
39% का मानना है कि हर तिमाही में एक बार खरीदी करते हैँ। 43 फीसदी ने कहा, वे मासिक या तिमाही गैजेट खरीदते हैं।
8% महिलाएं भी ऑनलाइन गैजेट खरीदने में विश्वास करती हैं।
दो लाख करोड़ डॉलर का होगा उपभोक्ता बाजार :
रिपोर्ट में कहा कि नवाचार, डिजिटल परिवर्तन और आपूर्ति श्रृंखला दक्षता के लिए एक समर्पित उपभोक्ता क्षेत्र परिषद बनाना चाहिए। इस कदम से हमें दो लाख करोड़ डॉलर के उपभोक्ता बाजार की उपलब्धि हासिल करने की दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। उपरोक्त कदमों से हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि 2030 तक हम तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार बन जाएं।
पर्सनल केयर, ब्यूटी में 25 फीसदी खरीद ऑनलाइन
रिपोर्ट के अनुसार, होम, ब्यूटी और पर्सनल केयर में 46% लोग आधुनिक चैनलों से खरीदी कर रहे हैं। 18% सामान्य चैनलों से और 25% ई-कॉमर्स के जरिये खरीदी कर रहे हैं। उपभोक्ता और स्वास्थ्य वस्तुओं में 24% लोग ई-कॉमर्स का सहारा लेते हैं। 33 फीसदी आधुनिक चैनल का उपयोग करते हैं। जिन लोगों की सालाना आय 24,000 डॉलर से कम है वे महंगाई के कारण कम खर्च कर रहे हैं। जिनकी आय 60,000 डॉलर से ज्यादा है, वे प्रमोशन और छूट पर खरीदारी करने पर जोर देते हैं।
स्वास्थ्य के लिए ज्यादा भाव देने को तैयार
78% ग्राहकों का मानना है कि स्वास्थ्य उत्पादों पर वे ज्यादा कीमत देने को तैयार हैं। 63% लोग प्राकृतिक तो 55% लोग आर्गेनिक उत्पादों के लिए ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं।
ज्यादातर लोग कमाई का 20% तक करते हैं खर्च
सर्वे में 65 फीसदी ने कहा, वे अपनी आय का 20 फीसदी से कम खर्च ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक्स की खरीदी पर खर्च करते हैं। 37 फीसदी लोग 20 फीसदी से ज्यादा खर्च करते हैं। 45 फीसदी भारतीयों का विश्वास स्थानीय ब्रांड पर है।
एफएमसीजी चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र
भारतीय अर्थव्यवस्था में एफएमसीजी चौथा सबसे बड़ा क्षेत्र है। 2023 में यह 144 अरब डॉलर का था। इससे 30 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। शहरी ग्राहकों में से 22% लोग ई-कॉमर्स से एफएमसीजी उत्पाद खरीदते हैं। क्विस कॉमर्स से 12% लोग खरीदारी करते हैं। सामान्य चैनलों से 25% लोग खरीदी करते हैं।
शुरुआती कारोबार में उतार-चढ़ाव के साथ दिखा शेयर बाजार; सेंसेक्स 400 अंक चढ़ा, निफ्टी 24900 के पार
8 Oct, 2024 10:48 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में छह दिनों की लगातार गिरावट के बाद मंगलवार को उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार होता दिखा। सुस्त शुरुआत के बाद सुबह 9 बजकर 51 मिनट पर सेंसेक्स 304.83 (0.37%) अंकों की बढ़त के साथ 81,352.40 के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 91.25 (0.37%) अंकों की बढ़त के साथ 24,887.00 पर कारोबार करता दिखा।एशियाई बाजारों में नकारात्मक के रुझान के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का दबाव जारी रहा। इसी कारण, शुरुआती कारोबार में बाजार में उतार-चढ़ाव दिखा।
इससे पहले, निफ्टी और सेंसेक्स ने मिश्रित शुरुआत की। इसमें निफ्टी 50 इंडेक्स 36 अंक या 0.15 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 24,832.20 अंक पर खुला। वहीं, सेंसेक्स इंडेक्स 223.44 अंक या 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,826.56 अंक पर खुला।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, बड़े पैमाने पर एफपीआई की बिक्री और आज होने वाले चुनाव परिणामों को लेकर चिंताओं से नकारात्मक संकेतों के कारण बाजार में कमजोरी दिखी। सबसे महत्वपूर्ण ट्रिगर जिसने निफ्टी को शिखर से 5.6 प्रतिशत नीचे खींच लिया, वह पिछले छह कारोबारी दिनों के दौरान लगातार बड़ी एफपीआई की बिक्री रही।"
