उत्तर प्रदेश
बेगूसराय और भागलपुर में खेलो इंडिया यूथ गेम्स की तैयारी, अधिकारियों ने निरीक्षण कर दी जानकारी
18 Mar, 2025 08:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खेल और सामान्य प्रशासन विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेन्दर, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रविंद्रन शंकरन और खेल निदेशक महेंद्र कुमार ने आज बेगूसराय और भागलपुर जिलों में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के तहत विकसित हो रहे खेल अधोसंरचना का दौरा किया. इन अधिकारियों ने दोनों जगहों पर जिला अधिकारियों और खेल पदाधिकारियों से मुलाकात की. मौके पर चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की.
निरीक्षण के दौरान इन अधिकारियों ने समय पर गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य को संपन्न कराने पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया. बेगूसराय में उन्होंने यमुना भगत स्टेडियम, तेघड़ा तथा रिफाइनरी बरौनी स्टेडियम का दौरा किया. इस अवसर पर जिला पदाधिकारी बेगूसराय तुषार सिंगला सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
राज्य के खिलाड़ियों के लिए बड़ा अवसर
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तैयार हो रहे ये इंफ्रास्ट्रक्चर राज्य के खिलाड़ियों के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करेंगे. इससे बिहार में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय मंच पर आगे आने का मौका मिलेगा. उन्होंने समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण कार्य पूरा करने पर बल दिया. बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप समय पर पूरे किए जाएं, ताकि आगामी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बिहार गौरवपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा सके.
खेल के मैदानों का बारीकी से निरीक्षण
खेलो इंडिया यूथ गेम्स के सफल आयोजन में खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं मिले, यह सुनिश्चित करने खेल विभाग के अधिकारी बेगूसराय पहुंचे. यहां आवास, भोजन, सुरक्षा, विधि-व्यवस्था और खेल मैदानों की स्थिति का बारीकी से निरीक्षण किया. इस दौरान बेगूसराय के स्टेडियमों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के मानक के हिसाब से तैयार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
राष्ट्रीय स्तर पर निकलेंगे प्रदेश के खिलाड़ी
राजगीर में हॉकी महिला एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के सफल आयोजन के बाद बिहार अब खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी के लिए तैयार है. बिहार में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा निखारने का मंच प्रदान करेगा. साथ ही इससे बिहार को खेलों की दृष्टि से नई पहचान भी मिलेगी. यही वजह है कि बिहार सरकार का खेल विभाग स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर इन खेलों को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए लगातार सक्रिय है.
गाजीपुर में बिजली विभाग ने बडौदा यूपी बैंक का कनेक्शन काटा, लाखों का बकाया था बिल
18 Mar, 2025 08:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में एक बैंक पर बिजली विभाग की तरफ से कार्रवाई की गई है. बिल नहीं जमा करने पर विभाग ने बैंक का कनेक्शन काट दिया है. मामला बडौदा यूपी बैंक का है जिसके ऊपर लाखों का बिजली का बिल बकाया था और कई बार नोटिस देने के बाद भी जब बैंक ने बिल नहीं जमा किया तो बिजली कर्मियों ने क्षेत्र के 14 बकाएदारों के कनेक्शन काट दिए. जिसमें बैंक का भी कनेक्शन शामिल है.
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PUVVNL) के प्रबंध निदेशक( एमडी) शंभु कुमार के निर्देश पर सोमवार को विद्युत विभाग की टीम ने एसडीओ प्रवीन मौर्य के नेतृत्व में नेवर पेड उपभोक्ताओं के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चलाया. जिसकी वजह से लोगों में अफरातफरी मच गई. विद्युत विभाग की टीम के द्वारा चलाए गए सघन चेकिंग अभियान के दौरान टीम ने डेढगावां स्थित बडौदा यूपी बैंक सहित 14 बड़े बकाएदारों के कनेक्शन काट दिए. साथ ही टीम ने अवैध विद्युत का उपयोग करते पाए जाने पर 5 के खिलाफ चोरी का मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं अभियान के तहत दर्जनों उपभोक्ताओं से करीब 70 हजार बकाया वसूली की गई.
इन गावों में चला अभियान
विद्युत टीम ने जिन गांव में चेकिंग अभियान चलाया उनमें सुहवल, डेढगावां, पटकनियां, रमवल आदि हैं. विद्युत टीम ने चलाए गये इस सघन चेकिंग अभियान में चार नये कनेक्शन देने के साथ ही, दो नये मीटर भी लगाए. टीम ने अभियान के दौरान दर्जनों उपभोक्ताओं की विभिन्न समस्याओं का निस्तारण भी किया.
14 उपयोक्ताओं के काटे कनेक्शन
एसडीओ प्रवीन मौर्या ने सभी बडे़ नेवर पेड बकाएदारों को कहा कि जितने बकाएदारों का कनेक्शन काटा गया है. अगर भुगतान के बिना कनेक्शन जोड़ने की कोशिश की तो संबंधित लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिना कनेक्शन के बिजली का उपयोग न करें. मीटर में किसी भी तरह की गड़बड़ी पर तुरंत विद्युत सब स्टेशन को सूचित करें. जिससे समय से उसकी खराबी को दूर किया जा सके.
एसडीओ ने दी ये चेतावनी
एसडीओ प्रवीण मौर्य रेवतीपुर ने कहा कि डेढगावां स्थित बडौदा यूपी बैंक पर एक लाख से अधिक का बकाया था. जिसके बाद बैंक को नोटिस देकर उसका कनेक्शन काट दिया गया. ताडीघाट विद्युत सब स्टेशन के तहत सैकड़ों उपभोक्ताओं पर बिजली का पांच करोड़ से अधिक का बकाया है. 5 किलो वाट से अधिक लोड वाले कनेक्शन धारकों से बकाए के वसूली का अभियान चल रहा है और बैंक को कई बार बकाया जमा करने की बात कही गई थी.
बिहार के चिलको गांव में अंधविश्वासी भीड़ ने बुजुर्ग दंपति को मार डाला; मृतक को जिंदा करने की कोशिश में हुई घटना
18 Mar, 2025 08:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार के जमुई जिले के झाझा थाना क्षेत्र में अंधविश्वास के चक्कर में एक शख्स ने बुजुर्ग दंपति की तेज धारदार हथियार से हत्या कर दी. वहीं इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. घटना झाझा थानाक्षेत्र के कानन पंचायत के चिलको गांव की है. इस घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया. जिसके बाद कुछ लोगों को घटना की जानकारी मिलते ही लोगों ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद एसडीपीओ राजेश कुमार, एसएचओ संजय सिंह घटना स्थल पर पहुंचे.
