मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
हमारी कोशिश है बेटियों की जिन्दगी में कोई कमी न रहे- मुख्यमंत्री चौहान
11 May, 2023 10:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बेटियों की जिन्दगी में कोई कमी नहीं रहे। बेटी को बोझ नहीं वरदान समझा जाए। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा बेटियों की प्रगति के लिए अनेक योजनएँ संचालित की जा रही हैं। परिवार और समाज को बेटी के विवाह में कोई परेशानी न हो और विवाह संस्कार पूर्ण उल्लास आनंद के वातावरण में संपन्न हो, इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री कन्या विवाह-निकाह योजना आरंभ की गई है। मुख्यमंत्री चौहान खुरई सागर में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में निवास कार्यालय से वर्चुअली शामिल हुए। सम्मेलन में खुरई से नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने परिणय-सूत्र में बंध रहे 699 जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यही कामना है कि सभी नव-दम्पत्ति का जीवन सुख से बीते और सभी के जीवन में रिद्धी-सिद्धी आए। ससुराल जाने वाली बेटियाँ प्रसन्न रहे और नव विवाहित दम्पत्ति अपने आचरण और व्यवहार से दोनों परिवारों का मान-सम्मान बढ़ाएँ।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बेटियों की जिन्दगी बदलने के लिए ही प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना, पढ़ाई में सहायता के कार्यक्रम तथा अन्य प्रोत्साहन योजनाएँ लागू की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह विकास पुरूष हैं, वे खुरई सहित संपूर्ण प्रदेश के विकास के लिए निरंतर सक्रिय और समर्पित रहते हैं।
सम्मेलन में 673 विवाह और 26 निकाह संपन्न हुए, जो 111 पंडित और 5 काजी द्वारा कराए गए। परिणय-सूत्र में बंध रहे प्रत्येक जोड़े के खाते में 49 हजार रूपये आरटीजीएस से अंतरित किए गए। सागर सांसद राजबहादुर सिंह, विधायक बीना महेश राय, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद नन्नी बाई अहिरवार, जनपद अध्यक्ष जमना प्रसाद अहिरवार तथा जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान के साथ वैज्ञानिकों ने लगाए पौधे
11 May, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) पर श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा और वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ पीपल, आम और जामुन के पौधे लगाए। पौध-रोपण में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च भोपाल, सेंटर फॉर एडवांस टेक्नोलॉजी इंदौर, आईआईटी इंदौर, सीएसआइआर भोपाल, एम्स भोपाल, मेनिट भोपाल, भेल भोपाल, इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च भोपाल, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के वैज्ञानिक और पदाधिकारी शामिल हुए। अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के विद्यार्थी तथा जन-प्रतिनिधि भी पौध-रोपण में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करती मोबाइल बस "स्पेस ऑन व्हील" का शुभारंभ कर बस का अवलोकन किया। यह बस स्वतंत्रता के बाद से अब तक की इसरो की तकनीक और उपलब्धियों से विद्यार्थियों सहित आमजन को अवगत करायेगी। बस में अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की उपलब्धियों और इसरो की तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर देश के सभी वैज्ञानिक, इंजीनियर, तकनीशियन और इन विधाओं के विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के माध्यम से हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि भारतीयों के लिए यह गौरव का दिन है। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने आज ही के दिन वर्ष 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण करवा कर विश्व में भारत का मान बढ़ाया।
मुख्यमंत्री चौहान से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की सौजन्य भेंट
11 May, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की।
मध्यप्रदेश में हो रहा है बहनों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण : मुख्यमंत्री चौहान
11 May, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में बहनों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण हो रहा है। एक समय था जब यहाँ परिवार में कन्या को बोझ माना जाता था, आज वह वरदान हो गई है। लाड़ली लक्ष्मी योजना ने प्रदेश की 44 लाख 90 हजार कन्याओं को लखपति बनाया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में गरीब कन्याओं का विवाह सरकार करवाती है। स्थानीय निकायों के निर्वाचन में बहनों को मिले 50 प्रतिशत आरक्षण से वे राजनीतिक रूप से सशक्त हुई है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनायेगी। बहनों को स्टांप शुल्क में छूट के प्रावधान से आज 45 प्रतिशत जमीन बहनों के नाम हो रही है।
मुख्यमंत्री चौहान आज मंदसौर जिले के सीतामऊ में लाड़ली बहना सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ वितरण भी किया। इसके पहले मुख्यमंत्री ने जिले के जवानपुरा में 2,374 करोड़ रूपये की लागत वाली "कयामपुर-सीतामऊ" दाबयुक्त वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना का विधिवत भूमि-पूजन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने टोडरमल जी के जन्म-दिन पर ऐच्छिक अवकाश, नाहरगढ़ को नगर पंचायत बनाने और कयामपुर को तहसील बनाये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान-2 में 16 मई से गाँव-गाँव और वार्ड-वार्ड शिविर लगेंगे, जिनमें जनता को 67 प्रकार की सेवाओं का मौके पर लाभ मिलेगा। उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रशासन को निर्देश दिए कि अभियान में प्राप्त आवेदनों और सीएम हेल्पलाइन के लंबित आवेदनों का 15 मई तक निराकरण कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आजकल कुछ लोग नकली योजनाएँ बना कर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। जनता ऐसे ठगों से दूर रहे तथा उनके झाँसे में न आए। पिछली सरकार ने कर्ज माफी के नाम पर किसानों को डिफॉल्टर बना दिया। हमारी सरकार उनके ब्याज की राशि भर रही है, जिससे उन्हें सरकार की जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण योजना का लाभ मिल सके। किसानों का ब्याज माफ करने के लिए 14 मई से फॉर्म भरे जाएंगे। इस योजना के लिए सरकार ने बजट में 2400 करोड़ रूपये का प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर गरीब को रहने के लिए जमीन का पट्टा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में अभी तक प्रदेश में 60 से 70 हजार पट्टे बाँटे जा चुके हैं। इसके लिए सरकारी जमीन के अलावा निजी जमीन खरीद कर दिए जाने की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में गरीबों को नि:शुल्क राशन, मकान, दवाई, गैस कनेक्शन आदि दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में हर बच्चे की पढ़ाई की राह आसान की गई है। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए सीएम राइज स्कूल बनाए जा रहे हैं। सरकार उच्च शिक्षा की फीस भी भरवा रही है। प्रदेश में अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी हिंदी में शुरू कर दी गई है। सरकारी स्कूलों के बच्चे मेडिकल कॉलेज में जा सकें, इसके लिए मेडिकल कॉलेज में शासकीय स्कूलों के बच्चों के लिये 5 प्रतिशत सीट्स आरक्षित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी सरकार बेरोजगारी भत्ते का लॉलीपॉप न देकर हर हाथ को रोजगार मिल सके, ऐसी व्यवस्था कर रही है। प्रदेश में एक लाख सरकारी पदों पर भर्ती की प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरी कर ली जाएगी। युवाओं को कौशल विकास के साथ ही रोजगार भी मिल सके इसके लिए मुख्यमंत्री कौशल कमाई योजना जून माह से शुरू होगी, जिसमें प्रतिमाह 8 हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा। हमारा नारा है कमाने वाला खाएगा, लूटने वाला जाएगा, नया जमाना आएगा।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज 2374 करोड़ रूपये की सिंचाई परियोजना का भूमि-पूजन हुआ है। इससे मंदसौर क्षेत्र की 3 लाख एकड़ जमीन में सिंचाई होगी। गांधी सागर बांध का पानी जिले के एक-एक खेत में पहुँचेगा। चौतरफा प्रगति और विकास हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता की जिंदगी बदलने का अभियान चल रहा है। सरकार को किसान, गरीब, कारीगर, नौजवान सब की चिंता है। प्रदेश में नई संस्कृति का दौर शुरू हो रहा है, जिसमें जनता और सरकार मिल कर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने प्रत्येक गाँव में लाड़ली बहना सेना बनाने पर जोर दिया, जो महिला संबंधी योजनाओं को क्रियान्वित करेगी। उन्होंने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय की राशि देने की घोषणा की, जो पिछली सरकार ने रोक ली थी।
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि हर पवित्र काम में बहनों की जरूरत होती है। आज महत्वपूर्ण परियोजना प्रदान कर कई वर्षों की साधना पूर्ण हुई है। प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में व्यापक वृद्धि हुई है। वर्तमान में 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो रही है, इसे बढ़ाने के लिये नई परियोजनाओं पर कार्य हो रहा है।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने कहा कि प्रदेश में हर क्षेत्र में चहुँमुखी विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने आज 2374 करोड़ रूपये की कयामपुर-सीतामऊ दाबयुक्त वृहद सिंचाई परियोजना का शिलान्यास किया है। परियोजना से जिले के 252 ग्रामों की 1 लाख 12 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। इससे आसपास के 1 लाख 49 हजार 300 हितग्राही लाभान्वित होंगे। इस क्षेत्र के लोगों ने जो सपना देखा था, वह आज पूर्ण हो रहा है।
सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि आज मुझे माँ, बहन और बेटियों का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला है। चंबल का पानी घर एवं खेतों तक आया है और वर्षों का सपना पूरा हुआ है। सम्मेलन में जन-प्रतिनिधि, किसान और बड़ी संख्या में बहनें उपस्थित थी।
बंजारा समाज के आराध्य देव रूपसिंह महाराज की मूर्ति का अनावरण
मुख्यमंत्री चौहान ने मेलखेड़ा में बंजारा समाज के आराध्य देव रूपसिंह महाराज की मूर्ति का अनावरण किया। अष्टधातु से निर्मित यह मूर्ति जयपुर में तैयार की गई है, जो 8 फीट की है। मूर्ति अनावरण के बाद मुख्यमंत्री ने मेलखेड़ा के स्कूल परिसर में बड़ी संख्या में उपस्थित बंजारा समाज और आमजन को संबोधित भी किया। इसके पहले मुख्यमंत्री ने मेलखेड़ा में भगवान चारभुजा नाथ एवं रूपसिंह जी महाराज की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर पूजा-अर्चना की।
गौरक्षा संकल्प सम्मेलन आज
11 May, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 मई को पूर्वान्ह 11 बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर गौरक्षा संकल्प सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। साथ ही प्रदेश के शहरी क्षेत्रों सहित सभी विकासखंडों के लिए 406 पशु चिकित्सा एम्बुलेंस को रवाना करेंगे। सम्मेलन कार्यक्रम की अध्यक्षता पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल करेंगे और मध्यप्रदेश गौ-संवर्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि विशिष्ट अतिथि होंगे। सम्मेलन में गौ-संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य करने वाले शासकीय विभागों के प्रतिनिधि, स्वैच्छिक संगठन, पर्यावरण एवं जैविक, प्राकृतिक कृषि क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रबुद्ध वर्ग, गौशाला संचालक, स्व-सहायता समूह, गौ-संरक्षण में संलग्न सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं।
मोबाइल पशु चिकित्सा एम्बुलेंस केन्द्र एवं राज्य शासन की संयुक्त योजना है। एम्बुलेंस संचालन में प्रतिवर्ष लगभग 77 करोड़ रूपये व्यय होंगे। इसमें केन्द्रांश एवं राज्यांश का अनुपात 60:40 होगा। एम्बुलेंस में पशु उपचार, शल्य चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग परीक्षण आदि के लिए सभी संबंधित उपकरण मौजूद रहेंगे। कॉल सेंटर के टोल फ्री नंबर "1962" पर कॉल करके पशुपालक अपने घर पर ही पशु चिकित्सा का लाभ उठा सकेंगे। एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक, पैरावेट और सहायक सह-चालक रहेंगे। एम्बुलेंस राज्य स्तरीय कॉल सेंटर से जुड़ी रहेंगी। एम्बुलेंस की मॉनिटरिंग जीपीएस से की जायेगी।
