छत्तीसगढ़
मरीन ड्राइव निर्माण को लेकर हंगामा, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की
14 Jun, 2025 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में नये मरीन ड्राइव के निर्माण के लिए आज सुबह से भारी विरोध के बावजूद तोड़फोड़ अभियान की शुरुआत कर दी गई है। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। खुद पुलिस अधीक्षक मौके पर मौजूद हैं और अभी भी क्षेत्र में तनाव का माहौल देखा जा रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, शनि मंदिर से लेकर कयाघाट तक नये मरीन ड्राइव का निर्माण होना है, इसके लिए नगर निगम ने क्षेत्र के 295 लोगों को नोटिस दिया था और 12 जून को अंतिम नोटिस जारी कर सामान खाली करने का अल्टीमेटम दिया गया थाा। जिसके विरोध में बीती रात को भारी संख्या में मोहल्लेवासी कलेक्टर आवास के बाहर धरने पर बैठे और कई घंटे तक नारेबाजी की। लेकिन इसके बावजूद कोई परिणाम नहीं निकल सका।
आज सुबह होते ही भारी संख्या में पुलिस कयाघाट के लिए रवाना हुई। पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। इस दौरान तोड़फोड़ का विरोध करने आई महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धक्का मुक्की के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। बताया जा रहा की नये मरीन ड्राइव निर्माण के लिए तोड़फोड़ की शुरुआत हो चुकी है और पहले दिन 20 मकानों को तोड़ने की बात कहीं जा रही है।
बीच सड़क धू-धूकर जली वैन, मचा हड़कंप
14 Jun, 2025 01:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भाटापारा में एक चलती वैन में अज्ञात कारणों से अचानक भीषण आग लग गई। जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। घटना के वक्त वैन चल रही थी और अचानक उसमें आग भड़क उठी। आग की तेज लपटों और धुएं के कारण दोनों तरफ का ट्रैफिक ठहर गया और वाहन चालक अपने-अपने स्थान पर रुक गए।
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और तत्काल स्थिति को नियंत्रण में लिया। आग बुझाने के लिए दमकल की सहायता ली गई। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में वैन को अज्ञात बताया है और घटनास्थल पर वाहन चालक भी मौजूद नहीं था। घटना शहर थाना क्षेत्र की है।
फिलहाल पुलिस मामले की गंभीरता से जांच में जुट गई है और वैन मालिक एवं चालक की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
विश्व रक्तदाता दिवस पर डॉक्टर से लेकर छात्रों तक ने किया रक्तदान
14 Jun, 2025 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में सुबह से लोग रक्तदान कर रहे हैं। रक्तदान में डॉक्टर से लेकर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान छात्रों ने स्लोगन के माध्यम से लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही छात्रों ने इस दौरान स्लोगन के साथ सेल्फी भी ली।
आज विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर मेकाज के सर्जरी विभाग के एचओडी डॉक्टर कमलेश ध्रुव ने रक्तदान किया। उसके बाद मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं सहित नर्सिंग कॉलेज के बच्चों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हुए रक्तदान किया
लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने छात्र-छात्राओं के द्वारा स्लोगन भी बनाया गया था, जिसमें रक्तदान करने के फायदे भी बताए गए। रक्तदान करने वाले सभी लोगों को सम्मान के रूप में प्रमाण पत्र के साथ ही गुलाब फूल भी दिया गया। इसके अलावा अन्य लोगों को भी प्रेरित करने की बात कही गई है।
विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर रक्तदान करने आये छात्र-छात्राओं ने अपनी खुशी को जाहिर करते हुए पहली बार रक्तदान करने से एक अच्छे अनुभव की बात कही, साथ ही इस दिन को यादगार बनाने के लिए सेल्फी भी ली।
वन विभाग का बड़ा एक्शन: क़ीमती लकड़ी के अवैध कारोबार पर लगाम
14 Jun, 2025 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील के निर्देश पर गुरुवार को सोनाखान परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम चिखली में दबिश देकर एक बाड़ी से 67 नग अवैध सागौन व बीजा की चिरान लकड़ी जब्त की गई। जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 50 हजार रुपये आंकी गई है।
