उत्तर प्रदेश
पुलिस विभाग की गोपनीयता भंग: सिपाही और दलाल की मिलीभगत से चोरी के मोबाइलों का कारोबार
20 Mar, 2025 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार पुलिस में चोरी या खोए हुए मोबाइलों को ढूंढकर ऑपरेशन मुस्कान के तहत लोगों को उनके मोबाइल लौटा रही हैं. इसको लेकर बिहार पुलिस ने हर जिले में टेक्निकल टीम का गठन किया हैं, जहां 24 घंटे पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती हैं. पुलिस के जवान उच्च अधिकारियों को जांच की सारी सूचना उपलब्ध करवाते हैं. मगर यहीं पुलिसकर्मी चंद पैसे की लालच में पुलिस विभाग की सारी सूचना बाहर के लोगों को मुहैया करा रहा है.
पूर्णिया जिला पुलिस बल के डी.आई.यू शाखा में कार्यरत एक सिपाही के द्वारा कटिहार के एक दलाल के माध्यम से पुलिस विभाग का एसडीआर, सीडीआर और मोबाइल का लाइव लोकेशन कई वर्षों से बेचा जा रहा था. इसके लिए वो लोगों से मोटी रकम भी लेता था. इस मामले में पुलिस ने डीआईयू शाखा पूर्णिया में कार्यरत सिपाही के सहयोगी को चोरी के 7 मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया है. वहीं जेल भेजे जाने से पहले पुलिस के सहयोगी ने जो राज खोले हैं, वह हैरान कर देने वाले है.
दलालों को देता जानकारी
कटिहार के मुफस्सिल थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग चोरी के मोबाइलों की खरीद-बिक्री का धंधा करते है. जिसके बाद पुलिस ने टीम का गठन कर कटिहार चंद्रमा चौक पर एक घर में छापेमारी की. जिसमें सुशील कुमार मंडल के पुत्र राजा कुमार उर्फ राजेश कुमार को गिरफ्तार किया. राजेश को देखते ही पुलिस चौक गई. क्योंकि राजेश पुलिस के लिए जाना पहचाना चेहरा था. पुलिस ने राजेश के घर से 7 चोरी किए गए मोबाइल बरामद किए हैं.
डिटेल मिलने पर होती थी खोजबीन
राजेश कुमार कटिहार में पूर्व में पदस्थापित सौरभ कुमार के लिए काम करता था. चोरी या खोए मोबाइल लोगों का आवेदन थाना के पास राजेश लिखने में सहयोग करने के बहाने ले लेता था. इसके अलावा कटिहार के विभिन्न थाने से भी खोए हुए मोबाइल की दर्ज रिपोर्ट के डेटा को इकट्ठा कर सिपाही सौरभ कुमार को दे देता था. वहीं टेक्निकल टीम में पदस्थापित सिपाही सौरभ मोबाइलों की खोजबीन शुरू करता था. वहीं चोरी के मोबाइल का पता लगते ही सिपाही सौरभ पूरा डेटा जो अपने विभाग को देना होता था, उसे अपने सहयोगी राजेश को उपलब्ध करा देता था.
लोगों से ऐंठते थे हजारों रुपए
राजेश मुफस्सिल थाना का पुलिस बनकर मोबाइल चोर या उसके सहयोगी को फोन कर डराता था और चोरी के इल्जाम में जेल की चक्की पिसवाने की धमकी देता था. फोन कर मोबाइल मिल जाने की तरकीब बताया करता था. जिस ब्यक्ति का मोबाइल चोरी होता था, उसे बुलाकर यह कहा जाता था कि पुलिस सिर्फ संनहा दर्ज कर अपना कर्तव्य पूरा करती है, आपका मोबाइल कभी नहीं मिलेगा. अगर मोबाइल चाहिए तो उनकी कुछ चोरों से जान पहचान हैं, उसे कहकर मोबाइल ढूंढ़वाकर आपको दिलवा देंगे. वहीं लोग अपने 50-60 हजार के मोबाइल के बदले 5-10 हजार तक देने को राजी हो जाते थे. आरोपी के सिपाही के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए.
पति की बात बनी जानलेवा, नई नवेली दुल्हन ने उठाया खौफनाक कदम
20 Mar, 2025 12:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के जमुई से रोंगटे खड़े कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां 20 साल की नई नवेली दुल्हन का शव कमरे के अंदर फंदे से लटका मिला. लाश देख पति की चीख निकल गई. रोते-रोते वो बस एक ही बात कहने लगा- काश मैंने उसे मायके भेज दिया होता.
मृतका का नाम मंजरी कुमारी था. उसकी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुई थी. शुरुआत में तो सब कुछ सही चलता रहा. लेकिन बाद में उसे मायके की याद सताने लगी. वो बार-बार पति से कहती थी कि मुझे मायके भेज दो. मम्मी-पापा की याद आ रही है, लेकिन पति सोनू उसे किसी न किसी बहाने से रोक लेता था.
मंगलवार को मंजरी ने दोबारा सोनू से कहा कि मैं मायके जाना चाहती हूं. सोनू ने कहा- मैं धान बेचकर आता हूं, फिर तुम्हें मायके छोड़ आऊंगा. लेकिन ये बात मंजरी को रास न आई. वो कमरे में गई. साड़ी उठाई. उससे फांसी का फंदा बनाया. फिर उस फांसी के फंदे से झूल गई. सोनू जब घर लौटा तो यह नजारा देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. बीवी की लाश को देख वो चीखने-चिल्लाने लगा.
मायके न भेजे जाने से थी नाराज
सोनू की चीख सुनकर पड़ोस के लोग भी वहां आ पहुंचे. तुरंत पुलिस को सूचना दे दी गई. पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. सोनू से जब पुलिस ने पूछा कि मंजरी ने ऐसा कदम क्यों उठाया तो जवाब मिला-साहब मैं उसे मायके भेज देता तो ये सब न होता. वो रोज मायके जाने की जिद करती थी. लेकिन मैं उसे टाल देता था. आज मैंने सोचा था कि पत्नी को मायके छोड़ आऊंगा. लेकिन उससे पहले ही मंजरी ने आत्महत्या कर ली.
क्या बोले मृतका के पिता?
