व्यापार
फास्टटैग व यूपीआई लाइट में खाते से अपने आप जाएगा टर्म फंड
8 Jun, 2024 12:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
फास्टटैग का इस्तेमाल करने वाले और यूपीए लाइट जैसे डिजिटल पेमेंट सेवाओं को एक बड़ी सुविधा दी है। इनमें ग्राहकों के खाते से एक निश्चित अवधि पर अपने आप ही फंड ट्रांसफर करने की सुविधा दे दी गई है। फास्टटैग में अभी ग्राहक अपनी जरूरत के मुताबिक पैसे समय समय पर ट्रांसफर करते हैं। इसमें एक निश्चित अवधि पर फंड ट्रांसफर करने की सुविधा नहीं थी।अब टर्म फंड ट्रांसफर करने की सुविधा दे दी गई है लेकिन यह ग्राहकों से ई-मेंडेंट (इलेक्ट्रोनिक तौर पर फंड ट्रांसफर करने से पहले ग्राहकों से मंजूरी लेने की प्रक्रिया) के बाद ही किया जाएगा।
ई-मेंडेट की अभी जो व्यवस्था है। उसमें असलियत में फंड ट्रांसफर करने से 24 घंटे पहले ग्राहकों को मैसेज भेजने की अनिवार्यता है, जिसे खत्म किया जा रहा है। यानी, अब ग्राहक एक बार कितनी राशि और किस समय (हफ्तावार या महीने वार) फास्टटैग में ट्रांसफर करना चाहते हैं, इसे पहले ही सेट कर सकते हैं। इस फैसले के बारे में आरबीआई के गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक के बाद दी।आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई लाइट के बारे में बताया कि इस डिजिटल भुगतान वैलेट से एक दिन में दो हजार रुपये और एक बार में अधिकतम 500 रुपये का भुगतान कर सकता है। अब इसे भी ई-मेंटेड फ्रेमवर्क के तहत लाया जा रहा है यानी ग्राहकों से मंजूरी लेने की शर्त के साथ एक निश्चित अंतराल पर एक निश्चत राशि यूपीआइ लाइट में ट्रांसफर करने की सुविधा होगी।
इंटरनेशनल लेवल पर सोने की कीमतों में आई गिरावट
8 Jun, 2024 12:08 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शुक्रवार को वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतों में 2% से अधिक की गिरावट आई, जिसके पीछे दो मुख्य कारण थे। पहला अमेरिका में उम्मीद से अधिक रोजगार वृद्धि और चीन द्वारा सोने की खरीद में ठहराव आना।बेंचमार्क सोने का वायदा 2.43% की गिरावट को दर्शाते हुए 2,332.85 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर आ गया। विश्लेषकों ने इस गिरावट का श्रेय मजबूत अमेरिकी रोजगार आंकड़ों को दिया, जो फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित ब्याज दरों में कटौती में मंदी का संकेत दे सकते हैं। कम ब्याज दरें आम तौर पर सोने को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाती हैं, जो एक गैर-उपज वाली संपत्ति है।चीन के केंद्रीय बैंक ने कथित तौर पर मई में अपने सोने के भंडार में वृद्धि करना बंद कर दिया, इस कदम ने लगातार 18 महीनों की खरीद का सिलसिला तोड़ दिया। एक प्रमुख खरीदार द्वारा इस रुकावट ने निवेशकों की भावना को और कमजोर कर दिया।कीमत में गिरावट सोने के लिए एक महत्वपूर्ण तेजी के बाद मामूली सुधार को दर्शाती है। हाल ही में आई गिरावट के बावजूद, सोने की कीमतें इस साल अब तक लगभग 15% अधिक बनी हुई हैं।सोने की कीमत में उछाल के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें पश्चिमी एशिया में लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंक की खरीद (भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा खरीद सहित) और निरंतर भौतिक मांग शामिल है।सोने की कमी इसे आपूर्ति और मांग असंतुलन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाती है, जिससे संभावित रूप से कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव हो सकता है।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा
7 Jun, 2024 07:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है। हालांकि, इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने कहा कि खाने की कीमतों के परिदृश्य पर नजर रखने की जरूरत है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि इस वर्ष मानसून की स्थिति को सामान्य मानते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। मुद्रास्फीति को लेकर जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधरित मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के स्तर पर रखने का लक्ष्य दिया है। दास ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मार्च-अप्रैल में नरम पड़ी है, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति पर लगातार दबाव की वजह से इसका लाभ नहीं मिल पाया है। दालों तथा सब्जियों की मुद्रास्फीति दो अंक में बनी हुई है। दालों तथा सब्जियों की रबी की आवक पर सावधानी से नजर रखने की जरूरत है।
आरबीआई ने थोक जमा सीमा बढ़ाकर तीन करोड़ की