जानकारी के अनुसार, वन विभाग की टीम ने तिलक राम पिता दुवारू कर्ष के घर एवं उसके बाड़ी की तलाशी ली। जहां बड़ी मात्रा में अवैध रूप से चिरान लकड़ी रखी हुई पाई गई। यह कार्रवाई सोनाखान, नवागांव परिक्षेत्र के वनकर्मियों व सुरक्षा श्रमिकों के सहयोग से की गई।
वनमंडलाधिकारी गणवीर धम्मशील ने आम नागरिकों और वन्य प्रेमियों से अपील की है कि वे वनों व वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए अवैध कटाई, शिकार और अन्य वन अपराधों की सूचना तत्काल वन विभाग को दें, जिससे अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
एसबीआई कर्मचारी को यौन उत्पीड़न मामले में मिली सजा बरकरार, हाईकोर्ट का फैसला
14 Jun, 2025 11:07 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बिलासपुर। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने एक कर्मचारी पर महिला ग्राहक के साथ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार करने के आरोप की पुष्टि के बाद दो इंक्रीमेट रोकने की सजा सुनाई है। इसके खिलाफ कर्मचारी ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एसबीआई के निर्णय को सही ठहराते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि दस्तावेजों से यह पता चलता है कि शिकायत की जांच सक्षम अधिकारी द्वारा की गई है। अधिकारी की क्षमता के संबंध में कोई आरोप नहीं है।
दो इंक्रीमेंट रोकने का दंड लगा था
जांच रिपोर्ट के बाद एसबीआई ने रिटायरमेंट तक संचयी प्रभाव से उसके वर्तमान वेतनमान से दो वेतन वृद्धि कम करने का दंड लगाया गया था। जिसे अपीलीय प्राधिकारी द्वारा संचयी प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकने के लिए संशोधित किया गया था। लिहाजा लगाया गया दंड न तो चौंकाने वाला है और न ही असंगत है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट एसबीआई शाखा के ग्राहक सहायक ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच में याचिका दायर की थी। शुरुआत में याचिकाकर्ता पर महिला ग्राहक के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था।
आरोप की जांच के दौरान जांच अधिकारी ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए पड़ताल शुरू की। इसमें ग्राहक, कर्मचारियों और सहकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार, कर्मचारियों/ग्राहकों का यौन उत्पीड़न, ग्राहक सेवा में देरी, महिला ग्राहकों पर अपमानजनक टिप्पणी करना और आदतन देर से आना और बहस करने वाला रवैया।
याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया गया कि ब्रांच में नकारात्मक माहौल बनाने के चलते बिजनेस प्रभावित होने के अलावा आफिस का अनुशासन बिगाड़ने का आरोप लगाया गया। इसके अलावा यौन उत्पीड़न पर आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की। याचिकाकर्ता को 3 आरोपों में दोषी पाया गया और 3 अन्य आरोप आंशिक रूप से साबित हुए।
इंक्रीमेंट रोक की मिली सजा
अनुशासनात्मक अधिकारी ने रिटायरमेंट तक संचयी प्रभाव से उनके वर्तमान वेतनमान से दो वेतन वृद्धि कम करने का दंड लगाया। और आगे यह दंड लगाया गया कि वे 2 साल की अवधि के लिए वेतन वृद्धि के लिए पात्र नहीं होंगे।
इस आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ता ने बी एंड ओ रायपुर मॉड्यूल से अपील की, जिन्होंने सजा को संशोधित करते हुए संचयी प्रभाव से दो वेतन वृद्धि रोकने के लिए दंड को बढ़ा दिया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया है कि उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे थे और पीड़ितों के बयान दर्ज नहीं किए गए थे। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि गवाहों से जिरह करने का अवसर नहीं दिया गया।
बैंक प्रबंधन ने कोर्ट को दी ये जानकारी
