व्यापार
भारत का रत्न और आभूषण निर्यात 25000 करोड़ के पार
17 Nov, 2024 04:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने अक्टूबर माह में भारत के रत्न और आभूषण निर्यात में 9.18 प्रतिशत की वृद्धि की घोषणा की है। इस बढ़ोतरी के फलस्वरूप निर्यात राशि 2,998.04 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी 25,194.41 करोड़ रुपये हो गई है। जीजेईपीसी ने बताया कि कटे और पॉलिश किए गए हीरे की मांग में सुधार के कारण निर्यात में इस तरह की वृद्धि देखी गई है। सीपीडी (कट और पॉलिश्ड डायमंड) का भी निर्यात अक्टूबर माह में 11.32 प्रतिशत बढ़कर 1,403.59 मिलियन अमरीकी डॉलर (11,795.83 करोड़ रुपये) हो गया है, जो पिछले साल की रिकॉर्ड की तुलना में अधिक है। जीजेईपीसी के एक अधिकारी ने इस वृद्धि को उद्योग के लिए एक स्वागत योग्य माना और उम्मीद जताई कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने पर भी आशावाद जताई है और उसके वादे के प्रति भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के नेतृत्व में व्यापार, व्यवसाय और आपूर्ति श्रृंखलाओं में पुनरुद्धार के समर्थन से रत्न और आभूषणों की वैश्विक मांग को बढ़ावा मिलेगा। इस सफलता के साथ भारतीय रत्न और आभूषण उद्योग ने नए भागों में विस्तार के लिए कदम उठाने का निश्चय किया है।
भारत के इक्विटी बाजार ने चीन को पछाड़ा, निवेशकों को मिला बेहतर रिटर्न
16 Nov, 2024 05:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2000 से अब तक भारत के इक्विटी बाजार ने चीन के इक्विटी बाजार से भी ज्यादा रिटर्न्स दिए हैं। यह रिपोर्ट ड्यूश बैंक ने तैयार की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने शानदार आर्थिक प्रगति की है और इसके इक्विटी बाजार का प्रदर्शन भी ठीक-ठाक रहा है, लेकिन इसके मुकाबले में भारत के इक्विटी बाजार ने बेहतर रिटर्न्स दिए हैं।
भारत की इक्विटी बाजार ने सालाना 6.9 प्रतिशत के रिटर्न्स दिए
रिपोर्ट में बताया गया कि साल 2000 से अब तक चीन के इक्विटी बाजार ने जहां सालाना औसतन 4.0 प्रतिशत के रिटर्न्स दिए हैं। वहीं भारत के इक्विटी बाजार ने इस अवधि के दौरान 6.9 प्रतिशत की सालाना दर से शानदार रिटर्न्स दिए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का इक्विटी बाजार सबसे ज्यादा रिटर्न्स देने वाला बाजार रहा फिर चाहे वो उभरते हुए बाजार हों या फिर विकसित बाजार। रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2024 में भारत और अमेरिका उन शीर्ष बाजारों में शामिल रहे, जो रिकॉर्ड हाई CAPE (Cyclically Adjusted Price to Earnings) अनुपात पर ट्रेडिंग कर रहे हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी का मिल रहा निवेशकों को फायदा
अमेरिकी बाजार में इस तेजी की वजह तकनीकी प्रभुत्व और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को माना जा रहा है। वहीं भारत के इक्विटी बाजार में तेजी की वजह इसकी तेज आर्थिक विकास को माना जा रहा है। भारत की विकास दर को देखते हुए निवेशक बढ़-चढ़कर भारतीय शेयर बाजार में पैसा लगा रहे हैं। वहीं चीन की अर्थव्यवस्था भी इन दिनों गिरावट के दौर से गुजर रही है। चीन की अर्थव्यवस्था में गिरावट की वजह उनके आयात-निर्यात के निराशाजनक प्रदर्शन को भी माना जा रहा है। चीन को यूरोप और अमेरिका के बाजारों में निर्यात के लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
सीएनजी हो सकती है महंगी, सरकार ने घटाई नेचुरल गैस सप्लाई
16 Nov, 2024 05:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) ने कहा कि सीएनजी कंपनियों को घरेलू गैस सप्लाई में और कटौती से उसके प्रॉफिट पर असर देखने को मिल सकता है. सरकार की तरफ से एक महीने में दूसरी बार रिटेल सीएनजी वेंडर्स को घरेलू लेवल पर उत्पादित सस्ती नेचुरल गैस की सप्लाई में कटौती की है. राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में वाहनों के लिए सीएनजी और घरों में पाइप के जरिये रसोई गैस की रिटेल बिक्री करने वाली कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि 16 नवंबर से घरेलू सप्लाई में करीब 20 प्रतिशत की कटौती की गई है.
