व्यापार
शादियों के सीजन में सोना-चांदी की कीमतों में गिरावट
14 Nov, 2024 11:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । सोने-चांदी के वायदा भाव में गुरुवार को सुस्ती देखी जा रही है। गुरुवार को दोनों के वायदा भाव गिरावट के साथ खुले। सोने के वायदा भाव 73,850 रुपये के करीब, जबकि चांदी के वायदा भाव 88,000 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे। वैश्विक बाजार में भी सोने-चांदी की वायदा कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। सोने के वायदा भाव की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट 487 रुपये की गिरावट के साथ 73,995 रुपये के भाव पर खुला। इस समय यह 615 रुपये की गिरावट के साथ 73,867 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 73,996 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 73,840 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। सोने के वायदा भाव ने इस साल 79,775 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था। चांदी के वायदा भाव की शुरुआत भी नरम रही। एमसीएक्स पर चांदी का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट 197 रुपये की गिरावट के साथ 89,000 रुपये पर खुला। इस समय यह 1,191 रुपये की गिरावट के साथ 88,006 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा था। इस समय इसने 89,000 रुपये के भाव पर दिन का उच्च और 88,003 रुपये के भाव पर दिन का निचला स्तर छू लिया। इस साल चांदी के वायदा भाव ने 1,00081 रुपये के भाव पर सर्वोच्च स्तर छू लिया था। वैश्विक बाजार में सोने-चांदी के वायदा भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। कॉमेक्स पर सोना 2,578.10 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला। पिछला बंद भाव 2,586.50 डॉलर प्रति औंस था। इस खबर लिखे जाने के समय यह 21.30 डॉलर की गिरावट के साथ 2,565.20 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था। कॉमेक्स पर चांदी के वायदा भाव 30.41 डॉलर के भाव पर खुले, पिछला बंद भाव 30.66 डॉलर था। इस समय यह 0.44 डॉलर की गिरावट के साथ 30.22 डॉलर प्रति औंस के भाव पर कारोबार कर रहा था।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद अब फरवरी तक नहीं, दिसंबर में भी राहत नहीं मिलने के संकेत
13 Nov, 2024 06:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के साथ यूरोप की कई विकसित अर्थव्यवस्थाएं नीतिगत ब्याज दरों में कटौती कर रही हैं। लेकिन, भारत में रियायती ब्याज दर की उम्मीदें लंबे वक्त के लिए ठंडे बस्ते में जा सकती है। दरअसल, एसबीआई रिसर्च का कहना है कि मुद्रास्फीति लगातार बढ़ रही है। इस वजह से दिसंबर के बाद जनवरी में होने वाली एमपीसी मीटिंग में भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं है।
जनवरी में नरम होगी मुद्रास्फीति?
एसबीआई की रिपोर्ट में इस बात की संभावना जरूर जताई गई है कि जनवरी से मुद्रास्फीति में थोड़ी कमी आने लगेगी। लेकिन, ऐसा नहीं है कि चीजें सस्ती हो जाएंगी। यह असल में आधार प्रभाव की वजह से हो सकती है। मतलब कि आधार वर्ष, तिमाही या माह में महंगाई ज्यादा रही होगी, तो उसके मुकाबले मौजूदा महंगाई कम दिखेगी।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति औसतन 4.8 फीसदी से 4.9 फीसदी के आसपास रहने की संभावना है, जो आरबीआई के लक्ष्य से अधिक है।
जी का जंजाल बन रही है महंगाई
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को खुदरा महंगाई का आंकड़ा जारी किया। इसके मुताबिक, खाद्य मुद्रास्फीति 10.87 प्रतिशत थी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर क्रमश: 6.68 प्रतिशत और 5.62 प्रतिशत रही। विश्लेषण से पता चलता है कि कई बड़े राज्य राष्ट्रीय औसत से अधिक मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं।
अक्टूबर में भारत की खुदरा मुद्रास्फीति 6.21 प्रतिशत रही, जो आरबीआइ के छह प्रतिशत के ऊपरी सहनीय स्तर से ज्यादा है। यह पिछले 14 महीनों में खुदरा महंगाई का सबसे उच्चतम स्तर भी है।
हम फरवरी, 2025 से रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कटौती की अपनी बात पर कायम हैं। हालांकि हमें अनिश्चितता को स्वीकार करने और ट्रंप की नीतियों पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है। खाद्य तेल की कीमत भी आरबीआई के लिए चिंता का विषय होगी।
ज्यादा रुला रहा सब्जियों का भाव
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर सब्जियों की कीमतों को निकाल दें तो खुदरा मुद्रास्फीति 3.6 प्रतिशत है और यह आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य के अंदर बनी हुई है। एसबीआई रिसर्च के उलट यूनियन बैंक ने अपनी रिपोर्ट में फरवरी, 2025 से ब्याज दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद जताई है।
बैंक ने कहा कि सितंबर के मध्य से रिफाइंड पाम ऑयल, रिफाइंड सोया ऑयल और रिफाइंड सूरजमुखी तेल के आयात शुल्क में हाल ही में 13.75 प्रतिशत से 35.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुद्रास्फीति के दबाव को बढ़ाएगी।
गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार; ऊपरी स्तरों से निफ्टी 10% टूटा, सेंसेक्स अपने हाई से 8300 अंक नीचे
13 Nov, 2024 05:40 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत में बेंचमार्क शेयर सूचकांक लगातार पांचवें दिन गिरकर कई महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गए। यह गिरावट कई कारकों के कारण हुई, जिसमें अपेक्षाकृत कमजोर दूसरी तिमाही की आय, विदेशी निवेशकों की ओर से निरंतर और बढ़ती घरेलू मुद्रास्फीति शामिल है। बुधवार के कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 430.45 लाख करोड़ रुपये रह गया।
सेंसेक्स में सवा फीसदी की गिरावट
