व्यापार
जियो फाइनेंशियल और ब्लैकरॉक का नया कदम: इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी के जरिए भारत में धन सृजन को बढ़ावा
12 Jun, 2025 06:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ने बुधवार 11 जून को ऐलान किया कि उसे भारत में निवेश सलाहकार के रूप में कारोबार शुरू करने की अनुमति मिल गई है. उसने कहा कि भारत में ऑपरेशन शुरू करने के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) से मंजूरी मिल गई है. जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड, जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) और अमेरिका बेस्ड ब्लैकरॉक इंक के बीच 50:50 हिस्सेदारी वाला ज्वाइंट वेंचर है.
म्यूचुअल फंड कारोबार के लिए मिली गई थी मंजूरी
इससे पहले सेबी ने जियो ब्लैकरॉक एसेट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड को भारत में अपने म्यूचुअल फंड कारोबार के लिए निवेश प्रबंधक के रूप में परिचालन शुरू करने की 27 मई 2025 को मंजूरी दी थी. जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ने बयान में कहा कि इस लाइसेंस से जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स अब निवेशकों की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए ‘डिजिटल-फर्स्ट’ प्रोडक्ट को डेवलप करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
सीईओ और एमडी के नामों का ऐलान
जियो ब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स ने मार्क पिलग्रेम को अपना मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) एवं चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त करने की भी घोषणा की. पिलग्रेम को ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है. इससे पहले उन्होंने ब्लैकरॉक में यूरोप, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के लिए क्लाइंट स्पेशलिस्ट हेड और निवेश ट्रस्टों के प्रमुख के रूप में कार्य किया था. अपनी पिछली भूमिका में उन्होंने क्लाइंट जुड़ाव को बढ़ाने और पूरे क्षेत्र में ब्लैकरॉक के निवेश ट्रस्ट के ऑफर का विस्तार करने की पहल का नेतृत्व किया था.
पिलग्रेम की पिछली भूमिका
ब्लैकरॉक में शामिल होने से पहले पिलग्रेम ने आईशेयर्स ईएमईए के लिए चीफ ऑपरेशनल ऑफिसर और बिजनेस स्ट्रैटेजी के प्रमुख के रूप में काम किया और ब्लैकरॉक के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड व्यवसाय के लिए रणनीतिक योजना और ऑपरेशनल एग्जीक्यूशन की देखरेख की.
इनसाइट ड्रिवेन फाइनेंशियल सॉल्यूशन
JFSL के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ हितेश सेठिया ने कहा कि भारतीय निवेशकों की पर्सनल, इनसाइट ड्रिवेन फाइनेंशियल सॉल्यूशन की बढ़ती मांग के बीच यह ज्वाइंट वेंचर वर्ल्ड क्लास कंसल्टिंग सर्विसेज तक उनकी पहुंच को आसान करेगा.
क्या UPI से क्रिप्टो खरीदना सेफ है? जानें सुरक्षा मानक, KYC और AML नियमों का कैसे रखें ध्यान
11 Jun, 2025 05:55 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Cryptocurrency की भारत में लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. खासकर निवेश के लिए वैकल्पिक एसेट्स की तलाश करने वाले लोगों की क्रिप्टोकरेंसी में दिलचस्पी बढ़ रही है. रेगुलेटरी अनिश्चितताओं के बावजूद, कई भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंज बिटकॉइन, एथेरियम सहित कई क्रिप्टो एसेट्स में निवेश की सुविधा दे रहे हैं. स्मार्टफोन के साथ बढ़ती डिजिटल भुगतान सुविधाओं ने क्रिप्टो निवेश को सुलभ बना दिया है. ये प्लेटफॉर्म अब भारतीय निवेशकों को रुपये में ही निवेश की सुविधा दे रहे हैं. यहां तक कि भुगतान के लिए UPI का भी इस्तेमाल किया जाने लगा है.
यूपीआई कैसे काम करता है?