इससे पहले 16 अक्टूबर से आपूर्ति में करीब 21 प्रतिशत की कटौती की गई थी. आईजीएल ने कहा, ‘गेल (इंडिया) लिमिटेड (घरेलू गैस आवंटन के लिए नोडल एजेंसी) से कंपनी को मिली एक अन्य सूचना के आधार पर यह बताया जाता है कि 16 नवंबर, 2024 से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में और कटौती की गई है.’ आईजीएल ने कहा कि बदले हुए घरेलू गैस आवंटन, पिछले आवंटन से करीब 20 प्रतिशत कम है, जिसका सीधा असर कंपनी के मुनाफे पर पड़ेगा. सरकार के तय मूल्य (मौजूदा 6.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश तापीय यूनिट) पर आईजीएल को घरेलू गैस आवंटन मिलता है. इसका ऑप्शन आयातित गैस है, जिसकी कीमत घरेलू दर से दोगुनी है.
एक महीने में दो बार सप्लाई में कटौती और आईजीएल की तरफ से प्रॉफिट में कमी होने का इशारा दिये जाने के बाद आने वाले समय में सीएनजी की कीमत में इजाफा हो सकता है. दरअसल, सरकार ने वाहनों को सीएनजी की बिक्री करने वाली शहरी गैस वितरण कंपनियों को सस्ती गैस की आपूर्ति में पहले 21 प्रतिशत और अब 20 प्रतिशत की कटौती की गई है. सरकार के इस कदम के बाद कंपनियों की निर्भरता महंगे आयात किये जाने वाले ईंधन पर बढ़ जाएगी. सस्ती गैस में आई कमी की भरपाई के लिए कंपनियों को महंगी गैस खरीदनी होगी. इससे सीएनजी की कीमत बढ़ सकती हैं.
5 से 6 रुपये तक बढ़ सकता है रेट
पिछले दिनों जब सरकार की तरफ से सस्ती नेचुरल गैस की सप्लाई में कटौती की गई तो रेटिंग एजेंसी इक्रा की तरफ से संभावना जताई गई थी कंपनियां रिटेल प्राइस में 5 से 6 रुपये किलो का इजाफा कर सकती हैं. लेकिन करीब एक महीना होने के बाद भी कीमत में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. लेकिन इस बार आईजीएल का यह बयान सामने आने के बाद कि इसका सीधा असर उसके प्रॉफिट पर पड़ेगा. अब सीएनजी की कीमत में इजाफा किया जा सकता है. उम्मीद की जा रही है कि प्रॉफिट को मेंटेन करने के लिए आईजीएल की तरफ से सीएनजी की कीमत में 5 से लेकर 6 रुपये तक का इजाफा किया जा सकता है.
सोना 6000 और चांदी 12000, ट्रंप की जीत से क्यों घट रही है कीमतें?
16 Nov, 2024 04:52 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बाद भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमत में भारी गिरावट देखी जा रही है. देश के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर और सर्राफा बाजार में सोने का रेट करीब 6000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे आ गया है. इसी तरह चांदी के रेट में भी करीब 12000 रुपये प्रति किलो की गिरावट देखी गई है. दोनों कीमती धातुओं के रेट में यह बड़ी गिरावट अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद आई है.
स्पॉट गोल्ड में 200 डॉलर से ज्यादा की गिरावट
ट्रंप की जीत के बाद अमेरिकी डॉलर एक साल के हाई लेवल पर पहुंच गया है और 10 साल के ट्रेजरी यील्ड में तेज उछाल आया है. सोने का डॉलर और बॉन्ड यील्ड के साथ उलटा संबंध रहता है, यही कारण है कि डॉलर चढ़ने के साथ गोल्ड फिसल रहा है. स्पॉट गोल्ड 200 डॉलर से ज्यादा गिर गया है. यह 5 नवंबर के 2,750.01 डॉलर प्रति औंस के हाई लेवल से फिसलकर 2,536.9 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर पर आ गया है.
