व्यापार (ऑर्काइव)
क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाला खर्च 1.4 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा....
16 Jul, 2023 03:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाला खर्च मई में रिकॉर्ड हाई 1.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए डाटा में ये जानकारी दी गई। हालांकि, क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च पिछले वित्त वर्ष की तरह ही एक सीमित दायरे में रहा है और मासिक आधार पर पांच प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।
क्रेडिट कार्ड की संख्या में हुआ इजाफा
क्रेडिट कार्ड की संख्या में 2023 की शुरुआत से अब तक 5 मिलियन (50 लाख) की बढ़ोतरी हुई है और इसने 87.4 मिलियन (8.74 करोड़) के आंकड़े को छू लिया है। आरबीआई के डाटा ये जानकारी मिली। चालू वित्त वर्ष के दो महीने में दो मिलियन क्रेडिट कार्ड जोड़े गए हैं। डाटा में जानकारी दी गई कि देश में जनवरी 2023 में 82.4 मिलियन (8.24 करोड़), फरवरी 83.3 मिलियन (8.33 करोड़), मार्च 85.3 मिलियन (8.53 करोड़) और अप्रैल 86.5 मिलियन (8.65 करोड़) पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में क्रेडिट कार्ड से खर्च 1.1 लाख करोड़ से लेकर 1.2 लाख करोड़ बीच रहा था। मई में 1.4 लाख करोड़ रुपये था। आरबीआई के डाटा के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड का औसत खर्च 16,144 रुपये रहा है।
देश के सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड कंपनियां
एचडीएफसी बैंक - 1.81 करोड़
एसबीआई कार्ड्स - 1.71 करोड़
आईसीआईसीआई बैंक - 1.46 करोड़
एक्सिस बैंक- 1.24 करोड़
एसेट क्वालिटी कैसी है?
90 दिन से अधिक समय तक क्रेडिट कार्ड का बिल न भुगतान करने वालों की संख्या 2.94 प्रतिशत रही है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 0.66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि, इसी अवधि में पसर्नल लोन की एसेट क्ववालिटी में 0.04 प्रतिशत का सुधार होकर 0.94 प्रतिशत हो गया है।
ट्रेन टिकट कैंसिल करने पर कब मिलता है पूरा रिफंड....
16 Jul, 2023 03:17 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के समय में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में ट्रेनों में सफर करने में हम काफी कंफ्यूज हो जाते हैं। ऐसे में हम कई बार हम ट्रेन की टिकट को कैंसिल कर देते हैं। अगर हम कभी 'कंफर्म', 'आरएसी' या 'वेटिंग' के टिकटों को कैंसिल कर देते हैं तब की चार्ज कट जाते हैं। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे के ट्रेनों के रद्द हो जाने या फिर देरी से चलने पर टिकट को कैंसिल कर देते हैं कब हमें पूरी रिफंड मिल जाता है। कई यात्रियों को इसके बारे में पता नहीं है। देश में इस समय कई हिस्सों में बारिश और तूफान आ रहा है। ऐसे में रेल यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। देश में कई ट्रेनें रद्द की गई है। वहीं कई ट्रेनों की रूट को डायवर्ट कर दिया गया है। इस वजह से कई यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर आप इस समय अपनी ट्रेन की टिकट को कैंसिल करते हैं तब आपको पूरा रिफंड मिल जाता है। इसेक लिए आपको एक प्रोसेस फॉलो करना पड़ेगा।
क्या है रेलवे का नियम
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार अगर कोई ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा देर हो जाती है। ऐसे में अगर कोई यात्री टिकट को कैंसिल करते हैं तो उसे पूरा रिफंड मिल जाएगा। आपने अगर काउंटर से टिकट ली है तो आप आरक्षण केंद्र में जाकर टिकट को कैंसिल कर सकते हैं। वहीं, अगर आपने आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर से ऑनलाइन टिकट लिया है तो आप वेबसाइट पर जाकर टिकट को कैंसिल कर सकते हैं।
क्या है इसका पूरा प्रोसेस
अगर ट्रेन के चार्ट तैयार होने के बाद आपकी ट्रेन लेट हो जाती है तो आप टीडीआर दाखिल कर सकते हैं। आपको इसके लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाकर लॉग-इन करना है और फिर अपना टिकट रद्द करने के लिए जरूरी बाकी स्टेप्स को फॉलो करें। अगर कभी ट्रेन को रद्द कर दिया जाता है तब आपके अकाउंट में ऑटोमेटिक प्रोसेस से पूरा रिफंड मिल जाता है। आपके बैंक अकाउंट में 7 दिन के भीतर पैसे वापस आ जाएंगे। अगर आपने काउंटर पर जा कर के टिकट लिया है तो आपको पूरा रिफंड पीआरएस (यात्री आरक्षण प्रणाली) काउंटर पर जाकर मिल जाएगा। यात्री जिस दिन क्लेम करता है उसके 3 दिनों के भीतर यात्री को रिफंड मिल जाता है।
ज्वाइंट होम लोन लेना चाहते है तो जानिये क्या हैं इसके फायदे....