गौवंश संरक्षण राज्य शासन की प्राथमिकता में शामिल है। मध्यप्रदेश गौवंश संरक्षण और रक्षा के लिए कड़े कानून लागू करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में हैं। गौवंश वध प्रतिशेध अधिनियम में गाय का वध करने पर 7 साल की सजा का प्रावधान है। प्रदेश में 1762 गौशालाओं में 2 लाख 87 हजार गौवंश का पालन हो रहा है। वर्ष 2022-23 में इनके चारे के लिए 202 करोड़ 34 लाख का अनुदान वितरित किया गया।
राजा- महाराजा सहित 4 नेताओं की साख दांव पर, सिंधिया भी देंगे अग्निपरीक्षा
11 May, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में यह साल चुनावी साल है। इस साल का विधानसभा चुनाव ग्वालियर चंबल अंचल के चार कद्दावर नेताओं का भविष्य भी तय करेगा। कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर महाराजा वाला ग्लैमर बरकरार रखने की चुनौती होगी, तो वहीं कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर के लिए भी ग्वालियर चंबल अंचल में अपना रुतबा बरकरार रखना बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जमीन को मजबूत करने की चुनोती है, तो वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के सामने ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा साबित करने की चुनोती है।
2023 विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना ग्लैमर साबित करना बड़ी चुनोती होगा। 2018 में ग्वालियर चंबल अंचल में ज्योतिरादित्य सिंधिया की बदौलत कांग्रेस को 33 साल बाद बड़ी कामयाबी हासिल की थी। लेकिन 2019 में सिंधिया कांग्रेस के टिकिट पर गुना लोकसभा चुनाव में शिकस्त झेल चुके हैं। 2020 में सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा और कमलनाथ सरकार गिराकर शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया। केंद्र की कांग्रेस सरकार में चार बार सांसद, 2 बार मंत्री रहे सिंधिया अब भाजपा सरकार में मंत्री बन चुके हैं। 2023 का विधानसभा चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए बड़ी कामयाबी दिलाने की चुनौती वाला चुनाव रहेगा।
2023 का विधानसभा चुनाव केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के लिए भी खुद का रुतबा बरकरार रखने के लिए चुनौती वाला चुनाव होगा। तोमर दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वहीं, उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सरकार में महत्वपूर्ण मंत्री भी रहे। मई 2009 से तीन बार सांसद बनकर नरेंद्र सिंह तोमर लगातार दो बार से नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर चंबल अंचल में भाजपा के एकछत्र बड़े नेता थे, लेकिन सिंधिया के भाजपा में आने के बाद 2023 के विधानसभा चुनाव में उनके लिए अपना रुतबा कायम रखना बड़ी चुनौती होगा।
2023 का विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिए भी भविष्य तय करने वाला चुनाव साबित होगा। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस को जोरदार कामयाबी दिलाने का दारोमदार दिग्विजय सिंह पर होगा। दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, दो बार सांसद और एक बार केंद्र में मंत्री रहे दिग्विजय सिंह के लिए ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस को ज्यादा सीटें दिलाना बड़ी चुनोती है। 2023 में ग्वालियर चंबल अंचल में सिंधिया को पटखनी देने के लिए दिग्विजय सिंह अपना पूरा जोर लगाएंगे।
लहार सीट पर लगातार सात बार विधानसभा चुनाव जीत चुके नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह के लिए भी 2023 का विधानसभा चुनाव राजनीतिक दशा और दिशा तय करने वाले चुनाव साबित होगा। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर चंबल अंचल में डॉक्टर गोविंद सिंह कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता हैं। ऐसे में 2023 में ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस को ज्यादा सीटें दिलाने का दबाव भी गोविंद सिंह पर रहेगा।
राजभवन लोक कल्याण की जिम्मेदारी : राज्यपाल पटेल
11 May, 2023 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि राजभवन लोक कल्याण की जिम्मेदारी है। इसी भाव के साथ उन्होंने प्रदेश के सभी 52 जिलों का भ्रमण कर आमजन, वंचित वर्ग के दुःख दर्द की जानकारी प्राप्त की है। उनके समाधान और विकास के कार्य किए हैं।
पटेल आज भोपाल में माधवराव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय संस्थान के द्वारा द्विवेदी-सप्रे युगीन प्रवृतियां और सरोकार विषय पर पं. झाबरमल्ल शर्मा सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने डॉ हरिकृष्ण दत्त शिक्षा सम्मान डॉ. कृपाशंकर चौबे और महेश गुप्ता सृजन सम्मान गौरव अवस्थी को प्रदान किए। कार्यक्रम में राज्यपाल को पुस्तक ज्ञान तीर्थ सप्रे संग्रहालय और चित्र भेंट किए गए।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रकृति ने मानव को वाणी, बुद्धि जैसी अद्भुत शक्ति परमार्थ के लिए ही दी है। आवश्यकता युवाओं को राष्ट्र और समाज के प्रति उनके दायित्व का बोध कराने की है। उन्होंने कहा कि सबके साथ, विश्वास, प्रयासों के साथ विकास, राष्ट्र के विकास का आधार है। उन्होंने अमृत काल में सप्रे संग्रहालय की गतिविधियों की सराहना करते हुए, उसे भावी पीढ़ी को राष्ट्र के गौरव से जोड़ने का सेवा प्रकल्प बताया। उन्होंने कहा कि आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, कर्मयोगी माधव राव सप्रे ने बीसवीं सदी के आरंभिक तीन दशकों में समाज का बौद्धिक नेतृत्व किया। उनके महान अवदान से युवाओं को परिचित कराने की पहल सार्थक प्रयास है। संगोष्ठी राष्ट्रीय एकता के सूत्र के रूप में हिंदी की भूमिका के वैचारिक प्रवाह को तेज करेगी।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रोफेसर के. जी. सुरेश ने कहा कि आचार्य द्विवेदी और माधव राव सप्रे समकालीन और बहुआयामी व्यक्ति थे। उन्होंने भारतीय संस्कृति पर गहरी छाप छोड़ी है। युगीन साहित्य की धारा का नेतृत्व किया है। उनकी विशिष्टता थी कि रचनात्मक क्षमता में उनसे बेहतर प्रतिभाओं की रचनाधर्मिता का वे आदर्श थे। उन्होंने कहा कि ऐसा ही बौद्धिक नेतृत्व वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने युवा शक्ति को इतिहास के साथ जोड़ने और साहित्य पत्रकारिता की पारस्परिकता की परंपरा को जीवित रखने के लिए सप्रे संग्रहालय के प्रयासों की सराहना की।