झाझा थानाक्षेत्र के कानन पंचायत के चिलको गांव में रहे वाले एक बुजुर्ग दंपति की एक शख्स ने अंधविश्वास के चलते हत्या कर दी. लोगों ने घटना की जानकारी, पुलिस को दी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले लिया और घटना की जांच पड़ता में जुट गई. मृतक की पहचान जागेश्वर भुल्ला(उम्र 75 वर्ष) और उसकी पत्नी जासो देवी( उम्र 63 वर्ष) के रूप में हुई है.
जिंदा करने के लिए बुलाया
एसपी मदन कुमार आनंद भी घटना स्थल पर पहुंचकर विस्तृत जानकारी मृतक के पुत्र से लिया. दरअसल, दंपति पहले अपने परिवार के साथ रह रहा था और कुछ माह पूर्व वह गांव से 1.5 किलोमीटर दूर मशान घाट में जाकर रहने लगा. सोमवार को चिलको गांव के ही रहने वाले खीरु नैया की किसी कारण वश मौत हो गई थी. जिसके बाद बुजुर्ग जागेश्वर भूलो को देखकर जिंदा करने के लिए बुलाया गया था. मगर बुजुर्ग ने ऐसा करने से मना कर दिया. उसके बाद दोपहर में फिर मृतक खीरु नैया के घरवालों एवं ग्रामीणों अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर मशान घाट में रह रहे दंपति को जबरन बंधक बनाकर चिलको गांव लाये.
दंपति पर डायन का आरोप लगाकर मृतक खीरु को झाड़फूंक कर जिंदा करने के लिए कहा. वहीं डर से दोनों दंपति मृतक को जिंदा करने का नाटक करते रहे. मरे हुए व्यक्ति के जिंदा न होने पर, आगे किसी को जादू टोना करके दंपति ना मारे, इसको लेकर गांव वालों ने दोनों का मौत का फरमान सुनाया.
अंधविश्वास में कर दी हत्या
उसके बाद खीरु के घरवालों ने तेज हथियार से वार कर घर में ही दंपति की हत्या कर दी. जिसके बाद घटना को अंजाम देने वाले सभी लोग तीनों शव को उसी जगह छोड़कर फरार हो गए. वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. घटना स्थल पर एफएसएल टीम भी पहुंची और हत्या से जुड़े कई साक्ष्य जुटाए. जिसके बाद तीनों शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर कागजी कार्रवाई करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
कानपुर में रेस्टोरेंट में ऑर्डर में देरी पर ग्राहकों ने चुराए चिमटा और बेलन
18 Mar, 2025 08:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लोग जब भी कभी बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं तो कई बार ऐसा होता है कि ऑर्डर आने में देरी हो जाती है. उसके लिए लोग या तो इंतजार करते हैं या फिर ज्यादा देर होने पर वेटर या मैनेजर से शिकायत भी करते हैं. हालांकि, कानपुर में तो गजब ही हाल हो गया. यहां रेस्टोरेंट में खाने आए ग्राहकों ने ऑर्डर में देरी होने पर चोरी कर ली और चोरी भी किस चीज की, चिमटा और बेलन. सीसीटीवी में घटना देखकर रेस्टोरेंट मालिक भी हैरान रह गया.
कानपुर का पी रोड व्यापारिक क्षेत्र है. यहां पर हर सामान की सैकड़ों दुकानें हैं और काफी मात्रा में ग्राहक यहां खरीददारी करने आते हैं. यहां पर स्थित भुक्कड़ रेस्टोरेंट में तीन ग्राहक खाना खाने आए थे. उन्होंने वेटर को कबाब, डोसा और चाउमीन का ऑर्डर दिया. इसके बाद उन्होंने कोल्ड ड्रिंक भी ली.
कबाब और डोसा तो उन्होंने खा लिया लेकिन चाउमीन मिलने में देरी हो रही थी. रेस्टोरेंट के मालिक के अनुसार जब चाउमीन मिलने में देरी हुई तो तीनों ग्राहक काउंटर पर गए और जो खाया था उसका पैसा देकर चले गए.
थोड़ी देर बाद किचेन वालों ने बताया कि चिमटा और बेलन नहीं मिल रहा है. इस पर रेस्टोरेंट मालिक ने अपने स्टाफ पर गुस्सा किया कि वो लोग सामान ठीक से नहीं रखते है. इसके बाद बेलन और चिमटे की खोज शुरू हुई लेकिन रात तक दोनों सामान नहीं मिला. रात को रेस्टोरेंट मालिक ने अपना सीसीटीवी कैमरा चेक किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई.
वही तीन ग्राहकों में से दो लोगों ने जाते समय चिमटा और बेलन चुरा लिया था. पूरी घटना सीसीटीवी में साफ तौर पर कैद हो गई थी. पूरी घटना देखने के बाद किसी की समझ में नहीं आया कि आखिर यह काम करके उनको क्या मिलने वाला है. रेस्टोरेंट मालिक के अनुसार तीनों अच्छे कपड़े पहने हुए थे और अच्छे घर के लग रहे थे. इसके बावजूद उन्होंने ऐसी हरकत कर दी.
3 पूर्व मुख्यमंत्री समेत BJP के 51 नेताओं को मिली राहत, झारखंड HC ने FIR निरस्त किया
18 Mar, 2025 07:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
झारखंड हाई कोर्ट से नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा, सांसद दीपक प्रकाश, सांसद ढुल्लू महतो समेत पार्टी के शीर्ष 51 बीजेपी नेताओं को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने नेताओं पर दर्ज केस को निरस्त करने का आदेश दिया है. हाई कोर्ट ने सोमवार को मोरहाबादी में बीजेपी के कार्यक्रम के दौरान पुलिस के साथ झड़प मामले में दर्ज प्राथमिकी निरस्त कर दी है. दरअसल 23 अगस्त 2024 को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित युवा आक्रोश रैली में हुए उपद्रव के बाद लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. आरोपितों पर उपद्रव करने, दंगा भड़काने, सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने, सरकारी कार्य में बाधा डालने, अपराध के लिए उकसाने और दूसरे व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित धाराएं लगाई गई थी.
51 बीजेपी नेताओं पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
इस मामले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सहित संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्य सभा सांसद आदित्य साहू, राज्य सभा सांसद प्रदीप वर्मा सांसद ढुलू महतो, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, बीजेपी विधायक कुशवाहा शशि भूषण, अपर्णा सेन गुप्ता, विधायक डॉ नीरा, विधायक राज सिन्हा, विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ,गीता कोड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, भानु प्रताप शाही, विधायक नवीन जायसवाल सहित 51 बीजेपी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
कोर्ट से बीजेपी नेताओं को बड़ी राहत
बीजेपी झारखंड के विधि प्रकोष्ठ के संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने बताया की लालपुर थाना मे संजय कुमार, कार्यपालक दंडाधिकारी के आवेदन पर बीजेपी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी, जिसमें हत्या के प्रयास की धारा भी लगाई गई थी. इस मामले में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और जमकर लाठियां चलाई थी. जिसमें कई बीजेपी नेता जख्मी हो गए थे. इस एफआईआर खिलाफ बीजेपी नेताओं की तरफ से झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर प्राथमिकी निरस्त करने की मांग की गई थी. जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने इन्हें बड़ी राहत देते हुए दर्ज केस को निरस्त करने का आदेश दिया है. नेताओं की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, सुधीर श्रीवास्तव ,पार्थ जलान, शिवानी जुलका ने पैरवी की थी.
