व्यापार
अदाणी एनर्जी के क्यूआईपी में तीन सबसे बड़े शेयर खरीदार
4 Aug, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । अदाणी समूह की बिजली पारेषण इकाई के एक अरब डॉलर के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) में कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी की एक इकाई, एसबीआई म्यूचुअल फंड तथा विदेशी निवेश कोष नोमुरा और सिटीग्रुप सबसे ज्यादा शेयर खरीदने वालों में से हैं। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) का 8,373.10 करोड़ रुपये का क्यूआईपी पिछले सप्ताह बंद हुआ था। इसमें 120 से अधिक निवेशकों ने बिजली पारेषण, वितरण और स्मार्ट मीटरिंग कारोबार कंपनी के शेयरों के लिए बोलियां लगाईं। अरबपति स्टेनली ड्रकेनमिलर के परिवारिक कार्यालय के नेतृत्व वाली निवेश फर्में उन कंपनियों में शामिल हैं जिन्होंने क्यूआईपी में एईएसएल के शेयरों के लिए बोली लगाई है। एईएसएल ने नियामकीय सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने पात्र संस्थागत खरीदारों को 976 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 8.57 करोड़ से अधिक शेयरों के आवंटन को मंजूरी दी है, जो 1,027 रुपये के न्यूनतम मूल्य पर 51.11 रुपये की छूट है। पांच प्रतिशत से अधिक शेयर पाने वाले आवंटियों का विवरण देते हुए इसमें कहा गया है कि क्यूआईए की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी आईएनक्यू होल्डिंग्स एलएलसी ने 15 प्रतिशत शेयर हासिल किए हैं। सिटीग्रुप के दो मॉरीशस कोषों ने 8.88 प्रतिशत शेयर खरीदे, जबकि चार एसबीआई कोषों एसबीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, एसबीआई लार्ज एंड मिडकैप फंड, एसबीआई लॉन्ग टर्म एडवांटेज फंड सीरीज-चार और एसबीआई मैग्नम चिल्ड्रेन्स बेनिफिट फंड ने मिलकर 7.93 प्रतिशत शेयर हासिल किए।
बीते सप्ताह सरसों, पाम-पामोलीन, बिनौला के भाव में सुधार हुआ
4 Aug, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । बीते सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन, पाम एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार, जबकि सोयाबीन एवं मूंगफली तेल-तिलहन के भाव नुकसान के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कम हो रही है और जुलाई में सभी खाद्य तेलों को मिलाकर लगभग 19 लाख टन के सस्ते आयात के कारण सरसों तेल के पेराई के बाद बेपड़ता होने से अब पेराई मिलें बंद हो रही हैं। सरसों की जो आवक पहले लगभग 3-3.25 लाख बोरी की हो रही थी वह समीक्षाधीन सप्ताह के अंत में घटकर लगभग 2.60 लाख बोरी रह गई। आवक की कमी और आगामी त्योहारी मांग के मद्देनजर सरसों तेल-तिलहन कीमतों में सुधार रहा। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 50 रुपये बढ़कर 5,900-5,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का भाव 100 रुपये बढ़कर 11,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 10-10 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 1,875-1,975 रुपये और 1,875-2,000 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। दूसरी ओर समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज का भाव क्रमश: 25-25 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,450-4,470 रुपये प्रति क्विंटल और 4,260-4,385 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। इसी प्रकार सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 20 रुपये, 170 रुपये और 20 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 10,180 रुपये, 9,780 रुपये तथा 8,480 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। मूंगफली तिलहन 100 रुपये की गिरावट के साथ 6,450-6,725 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात 150 रुपये की गिरावट के साथ 15,550 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 25 रुपये की गिरावट के साथ 2,325-2,625 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ। दूसरी ओर कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 165 रुपये सुधार के साथ 8,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। जबकि पामोलीन दिल्ली का भाव 175 रुपये की मजबूती के साथ 9,850 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 8,950 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सूत्रों ने कहा कि बिनौला तेल का भाव 50 रुपये के सुधार के साथ 9,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
Coaching Business: जीएसटी से सरकारी खजाना भर रहे कोचिंग सेंटर, नई शिक्षा नीति के बावजूद बेलगाम
3 Aug, 2024 04:57 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश में शिक्षा का तेजी से व्यवसायीकरण हो रहा है और कोचिंग संस्थानों की भूमिका उसमें काफी अहम है. सरकार कोचिंग कल्चर को गलत मानती है और उसे हतोत्साहित करने की दिशा में प्रयास करने का दावा करती आई है. हालांकि दिल्ली में बीते दिनों एक कोचिंग संस्थान में हुआ हादसा अलग ही कहानी कहता है. उसके बाद अब सरकार ने कोचिंग बिजनेस को लेकर संसद में कुछ आंकड़े पेश किए हैं, जो हादसे से निकली कहानी में नए आयाम जोड़ते हैं.