आचार्य स्मृति रजत जयंती महोत्सव के संयोजक गौरव अवस्थी ने आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मृति संरक्षण अभियान के प्रारंभ और विकास के विभिन्न पड़ावों और यादगार पलों का उल्लेख किया। वर्ष 1998 में रायबरेली शहर में ध्यानाकर्षण धरने से शुरू होकर वर्ष 2021 में 10 जनवरी संयुक्त राज्य अमेरिका में इकाई का गठन होने के प्रसंगों का उल्लेख किया। बताया कि आचार्य द्विवेदी की स्मृतियों को बच्चों तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधान संपादक उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान डॉ अमिता दुबे ने कहा कि संस्थान द्वारा हिंदी सेवियों के सम्मान और हिंदी सेवी संस्थानों के साथ संयोजन के द्वारा हिंदी के विकास में सहयोग किया जा रहा है। संस्थान द्वारा साहित्य भारती और बालवाणी पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जा रहा है। संस्थान के द्वारा 157 समर्पित रचनाकारों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने प्रदेश के रमेश चंद्र शाह को भारत भारतीय सम्मान से सम्मानित किए जाने के प्रसंग का स्मरण किया।
संस्थापक संयोजक सप्रे संग्रहालय, भोपाल विजय दत्त ने संगोष्ठी की संकल्पना पर प्रकाश डाला। आचार्य स्मृति रजत जयंती महोत्सव को उनकी स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने की पहल बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने प्रदेश में जनजातीय चेतना के संचार के द्वारा समरसता का वातावरण स्थापित किया है। वह अभिनंदनीय है। कार्यक्रम का संचालन मंगला ने किया, धन्यवाद ज्ञापन विनोद कुमार शुक्ल ने किया।
आदिवासी वोट बैंक पर भाजपा-कांग्रेस का मुख्य फोकस
11 May, 2023 08:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के रण के लिए बैटलफील्ड लगभग तैयार हो चुकी है। सूबे की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों, भाजपा और कांग्रेस ने चुनावी रण के लिए कमर कस ली है। राज्य की आधी आबादी यानी महिला वोटरों को लुभाने के लिए दोनों ही दलों ने अपने-अपने दांव चल दिए हैं। इसके बाद बड़ी लड़ाई आदिवासी वोटरों को लेकर होने वाली है। दोनों ही दलों ने आदिवासी वोटरों को अपने पाले में करने की शुरुआत कर दी है। यहां 6 महीने बाद चुनाव होने वाले हैं और सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करने की एक चाबी आदिवासी वोटरों के पास भी हैं।
बताते चलें कि मध्य प्रदेश के साल 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटरों ने भाजपा को बड़ा झटका दिया था। भाजपा अब आदिवासियों को अपने पाले में वापस लाने के लिए बेताब लग रही है। भाजपा ने साल 2018 के चुनाव परिणाम के बाद एक कठिन सबक सीखा था। आदिवासी वोटरों की बेरुखी से वह विधानसभा चुनाव मामूली अंतर से हार गई थी। बात करें साल 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों की तो कांग्रेस ने प्रदेश की कुल 47 ट्राइबल रिज़र्व सीट में से 31 पर जीत हासिल की थी। भाजपा को सिर्फ 16 सीटों से संतोष करना पड़ा और मध्य प्रदेश में 15 साल बाद विपक्ष में बैठना पड़ा। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चुनाव हारने के बाद भाजपा 15 महीने तक सत्ता से बाहर रही। हालांकि, फरवरी 2020 में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद भाजपा फिर मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस लौट आई। उस दौरान सिंधिया-समर्थकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई, जिससे भाजपा सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
दरसअल, 2003 के पहले राज्य का आदिवासी वोटर पूरी तरह कांग्रेस के साथ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ घनघोर सत्ता विरोधी माहौल के बीच 2003 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई। भाजपा की बंपर जीत में आदिवासी वोटरों का बहुत बड़ा योगदान था। तब अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 41 में से 37 सीटों पर उसने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनावों में आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित 47 सीटों में से 31 पर जीत भाजपा ने जीत हासिल की और दोबारा सत्ता में वापसी की। इसके बाद परिसीमन के कारण जनजातीय आरक्षित सीटों की संख्या 47 से बढ़कर 41 हो गई। साल 2013 में भाजपा ने 47 में से 31 सीटों पर फिर से जीत हासिल की और लगातार तीसरी बार राज्य की सत्ता हासिल की। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि साल 2002 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा ने मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में आदिवासियों को जोडऩे के लिए एक हिंदू सम्मेलन का आयोजन किया था। इस हिंदू सम्मेलन में लगभग 2 लाख आदिवासी आए थे। यह सम्मेलन 2003 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आया, जब इसने 41 में से 37 आदिवासी सीटों पर जीत हासिल की।
