मध्य प्रदेश (ऑर्काइव)
मुख्यमंत्री चौहान ने नीम, करंज और बादाम के पौधे लगाए
27 Mar, 2023 10:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्यामला हिल्स स्थित उद्यान में नीम, करंज और बादाम के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री चौहान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मुस्कान हीरानंदानी ने अपने जन्म-दिवस पर पौध-रोपण किया। उनके परिजन दीपा हीरानंदानी, जूही हीरानंदानी और नीरज हीरानंदानी साथ थे। मुख्यमंत्री चौहान के साथ बालक शिवांश ने भी अपने जन्म-दिवस पर पौधा रोपा। मोनिका, रूचि, भावनी तथा अनिल तिवारी और अन्वेष साथ थे।
मुख्यमंत्री चौहान का राज्य युवा नीति लागू करने के लिए आभार मानते हुए तुषारधर द्विवेदी ने पौध-रोपण किया। देव कुमार सिंह चौहान और संदीप द्विवेदी, पुष्पराज सिंह चौहान, डॉ. विभोर जैन साथ थे।
विकास और जन-कल्याण गतिविधियों के क्रियान्वयन तथा प्रभावशीलता की निगरानी में जन-भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक : मुख्यमंत्री चौहान
27 Mar, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मनरेगा योजना, अमृत सरोवरों के निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी विकास और जन-कल्याण की गतिविधियों के क्रियान्वयन तथा प्रभावशीलता की निगरानी में जन-भागीदारी सुनिश्चित करना आवश्यक है। इसमें जन-प्रतिनिधियों को भी अपना दायित्व निभाना होगा। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाओं की निगरानी और समीक्षा के लिए राज्य तथा जिला स्तर पर गठित दिशा समितियों की भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, सांसद डॉ. के.पी.एस. यादव, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपलब्ध बजट पर ही सड़क निर्माण आरंभ करें, अधूरी सड़कों से लोगों को परेशानी न हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मनरेगा में सृजित मानव दिवसों की संख्या में वृद्धि के लिए विशेष प्रयास किए जाएँ। सामुदायिक कार्यों के क्रियान्वयन तथा भुगतान में पारदर्शिता सुनिश्चित करना आवश्यक है। प्रयास यह हो कि शत-प्रतिशत भुगतान आधार आधारित हो। सड़क निर्माण के कार्य बजट उपलब्धता के आधार पर ही आरंभ किए जाएँ। यह सुनिश्चित करें कि जो सड़क निर्माण आरंभ हों, उसे अधूरा न छोड़ा जाए, अधूरी सड़कों के कारण लोगों को परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों तक सड़कों का विस्तार करना हमारा लक्ष्य है। इसी उद्देश्य से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में सड़क निर्माण की योजना है। सूखे क्षेत्रों में वर्षा जल सहेजने के उद्देश्य से तालाबों के निर्माण को प्राथमिकता पर लिया जाए। अमृत सरोवरों के निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए मापदण्डों का शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित करें।
मनरेगा में अजजा को रोजगार देने में मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी
जानकारी दी गई कि मनरेगा में अनुसूचित जनजाति को रोजगार देने में मध्यप्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में है। योजना आरंभ होने से अब तक 68 लाख 84 हजार कार्य पूरे किए गए हैं। प्रदेश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर के निर्माण का लक्ष्य है। अब तक 2 हजार 657 अमृत सरोवर का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में निर्मित 63 अमृत सरोवर स्वतंत्रता सेनानी और शहीदों को समर्पित हैं। साथ ही 116 सरोवर ऐतिहासिक और 231 सरोवर धार्मिक महत्व के स्थानों पर निर्मित किए गए हैं। बहुउद्देशीय आर्थिक लाभ के लिए अमृत सरोवरों से मत्स्य और सिंघाड़ा उत्पादन जैसी गतिविधियों को जोड़ा गया है।
दिशा समिति में की जाती है 43 योजनाओं की समीक्षा
केन्द्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विभिन्न योजनाओं की निगरानी और समीक्षा के लिए जिला और राज्य स्तर पर दिशा समितियों के गठन की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री राज्य स्तरीय समिति के अध्यक्ष तथा जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष जिला क्षेत्र से निर्वाचित लोक सभा सांसद हैं। राज्य स्तरीय समिति की बैठक प्रत्येक 6 माह तथा जिला स्तरीय समिति की बैठक प्रत्येक 3 माह में होना आवश्यक है। वर्ष 2015-16 से अब तक जिलों में दिशा समिति की 445 बैठकें हो चुकी हैं। समिति में विभिन्न विभागों की 43 योजनाओं की समीक्षा की जाती है।
बीजेपी-कांग्रेस के सर्वे पर दलबदलू फेर रहे पान