एमसीएक्स में आई तेज गिरावट
एमसीएक्स पर गोल्ड फ्यूचर की चाल आमतौर पर ग्लोबल रेट से तय होती है. पिछले 10 दिन में इसमें भी तेजी से गिरावट आई है. 5 नवंबर को 79,181 रुपये प्रति 10 ग्राम के हाई लेवल से गिरकर यह 14 नवंबर को 73946 रुपये प्रति 10 ग्राम के लो लेवल पर आ गया. शुक्रवार को पब्लिक हॉलीडे के कारण एमसीएक्स (MCX) बंद रहा था.
सोने की कीमत का आगे क्या होगा?
आने वाले समय में गोल्ड का रेट ऊपर जाएगा या नीचे आएगा? इस पर जानकारों का कहना है कि इसका प्रमुख ट्रिगर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दर को लेकर अपनाया जाने वाला रुख रहेगा. यदि फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में कटौती की रफ्तार तेज होती है तो सोने की कीमत में उछाल आने की उम्मीद है. लेकिन यदि अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई दर बढ़ने के कारण ब्याज दर को कम नहीं करता है तो सोने की कीमत में घर-बढ़ का सिलसिला बना रह सकता है.
ब्याज दर में कमी गोल्ड के लिए अच्छा संकेत
ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्याज दर में कमी गोल्ड की कीमत के लिए अच्छा संकेत है. पिछले दो महीने में फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दर में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है. अमेरिका की तरफ से जारी हालिया बेरोजगारी के आंकड़ों के बाद फेड रिजर्व ब्याज दर में और कटौती के बारे में विचार कर सकता है. आंकड़ों के अनुसार 9 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में बेरोजगारी दर में गिरावट आई है.
सर्राफा बाजार का हाल
सर्राफा बाजार का रोजाना रेट जारी करने वाली वेबसाइट https://ibjarates.com पर भी पिछले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय से सोने और चांदी के रेट में गिरावट देखी जा रही है. 30 अक्टूबर को 24 कैरेट वाला गोल्ड चढ़कर 79681 रुपये प्रति 10 ग्राम के हाई लेवल पर पहुंच गया था. लेकिन 14 नवंबर को बंद हुए सेशन में यही गिरकर 73739 रुपये प्रति ग्राम पर आ गया है. इसी तरह चांदी 30 अक्टूबर को 98340 रुपये प्रति किलो के लेवल पर देखी गई थी. लेकिन 14 नवंबर को 12000 रुपये से ज्यादा गिरकर 87103 रुपये प्रति किलो पर आ गई है.
8 से 10 प्रतिशत तक गिर सकता है रुपया: SBI रिपोर्ट
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के साथ रुपये में 8 से 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है. शुक्रवार को रुपया 84.48 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया. 'US Presidential Election 2024: How Trump 2.0 Impacts India's and Global Economy' शीर्षक वाली एसबीआई की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि रुपये में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले थोड़े समय के लिए गिरावट आ सकती है लेकिन इसमें फिर से मजबूती आने की उम्मीद है.
दूसरे अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यकाल में रुपये का हाल
साल 2012 से लेकर 2016 तक बराक ओबामा के अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान रुपया करीब 29 प्रतिशत गिर गया था. इसके बाद 2016 से 2020 तक ट्रंप के शासनकाल में रुपये में 11 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इसके बाद 2020 से 2024 तक बाइडेन के कार्यकाल में यह 14.5 प्रतिशत टूटा है. अब पिछले एक महीने के दौरान रुपये में करीब 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई है.
