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गाजा में युद्धविराम को लेकर इजरायल-हमास के बीच खींचतान जारी
3 May, 2024 11:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
गाजा में युद्धविराम को लेकर इजरायल और हमास के बीच खींचतान जारी है। इजरायल जहां अपने 129 बंधकों की रिहाई चाहता है और बदले में फलस्तीनी कैदियों की रिहाई और अस्थायी युद्धविराम की बात कह रहा है, वहीं हमास गाजा में स्थायी युद्धविराम से कम पर तैयार नहीं है।
इजरायली सेना ने रफाह को घेर रखा है
बंधकों की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए इजरायली सेना ने रफाह को घेर रखा है, जहां करीब 14 लाख शरणार्थी हैं। इजरायल ने चेतावनी दी है कि लाचार 33 बंधकों की जल्द रिहाई न हुई तो वह रफाह में जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू कर देगा। इस कार्रवाई में बड़े पैमाने पर खूनखराबा होने की आशंका है।
तुर्किये ने इजरायल के साथ सभी तरह का व्यापार बंद कर दिया
गाजा पट्टी में इजरायली सेना के हमले गुरुवार को भी जारी रहे। इन हमलों में कई लोग मारे गए जिन्हें मिलाकर अभी तक मारे गए कुल लोगों की संख्या 34,596 हो गई है। इस बीच कोलंबिया ने गाजा में निर्दोष फलस्तीनियों के मारे जाने के विरोध में इजरायल के साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए हैं। जबकि तुर्किये ने इजरायल के साथ सभी तरह का व्यापार बंद कर दिया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर फिर जुर्माना लगा सकती है कोर्ट
3 May, 2024 11:41 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पोर्न स्टार को धन देने के मामले में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश ने गुरुवार को संकेत दिया कि वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ रोक के आदेश का उल्लंघन करने के लिए अधिक जुर्माना लगा सकते हैं। इस दौरान न्यायमूर्ति जुआन मर्चन ने बचाव पक्ष के दावे को खारिज कर दिया कि ट्रंप ने आदेश का उल्लंघन नहीं किया।
हालांकि, मर्चन ने यह नहीं बताया कि वह क्या या कब जुर्माना लगाएंगे। सुनवाई के दौरान अभियोजकों का कहना था कि ट्रंप की ओर से की गई टिप्पणियों पर 4000 डॉलर का जुर्माना लगाया जाए। यह 9000 डॉलर से अलग हो, जो मंगलवार को न्यायाधीश ने लगाया था।
न्यायाधीश ने मंगलवार को कहा था कि अगर इसी तरह से रोक की अवहेलना होती रही तो वह पूर्व राष्ट्रपति को जेल भेज सकते हैं, क्योंकि कानून के अनुसार हर उल्लंघन पर एक हजार डॉलर का जुर्माना डोनाल्ड ट्रंप के लिए मायने नहीं रखता। ट्रंप के वकील ने कहा है कि कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक उन्हें राजनीतिक हमलों का जवाब देने से रोकती है। यह अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार को रोकता है।
हर साल 25 वर्जिन लड़कियों संग अय्याशी करता है किम जोंग उन, चुंगल से भागी लड़की ने बताई आपबीती
3 May, 2024 11:27 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इंटरनेशनल डेस्कः उत्तर कोरिया से भागकर आई युवती येओनमी पार्क ने देश के नेता किम जोंग उन के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किम जोंग हर साल 25 वर्जिन लड़कियों को अपने प्लेजर स्क्वॉड के लिए चुनते हैं। इन लड़कियों का चुनाव उनके आकर्षण और राजनीतिक निष्ठा के आधार पर किया जाता है।
30 वर्षीय लेखिका योनमी पार्क ने किया यह दावा
30 वर्षीय लेखिका योनमी पार्क ने किम जोंग को लेकर यह दावा किया है। बता दें कि पार्क 13 साल की उम्र में उत्तर कोरिया से भाग गईं थीं। इसके बाद वह दक्षिण कोरिया और फिर अमेरिका चली गईं थीं। योनमी ने खुलासा किया कि उन्हें भी प्लेजर स्क्वॉड के लिए दो बार चुना गया था, लेकिन उनकी पारिवारिक स्थिति के कारण उन्हें टीम में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों की तलाश करने के लिए अधिकारियों द्वारा कक्षाओं और स्कूल परिसरों का दौरा किया जाता है। जब अधिकारियों को कुछ सुंदर लड़कियां मिल जाती हैं, तो सबसे पहले उनकी पारिवारिक और राजनीतिक स्थिति की जांच की जाती है।