7 Jun, 2024 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसने थोक सावधि जमा की सीमा दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये कर दी है। थोक सावधि जमा पर खुदरा सावधि जमा की तुलना में थोड़ा अधिक ब्याज मिलता है, क्योंकि बैंक अपनी नकदी प्रबंधन प्रक्रिया के तहत अलग-अलग दरें देता है। अब अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) के पास दो करोड़ रुपये तक की एकल रुपया सावधि जमा, खुदरा सावधि जमा का हिस्सा होगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक नीति की घोषणा करते हुए शुक्रवार को कहा कि थोक जमा सीमा की समीक्षा के संबंध में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और एसएफबी के लिए तीन करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा के रूप में थोक जमा की परिभाषा को संशोधित करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा स्थानीय क्षेत्र बैंकों के लिए थोक जमा सीमा को एक करोड़ रुपये और उससे अधिक की एकल रुपया सावधि जमा के रूप में परिभाषित करने का भी प्रस्ताव है, जैसा कि आरआरबी (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) के मामले में लागू है। कारोबार को सुगम बनाने के लिए आरबीआई ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात और आयात के लिए दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव भी किया है। दास ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की बदलती स्थिति को देखते हुए तथा विदेशी मुद्रा विनियमन के प्रगतिशील उदारीकरण के अनुरूप वस्तुओं व सेवाओं के निर्यात और आयात पर मौजूदा फेमा दिशानिर्देशों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि इससे कारोबार की सरलता को बढ़ावा मिलेगा। अधिकृत डीलर बैंकों को परिचालन में अधिक जुझारू क्षमता मिलेगी। हितधारकों की प्रतिक्रिया के लिए जल्द ही मसौदा दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
डॉलर के मुकाबले इतने पैसे चढ़कर बंद हुआ रुपया
7 Jun, 2024 05:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
इस हफ्ते बाजार में आई भारी गिरावट को रिकवर करने में शेयर मार्केट को 3 दिन का समय लगा। हालांकि, भारतीय करेंसी अभी भी रिकवरी मोड में ही है। आज शेयर बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ। बाजार में आई तेजी के साथ रुपये में भी तेजी देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपया 14 पैसे चढ़कर बंद हुआ।लगातार 8वीं बार रेपो रेट को स्थिर रखा गया। आज एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी बैठक के सदस्य ने इस बार भी रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया।
फॉरेक्स ट्रेडर्स ने कहा कि विदेशों में प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कमजोर अमेरिकी मुद्रा और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कम कीमतों ने भी स्थानीय मुद्रा को समर्थन दिया। हालांकि, विदेशी फंड के बहिर्वाह ने रुपये में तेजी को रोक दिया।इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय करेंसी 83.46 पर मजबूत खुली और ग्रीनबैक के मुकाबले 83.48 से 83.37 के दायरे में चली गई। अंततः डॉलर के मुकाबले 83.39 (अनंतिम) पर बंद हुई, जो पिछले बंद से 14 पैसे की बढ़त दर्ज करती है।
पिछले सत्र यानी गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 9 पैसे टूटकर 83.53 पर बंद हुआ।भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को लगातार आठवीं बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह मुद्रास्फीति पर कड़ी निगरानी बनाए रखेगा। चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है।
RBI के इस फैसले के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलेगा ज्यादा ब्याज
7 Jun, 2024 04:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप बैंक एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) के माध्यम से निवेश करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। आपको जल्द ही एफडी पर अधिक ब्याज दरों का लाभ मिल सकता है। दरसअल, रिजर्व बैंक (RBI) ने शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों और स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए '3 करोड़ या इससे अधिक की सिंगल रुपी फिक्स्ड डिपॉजिट' के रूप में थोक की परिभाषा को संशोधित करने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि आखिरी बार बल्क डिपॉजिट की लिमिट को 2019 में 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ किया गया था।
कैसे मिलेगा ज्यादा ब्याज?
