मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
विधानसभा सभा चुनाव में कांग्रेस की हाइटेक रथ से प्रचार की योजना पर नरोत्तम ने कसा तंज
26 Apr, 2023 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आने के साथ राजनीतिक पार्टियां चुनावी रणनीति बनाने में जुट गई हैं। सियासी गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ की अगुआई में कांग्रेस इस बार हाइटेक रथ से चुनाव प्रचार पर निकलेगी। इसके लिए कांग्रेस पार्टी कर्नाटक से पांच रथ मंगवा रही है। कांग्रेस की इस हाइटेक रथ से प्रचार की योजना पर प्रदेश के गृहमंत्री और भाजपा नेता डा. नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। बुधवार सुबह मीडियाकर्मियों से नियमित चर्चा के दौरान नरोत्तम ने इस मसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब इनके घोड़े ही अलग-अलग दिशाओं में भाग रहे हैं, तो इन रथों से क्या होगा! इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति क्या होगी। कांग्रेस के परखच्चे उड़ जाएंगे।
होटल मैनेजमेंट कोर्स की मान्यता रद होने से आक्रोशित छात्रों ने किया विरोध-प्रदर्शन
26 Apr, 2023 12:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी स्थित एनआरआइ कालेज की होटल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम की मान्यता रद हो जाने के बाद प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों ने कालेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। एनएसयूआइ के प्रदेश समन्वयक अक्षय तोमर के नेतृत्व में बीबीए होटल मैनेजमेंट के विद्यार्थियों ने प्रदर्शन किया। कालेज प्रशासन द्वारा रद हो चुके पाठ्यक्रम को लेकर पल्ला झाड़ने का आरोप लगाते हुए एनएसयूआइ ने कालेज गेट पर ताला जड़ दिया।
कालेज प्रशासन एवं विद्यार्थियों के बीच चली लंबी वार्ता के बाद संबंधित कोर्स के रद हो जाने के बाद प्रवेशित विद्यार्थियों की फीस एवं अन्य दस्तावेज़ वापस करने की बात को लेकर सहमति बनी। विद्यार्थियों का कहना है कि बीबीए होटल मैनेजमेंट की मान्यता रद होने के बाद कालेज प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों पर बीबीए प्लेन या अन्य दूसरे कोर्स में दाखिला लेने के लिए अनावश्क रूप से दबाव बनाया जा रहा है। एनएसयूआइ महासचिव आदित्य सोनी ने बताया कि एनआरआइ कालेज द्वारा बीबीए एचएम की मान्यता जाने के बाद प्रवेशित विद्यार्थियों को फीस वापस नहीं करना चाहता है। उनका कहना है कि प्रवेश रद कराने की स्थिति में किसी प्रकार की फीस एवं टीसी कालेज द्वारा नहीं दी जा रही है। यदि कालेज प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की मांगों को जल्द स्वीकार नहीं करता है तो हमें उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। इस दौरान अरुण राजपूत, विकास ठाकुर, अभिषेक द्विवेदी, विक्रांत दुबे, शिवांश तोमर, पार्थ शर्मा एवं अन्य शामिल रहे।
राजधानी भोपाल सहित 15 जिलों में बौछारे पडने का अनुमान
26 Apr, 2023 12:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । अगले 24 घंटे में प्रदेश की राजधानी भोपाल के अलावा महाकौशल, विंध्य, बुंदेलखंड इलाकों सहित 15 जिलों में हल्की वर्षा का अनुमान है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक प्रदेश का मौसम बिगड़ा रहने का अनुमान व्यक्त किया है। देश में प्रवेश कर चुका पश्चिमी विक्षोभ पंजाब और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। प्रदेश के मध्य भाग में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के मौसम में भारी उतार-चढ़ाव आ रहा है। पश्चिमी विक्षोभ अमूमन पंजाब-हरियाणा से होकर गुजरते हैं, लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहा है। यही कारण है कि मध्य प्रदेश के इलाकों में भी चक्रवाती घेरे बने हुए हैं। ट्रफ लाइन बनने से अरब सागर से नमी आ रही है, जिससे तापमान में गिरावट हो रही है। प्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल की बात करें तो अफगानिस्तान पाकिस्तान होकर भारत में आने वाला वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस बार हरियाणा पंजाब की बजाए राजस्थान और उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहा है। इसके चलते ग्वालियर-चंबल अंचल के कई इलाकों में बारिश हुई है। इसके कारण ग्वालियर शहर में दिन का तापमान 7.4 डिग्री तक लुढ़क गया है। ग्वालियर में अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री आ गया है। वहीं, रात का न्यूनतम तापमान भी 5.2 डिग्री गिरकर 17.8 डिग्री आ गया है। इधर भोपाल में अधिकतम तापमान में बढ़त होकर यह 37.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा तो है लेकिन यह अब भी सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस कम है। पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के करीब 15 जिलों सहित भोपाल संभाग में मंगलवार को भी बादल बने रहेंगे। कई जगह तेज हवाएं भी चल सकती है। बादल के बने रहने के कारण तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रहने का अनुमान है। भोपाल के साथ ही सीहोर, विदिशा, रायसेन और राजगढ़ में भी कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी और कहीं तेज बारिश हो सकती है।
फायर एनओसी नहीं लेने पर 112 अस्पतालों को देंगे नोटिस
26 Apr, 2023 11:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । फायर एनओसी नहीं जमा करने वाले 112 अस्पतालों को अंतिम नोटिस जारी किया जाएगा। इसे लेकर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को कार्रवाई करने से पहले अस्पतालों को अंतिम नोटिस देने के लिए कहा है। एनओसी नहीं लेने की निजी अस्पतालों की लापरवाही लंबे समय से चली आ रही है।सीएमएचओ ने भी कलेक्टर के आदेश का पालन करते हुए अस्पतालों की सूची तैयार कर ली है। सीएमएचओ डा. सैत्या का कहना है कि कुछ दिनों का समय अस्पतालों को दिया है। इसके बाद भी वह फायर एनओसी नहीं लेते हैं तो कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है कि निजी अस्पतालों ने पिछले छह महीनों में प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई चेतावनियों को भी गंभीरता से नहीं लिया। ये अस्पताल इंदौर नगर निगम से बिना किसी फायर एनओसी के चल रहे हैं और न ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से नवीनीकरण की अनुमति ली हैं। ये सभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते संचालित कर रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि जिले में बिना अग्नि सुरक्षा उपायों के चल रहे 112 निजी अस्पतालों की पहचान कर ली गई है। अधिकारियों ने कहा, कलेक्टर के निर्देश पर इन अस्पतालों को 15 दिनों का समय दे रहे हैं। यह आखिरी नोटिस होगा। इसके बाद हम पंजीकरण रद करने और अस्पताल को सील करने की कार्रवाई करेंगे। इससे पहले स्वास्थ्य अधिकारियों ने 50 बिस्तर से कम क्षमता वाले अस्पतालों को फायर एनओसी के बजाय फायर सर्टिफिकेट लेने का निर्देश दिया था। फायर एनओसी के मानदंडों में बदलाव के बाद सुविधाओं की पहचान की गई। नए मानदंड 16 जनवरी को जारी किए गए थे। नए मानदंडों में कम से कम 50 बेड या 15 मीटर या उससे अधिक की ऊंचाई वाले अस्पताल भवनों या किसी भी स्तर पर 500 वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र वाली सुविधाओं के लिए फायर एनओसी अनिवार्य है।बता दें कि रविवार को भी फायर एनओसी के संबंध में सभी निजी अस्पतालों की बैठक बुलवाई थी। इसमें सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या ने सभी अस्पतालों को फायर एनओसी देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि 50 से कम बिस्तर वाले अस्पताल फायर सर्टिफिकेट जमा करा दें। वहीं 50 से ज्यादा बिस्तर क्षमता वाले अस्पतालों को नगर निगम से फायर एनओसी देना होगी। फायर एनओसी नहीं लेने का कारण यह सामने आ रहा है कि अस्पताल संचालक कमर्शियल टैक्स नहीं भरना चाहते हैं।