उधर, मृतका के पिता, गिरानी पासवान, ने थाने में आवेदन देकर स्पष्ट किया कि उनकी बेटी मंजरी ने आत्महत्या की है और इसमें ससुराल पक्ष की कोई गलती नहीं है. इस संबंध में थानाध्यक्ष कुमार संजीव ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है. परिजनों के बयान के आधार पर फिलहाल किसी के खिलाफ कोई आरोप निर्धारित नहीं किया गया है.
मथुरा में युवक ने पेट दर्द से परेशान होकर खुद किया ऑपरेशन, हालत हुई गंभीर
20 Mar, 2025 10:58 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के मथुरा में पेट दर्द से परेशान युवक ने खुद ही अपना ऑपरेशन करना शुरू कर दिया. उसने इंटरनेट पर ऑपरेशन करने का तरीका देखा. मेडिकल स्टोर से सुन्न करने वाला इंजेक्शन (एनेस्थीसिया) खरीदा. कमरे में आकर पहले खुद को इंजेक्शन लगाया. फिर पेट की आंत में चीरा मारा. उसके बाद टांके लगाने लगा. जैसे की उसने 12 टांके लगाए, उसकी हालत बिगड़ने लगी.
आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. डॉक्टरों ने उसे आगरा रेफर कर दिया है. फिलहाल युवक की हालत गंभीर बनी हुई है. मामला गांव सुनरख का है. यहां रहने वाला 32 वर्षीय राजाबाबू पुत्र कन्हैया पेट दर्द से परेशान था. पेट दर्द से निजात पाने के लिये बुधवार की दोपहर घर के एक कमरे में बंद होकर राजाबाबू ने खुद ही ऑपरेशन का प्रयास किया.
पेट को सुन्न करने का इंजेक्शन लगाया और पेट के निचले हिस्से में सीधे हाथ की साइड में उसने सात इंच लंबा चीरा मार लिया. इस दौरान सर्जिकल ब्लेड पेट के अंदर ज्यादा गहराई में चले जाने से परेशानी बढ़ गई और दर्द बढ़ गया औप खून रिसने लगा तो उसने खुद ही टांके लगा लिए, इसके बाद भी जब पेट में दर्द की समस्या कम न हुई और खून निकलना भी बंद नहीं हुआ तो वह दूसरे कमरे में मौजूद परिजनों के पास पहुंचा.
इंटरनेट से जुटाई थी जानकारी
उसकी हालत देख परिजन घबरा गए और तत्काल उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे. वहां, डॉक्टरों ने जब उसका हाल देखा और पूरी घटना सुनी तो उनके भी होश फाख्ता हो गए. डॉक्टरों ने फिर प्राथमिक उपचार के बाद उसे आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. बताया जा रहा है कि पेट में दर्द से परेशान होकर खुद ही अपना ऑपरेशन करने वाले राजाबाबू ने ऑपरेशन और उसमें प्रयोग होने वाले सामान आदि की जानकारी इंटरनेट मीडिया से जुटाई थी. सर्जिकल ब्लेड, स्टिचिंग का सामान, सुन्न करने वाला इंजेक्शन आदि सामान मथुरा के बाजार से वह खरीदकर ले गया था और अपने आप ऑपरेशन की कोशिश की.
पहले हुआ था अपेन्डिस का ऑपरेशन
राजाबाबू के भतीजे राहुल ने बताया कि कई साल पहले राजा बाबू का अपेन्डिस का ऑपरेशन हुआ था. उसके बाद भी वह पेट में दर्द की शिकायत बताते रहते. अल्ट्रासाउंड कराया था तो वह सामान्य आया था. इसके बाद दर्द से परेशान राजा बाबू ने खुद ही ऑपरेशन कर निदान पाने की कोशिश की. जब दिक्कत बढ़ी तो परिजनों को बताया और परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे. वृंदावन संयुक्त जिला चिकित्सालय प्रभारी आपातकालीन विभाग डॉ. शशिरंजन ने बताया, राजाबाबू नाम के युवक को अस्पताल लाया गया था. युवक ने पेट के राइट साइड में सात बाई एक सेंटीमीटर का चीरा लगा लिया था. उसने 10-12 गलत टांके लगा लिये थे. उसे टांके लगाकर आगरा के लिये रेफर कर दिया है.
मेरठ: सौरभ राजपूत हत्याकांड में तंत्र-मंत्र का नया खुलासा, पुलिस हैरान
20 Mar, 2025 10:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ के सौरभ राजपूत हत्याकांड में एक के बाद एक नया पन्ना खुलता जा रहा है. अब इस केस में तंत्र-मंत्र का एंगल सामने आया है. साथ ही पति की कातिल मुस्कान के प्रेमी साहिल के घर से जो कुछ भी मिला उसे देख पुलिस भी सन्न रह गई. पुलिस की मानें तो मुस्कान जानती थी कि साहिल अंधविश्वासी है, इसी बात का फायदा उसने उठाया. फिर पति की हत्या की साजिश रच उसे मार डाला.
साहिल के साथ मिलकर मुस्कान ने सौरभ की धारधार हथियार से सीना घोंपकर हत्या कर डाली. फिर शव के 15 टुकड़े कर ड्रम में डाल उस पर सीमेंट का घोल मिला दिया. दोनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं. इस हत्याकांड से पूरा मेरठ दहल उठा है. जब दोनों को कोर्ट ले जाया गया, तब सुनवाई के बाद बाहर वकीलों ने उनकी पिटाई तक कर डाली.
पुलिस को वारदात में मुस्कान का साथ देने वाले उसके प्रेमी साहिल के घर से कई अजीबो गरीब चीजें मिली हैं. उसका घर अपने अंदर अभी भी कई राज छिपाए हैं. साहिल, सौरभ की हत्या करने के बाद उसका सिर और दोनों हाथ बैग में रखकर अपने घर लाया था. पुलिस ने जब साहिल के घर की तलाशी ली तो एक अलग ही मंजर दिखा. यहां की दीवारें अपने आप में बहुत कुछ बयां कर रहीं थीं.
साहिल ने घर की दीवारों पर भगवान भोले शंकर की तस्वीर बनाई हुई थी. इसके अलावा तंत्र क्रिया से जुड़ी बहुत बड़ी फोटो भी एक जगह दिखाई दी. स्केच पैन की मदद से उसने यह सभी तस्वीरें बनाई थीं. कमरे में एक बिल्ली भी मिली जिसे साहिल की पालतू बिल्ली बताया जा रहा है. अंग्रेजी के कुछ वाक्य भी हत्यारोपी साहिल की मानसिक स्थिति बयां कर रहे थे. देर रात पुलिस ने उसका मकान सील कर दिया.