16 Jul, 2023 02:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अपना घर होना हर किसी का सपना होता है। इस सपने को हकीकत बनाने के लिए हर कोई अपने स्तर पर कड़ी मेहनत करता है। हर दिन आवासीय अचल संपत्ति की कीमतें तेजी से बढ़ रही है जिसकी वजह से घर लेना महंगा होता जा रहा है। ऐसे में जब तक किसी के पास पहले से बड़ी बचत न हो, घर की पूरी कीमत चुकाना लगभग असंभव होता है। मध्यम आय वाले व्यक्ति के लिए, एकमात्र विकल्प होम लोन लेना और वर्षों तक उसका भुगतान करना होता है। होम लोन के लिए आवेदन करने के अपने नियम और आवश्यकताएं हैं। आज हम आपको यहीं बताएंगी की अकेले होम लोन के बजाए ज्वाइंट होम लोन के क्या फायदे हैं।
क्या होता है ज्वाइंट होम लोन?
इसके नाम से ही इसका मतलब स्पष्ट हो रहा है यह एक ऐसा लोन है जो किसी अन्य व्यक्ति, आमतौर पर पति या पत्नी या माता-पिता के साथ संयुक्त रूप से लिया जाता है। अब जानिए की ज्वाइंट होम लोन लेने के क्या फायदे हैं।
बढ़ी हुई मिलेगी लोन पात्रता
जब दो लोग एक साथ होम लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो उनकी संयुक्त आय का उपयोग लोन राशि की गणना के लिए किया जाता है। इससे अधिक लोन राशि स्वीकृत हो सकती है, जो यदि आप अधिक महंगा घर खरीदना चाह रहे हैं तो मददगार हो सकता है।
लोन जारी करने वाले को होता है भरोसा
लोन राशि, अवधि और ब्याज दर के संदर्भ में पात्रता तय करने से पहले लोन देने वाला हमेशा आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करते हैं। यदि आपके पास समय पर भुगतान के मामले में मजबूत क्रेडिट इतिहास है तो लोन प्राप्त करना आसान है। हालांकि, यदि आपका क्रेडिट इतिहास बहुत मजबूत नहीं है, तो लोन प्रस्ताव में एक सह-आवेदक को जोड़ा जा सकता है ताकि बैंक को लोन प्रस्ताव के बारे में अतिरिक्त सुविधा मिल सके और एकल व्यक्ति जोखिम के बजाय लोन चुकाने में दो लोग शामिल होंगे।
कम लगता है ब्याज दर
कुछ बैंक संयुक्त होम लोन पर कम ब्याज दर की पेशकश करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें कम जोखिम वाला लोन माना जाता है, क्योंकि लोन लेने वाले दो लोग होते हैं जो लोन चुकाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
मिलता है टैक्स बेनिफिट
आयकर नियमों के अनुसार, संयुक्त होम लोन दोनों लोन लेने वालों को धारा 80सी के साथ-साथ धारा 24 के तहत टैक्स लाभ का दावा करने की अनुमति देता है।
देश में 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा टमाटर का भाव....
16 Jul, 2023 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के ज्यादातर शहरों में भारी बारिश के कारण टमाटर की कीमतों में लगातार बढ़ती जा रही है। यह कई बड़े शहरों में 250 रुपये प्रति किलो के स्तर को भी छू गई है। टमाटर का दाम बढ़ने के पीछे की एक वजह बारिश के कारण फसल नष्ट होना और आपूर्ति का प्रभावित होना भी है। सरकारी डेटा के मुताबिक, भारत में औसत टमाटर का दाम 117 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। दिल्ली एनसीआर के साथ पटना, लखनऊ, कानपुर, आगरा और जयपुर में भी दाम बढ़े हुए हैं।
सस्ती दरों में सरकार बेच रही टमाटर
लोगों को राहत देने के लिए कल सरकार ने 90 रुपये प्रति किलो पर दिल्ली-एनसीआर, पटना और लखनऊ में टमाटरों की बिक्री की थी। शनिवार को मोबाइल वैन के लिए जरिए दिल्ली-एनसीआर में 18,000 किलो टमाटर की बिक्री की गई है। रविवार को सरकार ने कहा कि देश भर में 500 से अधिक बिंदुओं पर स्थिति का दोबारा आकलन करने के बाद आज 16 जुलाई से टमाटर 80 रुपये प्रति किलो बेचने का निर्णय लिया गया है। NAFED और NCCF के माध्यम से दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, पटना, मुजफ्फरपुर और आरा में कई जगहों पर बिक्री आज से शुरू हो गई है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) केंद्र की ओर से मोबाइल वैन के माध्यम से टमाटर बेच रहे हैं। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव दिल्ली और नोएडा के साथ लखनऊ, पटना और मुजफ्फपुर में रियायती दरों पर टमाटर की बिक्री शुरू कर दी गई है। उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से बताया गया कि 18000 किलो टमाटर की बिक्री दिल्ली एनसीआर में की गई है। लगता है कि इसका कुछ असर हुआ है और दिल्ली की आजादपुर मंडी में आज सब्जियों के दामों में कमी देखने को मिली है। लखनऊ में भी 7000 किलो टमाटर की बिक्री की गई है।
250 रुपये किलो तक बिक रहा टमाटर
उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा एकत्रित किए डाटा के मुताबिक, पूरे देश में शनिवार को टमाटर की औसत कीमत 116.86 रुपये प्रति किलो थी। टमाटर अधिकतम 250 रुपये प्रति किलो और न्यूनतम 25 रुपये किलो मिल रहा है। दिल्ली में टमाटर की कीमत 178 रुपये प्रति किलो, मुंबई में 150 रुपये प्रति किलो और चेन्नई में 132 रुपये प्रति किलो है। सबसे महंगा टमाटर हापुड़ में है, जिसकी कीमत 250 रुपये प्रति किलो है।
टैक्स रिटर्न फाइल करते समय इन बातों का ध्यान अवश्य रखें....