सेंसेक्स 984 अंक या 1.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 77,691 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 324 अंक या 1.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,559 अंक पर बंद हुआ। सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। दलाल स्ट्रीट पर हर गुजरते दिन के साथ मंदी का शोर बढ़ता जा रहा है क्योंकि निफ्टी अब अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर 26,277 से 10% नीचे आ गया है। वहीं, सेंसेक्स अपने शिखर से लगभग 8,300 अंक गंवा चुका है। जबकि मुख्य सूचकांक यदि शिखर से 20% नीचे गिरते हैं तो उन्हें मंदी की गिरफ्त में माना जाता है।
खुदरा निवेशकों के पोर्टफोलियो में पहले से ही मंदी के संकेत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि 1,000 करोड़ रुपये से अधिक बाजार पूंजीकरण वाले 900 से अधिक शेयर अपने 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर से कम से कम 20% नीचे हैं।
खुदरा महंगाई दर अक्तूबर में बढ़कर 14 महीने के उच्च स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच जाने और विदेशी कोषों की निरंतर निकासी के बीच बुधवार को प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी एक प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। कारोबारियों ने कहा कि कमजोर तिमाही आय, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे प्रमुख शेयरों में बिकवाली के साथ-साथ अमेरिका और एशियाई प्रतिस्पर्धियों में कमजोर रुख से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई।
बीएसई का बेंचमार्क सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,690.95 पर बंद हुआ, जो पिछले दिन की गिरावट को जारी रखता है। दिन के कारोबार के दौरान यह 1,141.88 अंक या 1.45 प्रतिशत गिरकर 77,533.30 पर आ गया। एनएसई निफ्टी में लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज की गई और यह 324.40 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 23,559.05 अंक पर आ गया।
सेंसेक्स के 30 शेयरों वाले शेयरों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, अडानी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स और इंफोसिस में लाभ रहा।
नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति ने रिजर्व बैंक के ऊपरी सहनीय स्तर को पार कर लिया है, जो अक्टूबर में बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें हैं।
अक्तूबर में एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 3,024.31 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची। नवंबर में अब तक एफपीआई ने 23,911 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार अक्तूबर में एफपीआई ने 94,017 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। अक्तूबर में भारतीय शेयर बाजार में एक महीने के दौरान अब तक विदेशी निवेशकों की ओर से ज्यादा बिकवाली की गई। एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो और हांगकांग में गिरावट रही, जबकि शंघाई सकारात्मक दायरे में बंद हुआ। यूरोपीय बाजार बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। मंगलवार को अमेरिकी बाजार लाल निशान पर बंद हुए।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.93 प्रतिशत बढ़कर 72.56 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। मंगलवार को बीएसई का सेंसेक्स 820.97 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 78,675.18 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 257.85 अंक या 1.07 प्रतिशत गिरकर 23,883.45 अंक पर बंद हुआ था।
स्विगी की शेयर बाजार में एंट्री पर जोमैटो का रिएक्शन, लाल दिल के साथ शेयर किया खास मैसेज
13 Nov, 2024 05:37 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शेयर बाजार में स्विगी की लिस्टिंग के बाद जोमैटौ ने उसका स्वागत किया है। जोमैटो ने लाल दिल वाले इमोजी के साथ एक्स पर लिखा, "आप और मैं... इस खूबसूरत दुनिया में ("You and I... In this beautiful world)।" कंपनी ने इसके साथ एक मीम भी शेयर किया। इसमें दो डिलीवरी एजेंट दिखाए गए हैं, जिनमें से एक जोमैटो की वर्दी पहने हुए है और दूसरा स्विगी की वर्दी में है, दो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को देख रहे हैं, बिल्डिंग के एलईडी डिस्प्ले पर "नाऊ लिस्टेड: स्विगी " लिखा हुआ है। जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने भी स्विगी को इसकी सफल लिस्टिंग पर बधाई दी।
पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए, स्विगी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से जवाब दिया और लिखा, “यह जय और वीरू की वाइब्स दे रहा है।”
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी दिलचस्प प्रतिक्रिया?
एक्स यूजर्स इस मीम से खुश हुए और अपनी प्रतिक्रियाएं दिखाने के लिए अलग-अलग टिप्पणियां पोस्ट कीं। एक व्यक्ति ने पोस्ट किया, "हाहाहा... भाईचारा। आप दोनों कंपनियों का विलय क्यों नहीं कर देते? यह मूल्य निर्धारण शक्ति के साथ एक महान विलय होगा होगा। तब कोई भी इस क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा।"
एक और ने लिखा, "ये भाईचारा मुझे पसंद आया।" तीसरे ने भी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, "वाह, आज के लिए शांति!" चौथे ने लिखा, "यह एक शानदार इशारा है, जो दिखाता है कि प्रतिस्पर्धा को कैसे देखा जाना चाहिए। धन्यवाद ज़ोमैटो और स्विगी को अपने आईपीओ लिस्टिंग पर 7% रिटर्न के लिए बधाई।"
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, स्विगी के शेयर की कीमत एनएसई पर ₹ 420प्रति शेयर पर खुली, जो ₹390 के इश्यू प्राइस से 7.69% अधिक है। बीएसई पर शेयर की कीमत ₹412 प्रति शेयर पर खुली। कंपनी का आईपीओ आवंटन 11 नवंबर को पूरा हुआ। जिन लोगों को शेयर आवंटित किए गए, उन्हें 12 नवंबर को उनके डीमैट खातों में शेयर मिल गए।