यहां बताते चलें कि एमपी के आदिवासी बहुल इलाके में 84 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 84 में से 34 सीट पर जीत हासिल की थी। वहीं, 2013 में इस इलाके में 59 सीटों पर भाजपा ने कब्जा किया था। 2018 में पार्टी को 25 सीटों पर नुकसान हुआ है। वहीं, जिन सीटों पर आदिवासी उम्मीदवारों की जीत और हार तय करते हैं, वहां सिर्फ भाजपा को 16 सीटों पर ही जीत मिली है। यह 2013 की तुलना में 18 सीट कम है। अब सरकार आदिवासी जनाधार को वापस भाजपा के पाले में लाने की कोशिश में जुटी है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्य 1।53 करोड़ से अधिक थी। दस साल पहले मध्य प्रदेश के कुल 7।26 करोड़ निवासियों में से 21।08 आदिवासी थे। अगर बात वर्तमान समय की करें तो फिलहाल आदिवासी समुदाय की आबादी लगभग 1।75 करोड़ है, जो सूबे की कुल जनसंख्या का 22 प्रतिशत हैं। राजनीतिक जानकार कहते है कि राज्य की अन्य 35 विधानसभा सीटों पर आदिवासी मतदाता 50 हजार से अधिक हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञ मनीष गुप्ता कहते हैं कि मध्य प्रदेश की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत के आसपास है और इस समुदाय का असर 84 सीटों पर देखा जाता है। इस वजह से दोनों ही राजनीतिक पार्टियां आदिवासी वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। भाजपा ने पेसा एक्ट लागू करने के साथ आदिवासी जननायकों का भी खूब महिमामंडन किया है। राजनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री, अमित शाह सहित तमाम दिग्गज भाजपा नेता आदिवासी इलाकों में पब्लिक रैली कर चुके हैं। कांग्रेस थोड़ा देर से जागी है और अब 12 जून को आदिवासी महाकौशल अंचल से प्रियंका गांधी की पब्लिक मीटिंग से अपने चुनाव अभियान का आगाज करने जा रही है। मनीष गुप्ता कहते हैं कि 2023 के चुनावी रण में जो भी खेमा आदिवासी वोटरों को साधने में कामयाब हुआ, उसके लिए मिशन मध्य प्रदेश फतह आसान हो जाएगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान बना रहे महिलाओं को सशक्त
11 May, 2023 07:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के फरमान ने हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी कर ली है। आंगनवाडिय़ों में पूरक पोषण आहार का काम स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत भी हो चुकी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाएं बना रहे हैं। लाड़ली लक्ष्मी से लेकर लाड़ली बहना तक की योजनाओं के जरिये महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल कर रहे हैं। वहीं, उनके ही विभाग के अफसर हजारों महिलाओं को बेरोजगार करने की तैयारी में हैं। आंगनवाडिय़ों में पोषाहार की जिम्मेदारी अक्षय पात्र फाउंडेशन जैसे बड़े एनजीओ को देने की तैयारी है। पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत हो चुकी है और स्वसहायता समूहों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
महिला एवं बाल विकास विभाग ने भोपाल के शाहपुरा क्षेत्र की 28 आंगनवाडिय़ों में पोषाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों से लेकर अक्षय पात्र फाउंडेशन को दे दी है। यह पायलट प्रोजेक्ट है। इसकी सफलता के बाद ही इस परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया जाएगा। इन आंगनवाडिय़ों में करीब एक हजार बच्चे लाभान्वित होते हैं। इन्हें भोजन पहुंचाने की जिम्मेदारी अब अक्षय पात्र फाउंडेशन भोपाल की होगी।
अब तक यह काम श्यामा स्वसहायता समूह के पास था। उसकी महिला सदस्य अब बेरोजगार हो गई हैं। समूह की अध्यक्ष प्रभा गुप्ता ने बताया कि हमारे समूह को दो साल पहले आंगनवाड़ी में पोषाहार पहुंचाने का काम मिला था। सोमवार से खाना बंद कर दिया है। हम सभी बेरोजगार हो गए हैं। समूह ने आंगनवाडिय़ों तक पोषाहार पहुंचाने के लिए लोन पर एक ऑटो भी खरीदा था। उसकी किस्त ही हर महीने 6 हजार 200 रुपये आती है। एक साल भी पूरा नहीं हुआ है। अब समझ नहीं आ रहा कि ऑटो की किश्त कैसे चुकाएंगे। अब हम सिर्फ नाश्ता भेज रहे हैं। उसमें तो हमारी मजदूरी भी नहीं निकलेगी। इस समूह में यासमीन खान, दयावती मालवीय, शालू कुर्रे, जोहरा बी और सारा बी सहित अन्य महिलाएं जुड़ी हुई हैं।
भोपाल में 1270 आंगनवाड़ी केंद्र हैं। इनमें 50 हजार बच्चों को पोषाहार पहुंचाने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों पर है। इन आंगनवाडिय़ों का करीब एक करोड़ रुपये का मासिक बिल बनता है, जो स्वसहायता समूहों के जरिये महिला सदस्यों के खाते तक पहुंचता है। श्री सांई सेल्फ हेल्प ग्रुप की अध्यक्ष अनिता विश्वकर्मा ने बताया कि सांई बाबा नगर में आठ आंगनवाड़ी का पोषाहार बंद कर दिया गया है। सिर्फ नाश्ता ही जा रहा है। हमारे ग्रुप में 10 महिलाएं है। सभी को रोजगार मिला था, लेकिन अब सब बेरोजगार होने के कगार पर हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भईया से निवेदन है कि अपनी लाड़ली बहनों का रोजगार न छीनें।
इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बाद में कॉल करने का मैसेज किया। इसके बाद उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें मैसेज भी भेजे गए, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
उपभोक्ताओं को फिर लग सकता है बिजली बिल का करंट
11 May, 2023 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मप्र की करीब साढ़े सात करोड़ आबादी को बिजली के बिल का फिर से करंट लगने वाला है। राज्य की बिजली कंपनियों ने एक बार फिर बिजली का दाम बढ़ाने की तैयारी की है। एक यूनिट बिजली के दाम में 28 से 58 पैसे तक की बढ़ोतरी हो सकती है। राज्य की तीन बिजली कंपनियों ने कमरतोड़ महंगाई के बीच आम उपभोक्ताओं पर नया बोझ डालने की तैयारी की है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा फ्यूल कास्ट के नाम पर हर महीने बिजली के दाम तय किए जाने का अधिकार बिजली कंपनियों को दिए जाने का असर दिखने लगा है। इससे चुनावी साल में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लग रहा है।
जानकारी के अनुसार बिजली कंपनियों ने अपने स्तर पर बिजली के दामों में बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दिया है। नई व्यवस्था बिजली कंपनियों ने 24 अप्रैल से लागू की है। कंपनी का दावा है कि सरचार्ज घाटे के आधार पर लगाया जा रहा है। बिजली कंपनियां हर महीने अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) वसूल रही हैं। इसकी गणना हर महीने की जा रही है। इसके आधार पर आपके बिजली बिल हर महीने बढ़कर ही आएगा। इससे पहले हर तिमाही में फ्यूल कॉस्ट एडजेस्टमेंट (एफसीए) नियामक आयोग तय करता था। इससे साल में चार बार एफसीए बिलों में जुड़ता था। इस जनवरी 2023 से मार्च तक के लिए इसे 34 पैसे प्रति यूनिट कर दिया गया था। यानी एक साल में 34 पैसे प्रति यूनिट बिजली महंगी हो गई। अब एफसीए की जगह फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) है। इससे पहले महीने अप्रैल-मई में ही बिजली 36 पैसे (200 यूनिट तक) प्रति यूनिट तक महंगी कर दी है। यह सरचार्ज हर स्लैब के साथ बदलेगा और बिल में आने वाले एनर्जी और फिक्स चार्ज का पांच फीसदी लिया जाएगा।
