मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
ग्वालियर-चंबल की सीटों को साधेंगे मल्लिकार्जुन खडग़े
11 May, 2023 01:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टक्कर देने के लिए कांग्रेस अपने राष्ट्रीय नेताओं को प्रचार के मैदान में उतारने की तैयारी में है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्रदेश की लगभग 16 जिलों की विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं। अब पार्टी प्रियंका गांधी को जबलपुर में उतारकर महाकौशल की सीटों को साधने की कोशिश में है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को ग्वालियर चंबल विंध्य में प्रचार के लिए लाया जाएगा। कांग्रेस अपने बड़े नेताओं के जरिए प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों को कवर करने की तैयारी में है।
इस एक्शन प्लान को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 16 जिलों की 35 से ज्यादा विधानसभा सीटों को कवर किया है। अब प्रियंका गांधी महाकौशल और उसके बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ग्वालियर चंबल विंध्य में चुनाव प्रचार करेंगे। इधर, कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन प्लान पर मंत्री विश्वास सारंग ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में कांग्रेस के नेता महाकाल के दर्शन भी करेंगे, नर्मदा में डुबकी भी लगाएंगे। लेकिन, चुनाव में भाजपा की जीत पर कोई असर नहीं होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रदेश इकाई से ज्यादा पार्टी का फोकस मोदी-शाह के इलेक्शन कैंपेन पर होगा। यही वजह है कि कांग्रेसी राहुल, प्रियंका के साथ पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के जरिए चुनाव प्रचार में खुद को मजबूत बनाने की तैयारी में है। यही वजह है कि भाजपा के इलेक्शन कैंपेन के जवाब में कांग्रेस ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रम बनाने की तैयारी में जुटी है। प्रदेश में चुनावी तैयारी में लगी कांग्रेस के प्रचार को धार देने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में मोर्चा संभालेगीं। कांग्रेस अपने इलेक्शन कैंपेन की शुरुआत 12 जून को करने की तैयारी में है। इसकी शुरुआत महाकौशल के जबलपुर से होगी। 12 जून को प्रियंका गांधी जबलपुर में बड़ा रोड शो और जनसभा करेंगी। उनके कार्यक्रम को मंजूरी मिल गई है।
विंध्याचल भवन में वित्त विभाग कार्यालय से एसी के पाइप चोरी, पुलिस छानबीन में जुटी
11 May, 2023 01:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी की हाइसिक्युरिटी क्षेत्र विंध्याचल भवन में चोरी का मामला सामने आया है। अज्ञात आरोपितों ने मंत्रालय के आसपास की सुरक्षा को तोड़ते हुए विंध्याचल भवन में स्थित वित्त विभाग के कार्यालय में लगे एसी के पाइप चोरी कर लिए थे। पुलिस ने शिकायत पर चोरी का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने दावा किया है कि आरोपितों का सुराग मिल गया है, जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। फिलहाल पुलिस इलाके के कुछ पुराने बदमाशों से पूछताछ कर रही है। अरेरा हिल्स पुलिस के मुताबिक विंध्याचल भवन में इन दिनों रिनोवेशन का काम चल रहा है। पीछे की तरफ लकड़ी की वल्लियां लगाई गई है, जिनका रास्ता ऊपर तक जाता है, उस पर से ही किसी अज्ञात बदमाश ने ऊपर चढ़कर विंध्याचल भवन में प्रवेश किया और वित्त विभाग में लगे एसी के पाइप चोरी करके ले गए। वारदात को इतनी सफाई से अंजाम दिया गया कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। घटना की जानकारी के बाद मामले में थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है।
रात में रहता है सुरक्षाकर्मियों का कड़ा पहरा
रात के समय विंध्याचल भवन, सतपुड़ा भवन और मंत्रालय की सुरक्षा को लेकर कड़ा पहरा रहता है। इन तीनों बिल्डिंग के अंदर और बाहर पुलिस तैनात रहती है और इसके अलावा थानास्तर की टीमें भी घूमती रहती है। इसके बावजूद चोरी की वारदात को अंजाम देकर आरोपितों ने पुलिस की मुस्तैदी को चुनौती दे दी है। इस मामले की जांच में पुलिस की दो टीमें लग गई है। पुलिस ने आसपास आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। टीआइ आरके सिंह खुद इस मामले को देख रहे हैं। अभी तक करीब 20 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। एक संदिग्ध को भी उठाया है।
भोपाल सड़क पर उतरे कलेक्टर, ट्रैफिक व्यवस्था का किया मुआयना, अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश
11 May, 2023 01:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । रंगमहल चौराहे से टीटी नगर स्टेडियत तक सड़क के किनारे का अतिक्रमण जल्द हटाया जाएगा। साथ ही इस सड़क को पार्किंग और ठेले-गुमठियों से मुक्त किया जाएगा। ये निर्देश सुबह शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था समेत अन्य इंतजामों का परीक्षण करने निकले कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम अधिकारियों को दिए। इस दौरान उनके साथ नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी भी मौजूद रहे। शहर में भ्रमण के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि रंगमहल से टीटी नगर स्टेडियम तक पार्किंग फ्री, ठेला फ्री, कल से रोड साइड पार्किंग बंद, पुलिस चालान बनाए और नगर निगम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करे। आज की स्थिति जो दिख रही है यही बनी रहे। तरुण पुष्कर तिराह की व्यवस्था को सुधारा जाए। बता दें कलेक्टर सिंह ने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में निर्देश दिए थे कि यातायात की व्यवस्था को सुगम बनाने और राजधानी के अनुरूप चौराहों को सुंदर बनाने के लिए सभी अधिकारियों के साथ शहर का भ्रमण करेंगे। इसके लिए कलेक्टर आशीष सिंह सुबह 10 बजे टीटी नगर थाने से अधिकारियों के साथ शहर को ट्रैफिक व्यवस्था का अवलोकन करने निकले। इस दौरान यातायात को सुधारने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी उनके साथ थी। इस दौरान नगर निगम आयुक्त, यातायात प्रभारी, पुलिस अधिकारी, पीडब्ल्यूडी और एमपीईबी के अधिकारी भी मौजूद रहे।
इन स्थानों पर देखी ट्रैफिक व्यवस्था
रंगमहल से थाना टीटी नगर, तरण पुष्कर, व्यापमं चौराहा से नूतन कॉलेज, रविशंकर रोटरी, राजीव गांधी चौराहा, 1100 क्वार्टर, हनुमान मंदिर, 10 नंबर मार्केट, बागसेवनिया थाना चौराहा, आशिमा माल, बावडिय़ा आरओबी ब्रिज, गोविंदपुरा टर्निंग, अन्ना नगर चौराहा, भारत टाकीज रोड, नादरा बस स्टैंड से अग्रवाल धर्मशाला, रॉयल मार्केट, मोतिया तालाब रोड और करोंद चौराहा शहर का भ्रमण किया।
निगम ने शुरू की हाथठेले हटाने की कार्रवाई
कलेक्टर के निर्देश के बाद उम्मीद थी कि एक दिन बाद से कार्रवाई शुरू होगी। लेकिन आज ही निगम अमले ने यहां से अतिक्रमण हटाना शुरु कर दिया है। निगम के अतिक्रमण विरोधी अमले ने सबसे पहले होटल पलाश से रंगमहल टाकीज की ओर जाने वाले मार्ग से हाथठेले हटाना शुरू कर दिए।
मैं किसी राजनीतिक दल का गुलाम नहीं - प्रवीण तोगड़िया
11 May, 2023 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छिंदवाड़ा । मैं किसी राजनीतिक दल का बंधुआ नहीं हूं। जिस राज्य में जो सरकार अच्छा काम कर रही है, उसका मैं समर्थन करता हू। उक्त उद्गार पत्रकारों से चर्चा के दौरान अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रवीण तोगड़िया ने शुभ वास्तु, पंजाब लान में व्यक्त किए। तोगड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने राम वन पथ गमन पर काम किया, उसका हमने स्वागत किया। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अच्छा काम किया, तो उनकी तारीफ की। कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल पर बैन को लेकर प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि किसी भी दल में इसे प्रतिबंधित करने की ताकत नहीं है। द केरला स्टोरी को लेकर कहा कि लव जिहाद को लेकर कानून बना दो, समस्या ही खत्म हो जाएगी। दुख की बात है इस विषय पर फिल्म बन रही है। तोगड़िया ने कहा कि राम जन्मभूमि को लेकर हमने आंदोलन किया, भले ही अब कोई नही पूछ रहा तो क्या कर सकते है। अब हम दूसरे चरण में काम कर रहे हैं, एक लाख केंद्र देश भर में बन रहे है, जिसमे एक करोड़ हिंदू जुड़ेंगे। मुस्लिम और सिख, ईसाई के लिए जुड़ने का समय तय है। हम हनुमान चालीसा के जरिए जुड़ेंगे। गरीब हिंदू परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य, शिक्षा और कानूनी मदद दी जाएगी।
चुनाव की तैयारियों में जुटी आप, प्रदेश अध्यक्ष का दावा
11 May, 2023 12:48 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश में साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस से इतर आम आदमी पार्टी भी तैयारियों में जुटी है। आम आदमी पार्टी इस बार पूरे प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने वाली है। पार्टी का ग्वालियर-चंबल पर भी खास फोकस है। आप पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष और सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल का दावा है की भाजपा और कांग्रेस के कई नेता हमारे संपर्क में हैं। जल्द ही इनके नामों का ऐलान किया जाएगा।
रानी अग्रवाल का ने भाजपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा की लोग अब समांतशाही और भाजपा के कुशासन से मुक्ति चाहते हैं। इसलिए अब आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में दोनों पार्टियों का विकल्प बनकर आई है। आदमी पार्टी के प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेट्री विकम सिंह ने बताया कि भाजपा और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता आम आदमी पार्टी में आने के लिए तैयार हैं और ऐसे नेताओं के जल्द ही नाम भी सामने आएंगे और वह आम आदमी पार्टी में शामिल होंगे।Ó अगर उनका यह दावा सही होता है तो यह चुनावी साल में एक बड़ा समीकरण बनकर सामने आ सकता है।
ग्वालियर-चंबल पर फोकस
खास बात यह है कि साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होना है और ऐसे में आम आदमी पार्टी ने चुनावी शंखनाद ग्वालियर चंबल से कर दिया है, 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा इसी क्षेत्र से हुआ था और ऐसे में आम आदमी पार्टी की भी यही कोशिश है कि ग्वालियर और चंबल के लोगों को आम आदमी पार्टी से जोड़ा जाए, आम आदमी पार्टी के प्रदेश ज्वाइंट सेक्रेट्री विक्रम सिंह ने ग्वालियर चंबल के भी कई नेताओं के आम आमदी पार्टी के संपर्क में होने की बात कही थी।
गुना में बोले पं. धीरेंद्र शास्त्री, भारत हिंदू राष्ट्र बनकर रहेगा, केंद्रीय मंत्री सिंधिया भी हुए कथा में शामिल