युवा आक्रोश रैली में हुआ था बवाल
23 अगस्त 2024 को हेमंत सोरेन की सरकार के खिलाफ , युवाओं को रोजगार के नाम पर छलने और उनके साथ धोखाधड़ी करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के द्वारा रांची के मोराबादी मैदान में युवा आक्रोश रैली निकाली गई थी, युवा आक्रोश रैली में जमकर बवाल हुआ. पत्थरबाजी और हंगामे के बाद पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का प्रयोग किया. इस घटनाक्रम में करीब आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी और कई बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता घायल हुए थे.
इसके बाद रांची के लालपुर थाना में बीजेपी के युवा आक्रोश रैली के दौरान उग्र प्रदर्शन और हिंसा करने को लेकर बीजेपी के 3 पूर्व मुख्यमंत्री सहित 51 नामजद और 12 हजार अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था,. इसमें बीजेपी के कई विधायक और राज्यसभा सांसद शामिल थे. इनमें… संजय सेठ (केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री) अर्जुन मुंडा (पूर्व केंद्रीय मंत्री) बाबूलाल मरांडी (पूर्व मुख्यमंत्री) बीडी राम (सांसद) भानु प्रताप शाही (विधायक) अमर बाउरी (नेता प्रतिपक्ष) आदित्य साहू (सांसद) दीपक प्रकाश (राज्यसभा सांसद) अभयकांत प्रसाद (सांसद) प्रदीप वर्मा (सांसद) विद्युत वरण महतो (सांसद) मनीष जायसवाल (सांसद) नीलकंठ सिंह मुंडा (विधायक) रणधीर सिंह (विधायक) नीरा यादव (विधायक) रामचंद्र चंद्रवंशी (विधायक) अपर्णा सेन गुप्ता (विधायक) कुशवाहा शशिभूषण मेहता (विधायक) पुष्पा देवी (विधायक) समरी लाल (विधायक) केदार हाजरा (विधायक) राज सिन्हा (विधायक) सीपी सिंह (विधायक) यदुनाथ पांडेय (पूर्व सांसद) ढुल्लू महतो (सांसद) मधु कोड़ा (पूर्व मुख्यमंत्री) गीता कोड़ा (पूर्व विधायक) संजीव विजयवर्गीय (पूर्व डिप्टी मेयर, रांची) कर्मवीर सिंह (संगठन मंत्री, बीजेपी) नवीन जायसवाल (विधायक) नारायण दास (विधायक) अमित मंडल (विधायक)
सहित कुल 51 नामदेव के साथ-साथ 12000 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
सोनभद्र में तीन बहनों ने यूपी पुलिस में चयनित होकर परिवार और जिले का नाम रोशन किया
18 Mar, 2025 07:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
“खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है…” बेशक यह पंक्ति अल्लामा इकबाल ने लिखी हैं, लेकिन सोनभद्र में एक ही परिवार के तीन सगी बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन होने के बाद अल्लामा इकबाल की यह लाइनें सटीक बैठ रही हैं. बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन होने के बाद परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं है. घर-परिवार के साथ-साथ इन तीनों सगी बहनों ने जिले का नाम भी रोशन किया है. ये तीनों बहनें एक साधारण किसान परिवार से आतीं है. इनके पिता एक किसान हैं, जबकि इनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं. ग्रामीण परिवेश और पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करने के बावजूद भी इन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा पास की.
सोनभद्र जिले के करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव निवासी तीन बहनों का यूपी पुलिस में सिलेक्शन काफी चर्चाओं में है. करकी गांव निवासी तीन बहनें आराधना पटेल, मंजू पटेल और सुमन सिंह पटेल ने सिपाही भर्ती की परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर न सिर्फ परिवार बल्कि जिले का नाम रोशन किया है. सुमन सिंह पटेल की शादी हो गई है. उनका कहना है कि मुझे आगे बढ़ाने में मेरे परिवार और ससुराल पक्ष दोनों का काफी सहयोग मिला.
सफलता के लिए दादा और पिता को दिया श्रेय
मेरे दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. उनका बहुत श्रेय रहा है और मेरे पिता ने हम लोगों के लिए बहुत कुछ किया है. वह अपना गम कभी नहीं बताते थे और हम लोगों का हर सपना पूरा करते थे. जो हम लोगों ने चाहा, वह हम लोगों ने पढ़ाई के दौरान किया. उन्होंने अपना कष्ट कभी नहीं बताया. हमारे गुरुजी लोगों का बहुत सहयोग मिला. ससुराल में मुझे बहुत सहयोग मिला. मैं एएनम का कोर्स कर रही हूं. मुझे मेरी पूरी फैमिली का स्पोर्ट मिला.
यूपी की बहनों को जागरूक करेंगे
वहीं आराधना सिंह पटेल ने बताया कि पुलिस में जाना मुझे अच्छा लग रहा है. हम अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं. अपहरण की घटनाओं को लेकर अपने यूपी की बहनों को जागरूक करेंगे. इस सफलता का श्रेय हम स्कूल के गुरुजी लोगों को देना चाहेंगे और डॉक्टर को, क्योंकि मैं एएनएम भी करती हूं. साथ ही साथ में माता-पिता का भी. गांव के लोगों के लिए कहना चाहूंगी कि आगे आएं. अपने परिवार, स्कूल का नाम रोशन करें और देश का नाम आगे बढ़ाएं.
नमक-रोटी खाकर बेटियों को पढ़ाया
तीनों बेटियों के पुलिस सिलेक्शन के बाबत पिता अनिल कुमार ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी मिल रही है. बेटियों को पढ़ाई कराने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. नमक-रोटी खाकर इन बच्चों को पढ़ाया है. बच्चों ने जो चाहा हमने किसी तरह उनकी इच्छाओं को पूरा किया. हमारे पिताजी सेनानी थे. हम सबने उनकी सेवा की है और उनका लाभ भी लिया है. नौकरी के लिए सेनानी कोटा लगाया था, जिससे हम लोगों को लाभ मिला है.
