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लापता आठ वर्षीय बच्चे का निर्वस्त्र शव मिला, हत्या की आशंका
6 May, 2024 02:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
खरखौदा। खरखौदा के ब्राह्मण मोहल्ला से करीब दस दिन से लापता आठ वर्षीय कार्तिक का शव रविवार की सुबह बस स्टैंड के पीछे तालाब में निर्वस्त्र अवस्था में मिला है। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया और फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की टीम द्वारा नमूने एकत्रित किए जाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। शव के मिलने के बाद से परिवार में मातम पसर गया है, स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बच्चे की हत्या की आशंका जताई जा रही है। ब्राह्मण मोहल्ले निवासी संदीप उर्फ सोनू का बेटा कार्तिक सरकारी स्कूल में कक्षा चौथी में पढ़ता था। कार्तिक शुक्रवार को स्कूल नहीं गया था। बाद में वह घर से बाहर खेलने के लिए निकल गया।उसके बाद वापस घर नहीं लौटा। सूचना पाकर खरखौदा थाना पुलिस ने भी सोनू के घर पर पहुंचकर जानकारी ली थी और कार्तिक की तलाश की थी। पूरी रात तलाश करने के बाद भी कार्तिक का पता नहीं चल पाया था। मोहल्ले में स्थित एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी की फुटेज में कार्तिक शुक्रवार सुबह 11 बजे दिखाई दिया था। सहायक पुलिस आयुक्त जीत बेनीवाल ने लापता कार्तिक के घर पहुंचकर जानकारी जुटाई थी। रविवार सुबह बस स्टैंड के पीछे पहुंचे लोगों ने तालाब में शव देखकर पुलिस को सूचना दी, शव की पहचान कार्तिक के रूप में हुई। शव नग्न हालात में था। उसके कपड़े आसपास कहीं नहीं मिले है। स्वजन हत्या की आशंका जता रहे है।
इजरायली सेना का फलिस्तीन नागरिकों को अल्टीमेटम
6 May, 2024 02:13 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पिछले साल से शुरू हुआ इजरायल-हमास युद्ध थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब इजरायल की राफा पर नजर टिकी हुई है। यहां किसी भी वक्त इजरायल हमला बोल सकता है, जिसको देखते हुए इजरायली सेना ने सोमवार को फलिस्तीनियों से पूर्वी राफा को खाली करने का निर्देश दिया है। बता दें कि यहां दस लाख से अधिक युद्ध-विस्थापित फलिस्तीनियों ने शरण लिया हुआ है।
अरबी संदेशों, टेलीफोन कॉलों और फ़्लायर्स के जरिए इजरायली सेना फलिस्तीनियों को 20 किमी (7 मील) दूर विस्तारित मानवीय क्षेत्र कहे जाने वाले स्थान पर जाने का निर्देश दिया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उसने राफा के निवासियों को सीमित दायरे के तहत वहां से हटने के निर्देश देना शुरू कर दिए है।
राफा पर इजरायल की टिकी नजर
हमास के खिलाफ अपने युद्ध के सात महीनों में, इजरायल ने राफा में घुसपैठ शुरू करने की कई बार धमकी दी है। इजरायली सेना का मानना है कि राफा में हजारों हमास लड़ाकों और संभावित रूप से दर्जनों बंधकों को शरण में रखा गया है। सेना का मानना है कि राफा को हराए बिना जीत असंभव है।
राफा के निवासियों को घर खाली करने के लिए आ रहे फोन
बता दें कि पश्चिमी देश और पड़ोसी मिस्र इजरायल और हमास के बीच नए दौर की संघर्ष विराम वार्ता में मध्यस्थता करने की कोशिश कर रहा है। राफा में कई निवासियों ने कहा कि उन्हें सेना की ओर से घरों को खाली करने के लिए टेलीफोन कॉल्स आए थे। वहीं, चिकित्सा अधिकारियों ने कहा कि राफा पर रात भर हुए हवाई हमले में, इजरायली विमानों ने 10 घरों को निशाना बनाया, जिसमें 20 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। रविवार को राफा के पास गाजा में केरेम शालोम क्रॉसिंग पर हमास के रॉकेट हमले में तीन इजरायली सैनिक मारे गए, जबकि फलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इजरायली गोलीबारी में कम से कम 19 लोग मारे गए।
यूक्रेनी ड्रोन ने रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में किया हमला
6 May, 2024 02:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस के बेलगोरोड क्षेत्र में लोगों को काम पर ले जा रही दो बसों पर यूक्रेनी ड्रोन से हमला हुआ। इन हमलों में छह लोगों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हो गए। इस घटना की जानकारी गवर्नर ने सोमवार को दी।
गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने कहा कि हमला बेरेजोव्का गांव के पास हुआ। उन्होंने एक बस की तस्वीर प्रकाशित की, जिसकी खिड़कियाँ उड़ गई थीं।
ग्लैडकोव ने कहा कि एक व्यक्ति की हालत गंभीर है और दो बच्चों को चोटें आई हैं। यूक्रेन की सीमा से लगे बेलगोरोड क्षेत्र पर पिछले साल में यूक्रेनी तोपखाने, ड्रोन और प्रॉक्सी द्वारा बार-बार हमला किया गया है।
रूस ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण किया। कीव ने नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया और कहा कि उसे रूस पर हमला करने का अधिकार है, जो कहता है कि पश्चिम नागरिकों पर यूक्रेनी हमलों को नजरअंदाज करता है।