प्याज की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
13 Nov, 2024 03:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्याज की कीमतों में बेतहाशा तेजी के बीच सरकार ने कहा है कि वह दरों को स्थिर करने के लिए खुदरा बाजारों में बफर स्टॉक से और ज्यादा प्याज बेचेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 67 रुपये प्रति किलो है। देश में औसत खुदरा कीमत 58 रुपये प्रति किलो है।
सरकारी अधिकारियों ने दी जानकारी
अधिकारियों के अनुसार त्योहारों के मौसम और मंडियों के बंद होने के कारण पिछले दो-तीन दिनों में कुछ बाजारों में प्याज की आपूर्ति में अस्थायी बाधा आई है। इसे दूर करने के लिए सरकार ने आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया है। नैफेड ने इस सप्ताह दिल्ली-एनसीआर के लिए दो और गुवाहाटी के लिए एक और रैक रवाना किया है।
सोनीपत कोल्ड स्टोरेज से भेजा जाएगा प्याज
अधिकारी के मुताबिक, रेल और सड़क परिवहन दोनों के जरिये एनसीसीएफ से प्याज की ज्यादा आपूर्ति की जाएगी। सरकार ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली व अन्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सोनीपत में कोल्ड स्टोरेज में रखे प्याज को उतारने का भी फैसला किया है। ब्यूरो
4.7 लाख टन प्याज की खरीद
सरकार ने इस साल मूल्य को स्थिर रखने के लिए 4.7 लाख टन रबी प्याज की खरीद की। इसकी बिक्री पांच सितंबर को 35 रुपये प्रति किलो पर खुदरा बिक्री के साथ-साथ देश भर की प्रमुख मंडियों में थोक बिक्री के माध्यम से शुरू हुई। अब तक, बफर में 1.50 लाख टन से अधिक प्याज नासिक और अन्य केंद्रों से सड़क परिवहन के जरिये ट्रकों के माध्यम से उपभोक्ता केंद्रों तक भेजा गया है।
घटने लगे हैं टमाटर के दाम
सरकार ने कहा, मंडियों में कीमतों में गिरावट के साथ टमाटर की खुदरा कीमतों में गिरावट आ रही है। आजादपुर मंडी में साप्ताहिक औसत कीमत 27 फीसदी कम होकर 4,000 रुपये प्रति क्विंटल और पिंपलगांव (महाराष्ट्र) में औसत कीमत 35 फीसदी कम होकर 2,250 रुपये प्रति क्विंटल है।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
13 Nov, 2024 12:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वर्ष 2017 से रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम जारी होते हैं। इनकी कीमतों को अपडेट करने की जिम्मेदारी देश की मुख्य तेल कंपनियों को होती है। हर दिन की तरह 13 नवंबर 2024 (बुधवार) के लिए आज भी पेट्रोल-डीजल के दाम जारी हो गए हैं।
आज के ंअपडेट के मुताबिक सभी शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं। इसका मतलब कि गाड़ीचालक पुरानी कीमत पर तेल भरवा सकते हैं। वैसे तो सभी शहरों में तेल के दाम अलग होते हैं। लेकिन, मार्च 2024 के बाद से इनकी कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
इस साल मार्च में लोकसभा से पहले तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बाद महाराष्ट्र में इनकी कीमत में कुछ पैसे की कटौकी हुई थी। आइए, जानते हैं कि आज महानगरों समेत बाकी शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमत क्या है।
कैसे चेक करें लेटेस्ट रेट
एक्सपर्ट गाड़ीचालक को सलाह देते हैं कि वह लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवाएं। इसके अलावा अगर वह किसी दूसरे शहर जा रहे हैं तब भी उस शहर में तेल की कीमत क्या है जरूर जान लें। ऐसे में वह सस्ता फ्यूल खरीद सकते हैं।
लेटेस्ट रेट चेक करने के कई तरीके हैं। गाड़ीचालक तेल कंपनियों की वेबसाइट और ऐप्स से ताजा कीमत जान सकते हैं। इसके अलावा वह RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 92249 92249 पर मैसेज के माध्यम से भी ताजा कीमत जान सकते हैं।
लाल निशान पर खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 300 अंक टूटा, निफ्टी 23750 से नीचे पहुंचा
13 Nov, 2024 11:00 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक, सेंसेक्स और निफ्टी 50 बुधवार को तिमाही परिणामों में कंपनियों की आय में मंदी और कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच एक बार फिर लाल निशान पर खुले। निफ्टी 23,822.45 पर खुला, और बीएसई सेंसेक्स 78,495.53 पर खुला।
कमजोर आय और विदेशी फंड के बहिर्वाह की चिंताओं से प्रेरित बाजारों में बुधवार को लगातार चौथे दिन गिरावट दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कारोबार के शुरुआती घंटे में एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टाटा मोटर्स और एशियन पेंट्स के शेयरों में प्रमुख लाभ हुआ, जबकि हारने वालों में महिंद्रा एंड महिंद्रा 2.42 प्रतिशत से अधिक गिर गया, इसके बाद मारुति, बीपीएसएल, अपोलो हॉस्पिटल्स और नेस्ले इंडिया का स्थान रहा।
बाजार की धारणा पर बढ़ती महंगाई का पड़ा असर
घरेलू स्तर पर, निवेशकों की धारणा भारत की अक्तूबर महीने की खुदरा मुद्रास्फीति से प्रभावित हुई, जो सितंबर में 5.49 प्रतिशत से बढ़कर 6.21 प्रतिशत के 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, इसके साथ ही मुद्रास्फीति आरबीआई की लक्ष्य सीमा से ऊपर चली गई।
इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 4-6 दिसंबर से अपनी आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गई हैं। इसके अतिरिक्त, भारत के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) ने सितंबर में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई, जो अगस्त में 0.1 प्रतिशत की गिरावट से बेहतर है।
निवेशकों की नजर अमेरिका की महंगाई के आंकड़ों पर