शराब के नशे में शिक्षक ने पत्नी की हत्या की, बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाला मास्टर साहब गिरफ्तार
18 Mar, 2025 07:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
समाज को प्रगति के पथ पर ले जाने की तरफ और आदर्श समाज के निर्माण करने की जिस मास्टर साहब पर नैतिक की जिम्मेदारी थी, वही मास्टर साहब खुद नैतिकता भूल गए. झारखंड के गुमला जिले के घाघरा थाना स्थित तेंदार गांव निवासी राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेंदार के पारा शिक्षक रामविलास उरांव ने शराब के नशे में शनिवार की शाम अपनी पत्नी की हत्या कर दी. रामविलास की पत्नी सूरजमुनी देवी ने उसे शराब पीने से मना किया था, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद हो गया था.
शुक्रवार की शाम लाठी से पीट-पीट कर अपनी पत्नी सूरजमुनी देवी (38) की हत्या कर दी. दोनों में विवाद हुआ. मना करने की बात सुनते ही शराब के नशे में धुत मास्टर साहब इंसान से हैवान बन बैठे और फिर क्या था अपनी पत्नी सूरज मुनि देवी की बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी. इस दौरान सूरजमुनि देवी की तड़प तड़प कर मौत हो गई.
इलाके में मच गया हड़कंप
घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. स्थानीय लोगों की सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंच गई. घाघरा थाना की पुलिस ने बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ने वाले मास्टर साहब राम विलास उरांव को गिरफ्तार कर लिया. वहीं मृतक पत्नी सूरज मुनि देवी के शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज पूरे मामले को लेकर तहकीकात में जुट गई है. पुलिस ने बताया कि शिक्षक रामविलास उरांव को शराब पीने की लत थी. शराब की लत के कारण अक्सर घर में मास्टर साहब रामविलास उरांव का उनकी पत्नी सूरज मुनि देवी के साथ विवाद होता था. शिक्षक पति रामविलास उरांव को उनकी पत्नी शराब पीने से मना करती थी.
पहले भी आ चुका है ऐसा मामला
राज्य के गढ़वा जिला अंतर्गत रंका थाना क्षेत्र के भलुआनी ग्राम में एक हफ्ते पहले भी इस तरह का मामला सामने आया था. शराब पीने को लेकर हुए घरेलू विवाद में रामजन्म सिंह नामक पति ने ,अपनी ही पत्नी की घर में रखी धारदार खेती में इस्तेमाल की जाने वाली कुदाल से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी. घटना को अंजाम देने के बाद हत्या का आरोपी आरोपी फरार हो गया था.
संभल में जामा मस्जिद विवाद के बाद नया विवाद, नेजा मेले की अनुमति पर प्रशासन ने दी रोक
18 Mar, 2025 07:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद विवाद के बाद एक नए विवाद को लेकर सरगर्मी बढ़ती नजर आ रही है. दरअसल, पुलिस प्रशासन ने यहां हर साल लगने वाले नेजा मेले की अनुमति नहीं दी है. ये मेला सैय्यद सलार मसूद गाजी की याद में लगाया जाता था. पुलिस ने आयोजकों को मेला लगाने की अनुमति नहीं दी है. ये मेला होली के बाद हर साल लगता था. वहीं अब बाराबंकी में स्थित सैय्यद सलार मसूद गाजी के पिता की मजार पर लगने वाले मेले को लेकर भी लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं.
संभल में इस साल सैय्यद सलार मसूद गाजी की याद में लगने वाले नेजा मेले का आयोजन नहीं होगा. पुलिस ने आयोजकों से साफ कह दिया है कि लुटेरों के नाम पर मेले के आयोजन की अनुमति नहीं देंगे. होली के बाद हर साल मेला लगता था. इस आयोजन को लेकर दूसरे समुदाय के लोगों ने पुलिस प्रशासन के सामने आपत्ति की थी. वहीं संभल में मेले की मनाही के बाद अब बाराबंकी जिले के सतरिख कस्बे में उनके पिता सैय्यद सालार साहू गाजी रहमतुल्लाह बूढ़े बाबा की दरगाह अचानक चर्चा में आ गई है. यहां भी हर साल ज्येष्ठ माह के बड़े मंगल के बाद शनिवार को कुल मनाया जाता है. ऐसे में सवाल खड़े होने लगे हैं कि यह कुल मेला अब यहां लगेगा या नहीं.
सैकड़ों साल पुरानी है परंपरा
दरअसल, बूढ़े बाबा की दरगाह पर सैकड़ों वर्ष पूर्व से मेला लगता चला आ रहा है. कुल मेले के दौरान दूर-दूर से जायरीन यहां आते हैं. जिले के अलावा अन्य दूर-दराज स्थानों से ट्रैक्टर, ट्राली और बस से जायरीन यहां पहुंचते हैं. यहां हिंदू लोग बच्चों का मुंडन कराते हैं. बाबा की दरगाह पर निशान और चादर पेश करते हैं. यहां रहने वाले मोहम्मद सिद्दीक व अन्य कार्यकर्ताओं ने बताया कि बूढ़े बाबा अफगानिस्तान के रहने वाले थे. वहां से 1400 साल पहले वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ अजमेर शरीफ आये थे. अजमेर शरीफ से उनकी पत्नी तो वापस अफगानिस्तान चली गईं, लेकिन सैय्यद सालार साहू गाजी रहमतुल्लाह बूढ़े बाबा खुद और उनके साहबजादे सैय्यद सलार मसूद गाजी सतरिख आ गए. सतरिख में बूढ़े बाबा की दरगाह है. जबकि उनके साहबजादे सैय्यद सलार मसूद गाजी कब्र बहराइच में बनी है.
महमूद गजनवी से है नाता
बूढ़े बाबा की दरगाह के कार्यकर्ताओं ने कहा कि कुल मेले के पहले दिन यहां पक्के आम की सीप आकर जरूर चढ़ती है. चाहे जहां से भी वह आम की सीप आये. उन्होंने बताया कि मान्यता है कि लोगों की यहां मुरादें पूरी होती हैं. अलग-अलग बीमारियों के मरीज लोग यहां आते हैं. इस साल 14 मई से 17 मई तक मेला चलेगा. अगर सबसे क्रूर मुगल शासकों की बात होती है तो महमूद गज़नवी का नाम आता है. सैयद सालार मसूद गाजी मोहम्मद गज़नवी का भांजा था. मुस्लिम शासकों के जमाने में ही इसका महिमा मंडन किया गया और बहराइच में कब्र को दरगाह का रूप दे दिया गया. यहां बहुत सारे लोग पहुंचते हैं. यहां भी मेला लगता है जिसको लेकर कई बार विवाद हो चुका है. वहीं उसकी याद में ही संभल में नेजा मेला लगता है. होली के बाद इस मेले का आयोजन किया जाता है.