ताइवान के चारों ओर चक्कर लगा रही चीनी सेना
6 May, 2024 02:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ताइवान में बढ़ रही चीन की गतिविधियों से तनाव बढ़ गया है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को दावा किया है कि चीन के तीन सैन्य विमानों और छह नौसैनिक जहाजों को अपनी जलसीमा के आस-पास संचालन करते हुए देखा है। वहीं, दो चीनी विमान इसके दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में एंट्री कर चुके है।
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे तक चीनी सेना के तीन विमान और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी के छह जहाजों का पता चला। इसमें सबसे चिंता की बात यह है कि चीन के दो विमानों ने ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी ADIZ में प्रवेश किया था।
ताइवान ने दी तुरंत प्रक्रिया
बता दें कि वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) हवाई क्षेत्र का एक क्षेत्र है जिसमें एक देश राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में विमान की पहचान, पता लगाने और नियंत्रित करने का काम करता है। ताइवान के सशस्त्र बलों ने गतिविधियों की निगरानी करके और ताइवान की संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतते हुए तुरंत प्रतिक्रिया दी। इस घटना से ताइवान और चीन के बीच चल तनाव और बढ़ गया है। बता दें कि बीजिंग अक्सर स्व-शासित द्वीप के पास सैन्य युद्धाभ्यास और अभ्यास करता रहता है। चीन आधिकारिक तौर पर ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
चीन मानता है ताइवान को अपना हिस्सा
ताइवान के पास पीएलए सैन्य संपत्तियों की मौजूदगी एक संवेदनशील मुद्दा बनी हुई है, जिससे क्षेत्र में संभावित तनाव को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। ताइवान सरकार ने ताइवान जलडमरूमध्य में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने के लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय समर्थन और ध्यान देने का आह्वान किया है।
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बाइडन पर की टिप्पणी, कहा.....
6 May, 2024 12:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर उम्मीदवारों में बयानबाजी तेज हो गई है। इसी क्रम में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंंने वर्तमान राष्ट्रपति पर गंभीर आरोप लगाया है।
ट्रम्प ने आरोप जो बाइडन की रणनीति की तुलना हिटलर के 'गेस्टापो' से करते हुए आरोप लगाया कि डेमोक्रेटिक उत्तराधिकारी ने उनके खिलाफ अमेरिकी न्याय प्रणाली को हथियार बना लिया है।
दानकर्ता ने मीडिया को दी रिकॉर्डिंग
एक दानकर्ता द्वारा अमेरिकी मीडिया को उपलब्ध कराई गई रिकॉर्डिंग के अनुसार, रिपब्लिकन 2024 के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिसॉर्ट में पार्टी के शीर्ष नेताओं और धनी दानदाताओं के साथ शनिवार को एक निजी बैठक के दौरान यह टिप्पणी की।
'गेस्टापो' टिप्पणी ट्रम्प की कई अन्य विवादित टिप्पणियों के बाद आई है। आलोचकों ने इसे खतरनाक और भड़काऊ कहा है। ट्रम्प पहले भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को 'कीड़े' और अप्रवासियों की तुलना जानवरों से कर चुके हैं।
ट्रम्प की टिप्पणी पर बजी ताली
पोलिटिको के अनुसार, मार-ए-लागो में उनकी टिप्पणियों पर वहां बैठे लोगों ने जोरदार तालियां बजाईं, जिसमें कई संभावित उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार भी शामिल थे।
उन्होंने उन अभियोजकों पर फिर से हमला बोला, जिन्होंने उनके खिलाफ चार अलग-अलग अदालती मामले लाए हैं, जिनमें अब न्यूयॉर्क में चल रहा 'हश मनी' केस भी शामिल है।
व्हाइट हाउस ने आरोप को किया खारिज
व्हाइट हाउस ने रविवार को ट्रम्प की टिप्पणियों की निंदा की और कहा कि कानूनी मामलों में उनकी किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता एंड्रयू बेट्स ने कहा,
फासीवादियों की भयावह बयानबाजी, नव नाजियों के साथ लंच करने और बहादुर पुलिस अधिकारियों की जान लेने वाले षडयंत्र सिद्धांतों को हवा देने के बजाय राष्ट्रपति बिडेन अमेरिकी लोगों को हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और
कानून के शासन के आसपास एक साथ ला रहे हैं।
बाइडन के अभियान में शामिल नेताओं की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि रिपब्लिकन की इन टिप्पणियों ने यह पुष्टि कर दी है और हम पहले से ही जानते थे कि ट्रम्प का अभियान सिर्फ उनके बारे में है। उनके रोष, उनके बदले, उनके झूठ को लेकर है।
अमेरिका में फलस्तीन समर्थक छात्रों का दमन जारी, धरना दे रहे छात्र गिरफ्तार
