व्यापार
RBI के बाद अब SBI ने भरा सरकार का खजाना
22 Jun, 2024 12:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
देश के सबसे बड़े लेंडर- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार को 6,959 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। यह डिविडेंड पिछले वित्त वर्ष यानी 2023-24 के लिए दिया गया है। SBI चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्रेटरी विवेक जोशी की मौजूदगी में शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का डिविडेंड सौंपा।वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पर पोस्ट किया, 'वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा से 6959.29 करोड़ रुपये का डिविडेंड प्राप्त किया।' एसबीआई ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 13.70 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड दिया है। यह एक साल पहले के मुकाबले अधिक है, जब 11.30 रुपये प्रति इक्विटी का डिविडेंड दिया गया था।वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान एसबीआई ने 67,085 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट दर्ज किया। इससे एक साल पहले बैंक को 55,648 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
आरबीआई ने दिया था रिकॉर्ड डिविडेंड
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत सरकार को 2.11 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था। इससे एक साल पहले केंद्रीय बैंक ने सरकार को 87,416 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया था। लेकिन, इस बार आरबीआई ने सरकार को अपने इतिहास का सबसे अधिक लाभांश दिया।इससे पहले आरबीाआई ने सबसे ज्यादा डिविडेंड वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दिया था। उस दौरान कुल 1,76,051 करोड़ रुपये का लाभांश केंद्र को मिला था। यह कोरोना महामारी से ठीक पहले की बात है, जब अर्थव्यवस्था सुचारू ढंग से चल रही थी। लेकिन, इस बार का डिविडेंड एक साल पहले दिए गए लाभांश के दोगुने से भी अधिक है।
जीएसटी परिषद बैठक में वित्त मंत्री सीतारमण करेंगी अध्यक्षता
22 Jun, 2024 11:55 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जीएसटी परिषद की शनिवार को होने वाली 53वीं बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर कराधान और उर्वरक पर कर कम करने संबंधी संसदीय समिति की सिफारिश समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। परिषद की यह बैठक आठ महीने के अंतराल के बाद हो रही है। जीएसटी परिषद की पिछली बैठक 7 अक्तूबर, 2023 को हुई थी।
केंद्र सरकार ने जमाखोरी के खिलाफ उठाया सख्त कदम
22 Jun, 2024 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दालों की बढ़ती कीमतों को थामने और जमाखोरी पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार ने संग्रहण की अधिकतम सीमा (स्टॉक लिमिट) निर्धारित कर दी है। सरकार का यह निर्णय मिल मालिक, दाल के थोक, खुदरा एवं बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के साथ आयातकों पर तत्काल प्रभाव से लागू होगा और 30 सितंबर तक प्रभावी रहेगा। फिलहाल इसके दायरे में अरहर, चना एवं काबुली चना को लाया गया है। पिछले करीब एक महीने से अरहर एवं चना दाल के मूल्यों में वृद्धि देखी जा रही है। सरकार इसके पीछे अनुचित जमाखोरी एवं सट्टेबाजी मान रही है।सरकार के फैसले के मुताबिक थोक विक्रेता अधिकतम दो सौ टन दाल का संग्रहण कर पाएंगे, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए यह मात्रा पांच टन होगी। बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेता अपनी प्रत्येक दुकानों पर ज्यादा से ज्यादा पांच टन और डिपो पर दो सौ टन दाल रख सकते हैं। मिल मालिकों की संग्रहण सीमा भी तय कर दी गई है। अब पिछले तीन महीने के दाल उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 25 प्रतिशत, जो भी ज्यादा हो, का स्टॉक कर पाएंगे।