5 साल में 146 फीसदी बढ़ा जीएसटी कलेक्शन
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुकान्त मजूमदार ने कोचिंग उद्योग से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए 31 जुलाई को संसद में बताया कि बीते 5 सालों में कोचिंग कल्चर बेतहाशा बढ़ा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, कोचिंग संस्थानों से सरकार को वित्त वर्ष 2019-20 में 2,240.73 करोड़ रुपये की कमाई जीएसटी के रूप में हुई थी. जीएसटी का यह कलेक्शन बढ़कर पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 में 5,517.45 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यानी पिछले 5 सालों में कोचिंग से जीएसटी के कलेक्शन में 146 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है.
वित्त वर्ष
जीएसटी कलेक्शन (करोड़ रुपये में)
2019-20
2,240.73
2020-21
2,215.24
2021-22
3,045.12
2022-23
4,667.03
2023-24
5,517.45
कोचिंग संस्थानों पर सरकार 18 फीसदी की दर से जीएसटी वसूल करती है. जीएसटी कलेक्शन में साल-दर-साल आती गई तेजी बताती है कि उनका बिजनेस कितनी तेजी से बढ़ा है.
नई शिक्षा नीति में की गई ये सिफारिश
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कोचिंग कल्चर को गलत मानते हुए उसे हतोत्साहित करने की सिफारिश की गई है. मंत्री भी इस बात को स्वीकार करते हैं और अपने जवाब में बताते हैं कि नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों का उद्देश्य कोचिंग संस्कृति का उन्मूलन है. सिफारिशें आने के बाद अब तक के 5 सालों में कोचिंग सेंटर का सरकारी खजाने में योगदान डबल से ज्यादा हो गया है.
सरकार के स्तर पर हुईं कई खामियां
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डी मंजीत कहते हैं कि कोचिंग कल्चर को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा शिक्षा व्यवस्था जिम्मेदार है. शिक्षा का बौद्धिक विकास से नाता टूट गया है और बच्चों के ऊपर एक परीक्षा के बाद दूसरी परीक्षा पास करने का प्रेशर है. ऐसे में वे और उनके परिजन कोचिंग का रुख करते हैं. कोचिंग संस्थानों को लेकर सरकार के पास स्पष्ट रेगुलेशन तक नहीं है. हालांकि साथ में वह ये भी जोड़ते हैं कि दिल्ली में जो हादसा हुआ, उसमें कई स्तरों पर सरकार की खामियां सामने आती हैं. वहां कोचिंग क्लास की जगह कोई और भी आयोजन होता, तब भी इस तरह का हादसा होता.
पहला कदम उठाने में लगे 4 साल
एनईपी 2020 की बात करें तो उसमें भी रेगुलेशन की अस्पष्टता को लेकर चिंताएं व्यक्त की गई थीं, लेकिन सरकार को इस दिशा में पहला कदम उठाने में पूरे 4 साल लग गए. बकौल केंद्रीय मंत्री मजूमदार, शिक्षा मंत्रालय ने 16 जनवरी 2024 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोचिंग सेंटर के विनियमन के लिए निर्देश दिया. सरकार के निर्देश कोचिंग के शुल्क से लेकर टाइमिंग आदि के लिए हैं.
सरकार से और सख्ती चाहते हैं शिक्षाविद
देश के जाने-माने शिक्षाविद डॉ अमित कुमार निरंजन कोचिंग के व्यवसाय पर सरकार से और सख्ती की अपेक्षा रखते हैं. वह बताते हैं कि कोचिंग का कारोबार किसी भी इंडस्ट्री की तुलना में सबसे तेज तरक्की कर रहा है. कोचिंग सेंटर हर साल 20-25 फीसदी फीस बढ़ाते हैं, लेकिन सुविधाएं मुहैया नहीं करा पाते हैं. डॉ निरंजन के अनुसार, कोचिंग का काम काउंसिलिंग का होना चाहिए, लेकिन उनका उद्देश्य पूरी तरह से कमर्शियल हो गया है. वे बच्चे को करियर के बारे में सही परामर्श देने का काम छोड़ चुके हैं और उनका ध्यान सिर्फ और सिर्फ ज्यादा कमाई करने पर है.