स्क्वॉड में ऐसे चुनी जाती हैं लड़कियां
योनमी पार्क ने दावा किया है कि प्लेजर स्क्वॉड के लिए जब लड़कियां चुन ली जाती हैं, तो सबसे पहले उनकी वर्जिनिटी चेक करने के लिए मेडिकल जांच कराई जाती है। जांच के दौरान शरीर पर मामूली निशान जैसी मामूली सी खामियां पाए जाने पर भी लड़कियों को बाहर कर दिया जाता है। परीक्षण के बाद चुनी गई लड़कियों को प्योंगयांग भेजा जाता है। प्लेजर स्क्वॉड का मुख्य उद्देश्य तानाशाह की इच्छाओं को पूरा करना होता है।
पार्क के अनुसार प्लेजर स्क्वॉड को तीन अलग-अलग समूहों में बांटा जाता है। एक समूह को शरीर की मालिश के लिए तैयार करवाया जाता है। दूसरे समूह से किम जोंग-उन और उनके सहयोगियों के लिए मनोरंजन के लिए गाने और डांस की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा तीसरे समूह की लड़कियों को किम जोंग और अन्य अधिकारियों के साथ यौन संबंध बनाने के लिए तैयार किया जाता है।
पाकिस्तान में टैक्स चोरी करने वालों की मोबाइल सिम होगी ब्लॉक
2 May, 2024 08:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार वहां के लोगों की हरकतों से इतनी परेशान हो गई है कि अब उनके खिलाफ एक बड़ा एक्शन लेने जा रही है। जी हां, पाकिस्तान में अधिकारियों ने टैक्स चोरों के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया है। इसके तहत पांच लाख से अधिक कर टैक्स बकायादारों के मोबाइल फोन सिम कार्ड ब्लॉक करने का फैसला लिया है। फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने एक इनकम टैक्स जनरल ऑर्डर (आईटीजीओ) में कहा कि 2023 में टैक्स रिटर्न जमा नहीं करने वाले 506,671 लोगों के मोबाइल सिम ब्लॉक कर दिए जाएंगे। ऐसे करने से पाकिस्तानी टैक्स चोरों में हाहाकार मच सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एफबीआर ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) और सभी दूरसंचार प्रदाताओं को ऐसे लोगों के सिम को ब्लॉक करने के लिए 2024 के आयकर सामान्य आदेश (आईटीजीओ) संख्या 01 को तुरंत लागू करने और 15 मई तक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया गया है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि एफबीआर ने 2.4 मिलियन (24 लाख) संभावित करदाताओं की पहचान की है, जिन्होंने टैक्स चोरी की है। ऐसे लोगों को नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं।
एफबीआर ने मानदंड के आधार पर सिम कार्ड ब्लॉक करने के लिए 24 लाख लोगों में से करीब 5 लाख से ज्यादा लोगों का चयन किया है। ये ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पिछले तीन सालों में से एक में टैक्सेबल इनकम घोषित की होगी और ऐसे लोगों ने टैक्स साल 2023 के लिए अपना रिटर्न दाखिल नहीं किया है। एफबीआर को 1 मार्च 2024 तक 4.2 मिलियन करदाता प्राप्त हुए, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान 3.8 मिलियन रिटर्न प्राप्त हुए थे।
बता दें कि ऐसे लोगों के सिम कार्ड तब तक ब्लॉक रहेंगे, जब तक एफबीआर या अंतर्देशीय राजस्व आयुक्त द्वारा उस व्यक्ति पर अधिकार बहाल नहीं किया जाता। पाकिस्तान में सिम कार्ड ब्लॉक होने से हाहाकार मच जाएगा, क्योंकि इससे लाखों लोग परेशान हो जाएंगे। आज के समय में मोबाइल के बिना रहना आसान नहीं, ऐसे में अगर सिम कार्ड ब्लॉक हो जाता है तो बैंकिंग सुविधा का लाभ उठाने वाले लोग काफी परेशान हो जाएंगे।
पश्चिमी मीडिया को भारत की प्रगति से हो रही जलन, वह सच्चाई से दूर: डॉ.मैराल
2 May, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