आयातकों की मनमानी को भी सरकार ने सीमा में बांधा है। अब वे सीमा शुल्क की निकासी की तारीख से 45 दिनों से ज्यादा आयातित स्टॉक को नहीं रख पाएंगे। संबंधित सभी संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर स्टॉक की स्थिति की जानकारी देनी होगी। यदि निर्धारित सीमा से ज्यादा का स्टॉक है तो 12 जुलाई तक निपटाना होगा। अरहर एवं चना पर स्टॉक सीमा लगाकर सरकार ने आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने का प्रयास किया है।
खाद्य कीमतों का ऊंचा रहना खुदरा महंगाई की कमी में बड़ी रुकावट
22 Jun, 2024 11:39 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) की बैठक में रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति में धीमी गति से कमी आने की प्रमुख वजह खाद्य कीमतों का ऊंचा रहना है। इस महीने की शुरुआत में हुई एमपीसी की बैठक में नीतिगत दरों को 6.50 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए सदस्यों ने मतदान किया था। चार सदस्यों ने रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया था जबकि दो सदस्यों ने इसका विरोध किया था।एमपीसी बैठक के मिनट्स के अनुसार, 'दास ने कहा था कि खुदरा मुद्रास्फीति कम हो रही है, लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है और इसका प्रमुख कारण खाद्य मुद्रास्फीति में उस अनुपात में कमी नहीं आना है।' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सामान्य मानसून अंतत: प्रमुख खाद्य वस्तुओं के मूल्य दबाव को कम कर सकता है। बड़े अनुकूल आधार प्रभावों के कारण जून तिमाही में मुद्रास्फीति अस्थायी रूप से और एक बार लक्ष्य दर से नीचे जा सकती है, लेकिन चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में यह बार फिर से बढ़ सकती है।
एमपीसी के सदस्य शशांक भिडे, राजीव रंजन (आरबीआई के कार्यकारी निदेशक), माइकल देबव्रत पात्रा (आरबीआई के डिप्टी गवर्नर) और दास ने नीतिगत रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के लिए मतदान किया था। एमपीसी के बाहरी सदस्यों आशिमा गोयल और जयंत आर वर्मा ने नीतिगत दरों को 25 आधार अंकों तक कम करने के पक्ष में मतदान किया था।RBI कमेटी के दो मेंबर ने ऐसे वक्त में रेट कट की वकालत की है, जब स्विट्जरलैंड, स्वीडन, कनाडा और यूरोपीय क्षेत्र की कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं ने पहले ही 2024 के दौरान ब्याज दरों में रियायत देने का सिलसिला शुरू कर दिया है। दूसरी ओर अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं, जो पहले अधिक थीं।
तेल कंपनियो ने जारी किए पेट्रोल डीजल के दाम
22 Jun, 2024 11:31 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले कुछ दिनों से भारत के अलग-अलग राज्यों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके चलते लोग घर से बाहर निकलने के बच रहे हैं या गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहें हैं। इससे फ्यूल का खर्चा बढ़ जाता है। ऐसे में हर रोज सुबह तेल मार्केटिंग कंपनियां रोज 6 बजे को अपडेट करती करती है।इनकी की कीमतों पर सीधा असर वैश्विक स्तर के क्रूड ऑयल की कीमतों के कारण पड़ता है। हर शहर में पेट्रोल और डीजल की अलग अलग होती है, क्योंकि इन पर टैक्स और वैट लगाया जाता है। ऐसे में अपनी गाड़ी की टंकी फुल करने से पहले एक बार उसकी जांच कर लें।
कई देश डॉलर से बनाना चाहते हैं दूरी, गिरती जा रही हिस्सेदारी