11 May, 2023 12:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गुना । दशहरा मैदान पर चले छह दिवसीय धार्मिक महाकुंभ का समापन बुधवार को बाग बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार के साथ हुआ। इस दौरान उन्होंने दरबार में लोगों की अर्जी और समस्याएं सुनीं। कथा के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दशहरा मैदान पहुंचे। सिंधिया मंच पर पहुंचने के बाद दो बार पं. धीरेंद्र शास्त्री के पास पहुंचे और उनसे चर्चा की। इस मौके पर उनके साथ पंचायत मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया, पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश रांठखेड़ा, अशोकनगर विधायक जजपालसिंह जज्जी, भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्रसिंह सिकरवार, जिपं अध्यक्ष अरविंद धाकड़ आदि मौजूद रहे।
दोपहर 2.30 बजे दशहरा मैदान पहुंचे पं. शास्त्री तीन घंटे तक दशहरा मैदान पर मौजूद रहे। इस दौरान गंभीर, हास्य-परिहास तो कभी सामान्य मुद्रा में धीरेंद्र शास्त्री नजर आए। पहली बार गुना आने वाले पं. शास्त्री ने यहां के लोगों को बार-बार गुना के पागलों कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गुना के लोगों का राम भक्ति के लिए पागलपन अदभुत है, इसे बरकरार रखें। शास्त्री ने दिव्य दरबार से एक बार फिर भारत को हिंदु राष्ट्र बनाने की मंशा का जिक्र किया।
कैंट के दशहरा मैदान पर पांच मई से शुरू हुए धार्मिक महाकुंभ का आखिरी दिन बुधवार अहम था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बाग बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री को मंगलवार देर रात ही गुना पहुंचना था, लेकिन किसी वजह से सुबह लगभग पांच बजे पहुंच सके। बुधवार सुबह उन्होंने श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ में पूर्णाहूति दी। इसके बाद सेवादार और बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने वाले कई लोगों के घर भी पं. शास्त्री पहुंचे। कैंट क्षेत्र से दशहरा मैदान आते हुए पं. शास्त्री एक खुली जीप में सवार हुए, जहां नागरिकों ने पुष्पवर्षा की। कार्यक्रम के दौरान पंडाल में भारी भीड़ जुटी। कई लोग पंडाल के गेट पर खड़े रहे, जिन्हें अंदर जाने से रोका जाता रहा। हालांकि, तीखी धूप और सीमित जगह के बावजूद लगभग तीन लाख लोगों ने दशहरा मैदान, बीज निगम और आसपास के क्षेत्रों में खड़े रहकर भी दिव्य दरबार में अपनी अर्जी लगाई।
युवक ने मंच पर पहुंचकर किया हंगामा
कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री सिंधिया मंच से जब भाषण दे रहे थे, तभी एक शख्स पं. धीरेंद्र शास्त्री के पास पहुंचा और चिल्लाने लगा, जिसे सुरक्षाकर्मी बाहर ले गए। सिंधिया ने उसे आराम से ले जाने को कहा।
पुलिस इंस्पेक्टर, सेवादार, नि:संतानों ने लगाई अर्जी
दशहरा मैदान पर लगने वाला दिव्य दरबार लगभग आधा घंटे देरी से शुरू हुआ। बावजूद इसके अर्जी लगाने वालों का सिलसिला लगातार जारी रहा। इस दौरान धरनावदा थाने में पदस्थ महिला उप निरीक्षक, गुना, बजरंगगढ़, नैनसुहाया, मोहम्मदपुर, बदरवास सहित राजस्थान से आए लोगों ने भी अर्जी लगाई। शुरुआत में पं. शास्त्री ने अपने चिर-परिचित अंदाज में अर्जी लगाने वालों को नाम लेकर बुलाया। कभी कपड़ों की पहचान से, तो कभी जगह चिन्हित कर उन्होंने लोगों को अपने पास आने कहा। कैंट निवासी एक महिला को बुलाकर उन्होंने पहले ही कह दिया कि वह कोई अर्जी लगाने वाली नहीं है। महिला ने भी पं. शास्त्री की बात का समर्थन किया और अपने पति का जन्मदिन होने पर उन्हें दर्शन करने की बात कही। उन्होंने महिला के पति को भी पंडाल से उठकर अपने पास बुलाया और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देकर धर्म पट्टिका पहना दी। सेवादारों की टीम में शामिल एक युवती से राखी भी बंधवाई।
अंग्रेजी में भी बात की, बार-बार कहा ‘ठठरी के बरे’
दशहरा मैदान पर लोगों से मुखातिब होने के दौरान पं. धीरेंद्र शास्त्री ने संस्कृत के श्लोक सुनाए, कई मंत्र भी बोले। इसके बाद जब लोगों से संवाद किया, तो अंग्रेजी भी बोलते नजर आए। कुछ लोगों को माय डियर कहकर संबोधित किया। हनुमानजी को लार्ड हनुमान वेरी पावरफुल कहा, तो लोग भी हंसने लगे। इसके अलावा जब भी उन्होंने भीड़ से सामूहिक संवाद किया, तो कई बार ठठरी के बरे कहा, जिसे सुनकर पंडाल ठहाकों से गूंज उठा।
चमत्कारों के चक्कर में रहे, तो बहुत घाटा खाओगे, हमारे चक्कर में मत पड़ना
दिव्य दरबार में लोगों की अर्जी सुन रहे पं. धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने कई बार जिक्र किया कि वह एक साधारण व्यक्ति हैं, उन्हें चमत्कारिक पुरुष न माना जाए। चुटीले अंदाज में पं. शास्त्री ने कहा कि मेरे चक्कर में मत पड़ना, हनुमानजी की शरण में जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चमत्कारों के चक्कर में रहेंगे, तो बहुत घाटा खाएंगे। लोगों को ऐसा भगवान चाहिए कि नारियल मुंह में डालें और हाथ में फोड़कर निकले, ऐसा नहीं होता है। चमत्कार बालाजी की मर्जी से होते हैं।
हनुमानजी को मानना छोड़ दो या सब कुछ हनुमानजी पर छोड़ दो