आरबीआई के घोषित प्रस्ताव के अनुसार, अब 3 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट को बल्क डिपॉजिट माना जाएगा। अभी 2 करोड़ रुपये और उससे अधिक की बैंक एफडी को बल्क एफडी माना जाता है। इसका नुकसान यह है कि रिटेल एफडी की तुलना में बल्क एफडी पर कम ब्याज दर मिलती है। ऐसे में थोक जमा की लिमिट बढ़ने के बाद एफडी निवेशक अधिक पैसों की एफडी करके ज्यादा ब्याज कमा सकते हैं।
यह पूरी तरह बैंकों पर होता है कि वे अपने फिक्स्ड डिपॉजिट पर क्या ब्याज दर तय करें। यही वजह है कि ज्यादातर बैंकों में एफडी पर ब्याज दर भी अलग-अलग होती है। यह चीज फिक्स्ड डिपॉजिट की अवधि से लेकर निवेश करने वाले की उम्र तक पर निर्भर होती है। बैंक अमूमन अपनी जरूरत और एसेट-लायबिलिटी मैनेजमेंट (ALM) के अनुसार डिपॉजिट पर अलग-अलग ब्याज दरों को ऑफर करते हैं।
बैंक एफडी के फायदे
फिक्स्ड डिपॉजिट में आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं।
इसमें रिटर्न पर शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता।
FD पर ब्याज सामान्य बचत खातों के मुकाबले ज्यादा होती है।
FD पर आपको कर्ज लेने की सुविधा भी मिलती है।
आरबीआई ने यूपीआई लाइट में एड किया ये फीचर
7 Jun, 2024 04:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया है। आपको बता दें कि हर दो महीने में एमपीसी बैठक होती है। इस बैठक की अध्यक्षता आरबीआई के गवर्नर करते हैं।आज आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया। दास ने बताया कि यूपीआई लाइट (UPI Lite) में अब ई-मैंडेट फ्रेमवर्क को इंटीग्रेड करने का प्रस्ताव है। इसका मतलब है कि अब यूपीआई लाइट वॉलेट (UPI Lite Wallet) में ऑटोमैटिक बैलेंस एड हो जाएगा। यानी यूजर्स को बैलेंस एड करने की झंझट खत्म हो जाएगी।
आरबीआई ने छोटे डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया है। वर्ष 2022 में आरबीआई ने यूपीआई लाइट लॉन्च किया था।वर्तमान में UPI लाइट में रोजाना 2,000 रुपये है एड कर सकते हैं। वहीं, सिंग्ल पेमेंट के लिए ऊपरी सीमा 500 रुपये है। यूपीआई लाइट यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का सिंप्लीफाइट वर्जन है।यह छोटे ट्रांजेक्शन के लेनदेन के लिए ऑन-डिवाइस वॉलेट के रूप में काम करता है। वर्तमान में यूपीआई लाइट में एक बार में अधिकतम 2,000 रुपये रख सकते हैं।
यूपीआई लाइट को व्यापक रूप से अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, अब ग्राहकों के लिए एक सुविधा शुरू करके इसे ई-मैंडेट ढांचे के तहत लाने का प्रस्ताव है ताकि यदि शेष राशि उनके द्वारा निर्धारित सीमा से कम हो जाती है तो वे अपने यूपीआई लाइट वॉलेट को स्वचालित रूप से भर सकें।उन्होंने यहां द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि इससे छोटे मूल्य के डिजिटल भुगतान में आसानी होगी। डिजिटल लेनदेन को बढ़ाने के लिए ई-मैंटेड जरूरी है।
मजबूती के साथ खुला शेयर बाजार; सेंसेक्स 771 अंक चढ़ा, निफ्टी 228 अंक चढ़ा
7 Jun, 2024 04:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के फैसले के बाद शेयर बाजार में बड़ा एक्शन दिख रहा है। ब्याज दरों को 6.5% पर बरकरार रखने के फैसले के बाद सेंसेक्स 771.98 (1.02%) अंक चढ़कर 75,846.49 पर पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी 228.90 (1.00%) अंक मजबूत होकर 23,050.30 पर पहुंच गया।मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले शेयर बाजार में शुक्रवार को उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार शुरू हुआ। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 100 अंकों तक फिसल गया 75,000 अंक से नीचे पहुंच गया। दूसरी ओर, निफ्टी भी 22,800 के स्तर पर पहुंच गया। हालांकि प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स अपने नुकसान को पाटने में सफल रहे और बाजार में तेजी लौटी।
सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर सेंसेक्स 386.02 (0.51%) अंक चढ़कर 75,460.53 पर कारोबार करता दिखा। दूसरी ओर, निफ्टी 121.55 (0.53%) अंक मजबूत होकर 22,942.95 के स्तर पर पहुंच गया। शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 7 पैसे की बढ़त के साथ 83.46 रुपये के स्तर पर पहुंच गया।निफ्टी बैंक इंडेक्स एमपीसी के फैसले के बाद सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर हरे निशान पर करोबार करता दिखा। आईसीआईसीआई बैंक (1.03 फीसदी), फेडरल बैंक (1.37 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (1.03 फीसदी), एक्सिस बैंक (0.82 फीसदी) और पंजाब नेशनल बैंक (0.77 फीसदी) की बढ़त के साथ टॉप गेनर्स रहे।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी भी लगभग इसी समय 257.4 अंकों की तेजी के साथ 23,078.8 पर और सेंसेक्स 904.49 अंकों की बढ़त के साथ 7,5979.0 पर कारोबार करता दिखा।निफ्टी 50 इंडेक्स पर 44 शेयर हरे, जबकि 6 शेयर लाल निशान के साथ कारोबार करते दिखे। एनएसई पर वोडाफोन आइडिया, यस बैंक, रतनइंडिया पावर, आईआरबी इंफ्रा और एनएचपीसी के शेयर सबसे अधिक कारोबार वाले शेयरों में शामिल रहे। जेनिथ एक्सपोर्ट्स, कॉर्ड्स केबल इंड, एचपीएल इलेक्ट्रिक पावर, आदित्य बिरलामनी और अवंती फीड्स के शेयर आज के ट्रेड में अपने नए 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच। कॉम्प्यूज इन्फोकॉम, न्यूऑन टावर्स, अंबिका अगरबत्ती, फ्यूचर सप्लाई चेन और कीर्ति नॉलेज अपने 52 हफ्ते निचले स्तर पर पहुंचे।
शाकाहारी थाली एक साल में हुई नौ फीसदी महंगी
7 Jun, 2024 04:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
शाकाहारी थाली एक साल में 9 फीसदी महंगी हो गई है। हालांकि, मांसाहारी थाली की कीमत घटी है। क्रिसिल की बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, मई, 2023 में शाकाहारी थाली की कीमत 25.5 रुपये थी, जो इस साल मई में बढ़कर 27.80 रुपये पहुंच गई है। वहीं, मांसाहारी थाली 7 फीसदी सस्ती होकर 55.90 रुपये पर आ गई। हालांकि, मासिक आधार पर शाकाहारी थाली एक फीसदी ही महंगी हुई है। टमाटर, आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों से शाकाहारी थाली महंगी हुई है।रिपोर्ट के मुताबिक, टमाटर के दाम एक साल में 39 फीसदी, आलू के 41 फीसदी और प्याज के 43 फीसदी बढ़े हैं। मांसाहारी थाली की कीमत में गिरावट का श्रेय ब्रॉयलर को जाता है। एक साल में इसकी कीमत 16 फीसदी तक घटी है।
एमपीसी ने लगातार आठवीं बार रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव
7 Jun, 2024 03:56 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद रेपो रेट को वर्तमान दर पर बरकरार रखने का फैसला किया है। दर निर्धारण समिति ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत की थी। रेपो रेट से बैंकों की ईएमआई जुड़ी होती है। ऐसे में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं होने से यह तय हो गया है कि आपके बैंक लोन की ईएमआई में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है।इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर निर्धारण समिति ने अगली मौद्रिक नीति तय करने के लिए बुधवार को तीन दिवसीय बैठक शुरू की।