16 Jul, 2023 11:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप एक फ्रीलांसर या सलाहकार के रूप में काम करते हैं। आपका रिटर्न फाइल करने का तरीका वेतनभोगी व्यक्ति की तुलना में काफी अलग होगा। कोई भी सलाहकार को रिटर्न फाइल करते समय ITR-1 या ITR-2 फॉर्म का इस्तेमाल नहीं करना होता है। इसी के साथ वो 50,000 रुपये की कटौती के लिए क्लेम भी नहीं कर सकता है। इसका कारण है कि उसकी कोई सैलरिड इनकम नहीं होती है। हालांकि, वो बिजनेस एक्सपेंस के लिए क्लेम दे सकता है। इस आर्टिकल के जरिये जानते हैं कि सलाहकार के तौर पर काम करने वाले व्यक्ति को टैक्स रिटर्न फाइल करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही हम आईटीआर फाइल करने की पूरी प्रोसेस के बारे में जानते हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
टैक्स स्लैब
फ्रीलांसर या फिर कंसल्टेंट के तौर पर काम करने वाले व्यक्तियों के लिए इनकम टैक्स स्लैब मौजूद हैं। ये स्लैब वेतनभोगी व्यक्तियों के समान ही है। आपको अपने इनकम के आधार पर ही टैक्स स्लैब का चयन करना चाहिए। सलाहकार को हर साल कर व्यवस्था का चयन नहीं करना होता है। वहां, वेतनभोगी व्यक्ति को हर साल टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना होता है।
इनकम टैक्स एक्ट धारा 44एडीए
फ्रीलांसर या कंसल्टेंट को धारा 44एडीए के तहत टैक्स लगाने का ऑप्शन चुन सकते हैं। यह धारा सीबीडीटी द्वारा अधिसूचित कानूनी, चिकित्सा, इंजीनियरिंग या वास्तुशिल्प व्यवसायों या अकाउंटेंसी या तकनीकी परामर्श या आंतरिक सजावट या किसी अन्य पेशे में लगे प्रोफेशन के लिए लागू है। अगर कोई सलाहकार अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प को चुनते है, तो वह अपने इनकम से कोई भी टैक्स कटौती के लिए अप्लाई नहीं कर सकते हैं। उन्हें टैक्स कटौती की कोई अनुमति नहीं दी जाती है।
आईटीआर फॉर्म
फ्रीलांसर को रिटर्न फाइल करने के लिए फॉर्म-3 का उपयोग करना चाहिए। अगर सलाहकार अनुमानित टैक्सेशन के ऑप्शन को सिलेक्ट करते हैं तब उसे फॉर्म-4 को चुनना होता है। ये फॉर्म-3 से काफी आसान होता है। इसमें सलाहकार को अपने प्रॉफिट और नुकसान की जानकारी देनी होती है। अगर फ्रीलांसर की इनकम 50 लाख से ज्यादा है तब वो फॉर्म-4 नहीं भर सकते हैं।
कैसे करें आईटीआर फाइल
आपको आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाकर लॉग-इन करना है।
लॉग-इन के बाद आपको रिटर्न फाइल के ऑप्शन को सिलेक्ट करना होगा।
अब आपको वित्त वर्ष 2022-23 के विकल्प को सिलेक्ट करने के बाद ऑनलाइन ऑप्शन को सिलेक्ट करें।
अब आपको न्यू फाइलिंग पर क्लिक करना है।
इसके बाद आपको Individual के ऑप्शन को सिलेक्ट करना है।
अब आपको सही आईटीआर फॉर्म को सिलेक्ट करें।
अब आपको फॉर्म पर मौजूद निर्देशों को ध्यान से पढ़ना चाहिए। अब फॉर्म में दी गई सभी जानकारी को भरना चाहिए।
इसके बाद आपको सभी जानकारी को चेक करना चाहिए। कोई भी गलती हो जाने के बाद आपका रिटर्न अमान्य हो जाएगा।
अब आप टैक्स कटौती के लिए क्लेम कर सकते हैं।
इसके बाद आपको अपना रिटर्न वेरीफाई करना होगा। आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में अपना रिटर्न वेरिफाई करवा सकते हैं।
जानें अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के नए दाम....