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने पंडाल में मौजूद लोगों से आह्वान किया कि वह हनुमानजी पर भरोसा करें। दो टूक अंदाज में शास्त्री बोले कि या तो हनुमानजी को छोड़ दें या फिर सब कुछ हनुमानजी पर छोड़ दें। ऐसा न हो कि सात दिन राधे-राधे बाद में आधे-आधे। उन्होंने भक्ति और विश्वास का संबंध बताते हुए कहा कि जिस तरह वर्षा से बचने के लिए छाता की आवश्यकता होती है, उसी तरह जीवन की परेशानियों, संकटों से बचने के लिए भगवान की छत्रछाया जरूरी है।
एक दिन आएगा, भारत हिंदु राष्ट्र बनेगा
हिंदू राष्ट्र की बात कहकर कई नेताओं, पार्टियों और संगठनों के निशाने पर आए पं. धीरेंद्र शास्त्री अपनी बात पर अडिग हैं। उन्होंने गुना के दशहरा मैदान से दोहराया कि एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत हिंदु राष्ट्र बनकर रहेगा। उन्होंने इग्लैंड की दिवंगत रानी ऐलिजाबेथ का जिक्र भी गुना में किया। उनके मुताबिक लंदन में उन्हें पहले साधारण समझा गया, लेकिन एक दिन क्वीन से मुलाकात करने के दौरान उन्होंने कई राज खोल दिए।
राम जैसे बनो, दुनिया में पूजा होगी
पं. शास्त्री ने श्रीराम कथावाचक पुंडरीक महाराज को अपना बड़ा भाई बताया। साथ ही भगवान राम और रामायण के संवाद का जिक्र करते हुए कहा कि जिन्होंने राम के चरित्र को जीवन में उतारा है, उनका ही चरित्र निर्मल हुआ है। जिस तरह मनुष्य का चरित्र राम की तरह होता है, वह कभी फेल नहीं होता।
मां बीस भुजा देवी मंदिर प्रोजेक्ट का सिंधिया ने किया लोकार्पण
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बजरंगगढ़ स्थित मां बीस भुजा देवी मंदिर को मातृलोक बनाना है। इसके लिए मां बीस भुजा देवी सेवा समिति ने कार्ययोजना तैयार की है। दिव्य दरबार के दौरान करीब चार बजे पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस प्रोजेक्ट का औपचारिक लोकार्पण किया। आयोजक नीरज निगम ने प्रोजेक्ट की जानकारी दी।
कार्यक्रम की झलकियां
- कुछ लोगों द्वारा बार-बार पर्दा हटाने पर पं. शास्त्री बोले कि इसे ठीक रहने दें अन्यथा नीरज का खर्चा ज्यादा हो जाएगा।- पंडाल में कुछ बच्चों सहित आधा दर्जन लोग पं. शास्त्री का हाथ से बनाया चित्र लेकर आए थे, जिनमें कुछ लोगों को शास्त्री ने अपने पास भी बुलाया।
- शुरुआत में माईक से आवाज कम आने पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने बंदोबस्त देखने वाले कर्मचारी को अपने ही अंदाज में खरी-खोटी सुना दी।
- एक महिला पुलिसकर्मी को बुलाते हुए पं. शास्त्री ने कहा कि उन्हें इसलिए बुलाया गया है, क्योंकि वे बार-बार मन में ही मुझे भला-बुरा कह रही थीं।
- परिसर में भीड़ इतनी ज्यादा हो गई थी कि महिलाओं को बाहर निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
- सिंधिया के आगमन के दौरान पं. धीरेंद्र शास्त्री राजकुमारी नामक महिला की अर्जी सुन रहे थे, तब उन्हें कुछ देर के लिए रुकना पड़ा। नेताओं के स्वागत, सत्कार और भाषण का सिलसिला खत्म होने पर उन्होंने दोबारा राजकुमारी से बातचीत शुरु की। जिन्हें संतान प्राप्त की लालसा थी, तो पं. शास्त्री ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
तीन बाड़ों में एक साथ रह रहे हैं छह चीते, इनके लिए भी खतरा
11 May, 2023 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कूनो नेशनल पार्क के बाड़ा क्रमांक-1 में मेटिंग के दौरान चीतों के बीच हिंसक मिलन में एक मादा चीता दक्षा की मौत हो गई। इस हिसंक में बाड़े में छोड़े गए दो चीते भी घायल हुए हैं। इस घटना के बाद अन्य बाड़ों में एक साथ रहे अन्य चीतों को लेकर चिंता बढ़ गई है।
बता दें कि, दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीतों की क्वारंटाइन अवधि पूरी होने के बाद 17 अप्रैल को 03 और 19 अप्रैल को शेष 09 चीतों को बड़े बाड़े में आजाद किया गया था। इनमें कुछ नर-मादा को जोड़ी से छोड़ा गया है। तो कुछ अकेले रखा गया है। दो-दो नर चीतों और दो मादा चीतों को जोड़ी से सेपरेट बाड़े में छोड़ा गया है। कुल तीन बाड़ों में छह चीते तो बाकी चीतों को अलग-अलग बाड़ों में रखा गया है। चीतों को जिस बड़े बाड़े में आजाद किया गया है, वह छह वर्ग किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है। इसमें 9 एनक्लोजर बनाए गए हैं।
कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता की मौत मेंटिंग के दौरान संघर्ष में हो गई। हालाकि इसके पूर्व भी दो चीतों की मौत यहां हो चुकी है, पर चीता दक्षा की मौत की इस तरह से मौत ने देश में सात दशक बाद बसाए जा रहे चीतो को लेकर विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है। चिंता का कारण यह है कि इस पूरे प्रोजेक्ट में प्रजनन ही सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। प्रोजेक्ट की पूरी सफलता इस बात पर ही है कि मादा चीते जल्द से जल्द प्रजनन करें, ऐसे में यदि मेटिंग में ही मादा चीता की मौत हो जाती है तो चिंता लाजिमी है।
दक्षा की मौत ने प्रबंधन के उस निर्णय पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें मेटिंग के उद्देश्य से दो नर चीता को मादा चीता के साथ छोड़ा गया। मेटिंग कराने का निर्णय हाई लेवल बैठक में लिया गया था। दक्षा से मेटिंग के लिए एक साथ दो चीतों का चयन क्यों किया गया। अब इस निर्णय की समीक्षा होगी, क्योंकि इस समय बाड़े में सात मादा चीता और सात नर चीता मौजूद हैं। जबकि एक मादा चीता अपने चार शावकों के साथ अलग है। दो नर चीता खुले जंगल में हैं। जानकारों का कहना है प्रजनन की प्रक्रिया यदि बाड़े के बजाए खुले जंगल में अपनाई जाती तो बेहतर रहता। अमूमन जानवरों का बिहेवियर ऐसा होता है कि वे, जब किसी से मेटिंग करते हैं तो दूसरे के प्रति गुस्सा रहता ही है। खुले जंगल में काफी समय तक मादा चीता आशा के साथ तीन नर चीते फ्रेडी, आल्टन और ओबान रहे हैं, परंतु कभी ऐसा मामला नहीं देखा गया। इसकी भी पड़ताल की जाएगी।बुधवार को सुबह विशेषज्ञों की टीम ने चीता दक्षा का पोस्टमार्टम किया।