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
16 Nov, 2024 01:43 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम जारी होते है। देश की मुख्य तेल कंपनियां इनकी कीमतों को अपडेट करती है। क्रूड ऑयल की कीमतों के आधार पर इनके दाम तय होते हैं।
चूंकि, देश के सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम अलग होते हैं। ऐसे में गाड़ीचालक को सलाह दी जाती है कि वह लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाएं। आपको बता दें कि मार्च 2024 से सभी शहरों में इनके दाम स्थिर बने हुए हैं। नए अपडेट के अनुसार, आज भी सभी शहरों में इनके दाम जस के तस बने हुए हैं।
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
तेल कंपनियों की वेबसाइट और ऐप्स से लेटेस्ट रेट चेक कर सकते हैं। इसके अलावा RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 92249 92249 पर भेजना होगा। इसके बाद उन्हें रिप्लाई में लेटेस्ट रेट पता चल जाएगा। अगर आपको पेट्रोल पंप का डीलर कोड नहीं पता है तो आप तेल कंपनियों की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं।
SBI ने बिजनेस लोन की सीमा बढ़ाई, अब तुरंत मिल सकता है 5 करोड़ रुपये तक का लोन, जानें डिटेल
15 Nov, 2024 03:20 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र के लिए अपनी तत्काल ऋण योजना के तहत लोन लिमिट को 5 करोड़ रुपये तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
"MSME सहज - एंड टू एंड डिजिटल इनवॉइस फाइनेंसिंग" योजना के अंतर्गत ग्राहक बिना किसी मैनुअल हस्तक्षेप के ऋण के लिए आवेदन कर सकेंगे, और दस्तावेजीकरण तथा स्वीकृत ऋण का वितरण महज 15 मिनट में किया जाएगा।
एसबीआई अध्यक्ष सीएस सेट्टी द्वारा साझा जानकारी के तहत
एसबीआई के अध्यक्ष सीएस सेट्टी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले वर्ष से 5 करोड़ रुपये तक के क्रेडिट लिमिट के लिए डेटा आधारित मूल्यांकन की प्रक्रिया लागू की गई है। उन्होंने कहा कि MSME शाखा में आने वाले किसी भी ग्राहक को केवल अपना पैन और जीएसटी डेटा साझा करने की अनुमति देनी होगी, जिसके बाद स्वीकृति 15 से 45 मिनट के भीतर प्रदान की जा सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि एसबीआई MSME ऋण की प्रक्रिया को सरल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसे कैश फ्लो आधारित बनाया गया है।
3 साल में सबसे बड़ी गिरावट- जानिए अब अचानक ऐसा क्यों हो रहा है
15 Nov, 2024 02:51 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
विदेशी बाजारों की तरह भारत में भी सोने की कीमतों में लगातार गिरावट आ रही है. घरेलू बाजार में 10 ग्राम सोने का भाव 1200 रुपये गिरकर 75,813 रुपये पर आ गया है. वहीं, इस हफ्ते सोने की कीमतों में 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है. तीन साल में किसी भी हफ्ते में यह सबसे बड़ी गिरावट है. अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमतें 2,562.61 डॉलर प्रति औंस पर आ गई हैं.
सोने की कीमतों में गिरावट क्यों आ रही है?
विदेशी बाजार में सोने की कीमतें गिरकर 2,562.61 डॉलर प्रति औंस पर आ गई हैं. जो 12 सितंबर 2024 के बाद इसका सबसे निचला स्तर है. सोने की कीमतों में गिरावट की मुख्य वजह डॉलर का मजबूत होना है. क्योंकि रूस और यूक्रेन युद्ध खत्म होने की उम्मीदें अब बढ़ गई हैं. इसीलिए सुरक्षित निवेश मांग में भी गिरावट आई है. साथ ही डॉलर के मजबूत होने से भी सोने की कीमतों पर दबाव जारी है.
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने सेबी एंजेल फंड्स के नियम बनाएगी आसान
