छत्तीसगढ़
विकसित कृषि संकल्प अभियान
13 Jun, 2025 08:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत गुरुवार को सुकमा जिले के ग्राम चिंगावरम, नागारास, बोदारास, उरमापाल, मड़वाही एवं नुलकातोंग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 29 मई से 12 जून तक पन्द्रह दिनों तक चले विकसित कृषि संकल्प अभियान का समापन कोंटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत मड़वाही में सम्पन्न हुआ। विकसित कृषि संकल्प अभियान से जिले के 800 से अधिक किसानों ने फसल चक्र परिवर्तन के फायदे की जानकारी प्राप्त की।
अभियान के दौरान किसानों को कृषि विभाग, पशुपालन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित विभिन्न शासकीय योजनाओं की भी जानकारी दी गई। इसके साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के द्वारा बीज उत्पादन, 17 प्रतिशत नमक घोल से बीज उपचार एवं आगामी खरीफ सीजन की तैयारी हेतु कृषकों को विस्तृत जानकारी दी गई।
शिविर में किसानों को जानकारी देते हुए बताया गया कि प्राकृतिक खेती में फसलों के पोषक तत्व की आपूर्ति हेतु जीवाणु खाद फसल अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट का उपयोग किये जाते हैं। इनके खेत में उपयोग से मिट्टी में पोषक तत्वों की वृद्धि के साथ-साथ जैविक गतिविधियों का विस्तार होता है। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, घनजीवामृत, जीवामृत, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही जैविक खेती में जैव उर्वरक अंतर्गत नील हरित काई, राइजोबियम कल्चर, एजोस्पाइरिलम, एजोटोबैक्टर, स्पूर घोलक जीवाणु (पीएसबी), कचरा अपघटक का उपयोग किया जाता है। किसानों को पोषक तत्वों से भरपूर लघु धान्य फसलों के बढ़ती मांग को देखते हुए रागी, कोदो, कुटकी की फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया गया। किसानों को बताया गया कि आधुनिक जीवन शैली में बीमारियों मधुमेह, अल्सर, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमरियों को रोकने के लिए लघु धान्य फसल पौष्टिक एवं गुणकारी है। किसानों को धान के बदले अन्य फसल लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने से होने वाले फायदे के संबंध में बताया गया। फसल चक्र परिवर्तन से खरपतवारों का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं कीटों का प्रकोप भी कम होता है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान अंतर्गत मृदा परीक्षण के फायदों के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि किसानों को अपने खेतों का मृदा का परीक्षण अवश्य कराना चाहिए। इससे मृदा में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए आवश्यकता अनुसार उर्वरक का उपयोग करने से फसल उत्पादकता में वृद्धि होगी। किसानों को फसलों में पौध संरक्षण के संबंध में समुचित जानकारी देते हुए रसायनों का उचित प्रयोग करने के लिए बताया गया। उन्नत कृषि तकनीक, आधुनिक कृषि उपकरणों, केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही अभियान के दौरान खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों की उन्नत एवं वैज्ञानिक तकनीक, बीज उपचार, धान की सीधी बुआई विधि, पशुपालन एवं उन्नत पशु नस्ल की जानकारी, आधुनिक कृषि यंत्र ट्रेक्टर, थ्रेसर, हार्वेस्टर, स्प्रेयर, राईस ट्रायर, स्ट्रा बेलर, लेजर लैंड लेवलर, ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव, उद्यानिकी फसल, मत्स्य पालन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार फसल में संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग एवं नवाचारों की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, मृदा स्वास्थ्य योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, सब्जी को सुरक्षित रखने के लिए पैक हाऊस के निर्माण हेतु अनुदान, संरक्षित खेती हेतु ग्रीन हाऊस स्ट्रक्चर के लिए 50 प्रतिशत की अनुदान राशि के बारे में जानकारी दी गई।
छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोशन
13 Jun, 2025 08:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राज्य के सुदूर वनांचल बीजापुर के खिलाड़ियों ने चंडीगढ़ में आयोजित जूनियर नेशनल सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में विजय प्राप्त कर राज्य का नाम देश मे रोशन किया है। बीजापुर की गर्ल्स टीम ने इस प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल प्राप्त किया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गठित टीम में बीजापुर जिले से 6 खिलाड़ियों का चयन हुआ था। इन खिलाड़ियों में अनुराधा कोवासी ,अस्मिता मरपल्ली, ज्योति ओयाम ,रिंकी हेमला, लक्ष्मी बघेल और पूजा कोरसा शामिल है। इन सभी 6 खिलाड़ी ने छत्तीसगढ़ को पदक प्राप्त करने में उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन कर जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
बीजापुर की इन खिलाड़ियों को कलेक्टर के द्वारा पदक पहनाकर स्वागत किया गया। इसी तरह बैंकॉक में आयोजित हुई एशियाई चौंपियनशिप सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता में भारतीय टीम में शामिल राकेश पुनेम और राकेश कड़ती का भी सम्मान किया गया। इस दौरान जिले के कलेक्टर संबित मिश्रा द्वारा खिलाड़ियों से खेलने की बारीकियों से लेकर देश-विदेश से आए टीमों के बारे उनके परफॉर्मेंस तथा भारतीय टीम का रेंक इत्यादि के बारे में जानकारी ली। कलेक्टर ने खिलाड़ियों हौसला बढ़ाया और उनके उज्वल भविष्य की कामना करते हुए अच्छे खेल के प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान जिला खेल अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे
दंतेवाड़ा की पूर्णिमा बनी प्रेरणा स्रोत, घर में बनाया पढ़ाई का कोना, अब किशोरों को करेंगी जागरूक