27 Mar, 2023 09:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है। चुनाव से पहले प्रदेश में दल बदल का खेल जारी है। वहीं बीजेपी-कांग्रेस के सर्वे पर अब दलबदलू पानी फेर रहे हैं। नेता दूसरे दल में शामिल होकर सर्वे का गणित बिगाड़ रहे है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों का साल भर से सर्वे चल रहा है। जिसके बाद पार्टियां नए सिरे से सर्वे करा रही है। इसे लेकर बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि हम बीजेपी में किसी को नहीं बुला रहे है, हमसे प्रभावित होकर दूसरे दलों के नेता शामिल हो रहे हैं। वहीं सर्वे को लेकर कहा कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
मोना सुस्तानी
मोना सुस्तानी दिग्विजय सिंह की दाहिनी हाथ मानी जाती थीं। मोना सुस्तानी राजगढ़ लोकसभा से 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ी थी। मोना को राजगढ़ से लोकसभा का टिकट दिग्विजय सिंह ने ही दिलवाया था। इससे पहले मोना राजगढ़ में जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। मोना राजगढ़ के पूर्व कांग्रेस विधायक गुलाब सिंह सुस्तानी की बहू है, सुस्तानी परिवार दिग्विजय सिंह का करीबी रहा है।
प्रीतम लोधी
प्रदेश में ब्राह्मणों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर प्रीतम लोधी को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था। लोधी के माफी मांगने के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी। प्रदेश के कई जिलों में प्रीतम लोधी का विरोध भी किया गया था। इसके बाद प्रीतम लोधी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलकर कांग्रेस के करीब आए और पिचोर से टिकट की दावेदारी की। जब उनकी दाल नहीं गली तो फिर से बीजेपी से संपर्क किया।
यादवेंद्र सिंह
यादवेंद्र सिंह मुंगावली से टिकट की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ थामा है। यादवेंद्र पूर्व विधायक राव देशराज सिंह यादव के बेटे हैं।
हीरेन्द्र सिंह
हीरेंन्द्र सिंह कांग्रेस का साथ जोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं। दिग्विजय सिंह के कट्टर समर्थक हीरेन्द्र सिंह की राघोगढ़ में जमीनी पकड़ काफी मजबूत है। वे पूर्व विधायक मूल सिंह दादाभाई के बेटे है। बीजेपी उन्हें जयवर्धन सिंह के खिलाफ मैदान में उतार सकती है।
बलवीर दंडोतिया
पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया ने बहुजन समाज पार्टी का दामन थामा है। ग्वालियर चंबल अंचल से बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया ने बीएसपी में घर वापसी की है। बलवीर दंडोतिया साल 2009 में बसपा के टिकिट पर मुरैना श्योपुर लोकसभा चुनाव लड़े थे। 2013 में बसपा के टिकिट पर मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा से वह चुनाव लड़े और विधायक बने। इसके अलावा 2018 में भी वह बसपा के टिकिट पर मुरैना विधानसभा से चुनाव लड़े थे। वहीं हार मिलने के बाद वह 2019 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। लेकिन पार्टी के आंतरिक हालातों को खराब बताते हुए उन्होंने बसपा में घर वापसी की है।
मध्य प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा विभाग के शिक्षकों को आइआइटी इंदौर से पीएचडी कराएगी
27 Mar, 2023 09:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । तकनीकी शिक्षा विभाग के शिक्षकों को अब पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं होगी। वे बिना अवकाश लिए अपनी पीएचडी पूरी कर सकेंगे। शिक्षकों के अध्ययन अवकाश के बढ़ते आवेदनों को देखते हुए तकनीकी शिक्षा विभाग ने यह व्यवस्था की है। इसके लिए विभाग ने आइआइटी इंदौर से अनुबंध किया है। न्यूनतम शुल्क लेकर शिक्षकों को पीएचडी की डिग्र्री कराई जाएगी। यह प्रयोग मध्य प्रदेश के किसी विभाग में पहली बार होने जा रहा है। शिक्षक ग्रीष्मकाल के अवकाश में पढ़ाई कर सकेंगे। अभी शिक्षकों के अध्ययन अवकाश पर जाने के कारण कालेजों में शिक्षकों कमी होती है, लेकिन इस व्यवस्था से इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेजों में न ही शिक्षकों की कमी होगी और न ही पढ़ाई प्रभावित होगी। पीएचडी में प्रवेश लेने वाले शिक्षकों की आनलाइन क्लास लगेगी। वे अपने कार्यस्थल या घर पर रहकर क्लास अटेंड कर सकेंगे। देश के प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी इंदौर से पीएचडी करने पर मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कालेजों को बेहतर प्रोफेसर मिलेंगे।
प्रदेश में ढाई हजार शिक्षक, हर साल पीएचडी के सौ से अधिक आते है आवेदन
तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश में ढाई हजार शिक्षक है। इनमें से हर साल सौ से अधिक शिक्षक पीएचडी के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन बहुत कम शिक्षकों को ही पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश स्वीकृत होता है। अवकाश स्वीकृत न होने पर कई बार शिक्षक कोर्ट चले जाते हैं।
इंजीनियर कालेजों में सुधरेगा शिक्षा का स्तर
तकनीकी शिक्षा विभाग के शिक्षकों द्वारा आइआइटी इंदौर से पीएचडी करने के बाद मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेजों को बेतहर शिक्षक मिलेंगे। इससे संभवत: इंजीनियरिंग की पढ़ाई का स्तर सुधरेगा।
एक नजर में
- इंजीनियरिंग कालेज - 8
- पालीटेक्निक कालेज - 69
- शिक्षक- 2500
- पीएचडी आवेदन - प्रति वर्ष 100
इनका कहना है
इंजीनियरिंग एवं पालीटेक्निक कालेज के शिक्षकों को पीएचडी करने के लिए अध्ययन अवकाश लेने की आवश्यकता नहीं होगी। आइआइटी इंदौर से अनुबंध किया है, शिक्षक आइआइटी में प्रवेश लेकर पीएचडी पूरी कर सकेंगे।
- मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास
व्हिसिल ब्लोअर डा. आनंद राय सरकारी सेवा से बर्खास्त, आरोपों का नहीं दिया संतोषजनक जवाब
27 Mar, 2023 08:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । व्यावसायिक परीक्षा मंडल(व्यापम) में हुए पीएमटी फर्जीवाड़े में व्हिसिल ब्लोअर की भूमिका निभाने वाले इंदौर के चिकित्सक डा. आनंद राय को राज्य शासन ने सोमवार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। अभी वह निलंबित चल रहे थे। बीते वर्ष मार्च में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022 का प्रश्न पत्र कथित तौर पर लीक होने के मामले में मप्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। दरअसल, डा. राय ने अपने फेसबुक पेज पर पेपर लीक का एक स्क्रीन शाट लगाया था। इसमें मुख्यमंत्री के ओएसडी लक्ष्मण सिंह का नाम लिखा था। इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर वार-पलटवार हुए थे। निलंबन अवधि में उन्हें संयुक्त संचालक कार्यालय रीवा में पदस्थ किया गया था, पर उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। डा. राय 2013 में पीएमटी और प्रीपीजी में फर्जीवाड़ा उजागर करने के चलते चर्चा में आए थे। इसके बाद वह अलग-अलग कारणें से सुर्खियों में रहे। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने पिछले वर्ष उनकी पदस्थापना वाले हुकुमचंद अस्पताल मे जाकर जांच भी की थी। इसमें सामने आया था कि आनंद राय 15 फरवरी से 15 मार्च के बीच छह दिन बिना किसी सूचना के अनुपस्थित रहे। सेवा समाप्ति के आदेश में कहा गया है डा. राय पर आठ आरोप लगे थे। उन्हें कारण बताओ नोेटिस भी जारी किया गया था, पर उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मध्य प्रदेश में सीधी भर्ती के बाद भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के 24 सौ से अधिक पद रिक्त मध्य प्रदेश में सीधी भर्ती के बाद भी विशेषज्ञ चिकित्सकों के 24 सौ से अधिक पद रिक्त
जयस, ओबीसी महासभा और भीम आर्मी से जुड़े हैं डा. आनंद राय
डा. आनंद राय जय युवा आदिवासी संगठन (जयस), ओबीसी महासभा और भीम आर्मी से जुड़े हैं। वह इन संगठनों में रणनीतिकार की भूमिका में हैं। नईदुनिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि 2023 में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। साथ ही सेवा समाप्ति के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है
प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल बोले- कमलनाथ के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव
27 Mar, 2023 08:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में मिशन 2023 की तैयारी शुरू हो गई है। एमपी में कांग्रेस में सीएम के चेहरे को लेकर समय समय पर नेताओं के बयान सामने आते रहे हैं। अब इसी कड़ी में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल का बड़ा बयान सामने आया है। उनके बयान के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर फिर संशय बरकरार हो गया है।
जेपी अग्रवाल ने कहा है कि- कमलनाथ के चेहरे पर आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं है। कमलनाथ हमारे पीसीसी चीफ है मैं उनकी बहुत आदर करता हूँ, लेकिन मुख्यमंत्री का चेहरा तय करना एक लंबा प्रोसेस है।
कहा कि- एक पूरी कमेटी बैठकर चेहरे को तय करती है। लोगों के कांग्रेस पार्टी छोडऩे को लेकर जेपी अग्रवाल ने कहा कि हमने जिनको टिकट दिया वो भी कांग्रेस छोड़कर चले गए। ऐसे लोगों के पहले से ही कुछ दूसरी पार्टियों से मसले रहते हैं इसलिए वो चले जाते हैं।