न्यूयार्क। पश्चिम मीडिया भारत की प्रगति को समझ नहीं पा रही है और उससे जलन रखने अलग कहानियां लिख रहा है जिसकी कोई विश्वसनीयता नहीं है। अमेरिका के सैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी शिक्षाविद डॉ.अनुराग मैराल ने दस साल को भारत की उल्लेखनीय प्रगति वाला करार दिया है।
स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय के स्टैंडफोर्ड बेयर्स सेंटर फॉर डिजाइन में वैश्विक संपर्क कार्यक्रम के निदेशक और औषधि विभाग के प्रोफेसर डॉ.अनुरागा मैराल ने एक साक्षात्कार में कहा कि अगर आप वास्तविक स्थिति जानना चाहते हैं तो जमीन पर जाकर काम करें। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि भारत जैसे जटिल देश के लिए दूर से रिपोर्टिंग करना ऐसी कहानियां लिखने का एक नुस्खा है जो आपको विश्वसनीयता प्रदान नहीं करती हैं। मैराल भारतीय चुनावों, लोकतंत्र की स्थिति और पीएम मोदी को लेकर पश्चिमी मीडिया में विशेष रूप से अमेरिका में हाल में प्रकाशित नकारात्मक लेखों की श्रृंखला को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अधिकांश प्रमुख वैश्विक मीडिया की जो रिपोर्ट सामने आ रही हैं, वे उन्हें कुछ मायनों में कम विश्वसनीय और हास्यास्पद बनाती हैं। हममें से अधिकांश जो भारत को जानते हैं वे अब वास्तव में उन खबरों का अनुसरण नहीं करते हैं क्योंकि हम उन्हें केवल सतही पाते हैं और वास्तविक आंकड़ों पर आधारित नहीं हैं। भारतीय लोकतंत्र के भविष्य और देश के अधिनायकवादी शासन की ओर बढ़ने के आरोपों के बारे में अमेरिकी मीडिया में प्रकाशित हो रही खबरों और विचारों को लेकर पूछे गए सवाल पर डा मैरान ने कहा कि यह सच्चाई से बहुत दूर है।
उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से भारत को निकट भविष्य में निरंकुश शासन की दिशा में बढ़ते हुए नहीं देखता हूं। शायद कभी नहीं। मुझे भारतीय लोगों पर यकीन है। भारतीयों में जबरदस्त आत्मविश्वास है, वे अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में बहुत ही जागरूकता हैं। उन्होंने कहा कि आमतौर पर पश्चिमी मीडिया के संभ्रांत लोग भारतीय मतदाताओं की परिपक्वता के स्तर की सराहना नहीं करते हैं और मुझे नहीं लगता कि भारतीय निरंकुशता के पक्ष में खड़े होंगे। उन्होंने कहा कि भारत विकास की एक उल्लेखनीय कहानी है। उन्होंने कहा कि कई मायनों में, भारत वहीं खड़ा है जहां चीन 20 साल पहले था। लेकिन वह चीन से अलग रास्ता अपना रहा है। यह निश्चित रूप से लोकतांत्रिक है, यह पश्चिम के साथ कहीं अधिक सहयोगात्मक तरीके से जुड़ा हुआ है।
दक्षिणी ब्राजील में बारिश का कहर .....10 की मौत 31 लापता
2 May, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रियो डी जनेरियो । दक्षिणी ब्राजील में बारिश कहर ढहा रही है। दक्षिणी राज्य रियो ग्रांडे डो सुल में इस सप्ताह भारी बारिश के कारण दस लोगों की मौत हुई और 21 लोग लापता हैं। स्थानीय सरकार ने चेतावनी दी है कि स्थिति गंभीर है और यह कुछ दिनों में और भी खराब हो सकती है। सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि तूफान से हुए नुकसान के कारण 3,300 से अधिक लोगों अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर गए है। राज्य के गवर्नर एडुआर्डो लेइट ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से बात की थी और हर संभव संघीय सहायता की मांग की थी। गवर्नर के अनुसार, तूफान ने हाल के वर्षों में राज्य में सबसे व्यापक तबाही मचाई है। बाढ़ और भूस्खलन के बीच पुलों के ढहने और सड़कों के नष्ट होने के कारण कई शहर अलग-थलग पड़ गए हैं।
चीन में हाईवे का हिस्सा धंसा, 36 लोगों की मौत कई घायल
2 May, 2024 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