अभी मार्च के महीने में जो बिजली बिल आया है, उसमें बिजली कंपनियों ने 5 फीसदी सरचार्ज वसूल लिया है। यह सरचार्ज बिजली कंपनियों ने 24 अप्रैल से लागू किया है। अगले महीने के बिल में यह सरचार्ज 8 फीसदी तक बढ़ सकता है। दरअसल केंद्र सरकार ने विद्युत नियम 2005 में संशोधन करते हुए बिजली कंपनियाँ को हर महीने फ्यूल कॉस्ट तय करने का अधिकार दिया है। इसके आधार पर यह मनमानी की जा रही है। बिजली कंपनियों ने पहली बार फ्यूल एंड पावर पर्चेस एडजेस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) की गणना की है। इस गणना के मुताबिक बिजली कंपनियों ने 6.80 फीसदी एफपीपीएएस वसूलना तय किया था, लेकिन पहली बार बिजली कंपनियों ने दरियादिली दिखाते हुए। सरचार्ज 5 फीसदी ही वसूला है।
विधानसभा चुनाव से करीब 6 महीने पहले सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को महंगाई का छटका दिया है। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी अब बिजली बिलों में लगने वाले एनर्जी और फिक्स चार्ज पर पांच फीसदी का सरचार्ज वसूल करेगी। सरचार्ज की यह नई व्यवस्था 24 अप्रैल से लागू है। लेकिन इसे अभी केवल 24 मई तक के लिए ही लागू किया गया है। प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग की मंजूरी के बिना कोई चार्ज बढ़ा दिया है। मप्र पावर मैनेजमेंट कंपनी 24 मई के बाद उत्पादन खर्च की समीक्षा कर नए सिरे से सरचार्ज का प्रतिशत तय करेगी। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब बिजली कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग के अप्रूवल के बगैर कोई चार्ज बढ़ाया हो। नए प्रावधानों के मुताबिक पावर मैनेजमेंट कंपनी अब हर महीने यह सरचार्ज तय करेगी। अभी पांच प्रतिशत सरचार्ज लागू किया गया है। इसे फरवरी महीने के उत्पादन खर्च की समीक्षा के बाद तय किया गया है। मई में कितना सरचार्ज लगेगा, इसका निर्धारण मार्च के खर्च के आधार पर तय किया जाएगा।
आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश सहित देश भर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि केंद्र सरकार के द्वारा बिजली नियम 2005 में संशोधन करने का काम किया गया है। इसके लिए अब लागत तय करने हेतु आवश्यक नियमों का योग नियामक आयोग की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिसके चलते बिजली कंपनियां अपने हिसाब से कास्ट तय कर सकेंगी। बता दें कि जिस प्रकार से तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के दाम रोज घटा बढ़ा सकती हैं। ठीक उसी प्रकार से अब बिजली कंपनियां भी हर महीने बिजली का फ्यूल कास्ट चार्ज तय कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें अब बिजली नियामक आयोग के आदेश की आवश्यकता नहीं होगी। भारत सरकार ने बिजली नियम 2005 में संशोधन किया है, जिससे हर महीने फ्यूल कास्ट एडजेस्टमेंट तय करने का काम बिजली कंपनियों को सौंप दिया गया है। मध्य प्रदेश के अंदर भी बिजली नियामक आयोग ने ज्ञानमती प्रदान कर दी है। अब देखने वाली बात होगी कि इस निर्णय का असर उपभोक्ताओं के बिल पर किस प्रकार पड़ता है। कुछ अधिकारियों का मानना है कि उपभोक्ताओं को लाभ होगा तो कुछ इसे जनता के लिए हितग्राही बता रहे हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग मध्य प्रदेश संजय दुबे ने बताया कि इससे आम जनता को कोई नुकसान नहीं होने वाला है, बल्कि भविष्य में फायदा भी होगा। क्योंकि बिजली कंपनियां राजस्व की जरूरत के हिसाब से फ्यूल कास्ट चार्ज करेंगे और कोई मनमानी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि आयोग सालाना राजस्व की जरूरत के हिसाब से उनका आकलन भी करेगा और विभाग निरंतर इस ओर नजर बनाए रखेगा। मध्य प्रदेश सहित देशभर में अब तेल कंपनियों की तर्ज पर ही बिजली वितरण करने वाली कंपनियां अपना घाटा पूरा करने के लिए रेट को अपने हिसाब से तय करने का अधिकार रख सकेंगी। अब देखने वाली बात यही होगी कि इसमें सरकारी नियंत्रण किस प्रकार से सुनिश्चित किया जाता है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को लाभ हो ना कि नुकसान।
मप्र में द केरल स्टोरी टैक्स फ्री है और रहेगी
11 May, 2023 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल। लव जिहाद और आतंकवाद पर केंद्रित हालिया रिलीज फिल्म द केरल स्टोरी को प्रदेश में टैक्स-फ्री किए जाने के आदेश को वापस लिए जाने की अटकलों पर वाणिज्य कर विभाग के कमिश्नर के बाद अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी विराम लगा दिया है। गुरुवार सुबह मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस फिल्म को टैक्स-फ्री करने की घोषणा की थी। फिल्म टैक्स-फ्री है और टैक्स-फ्री रहेगी। किसी भी फेक आदेश को नहीं मानें। सिनेमा घरवालों और लोगों से अपील है कि वे भ्रम में न आएं।
दरअसल बुधवार को वाणिज्यिक कर विभाग का एक कथित आदेश इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हुआ, जिसमें द केरल स्टोरी फिल्म को टैक्स से दी गई छूट संबंधी आदेश को निरस्त करने की बात कही गई। आदेश की कापी पर वाणिज्यिक कर विभाग में उप-सचिव आरपी श्रीवास्तव के हस्ताक्षर भी थे। इस मामले में देर शाम वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि कि छह मई को जारी आदेश यथावत है। फिल्म पर टैक्स की छूट यथावत रहेगी।
कांग्रेस को चुनाव के समय ही याद आते हैं भगवान और भगवा
नरोत्तम मिश्रा ने बातों-बातों में कांग्रेस के भगवा-प्रेम को लेकर भी तंज कसा। नरोत्?तम ने कहा कि कांग्रेस भगवामय हो रही है, उनका कार्यालय भगवामय हो रहा है। हनुमान चालीसा कांग्रेस पढ़ रही है। अब इसमें भी क्या कहानी है या क्या दगाबाजी है, ये आने वाला समय बताएगा। लेकिन सच यही है कि इन्हें भगवान और भगवा, दोनों चुनाव पर ही याद आते हैं। इनके नेता भी चुनाव के समय ही टोपी, टीका, जनेऊ आदि लगाते हैं। जनता भी इसे समझ चुकी है।
इंदौर भोपाल हाईवे पर बनी सेल फैक्ट्री में दो तेंदुओं की दस्तक....