यह बैठक 5 जून से शुरू होकर 7 जून 2024 यानी आज तक चली। एमपीसी की बैठक में छह सदस्यों में से चार ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में रहे।आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी के फैसले का एलान करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 25 में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है। जो पिछले अनुमान 7% से अधिक है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्थिर खर्च के साथ निजी खपत में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि निवेश गतिविधियों में तेजी जारी है।आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई में कमी लाने में एमपीसी की भूमिका अहम है। दास ने कहा कि वर्तमान में गर्मी के कारण सब्जियों की कीमतें बढ़ रही हैं। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को स्थायी आधार पर 4% के लक्ष्य पर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
एयर इंडिया एक्सप्रेस शुरू करेगी ढाका, काठमांडु के लिए उड़ानें
6 Jun, 2024 07:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । एयर इंडिया एक्सप्रेस जल्द ही ढाका और काठमांडू के लिए उड़ानें शुरू करेगी। फिलहाल एयरलाइन सिंगापुर समेत 14 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान सेवाएं देती है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वह ढाका और काठमांडू के लिए उड़ानें शुरू करेगी। सीएपीए इंडिया एविएशन सम्मेलन, 2024 के दौरान उन्होंने कहा कि कंपनी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद स्थित हिंडन हवाई अड्डे से सेवाएं शुरू करेगी। बयान के अनुसार एयरलाइन हिंडन को बेंगलुरु, गोवा और कोलकाता से जोड़ने वाली 28 साप्ताहिक सीधी उड़ानें संचालित करेगी। ये सेवाएं एक अगस्त से शुरू होंगी।
शेयर बाजार तेजी के साथ बंद
6 Jun, 2024 06:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
सेंसेक्स 75,074 , निफ्टी 22,821 पर पहुंचा
मुम्बई । घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को बढ़त पर बंद हुआ। बाजार में ये उछाल दुनिया भर के बाजारों से मिले अच्छे संकेतों के साथ ही लिवाली (खरीददारी) हावी रहने से आया है। चुनाव परिणामों के बाद बाजार को जो झटका लगा था वह भी सरकार बनने की उम्मीदों से समाप्त हो गया है। इसी कारण लगातार दूसरे दिन बाजार ऊपर आया। इक्विटी बेंचमार्क लगातार दूसरे दिन सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। दिन भर के कारोबार के बाद तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स आज 0.93 फीसदी करीब 692.27 अंक बढ़कर 75,074.51 अंक पर बंद हुआ। वहीं इसी प्रकार पचास शेयरों वाला नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 0.89 फीसदी तकरीबन 201.05 अंक ऊपर आकर 22,821.40 अंक पर बंद हुआ।
आज कारोबार के दौरान सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा का शेयर सबसे ज्यादा 4.07 फीसदी ऊपर आया। इसके अलावा एचसीएल टेक, एसबीआई, इनफ़ोसिस, एनटीपीसी, टीसीएस, एलएंडटी, विप्रो, भारती एयरटेल, टाटा स्टील सहित 23 कंपनियों के शेयर लाभ के साथ ही ऊपर आये।
वहीं दूसरी ओर हिंदुस्तान यूनिलीवर, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक सहित 7 कंपनियों के शेयर नीचे आये।
जानकारों के अनुसार लोक सभा चुनाव के परिणामों से लगे झटके के बाद सरकार बनने की संभावना से निवेशकों की आशंकाएं कम हुई हैं। इससे बाजार में खरीददारी भी हुई है। एनडीए सरकार के बनने की संभावना से निवेशकों में उत्साह आने लगा है।
इससे पहले आज सुबह बीएसई सेंसेक्स 303 अंक बढ़कर 74,685.68 के स्तर पर पहुंच गया। दूसरी ओर एनएसई का निफ्टी 50 76 अंक बढ़कर 22,696.40 के स्तर पर पहुंच गया। वहीं गत कारोबारी सत्र में अमेरिकी बाजार सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए। एसएंडपी 500 में 1.18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और यह एक नए इंट्राडे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह, नैस्डैक कंपोजिट 1.96 प्रतिशत बढ़कर एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल 0.25 फीसदी ऊपर आया।
