उत्तर प्रदेश
राजनाथ सिंह 29 अप्रैल को दाखिल करेंगे नामांकन
28 Apr, 2024 03:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । लखनऊ संसदीय सीट के भाजपा प्रत्याशी एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 29 अप्रैल को नामांकन करेंगे। तय कार्यक्रम के मुताबिक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय के समक्ष सुबह 9 बजे सभी लोग एकत्रित होंगे। सुबह 10 बजे राजनाथ सिंह पार्टी रथ पर वरिष्ठ नेताओं के साथ कलक्ट्रेट रवाना होंगे। प्रदेश कार्यालय से शुभारंभ से लेकर पूरे रास्ते विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा, ढोल नगाड़े, शंखनाद के साथ स्वागत अभिनंदन किया जाएगा। नामांकन की तैयारी के तहत हलवासिया कोर्ट में लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें सांसद रमापति राम शास्त्री, लोकसभा संयोजक व एमएलसी मुकेश शर्मा, महापौर सुषमा खर्कवाल आदि ने कार्ययोजना बनाई।
ईवीएम पर सवाल उठाने वाले वही लोग हैं जो कभी बैलेट लूटा करते थे-योगी
28 Apr, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ईवीएम पर सवाल उठाने पर कांग्रेस ओर इंडी गठबंधन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि ये वही लोग हैं जो बैलेट लूटने का काम करते थे। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में पुख्ता हार को देख कांग्रेस के लोग ईवीएम पर दोषारोपण कर रहे हैं। सीएम योगी शनिवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने गोमांस मुद्दे पर भी कांग्रेस और इंडी गठबंधन को निशाने पर लिया। सीएम योगी ने पूछा कि वो अपने घोषणापत्र में लिख रहे हैं अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद के खान-पान का अधिकारी दिया जाएगा। आखिर अल्पसंख्यकों का ऐसा कौन सा खान-पान है जो शेष समुदाय से अलग है। मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर इंडी गठबंधन के अन्य सहयोगियों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
मुख्यमंत्री ने ईवीएम मुद्दे पर कहा है कि इंडी गठबंधन जब भी हार रहा होता है, तो अपनी हार का ठीकरा ईवीएम पर डालने का प्रयास करता है। 2014 से लगातार हम सब इस बात को सुन रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से पूछा कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में क्या बैलेट पेपर से सरकार बनी थी, 2004 में यूपीए की सरकार और 2018 में राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की तथा दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार क्या बैलेट पेपर से बनी थी?
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग ईवीएम को नकार रहे हैं ये वही हैं जो बैलेट बॉक्स लूटने का काम करते थे। अगर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव की सुचिता को सुनिश्चित किया है तो ये लोग अपना गुस्सा ईवीएम पर फोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले दो चरणों के चुनाव के रुझान ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में फिर एक बार मोदी सरकार बनने जा रही है। देश ने तय कर लिया है कि अबकी बार 400 पार का जनादेश एनडीए को देने जा रही है। जब एनडीए भाजपा के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है तो खीझ मिटाने के लिए इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को निशाना बना रहे हैं। ये लोग अपनी हार को पुख्ता कर रहे हैं और दोषारोपण के लिए ईवीएम सबसे सस्ता औजार है।
यूपी में 80 लाख के पार पहुंचे एबीएचए बेस्ड ओपीडी रजिस्ट्रेशन
28 Apr, 2024 01:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । हेल्थ सेक्टर में नए कीर्तिमान बना रहे उत्तर प्रदेश ने अब एक और उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) आधारित ओपीडी रजिस्ट्रेशन में 80 लाख के आंकड़े को पार कर लिया है। इस संख्या तक पहुंचने वाला उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य है। यह सीएम योगी द्वारा प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के प्रति लोगों में जागरूकता और सक्रिय भागीदारी के लिए कीए गए प्रभावी प्रयासों का प्रतिफल है।
शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत एबीएचए आधारित रजिस्ट्रेशन की संख्या 80,60,089 पहुंच गई है। यह देश में सर्वाधिक है। दूसरे स्थान पर मौजूद आंध्र प्रदेश (44,98,060) की तुलना में यूपी ने 35 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करने में सफलता प्राप्त की है। यूपी और आंध्र प्रदेश के अलावा टॉप 5 सूची में कर्नाटक (35,78,779), जम्मू एंड कश्मीर (33,75,658) और दिल्ली (18,16,328) शामिल हैं। आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (एबीएचए) राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) की पहल है। यह आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत शुरू किया गया एक स्वास्थ्य बचत खाता है। इसे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उनकी स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। एबीएचए के साथ, नागरिक अपने चिकित्सा और स्वास्थ्य रिकॉर्ड को एक केंद्रीकृत खाते में संग्रहीत कर सकते हैं और इसे अपनी विशिष्ट एबीएचए आईडी के माध्यम से एक्सेस कर सकते हैं। एबीएचए आईडी नागरिक के आधार या मोबाइल नंबर से जुड़ी एक अद्वितीय 14 अंकों की पहचान संख्या है। यह उन्हें सभी सूचनाओं को डिजिटल रूप से संग्रहीत करने और उन तक पहुंचने में मदद करता है। इसमें उनका स्वास्थ्य इतिहास, परामर्श विवरण, मेडिकल रिकॉर्ड और नुस्खे शामिल हैं।
यूपी में अब आसान नहीं गोकशी, 10 साल तक जेल और 5 लाख तक जुर्माने का है प्राविधान
28 Apr, 2024 12:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर गोमांस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस देश का हिंदू गोमांस से पूरी तरह से परहेज करता है। गाय उसके लिए मां के समान है। कांग्रेस मुसलमानों को इसकी छूट देने का कुत्सित प्रयास कर रही है। यह कोई भी स्वीकार नहीं करेगा। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश ने गोहत्या को लेकर प्रदेश में पहले से ही कड़ा कानून बना रखा है। इसके तहत, प्रदेश में गोकशी पर 10 साल की सजा और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, गोवंश के अंगभंग पर सात साल की जेल और 3 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
योगी सरकार ने 2020 में ही गोकशी पर अध्यादेश लाने के साथ इसे कानून का रूप दिया था। उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अधिनियम 2020 में योगी सरकार ने कई नए प्राविधानों को जोड़ा था, जिससे प्रदेश में गोकशी करना आसान नहीं रह गया है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा और कड़ी कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। इससे पूर्व के कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था। लेकिन संशोधित अधिनियम में गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय किया गया है। वहीं, गोवंश को अंगभंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा। अधिनियम में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जो कोई किसी गाय या उसके गोवंश को ऐसी शारीरिक क्षति करता है, जो उसके जीवन को संकट में डाले या अंग भंग करे, उस व्यक्ति पर एक वर्ष से साथ वर्ष तक की सजा और एक लाख रुपए से तीन लाख रुपए तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
संशोधित कानून के अनुसार अगर तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश जब्त किया जाता है तो एक साल तक उसके भरण-पोषण के खर्च की वसूली भी अभियुक्त से ही की जाएगी। पूर्व के कानून में गोवंश या उसके मांस को ढोने वाले वाहनों, उनके मालिकों या चालकों पर कार्रवाई को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। वहीं संशोधित कानून में अब जब तक वाहन मालिक साबित नहीं कर देंगे कि उन्हें वाहन में प्रतिबंधित मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी दोषी माने जाएंगे। साथ ही चालक और ऑपरेटर भी दोषी होंगे। वाहन सीज कर दिया जाएगा। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैरजमानती होंगे।
योगी सरकार ने 2020 में अध्यादेश और फिर अधिनियम बनाकर इसे प्रदेश में लागू किया था। इस कानून की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई थी, क्योंकि पूर्व के कानून में अनेक संशोधनों के बाद भी इस प्रकार की शिथिलता बनाए रखी गई जिसके कारण कानून का क्रियान्वयन जन आकांक्षाओं के अनुरूप प्रभावी रूप से नहीं किया जा सका और गाय तथा गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन की शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। इसलिए कानून में संशोधन करके गोवंश के अवैध वध एवं अवैध परिवहन पर कड़े दंड का प्रावधान किया गया।
मेरठ में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हुआ
27 Apr, 2024 07:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मेरठ । उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक मेरठ में चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यहां भाजपा व इंडिया गठबंधन और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना है। मेरठ लोकसभा सीट के लिए दूसरे चरण के तहत मतदान जारी है। मालूम हो कि यहां बीजेपी ने लोकप्रिय टीवी धारावाहिक रामायण में भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को मेरठ से मैदान में उतारा है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक भाजपा उम्मीदवार की जीत काफी हद तक दलित वोटों के विभाजन और शहरी इलाकों में उच्च मतदान प्रतिशत पर निर्भर करती है। वोटिंग शुरू होने पर गोविल ने खुद कहा कि मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि सब लोगों को वोट जरूर डालना चाहिए। ये हमारा देश के प्रति कर्तव्य है। यही नहीं मतदान हमारा अधिकार भी है।
अरुण गोविल के सामने मुख्य चुनौती समाजवादी पार्टी की प्रत्यासी सुनीता वर्मा हैं जो दलित हैं। वह मेरठ की पूर्व मेयर भी हैं और पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पत्नी हैं। बसपा ने देवव्रत त्यागी को मैदान में उतारा है जो जाति से ब्राह्मण हैं। हालांकि इस सीट पर किसी भी बड़ी पार्टी से मुस्लिम उम्मीदवार न होने से चुनावी फाइट बेहद दिलचस्प हो गई है। पिछले कई लोकसभा चुनावों से मेरठ में भाजपा, सपा और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। ऐसा भी हुआ है कि मुस्लिम वोट सपा और बसपा के बीच बंटे हैं। इस सीट पर दलित भी बड़ी संख्या में हैं। ये यहां पर मुसलमानों के बाद दूसरे सबसे बड़ा मतदाता समूह है। परंपरागत रूप से मेरठ के ज्यादा दलित बसपा को वोट देते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी ने मिलकर ताल ठोंकी थी। इस दौरान बीजेपी 5 हजार से भी कम वोटों से यहां पर जीती। टीवी सीरियल में गोविल ने भगवान राम का किरदार निभाया जिससे उन्हें यहां लोकप्रियता मिली। हाल ही में अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर बीजेपी को उम्मीद है कि राम फैक्टर का लाभ उन्हे मिलेगा। भाजपा नेताओं का मानना है कि गोविल के साथ बड़ी संख्या में दलित वोटर्स भी आ सकते हैं। साथ ही अधिक से अधिक संख्या में मतदान होने और मोदी फैक्टर से पार्टी को फायदा होने की उम्मीद है। हालांकि गोविल के खिलाफ दूसरे दलों की ओर से यह बात जोरशोर से उठाई जा रही है कि वो बाहरी हैं। इस पर बीजेपी के राम लगातार कहते हैं कि वे मेरठ में हमेशा बने रहेंगे। अब यह देखना होगा कि आज वोटिंग खत्म होने के बाद किस तरह की बातें निकलकर सामने आती हैं।
सीएम योगी ने राहुल प्रियंका पर कसा तंज बोले- सुना है बहन-भाई अयोध्या जाने वाले हैं
27 Apr, 2024 06:15 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर जमकर तंज कसे। संभल में आयोजित एक चुनावी सभा में पहले उन्होंने गाय,गहने और तमाम मुद्दों पर कांग्रेस को घेरा इसके बाद हल्की मुस्कुराहट के साथ बोले सुना है भाई बहन अयोध्या में श्रीरामलला के दर्शन करने जा रहे हैं। ये वही लोग लोग हैं जो प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भगवान श्री राम से मुंह मोड़े हुए बैठे थे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि भाई-बहन (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा) भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या जाने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा,जब उनकी सरकार थी तो वे भगवान राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते थे। लेकिन देवता सभी के हैं। यह उनके दोहरे मानकों का उदाहरण है।आदित्यनाथ ने कहा कि जो लोग भारत माता की जय और वंदे मातरम बोलने में झिझकते हैं, उन्हें उनका वोट नहीं मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों को गोमांस खाने का अधिकार देना चाहती है और यह गोहत्या की अनुमति देने के समान है। एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ये बेशर्म लोग गौमांस खाने का अधिकार देने का वादा करते हैं, जबकि हमारे ग्रंथ गाय को माता कहते हैं। वे गायों को कसाई के हाथों में सौंपना चाहते हैं। क्या भारत इसे कभी स्वीकार करेगा? मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अल्पसंख्यकों को उनकी पसंद का खाना खाने की आजादी देना चाहते हैं, मतलब वे गोहत्या की अनुमति देने की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ संभल लोकसभा सीट के लिए भाजपा उम्मीदवार परमेश्वर लाल सैनी के लिए समर्थन जुटाने के लिए मुरादाबाद जिले के बिलारी में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया भाषणों को दोहराते हुए सीएम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस स्त्रीधन को जब्त करने और इसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बीच वितरित करने का इरादा रखती है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में लोगों की संपत्ति के एक्स-रे की बात कही है।
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह है कि अगर किसी के घर में चार कमरे हैं, तो वे उनमें से दो कमरे छीन लेंगे। इतना ही नहीं, कांग्रेस कहती है कि वह महिलाओं के आभूषणों पर कब्जा कर लेगी, देश इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने यूपीए सरकार के तहत 2004 से 2014 तक ऐसे प्रयास किए थे। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने कर्नाटक में एससी, एसटी और ओबीसी को दिए गए आरक्षण में से मुसलमानों को कोटा देने की कोशिश की थी।
उन्होंने सच्चर समिति की सिफारिशों का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी के कोटे में से उन्हें छह प्रतिशत आरक्षण देकर इसे लागू करना चाहती थी। उन्होंने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस देश को और विभाजित करने की साजिश रच रही है।
मजहबी आधार पर देश के विभाजन करना चाहता है इंडी गठबंधन-योगी
27 Apr, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश की जनता को कांग्रेस के घोषणा पत्र के प्रति एक बार फिर आगाह किया है। उन्होंने कांग्रेस के मेनिफेस्टो को भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए घातक बताया है। सीएम योगी शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। चुनाव में अप्रासंगिक मुद्दे उठने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा शुरू से ही विकास, सुरक्षा और सुशासन के मुद्दे के साथ चुनाव में उतरी थी। पहले चरण का मतदान इन्हीं मुद्दों पर हुआ, मगर पहले चरण से ठीक पहले इंडी गठबंधन के सबसे महत्वपूर्ण घटक कांग्रेस के घोषणापत्र ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में देश के तालिबानीकरण से लेकर जनता की संपत्ति और पर्सनल लॉ जैसे मुद्दों को समर्थन देकर मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहती है। भाजपा हर हाल में इसका पुरजोर विरोध करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के सलाहकार सैम पित्रोदा का वक्तव्य सबने पढ़ा है। यूपीए सरकार के दौरान रंगनाथ मिश्रा कमेटी और सच्चर कमेटी की रिपोर्ट कांग्रेस लेकर आई थी। इसके अलावा कर्नाटक में कांग्रेस नेतृत्व की सरकार ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण में जबरदस्ती मुस्लिमों को डालकर ओबीसी के अधिकार का बंदरबांट कर रही है। विरासत टैक्स, संपत्ति का एक्स-रे कराने की बात, संपत्ति को कब्जे में लेने की बात करके ये लोग मजहबी आधार पर देश के विभाजन की आधारशिला रखना चाहते हैं। इसके साथ ही विरासत की संपत्ति का आधा हिस्सा ले लेने और पर्सनल लॉ जैसे कानून को फिर से लागू करने की बात ये लोग कर रहे हैं। इस देश का विभाजन इन्हीं कारणों से हुआ था। अगर कोई राजनीतिक दल ऐसा करने की कोशिश करेगा तो उसका विरोध हर हाल में होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में नक्सलवाद समाप्ति की ओर है। अगर इस प्रवृत्ति को फिर से पनपाने का प्रयास होगा तो भाजपा इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा सरकार पहले से ही कार्रवाई कर रही है। मगर आम आदमी की संपत्ति पर डकैती डालने का प्रयास कोई करेगा करेगा तो हम ऐसा नहीं होने देंगे। कांग्रेस और सहयोगी दल देश की राजनीति का तालिबानीकरण करने पर उतारू हो चुके हैं। माओवादी दुष्प्रवृत्ति को फिर से लागू करने का प्रयास किया जा रहा है। पर्सनल लॉ के जरिए तीन तलाक जैसी कुप्रथा को पुनर्स्थापित करके महिलाओं का अपमान करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए इन मुद्दों को आज के परिप्रेक्ष्य में भाजपा पुरजोर तरीके से उठाकर इसका विरोध कर रही है।
उन्होंने कहा कि हम ये मुद्दे उठा रहे हैं और जनता का ध्यान आकषित कर रहे हैं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के सत्ता से कोसों दूर होने पर भी क्या मानसिकता है, इसपर लगातार जनता का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। इनकी मंशा को सफलता न मिले, इसलिए ये जरूरी हो जाता है कि जनता समय रहते अपने एक-एक वोट के जरिए इसपर पानी फेरने का काम करे। चिदंबरम जो बात वरासत टैक्स की करके कह रहे थे, वही बात सैम पित्रोदा कह रहे हैं। इनके मंसूबों पर पानी फेरने की जरूरत है, नहीं तो ये देश, कॉमन मैन और आधी आबादी के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में मोदी जी के कार्यों को लेकर उमंग और सकारात्मक माहौल है। उनके कार्यों को जनता का आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है। पूरे देश में फिर एक बार मोदी सरकार के संकल्प को पूरा करने में मदद मिल रही है। देश कार्यों को देखना चाहता है और मोदी जी ने 10 साल में देश को नई दिशा दी है। उनका कार्यकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास का स्वर्णिम युग है। हर सेक्टर में विकास हुआ है। दुनिया में भारत नई धमक के साथ तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बन चुका है। उसका लाभ बीजेपी को मिलेगा। 4 जून को प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा फिर एक बार सत्ता में आएगी।
रेलवे ट्रैक पर मिला एमबीबीएस छात्रा का शव, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप
27 Apr, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
औरैया । जिले के अजीतमल क्षेत्र के टीचर्स कालोनी में रहने वाले एक शिक्षक दंपत्ति की इकलौती पुत्री की गुरुवार की रात संदिग्ध हालत में मौत हो गई। वह मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही थी। उसका शव गर्ल हॉस्टल के पीछे रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। जीआरपी मुजफ्फरनगर ने मोबाइल से परिजनों को सूचना दी। रात में ही परिजन मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।
प्राप्त विवरण के मुताबिक अजीतमल क्षेत्र के मोहल्ला टीचर्स कालोनी निवासी राहुल चौहान कस्बे के जनता इंटर कॉलेज में प्रवक्ता थे। वहीं उनकी पत्नी सुलेखा सिंह प्राथमिक विद्यालय नंदलाल का पुरवा में हेड मास्टर पद पर कार्यरत है। उनकी इकलौती पुत्री कृतिका चौहान मुजफ्फरनगर से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। वह कॉलेज के पास में ही गर्ल हॉस्टल में रह रही थी। गुरुवार की रात अपने दोस्त के साथ हॉस्टल से बाहर गई थी लेकिन काफी देर तक जब नही लौटी तो आसपास तलाश शुरू की गई। देर रात उसका शव गर्ल हॉस्टल के पीछे रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। गश्त के दौरान जीआरपी पुलिस ने रेलवे ट्रैक पर शव देखा। आसपास देखने पर मोबाइल घटनास्थल पर पड़ा मिला तो घटना की जानकारी मृतका के परिजनो को दी।
सूचना मिलते ही परिजन मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए। रेलवे पुलिस ने परिजनो को बताया कि वह रेलवे ट्रैक के पास टहल रही थी। तभी यह हादसा हो गया। मृतिका कृतिका चौहान की मौत की खबर लगते ही क्षेत्र के लोग बड़ी संख्या घर के बाहर एकत्रित हो गए। वर्ष 2019 में उसमे सेंट फ्रांसिस स्कूल औरैया से दसवीं में 98 प्रतिशत अंक पाकर जिला टॉप किया था। वहीं कृतिका के परिजन के परिजन थाने पहुंच गए है। कृतिका के दोस्त को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही। परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
शार्ट सर्किट से लगी आग में जिंदा जल गया व्यक्ति
27 Apr, 2024 02:22 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आगरा। ट्रांस यमुना क्षेत्र के नगला किशनलाल में शुक्रवार आधी रात को शार्ट सर्किट से लगी आग में मकान मालिक सत्य प्रकाश जिंदा जल गया। सत्य प्रकाश की पत्नी राजन देवी तीनों बच्चों के साथ गेंहू काटने के लिए हाथरस गई थी। वह घर मे अकेले थे।
आशंका है कि शार्ट सर्किट से लगी आग ने कमरे और मकान को चपेट में ले लिया। कमरे में सोते मकान मालिक सत्य प्रकाश को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। मौके पर पहुंची दमकल ने आग को काबू में किया।
आग की लपटें देखकर दमकल को दी सूचना
आसपास के लोगों ने बताया घर से उठती लपटों को देख उन्होंने पुलिस को सूचना दी। लोगों ने खुद भी आग को अपने स्तर से काबू करने का प्रयास किया, लेकिन तब तक लपटें पूरे घर को चपेट में ले चुकी थीं। फायर ब्रिगेड ने आग को काबू किया, अंदर पहुंची तो कमरे में सत्य प्रकाश का जला हुआ शव मिला। लोगों की आशंका है कि शार्ट सर्किट से आग लगी।
पांच दिन में 17 इंच गिरा गंगा का जलस्तर, बढ़ा संकट
27 Apr, 2024 02:07 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कानपुर। गर्मी बढ़ने के साथ ही गंगा का जलस्तर तेजी से गिरने लगा है। पांच दिन में गंगा का जलस्तर 17 इंच गिर गया है। 21 अप्रैल को गंगा का जलस्तर 358 फीट था जो शुक्रवार को 356.7 फीट पर पहुंच गया है। शहर में रोज होने वाली 20 करोड़ लीटर जलापूर्ति के लिए जलकल विभाग ने एक ड्रेजिंग मशीन चालू करने के साथ ही दो और लगा दी हैं ताकि भैरोघाट पंपिंग स्टेशन की तरफ गंगा का कच्चा पानी लाने में दिक्कत न हो।
गंगा का जलस्तर गिरने से जल में मटमैलापन बढ़ गया है और नाइट्राइट भी 0.012 मिलीग्राम प्रति लीटर मिला है। नाइट्राइट मिलने से साफ है कि कहीं पर गंगा में दूषित पानी मिल रहा है। पानी शोधित करने में भी रसायन खर्च बढ़ गया है। अगर डेढ़ फीट और गंगा का जलस्तर गिर गया तो जलापूर्ति का संकट खड़ा हो जाएगा। इसको लेकर जलकल ने बालू की बोरियों का अस्थायी बंधा बनाने की तैयारी शुरू कर दी है।
गंगा का जलस्तर गिरने से संकट
जलकल भैरोघाट पंपिंग स्टेशन से रोज 20 करोड़ लीटर कच्चा पानी लेकर शोधित करने के लिए जलकल मुख्यालय बेनाझाबर भेजता है। यहां पानी को शोधित करके 28 जोनल पंपिंग स्टेशन से 100 मुहल्लों में जलापूर्ति की जाती है। गर्मी में गंगा का जलस्तर गिरने से संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में शुक्लागंज की तरफ बालू की बोरियों लगा अस्थायी बंधा बनाकर पानी को पंपिंग स्टेशन की तरफ मोड़ा जाता है।
एक हफ्ते से गंगा का जलस्तर गिरने से 30 से 35 हैजेन तक मटमैलापन पहुंच गया है। हालांकि घुलित आक्सीजन साढ़े छह मिलीग्राम प्रति लीटर है। वहीं, पानी शोधित करने में अभी पांच से छह टन फिटकरी लग रही थी, जो अब सात से आठ टन लग रही है। जलकल महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी ने बताया कि जलापूर्ति को लेकर भैरोघाट पंपिंग स्टेशन के पास अस्थायी बंधा बनाने के लिए अफसरों को आदेश दिए हैं। साथ ही गंगा पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी। जलापूर्ति प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
हेमंत सोरेन के मामले में फैसला सुरक्षित
27 Apr, 2024 01:46 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Hemant Soren पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी कोर्ट से औपबंधिक जमानत देने की गुहार लगाई है। याचिका में कहा गया है कि उनके बड़े पिता राजाराम सोरेन का निधन हो गया है। इसलिए, अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें 13 दिनों की औपबंधिक जमानत दी जाए।
भूमि घोटाला मामले में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया है। फिलहाल, वह होटवार जेल में बंद है। इस मामले में अदालत में सुनवाई हुई और दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत का फैसला सुरक्षित रख लिया है।
15 बच्चे घायल; अभिभावकों ने लगाया ये आरोप
27 Apr, 2024 01:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Ranchi School Bus Accident: रांची में शनिवार की सुबह दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। स्कूल बस पलट जाने से 15 बच्चे घायल हो गए हैं। यह घटना मंदार के सेंट मारिया स्कूल के पास हुई। बताया जा रहा है कि स्कूल बस में कुल 30 बच्चे सवार थे। घायल बच्चों को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना को लेकर मंदार पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि बस हादसे में लगभग 15 बच्चे घायल हो गए। सभी पास के मिशन अस्पताल में निगरानी में हैं। एक बच्चे के सिर में चोट लगी है और उसका सीटी स्कैन किया जा रहा है।
अभिभावकों ने लगाया ये आरोप
वहीं, इस घटना को लेकर बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि बस तेज रफ्तार में थी और दुर्घटना के वक्त ड्राइवर फोन पर बात कर रहा था। इस वजह से बस हादसे का शिकार हुई।
अभिभावकों ने यह भी आरोप लगाया कि आज बस 45 मिनट लेट आई थी। ऐसे में समय की भरपाई के लिए ड्राइवर तेज गति से गाड़ी चला रहा था। साथ ही वह फोन पर किसी से बात भी कर रहा था।
अब इस घटना के बाद से पुलिस एक्टिव है और मामले की छानबीन में जुटी है। पुलिस के मुताबिक, दुर्घटना के बाद से बस चालक मौके से फरार हो गया है। आरोपित बस ड्राइवर की तलाश की जा रही है
झारखंड में मलेरिया के बढ़ते मामले....
27 Apr, 2024 01:38 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। गर्मी बढ़ने के साथ ही मच्छरों का आतंक शुरू हो गया है। राजधानी के कई क्षेत्रों में पसरी गंदगी व खुली नालियों में मच्छर पनप रहे हैं। अस्पतालों में तेज बुखार, सिर दर्द, उल्टी जैसी समस्या लेकर मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें डॉक्टर अन्य जांच के साथ मलेरिया जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। पिछले दो वर्षों में राज्य में मलेरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
2022 की तुलना में पिछले वर्ष मलेरिया के मरीज 56 प्रतिशत बढ़े हैं। 2022 में 19 हजार मलेरिया के मरीज थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 34 हजार से अधिक पहुंच गई। इनमें सबसे अधिक मलेरिया के मरीजों की संख्या पाकुड़ और पश्चिमी व पूर्वी सिंहभूम की रही।
यहां मलेरिया मरीजों का आंकड़ा एक वर्ष में तीन हजार से अधिक रहा। दूसरी ओर, वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में 71 प्रतिशत अधिक बीमार मरीजों की मलेरिया जांच की गई, जिसमें 56 प्रतिशत अधिक मामलों की पुष्टि हुई। इस वर्ष जनवरी से मार्च तक राज्य में करीब पांच हजार मलेरिया के मरीजों की पहचान हुई है, जिनमें से कुछ का इलाज चल रहा है।
रांची जिले में घटे मरीज
रांची में मलेरिया मरीजों की संख्या में कमी आई है। 2022 में मलेरिया मरीजों की संख्या 200 थी, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 196 ही था। इस वर्ष जनवरी से मार्च तक के आंकड़ों के अनुसार सिर्फ 28 मरीज ही मिलें, जिनमें से सभी का इलाज हुआ और वे स्वस्थ हैं।
10 जिलों में मलेरिया का प्रकोप कम रहा
पिछले दो वर्षों में जहां कुल मलेरिया मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वहीं, राज्य के 10 जिलों में मलेरिया का प्रकोप कम हुआ है। इनमें बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा व रामगढ़ जिले शामिल हैं। इन जिलों में बेहतर प्लानिंग की वजह से मलेरिया के मच्छर को पनपने से रोका जा सका और इसे नियंत्रित किया जा सका।
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्रकोप अधिक
रांची जिले में बुंडू, तमाड़, अनगड़ा एवं सिल्ली क्षेत्र में मलेरिया का प्रकोप अधिक है, लेकिन नियंत्रित है। रांची के ईटकी में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च खोला जा चुका है। इसकी यूनिट रिम्स में कार्यरत है। रिम्स में हर माह लगभग तीन सौ मलेरिया पीड़ित लोग पहुंचते हैं।
बरसात के दिनों में यह संख्या बढ़ जाती है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं। विश्व मलेरिया दिवस पर इस संबंध में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता रहा है। मालूम हो कि यह बीमारी प्रोटोजुअन प्लाज्मोडियम नामक कीटाणु मादा एनोफिलीज मच्छर के माध्यम से फैलती है।
मलेरिया के लक्षण
मलेरिया होने पर लोगों को ठंड लगती है, उसके बाद बुखार होता है और सिरदर्द, शरीर में दर्द और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। एक प्रकार का मलेरिया गंभीर लक्षणों का कारण बनता है, जैसे डेलिरियम, गंभीर सांस लेने की समस्या, किडनी फेल, दस्त। समय पर इलाज नहीं होने पर मरीज की मौत तक हो सकती है।
दूसरे चरण से तस्वीर और साफ, अबकी बार भाजपा साफ-अखिलेश यादव
27 Apr, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लखनऊ । लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दूसरे चरण में उत्तर प्रदेश की आठ सीटों पर मतदान की प्रक्रिया अब पूर्ण हो चुकी है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दूसरे चरण की वोटिंग लेकर कहा कि निराश समर्थकों के बीच भाजपा की ऐतिहासिक हार की पुख्ता बात बुरी तरह से फैल चुकी है, भाजपा के मतदाता कम से और कम होते चले गये। दूसरे चरण ने तस्वीर और साफ कर दी है, अबकी बार, भाजपा साफ!’
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा-‘‘दूसरे चरण में दिन भर ये एक अजब रूझान देखने को मिला कि हर बूथ पर ‘इंडिया गठबंधन’ के समर्थन में वोट डालनेवाले हर समाज और वर्ग के मतदाताओं का आना लगातार बढ़ता गया। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के मतदाता कम से और कम होते चले गये। दरअसल भाजपा के हताश, निराश समर्थकों के बीच भाजपा की ऐतिहासिक हार की पुख्ता बात बुरी तरह से फैल चुकी है। उनके संगी-साथी भी कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। भाजपाई नेताओं के उलूल-जुलूल बयानों से भाजपाई शर्मिंदा भी हैं और अंदर से नाराज भी। आखिरकार उन्हें भी तो समाज के बीच ही रहना है। राजनीतिक बयानबाज़ी के चक्कर में पड़कर वो अपने और अपने परिवारवालों के सामाजिक संबंधों को समाज के बीच खराब नहीं करना चाहते हैं। वो भी जानते हैं कि सामाजिक सौहार्द में ही सबकी भलाई और तरक्की के अवसर होते हैं। दूसरे चरण ने तस्वीर और साफ कर दी है, अबकी बार, भाजपा साफ!’
प्रत्याशियों का नामांकन छोटी सी चूक भी रद्द करा सकती है
27 Apr, 2024 01:29 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रांची। Nomination Rule गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी और बंगाल की बीरभूम लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी देबाशीष धर का नामांकन रद्द हो चुका है। ये घटनाएं देशभर में चर्चा में हैं। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि किन-किन त्रुटियों को लेकर चुनाव आयोग किसी उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्दकर सकता है।
सूरत में हस्ताक्षर गलत बताए जाने के कारण कुंभानी का नामांकन रद्द हुआ। वहीं, एनओसी नहीं देने के कारण देबाशीष धर का नामांकन रद्द हुआ। भारत निर्वाचन आयोग ने नामांकन भरने के नए नियमों में फॉर्म-26 में बड़े बदलाव किए है। नए नियमों के अनुसार अब प्रत्याशी से उसके इंटरनेट मीडिया हैंडल्स की भी जानकारी मांगी जाती है।
क्या कहता है नियम
इसके साथ ही साथ अब प्रत्याशियों से उनके नाम संपत्ति के ब्योरे समेत उनकी पत्नी और बच्चों के नाम संपत्ति का भी ब्योरा मांगा जाने लगा है। कोर्ट में चल रहे किसी केस या एफआइआर की भी जानकारी आयोग को देनी होती है। अगर, प्रत्याशी इनमे से किसी भी जानकारी में कोई तथ्य छुपाता है या जानकारी नहीं साझा करता है तो उसका नामांकन रद्द हो सकता है।
चुनाव आयोग नामांकन पत्र के साथ गलत जानकारी साझा करने पर उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द कर चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है। नामांकन पत्र में फॉर्म 26 काफी अहमियत रखता है, इसके रद्द होने की कई वजहें हो सकती है। कई बार प्रत्याशी चुनाव आयोग के साथ फॉर्म-26 में आवश्यक जानकारियां नहीं साझा करते हैं।
इस सूरत में भी आयोग उमीदवार का नामांकन पत्र रद्द कर सकता है। कई बार तो उम्मीदवार के पास जरूरी संख्या में प्रस्तावक भी मौजूद नहीं होतें है तो कभी आरक्षित सीट पर प्रूफ न दे पाने के अभाव में भी नामांकन रद्द हो जाता है।
वैसे आमतौर पर नामांकन की आखिरी तारीख में समय रहने पर आयोग गलतियां सुधरने का भी मौका चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को देता है। नामांकन के दौरान प्रत्याशियों को नो-ड्यूज सर्टिफिकेट भी देना होता है। नो-ड्यूज सर्टिफिकेट न देने के कारण उम्मीदवारी रद्द हो सकती है।
तीन सीटों पर 18 उम्मीदवारों का पर्चा रद्द
झारखंड में लोकसभा चुनाव के पहले चरण (देश के चौथे) की सीटों पर हुए नामांकन में चार में तीन सीटों पर कुल 18 उम्मीदवारों का पर्चा रद्दहो गया। इस तरह, इन चारों सीटों पर कुल 47 उम्मीदवार शेष रह गए हैं। इन सीटों पर नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 29 अप्रैल निर्धारित है।
इन चारों सीटों पर दाखिल नामांकन पत्रों की शुक्रवार को जांच हुई। इसमें खूंटी में नौ, सिंहभूम में सात तथा लोहरदगा में दो उम्मीदवारों का नामांकन पत्र रद्द कर दिया गया। सिर्फ पलामू में सभी 11 उम्मीदवारों का नामांकन पत्र सही पाया गया। नामांकन पत्र रद्द होने के बाद खूंटी में सात, सिंहभूम में 14 तथा लोहरदगा में 15 उम्मीदवार शेष रह गए हैं। जिन उम्मीदवारों का नामांकन पत्र रद्द हुआ है, उनमें कोई बड़ा नाम नहीं है।
इन उम्मीदवारों के आवेदन हुए रद्द
सिंहभूम: सिंजान मिरन मुंडा (निर्दलीय), पार्वती किस्कु (निर्दलीय), सुभद्रा बिरुवा (निर्दलीय), हरि उरांव (कलिंगा सेना), अमित सिंकू (निर्दलीय), सुभद्रा सिंकू (लोकहित अधिकार पार्टी), तुराम बाकिंरा (निर्दलीय)।
खूंटी: सोमा मुंडा (अबुआ झारखंड पार्टी), जयपाल मुंडा (भागीदारी पार्टी पी), सामड़ोम गुड़िया (अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया), सामुएल पूर्ति (अंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया), थामस डांग (पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया, डेमोक्रेटिक), प्यारा मुंडू (झारखंड पार्टी), काशीनाथ सांगा (लोकहित अधिकार पार्टी), सुबोध पूर्ति (निर्दलीय) तथा अहलाद केरकेट्टा (निर्दलीय)।
लोहरदगा: ललित उरांव (बहुजन मुक्ति पार्टी) एवं एतवा उरांव (निर्दलीय)।