सेक्टोरल इंडेक्स में, निफ्टी प्राइवेट बैंक ने शुरुआती सत्र में 0.55 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ बढ़त का नेतृत्व किया और निफ्टी बैंक में भी 0.5 फीसदी की तेजी आई, जबकि निफ्टी एफएमसीजी, निफ्टी मीडिया और निफ्टी मेटल में बिकवाली का दबाव रहा। निफ्टी 50 शेयरों में से 20 बढ़त के साथ खुले, 26 गिरावट के साथ और 4 अपरिवर्तित रहे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने पिछले छह कारोबारी सत्रों के दौरान 50,011 करोड़ रुपये के इक्विटी बेचे हैं, जिसकी भरपाई घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा 53,203 करोड़ रुपये की खरीदारी से हुई है। इसके बावजूद कमजोर सेंटिमेंट के कारण बाजार में 5.6 फीसदी की गिरावट आई।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यह सुझाव देने के लिए पर्याप्त संकेतक हैं कि एफपीआई 'भारत बेचो, चीन खरीदो' की रणनीति का पालन कर रहे हैं। भारत में ऊंचे मूल्यांकन और चीनी शेयरों के लिए सस्ते मूल्यांकन ने एफपीआई रणनीति में इस बदलाव को गति दी है।
प्रॉफिट आइडिया के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा, "सोमवार को निफ्टी इंडेक्स 24,800 के महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल पर बंद हुआ, जिसमें मोमेंटम इंडिकेटर्स ओवरसोल्ड क्षेत्र में थे, जिससे अस्थायी उछाल आ सकता है। हालांकि, 24,800 से नीचे साप्ताहिक बंद होने से आगे और गिरावट आ सकती है, संभवतः 24,000 तक।"
मंगलवार को अन्य एशियाई बाजारों में भी भारी बिकवाली का दबाव रहा, इस रिपोर्ट के समय हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स में 7.5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। जापान के निक्केई इंडेक्स में 1.21 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि ताइवान के भारित सूचकांक में 0.76 प्रतिशत की गिरावट आई।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
8 Oct, 2024 10:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के विभिन्न शहरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। इनकी दरों को रोजाना सुबह 6 बजे अपडेट किया जाता है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों का निर्धारण देश की प्रमुख ऑयल मार्केटिंग कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) द्वारा किया जाता है।
ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 8 अक्टूबर 2024 (मंगलवार) के लिए फ्यूल की कीमतों को अपडेट कर दिया है। आज भी सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल की दरें स्थिर बनी हुई हैं। चूंकि हर शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग होती हैं, इसलिए वाहन चालकों को सलाह दी जाती है कि वे फ्यूल भरवाने से पहले अपने शहर की ताजा दरें जरूर जांच लें। आइए जानते हैं आज आपके शहर में 1 लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमत क्या है।
प्रमुख महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें:
दिल्ली: पेट्रोल 94.76 रुपये/लीटर, डीजल 87.66 रुपये/लीटर
मुंबई: पेट्रोल 103.43 रुपये/लीटर, डीजल 89.95 रुपये/लीटर
कोलकाता: पेट्रोल 104.93 रुपये/लीटर, डीजल 91.75 रुपये/लीटर
चेन्नई: पेट्रोल 100.73 रुपये/लीटर, डीजल 92.32 रुपये/लीटर
अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें:
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये/लीटर, डीजल 87.96 रुपये/लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये/लीटर, डीजल 88.05 रुपये/लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.84 रुपये/लीटर, डीजल 88.92 रुपये/लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.22 रुपये/लीटर, डीजल 82.38 रुपये/लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.39 रुपये/लीटर, डीजल 95.63 रुपये/लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.86 रुपये/लीटर, डीजल 90.34 रुपये/लीटर
पटना: पेट्रोल 105.16 रुपये/लीटर, डीजल 92.03 रुपये/लीटर
बड़े मेडिकल खर्चों से बचाव: को-इंश्योरेंस कैसे है मददगार?