13 Jun, 2025 08:54 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : दंतेवाड़ा जिले के कुआकोंडा विकासखंड के ग्राम बेदीपारा की किशोरी पूर्णिमा नागवंशी आज युवाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। हाल ही में आयोजित एक कार्यशाला में भाग लेने के बाद पूर्णिमा ने अपने घर में ष्पढ़ाई का कोनाष् तैयार कर शिक्षा के प्रति नई पहल की शुरुआत की है।
जिला प्रशासन, यूनिसेफ और सर्वहितम के संयुक्त प्रयासों से आयोजित की गई थी, इस कार्यशाला में मितानिन दीदियों, ग्रामीण महिलाओं, अभिभावकों और किशोर-किशोरियों ने हिस्सा लिया। इसमें रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा और पढ़ाई का कोना जैसे कार्यक्रमों पर प्रशिक्षण दिया गया।
पूर्णिमा नागवंशी, जो इस कार्यशाला की प्रतिभागी थीं, ने इस पहल के महत्त्व को गंभीरता से समझा। घर लौटकर उन्होंने अपनी मां की पुरानी साड़ी से एक घेरा बनाकर एक शांत और सुव्यवस्थित अध्ययन स्थल तैयार किया। उन्होंने वहां अपनी किताबें सजाईं, दीवार पर पढ़ाई का रूटीन चिपकाया और उसी स्थान को अपनी नियमित पढ़ाई का केंद्र बना लिया।
पूर्णिमा का कहना है, अब मुझे पढ़ाई में पहले से ज्यादा रुचि हो रही है। मेरे माता-पिता भी अब मेरा उत्साहवर्धन कर रहे हैं। वह अब अपने गांव के अन्य किशोर-किशोरियों को भी पढ़ाई का कोना बनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उनका उद्देश्य है कि हर बच्चा पढ़ाई के लिए एक समर्पित स्थान बनाए, जिससे अनुशासित और केंद्रित अध्ययन की आदत विकसित विकसित कर सके। पूर्णिमा का यह प्रयास न केवल व्यक्तिगत विकास की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि यह गांव के अन्य किशोर-किशोरियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहा है।
गौरतलब है कि रूप नहीं गुण को देखो, आज क्या सीखा और पढ़ाई का कोना जैसे कार्यक्रम वर्तमान में दंतेवाड़ा जिले के 100 चयनित गांवों में किशोरों के समग्र विकास के उद्देश्य से क्रियान्वित किए जा रहे हैं।
बूटीगढ़ की पहचान बनेगा हर्बल पार्क: प्राकृतिक रूप से संरक्षित होंगे 3 अत्यंत दुर्लभ औषधीय पौधे
13 Jun, 2025 05:28 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के वनांचल ग्राम सिंगपुर (बूटीगढ़) प्राकृतिक दवाखाना है। यहां 119 प्रकार के दुर्लभ औषधीय पौधे हैं। इनमें से मरोड़फली, सरिवा, तिनिष अति दुर्लभ पौधों में से एक है। अक्टूबर-2024 को यहां तत्कालीन कलेक्टर नम्रता गांधी के प्रयास से आयुर्वेदिक रस शाला का शुभारंभ हुआ। अब यहां हर्बल पार्क भी बनाने की तैयारी है। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बूटीगढ़ का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने किया अवलोकन
बता दें कि धमतरी में आयर्वुेदिक रस शाला खुलने को लेकर पूर्व में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आयुष विभाग और धमतरी जिला प्रशासन की सराहना कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ में 59,772 वर्ग किमी वन क्षेत्र है, यहां 450 प्रकार की जड़ी-बूटियां और पेड़ हैं। इनका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता है। वर्तमान में महासमुंद जिले के मुुढीपार, सरगुजा के प्रतापपुर, जशपुर के पनचक्की, बिलासपुर के केवंची में प्रसंस्करण केन्द्र संचालित किए जा रहे हैं। धमतरी में भी ऐसा प्रयास हुआ तो वृहद स्तर पर उद्योग स्थापित हो सकता है।
समस्या : कच्चा रास्ता, पर्यटकों की संख्या अभी कम
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा बुधवार को बूटीगढं पहुंचे उन्होंने जड़ी-बूटियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए हो रहे प्रयासों की जानकारी ली। कलेक्टर ने क्षेत्र को हर्बल पार्क के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव बनाने कहा। ग्रामीणों से गांव और क्षेत्र के विकास को लेकर चर्चा भी की। औषधि पौधों की सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने का प्रस्ताव बनाने कहा गया।
किसानों को मेडिशनल प्लांट की खेती करने और यहां के जनजातीय समुदाय को वन संपदाओं का संग्रहण कर आजीविका चलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कलेक्टर ने आयुष विभाग, जिला प्रशासन, वन विभाग सहित अन्य शासकीय विभागों को समन्वय बनाकर प्रस्ताव तैयार करने कहा है।
रिसर्च काम पूरा हो चुका
रस शाला के नोडल अधिकारी डॉ रविन्द्र वर्मा ने बताया कि बूटीगढ़ में पूर्व में 25000 औषधीय पौधे रोपे गए थे। यहां ऐसे कई आयुर्वेदिक पौधे हैं, जिन्हें उपचार के लिए चूर्ण या टेबलेट बनाकर इस्तेमाल किया जा रहा है। रिसर्च का काम पूरा हो गया है। अभी सिर्फ शनिवार को दो प्रकार के जूस मिल रहे हैं। रस शाला की स्थापना औषधि गुणयुक्त पौधों के संवर्धन, प्रचार-प्रसार और उपयोगिता के लिए की गई है।
तीन महीने बाद रेग्यूलर मिलेगा औषधीय जूस
बूटीगढ़ के आयुर्वेदिक रस शाला में वर्तमान में गिलोय रस, भोए आंवला की चटनी मिल रही है। अन्य औषधीय जूस, अर्क और क्वाथ अभी नहीं मिल रहा है। सूत्रों ने बताया कि तीन महीने बाद आयुष चिकित्साधिकारी की यहां नियुक्ति होगी। इसके बाद नियमित सातों दिन आयर्वुेदिक जूस मिल सकेगा। आयुर्वेदिक रस निर्माण को लेकर भी आयुष चिकित्साधिकारी ट्रेनिंग पर गई हैं।
जिला मुख्यालय धमतरी से बूटीगढ़ की दूरी लगभग 50 किमी है। यहां तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। प्रचार-प्रसार नहीं होने और सुविधाओं का विस्तार नहीं हो पाने से फिलहाल यहां पर्यटकों की संख्या कम है। यहां पर्यटकों को आकर्षित करने जैसी सुविधाओं की कमी है। वर्तमान में यहां दिनभर में दो-चार पर्यटक ही आ रहे हैं। पूर्व में गांव के पास एक रपटा और चेकडेम निर्माण का काम डीएमएफ से स्वीकृत हुआ है, लेकिन काम शुरू नहीं हो पाया।
कांग्रेस ने युक्तियुक्तकरण को बताया 'शिक्षक विरोधी और छात्र विरोधी', बड़े आंदोलन की चेतावनी