16 Jul, 2023 11:22 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से रविवार को पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट कर दिए गए हैं। पेट्रोल- डीजल की कीमत में कोई परिवर्तन नहीं देखा गया है। पेट्रोल-डीजल के दाम समान बने हुए हैं। आखिरी बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव 2022 में हुआ था। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये प्रति लीटर और एक लीटर डीजल 92.76 पर बिक रहा है। मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर मिल रहा है। चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये प्रति लीटर और एक लीटर डीजल 94.24 पर बिक रहा है।
नोएडा-गुरुग्राम समेत अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा में पेट्रोल 96.53 रुपये और डीजल 89.71 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम में पेट्रोल 97.10 रुपये और डीजल 89.96 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु में पेट्रोल 101.94 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर
भुवनेश्वर में पेट्रोल 103.54 रुपये और डीजल 95.09 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़ में पेट्रोल 96.20 रुपये और डीजल 84.26 रुपये प्रति लीटर
पटना में पेट्रोल 107.24 रुपये और डीजल 94.04 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद में पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर
कच्चे तेल की कीमत
रविवार के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज कीमतों में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। कच्चा तेल 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बना हुआ है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 79.87 डॉलर प्रति बैरल और डब्लूटीआई क्रूड की कीमत 75.42 डॉलर प्रति बैरल है।
कैसे चेक करें पेट्रोल-डीजल के दाम
आप भी एक क्लिक पर अपने शहर में पेट्रोल-डीजल के दाम पता कर सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, इसके लिए आपको 92249 92249 पर RSP डीलर कोड लिखकर एसएमएस करना होगा। बता दें, पेट्रोल-डीजल के दाम प्रतिदिन सुबह 6 बजे जारी किए जाते हैं। इसमें कच्चे तेल की कीमत के अलावा, डीलर कमीशन, केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स, ढुलाई की लागत को शामिल किया जाता है।
कर्मचारी की मृत्यु के बाद, उसकी पत्नी को पेंशन का लाभ मिलता है, जाने सारी डिटेल....
15 Jul, 2023 04:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी की रिटायरमेंट की उम्र 58 साल है। अगर आपने 10 साल तक भी किसी प्राइवेट फर्म में नौकरी की है तो आप पेंशन के हकदार हो जाते हैं। ये पेंशन कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद दी जाती है। अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल सामने आता है कि अगर कभी किसी कर्मचारी की मृत्यु 58 साल के उम्र के बाद होती है तो क्या उसकी पत्नी को पेंशन का लाभ मिलता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। कई बार शारीरिक रूप से अस्वस्थ हो जाने पर व्यक्ति की अचानक से मौत हो जाती है। ऐसे में ईपीएफ की तहत मिलने वाली राशि से मृतक के परिवार के लिए काफी फायदेमंद साबित हो जाता है।
ईपीएफओ के तहत मिलता है पेंशन
प्राइवेट कर्मचारी को पेंशन देने की जिम्मेदारी ईपीएफओ की होती है। ईपीएफ एक तरह का प्रोविडेंट फंड होता है, जो कर्मचारी को आर्थिक तौर पर सशक्त करने के लिए दिए जाते हैं। कर्मचारी हर महीने अपनी सैलरी का एक निश्चित राशि ईपीएफ फंड में डालता है। ये राशि कर्मचारी के सैलरी का 12 फीसदी होता है। कर्मचारी के साथ कंपनी के द्वारा भी योगदान दिया जाता है। कंपनी भी हर महीने उतना ही पीएफ अकाउंट में योगदान करती है। इस फंड का इस्तेमाल रिटायरमेंट के द्वारा किया जाता है।
कब से मिलती है पेंशन
सरकार ने 58 साल रिटायरमेंट की उम्र तय की है। कर्मचारी के द्वारा की गई योगदान राशि का एक हिस्सा पीएफ फंड में और एक हिस्सा ईपीएस में जमा किया जाता है। जब कर्मचारी की उम्र 58 साल के पार हो जाती है तो वो इस फंड से पैसे निकाल सकते हैं। पीएफ अकाउंट से कर्मचारी एकमुश्त पैसा निकाल सकते हैं, वहीं ईपीएस अकाउंट में जमा किये गए फंड को पेंशन के तौर पर कर्मचारी को दिया जाता है।
पत्नी को पेंशन कब मिलती है
अगर कर्मचारी की मृत्यु 58 साल के बाद हो जाती है तब उसके पेंशन का हक उनकी बीवी को मिल जाता है। इसी के साथ नॉमिनी को पूरी राशि मिलती है। अगर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तब पेंशन अमाउंट का आदा हिस्सा उसकी पत्नी को मिल जाती है। अगर रिटायरमेंट से पहले ही एंप्लॉयी की मृत्यु हो जाती है तब पत्नी को बतौर पेंशन ये राशि दी जाती है। इसमें एंप्लॉयी के निधन के बीच जितना अंतर होता है उतना ही कम पेंशन अमाउंट दिया जाता है। विधवा के लिए पेंशन अमाउंट 1,000 रुपये तय की गई है। इसका मतलब ये हुआ कि कर्मचारी की मृत्यु के बाद विधवा पत्नी के 1,000 रुपये की राशि पेंशन के तौर पर मिलता है।
एसबीआई और पोस्ट ऑफिस की एफडी की तुलना, किसमें मिल रहा अधिक ब्याज....