साइबर अटैक ने 300 छोटे और मंझोले बैंकों को किया नुकसान, 1000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित कीया
3 Aug, 2024 04:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले दो-तीन दिनों से देश भर के लगभग छोटे और मध्यम दर्जे के 300 बैंकों के एटीएम पैसे निकालने और यूपीआई से भुगतान सेवाओं का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इसकी बड़ी वजह सी-एज टेक्नोलॉजी पर रैनसवेयर का हमला है। यानी साबइ अटैक की वजह से यह सभी सेवाएं प्रभावित हुईं हैं। नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) सी-एज टेक्नोलॉजी के साथ इन सेवाओं को प्रदान करता है। इसका असर छोटे और मध्यम (एमएसएमई) दर्जे के कारोबार पर देखने को मिल रहा है। जिसकी वजह से उनके कारोबार में करोड़ का नुकसान उठाना पड़ रहा है। रोजना मुंबई में एमएसएमई का 1000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है जिस पर असर पड़ा है। पिछले तीन में दिनों में करोड़ों रुपये का नुकसान कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है। एनपीसीआई का कहना है कि वह सी-एज टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर समस्या को हल करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है और आवश्यक सिक्यूरटी रिव्यू भी किया जा रहा है। प्रभावित बैंकों की कनेक्टिवटी जल्द ही बहाल की जाएगी। सी-एज टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने वाले छोटे आकार के लगभग 300 बैंक है। पिछले दो से तीन दिनों से वह इस समस्या का सामना कर रहे हैं। एनपीसीआई के वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि गुरुवार दोपहर तक सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक ग्राहक समस्या का सामना कर रहे हैं।
एमएसएमई सेक्टर के कारोबार में यूपीआई की अहम भूमिका
चैंबर ऑफ एसोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र इंडस्ट्री के अध्यक्ष दीपेन अग्रवाल का कहना है कि एमएसएमई सेक्टर में कारोबार का लेनदेन यूपीआई से होता है। इस तरह की परेशानी से कारोबार को रोज का 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। वर्तमान समय छोटे कारोबारी लेनदेन के लिए यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसकी वजह से छोटे से लेकर बड़े सभी ट्रांजेक्शन नहीं हो पा रहे हैं। उनका कहना है कि जब डिजिटल पेमेंट अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तो इस तरह की समस्या से कारोबार सहित लोगों का विश्वास भी कम होता है। यह सरकारी व्यवस्था है जिसको सुरक्षित रखना सबसे बड़ी बात है ऐसे में कारोबारियों का डिजिटल पेमेंट शिफ्ट अन्य प्लेटफॉर्म की ओर जाता है।
प्रतिदिन मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में 500 करोड़ रुपये का कारोबार
कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महाराष्ट्र अध्यक्ष शंकर ठक्कर कहते हैं कि होलसेल, ज्वेलरी और अन्य महंगी चीजों के व्यापार को छोड़ दिया जाए तो रिटेल तथा मध्यम दर्जे के कारोबार पर इसका असर हुआ जिसका प्रति दिन का कारोबार 500 करोड़ रुपये का है। पिछले तीन दिनों से यूपीआई सेवांए बाधित होने से मुंबई और मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआरडीए) के कारोबार 400 से 500 करोड़ रुपये नुकसान हो सकता है। हालांकि होलसेल कारोबार, ज्वेलरी और आयात निर्यात से जुड़े कारोबार के पेमेंट आरटीजीएस, एनईएफटी और आईएमपीए से किया जाता है। लेकिन आज लोग 10 का पैकेट भी लेते हैं तो उसके लिए भी यूपीआई से भुगतान करते हैं। इसलिए रिटेल और मध्यम आकार के कारोबार पर बड़ा असर पड़ा है। उनका कहना है कि सरकार सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की जरूरत है, वहीं दूसरी कोई व्यवस्था जिसके जरिए कारोबारी या आम लोग पेमेंट कर सकें इस ओर भी विचार करने की जरूरत है।
साइबर अटैक की जांच जारी, उपभोक्ताओं को हुई परेशानी
फिलहाल अधिकारी बैंकों पर हुए इस साबर हमले की जांच कर रहे हैं और जल्दी ही इसका सामाधान निकाला जाएगा। जानकारों का कहना है कि साइबर सुरक्षा आज के समय में एक बड़ी चुनौती हो गई है। इसको लेकर रिजर्व बैंक समय समय पर जानकारी भी देता रहता है। बैंकों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत रखने को भी कहा जाता रहा है। एक जानकार बताते हैं कि इस साल की शुरुआत में कोटक महिन्द्रा बैंक को उसकी सुरक्षा को सही से संचालन नहीं होने की वजह से रिजर्व बैंक ने कड़ी चेतावनी दी थी। सूत्र बताते हैं कि छोटे बैंकों के साथ बड़े प्राइवेट बैंक आईटी सेवाओं के लिए आउटसोर्स करते हैं यानी कि वह बाहर किसी आईटी कंपनी को अपनी सुरक्षा सौंपते हैं। जिसकी वजह से बैंक फ्रॉड संभावना बढ़ जाती है। आउटसोर्स करने पर बैंकों को अपनी आईटी कंपनियों पर अलग से खर्च नहीं करना पड़ता है।
ग्राहक अपनी बैंक की वेबसाइट या एप के अपडेट पर रखें नजर