13 Jun, 2025 05:21 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षा विभाग में नए सेट अप के नाम पर युक्तियुक्तकरण के तहत बड़ी संख्या में स्कूल को बंद करने और हजारों शिक्षकों के पद को खत्म करने की नीति के विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर कबीरधाम जिले के ब्लॉक स्तर पर बीईओ कार्यालय का घेराव व प्रदर्शन किया गया।
युक्तियुक्तकरण के खिलाफ कांग्रेस
जिला कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी कवर्धा द्वारा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन व ब्लॉक शिक्षा कार्यालय कवर्धा का घेराव किया गया। कांग्रेसियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार की इस नीति का पुरजोर विरोध करती है। कार्यक्रम का उद्देश्य भाजपा सरकार की शिक्षा विभाग में नए सेट अप के नाम पर युक्तियुक्तकरण के तहत लगभग 10463 स्कूल को बंद करने और 45000 शिक्षकों के पद को खत्म करने की नीति का विरोध करना था।
कांग्रेस पार्टी ने सरकार से मांग की है कि वह अपनी इस नीति को तुरंत वापस ले और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए। सभा के पश्चात रैली के शक्ल में कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता साय सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए ब्लॉक शिक्षा ऑफिस का घेराव करने पहुंचे। बाद में कांग्रेस नेताओं ने जिला प्रशासन को अपनी मांग से संबंधित ज्ञापन सौंपा।
बीईओ कार्यालय का घेराव
कांग्रेस पार्टी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि वह अपनी इस नीति को वापस नहीं लेती है तो कांग्रेस पार्टी उग्र आंदोलन करेगी। कार्यक्रम में कवर्धा ग्रामीण अध्यक्ष मणिकांत त्रिपाठी, कवर्धा शहर अध्यक्ष अशोक सिंह ठाकुर, लालजी चंद्रवंशी, संगठन महामंत्री गोपाल चंद्रवंशी, ईश्वर शरण वैष्णव, संतोष यादव, महेन्द्र कुंभकार, नीलकंठ साहू, प्रशांत परिहार, भीषम पांडेय, सत्येन्द्र वर्मा सहित बड़ी संया में उपस्थित रहे।
इसी कड़ी में जिले के सहासपुर लोहारा और ठाठापुर में कांग्रेस पार्टी ने धरना प्रदर्शन करते हुए बीईओ कार्यालय का घेराव किया। इससे पूर्व ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा एक सभा का भी आयोजन किया गया।
टोल टैक्स और डीजल के बढ़ते दाम, ट्रांसपोर्ट व्यवसाय खतरे में - सरकार से हस्तक्षेप की मांग।
13 Jun, 2025 05:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ट्रांसपोर्टरों ने मालवाहकों का किराया बढ़ाने या टोलटैक्स कम करने के लिए राज्य सरकार से गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि सुनवाई नहीं होने पर मालावहकों के पहिए कभी भी थम सकते हैं। रायपुर से जगदलपुर के बीच आवागमन करने पर 4 टोल नाका 3500 रुपए का टैक्स देना पड़ता है। जल्दी ही पांचवें टोल को शुरू करने पर 1600 रुपए अतिरिक्त देना पड़ेगा। जबकि चार साल पहले मात्र दो टोल थे। 2021 से अब तक मालभाडा़ नहीं बढ़ाने और टोल नाका खोलने से हर ट्रीप में 30 फीसदी तक का नुकसान हो रहा है।
इसे देखते हुए रायपुर-बस्तर परिवहन महासंघ के पदाधिकारी भाड़ा बढ़ाने या टोलटैक्स में छूट दिए जाने की मांग को लेकर मुयमंत्री विष्णुदेव साय, ट्रांसपोर्ट आयुक्त, एनएचएआई के अधिकारियों और केंद्रीय परिवहन एवं भूतल मंत्री नितिन गड़करी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मालवाहकों का संचालन करने को लेकर को लेकर हो रही परेशानी का ब्यौरा देंगे। इस संबंध में परिवहन महासंघ की बैठक का रायपुर में आयोजन किया गया।
इसमें 300 से अधिक ट्रांसपोर्टर शामिल हुए। बैठक में रायपुर-बस्तर कोरापुट परिवहन संघ के अध्यक्ष सुखदेव सिंह सिद्दू, कोषाध्यक्ष दिवाकर अवस्थी, जगदलपुर परिवहन संघ अध्यक्ष प्रदीप पाठक, बैलाडीला ट्रक एसोसिएशन के तरूण प्रकाश एवं मनोज सिंह नारायणपुर परिवहन संघ के किशोर आर्य सहित सैकड़ों ट्रांसपोर्टर उपस्थित थे।
हर बार देना पड़ रहा 3500 टोल टैक्स, सीएम से मिलने का मांगा समय
नक्सल प्रभावित इलाकों में नागरिकों से लेकर फोर्स के जवानों को राशन-रसद और दवाइयों का परिवहन मालवाहकों के जरिए होता है। ट्रक-चालक परिचालक जान हथेली पर लेकर जंगलों के अंदरूनी इलाकों तक जाते हैं। इस दौरान कई बार विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में मालवाहक ही जीवन रेखा है। कोरोना संक्रमण के दौरान ट्रकों के पहिए नहीं थमे थे।
2000 तक वसूली, विरोध करने पर खड़े कर देते
परिवहन महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि रायपुर से जगदलपुर के बीच आवागमन के दौरान परिवहन और पुलिस की टीम अवैध वसूली करती है। मोटरयान अधिनियम और ओवरलोंडिग बताकर 2000 रुपए तक वसूल किए जाते। विरोध करने पर मालवाहकों को खड़े कर देते हैं। मजबूरी में उन्हें पैसा देना पड़ता है। जबकि उक्त दोनों शहरों के बीच सड़क मार्ग ही सामान के परिवहन का एकमात्र साधन है। इसके लिए हर ट्रीप में 35000 रुपए का डीजल, 3500 रुपए टोल टैक्स देना पड़ता है। नए टोल नाका के शुरू होने पर 1600 रुपए तक अतिरिक्त देना पड़ेगा।
नुकसान से परेशान
ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि पिछले 4 साल में डीजल, ऑइल, मालवाहकों के कलपुर्जे से लेकर अन्य सामान में 40 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। सरकारी काम करने पर कई महीनों तक भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसके बाद भी भाड़ा नहीं बढ़ाया गया। जिससे पिछले काफी समय से नुकसान हो रहा है। बैंकों से लोन लेकर खरीदे गए ट्रकों की किस्त तक निकालना मुश्किल हो रहा है। लोन नहीं देने के कारण, हादसा होने के कारण 50 से ज्यादा ट्रके खड़े हैं।
टोल में सुनवाई नहीं
महीने भर पहले नए नियमों के लागू होने के बाद टोल टैक्स 10 से 17 फीसदी तक बढ़ गए है। नियमानुसार 24 घंटे के भीतर आवागमन करने पर छूट दी जानी चाहिए। लेकिन, हर बार गुजरने पर टोल देना पड़ता है। नक्सल प्रभावित इलाकों में जोखिम उठाने के बाद भी वह मालवाहकों का संचालन कर रहे हैं। जबकि रायपुर से पडो़सी राज्य महाराष्ट्र के नागपुर का टोल राज्य के भीतर उतने ही दूरी पर जगदलपुर जाने 10 से 25 फीसदी ज्यादा टोल देना पड़ रहा है।
