मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मप्र को जोन में बांट नेताओं को दी जिम्मेदारी
4 Jun, 2023 04:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस का एक्शन प्लान तैयार
भोपाल । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले दोनों ही राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग रणनीति बनाकर जीतने की तैयारी में जुट गई हैं। यही वजह है कि भाजपा में कभी गुजरात फार्मूले की बात होती है, तो वहीं कांग्रेस कर्नाटक फार्मूले पर बात करती है। साथ ही एमपी में 15 साल बाद जिस फार्मूले से कांग्रेस को साल 2018 में जीत मिली थी, इस बार उसे दोहराने की तैयारियां की जा रही हैं। कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश को अलग-अलग जोन में डिवाइड किया था और हर जोन की जिम्मेदारी उसी इलाके के एक बड़े नेता को दी थी। जिससे कि वह चुनाव से पहले वहां प्रभावी तरीके से जमीन पर काम कर सके। उसका परिणाम सब ने देखा कि विंध्य को छोड़कर बाकी मध्यप्रदेश में भाजपा को पछाडऩे में कांग्रेस कामयाब रही थी। चूंकि इस साल के आखिर में फिर विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भी कांग्रेस एक बार फिर उसी रणनीति पर अमल करने की राह पर आगे निकल पड़ी है। अभी से ही उन इलाकों के स्थानीय नेताओं को जिम्मेदारी दे दी गई है। इतना ही नहीं खुद पीसीसी चीफ कमलनाथ भी बूथ और मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर जीत की रणनीति बना चुके हैं।
किसको किस इलाके की जिम्मेदारी
कांग्रेस ने प्रदेश भर की 60 से अधिक हारी हुई सीटों की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को दी है। वह लगातार इन इलाकों का दौरा कर कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम कर रहे हैं। वहीं यादव बाहुल्य बुंदेलखंड के लिए अरुण यादव को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों को नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह और पूर्व मंत्री लाखन सिंह सहित अन्य स्थानीय नेता संभाल रहे हैं। महाकौशल में पार्टी के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा, पूर्व मंत्री तरुण भनोट जैसे दिग्गज नेताओं ने कमान संभाल रखी है। इसके अलावा मालवा में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह और जीतू पटवारी सहित अन्य नेता जमीन पर काम करने में जुटे हुए हैं। आदिवासी बाहुल्य इलाके की कमान कांतिलाल भूरिया, उमंग सिंघार, हीरालाल अलावा जैसे आदिवासी नेताओं को दी गई है।
कांग्रेस की रणनीति पर सियासत
2023 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति पर कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा का कहना है कि पीसीसी चीफ कमलनाथ की रणनीति को भाजपा के नेता भी मानते हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बड़ी व्यापक रणनीति तैयार की है इस वजह से कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस को बड़ी जीत मिलेगी। वहीं कांग्रेस की रणनीति पर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि दरअसल यह कांग्रेस की चुनाव जीतने की रणनीति नहीं है बल्कि उन नेताओं को निपटाने के लिए सुपारी दी गई है। इस तरह की जिम्मेदारी से कहीं ना कहीं कांग्रेस की गुटबाजी नजर आ रही है। इस तरह की रणनीति का कोई फायदा कांग्रेस को नहीं मिलेगा।
मप्र में कलेक्टर बनने के लिए लगी कतार
4 Jun, 2023 03:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जिले 52, दावेदार आईएएस दोगुने, डीपीसी से 33 और नए आईएएस की लगेगी लाइन
भोपाल । मप्र में सैकड़ों आईएएस ऐसे हैं जो कलेक्टर बनने की आस लगाए हैं, लेकिन उन्हें समय पर कलेक्टरी नहीं मिल पा रही है। जहां अन्य प्रदेशों में 2018-19 बैच के आईएएस को भी कलेक्टर पद मिलने लगा है, वहीं प्रदेश में अभी 2014 बैच के ही अधिकारी कतार में हैं। प्रदेश में वर्तमान में कलेक्टरी वाले आईएएस अधिकारियों की बैच 2009 से 2014 तक को ही देखें तो कलेक्टरी के लिए पात्र अधिकारियों की कुल आईएएस संख्या 157 होती है। इसमें आरआर कैटेगरी (रेगुलर रिक्रूटमेंट यानी जो सीधे यूपीएससी से आते हैं) में 81 तो प्रमोट (जो पीएससी में चयनित होने पर प्रमोशन के बाद आईएएस बनते हैं) में 76 अधिकारी हैं। वहीं जिलों की संख्या की बात करें तो 52 ही हैं।