बगैर डाक्टर के पर्चे के गर्भपात की दवा बेचने वालों पर हों कार्रवाई
26 Apr, 2023 09:16 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में डाक्टर के पर्चे के बिना गर्भपात की दवाएं बेचने वाले दवा विक्रेताओं पर कार्रवाई करें। यह कहना है प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी का। मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सोमवार को मंत्रालय में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के राज्य सुपरवाइजरी बोर्ड की बैठक ले रहे थे।स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और औषधि प्रशासन के अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी ने मध्य प्रदेश के उन जिलों में सोनोग्राफी केंद्रों पर कड़ाई से नजर रखने को कहा है जहां शिशु लिंगानुपात कम है।स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर प्रभुराम चौधरी ने इसके पहले कल सुबह अपने आवास से व्हाट्सएप पर वीडियो कालिंग के जरिए निजी और सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान योजना से उपचार करा रहे रोगियों से भी बात की। सभी से पूछा कि अस्पताल में उनसे रुपये तो नहीं लिए जा रहे हैं।स्वास्थ्य मंत्री ने इसके अलावा भी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी मरीजों से चर्चा कर जानकारी हासिल की।
नए सत्र में 41 निजी कालेज प्रवेश प्रक्रिया में होंगे शामिल
26 Apr, 2023 08:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । नए सत्र में प्रदेश भर के 41 नवीन निजी कालेज प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होंगे। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से शुरू हो जाएगी। कालेजों को संबद्धता से लेकर निरीक्षण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जा रहा है। इस सत्र में 41 नए निजी कालेज प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होंगे। इनमें से तीन कालेज भोपाल के होंगे। इस तरह से प्रदेश में सरकारी और निजी कालेजों मिलाकर साढ़े 1300 संख्या हो जाएगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पुराने कालेजों में नए संकाय एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। बता दें कि भोपाल में कालेज खोलने के लिए उच्च शिक्षा विभाग को आधा दर्जन आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से सिर्फ तीन कालेजों को विभाग ने एनओसी दी है। इन्हें अब बीयू से संबद्धता लेनी होगी। इसके अलावा करीब 21 कालेजों ने नए पाठ्यक्रम और 72 कालेजों ने नए संकाय खोलने की भी अनुमति मांगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में यूजी-पीजी की सीटें कुल 11 लाख 12 हजार 107 और यूजी-पीजी में कुल प्रवेश 5 लाख 55 हजार 107, प्रदेश में कुल कालेजों की संख्या 1329 है। इनमें सरकारी कालेज 513 है, निजी कालेजों की संख्या 752 है, वहीं अनुदान प्राप्त कालेजों की संख्या 65 है। इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डा. धीरेंद्र शुक्ल का कहना है कि 41 नए कालेजों के लिए एनओसी जारी की गई है। इन कालेजों को विश्वविद्यालयों से संबंद्धता लेनी होगी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कालेजों को काउंसलिंग में शामिल किया जाएगा।
मिलेट्स को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कैबिनेट बैठक में मिलेट्स के व्यंजन परोसे गए
25 Apr, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों को बाजारा का कटलेट और कोदू की खीर परोसी गई।मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य मिलेट्स मिशन की घोषणा की है। इस मिशन के अंतर्गत मोटे अनाज के प्रचार प्रसार उसके उत्पादन और उसके उपयोग तीनों पर काम किया किया जा रहा है। इसके तहत ही मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों को मिलेट्स के व्यंजन परोसे गए। इसमें बाजरा का कटलेट, ज्वार की पापड़, ज्वार-बाजरें की कुकीज, कोदू की खीर और मल्टीग्रेन्स ब्रेड स्लाईज परोसा गया।बैठक में मिलेट्स से बने व्यंजन परोसने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए मिलेट्स परोसा गया है। मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी है।