याचिकाकर्ता के खिलाफ गंभीर प्रकृति के आरोप थे। यौन उत्पीड़न से संबंधित आरोपों की जांच आंतरिक शिकायत समिति ने की थी। जांच के बाद आरोप को प्रमाणित किया गया। याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए तीन आरोप पूरी तरह और तीन आंशिक रूप से साबित हुए थे। मामले की सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने रिट याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सिंगल बेंच के फैसले को सही ठहराते हुए रिट याचिका को खारिज कर दिया है।
‘डिजिटल प्रशासन’ की दिशा में बड़ा कदम, छत्तीसगढ़ में लॉन्च हुआ Employee Corner App
14 Jun, 2025 11:01 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर: राज्य सरकार ने प्रदेश के 5 लाख से अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों और पेंशनभोगियों का डेटा ऑनलाइन कर दिया है। देश में डिजिटल इंडिया मिशन के मद्देनजर ‘डिजिटल प्रशासन - पारदर्शी समाधान’ की नीति के तहत अब सरकारी कर्मचारियों की सेवा जानकारी मोबाइल एप के ज़रिए अद्यतन की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, इसमें कर्मियों का सीआर अपडेट, पदोन्नति, वेतन विसंगति या सेवानिवृत्ति के समय दस्तावेज़ों की झंझट से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए ‘एम्प्लाई कार्नर’ नामक मोबाइल एप और वेब पोर्टल विकसित किया गया है। अब सभी कर्मचारियों की प्रोफाइल को कार्मिक संपदा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपडेट करना होगा। कोष एवं लेखा संचालनालय की यह प्रणाली तुरंत प्रभाव से लागू कर दी गई है।
डिजिटलीकरण संकल्प की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम
बता दें कि राज्य के वित्त विभाग एवं पेंशन संचालनालय द्वारा डिजीलाकर प्लेटफार्म के माध्यम से इलेक्ट्रानिक पेंशन भुगतान आदेश और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यह पहल राज्य सरकार के डिजिटलीकरण संकल्प की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने डिजिटलीकरण को प्राथमिकता में लिया है। उनका मानना है कि पारदर्शी व्यवस्था से न सिर्फ भ्रष्टाचार में रोक लगेगी बल्कि, इससे काम भी बेहद आसान हो जाएगा।
समय और संसाधनों की बचत
राज्य के लगभग 3.61 लाख सरकारी कर्मचारी और 1.50 लाख पेंशनभोगी अब डिजीलॉकर के माध्यम से अपने जीपीएफ स्टेटमेंट, अंतिम भुगतान आदेश, पेंशन प्रमाण-पत्र और पेंशन भुगतान आदेश जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कहीं से भी, कभी भी, सुरक्षित एवं प्रामाणिक रूप में प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा से दस्तावेजों की फिजिकल प्रतियों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी और कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर लगाने से भी राहत मिलेगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।
सीएम साय ने की सरहना
मुख्यमंत्री साय ने इस अभिनव पहल के सफल क्रियान्वयन के लिए पेंशन संचालनालय की तकनीकी दक्षता, दस्तावेजों के डिजिटलीकरण में की गई मेहनत तथा डिजीलाकर प्लेटफ़ार्म के साथ किए गए समन्वय की सराहना की। यह कदम न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सक्षम बना रहा है, बल्कि नागरिकों में विश्वास और संतोष भी बढ़ा रहा है। इस पहल से पेंशनरों, कर्मचारियों और प्रशासन-तीनों को सीधा लाभ मिल रहा है।
घर-घर जाकर बनाए जाएंगे आयुष्मान कार्ड, जनजातीय समुदाय को मिलेगा लाभ
14 Jun, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के निर्देश पर वर्तमान वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के सभी आदिवासी समूदाय के लोगों के विकास के लिए सरकार की ओर से विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। जिसके तहत पूरे प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य ग्रामों में छूटे जनजातीय समाज के लोगों का आयुष्मान कार्ड पंजीयन किया जाएगा।
15 जून से जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास विभाग से प्राप्त सूची के अनुसार प्रदेश में कुल 85 आदिवासीय बाहुल्य विकास खण्ड हैं व प्रदेश में 6691 चिन्हांकित गांव हैं, जहां जनजातीय समुदाय की बहुतायत है। भारत सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुसार इन समस्त गांवों में प्रत्येक घर तक पहुंचना है। जिसका उद्देश्य भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित अलग-अलग योजनाओं से आदिवासियों को हर हाल में जोड़ना है। जिसके लिए आगामी 15 से 30 जून तक आदिवासी विकास विभाग की ओर से जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान चलाया जाएगा।