क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए यूपीआई के जरिये भुगतान कितना सेफ है, उससे पहले यह जानना जरूरी है कि यह कैसे काम करता है. Paytm सहित कई प्लेटफॉर्म UPI के जरिये क्रिप्टोकरेंसी खरीदने की सुविधा देते हैं. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि सेफ्टी और रेगुलेशन से जुड़े मुद्दे खत्म हो जाते हैं. UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक तेज, रियल-टाइम भुगतान व्यवस्था है, जो तुरंत बैंक ट्रांसफर की सुविधा देती है. भारत में कई क्रिप्टो एक्सचेंज UPI से भुगतान की सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं.
कहां मिल रही यूपीआई भुगतान की सुविधा?
भारत में फिलहाल कोई भी बड़ा और भरोसेमंद क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे UPI भुगतान को सपोर्ट नहीं करता है. लेकिन, Paytm जैसे पेमेंट एग्रीगेटर्स के जरिये Mudrex, CoinDCX और ZebPay UPI के जरिये भुगतान स्वीकार करते हैं. यूपीआई से भुगतान के लिए पहले आपको इन प्लेटफॉर्म पर KYC की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इसके साथ ही UPI ID को लिंक करना होगा. किसी भी क्रिप्टो वॉलेट के इस्तेमाल के लिए KYC जरूरी है.
क्या है RBI का रुख?
इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि रिजर्व बैंक की तरफ से UPI का क्रिप्टो खरीद में इस्तेमाल आधिकारिक तौर पर प्रमोट नहीं किया जाता है. ऐसे में यहां तक कि कुछ बैंकों की तरफ से क्रिप्टो प्लेटफॉर्म के लिए किए जाने वाले ट्रांजैक्शन को रोका भी जा सकता है. कुछ बैंक अपनी आंतरिक नीतियों के आधार पर क्रिप्टो प्लेटफार्मों पर UPI ट्रांसफर को मंजूरी देते हैं.
Paytm से UPI के जरिये कैसे करें Bitcoin?
सबसे पहले एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म सलेक्ट करें, जो PayTM से भुगतान स्वीकार करता हो.
इसके बाद उस प्लेटफॉर्म पर PayTM के जरिये भुगतान का ऑप्शन सलेक्ट करें.
भुगतान के लिए जब आप PayTM सलेक्ट करते हैं, तो यहां भुगतान के सभी मेथड सामने आ जाते हैं, जिनमें UPI भी शामिल है.
इसके बाद आप एक्सचेंज के आपको PayTM वॉलेट पर रिडायरेक्ट कर देता है, जहां आप UPI के जरिये भुगतान कर सकते हैं.
क्या UPI भुगतान सेफ है?
हमेशा SEBI या FIU-पंजीकृत क्रिप्टो एक्सचेंज का ही उपयोग करें. अपने क्रिप्टो वॉलेट को टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन से सिक्योर बनाएं. इसके अलावा पासवर्ड, प्राइवेट की जैसे डाटा किसी के साथ शेयर नहीं करें. क्योंकि, यूपीआई से भुगतान पूरी तरह सेफ है. लेकिन, असल में आपको अपने क्रिप्टो वॉलेट को सेफ रखने की जरूरत है.
अब 4 नहीं, 24 घंटे पहले बनेगा रिजर्वेशन चार्ट, जानें तत्काल बुकिंग पर क्या होगा प्रभाव
11 Jun, 2025 03:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रेलवे, यात्रियों की चिंता को कम करने के लिए एक बड़ा बदलाव करने जा रही है. अब ट्रेन चलने से 24 घंटे पहले पैसेंजर चार्ट जारी किया जाएगा. पहले यह चार घंटे पहले जारी किया जाता था. इस फैसले से उन यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी जो दूरदराज से सफर करने आते हैं और लास्ट मिनट तक टिकट कन्फर्म होने का इंतजार करते हैं. यह नई व्यवस्था पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राजस्थान के बीकानेर डिवीजन में 6 जून से शुरू हो गई है. रेलवे अधिकारियों का मानना है कि इससे यात्रा की योजना बेहतर तरीके से बन सकेगी और तनाव कम होगा.