CM साय ने किया अहिल्याबाई कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन, ₹145 करोड़ से होगा सड़कों का कायाकल्प
13 Jun, 2025 04:59 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय रिसदी में नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर के नामकरण, प्रतिमा अनावरण और 223 करोड़ रुपए के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कन्वेन्शन सेंटर का नाम माता अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर करने के साथ ही प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही कोरबा में एल्युमिनियम पार्क की स्थापना की आई मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही।
एक पेड़ मां के नाम पर सीएम ने लगाया सिंदूरी का पौधा
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिले को करोड़ो रूपये के विकास कार्यों की सौगात मिली है। इसमें 145 करोड़ रुपए के सड़क से संबंधित कार्य शामिल भी है। इससे जिले में आवागमन बेहतर होगा और कोरबावासियों को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कन्वेन्शन सेंटर को वातानुकूलित बनाने की घोषणा की। कहा कि कन्वेन्शन सेंटर बहुत बड़ा है और इसमें अनेक बड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।
कोरबावासियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर इंदौर की महारानी थी और निष्पक्ष और न्यायप्रिय थी। उप मुख्यमंत्री ने अरूण साव ने संबोधित करते हुए अहिल्याबाई होल्कर की जीवन को रेखांकित किया। इसके अलावा श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर कटघोरा विधायक प्रेम चंद पटेल, अध्यक्ष गृह निर्माण मंडल अनुराग सिंहदेव, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह कंवर, महापौर संजू देवी राजपुत, सभापति नूतन सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर, सहित आदि उपस्थि रहे।
छात्रावासों में लगाए जाएंगे सोलर पावर प्लांट
मुख्यमंत्री ने जिलेवासियों को लगभग 223 करोड़ 88 लाख 41 हजार से अधिक लागत की 66 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। विभिन्न विभागों के अंतर्गत 66 विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया। इन विकास कार्यों में 24 करोड़ 10 लाख 70 हजार से अधिक राशि के 16 कार्यों का लोकार्पण एवं 199 करोड़ 77 लाख 71 हजार से अधिक राशि की 50 कार्यों का भूमिपूजन व शिलान्यास शामिल हैं।
स्कूलों का होगा जीर्णोद्धार
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अंतर्गत 15 करोड़ 06 लाख 77 हजार लागत के 11 कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्राम केरवाद्वारी, डूमरडीह, कोरकोमा, कसईपाली, बारी उमरांव, कपोट, नुनेरा, कोटमर्रा, लैंगा, बेतलो और सरपता में एकल ग्राम योजना शामिल है।
स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत भैसमा, कुदमुरा और पसान में 75-75 लाख की लागत से नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण, नगर पालिक निगम कोरबा के अन्तर्गत 03 करोड़ 58 लाख की लागत से स्वामी आत्मानंद हिन्दी माध्यम विद्यालय एनसीडीसी कोरबा में नवीन भवन व जीर्णोद्धार कार्य, और क्रेड़ा विभाग अन्तर्गत तीन करोड़ 20 लाख 70 हजार 920 रुपए की लागत से 47 छात्रावासों व आश्रमों में 2.4 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापना कार्य शामिल हैं।
प्लेन क्रैश में मृत लोगों के प्रति जताई संवेदना
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक पेड़ मां के नाम के तहत रिसदी के कन्वेंशन सेंटर परिसर में सिंदूरी पेड़ का रोपण किया। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने मौलश्री, मंत्री लखनलाल देवांगन ने बादाम के पौधे का रोपण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सहित अन्य अतिथियों ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के जीवनी पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्यमंत्री ने गुजरात से लंदन जा रही प्लेन के क्रैश होने की घटना और इसमे मृत लोगों के प्रति श्रदांजलि व्यक्त करते हुए उनके प्रति संवेदना प्रकट की।
प्रसव के दौरान महिला की संदिग्ध मौत: विधायक देवेंद्र यादव ने ₹25 लाख मुआवजे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की
13 Jun, 2025 04:36 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भिलाई, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के भिलाई में प्रसव के दौरान एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुखद घटना के बाद स्थानीय विधायक देवेंद्र यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार के लिए ₹25 लाख के मुआवजे की मांग की है। साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस मामले में दोषी डॉक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की भी अपील की है।
जानकारी के अनुसार, दुर्ग जिले की रहने वाली एक महिला को प्रसव पीड़ा के बाद भिलाई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की जान चली गई। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि उन्होंने महिला को बचाने की हर संभव कोशिश की थी, लेकिन उनकी स्थिति गंभीर थी।
विधायक देवेंद्र यादव का रुख:
घटना की जानकारी मिलते ही भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव ने मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यादव ने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने महिला की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन पर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।