वहीं इस मामले में बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेश पाराशर का ने कहा कि कांग्रेस अंतर्कलह से गुजर रही है। कमलनाथ को निपटाने के लिए जेपी अग्रवाल का कोई षड्यंत्र होगा। कमलनाथ राहुल गांधी के समर्थन में हुए आंदोलन में शामिल नहीं हुए थे। वैसे भी कांग्रेस को सिर्फ चुनाव लडऩा है, विधायक तो जीतकर आने वाले नहीं हैं, इसलिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जा रहा है। बीजेपी से प्रभावित होकर दल बदल रहे हैं। बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने कहा कि हम बीजेपी में किसी को बुला नहीं रहे, हमसे प्रभावित होकर दूसरे दलों के नेता शामिल हो रहे हैं। कहा कि सर्वे के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
हम राहुल गांधी की सेना, गिरफ्तारी से नहीं डरते
27 Mar, 2023 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । राजधानी में रेल रोकने के मामले में गिरफ्तार हुए युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और विधायक विक्रांत भूरिया ने सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान भूरिया ने कहा कि हम सावरकर की नहीं बल्कि राहुल गांधी की सेना हैं। गिरफ्तारी से नहीं डरते। राहुल गांधी की सांसदी रद्द कर लोकतंत्र की हत्या की गई। लिहाजा जनता को परेशान करने नहीं बल्कि जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रेल रोकी थी। सरकार के इशारे पर पुलिस ने असंवैधानिक कदम उठाया। अब इस कार्रवाई के खिलाफ न्यायालय में याचिका भी दर्ज की जाएगी।
भूरिया ने कहा कि शिवराज सरकार हो या मोदी सरकार दोनों ही तानाशाही का पर्याय बन चुकी हैं। पुलिस प्रशासन सरकार की कठपुतली की तरह काम कर रहा है। मुझे जिन धाराओं में गिरफ्तार किया गया उसमें दो साल से कम की सजा का प्रावधान है। जबकि कानून के मुताबिक सात साल से कम की सजा में गिरफ्तार ही नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा कौन सा अपराध था कि भोपाल से 350 किलोमीटर दूर झाबुआ तक पुलिस बल के साथ मुझे गिरफ्तार करने आई। न्यायालय ने भी इस कार्रवाई को असंवैधानिक माना। उन्होंने बताया कि पेशी के दौरान मुझसे पूछा गया कि आपकी पैरवी कौन करेगा। मैंने पैरवी, जमानत और किसी भी प्रकार के तथ्य रखने से इंकार किया। न्यायालय ने पुलिस की मनमानी को मान सच का साथ दिया।
चाहता तो पुलिस को खड़े होने जगह भी न मिलती
भूरिया ने कहा कि यह गिरफ्तारी भी मेरी सहमति से हुई। यदि चाहता तो पुलिस को खड़े होने तक के लिए जगह भी नहीं मिलती। गिरफ्तारी के साथ ही प्रदेश में जेल भरो के नए आंदोलन का आगाज भी तय था। इस बात की भनक भी सरकार को लग चुकी थी। हड़बड़ी में गिरफ्तार करने वाली पुलिस को यह जानकारी ही नहीं थी कि कहा लेकर जाना है। पहले जीआरपी थाना, फिर भोपाल रेलवे स्टेशन फिर न्यायालय में पेश करने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश की जेलों में आदिवासी वर्ग सर्वाधिक
विक्रांत भूरिया ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सरकार आदिवासी विरोधी है। प्रदेश में 22 प्रतिशत आबादी आदिवासी वर्ग की है। सरकार की हकीकत यह है कि अनुपातिक रूप से प्रदेश की जेलों में 55 से 60 प्रतिशत सर्वाधिक आदिवासी वर्ग के लोग बंद हैं। कम पढ़े-लिखे होने का फायदा उठाकर छोटे-छोटे अपराधों में जेलों में डाला गया। पुलिस प्रशासन भी जनता के लिए नहीं बल्कि बीजेपी के लिए काम करता है। प्रदेश में ऐसे हालात हैं कि जहां बीजेपी का फायदा वही पुलिस का कायदा है।
आंदोलन अब और तेजी से होंगे
राहुल गांधी और आदिवासियों के मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश स्तरीय आंदोलनों की तैयारी में है। युवा कांग्रेस अध्यक्ष भूरिया ने बताया कि आंदोलन की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। सरकार जितना डराने-धमकाने की कोशिश करेगी उतने ही तेजी से आंदोलन किए जाएंगे।
पूर्व विधायक ऊषा चौधरी के भाजपा में आने से बदलेंगे समीकरण
27 Mar, 2023 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी दिनोंदिन तेज होती जा रही है। बीते दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के बाद सतना की रैगांव विधानसभा से पूर्व विधायक नेत्री ऊषा चौधरी ने भाजपा की सदस्यता ले ली। अब इससे सियासी पारा चढ़ रहा है। उनके आने से एक तरफ भाजपा फायदे में दिख रही है तो दूसरी तरफ यहां से टिकट के दावेदार चिंतित नजर आने लगे हैं।