एसपी सिटी ने पुलिस लाइन में सौरभ हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा किया. बताया कि मुस्कान का पति सौरभ से विवाद था. दूसरी ओर, मुस्कान का साल 2019 से साहिल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. इसी के चलते मुस्कान ने अपने पति सौरभ की हत्या की प्लानिंग की. साहिल दैवीय शक्ति में विश्वास करता था, इसलिए मुस्कान ने इस बात का फायदा उठाया. मुस्कान लगातार साहिल को बताती थी कि उसे दिव्य और पारलौकिक शक्तियों का आभास होता है.
साहिल को शिव कहती थी मुस्कान
उन्होंने बताया- मुस्कान, साहिल को भगवान शिव की तरह और अपने आप को पार्वती बताती थी. मुस्कान ने ही साहिल को कहा कि देवी मां ने सौरभ का वध करने के लिए कहा है. 3 मार्च को देर रात सौरभ को खाने में मुस्कान ने बेहोशी की दवा दी. देर रात करीब एक बजे साहिल को घर बुलाया. बेहोश सौरभ के सीने में मुस्कान और साहिल दोनों ने एक साथ मिलकर चाकू घोंप दिया. इसके बाद सिर और दोनों हाथ काटकर बैग में बंद किए. लाश को पॉलीथिन में लपेट बेड में बंद की. चार मार्च को सीमेंट व ड्रम खरीदकर लाए. फिर उसमें शव के 15 टुकड़े कर डाल दिए. ऊपर से सीमेंट का घोल मिला दिया.
पासपोर्ट रिन्यू कराने आया था सौरभ
एसपी सिटी ने बताया कि सौरभ का पासपोर्ट एक्सपायर होने वाला था. पासपोर्ट रिन्यू कराने सौरभ मेरठ आया था. नया पासपोर्ट जारी कराने के बाद अप्रैल में उसे वापस ब्रिटेन लौटना था. इसी दौरान मुस्कान ने हत्या कर डाली. 25 फरवरी की रात को भी मुस्कान ने सौरभ की हत्या का प्रयास किया था. इस दौरान शराब में बेहोशी की दवा मिलाकर दी थी. हालांकि तबीयत खराब होने की बात कहकर सौरभ ने शराब नहीं पी और वह बच गया था.
तीन स्नैपचैट आईडी से चैटिंग कर रही थी
मुस्कान अपने प्रेमी साहिल को हमेशा काबू में रखना चाहती थी. मुस्कान ने अपने भाई और मां के नाम से दो अन्य स्नैपचैट आईडी भी बनाई थी और इनसे अपने ही अकाउंट पर मैसेज भेजती थी. कभी-कभी ये दिखाने का प्रयास करती कि साहिल की दिवंगत मां की आत्मा मुस्कान के भाई के शरीर में आकर बातचीत करती है. बाद में इन मैसेज को साहिल को पढ़ाती थी. दोनों आईडी से मुस्कान अपने स्नैपचैट पर मैसेज करती, जिनमें साहिल की तारीफ लिखी होती थी. इन मैसेज को साहिल को दिखाकर मुस्कान ये भी दिखाने का प्रयास करती थी कि परिजनों को मेलजोल से आपत्ति नहीं है.
कानपुर में बुजुर्ग महिला की मौत के बाद कुत्ते को वापस मांगा, नगर निगम से संपर्क किया
20 Mar, 2025 10:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पालतू जर्मन शेफर्ड डॉग के हमले से बुजुर्ग महिला की मौत मामले में परिजनों ने कुत्ते की गलती नहीं मानी है. उन्होंने नगर निगम से कुत्ते को वापस मांगा है. इसके लिए परिजनों ने कानपुर नगर निगम से संपर्क किया है. मृतक बुजुर्ग महिला के पोते का कहना है कि उनकी दादी की मौत कुत्ते के काटने से नहीं, बल्कि सदमे से हुई है. हालांकि, कुत्ते के हमले में बुजुर्ग महिला गंभीर रूप से घायल हुई थीं. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में परिजनों की ओर से कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी.
परिजनों ने नगर निगम में संपर्क करके अपना कुत्ता वापस मांगा है. परिवार में सदस्य धीर त्रिवेदी का कहना है कि उनकी दादी ने छड़ी से कुत्ते के सिर पर मारा, इस वजह से कुत्ते ने दादी पर हमला कर दिया. उनका कहना है कि दादी की मौत कुत्ते के काटने से नहीं बल्कि सदमे की वजह से हुई है. कुत्ता अभी भी नगर निगम के कब्जे में है. जानकारी के अनुसार, कुत्ता उसके मालिक को वापस कर दिया जाएगा. कुत्ते ने किसी बाहर वाले को नहीं काटा है, उसका पंजीकरण भी है और कोई शिकायत भी नहीं है.
होली वाले दिन हुई घटना
कानपुर के विकास नगर में होली वाले दिन एक दर्दनाक घटना हुई थी, जहां एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी 90 वर्षीय मालकिन पर हमला कर उनकी जान ले ली. होली वाले दिन मोहनी देवी घर के आंगन में थीं. उनके यहां जर्मन शेफर्ड ब्रीड का कुत्ता रॉबर्ट पला हुआ था. किसी बात पर उन्होंने अपने कुत्ते को सिर पर छड़ी से मार दिया, जिसके बाद कुत्ते ने उनके ऊपर हमला कर दिया. कुत्ते ने बेदर्दी से बुजुर्ग महिला को इतना काटा कि उनकी मौत हो गई. घटना के समय महिला की बहू और पोता धीर त्रिवेदी घर पर थे. दोनों के पैर में फ्रैक्चर की वजह से प्लास्टर बंधा था, इसलिए वो उठकर उन्हें बचा नहीं पाए.