6 May, 2024 12:18 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका में फलस्तीन समर्थक छात्रों का दमन जारी है। देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 18 अप्रैल से चल रहे धरना-प्रदर्शन में करीब ढाई हजार छात्र-छात्रा गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस कई विश्वविद्यालयों में घुसकर धरने हटवा चुकी है लेकिन आंदोलन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
भारतीय समयानुसार रविवार सुबह पुलिस ने वर्जीनिया विश्वविद्यालय में धरना खत्म कराते हुए वहां से 25 छात्रों को गिरफ्तार किया। शार्लोसविल स्थित वर्जीनिया विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई से पहले तक परिसर के लॉन में गाजा पर इजरायली हमले के विरोध में शांतिपूर्ण धरना चल रहा था। दंगा निरोधी उपायों से लैस पुलिस ने परिसर में प्रवेश करते ही कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिसकर्मियों की छात्रों से हाथापाई हुई
पुलिस ने वहां पर केमिकल स्प्रे करते हुए छात्रों को बलपूर्वक धरनास्थल से हटाना शुरू कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों की छात्रों से हाथापाई भी हुई। इसके बाद पुलिस ने छात्रों को हिरासत में लेकर उनके हाथ पीछे से बांध दिए। गाजा युद्ध और उसे दिए जा रहे अमेरिका के समर्थन के विरोध में देश की ज्यादातर शिक्षण संस्थाओं में इस समय धरना-प्रदर्शन चल रहे हैं, 40 से ज्यादा संस्थाओं से छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार किया गया है।
धरने में विश्वविद्यालय से बाहर के कई लोग शामिल
वर्जीनिया विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट जिम रेयान ने कहा है कि धरना में विश्वविद्यालय से बाहर के कई लोगों के शामिल होने की सूचना के बाद पुलिस को बुलाया गया। ऐसा परिसर की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया। इसी प्रकार से शिकागो के आर्ट इंस्टीट्यूट में भी पुलिस ने परिसर में प्रवेश कर वहां से फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को हटाया है।
फलस्तीन समर्थकों ने अव्यवस्था पैदा करने की कोशिश की
मिशिगन विश्वविद्यालय में आयोजित समारोह में फलस्तीन समर्थकों ने नारेबाजी कर अव्यवस्था पैदा करने की कोशिश की। उन्होंने वहां पर फलस्तीन का झंडा फहराते हुए फलस्तीनियों के समर्थन और इजरायल के विरोध में नारे लगाए। पुलिस ने जल्द ही प्रदर्शनकारियों को नियंत्रण में लेकर उन्हें समारोह स्थल से बाहर किया। इसी प्रकार से कई अन्य संस्थाओं में भी प्रदर्शन होने की सूचना है।
पुतिन ने नए कार्यकाल की इस दिन होगी शुरुआत
6 May, 2024 12:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रूस के नेता के रूप में व्लादिमीर पुतिन मंगलवार को असाधारण शक्ति वाले राष्ट्रपति के रूप में एक और छह साल का कार्यकाल शुरू करेंगे। पुतिन अगले कार्यकाल में क्या करेंगे, इस पर देश और विदेश दोनों की नजर है।
सिरैक्यूज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और द कोड आफ पुतिनिज्म के लेखक ब्रायन टेलर ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध उनकी वर्तमान राजनीतिक परियोजना के केंद्र में है और मुझे ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है, जिससे लगे कि इसमें बदलाव आएगा। यह बाकी सब चीजों को प्रभावित करता है। जैसे कौन से संसाधन उपलब्ध हैं।
'पुतिन कहीं और नया हमला करने की कोशिश करें'
उन्होंने कहा कि यदि युद्ध किसी भी पक्ष की पूर्ण हार से कम में समाप्त होता है और रूस पहले से कब्जा किए कुछ क्षेत्रों को बरकरार रखता है, तो यूरोपीय देशों को डर है कि पुतिन को बाल्टिक या पोलैंड में सैन्य कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित करेगा। यह संभव है कि पुतिन कहीं और नया हमला करने की कोशिश करें। यह भी संभावना है कि उनकी महत्वाकांक्षाएं रूस द्वारा भारी कीमत पर जीत से आगे न बढ़े।
आठ सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर
4 May, 2024 03:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चंडीगढ़। साल 2019 में प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा के सामने इस बार पिछली जीत दोहराने की चुनौती है और मत प्रतिशत बढ़ाने का भी दबाव है। पिछले चुनाव में भाजपा ने 58.2 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, जो 1977 के बाद अब तक के चुनावी इतिहास के सबसे अधिक मत हैं।
कांग्रेस को 28.5 प्रतिशत मतों में संतोष करना पड़ा था। इस बार भाजपा सात सीटों पर जीत की हैट-ट्रिक लगाने की रणनीति के तहत आगे बढ़ रही है, वहीं कांग्रेस लोकसभा चुनाव में सीटों के सूखे को खत्म करने की जिद्दोजहद में है। आठ सीटों पर कांटे की टक्कर है। कुरुक्षेत्र एकमात्र सीट है, जहां भाजपा के नवीन जिंदल, आइएनडीआइए के उम्मीदवार डॉ. सुशील गुप्ता और इनेलो प्रत्याशी अभय चौटाला के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा।
बंतो कटारिया का इन प्रत्याशियों से मुकाबला