बता दें कि सतना जिले की रैगांव रिजर्व विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर विधायक रह चुकीं कांग्रेस नेत्री ऊषा चौधरी ने कांग्रेस के हाथ का साथ छोड़ दिया है। पूर्व विधायक ऊषा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथों रविवार को भोपाल में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। हालांकि भाजपा और भाजपाइयों के साथ ऊषा चौधरी की निकटता पिछले काफी समय से न केवल चर्चा का हिस्सा बनती रही हैं बल्कि कई बार उनके भाजपा में जाने के कयासों की वजह भी बने हैं। कभी सीएम शिवराज से उनकी मुलाकात के बाद अटकलों का दौर शुरू हुआ तो पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सतना प्रवास के दौरान उनके विश्राम स्थल के पास उनकी मौजूदगी भी सुर्खियों में रही। हालांकि तब उन्होंने इन अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था, लेकिन अब शाह के सतना दौरे के ठीक एक महीने के बाद ऊषा ने नड्डा से सदस्यता लेकर अपने पाला बदलने की चर्चाओं पर मुहर लगा दी है।
रैगांव में सियासी गर्माहट बढ़ी
चुनावी वर्ष में पूर्व विधायक उषा चौधरी के भाजपाई हो जाने के बाद अब सतना के रिजर्व रैगांव विधानसभा क्षेत्र में सियासी गर्माहट बढ़ गई है। भाजपा का गढ़ रही इस सीट पर वर्ष 2013 में ऊषा चौधरी ने पूर्व मंत्री एवं दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के पुत्र एवं जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष पुष्पराज बागरी को लगभग 5 हजार वोटों से हराया था। ऊषा ने यह सीट भाजपा से छीन कर बसपा की झोली में डाली थी। हालांकि वे इस पर बसपा और अपना कब्जा बरकरार नहीं रख सकीं और वर्ष 2018 के चुनाव में न केवल जुगुल किशोर बागरी ने यह सीट वापस छीन ली बल्कि बसपा की ऊषा को तीसरे नंबर पर फिसल गईं।
दावेदारों की संख्या और घमासान दोनों ही बढ़ा
अब ऊषा के भाजपा में आ जाने से रैगांव सीट के लिए टिकट के भाजपाई दावेदारों की संख्या और घमासान दोनों ही बढ़ गया है। दिवंगत विधायक जुगुल किशोर बागरी के ज्येष्ठ पुत्र पुष्पराज बागरी और छोटी पुत्र वधु वंदना देवराज बागरी तो दावेदार थे ही,भाजपा की जिला महामंत्री प्रतिमा बागरी तो उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ही रह चुकी हैं। अब दावेदारों की फेहरिश्त में ऊषा चौधरी का नाम भी शामिल हो गया है। गौरतलब है कि जिले के इकलौते आरक्षित रैगांव विधानसभा क्षेत्र में एससी वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है। कांग्रेस से यहां की मौजूदा विधायक कल्पना वर्मा और कांग्रेस छोड़ भाजपा में आई ऊषा चौधरी भी इसी वर्ग से आती हैं।
जब एक सवाल पर भड़क गए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, जाने क्याें खोया आपा
27 Mar, 2023 01:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्वालियर । कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह रविवार को ग्वालियर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में एक पत्रकार के सवाल पर भड़क गए। पत्रकार ने उनसे पूछा था कि क्या जो बुजुर्ग नेता 75 साल के हो चुके हैं उनके चेहरों पर आप चुनाव जीत लेंगे। इस पर दिग्विजय सिंह ने आपा खो दिया और तेज आवाज में वे पत्रकार को जवाब देने लगे। इससे थोड़ी देर के लिए माहौल गर्म हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने रविवार को मीडिया से चर्चा करते आरोप लगाया कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर कार्रवाई अदाणी पर सवाल उठाने पर की गई है। उनका कहना है कि यह मामला 2019 का है। फरियादी ने इस पर स्टे लेते हुये कहा था कि अब वह इस मामले में आगे लड़ना नहीं चाहता है। किंतु अचानक स्टे वैकेट होता है, और कार्रवाई की जाती है। यह कार्रवाई इसलिये की गई है कि क्योंकि राहुल गांधी ने अदाणी ग्रुप पर 20 हजार करोड़ रुपये की राशि कहां से आईं। इसके साथ ही आम नागरिकों का 10 लाख रुपये शेयर मार्केट में डूबने पर सवाल भी उठाये थे।
30 हजार रुपये स्विस बैंक में जमा हुआ
दिग्विजय सिंह ने नया खुलासा किया कि भाजपा सरकार ने वादा किया था कि विदेशों में जमा काला धन वापस लायेगी। अब तक सरकार ने नहीं बताया कि कितना धन वापस आया। जबकि इसके लिये कमेटी भी बनी थी। यह धन तो वापस नहीं आया किंतु 2021में 30 हजार करोड़ काला धन जमा हुआ है। यह धन किसका है, इसका खुलासा होना चाहिये।
एक पखवाड़े में दूसरी बार आए हैं दिग्विजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक पखवाड़े में दूसरी बार ग्वालियर आए हैं। यानि ग्वालियर चंबल में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय हो गई है। यही वजह है कि दिग्विजय सिंह लगातार अंचल के दौरे पर आ रहे हैं और कार्यकर्ताओं को गुर सिखा रहे हैं। जिससे आगामी चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर सकें। कांग्रेस नेताओं को ग्वालियर चंबल से काफी उम्मीद हैं। क्योंकि पहले विधानसभा सभा चुनाव, फिर उप चुनाव में कांग्रेस का यहां पर प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार ग्वालियर आ रहे हैं।