तिलकामांझी यूनिवर्सिटी में घोटाला, नंबर टेंपरिंग के जरिए 25 छात्रों को पास किया गया
18 Mar, 2025 05:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भागलपुर की तिलकामांझी यूनिवर्सिटी लगातार अपने अजब-गजब कारनामों की वजह से सुर्खियों में बनी रहती है. कभी विश्वविद्यालय में कुल सचिव की पिटाई हो जाती है, कभी कागज ना होने की वजह से डिग्री पेंडिंग रहती है, सेशन लेट हो जाता है. इस बार तो हद हो गई. यहां नंबर टेंपरिंग कर 25 छात्रों को पास कर दिया गया. मामला उजागर होने पर राज भवन ने संज्ञान लिया है और जांच का आदेश दिया हैय मामले में राजभवन ने विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. हालांकि इस मामले पर अब तक विश्वविद्यालय ने पर्दा डाल रखा था.
2023 में तिलकामांझी विश्वविद्यालय से एफिलेटेड तारड़ कॉलेज में छात्रों के अंक में धांधली की गई थी. इंग्लिश ऑनर्स पार्ट 2 की परीक्षा रिजल्ट में हेरा फेरी करने का मामला उजागर हुआ है. राज भवन ने ताडर कॉलेज के 25 छात्रों का नाम लिखकर विश्वविद्यालय को भेजा है. इसमें कहा गया है कि इन लोगों के अंक पत्र में टेंपरिंग की बात कही जा रही है, इस पर जांच हो और कार्रवाई किया जाए. राजभवन से पत्र मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जांच कमेटी गठित कर दी गई है और इसकी जांच की जा रही है.
मामले को लेकर प्रभारी कुलपति का कहना है कि राजभवन से पत्र आया है और इसको लेकर जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट कुलपति को सौंपी जाएगी. इसके बाद जितने लोग दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं का कहना है कि पिछले 2 साल से लगातार इस तरह के मामले को लेकर छात्र आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय में अराजक स्थिति है. ऐसे और कई मामले हो सकते हैं जिसको लेकर जांच कराने की जरूरत है.
आरोप है कि यहां की जांच कमेटी का क्या हाल है यह सब को पता है. कई जांच कमिटियां बनीं, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही रिपोर्ट सामने आया. इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए. मामले को लेकर कुलपति ने कहा कि जांच की जा रही है. रिपोर्ट के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सवाल खड़े हो रहे हैं कि पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य के साथ कहीं ना कहीं इस कार्य में जुटे लोग खिलवाड़ कर रहे हैं. विश्वविद्यालय में नंबर टेंपरिंग का मामला काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.
भागलपुर में मोबाइल विवाद में पत्नी ने पिया जहरीला पदार्थ, इलाज के दौरान मौत
18 Mar, 2025 05:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पत्नी मोबाइल लेकर होली खेलने जाना चाहती थी. पति ने विरोध जताया और मोबाइल ले जाने से मना किया तो पत्नी गुस्सा हो गई. उसने जहरीला पदार्थ पी लिया. एक दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद बीती शाम 17 मार्च को उसने दम तोड़ दिया. मामला भागलपुर के पीरपैंती थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां अम्मापली गांव में होली के दिन मोबाइल लेकर होली खेलने जाने के विवाद में भोलू मंडल की पत्नी नीतू कुमारी ने जहरीला पदार्थ पी लिया. इसके बाद महिला की स्थिति बिगड़ गई. उसे पहले रेफरल अस्पताल पीरपैंती में भर्ती कराया गया. स्थिति गंभीर देख उसे मायागंज भागलपुर रेफर किया गया.
मामले में नीतू कुमारी के मायके वाले ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. मृतका की मां रास मणि देवी भाई दीपक व पिता छविल मंडल ने पति भोलू मंडल पर पत्नी की हत्या कर देने का आरोप लगाया है. मां और भाई ने पुलिस को बयान देते हुए बताया कि 14 तारीख को गांव के मौसी के घर मोबाइल लेकर होली खेलने जा रही थी, जिसका पति ने विरोध किया और उसके साथ मारपीट की और उसकी हत्या कर दी. मामले को लेकर मृतका के पति भोलू मंडल ने भी पूरी कहानी बताई है.
भोलू मंडल ने पुलिस को बताया कि ‘नीतू घर से मोबाइल लेकर गांव जा रही थी, घर में एक ही मोबाइल था. मैंने मोबाइल रखकर जाने को कहा तो वह गुस्सा हो गई. इस पर मौसी के घर पर पंचायत हुआ और मामला शांत हो गया. 16 तारीख को मां और अन्य परिजन बहन का प्रसव करवाने अस्पताल गए थे. फिर नीतू ने रोटी-सब्जी बनाई और घर में फांसी लगाने का प्रयास कर रही थी. मां ने इसकी सूचना मुझे दी. मैं घर आया तो सबकुछ ठीक ठाक था. फिर मैं शौच के लिए गया तो वो इधर सिर में लगाने वाले तेल को पी गई. इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गए जहां उसकी इलाज के क्रम में मौत हो गई.’
घटना की सूचना पर मौके पर पीरपैंती थाना अध्यक्ष नीरज कुमार दलबल के साथ पहुंचे. मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भेज दिया. वहीं, पति भोलू मंडल को हिरासत में ले लिया. थाना अध्यक्ष ने बताया कि जहरीला पदार्थ खाने से महिला की मौत की बात सामने आई है. हालांकि, मृतका के मायके वालों ने हत्या का आरोप लगाया है. हालांकि, देर रात तक थाने में कोई आवेदन नहीं दिया गया.
"हादसा होने वाला है", युवक की चेतावनी के बाद फाटक पर खड़े ट्रक को ट्रेन ने टक्कर मारी
18 Mar, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के अमेठी में रेलवे फाटक पर भीषण हादसा हुआ है. यहां निहालगढ़ स्टेशन के पास रेलवे फाटक पर एक मालगाड़ी ट्रेन ने ट्रक को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रेन ट्रक को 100 मीटर तक घसीटते ले गई. इस हादसे का वीडियो सामने आया है.
हादसे में ट्रक और ट्रेन के ड्राइवर जख्मी हो गए हैं. दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. हादसे की सूचना मिलते ही डीआरएम समेत कई अफसर मौके पर पहुंचे. अफसरों ने रेल के कर्मचारियों और घटनास्थल पर मौजूद लोगों से हादसे की जानकारी ली.
हादसे के बाद यातायात बाधित
ये हादसा जगदीशपुर कोतवाली के अयोध्या-रायबरेली रोड पर बने रेलवे क्रासिंग पर हुआ है. यहां पर रात करीब दो बजे एक मालगाड़ी ट्रेन ने ट्रैक पर खड़े ट्रैक को जोरदार टक्कर मार दी. इस हादसे की वजह से लखनऊ-सुल्तानपुर-वाराणसी रेलवे ट्रैक पूरी तरह से कुछ देर के लिए बाधित हो गया. ट्रैक से गुजरने वाली सभी गाड़ियां जहां थीं, वहीं खड़ी हो गईं.