अंबाला में भाजपा की बंतो कटारिया और कांग्रेस के वरुण मुलाना, गुरुग्राम में भाजपा के राव इंद्रजीत तथा कांग्रेस के राज बब्बर के बीच कांटे की टक्कर होगी। फरीदाबाद में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह में रोचक मुकाबला होने वाला है।
करनाल में भाजपा प्रत्याशी पूर्व सीएम मनोहर लाल के सामने कांग्रेस ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को चुनाव मैदान में उतारकर मुकाबले में खड़े रहने की कोशिश की है। रोहतक में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा के अरविंद शर्मा के बीच भिड़ंत है, सिरसा में कांग्रेस की कुमारी सैलजा और भाजपा के अशोक तंवर के बीच रोचक मुकाबला होना तय है।
भिवानी-महेंद्रगढ़ में कांग्रेस के राव दान सिंह और भाजपा के चौधरी धर्मबीर सिंह के बीच चुनावी रण होगा। हिसार में कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी और भाजपा के रणजीत चौटाला में टक्कर तय है, हालांकि यहां जेजेपी की नैना चौटाला और इनेलो की सुनैना चौटाला भी स्वयं को मुकाबले में मानकर ताल ठोंक रही हैं। सोनीपत में कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी और भाजपा के मोहन लाल बडौली में मुकाबला होने वाला है।
भाजपा ने राजनीतिक ताकत बढ़ाई
पिछले दो चुनाव नतीजों पर नजर दौड़ाई जाए तो भाजपा ने अपनी राजनीतिक ताकत काफी हद तक बढ़ाई है। 2014 में भाजपा ने सात, कांग्रेस ने एक और इनेलो ने दो सीटें हासिल की थी। भाजपा का मत प्रतिशत 34.8% था। कांग्रेस को 23 प्रतिशत वोट मिले थे।
साल 2019 में भाजपा सभी 10 सीटें जीतने में कामयाब रही थी और 58.2 प्रतिशत मत हासिल कर समस्त पिछले रिकार्ड तोड़ दिए थे। भाजपा ने कांग्रेस के 35 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ने का काम किया था। कांग्रेस ने 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति का लाभ उठाते हुए 54.9 प्रतिशत मत हासिल किए थे। तब भाजपा को 7.5 प्रतिशत मतों के साथ चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा था।
इन सात सीटों पर जीत की हैट-ट्रिक की रणनीति बना रही भाजपा
भाजपा सात सीटों पर जीत की हैट-ट्रिक लगाने की कोशिश में है, जबकि कांग्रेस उसे रोकने के साथ स्वयं जीत हासिल करने के प्रयास में जुटी है। साल 2014 और 2019 में भाजपा ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, भिवानी-महेंद्रगढ़ और सोनीपत लोकसभा सीटों पर लगातार दो बार जीत हासिल की थी। भाजपा इस बार फिर इन सातों सीटों पर जीत की हैट-ट्रिक के लिए काम कर रही है। इन सात सीटों में भाजपा ने कुछ उम्मीदवार बदले हैं तो अधिकतर पुराने हैं।
1977 में भारतीय लोकदल के 70.3%मतों का रिकार्ड नहीं टूटा
भाजपा और कांग्रेस के मतों को लेकर 1977 का चुनाव अपवाद के रूप में सबके सामने है। उस समय भारतीय लोकदल पार्टी ने प्रदेश की सभी 10 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करते हुए 70.3 प्रतिशत मत प्राप्त किए थे। जनता पार्टी और लोकदल ने मिलकर चुनाव लड़ा था।
इस चुनाव के बाद भाजपा ने लगातार राजनीतिक तरक्की करते हुए कांग्रेस के मत प्रतिशतता की अधिकता के रिकॉर्ड को भी तोड़ने में जबरदस्त सफलता हासिल की है। ऐसे में भाजपा पर एक बार फिर सभी सीटों पर जीत हासिल करने के साथ ही मत प्रतिशत में बढ़ोतरी का भारी दबाव रहने वाला है।
भारतीय अमेरिकी समूहों की अपील- रटगर्स यूनिवर्सिटी में न लगाने दिया जाए अलगाववादी कश्मीरी झंडा
4 May, 2024 11:23 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख संगठनों ने अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित रटगर्स विश्वविद्यालय के कुलाधिपति से परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडा लगाने की इजाजत नहीं देने का आग्रह किया और जोर देते हुए कहा कि ऐसा करने से अमेरिकी शैक्षणिक संस्थानों में फिलीस्तीन के समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों के बीच एक गलत संदेश जाएगा। अमेरिका के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में फिलीस्तीनी समर्थक गाजा में इजराइली सेना की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों के एक समूह ने शुक्रवार को कहा कि उनकी 10 में से आठ मांग रटगर्स विश्वविद्यालय के प्रशासन ने मान ली हैं।
प्रदर्शनकारियों की नौवीं मांग है कि ''रटगर्स परिसरों में जहां-जहां अंतरराष्ट्रीय झंडे लगे हुए हैं उन जगहों पर फलस्तीन, कुर्द और कश्मीरियों के क्षेत्रों के झंडे लगाये जाएं, जिन पर कब्जा किया हुआ है।'' हालांकि, जानकार सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय ने प्रदर्शनकारी समूह की मांगें नहीं मानी हैं। उन्होंने बताया कि कुलाधिपति कार्यालय रटगर्स के न्यू ब्रंसविक परिसर में लगे हुए झंडों का जायजा लेगा और विश्वविद्यालय में दाखिला लेने वाले पंजीकृत छात्रों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेगा। प्रदर्शनकारी समूह के दावों से कई भारतीय अमेरिकी समूह नाराज हो गए। उन्होंने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह अपने परिसर में अलगाववादी कश्मीरी झंडे लगाने की अनुमति न दे।
इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही, 14 लोगों की मौत
4 May, 2024 11:21 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जकार्ता: इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में बाढ़ और भूस्खलन के कारण 14 लोगों की मौत हो गई। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। स्थानीय बचाव एजेंसी के प्रमुख मेक्सियनस बेकाबेल ने बताया कि दक्षिण सुलावेसी प्रांत के लुवु जिले में बृहस्पतिवार से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ।। बाढ़ से 13 उप-जिले प्रभावित हुए हैं। क्षेत्र में अधिकतर जगह पानी और कीचड़ नजर आ रहा है।
बारिश के कारण 1,000 से अधिक घर प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 42 तहस-नहस हो गए हैं। एक खोज और बचाव दल ने रबड़ की नौकाओं और अन्य वाहनों का उपयोग करके निवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने शनिवार को कहा कि 100 से अधिक निवासियों को प्रभावित क्षेत्र के बाहर मस्जिदों या उनके रिश्तेदारों के घरों में ले जाया गया है।
50 साल बाद डेनमार्क में गर्भपात प्रतिबंधों में मिलेगी ढील, 18वें सप्ताह तक होगी गर्भपात की अनुमति
4 May, 2024 10:54 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 May, 2024 04:28 PM
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डेनमार्क सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह गर्भपात पर अपने प्रतिबंधों में 50 साल में पहली बार ढील दे रही है, जिसके तहत महिलाओं को गर्भधारण के 18वें सप्ताह तक गर्भपात कराने की अनुमति होगी जबकि पहले इसके लिए स्वीकृत अवधि 12 सप्ताह थी। अधिकारियों ने कहा...
इंटरनेशनल डेस्क. डेनमार्क सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह गर्भपात पर अपने प्रतिबंधों में 50 साल में पहली बार ढील दे रही है, जिसके तहत महिलाओं को गर्भधारण के 18वें सप्ताह तक गर्भपात कराने की अनुमति होगी जबकि पहले इसके लिए स्वीकृत अवधि 12 सप्ताह थी। अधिकारियों ने कहा कि 15 से 17 साल की किशोरियों को माता-पिता की सहमति के बिना गर्भपात कराने की अनुमति देने के लिए भी कानून में बदलाव किया जाएगा।
देश की लैंगिक समानता मंत्री मैरी बजेरे ने कहा कि डेनमार्क महिलाओं के अधिकारों को मजबूत कर रहा है जबकि दुनिया के अन्य हिस्सों में उन्हें पीछे धकेला जा रहा है। यह महिला की व्यक्तिगत स्वतंत्रता की बात है, यह अपने शरीर और अपने जीवन के बारे में निर्णय लेने के अधिकार की बात है। यह महिला समानता के लिए एक ऐतिहासिक दिन है।''
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि डेनमार्क में 1973 में नि:शुल्क गर्भपात की शुरुआत की गई थी। गर्भपात कराने की सीमा 12 सप्ताह तक निर्धारित की गई थी क्योंकि उस समय सभी गर्भपात शल्य चिकित्सा द्वारा किए जाते थे और उस समय 12वें सप्ताह के बाद गर्भपात के दौरान जटिलताओं का अधिक खतरा होता था।''
स्वास्थ्य मंत्री सोफी लोहडे ने कहा- 50 साल के बाद अब समय आ गया है कि गर्भपात संबंधी नियमों को बदला जाए। गर्भपात संबंधी इस कानून के एक जून 2025 से लागू होने की संभावना है। डेनमार्क में 15 साल तक की आयु की लड़कियों के लिए गर्भपात से पहले माता-पिता की सहमति लेना अनिवार्य है और 15 वर्ष से अधिक आयु की किशोरी को अपने शरीर के बारे में खुद फैसला करने का अधिकार है।
कनाडा पुलिस का बड़ा एक्शन, खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए 3 संदिग्ध; भारत पर लगाया बड़ा आरोप
4 May, 2024 10:51 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कनाडा पुलिस ने शुक्रवार को खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में उस कथित समूह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया जिसके बारे में उसका मानना है कि उन्हें निज्जर की हत्या करने का काम पिछले साल भारत सरकार ने सौंपा था। मीडिया की खबरों में यह जानकारी दी गई।
भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और ‘‘प्रेरित'' बताते हुए कर दिया था खारिज
पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में ‘‘संभावित रूप से'' शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव आ गया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और ‘‘प्रेरित'' बताते हुए खारिज कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर आरोप है कि जिस दिन निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सरे स्थित गुरुद्वारे के बाहर हत्या की गई थी उस दौरान इन लोगों ने शूटर, वाहन चालक आदि का काम किया था।
करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप
सीटीवी न्यूज ने एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के हवाले से बताया कि तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है। अदालत के दस्तावेजों से पता चला कि करणप्रीत सिंह, कमलप्रीत सिंह और करण बराड़ पर निज्जर की हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। खबर में बताया गया कि पुलिस ने इन लोगों को शुक्रवार को कनाडा के कम से कम दो प्रांतों में चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान गिरफ्तार किया। सूत्रों ने बताया कि कुछ महीने पहले पुलिस ने इन लोगों की पहचान निज्जर की हत्या में शामिल व्यक्तियों के समूह के तौर पर की थी और पुलिस उन पर नजर रख रही थी।
PM ट्रूडो की टिप्पणियों पर भारत ने दिया था जवाब
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने देश में खालिस्तानी तत्वों से संबंधित कुछ टिप्पणियां करने के कुछ दिनों बाद, भारत ने बृहस्पतिवार को कहा था कि ये टिप्पणियां एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को मिले राजनीतिक स्थान को दर्शाती हैं। ट्रूडो ने रविवार को टोरंटो में खालसा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया था जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक लोगों ने हिस्सा लिया था। ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों का जिक्र करते हुए कथित तौर पर कार्यक्रम से इतर मीडिया से कहा कि ‘‘हमारा काम राजनीतिक विरोध को कुचलना नहीं है।''
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ट्रूडो ने पहले भी इस तरह की टिप्पणी की है। उनकी टिप्पणी एक बार फिर कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को दिेये गये राजनीतिक स्थान को दर्शाती है।'' ट्रूडो की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा था, ‘‘यह न केवल भारत-कनाडा संबंधों को प्रभावित करता है, बल्कि कनाडा में उसके नागरिकों को क्षति पहुंचाने वाली हिंसा के माहौल को भी बढ़ावा देता है।''
पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी। निज्जर खालिस्तानी आतंकी था। खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था। वह बीते कई सालों से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, निज्जर भारतीय जांच एजेंसियों के लिए पिछले एक साल में इसलिए और भी ज्यादा बड़ा सिरदर्द बन गया था क्योंकि उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों को विदेशों में लॉजिस्टिक और पैसा मुहैया करवाना शुरू कर दिया था।
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे। उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था। 2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उस पर हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को तलाश थी। भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटिड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था। NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था।
आठ अमेरिकी समाचार पत्रों ने कॉपीराइट उल्लंघन पर चैटजीपीटी निर्माताओं पर दायर किया मुकदमा
4 May, 2024 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंटरनेशनल डेस्क: आठ अमरीकी समाचार पत्रों के एक समूह ने एक संघीय अदालत में चैटजीपीटी निर्माताओं ओपन ए.आई. और माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मुकदमा दायर किया है। चैटजीपीटी एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता ( एआई ) चैटबॉट है जो मानवीय संवाद बनाने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण का उपयोग करता है ।
क्या हैं कंपनियों पर आरोप
समाचार पत्रों का आरोप है कि ओपन ए.आई. ने अपने ए.आई. उत्पादों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रकाशकों के लाखों कॉपीराइट लेखों का उपयोग बिना अनुमति और बिना भुगतान के किया। रिपोर्ट के मुताबिक यह मुकदमा प्रतिवादियों द्वारा चैटजीपीटी और माइक्रोसॉफ्ट के को-पायलट सहित उनके जेनेरिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रकाशकों के लाखों कॉपीराइट लेखों को बिना अनुमति और बिना भुगतान के चोरी करने से उत्पन्न हुआ है।
सामग्री का उपयोग के उचित मूल्य की मांग
प्रकाशकों अदालत से उनकी सामग्री का उपयोग करने के लिए सहमति और ऐसे उपयोग के लिए उचित मूल्य की मांग की है। समाचार पत्रों का यह भी दावा है कि ओपन ए.आई. ने कुछ चैटबॉट अनुरोधों में पूर्ण लेख अंश और संभावित रूप से गलत जानकारी की पेशकश की है। इसमें शामिल समाचार पत्र द न्यूयॉर्क डेली न्यूज और द शिकागो ट्रिब्यून हैं, जो दूसरे सबसे बड़े अमरीकी समाचार पत्र समूह एल्डन ग्लोबल कैपिटल के स्वामित्व में हैं। अन्य समाचार पत्रों में द ऑरलैंडो सेंटिनल, द सन सेंटिनल, द सैन जोस मर्करी न्यूज़, द डेनवर पोस्ट, द ऑरेंज काउंटी रजिस्टर और द सेंट पॉल पायनियर प्रेस शामिल हैं।
क्श कहती हैं चैटजीपीटी कंपनियां