21 Jun, 2024 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । अमेरिका की करेंसी डॉलर करीब आठ दशकों से दुनिया की इकॉनामी पर एकछत्र राज करती आई है। आपसी कारोबार के लिए दुनिया डॉलर पर ही निर्भर रहा है लेकिन अब कई देश डॉलर से दूरी बनाना चाहते हैं। यही वजह है कि दुनिया के सेंट्रल बैंक्स के रिजर्व में डॉलर की हिस्सेदारी लगातार गिरती जा रही है। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में दुनिया के सेंट्रल बैंक्स में डॉलर का शेयर 58.4 फीसदी रह गया है जो तीसरी तिमाही में 59.2 फीसदी था। साल 2000 में इसकी हिस्सेदारी 71 फीसदी थी। हालांकि यह अब भी दूसरे करेंसीज के मुकाबले कहीं आगे हैं। जैसे चीन की करेंसी युआन की हिस्सेदारी चौथी तिमाही में केवल 2.3 फीसदी थी जबकि यूरो की हिस्सेदारी करीब 20 फीसदी है। दूसरी ओर साल 2023 के अंत में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों के रिजर्व में सोने की हिस्सेदारी 17.6 फीसदी पहुंच गई। यह 27 साल में सबसे ज्यादा है। साल 2022 में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो अमेरिका ने उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। पश्चिमी देशों ने रूस का करीब आधा विदेशी मुद्रा भंडार फ्रीज कर दिया। रूस के प्रमुख बैंको को स्विफट से हटा दिया गया। यह सिस्टम सीमा पार इंटरनेशनल पेमेंट की सुविधा है। चीन का पहले से ही अमेरिका से तनाव चल रहा है। उसे लग रहा है कि अमेरिका उसके साथ भी यही हथियार चल सकता है। इसे देखते हुए रूस और चीन अपना वित्तीय ढांचा तैयार करने में जुट गए। चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनामी है, जबकि रूस दुनिया का सबसे बड़ा उर्जा निर्यातक है। दोनों देश तेल के लिए युआन में भुगतान कर रहे हैं। सऊदी अरब भी कच्चे तेल के बदले में चीन से युआन में भुगतान लेने को तैयार है। बाकी देश भी डॉलर का विकल्प सोच रहे हैं। इसमें अमेरिका के करीबी दोस्त भी शामिल हो रहे हैं। इससे डॉलर को झटका लगा है। इस बीच साल की पहली तिमाही में दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने रेकॉर्ड 290 टन सोना खरीदा। केंद्रीय बैंकों के भारी मात्रा में सोना खरीदने के कारण सोने की कीमत में हाल में काफी तेजी आई है।
सरकार ने दो देशों को 2,000 टन गैर-बासमती चावल निर्यात की अनुमति दी
21 Jun, 2024 02:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सरकार ने दो अफ्रीकी देशों मलावी और जिम्बाब्वे को 2,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति प्रदान कर दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है कि निर्यात को राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से अनुमति दी गई है। हालांकि घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए 20 जुलाई, 2023 से गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन अनुरोध पर कुछ देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर निर्यात की मंजूरी है। मलावी दक्षिण-पूर्वी अफ्रीका में एक स्थलरुद्ध देश है, जबकि जिम्बाब्वे एक दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्र है। अधिसूचना के अनुसार दोनों देशों को 1,000 टन गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी गई। डीजीएफटी ने कहा कि एनसीईएल अधिसूचना के माध्यम से मलावी और जिम्बाब्वे को गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात की मंजूरी। भारत ने पहले भी नेपाल, कैमरून, कोट डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स जैसे देशों को ऐसे निर्यात की अनुमति दी है। एनसीईएल एक बहु-राज्य सहकारी समिति है। इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों द्वारा संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है। इन समितियों में गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ), भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड (इफको), कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) हैं। जीसीएमएमएफ को अमूल के नाम से जाना जाता है।