भोज विवि ने पिछले सत्र की परीक्षाओं की तारीख नहीं हुई घोषित
25 Apr, 2023 09:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने पिछले सत्र की यूजी की परीक्षाओं के संबध में कोई समय-सारिणी अब तक जारी नहीं किया है। इससे शैक्षणिक सत्र भी काफी विलंब चल रहा है।विद्यार्थियों की शिकायत है कि फीस भरने के बाद भी उन्हें स्टडी मटेरियल नहीं मिल पा रहा है।साथ ही अभी तक उन्हें असाइनमेंट भी नहीं दिया गया है।किताबें अब तक छपकर नहीं आई। ऐसे में विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।विद्यार्थियों की शिकायत है कि पूरी फीस भरने के बावजूद उन्हें अभी तक किताबें और असाइनमेंट व पुस्तिका नहीं मिल पाई हैं।वर्ष 2022 में विभिन्न में प्रवेश के लिए हजारों विद्यार्थियों को स्टडी मटेरियल नहीं दिया गया है।उन्हें अध्ययन सामग्री के लिए नामांकन के समय ही पैसा जमा करा दिया था।विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि परीक्षा के लिए सभी सरकारी कालेजों में केंद्र बनाया जाना है।जब तक सभी विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं समाप्त नहीं होंगी, तब तक परीक्षाओं की तारीख घोषित करना संभव नहीं है।
विद्यार्थियों से ली फीस फिर भी किताबें ही छपकर नहीं आई
विवि के कर्मचारियों ने बताया कि यहां किताबें ही छापकर नहीं आई है।इतना ही नहीं असाइनमेंट की पुस्तिका के पैसे भी नामांकन के समय विद्यार्थियों से ले लिए गए, लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय को साल भर बाद भी निजी फार्म ने पुस्तिका छापकर नहीं दिए हैं। जिसके कारण सत्र निर्धारित समय से छह महीने लेट चल रहा है, लेकिन शैक्षणिक सत्र के विलंब से चलने और स्टडी मटेरियल और असाइनमेंट कापी समय पर नहीं मिलने की वजह से विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है।
इनका कहना है
ई कटेंट वेबसाइट पर दिसंबर में अपलोड कर दिए गए हैं। अभी 10 प्रतिशत विद्यार्थियों को ही स्टडी मटेरियल नहीं मिल पाया है। जल्द दे दिया जाएगा। वहीं 15 जून के बाद परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।
डा. संजय तिवारी, कुलपति, भोज मुक्त विवि
कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मिली स्वीकृति, खुलेंगे 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र
25 Apr, 2023 09:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक मंत्रालय में हुई। इसमें कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। चुनावी साल में प्रदेश में गरीबों को पांच रुपए में भर पेट भोजन उपलब्ध कराने नए 45 नए दीनदयाल रसोई केंद्र खोलने को स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में पूर्व में स्थापित 100 दीनदयाल रसोई केंद्रों के अतिरिक्त अलग-अलग नगरीय निकायों में 45 रसोई केंद्र खोलने की स्वीकृति दी गई। इसमें 25 रसोई केंद्र चलित होंगे। यह रसोई केंद्र भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों में खोले जाएंगे। प्रत्येक केंद्र खोलने के लिए सरकार 25 लाख रुपए प्रति केंद्र देंगी।
इन प्रस्ताव को भी दी स्वीकृति
बिजली विभाग के लाइनमैन को जोखिम भत्त एक हजार दिया जाएगा।
ग्वालियर अस्पताल में 972 नए पदों की स्वीकृति दी गई है।
पन्ना जिले के दो सिंचाई परियोजना की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई।
राजस्व न्यायालयों केक कंप्यूटरीकरण के लिए अगले साल पांच सालों के लिए 7 हजार रोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी गई।
बरखेड़ा पठानी का नया नाम अब लाल बहादुर शास्त्री नगर, भोपाल में आधा दर्जन स्थानों के नाम बदले