हवाओं का रुख बदलने से शुष्क होने लगा मौसम, तीन हफ्ते बाद पारा फिर 40 के पार
11 May, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । हवाओं का रुख बदलने के साथ मई के दूसरे हफ्ते में मौसम एक बार फिर शुष्क होने लगा है। इस वजह से शहर के तापमान में भी बढ़ोतरी होने लगी है। इसी क्रम में मंगलवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। 20 दिन पहले 18 अप्रैल को शहर का अधिकतम तापमान 40.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया था। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है।
गौरतलब है कि शहर में पिछले कुछ दिनों से सुबह से तीखी धूप तो निकलती थी, लेकिन दोपहर के बाद आंशिक बादल छाने के कारण तापमान में अधिक बढ़ोतरी नहीं हो रही थी। मंगलवार को वातावरण में नमी की मात्रा कम होने से बादल नहीं छाए, जिसके चलते अधिकतम तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जो सामान्य रहा, लेकिन सोमवार के अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वातावरण में नमी कम होने लगी है। हवा का रुख भी वर्तमान में उत्तर-पश्चिमी है। इस वजह से तापमान बढऩे लगा है। बुधवार को दिन का तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं। फिलहाल अगले तीन-चार दिन तक मौसम के मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं।
पूर्व विधायक रमेश शर्मा का हृदयाघात से निधन, सीएम शिवराज ने जताया शोक
11 May, 2023 10:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेता और विधायक रमेश शर्मा का बुधवार रात हृदयाघात से निधन हो गया। वह अपने समर्थकों में 'गुट्टू भैया' के नाम से ख्यात थे। बताया जाता है कि वह कल देर रात एक शादी समारोह से घर लौटे थे। रात दो बजे के लगभग उन्हें बेचैनी के साथ सीने में दर्द की शिकायत की और और कुछ देर में ही उनका निधन हो गया।
सीएम शिवराज ने जताया शोक
पूर्व विधायक के निधन से भाजपा में शोक की लहर है। सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व विधायक के आवास पहुंचे और उनकी पार्थिव देह को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने उनके शोक संतप्त परिजनों को ढाढस बंधाया और कहा कि आज भोपाल सूना हो गया। सीएम ने घोषणा की कि पूर्व विधायक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
सीएम शिवराज ने ट्वीट के जरिए भी अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं और लिखा कि आदरणीय रमेश शर्मा जी "गुट्टू भैया" छात्र राजनीति के जमाने के वरिष्ठ साथी थे। ऐसे सरल, सहृदय, नेक और आत्मीयता से भरे गुट्टू भैया का चले जाना, मेरी व्यक्तिगत क्षति है। आपका जाना भोपाल के सार्वजनिक जीवन में एक सूनापन छोड़ जायेगा। ईश्वर अपने श्रीचरणों में आपको स्थान और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति दें।
महासम्मेलन कर आदिवासियों को साधेगी कांग्रेस
11 May, 2023 09:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए बड़ी रणनीति बनाकर काम कर रही है। इस रणनीति क तहत पार्टी का फोकस अपने सबसे बड़े वोट बैंक आदिवासियों पर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए सुरक्षित 47 में से 30 सीटों को जीता था। इस बार पार्टी सभी सीटों को जीतना चाहती है। इसके लिए पार्टी आदिवासी बहुल क्षेत्रों में महासम्मेलन कर इस वर्ग को साधेगी। इसके लिए पार्टी ने क्षेत्रवार कार्ययोजना तैयार की है। इसमें आदिवासी मतदाताओं को साधने के लिए अलग से अंचलवार कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश को तीन हिस्से महाकौशल, विंध्य और मालवा-निमाड़ क्षेत्र में बांटा गया है। इनमें महासम्मेलन आयोजित किए जांएगे। पहला महासम्मेलन मंडला के रामनगर, दूसरा विंध्य और तीसरा बड़वानी में प्रस्तावित है। इसकी तैयारियों से लेकर मंच संचालन तक की जिम्मेदारी स्थानीय आदिवासी नेताओं के पास रहेगी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगोन, घार, बुरहानपुर, रतलाम, कटनी और अनूपपुर जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सुरक्षित सभी सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इसी तरह भाजपा ने शहडोल, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, जबलपुर और हरदा जिले में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सभी विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार कांग्रेस का फोकस सभी सीटों को जीतने पर है। आदिवासी क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने आदिवासी कांग्रेस को सक्रिय किया है। संगठन में बैतूल के रामू टेकाम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है ताकि वे पूरा समय संगठन के लिए दे सकें। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में एक करोड़ 40 लाख आदिवासी मतदाता हैं और 47 विधानसभा क्षेत्र अनसूचित जनजाति वर्ग (अजजा) के लिए सुरक्षित हैं। इसे देखते हुए हमने मध्य प्रदेश को तीन हिस्से में बांटकर कार्ययोजना बनाई है।