7 Oct, 2024 04:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लगातार बढ़ रही महंगाई और इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च को देखते हुए स्वास्थ्य बीमा लोगों के लिए अत्यंत जरूरी हो गया है। कोरोना काल के बाद इसकी महत्ता और बढ़ गई है। यह न सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी जैसी चुनौतीपूर्ण स्थितियों में मददगार होता है बल्कि अस्पताल खर्चों से वित्तीय सुरक्षा भी देता है।
अगर आप भी इलाज पर होने वाले भारी-भरकम खर्च के लिए व्यापक कवरेज और वित्तीय सुरक्षा चाहते हैं, तो को-इंश्योरेंस (सह-बीमा) मददगार साबित हो सकता है। यह स्वास्थ्य बीमा में एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें इलाज खर्च की लागत कई बीमा कंपनियों के बीच साझा की जाती है।
सह-भुगतान से है अलग
को-इंश्योरेंस सह-भुगतान (को-पे) से अलग है। सह-भुगतान में पॉलिसीधारक को मेडिकल बिल का एक निश्चित हिस्सा (फीसदी) चुकाना पड़ता है, जबकि को-इंश्योरेंस में पॉलिसीधारक के इलाज खर्चों का भार दो या अधिक बीमा कंपनियों के बीच बांटा जाता है।
यह व्यवस्था वित्तीय जोखिम को बांटती है और उच्च मूल्य वाले बीमा या बड़े मेडिकल क्लेम के लिए व्यापक कवरेज प्रदान करती है।
कंपनियों के बीच पहले से होता है जोखिम निर्धारण
को-इंश्योरेंस अवधारणा के तहत हर बीमा कंपनी जोखिम का एक हिस्सा उठाती है। इसका अर्थ है कि वे पॉलिसी के तहत किए गए किसी भी दावे का एक तय हिस्सा चुकाने के लिए उत्तरदायी होंगे। हर बीमा कंपनी से जोखिम की कितनी फीसदी राशि ली जाएगी, यह पहले से निर्धारित होता है।
पूर्व निर्धारण व्यवस्था के तहत ही बीमा कंपनियां अपनी-अपनी हिस्सेदारी के अनुसार इलाज खर्चों का भुगतान करती हैं।
उदाहरण से ऐसे समझें
मान लीजिए, एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में दो बीमा कंपनियां शामिल हैं। पहली कंपनी 60 फीसदी और दूसरी कंपनी शेष 40 फीसदी जोखिम को कवर करती है। अगर इलाज पर एक लाख रुपये का खर्च आता है, तो पहली कंपनी 60,000 रुपये और दूसरी कंपनी 40,000 रुपये का भुगतान करेगी।
इनके लिए लाभदायक
बड़ी संस्थाएं : जो संस्थाएं अपने सदस्यों के लिए व्यापक कवरेज चाहती हैं, उनके लिए को-इंश्योरेंस अच्छा विकल्प है। इसमें बेहतर शर्तों पर उच्च कवरेज मिलता है।
हाई नेटवर्थ वाले व्यक्ति : व्यापक सुरक्षा के साथ व्यक्तिगत बीमाकर्ताओं का जोखिम कम करने वाले इन लोगों के लिए यह सुविधा फायदेमंद है।
स्थिर रहती हैं प्रीमियम की दरें
को-इंश्योरेंस रणनीतिक दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें वित्तीय जोखिम कई बीमा कंपनियों के बीच विभाजित होता है। यह पॉलिसीधारक के लिए सहज रूप से काम करता है। इस सुविधा में पॉलिसीधारकों के लिए प्रीमियम दरें स्थिर रहती हैं और बीमा कंपनियों के लिए बेहतर वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार; छह दिनों में 5000 अंक गिरा सेंसेक्स, निफ्टी 24800 के नीचे
7 Oct, 2024 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में गिरावट का दौर लगातार छठे दिन भी जारी रहा। सोमवार को शुरुआती कारोबार में बढ़त हासिल करने के बावजूद बाजार के प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 638.45 (0.78%) अंकों की गिरावट के साथ 81,050.00 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 218.85 (0.87%) अंक फिसलकर 24,795.75 पर पहुंच गया।
छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4,786 अंक फिसला
चीन की ओर से पिछले हफ्ते वैश्विक निवेशकों को लुभाने के लिए किए गए एलानों के बाद भारतीय बाजार से विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 37,000 करोड़ रुपये बाहर निकाले हैं। इसके बाद पिछले छह कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 4,786 अंक फिसल गया।
शुरुआती बढ़त के बावजूद टूटा बाजार
सोमवार को एनएसई निफ्टी और बीएसई सेंसेक्स 0.3% की बढ़त के साथ खुले, पर धीरे-धीरे बाजार पर बिकवाली हावी हो गई। इस दौरान निफ्टी 24,694 अंकों और सेंसेक्स 80,726 अंकों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप सोमवार को 8.8 लाख करोड़ घटकर 452.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, बाजार में रुझान खरीदारी का बना रहा। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में 3,422 शेयर बढ़त के साथ जबकि 635 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए। 121 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।