जानकारों का कहना है कि इसमें कारोबारी ही नहीं इन 300 बैंकों के उपभोक्ताओं को भी परेशानी हो रही है। वह अपने ट्रांजेक्शन नहीं कर पा रहे हैं। दिन प्रतिदिन के ट्रांजेक्शन पर भी असर पड़ा है। अभी यूजर्स को पेमेंट करने पर परेशानी हो रही है। उपभोक्ताओं को उनके बैंकों की वेबसाइट या ऐप के अपडेट पर नजर रखनी होगी। हाल ही में आई रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट में बताया है कि देश में 42 करोड़ यूपीआई का इस्तेमाल करते हैं। जानकारों के अनुसार इस समय देश में लगभग 1,500 को-ऑपरेटिव और रीजनल बैंक हैं, यह छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में संचालित होते हैं। कुछ समय पहले रिजर्व बैंक ने भारतीय बैंकों को संभावित साइबर अटैक को लेकर चेतावनी भी जारी की थी।
SBI की पहली तिमाही के नतीजे: शुद्ध मुनाफा 17,035 करोड़ रुपये, ब्याज से आमदनी 16% बढ़ी
3 Aug, 2024 04:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सार्वजनिक क्षेत्र के ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI)ने शनिवार को 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के नतीजे जारी किए। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में बैंक को 17,035 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ हुआ। यह एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी की ओर से रिपोर्ट किए गए 16,884.29 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे से 0.9% अधिक है। भारतीय स्टेट बैंक के शुद्ध मुनाफे का यह आंकड़ा बाजार के 16,786 करोड़ रुपये के अनुमान से भी अधिक है। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बैंक का अर्जित ब्याज 1,11,526 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में ऋणदाता की ओर से रिपोर्ट किए गए 95,975 करोड़ रुपये के मुकाबले 16% अधिक है।
बॉन्ड जारी कर 25,000 करोड़ जुटाएगी एसबीआई
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शनिवार, 3 अगस्त को वित्तीय वर्ष 2024-25 (Q1FY25) के लिए अपने अप्रैल-जून तिमाही परिणामों की घोषणा की। इसके साथ ही ऋणदाता के बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष (FY25) में टियर-1 और टियर-2 बॉन्ड के माध्यम से ₹25,000 करोड़ तक के धन जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी) ने यह भी कहा कि मौजूदा धन जुटाने की की कार्रवाई "भारत सरकार की मंजूरी के अधीन, जहां भी आवश्यक हो" है। एसबीआई ने शेयर बाजारों को नियामकीय सूचना में कहा, ''केंद्रीय बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान भारतीय और/या विदेशी निवेशकों को बासेल एलएल अनुपालन अतिरिक्त टियर 1 बॉन्ड और टियर 2 बॉन्ड जारी करके 25,000 करोड़ रुपये (रुपये और डॉलर में) जुटाने की योजना को मंजूरी दे दी है।"
भारत और अमेरिका के बीच 75 साल का फासला: प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने में सबसे बड़ी चुनौती
3 Aug, 2024 04:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत आर्थिक तरक्की की राह पर तेजी से बढ़ रहा है। लेकिन, प्रति व्यक्ति आय बढ़ाना देश के लिए बड़ी समस्या है। विश्व बैंक (World Bank) ने भी अपनी रिपोर्ट में यही चिंता जताई है। उसका कहना है कि भारत समेत 100 से अधिक देश हाई-इनकम वाले देश बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
World Development Report 2024: The Middle Income Trap रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को अमेरिका के एक चौथाई प्रति व्यक्ति आय के स्तर तक पहुंचने में भी करीब 75 साल लगेंगे। इंडोनेशिया भी लगभग 70 साल का समय लेगा। हालांकि, चीन इस उपलब्धि को करीब 10 साल में ही हासिल कर सकता है।
मिडिल इनकम ट्रैप बड़ी समस्या
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट ने पिछले 50 वर्षों के सबक का हवाला दिया है। इसमें पाया गया है कि जैसे-जैसे देश अमीर होते जाते हैं, वे आम तौर पर प्रति व्यक्ति वार्षिक अमेरिकी जीडीपी के लगभग 10 प्रतिशत के 'जाल' में फंस जाते हैं। यह फिलहाल 8,000 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। वर्ल्ड बैंक ने मध्यम आय वाले देशों के रूप में वर्गीकृत करने की जो सीमा बनाई है, यह उसके मध्य में है।
विकासशील देशों में चुनौतियों का पहाड़
2023 के अंत में 108 देशों को मध्यम आय के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इनमें से प्रत्येक की प्रति व्यक्ति वार्षिक जीडीपी 1,136 अमेरिकी डॉलर से 13,845 अमेरिकी डॉलर के बीच थी। ये देश छह अरब लोगों का घर हैं, मतलब कि दुनिया की 75 फीसदी इन्हीं 6 देशों में गुजर-बसर करती है। यहां हर तीन में से दो लोग अत्यधिक गरीबी में जी रहे हैं। आगे की राह देखें, तो अतीत के मुकाबले चुनौतियां और भी ज्यादा कड़ी हैं। इन देशों में आबादी और कर्ज तेजी से बढ़ रहा है। भू-राजनीतिक और व्यापार से जुड़ी दिक्कतों में भी इजाफा हो रहा है। इनके सामने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना आर्थिक तरक्की की रफ्तार बढ़ाने की चुनौती भी है।
72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने अपनाया न्यू टैक्स रिजीम: सरकार के फैसले पर क्या होगा असर?