जल्द तैयार होगी रूपरेखा
आदिवासियों को साधने के लिए जल्द महाकोशल, विंध्य और मालवा-निमाड़ में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें स्थानीय नेताओं को आगे किया जाएगा। वे ही कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करेंगे। इसमें अलग-अलग समाजों के बीच काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को भी जोड़ा जाएगा ताकि वे पार्टी की बात प्रभावी तरीके से आमजन तक पहुंचा सकें।कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ संगठन पदाधिकारियों की बैठक जल्द होगी। उधर, भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस ने 2018 में उधार के जनाधार से जनजातीय सीटें जीतने में सफलता पाई थी, जो तात्कालिक थी। वर्ष 2019 के लोकसभा में जनजातीय समुदाय ने इसे उलट दिया था। सभी आरक्षित सीटों पर भाजपा ने 2018 के मुकाबले बढ़त पाई थी। इसे बरकरार रखने को भाजपा ने क्षेत्रवार कार्ययोजना बनाई है। संगठन का बूथ स्तर पर काफी काम हुआ है और केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचा है। आगामी विधानसभा चुनाव में पुरानी गलती नहीं होने वाली है। वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा का कहना है कि देश में आदिवासियों पर सर्वाधिक अत्याचार मध्य प्रदेश में हुए हैं और ये किसी से छुपा नहीं है, इसलिए चुनाव में जनता ही इन्हें सबक सिखाएगी।
कर्मचारियों को चुनावी सौगात देने की तैयारी
11 May, 2023 08:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । चुनावी साल में सरकार प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति की सौगात देने जा रही है। इसके लिए उच्च स्तर पर पदोन्नति शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार जून से सितंबर के बीच पदोन्नति शुरू कर देगी। सरकार ऐसा करके विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार अधिकारियों-कर्मचारियों की नाराजगी दूर करेगी। हालांकि, पदोन्नति उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अधीन रहेगी। यानी न्यायालय का जो निर्णय रहेगा, अधिकारियों-कर्मचारियों को स्वीकार होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में सात साल से पदोन्नति पर रोक है। पिछले सात साल में प्रदेश में करीब 70 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें से करीब 39 हजार कर्मचारी ऐसे हैं, जिन्हें सेवानिवृत्ति से पहले पदोन्नति मिलनी थी। हर साल पांच हजार से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं और कहीं ना कहीं यह कसक है कि वे जिस पद का अधिकार रखते हैं, वह नहीं बन पाए हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के दूसरे विकल्प के रूप में वरिष्ठ पद का प्रभार देना शुरू किया है। पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों को आठ माह पहले यह लाभ दिया जा चुका है। अब स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को प्रभार दिया जा रहा है, पर अधिकारी और कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि प्रभार देना अलग बात है और पदोन्नति अलग। वरिष्ठ प्रभार मिलने से पैसा तो मिल जाएगा, पर वह प्रतिष्ठा (हैसियत) नहीं मिलेगी।
उच्च स्तर पर हो रहा मंथन
सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक से कर्मचारियों में भारी निराशा और सरकार असंतोष व्याप्त है। राज्य सरकार चुनाव से पहले पदोन्नति शुरू कर अधिकारियों-कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने की तैयारी में करने को लेकर विचार किया जा रहा है। उम्मीद रही है कि सरकार जून से सितंबर के बीच पदोन्नति शुरू कर देगी। हालांकि पदोन्नति सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अधीन रहेगी। यानी न्यायालय का जो निर्णय रहेगा, अधिकारियों-कर्मचारियों को स्वीकार होगा। मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के सचिव उमाशंकर तिवारी और मप्र लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी कहते हैं कि पदोन्नति कर्मचारियों का अधिकार है और यह मिलना ही चाहिए। इसे लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है। ऐसा नहीं किए जाने से कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है।
2016 से लगा है प्रतिबंध
बता दें कि अप्रैल 2016 को जबलपुर उच्च न्यायालय ने मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 निरस्त कर दिया था। इसके विरुद्ध सरकार उच्चतम न्यायालय चली गई और तभी से मामला लंबित है। इस कानून में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद से प्रदेश में कर्मचारियों की पदोन्नति पर रोक लगी है। तब से अब तक 70 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं, इनमें कई ऐसे अधिकारी-कर्मचारी हैं, जो पदोन्नति के बिना ही सेवानिवृत्त हो गए। तभी से कर्मचारी संगठन सरकार से पदोन्नति देने की मांग कर रहे हैं।
नाराज हैं अधिकारी और कर्मचारी
राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के दूसरे विकल्प के रूप में वरिष्ठ पद का प्रभार देना शुरू किया है। पुलिस और जेल विभाग के कर्मचारियों को आठ माह पहले यह लाभ दिया गया था। अब स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को प्रभार दिया जा रहा है। लेकिन प्रदेश के अधिकारी और कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं बताए जा रहे हैं। उनका कहना है कि प्रभार देना अलग बात है और पदोन्नति अलग बात है। उनका कहना है कि वरिष्ठ प्रभार मिलने से पैसा तो मिल जाएगा,पर वह प्रतिष्ठा (हैसियत) नहीं मिलेगी। अधिकारियों और कर्मचारियों का कहना है कि पदोन्नति कर्मचारियों का अधिकार है, उन्हें यह मिलना ही चाहिए। इसे लेकर अधिकारियों और कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।ऐसा नहीं किए जाने से कर्मचारियों का नुकसान हो रहा है। सरकार ने अधिकारी-कर्मचारियों को उच्च पद का प्रभार देकर पदनाम दिए जाने को लेकर दिसंबर, 2020 में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। कमेटी ने कर्मचारियों को उच्च पदं का प्रभार देने के संबंध में जनवरी, 2021 में शासन को अनुशंसा संबंधी रिपोर्ट सौंप दी थी। इसके बाद अब तक तीन विभागों में ही कर्मचारियों को उच्च पदों का प्रभार सौंपे जाने की कार्रवाई शुरू हो पाई है। प्रमोशन न होने से सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों, कर्मचारियों की कमी हो गई है। दफ्तरों में प्रभारियों के भरोसे काम चल रहा है। वल्लभ भवन में ही एक अधिकारी के पास दो से तीन बड़े विभागों का प्रभार है। इससे वे मूल पदस्थापना वाली जगह भी काम नहीं कर पा रहे हैं और प्रभार में जो विभाग मिला है, वहां तो ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव जीएडी विनोद कुमार का कहना है कि कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध में अंतिम निर्णय उच्च स्तर पर लिया जाएगा।
ढाई हजार करोड़ का आएगा अतिरिक्त भार
सरकारी आंकलन के तहत अगर कर्मचारियों को प्रमोशन मिलता है तो खजाने पर सालाना ढाई हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। उधर कर्मचारियों के प्रमोशन तो नहीं हो रहे हैं लेकिन आईएएस, आईपीएस और आईएफएस समेत राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों के प्रमोशन हो रहे हैं। कमलनाथ सरकार में ये मामला विधानसभा में भी उठा था। तत्कालीन स्पीकर ने निर्देश दिए थे कि जब तक प्रमोशन का फैसला नहीं हो जाता तब तक अफसरों को भी प्रमोशन ना दिया जाए। लेकिन सत्ता बदलने के साथ ही ये निर्देश और कर्मचारियों की किस्मत भी फाइलों में कैद होकर रह गई। गौरतलब है कि प्रदेश में 2016 से सरकारी विभागों में प्रमोशन नहीं हो रहा है। इसकी वजह हाईकोर्ट में 2002 में बनाए गए प्रमोशन नियम को रद्द किया जाना है। तर्क दिया गया है कि सेवा में अवसर का लाभ सिर्फ एक बार दिया जाना चाहिए। नौकरी में आते समय आरक्षण का लाभ मिल जाता है फिर पदोन्नति में भी आरक्षण का लाभ मिल रहा था। इसे लेकर सामान्य वर्ग के कर्मचारियों को आपत्ति थी। इसलिए हाईकोर्ट ने पदोन्नति का नियम ही खारिज कर दिया। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि आरक्षण रोस्टर के हिसाब से जो पदोन्नति हुई उन्हें रिवर्ट किया जाए। हालांकि अब सरकार चुनावी साल में अधिकारियो-कर्मचारियों को प्रमोशन देने की तैयारी कर रही है। सबकुछ ठीक रहा तो जून से पदोन्नति की सौगात मिलनी शुरू हो जाएगा।
पुलिसकर्मी महिला ने किया सुसाइड, पहले सास-बेटी के लिए बनाया खाना फिर खा लिया जहर
10 May, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर | मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले की एक महिला पुलिसकर्मी ने जहर खाकर सुसाइड कर ली। पहले महिला ने साल और ढाई साल की बेटी के लिए खाना बनाया फिर किचन में ही जहरीला पदार्थ खा लिया। पता चला है कि मृतिका का भिंड में पदस्थ आरक्षक पति से फोन पर विवाद हुआ था। ऐसे में पुलिस ने छानबीन करने मृतिका का मोबाइल भी जब्ती में लिया है।मुरैना शहर के सिद्धनगर निवासी 30 वर्षीय महिला सिपाही रीना पत्नी अमन सिकरवार ग्वालियर के पड़ाव थाने में पदस्थ थी। मंगलवार को रीना ने ड्यूटी से मुरैना लौटने के बाद ढाई साल की बेटी के साथ समय बिताया। रात 8 बजे के करीब महिला सिपाही ने सास सुमन और बेटी के लिए खाना बनाया। आधा खाना बनाने के बाद किचन में ही रीना ने जहरीला पदार्थ खा लिया। कुछ देर बाद रीना को उल्टियां हुईं और बेसुध होकर गिर पड़ी। इलाज के लिए ग्वालियर पहुंचते में मौत हो गई। रीना का पति अमन सिकरवार भिंड एसएएफ में सिपाही के पद पर है। रीना चाहती थी, अमन भिंड से तबादला कराकर ग्वालियर आ जाए। इसी को लेकर दोनों में आए-दिन फोन पर बहस होती थी। रीना दो दिन पहले अवकाश लेकर गई थी। दो दिन की छुट्टी से वह बीते रोज ही लौटी थीं। थाने में आमद देने के बाद पूरे दिन काम किया। शाम के समय वह ड्यूटी से मुरैना चली गईं थी।
अब मध्य प्रदेश में फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर लगेगा टैक्स
10 May, 2023 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने द केरल स्टोरी का टैक्स फ्री स्टेटस वापस ले लिया है। छह मई को राज्य सरकार के वाणिज्यिक कर विभाग ने आदेश जारी कर फिल्म को टैक्स फ्री किया था। दस मई को नया आदेश जारी कर पुराने को निरस्त कर दिया गया।