इस माह उत्तर भारत में चाय उत्पादन छह करोड किलो कम होने का अनुमान
21 Jun, 2024 01:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलकाता । उत्तर भारतीय चाय उद्योग को मौसम के अनुकूल नहीं होने से फसल वर्ष के जून तक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में छह करोड़ किलोग्राम उत्पादन में कमी आने का अनुमान है। एक चाय संगठन ने यह बात कही है। उत्तर भारतीय चाय उद्योग में शामिल असम और पश्चिम बंगाल के राज्य खतरनाक स्थिति का सामना कर रहे हैं। मई में अत्यधिक गर्मी और बारिश की कमी के साथ-साथ अत्यधिक बारिश और धूप की कमी ने उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। भारतीय चाय संघ (टीएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अनुमान लगाया कि पिछले वर्ष की तुलना में जून तक संयुक्त फसल का नुकसान छह करोड़ किलोग्राम हो सकता है। उन्होंने कहा कि संघ के सदस्य चाय बागानों द्वारा दी गई सूचना के अनुसार असम और पश्चिम बंगाल के चाय बागानों में मई 2024 के दौरान पिछले वर्ष की तुलना में क्रमशः लगभग 20 प्रतिशत और 40 प्रतिशत की कमी रहने का अनुमान है। भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2024 तक असम में उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग आठ प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
एलाइड ब्लेंडर्स का आईपीओ 25 जून को खुलेगा
21 Jun, 2024 12:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । ऑफिसर्स चॉइस व्हिस्की बनाने वाली कंपनी एलाइड ब्लेंडर्स का 1,500 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) 25 जून को खुलेगा। कंपनी ने गुरुवार को इसके लिए मूल्य दायरा 267-281 रुपये प्रति शेयर तय किया। कंपनी ने कहा कि आईपीओ 25 से 27 जून तक खुला रहेगा। एंकर निवेशक 24 जून को शेयर खरीद सकेंगे। ब्रोकिंग कंपनियों ने निर्गम के बाद कंपनी का बाजार पूंजीकरण 7,860 करोड़ रुपये बताया गया है। आरंभिक शेयर-बिक्री में 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के नए इक्विटी शेयरों का निर्गम है। इसके अलावा, प्रवर्तकों द्वारा 500 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी है। नए निर्गम से प्राप्त 720 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग कर्ज भुगतान के लिए किया जाएगा। इसके अलावा एक हिस्सा सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा। दिसंबर, 2023 तक कंपनी के खातों पर कुल कर्ज करीब 808 करोड़ रुपये था।
वोडाफोन ग्रुप ने इंडस टावर्स के शेयर बेच......भारती एयरटेल ने हिस्सेदारी खरीदी
20 Jun, 2024 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । दिग्गज टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने टेलीकॉम प्रोवाइडर कंपनी इंडस टावर्स में 1 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है। कंपनी ने बताया कि इंडस टावर्स के करीब 2.695 करोड़ शेयरों को खरीद लिया। खरीदारी के बाद भारती एयरटेल की इंडस टावर्स में हिस्सेदारी बढ़कर करीब 49 फीसदी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन ग्रुप पीएलसी ने बुधवार को इंडस टावर्स के करीब 20 फीसदी शेयरों को बेच दिया है। रिपोर्ट ने कहा कि वोडाफोन ग्रुप ने इंडस टावर्स के 53.3 करोड़ शेयरों को 17,065 करोड़ रुपये में बेच दिए। इंडस टावर्स में वोडाफोन की हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में प्राइवेट इक्विटी फर्म आई स्क्वैयर्ड कैपिटल और स्टोनपीक भी शामिल थीं।