विभागीय पदोन्नति समिति (डीपीसी) के बाद 33 पदों पर और नए प्रमोटी आईएएस मिलने जा रहे हैं, यानि यह कतार और लंबी होने जा रही है। अब हालत यह हो गई है कि डायरेक्ट आईएएस कैटेगरी वाले अधिकारियों को भी बमुश्किल कलेक्टरी मिल रही है और मिल भी रही है तो एक-दो जिले में लंबी कलेक्टरी कर लें यही बहुत है, जैसे रजनी सिंह को कलेक्टरी मिली और छह माह में हटा दिया गया। ऐसे कई नाम है, जो कलेक्टरी से हटकर वल्लभ भवन, संभागायुक्त कार्यालयों, नगर निगम, जिला पंचायत सीईओ या अन्य विभागों में बैठे हुए हैं। कई नाम है जिन्हें अभी तक कलेक्टरी मिली ही नहीं है, जबकि उन्हीं के बैच के अधिकारियों को आईएएस अवार्ड होने के बाद कलेक्टर पद मिल चुका है।
लंबे-लंबे बैच के कारण बिगड़ी स्थिति
जानकारों का लंबे-लंबे बैच के कारण कलेक्टरी मिलने में देरी हो रही है। वर्तमान में साल 2009 से लेकर 2014 तक की बैच के अधिकारियों के पास ही जिलों की कलेक्टरी है। फिलहाल साल 2013 के अधिकारी सबसे ज्यादा जिलों में तैनात है। वहीं अभी 2015 बैच का नंबर शुरू नहीं हुआ है, जो अगली फेरबदल में दिख जाएगा। अब बैच की बात करें तो पहले मुश्किल से आठ से दस अधिकारियों की बैच होती थी, लेकिन अब औसतन 20 से ज्यादा अधिकारियों की हो गई है, वहीं कई बैच तो 30 से ज्यादा अधिकारियों की है। साल 2007 तक आईएएस की बैच मुश्किल से दस अधिकारियों की होती थी ।
2009 से 2017 तक की स्थिति
मप्र कैडर को 2009 में आरआर कैटेगरी से 13 तो प्रमोटी आईएएस में 11 यानी कुल 24 अफसर है। इसी तरह 2010 में आरआर के 11 तो प्रमोटी के 13 अधिकारी है, यानि 24 की बैच है। 2011 में आरआर कैटेगरी में 8 तो प्रमोटी में 16 अधिकारी है, यानि यह भी 24 की बैच, 2012 में आरआर कैटेगरी में 16 तो प्रमोटी में भी 16 है, यानि 32 की बैच, 2013 में आरआर से 17 तो प्रमोटी से 13 आईएएस है, यानि 30 की बैच 2014 में आरआर से 16 तो प्रमोटी से अभी सात आईएएस है, यानि 23 की बैच, 2015 में आरआर कैटेगरी से 11 आईएएस है, प्रमोटी से अभी एक नियाज खान अकेले हैं। वहीं 2016 में आरआर कैटेगरी से दस तो प्रमोटी आईएएस सात है और बैच 17 की है, 2017 में आरआर कैटेगरी से ही 13 आईएएस है प्रमोटी अभी नहीं है।
अन्य राज्यों में छह साल में मिल रहा कलेक्टर पद
अन्य राज्यों की बात करें तो वहां वहां अब 2018-19 बैच के आईएएस को भी कलेक्टर पद मिलने लगा है. लेकिन साल 2023 में भी अभी आरआर कैटेगरी के 2015 बैच के अधिकारियों को ही कलेक्टर पद नहीं मिला है। यानी उन्हें नौकरी के बाद कलेक्टर बनने में आठ साल का समय लग रहा है। वहीं प्रमोटी आईएएस की बात करें तो यह बहुत लंबा समय है, प्रमोशन के लिए उन्हें औसतन 20 साल का समय लगता है और फिर इसके बाद कलेक्टरी का इंतजार 7 प्रमोटी आईएएस जो एक से ज्यादा जिलों की कलेक्टरी पाते हैं, वह उंगलियों पर गिनने वाले अधिकारी है।
मप्र की सड़कें नई तकनीक से होंगी रिपेयर
4 Jun, 2023 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। मध्यप्रदेश की सड़कें अब नई तकनीक से रिपेयर होंगी। सड़कों के गड्ढों को नई तकनीक से भरा जाएगा। इसके लिए जेट पेंचर, वेलोसिटी पेंचर और इन्फ्रारेड तकनीक का उपयोग होगा। प्रदेश के सात जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू होगा। इन तकनीक से कम समय में बेहतर गुणवत्ता से काम होगा। लोक निर्माण विभाग ने यह फैसला लिया हैं।
प्रदेश के भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, सीहोर और रायसेन में प्रयोग किया जाएगा। इन जिलों की 582 किलोमीटर सड़क रिपेयर होंगी। जेट पेंचर टेक्नोलॉजी से भोपाल और संभाग में 185 किलोमीटर सड़क, वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर सड़क और इंफ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया जिले की 210 किमी सड़कों के गड्ढे भरे जाएंगे।
लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि प्रदेश में सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग के लिए नवीन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक से कम समय में बेहतर गुणवत्ता से कार्य किया जा सकेगा। प्रदेश में यह तकनीक प्रथम चरण के 7 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की जाएगी। बारिश और क्षमता से अधिक वजन के वाहनों के ट्रेफिक के कारण सड़कों पर गड्ढे हो जाते हैं। सड़क रिपेयरिंग का कार्य गुणवत्ता के साथ सतत रूप से किया जाता है, लेकिन रिपेयरिंग कार्य में लगने वाला समय और उसकी गुणवत्ता पर प्रश्न-चिन्ह खड़े किए जाते हैं।
लोक निर्माण विभाग ने सड़कों के गड्ढे रिपेयरिंग की नवीन आधुनिक तकनीक जेट पेंचर, वेलोसिटी पेंचर और इंफ्रारेड को अपनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इंफ्रारेड रिसाइक्लिंग टेक्नोलॉजी, जेट पेंचर तकनीक और वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक को लागू करने से पहले विभाग के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारियों द्वारा विस्तृत अध्ययन किया गया है। इस तकनीक में कार्य के दौरान कोई भी अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न नहीं होता है। इससे मानसून सहित सभी मौसम में कार्य किया जा सकेगा।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह ने बताया कि पेंचर रिपेयरिंग की नवीन तकनीक नवाचार अंतर्गत 7 जिलों भोपाल, ग्वालियर, मुरैना, दतिया, भिंड, सीहोर और रायसेन में लागू की जा रही है। इससे 582 किलोमीटर सड़क पर रिपेयरिंग का कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जेट पेंचर टेक्नोलॉजी से भोपाल परिक्षेत्र के भोपाल और सीहोर संभाग में 185 किलोमीटर सड़क, वेलोसिटी पेंचर रिपेयर तकनीक से रायसेन और बुधनी क्षेत्र की 187 किलोमीटर और इंफ्रारेड रिसाइकिंग टेक्नालॉजी से ग्वालियर, भिंड, मुरैना और दतिया जिले के 210 किलोमीटर सड़कों के गड्ढे भरने का कार्य किया जाएगा।
15 दिन के लिए हटेगा तबादलों से बैन
4 Jun, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में इसी माह 15 दिन के लिए तबादलों से बैन हट जाएगा, इस दौरान 3 साल या उससे अधिक समय से जमे अफसरों और कर्मचारियों का पहले नंबर आएगा। प्रदेश में तबादला नीति तैयार हो गई है, जिसके तहत हर कैटेगिरी में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं होंगे।
आपको बतादें कि मध्यप्रदेश में 5 माह बाद ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में अगर अभी तबादले नहीं हुए तो फिर अचार संहिता लगने के बाद तबादले होना भी मुश्किल हो जाएगा, इसी के चलते कैबिनेट की बैठक में भी तबादलों से बैन हटाने का मुद्दा सुर्खियों में रहा, जिसमें जून माह में ही 10 से 15 दिन के लिए तबादलों से बैन हटाने की मांग की गई थी, इस मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है, अब जून माह में 15 दिन के लिए तबादलों से बैन हटेगा।
दरअसल जिले के अंदर प्रभारी मंत्रियों को तबादले का अधिकार होता है, ऐेस में कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों ने सीएम से मांग की थी कि कम से कम 10 से 15 दिन के लिए जून माह में तबादले से बैन हटाया जाए, इस पर सीएम ने जल्द विचार करने का आश्वासन दिया था, अब तबादले पर लगे प्रतिबंध से 15 दिन के लिए बैन हटाने को हरी झंडी मिल गई है। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने तबादला नीति 2023 का ड्राफ्ट तैयार कर रखा था, जिसे सीएमओ से स्वीकृति मिल गई है, लेकिन अच्छी बात यह है कि महज 15 दिन के लिए ही तबादलों से बैन हटा है, इसके बाद फिर तबादलों पर बैन लग जाएगा। इस कारण जिसे तबादला करवाना है, वह जल्दी ही करवा लें।
किसी भी कैटेगिरी में नहीं होंगे 20 प्रतिशत से अधिक तबादले
तबादला नीति के तहत किसी भी कैटेगिरी में 20 प्रतिशत से अधिक तबादले नहीं होंगे। इस कारण जो तबादले किए जाएंगे, उसमें भी बहुत सोच समझकर निर्णय लेना होगा, ताकि जिनका तबादला करना है वह भी हो जाए और तबादला नीति का भी पालन हो जाए।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नई तबादला नीति पर काम करना शुरू कर दिया गया है।