ओपन ए.आई. ने विशिष्ट आरोपों को लेकर ज्यादा सफाई नहीं दी हे लेकिन कहा कि वे समाचार संगठनों का समर्थन करने के लिए बहुत सावधानी बरतते हैं। माइक्रोसॉफ्ट समर्थित कंपनी ने समाचार संगठनों के साथ रचनात्मक साझेदारी और बातचीत की ओर भी इशारा किया है। कंपनी ने कई प्रकाशकों के साथ साझेदारी की है, जिनमें द एसोसिएटेड प्रेस, जर्मनी के एक्सल स्प्रिंगर, फ्रांसीसी दैनिक ले मोंडे, स्पेनिश समूह प्रिसा मीडिया और हाल ही में द फाइनेंशियल टाइम्स शामिल हैं। दिसंबर में न्यूयॉर्क टाइम्स ने ओपन ए.आई. पर अपने ए.आई. चैटबॉट चैटजीपीटी को प्रशिक्षित करने के लिए अपने लेखों का उपयोग करके अपने कॉपीराइट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
दुबई के बाद अब सऊदी अरब में भी बाढ़ जैसे हालात, क्लाउड-सीडिंग तकनीक से कृत्रिम बारिश कराने का अंदेशा
4 May, 2024 10:46 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंटरनेशनल डेस्क: वर्तमान में पूरे विश्व प्रकृति से छेड़छाड़ करने का खामियाजा भुगतना रहा है। विकास के एवज में जो प्रकृति का विनाश हुआ है, वह आने वाले दशकों में जलवायु परिवर्तन से पैदा होने वाले खतरों की घंटी बजा रहा है। इसके बावजूद इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रकृति के विरुद्ध अपने अभियान बंद करने को तैयार नहीं है। बीते माह कृत्रिम बारिश कराने का दुबई में के लोगों को जहां भारी खामियाजा भुगतना पड़ा था, वहीं अब सऊदी अरब में भी लोगों को इसी तरह के हालात का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब बाढ़ से तबाह होने वाला नवीनतम खाड़ी देश है। सऊदी अरब में पैदा हुए बाढ़ जेसे हालात को लेकर भी अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या यहां भी बारिश की चाह में कहीं कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड-सीडिंग तकनीक का उपयोग तो नहीं किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में रियाद में अचानक आई बाढ़ से सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। सऊदी अरब के अधिकारियों ने रेगिस्तानी खाड़ी में अचानक आई बाढ़ के बाद कई क्षेत्रों में स्कूल बंद कर दिए। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने कासिम और अन्य क्षेत्रों, राजधानी रियाद और लाल सागर की सीमा से लगे मदीना प्रांत के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इसने तेज हवा के साथ भारी बारिश, क्षैतिज दृश्यता की कमी, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी। सऊदी अरब में इस सप्ताह की भारी बारिश अप्रैल के मध्य में इस क्षेत्र में हुई भारी बारिश के बाद हुई है, जिसमें ओमान में 21 और संयुक्त अरब अमीरात में चार लोगों की मौत हो गई थी। ऐसा कहा जा रहा है कि सऊदी में ये तूफान दुबई की विनाशकारी बाढ़ के मद्देनजर आए हैं, जिसके लिए व्यापक रूप से अति उत्साही क्लाउड सीडिंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
दुबई में हो गए थे जल प्रलय जेसे हालात
बीते माह के मध्य में दुबई बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया था। सड़कें जहां पानी में जलमग्न हो गई थी वहीं स्कूल-कॉलेज, शॉपिंग मॉल, पार्किंग और एयरपोर्ट तकरीबन अधिकतर जगह पानी में डूब गए थे। कई मीडिया रिपार्टों में यह दाावा किया गया है कि वैज्ञानिकों ने बारिश की कमी को पूरा करने के लिए कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया। माना जा रहा है कि इस तकनीक को इस्तेमाल करते समय बादल फटने की भयंकर घटना हुई और दुबई में जल प्रलय जैसे हालात पैदा हो गए। ऐसा कहा जा रहा है कि दुबई में जितनी बारिश डेढ़ साल में होती थी वह महज कुछ ही घंटों में हो गई। मौसम विभाग ने बीते माह 5.7 इंच तक बारिश दर्ज की थी।
क्या है क्लाउड-सीडिंग का कांसेप्ट
क्लाउड-सीडिंग से बारिश करवाने के लिए आम तौर पर एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है। एयरक्राफ्ट में सिल्वर आयोडाइड के दो बर्नर या जनरेटर लगे होते हैं, जिनमें सिल्वर आयोडाइड का घोल हाई प्रेशर पर भरा होता है। निर्धारित इलाके में इसे हवा की उल्टी दिशा में चलाया जाता है। बादल से सामना होते ही बर्नर चालू कर दिये जाते हैं। उड़ान का फैसला क्लाउड-सीडिंग अधिकारी मौसम के आंकड़ों के आधार पर करते हैं। शुष्क बर्फ, पानी को जीरो डिग्री सेल्सियस तक ठंडा कर देती है, जिससे हवा में मौजूद पानी के कण जम जाते हैं। कण इस तरह से बनते हैं, जैसे वे कुदरती बर्फ हों। इसके लिए बैलून, विस्फोटक रॉकेट का भी प्रयोग किया जाता है। क्लाउड सीडिंग का पहला प्रदर्शन जनरल इलेक्ट्रिक लैब द्वारा फरवरी 1947 में बाथुर्स्ट, ऑस्ट्रेलिया में किया गया था। उसके बाद से तमाम देशों ने इसे यूज किया।
ऐसे भी करवाई जाती है कृत्रिम बारिश