अपने पत्र में, विधायक यादव ने कहा, "यह अत्यंत दुखद और गंभीर मामला है कि एक महिला की प्रसव के दौरान, जो एक जीवन देने वाली प्रक्रिया है, लापरवाही के कारण जान चली गई। यह दर्शाता है कि हमारे स्वास्थ्य संस्थानों में अभी भी जवाबदेही और गुणवत्ता की कमी है।" उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित परिवार ने एक सदस्य खोया है और उन्हें आर्थिक और भावनात्मक दोनों तरह से बड़ी क्षति हुई है, इसलिए ₹25 लाख का मुआवजा उनके लिए कुछ राहत प्रदान करेगा।
परिजनों के आरोप और मांगें:
मृतका के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने सही समय पर उचित निर्णय नहीं लिए और स्टाफ का रवैया भी लापरवाह था। उनका कहना है कि यदि समय पर सही इलाज मिलता तो उनकी बेटी/पत्नी को बचाया जा सकता था। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी त्रासदी का सामना न करना पड़े।
प्रशासनिक कार्रवाई और जांच:
विधायक देवेंद्र यादव के हस्तक्षेप के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने मामले का संज्ञान लिया है। बताया जा रहा है कि विभाग ने घटना की जांच के लिए एक टीम गठित की है, जो अस्पताल के रिकॉर्ड, डॉक्टरों के बयान और परिजनों के आरोपों की विस्तृत पड़ताल करेगी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियों और आम जनता को मिलने वाली चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता पर एक बार फिर बहस छेड़ रही है। परिजनों को न्याय और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद है।
सरकारी गाड़ी का दुरुपयोग: DSP की पत्नी ने बोनट पर बैठकर मनाया जन्मदिन, नियमों की उड़ाई धज्जियां, जांच के आदेश!
13 Jun, 2025 04:25 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आधुनिकता की दौड़ में लोग सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए कई बार ऐसे काम कर बैठते हैं, जो बाद में उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है. ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से सामने आया है, जहां डीएसपी की पत्नी सरकारी गाड़ी के बोनट पर बैठकर अपना जन्मदिन मनाते हुए रील बनाती हुई नजर आई है. इसके कई वीडियो इन दिनों तेजी से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं. वीडियो सामने आने के बाद लोग इस पर तीखी टिप्पणी कर रहे हैं.
बालोद जिले में पुलिस बटालियन में डीएसपी के पद पर तैनात तस्लीम आरिफ इन दिनों विवाद में हैं. इस कारण उनका पत्नी फरहीन खान का 33वां जन्मदिन है. फरहीन ने एक ऐसे अनोखे ढंग से अपना जन्मदिन मनाया, जिससे पूरे इलाके में उनकी जमकर चर्चा हो रही है. जन्मदिन का एक वीडियो भी इन दिनों खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह नियम कानूनों को ताक पर रखकर अपने डीएसपी पति की नीली बत्ती वाली सरकारी गाड़ी के बोनट पर केक रखकर काटती हुई नजर आ रही है.
वायरल हो रहा वीडियो
वीडियो में कार पर नीली बत्ती को साफ तौर पर देखा जा सकता है. इसके अलावा एक वीडियो और भी काफी वायरल हो रहा है. इसमें डीएसपी की पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य नीली बत्ती लगी सरकारी गाड़ी में वाटरफॉल में घूमने जाते नजर आ रहे हैं. इस दौरान कार के सभी गेट खुले हुए नजर आ रहे हैं. वह लोग इसका वीडियो बनाते हुए सार्वजनिक रूप से सरकारी गाड़ी और पावर को शो-ऑफ करती हुई नजर आ रही है.
DSP की पत्नी सरकारी गाड़ी में बना रही रील
नियमों के मुताबिक शासकीय वाहनों का उपयोग केवल शासकीय कार्यों के लिए ही किया जा सकता है. घरेलू उपयोग या फिर रील बनाने के लिए नीली बत्ती वाली सरकारी गाड़ी का इस्तेमाल करना नियमों का उल्लंघन है. वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स इस तरह से सरकारी गाड़ी के इस्तेमाल की खूब आलोचना कर रहे हैं. साथ ही कुछ तो डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
धमतरी जिले में एक भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं, सभी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने मिले टीचर्स, अब फैलेगा ज्ञान का उजियारा
12 Jun, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : धमतरी जिले में स्कूलों और शिक्षकों के युतियुक्तकरण से सबसे ज्यादा फ़ायदा एक शिक्षक वाले स्कूलों को हुआ है। ऐसे 170 स्कूलों में से 133 स्कूलों को अतिरिक्त शिक्षक मिल गए है। दूरस्थ अंचलों में शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शाला होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा था, जो अब शिक्षकों के पदस्थापना से दूर होने जा रहा है। धमतरी जिले में युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों की पदस्थापना से बिना टीचर वाले तीन प्राथमिक और चार मिडिल स्कूलों में भी शिक्षकों की पदस्थापना हो गई है। इसके साथ ही 111 हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों को गणित तथा विज्ञान विषयों के टीचर भी मिल गए है, इससे इन शालाओं में शैक्षणिक वातावरण बेहतर होगा।
राज्य शासन के दिशा-निर्देश में जिले में अतिशेष शिक्षकों के काउंसलिंग की प्रक्रिया पूर्ण होने पश्चात जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों को अब न केवल नए शिक्षक मिले हैं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी सुनिश्चित हुई है। जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र के बच्चों को टीचर्स की कमी के कारण पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। शिक्षक नहीं होने से बच्चों का भविष्य अधर में था। लेकिन आज युक्तियुक्तकरण के माध्यम से शालाओं को शिक्षक मिलने से बच्चों के भविष्य के लिए आशा की एक नई किरण दिखने लगी है।