प्रॉफिट आइडिया के एमडी वरुण अग्रवाल ने कहा, "निवेशक अब प्रमुख अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा का इंतजार कर रहे हैं, जो ब्याज दरों पर फेडरल रिजर्व के अगले कदम के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जो वैश्विक स्तर पर बाजार में अस्थिरता को बढ़ाने में योगदान देता है।" बाजार की गतिविधियों को देखते हुए, एक्सिस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अक्षय चिंचलकर ने कहा कि निफ्टी में कल की गिरावट के बाद अब ध्यान 23,700 से 23,779 तक फैले महत्वपूर्ण समर्थन क्षेत्र पर केंद्रित है।
वैश्विक शेयर बाजारों में भी दिखी सुस्ती
उधर, वैश्विक बाजारों में भी कमजोरी दिखी, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों से वॉल स्ट्रीट में आई गति फीकी पड़ गई। एसएंडपी 500 और डॉव जोन्स दोनों मंगलवार को पांच दिन की बढ़त के बाद कमजोर पड़ गए। एशियाई बाजारों में भी बुधवार को गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा, बाजार सहभागियों की निगाहें अपोलो टायर्स, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, पीआई इंडस्ट्रीज, एस्ट्राजेनेका फार्मा जैसी दिग्गज कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर भी टिकी रहेंगी। वेस्टर्न कैरियर्स इंडिया, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, दीपक नाइट्राइट, बेयर क्रॉपसाइंस, थर्मैक्स, थॉमस कुक (इंडिया) और सेनको गोल्ड जैसी कंपनियां भी दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय नतीजे घोषित करेंगी।
रुपया एक पैसे की गिरावट के साथ 84.40 प्रति डॉलर पर
विदेशी पूंजी की सतत निकासी और घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में एक पैसे की गिरावट के साथ 84.40 प्रति डॉलर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 84.40 प्रति डॉलर पर खुला जो पिछले बंद भाव के मुकाबले एक पैसे की गिरावट दर्शाता है।
रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 84.39 पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 105.98 पर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 72.07 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 3,024.31 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
गोल्ड की कीमतों में 3500 रुपए की गिरावट, 75 हजार रुपए के स्तर पर पहुंची कीमतें
12 Nov, 2024 02:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जब से डोनाल्ड ट्रंप को जीत हासिल हुई है, तब से डॉलर इंडेक्स में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है. जिसका असर इंटरनेशनल मार्केट से लेकर डॉमेस्टिक मार्केट तक में देखने को मिल रहा है. लोकल मार्केट की बात करें तो गोल्ड की कीमतें 5 सितंबर के बाद से 4.44 फीसदी तक टूट चुकी हैं. वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम 5 फीसदी तक टूट चुके हैं. जानकारों का अनुमान है कि डॉलर इंडेक्स साल के अंत तक 107 का लेवल छू सकता है. इसका मतलब है कि इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में और ज्यादा दबाव देखने को मिलेगा और इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड 2300 डॉलर तक पर देखने को मिल सकता है.
इसका मतलब है कि भारत के वायदा बाजार में गोल्ड के दाम 70 हजार रुपए के लेवल पर देखने को मिल सकता है. वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि गोल्ड को की कीमतों में उछाल लाने वाला कोई दूसरा ट्रिगर दिखाई नहीं दे रहा है. ना ही इंटरनेशनल मार्केट में और ना ही डॉमेस्टिक में डिमांड में कोई तेजी की संभावना दिखाई दे रही है. यही वजह से साल के अंत तक गोल्ड की कीमतें 70 हजार रुपए के लेवल पर दिखाई दे सकती हैं. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में गोल्ड के दाम किस लेवल पर देखने को मिल रहे हैं और आने वाले दिनों में गोल्ड के दाम कितने पर दिखाई दे सकते हैं.
5 नवंबर के बाद 4.44% की कमी
देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गोल्ड के दाम में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. 5 नवंबर के बाद से सोने की कीमत में 4.44 फीसदी की गिरावट देखी जा चुकी है. आंकड़ों को देखें तो 5 नवंबर को बाजार बंद होने के बाद सोने की कीमत 78,507 रुपए प्रति दस ग्राम थे. तब से अब तक गोल्ड की कीमत में करीब 3,500 रुपए की गिरावट देखने को मिल चुकी है. जिसकी वजह से मंगलवार को गोल्ड की कीमत एमसीएक्स 75,020 रुपए प्रति 10 ग्राम के दिन के लोअर लेवल पर पहुंच गई. वैसे मौजूदा समय यानी दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर गोल्ड की कीमत 239 रुपए की गिरावट के साथ 75,112 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा है. जबकि आज सुबह गोल्ड 75,541 रुपए के साथ ओपन हुआ थात्र. एक दिन पहले बाजार बंद होने के बाद गोल्ड की कीमत 75,351 रुपए प्रति दस ग्राम पर था. जानकारों की मानें तो सोने की कीमत में आने वाले दिनों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है.
5 नवंबर के बाद 137 डॉलर की कमी
वहीं दूसरी ओर इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत 5 फीसदी तक कम हो चुकी है. खासकर 5 नवंबर के बाद से. न्यूयॉर्क के कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड फ्यूचर की कीमत में बड़ी गिरावट देखी जा चुकी है. आंकड़ों के अनुसार 5 नवंबर को बाजार बंद होने के बाद गोल्ड के दाम करीब 2750 रुपए देखने को मिली थी. तब से अब तक इसमें 137 डॉलर की गिरारवट देखी जा चुकी है. इसका मतलब है कि करीब 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है. मौजूदा समय में गोल्ड के दाम में करीब 4 डॉलर की मामूली गिरावट देखने को मिल रही है और दाम 2,614.35 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रही है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड फ्यूचर 2,610 डॉलर प्रति ओंस के लेवल पर पहुंच गई थी. जानकारों की मानें तो गोल्ड के दाम में और गिरावट आना अभी बाकी है.