25 Apr, 2023 09:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । उपनगर भेल के बरखेड़ा पठानी का नया नाम लाल बहादुर शास्त्री नगर होगा। इसका नाम देश के प्रथम प्रधानमंत्री के नाम रखने को लेकर मंगलवार को नगर निगम द्वारा गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जबकि इसका नाम बदलने की घोषणा बीते 21 मार्च 2023 को आयोजित बैठक में कर दी गई थी, जहां इस प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर पास कर दिया गया था।
आधा दर्जन स्थानों के नाम बदल गए
बता दें कि राजधानी में इससे पहले भी आधा दर्जन से अधिक स्थान और लैंडमार्क के नाम बदले जा चुके हैं। इनमें हबीबगंज रेलवे स्टेशन, लालाघाटी में गुफा मंदिर से सुल्तानियां इंफेंट्री मार्ग, ऐशबाग हाकी स्टेडियम, इस्लाम नगर, जहांगीराबाद चौराहे से एक्सटाल कालेज होते हुए पुल पातरा मार्ग के नाम में परिवर्तन किया गया है।
इनमें राज्य सरकार द्वारा हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति और इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर किया गया है। जबकि गुफा मंदिर से सुल्तानिया इंफेंट्री तक के मार्ग का नाम सेना में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह नगर निगम द्वारा किया गया है। बता दें कि आठ दिसंबर 2021 को जनरल विपिन रावत के साथ एक विमान दुर्घटना में कैप्टन वरुण सिंह समेत 13 लोगों की मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान में उनके नाम पर भोपाल में किसी एक सड़क का नाम करने की घोषणा की थी। इसी के तहत नगर निगम ने गुफा मंदिर से सुल्तानिया इंफेंट्री का नाम परिवर्तन किया है।
ऐशबाग स्टेडियम का नाम भी बदला
नगर निगम द्वारा बीते 21 मार्च को ऐशबाग स्टेडियम और जहांगीराबाद चौराहे से एक्सटाल कालेज हाेते हुए पुल पातरा तक सड़क का नाम बदलने का प्रस्ताव भी रखा गया था, जिसे बहुमत से पारित कर दिया गया। परिषद बैठक में ऐशबाग का नया नाम कैलाश नारायण सारंग हाकी स्टेडियम और जहांगीराबाद चौराहे से एक्सटाल कालेज हाेते हुए पुल पातरा तक सड़क का नाम बाबूलाल गौर मार्ग करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया था।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को फिर मिल सकती है सेवावृद्धि
25 Apr, 2023 08:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को एक बार फिर छह माह की सेवा वृद्धि मिल सकती है। उन्हें छह माह की सेवा वृद्धि की दिसंबर 2022 में दी गई थी, जिसकी अवधि 31 मई को समाप्त होगी। इसके पहले सामान्य प्रशासन विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन से केंद्र सरकार को सेवा वृद्धि का प्रस्ताव भेजने की तैयारी में है। यदि इसे अनुमति मिल जाती है तो वे ही विधानसभा के चुनाव कराएंगे। चुनाव नवंबर में प्रस्तावित हैं और उसी माह उनकी सेवा वृद्धि की अवधि भी पूरी होगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह को भी सेवा वृद्धि दी गई थी।
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से सरकार की योजनाओं को मुख्य सचिव क्रियान्वित करा रहे हैं, उससे उन्हें छह माह की सेवा वृद्धि दिए जाने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री के साथ उनका तालमेल अच्छा है। हाल ही में जब कुछ कलेक्टरों के स्थानांतरण किए गए तो उसमें मुख्य सचिव की पंसद को महत्व दिया गया। इसी तरह मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के क्रियान्वयन, बजट आवंटन के बाद विभागीय गतिविधियों की निगरानी वे ही कर रहे हैं। चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रशासनिक स्तर पर मैदानी जमावट भी की जानी है। इसकी तैयारी भी प्रारंभ हो गई है।उनके बैच 1985 के सभी अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। बैंस को सेवा वृद्धि दिए जाने से पहले केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ 1989 बैच के अधिकारी अनुराग जैन को मुख्य सचिव पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था पर केंद्र सरकार उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। अब उन्हें केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव बनाया गया है और चुनावी वर्ष में सरकार कोई प्रयोग भी नहीं करना चाहती है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य सचिव को छह माह की सेवा वृद्धि और दिलवा सकते हैं।