दूर से आने वाले यात्रियों को मिलेगा फायदा
अब जो यात्री दूर-दराज के इलाकों से स्टेशन पहुंचते हैं, उन्हें पहले ही पता चल जाएगा कि उनकी सीट कन्फर्म हुई है या नहीं. इससे उन्हें आखिरी समय की अनिश्चितता से बचाव होगा. खासकर वेटिंग लिस्ट वाले यात्री पहले ही तय कर पाएंगे कि उन्हें सफर करना है या नहीं. रेलवे का यह कदम यात्रियों की योजना बनाने में मदद करेगा.
तत्काल टिकट वालों पर नहीं पड़ेगा असर
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह बदलाव उन यात्रियों को प्रभावित नहीं करेगा जो आखिरी समय में टिकट बुक करते हैं.तत्काल टिकट आमतौर पर ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले बुक होते हैं. इसलिए 24 घंटे पहले चार्ट जारी करना इस व्यवस्था को प्रभावित नहीं करेगा. तत्कालबुकिंग पहले की तरह ही जारी रहेगी.
अभी पायलट प्रोजेक्ट पर काम जारी
फिलहाल यह नई व्यवस्था केवल बीकानेर डिवीजन में शुरू की गई है. आने वाले कुछ हफ्तों में पायलट प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाकर इसके नतीजे देखे जाएंगे. अगर सब कुछ सही रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि अंतिम फैसला यात्रियों के हितों को ध्यान में रखकर लिया जाएगा.
चार घंटे पहले बनता था चार्ट
अभी तक रेलवे दो बार रिजर्वेशन चार्ट बनाता था. पहला , चार घंटे पहले और अंतिम चार्ट ट्रेन चलने से करीब 30 मिनट पहले तैयार किया जाता था. लेकिन अब अगर 24 घंटे पहले चार्ट जारी किया जाएगा तो इससे कई यात्रियों को पहले से तय योजना के अनुसार सफर करने का मौका मिलेगा. इससे यात्रियों को बहुत फायदा होने की उम्मीद है.
फर्जी वेबसाइट्स से बचें! केदारनाथ हेलीकॉप्टर टिकट बुक करने से पहले क्रॉस-चेक करें URL और ऑपरेटर का नाम, वरना होगा नुकसान
11 Jun, 2025 03:24 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
साइबर अपराधियों ठगी के लिए धार्मिक जगहों को नहीं बख्श रहे हैं. लोगों के आस्था से साथ से खिलवाड़ करते हुए अपराधी उन्हें ठग रहें है. ऐसा ही एक मामला प्रसिद्ध मंदिर केदारनाथ धाम जानें वाले श्रद्धालुओं के साथ देखने को मिला है जहां पर साइबर अपराधी हेलीकाप्टर सर्विस के नाम पर उन्हें ठगी का शिकार बना रहें है. चारधाम की यात्रा के चलते इसमें तेजी आई है. इसे देखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने अलर्ट जारी किया है लोगों से सतर्क रहने का सलाह दी है. पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए कई ऐसे साइट और सोशल मीडिया पेज को ब्लॉक किया है और अपराधियों को तलाश कर रही है.
कैसे निशान बना रहे हैं ठग
केदारनाथ की यात्रा पैदल और खच्चर के साथ- साथ हेलीकॉप्टर से की जाती है. हेलीकॉप्टर के लिए श्रद्धालु (heliyatra.irctc.co.in) अधिकारी वेबसाइट के बुकिंग कर सकते हैं. अपराधी ऑफिशियल वेबसाइट से मिलता-जुलता नाम और उसी तरह का दिखने वाली फर्जी बेवसाइट बनाते है. जब लोग बुकिंग के लिए साइट पर जाते है तो ये फर्जी वेबसाइट दिखती है जहां पर सबकुछ अधिकारिक वेबसाइट की तरह होता है लेकिन जब श्रद्धालु पेमेंट करते है तो उनको टिकट नहीं मिलता है और वे ठगी का शिकार हो जाते हैं.