- इस नीति के तहत नए नियुक्त शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में कम से कम तीन साल और अपने संपूर्ण सेवाकाल में करीब 10 साल काम करना होगा।
-10 वर्ष या इससे अधिक समय तक एक ही संस्था विशेषकर शहरी क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों की शिक्षक विहीन और शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा।
-आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे। उत्कृष्ट स्कूल, मॉडल स्कूल और सीएम राइज स्कूलों में स्वैच्छिक स्थानांतरण नहीं होंगे।
-प्राचार्य, सहायक संचालक या उससे वरिष्ठ पदों के स्वैच्छिक स्थानांतरण आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे, लेकिन उनका निराकरण ऑफलाइन भी किया जा सकेगा।
-एक बार स्वैच्छिक स्थानांतरण होने के बाद विशेष परिस्थिति छोडकऱ 3 साल तक ट्रांसफर नहीं किया जा सकेगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई शाला शिक्षक विहीन न हो जाए। प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण समन्वय मुख्यमंत्री के अनुमोदन से किए जाएंगे।
-गंभीर बीमारी, विकलांगता से पीडि़त और जिन शिक्षकों की सेवानिवृत्ति तीन वर्ष शेष है, उन्हें इस प्रक्रिया से मुक्त रखा जाएगा।
-तबादले में वरीयता क्रम निर्धारित किया गया है। नई नीति के मुताबिक शिक्षकों को निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की निजी पदस्थापना में पदस्थ नहीं किया जाएगा।
वन माफिया के ऊपर रासुका लगाई जाए
4 Jun, 2023 11:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । विदिशा जिला लटेरी वन क्षेत्र मे वन माफियाओं ने वन कर्मचारियों के ऊपर प्राणघातक हमला किया है हमले में 4 वन कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं लेकिन पुलिस ने घटना की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। वन कर्मचारी मंच ने वन मंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वन कर्मचारियों के ऊपर हमला करने वाले वन माफियाओं को तत्काल गिरफ्तार किया जाए तथा उनके विरुद्ध रासुका लगाने की कार्रवाई की जाएं।
वन कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि प्रदेश में वन कर्मचारियों के ऊपर निरंतर वन माफिया हमले कर रहा है लेकिन सरकार वन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना रही है नाही शस्त्र चलाने का अधिकार दे रही है बल्कि वन माफियाओं को मुआवजा और अनुकंपा नियुक्ति की सौगात दे रही है जिस कारण बन माफिया के हौसले निरंतर बुलंद होते जा रहे हैं 9 माह पूर्व 16 अगस्त 2022 को बंद कर्मचारियों ने अपनी सास की बंदूकें भी विभाग के माल खाने में जमा कर दी है जिस कारण वन कर्मचारी निहत्थे है कल विदिशा के लटेरी में वन माफियाओं ने सागौन की बड़ी मात्रा में कटाई की है जिसको रोकने विदिशा बन मंडल के वन कर्मचारी लटेरी के वन क्षेत्र में पहुंचे तो उनके ऊपर वन माफियाओं ने गैंग बनाकर प्राणघातक हमला कर दिया किसी तरह गुना वन मंडल के वन कर्मचारियों ने घटनास्थल लटेरी गुना का बॉर्डर मक्सूदनगढ़ पहुंचकर विदिशा वन मंडल के वन कर्मचारियों की वन माफिया से जान बचाई तथा दो सागौन तस्करों को बंदी भी बना लिया लेकिन पुलिस प्रशासन ने इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद भी वन माफियाओं के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज नहीं करी है बल्कि वन माफियाओं को संरक्षण दे रही है जिससे वन कर्मचारियों का मनोबल गिर गया है एक तरफ 9 अगस्त 2022 को लटेरी कांड की घटना की सरकारी आयोग जांच कर रहा है वही सरकार लटेरी के जंगलों को वन माफियाओं से बचाने के प्रति गंभीर नहीं है नाही वन कर्मचारियों की सुरक्षा की चिंता सरकार को है वन कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि यदि सात दिवस में सरकार ने वन कर्मचारियों पर हमला करने वाले वन माफियाओं को गिरफ्तार करके उनके विरुद्ध रासुका लगाने की कार्रवाई नहीं करी तथा 1 कर्मचारियों की सुरक्षा की नीति नहीं बनाई तो वन कर्मचारी मंच आंदोलन का रास्ता अपना आएगा।
आज राजधानी में धाकड़ और ब्राह्मण समाज की हुंकार