युक्तियुक्तकरण से पहले जिले के मैदानी इलाकों के स्कूलों में दर्ज संख्या के मान से अधिक शिक्षक कार्यरत थे और वहीं दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के अनुपात से शिक्षक कार्यरत नहीं होने के कारण शिक्षक, छात्र-छात्राओं के अध्यापन कार्य में असंतुलन की स्थिति थी। टीचर्स के इस असंतुलित वितरण से कई विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई पर काफी नकारात्मक असर पड़ रहा था। गणित, विज्ञान, रसायन और भौतिकी विषय के शिक्षकों की उपलब्धता नहीं होने से छात्रों को इन विषयों पर पकड़ बनाने में दिक्कत होती थी। जिला प्रशासन ने इसे युक्तियुक्तकरण के माध्यम से दूर करने का काम किया गया है।
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि जिले के 111 स्कूलों में गणित विज्ञान के शिक्षक नहीं थे, ऐसे स्कूलों में विषय अनुसार टीचर्स नियुक्त किए गए हैं। युक्तियुक्तकरण से दूरस्थ अंचल जैसे दक्षिण मगरलोड नगरी विकासखंड और डूबान क्षेत्र में शिक्षकों की कमी को दूर कर समाधान निकाला गया है। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि युक्तियुक्तकरण पश्चात सभी शिक्षकों ने अपने आवंटित स्कूलों में ज्वाइन कर लिया है। इन क्षेत्रों में शिक्षकों की नियुक्ति से क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पालकों और स्कूली बच्चों में उत्साह है। बच्चों की पढ़ाई में जो समस्या होती थी, अब उससे राहत मिल पाएगी। साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
अटंग प्राइमरी स्कूल में 121 बच्चों पर केवल दो टीचर, अब तीन नए और मिले, संख्या पाँच हुई
विकासखंड कुरुद मुख्यालय से महज 4 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत अटंग के शासकीय नवीन प्राथमिक शाला प्रेमनगर अटंग में 121 बच्चे अध्ययनरत हैं। अत्यधिक दर्ज संख्या उपरांत भी विगत वर्षों से केवल दो शिक्षक एक प्रधान पाठक और एक सहायक शिक्षक सहित स्थानीय व्यवस्था में वैकल्पिक शिक्षकों के भरोसे विद्यालय में अध्यपन कार्य संपादित हो रहे थे। अत्यधिक प्रयास के बाद भी बच्चों की पढ़ाई लिखाई में अपेक्षित गुणवत्ता प्राप्त कर पाना कठिन था। जिसके कारण शाला प्रबंधन समिति पदाधिकारियों, सरपंच और पालकों द्वारा शिक्षकों की मांग लगातार की जा रही थी। शासन द्वारा स्कूलों में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के द्वारा आज विद्यालय में 3 नए सहायक शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। इससे दर्ज विद्यार्थीयों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त शिक्षक की पूर्ति हो पाई है। युक्तियुक्तकरण से विद्यालय में शिक्षिका श्रीमती पार्वती बघेल, श्रीमती दूज कुर्रे और श्रीमती लक्ष्मी मुदलियार ने नवीन प्राथमिक शाला प्रेमनगर अटंग में कार्यभार ग्रहण किया। शासन के इस प्रक्रिया से शिक्षक मिलने पर शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष उमेंद्र साहू, उपाध्यक्ष शिवकुमार साहू, सही अन्य सदस्यों एवं पालकों ने ख़ुशी जाहिर की है ।
प्रोजेक्ट युवा की पहली सफलता: सुनील, कीर्तन, भुवन ने शौक को बनाया स्व रोजगार का जरिया
12 Jun, 2025 11:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में युवाओं के लिए सरकार द्वारा रोजगारपरक योजनाओं में से एक प्रोजेक्ट योजना के तहत धमतरी जिले के तीन युवकों के लिए आय का साधन बन गया है। धमतरी जिले में प्रोजेक्ट युवा के परिणाम अब आने शुरू हो गए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रशिक्षण लेकर गंगरेल-रुद्री के तीन युवाओं ने अपने शौक को अब रोजगार के रूप में अपना लिया है। सुनील साहू, कीर्तन साहू और भुवन मीनपाल ने महानदी के किनारे अंगारमोती में अपनी फोटोग्राफी की दुकान खोली है। तीनों युवा यहाँ माँ अंगार मोती के दर्शन के लिए आने वाले पर्यटकों की अलग अलग लोकेशनों में आकर्षक फोटो खींचकर तुरंत प्रिंट उपलब्ध करा देते है। तीनों युवा हर दिन एक से डेढ़ हज़ार रुपए कमा रहे हैं। इन तीनों ने प्रोजेक्ट युवा की संकल्पना को मूर्त रूप देकर धमतरी के युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही स्व रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार का आभार जताया है।
फोटोग्राफी की निःशुल्क ट्रेनिंग ने फोटोग्राफी की कला को निखारा। फोटोग्राफी की कला अब कमाई का जरिया बन गया है, फोटोग्राफी कभी सिर्फ शौक था, अब वही रोज़गार बन चुका है। गंगरेल के स्थानीय निवासी कीर्त्तन कुमार साहू और उनके साथी सुनील साहू तथा भुवन मीनपाल आज फोटोग्राफी के जरिए आत्मनिर्भर बन चुके हैं। जिला प्रशासन द्वारा दिए गए निः शुल्क फोटोग्राफी प्रशिक्षण की बदौलत। कीर्तन साहू बताते हैं, “हम पहले भी फोटो खींचते थे, फोटोग्राफी हमारा शौक था, लेकिन तकनीक और समझ की कमी थी। जब जिला प्रशासन ने प्रोजेक्ट युवा में फोटोग्राफी का निःशुल्क प्रोफेशनल प्रशिक्षण दिया, तब समझ आया कि फोटो सिर्फ क्लिक नहीं होती, बल्कि एक कला होती है।“ तीनों साथियों ने इस प्रशिक्षण में फोटोग्राफी की बारीकियां सीखी। कैमरे के प्रकार से लेकर लाइट, अपर्चर, स्पीड, फ्रेम सब की जानकारी मिली। इंडोर और आउट डोर फोटोग्राफी के गुर भी सीखें।
ट्रेनिंग के बाद आज कीर्तन, सुनील और भुवन तीनों ने मिलकर गंगरेल डैम और अंगारमोती परिसर जैसे पर्यटन स्थलों पर फोटोग्राफी का काम शुरू किया हैं। छुट्टी के दिनों और विशेष मेला-मड़ई के अवसर पर भीड़ वाले दिनों में इनकी कमाई एक से डेढ़ हज़ार रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती है, जबकि सामान्य दिनों में पाँच सौ से एक हज़ार रुपये तक की आमदनी हो जाती है। प्रोजेक्ट युवा के तहत निःशुल्क ट्रेनिंग ने न सिर्फ इनकी कला को निखारा, बल्कि कमाई का साधन भी बना दिया। यह पहल उन युवाओं के लिए मिसाल है, जो हुनर तो रखते हैं, लेकिन उन्हें सही दिशा नहीं मिलती।
प्रशिक्षण के बाद इन तीनों युवाओं को फोटोग्राफी का स्टाल शुरू करने के लिए भी जिला प्रशासन ने मदद की है । इन्हें रेडीमेड और आसानी से असेंबल होने वाले आकर्षक स्टॉल भी निःशुल्क दिए गए है। अब ये युवा एक बैट्री से चलने वाले प्रिंटर की मदद से पर्यटकों के आकर्षक फोटो प्रिंट कर तत्काल उपलब्ध करा देते हैं। रियायती दरों पर लोगों को उनके पेन ड्राइव या मोबाइल में भी फोटो की सॉफ्ट कॉपी भी उपलब्ध कराई जा रही है। अब पर्यटकों को भी अपने प्रवास की मधुर स्मृतियाँ इस फोटो बूथ से मिल रही है।