चुनावी साल में कर्मचारी संगठन आंदोलन के मूड में
27 Mar, 2023 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । पुरानी पेंशन व पदोन्नति नहीं देने और सेवानिवृत्त अधिकारियों व कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति देने से मध्य प्रदेश के 50 से अधिक बड़े कर्मचारी संगठन नाराज हैं। वे राज्य सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। कर्मचारी साफ कर चुके हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने इस संबंध में निर्णय नहीं लिया, तो वे माफ नहीं करेंगे। यानी इसका असर विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। बता दें कि प्रदेश में नियमित, संविदा, स्थायीकर्मी, निगम-मंडल मिलाकर 18 लाख से अधिक कर्मचारी हैं।
मध्य प्रदेश में मई 2016 से पदोन्नति पर रोक लगी है। करीब 35 हजार कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से ठीक पहले पदोन्नति मिलनी थी। वे इसके बिना ही सेवानिवृत्त हो गए। अब आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्ग के कर्मचारी चाहते हैं कि पदोन्नति शुरू हो जाए, भले ही सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अधीन ही हो। वे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और विभिन्न विभागों के मंत्रियों को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं, पर किसी के भी स्तर पर पदोन्नति शुरू करने की पहल नहीं हुई है।
कर्मचारियों की दूसरी बड़ी मांग पुरानी पेंशन बहाली है। इसे लेकर प्रदेश के 22 कर्मचारी संगठन एक साथ खड़े हैं। पांच फरवरी को भोपाल में इसे लेकर महासम्मेलन भी हो चुका है। मई-जून में कर्मचारी एक बार फिर एकत्र होंगे और सरकार को अपनी चेतावनी याद दिलाएंगे। कर्मचारी सभी विभागों में खाली पदों को लेकर भी नाराज हैं, वे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति देने के खिलाफ हैं और कई बार अपनी बात सरकार के सामने रख चुके हैं। उनकी मांग है कि युवाओं को मौका देंगे, तो कर्मचारियों की आने वाली पीढ़ी तैयार होगी।
रेलवे प्लेटफार्म साफ करने के लिए अब यूज किया जाएगा एसटीपी वॉटर
27 Mar, 2023 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । गर्मी के मौसम में पानी बचाने के लिए भोपाल रेल मंडल ने अभी से प्रयास शुरू कर दिए हैं। इस बार रानी कमलापति एवं भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म साफ करने के लिए भोपाल रेलवे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट एवं सांची से मिलने वाले पानी का इस्तेमाल करेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सांची संस्था को निर्देश दिए हैं कि वह दूध उत्पादन के बाद निकलने वाले पानी को नाले में बहाने की बजाय रानी कमलापति रेलवे स्टेशन तक सप्लाई करें। इससे यहां साफ सफाई के काम में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।
सांची दुग्ध उत्पादन संस्था, रेलवे के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट को शुरू कर रहा है जिसके बाद प्लेटफार्म की धुलाई एवं सफाई के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जाएगा। इधर भोपाल रेलवे स्टेशन पर बनाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी का इस्तेमाल साफ सफाई के लिए करना शुरू कर दिया गया है। चलती ट्रेन में पानी की बचत करने के लिए नए तरह के प्रेशराइज फ्लशिंग सिस्टम वाले नए रेलवे कोच तैयार किए जा रहे हैं।
लाखों लीटर पानी की होगी बचत
प्रेशराइज फ्लशिंग सिस्टम के इलेक्ट्रो न्यूमेटिक फ्लश वॉल्व के चलते फ्लस लीवर दबाने पर हवा के दबाव के साथ पानी निकलता है। यह प्रणाली आधुनिक सेंसर से भी काम करती है। लीवर नहीं दबाने वाले यात्री बगैर पानी बहाए चले जाते हैं तो दरवाजे पर लगा सेंसर इस मशीन को एक्टिवेट कर देता है। हवा और पानी के मिश्रण प्रेशर से मात्र 30 सेकंड में ही टॉयलेट की सफाई कर देते हैं। एक ट्रेन में लगने वाले 20 कोच में एक फ्लशिंग चक्र में 60 की जगह 30 लीटर पानी ही इस्तेमाल करना पड़ेगा। इस प्रकार 380 कोच में एक बार फ्लस दबाने पर 1140 लीटर पानी बचेगा जबकि 3000 कोच में एक बार फ्लस दबाने पर 90 हजार लीटर पानी बचत होगी।
टैक्स चोरी रोकने अनिवार्य हुआ ऑडिट ट्रेल सॉफ्टवेयर का उपयोग