4 Jun, 2023 10:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भेल के दशहरा मैदान पर किरार धाकड़ समाज और भेल के जंबूरी मैदान पर ब्राह्मण समाज चार जून को हुंकार भरेंगे। महाकुभ का आयोजन करेंगी। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। भेल के अन्ना नगर दशहरा मैदान में 4 जून को भारतीय किरार क्षत्रिय महासभा द्वारा युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रदेशभर के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से सामाजिक बंधु भाग लेंगे। आगामी चुनाव को देखते हुए इसे महाकुंभ का नाम भी दिया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में सामाजिक बंधु भाग लेंगे। इसको लेकर शहरभर में होर्डिंग सज चुके हैं।
आयोजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, साधना सिंह चौहान समेत कई लोग शामिल होंगे। इधर चार जून को प्रदेश के सभी ब्राह्मण संगठन मिलकर एक ही मंच पर विशाल ब्राह्मण महाकुंभ हुंकार सम्मेलन करने जा रहे हैं। इस शक्ति प्रदर्शन में ब्राह्मण समाज की 11 सूत्रीय मांगों को सरकार के सामने रखा जाएगा। ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष गौरीशंकर कक्का ने बताया कि ब्राम्हण महाकुंभ के मुख्य अतिथि के रूप में सनातन धर्म के सबसे बड़े आचार्य द्वारिका पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती महाराज आ रहे हैं। वहीं महाकुंभ में विशिष्ट अतिथि म प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान होंगे। महाकुंभ में सभी राजनीतिक दलों के ब्राम्हण नेताओं को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि ब्राह्मण समाज के सभी संगठन एक मंच पर आकर सभी राजनीतिक दलों को यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि ब्राह्मणो के समर्थन बिना इस प्रदेश में किसी की भी सरकार बनने वाली नहीं है। वर्ष 2018 में भी ब्राह्मणो की नाराजगी के चलते भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था। लेकिन जिस तरह से सभी राजनीतिक दल दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग पर नजर है। उसे देखते हुए अब ब्राम्हण समाज भी एक मंच पर अगर अपने हक की लड़ाई लडने की तैयारी में जुट गया है।
हाईटेक प्रणाली से जंगल में चीतों की निगरानी
4 Jun, 2023 09:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कूनो नेशनल पार्क के जंगल में चीतों के संख्या बढ़ी तो प्रबंधन ने निगरानी प्रणाली को अत्याधुनिक करना शुरू कर दिया है। सबसे पहले चीता ट्रैकिंग टीम को तकनीक में अपडेट किया गया है। टीम को पेट्रोलिंग साफ्टवेयर से लैस मोबाइल दिए गए हैं। इसमें ट्रैकिंग साफ्टवेयर है, जिससे टीम अलग-अलग लोकेशन के फोटो शेयर करती है। प्रत्येक टीम 12-12 घंटे चीतों की ट्रैकिंग कर सात दिन का डाटा वरिष्ठ कार्यालय को भेजती है। इसी से चीतों मूवमेंट को लेकर विश्लेषण किया जा रहा है। नरसिंहपुर से अत्याधुनिक रेस्क्यू वाहन भी मंगवाया गया है। इसमें केज से लेकर कई सुविधाएं हैं। कूनो के खुले जंगल में सात चीते छोड़े जा चुके हैं। इन चीतों की निगरानी के लिए चीता ट्रैकिंग टीमें नियुक्त हैं, जो चीतो के गले में लगी कालर आइडी के जरिये उनकी ट्रैकिंग करती हैं। वर्तमान में दो चीते पालपुर कूनो की ओर हैं। एक मोरावन क्षेत्र में है। मादा चीता आशा माधव नेशनल पार्क की ओर है। वहीं बचे हुए पालपुर पश्चिम की ओर घूम रहे हैं।
कूनो नेशनल पार्क में चीता ट्रैकिंग टीम को, जो पेट्रोलिंग साफ्टवेयर के नए मोबाइल दिए गए हैं उसमें सात किमी का ट्रैक बनता है। इसके आधार पर टीम काम करती है। यह ट्रैक पूरा होते ही दूसरा ट्रैक बन जाता है। अलग-अलग लोकेशन पर फोटो लेने होते हैं, जो क्वार्डिनेट एप में दर्ज हो जाते हैं। इस तरह सात-सात दिन का डाटा पहले रेंज आफिस पहुंचाया जाता है। इसके बाद वरिष्ठ स्तर पर भेजा जाता है। अभी तक चीतों की निगरानी करने वाला स्टाफ पेपर पर लोकेशन लिखकर डाटा तैयार करता था, लेकिन अब ट्रैकिंग का पूरा सिस्टम पेपर लैस कर दिया गया है। कूनो में छह जून को केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव और सीएम शिवराज आ सकते हैं। इसे लेकर आंतरिक तैयारियां भी की जा रही हैं। इस दौरान वे भ्रमण कर यहां की तैयारियां और चीतों को लेकर आगामी कार्ययोजना पर चर्चा कर सकते हैं।