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर में आई मजबूती
गोल्ड की कीमतों का सबसे बड़ा दुश्मन डॉलर बना हुआ है. जैसा कि माना जा रहा था कि डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर को मजबूती मिलती हुई दिखाई देगी. ऐसा ही देखने को मिला है. बीते 5 कारोबारी दिनों में डॉलर इंडेक्स में 2.21 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल चुकी है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते है कि ट्रंप की जीत का असर डॉलर पर किस तरह का देखने को मिला है. आने वाले दिनों में इसे और भी ज्यादा मजबूती मिलती हुई दिखाई दे सकती है. अगर बात आज यानी मौजूदा समय की करें तो डॉलर इंडेक्स 105.71 के लेवल पर कारोबार करता हुआ दिखाई दे रहा है, कारोबारी सत्र के दौरान इंडेक्स 105.75 के लेवल पर पहुंच गया था. ऐसे में अनुमान है कि जल्द ही डॉलर इंडेक्स अपने 52 हफ्तों के हाई के लेवल को भी पार कर सकता है. जोकि 106.52 है.
साल के अंत तक डॉलर इंडेक्स 107 तक पहुंच सकता है
अधिकतर एक्सपर्ट का मानना है कि साल के अंत तक डॉलर इंडेक्स 107 के लेवल पर पहुंच सकता है. जिसकी वजह से गोल्ड की कीमतों में और दबाव देखने को मिल सकता है. अगर डॉलर इंडेक्स 107 के लेवल पर गया तो इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड के दाम 2400 से 2300 डॉलर पर भी जा सकते हैं. जिसकी वजह से भारत के एमसीएक्स पर गोल्ड की कीमत 70 हजार रुपए तक लेवल पर भी पहुंच सकती हैं. एचडीएफसी सिक्योरिटीज में करेंसी कमोडिटी के हेड अनुज गुप्ता ने कहा कि गोल्ड की कीमत में लगातार गिरावट का कारण डॉलर इंडेक्स और डिमांड में कमी है. ऐसे आने वाले दिनों में डॉलर इंडेक्स में नजर रहेगी.
2021 का IPO रिकॉर्ड टूटने की संभावना, दिसंबर तक 1.50 लाख करोड़ का आंकड़ा हो सकता है पार
12 Nov, 2024 12:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू बाजार में आईपीओ का रिकॉर्ड टूट गया है। इस साल अब तक कुल 72 कंपनियों ने इश्यू के जरिये 1,21,745 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इससे पहले 2021 में 63 कंपनियों ने 1.20 लाख करोड़ जुटाए थे। 2017 में 75,279 करोड़ की तीसरी सबसे बड़ी रकम जुटाई गई थी।
क्या कहते विश्लेषक..
विश्लेषकों के मुताबिक आईपीओ का यही रुझान बना रहा तो दिसंबर तक कंपनियां 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जुटा सकती हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने में अब तक चार कंपनियों ने18,533 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसमें सबसे अधिक 11,327 करोड़ रुपये स्विगी ने जुटाए हैं। इस महीने अभी भी 10 आईपीओ आने वाले हैं। इसमें सबसे बड़ा 10,000 करोड़ रुपये एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी का होगा। एचडीएफसी बैंक की कंपनी एचडीबी फाइनेंशियल भी बाजार में आने वाली है। इसने 12,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए सेबी के पास मसौदा जमा करा दिया है। 10,000 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल होगा।
90 तक पहुंच सकती है कंपनियों की संख्या
दिसंबर तक आईपीओ से रकम जुटाने वाली कंपनियों की संख्या 90 तक पहुंच सकती है। वैसे आईपीओ की संख्या के लिहाज से रिकॉर्ड टूट चुका है। 2021 में 63 कंपनियों ने 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। 2023 में 58 कंपनियों ने 49,437 करोड़ व 2022 में 40 कंपनियों ने 59,939 करोड़ जुटाए थे।
छोटी-मझोली कंपनियों ने जुटाए 8,124 करोड़ रुपये
एसएमई कंपनियों ने पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। 216 कंपनियों ने इस साल 8,124 करोड़ जुटाए हैं। 2012 में एसएमई प्लेटफॉर्म के लॉन्च होने के बाद यह सर्वाधिक रकम है। इससे पहले 2023 में 182 कंपनियों ने 4,967 करोड़ रुपये की रकम जुटाई थी। सबसे ज्यादा कैपिटल गुड्स की कंपनियां : सबसे अधिक 21 कंपनियां कैपिटल गुड्स क्षेत्र की रही हैं। इसके बाद सेवा क्षेत्र की 9 और कंस्ट्रक्शन की 8 कंपनियां रही हैं। अन्य क्षेत्र की 24 कंपनियां रही हैं। 2023 में कैपिटल गुड्स की 27 कंपनियां बाजार में उतरीं थीं।
विभोर स्टील को सबसे अधिक सब्सक्रिप्शन
इस साल आईपीओ में विभोर स्टील को सबसे अधिक 324 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। मानबा फाइनेंस को 224 गुना, केआरएन हीट को 213 गुना, गाला प्रीसीजन को 201 गुना और यूनिकॉर्न ई-सोल्यूशन को 168 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। फायदा देनेवाले में केआरएन हीट ने 167 फीसदी का लाभ दिया है। प्रीमियर एनर्जी ने 150 फीसदी, भारती हेक्सॉकॉन ने 142 फीसदी का फायदा दिया है।
एफडीआई नियमों के उल्लंघन पर अमेजन और फ्लिपकार्ट को समन जारी करेगी सरकार