वापस मांगा डॉग
घटना की जानकारी होने पर नगर निगम की टीम कुत्ते को अपने साथ ले गई थी. अब धीर त्रिवेदी ने नगर निगम के अधिकारियों को हलफनामा देकर अपना कुत्ता वापस मांगा है. उन्होंने कहा है कि रॉबर्ट तो जानवर है, उनकी दादी ने उसके सिर पर छड़ी से मार दिया था. इस वजह से उसने दादी पर हमला कर दिया. नगर निगम से कुत्ता वापस मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. निगम ने जांच में पाया है कि कुत्ते ने किसी बाहरी व्यक्ति पर कभी हमला नहीं किया और उसका रजिस्ट्रेशन भी निगम में हो रखा है.
कैसे हुई दादी की मौत?
धीर के अनुसार, कुत्ते के हमले की वजह से उनकी दादी की मौत नहीं हुई है, बल्कि उनकी दादी को हाई बीपी और दिल की बीमारी पहले से थी. जब कुत्ते ने उनके ऊपर अचानक हमला करके काट लिया तो सदमे से दादी की मौत हो गई. इधर, इस मामले में कोई तहरीर या शिकायत नहीं मिलने की वजह से पुलिस ने भी कोई कार्रवाई नहीं की है. इसी वजह से मृतका का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ था.
गाजीपुर का माउंटेन मैन, रिटायरमेंट के पैसे से बना रहे पुल, 15 गांव वालों ने भी दी मदद
19 Mar, 2025 09:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता, जिन्होंने एक हथौड़ी और छेनी से पहाड़ को काटकर सड़क बना दी थी. लोग उन्हें माउंटेन मैन के रूप में भी जानते हैं. ऐसा ही कुछ गाजीपुर में एक आर्मी के जवान ने भी किया. उन्होंने अपने गांव के साथ आसपास के 15 गांव के बीच बहने वाली मगई नदी पर बगैर किसी सरकारी बजट के पुल बनाने की ठानी है. उस पुल के पिलर का निर्माण भी पूरा हो चुका है.
अब उसकी स्लैब की ढलाई का काम कराया जा रहा है, जिसके लिए आर्मी मैन ने खुद के रिटायरमेंट के 10 लाख रुपए दिए और आसपास के गांव के लोगों से करीब 60 से 70 लाख रुपए चंदा लेकर पुल का निर्माण कराया जा रहा है, जो लोग चंदा नहीं दे पा रहे हैं. वह खुद पुल के निर्माण में मजदूरी कर रहे हैं. गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के पयामपुर छावनी गांव समेत करीब 14-15 गांव के लोगों को जाने के लिए मगई नदी पार करनी पड़ती है.
नाव के सहारे नदी पार करते हैं लोग
यहां के लोगों के लिए सिर्फ एक साधन नदी को पार करना ही होता है, जिसके लिए आजादी के बाद से लेकर अब तक वहां के लोग शासन प्रशासन जनप्रतिनिधि से गुहार लगाते रहे, लेकिन सब चुनावी बिगुल की तरह आते हैं. वादा भी करते हैं, लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद उनका वादा वादा ही रह जाता है. इसलिए इस गांव के लोग नदी पर लकड़ी का पुल बनाकर आने-जाने का काम करते हैं, तो वहीं बाढ़ के दिनों में एक छोटी नाव के सहारे लोगों का आवागमन होता है.
वहीं इस गांव की सड़क से गाजीपुर की दूरी 18 किलोमीटर है. अगर उस सड़क से यह लोग गाजीपुर आते हैं तो उसकी दूरी 42 किलोमीटर हो जाती है, जबकि थाना बगल में ही करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर है और सड़क से आने पर 30 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद थाने पर पहुंचा जाता है. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के लोगों को पुल की कितनी जरूरत होगी.
रिटायरमेंट के पैसे देने की घोषणा
पिछले दिनों गांव के ही रहने वाले रविंद्र यादव, जो सेना के इंजीनियरिंग कोर में 55 इंजीनियर रेजीमेंट से रिटायर होने के बाद जब गांव पहुंचे और वहां की समस्याओं को देखा. तब उन्होंने पुल बनाने की ठानी. उन्होंने अपने रिटायरमेंट के 10 लाख रुपए पुल बनाने के लिए पहले डोनेट करने की घोषणा की. इसके बाद पिछले साल 25 फरवरी 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने उस पुल का भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम किया. ऐसे में लोगों से चंदे और पुल के निर्माण वाली सामग्री देने का सिलसिला बढ़ता चला गया. मौजूदा समय में नदी के अंदर दो पिलर गांव वालों की मदद से पड़ चुके हैं और नदी के दोनों सिरे पर अप्रोच मार्ग का निर्माण भी हो चुका है. वहीं मौजूदा समय में अब पुल के स्लैब की ढलाई का काम लोगों के चंदे से किया जा रहा है.
सेना के जवान रविंद्र यादव ने बताया कि उनका गांव गाजीपुर में है, लेकिन लोकसभा बलिया और विधानसभा मोहम्मदाबाद में पड़ती है. इतना ही नहीं उनके गांव के बगल में ही जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का भी गांव पड़ता है, जो गाजीपुर के सांसद और रेल राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. इस पुल के लिए गांव के लोगों ने पिछले कई सालों से संघर्ष कर कोई भी ऐसा जनप्रतिनिधि नहीं रहा, जिसके दरवाजे पर जाकर पुल निर्माण करने की मांग ना रखी हो, लेकिन सभी चुनाव की तरह आश्वासन तो देते हैं, लेकिन आज तक पुल निर्माण के लिए किसी ने एक पत्र नहीं लिखा.
सिविल जेई डिप्लोमा होल्डर हैं रविंद्र यादव
उन्होंने बताया कि वह खुद सेना के इंजीनियरिंग कोर में रह चुके हैं और सिविल जेई डिप्लोमा होल्डर हैं. इसके अलावा वह एक अन्य आर्किटेक्ट की देखरेख में इस पुल की डिजाइनिंग और उसके निर्माण कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस पुल की लंबाई 105 फीट है, जबकि नदी में दो पिलर और फिर अप्रोच के लिए रास्ते का भी काम लोगों के चंदे से किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जब इस मगई नदी में बाढ़ आ जाती है. तब इन लोगों ने जो लकड़ी का पुल बनाया है. वह भी टूट जाता है और फिर एक नाव के सहारे ही करीब 14 से 15 गांव के आने-जाने का एकमात्र विकल्प रहता है, जिसके लिए लोगों को घंटा घंटा भर इंतजार करना पड़ता है.