लाडली बहना स्वीकृति पत्रों का वितरण जारी
4 Jun, 2023 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के स्वीकृति पत्र वितरित करने के लिए प्रदेश के साथ जिलेभर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा बहनो को लाडली बहना योजना के स्वीकृति पत्र वितरित किए जा रहे है।
लाडली बहना योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा सभी पात्र महिलाओं को 10 जून से प्रतिमाह एक हजार रूपए की राशि सीधे उनके खाते में डाली जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान 10 जून को प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम में प्रदेश की लाडली बहनों के खाते में राशि अंतरित करेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान के निर्देश पर जारी है भू-माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही
3 Jun, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर रतलाम जिले में भू-माफिया के विरुद्ध कार्रवाई लगातार जारी है। शनिवार को शहर की सूरज मल जैन कॉलोनी के समीप 34 पीड़ितों को उनके भू-खंडों पर कब्जा दिलाया गया, जो लंबे समय से अपने भू-खंड पर कब्जा न मिलने से परेशान थे।
कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व अमले द्वारा विस्तृत छानबीन कर उनके वास्तविक खरीदारों को भू-खंडों पर कब्जा दिलाया गया। अपने भू-खंड पाकर प्रसन्न नागरिकों ने मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद दिया, जिनके सुशासन एवं निर्देश पर पीड़ितों को न्याय मिला और वे अपने भू-खंड पर पुन: काबिज हो सके। बताया गया कि वर्ष 1994 से लेकर उसके बाद तक की अवधि में एहसान मुकाती द्वारा विभिन्न खरीदारों को भू-खंड तो बेचे गए, परंतु भू-खंड का कब्जा नहीं दिया गया था।
शिवराज मामाजी के नाम पर रखेंगे कॉलोनी का नाम
भू-खंड का कब्जा मिलने पर लाभार्थी आशीष पाटीदार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा माफियाओं के विरुद्ध की जा रही कार्रवाई का ही परिणाम है कि हम लोगों को अपने प्लाट पर कब्जा मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नाम पर अपनी कॉलोनी का नाम रखेंगे।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ पर्यावरण मित्रों ने लगाए पौधे
3 Jun, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स क्षेत्र उद्यान में कदंब, बरगद और खिरनी के पौधे लगाए। पर्यावरण जागरूकता के लिए कार्य कर रही कटनी की झूलेलाल सेवा समिति के संजय खूबचंदानी और सदस्यों ने पौध-रोपण किया। समिति, द्वारा 5 से 12 जून तक पर्यावरण सप्ताह मनाया जा रहा है। इसमें पॉलिथीन के उपयोग को कम करने के लिए लोगों को प्रेरित कर कपड़े के थैले वितरित किये जायेंगे। अभियान की शुरूआत के प्रतीक स्वरूप समिति सदस्यों ने मुख्यमंत्री चौहान के साथ पौध-रोपण किया। समिति सदस्य मोहित और साहिल भी साथ थे ।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ पौध-रोपण के लिए माखन नगर से आए पर्यावरण मित्र देवेंद्र सिंह राजपूत, संदेश सिंह राजपूत, लोकेश यादव, मयंक साहू, पलक मीणा, अर्पिता यादव, निशि दुबे और महक वर्मा ने भी पौधे रोपे।
नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड नई दिल्ली के लिए हुए रवाना
3 Jun, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड अपने दो दिवसीय इंदौर और उज्जैन प्रवास के बाद आज इंदौर से नई दिल्ली के लिए रवाना हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रचंड को अंगवस्त्र पहना कर भावभीनी विदाई दी और उन्हें पोट्रेट भेंट किया।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, सांसद शंकर लालवानी, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, विधायक रमेश मेंदोला, आकाश विजयवर्गीय, मालिनी गौड़, महेंद्र हार्डिया, अध्यक्ष युवा आयोग डॉ. निशांत खरे, अध्यक्ष अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम सावन सोनकर सहित जन-प्रतिनिधि, संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह सहित अधिकारी मौजूद रहे।
भोपाल में सभी जगहों से हटाया जाएगा हमीदिया नाम!