15 Jul, 2023 03:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आरबीआई की ओर से रेपो रेट बढ़ाने के बाद एफडी पर मिलने वाली ब्याज में तेजी से इजाफा हुआ है। इस कारण पिछले कुछ समय से एफडी पर आकर्षक ब्याज मिल रहा है। ऐसे निवेशक जो बिना कोई जोखिम उठाएं सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए बैंक एफडी एक अच्छा विकल्प है। आज हम इस रिपोर्ट में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई और पोस्ट ऑफिस की एफडी की ब्याज की तुलना करेंगे कि किसमें निवेशकों को अच्छा ब्याज मिल रहा है।
SBI की एफडी पर निवेशकों को ब्याज
एसबीआई की बैंक एफडी में 7 दिनों से लेकर 10 साल की अवधि की एफडी पर 3.00 प्रतिशत से लेकर 7.1 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 प्रतिशत की अतिरिक्त ब्याज दी जा रही है। एसबीआई की ओर से एक साल से लेकर दो साल से कम की एफडी पर 6.8 प्रतिशत की ब्याज दी जा रही है। वहीं, दो साल से लेकर तीन साल से कम की एफडी पर 7 प्रतिशत की ब्याज दर दी जा रही है।
7 दिनों से लेकर 45 दिनों की एफडी पर - 3 प्रतिशत
46 दिनों से लेकर 179 दिनों की एफडी पर - 4.5 प्रतिशत
180 दिनों से लेकर 210 दिनों की एफडी पर - 5.25 प्रतिशत
211 दिनों से लेकर एक साल से कम की एफडी पर - 5.75 प्रतिशत
1 साल से लेकर दो साल से कम की एफडी पर - 6.80 प्रतिशत
2 साल से लेकर तीन साल से कम की एफडी पर - 7.00 प्रतिशत
3 साल से लेकर पांच साल से कम की एफडी पर - 6.50 प्रतिशत
5 साल से लेकर 10 साल तक की एफडी पर - 6.50 प्रतिशत
400 दिनों की स्पेशल एफडी पर - 7.10 प्रतिशत
Post Office की लेटेस्ट ब्याज दर
पोस्ट ऑफिस की ओर से एक साल की टर्म डिपॉजिट पर 6.9 प्रतिशत, दो साल की टर्म डिपॉजिट पर 7 प्रतिशत, तीन साल की टर्म डिपॉजिट पर 7 प्रतिशत और पांच साल की टर्म डिपॉजिट पर 7.5 प्रतिशत की ब्याज दर दी जाती है। बता दें, एफडी पर निवेशकों को इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट पांच साल तक की लॉक इन वाली एफडी पर मिलती है।
इन बैंकों में सबसे कम ब्याज दरों पर मिल रहा होम लोन....
15 Jul, 2023 02:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप भी अपना घर बनाने या फिर घर खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो अब आप इस सपने के आसानी से साकार कर सकते हैं। देश में कई बैंक काफी कम ब्याज दरों में ग्राहक को होम लोन उपलब्ध करवाते हैं। आपको बता दें कि होम लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है। रेपो रेट के बढ़ जाने के बाद से बैंकों ने भी होम लोन की ब्याज दरों में इजाफा किया है। आपको कोई भी लोन लेने से पहले बैंकों के ब्याज दरों की जानकारी जरूर जान लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि देश में कौन-सा बैंक आपको कम ब्याज दरों में होम लोन दे रहा है। पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। इस बैंक में होम लोन के काफी अच्छे ऑप्शन मौजूद है। इस बैंक में होम लोन की ब्याज दरें 8.45 फीसदी से शुरू होती है। वहीं सबसे अधिकतम ब्याज दरें 9.45 फीसदी है।
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया है। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के मर्जर के बाद ये बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक बना है, इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सबसे बड़ा बैंक था। ये बैंक ग्राहक को होम लोन पर 8.45 फीसदी से 9.85 फीसदी तक का ब्याज दर ऑफर करता है।
इंडसइंड बैंक
होम लोन लेने के लिए ग्राहकों के पास इंडसइंड बैंक भी काफी अच्छा ऑप्शन है। ये बैंक ग्राहक को 8.5 फीसदी से 9.75 फीसदी तक का इंटरेस्ट रेट ऑफर करता है।
इंडियन बैंक
देश के इंडियन बैंक भी ग्राहक को काफी कम ब्याज दर में होम लोन को उपलब्ध कराता है। इस बैंक में होम लोन पर ग्राहक को 8.5 फीसदी से 9.9 फीसदी तक का ब्याज ऑफर करता है। ये ब्याज दरें सबसे सस्ती दरें हैं।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
बैंक ऑफ महाराष्ट्र अपने ग्राहक को 8.6 फीसदी का ब्याज दर उपलब्ध कराता है। इस बैंक में सबसे ज्यादा ब्याज दर 10.3 फीसदी है।
इंडेक्स फंड्स ने लंपसम निवेश को स्वीकार करने से किया इनकार....