3 Aug, 2024 04:26 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में न्यू टैक्स रिजीम को पेश किया था। इसका मकसद टैक्स सिस्टम की जटिलताओं को दूर करके उसे आसान बनाना था। इसमें आयकर से छूट की सीमा अधिक थी, लेकिन करदाता निवेश या किसी और मध्यम से अतिरिक्त छूट का लाभ नहीं ले सकते थे। इस साल के बजट में वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब में बदलाव करने के साथ स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट भी बढ़ा दी। इससे यह कर व्यवस्था और भी आकर्षक बन गई।
72 फीसदी ने नई कर व्यवस्था को चुना
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंकड़े बताते हैं कि असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए 7.28 करोड़ करदाताओं ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल किया है। इनमें से 5.27 करोड़ ने नई और 2.01 करोड़ ने पुरानी कर व्यवस्था को चुना। इसका मतलब है कि 72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने नई और 28 फीसदी ने पुरानी कर व्यवस्था से अपना रिटर्न दाखिल किया। इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि सरकार ने पिछले साल न्यू टैक्स रिजीम की डिफॉल्ट कर व्यवस्था बना दिया था। इसका मतलब कि अगर आप खुद से कोई टैक्स रिजीम नहीं चुनते, तो आपका रिटर्न ऑटोमैटिक नई कर व्यवस्था के तहत दाखिल होगा। लेकिन, टैक्सपेयर्स को पूरी छूट थी कि वे अपनी सहूलियत के हिसाब से टैक्स रिजीम चुन सकें।
न्यू टैक्स रिजीम को क्यों चुन रहे करदाता
नई कर व्यवस्था की सबसे बड़ी खासियत है इसका सरल होना। अगर आप पहली बार भी रिटर्न फाइल कर रहे हैं, तो आप न्यूज आर्टिकल या फिर यूट्यूब वीडियो के सहारे आसानी से रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसमें नियम-कायदों की अधिक झंझट नहीं है। इसने कई कटौतियों और छूटों से जूझने को बीते जमाने की बात बना दिया है। यह चीज टैक्सपेयर्स को काफी पसंद आ रही है। भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) का कहना है कि नई कर व्यवस्था के स्लैब में टैक्स देनदारी की स्पष्ट और सीधी गणना होती है। इससे समय की काफी बचत होती है। साथ ही, त्रुटियों और गलतफहमी की गुंजाइश कम हो जाती है। कई स्रोतों से आय कमाने वाले करदाताओं को पहले रिटर्न दाखिल करना मुश्किल काम लगता था। नई कर व्यवस्था ने उनकी मुश्किल को आसान कर दिया है।
ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करेगी सरकार?