3 Jun, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अस्पताल, कॉलेज, रोड का नाम बदलने की तैयारी, अब तक इनके बदले जा चुके हैं नाम
भोपाल । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में सभी जगहों से हमीदियानाम हटाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, हमीदिया अस्पताल, हमीदिया कॉलेज और हमीदिया रोड का नाम बदलने की तैयारी हैं। भोपाल नगर निगम हमीदिया रोड का नाम बदलेगा, जबकि कॉलेज और अस्पताल का नाम बदलने के लिए सरकार से सिफारिश करेगा।
इस पर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि अब क्या ताजमहल, कुतुबमीनार का नाम भी बदला जाएगा संगठन प्रभारी चंद्र प्रभाष शेखर ने कहा कि धर्म के आधार पर नाम परिवर्तन नहीं होना चाहिए। अब क्या ताजमहल का नाम और कुतुबमीनार का नाम भी बदला जाएगा।
भोपाल में इसके पहले भी नाम बदलने की मांग उठ चुकी हैं। नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि नवाब हमीदुल्ला ने भोपाल की आजादी का विरोध किया था। हमीदउल्ला भोपाल रियासत को पाकिस्तान में शामिल करना चाह रहे थे। भोपाल की आजादी के विरोधी के नाम पर अस्पताल का नाम नहीं होना चाहिए। नवाब हमीदउल्ला के नाम पर हमीदिया अस्पताल का नाम पड़ा है।
बता दें कि इसके पहले भोपाल के हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति, इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर, ऐशबाग स्टेडियम का नाम भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग, जहांगीराबाद से पुल पात्रा के मार्ग का नाम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, गुफा मंदिर से सुलतानिया इन्फेंट्री लाइंस की सड़क का नाम शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के नाम पर किया गया है।
प्रियंका से पहले शिवराज की सभा में उमड़ेगी महिलाओं की भीड़
3 Jun, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के दौरे शुरू हो गए हैं। इस महीने कांग्रेस नेताओं से लेकर प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी की प्रदेश में सभाएं हो सकती हैं। महाकौशल क्षेत्र के जबलपुर में कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी की 12 जून को बड़ी सभा होने जा रही है। जिसमें महाकौशल क्षेत्र के जिलों से महिलाओं की बड़ी संख्या में भीड़ जुटाई जाएगी। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 10 जून केा जबलपुर में लाड़ली बहना योजना के तहत बड़ा आयोजन करने जा रहे हैं। इस दिन जबलपुर में योजना का राज्य स्तरीय आयोजन होगा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की पात्र महिलाओं के खातों में लाड़ली बहना योजना के तहत पैसा डालेंगे।
प्रदेश सरकार 10 जून को लाड़ली बहना योजना के तहत 1.25 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों मेें एक-एक हजार रुपए की राशि डालने जा रही है। देश में महिला सशक्तिकरण के लिए इस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तैयारी में जुटी है। जबलपुर में मुख्य समारोह में तैयारी शुरू हो गई है। इस समारोह में जबलपुर संभाग के सभी जिलों से करीब दो से तीन लाख महिला हितग्राहियों के पहुंचने की संभावना है। जबकि जिलों में होने वाले आयोजनों में भी महिलाओं की अच्छी खासी संख्या पहुंचेगी। प्रदेश भर में 10 जून को होने वाले आयोजनों को लेकर तैयारियों चल रही हैं। राज्य शासन इसकी नियमित समीक्षा में जुटी है।
महिलाओं से जुड़ी केंद्र एवं राज्य सरकारों की कई योजनाएं संचालित हो रही है। लेकिन लाड़ली बहना योजना महिलाओं केा सीधे आर्थिक लाभ पहुंचाने वाली देश की पहली बड़ी योजना है। जिसके जरिए महिलाओं केा हर महीने 1-1 हजार रुपए मिलेंगे। 10 जून को लाड़ली बहना योजना लागू होने के बाद प्र्रदेश में किसी भी चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद भी योजना से लाभ मिलना बंद नहीं होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अनुसार यदि कोई योजना आचार संहिता से पहले से संचालित है तो फिर वह बंद नहीं होगी। यानी योजना के तहत आचार संहिता के दौरान भी महिलाओं के खातों में एक-एक हजार रुपए पहुंचेंगे।
शिवराज से मिले ओबीसी महासभा के पदाधिकारी
3 Jun, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को छतरपुर जिले में आयोजित गौरव दिवस समारोह में शामिल होने के बाद जब भोपाल के लिए वापस रवाना हो रहे थे, तब हैलीपेड पर कई संगठनों ने उनके साथ मुलाकात की। इस दौरान ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करते हुए अपना ज्ञापन सौंपा और छह मांगे उनके सामने रखीं, जिसमें प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के खिलाफ खुलकर विरोध हुआ, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है।