पोर्च की दोनों कारों की बुकिंग प्रारंभ
6 Jun, 2024 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । भारतीय बाजार में पोर्च कंपनी ने 911 कारेरा और कारेरा 4 जीटीएस लॉन्च कर दी गई हैं। इन दोनों मॉडल की बुकिंग शुरू कर दी गई है। इनकी डिलीवरी 2024 के आखिर तक मिलना शुरू होगी। ग्राहक इन्हें ऑनलाइन या अपने नजदीकी डीलरशिप पर जाकर बुक कर सकते हैं।
पोर्च 911 कारेरा में 3 लीटर ट्विन-टर्बो बॉक्सर इंजन दिया गया है। यह एक हाइब्रिड कार है, जिसमें फोर-वे एडजस्टेबल स्पोर्ट सीट, मैट्रिक्स एलईडी हेडलैंप, रिवर्स कैमरा, क्रूज कंट्रोल, टू-जोन क्लाइमेट कंट्रोल जैसे फीचर्स मिलते हैं। यह गाड़ी 3.9 सेकेंड में 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी टॉप स्पीड 294 किमी प्रति घंटा है। पोर्चे 911 कारेरा 4 जीटीएस में 3.6 लीटर 6 सिलेंडर टर्बोचार्ज बॉक्सर इंजन दिया गया है। इसमें 12.6 इंच का कर्व्ड डिस्प्ले, 10.9 इंच का इंफोटेनमेंट सिस्टम, वायरलेस फोन चार्जिंग, अडास जैसे फीचर्स भी मिलते हैं। यह गाड़ी 3 सेकेंड में ये कार 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है और इसकी टॉप स्पीड 312 किमी प्रति घंटा है। बता दें कि इन लग्जरी कारों की कीमतें क्रमश: 1.99 करोड़ रुपये और 2.75 करोड़ रुपये एक्स-शोरूम है।
महाराष्ट्र में अंबानी ने लीज पर ली जमीन, बनाएंगे ग्लोबल इकोनॉमिक हब
6 Jun, 2024 02:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने कहा कि उसकी स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों ने महाराष्ट्र में एक ग्लोबल इकोनॉमिक हब बनाने के लिए 3,750 एकड़ भूमि की सब-लीज डीड का पंजीकरण कराया है।
बीएसई को भेजी सूचना में बताया गया है कि आरआईएल की स्वामित्व वाली कंपनियों ने नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड से 13,400 करोड़ रुपए में 43 साल के लिए विकास अधिकारों के साथ करीब 3,750 एकड़ भूमि के सब-लीज डीड से जुड़ी सभी कार्यवाही पूरी कर ली हैं। नवी मुंबई आईआईए प्राइवेट लिमिटेड में (शहर एवं औद्योगिक विकास निगम) सिडको की 26फीसदी हिस्सेदारी है। सिडको नवी मुंबई के लिए सरकार की नगर नियोजन एजेंसी है।
कंपनी ने कहा है कि महाराष्ट्र औद्योगिक नीति, 2013 के अनुसार सब लीज पर दी गई इस भूमि का इस्तेमाल एकीकृत औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए किया जाएगा। फरवरी 2018 में ग्लोबल इकोनॉमिक हब तैयार करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता किया गया था।
2018 में आयोजित मैग्नेटिक महाराष्ट्र कार्यक्रम में अंबानी ने कहा था, आरआईएल महाराष्ट्र में चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए भारत का पहला औद्योगिक क्षेत्र बनाएगा और इस पर अगले 10 साल में वैश्विक कंपनियों की भागीदारी से 60,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया जाएगा। 2019 में आरआईएल ने अपनी स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के जरिये करीब 4,000 एकड़ की सब लीज भूमि के लिए नवी मुंबई एसईजेड (एनएमएसईजेड) के साथ समझौता किया था। एक विज्ञप्ति में आरआईएल ने कहा कि हजीरा, जामनगर और दहेज में बड़े एकीकृत औद्योगिक परिसर तैयार करने, हरियाणा के झज्जर जिले में एकीकृत स्मार्ट सिटी और मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में एक आधुनिक कन्वेंशन सेंटर और आधुनिक ऑफिस बनाने का उसका रिकॉर्ड रहा है।
भारत में टैक्स सिस्टम की जटिलताएं ग्लोबल एयरलाइन्स देश छोड़ने को मजबूर!