15 Jul, 2023 12:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार के सभी मुख्य सूचकांक इन दिनों अपने उच्चतम स्तर पर हैं। सेंसेक्स, निफ्टी के साथ स्मॉल शेयरों ने भी निवेशकों को पिछले कुछ महीनों के दौरान शानदार रिटर्न दिया है, लेकिन इस दौरान कुछ एएमसी कंपनियों ने स्मॉल कैप इंडेक्स फंड्स के लिए नए लंपसम निवेश को स्वीकार करने करने से इनकार कर दिया है।
बाजार का रिकॉर्ड हाई पर होना
म्यूचुअल फंड कंपनियों की ओर से नया लंपसम निवेश न स्वीकार करने की वजह स्मॉल कैप इंडेक्स के साथ बाजार का रिकॉर्ड हाई पर होना है। जब भी कोई निवेश बाजार के रिकॉर्ड हाई पर किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करता है तो उसके निवेश पर अच्छा रिटर्न बनाना म्यूचुअल फंड कंपनियों के मैनेजरों के लिए मुश्किल हो जाता है।
निवेशकों के हितों की रक्षा
म्यूचुअल फंड कंपनियों की ओर से निवेश करते समय निवेशकों के हितों का भी ध्यान रखा जाता है, जिससे कि उन्हें बेहतर रिटर्न दिया जा सके। ऐसे में अगर कोई निवेश इन स्मॉल कैप शेयरों में रिकॉर्ड स्तर पर लंपसम निवेश करता है तो उसके लिए रिटर्न औसत से कम हो सकता है और शेयर बाजार में कोई बड़ा करेक्शन आने पर नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। बता दें, स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स में 65 प्रतिशत निवेश मार्केट कैप के हिसाब से नीचे 251 नंबर और उससे नीचे की कंपनियों में किया जाता है।
रिकॉर्ड स्तर पर भारतीय बाजार
भारतीय बाजार में पिछले कुछ महीनों के सकारात्मक रुझान बना हुआ है। बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स 66,000 अंक और एनएसई का बेंचमार्क निफ्टी 19,500 अंक के ऊपर पहुंच गया है। बाजार में तेजी की वजह एफआईआई की खरीदारी भी है।
इस साल इन व्यक्तियों को नहीं भरना होगा आईटीआर....
15 Jul, 2023 12:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस साल सभी करदाता को 31 जुलाई 2023 से पहले ही अपना रिटर्न फाइल करना है। अभी तक वित्त 2022-23 के लिए 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने रिटर्न फाइल कर चुके हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार तय किया गया है कि जिस भी व्यक्ति की इनकम 3 लाख रुपये से ज्यादा है तो उन्हें आईटीआर फाइल करना चाहिए। आयकर विभाग द्वारा कुछ कैटेगरी के लोगों को रिटर्न फाइल करने में छूट मिलती है। इसके लिए कुछ नियम व शर्तें भी हैं। इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 194 पी के तहत कुछ सीनियर सिटीजन को रिटर्न फाइल करने में राहत मिलती है। इसके लिए उन्हें पात्रता की शर्तों को पूरा करना होगा।
धारा 194 पी के तहत किसे आईटीआर फाइल करने में छूट मिलती है
वित्त वर्ष 2022-23 यानी 31 मार्च 2023 को खत्म हुए साल में जिस भी सीनियर सिटीजन की आय़ु 75 साल से ज्यादा हो गई है। उन सभी को रिटर्न फाइल करने से छूट दी गई है। इन नागरिक के पास पेंशन के अलावा कोई और इनकम का सोर्स नहीं होना चाहिए। इन नागरिक को उसी बैंक से ब्याज का इनकम मिलेगा जिसमें पेंशन आती है।
इन बातों का रखें ध्यान
केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक सीनियर सिटीजन को जिस बैंक से पेंशन और उसका इंटरेस्ट आता है, उसमें नागरिक को घोषणा पत्र जमा करना होता है। इसमें नागरिक की सभी जानकारी शामिल होना चाहिए। सीनियर सिटीजन की दो श्रेणी होती है। एक श्रेणी वो होती है जिन्हें टैक्स का भुगतान करना होता है और दूसरी श्रेणी वो होती है जिनको टैक्स का भुगतान नहीं करना होता है।
करदाता के निधन के बाद कौन भरेगा इनकम टैक्स का रिटर्न
इनकम टैक्स एक्ट के अनुसार अगर किसी टैक्सपेयर्स की मृत्यु हो जाती है तब उनके कानूनी उत्तराधिकारी को आईटीआर फाइल करना होगा। इस रिटर्न में उन्हें उस इनकम की जानकारी देनी होगी जो मृतक व्यक्ति के नाम से कमाई जाती है। इसके लिए कानूनी उत्तराधिकारी को अपना नाम कानूनी रूप से रजिस्टर करना होगा। कानूनी उत्तराधिकारी रिटर्न फाइल करने के साथ ही रिफंड के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं।
अपडेट हुए पेट्रोल-डीजल के नए रेट्स, जानें आपके शहर के दाम....