ओबीसी महासभा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप चौरसिया, प्रदेश सचिव नरेन्द्र पटेल, जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार पटेल, कार्यकारी जिलाध्यक्ष राजेश यादव ने मुख्यमंत्री से मिलते ही सबसे पहले वीडी शर्मा को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वीडी शर्मा के कारण यहां पर ओबीसी समाज के लोगों को झूठे केस लगाकर प्रताडि़त किया जा रहा है। इसके अलावा छतरपुर जिले में पांच सीटों पर ओबीसी समाज को टिकिट देने, ओबीसी मतगणना कराए जाने, 52 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण करने सहित खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलाने की मांग की गई।
ओबीसी ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से पूरा जिला परेशान है, उनके कहने पर कई लोगों पर फर्जी स्नढ्ढक्र कराई जाती हैं। सीएम से ओबीसी महासभा के लोगों ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को हटाया जाए। फिर ओबीसी वर्ग और ओबीसी महासभा भाजपा के साथ है। उन्होंने कहा कि वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष पद से नहीं हटाए जाने पर चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों को बांटने का काम किया है न कि जोडऩे का।
कांग्रेस की तरफ से सुंदरकांड का पाठ करेंगे कथावाचक
3 Jun, 2023 05:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व की चर्चा सबसे पहले मध्य प्रदेश से ही शुरू हुई थी। बजरंग बली की आराधना और हनुमान चालीसा का पाठ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ करते-कराते रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की तरफ से ख्यात कथावाचक विधानसभा क्षेत्रों में सुंदरकांड का पाठ करेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पहली बार प्रदेश में धर्म उत्सव प्रकोष्ठ का गठन किया है जिसमें साधु, संतों और कथावाचकों को प्रकोष्ठ का पदाधिकारी बनाया गया है। इसके बैनर तले धार्मिक अनुष्ठान कराए जाएंगे। इनमें सिर्फ धर्म की बात होगी।
कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के मामले में जब राजनीति तेज हुई तो मप्र में युवा कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में हनुमान चालीसा का पाठ करवाया। अब संगठन का धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुदंरकांड का पाठ कराने जा रहा है। इसके लिए प्रकोष्ठ ने अपनी जिला इकाइयों को निर्देश भी दिए हैं। संगठन की अध्यक्ष ऋचा गोस्वामी का कहना है कि कांग्रेस का प्रकोष्ठ जरूर है पर इसमें राजनीति जैसी कोई बात नहीं है। हमारा काम वोट मांगना नहीं है और न ही हम मांगेंगे। हम राजनीति से जुड़ा कोई संकल्प भी नहीं दिलाते हैं। यह तो अनुष्ठान है और पहले भी रासलीला, भागवत कथा और रूद्राभिषेक कर चुके हैं। पांच जून से भोपाल दक्षिण-पश्चिम के विधायक पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, तुलसी नगर में भागवत कथा करा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ से सुंदरकांड के पाठ के आयोजन को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने निर्णय हम पर छोड़ा था। हमने संगठन में चर्चा के बाद कार्यक्रम निर्धारित किए हैं। मोर्चा-प्रकोष्ठों के प्रभारी उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि कांग्रेस कभी धर्म और धार्मिक मामलों को राजनीति के बीच में नहीं लाती है
बता दें कि कांग्रेस पिछले कुछ समय से अवसर विशेष पर धार्मिक आयोजन करने लगी है। हनुमान जयंती पर हुनमान चालीसा करने के साथ अन्य आयोजन किए जा रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मां दुर्गा और गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना हाल के कुछ वर्षों से की जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने जब छिंदवाड़ा जिले से नारी सम्मान योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र भरवाने की शुरुआत की तो उसके पहले सुंदरकांड का पाठ किया गया। भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस का नेतृत्व लगातार मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति करता आ रहा है। हाल ही में राहुल गांधी ने जिस तरह मुस्लिमों को लेकर विदेश की धरती पर टिप्पणी की है, वह कांग्रेस का पोल खोलती है। ये चुनावी हिंदू बनने का स्वांग रच रहे हैं। हिंदू इनके भुलावे में नहीं आएगा। हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान भक्तों के साथ भेदभाव और तिरस्कार एक साथ नहीं चल सकता है।