बीजिंग। दक्षिणी चीन में भारी बारिश के बाद हाईवे का एक हिस्सा ढह गया जिससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और उनमें आग लग गई। इस हादसे में कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार दक्षिणी चीन के मीझोउ शहर प्रशासन ने बताया कि बुधवार रात दो बजे राजमार्ग का 17.9 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया जिससे 23 वाहन एक गड्ढे में गिर गए। कम से कम 36 लोगों मारे गए हैं और 30 घायल हुए हैं। गुआंगदोंग प्रांत के कुछ हिस्सों में पिछले दो हफ्तों में बारिश और बाढ़ आने के साथ ही ओलावृष्टि हुई है। पिछले सप्ताहांत प्रांत की राजधानी गुआंगझोऊ में एक तू्फान में पांच लोगों की मौत हुई थी। ऐसा माना जा रहा है कि बारिश के कारण राजमार्ग के नीचे सड़क का एक हिस्सा भी धंस गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्हें तेज आवाज सुनाई दी जिसके बाद उन्होंने वहां एक बड़ा गड्ढा देखा। स्थानीय मीडिया में घटना के वीडियो और तस्वीरें जारी की हैं जिसमें घटनास्थल पर धुआं निकलता और आग लगी दिखाई दे रही है। इसके साथ ही घटनास्थल पर गाड़ियों का ढेर नजर आ रहा है। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गया है।
जज की चेतावनी के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने न्यायाधीश को कहा कुटिल
2 May, 2024 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वौकेशा। कोर्ट की अवमानना मामले में दोषी ठहराए जाने और ‘गैग आदेश’ का उल्लंघन करने पर जज ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को विचाराधीन मामले में बयानबाजी करने की मनाही (गैग आदेश) के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए उन पर नौ हजार डॉलर का जुर्माना लगाया। जेल जाने की चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद पूर्व अमेरकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने खिलाफ रिश्वत मामले में सुनवाई कर रहे जज को कुटिल कह दिया है।
2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर वयस्क फिल्मों की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को, उन दोनों के कथित अवैध संबंधों के बारे में चुप्पी साधने के बदले 130,000 डॉलर की रिश्वत देने का तथा इस राशि के भुगतान को छिपाने के लिए रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप है। मामले की सुनवाई कर रहे जज ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को विचाराधीन मामले में बयानबाजी करने की मनाही (गैग आदेश) के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए उन पर नौ हजार डॉलर का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना चुप रहने के लिए धन देने के मामले में गवाहों, ज्यूरी और अन्य के संबंध में सार्वजनिक बयान देने से रोकने वाले ‘गैग आदेश’ का लगातार उल्लंघन करने पर लगाया गया। ट्रंप के सोशल मीडिया और प्रचार वेबसाइट पर पोस्ट के लिए जुर्माना लगाते हुए न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने कहा था कि यदि ट्रम्प ने उनके आदेशों का उल्लंघन करना जारी रखा, तो वह जेल जांएगे। बता दे ‘गैग आदेश’ न्यायाधीश द्वारा अदालत के समक्ष वकीलों, गवाहों और पक्षों को किसी मामले के तथ्यों पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करने के लिए दिया जाता है। यह आम तौर पर विशेष आपराधिक मामलों में दिया जाता है ताकि प्रतिवादी को निष्पक्ष सुनवाई का आश्वासन दिया जा सके।
वहीं पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विस्कॉन्सिन के वौकेशा में एक कार्यक्रम में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, कोई अपराध नहीं है। एक कुटिल न्यायाधीश हैं। वह पूरी तरह से विरोधाभासी न्यायाधीश हैं। उन्होंने दावा किया कि यह मामला और उनके खिलाफ अन्य मामले व्हाइट हाउस द्वारा उनके चुनाव अभियान को कमजोर करने के लिए चलाए गए हैं।
वाट्सएप पर स्टेटस लगाकर पति ने पत्नी के बारे में लिखी अश्लील बातें
2 May, 2024 04:27 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