अदाणी पोर्ट्स और एनटीपीसी के शेयरों में गिरावट
सेंसेक्स के शेयरों में अदाणी पोर्ट्स, एनटीपीसी, एसबीआई और पावर ग्रिड के शेयरों में 3 से चार प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई और ये सूचकांक के टॉप लूजर्स रहे। दूसरी ओर, एमएंडएम, आईटीसी, भारती एयरटेल, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। बाजार में उतार-चढ़ाव को मापने वाला वोलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया वीआईएक्स 6.74% की बढ़त के साथ सोमवार को 15.08 पर पहुंच गया।
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक आज से शुरू
7 Oct, 2024 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक ( आरबीआई ) सोमवार को अपनी तीन दिवसीय मौद्रिक नीति बैठक शुरू कर रहा है। यह बैठक 7 अक्तूबर से 9 अक्तूबर तक चलेगी। बाजार में सभी की नजरें एमपीसी की मीटिंग पर टिकी हैं, क्योंकि केंद्रीय बैंक ने पिछली नौ लगातार बैठकों से रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है।
मुद्रास्फीति नियंत्रण और आर्थिक विकास को संतुलित करने के लिए आरबीआई द्वारा सतर्क रुख अपनाने के बाद से रेपो दर, जो वर्तमान में 6.50 प्रतिशत है और स्थिर बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) से मुद्रास्फीति के रुझान , वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घरेलू विकास संभावनाओं जैसे प्रमुख कारकों पर विचार करने की उम्मीद है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
7 Oct, 2024 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट करती हैं। यह सिलसिला 2017 से जारी है। सभी शहरों में पेट्रोल और डीजल अलग-अलग रेट पर उपलब्ध होता है। इस साल मार्च के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
सोमवार (7 अक्टूबर) को देश के सभी शहरों में फ्यूल प्राइस लगभग जस के तस बने हुए हैं। फिर भी सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में अंतर होता है, तो आपको गाड़ी की टंकी फुल कराने से पहले रेट चेक कर लेना चाहिए। मिसाल के लिए, अगर आप काम के सिलसिले में नोएडा से दिल्ली जाते हैं, तो आपको फ्यूल दिल्ली में भराना चाहिए, क्योंकि वहां दाम कम होता है।
मेट्रो सिटी में पेट्रोल- डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.76 रुपये और डीजल की कीमत 87.66 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.43 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.95 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.75 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.73 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.32 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.92 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.38 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.39 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.63 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.34 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.16 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.03 रुपये प्रति लीटर
कहां और कैसे चेक करें लेटेस्ट फ्यूल रेट
सरकारी तेल कंपनियों ने फ्यूल प्राइस को चेक करने के लिए मोबाइल मैसेज की सुविधा भी दी है। साथ ही, आप कंपनियों के वेबसाइट से भी लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। यहां तक कि कंपनियों के ऑफिशियल ऐप्स के जरिये भी लेटेस्ट रेट चेक किया जा सकता है।
नए संकट में स्पाइसजेट, 5 अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज
6 Oct, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने स्पाइसजेट के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय सिंह और चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इन पर आरोप है कि कंपनी ने कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) की 12 प्रतिशत कटौती की गई राशि उनके पीएफ खाते में जमा नहीं की। यह राशि लगभग 65 करोड़ रुपये की है। ईपीएफओ द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया है। स्पाइसजेट के ऊपर आरोप है कि जून 2022 से जुलाई 2024 के बीच कर्मचारियों के वेतन से पीएफ के 12 प्रतिशत हिस्से की कटौती की गई थी, जिसे 15 अगस्त 2024 तक जमा किया जाना था. लेकिन कंपनी ने इसे जमा नहीं किया। एफआईआर में कंपनी के एमडी अजय सिंह, निदेशक शिवानी सिंह, स्वतंत्र निदेशक अनुराग भार्गव और दो अन्य अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। यह आरोप है कि कंपनी ने अपने 10,000 से अधिक कर्मचारियों से कटौती की गई राशि को ईपीएफओ में जमा नहीं किया, जो कानून का उल्लंघन है। स्पाइसजेट ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह मामला कंपनी द्वारा क्यूआईपी के जरिए नए फंड जुटाने से पहले का है और तब से सभी लंबित वेतन और जीएसटी बकाया चुकाए जा चुके हैं। कंपनी ने कहा कि पीएफ के बकाए के दस महीने की रकम भी जमा की जा चुकी है और बाकी बकाया भी जल्द पूरा किया जाएगा।
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयरों से 27,142 करोड़ निकाले
6 Oct, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष, कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल और चीन के बाजारों के बेहतर प्रदर्शन के कारण अक्टूबर के पहले तीन कारोबारी सत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने भारतीय शेयर बाजारों से 27,142 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले सितंबर में भारतीय शेयर बाजार में एफपीआई का निवेश नौ महीने के उच्च स्तर 57,724 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। अप्रैल-मई में शेयरों से 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से एफपीआई लगातार लिवाल रहे हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में जनवरी, अप्रैल और मई को छोड़कर अन्य महीनों में एफपीआई शुद्ध लिवाल रहे हैं। मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भू-राजनीतिक घटनाक्रम और ब्याज दरों की भविष्य की दिशा जैसे कारक आगे भारतीय बाजार में एफपीआई के निवेश की दिशा तय करेंगे। आंकड़ों के अनुसार एक से चार अक्टूबर के बीच एफपीआई ने शेयरों से 27,142 करोड़ रुपये निकाले हैं। दो अक्टूबर को ‘गांधी जयंती’ के उपलक्ष्य में बाजार बंद रहे थे। ऋण या बॉन्ड बाजार की बात करें, तो समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने सामान्य सीमा के माध्यम से 900 करोड़ निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) के माध्यम से 190 करोड़ रुपये का निवेश किया है।इस साल अबतक एफपीआई ने शेयरों में 73,468 करोड़ रुपये और ऋण या बॉन्ड बाजार में 1.09 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
कार कंपनियां त्योहारी सत्र पर बिक्री में अच्छी वृद्धि की कर रहीं उम्मीद
6 Oct, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश की प्रमुख वाहन कंपनियां मौजूदा त्योहारी सत्र के दौरान अपनी बिक्री में अच्छी वृद्धि की उम्मीद कर रही हैं। त्योहारी सत्र ओणम से शुरू होकर दिवाली पर समाप्त होता है। किआ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले 3-4 महीने उद्योग के लिए अच्छे नहीं रहे हैं क्योंकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में बिक्री में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों की दबी मांग और सरकारी निवेश के आने से हमें लगता है कि यहां से चीजें सुधरनी शुरू हो जाएंगी। बरार ने कहा कि सितंबर में बुकिंग की रफ्तार अच्छी रही है और इससे अक्टूबर के लिए अच्छा संकेत मिलता है। उन्होंने कहा कि इस बार सभी त्योहार अक्टूबर में हैं। हम अक्टूबर में अपनी बिक्री में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में पांच से 10 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। बरार ने कहा कि जनवरी-अप्रैल की अवधि में यात्री वाहन उद्योग में सात प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई थी, लेकिन मई-सितंबर में इसमें लगभग दो-तीन प्रतिशत की गिरावट आई। निसान मोटर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरा उद्योग तीन मुश्किल महीनों के बाद त्योहारी सत्र में कुछ रौनक की उम्मीद कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक चुनौतीपूर्ण अवधि रही है। त्योहारी सत्र से तय होगा कि तिमाही कैसी रहेगी। और तिमाही से तय होगा कि साल के शेष महीने कैसे रहेंगे। उन्होंने कहा कि हर कोई त्योहारी सत्र का इंतजार कर रहा है, खासकर उद्योग के लोग। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी में ग्राहकों की संख्या और पूछताछ में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए हमारे रणनीतिक परिचालन में सुधार महत्वपूर्ण है। जैसे कि हमने तीसरी पाली शुरू की है। इससे हमारी आपूर्ति क्षमता का महत्तम इस्तेमाल हो रहा है। खासकर बड़ी मांग वाले मॉडल मसलन अर्बन क्रूजर हाइराइडर आदि के मामले में। इसके मामले में प्रतीक्षा अवधि कम हुई है।