15 Jul, 2023 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियों की ओर से पेट्रोल-डीजल के दाम शनिवार को अपडेट कर दिए गए हैं। आज भी पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। पेट्रोल-डीजल के दाम जस के तस बने हुए हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमत में करीब एक साल से ज्यादा समय से कोई बदलाव नहीं हुआ है।
दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल-डीजल की कीमत
दिल्ली: पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर
कोलकाता: पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर
मुंबई: पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर
चेन्नई: पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम और नोएडा समेत अन्य शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत
गुरुग्राम: पेट्रोल 97.04 रुपये और डीजल 89.91 रुपये प्रति लीटर
नोएडा: पेट्रोल 96.65 रुपये और डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 108.45 रुपये और डीजल 93.69 रुपये प्रति लीटर
लखनऊ: पेट्रोल 96.47 रुपये और डीजल 89.66 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 107.24 रुपये और डीजल 94.04 रुपये प्रति लीटर
भुवनेश्वर: पेट्रोल 103.19 रुपये और डीजल 94.76 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 96.20 रुपये और डीजल 89.26 रुपये प्रति लीटर
कच्चे तेल की आज कीमत
कच्चे तेल की कीमत 80 के पास पहुंच गई है। बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.83 प्रतिशत या 1.49 डॉलर कम होकर 79.87 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है। डब्लूटीआई क्रूड की कीमत 1.47 डॉलर या 1.91 प्रतिशत गिरकर 75.42 डॉलर प्रति बैरल हो गई है।
प्रतिदिन जारी होते हैं दाम
पेट्रोल-डीजल के दाम प्रतिदिन सुबह 6 बजे जारी किए जाते हैं। इसमें कच्चे तेल की कीमत, ढुलाई की लागत और केंद्र एवं राज्य सरकारों की ओर से लगाए जाने वाले टैक्स के अलावा डीलर कमीशन शामिल होता है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक, आप 92249 92249 पर RSP डीलर कोड लिखकर एसएमएस के जरिए अपने नजदीकी पेट्रोल पंप से ताजा पेट्रोल डीजल के रेट पता कर सकते हैं।
Income Tax से मिला है नोटिस तो जांचे उसकी प्रामाणिकता....
14 Jul, 2023 04:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आपने वित्तीय वर्ष 23 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल किया है और आयकर विभाग ने टैक्स रिटर्न में पहचानी गई विभिन्न गलतियों के जवाब में, आपको नोटिस भेजा है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आय को गलत तरीके से प्रस्तुत करके कर रिफंड का गलत दावा करने या कर योग्य आय को कम करने के लिए घाटे की साजिश रचने जैसी धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल होने पर महत्वपूर्ण दंड हो सकता है। ऑनलाइन ठगी के जमाने में आपको कुछ भी पेमेंट करने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांच लेनी चाहिए। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि आप कैसे इसकी जांच कर सकते हैं।
कैसे करें प्रामाणिकता की जांच?
अगर आपको आयकर प्राधिकरण द्वारा जारी किसी नोटिस, आदेश या पत्र की प्रामाणिकता को सत्यापित करना हो तो आप इसे ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से प्रमाणित कर सकते हैं। अब हम आपको बतातें है कि आप इसकी प्रमाणिकता की जांच कैसे कर सकते हैं।
1. सबसे पहले आपको इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाना होगा। इसके बाद आप विभाग के मुखपृष्ठ पर, “Quick Links” लेबल वाले अनुभाग पर जाएं और विकल्प चुनें।
2. नोटिस, आदेश या पत्र को सत्यापित करने के लिए, आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर पैन, दस्तावेज प्रकार, मूल्यांकन वर्ष, इश्यू डेट और मोबाइल नंबर दर्ज करें। या फिर आप दस्तावेज पहचान संख्या और मोबाइल नंबर का भी उपयोग कर सकते हैं। यदि आप पैन, दस्तावेज प्रकार, मूल्यांकन वर्ष, जारी तिथि और मोबाइल नंबर का उपयोग करके प्रमाणित करना चुनते हैं, तो प्रमाणीकरण के लिए उपलब्ध एक अन्य विकल्प मोबाइल नंबर के साथ डीआईएन का उपयोग करना होगा। इसके बाद आप डीआईएन और मोबाइल नंबर दर्ज करें और आगे बढ़ें।
3. आपको फोन नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा, जिसे सत्यापित करना होगा। यदि आयकर प्राधिकरण द्वारा नोटिस या आदेश जारी किया गया है, तो इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करते हुए एक सफलता संदेश प्रदर्शित किया जाएगा, अन्यथा सिस्टम "दिए गए डीआईएन के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं मिला" बताते हुए एक संदेश प्रदर्शित करेगा।
4. सभी जरूरी डिटेल भरने के बाद आपके पास एक वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा जिसे आप दर्ज कर दें। एक बार ओटीपी सफलतापूर्वक मान्य हो जाने पर, जारी नोटिस का डीआईएन और जारी करने की संबंधित तारीख प्रदर्शित की जाएगी।
5. यदि आयकर विभाग द्वारा नोटिस जारी नहीं किया गया है, तो “No record found for the given criteria” बताते हुए एक संदेश प्रदर्शित किया जाएगा।
कानूनी प्रक्रिया से बचने के लिए करें ये काम
लंबे समय में जुर्माने और किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए सही डिटेल के साथ आईटीआर फॉर्म दाखिल करना जरूरी है। यदि आप टैक्सेशन से संबंधित दिशानिर्देशों और नियमों से अच्छी तरह नहीं जानते हैं, तो स्वतंत्र रूप से अपना आईटीआर दाखिल करने का प्रयास करने या कम लागत वाली सेवाओं की पेशकश करने वाले गैर-पेशेवर व्यक्तियों पर भरोसा करने के बजाय एक योग्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना सही रहेगा।
लेट बिल पेमेंट पर कितना लगता है चार्ज, जाने कैसे कैलकुलेट होता है ब्याज....
14 Jul, 2023 04:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने वाले सभी ग्राहकों को यह पता है कि कार्ड का बिल समय पर भरना होता है। जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त समय भी दिया जाता है, लेकिन अगर तय सीमा के भीतर बिल का भुगतान नहीं होता है तो क्रेडिट कार्ड जारी करनी वाली कंपनी आपके उपर पेनेल्टी लगाती है। आज हम आपको बताएंगे की समय से बिल ना भरने पर कितना चार्ज लगता है और यह कैसे कैलकुलेट किया जाता है।
कितना लगता है चार्ज?