यमुनानगर। दहेज प्रताड़ना के केस को वापस लेने को लेकर महिला पर पति दबाव बना रहा है। उसके बारे में अभद्र टिप्पणी कर वाट्सएप पर स्टेटस लगा रहा है। जिससे महिला परेशान है। उसने महिला थाना पुलिस को शिकायत देकर आरोपित पति के विरुद्ध केस दर्ज कराया।
आरोपित केस को वापस लेने का बना रहा दबाव-पत्नी का आरोप
पुलिस (Yamunanagar Police) को दी शिकायत के अनुसार, महिला का अपने पति बैंक कर्मी महेश के साथ दहेज प्रताड़ना का केस कोर्ट में विचाराधीन है। आरोपित इस केस को वापस लेने का दबाव बना रहा है। मना करने पर वह उसके बारे में अश्लील टिप्पणी कर रहा है। इसका स्टेटस वाट्सएप पर भी लगाया। आरोप है कि महिला के सहकर्मी के साथ संबंध बताकर वाट्सएप पर स्टेटस भी लगाया। जिससे उसकी बदनामी हो रही है। केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए अलग-अलग नंबरों से काल करा रहा है। जिससे वह परेशान है।
इंस्टा पर लाइव होकर युवक को दी धमकी, आरोपित काबू
वहीं दूसरा मामला आजादनगर कालोनी का है। दहां पर निवासी भीम को इंस्टाग्राम पर लाइव होकर जान से मारने की धमकी दी जा रही है। आरोप जतिन व अभिषेक पांडे पर लगा है। आरोपितों के साथ उसका पूर्व में भी झगड़ा हो चुका है। जिस वजह से वह रंजिश रखे हुए हैं। शहर यमुनानगर थाना पुलिस ने केस दर्ज किया। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की शुरू
आजादनगर कालोनी निवासी भीम ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जवाहरनगर निवासी जतिन व शांति कालोनी निवासी अभिषेक पांडे के साथ उसका पूर्व में झगड़ा हुआ था। जिसको लेकर वह रंजिश रखे हुए हैं। आरोपित उसे धमकी दे रहे हैं। इंस्टाग्राम पर लाइव होकर उसे गालियां देते हैं और टांगें तोड़ने की धमकी देते हैं। आरोपित उसके साथियों को भी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिससे वह दहशत में है। शिकायत पर पुलिस (Haryana Police) ने केस दर्ज किया।
फलस्तीन में रहने वाले फलस्तीनियों को अमेरिका लाएगा बाइडन प्रशासन
2 May, 2024 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
वाशिंगटन। इजराइल और हमास युद्ध के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन अमेरिका में रहने वाले फलस्तीनियों की मदद पर विचार विमर्श कर रहा है जो युद्धग्रस्त क्षेत्र से अपने परिवारों को अमेरिका लाना चाहते हैं। व्हाइट हाउस जारी एक बयान में कहा गया है कि हम उन फलस्तीनियों को और मदद देने के लिए नीतिगत प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं जो अमेरिकी नागरिकों के परिजन हैं और अमेरिका आना चाहते हैं। बयान में कहा कि विचार विमर्श किया जा रहा है लेकिन इस संबंध में फिलहाल कोई ब्योरा नहीं है।
बयान में कहा गया है इस नए कदम से उन लोगों को मदद मिलेगी जो कानूनी रूप से स्थायी निवासी या अमेरिकी नागरिक है और जिनके परिवार वहां हैं। इस समय किसी के लिए भी गाजा पट्टी से बाहर निकलना मुश्किल है क्योंकि इज़राइल-हमास युद्ध जारी है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार युद्ध में अब तक 34,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर बच्चे और महिलाएं हैं। इस कदम पर बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इज़राइल दक्षिणी गाजा के रफह शहर में एक बड़ा सैन्य अभियान शुरु करेगा। वहीं बाइडन प्रशासन ने इजराइल को चेतावनी दी है कि उसकी ये कार्रवाई विनाशकारी साबित होगी। इससे युद्ध और भड़कने और क्षेत्र में अशांति फैलने की सभावना है।
अमेरिकी डॉक्टर की आपबीती जो ग़ज़ा की त्रासदी को कभी नहीं भूल पाएगा
1 May, 2024 11:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सैम अटर मानते हैं कि वो अपनी आत्मा का एक हिस्सा ग़ज़ा में छोड़ आए हैं. ये सैम का वो हिस्सा है जिसने बहुत कुछ सहा है और इससे वो मुंह नहीं मोड़ सकते. ये वो हिस्सा है जिसे वो कभी नहीं भूल सकते.