गाजियाबाद: पिता ने बेटी के साथ रेप कर हत्या की, पड़ोसी को फंसाने की कोशिश
19 Mar, 2025 08:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक व्यक्ति ने अपनी ही बेटी के साथ घिनौनी हरकत करने के बाद उसकी हत्या कर दी. इस जघन्य अपराध को लेकर आस-पास के लोगों में गुस्से का माहौल है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच जारी है.
पुलिस के अनुसार आरोपी ज्ञान सिंह गाजियाबाद जिले के लोनी इलाके का रहने वाला है. आरोपी ज्ञान सिंह अपनी सात वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार करने के बाद उसका गला घोंटकर हत्या कर दी. आरोपी अपराध को छुपाने के लिए पड़ोस में रहने वाली महिला शांति देवी पर झूठा आरोप लगाया कि उसकी बेटी की मौत जहरीला खाना खाने से हुई है.
आरोपी ज्ञान सिंह ने पुलिस को बताया था कि 12 मार्च को शांति देवी द्वारा दी गई कढ़ी खाने के बाद उसकी बेटी की तबीयत बिगड़ गई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. इसके अलावा उसकी पत्नी और अन्य पांच बच्चे भी बीमार पड़ गए. पुलिस का दावा है कि आरोपी ने कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पड़ोस की एक महिला पर जहर देने का आरोप लगाते हुए झूठी कहानी गढ़ी.
पोस्टमार्टम में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस अधिकारी अजय कुमार सिंह के अनुसार, आरोपी की शिकायत पर पहले शांति देवी को गिरफ्तार किया गया था. पीड़ित बच्ची को दिल्ली के जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पीड़ित बच्ची के परिजन ने शव का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया और शव को घर ले आए. हालांकि, पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और उन्होंने बच्ची का पोस्टमार्टम कराया. रिपोर्ट में सामने आया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या की गई. इस खुलासे के बाद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाया.
आरोपी ने कबूला अपना गुनाह
सहायक पुलिस आयुक्त अजय कुमार सिंह के मुताबिक आरोपी ज्ञान सिंह को 17 मार्च को सेवा धाम में जीडीए पार्क के पास से गिरफ्तार किया. इस दौरान पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि 12 मार्च की रात उसने अपनी बेटी के साथ अनाचार किया और फिर उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी. पुलिस का कहना है कि जल्द से जल्द आरोपी को सजा दिलाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जा रही है. आरोपी ने अपने अपराध को छुपाने के लिए पड़ोसन शांति देवी पर झूठा आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. हालांकि, पुलिस जांच में सच सामने आने के बाद अब शांति देवी को निर्दोष मानते हुए सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है
एक बीड़ी के लिए हत्या: मामूली विवाद में युवक की गई जान
19 Mar, 2025 08:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भांग के ठेके के सेल्समैन की चाकुओं से गोदकर हुई हत्या के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. पुलिस ने सेल्समैन की हत्या के मामले में साकिब नाम के एक युवक को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने पुलिस को बताया कि सेल्समैन ने उससे बीड़ी मांगी थी और जब उसने नहीं दी तो दोनों के बीच मारपीट हो गई. इसी मारपीट में उसने सेल्समैन की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी.
सहारनपुर के जनकपुरी इलाके में स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में भांग के ठेके पर सेल्समैन सुमित का शव ट्रांसपोर्ट नगर और चकहरेटी की तरफ जाने वाली सड़क के पास मिला था. सुमित के पेट पर गहरे चाकू के निशान थे. सूचना के बाद मौके पर पहुंची जनकपुरी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. मृतक सुमित के परिजनों ने पुलिस को अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की.
सीसीटीवी से खुला राज
सहारनपुर के एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने घटना के खुलासे के लिए जनकपुरी पुलिस को निर्देशित किया. इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल से कुछ दूरी पर लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए. सीसीटीवी कैमरा में एक संदिग्ध युवक दिखाई दिया. जनकपुरी पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर में जाकर उस युवक की तलाश की. पता चला की आरोपी युवक का नाम साकिब है और वह सहारनपुर के ही ट्रांसपोर्ट नगर में एक ट्रक पर हेल्पर का काम करता है. आज जनकपुरी पुलिस ने चकरहती गांव के पास से साकिब को गिरफ्तार किया है.
आरोपी ने कबूला जुर्म
पुलिस पूछताछ में साकिब ने बताया कि वह नशे का आदी है. कुछ दिन पहले उसका सुमित के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था. 16 तारीख की रात को जब वह बीड़ी पी रहा था तभी सुमित अपने दो दोस्तों के साथ वहां पर आया. साकिब ने पुलिस को बताया कि उसके पास सिर्फ एक ही बीड़ी थी और उसने वह सुमित को देने से मना कर दिया. जिसके बाद सुमित और उसके बीच में काफी गाली गलौज हुई और मारपीट हुई. मारपीट में ही साकिब ने अपने पास रखी एक छुरी सुमित के पेट में घोंप कर मौत के घाट उतार दिया और छुरी को नौगजा पीर के पास एक नदी में फेंक दिया.
बीड़ी नहीं देने पर की थी हत्या
सहारनपुर के अपर पुलिस अधीक्षक नगर व्योम बिंदल ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी ने अपने गुनाह को खुद कबूल किया है. आरोपी नशे का आदी है और उसने एक मामूली विवाद में ही सेल्समैन सुमित की हत्या कर दी थी. आरोपी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे न्यायालय के सामने पेश किया गया है.
कानपुर में ISI के लिए काम कर रहा आर्डिनेंस फैक्ट्री का मैनेजर गिरफ्तार
19 Mar, 2025 08:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश एटीएस ने कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में काम कर रहे वालेस एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किए गए कर्मचारी का नाम कुमार विकास बताया जा रहा है. कुमार विकास आईएसआई एजेंट नेहा शर्मा के सम्पर्क में था और उसको खुफिया जानकारी उपलब्ध करवाता था. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाला यह दूसरा एजेंट है जिसको गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले एटीएस ने फिरोजाबाद से रविंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था. जिसकी निशानदेही पर कुमार विकास पर नजर रखी जा रही थी. विकास पर कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के विभिन्न दस्तावेज पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने के आरोप है. यह पूरा मामला हनी ट्रैप का भी है.