14 Nov, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एंजेल फंड्स के लिए नए नियम बनाने की संभावना जताई है। अब इनवेस्टर्स की चर्चा में है कि सेबी, एंजेल फंड्स में नए निवेशकों को भी शामिल करने की अनुमति दे सकता है। अब तक, इनवेस्टमेंट सिर्फ मान्यता प्राप्त निवेशकों के लिए ही उपलब्ध था, लेकिन ऐसा हो सकता है कि हिंदू उत्तरी परिवार, फैमिली ट्रस्ट और एकल मालिकाना फर्म जैसे नए सेक्टरों को भी एंजेल फंड्स में जगह मिले। एंजेल फंड्स का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप्स में निवेश करना है और सेबी के इस कदम से इसमें नए निवेशकों के लिए अवसरों की वृद्धि हो सकती है। आईये, हम देखते हैं कि ये कानूनी कदम क्या संदेश देते हैं। सेबी द्वारा प्रस्तावित नियमों में छूटें और शर्तें समेटी गई हैं जो एंजेल फंड्स को आकर्षित बना सकती हैं। सेबी ने एंजेल फंड्स के लिए मुख्य प्रस्ताव दिए हैं - मिनिमम इन्वेस्टमेंट, कॉर्पस के मामूलीकरण, लॉक-इन पीरियडों की प्रतिबंध कम करना और विविधता की सीमा को हटाना। इससे एंजेल फंड्स और भी प्रोफेशनल और उपयुक्त बन सकते हैं, जो निवेशकों को भी नया और अच्छा अवसर प्रदान कर सकते हैं। यदि ये नए नियमन स्थापित हो जाते हैं, तो एंजेल फंड्स के लिए एक नया दौर आ सकता है। इन्वेस्टर्स को निवेश के लिए और अधिक रुचि लेने के लिए ऐसे सुधार करने से समाज को एक नया चेहरा देखने को मिलेगा। हमारी समस्याओं का समाधान केवल सरकारी कदमों से होना चाहिए, परन्तु इनेवेस्टर्स के लिए नियमन के इस नए चेहरे ने एक सकारात्मक संकेत दिया है कि हमारी मुसीबतों का समाधान सामाजिक उत्थान में भी समाहित हो सकता है। इसे जोड़कर, सेबी की इस नई सोच ने यह साबित किया है कि भारत समृद्धि की राह में एक कदम और आगे बढ़ रहा है। ये प्रस्ताव हमारे वित्तीय प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं और नए निवेशकों को बाजार में शामिल होने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को उत्थान मिलेगा, बल्कि नए उद्यमी और निवेशकों को भी समर्थन मिलेगा। सेबी की इस पहल का समाधान हमारे देश के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो एक अच्छे समृद्ध भविष्य की ओर हमें अग्रसर कर सकता है। सतीश मोरे/14नवंबर
2047 तक रिन्यूएबल एनर्जी से 18 लाख मेगावाट बिजली बनाने का प्लान, कैसे हासिल होगा टारगेट?
14 Nov, 2024 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2030 तक देश में रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर से पांच लाख मेगावाट बिजली बनाने के लक्ष्य को लेकर अभी सवाल उठ रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार वर्ष 2047 के रोडमैप पर काम करना शुरू कर चुकी है। नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने वर्ष 2047 तक रिन्यूएबल सेक्टर से कुल 18 लाख मेगावाट बिजली क्षमता देश में लगाने का लक्ष्य रखा है। इसे किस तरह से हासिल किया जाएगा, इसको लेकर अगले दो दिनों तक (14-15 नवंबर, 2024) मंत्रालय के अधिकारी विचार करने जा रहे हैं।
एमएनआरई की तरफ से जानकारी दी गई है कि उक्त उद्देश्यों के लिए आयोजित 'चिंतन शिविर' में सरकारी प्रतिनिधियों के अलावा, वित्तीय संस्थान, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, रिन्यूएबल सेक्टर की कंपनियों के सीईओ के अलावा राज्य सरकारों के अधिकारी भी हिस्सा लेंगे।
चिंतन शिविर के पहले दिन पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, सोलर मैन्युफैक्चरिंग में भारत को पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने, भारत को पवन ऊर्जा मैन्युफैक्चरिंग में हब बनाने, रिन्यूएबल सेक्टर में उत्पादित बिजली के लिए जरूरी ट्रांसमिशन सिस्टम लगाने, समुद्री तट के पास स्थापित रिन्यूएबल ऊर्जा संयंत्रों को ट्रांसमिशन से जोड़ने की व्यापक नीति पर विमर्श होगा।
इसके दूसरे दिन रिन्यूएबल ऊर्जा की खरीद करने को लेकर बिजली वितरण कंपनियों की नीति, राष्ट्रीय बायोइनर्जी प्रोग्राम, देश में छोटे पनबजिली परियोजनाओं को एकीकृत तौर पर बढ़ावा देना, नई तरह की वित्तीय संसाधनों के इंतजाम जैसे विषयों पर मंथन होगा। इन दो दिनों के विमर्श में जो सहमति बनेगी उससे आगे की नीति बनाने में मदद मिलेगी।
भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता अभी 4.60 लाख मेगावाट है जबकि बिजली की अधिकतम मांग 2.50 लाख मेगावाट इस साल रही है। केंद्रीय बिजली आयोग का आकलन है कि वर्ष 2047 तक भारत में बिजली की मांग 7.08 लाख मेगावाट तक रहेगी। इस हिसाब से देश की बिजली उत्पादन क्षमता 21 लाख मेगावाट रहने की बात कही गई है।
अब एमएनआरई सिर्फ सौर, पवन, पनबिजली, बायोगैस जैसे अपारंपरिक स्त्रोतों से ही 18 लाख मेगावाट बिजली क्षमता जोड़ने की योजना पर काम कर रहा है। अभी रिन्यूएबल सेक्टर का प्लांट लोड फैक्टर तकरीबन 31 फीसद है। इसमें आने वाले दिनों में कुछ सुधार होने की संभावना है। इस हिसाब से देखा जाए तो वर्ष 2047 तक भारत अपनी जरूरत का बहुत बड़ा हिस्सा रिन्यूएबल सेक्टर से पूरा कर लेगा।
अभी रिन्यूएबल सेक्टर से भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 2.10 लाख मेगावाट है। ऐसे में वर्ष 2030 तक के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2.90 लाख मेगावाट अतिरिक्त क्षमता और जोड़नी होगी। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि मौजूदा रफ्तार से भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होगा।
आधार से पैन लिंक कराना अब पड़ रहा महंगा, जुर्माने से भरा सरकार का खजाना
14 Nov, 2024 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
केंद्र सरकार ने वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए पैन को आधार से लिंक कराना अनिवार्य कर दिया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इसके लिए 31 दिसंबर, 2024 तक की डेडलाइन दी है। अगर 31 दिसंबर तक आप पैन और आधार को लिंक नहीं कराते, तो आपका पैन कार्ड डी-एक्टिवेट कर दिया जाएगा। इससे आपको टैक्स भरने, लेनदेन करने समेत अन्य मुश्किलें भी आएंगी।
पैन-आधार लिंक कराने पर फाइन
सरकार ने 30 जून 2023 तक पैन कार्ड को आधार से लिंक कराने की सुविधा मुफ्त कर रखी थी। लेकिन, अब लेट फीस के तौर पर 1 हजार रुपये का जुर्माना देना पड़ता है। पहले जुर्माने की रकम 500 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब कि पैन से आधार कार्ड लिंक कराने पर अब आपको 1 हजार रुपये फाइन के रूप में देने होंगे।
देश में 2 करोड़ से अधिक टैक्सपेयर्स ने फ्री डेडलाइन खत्म होने के बाद पैन को आधार से लिंक कराया। सरकार ने उनसे पेनल्टी के रूप में 2,125 करोड़ रुपये वसूले हैं। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 234 एच में प्रावधान है कि किसी व्यक्ति को धारा 139एए की उपधारा (2) के तहत आधार की जानकारी देनी होती है। ऐसा न करने पर उसे सरकार को 1,000 रुपए तक का जुर्माना देना पड़ेगा।
देश में कितने पैन कार्ड हैं?
अगर मार्च 2024 तक का आंकड़ा देखें, तो देश में 74 करोड़ से अधिक लोगों के पास पैन कार्ड था। इनमें से 60.5 करोड़ लोग अपने पैन को आधार से लिंक करा चुके थे। पिछले साल नवंबर में एक आरटीआई के जवाब में सीबीडीटी ने बताया था कि वह आधार से लिंक नहीं होने के कारण 11.5 करोड़ पैन को डी-एक्टिवेट कर चुका है।
पैन को आधार से कैसे लिंक करें?
इनकम टैक्स की वेबसाइट websites- eportal.incometax.gov.in या incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
पैन नंबर को यूजर आईडी की जगह भरकर रजिस्ट्रेशन करें।
अब पैन को आधार से लिंक करने की एक पॉप विंडो आएगी।
अगर ऐसा नहीं होता, तो प्रोफाइल सेटिंग पर जाकर आधार लिंक पर क्लिक करें।
यहां आपको पैन कार्ड की जानकारियां- जैसे जन्मतिथि, लिंग और नाम दिखेगा।
अपनी इन जानकारियां को आधार से मिलान करें। फिर लिंक नाउ बटन पर क्लिक करें।
इसके बाद आपकी स्क्रीन पर लिखा आएगा कि आपका पैन आधार से लिंक हो गया है।
Child Mutual Funds: बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए कहां करें निवेश, कौन-सा प्लान रहेगा बेस्ट?