पहले आपको बतातें हैं क्रेडिट कार्ड कंपनी आपको बिल भरने का कितना समय देती है। आपको बता दें कि कंपनी अपने ग्राहकों को बिल का पेमेंट करने के लिए 14 से 50 दिनों का समय देती है। अगर कोई व्यक्ति इस समय अवधि में भी अपना बिल नहीं भरता है तो फिर उसके उपर हर महीने ब्याज लगता है। इस ब्याज दर का उल्लेख वार्षिक एपीआर (वार्षिक प्रतिशत दर) के रूप में किया जाता है। यह दर 14 प्रतिशत से लेकर 40 प्रतिशत के बीच हो सकती है। जब भी आप टाइम पर बिल का पेमेंट नहीं करते तो आपके कार्ड की बकाया लिमिट पर ब्याज बढ़ जाता है। यहां आपको ध्यान देने वाली बात यह है कि यह ब्याज दर उस राशि के अनुसार लगता है जो लिमिट बची हुई है।
क्या है ब्याज दर लगाने का फॉर्मूला?
सबसे पहले आप जानिए की आप कार्ड का बिल जितना लेट भरेंगे उतना ब्याज दर बढ़ेगा। अगर आप न्यूनतम देय राशि देते है तो इस स्थिति में भी बैंक आपसे ब्याज लेगा। क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता आपके बकाया खाते पर प्रतिदिन के हिसाब से ब्याज की गणना करते हैं।
क्या होता है क्रेडिट कार्ड?
क्रेडिट कार्ड एक वित्तीय साधन है जो बैंकों द्वारा पूर्व-निर्धारित क्रेडिट सीमा के साथ जारी किया जाता है, जो आपको कैशलेस लेनदेन करने में मदद करता है। कार्ड जारीकर्ता आपके क्रेडिट स्कोर, क्रेडिट इतिहास और आपकी आय के आधार पर क्रेडिट सीमा निर्धारित करता है। क्रेडिट कार्ड की सबसे अच्छी बात यह है कि यह किसी बैंक खाते से जुड़ा नहीं होता है। इसलिए, जब भी आप अपना क्रेडिट कार्ड स्वाइप करते हैं, तो राशि आपके बैंक खाते से नहीं, बल्कि आपके क्रेडिट कार्ड की सीमा से काटी जाती है।
जाने कहां निवेश करने से होगा आपको फायदा....
14 Jul, 2023 02:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में गोल्ड के निवेश को पारंपरिक रुप से सुरक्षित और पसंदीदा निवेश विकल्प माना जाता है। गोल्ड में अगर कोई सबसे ज्यादा निवेश करता है तो वो कम आय वाले परिवार और ग्रामीण होते हैं। इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (IGPC) की घरेलू सर्वेक्षण से यह बात सामने आई कि निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोग सोने को बैंक एफडी की तुलना में बेहतर निवेश मानते हैं। उनका मानना है कि सोना मुद्रास्फीति से बचाव और शॉर्ट टर्म में धन जुटाने में उनकी मदद करेग।
गोल्ड में निवेश इनकम पर निर्भर नहीं- सर्वे रिपोर्ट
सर्वेक्षण के नतीजे के मुताबिक कम आय वाले परिवारों में सोने की मांग आवश्यक रूप से आय के स्तर से प्रेरित नहीं है, बल्कि वित्तीय और निवेश उत्पादों तक पहुंच की कमी है जिसका मांग पर बड़ा असर पड़ता है। मध्यम वर्ग के लिए मुद्रास्फीति बचाव के रूप में सोने की भूमिका उनके लिए सबसे बड़ा कारक है।
गोल्ड में निवेश अच्छा संकेत
विश्व स्वर्ण परिषद ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि सोना न केवल सजावट के लिए खरीदा जा रहा है बल्कि इसे वास्तविक निवेश उत्पाद भी माना जाता है। IGPC की रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई कि सादे सोने के आभूषण खरीदने की प्रबल प्राथमिकता थी, जिसे जड़े हुए आभूषण की तुलना में पिघलाने या विनिमय करने पर बेहतर प्राप्ति मूल्य होता है।
सरकार ने कुछ सोने के आभूषणों पर लगाया आयात प्रतिबंध
हाल ही में बुधवार 12 जुलाई को केंद्र सराकर ने कुछ सोने के आभूषणों और वस्तुओं पर आयात प्रतिबंध लगा दिया था जिससे गैर-आवश्यक वस्तुओं के आयात में कटौती करने में मदद मिलेगी। अब आयातक को इन सोने के उत्पादों के आयात के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस की आवश्यकता होगी।
कल कितनी बढ़ी थी सोने की कीमत
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, मजबूत वैश्विक रुझानों के बीच राष्ट्रीय राजधानी में गुरुवार को सोने की कीमतें 400 रुपये बढ़कर 60,100 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गईं। पिछले कारोबार में गोल्ड 59,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। इसके अलावा चांदी की कीमतें भी 2,300 रुपये बढ़कर 75,000 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं। वैश्विक बाजार में सोना 1,960 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस और चांदी 24.17 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहे थे।