आरबीआई के ब्याज दर और एफआईआई के रुख तय करेंगे शेयर बाजार की दिशा
6 Oct, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दर पर निर्णय, पश्चिम एशिया के संघर्ष और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियों से इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है। इसके अलावा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजे, घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़े, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे। पिछले सप्ताह पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और विदेशी कोषों की निकासी से शेयर बाजार में भारी गिरावट आई थी। बाजार के विश्लेषक कहते हैं कि घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पर रहेगी। एमपीसी की बैठक सात अक्टूबर को शुरू होगी। तीन दिन की बैठक के नतीजों की घोषणा बुधवार यानी नौ अक्टूबर को की जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों का सत्र टीसीएस के साथ शुरू हो रहा है। घरेलू मोर्चे पर तरलता की स्थिति मजबूत बनी हुई है। ऐसे में अधिक मूल्यांकन वाले क्षेत्रों से नकदी का प्रवाह आकर्षक मूल्यांकन वाले क्षेत्रों की ओर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिंस कीमतें, अमेरिकी डॉलर सूचकांक और अमेरिका के महत्वपूर्ण वृहद आंकड़े भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के एक शोध प्रमुख ने कहा कि निफ्टी और सेंसेक्स दोनों के लिए क्रमशः 26,000 और 85,000 अंक के नए मील के पत्थर कुछ समय के लिए थे, क्योंकि पश्चिम एशिया की वजह से लगे झटकों और विदेशी कोषों द्वारा कुछ कम मूल्यांकन वाले एशियाई बाजारों की ओर रुख करने से बाजार प्रभावित हुआ। इससे बाजार में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच पांच दिन में निवेशकों की पूंजी 16.26 लाख करोड़ रुपये घट गई। बाजार का रुख प्रमुख घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगा। सप्ताह के दौरान आरबीआई का ब्याज दर पर निर्णय आना है। इसके अलावा औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी आएंगे। साथ ही अमेरिका में फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा, बेरोजगारी आंकड़े और अमेरिका के जीडीपी आंकड़े भी आने हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) ने कहा कि निवेशकों की निगाह भू-राजनीतिक घटनाक्रम और कच्चे तेल की कीमतों पर इसके प्रभाव पर रहेगी। विदेशी कोषों के प्रवाह के अलावा घरेलू प्रवाह भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा। घरेलू मोर्चे पर सभी की निगाह एमपीसी की बैठक पर है। इस बैठक के नतीजों की घोषणा नौ अक्टूबर को होगी। उन्होंने कहा कि गणेश चतुर्थी और जन्माष्टमी के दौरान कंपनी ने बिक्री में अच्छी वृद्धि दर्ज की। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपने मासिक बिक्री विवरण में कहा कि सितंबर के अंत में पंजीकरण में तेजी आई है। यह आगामी त्योहारी सत्र की दृष्टि से अच्छा है।
वित्त मंत्री बोलीं- भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय 2000 डॉलर तक बढ़ेगी, आने वाला समय भारत का
5 Oct, 2024 04:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकार के उपायों और कुछ वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने के प्रयासों के साथ आम आदमी के जीवन स्तर में तेजी से सुधार आएगा। अगले पांच साल में भारतीयों की प्रति व्यक्ति आय 2,000 डॉलर बढ़ जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार हमें 2,730 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय तक पहुंचने में 75 साल लगे, लेकिन इसमें 2,000 डॉलर और जोड़ने में सिर्फ पांच वर्ष लगेंगे। यह वास्तव में भारतीयों का युग होगा।
वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन के तीसरे संस्करण में कहा, भारत वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी 1.4 अरब आबादी (वैश्विक आबादी का 18 फीसदी) के लिए कुछ वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने का प्रयास करेगा।
घटी है असमानता
वित्त मंत्री ने कहा, देश में असमानता में कमी आई है। असमानता को मापने के लिए सांख्यिकीय उपाय गिनी गुणांक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार दर्शाता है। उन्होंने कहा, यह असमानता में कमी के साथ हासिल किया जा रहा है, क्योंकि ग्रामीण भारत के लिए गिनी गुणांक (आय असमानता सूचकांक) 0.283 से घटकर 0.266 रह गया है।। शहरी क्षेत्रों के लिए यह 0.363 से घटकर 0.314 रह गया है।
दुनिया के लिए समृद्धि लाएगा विकसित भारत
सीतारमण ने कहा, भारत 2047 तक जब अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर लेगा, तब नए भारतीय युग की मूल विशेषताएं विकसित देशों के समान होंगी। विकसित भारत विचारों, प्रौद्योगिकी और संस्कृति के जीवंत आदान-प्रदान का केंद्र बनकर न सिर्फ भारतीयों के लिए बल्कि शेष विश्व के लिए भी समृद्धि लाएगा।
बैंकिंग प्रणाली मजबूत, एनपीए में आई कमी
देश की वित्तीय प्रणाली पर वित्त मंत्री ने कहा, परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार, खराब कर्जों के लिए प्रावधान में वृद्धि, निरंतर पूंजी पर्याप्तता और लाभप्रदता में वृद्धि पर नीतिगत रूप से लगातार ध्यान देने से देश की वित्तीय प्रणाली एवं बैंक मजबूत व सुदृढ़ हैं। एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) अनुपात कई साल के निचले स्तर पर है। बैंकों के पास अब कर्ज वसूली की कुशल व्यवस्था है।
भारतीय युग को युवा आबादी से मिलेगा बल
वित्त मंत्री ने भारतीय युग को आकार देने वाली ताकतों का जिक्र करते हुए कहा, देश की युवा आबादी उत्पादकता में सुधार, बचत और निवेश के लिए एक बड़ा आधार प्रदान करती है। उन्होंने कहा, 43 फीसदी भारतीय 24 साल के कम उम्र के हैं। उन्हें अभी तक अपने उपभोग व्यवहार का पता नहीं है। यह संकेत है कि आने वाले दशक में घरेलू खपत में वृद्धि होगी।
क्या अक्टूबर-दिसंबर के लिए ब्याज दरों में हुआ है बदलाव? जानिए पूरी डिटेल्स
5 Oct, 2024 04:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
निवेश के लिए पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम भी पॉपुलर है। इस स्कीम में जहां उच्च ब्याज दर मिलता है तो वहीं यह गारंटी रिटर्न देने वाली स्कीम है। सरकार इस स्कीम के ब्याज दरों को हर तिमाही अपडेट करती है।
हाल ही में सरकार ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के लिए ब्याज दर अपडेट कर दिया है। अगर आप भी स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश का सोच रहे हैं तो आपको एक बार उसके लेटेस्ट रेट चेक कर लेने चाहिए।
इस तिमाही क्या रहेगा ब्याज दर
सरकार ने तीसरी तिमाही के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका मतलब है कि निवेशक को अगले तीन महीने भी समान ब्याज मिलता रहेगा।
स्मॉल सेविंग स्कीम में शामिल योजना
कई निवेशक कन्फ्यूज होते हैं कि स्मॉल सेविंग स्कीम में कौन-कौन सी स्कीम शामिल होती है। बता दें कि इस स्कीम में पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम सुकन्या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट , पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम, महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट और डाकघर मासिक आय योजना शामिल है।
ऊपर शो हो रहे टेबल के हिसाब से सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना और सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम में मिलता है। इन स्कीम्स पर 8.2 फीसदी का उच्च ब्याज मिलता है। वहीं पीपीएफ पर 7.1 फीसदी का ब्याज ऑफर होता है।
पिछली बार कब बदला था इंटरेस्ट रेट
सरकार ने 31 दिसंबर 2023 को स्मॉल सेविंग स्कीम के ब्याज दरों में इजाफा किया था। इसके बाद सरकार ने केवल आरडी के ब्याज दरों में बदलाव किया है और बाकी सभी स्मॉल सेविंग स्कीम के इंटरेस्ट रेट सामान रहे। पिछले चार साल से पब्लिक प्रोविडेंट फंड के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अप्रैल-जून 2020 तिमाही से पीपीएफ का ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बना हुआ है।