वाणिज्यिक कर विभाग में उप-सचिव आरपी श्रीवास्तव ने दस मई को आदेश जारी कर कहा कि विभाग के आदेश क्रमांक 1145/2023/05 (सेक्शन-1) दिनांक 06.05.2023 को राज्य शासन 10 मई 2023 के प्रभाव से निरस्त करता है। राज्य सरकार के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि निरस्ती का आदेश उस दिन आया है जब कर्नाटक में वोटिंग चल रही है। इस वजह से विपक्ष इस फिल्म की टाइमिंग, उसे टैक्स फ्री करने के आदेश और अब फिर टैक्सेबल करने के आदेश को राजनीति से प्रेरित बता रहा है।
सुदीप्तो सेन के निर्देशन में बनी और अदा शर्मा अभिनीत फिल्म द केरल स्टोरी ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही विवादों में है। कई राज्यों में फिल्म का जमकर विरोध भी हो रहा है। बहुत से लोग 'द केरल स्टोरी' के पक्ष में भी हैं। कुछ राज्यों में इसे टैक्स फ्री किया गया है। वहीं, पश्चिम बंगाल में तो फिल्म ही प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इंदौर को नंबर वन बनाने वाले मनीष सिंह अब सीपीआर के रूप में सरकार को भी नंबर वन बनाएंगे
10 May, 2023 03:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंदौर। राज्य सरकार ने चौंकाने वाले तबादला आदेश में मनीष सिंह को आयुक्त जनसंपर्क बना दिया है।उनके वर्तमान पद पर नवनीत कोठारी एमडी एमपीआईडीसी पदस्थ किए गए हैं।इंदौर को नंबर वन का तमगा दिलाने वाले मनीष सिंह को ऐन चुनाव से पहले सरकार की योजनाओं का और बेहतर प्रचार कर शिवराज सरकार को भी बाकी राज्यों के मुकाबले फनंबर वन बनाने का टॉस्क मिला है।
सीपीआर राघवेंद्र सिंह को प्रमुख सचिव खनिज निगम का दायित्व दिया है। ऐसा नहीं कि राघवेंद्र सिंह खरे साबित नहीं हुए, उन्हें खनिज निगम का दायित्व सौंप कर सरकार उन आरोपों और मनमानी को भी सख्ती से दबाना चाहती है कि खनिज माफिया बेलगाम हो चुके हैं, विभाग की सख्ती नहीं है।
मनीष सिंह को आयुक्त जनसंपर्क बनाने से एक बार फिर मुहर लगी है कि यह पद उन आईएएस को सौंपना सरकार को अधिक बेहतर लगता है जो पहले इंदौर कलेक्टर रहे हों-भागीरथ प्रसाद मनोज श्रीवास्तव, विवेक अग्रवाल, सुधिरंजन मोहंती, गोपालरेड्डी,पी नरहरि ये सब हाल के दो-तीन दशक के वो आईएस हैं जो इंदौर कलेक्टर रहने के बाद सीपीआर भी रहे हैं। मनीष सिंह आयुक्त जनसंपर्क और इस विभाग के सचिव विवेक पोरवाल पदस्थ किए गए हैं।
चुनावी साल में मनीष सिंह के लिए सीपीआर की कुर्सी न तो चुनौतीपूर्ण है और न ही उन्हें दहाड़ना पड़ेगा। इंदौर की प्रेस हो या प्रदेश का मीडिया, संबंधों को जीवंत रखना और मीडिया की परेशानियों का हल निकालने जैसी खासियतें ही रही कि जब कलेक्टर इंदौर के रूप में इलैया राजा टी को पदस्थ किया गया तभी माना जा रहा था कि सीपीआर की कुर्सी उनका इंतजार कर रही है।
निर्णय कुछ विलंब से हुआ तो उसकी वजह यह भी रही होगी कि सरकार उनकी काबिलियत का उपयोग पहले मेट्रो के काम को अंजाम तक पहुंचाने के लिए करना चाहती थी। चुनाव से पहले कुछ डिब्बे कुछ स्टेशन तक तो ट्रायल रन में दौड़ते नजर आ ही जाएंगे, उनकी कामयाबी में यह भी सरकार के सपने को टाइम लिमिट में पूरा करना माना जाएगा। अब उनके जिम्मे सरकार की छवि और उसकी योजनाओं को चुनाव से पहले जीत की पटरियों पर दौड़ाने का काम है, हर विभाग में सफलता का पर्याय रहे मनीष सिंह यहां भी असफल तो नहीं होंगे।
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर अलर्ट मोड में पुलिस
10 May, 2023 03:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मध्यप्रदेश में आगामी समय में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, विधानसभा चुनाव में ग्वालियर चंबल अंचल बदमाशों का गढ़ बन जाता है। यही कारण है कि चुनावों के समय अलग-अलग राज्य के हिस्ट्रीशीटर और बदमाश यहां डेरा डाल लेते हैं। इन्हीं बदमाशों और हिस्ट्रीशीटर को लेकर पुलिस ने अभी से बड़ी प्लानिंग शुरू कर दी है। ग्वालियर पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी कर एक सप्ताह के अंदर अपने-अपने थाना इलाके में हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों की लिस्ट तैयार करने और उसके बाद इनकी लिस्ट प्रत्येक थाने के बाहर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं।
मध्यप्रदेश में ग्वालियर चंबल अंचल वह इलाका है, जहां पर हर बार चुनाव में लड़ाई-झगड़ें होना एक आम बात है। इसका सबसे बड़ा कारण यहां बदमाशों और हिस्ट्रीशीटरों का अधिक संख्या में होना है। चुनाव के समय यह सभी पूरी तरह एक्टिव हो जाते हैं, और अपने बाहुबल से लोगों को धमकाने का काम करते हैं। इसके साथ ही हर चुनाव में बदमाश और हिस्ट्रीशीटर के द्वारा ताबड़तोड़ फायरिंग भी की जाती है। ऐसे में आशंका जताई जा रही हैं कि इस विधानसभा में भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे।
इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ग्वालियर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल ने अभी से इन बदमाशों को घेरने की पूरी प्लानिंग शुरू कर दी है। एसपी राजेश सिंह चंदेल ने बताया है कि जिले के अंदर सभी हिस्ट्रीशीटर और बदमाशों की लिस्ट तैयार की जा रही है, इसको लेकर सभी थाना प्रभारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि तत्काल ऐसे गुंडे बदमाशों की लिस्ट तैयार करें और थाने के बाहर उसे चस्पा करें। उन्होंने सभी थाना प्रभारियों से कहा है कि एक सप्ताह के अंदर यह लिस्ट तैयार होनी चाहिए और उसके बाद इन बदमाशों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा।