छत्तीसगढ़
सुरक्षित मातृत्व की ओर छत्तीसगढ़ का सशक्त कदम
11 Jun, 2025 08:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। विशेषकर दूरस्थ आदिवासी अंचल दंतेवाड़ा में यह अभियान गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में कहा कि माताओं का स्वास्थ्य ही समाज की नींव है। राज्य सरकार का संकल्प है कि प्रत्येक महिला को सुरक्षित मातृत्व और नवजात को स्वस्थ जीवन मिले। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने अभियान की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित किया कि राज्य के हर जिले में मातृ स्वास्थ्य सेवाएं गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध सुलभ हों।
दंतेवाड़ा जिले में अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रसव पूर्व विशेष जांच शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर कुणाल दुदावत के निर्देशन में जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में यह अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय रामटेके ने बताया कि 9 जून 2025 तक जिले में 4,555 गर्भवती महिलाओं का पंजीयन किया गया है। इनमें से 2,000 से अधिक महिलाओं ने जांच शिविरों में पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया। प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच में 721 उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान की गई है, जिनमें से 580 को समुचित देखभाल और सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं।
इसके अंतर्गत 378 से अधिक महिलाओं को सोनोग्राफी जैसी विशेष जांच सेवाएं जिला अस्पताल एमसीएच गीदम और केंद्रीय अस्पताल किरंदुल में उपलब्ध कराई गई हैं। शिविरों में महिलाओं को हीमोग्लोबिन, सिकलिंग, ब्लड शुगर, बीपी, एल्बुमिन, यूरिन, मलेरिया, एचईवी, हेपेटाइटिस-बी, वीडीआरएल जैसी अनिवार्य जांचों के साथ टीकाकरण, पोषण परामर्श, दवा वितरण, परिवार नियोजन जानकारी और सुरक्षित प्रसव की तैयारी संबंधी परामर्श भी दिया जा रहा है।
अभियान को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए 102 एंबुलेंस सेवाओं और संस्थागत वाहनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है ताकि ग्रामीण एवं सुदूर अंचलों से भी महिलाएं समय पर स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंच सकें।यह अभियान न केवल मातृत्व एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि मातृत्व स्वास्थ्य के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित कर रहा है।
खपरैल पलटने का खत्म हुआ सिलसिला, धुर साय को मिला पीएम आवास
11 Jun, 2025 08:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : यूँ तो धूर साय की उम्र अस्सी साल है,लेकिन इनकी जिंदगी में बीते दिनों के मुसीबतों की कहानियां अनगिनत है। घने जंगल के बीच समय के साथ कई मुसीबतें आई और गई...लेकिन बारिश के दिनों में आने वाली मुसीबतों से उन्हें कभी छुटकारा नहीं मिल पाता था। जब भी बारिश का मौसम आता..धुरसाय सहित पूरा परिवार तैयारी में जुट जाता..सभी काम छोड़कर घर के खपरैलों को निकालता और सफाई कर फिर से जमाता..ठीक करता। धुरसाय अपनी ओर से तो पूरी कोशिश करता लेकिन बारिश तो बारिश ही थीं.. कब मौसम बदले और कब बरस जाएं.. कुछ कहा नहीं जा सकता था..। मौसम के बदलाव के साथ बारिश हर बार धुरसाय के खपरैल वाले कच्चे मकान के लिए मुसीबत बनकर ही बरसती थी। खपरैलों को ठीक करने के बाद भी वह बारिश के कहर से नहीं बच पाता था। एक दिन उन्हें भी मालूम हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना से उनका भी पक्का मकान बन सकता है तो उन्होंने देर नहीं की। आखिरकार पात्रता के बाद धूर साय को पीएम आवास मिला तो उनके खुशी का ठिकाना न रहा,क्योंकि एक लंबे अरसे बाद उन्हें कच्चे मकान के साथ ही खपरैल पलटने से भी मुक्ति मिल गई।
कोरबा जिले में पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के अंतर्गत दूरस्थ ग्राम पतुरियाडाँड़ में रहने वाले धुरसाय ने बताया कि वह अपनी पत्नी मोती कुँवर के साथ रहता है। जंगल में रहते हुए जिंदगी कट गई। उन्होंने बताया कि जैसे तैसे उन्होंने अपना आशियाना तैयार तो कर लिया लेकिन घर पक्का नहीं होने से हर साल बारिश के साथ ही मुसीबतों का सामना करना पड़ता था। धुरसाय ने बताया कि घर की दीवारें उखड़ने के साथ ही खपरैल भी इधर-उधर हो जाते थे। इसलिए बारिश से पहले जहाँ खपरैलों को ठीक करना जरूरी होता था वहीं बारिश में छत से पानी टपकने से परेशानी होती थी। बारिश के बाद उखड़ी हुई दीवारों की छबाई करनी जरूरी होती थी। उन्हें प्रधानमंत्री आवास मिलने से इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिल गई है। धुरसाय ने बताया कि वह खेती किसानी करता है, लेकिन अब उम्र के साथ उन्हें ऐसे ही आशियाने की जरूरत थी,जिसमे उन्हें कोई परेशानी न हो। पीएम आवास योजना से मिले पक्के मकान से मुसीबतों से भी मुक्ति मिल गई है। सरकार का धन्यवाद, जिन्होंने हम जैसे जंगल में रहने वाले गरीबों के लिए सोचा।
बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, नक्सल प्रभावित इलाकों में भेजे गए युवा IPS
11 Jun, 2025 12:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय पुलिस सेवा 2021 बैच के 8 अफसरों का तबादला किया गया है। इसमें 7 सीएसपी स्तर के अधिकारियों को एएसपी बनाकर को नक्सल मोर्चे पर तैनात किया गया है। साथ एडिशनल एसपी ऑपरेशन के लिए नए पद क्रिएट किए गए हैं।
गृह विभाग के सचिव हिमशिखर गुप्ता द्वारा मंगलवार की देरशाम को इसका आदेश जारी किया। नक्सली वारदात में सुकमा के एडिशनल एसपी आकाश राव गिरिपुंजे के शहीद होने के बाद राज्य शासन ने डायरेक्ट आईपीएस को बस्तर के जिलों में एडिशनल एसपी बनाने का बड़ा फैसला किया है। जिन जिलों में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहे, वहां डायरेक्टर आईपीएस एएसपी ऑपरेशन बनाया गया है।
जारी आदेश में उदित पुष्कर को जगदलपुर से दंतेवाड़ा, रोहित कुमार शाह को सरगुजा से सुकमा, रविंद्र कुमार मीणा को कोरबा से बीजापुर, अमन कुमार रमन कुमार झा को रायपुर से बीजापुर, आकाश कुमार श्रीश्रीमाल को जगदलपुर से भानुप्रतापपुर कांकेर, अजय कुमार को रायपुर से नारायणपुर, अक्षय प्रमोद को बिलासपुर से नारायणपुर और आकाश कुमार शुक्ला को रायगढ़ से एएसपी एसटीएफ बघेरा (दुर्ग) भेजा गया है।
ACB का ऑपरेशन क्लीन: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचारियों पर गिरी गाज
11 Jun, 2025 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एंटीकरप्शन ब्यूरो ने पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के लिपिक दीपक शर्मा को 30 हजार और मुंगेली में पटवारी उत्तम कुर्रे को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए बुधवार को गिरफ्तार किया। दोनों के पास से तलाशी में रिश्वत की रकम बरामद की गईहै।
रविवि के लिपिक ने अपने ही विभाग के सेवानिवृत लिपिक से पेंशन और ग्रेज्युटी के लिए और पटवारी ने जमीन के दस्तावेजों में त्रुटि सुधारने के लिए रिश्वत मांगी थी। रविवि के लिपिक ने पेंशन और ग्रेज्युटी की फाइल तैयार करने के एवज में 50 हजार की रिश्वत मांगी थी। इसे सुविधा अनुसार दो किश्तों में देने पर ही काम करने का आश्वासन दिया। इसकी शिकायत पीड़ित ने एसीबी में कराई।
बताया कि रिश्वत नहीं देने के कारण फाइल को रोक दिया है। रिश्वत देने पर ही फाइल को आगे बढ़ाने को कहा। शिकायत की जांच के बाद एसीबी ने रिश्वत की रकम के साथ शिकायतकर्ता को भेजा। किश्त की रकम 30 हजार देते ही आरोपी लिपिक दीपक शर्मा को एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद लिपिक को विशेष न्यायाधीश की अदालत में बुधवार को पेश किया जाएगा।
पटवारी ने त्रुटि सुधारने मांगी 25 हजार की रिश्वत
जमीन के दस्तावेजों में त्रुटि सुधारने के लिए पटवारी उत्तम कुर्रे ने भूस्वामी से 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। रिपोर्ट के अनुसार, मुंगेली जिला स्थित बोदरी नगर पंचायत निवासी किसान और उसके परिजनों के नाम 1.43 एकड़ जमीन है। उक्त जमीन में उसके और बहन के नाम त्रुटिपूर्ण था। जमीन के रेकॉर्ड में त्रुटि सुधारने व दस्तावेज (नक्शा, खसरा, बी-1) देने के नाम पर पटवारी उत्तम कुर्रे ने रिश्वत मांगी थी। इसकी शिकायत किसान द्वारा बिलासपुर स्थित एसीबी दफ्तर में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी।
पूरे घटनाक्रम का ब्योरा दिया था। शिकायत की जांच करने के बाद एसीबी ने रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई। पटवारी के पास रिश्वत की रकम के साथ पटवारी ने मुंगेली के सुरी घाट स्थित अपने कार्यालय में भेजा। इस दौरान रिश्वत की रकम लेते ही रंगे हाथों धरदबोचा।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्र परेशान, अब तक नहीं मिली पोस्टिंग
11 Jun, 2025 10:43 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रदेश के 6 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस पास 800 से ज्यादा छात्रों को दो साल की बॉन्ड पोस्टिंग का इंतजार है। उनकी इंटर्नशिप 28 फरवरी को पूरी हो गई है। पिछले साढ़े 3 माह से छात्र पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।
छात्र मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में दो साल तक मेडिकल अफसर व जूनियर रेसीडेंट डॉक्टर के बतौर सेवाएं देंगे। दो साल की सेवा के बाद ही उन्हें हैल्थ साइंस विवि से स्थायी डिग्री मिलेगी। वहीं, छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में स्थायी पंजीयन भी होगा। पीजी पास छात्रों की पोस्टिंग भी अभी नहीं हुई है। वे भी इंतजार कर रहे हैं। इंटर्नशिप पूरी करने वाले छात्रों को संबंधित मेडिकल कॉलेजों ने कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी दे दिया था।
एमबीबीएस के साढ़े 4 साल के कोर्स के बाद एक साल की इंटर्नशिप अनिवार्य है। इसके बाद दो साल की बांड सर्विस अनिवार्य है। पहले इसे ग्रामीण सेवा के नाम से भी जाना जाता था, लेकिन पिछले साल ज्यादातर छात्रों को मेडिकल कॉलेज व इससे संबद्ध अस्पतालों में भेजा गया था। इंटर्नशिप पूरी करने वाले ये छात्र अगस्त में होने वाली नीट पीजी में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें स्वास्थ्य विभाग से एनओसी लेनी होगी। अगर छात्रों का चयन पीजी कोर्स में होता है तो वे एडमिशन लेकर पढ़ाई कर सकते हैं। जब पीजी का कोर्स पूरा हो जाएगा, तब वे दो साल का बॉन्ड पूरा करेंगे।
हालांकि उन्हें पीजी पास करने के बाद भी दो साल की बॉन्ड सेवा में जाना होगा। इस तरह उन्हें पीजी के बाद चार साल सेवा देनी होगी। तभी उन्हें पीजी की स्थायी डिग्री मिलेगी और स्थायी पंजीयन भी होगा। इसके बाद वे न केवल छत्तीसगढ़ में, बल्कि देश के किसी भी हिस्से में प्रैक्टिस कर सकते हैं। हालांकि उन्हें संबंधित राज्य के मेडिकल काउंसिल में भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
दो साल के बॉन्ड में नहीं जाने पर छात्र-छात्राओं की कैटेगरी अनुसार, 20 से 25 लाख रुपए पेनल्टी देने का नियम है। एसटी, एससी व ओबीसी के छात्रों को 20 लाख व यूआर के छात्रों के लिए 25 लाख रुपए पेनल्टी निर्धारित है। अब न केवल ग्रामीण सेवा बल्कि कई छात्रों की पोस्टिंग मेडिकल कॉलेजों में भी होने लगी है। इस पर सवाल भी उठ रहे हैं।
दरअसल एमबीबीएस पास छात्रों की पोस्टिंग मेडिकल अफसर के बतौर होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी होती है। इसलिए ये छात्र मरीजों का जनरल चेकअप कर इलाज करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इसलिए उनकी सेवाएं शहरी के बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरी है।
पिछले साल हरेली में दी गई थी पोस्टिंग
पिछले साल लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण हरेली त्योहार के मौके पर जुलाई में पोस्टिंग दी गई थी। जबकि तब छात्रों की इंटर्नशिप 31 मार्च को पूरी हुई थी। पिछले साल पोस्टिंग में काफी देरी हुई थी। छात्र तीन बार स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी से भी मिले थे, हालांकि इसके बाद भी जुलाई में पोस्टिंग दी गई। ग्रामीण सेवा में जाने वाले एमबीबीएस छात्रों को सामान्य क्षेत्रों के लिए हर माह 57150 रुपए व अनुसूचित क्षेत्र के लिए 69850 रुपए मानदेय दिया जा रहा है। नियमानुसार छुट्टी की भी पात्रता है। ये छात्र कई बार प्री पीजी की तैयारी करते हैं। पोस्टिंग के बाद भी अस्पतालों में ज्वॉइन नहीं करते।
भर्ती 3 साल से अटकी
प्रदेश के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों व इससे संबद्ध अस्पतालों में 6300 से ज्यादा नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती तीन साल से अटकी हुई है। आरक्षण रोस्टर तय नहीं होने के कारण भर्ती में लगातार देरी हो रही है। संभाग व जिला के रोस्टर में किस रोस्टर का पालन किया जाएगा, अधिकारी यही तय ही नहीं कर पा रहे हैं। प्रदेश में पहली बार प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एक साथ भर्ती करने की योजना फेल होती दिख रही है। यह भर्ती व्यापमं के माध्यम से होनी है। तीन साल पहले डीएमई कार्यालय के प्रस्ताव के बाद व्यापमं ने भर्ती के लिए हरी झंडी भी दे दी थी।
सभी कॉलेजों में एक साथ भर्ती हो जाए, इसलिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 2022 में नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती एक साथ करने का निर्णय लिया था। जब यह प्रस्ताव बनाया गया, तब 4 हजार पद खाली थे। अब इसकी संख्या 6300 से ज्यादा पहुंच गई है। नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ का पद तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में आता है।
पद खाली होने के कारण रायपुर समेत सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का कामकाज प्रभावित हो रहा है। कई अस्पतालों में नर्सों पर वर्कलोड बढ़ गया है। अस्पतालों में स्टाफ नर्स से लेकर रेडियोग्राफर, ओटी टेक्नीशियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, आया समेत अन्य पदों पर भर्ती की जानी है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान: सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में होगी बारिश
11 Jun, 2025 09:28 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
छत्तीसगढ़ में गर्मी से राहत दिलाने वाली खबर आई है. दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए 14 जून से अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं. मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में कई मौसमी प्रणालियों के सक्रिय होने से वर्षा गतिविधियां तेज होने वाली हैं. अगले कुछ दिनों में गरज-चमक, अंधड़ और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है. इसके साथ ही प्रदेश में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट होने की उम्मीद है. यह बदलाव किसानों और आम जनजीवन दोनों के लिए राहत लेकर आएगा.
इस जिलों में आज बरसेगा बादल
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 11 जून को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है. इसमें सुकमा, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, उता बस्तर कांकेर में आंधी-तुफान की पूरे आसार हैं. गरज-चमक के साथ तेज हवाएं (50-60 किमी प्रति घंटा) भी चल सकती हैं.
बड़े इलाकों में चेतावनी और अलर्ट
11 जून को प्रदेश के कुछ इलाकों में तेज अंधड़ और वज्रपात की संभावना है. आने वाले 4 दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है. बिजली गिरने और तेज हवाओं से सतर्क रहने की सलाह है. वहीं राजधानी रायपुर में 11 जून को आकाश आंशिक रूप से मेघमय रहने की संभावना है. अधिकतम तापमान 39°C और न्यूनतम 27°C के आसपास रहेगा. हल्की वर्षा या छींटे पड़ सकते हैं.
पिछले 24 घंटे का मौसम सारांश
मध्य छत्तीसगढ़ के एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा दर्ज की गई. सर्वाधिक तापमान: 39.5°C (राजनांदगांव) और न्यूनतम तापमान: 24.2°C (दुर्ग) में दर्ज किया गया, वहीं वर्षा आंकड़े: देवभोग, डौंडीलोहारा – 1 सेमी वर्षा दर्ज किया गया.
कहा तक पहुंचा है मानसून
दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, भवानीपटना, पुरी, सैंडहेड द्वीप और बालुरघाट तक पहुंच चुका है. मौसम विभाग के अनुसार 14 जून से मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.
सक्रिय मौसमी सिस्टम
उत्तर छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्रों में 0.9 किमी ऊंचाई तक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवात सक्रिय है. एक द्रोणिका (ट्रफ लाइन) उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश से होते हुए पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है, जो मध्यप्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़ और ओडिशा को प्रभावित कर रही है. उत्तर ओडिशा और आसपास 1.5 से 5.8 किमी ऊंचाई तक एक और ऊपरी हवा का चक्रीय परिसंचरण सक्रिय है. हवा का एक शियर ज़ोन 3.1 से 4.5 किमी ऊंचाई तक 15° उत्तर अक्षांश पर मौजूद है. पश्चिमी विक्षोभ 65° उत्तर और 28° पूर्व पर स्थित है.
सपनों का घर : पहाड़ी कोरवा महिला फूलोबाई को मिला पक्का आवास
10 Jun, 2025 11:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : जशपुर जिले के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की महिला फूलोबाई को प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत पक्का मकान मिला है। यह मकान उनके वर्षों पुराने संघर्षों का सुखद अंत और आत्मनिर्भर जीवन की नई शुरुआत है।
फूलोबाई जशपुर जिले के बगीचा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत पंड्रापाठ की निवासी हैं। लंबे समय तक उन्होंने कच्चे घर में कठिनाइयों से भरा जीवन बिताया — बरसात में टपकती छत, जहरीले जीवों का डर और असुरक्षित माहौल उनका रोजमर्रा का हिस्सा था। लेकिन अब, जब उनका पक्का घर बनकर तैयार हो चुका है, तो वह भावुक होकर कहती हैं कि “बरसात में जब छत टपकती थी तो सारी रात जागते कटती थी। अब मैं पहली बार चैन से सो पाती हूँ। यह सिर्फ घर नहीं, मेरे सपनों का महल है।
प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से पहाड़ी कोरवा जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियों को सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन की ओर अग्रसर किया जा रहा है। फूलोबाई ने इस उपलब्धि पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “यह घर मेरे लिए सिर्फ छत नहीं, बल्कि सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से कमारों के जीवन में आयी स्थिरता
10 Jun, 2025 11:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंशानुरूप मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के संकल्प को साकार कर रही है। प्रधानमंत्री जनमन योजना, विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन स्तर में अभूतपूर्व परिवर्तन ला रही है। इस समाज के हजारों लोगों को अब सुरक्षित आवास, स्वच्छ जल और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो रही हैं। जनमन योजना केवल एक आवास योजना नहीं है, बल्कि यह सामाजिक समावेशन, स्वच्छता, शिक्षा और रोजगार के अवसरों को भी साथ लेकर चल रही है।
प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का सकारात्मक असर राज्य के कई जिले में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार परिवारों के जीवन में दिखायी देने लगा है। अपनी अलग संस्कृति को सहेजे हुए कच्चे झोपड़ी नुमा मकानों में रहकर अपना जीवन यापन करने वाले विशेष पिछड़ी जनजातियों के जीवन में स्थिरता आने लगी है और ये स्थिरता प्रदान की है, प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने। शासन की योजनाएँ जब धरातल पर सही ढंग से कार्यान्वित होती हैं, तो आम नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव होता है।
धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड के ग्राम सिंगपुर निवासी समारू के जीवन में बदलाव अब साफ देखने को मिल रहा है। समारू राम को अब प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत् आवास योजना के साथ- साथ अन्य योजनाओं का भी लाभ प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे बचपन से वे इसी गांव में निवासरत हैं। उनके पास स्वयं की संपत्ति के रूप में जो कुछ था, तो वह था पुश्तैनी जर्जर कच्चा मकान। प्रत्येक व्यक्ति के समान उसकी भी इच्छा थी कि उसका खुद का पक्का मकान हो, इस सपना को प्रधानंत्री जनमन योजना ने पूरा किया। योजना की जानकारी मिलते ही समारूराम ने अपना आवस बनवाने के लिए आवेदन किया, ग्राम सभा के अनुमोदन पश्चात् उनका चयन उनका चयन पक्का आवास बनाने के लिए किया गयाा। योजनांतर्गत उसके बैंक खाते में पहली किस्त आते ही समारू ने मकान निर्माण की नींव रखी और शासन के सहयोग से देखते ही देखते सुंदर आवास का सपना सकार हुआ। समारू राम जो वर्षों से कच्चे मकान में कठिन परिस्थितियों में अपना जीवन यापन कर रहा था, वे अब प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत निर्मित पक्के आवास में परिवार के साथ सम्मानजनक सुरक्षित जीवन जी रहे हैं। उनके चेहरे पर उमंग साफ देखी जा सकती है।
समारू राम का कहना है कि अब हमें बारिश, ठंड या गर्मी की चिंता नहीं है। मेरा परिवार सुरक्षित है। यह घर मेरे लिए सिर्फ दीवारें और छत नहीं है, यह हमारे सपनों की बुनियाद है। शासन के सहयोग से बना यह आवास न केवल उसके सपने को पूरा किया बल्कि मौसम दर मौसम होने वाली समस्या से भी आजादी दिलाई।
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजनांतर्गत 01 हजार 469 आवास स्वीकृत है, जिनमें से 815 आवासों को पूर्ण कर लिया गया है, शेष 654 आवास निर्माणधीन है, जो शीघ्र पूर्ण हो जायेंगे। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तह्त हितग्राहियों को 2 लाख रूपये की सहायता राशि 4 किश्तों में प्रदान की जाती है। पहली किश्त 40 हजार, दूसरी किश्त 60 हजार, तीसरी किश्त 80 हजार और चौथी किश्त 20 हजार रुपए है। इसके साथ ही महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् हितग्राही को 90 दिनों की मजदूरी भी प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे को दी श्रद्धांजलि: पार्थिव शरीर को कंधा देकर दी अंतिम विदाई
10 Jun, 2025 09:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में शहीद हुए एएसपी आकाश राव गिरपुंजे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उन्हें अंतिम विदाई दी। मुख्यमंत्री साय ने माना स्थित चौथी वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल परिसर पहुंचकर शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें नमन किया तथा शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा देकर सम्मानपूर्वक विदाई दी।
मुख्यमंत्री साय ने शहीद गिरपुंजे के शोक-संतप्त परिजनों से मुलाकात कर अपनी गहरी संवेदनाएँ प्रकट कीं और उन्हें इस कठिन समय में ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे ने अपने कर्तव्य के प्रति अदम्य साहस, निष्ठा और समर्पण का परिचय देते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमें उन पर गर्व है। सरकार इस दुःख की घड़ी में उनके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लगातार हो रही सुरक्षाबलों की सफल कार्रवाइयों से नक्सली बौखलाए हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि शहीद गिरपुंजे की वीरता और देशभक्ति को सदैव याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री के साथ इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक पुरन्दर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज कुमार पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, शहीद के परिजन, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
जनजातीय समाज के विकास के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता : मुख्यमंत्री साय
10 Jun, 2025 09:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास विभाग के कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रावास-आश्रम प्रबंधन के लिए नवीन पोर्टल का शुभारंभ किया। साथ ही, आगामी शिक्षण सत्र 2025-26 में प्रदेश के आश्रम छात्रावासों के संचालन हेतु नई व्यवस्था के अंतर्गत शिष्यवृत्ति एवं भोजन सहायता की पहली किश्त (जुलाई से सितंबर) के रूप में 85 करोड़ रुपए का ऑनलाइन अंतरण भी किया।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ी जनजातियों और आदिवासी समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुँचाने के लिए संकल्पित है। हमारा लक्ष्य है कि इन वर्गों का जीवन स्तर बेहतर हो, वे आत्मनिर्भर बनें और विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हों। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनजातीय समुदाय की सदैव चिंता करते हैं और उनके विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं। केंद्र सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने हेतु अनेक योजनाएं संचालित कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने पीएम जनमन एवं धरती आबा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पीएम जनमन योजना के अंतर्गत स्वीकृत आवास और सड़क निर्माण कार्यों को उच्च गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करने पर जोर दिया। साथ ही, पीएम जनमन योजना के अंतर्गत शिविरों के माध्यम से हितग्राहियों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र जैसे मूलभूत दस्तावेजों को तैयार करने का कार्य लगातार जारी रखने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने आश्रम-छात्रावासों की समीक्षा करते हुए कहा कि जहाँ आवश्यकता हो, वहाँ सर्वसुविधायुक्त छात्रावास बनाए जाएं। शौचालय, बेड, पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित हो। निरीक्षण के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में एकरूपता रहे तथा छात्रावासों की निगरानी के लिए रियल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को अपनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा संचालित क्रीड़ा परिसरों की भी जानकारी ली और बच्चों द्वारा विभिन्न खेलों में अर्जित सफलताओं पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 20 क्रीड़ा परिसरों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी ताकि खेल प्रतिभाएं और निखरें और खिलाड़ी खेलो इंडिया सहित राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
प्रयास विद्यालयों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें उच्च शिक्षित प्रशिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए। साथ ही, इंजीनियरिंग, मेडिकल, क्लैट, सीयूईटी सहित अन्य कैरियर विकल्पों के लिए भी बच्चों को तैयार करने पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री साय ने आदिम जाति विभाग के अंतर्गत स्वीकृत एवं प्रगतिरत भवनों के निर्माण कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने तथा भवनविहीन संस्थानों के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन निर्माण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की बैठक भी शीघ्र आयोजित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने आदिवासी संस्कृति संरक्षण एवं विकास के अंतर्गत देवगुड़ी निर्माण और अखरा विकास के कार्यों की भी समीक्षा की। साय ने अखरा विकास के तहत आस्था स्थलों पर उपयुक्त प्रकाश, बैठक व्यवस्था, शेड और पेयजल सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ट्राइबल यूथ हॉस्टल की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के मार्गदर्शन के लिए हाल ही में चयनित अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों से चर्चा कर सुझाव लिए जाएं ताकि वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप युवाओं को रणनीति बनाने में मदद मिल सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इससे प्रदेश के अधिकाधिक युवा उच्च पदों पर पहुँचकर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बैठक में एकलव्य आवासीय विद्यालय, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना, जनजातीय बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र, वन अधिकार पत्र सहित अन्य विभागीय योजनाओं की भी विस्तृत समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय निर्माण की प्रगति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के निर्माण कार्य की समीक्षा की। उन्होंने म्यूजियम के स्वरूप, निर्माण की गुणवत्ता और प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री की जानकारी ली तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों की अमर गाथा को समर्पित होगा। इसमें परलकोट विद्रोह, सोनाखान विद्रोह और भूमकाल विद्रोह जैसे ऐतिहासिक आंदोलनों को विशेष रूप से दर्शाया जाएगा। साथ ही, प्रदेश के प्रमुख जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी जीवंत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा। हमें गर्व है कि छत्तीसगढ़ की धरती ने स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इन गाथाओं को आधुनिक तकनीकों के माध्यम से दृश्य-श्रव्य तरीके से रोचक और ज्ञानवर्धक रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागीय गतिविधियों, उपलब्धियां और नवीन कार्य योजना की जानकारी विस्तार पूर्वक मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत की।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के मंत्री राम विचार नेताम, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत सहित आदिवासी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले आश्रम-छात्रावासों की कराएं साफ-सफाई और रंग-रोगन: मंत्री रामविचार नेताम
10 Jun, 2025 09:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : आदिम जाति मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि आश्रम-छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने के लिए नये शिक्षण सत्र के प्रारंभ होने से पहले राज्य के सभी आश्रम-छात्रावासों की मरम्मत, साफ-सफाई, पेयजल, रंग-रोगन आदि की व्यवस्था कर ली जाए। उन्होंने नवा रायपुर में विभागीय काम-काज की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को आश्रम-छात्रावासों के नियमित निरीक्षण और रख-रखाव कराने के निर्देश दिए।
आदिम जाति विकास मंत्री नेताम ने कहा है कि आदिम जाति कल्याण विभाग में आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने वाले अधीक्षकों की पदस्थापना के लिए काउंसिलिंग की प्रक्रिया अपनाई जाए। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से एक दिन आश्रम-छात्रावास में समय बिताने और विद्यार्थियों के साथ भोजन करने को भी कहा। नेताम ने बैठक में कहा कि आगामी दो वर्षों में सभी आश्रम छात्रावासों के लिए भवन निर्माण किया जाना है, इसलिए भवनविहिन आश्रम-छात्रावासों का चिन्हांकन कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जिन आश्रम-छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाई गई है वहां रहने वाले छात्रों के लिए अतिरिक्त भवन अथवा कमरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
नेताम ने राज्य में प्रयास विद्यालयों की व्यवस्था और रख-रखाव के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों में छात्रों को अखिल भारतीय इंजीनियरिंग और मेडिकल परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थान के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कराने कहा।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि आगामी 15 जून से प्रधानमंत्री धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए विशेष कैंप लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर 15 जून से शुरू होगी। राज्य में 16 और 17 जून को दो दिवसीय राज्य स्तरीय अभियान चलाया जाएगा, वहीं जिला स्तर पर 17 से 20 जून और विकासखण्ड स्तर पर 20 से 30 जून तक चलेगा। इस अभियान के तहत पीएम जनमन योजना से छुटे हुए जनजातीय परिवारों के आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, वनाधिकार पत्र जैसे दस्तावेज बनाए जाएंगे। शासकीय योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मंत्री नेताम ने सिकलसेल और टीव्ही मुक्त भारत अभियान के प्रति भी बच्चों को जागरूक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मंत्री नेताम ने बैठक में कहा कि निर्धारित मीनू के आधार पर आश्रम और छात्रावास के बच्चों को भोजन उपलब्ध कराया जाए। आश्रम-छात्रावासों की दीवारों पर महापुरूषों के संदेशों का लेखन किया जाए। साथ ही बच्चों में शैक्षणिक क्षमता को बढ़ाने के लिए भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता कराई जाए। उन्होंने आश्रम-छात्रावासों की विशिष्ट पहचान बनाने पर जोर दिया। मंत्री नेताम ने विभाग में सुशासन तिहार के तहत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की भी जानकारी ली। उन्होंने निराकरण के लिए शेष बचे आवेदनों को गंभीरता के साथ निराकरण करने के निर्देश दिए।
विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 75 बहुउद्देशीय भवन
बैठक में जानकारी दी गई कि विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के समग्र विकास के लिए राज्य में 75 बहुउद्देशीय भवन का निर्माण किया जा रहा है। 31 भवनों का निर्माण लगभग पूर्णतः की ओर है। इन भवनों में सांस्कृतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य और सामाजिक गतिविधियां आयोजित की जा सकेगी। उन्होंने अधिकारियों को इन भवनों के तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए।
बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, उप सचिव बी.एस. राजपूत, अपर संचालक संजय गौड़, जितेन्द्र गुप्ता, कार्यपालन अभियंता त्रिदीप चक्रवर्ती सहित जिलों के परियोजना प्रशासक और सहायक आयुक्त उपस्थित थे।
एसएमई एक्सचेंज व वैकल्पिक वित्त पोषण पर कार्यशाला आयोजित
10 Jun, 2025 09:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : राजधानी रायपुर स्थित सर्किट हाउस के मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में रैंप (Raising and Accelerating MSME Performance) योजना के अंतर्गत SME एक्सचेंज और अल्टरनेटिव फाइनेंसिंग पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीआईडीसी के कार्यपालक संचालक आलोक त्रिवेदी ने की तथा उद्योग संचालनालय के संयुक्त संचालक शिव राठौर गरिमामयी रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में NSE कलकत्ता (पश्चिम क्षेत्र) से पधारे प्रबंधक अवीक गुप्ता ने NSE Emerge के माध्यम से वैकल्पिक वित्त पोषण की संभावनाओं, लिस्टिंग प्रक्रिया, नियम-कायदों और बाजार में उद्यमों के प्रवेश के अवसरों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार SME एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के जरिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पूंजी जुटा सकते हैं और अपने व्यवसाय का विस्तार कर सकते हैं।
वेंचर कैपिटलिस्ट किंजल गुप्ता ने स्टार्टअप के वित्तपोषण की प्रक्रिया, निवेशकों के दृष्टिकोण, पूंजी संरचना और नवाचार आधारित व्यापार मॉडल की वित्तीय आवश्यकताओं पर एक गहन व्याख्यान प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में जिले के 35 स्टार्टअप,SME उद्योगों के प्रतिनिधि और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सहभागी उद्यमियों ने विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया और वैकल्पिक वित्त पोषण के प्रति रुचि दिखाई।
इस सफल आयोजन में उप संचालक ऋतुराज ताम्रकार की सक्रिय भूमिका सराहनीय रही। कार्यशाला ने स्टार्टअप्स और MSMEs को वित्तीय अवसरों की नई दिशा दिखाते हुए आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त करने का कार्य किया।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल एमसीएच अलबेलापारा व शासकीय कोमलदेव अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
10 Jun, 2025 09:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज कांकेर प्रवास के दौरान एमसीएच अस्पताल अलबेलापारा एवं शासकीय कोमलदेव अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं और सेवाओं का विस्तृत जायजा लिया तथा संचालकों व स्टाफ को आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान एमसीएच अस्पताल, अलबेलापारा फार्मेसी में दवाइयों की उपलब्धता की समीक्षा की और जेनेरिक दवाइयों के उपयोग एवं वितरण के निर्देश दिए। इसके पश्चात ‘नेक्स्ट जेन’ सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगियों का पंजीकरण व मेडिकल रिकॉर्ड देखने का वर्कफ़्लो परीक्षण किया।
स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्रों (पहला बैच, कांकेर) से संवाद कर उनसे स्नातक उपरांत ग्रामीण व आदिवासी क्षेत्रों में सेवाएँ देने का आग्रह किया। फाइनल ईयर छात्र राहुल शर्मा ने गर्ल्स व बॉयज हॉस्टल में अलग-अलग पानी के बोर की मांग की, जिस पर मंत्री ने तत्काल नलकूप खनन के निर्देश कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर को दिए। नवजात शिशु कक्ष का निरीक्षण कर उसे और सुसज्जित करने हेतु आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बाल चिकित्सा कक्ष में ईश्वर लाल मरकाम (13 वर्ष, विश्रामपुरी; मधुमेह से ग्रस्त) का स्वास्थ्य-इतिहास रेखांकित कर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बेहतर उपचार के लिए प्रकरण तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही थैलेसीमिया पीड़ित हिमांशु मरकाम (घोटवाही) के लिए नियमित रक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश प्रबंधन को दिए। राज्जो बाई कवाची (चिचकी, बड़गांव) से मुलाकात कर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
शासकीय कोमलदेव अस्पताल का किया निरीक्षण
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एमआरआई कक्ष, कंसोल रूम व डायलिसिस रूम का निरीक्षण किया। उन्होंने डायलिसिस कक्ष को आवश्यक उपकरण जैसे एयर कंडीशनर लगाने तथा विस्तार करने के आदेश दिए। अस्पताल परिसर में जहां पंखों की कमी थी, एक सप्ताह के भीतर स्थापित करने के निर्देश जारी किए। पुरूष वार्ड में करूराम से मुलाकात कर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। जनरल वार्ड में 86 वर्षीय बृजलाल साहू बागोडार जिसके पैरों में सूजन थी, उनसे बातचीत की। इस पर बृजलाल ने कहा की उनका आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मुफ्त उपचार हो रहा है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ये विष्णु का सुशासन है यहां अच्छे से इलाज होता है। इस दौरान रामबती निषाद (दुधावा) से आशीर्वाद लेते हुए उन्हें “ठीक हो जाबे, दाई, तय चिंता झन कर” कहकर उनका उत्साहवर्धन किया। स्वास्थ्य मंत्री ने दोनों अस्पतालों में रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं सुनिश्चित करने एवं समयबद्ध रूप से आवश्यक सुधार कार्य पूर्ण करने का पुनः आश्वासन दिया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अमित कुमार कटारिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी, सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम, मछुआ कल्याण बोर्ड अध्यक्ष भरत मटियारा, हस्तशिल्प बोर्ड अध्यक्ष शालिनी राजपूत एवं अधिष्ठाता डॉ. खान सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अस्पताल के स्टॉफ उपस्थित रहे।
स्वास्थ्य मंत्री ने निर्माणाधीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय तेलगरा का किया निरीक्षण
10 Jun, 2025 09:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा एवं बीस सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज कांकेर जिले के प्रवास के दौरान चारामा स्वास्थ केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने स्त्री रोग विशेषज्ञ को चारामा और भानुप्रतापपुर में तीन-तीन दिन सेवाएं देने हेतु निर्देशित किया। साथ ही एमओयू के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में सतत् स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के निर्देश भी दिए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने तेलगरा स्थित निर्माणाधीन इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की तथा विभिन्न भवनों व सुविधाओं का स्थल पर जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने मेडिकल कॉलेज बिल्डिंग, प्रशासनिक भवन, लेक्चर हॉल, लाइब्रेरी, इंडोर स्पोर्ट्स फैसिलिटी, बॉयज व गर्ल्स हॉस्टल, मेल एवं फीमेल के इंटर्न आवास, सेंट्रल डाइनिंग व किचन, गेस्ट हाउस, शॉपिंग आर्केड, डायरेक्टर व सुपरिटेंडेंट रेसिडेंस, टाइप डीई और एफ क्वार्टर, खेल मैदान, सबस्टेशन, पंप रूम और एसटीपी का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण एजेंसियों में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए।
जायसवाल ने परिसर में कार्यरत श्रमिकों से बातचीत कर उनकी समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए परिसर में सुनियोजित वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही परिसर में छायादार वृक्षारोपण हेतु कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर को आवश्यक निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 दिसंबर 2026 तक सभी निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण कर लिए जाएं। इस दौरान निर्माण एजेंसी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिकल कॉलेज 35 एकड़ में फैला हुआ है तथा आगे भविष्य में 45 एकड़ में अस्पताल का निर्माण होगा।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अमित कुमार कटारिया, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिखा राजपूत तिवारी, सांसद भोजराज नाग, कांकेर विधायक आशाराम नेताम, मछुआ कल्याण बोर्ड अध्यक्ष भरत मटियारा, हस्तशिल्प बोर्ड अध्यक्ष शालिनी राजपूत एवं अधिष्ठाता डॉ. खान, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश सांडिया, अस्पताल अधीक्षक डॉ. विमलचंद भगत, उपसंचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. महेंद्र सिंह, एसडीएम चारामा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे।
जुनवानी से चिखलीटोला तक बनेगी पक्की सड़क
10 Jun, 2025 09:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रायपुर : बालोद जिले के डौण्डी वनांचल क्षेत्र के ग्राम जुनवानी से चिखलीटोला तक की कच्ची और पथरीली सड़क अब पक्की बनेगी। इस क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए यह सड़क पहले एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि कच्चे रास्तों के कारण उन्हें 3 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 30 किलोमीटर का लंबा सफर करना पड़ता था। यह रास्ता पहाड़ी इलाकों से गुजरता था और इसके कारण ग्रामीणों को समय, मेहनत और संसाधनों की भारी बर्बादी होती थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के दौरान इस सड़क निर्माण के लिए 11 करोड़ 47 लाख रुपये की स्वीकृति दी है। इससे न केवल पक्की सड़क निर्माण होगा, बल्कि इस क्षेत्र में विकास की नई शुरुआत भी होगी। पूर्व जनपद पंचायत सदस्य संजय बैस ने कहा कि इस सड़क के बन जाने से क्षेत्र का विकास तेज़ी आएगी। यह विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्रामीण हरिश्चंद्र नायक ने भी बताया कि श्रमदान से बनाए गए इस रास्ते को अब पक्का किए जाने की मांग पूरी होने जा रही है। अब तीन किलोमीटर की दूरी को तय करने में जो समय और पैसा खर्च होता था, वह दोनों बचेंगे। इस पक्की सड़क से ग्रामीणों को बाजार तक आसानी से पहुंच मिलेगी, किसान अपने खेतों तक सरलता से जा सकेंगे, और इस क्षेत्र के लोगों की जीवनशैली में एक बड़ा बदलाव आएगा।
यह सड़क केवल दो गांवों को जोड़ने का काम नहीं करेगी, बल्कि यह क्षेत्र के समग्र विकास में अहम भूमिका निभाएगी। शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार जैसी सुविधाओं तक पहुंच बढ़ेगी और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का दिल से आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने उनकी मेहनत और संघर्ष को सम्मानित किया और उनके सपनों को साकार किया। इस पक्की सड़क के निर्माण की स्वीकृति मिलने से क्षेत्र में एक नई उम्मीद और विश्वास का संचार हुआ है।