घर-घर पहुंचकर बनाएगें आयुष्मान कार्ड
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से जनजातीय समूहों को जोड़ने के लिए राज्य की नोडल एजेंसी की ओर से विशेष अभियान चलाया जाएगा। 15 जून से मितानिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मियों की सहायता से यह काम किया जाएगा। ऐसे जनजातीय सदस्य जिनका आयुष्मान कार्ड नहीं बन सका है, उन सभी का आयुष्मान कार्ड पंजीयन कराया जाएगा। कार्ड पंजीयन के लिए दल जनजातीय समूहों के प्रत्येक घर तक पहुंचने का प्रयास करेगा।
सभी जिलों को दे दी गई है पूर्व सूचना
इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए राज्य नोडल एजेंसी द्वारा सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र के माध्यम से जानकारी भेजी जा चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा भी इस अयोजन की लगातार मानिटरिंग की जा रही है। अभियान को किस तरह मूर्तरूप देना है। इसके लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ की गर्मी पर लगेगा ब्रेक, आज कई जिलों में बारिश के आसार
14 Jun, 2025 08:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में गर्मी से परेशान लोगों के लिए राहत भरी खबर है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे को बेहद अनुकूल बताया है. प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून की हलचल बढ़ रही है और 14 जून से बारिश की गतिविधियों में स्पष्ट वृद्धि होने की संभावना है. मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश और अंधड़ चलने की चेतावनी जारी की है. रायपुर समेत कई जिलों में तापमान में गिरावट का दौर भी शुरू होने जा रहा है. आइए जानें पूरे प्रदेश का विस्तृत मौसम हाल.
मानसून की गति और स्थिति
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले दो दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के छत्तीसगढ़ के और अधिक हिस्सों में आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल रहेंगी. पश्चिम मध्य अरब सागर से लेकर दक्षिण तटीय ओडिशा तक समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर एक द्रोणिका बनी हुई है. एक पश्चिमी विक्षोभ 66° पूर्व और 28° उत्तर पर स्थित है, जिससे वातावरण में नमी बनी हुई है. उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से लेकर मराठवाड़ा तक 0.9 किमी की ऊंचाई पर द्रोणिका सक्रिय है.
प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना. गरज-चमक के साथ अंधड़ और वज्रपात की चेतावनी. रायपुर में आकाश सामान्यतः मेघमय रहेगा और गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है. रायपुर का अधिकतम तापमान लगभग 38°C और न्यूनतम 27°C रहने की उम्मीद है.
चेतावनी और अलर्ट
मौसम विभाग ने 14 जून को एक-दो स्थानों पर 50–60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की चेतावनी दी है. कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ मध्यम से भारी वर्षा की संभावना जताई गई है. प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी, जबकि उत्तरी भागों में तापमान में विशेष बदलाव नहीं होगा.
बीते 24 घंटे का मौसम
दक्षिण छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हुई. गंगालूर में 1 सेमी वर्षा दर्ज की गई. रायपुर में अधिकतम तापमान 39.6°C और दुर्ग में न्यूनतम, तापमान 24.6°C रिकॉर्ड किया गया. मानसून अब छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है और 14 जून से बारिश की गतिविधियों में उल्लेखनीय इजाफा होने वाला है. मौसम विभाग की चेतावनियों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, खासकर गरज-चमक और अंधड़ की संभावनाओं को लेकर. खेती-किसानी और दैनिक जीवन पर इसका असर दिखना शुरू हो सकता है.
शराब घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, लखमा और बेटे की संपत्ति कुर्क
14 Jun, 2025 08:15 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सुकमा स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय सहित पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश की छह करोड़ दस लाख रुपये की संपत्ति को अंतरिम रूप से कुर्क कर लिया है।
राजनीतिक दल के कार्यालय पर इस तरह कार्रवाई का पहला मामला
किसी राजनीतिक दल के कार्यालय को ईडी द्वारा कुर्क करने का यह पहला मामला बताया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने ईडी की इस कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई है, जो शराब घोटाले से प्राप्त अवैध आय से संबंधित है। कुर्क की गई संपत्तियों में रायपुर और सुकमा स्थित भूखंड, भवन, बैंक खातों में जमा राशि और सुकमा का जिला कांग्रेस कार्यालय शामिल है, जो हरीश लखमा के नाम पर दर्ज है।
कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया
ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके पुत्र हरीश के आवासों पर छापेमारी की थी। कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और तब से वे रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है।
शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपित बनाया गया
ईडी ने अपने आरोपपत्र में कवासी लखमा को शराब घोटाले के सिंडिकेट का एक प्रमुख सदस्य बताया है। ईडी की जांच में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए इस शराब घोटाले में अब तक कुल 21 लोगों को आरोपित बनाया गया है।
6,000 पन्नों के आरोपपत्र दायर किया ईडी ने
ईडी द्वारा अदालत में प्रस्तुत 6,000 पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार, रायपुर के पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट ने 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कराकर इस घोटाले को अंजाम दिया। इस पूरे षड्यंत्र में आबकारी अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता बताई गई है।
कचरे से कमाई की राह: रायपुर में बनेगा आधुनिक बायोगैस संयंत्र
13 Jun, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत् और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज रायपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (BPCL) के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना (SATAT & Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।
यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत् योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
ग्राम रांवाभाटा, रायपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से रायपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।
इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं
रोजगार सृजन - संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30 हजार मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व 2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है और 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव धमतरी एवं बिलासपुर में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया है।
आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार, सीबीडीए के सीईओ सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख अनिल कुमार पी, नगर निगम रायपुर कमिश्नर विश्वदीप समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
कच्चे मकानों की दीवार ही नहीं टूटी..मुसीबते भी टूट कर खुशियों को कर रही पक्का
13 Jun, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोरबा : गाँव में मजदूरी कर कच्चे मकान में मुसीबतों का साथ जिंदगी गुजारते आए झूल सिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर को नहीं लगता था कि वे भी कभी पक्का मकान बना पाएंगे। उनकी जिंदगी तो जभी कुछ काम मिले तो उनकी मजदूरी में और कभी न मिले तो घर के चाहरदीवारी में ही बीत जाया करती है, ऐसे में पक्का मकान बना पाना तो उनके लिए दूर की कौड़ी ही थी। जैसे-तैसे अपनी जिंदगी को जीते आ रहे झूलसिंह और उनकी पत्नी फुलकुँवर का भी सपना था कि उनका भी आशियाना ठीक ठाक हो। कम से कम खपरैल वाले छत और मिट्टी की दीवारें तो न हो, क्योंकि इन मिट्टी की दीवारों और खपरैल की छत की वजह से उन्हें बारिश में हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। कई मुसीबतों का बीच उन्हें रहना पड़ता था। जब इन्हें मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका नाम है तो इनकी खुशियों का ठिकाना न रहा। अपनी जरूरी दस्तावेज जमा कर पहली किश्त हासिल की और खुशी-खुशी उस कच्चे मकान की दीवारों को ढहा दिया जो उन्हें मुसीबतों से वास्ता कराती थीं। अब मजबूत नींव के साथ ही वे न सिर्फ पक्के मकान के लिए पक्की दीवारे उठा रहे हैं... अपने सपनो को पूरा करने के साथ ही खुशियों को भी पक्का कर रहे हैं।
कोरबा शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दम्हामुड़ा के आश्रित ग्राम बोदरापारा में रहने वाले झूलसिंह मरपच्ची और उनकी पत्नी फुलकुँवर ने बताया कि गाँव में मजदूरी के भरोसे घर चलता है। सीजन के साथ ही कुछ वनोपज संग्रहण कर लेते हैं और तेन्दूपत्ता भी तोड़कर बेचते हैं। इससे कुछ रुपयों का इंतजाम हो जाता है। झूलसिंह ने बताया कि घर पर दो बच्चे हैं। यहाँ कई पीढ़ी से कच्चे मकान में ही रहते आये हैं। कच्चे मकान में बारिश के दिनों में खपरैलों के बीच से पानी टपकना और कच्ची दीवारों को नुकसान होना आम बात है। गाँव में कुछ अन्य लोगो के पक्के मकान को देखकर उन्हें भी लगता था कि उनका भी घर पक्का बन जाये तो उन्हें मुसीबतों से मुक्ति मिल जाएगी। लेकिन उनका यह सपना कभी पूरा हो भी पायेगा,ऐसा उन्हें लगता ही नहीं था,क्योंकि उनके पास पक्का घर बनाने के लिए इतने पैसे ही नहीं थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में जब उन्हें मालूम हुआ तो ऐसा लगा कि वास्तव में पैसा मिलेगा या नहीं। जब उनके खाते में पहली किश्त की राशि आई तो बहुत खुशी हुई। झूलसिंह ने बताया कि राशि मिलने के बाद पुराने जर्जर मकान को तोड़कर नया मकान बना रहे हैं। अभी नींव डालकर दीवारे भी खड़ी कर चुके हैं। झूलसिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि अभी हमें दो किश्त मिल चुकी है। हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमारा घर भी पक्का होगा। खपरैल की जगह सीमेंट की छत और और दीवारे भी होंगी। इससे हमें हर साल बारिश के समय बार बार खपरैल ठीक करने, दीवारों को बनाने जैसी मुसीबतों से भी हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने पीएम आवास योजना को गरीबो के लिए बहुत राहत पहुचाने और उन्हें मुसिबतों से छुटकारा देने वाली योजना बताया। इसके लिए झूलसिंह और फुलकुँवर ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया।
जल जीवन मिशन से बदली तस्वीर
13 Jun, 2025 09:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता में शामिल जल जीवन मिशन आज गांवों की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल रहा है। जशपुर जिले के मनोरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बूमतेल के ग्राम कुजरी में यह बदलाव देखा जा सकता है, जहां अब हर घर में नल से पानी पहुंच रहा है।
जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव के 63 घरों में घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से नियमित जल आपूर्ति की जा रही है। उच्चस्तरीय जलागार से जुड़े इन कनेक्शनों ने ग्रामीणों को जल संकट से मुक्त कर दिया है।
ग्रामवासी अशोक भगत बताते हैं, पहले हमें पानी भरने के लिए हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ता था, अब घर पर नल लग गया है और बड़ी राहत मिली है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सुविधा उनके लिए बहुत बड़ी सौगात है।
गांव में जल आपूर्ति पूर्ण रूप से संचालित होने के पश्चात ‘हर घर जल’ सत्यापन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ग्रामीणों ने भाग लेकर योजना के प्रति अपनी संतुष्टि व्यक्त की। इसके बाद कुजरी को हर घर जल ग्राम घोषित किया गया और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जशपुर द्वारा ग्रामीणों को इस उपलब्धि पर बधाई दी गई।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है की यह सिर्फ नल जल योजना नहीं, यह सम्मान, सुविधा और स्वाभिमान का जल है। हर गांव, हर घर तक पानी पहुंचाना हमारी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है, और हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।जल जीवन मिशन के माध्यम से न सिर्फ ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल रही है, बल्कि महिलाओं को भी राहत मिली है।
नाला संवर्धन से ग्रामों के किसानों को मिल रहा है सीधा लाभ
13 Jun, 2025 08:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में जल संरक्षण एवं संवर्धन के विशेष प्रयास किए जा रहें हैं। इस तारतम्य में सुरजपूर जिले मे कलेक्टर एस. जयवर्धन के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक अनुकरणीय पहल के रूप में गोडकटवा नरवा का संवर्धन कार्य संपन्न हुआ। जनपद पंचायत प्रतापपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत चंदौरा, दरहोरा, देवरी, पकनी एवं सेमई में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत यह कार्य 58.81 लाख रुपये की स्वीकृत लागत से पूर्ण किया गया।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू ने बताया कि गोडकटवा नाला, जो कि एक बारहमासी जल स्रोत है, अब ग्रामीणों के लिए केवल जल का स्रोत नहीं, बल्कि आजीविका और समृद्धि का साधन बन चुका है। जल संरक्षण की दिशा में किए गए इस कार्य के अंतर्गत ब्रशवुड, मिट्टी बांध, गली प्लग और बोल्डर चेक डैम जैसे कुल 64 संरचनात्मक कार्यों में 285 स्थायी स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया। इस सम्पूर्ण कार्य में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, श्रमदान एवं मेहनत का विशेष योगदान रहा है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से चंदौरा से लेकर सेमई तक के किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। इससे लगभग 50 एकड़ से अधिक क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हुई है, कृषकों को रबी एवं खरीफ दोनों मौसमों में अच्छी फसल प्राप्त हो रही है। इतना ही नहीं, अब किसान गर्मियों में भी गेहूं, उड़द, तथा हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि बाजार पर निर्भरता घटने से परिवारों को आर्थिक बचत भी हो रही है।
गोडकटवा नाला के संवर्धन से जल स्तर अब इतना बढ़ गया है कि स्थानीय कृषकों ने उसमें मछली पालन की शुरुआत भी कर दी है। इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त आमदनी का एक नया स्रोत प्राप्त हुआ है। एक किसान ने बताया कि धान फसल के समय जब सिंचाई जल की अत्यधिक आवश्यकता होती है, तब गोडकटवा नरवा उनके फसलों के लिए जीवनदायिनी के रूप में है। जल की समुचित व्यवस्था के चलते अब फसलें अधिक स्वस्थ, हरी-भरी होने से उत्पादन मे वृद्धि हो रही हैं। फसल खराब नहीं हो रही है।
मनरेगा के तहत हुए इस कार्य से न केवल जल संसाधनों का विकास हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में ग्रामीणों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। इससे ग्रामवासियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और उनके जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन देखा गया है।
इस परियोजना ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सही दिशा-निर्देशन, समुदायिक की सहभागिता और योजनाबद्ध क्रियान्वयन हो, तो जल संरक्षण के माध्यम से ग्रामीण जीवन में समृद्धि लाई जा सकती है। गोडकटवा नाला का यह विकास कार्य अब संपूर्ण जिले में जल प्रबंधन और ग्रामीण पुनरुत्थान का एक अनुकरणीय मॉडल बन चुका है।
बस्तर में बदल रही तस्वीर, नक्सल हिंसा की जगह अब छाई खुशियां
13 Jun, 2025 08:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में, जहां कभी गोलियों की गूुज सुनाई देती थीं, वहां अब हर जगह खुशी और उल्लास की गूंज सुनाई देती है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल पुनर्वास नीति व नियद नेल्लानार योजना के प्रभाव से माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटे युवक-युवतियों और नक्सल पीड़ितों ने नई जिंदगी की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत बस्तर संभाग में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह इस बदलाव के साक्षी बने हैं।
सुकमा के मिनी स्टेडियम में 13 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में दो आत्मसमर्पित नक्सली जोड़ों मौसम महेश-हेमला मुन्नी और मड़कम पाण्डू-रव्वा भीमे ने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ विवाह रचाया। ये चारों जून 2024 में नक्सल संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण कर चुके थे। मुख्यमंत्री ने नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर साय ने सुकमा जिले को 206 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात भी दी। नवदंपतियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की जनहितैषी नीतियों और पुनर्वास योजनाओं ने उन्हें हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाने के लिए प्रेरित किया।
दंतेवाड़ा में 220 जोड़ों का सामूहिक विवाह, पूवर्ती की नक्सल पीड़िता ने जवान संग रचाई शादी
दंतेवाड़ा के मेंढका डोबरा में मंदिर परिसर में 20 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 220 जोड़ों ने परिणय सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन शुरू किया। इनमें पूवर्ती गांव की एक नक्सल पीड़िता और वहां तैनात जवान का जोड़ा भी शामिल था। पूवर्ती, जो कभी खूंखार नक्सली हिड़मा और देवा का गढ़ था, अब सरकार की योजनाओं और सुरक्षा बलों की मौजूदगी से भयमुक्त होकर खुशहाली की ओर अग्रसर है। नियद नेल्लानार योजना के तहत धुरली गांव के दो जोड़ों सीमा भास्कर-रमेश भास्कर और सुंदरी तेलाम-धन्नु कुंजाम ने भी विवाह रचाया। सभी नवदंपतियों के बैंक खातों में 35 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना: निर्धन परिवारों का सहारा
महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना ने बस्तर के निर्धन परिवारों को नया जीवन दिया है। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाती है, जिसमें 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में हस्तांतरित होते हैं। विष्णु देव साय सरकार के कार्यकाल में अब तक 15 हजार से अधिक जोड़ों का विवाह इस योजना के तहत संपन्न हो चुका है।
बस्तर में शांति और विकास की नई इबारत
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल विरोधी कार्रवाइयों और कल्याणकारी योजनाओं ने बस्तर के ग्रामीणों का हौसला बढ़ाया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार, आवास और आर्थिक सहायता के माध्यम से सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिल रहा है। बस्तर संभाग के इन विवाह समारोहों ने साबित कर दिया कि प्यार, विश्वास और सहानुभूति से हिंसा और नफरत को हराया जा सकता है। बस्तर अब नक्सलवाद के अंधेरे से निकलकर शांति, प्रेम और विकास की रोशनी में चमक रहा है।
सीमा की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य: राज्यपाल रमेन डेका
13 Jun, 2025 08:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्यपाल रमेन डेका गत दिवस बिहार राज्य के दरभंगा में राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ द्वारा ‘‘सीमा सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी‘‘ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत एक विशाल और विविधतापूर्ण देश है, जिसकी सीमाएँ हिमालय की ऊंचाइयों से लेकर हिंद महासागर की गहराइयों तक फैली हुई हैं। सीमा की सुरक्षा केवल सैनिकों और सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
राज्यपाल डेका ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीमा की रक्षा राष्ट्रीय एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने का आधार है। सीमा की सुरक्षा, देश की आंतरिक और बाह्य स्थिरता के लिए आवश्यक है। यह न केवल बाहरी खतरों जैसे आतंकवाद, घुसपैठ और तस्करी से रक्षा करती है, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को भी संरक्षित करती है। भारत की सीमाएँ, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ साझा की जाती हैं, और प्रत्येक सीमा की अपनी अनूठी चुनौतियाँ हैं।
डेका ने कहा कि हमारे सैनिक, प्राणों की बाजी लगाकर सीमा की सुरक्षा करते हैं लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी तब और प्रभावी होती है, जब समाज और नागरिक उनका साथ देते हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोग संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख सकते हैं और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा बलों को सूचित कर सकते हैं। असामान्य गतिविधियों, जैसे तस्करी या घुसपैठ, की जानकारी देना, देश की सुरक्षा को मजबूत करता है। आज के युग में सीमा सुरक्षा में तकनीक का उपयोग बढ़ रहा है। ड्रोन, सैटेलाइट निगरानी, और स्मार्ट फेंसिंग जैसे उपकरण सीमा पर निगरानी को और प्रभावी बना रहे हैं। डेका ने कहा कि नागरिक के रूप में, हम तकनीकी नवाचारों को समर्थन दे सकते हैं और सरकार के डिजिटल सुरक्षा प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय सनातनी सेवा संघ के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।