14 Nov, 2024 05:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हर साल 14 नवंबर को चिल्ड्रन डे यानी बाल दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर आपको भी अपने बच्चों के बेहतर भविष्य पर फोकस करना है। बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हम भले ही सेविंग करते हैं पर हमारे सामने सवाल खड़ा रहता है कि अच्छे रिटर्न पाने के लिए कहां निवेश करें।
आज के पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए शादी के पहले भी कई लक्ष्य को प्राथमिकता दे रहे हैं - जैसे हायर एजुकेशन, चाहे वह इंजीनियरिंग और मेडिकल हो या एमबीए और इंटरनेशनल स्टडीज हो। इन पर आने वाला खर्च भी शादी की लागत जितना ही महंगा हो गया है। अब पैरेंट्स को ऐसे ऑप्शन में समझदारी से निवेश करने की जरूरत है, जिसमें न उन्हें अच्छा रिटर्न मिले जो उनके बच्चों की जरूरतें को पूका कर सकें। इसके अलावा उन्हें इस बात पर भी ध्यान देने की आवशयकता है कि निवेश राशि का बढ़ती महंगाई के साथ तालमेल हो और वह बच्चों को आगे बढ़ने में मदद करें।
पहले पेरेंट्स नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट या लंबी अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट योजनाओं में निवेश करना पसंद करते थे, पर अब उन्हें महंगाई और रिटर्न को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड में चाइल्ड प्लान में निवेश करना चाहिए।
अपने बच्चों के भविष्य के लिए सेविंग करने वाले पैरेंट्स निवेश के ऐसे विकल्पों की जरूरत होती है, जो महंगाई को मात दे सकें। ऐसे में इक्विटी एक दशक या उससे अधिक की अवधि में हाइएस्ट रियल रिटर्न वाला एसेट क्लास साबित हुआ है। रिसर्च से पता चलता है कि इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश से इतना रिटर्न मिल सकता है, जितना कोई अन्य एसेट क्लास नहीं देता।
उदाहरण के तौर पर अगर एक अच्छा प्रदर्शन करने वाले इक्विटी फंड में हर महीने में 9,000 रुपये का निवेश लगातार 20 साल के लिए करते हैं तो 20 साल के बाद 1 करोड़ रुपये से अधिक का फंड तैयार हो सकता है।
म्यूचुअल फंड में चाइल्ड प्लान है फायदेमंद
बच्चों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए म्यूचुअल फंड द्वारा पेश की जाने वाली चिल्ड्रन स्कीम एक बेहतर ऑप्श है। इनमें से अधिकतम म्यूचुअल फंड प्लान में 5 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। इससे लॉन्ग टर्म निवेश को बढ़ावा मिलता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने पर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है, जिससे निवेशकों का पैसा कई गुना बढ़ सकता है।
शेयर बाजार में 2 दिन में 13 लाख करोड़ डूबने से गहराने लगा डर
14 Nov, 2024 03:12 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । शेयर बाजार ने पिछले 2 दिनों में स्टॉक्स की धज्जियां उड़ते देखा है। सेंसेक्स इन 2 दिनों में 1805 अंक लुढ़क गया है। बाजार में इस भारी गिरावट का नतीजा यह हुआ कि 2 दिन के अंदर निवेशकों ने 13 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए। 2 दिन में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 13,07,898 करोड़ रुपये घटकर 4,29,46,189.52 करोड़ रुपये हो गया है। सेंसेक्स ने बुधवार को 1.25 फीसदी का गोता लगाया और 77690 अंकों पर कारोबार बंद किया. 50 शेयरों वाला निफ्टी 1.36 फीसदी टूटकर 23559 के स्तर पर बंद हुआ। हीरो मोटोकॉर्प 4 फीसदी से ज्यादा टूटकर बंद हुआ। इसके अलावा हिंडाल्को, एमएंडएम, आयशरमोटर्स व टाटा स्टील 3 फीसदी से ज्यादा टूटकर बंद हुआ। स्टॉक मार्केट के दिग्गज निवेश रमेश दमानी अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद भारतीय बाजार में आई तेजी को लेकर एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि शायद हमने इस साल का उच्चतम स्तर हासिल कर लिया है। ट्रंप की जीत के कारण बाजार में शुरुआती उत्साह के बाद 2-3 महीने की गिरावट या स्थिरता देखने को मिल सकती है और इसके बाद ही बाजार फिर नई ऊंचाई की ओर बढ़ सकता है। रमेश दमानी की यह बात अभी तक तो सच होती ही दिख रही है। ट्रंप की वापसी से जो तेजी बाजार में आई थी वह टिक नहीं सकी। पिछले 5 सत्रों में बाजार ने लगातार गिरावट ही देखी है। जानकारों के अनुसार गिरावट के पीछे कई फैक्टर्स काम कर रहे हैं। जैसे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स में तेजी, घरेलू स्तर पर कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और कंपनियों के अतिश्योक्तिपूर्ण मूल्यांकन इनमें शामिल हैं। इसके अलावा विदेशी निवेशक लगातार घरेलू बाजार से पैसा निकाल रहे हैं जिसका सीधा संबंध अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और मजबूत होते डॉलर से है। इस महीने के शुरुआती 5 ट्रेडिंग सेशन में एफपीआई ने भारतीय बाजार से करीब 20,000 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