होली से एक दिन पहले ऑर्डिनेंस फैक्ट्री हजरतपुर फिरोजाबाद में कार्यरत रविंद्र कुमार को एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था. रविंद्र कुमार पर आरोप है कि वो पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा के सम्पर्क में था और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज साझा करता था. जानकारी के अनुसार, नेहा शर्मा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करती थी और उसने रविंद्र कुमार को हनी ट्रैप में फंसाया था.
रविंद्र भी शेयर कर रहा था खूफिया जानकारी
रविंद्र कुमार की गिरफ्तारी के बाद एटीएस को जानकारी मिली कि पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, कानपुर में कार्यरत कुमार विकास के तार भी जुड़े हुए हैं. यह भी पता चला कि कुमार विकास ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की गोपनीय सूचनायें व दस्तावेज वाहट्सएप के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा को उपलब्ध करा रहा था. आरोपी कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जूनियर बक्से मैनेजर के पद पर नियुक्त है. पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा के संपर्क में फेसबुक से आया था.
ISI एजेंट ने हनी ट्रैप में फंसाया
एटीएस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा ने खुद को भारत हैवी इलेक्ट्रानिक लिमिटेड में कार्यरत बताकर मोबाइल नंबर आपस में साझा किए और व्हाट्सअप, मैसेंजर पर बातचीत शुरू की. कुमार विकास द्वारा पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा से गोपनीय रूप से वार्ता करने के लिए लूडो ऐप का इस्तेमाल किया जाता था. पैसों के लालच में कुमार विकास ने आर्डिनेंस फैक्ट्री के दस्तावेज, उपकरणों व निर्माण होने वाले गोला बारूद, कानपुर के कर्मचारियों की अटेन्डेन्स शीट, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कानपुर के अन्दर मशीनें व ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के प्रोडक्शन संबंधी चार्ट आदि की फोटो व महत्वपूर्ण सूचनाए पाकिस्तानी एजेंट नेहा शर्मा को भेजता था.
कानपुर में होती है होली की दोहरी धूम, पूरा शहर लॉक रहता है, जानें इसका खास कारण
19 Mar, 2025 08:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कानपुर देश का एक का इकलौता शहर है, जहां साल में दो बार होली मनाई जाती है. सबसे बड़ी बात यह है कि दूसरी बार की वाली होली पहले से भी ज्यादा रंगीन होती है. इस दिन पूरा कानपुर बंद रहता है. लोग सुबह से ही जमकर होली खेलना शुरू कर देते है और इस दिन शाम को होली मेले का आयोजन होता है. एक ऐसा मेला जहां दोस्त हो या दुश्मन, कांग्रेस हो या भाजपा सब आपस में गले मिलते है. इस बार भी गंगा मेले वाले दिन पूरा कानपुर बंद रहेगा. आइए बताते है कि ऐसा क्यों होता है.
बात है तकरीबन 1942 की, उस समय अंग्रेजों का शासन था. इस साल कानपुर में अंग्रेजों ने एक आदेश जारी किया और होली खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया. कुछ व्यापारियों और क्रांतिकारियों ने इसका विरोध किया तो अंग्रेजों ने उनको सरसैया घाट स्थित जेल में डाल दिया. इससे कानपुर के लोग नाराज हो गए और उन्होंने अपना पूरा व्यापार बंद कर दिया. अंग्रेजों के इस जुल्म के विरोध में कानपुर वासियों ने तय किया कि वो तब तक रोज होली खेलेंगे जब तक गिरफ्तार लोगों को छोड़ा नहीं जाता.
कब खेली जाती दूसरी बार होली?
इस तरह होली वाले दिन के बाद से लगातार लोगों ने होली खेलनी शुरू कर दी. आखिर में अंग्रेज परेशान हो गए और उन्होंने सभी व्यापारियों और क्रांतिकारियों को रिहा कर दिया. जिस दिन सबको रिहा किया गया उस दिन अनुराधा नक्षत्र थी और होली को बीते सात दिन हो गए थे. सबके रिहा होने की खुशी में लोगों ने सरसैया घाट पर मेला लगाया और जमकर पूरे शहर ने होली खेली. उसी के बाद से ही हर साल यह परंपरा चली आ रही है.
20 मार्च को खेली जाएगी होली
इस साल 20 मार्च को अनुराधा नक्षत्र है. इसी दिन पूरा शहर बंद रहेगा, स्कूल कॉलेज भी बंद रहेंगे. डीएम के आदेश पर इस दिन लोकल हॉलिडे रहेगा. सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे. सुबह से ही लोग जमकर होली खेलेंगे. उसके बाद शाम को सरसैया घाट पर गंगा मेला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भारी संख्या में लोग शिरकत करते है और आपसी भेदभाव भूलकर एक दूसरे के गले मिलते है.
मेरठ: सौरभ हत्याकांड में आरोपी मुस्कान और साहिल की कोर्ट में वकीलों ने की पिटाई
19 Mar, 2025 08:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बहुचर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड को लेकर मेरठ की अदालत में बुधवार को जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला. पुलिस जब सौरभ की हत्यारन पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला को लेकर कोर्ट से निकल रही थी, वकीलों ने पकड़ कर धुनाई कर दी. दोनों को थप्पड़ मारने के लिए वकील गाड़ियों तक पर चढ़ गए. बड़ी मुश्किल से पुलिस ने इन दोनों को बचाकर हवालात तक पहुंचाया. इस घटना की तमाम तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं.
पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को एसीजेएम सेकेंड की कोर्ट में पेश किया. इस दौरान एसीजेएम की पूछताछ में दोनों आरोपियों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी. साहिल से जब एसीजेएम ने नाम पूछा तो उसने कड़क अंदाज में कहा कि साहिल शुक्ला. वहीं जब मुस्कान से उसका जुर्म पूछा तो कहा कि उसने अपने पति की हत्या की है. इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इधर, कोर्ट में भी आरोपियों के तेवर देखकर वहां मौजूद वकीलों में आक्रोश छा गया.
गाड़ी पर चढ़-चढ़कर बजाए थप्पड़
चूंकि आरोपियों की पेशी के दौरान बड़ी संख्या में वकील कोर्ट रूम के अंदर और बाहर मौजूद थे, ऐसे में जैसे ही पुलिस इन दोनों को लेकर कोर्टरूम से बाहर निकली, वकीलों ने हमला कर दिया. आलम यह था कि पुलिस से घिरे होने के बावजूद 20 से अधिक वकीलों ने थप्पड़ मारे. उसे थप्पड़ मारने के लिए वकील गाड़ियों के ऊपर तक चढ़ गए. जो वकील थप्पड़ नहीं मार पाया, वो अफसोस ही करता रह गया. इस मारपीट में आरोपियों के कपड़े तक फट गए.