6 Jun, 2024 01:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आईएटीए) ने चेतावनी दी है कि भारत में टैक्स सिस्टम की जटिलताएं ग्लोबल एयरलाइन्स को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर सकती हैं। आईएटीए की स्थापना 1945 में कुछ एयरलाइन कंपनियों ने की थी। आज दुनियाभर की 300 से अधिक एयरलाइन कंपनियां इसकी मेंबर हैं।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कुछ साल पहले भारत की टैक्स व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि भारत में टैक्स की दरें दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद सरकार ने अपनी ईवी पॉलिसी में बदलाव करके टेस्ला के भारत आने का रास्ता साफ कर दिया था। कंपनी ने अब तक भारत में एंट्री नहीं की है। इस बीच विदेशी एयरलाइन कंपनियों ने भी अब भारत की टैक्स व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। उनका कहना है कि भारत का टैक्स सिस्टम बहुत जटिल है और अगर स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें भारत को हमेशा के लिए अलविदा कहना पड़ेगा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएटीए के डायरेक्टर जनरल विली वॉल्श ने कहा कि भारत में टैक्स से जुड़ी कई समस्याएं हैं। जिनके कारण विदेशी एयरलाइन कंपनियां भारत छोड़ सकती हैं। इनमें टैक्स नियमों की जटिलाएं, बहुत ज्यादा टैक्स और डबल टैक्सेशन का जोखिम है। ये ऐसे इश्यू हैं जिनसे विदेशी एयरलाइन कंपनियां बचना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल अक्टूबर में डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीसीआई) कई विदेशी एयरलाइन कंपनियों के ऑफिसेज पर छापा मारा था। यह मामला टैक्स की चोरी से जुड़ा था।
इसी साल डीजीसीआई ने थाई एयरवेज, सिंगापुर एयरलाइन्स, लुफ्तहांसा और ब्रिटिश एयरवेज के भारतीय कर्मचारियों को समन भेजा था। इन एयरलाइन कंपनियों पर जीएसटी का भुगतान नहीं करने का आरोप था। एजेंसी के मुताबिक विदेशी एयरलाइन कंपनियों को भारत में एयरक्राफ्ट मेंटनेंस और रेंटल तथा क्रू की सैलरी पर जीएसटी देना होगा।
डीजीसीए के 2022-23 के आंकड़ों के मुताबिक भारत के इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक में विदेशी एयरलाइन्स की हिस्सेदारी 56 फीसदी है जबकि भारतीय कंपनियों का हिस्सा 44 फीसदी है। विदेशी कंपनियों में सबसे ज्यादा 10 फीसदी हिस्सेदारी एमिरेट्स की है। इसके बाद सिंगापुर एयरलाइन्स, एतिहाद, कतर एयरवेज, लुफ्तहांसा और एयर अरेबिया का नंबर है। वॉल्श ने कहा कि अगर किसी एयरलाइन को किसी देश से पैसा मिलना बंद हो जाए तो वह वहां ऑपरेट क्यों करेगी?