युवा कार्यक्रम के तहत धमतरी जिले के बारहवीं कक्षा से लेकर कॉलेज तक में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आज के जमाने की डिजीटल तकनीकों और पेशेवर कौशलों में प्रशिक्षित किया जा रहा है । इन युवाओं को एक-दो माह के ऐसे छोटे व्यवसाय पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिसके बाद वे तुरंत ही अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। प्रथम चरण में प्रशासन द्वारा डिजीटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाईनिंग, फ्री लाउसिंग, सायबर सुरक्षा, एआई तकनीक, ड्रोन और रोबोटिक्स, फाईनेंशल मैनेजमेंट, शेफ एंड कुकिंग तथा ब्यूटिशियन जैसे शॉर्ट टर्म व्यवसायों में प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आरोग्य मेलों में लोगों ने ली रक्तदान की शपथ
12 Jun, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आयोजित साप्ताहिक आरोग्य मेलों के माध्यम से रक्तदान के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने बुधवार को विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रदेशभर के 3807 आरोग्य मेलों में 46 हज़ार से अधिक नागरिकों ने स्वास्थ्य जांच करायी जिसमे करीब 10 हजार से अधिक नागरिकों ने रक्तदान की शपथ ली तथा यह संकल्प दोहराया कि आवश्यकता पड़ने पर किसी भी जरूरतमंद को समय पर रक्तदान कर जीवन बचाने में योगदान देंगे।
इस वर्ष की थीम ““Give blood, give hope: together we save lives” के अंतर्गत सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में रक्तदान पंजीकरण, शपथ समारोह, जागरूकता रैलियाँ एवं रक्तदाता सम्मान जैसे आयोजन संपन्न हुए। ग्राम पंचायतों में सरपंचों के मार्गदर्शन में भी उत्साहपूर्वक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे यह जनसहभागिता गाँव-गाँव तक पहुँची। प्रदेश के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पोस्टर प्रदर्शनी, रक्तदान प्रेरणा रैली तथा आदर्श रक्तदाताओं के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। लोगों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए इसे मानवीय सेवा का पर्व बना दिया।
विभाग द्वारा बताया कि यह सामाजिक चेतना और सेवा भाव का प्रमाण है। हमारा लक्ष्य है कि रक्तदान को हर जिले, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर जीवनदायिनी पहल के रूप में स्थापित किया जाए।” प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान केवल जागरूकता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नागरिकों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया है। सहभागी निर्माण की यह प्रक्रिया आने वाले समय में प्रदेश को आत्मनिर्भर रक्तदान तंत्र की दिशा में मजबूती देगी। रक्तदान न सिर्फ जीवन बचाता है, बल्कि समाज में करुणा, सहयोग और सेवा की भावना को भी सुदृढ़ करता है।
’’रक्तदान की अवधि और पात्रता’’
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर 3 से 4 महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है और यह शरीर के लिए सुरक्षित है। 18 से 65 वर्ष की उम्र के बीच कोई भी स्वस्थ नागरिक रक्तदान कर सकता है।
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी रामगढ़ महोत्सव में हुए शामिल
12 Jun, 2025 08:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड में आयोजित एतिहासिक रामगढ़ महोत्सव में प्रदेश के वित्त मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री ओ. पी. चौधरी ने एक दिवसीय प्रवास किया। इस दौरान उन्होंने राम वनगमन पर्यटन परिपथ परिसर में “एक पेड़ मां के नाम 2.0” अभियान के अंतर्गत रुद्राक्ष का पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण और मातृ स्मरण का संदेश दिया।
मंत्री चौधरी ने महोत्सव स्थल का निरीक्षण कर आयोजन की सराहना की। उन्होंने कहा कि रामगढ़ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में ऐसे उत्सवों की अहम भूमिका होती है। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान को उन्होंने एक भावनात्मक और पर्यावरणीय पहल बताया, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रकृति से जोड़ने का कार्य करता है। रामगढ़ महोत्सव में स्थानीय लोक कला, संस्कृति, पारंपरिक व्यंजन और हस्तशिल्प की विविध झलक देखने को मिली, जिससे क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मंच और पहचान मिल रही है।
इस अवसर पर सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल एवं लुंड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने भी चंदन के पौधे लगाए। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष निरुपा सिंह, महापौर मंजूषा भगत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष देवनारायण यादव, भरत सिंह सिसोदिया, आलोक दुबे सहित अनेक जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ में सतत विकास की ओर एक बड़ा कदम
12 Jun, 2025 08:47 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने सतत और पर्यावरण हितैषी नीति को गति देते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इस दिशा में आज बिलासपुर नगर पालिक निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (सीबीडीए) एवं भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड (BPCL) के मध्य त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह एग्रीमेंट सतत योजना (SATAT & Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation) के तहत नगरीय ठोस अपशिष्ट से कम्प्रेस्ड बायोगैस उत्पादन हेतु किया गया है।