27 Mar, 2023 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स द्वारा जारी सर्कुलर के बाद कम्पनीज एक्ट में पंजीकृत कंपनियों के लिए 1 अप्रैल से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब कंपनियों में वित्तीय गड़बडिय़ों एवं टैक्स चोरी रोकने के लिए नए वित्तीय वर्ष में ऑडिट ट्रेल वाले सॉफ्टवेयर में हिसाब रखना अनिवार्य किया गया है। इसका पालन नहीं करने पर 50 हजार रुपए तक की पेनल्टी भी लगाई जा सकेगी। यह व्यवस्था वर्तमान में केवल कंपनियों पर लागू होगी, पार्टनरशिप या प्रॉप्राइटरशिप फर्म पर नहीं। इससे न सिर्फ कंपनियों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा, बल्कि कोई भी गलती अब छुपाना लगभग असंभव होगा।
अब तक बहुत सी कंपनियां पायरेटेड या ऐसे सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर अपने खाते रखती थी, जिससे बहीखातों में या अकाउंट की डिटेल में आसानी से कोई भी परिवर्तन किया जा सकता था या बहीखातों के पेज बदल दिए जाते थे, परंतु अब यह संभव नहीं होगा। अब कंपनियों को ऐसा अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को उपयोग करना होगा, जो एडिट लॉग को बनाए रखने में सक्षम होगा।
पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी
सीए इंस्टिट्यूट की रीजनल काउंसिल के सचिव सीए कीर्ति जोशी ने बताया कि नए वित्तीय वर्ष में इस पर टिप्पणी करना ऑडिटर का उत्तरदायित्व होगा कि कंपनी किए गए सभी लेन-देन ऐसे सॉफ्टवेयर में दर्ज किए जा रहे हैं या नहीं, और आगे ऑडिट ट्रेल सुविधा के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं, और कंपनी ऐसे ऑडिट ट्रेल को संरक्षित कर रही है या नहीं। सरकार ने समग्र प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही के स्तर को बढ़ाने के लिए इस प्रावधान को लागू किया है। ऑडिट ट्रेल्स को कम से कम आठ वर्षों तक संरक्षित रखने की आवश्यकता होगी।
500 वर्ग किलोमीटर में बाघों का बसेरा
27 Mar, 2023 09:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 4 साल में टाइगर दोगुने हो गए हैं। 2018 की गणना में 124 थे, जो अब 220 हैं, जबकि इस बीच यहां 40 टाइगर की मौत हो चुकी है। अभी ताजा आंकड़े नहीं आए हैं, लेकिन बांधवगढ़ पार्क में 185 वयस्क टाइगर कैमरे में कैप्चर हो चुके हैं। अन्य 35 से ज्यादा की मौजूदगी के निशान मिले हैं। इसलिए इनकी संख्या 220 है। इनमें से करीब 70 टाइगर पार्क से बाहर निकल चुके हैं। इनके बाहर होने से बांधवगढ़ से लेकर कान्हा, पेंच और संजय टाइगर रिजर्व तक 500 वर्ग किमी क्षेत्र में टाइगर कॉरिडोर बन गया है। पूरे इलाके में हर जगह टाइगर हैं।
टाइगर की क्षेत्रफल के हिसाब से संख्या को लेकर 2018 में उत्तराखंड का जिम कार्बेट नेशनल पार्क पहले नंबर पर था, लेकिन इस बार बांधवगढ़ का नंबर-1 आना तय है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क के रेंज ऑफिसर रंजन परिहार बताते हैं कि हमारे ताला की झूमरी नाम की बाघिन तकरीबन 300 किमी दूर छत्तीसगढ़ के अचानकमाल के जंगल में है। यानी हमारे बाघों के लिए जगह कम पडऩे लगी है। इसलिए हमने 2500 वर्ग किमी एरिया बढ़ाने की योजना बनाकर सरकार को दी है।
टाइगर रिजर्व में पहाड़ी क्षेत्र और कई गुफाएं हैं, जिनमें 6 महीने तक बाघिन अपने बच्चों को सुरक्षित और छिपाकर रख लेती है। यहां अधिकांश एरिया ऐसा है जहां लोगों की आवाजाही बिलकुल नहीं है। पहाड़ पर बेहतर गुफाएं हैं और पानी के लिए पहाड़ी पर प्राकृतिक 12 तालाब हैं। पानी का सोर्स बहुत बेहतर है। सबसे अच्छा पानी का सोर्स 3 किलोमीटर में माना जाता है लेकिन बांधवगढ़ में 2 किलोमीटर पर है। हमारे पास 450 जल स्त्रोत हैं। 85 हजार चीतल बाघ का नैचुरल फूड हैं। बांधवगढ़ में 165 किलोमीटर की 11 केवी की इलेक्ट्रिक लाइन है। हमारे पास 738 लोगों का नियमित स्टाफ है। इसके अलावा एक हजार लोग अनियमित हैं। हम 5-5 किलोमीटर का एरिया बांटकर रातभर पेट्रोलिंग करते हैं।
अप्रैल के पहले सप्ताह में फिर एक्टिविटी बढ़ेगी
27 Mar, 2023 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भोपाल । मध्यप्रदेश में बारिश और ओले के सिस्टम की एक्टिविटी कमजोर पड़ गई है। इस कारण भोपाल, इंदौर और उज्जैन में बादल छाए रहेंगे। पहले इन जगह ओलावृष्टि की संभावना थी। अप्रैल के पहले सप्ताह फिर से पश्चिमी विक्षोभ की एक्टिविटी बढ़ सकती है।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ कमजोर हो गया है। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में बादल छाए जाएंगे। ग्वालियर-चंबल में स्ट्रॉन्ग दिख रहा था, लेकिन यहां भी कमजोर पड़ गया है। रविवार को जबलपुर समेत सिवनी, मंडला, बालाघाट, शहडोल में कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है। 1 अप्रैल से नया सिस्टम बन रहा है, लेकिन कितना स्ट्रॉन्ग होगा, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। हालांकि, इस बीच तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।