सरकार नई कर व्यवस्था को जिस तरह से बढ़ावा दे रही है, उससे साफ जाहिर है कि उसका इरादा ओल्ड टैक्स रिजीम को खत्म करने पर है। एक्सपर्ट का भी मानना है कि दो टैक्स रिजीम होने से करदाताओं की उलझनें बढ़ रही हैं। सरकार का न्यू टैक्स रिजीम लाने का मकसद ही टैक्सपेयर्स की उलझन कम करना था। ऐसे में दो कर व्यवस्थाएं रहने का का कोई तुक नहीं बनता। एक ही टैक्स रिजीम रहने से टैक्सपेयर्स की कई उलझनें अपनेआप खत्म हो जाएंगी। वे आईटीआर भी ज्यादा आसानी से फाइल कर पाएंगे। एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार अभी कुछ और करदाताओं के नई कर व्यवस्था में स्विच करने का इंतजार कर सकती है। खासकर, अधिक इनकम वालों के। फिर वह पुरानी कर व्यवस्था को खत्म करके न्यू टैक्स रिजीम को आगे बढ़ाएगी।
Petrol Price Today: पेट्रोल और डीजल की आज की कीमतें, अपने शहर का दाम चेक करें
3 Aug, 2024 02:19 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी तेल कंपनियों ने शनिवार 3 अगस्त के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें जारी कर दी हैं। इनमें मामूली बदलाव देखने को मिला है। प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के सुबह 6 बजे अपडेट किए जाते हैं। हालांकि, तेल कंपनियों ने इनकी कीमतों में ज्यादा बदलाव नहीं किए हैं। वहीं, कुछ राज्यों में कीमत में मामूली परिवर्तन देखने को मिला। यहां हम आपको देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के आज के रेट को लेकर जानकारी देंगे।
देश के प्रमुख महानगरों में दाम
दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.76 रुपये प्रति लीटर रही। डीजल 87.66 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पेट्रोल का भाव 103.44 रुपये और डीजल का रेट 89.96 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल का रेट 100.73 रुपये और डीजल 92.32 रुपये प्रति लीटर बिक है।
कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल का दाम 104.93 रुपये और डीजल का भाव 91.75 रुपये प्रति लीटर है।
प्रमुख शहरों में क्या है दाम
नोएडा - पेट्रोल 94.81 रुपये और डीजल 87.94 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम - पेट्रोल 95.18 रुपये और डीजल 88.03 रुपये प्रति लीटर
फरीदाबाद - पेट्रोल 95.49 रुपये और डीजल 88.33 रुपये प्रति लीटर
लखनऊ - पेट्रोल 94.63 रुपये और डीजल 87.74 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़ - पेट्रोल 94.22 रुपये और डीजल 82.38 रुपये प्रति लीटर
शिमला - पेट्रोल 95.26 रुपये और डीजल 87.26 रुपये प्रति लीटर
जयपुर - पेट्रोल 104.86 रुपये और डीजल 90.34 रुपये प्रति लीटर
देहरादून - पेट्रोल 93.49 रुपये और डीजल 88.30 रुपये प्रति लीटर
भोपाल - पेट्रोल 106.45 रुपये और डीजल 91.82 रुपये प्रति लीटर
पटना - पेट्रोल 105.16 रुपये और डीजल 92.03 रुपये प्रति लीटर
रायपुर - पेट्रोल 103.37 रुपये और डीजल 93.31 रुपये प्रति लीटर
रांची - पेट्रोल 97.79 रुपये और डीजल 92.54 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद - पेट्रोल 107.39 रुपये और डीजल 95.63 रुपये प्रति लीटर
बैंगलुरु - पेट्रोल 102.85 रुपये और डीजल 88.93 रुपये प्रति लीटर
(नोट - पेट्रोल डीजल की कीमतें HP की वेबसाइट से अपडेट किए गए हैं।
गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 750 अंक टूटा, निफ्टी 24800 के नीचे
2 Aug, 2024 12:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिकी में वृद्धि दर से जुड़ी चिंताओं के कारण वॉल स्ट्रीट पर बिकवाली और एशियाई बाजारों में गिरावट के कारणके बाद, निफ्टी और सेंसेक्स शुक्रवार को तेजी से नीचे खुले, बैंकिंग, ऑटो, आईटी और ऊर्जा शेयरों में गिरावट आई।
सुबह 9:48 बजे के आसपास बीएसई सेंसेक्स 800 अंक गिरकर 81,026 पर, जबकि निफ्टी50 282 अंक गिरकर 24,728 पर कारोबार करता दिखा। इस बीच, बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में 4.26 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई, जिससे यह 457.36 लाख करोड़ रुपये हो गया।
ओला इलेक्ट्रक का आईपीओ खुला
ओला इलेक्ट्रिक का आरंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। यह इश्यू, जिसमें रु. 5,500 करोड़ की फ्रेश इक्विटी सेल और 8.4 करोड़ शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है, 6 अगस्त को बंद होगाद। ओएफएस के तहत, संस्थापक भाविश अग्रवाल आईपीओ में 37.9 मिलियन शेयर की बिकवाली करेंगे। दस्तावेजों से यह जानकारी सामने आई है। फर्म के निवेशक अल्फा वेव, अल्पाइन, डीआईजी इन्वेस्टमेंट, मैट्रिक्स और अन्य भी 47.89 मिलियन शेयर बेचेंगे।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम
2 Aug, 2024 12:05 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑयल मार्केटिंग कंपनियां रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम जारी करती है। वैसे तो वैश्विक बाजार में क्रूड ऑयल के आधार पर इनकी कीमत तय की जाती है।
तेल कंपनियों ने 2 अगस्त 2024 (शुक्रवार) के लिए फ्यूल प्राइस अपडेट कर दिया है। आज भी इनकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। चूंकि, सभी शहरों में इनके दाम अलग हैं। ऐसे में गाड़ीचालक को लेटेस्ट रेट तेक करने के बाद ही तेल भरवाना चाहिए।
आइए, जानते हैं कि देश के 4 महानगरों समेत बाकी शहरों में एक लीटर पेट्रोल-डीजल की क्या कीमत है।
महानगरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
बाकी शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
सीगल का आईपीओ खुला, 5 अगस्त तक कर सकेंगे बिडिंग
2 Aug, 2024 11:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । सीगल इंडिया लिमिटेड का आईपीओ खुल गया है। रिटेल निवेशक 5 अगस्त तक आईपीओ के लिए बिडिंग कर सकेंगे। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कंपनी के शेयर 8 अगस्त को लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी 1,252.66 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। इसके लिए कंपनी 684.25 करोड़ रुपए के 17,063,640 फ्रेश शेयर इश्यू कर रही है। जबकि कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के जरिए 568.41 करोड़ के 14,174,840 शेयर बेच रहे हैं। सीगल इंडिया लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड 380-401 रुपए तय किया है। रिटेल निवेशक न्यूनतम 37 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप आईपीओ के अपर प्राइज बैंड 401 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए 14,837 निवेश करने होंगे। वहीं अधिकतम 481 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से 192,881 रुपए खर्च करने होंगे।
देश के सैकड़ों बैंकों पर रैनसमवेयर अटैक से कामकाज ठप
2 Aug, 2024 10:45 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । देश के करीब 300 बैंक पर साइबर अटैक की चपेट में आ गए हैं, जिससे यूपीआई, नेफ्ट सहित कई बैंकिंग सेवाएं ठप हो गई हैं। नेशनल बैंकिंग सिस्टम ने एक नोटिस जारी कर जानकारी दी कि कुछ बैंकों में यूपीआई, आईपीएमएस और अन्य पेमेंट सिस्टम ग्राहकों के लिए उपलब्ध नहीं हैं। दरअसल, बैंकों को टेक्निकल सपोर्ट उपलब्ध कराने वाली कंपनी सी-एज टेक्नोलॉजीस पर रैनसमवेयर अटैक किया गया है जिसकी वजह से 300 बैंकों में कामकाज ठप हो गया है। मामला सामने आने के बाद नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने कंपनी पर अस्थाई रूप से रोक लगा दी है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक नोटिस जारी करते हुए कहा कि पेमेंट इको-सिस्टम पर बड़े प्रभाव को रोकने के लिए एनपीसीआई ने सीएज टेक्नोलॉजी को एनपीसीआई द्वारा संचालित खुदरा पेमेंट सिस्टम तक पहुंचने से अस्थायी रूप से अलग कर दिया है। सीएज की ओर सर्विस लेने वाले बैंकों के ग्राहक कुछ समय तक पेमेंट सिस्टम का उपयोग नहीं कर पाएंगे। एनपीसीआई के मुताबिक सीएज एक टेक्नोलॉजी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। ज्यादातर इसकी सर्विस का इस्तेमाल को-ऑपरेटिव और क्षेत्रीय बैंक करते हैं। ऐसे में इन बैंक पर रेनसोमवेयर का प्रभाव अधिक रहा है। बताया गया है कि गुजरात के 17 जिलों के को-ऑपरेटिव बैंक प्रभावित हुए हैं।
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम: निवेशक जो 60 साल से अधिक हैं, पाएंगे तगड़ा ब्याज
1 Aug, 2024 12:23 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रिटायरमेंट के बाद ईपीएफओ या फिर अन्य स्कीम के जरिये एकमुश्त पैसा मिलता है। अगर इस पैसे को बैंक अकाउंट में छोड़ देते हैं को धीरे-धीरे यह खत्म भी होगा और इस पर ज्यादा ब्याज भी नहीं मिलेगा। ऐसे में अधिक ब्याज के लिए हमें इन पैसों को भी निवेश करना चाहिए।
सीनियर सिटिजन के लिए निवेश के लिए पोस्ट ऑफिस की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना काफी अच्छी है। इस स्कीम में बाकी स्कीम की तुलना में ज्यादा ब्याज भी मिलता है।
8.2 फीसदी का ब्याज
पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन स्कीम एक डिपॉजिट स्कीम है। इसमें 5 साल तक फिक्स्ड अमाउंट डिपॉजिट करना होता है। इस योजना में अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश कर सकते हैं। वर्तमान में इस स्कीम में 8.2 फीसदी का ब्याज मिल रहा है।