यह एग्रीमेंट छत्तीसगढ़ राज्य में सतत ऊर्जा उत्पादन एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पर्यावरण और सतत विकास को प्राथमिकता दे रही है। सतत योजना के तहत कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में सहायक होगी, बल्कि रोजगार और हरित अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगी।
ग्राम कछार, बिलासपुर में प्रस्तावित संयंत्र 100.150 टन प्रतिदिन MSW संसाधित कर बायोगैस का उत्पादन करेगा। इसमें शत-प्रतिशत निवेश भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा, जिसकी लागत लगभग 100 करोड़ रुपए की होगी। संयंत्र के माध्यम से बिलासपुर सहित आसपास के नगरीय निकायों से लगभग 150 टन प्रतिदिन ठोस अपशिष्ट का उपयोग किया जाएगा।
इस संयंत्र से जुड़ी प्रमुख विशेषताएं
रोजगार सृजन: संयंत्र के संचालन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 30,000 मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार सृजित होंगे। पर्यावरणीय लाभ संयंत्र के संचालन से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आएगी तथा राज्य Net Zero Emission लक्ष्य की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा। आय और राजस्व पूर्ण क्षमता पर कार्यरत संयंत्र से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ रुपए का जीएसटी प्राप्त होगा। जैविक खेती को बढ़ावा संयंत्र से सह-उत्पाद के रूप में प्राप्त जैविक खाद का उपयोग जैविक कृषि को प्रोत्साहन देगा। इससे पूर्व अक्टूबर 2024 में भिलाई नगर पालिक निगम के साथ त्रिपक्षीय समझौता हो चुका है, और जनवरी 2025 में अंबिकापुर, रायगढ़, कोरबा, राजनांदगांव एवं धमतरी में कम्प्रेस्ड बायोगैस संयंत्र हेतु एमओयू निष्पादित किया गया था।
आज हुए एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल, सीबीडीए के सीईओ सुमित सरकार, बीपीसीएल बायोफ्यूल्स प्रमुख अनिल कुमार पी, नगर निगम बिलासपुर कमिश्नर अमित कुमार समेत भारत पेट्रोलियम कॉर्पाेरेशन लिमिटेड और सीबीडीए के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस पर पूरे प्रदेश में चला बाल श्रम विरोधी अभियान, कलेक्टरों ने दिए सख्त निर्देश
12 Jun, 2025 08:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बाल श्रम की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे प्रयासों को प्रदेश स्तर पर सख्ती के साथ क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रशासनिक प्रतिबद्धता, जन-जागरूकता और कड़ी निगरानी के माध्यम से बच्चों को शिक्षा, सुरक्षा और गरिमामय जीवन की ओर अग्रसर करने का संकल्प लिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ में बाल श्रम उन्मूलन के लिए जिलेवार अभियान चलाया गया। महासमुंद और कोण्डागांव सहित विभिन्न जिलों में प्रशासन, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पुलिस तथा बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त प्रयासों से बाल श्रमिकों की पहचान, पुनर्वास और जन-जागरूकता की दिशा में व्यापक गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
महासमुंद में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि जिले में बाल श्रम की किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने संयुक्त जांच दल को होटल, ढाबा, निर्माण स्थल, दुकानों एवं अन्य संभावित स्थलों पर निरीक्षण करने कहा। साथ ही विकासखंड स्तर पर बाल श्रम विरोधी रैली, पोस्टर प्रदर्शनी और स्कूलों में विशेष सत्र आयोजित करने के निर्देश दिए। बाल श्रमिकों के पहचान हेतु 15 जून से 30 जून तक जिले में विशेष अभियान चलाया जाएगा। कलेक्टर ने बाल संरक्षण समिति की मासिक बैठक आयोजित कर सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्कूल से बाहर रह रहे बच्चों को पुनः स्कूल में लाया जाएगा और उनके परिवारों को शासकीय योजनाओं से जोड़ा जाएगा। बाल श्रम की रोकथाम हेतु बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 13, 14 व 15 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
श्रम पदाधिकारी डी.एन. पात्र ने बताया कि वर्ष 2024 में 92 संस्थानों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 14 के विरुद्ध श्रम न्यायालय में अभियोजन दायर किया गया। न्यायालय ने 9 संस्थानों को 5-5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। वहीं 2025 में अब तक 52 संस्थानों का निरीक्षण हुआ, जिसमें 12 संस्थानों पर सूचना बोर्ड न लगाने पर अभियोजन दायर किया गया है।
14 वर्ष से कम आयु के बच्चों का नियोजन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। वहीं 14 से 18 वर्ष के किशोरों को खतरनाक और अधिसूचित व्यवसायों में कार्य कराना दंडनीय अपराध है। इनमें होटल, ढाबा, ईंट-भट्ठा, पत्थर खदान, बीड़ी उद्योग, ऑटो गैरेज, घरेलू काम, आदि शामिल हैं। दोषी पाए जाने पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा या 20 हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। बाल श्रम की शिकायत के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन 1098 और 1800-2332-197 पर संपर्क किया जा सकता है।
कोण्डागांव में चला विशेष निरीक्षण अभियान, दो बच्चों का रेस्क्यू कर पुनर्वास
कोण्डागांव जिले में कलेक्टर नुपूर राशि पन्ना के मार्गदर्शन में श्रम विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस व चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम द्वारा बाल श्रमिकों और भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के चिन्हांकन और पुनर्वास के लिए अभियान चलाया गया। ढाबों, होटल, मोटर गैरेज, दुकानों में निरीक्षण कर संचालकों को समझाइश दी गई। दो बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्हें परिवार के पास सुरक्षित पुनर्वासित किया गया तथा शिक्षा विभाग के माध्यम से स्कूल से जोड़ा जाएगा।