सैम को अपने घर शिकागो आए तीन हफ़्ते हो गए हैं लेकिन ऐसा लगता है वो कल की ही बात है. दूसरी दुनिया का वो चेहरा उनके साथ ही है: जेना, डरी सहमी वो लड़की जो और बीमार होती जा रही थी, अस्पताल के एक बेड पर पड़ी हुई थी, वहीं उसकी मां सैम को जेना के पिछले जन्मदिन की तस्वीरें दिखा रही थीं, ये तस्वीरें त्रासदी से पहले की खुशनुमा यादें थीं.
एक और मां यहां थी जिसके 10 साल के बेटे की मौत हो गई थी.
मुल्क जहां गर्मी की वजह से ब्रेड और दूध से महंगी बिक रही है बर्फ़
1 May, 2024 10:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ये गर्मियों का मौसम है और भारत ही नहीं दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोग इससे परेशान हैं.पश्चिमी अफ्रीका के देश माली में तो रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही जहां हालात इतने बिगड़ गए हैं कि आइस-क्यूब्स (बर्फ़ के टुकड़े) ब्रेड और दूध से महंगी बिक रही है.माली की राजधानी बमाको में एक दुकान के बाहर मिली फातूमा यातारा ने बताया, "बहुत गर्मी पड़ रही है. मैं यहां बर्फ़ खरीदने आई हूं."बिजली की भी दिक्कत है. पावर कट का ये आलम है कि लोगों के घरों में फ्रिज तक काम नहीं कर रहे हैं.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी कैंपस में न्यूयॉर्क पुलिस के दाख़िल होने के बाद यूनिवर्सिटी ने कहा- हमारे पास कोई विकल्प नहीं था
1 May, 2024 09:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कोलंबिया यूनिवर्सिटी ने न्यूयॉर्क पुलिस के कैंपस में दाखिल होने और मंगलवार के पूरे रात के घटनाक्रम पर बयान जारी किया है.
यूनिवर्सिटी का बयान
"आज रात 9 बजे के बाद न्यूयॉर्क पुलिस यूनिवर्सिटी के अनुरोध पर कैंपस में घुसी है. यह फ़ैसला हमारी कम्युनिटी में सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने के लिए किया गया.
हमें खेद है कि प्रदर्शनकारियों ने अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाने और इसे बुरी स्थिति में ले जाने का विकल्प चुना. हमें रातों-रात पता चला कि हैमिल्टन हॉल पर कब्ज़ा कर लिया गया है, तोड़फोड़ की गई है और उसे ब्लॉक किया गया है तो हमारे पास पुलिस को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा. कोलंबिया के सुरक्षाकर्मियों को इमारत से बाहर निकाल दिया गया, और हमारी फैसिलिटी टीम के एक सदस्य को धमकी दी गई. हम अपने कम्युनिटी की सुरक्षा को जोखिम में नहीं डाल सकते.
यूनिवर्सिटी के ट्रस्टीज़ के बोर्ड सहित लीडरशिप टीम ने बीती पूरी रात और आज सुबह में बैठक की, हमारे छात्रों और पूरे कोलंबिया कम्युनिटी की सुरक्षा के लिए बेहतर प्लान बनाने के लिए सुरक्षा विशेषज्ञों और लॉ इनफोर्समेंट के साथ परामर्श किया. आज सुबह हमने तय किया कि ये लॉ इनफोर्समेंट का मामला है और न्यूयॉर्क पुलिस इससे निपटने के लिए सबसे उपयुक्त है.
हमारा मानना है कि जिस ग्रुप ने इमारत में तोड़फोड़ की और उस पर कब्ज़ा कर लिया, उसका नेतृत्व ऐसे व्यक्तियों ने किया है जो यूनिवर्सिटी से नहीं हैं. अफसोस की बात है कि यह फैसला वेस्ट लॉन में कैंप लगाने वाले प्रदर्शनाकारियों के साथ एक सप्ताह से अधिक समय तक हुई सार्थक चर्चा के बाद लेना पड़ रहा है.