11 May, 2023 04:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर भोपाल हाईवे पर बनी सेल फैक्ट्री में दो तेंदुए नजर आने से कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। बीते चार दिनों से वन विभाग और फैक्ट्री के कर्मचारी मिलकर तेंदुओं पर नजर रख रहे हैं। तेंदुओं की निगरानी के लिए पांच कैमरे लगाए गए हैं।
इंदौर भोपाल हाईवे पर स्थित सेल फैक्ट्री परिसर में दो तेंदुए नजर आने से फैक्ट्री के कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। चार दिन से वन विभाग और फैक्ट्री की संयुक्त टीम सर्चिंग कर रही है। वनविभाग ने पांच कैमरे भी लगाए है। इनमें दो तेंदुए कैद हुए हैं।
आष्टा अनुविभाग के चारों ओर फैले हुए घने जंगल में कई जानवरों के घूमनें की खबरें आती रहती हैं। घना जंगल इन जानवरों के लिए बड़ा सुरक्षित स्थल माना जाता है, लेकिन अगर ये जंगली जानवर रहवासी क्षेत्रों में दिख जाये तो उस क्षेत्र के लोगों में दहशत स्वभाविक है।
ऐसा ही मामला जावर तहसील के मेहतवाड़ा में सामने आया है। इंदौर भोपाल हाईवे पर स्थित सेल फैक्ट्री के पिछले हिस्से में घना जंगल है। बिलपान के इस घने जंगल से विचरण करते हुए दो तेंदुए सेल फैक्ट्री परिसर में घुस गये हैं, जिन्हें फैक्ट्री के सुरक्षा गार्ड द्वारा देखना बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री प्रमुखों ने इस संबंध में वन विभाग को सूचना दी। सूचना के बाद वन विभाग ने फैक्ट्री के उस क्षेत्र में टीम तैनात कर दी है। वन विभाग ने खोज हेतु पांच कैमरे भी लगाये हैं। फैक्ट्री के गार्ड भी निगरानी सर्चिंग में सहयोग कर रहे हैं। बीते चार दिन से फैक्ट्री परिसर में संयुक्त टीम दिन रात सतत निगरानी, सर्चिंग कार्य में जुटी है। दोनों तेंदुए लगाये गए कैमरे में कैद भी हुए हैं, दोनों के फैक्ट्री में बने एक तालाब में पानी पीते हुए फोटो भी वायरल हुए हैं, फैक्ट्री परिसर में दोनों तेंदुए विचरण करते भी कैद हुए हैं। जिस एरिया में ये देखे गये उस एरिया में फैक्ट्री के लोगों का जाना आना नहीं के बराबर है।
तलाई कुंड में पानी पीते दिखे तेंदुए बताया जा रहा है कि केवल इस खबर से ही दहशत बनी हुई है कि फैक्ट्री एरिया में दो तेंदुए घुस गये हैं। इस मामले में सेल फैक्ट्री के प्रमुख अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि फैक्ट्री के उस परिसर क्षेत्र में जो पीछे जंगल से सटा है। दो तेंदुए देखे जाने के बाद वन विभाग को सूचना दी, उसके बाद से ही वन टीम फैक्ट्री परिसर में तैनात है। विभाग के बड़े अधिकारी भी आ चुके हैं। इस मामले में रेंजर आष्टा राजेश चौहान ने बताया कि सेल फैक्ट्री परिसर में दो तेंदुए नजर आये हैं। परिसर में दोनों तेंदुए साथ घूमते नजर आये हैं। जिसकी सूचना भोपाल के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है। सूचना के बाद डीएफओ एमएस डावर एसडीओ राजेश शर्मा भी आष्टा आये एवं सेल फैक्ट्री पहुंचकर तेंदुए के मूवमेंट वाले क्षेत्र की जानकारी ली। उनके निर्देशन में पांच कैमरे भी लगाये हैं, वन विभाग ने पांच-पांच सदस्यों की टीम दिन रात में सर्चिंग, निगरानी के लिए तैनात की है। फैक्ट्री के पिछले हिस्से जहां दीवार की बाउंड्री है उसे तुड़वाया है। हमारा प्रयास है कि दोनों तेंदुए फैक्ट्री के पीछे जो बिलपान का घना जंगल है उसमें वापस लौट जाये, अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर उनका रेस्क्यू करना ही एक विकल्प बचेगा।
राजस्थान की ओर से आ रहीं गर्म हवाओं ने मध्यप्रदेश में बड़ाई गर्मी....