क्षतिग्रस्त रेलवे लाइन को ठीक करने के लिए रेलवे के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. क्षतिग्रस्त ट्रक को पटरी से हटाया गया. मौके पर उत्तर रेलवे मण्डल लखनऊ के अफसर भी पहुंचे. वहीं हादसे का 58 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में सुनाई दे रहा है कि एक युवक कहता है कि देखिए अब बड़ा हादसा होगा.वीडियो में दिखता है कि रेलवे फाटक की क्रॉसिंग खुली है. ट्रक क्रॉसिंग को पार कर रहा है, तभी एक ट्रेन आ जाती है. ट्रेन ट्रक को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ जाता है.
रूट किया गया डायवर्जन
वहीं, हादसे के बाद रायबरेली-अयोध्या हाईवे पर दोनों तरफ जाम लग गया. जाम को हटाने के लिए रास्ते को डायवर्ट किया गया. अयोध्या की तरफ से आने वाले वाहनों को रानीगंज से वारिसगंज के रास्ते लखनऊ वाराणसी हाईवे पर निकाला जा रहा है, जबकि रायबरेली, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ से अयोध्या धाम जाने वाले वाहनों को जगदीशपुर चौराहे, श्री रामगंज चौराहे पर रोककर अगल बगल के रास्ते से गुजारा जा रहा है.
ये कह रहे जिम्मेदार
वहीं मौके पर पहुंचे डीआरएम श्री एस एम शर्मा ने बताया कि जैसे ही पता चला, हम लोग मौके पर पहुंचे. ट्रक बीच में फंस गया था, जिसके चलते हादसा हुआ. सभी लोग सुरक्षित हैं. घटना को लेकर जांच की जा रही है.
उन्नाव में प्रेमी-प्रेमिका को सड़क पर पकड़ा, गांववालों ने प्रेमी की पिटाई कर सिर मुंडवाए
18 Mar, 2025 11:02 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यूपी के उन्नाव में गांववालों ने प्रेमी-प्रेमिका को सड़क पर बात करते पकड़ लिया. इसके बाद गांववालों ने प्रेमी की जमकर पिटाई कर दी. यही नहीं, उसके सिर के बाल तक मुंडवा दिए. सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इसका वीडियो दो पार्ट में है, जिसमें एक 10 सेकेंड का है तो दूसरा 56 सेकेंड का है.
छिबरामऊ की रहने वाली एक लड़की अपने ननिहाल बांगरमऊ आई थी. 15 मार्च को लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के सर्विस लेन के पास स्थित एक खेत में लड़की के साथ उसके प्रेमी को गांव के लड़कों ने देख लिया. इसके बाद लड़कों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. सूचना मिलने पर लड़की के परिजन मौके पर पहुंचे और उसको घर लेकर चले गए.
प्रेमी को गांववालों ने बेरहमी से की पिटाई
इसी बीच, प्रेमी को गांव के कुछ युवकों ने पकड़ लिया. ग्रामीण युवकों ने लड़के से पूछा तो उसने लड़की के साथ अफेयर की बात कही. इस पर गांववाले भड़क गए. उन्होंने लड़के के कपड़े उतरवाए, जिससे वह अर्धनग्न हो गया. फिर उसकी लात-जूतों से जमकर पिटाई कर दी. यही नहीं, नाई को बुलाकर उसके सिर के आधे बाल तक मुंडवा दिए.
इस दौरान प्रेमी गांववालों से रहम की गुहार लगाता रहा. लेकिन ग्रामीण उसकी एक नहीं सुन रहे थे. उसकी लगातार पिटाई करते जा रहे थे. बांगरमऊ के सीओ अरविंद चौरसिया ने बताया कि लड़की और लड़का दोनों नाबालिग हैं. दोनों एक्सप्रेस वे के किनारे खड़े होकर आपस में बात कर रहे थे, जिसको गांव के ही कुछ लड़कों ने देख लिया था. इसी दौरान लड़के की पिटाई कर दी.
क्या बोले पुलिस अधिकारी?
सीओ अरविंद चौरसिया ने कहा कि लड़के के साथ मारपीट करना गलत है. आरोपियों का पता लगाया जा रहा है. किसी को भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. लड़की के घरवालों से भी बात की जाएगी. वहीं, लड़के को गांववालों से छुड़ा लिया गया है.
योगी सरकार का बड़ा फैसला: अब आउटसोर्सिंग कंपनियों को छोड़, सीधे भर्ती करेगी सरकार
18 Mar, 2025 10:33 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार अब सीधे तौर पर आउटसोर्सिंग के जरिए भर्ती करेगी. इसके लिए अब आउटसोर्सिंग कंपनियों को दरकिनार किया गया है.सरकार ने निर्णय लिया है कि वह खुद भर्ती करेगी. इसके लिए सरकार आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती कारपोरेशन बनाने जा रही है. इससे कर्मचारियों के हित सुरक्षित होंगे और बिचौलिए जो कमीशन के रूप में मोटी मलाई खा रहे थे, उनसे छुटकारा मिलेगा.
कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि वो सभी विभाग जिनको संविदा पर कर्मचारी चाहिए वो आउटसोर्स भर्ती कारपोरेशन को प्रस्ताव भेजेंगे. कारपोरेशन उन पदों पर भर्ती प्रक्रिया के तहत वैकेंसी निकालेगा. उन्होंने बताया कि सिलेक्शन प्रोसेस के तहत संविदा कर्मचारियों की भर्ती होगी. उचित सुविधाएं मिलेंगी और पीएफ भी कटेगा.
ऐसे होगी भर्ती प्रक्रिया
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों माध्यमों से की जाएगी.ऑनलाइन आवेदन भी लिए जाएंगे. समूह ख और ग से जुड़े पदों के लिए लिखित परीक्षा के साथ इंटरव्यू की व्यवस्था भी होगी. मगर, समूह- ग के कुछ पदों और समूह घ के सभी पदों पर उसके लिए आवश्यक शैक्षणिक और तकनीकी योग्यता के आधार पर सीधी भर्ती ही की जाएगी. अधिकारी ने ये भी बताया कि आउटसोर्स कर्मचारी एक बार भर्ती होने के बाद काम करते रहेंगे.
एक-एक साल का होगा कॉन्ट्रैक्ट
अधिकारी ने बताया कि उनसे एक-एक साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन कराया जाएगा. जब तक कर्मचारी की जरूरत रहेगी, वे संबंधित विभाग में काम करते रहेंगे. किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हो गया या फिर ऑफिस में सेवा नियमावली के खिलाफ कोई काम किया. दुराचरण या रिश्वत जैसी कोई शिकायत मिली तो उन्हें हटा दिया जाएगा.