पहले चरण में केमिकल्स को एयरक्राफ्ट्स के जरिए उस इलाके के ऊपर बहने वाली हवा में भेजा जाता है जहो बारिश करवानी हो। यह कैमिकल्स हवा में मिलकर बारिश वाले बादल तैयार करते हैं। इस प्रक्रिया में कैल्शियम क्लोराइड, कैल्शियम कार्बाइड, कैल्शियम ऑक्साइड, नमक तथा यूरिया के यौगिक और यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट के यौगिक का इस्तेमाल किया जाता है। ये यौगिक हवा से जलवाष्प को सोख लेते हैं और दवाब बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। दूसरे चरण में बादलों के द्रव्यमान को नमक, यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट, सूखा बर्फ और कैल्शियम क्लोराइड का प्रयोग करके बढ़ाया जाता है। तीसरे चरण में सिल्वर आयोडाइड और शुष्क बर्फ जैसे ठंडा करने वाले रसायनों की आसमान में छाए बादलों में बमबारी की जाती है। ऐसा करने से बादल में छुपे पानी के कण बिखरकर बारिश के रूप में जमीन पर गिरने लगते हैं।
80 किलोमीटर दूर तक ट्रांसफर किए जा सकते हैं बादल
मुबई स्थित इंटरनेशनल स्कूल ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के निदेशक एवं ट्रस्टी अब्दुल रहमान वानू ने दावा किया था कि आधुनिक तकनीक से किसी सूखे क्षेत्र में बारिश करवाने के लिए एक बादल को उसकी मूल स्थिति से अधिकतम 80 किलोमीटर की दूरी तक स्थानांतरित किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के लिए 47 प्रतिशत शुद्धता वाले सिल्वर आयोडीन की जरूरत होती है, जिसे कि अर्जेंटीना से आयात किया जाता है। इस आयात के लिए हमें राज्य सरकार से अंतिम उपभोक्ता प्रमाणपत्र (एंड यूजर सर्टिफिकेट) चाहिए होता है। प्रमाणपत्र मिलने के बाद आयोडीन का आयात किया जा सकता है और कृत्रिम बारिश करवाई जा सकती है। उनका यह भी कहना है कि राकेट तकनीक का परीक्षण सिंधुदुर्ग और सांगली जैसे इलाकों में किया गया है। यह जमीन से दागे जाने पर 45 किलोमीटर की दूर स्थित लक्ष्य को भेद सकता है। रॉकेट के शीर्ष पर मौजूद सिल्वर आयोडीन बादलों में जाकर विस्फोटित हो जाता है। इससे बादलों में एक रासायनिक क्रिया होती है, जिसके चलते 40 से 60 मिनट में बारिश हो जाती है।
भारत के इन राज्यों में क्लाउड सीडिंग प्रोजेक्ट
रिपोर्ट के मुताबिक पानी के संकट से निपटने के लिए भारत के कुछ राज्य अपने ही स्तर पर पिछले 35 वर्षों से प्रोजेक्ट चला रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने 1983 में सूखाग्रस्त इलाकों में पहली बार कृत्रिम बारिश करवाई थी। 2003 और 2004 में कर्नाटक सरकार ने क्लाउड सीडिंग प्रक्रिया को अपनाया और इसके सकारात्मक परिणाम आने पर आज भी राज्य के सूखाग्रस्त इलाकों में कृत्रिम बारिश का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद महाराष्ट्र ने भी सूखे से निपटने के लिए अपने स्तर पर कृत्रिम बारिश का सहारा लिया। आंध्र प्रदेश में 2008 से 12 जिलों में कृत्रिम बारिश करवाने का प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। प्रदेश में कृत्रिम वर्षा के लिए सिल्वर आयोडाइड के स्थान पर कैल्शियम क्लोराइड का प्रयोग किया जा रहा है। आंध्र प्रदेश में कृत्रिम बारिश पर रोजाना करीब 18 लाख रुपए का खर्च आता है।
CM मनोहर लाल से होगा मुकाबला
3 May, 2024 03:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पंचकूला। हरियाणा में करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी तथा हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा (Divyanshu Budhiraja) को कोर्ट ने जमानत दे दी है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने आज ही पंचकूला कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद उन्होंने कोर्ट के समक्ष बेल की अर्जी लगाई। बुद्धिराजा करनाल से कांग्रेस प्रत्याशी है, यहां उनका मुकाबला प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Former CM Manohar Lal) से होगा।
पंचकूला कोर्ट में किया सरेंडर
गुरुवार को दिव्यांशु बुद्धिराजा ने अदालत में भी रिहाई को लेकर याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई। जिसके बाद आज उन्होंने पंचकूला कोर्ट में संविधान की प्रति के साथ सरेंडर किया।अपनी याचिका में बुद्धिराजा ने पंचकूला में दर्ज एफआइआर व उन्हें भगोड़ा घोषित करने के पंचकूला कोर्ट के आदेश को रद करने की मांग की थी।
मनोहर लाल के खिलाफ लगाए थे फ्लैक्स बोर्ड
याचिका में आरोप लगाया गया कि पंचकूला अदालत ने नियमों की अनुपालना न करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित किया है। याचिका के अनुसार उन्हें वर्ष 2018 में हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल के खिलाफ बेरोजगारी को लेकर फ्लैक्स बोर्ड लगाने पर दर्ज केस में भगोड़ा घोषित किया गया।
बुद्धिराजा के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर तीन जनवरी 2024 को पंचकूला सेक्टर 14 के पुलिस थाना में धारा 174ए के तहत मामला दर्ज किया गया। बुद्धिराजा के खिलाफ सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की पुलिस में शिकायत दर्ज थी। इस मामले में न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान वह पेश नहीं हुए थे। जिसके बाद उन्हें भगोड़ा साबित कर दिया गया था।