अब समझिए कि अगर आपने 5 साल के लिए 30 लाख रुपये का निवेश किया है तो आपको 5 साल के बाद 8.2 फीसदी के हिसाब से 12,30,000 रुपये का ब्याज मिलेगा। इसका मतलब है कि मैच्योरिटी पर आपको 42,30,000 रुपये मिलेगा।
सीनियर सिटिजन ही कर सकते हैं निवेश
स्कीम के नाम से ही समझ आ रहा है कि इस स्कीम में केवल सीनियर सिटिजन यानी 60 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति ही निवेश करते हैं। हालांकि, सिविल सेक्टर और डिफेंस के कर्मचारी को कुछ शर्तों के साथ छूट मिलती है।
वैसे तो यह स्कीम 5 साल में मैच्योर हो जाती है, लेकिन अगर आप 5 साल के बाद भी इस स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप इसे तीन साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। एक्सटेंडेड अकाउंट पर मैच्योरिटी की तारीख से ब्याज दर लागू हो जाएगा। इस स्कीम की एक और विशेषता है कि इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
नए डिजिटल फ्रॉड गाइडलाइंस: RBI ने जनता से मांगी राय, 31 अगस्त तक करें सुझाव
1 Aug, 2024 12:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। अब बैंक ने फ्रॉड मामलों को कम करने के लिए दो मसौदा प्रस्ताव पेश किया है।
आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम (AePS)
बैंक ने डिजिटल पेमेंट को सिक्योर बनाने के लिए रेगुलेशन ड्राफ्ट जारी किया। इस ड्राफ्ट के अनुसार वेंडर को आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम (AePS) की सुविधा मिलनी चाहिए। बैंक ने कहा कि यह प्रस्ताव डिजिटल पेमेंट प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद करेगी। इसको लेकर आरबीाई ने बैंकों के साथ एनपीसीआई को भी निर्देश दिया है।
आरबीआई ने कहा कि अगर कोई वेंडर पिछले 6 महीने से कोई पेमेंट नहीं करता है तो बैंक को फिर से केवाईसी (Know Your Customer) करवाना होगा। वहीं, एनपीसीआई को कहा है कि वह इस बात का ध्यान रखें कि केवल एक बैंक में ही आधार-इनेब्लड पेमेंट सिस्टम लागू होना चाहिए।
आरबीआई ने लोगों को इस प्रस्ताव पर 31 अगस्त 2024 तक टिप्पणी करने का समय दिया है। इसके अलावा बैंकों और एनपीसीआई को निर्देशों के पालन करने के लिए तीन महीने की अवधि दी गई है।
Authentication के लिए अतिरिक्त व्यवस्था
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन के लिए alternative authentication mechanisms को लेकर भी ड्राफ्ट जारी किया है। बैंक ने कहा कि यह डिजिटल पेमेंट सिस्टम को तकनीकी प्रगति देने में मदद करेगा।
नई कीमतों के अनुसार बढ़े सिलेंडर के दाम, जानिए नई दरें
1 Aug, 2024 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज से अगस्त का महीना शुरू हो गया है। महीने के पहले दिन तेल कंपनियों ने आम जनता को झटका दिया। दरअसल, तेल कंपनियों ने सुबह 6 बजे एलपीजी सिलेंडर के दाम अपडेट कर दिये।
इस बार एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी की गई। हालांकि, यह बढ़ोतरी केवल कमर्शियल सिलेंडर की कीमतों में किया गया है। घरेलू सिलेंडर के दाम अभी भी स्थिर बने हुए हैं।
आज से कमर्शियल सिलेंडर 8.50 रुपये तक महंगा हो गया है।
कमर्शियल सिलेंडर की नई दरें
IOCLकी वेबसाइट के अनुसार आज से कमर्शियल सिलेंडर की नई दरें लागू हो गई है।
राजधानी दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर के दाम 1652.50 रुपये हो गए हैं। पहले इसकी कीमत 1646 रुपये थी।
कोलकता में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1756 रुपये से बढ़कर 1764.5 रुपये हो गया।
मुंबई में आज से कमर्शियल सिलेंडर 1605 रुपये का हो गया है। जुलाई में इसकी कीमत 1598 रुपये थी।
चेन्नई में भी कमर्शियल सिलेंडर महंगा हो गया है। आज से चेन्नई में कॉर्मशियल सिलेंडर 1809.50 रुपये की जगह 1817 रुपये का हो गया।
जुलाई में कम हुई थी कीमतें
पिछले महीने यानी जुलाई में ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती का एलान किया था। जुलाई में कमर्शियल सिलेंडर के दाम 30 रुपये कम हो गए थे।
घरेलू सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं
आज से केवल कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ें हैं। घरेलू सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। यानी घरेलू सिलेंडर के दाम स्थिर हैं। इस साल महिला दिवस के मौके पर सरकार ने घरेलू सिलेंडर के दाम में कटौती की थी। इसके बाद से इसकी कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। देश की राजधानी दिल्ली में घरेलू सिलेंडर की कीमत 803 रुपये है।