गृहमंत्री नरोत्त मिश्रा- दिग्विजय ना किसी के भाई ना ही जान
25 Apr, 2023 04:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल | पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के एक ही वर्ग के लोगों को पत्थरबाजी में पकड़ने के बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया। मंगलवार को नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह ना किसी के भाई ना ही जान, वो तो पड़ोसी मुल्क मे आटा महंगा होने से परेशान हैं।गृहमंत्री नरोत्त मिश्रा ने मीडिया से बातचीत में दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह जी एक ही वर्ग के लोगों को पत्थर बाज बता रहे हैं। दिग्विजय सिंह जी सीसीटीवी फुटेज आ गए हैं। पुलिस है, कानून है, संविधान है, आप सब पर ही सवाल उठाए दे रहे हो। एक वर्ग विशेष पर नजर इनायत करने के लिए आप सब यह बोलते रहते हैं यह हमारी समझ में आता है। दिग्विजय सिंह ना किसी के भाई हैं ना ही जान है वो तो पड़ोसी मुल्क के आटा महंगा होने से परेशान हैं। मिश्रा ने कहा कि इनकी मनोस्थिति जो पाकिस्तान में त्राहिमाम त्राहिमाम हो रहा है उसे समझ में आती है यह कितने ज्यादा पीड़ित होकर इस तरह के बयान दे रहे हैं।
भोपाल में पति के अवैध संबंधों से दुखी महिला ने लगाई फांसी
25 Apr, 2023 02:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मेरे पति के किसी अन्य महिला के साथ संबंध हैं। वह उसके साथ अधिकांश समय गुजारते हैं। मैं अपने पति के किसी दूसरी महिला के साथ संबंध को बर्दाश्त नहीं सकती और न ही मैं उन्हें छोड़ सकती। इसलिए मैं अपनी जिंदगी समाप्त कर रही हूं। मेरा शव मेरे पति को न सौंपा जाए और न ही वह मेरी चिता को अग्नि दें। मेरे बेटे की पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी मेरे माता-पिता को दी जाए। यह लिखकर एक विवाहिता ने अपने मायके में फांसी लगा ली है। घटना सोमवार रात की है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। महिला का एक छह वर्ष का बेटा भी है। पुलिस मंगलवार को उसके मायके वालों के साथ पति और ससुराल वालों के बयान दर्ज करेगी। हबीबगंज थाना पुलिस के अनुसारा रानू कुडोका पुत्री बालसिंह वीरपाचे (30) ने ग्यारह सौ क्वार्टर में सोमवार रात अपने मायके में फांसी लगा ली थी। उसके पास से मिले सुसाइड नोट में कारणों का खुलासा हुआ है। करीब सात साल पहले माता मंदिर इलाके में रहने वाले एक पीएचई कर्मचारी के साथ उसकी शादी हुई थी। उसका 6 साल का बेटा है। रानू कुडोपा 15 दिन पहले अपने पति से कहासुनी के बाद मायके में आकर रहने लगी थी।
विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक सुडील देशमुख ने बताया कि सुसाइड नोट में लिखा है कि मृतका के पति का किसी महिला के साथ अवैध संबंध है। उसने सुसाइड नोट में यह भी लिखा कि मैं अपने पति को किसी अन्य महिला के साथ संबंध बनाने नहीं देख सकती और मैं पति को छोड़ भी नहीं सकती हैं। ऐसी स्थिति में मैं आत्महत्या कर रही हूं। 30 वर्ष से कम उम्र होने के कारण मामला नवविवाहिता का है। पुलिस ने भी पोस्टमार्टम कराकर महिला का शव उसके पिता के सुपुर्द कर दिया। मायके और ससुराल वालों के मंगलवार को बयान दर्ज किए जाएंगे।
महंगाई व बेरोजगारी जैसे मुद्दे बेअसर हुए तो दिग्विजय ने छेड़ा सिंधिया राग
25 Apr, 2023 01:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । एक-एक दिन गुजरने के साथ विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। साथ ही नेताओं की शब्द एक दूसरे के प्रति तल्ख हो रहे हैं। जुबां भी बिगड़ रही है। चुनाव से पहले ही प्रदेश की राजनीति में नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरु हो गई है। इसकी शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर हमला बोलकर कर दी है। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि ग्वालियर-अंचल में जो विकास की भागीरथी बह रही है, उसके बाद कांग्रेस के पास बोलने के लिए कुछ बचा नहीं है।
महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे को कांग्रेस ने उठाने का प्रयास किया, लेकिन जनता ने उन्हें पहले ही नकार दिया। इसलिए कांग्रेस व्यक्तिगत हमलों पर उतर आई। दूसरी तरफ कांग्रेसियों का मानना है कि भाजपा महंगाई, बेरोजगारी और देश बेचने जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान बांटने के लिये इस तरह का अनर्गल बयान दे रही है। यह कहना गलत है कि दिग्विजय सिंह ने सिंधिया का राग छेड़ा। कांग्रेस तो उसका जवाब दे रही है। दोनों ही दलों के नेताओं का मानना है कि छह माह बाद फैसला मतदातओं को करना है। हाथ से हाथ जोड़ें अभियान बेअसर हुआ तो बेरोजगारी का मुद्दा: भाजपा के विकास यात्रा के जवाब में कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ों अभियान शुरु किया। इस अभियान के तहत प्रदेश सरकार की नाकामियों के साथ महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को जनता के बीच ले जाना था। वार्डों में कांग्रेसियों ने जनसंपर्क भी किया। महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दों पर प्रदेश सरकार की लाड़ली बहना कांग्रेस को भारी पड़ती नजर आई। हालांकि कांग्रेस ने बगैर किसी शर्त के प्रदेश की प्रत्येक महिला को एक हजार रुपये की बजाये डेढ़ हजार रुपये देने के साथ 500 रुपये गैस सिलेंडर देने के वादा कर आधी आबादी को लुभाने का प्रयास कर रही है। यह भी तय माना जा रहा था कि कांग्रेस चुनाव से पहले अंचल में सिंधिया राग भी छेड़ेगी। किंतु दिग्विजय सिंह ने चुनाव से पहले सिंधिया का मुद्दा उठाकर चुनावी राजनीति को गरमा दिया है।
शुरुआत भाजपा ने की, हमने तो जवाब दिया
शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डा. देवेंद्र शर्मा का कहना है कि लोगों का ध्यान मूल मुद्दों से भटकाने के लिए भाजपा नेताओं ने इसकी शुरुआत की है। प्रदेश के मुखिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को पागल कहा, कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को सुपुर्णखा कहा। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उनकी भाषा में ही, उन्हें जवाब दिया। महंगाई और बेरोजगारी मुद्दे बेअसर होने के सवाल पर डा. देवेंद्र शर्मा थोड़े सख्त नजर आये। उनका कहना है कि आम व्यक्ति महंगाई को झेल रहा है। कोरोना काल पहले से कर्ज में डूबा हुआ था। अब उसे सिलेंडर 1200 रुपये के लगभग खरीदना पड़ रहा है। बिजली महंगाई हो गई है। कर्ज चूकाना तो दूर बच्चों का पेट भरना मुश्किल हो गया है। अब आमव्यक्ति इस महंगाई के खिलाफ सड़कों पर उतरे, या फिर बच्चों के दो वक्त की खाने की व्यवस्था करे। इस महंगाई और बेरोजगारी का जवाब नागरिक अपने वोट से देगा।
विकास की गंगा को कैसे नकारें, इसलिए कांग्रेस व्यक्तिगत हमले कर रही
भाजपा जिलाध्यक्ष अभय चौधरी का कहना है कि दिग्विजय सिंह की सोच व मानसिकता और उनके कार्यों से हर कोई परिचित है। दिग्विजय सिंह की हमले का जवाब शीर्ष नेतृत्व दे चुका है। प्रदेश व ग्वालियर-चंबल अंचल में विकास की गंगा बह रही है। जो विकास कार्य अंचल में अब तक नहीं हुए वे हो रहे, आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे स्टेशन के पुर्नविकास के लिये भूमि पूजन किया है। कांग्रेस महंगाई और बेरोजगारी को कांग्रेस ने मुद्दा बनाने की कोशिश की थी, किंतु जनता ने इसं गंभीरता से नहीं लिया। क्योंकि कोरोना जैसे महामारी में विश्व के सारे देश कर रहे हैं। केवल हम ही मजबूती से खड़े हैं। यह भाजपा की सफल अार्थिक नीतियों से संभव हुआ है।
विधानसभा चुनाव आते ही बढ़ी बंदूक लाइसेंस की मांग, सिफारिशें भी शुरू