स्पाइसजेट ने कनाडा की ईडीसी के साथ विवाद सुलझाया
14 Nov, 2024 02:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने एक्सपोर्ट डेवलपमेंट कनाडा (ईडीसी) के साथ 9.08 करोड़ अमेरिकी डॉलर के विवाद को सुलझा लिया है। इस समाधान के तहत कंपनी द्वारा 2.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर में 13 क्यू400 विमानों का स्वामित्व लिया जाएगा, जिससे 6.83 करोड़ अमेरिकी डॉलर की बचत होगी। यह विकल्प कंपनी के लिए मजबूती का स्रोत होगा और क्यू400 विमानों को नियमित सेवाओं में वापस लाने में मदद मिलेगी। बताया गया है कि ईडीसी के साथ 9.08 करोड़ अमेरिकी डॉलर का विवाद 2.25 करोड़ अमेरिकी डॉलर में पूरी तरह से हल हो गया है। स्पाइसजेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे एक मजबूत बही-खाते के साथ विमानन कंपनी के आगे बढ़ने में मददगार साबित किया। उन्होंने यह भी जताया कि इस समाधान से परिचालन लागत को कम करने में सहायता मिलेगी। इस समाधान के बाद कंपनी के परिचालन बेड़े के बारे में अभी कोई विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं है। स्पाइसजेट अब क्यू400 विमानों को सेवाओं में वापस लाने के साथ अपनी प्रेरणा को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित है।
डॉ रेड्डीज पर 27 लाख का जुर्माना
14 Nov, 2024 01:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय बहुराष्ट्रीय दवा कंपनी डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज पर मेक्सिको के दवा नियामक द्वारा 27 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है क्योंकि उन्होंने निर्धारित दिशानिर्देशों का सही ढंग से पालन नहीं किया। हैदराबाद स्थित कंपनी ने इस मामले में शेयर बाजार को सूचित किया। इस मामले में इनवॉइस के बिल की तारीख में हुई त्रुटि और आयात लाइसेंस के विरुद्ध संदर्भ मानक के नाम में त्रुटि को लेकर जुर्माना लगाया गया है। यह मामला कंपनी के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है जिससे उन्हें पालन की दिशा में सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है। डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज की ओर से इस मामले में किए गए उल्लंघन के विषय में कोई जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं है। हालांकि, यह मामला दिखता है कि दवा कंपनियों को अपनी कारोबारिक प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक काम करने की आवश्यकता है।
आईसीआईसीआई बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में किया कुछ बदलाव
14 Nov, 2024 12:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । नवंबर महीने में विभिन्न नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की गई है। आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इन बदलावों के तहत क्रेडिट कार्ड के उपयोग से उससे जुड़े फाइनेंस चार्ज, लेट पेमेंट चार्ज, एजुकेशन और यूनिटलिटी ट्रांजैक्शन पर नए नियम लागू होंगे। ऐसे ही आईसीआईसीआई बैंक ने अपने ओवरड्राफ्ट और कैश एडवांस से जुड़े नियमों में भी परिवर्तन किए हैं। यदि आप 1 महीने से ज्यादा उधार लेते हैं, तो आपको 3।75 प्रतिशत ब्याज देना होगा। सालाना ब्याज दर 45 प्रतिशत रखी गई है। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड के जरिए किसी भी स्कूल या कॉलेज में इंटरनेशनल एजुकेशन फीस भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं लगेगा। हालांकि, एजुकेशन पेमेंट के लिए थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन का उपयोग करने पर आपको 1 प्रतिशत का चार्ज देना पड़ेगा। इन बदलावों के जानकारी को ध्यान से पढ़ने और समझने के बाद, क्रेडिट कार्ड का सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है। आपको इन नए नियमों के अनुसार अपनी व्यवस्थाओं को संशोधित करने की आवश्यकता हो सकती है।