गौरतलब है कि वोडाफोन ग्रुप पीएलसी को अपनी भारतीय यूनिट से काफी नुकसान देखने को मिला है। ब्रिटिश कंपनी ने भारत में अब और निवेश नहीं करने का फैसला किया है। ब्रिटिश कंपनी ने साल 2022 में ही ऐलान किया था कि वह इंडस टावर्स में अपनी मौजूदा 28 फीसदी हिस्सेदारी को बचेगी। हालांकि, यह अपने शेयरों को उस रफ्तार से नहीं बेच सकी, जितने की उम्मीद थी।
1 जुलाई 2024.....टाटा मोटर्स के वाणिज्यिक वाहनों की कीमत में होगा इजाफा
20 Jun, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । टाटा समूह की ऑटो सेक्टर की कंपनी टाटा मोटर्स अपने वाणिज्यिक वाहनों (कमर्शियल व्हीकल्स) की कीमत में इजाफा करने को तैयार है। कंपनी ने बताया कि वह कमर्शियल वाहनों की कीमत में 2 फीसदी का इजाफा करेगी। नई कीमत 1 जुलाई, 2024 से लागू होगी। टाटा मोटर्स ने कहा कि कंपनी वाहनों की कीमत में इजाफा कमोडिटी (पेट्रोल, डीजल) की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से ले रही है। 1 जुलाई से नए वाहनों पर लागू होने वाली कीमत अलग-अलग मॉडल और वेरिएंट की गाड़ियों के लिए अलग-अलग होगी। नई कीमत पूरे देशभर में टाटा के वाहनों पर लागू होगी।
टाटा मोटर्स लग्जरी कारों से लेकर ट्रक तक बनाए जाने में शुमार है। कंपनी मौजूदा समय में कार, पिक-अप, ट्रक और बसों की मैन्युफैक्चरिंग करती है। कंपनी ने इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी मार्केट में हैं। टाटा मोटर्स इस समय कमर्शियल व्हीकल के मामले में भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी की कमर्शियल वाहनों की लिस्ट में मिनी ट्रक, ट्रक, बस और वैन जैसे व्हीकल्स शामिल हैं। 3.27 लाख करोड़ के मार्केट कैप वाली कंपनी टाटा मोटर्स के शेयरों में बुधवार को गिरावट देखने को मिल रही है। कंपनी के शेयरों ने 1 साल में निवेशकों को करीब 74 फीसदी का रिटर्न दिया है, वहीं 6 महीने में इसके शेयर 35 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुके हैं।
आरबीआई ने वास्तविक जीडीपी का अनुमान को बढ़ाया
20 Jun, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जाहिर है कि पिछले वित्त वर्ष की मजबूत विकास दर चालू वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी। इससे अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद से बल मिलेगा। आरबीआई गर्वनर दास ने कहा, हमें इस बात को लेकर काफी उम्मीद है कि हमने साल की पहली तिमाही के लिए जो अनुमान लगाया है, 7.2 प्रतिशत का, हम उससे आगे 7.3 प्रतिशत पर चले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में मजबूत वृद्धि के कारण ग्रामीण मांग में सुधार हो रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इस बार सामान्य से अधिक मानसून का अनुमान लगाया है, इसकारण खरीफ उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है। आरबीआई ने 7 जून को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी का अनुमान पहले के अनुमान 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था। गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 7.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और अंतिम तिमाही में 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
ग्लोबल फंड्स ने भारतीय बॉन्ड में निवेश किए 83,000 करोड़ रुपये
20 Jun, 2024 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विदेशी निवेशक भारतीय बॉन्ड्स में जमकर निवेश कर रहे हैं। ये निवेश उस समय हो रहा है, जब माह के अंत में भारतीय बॉन्ड्स को ग्लोबल इंडेक्स में शामिल किया जाना है। पिछले वर्ष सितंबर से अभी तक भारतीय बॉन्ड्स में 10 अरब डॉलर (करीब 83,360 करोड़ रुपये) से ज्यादा का निवेश आ चुका है। भारतीय बॉन्ड्स को उभरते हुए बाजारों की बॉन्ड इंडेक्स में 28 जून से शामिल किया जाना है। ग्लोबल फंड्स की ओर से 18 जून तक करीब 7,350 करोड़ रुपये (881 मिलियन डॉलर) का निवेश भारतीय बॉन्ड मार्केट में किया जा चुका है। ये आंकड़ा मई में 5,200 करोड़ रुपये पर था।