25 Apr, 2023 12:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । हथियारों के शौक के लिए कुख्यात ग्वालियर-चंबल अंचल में आगामी विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही बंदूक की चाहत बढ़ गई है। हर चुनावी साल में ऐसा होता है। इस बार भी ऐसा ही है। रौब का यह शौक जान पर भारी भी है। ग्वालियर जिले में हर साल, जितने हथियारों के लाइसेंस बनते हैं, उसके तीन गुना से ज्यादा आवेदन कलेक्ट्रेट पहुंचते हैं। अब आंकड़ा 35 हजार छूने की ओर है, जो ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे ज्यादा है। हथियारों के शौकीनों में सबसे ज्यादा कोई और नहीं माननीयों के खास लोग हैं, जिनके लिए लंबी चौड़ी सूची कलेक्ट्रेट पहुंचती है। खुद केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद और विधायक अपने चहेतों के नाम लेटरहेड पर भेज रहे हैं। पिछले दिनों से हथियारों के आवेदन के साथ-साथ सिफारिशों की संख्या भी बढ़ी है। वहीं जिला प्रशासन भी माननीयों की सिफारिश के आगे दवाब में रहता है। हथियारों का यह शौक जान पर भारी पड़ रहा है। हर्ष फायर में लगातार जान जा रहीं हैं। प्रशासन का इस पर ध्यान नहीं है।
यहां बता दें, ग्वालियर जिले में कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचने के बाद सबसे ज्यादा भीड़ जिस कक्ष में दिखे, समझ लीजिए कलेक्ट्रेट की शस्त्र शाखा यही है। हथियारों के आवेदन लिए तो कोई अपने आवेदन की स्थिति जानने घंटों कलेक्ट्रेट में खड़े दिखते हैं। कलेक्ट्रेट में सबसे ज्यादा हथियार लाइसेंस के आवेदकों की ही सिरदर्दी है। खुद कलेक्टर ने इसी कारण अपने कक्ष के आगे संदेश लिखवाया है कि हथियार लाइसेंस के संबंध में संपर्क न करें।
यहां फेल प्रशासन: जानें जा रहीं ,जिम्मा किसका
हथियार लाइसेंस के शौकीन कम होंगे, न सिफारिशें, लेकिन हथियारों के दुरुपयोग पर अंकुश कौन लगाएगा। इसको लेकर प्रशासन का कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं है। मैरिज गार्डनों पर सहालग के समय जरा सा बैनर लगवा देना कि हथियार लाना प्रतिबंधित है, इससे काम नहीं चलता है। हर्ष फायर को लेकर मैरिज गार्डन से थाना ,सीएसपी, एसडीएम, तहसीलदारों को जिम्मेदारी दी जाना चाहिए। हर बार घटना होती है और जान जाती है, लेकिन प्रशासन कभी सख्ती नहीं करता है।
हर साल 3500 लगभग आवेदन, प्रक्रिया में होते निरस्त
हर साल लगभग 3500 से ज्यादा आवेदन कलेक्ट्रेट शाखा में हथियार के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सभी नहीं बनते हैं। औसतन एक हजार लाइसेंस हर साल जारी होते हैं। दस्तावेजों से लेकर पुलिस वेरीफिकेशन, प्रशासन के वेरीफिकेशन प्रक्रिया को पूरी न करने वाले आवेदन रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। बड़ी संख्या में फाइलें ऐसी भी होती हैं, जिनकी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ती है। पर्दे के पीछे की कहानी यह कि प्रशासन जितने आवेदन आते हैं उतने लाइसेंस जारी नहीं करता है। वरना इस तरह संख्या बहुत ज्यादा हो जाएगी।
जिले में प्रति वर्ष इतने शस्त्र लाइसेंस बनें
2023 में अब तक जारी लाइसेंस 380
2022 में जारी लाइसेंस 1117
2021 में जारी लाइसेंस 902
2020 में जारी लाइसेंस 791
2019 में जारी लाइसेंस 585
2018 में जारी लाइसेंस 273
2017 में जारी लाइसेंस 412
2016 में जारी लाइसेंस 584
जिले में अबतक कुल जारी लाइसेंस 34934
सिफारिशें: सबसे आगे भारत सिंह फिर प्रद्युम्न सिंह और मुन्नालाल
माननीय भी हथियार लाइसेंस की सिफारिश में पीछे नहीं हैं। जिले में सबसे पहले नंबर पर हथियार लाइसेंस की सिफारिश में प्रदेश के राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह हैं। दूसरे नंबर पर उर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और बीज विकास निगम के अध्यक्ष व पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल हैं। इसके बाद तीसरे नंबर के पायदान पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर, इमरती देवी, प्रवीण पाठक आते हैं। कुछ माननीयों की स्थिति यह है कि 50 से ज्यादा नामों की सूची आती है।