हमने मंगलवार सुबह से मॉर्निंग साइड कैंपस में लोगों की संख्या को काफ़ी कम कर दिया था. दिनभर में, हमने अपने कम्युनिटी को कैंपस की इमारतों एक्सेस के बारे में अपडेट किया और अगले कुछ दिनों तक ऐसा करना जारी रखेंगे.
एनवाईपीडी (न्यूयॉर्क पुलिस) तक पहुंचने का निर्णय प्रदर्शनकारियों के एक्शन के जवाब में किया गया,न कि उस कारण के लिए जिसका वे समर्थन कर रहे हैं. हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि नियमों और कानून का उल्लंघन करने वाले प्रदर्शनकारी कैंपस अनिश्चितकाल तक बाधित नहीं कर सकते.
मंगलवार की सुबह से प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन को खतरनाक और अस्थिर स्थिति में पहुंचा दिया- जिसमें संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, दरवाज़े और खिड़कियां तोड़ना, लोगों की एंट्री रोकना और हमारी सुविधाओं और सुरक्षा कर्मचारियों को बाहर निकालना शामिल है. हम उचित रूप इसका से जवाब दे रहे हैं, हमने पहले से स्पष्ट कर दिया है कि हम ऐसा करेंगे. हमारी कम्युनिटी की सुरक्षा करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.”
गर्लफ्रेंड ढूंढ रहे शख्स ने हाईवे पर होर्डिंग लगवा दी, जानते हैं डिमांड्स क्या रखी हैं?
1 May, 2024 08:30 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
70 साल के एक बुजुर्ग को अपने लिए गर्लफ्रेंड की तलाश है. इसके लिए उन्होंने एक ऐड भी छपवाया है. मैट्रीमोनियल वेबसाइट, या अखबारों में नहीं. उन्होंने ये ऐड सीधा बिलबोर्ड पर छपवाया है. और हर हफ्ते वो इस बिलबोर्ड के लिए हजारों रुपये का किराया भी चुका रहे हैं. ऐड में उन्होंने बकायदा अपनी डिमांड्स भी मेंशन की हैं. भारी भरकम खर्चा करने के बाद उनके लिए करीब 400 से ज्यादा कॉल्स भी आ गई हैं. जानते हैं पूरा मामला.
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के टेक्सस के रहने वाले 70 साल के अल गिलबर्टी ने एक बिलबोर्ड किराए पर लिया है. ये बिलबोर्ड 20 फुट का है. जो टेक्सस के एक हाईवे पर मौजूद है. इसके लिए वो हर हफ्ते करीब 33 हजार रुपये किराया दे रहे हैं. बिलबोर्ड पर उन्होंने अपना अकेलापन दूर करने के लिए ऐड छपवाया है.
गिलबर्टी की मांग
ऐड में गिलबर्ट ने दूसरी जगह शिफ्ट होने की बात करते हुए कहा,“मैं एक गर्लफ्रेंड ढूंढ रहा हूं. ताकि मैं उससे शादी कर सकूं. उसके साथ 'कैरिओके' के मजे ले सकूं.”
बातचीत के दौरान उन्होंने बताया,“मैं सिर्फ एक वफादार साथी चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि कोई अपने बारे में ईमानदारी से सब बताए और मेरे लिए लॉयल हो. मैं एक खुले विचारों वाला इंसान हूं. और मुझे लगता है कि मैं ऐसा पार्टनर चाहता हूं जो मेरी बात सुने.”
कैरिओके एक तरह का म्यूजिक सिस्टम होता है. इसमें एक माइक कनेक्ट होता है. म्यूजिक सिस्टम में बैकग्राउंड म्यूजिक बजता रहता है और लोग माइक परगाना गाकर एंजॉय करते हैं.
कंपनी ने बताया कि गिलबर्टी के ऐड पर दो हफ्तों के अंदर 400 से ज्यादा कॉल और करीब 50 ईमेल आ चुके हैं. उन्होंने आगे बताया कि कॉल करने वालीं ज्यादातर लड़कियों ने गिलबर्टी की संपत्ति के बारे में जानकारी मांगी है.
9000 डॉलर का लगाया जुर्माना...
30 Apr, 2024 11:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को अमेरिका की एक अदालत ने उन्हें अवमानना का दोषी ठहराया है। गैग के आदेशों का बार-बार उल्लंघन करने के लिए अदालत ने उनपर नौ हजार अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाया है। गैग ने उन पर गुप्त धन मामले से जुड़े गवाहों, जूरी सदस्यों सहित अन्य चीजों के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान देने पर प्रतिबंध लगाया था। गौरतलब है कि अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच सीधा मुकाबला है।
उल्लंघन के नौ मामलों में आरोपी पाए गए ट्रंप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अभियोजकों ने ट्रंप के खिलाफ 10 मामलों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। हालांकि, न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन ने उन्हें नौ मामलों में उल्लंघन का आरोपी माना। कोर्ट का यह अर्थदंड ट्रंप के लिए एक कड़ी फटकार है क्योंकि वह हमेशा कहते थे कि वे अपने स्वतंत्र भाषण के अधिकारों का प्रयोग कर रहे हैं। ट्रंप के साथ-साथ आज उनका बेटा एरिक भी अदालत आए थे। ऐसा पहली बार हुआ कि ट्रंप के साथ उनके परिवार का कोई सदस्य उनके आपराधिक मुकदमे में शामिल हुआ।
मामले में हुई पहली गवाही
हाल ही में मामले में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ नेशनल इन्क्वायरर प्रकाशक डेविड पेकर ने गवाही दी थी। पेकर ने बताया था कि उन्होंने 2016 में ट्रंप की राष्ट्रपति की दावेदारी में मदद करने के लिए अपने टैब्लॉइड का उपयोग करने के लिए गोपनीय समझौता किया था। पेकर आपराधिक गुप्त धन मुकदमे के पहले गवाह हैं। पेकर ने न्यूयॉर्क की अदालत में कहा कि 2015 में उन्होंने ट्रंप से कहा था कि इन्क्वायरर आपके बारे में सकारात्मक कहानियां प्रकाशित करेगा।
ट्रंप की मदद करना मतदाताओं को धोखा देना
पेकर ने ट्रंप को 2016 के चुनावों में कथित विवाहेतर संबंधों की कहानियों को दबाने में मदद की। यौन दुर्व्यवहार के कई आरोपों का सामना कर रहे ट्रंप की मदद करना मतदाताओं को धोखा देना है। पेकर ने ट्रंप पर पोर्न स्टार डेनियल्स को दिए 1,30,000 डॉलर के भुगतान को छिपाने के लिए व्यवसायिक रिकॉर्ड में आपराधिक रूप से हेराफेरी करने का आरोप लगाया है। हालांकि, वकीलों का तर्क है कि ट्रम्प ने कोई अपराध नहीं किया।
‘स्टार्मी डेनियल को दिए 130,000 डॉलर’
ट्रंप के पूर्व वकील माइकल कोहेन ने स्टॉर्मी डेनियल को 130,000 डॉलर का भुगतान किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि स्टॉर्मी डेनियल ट्रंप के साथ अवैध संबंधों को लेकर चुप्पी साधे रखें। इस मामले में ट्रंप ने डेनियल के साथ संबंधों से इनकार किया है।
अभियोजन पक्ष ने लगाए यह आरोप
इससे पहले, सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यू कोलांगलो ने बताया कि ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार करने के लिए एक आपराधिक योजना बनाई है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले यह ट्रंप के चार आपराधिक मुकदमों में से एकमात्र मुकदमा हो सकता है, जिस पर सुनवाई होनी है। अगर ट्रंप इस मामले में दोषी करार दिए जाएंगे तो उनकी उम्मीदवार पर खतरा पैदा हो सकता है। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने समर्थकों से पूरे देश की अदालतों में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया।
अदालत बदलने की मांग, कोर्ट ने कर दिया था खारिज
मामले में इससे पहले, अदालत ने ट्रंप की एक याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने मांग की थी कि गुप्त धन मामले की सुनवाई के लिए अदालत को बदला जाए। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के वकीलों ने अदालत से मुकदमे को स्थगित करने का आग्रह किया था, लेकिन जस्टिस लिजबेथ गोंजालेज ने उनकी अपील खारिज कर दी।