राजस्थान के ऊपर चक्रवात बनने और श्रीलंका से नॉर्थ मध्यप्रदेश की तरफ ट्रफ लाइन आने के कारण 24 मार्च से मौसम बदल गया। मुरैना, जबलपुर और सागर में पहले दिन बूंदाबांदी हुई। वहीं, ग्वालियर-अनूपपुर में बौंछारें गिरीं।
26 मार्च को भोपाल संभाग के जिलों और नर्मदापुरम में ओलावृष्टि के आसार थे। आकाशीय बिजली भी गिरने की संभावना रही। रीवा, सागर, चंबल संभाग के साथ ग्वालियर-दतिया में तेज आंधी के साथ बारिश होने की संभावना बताई गई थी। शहडोल-जबलपुर संभाग में ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी चलने के आसार थे। इन जिलों में मौसम तो बदला रहेगा, लेकिन तेज आंधी और ओलावृष्टि की संभावना कम ही है।
भोपाल में रविवार को बादल छाए रहेंगे, लेकिन 27 और 28 मार्च को तेज गर्मी पडऩे के आसार है। इससे दिन का तापमान 35 डग्री तक पहुंच सकता है। वहीं, रात में तापमान 19-20 डिग्री के आसपास रहेगा। हालांकि, शनिवार को कई शहरों में तापमान में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
सिंधिया के गढ़ में दिग्विजय की दहाड़
26 Mar, 2023 10:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बोले- नरेंद्र मोदी के निकट संबंध वाले भगौड़े हैं, राहुल ने चोर कहा तो क्या गुनाह किया
भोपाल । सिंधिया के गढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दहाड़ लगाई है। यहां दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कोई ह्रक्चष्ट वाला घोटाला कर या रुपए लेकर नहीं भागा है। जितने भी भागे हैं, वे भाजपा नेताओं के निकटतम लोग हैं। नरेन्द्र मोदी के निकट वाले लोग हैं। यदि राहुल गांधी ने उन्हें चोर कह दिया तो क्या गुनाह किया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाए कि वह धर्म की आड़ में देश को ठग रहे हैं और लूट रहे हैं।
ग्वालियर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर जमकर हमला किया है। उनका कहना है कि साल 2023 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक तरफ जीत दर्ज कर रही है। जब उनसे पूछा गया कि केन्द्र में महागठबंधन बनाने में जो दल साथ आने को तैयार हैं, लेकिन प्रदेश में वह कांग्रेस के खिलाफ लड़ रहे हैं, जैसे आप, बसपा...? इस पर पूर्व सीएम दिग्विजय का कहना है कि प्रदेश में हमें किसी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, हम यह चुनाव जीत रहे हैं।
संसद में राहुल की अटेंडेंस पर उखड़े दिग्विजय सिंह
जब दिग्विजय सिंह से यह पूछा गया कि आपका कहना है कि राहुल गांधी आम जनता की आवाज उठा रहे हैं, तो संसद में उनकी अटेंडेंस 50 प्रतिशत से कम क्यों हैं। इस पर दिग्विजय ने उखड़ते हुए अंदाज में कहा कि राहुल गांधी को संसद में बोलने दिया जाए तब तो अटेंडेंस बढ़ेगी। जनता की अदालत में उनकी अटेंडेंस पूरी है। 4000 किलोमीटर वह चले हैं। कोई भाजपा नेता कभी जनता के बीच इतना चला है क्या।
कांग्रेस एकजुट क्यों नहीं दिख रही है
जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया कि राहुल गांधी का इतना बड़ा मुद्दा हुआ तो भी कांग्रेस एकजुट नहीं दिख रही है। मध्य प्रदेश में भी विधानसभा में जीतू पटवारी के मसले पर एकजुटता नहीं दिखा पाए। इस पर दिग्विजय सिंह का कहना था कि कांग्रेस एकजुट है। राहुल गांधी की सदस्यता खत्म के मुद्दे पर पूरे देश में आक्रोश है। कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है।
भोपाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर बोले
भोपाल में आज होने वाले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम शिवराज सिंह, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की बैठक है। आगामी चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जा रही है। इस पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि बनाने दो रणनीति। आगामी चुनाव में कांग्रेस जीत रही है और कमलनाथ मुख्यमंत्री बन रहे हैं।
किसानों को 6 हजार दे रहे हैं, 30 हजार रुपए निकाल रहे हैं
दिग्विजय सिंह ने किसान सम्मान निधि पर कहा है कि सरकार किसानों को 6 हजार रुपए सम्मान निधि के रूप में दे रही है लेकिन खेती के उपकरण और सामग्री महंगी कर जेब से 30 हजार रुपए निकाल रही हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि एक दलित महिला को बिजली कनेक्शन काटने वाले बिजली वालों के पीछे दौड़ते हुए आने का वीडियो वायरल हुआ है। इस पर शिवराज मामा उर्फ मामू को शर्म आनी चाहिए। क्या यह लाड़ली बहना योजना है।