11 May, 2023 03:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
राजस्थान की ओर से आ रहीं गर्म हवाओं के कारण समूचे बुंदेलखंड में भीषण गर्मी शुरू हो गई है। सीजन में पहली बार मंगलवार और बुधवार का दिन सबसे ज्यादा गर्म रहा। मंगलवार को जहां पारा 42.4 रहा तो वहीं बुधवार को 42.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्मी सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी सता रही है। रात को भी तापमान अब 24 डिग्री के समीप पहुंच गया है। गर्मी का यह सितम पूरे सप्ताह जारी रहेगा, 20 मई से तापमान और तेजी से बढ़ने के आसार व्यक्त किए गए हैं।
आठ कि.मी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहीं गर्म हवाएं
खजुराहो मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम की ओर से चल रहीं गर्म हवाओं की रफ्तार भी काफी तेज है। यह हवाएं सात से आठ कि.मी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हैं। जिसके कारण तेजी से गर्मी बढ़ने लगी है। मौसम विभाग के आरएस परिहार ने बताया कि 20 तारीख तक दिन का तापमान 40 से 45 डिग्री के बीच रहेगा, जबकि 20 मई के बाद तापमान 45 के पार भी जा सकता है।
शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें
गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही बीमारियों की चिंता भी बढ़ने लगी है, यह गर्मी कई लोगों को बीमारियां भी दे सकती है। इसलिए चिकित्सकों ने एहतियात के तौर पर जरूरी सलाह देना भी शुरू कर दिया है। शहर के जाने-माने चिकित्सक डॉ. अरविंद सिंह (मेडिसन) और डॉ. मनोज चौधरी (सर्जन) ने लोगों से अपील की है कि वे दोपहर 12 के पहले और शाम पांच बजे के बाद ही बाहरी कामों को पूरा करें। शरीर में पानी की कमी न होने दें, क्योंकि इतनी गर्मी में शरीर को भीतर का तापमान संतुलित रखने के लिए पानी की अत्यधिक आवश्यकता होती है।
इंफाल से लौटे मनोज ने बताया तीन रात तक होस्टल की लाइट नहीं जलाई, डर था दंगाई आकर हमला न कर दें
11 May, 2023 02:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शिवपुरी । 2 मई को शाम 5.30 बजे तक मैं अपने दोस्त के साथ बाजार में घूम रहा था। बाजार में तब तक सब कुछ सामान्य ही लग रहा था। वापस होस्टल आए ही थे कि शाम को 6 बजे पता चला कि कफ्र्य लगा दिया गया है। मणिपुर में इस तरह की घटनाएं आम हैं, लेकिन इस बार दंगा बहुत ज्यादा भड़क गया। हमारे होस्टल के 500 मीटर की दूरी पर गोलियां चल रही थीं, धमाकों की आवाज आ रही थीं। हम रात में लाइट नहीं जलाते थे कि कहीं दंगाईयों को पता न चल जाए कि होस्टल में कोई है। तीन रातें बिना बिजली जलाए काटीं। वहां पर होस्टल में जिंदगी थी तो वहां से चंद मीटर की दूरी पर मौत थी। यह कहना है इंफाल से शिवपुरी वापस लौटकर आए करैरा के मनोज पाल का। मनोज मध्यप्रदेश के अन्य छात्रों के साथ मणिपुर की राजधानी इंफाल के खुमान लंपक स्टेडियम के होस्टल में फंसे हुए थे। गुरुवार की सुबह मनोज की घर वापसी हुई। मनोज सुबह इंदौर से शिवपुरी अपने दीदी-जीजाजी के पास पहुंचा। इसके बाद यहां से करैरा के लिए रवाना हुआ। मनोज के पिता आइटीबीपी में पदस्थ हैं। वहां के हालातों के बारे में मनोज ने बताया कि तीन मई को सुबह हमने कैंपस से थोड़ी दूरी पर हलचल देखी। जब बाहर झांककर देखा तो फायरिंग हो रही थी। हमें बताया गया कि आप लोगों पर भी हमला हो सकता है। हालांकि असम राइफल्स का बेस कैंप होस्टल के पीछे ही है। अधिकारियों ने कहा कि यहां फोर्स है इसलिए दंगाई नहीं आएंगे, लेकिन कई बार उन्होंने यहां तक पहुंचने का प्रयास किया। हमें कहा गया था रात में लाइट मत जलाना और आवाज मत करना जिससे लगे कि होस्टल खाली है। तीन रात ऐसी ही गुजार दीं। कई साथी बहुत डर गए थे। इंटरनेट बंद था और कई बार फोन तक नहीं लगता था। ऐसे में सभी मिलकर एक-दूसरे की हिम्मत बढ़ाते थे। 4 मई को हमें चेतावनी दे दी गई थी कि यहां हमला हो सकता है।
इंदौर पहुंचते ही पुलिस ने खिलाया खाना, घर तक भेजने की व्यवस्था
मनोज ने बताया कि जैसे ही हम इंदौर पहुंचे तो वहां पुलिस अधिकारी आए थे। उन्होंने हमें खाना खिलवाया और सभी लोगों की घर पहुंचने की व्यवस्था भी की। इंफाल में हमें खाना तो मिल रहा था, लेकिन ठीक से नहीं मिल पा रहा था। राशन खत्म हो रहा था इस कारण मेन्यु बड़ा सीमित हो गया था। बहरहाल सरकार ने काफी मदद की। मध्यप्रदेश सरकार ने हमसे 6 मई को ही संपर्क कर लिया था और 8 को टिकट भी दे दिए थे। दूसरी ओर मणिपुर सरकार ने भी पूरी सुरक्षा मुहैया कराई। जनपद अध्यक्ष पति गौरव पाल ने हमारी बात ज्योतिरादित्य सिंधिया तक पहुंचाई।
30 हज़ार प्रतिमाह वेतन पाने वाला सब इंजीनियर निकली करोड़ो की आसामी,बिलखिरिया में बंगला, फॉर्म हाउस, लाखों के कृषि उपकरण, डेयरी मिली
11 May, 2023 01:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । एमपी पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में (संविदा) में काम करती है सब इंजीनियर हेमा मीणा ने पिता के नाम ली बिलखिरिया में 20 हज़ार वर्ग फीट भूमि,1करोड़ रुपए का बनाया मकान रायसेन और विदिशा में खरीदी करोड़ो की जमीन आय से 232 प्रतिशत अधिक मिली प्रॉपर्टी अभी तक करीब 5 से 7 करोड़ की संपत्ति का लगा पता सुबह 6 बजे से चल रही लोकायुक्त की कार्यवाही और भी संपत्ति के खुलासा होने की संभावना बिलखिरिया में बंगला, फॉर्म हाउस, लाखों के कृषि उपकरण, डेयरी मिली फॉर्म हाउस पर हाउस बोर्ड के लाखों के सरकारी उपकरण भी जप्त फार्म हाउस पर 100 से अधिक डॉग, पीट बुल, डाबरमैट महंगे ब्रीड के डॉग्स मौजूद लगभग 60 से 70 अलग - अलग ब्रीड की गायें भी मौजूद हाउसिंग बोर्ड के समान किया फार्म हाउस का निर्माण टीवी, सीसीटीवी, मॉनिटर, अलमारी, ऑफिस टेबल, रिवॉल्विंग चेयर फार्म हाउस में बनाया एक विशेष कमरा, कमरा में महंगी शराब, सिगरेट जैसी चीजें मौजूद महंगी गाड़ियों का भी शौक, 2 ट्रक, 1 टैंकर, थार समेत 10 गाड़ियां जप्त करोड़ों की ज्वेलरी और कैश भी मिला, जांच जारी अन्य अधिकारियों की संलिप्तता होने की संभावना