मिलेगा आरक्षण, इतनी होगी सैलरी
श्रम मंत्री अनिल राजभर ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है. श्रम मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स निगम से भर्ती होने वाले कर्मचारियों का वेतन न्यूनतम 16 हजार रुपये होगा. उन्होंने कहा कि शिकायतें आती रहती हैं कि एजेंसी उन्हें निर्धारित मानदेय पूरा नहीं देती. इससे कर्मचारियों का उत्पीड़न होता है. इस समस्या को दूर करने के लिए निगम आउट सोर्स कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में जमा कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति को 21%, अनुसूचित जनजाति को 2% और अन्य पिछड़ा वर्ग के युवाओं को 27% आरक्षण दिया जाएगा.
दिहुली नरसंहार: 44 साल बाद आरोपियों को सजा, तीन दोषी ठहराए गए
18 Mar, 2025 10:26 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
उत्तर प्रदेश के दिहुली नरसंहार में 24 दलितों की सरेआम हत्या कर दी गई थी. फिरोजाबाद जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर जसराना के दिहुली गांव में 18 नवंबर 1981 को डकैतों ने 24 दलित समाज के लोगों को गोली से भून दिया था. दिहुली नरसंहार मामले में आरोपियों को सजा देने में 44 साल लग गए. इस मामले में 11 मार्च को मैनपुरी की एक अदालत ने तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है, जिनके सजा का ऐलान आज को होगा. इस घटना ने यूपी की नहीं बल्कि देशभर को हिलाकर रख दिया था.
दिहुली नरसंहार मामले के दूसरे दिन 19 नवंबर 1981 को लायक सिंह ने जसराना थाने में राधेश्याम, संतोष सिंह और 15 अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस तरह कुल 17 आरोपी नामजद थे, जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है, जबकि एक आरोपी ज्ञानचंद्र उर्फ गिन्ना अब भी फरार है. एडीजे इंद्र सिंह ने दिहुली नरसंहार पर फैसला सुनाते हुए तीन आरोपियों-कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल को दोषी करार दिया. साथ ही फरार गिन्ना के खिलाफ स्थायी वारंट जारी कर दिया है.
44 साल पुराना यूपी का दिहुली कांड
फिरोजाबाद से 30 किलोमीटर दूर जसराना कस्बे के गांव दिहुली में 18 नवंबर 1981 शाम पांच बजे डकैत संतोष-राधे और उनके गिरोह के सदस्यों ने हमला कर बोलकर 24 दलितों की गोलियों से भून दिया था. इस नरसंहार को अंजाम देने वाले अधिकांश अभियुक्त अगड़ी जाति से थे, जबकि मरने वाले दलित समाज से थे.
नरसंहार में मरने वालों में ज्वाला प्रसाद, रामप्रसाद, रामदुलारी, श्रृंगारवती, शांति, राजेंद्री, राजेश, रामसेवक, शिवदयाल, मुनेश, भरत सिंह, दाताराम, आशा देवी, लालाराम, गीतम, लीलाधर, मानिकचंद्र, भूरे, शीला, मुकेश, धनदेवी, गंगा सिंह, गजाधर और प्रीतम सिंह शामिल थे. इसके अलावा 9 लोग घायल हुए थे.
मुखबिरी के शक में उतारा मौत के घाट
दरअसल, संतोष, राधे श्याम के साथ कुंवरपाल एक ही गिरोह में हुआ करते थे. संतोष और राधे श्याम अगड़ी जाति से थे, जबकि कुंवरपाल दलित जाति से आते थे. डकैत कुंवरपाल की एक अगड़ी जाति की महिला से मित्रता थी, ये बात संतोष और राधे को नागवार गुजरी थी. यहीं से दुश्मनी की शुरुआत हुई. इसके बाद कुंवरपाल की संदिग्ध परिस्थितियों में हत्या हो गई, जिसके चलते दलित समाज के लोगों के लगा कि उनकी हत्या संतोष और राधे गैंग ने कराया है.
कुवंरपाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संतोष-राधे गैंग के दो सदस्यों को गिरफ़्तार करके उनसे भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे. संतोष, राधे और बाकी अभियुक्तों को यह शक था कि उनके गैंग के इन दो सदस्यों की गिरफ्तारी के पीछे दिहुली गांव के जाटव जाति के लोगों का हाथ है. पुलिस ने इस घटना में जाटव जाति के तीन लोगों को गवाह के तौर पर पेश किया तो यह शक और गहरा गया. पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, इसी रंजिश की वजह से दिहुली हत्याकांड हुआ.
डकैतों ने सरेआम गोलियों से भूना
संतोष-राधे ने दलित समाज को सबक सिखाने के लिए दिहुली कांड को अंजाम दिया था. 18 नवंबर 1981 शाम पांच बजे की बात है. ठंड अपनी दस्तक रहे थी, गांव के लोग अपने घर लौट ए थे. संतोष-राधे अपने साथी डकैतों हथियार लेकर दिहुली गांव पर हमला कर दिया. डकैतों ने औरतों-बच्चों किसी को नहीं बख्शा, जो मिला उसे मौत के घाट उतार दिया.
चश्मदीदों के मुताबिक, संतोष गिरोह ने पूरे जाटव टोले को घेर रखा था, जो दिखाई देता उसको गोली मार देते थे. इस तरह 24 दलित समाज के लोगों को गोलियों से भून दिया था. गांव में डकैतों ने लूट-पाट की और उसके बाद सभी आरोपी ठाकुरों के मोहल्ले में चले गए. बताया जाता है कि वह पंचम सिंह, रवेंद्र सिंह, युधिष्ठिर सिंह, रामपाल सिंह के घर पर रात को डेढ़ बजे तक रहे. वहां डकैतों ने पार्टी भी की थी. घटना इतना भाहवत थी कि गांव के लोग रात तक डर के कारण अपने मोहल्ले में नहीं गए.
डर से दलित समाज का पलायन
दिहुली वारदात के बाद दलित समाज के लोगों ने दिहुली गांव से पलायन शुरू कर दिया था, लेकिन सरकार के आदेश पर पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी गांव में कैंप लगाकर रहने लगे. घटना के बाद कई महीनों तक पुलिस और पीएसी गांव में तैनात रही थी. दलित लोगों से गांव में ही रुकने की अपील की थी.
दिहुली नरसंहार मामले में लायक सिंह, वेदराम, हरिनारायण, कुमर प्रसाद और बनवारी लाल गवाह बने. लायक सिंह ने ही संतोष सिंह, राधे श्याम सहित उनके डकैत सदस्यों के खिलाफ नामजद 19 नवंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी. गवाह को सुरक्षा दी गई. दलित समाज के लोगों से पलायन करने से रोका गया. हालांकि, अब ये सभी जिंदा नहीं हैं, लेकिन उनकी गवाही के आधार पर ही अभियोजन पक्ष ने केस को मजबूत रखा. विशेष रूप से कुमर प्रसाद ने बतौर चश्मदीद घटना का पूरा विवरण अदालत में पेश किया था, जिसके आधार पर दोषी करार दिया गया है.
इंदिरा गांधी ने गांव का दौरा किया
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह थे. इस वारदात के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी दिहुली गांव का दौरा किया था. गांव में उन्होंने पीड़ित परिवारों को सांत्वना दी और गांव में पुलिस चौकी बनवाने के साथ अलग बिजली के फीडर की स्थापना का आदेश दिया था. विपक्ष ने इस कांड के बाद कांग्रेस सरकार पर सवाल खड़े किए थे. तब विपक्ष के नेता बाबू जगजीवनराम ने भी दिहुली गांव का दौरा करके दलित समाज के लोगों के इंसाफ की लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया था. कांग्रेस सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी.
44 साल के बाद मिला इंसाफ
1981 में दिहुली कांड हुआ था. हाईकोर्ट के आदेश पर इलाहाबाद के सेशन कोर्ट में 1984 में ट्रांसफर किया गया था. 1984 से लेकर अक्टूबर 2024 तक केस में वहां पर ट्रायल चला. इस घटना में कुल 17 अभियुक्त थे, जिनमें से 13 की मौत हो चुकी है. 11 मार्च को फ़ैसले से पहले एडीजे (विशेष डकैती प्रकोष्ठ) इंद्रा सिंह की अदालत में जमानत पर रिहा चल रहे अभियुक्त कप्तान सिंह हाजिर हुए थे.
अदालत ने कप्तान सिंह, रामसेवक और रामपाल नाम के तीन अभियुक्तों को दोषी क़रार दिया और अब इन्हें सज़ा सुनाई जाएगी. एक अन्य अभियुक्त ज्ञानचंद्र को भगोड़ा घोषित किया गया है. रामसेवक, मैनपुरी जेल में बंद हैं, उन्हें अदालत में पेश किया गया था, जबकि तीसरे अभियुक्त रामपाल की ओर से हाजिरी के लिए माफी मांगी गई थी, लेकिन उनकी अपील खारिज करके उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया है. अदालत उन्हें आज सजा सुनाएगी.
बिहार पुलिस का ऐलान, अपराधियों को अब गोली का जवाब गोली से मिलेगा, आत्मरक्षा में कोई कोताही नहीं
17 Mar, 2025 10:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिहार में कानून व्यवस्था के सवाल को लेकर विपक्ष के तेवर आक्रामक हैं और नीतीश सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं चूक रहा. इस बीच लगातार आपराधिक घटनाओं से बिहार सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है और पुलिस मुख्यालय भी हरकत में है. होली के दौरान बिहार में दो पुलिसकर्मी की हत्या के साथ हुई दूसरी अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर सोमवार को ADG पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन और ADG लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई जानकारी मीडिया से साझा की. इसके बाद न्यूज 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए एडीजी कुंदन कृष्णन ने विस्तार से अपनी बात कही. एडीजी ने कहा कि कुछ असामजिक तत्व बिहार में दंगा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं इस बात के इनपुट IB को मिले थ. इस इनपुट के आधार पर पूरे बिहार में सुरक्षा के बेहतर इंतजाम किए गए, फिर भी कुछ जगहों पर आपराधिक घटनाएं हुईं जिसमें हमारे परिवार के दो सदस्य को भी अपनी जान गंवानी पड़ी. इन घटनाओं से हम लोगों ने सबक लिया है और आगे आने वाले दिन में रामनवमी और ईद के दौरान सुरक्षा के लिहाज से और बेहतर सुरक्षा के इंतजाम करेंगे.
एडडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा, होली के दौरान जिन अपराधियों ने आपराधिक घटना को अंजाम दिया है उनकी पहचान कर उनके विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाकर न्यायालय से उन्हें सजा दिलवायी जाएगी. इस दौरान इन्होंने यह भी कहा कि पुलिस अब गोली का जवाब गोली से देगी, आत्मरक्षा करने में कोई कोताही पुलिस अब नहीं बरतेगी. ADG पुलिस मुख्यालय कुंदन कृष्णन ने कहा कि राज्य में होली का पर्व प्रायः शांतिपूर्ण मनाया गया. इस क्रम में राज्य के सभी जिलों में पुलिस बल एवं दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर होली पर्व के शांतिपूर्ण समापन हेतु पुलिस मुख्यालय के द्वारा नियमित अनुश्रवण किया गया.
एडीजी ने कहा कि होली पर्व के क्रम में पुलिस की प्राथमिकता रहती है कि राज्य में साम्प्रादियक सौहार्द बना रहे तथा कहीं से कोई ऐसी अप्रिय घटना ना हो जिससे साम्प्रादायिक समरसता प्रभावित ना हो.इस वर्ष होली पर्व पर दो भिन्न समुदायों के बीच कुल-11 सामान्य घटनाएँ प्रतिवेदित हुई हैं. कहीं कोई विधि-व्यवस्था की गंभीर समस्या नहीं उत्पन्न हुई. कुल-11 कांड अंकित किये गये और इन घटनाओं में कुल 14 लोग जख्मी हुए. किसी की मृत्यु नहीं हुई. 29 व्यक्तियों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है और 4 को डिटेन किया गया. एडीजी ने बताया कि एक ही समुदाय के दो जातियों के बीच दो घटनाएं प्रतिवेदित हुए हैं. जिनमें 26 लोग जख्मी हुए हैंऔर 3 व्यक्ति को अभी तक हिरासत में लिया गया है. एडीजी ने बताया कि पुलिस पर हमले की कुल-12 घटनाएं प्रतिवेदित हुई है. इन घटनाओं में दुर्भाग्यवश हमारे 2 सहायक अवर निरीक्षक शहीद हो गये हैं और 27 पुलिसकर्मियों के जख्मी होने की सूचना है. हम इन घटनाओं को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं. जिन्होंने भी पुलिस पर हमले किये हैं उनके विरूद्ध कठोर विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.
एडीजी ने डायल 112 (ERSS) की कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 14 और 15 मार्च 2025 को मुख्य रूप से होली पर्व मनाया गया. इन दोनों दिनों में डायल-112 के द्वारा कार्रवाई का ब्योरा इस प्रकार है. होली के दौरान 14 March को 67 हजार 186 कॉल आए 13 हजार 150 घटना स्थल पर पुलिस टीम पहुंची. 15 मार्च को 56 हजार 851 कॉल आए जिसमें 9 हज़ार 642 घटनास्थल पर पुलिस टीम गई.