सीओ समझाते रह गए और पिट गए आरोपी
वकीलों के गुस्से को देखते हुए सीओ सिविल लाइंस अभिषेक तिवारी ने खुद मोर्चा संभाला और वकीलों को समझाने की कोशिश की. वह एक तरफ से वकीलों को समझाने की कोशिश कर रहे थे, तो दूसरी तरफ से वकील आरोपी को पीटने लग रहे थे. पुलिस ने बड़ी मुश्किल से दोनों आरोपियों को वकीलों के चंगुल से छुड़ाया और जल्दी से दौड़ाते हुए हवालात में घुसा दिया और फिर पुलिस वैन में बैठाकर वहां से निकाल दिया.
बिहार शिक्षा विभाग में अजीब मामला, मृत टीचर की ट्रेनिंग के लिए ड्यूटी लगाई गई
19 Mar, 2025 05:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार का शिक्षा विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है. अब शिक्षा विभाग ने कुछ ऐसा कर दिया है, जिसके कारण अधिकारियों की फजीहत हो रही है. दरअसल, यहां एक मृत शिक्षिका को भी ट्रेनिंग लेने का फरमान जारी कर दिया गया है. यह अजब कारनामा हुआ है मोतिहारी जिले में.
जानकारी के मुताबिक, यहां छतौनी स्थित डायट में शिक्षा विभाग के द्वारा प्रस्तावित शिक्षकों के लिए एफएलएन तथा आईसीटी प्रशिक्षण में मृत शिक्षिका का नाम जारी कर दिया. राज्य शिक्षा,शोध एवं प्रशिक्षण के निदेशक द्वारा ई-शिक्षा पोर्टलपर अपलोड किये गये सतत् विकास योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण 17 से 21 मार्च तक आयोजित किया गया है. इसके लिए विभिन्न विद्यालयों के 250 शिक्षकों का चयन किया गया है.
इन शिक्षकों में क्रमांक 22 पर उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगवानपुर कोटवा में पदस्थापित रानी कुमारी जिनका शिक्षक कोड 220602101606 का नाम शामिल है,जिनकी मृत्युपिछले दिसम्बर में ही हो चुकी है. परिजनों ने बताया कि रानी कुमारी की असामयिक मृत्यु की सूचना विभागीय अधिकारियों को समय पर दे दी गई थी.
नालंदा का गजब मामला
एक सप्ताह पहले नालंदा में फिजिकल एजुकेशन के टीचर को बिहार बोर्ड की और से पूर्व में आयोजित मैट्रिक की परीक्षा में साइंस के पेपर की मूल्यांकन के लिए नियुक्त कर दिया था. जानकारी के मुताबिक, एकंगरसराय स्थित डीन प्लस टू स्कूल चम्हेडी के पीटी यानि शारीरिक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार को साइंस की कॉपी चेक करने के लिए बोर्ड के द्वारा नियुक्ति पत्र थमा दिया गया. हालांकि शिक्षक ने पदभार ग्रहण नहीं किया और निर्धारित मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचकर केंद्राधीक्षक को अपनी अस्वीकृति भी जाहिर कर दी.
प्रतिक्रिया:
शिक्षा विभाग की इस गलती को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने विभाग का मजाक उड़ाया है।
शिक्षक संगठनों ने इस मामले पर नाराजगी व्यक्त की है और विभाग को ऐसी घटनाओं से बचने की सलाह दी है।
इस लापरवाही के कारण शिक्षा विभाग की आलोचना हो रही है, और इसे "भूत" द्वारा ट्रेनिंग देने का मजाक उड़ाया जा रहा है।
यह मामला बिहार शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और डेटा प्रबंधन की गंभीरता को उजागर करता है।
पटना में नमामि गंगे के गड्ढे में पलटा ई-रिक्शा, ठेकेदार को 5.5 करोड़ रुपये का जुर्माना
19 Mar, 2025 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार की राजधानी पटना में एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां पटना नगर निगम ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत काम कर रही एक निर्माण एजेंसी पर लापरवाही बरतने के बाद साढे पांच करोड का जुर्माना लगाया है. दरअसल, राजधानी पटना में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत खोदे गए गड्ढे में एक ई-रिक्शा पलट गया था, जिसके बाद नगर निगम ने इतना बड़ा जुर्माना लगाया है.
जानकारी के अनुसार, राजधानी के राजीव नगर इलाके में नमामि गंगे के तहत नाला निर्माण का कार्य चल रहा है. पिछले कई दिनों से इस इलाके में करीब 20 फीट गहरा गड्ढा खोदकर छोड़ दिया गया था. इसी गड्ढे में एक ई-रिक्शा गिर गया था. रिक्शे में छह साल का छोटा बच्चा भी था.
बीस फीट गहरे गड्ढे में ई-रिक्शा गिरने के बाद हडकंप मच गया. आनन फानन में स्थानीय लोगों ने ई-रिक्शे के साथ बच्चे को गड्ढे से बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया. घटना की जानकारी मिलते ही पटना नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे.
5 करोड़ 50 लाख का जुर्माना लगाया
इधर, स्थानीय लोगों की मानें तो ठेकेदार द्वारा गड्ढे को खोद दिए जाने से काफी असुविधा होती है. ऐसे मामलों में लगातार लापरवाही देखने को मिलती है. घटना की सूचना मिलते ही पूर्व की घटनाओं एवं कार्य में लापरवाही को देखते हुए बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी बुडको के एमडी द्वारा ठेकेदार के खिलाफ 5 करोड़ 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है.
बुडको इंजीनियर पर कार्रवाई
साथ ही बुडको इंजीनियर पर अनुशासनिक कार्रवाई भी की गई है. यह कार्रवाई बुडको के एमडी अनिमेष कुमार पराशर द्वारा कार्य में लापरवाही बरतने एवं नियमों का पालन नहीं करने पर की गई है. बताया जा रहा है कि राजीव नगर में एसटीपी के कनेक्शन के लिए वीए टेक वाबाग लिमिटेड द्वारा पाइपलाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है.
लैंड फॉर जॉब मामले में ED ने लालू यादव से की पूछताछ, तेजस्वी बोले- बीजेपी हर जगह एक्टिव है
19 Mar, 2025 04:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू यादव से आज ईडी पूछताछ कर रही है. इससे पहले ईडी ने मंगलवार को पत्नी रबड़ी देवी और बेटे तेजप्रताप से पूछताछ की थी. लालू जब पटना ईडी दफ्तर पहुंचे तो अधिकारियों ने उनसे पूछा कि आप कैसे हैं. पहले थोड़ा रिलैक्स हो लीजिए. पानी, चाय या कॉफी क्या लेंगे. इस पर लालू बोले कि ठीक बानी.
दरअसल, लालू यादव से लैंड फॉर जॉब मामले में ईडी यह पूछताछ कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव से ईडी लंबी पूछताछ कर सकती है. पिछली बार 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी. लालू यादव लैंड फॉर जॉब मामले में जमानत पर हैं.
तेजस्वी यादव ने साधा निशाना
लालू यादव को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, कानूनी प्रक्रिया का हम लोग पालन करते हैं. एजेंसियां बुलाती हैं, हम लोग जाते हैं. उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. दिल्ली चुनाव के बाद अब बीजेपी की सारी टीम बिहार में एक्टिव हो गईं हैं. ये लोग केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं, हम लोगों को तंग कर रहे हैं. ये लोग जो भी कर लें, हम और ज्यादा मजबूत होंगे और मजबूती से बिहार में सरकार बनाएंगे.
क्या है लैंड फॉर जॉब घोटाला
प्रवर्तन निदेशालय ने आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को समन जारी कर उन्हें लैंड फॉर जॉब मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में बुधवार को पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा है. यह मामला साल 2004-2009 से जुड़ा है जब लालू यादव रेल मंत्री थे.
मामले में आरोप है कि 2004-2009 के दौरान रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरियों में स्थानापन्न (Substitutes) लोगों की नियुक्ति की गई, इससे भारतीय रेलवे के भर्ती मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन हुआ. कथित रूप से आरोप है कि उम्मीदवारों ने सीधे तौर पर या अपने करीबी परिवार के सदस्यों के जरिए से लालू के परिवार के सदस्यों को मार्केट रेट से एक-चौथाई या पांचवें हिस्से तक की रियायती दरों पर जमीन बेची.
ईडी की जांच इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर पर आधारित है. सीबीआई लालू और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार जांच कर रही है. दोनों एजेंसियों ने मामले में कई आरोप पत्र दायर किए हैं और संबंधित अधिकारियों से आरजेडी नेता के खिलाफ अभियोजन मंजूरी भी हासिल की गई है.
ED ने आरोप पत्र में क्या कहा था?
ईडी ने साल 2024 में अगस्त में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम या पीएमएलए के तहत दायर अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि एक कंपनी एके इंफोसिस्टम्स को लालू यादव ने अपने करीबी अमित कत्याल के माध्यम से पटना में कई लैंड पार्सल रखने के मकसद से स्थापित किया था. एक बार लैंड पार्सल का अधिग्रहण हो जाने के बाद, कात्याल ने 13 जून 2014 को कंपनी की 100% हिस्सेदारी राबड़ी देवी (85%) और तेजस्वी यादव (15%) को ट्रांसफर कर दी थी, जिससे वो कंपनी के रखे गए लैंड पार्सल के पूरी तरह से मालिक बन गए.
रांची में सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल की मौत की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस, हत्या या आत्महत्या?
19 Mar, 2025 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड की राजधानी रांची के खेलगांव थाना क्षेत्र में उस वक्त हडकंप मच गया, जब खेलगांव आवासीय परिसर के अंदर बनी आपर्टमेंट की पार्किंग में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल दिवाकर सिंह की खून से लतपत लाश बरामद हुई. मृतक भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल दिवाकर सिंह रांची के नामकुम आर्मी कैंप में पोस्टेड थे.
घटना को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक 48 वर्षीय भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल दिवाकर सिंह मूल रूप से बिहार राज्य के रहने वाले थे और पिछले कुछ दिनों से डिप्रेशन के शिकार थे. वह रांची के खेलगांव थाना क्षेत्र के ही खेलगांव के आवासीय परिसर के अपार्टमेंट में अपनी पत्नी और बेटी के साथ रह रहे थे. उनकी अपार्टमेंट के ही आठवे तल्ले से नीचे गिरने के कारण मौत हुई है.
लेफ्टिनेंट कर्नल की लाश मिलने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुची खेलगांव थाना की पुलिस ने मृतक लेफ्टिनेंट कर्नल के शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए रिम्स अस्पताल भेजा है. प्राम्भिक जांच के दौरान यह मामला सुसाइड का ही लग रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सारी स्थितियां स्पष्ट हो जाएगी.
लेफ्टिनेंट कर्नल की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक लेफ्टिनेंट कर्नल दिवाकर सिंह पिछले कुछ महीनों से डिप्रेशन में थे. उनका इलाज भी चल रहा था. इसी बीच उनकी मंगलवार को बिल्डिंग की पार्किंग में लाश मिलने से कोहराम मच गया है. यह भी जानकारी मिली है कि वह सोमवार की रात बिल्डिंग की छत पर टहलने गए थे. हालांकि रात में वह नीचे अपने कमरे में नहीं लौटे और आज सुबह उनकी लाश बिल्डिंग की पार्किंग से बरामद हुई है.
पार्किंग में मिली लाश
पुलिस विभिन्न पहलुओं पर जांच कर रही है. यह दर्दनाक घटना दुर्घटनावश हुई है या फिर अधिकारी ने छत से छलांग लगा कर आत्महत्या की है. इससे पहले अक्टूबर 2024 में झारखंड की राजधानी रांची के ही नगड़ी थाना अंतर्गत सेंबो स्थित सीआरपीएफ कैंप में तैनात राहुल कुमार मल्लिक नामक जवान ने खुद को अपनी ही सर्विस राइफल (एके -47 हथियार) से गोली मारकर आत्महत्या कर लिया था. मृतक जवान राहुल कुमार झारखंड के ही बोकारो जिला के रहने वाले थे.