12 Nov, 2024 12:34 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन के मामले में सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट को पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है। सूत्रों ने बताया, पिछले सप्ताह अमेजन और फ्लिपकार्ट के विक्रेताओं के यहां छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज की जांच के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों कंपनियों के अधिकारियों को बुलाने की तैयारी कर रहा है। विक्रेताओं के कारोबारी आंकड़ों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के साथ पांच साल में हुए लेनदेन की जांच भी होगी।
अधिकारियों ने दी जानकारी
अमेजन के दो और फ्लिपकार्ट के चार बड़े विक्रेताओं के यहां शनिवार तक तलाशी अभियान चला। मिले दस्तावेज से साबित हो गया कि विदेशी निवेश नियमों का उल्लंघन हुआ है। छापे में पता चला कि दोनों प्लेटफॉर्म का इन्वेंट्री पर शुरू से अंत तक नियंत्रण था और विक्रेताओं का सिर्फ नाम था।
जांच में हुआ खुलासा
2021 में अमेजन के आंतरिक पेपर्स के आधार पर रॉयटर्स की जांच से पता चला कि कंपनियों ने कुछ सबसे बड़े विक्रेताओं की इन्वेंट्री पर महत्वपूर्ण नियंत्रण रखा है। दरअसल, अमेजन व अन्य कंपनियों की प्रतिस्पर्धी-रोधी कारोबार प्रथाओं के कारण छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, इसलिए इन पर निगरानी रखी जा रही है। चुनिंदा विक्रेताओं को फायदा पहुंचाने के आरोप में हाल ही में दोनों कंपनियों के विक्रेताओं के यहां ईडी ने छापेमारी की थी।
अप्पारियो को पहुंचाया विशेष फायदा
सूत्रों में से एक ने सोमवार को कहा, कभी अमेजन के सबसे बड़े भारतीय विक्रेता रहे अप्पारियो के यहां भी पिछले सप्ताह छापा मारा गया था। अप्पारियो को आंतरिक रूप से एक विशेष व्यापारी के रूप में बताया गया था। अन्य विक्रेताओं के विपरीत इन्वेंट्री प्रबंधन जैसी चीजों के उपयोग के लिए अप्पारियो को फायदा पहुंचाया गया था।
विदेशी कंपनियां भारत में नहीं रख सकती इन्वेंट्री
नियमों के मुताबिक, विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स भारत में इन्वेंट्री नहीं रख सकते हैं। वे केवल ऑनलाइन बाजार के तौर पर काम कर सकते हैं। भारत के करीब 5.91 लाख करोड़ रुपये के
ई-कॉमर्स बाजार में अमेजन और फ्लिपकार्ट की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। डेटाम इंटेलिजेंस का अनुमान है कि बीते साल भारतीय ई-कॉमर्स में फ्लिपकार्ट की 32 फीसदी व अमेजन की 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है। यह देश के कुल 834 अरब डॉलर के खुदरा बाजार का 8 फीसदी हिस्सा है।
जोमैटो और स्विगी पर भी चल रही जांच
उधर, प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन मामले में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ऑनलाइन फूड डिलीवरी मंच जोमैटो और स्विगी के खिलाफ जांच कर रहा है। इन दोनों पर चुनिंदा रेस्टोरेंट चेन को फायदा पहुंचाने का आरोप है।
हालांकि, दोनों कंपनियों ने जांच की खबरों को भ्रामक बताया है। इसके साथ ही जोमैटो ने कहा कि वह देश के कानूनों का पालन करती है। आयोग ने पांच अप्रैल 2022 की सूचना के बाद से कोई आदेश पारित नहीं किया है। वहीं, स्विगी का कहना है कि वह नियमों का पालन करने को प्रतिबद्ध है।
जल्द करें ये काम, नहीं तो बंद हो सकता है आपका PAN कार्ड
12 Nov, 2024 12:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज PAN यानी परमानेंट अकाउंट नंबर ज्यादातर लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा है। खासकर, नौकरीपेशा और टैक्सपेयर्स का इसके बगैर काम ही नहीं चलता। यह वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने में भी सरकार की मदद करता है।
यही वजह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार गुजारिश कर रहा है कि लोग अपने पैन को आधार से लिंक कर लें। इसके लिए 31 दिसंबर, 2024 आखिरी तारीख तय की गई है। अगर आपने इससे पहले अपने पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं कराया, तो आपका पैन कार्ड डी-एक्टिवेट हो जाएगा। इससे लेनदेन के साथ अन्य मुश्किलें भी हो सकती हैं।
पैन को आधार से लिंक करना जरूरी क्यों
टेक्नोलॉजी के दौर में वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में भी काफी इजाफा हुआ है। कई फिनटेक कंपनियों पर आरोप है कि वे कस्टमर प्रोफाइल बनाने के लिए अनधिकृत तरीके से पैन डिटेल का इस्तेमाल कर रही थीं। यही वजह है कि गृह मंत्रालय ने पैन के जरिए पर्सनल डिटेल तक पहुंच को सीमित करने का निर्देश दिया है, ताकि व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग को रोका जा सके।
आयकर विभाग ने सभी टैक्सपेयर्स के लिए पैन को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। डेडलाइन से पहले दोनों को लिंक न करने पर आपका पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें वित्तीय लेनदेन करने में कठिनाई भी शामिल है। इसलिए आपको अपने पैन-आधार लिंक का स्टेटस पता कर लेना चाहिए। अगर आपका पैन आधार से लिंक नहीं है, तो उसे तुरंत लिंक कर लें।
पैन-आधार लिंक स्टेटस कैसे पता करें?
आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाएं।
होमपेज पर 'क्विक लिंक्स' विकल्प पर क्लिक करें।
लिंक आधार स्टेटस पर क्लिक करें, पैन और आधार कार्ड नंबर दें।
अगर आपका पैन और आधार पहले से ही लिंक होगा, तो एक संदेश पॉप अप होगा- "आपका पैन पहले से ही दिए गए आधार से लिंक है"। लेकिन, लिंक न होने की सूरत में पॉप-अप में लिखा होगा, "पैन आधार से लिंक नहीं है। कृपया वेबसाइट के बाएं तरफ क्विक लिंक्स अनुभाग के अंतर्गत दिखाई देने वाले 'लिंक आधार' पर क्लिक करें। आपको एक पेज पर ले जाया जाएगा, जहां आपको अपने पैन और आधार कार्ड के अनुसार आपको डिटेल दर्ज करनी होगी।
कितना लगेगा लिंक कराने का शुल्क
सरकार ने 30 जून 2023 तक पैन कार्ड को आधार से लिंक कराना फ्री रखा था। लेकिन, अब इसके लिए फीस देनी पड़ेगी। यह पहले 500 रुपये थी और अब 1 हजार रुपये हो गई है। इसका मतलब कि अगर आपको पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक करवाना है, तो फिर आपको 1 हजार रुपये लेट फीस या फिर फाइन के रूप में देने होंगे।
आयकर विभाग भी टैक्सपेयर्स की पैन और आधार लिंक करने में पूरी मदद कर रहा है। उसने पैन को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए एक FAQ पेज भी बनाया है। इससे आपको पूरे प्रोसेस को समझने में मदद मिलती है।
मजबूती के साथ खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 300 अंक चढ़ा, निफ्टी 24200 के पार
12 Nov, 2024 12:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू संस्थागत निवेशकों की ओर से निरंतर निवेश और अमेरिकी बाजारों में तेजी के साथ-साथ निचले स्तरों पर खरीदारी से मंगलवार को शुरुआती कारोबार में इक्विटी बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आई। शुरुआती कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 324.83 अंक चढ़कर 79,820.98 अंक पर पहुंच गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 100.7 अंक चढ़कर 24,242 अंक पर पहुंच गया। मंगलवार के कारोबारी सत्र के दौरान रुपया डॉलर के मुकाबले 2 पैसे की गिरावट के साथ 84.40 रुपये पर पहुंच गया।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा, एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, टाइटन, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर ग्रिड में सर्वाधिक लाभ रहा। मारुति, एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स और इंडसइंड बैंक प्रमुख रूप से पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 2,306.88 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,026.63 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "इस समेकित बाजार में दो मजबूत कारक काम कर रहे हैं। पहला, एफआईआई द्वारा की जा रही लगातार बिकवाली ने मंदड़ियों को फायदा पहुंचाया है और बाजार को नीचे की ओर खींचा है। दूसरा, डीआईआई द्वारा की जा रही सतत खरीद ने बाजार को सहारा दिया है और बाजार में गिरावट को रोका है। आने वाले दिनों में बाजार का रुख कैसा रहेगा, यह इन दो कारकों की सापेक्षिक मजबूती पर निर्भर करेगा।"
एशियाई बाजारों में सियोल, टोक्यो, शंघाई और हांगकांग नकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे। सोमवार को वॉल स्ट्रीट में तेजी रही। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, "अमेरिकी शेयर बाजार जश्न के मूड में हैं, एसएंडपी 500 ने 6,000 का आंकड़ा पार कर लिया है और डॉव 44,000 के पार पहुंच गया है। यह सब डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत, फेड की ब्याज दरों में कटौती और मजबूत उपभोक्ता भावना के कारण हो रहा है।"
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.15 प्रतिशत गिरकर 71.72 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। सोमवार को बीएसई का सूचकांक 9.83 अंक या 0.01 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 79,496.15 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी 6.90 अंक या 0.03 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 24,141.30 अंक पर बंद हुआ था।
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम....
12 Nov, 2024 12:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर रोज सुबह पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट करती हैं। साल 2017 से रोजाना सुबह 6 बजे तेल के दाम अपडेट हो जाते हैं। यह जिम्मेदारी सरकार ने ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दी है। तेल कंपनियां क्रूड ऑयल की प्राइस के हिसाब से कीमतों में बदलाव कर सकती हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड का भाव
पिछले कुछ दिनों से इंटरनेशनल मार्केट में बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। इसकी कीमत फिलहाल 71.72 डॉलर प्रति बैरल है। पिछले पांच दिनों में ब्रेंट क्रूड की कीमतों में पांच फीसदी और 1 महीने में 10 फीसदी गिरावट आई है। हालांकि, क्रूड की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगा रहता है, इसलिए तेल कंपनियों पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव करने से परहेज कर रही हैं।
तेल कंपनियों ने 12 नवंबर 2024 (मंगलवार) के लिए दाम जारी कर दिये हैं। अगर आप भी पेट्रोल पंप पर जाकर टंकी फुल कराने की सोच रहे हैं, तो पहले लेटेस्ट रेट चेक कर लें। आइए, जानते हैं कि आज आपके शहर में एक लीटर पेट्रोल-डीजल कितने रुपये में मिल रहा है।
महानगरों में पेट्रोल-डीजल के दाम
दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.76 रुपये और डीजल की कीमत 87.66 रुपये प्रति लीटर है।
मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.43 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.95 रुपये प्रति लीटर है।
कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.75 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.73 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.32 रुपये प्रति लीटर है।
अन्य शहरों में पेट्रोल- डीजल के दाम
नोएडा: पेट्रोल 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर
गुरुग्राम: पेट्रोल 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर
बेंगलुरु: पेट्रोल 102.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.92 रुपये प्रति लीटर
चंडीगढ़: पेट्रोल 94.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.38 रुपये प्रति लीटर
हैदराबाद: पेट्रोल 107.39 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.63 रुपये प्रति लीटर
जयपुर: पेट्रोल 104.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.34 रुपये प्रति लीटर
पटना: पेट्रोल 105.16 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.03 रुपये प्रति लीटर
एसएमएस भी चेक कर सकते हैं पेट्रोल डीजल के दाम
आप आसानी से एसएमएस के जरिए पेट्रोल-डीजल के दाम चेक कर सकते हैं। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, इसके लिए आपको अपने मोबाइल से 9224992249 पर RSP डीलर कोड लिखकर एसएमएस करना होगा।
EPFO में रिकॉर्ड वृद्धि, पीएफ अंशधारकों की संख्या 7.37 करोड़ हुई
11 Nov, 2024 04:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नौकरीपेशा लोगों के लिए पीएफ एक सुरक्षित निवेश है, जो उन्हें बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा देती है. हर महीने आपकी सैलरी का कुछ हिस्सा काटकर उसे पीएफ अकाउंट में जाता जाता है. जितना आप पीएफ में डालते हैं उतना ही कंपनी आपके पीएफ में कंट्रीब्यूट करती है, जिसपर सरकार ब्याज भी देती है. कर्मचारियों के पीएफ का लेखा-जोखा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ( EPFO) करती है. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में ईपीएफओ में योगदान देने वाले सदस्यों की संख्या में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो बढ़कर 7.37 करोड़ हो गई है. वित्त वर्ष 2022-23 में ईपीएफओ अंशधारकों की संख्या 6.85 करोड़ थी. वहीं योगदान देने वालों संस्थाओं की संख्या 6.6 प्रतिशत बढ़कर 7.66 लाख हो गई है.