हालांकि, अप्रैल में उनकी ओर से करीब 9,830 करोड़ रुपये की बिकवाली बॉन्ड मार्केट में की गई थी। भारतीय बॉन्ड मार्केट में आ रहा निवेश बॉन्ड यील्ड को कम रखने में उस समय पर मदद कर रहा है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की गठबंधन सरकार केंद्र में बनी है। इस महीने के उच्चतम स्तर से 10 वर्ष की सरकारी बॉन्ड यील्ड में 8 आधार अंक की गिरावट हुई है और यह 6.98 प्रतिशत रही है।
आईपीपीबी बैंक ने ग्रामीण भारत में अधिक कुशल मनी ट्रांसफर सेवाएं प्रदान करने के लिए रिया के साथ किया सहयोग
20 Jun, 2024 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) ने रिया मनी ट्रांसफर (रिया) के साथ सहयोग किया है। रिया मनी ट्रांसफर सीमापार मुद्रा अंतरण उद्योग में अग्रणी है तथा यूरोनेट वर्ल्डवाइड, आईएनसी का औद्योगिक प्रखंड है। इस सहयोग से भारत भर के दूरदराज के क्षेत्रों में ग्राहकों को सुविधाजनक और सस्ती डोरस्टेप वित्तीय सेवाएं प्रदान करना संभव होगा। भारत की 65 प्रतिशत आबादी सीमित वित्तीय बुनियादी ढांचे वाले ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इन परिवारों को विदेश से आने वाली मुद्रा की निकासी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उन्हें वेतन का नुकसान होता है, यात्रा लागत, यात्रा के दौरान और घर पर नकदी के भंडारण से जुड़े जोखिम का भी सामना करना पड़ता है, क्योंकि उन्हें पूरी राशि निकालनी पड़ती है। आईपीपीबी और रिया की साझेदारी से लोगों को अपने घर पर बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी। उन्हें केवल उतनी ही राशि निकालने में मदद मिलेगी जितनी उन्हें तुरंत जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वे पहले की परेशानियों और जोखिमों से बच जाएंगे। इस सुविधा से सही अर्थ में वित्तीय समावेशन होगा और इससे उनकी दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि होगी। इस साझेदारी के माध्यम से, अंतरराष्ट्रीय इनबाउंड मनी ट्रांसफर सेवाएं तुरंत 25,000 से अधिक डाकघरों में उपलब्ध हो जाएगी और डाकघरों के माध्यम से 100,000 से अधिक स्थानों तक पहुंचने की उम्मीद है। दुनिया के सबसे बड़े डाक नेटवर्क के माध्यम से आईपीपीबी की पहुंच और प्रतिष्ठित रिया के वैश्विक नेटवर्क और व्यापक उत्पाद पेशकश के साथ जोड़कर, भारत भर के ग्राहक तीव्र, सुविधाजनक और सुरक्षित रूप से अपने दरवाजे पर सेवा का लाभ उठा पाएंगे, चाहे वे कहीं भी हों।
गूगल का एआई सहायक जेमिनी अब भारत में
19 Jun, 2024 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । गूगल का एआई सहायक जेमिनी अब भारत में एंड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों के लिए ऐप के रूप में उपलब्ध है, जो अंग्रेजी, हिंदी और आठ अन्य भारतीय भाषाओं में काम करता है। जेमिनी गूगल एआई द्वारा विकसित जनरेटिव कृत्रिम मेधा वाला चैटबॉट है। इसे पहले बार्ड के नाम से जाना जाता था। जेमिनी एक्सपीरियंस के एक इंजीनियरिंग के ब्लॉग अनुसार आईफोन का उपयोग करने वालों के लिए जेमिनी तक पहुंच अगले कुछ हफ्तों में गूगल ऐप के जरिए शुरू की जाएगी। उन्होंने लिखा कि गूगल की आपकी एआई सहायक जेमिनी का भारत में पहला वर्ष रोमांचक रहा है। छात्रों से लेकर डेवलपर्स और कई अन्य जिज्ञासु लोगों तक भारत में लोग हर रोज अपनी रचनात्मकता को बढ़ाने के लिए जेमिनी को अपना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, भारत में जेमिनी एडवांस्ड के उपयोगकर्ता अब गूगल के नवीनतम अगली पीढ़ी के एआई (कृत्रिम मेधा) मॉडल, जेमिनी 1.5 प्रो की सुविधाओं का उपयोग कर सकेंगे।