क्या है इन आंकड़ों के मायने
श्रम मंत्रालय की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में ईपीएफओ में योगदान करने वालों की संख्या में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. ये आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में औपचारिक क्षेत्र में रोजगार और व्यापारों की संख्या बढ़ रही है, जो कर्मचारियों को बेहतर जीवन स्तर मुहैया कराती है.
ईपीएफओ दावों का निपटारा
ईपीएफओ की बकाया राशि की वसूली में भी 55.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष के 3,390 करोड़ रुपये की तुलना में 5,268 करोड़ रुपये हो गई है. पिछले वर्ष की तुलना में निपटाए गए दावों की संख्या में भी 7.8 प्रतिशत बढ़कर 4.12 करोड़ से बढ़कर 4.45 करोड़ हो गई है.
अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2024 के मसौदे पर भी चर्चा
कार्यकारी समिति ने नई अनुकंपा नियुक्ति नीति, 2024 के मसौदे पर भी चर्चा की, जिसका लक्ष्य ईपीएफओ के कई कर्मचारियों के आश्रितों और बच्चों को राहत पहुंचाना है, जिनकी दुर्भाग्यवश सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिनमें से कई की मृत्यु कोविड महामारी के दौरान हुई थी. इसके अलावा बैठक में कार्यकारी समिति ने ईपीएफओ में बेहतर गवर्नेंस के लिए आईटी, प्रशासनिक, वित्तीय और अन्य संबंधित पहलुओं पर चर्चा की गई. ईपीएस पेंशन भुगतान के लिए सरकार नई केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली को लाने पर काम कर रही है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार कमजोरी, क्या कर रहा है आरबीआई?
11 Nov, 2024 04:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार कमजोर हो रहा है। सोमवार को शुरुआती कारोबार में यह 1 पैसा गिरकर 84.38 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। यह इसका अब तक सबसे निचला स्तर है।
क्यों गिर रहा है रुपया
करेंसी मार्केट के जानकारों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और इक्विटी मार्केट की सुस्ती के चलते रुपये में कमजोरी आ रही है। उनका कहना है कि जब तक डॉलर सूचकांक में नरमी नहीं आती या विदेशी फंड अपनी निकासी कम नहीं करते, रुपया दबाव में बना रहेगा।
रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे गिरकर 84.37 के नए ऑल टाइम लो-लेवल पर पहुंच गया था। इसमें लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में गिरावट दर्ज की गई थी।
मध्यम अवधि में रुपया 83.80 से 84.50 के दायरे में कारोबार करेगा, क्योंकि रिजर्व बैंक अपने पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार होने के कारण रुपये की गिरावट पर अंकुश लगा सकता है।
कब से दबाव में है रुपया
अमेरिकी चुनाव और लगातार विदेशी फंड की निकासी के बीच रुपया काफी समय से दबाव में है। विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में करीब 12 बिलियन डॉलर की इक्विटी बिकवाली की थी। यह सिलसिला नवंबर भी में भी जारी है। उन्होंने नवंबर के शुरुआती 10 दिनों में ही करीब 1.6 बिलियन डॉलर की निकासी कर ली है।
सीआर फॉरेक्स एडवाइजर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पाबारी का कहना है कि भारतीय शेयर बाजार मूल्यांकन काफी अधिक है। साथ ही, कंपनियों के तिमाही नतीजे काफी कमजोर आ रहे हैं, जो ऊंचे वैल्यूएशन को सपोर्ट नहीं करते।
विदेशी निवेशकों ने कितनी निकासी की
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को 3,404.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। विदेशी निवेशकों ने सितंबर 2024 में 57,724 करोड़ रुपये का निवेश किया था। लेकिन, उन्होंने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की। यह उनकी अब तक की सबसे अधिक बिकवाली थी।
अगर नवंबर की बात करें, तो विदेशी निवेशकों ने पिछले पांच कारोबारी सत्रों में ही 20 हजार करोड़ रुपये की निकासी की है। एक्सपर्ट के मुताबिक, विदेशी निवेशकों की बिकवाली आगे भी जारी रह सकती है। ऐसे में रुपये और शेयर मार्केट में अस्थिरता का दौर बना रहेगा।
विदेशी मुद्रा भंडार में भी आई गिरावट
आरबीआई ने शुक्रवार को बताया था कि कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार एक नवंबर को खत्म सप्ताह में 2.675 अरब डॉलर घटकर 682.13 अरब डॉलर रह गया। पिछले सप्ताह कुल मुद्रा भंडार 3.463 अरब डॉलर घटकर 684.805 अरब डॉलर रह गया था। सितंबर के अंत में मुद्रा भंडार 704.885 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
हालांकि, रुपये में कमजोरी के चलते विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है। ऐसे में आरबीआई पर भी रुपये में गिरावट रोकने के लिए कदम उठाने का दबाव बढ़ रहा है। हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि आरबीआई चीनी करेंसी युआन के मुकाबले रुपये को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने के वैल्यू में गिरावट की रणनीति बना सकता है।