पुलिस ले रही है कड़ा एक्शन
इस समय चारधाम की यात्रा चल रही है और लाखों की संख्या में लोग केदारनाथ जा रहें है. इसका मौके का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे है और लोगों के निशाना बना रहें है. इसी के चलते उत्तराखंड पुलिस तेजी से कार्यवाही कर रही है, पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2023 में 64 फर्जी वेबसाइटों को ब्लाक कराया है. 2024 में भी 18 फर्जी वेबसाइटों, 45 फेसबुक पेज और 20 बैंक अकाउंट के ब्लाक किया गया था. इस साल भी पुलिस लगातार एक्शन ले रही है और अबतक 51 फर्जी वेबसाइटों,111 मोबाइल नंबरों को ब्लॉक किया गया जो साइबर धोखाधड़ी में यूज हो रहे थे. इसके अलावा 56 बैंक खातों को फ्रीज कराया गया है और 30 व्हाट्सएप नंबरों को रिपोर्ट कर ब्लॉक कराया गया.
ऐसे धोखाधड़ी से कैसे बचे
फर्जी वेबसाइटों से बचने के लिए अपनाएं ये 7 जरूरी सावधानियां:
हमेशा आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
बुकिंग करने से पहले वेबसाइट का पता (URL) ध्यान से देखें. सरकारी वेबसाइटों के अंत में आमतौर पर .gov.in या .nic.in लिखा होता है.
गूगल सर्च से सीधे लिंक पर क्लिक न करें
कई बार गूगल पर ऊपर दिखने वाले एड्स भी फर्जी हो सकते हैं. वेबसाइट का लिंक टाइप करके ही विजिट करें.
सस्ते ऑफर या तात्कालिक लाभ से सावधान रहें
अगर कोई वेबसाइट हेलीकॉप्टर टिकट बहुत सस्ते में या बिना किसी प्रतीक्षा के दे रही है, तो वह फर्जी हो सकती है.
सिक्योर वेबसाइट की पहचान करें
वेबसाइट के URL की शुरुआत में https होना चाहिए. इसके साथ एक लॉक का निशान भी दिखता है, जो साइट के सुरक्षित होने का संकेत है.
ऑनलाइन पेमेंट से पहले दो बार जांचें
भुगतान करने से पहले वेबसाइट के संपर्क नंबर, ईमेल और अन्य डिटेल्स जांचें. संदेह होने पर पेमेंट न करें.
सोशल मीडिया लिंक से सावधान रहें
फेसबुक, इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप पर मिलने वाले टिकट बुकिंग लिंक अक्सर फर्जी होते हैं. ऐसे किसी लिंक पर भरोसा न करें.
संदिग्ध वेबसाइट की शिकायत करें
अगर आपको किसी वेबसाइट पर संदेह हो, तो तुरंत cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें या नजदीकी साइबर सेल से संपर्क करें.
रैपिडो का विशाल राइडर बेस और "ऑफलाइन प्राइस = ऑनलाइन प्राइस" का वादा, क्या बनाएगा नया मार्केट लीडर?
11 Jun, 2025 10:29 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रैपिडो की फूड डिलीवरी सेक्टर में एंट्री की तैयारी कर रही है. कंपनी अपने 40 लाख राइडर नेटवर्क का उपयोग करके इस सेक्टर में बड़े बदलाव के संकेत दे रही है. रैपिडो लगभग जीरो इंक्रीमेंटल कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ, निष्क्रिय स्लॉट का बेस्ट उपयोग करने की योजना पर काम कर रही है. फूड डिलीवरी सेक्टर में रैपिडो की एंट्री से मौजूदा दिग्गज स्विगी और इटरनल (जोमैटो) के झटका लग सकता है.
कमाई को लग सकता है झटका?
रैपिडो को स्विगी और जोमैटो की इनकम और टारगेट प्राइस के लिए खतरा माना जा रहा है. एलारा सिक्योरिटीज ने एक फ्रेश नोट में कहा कि कोई भी निरंतर एग्जीक्यूशन और स्केल की जरिए रैपिडो मौजूदा प्रतिस्पर्धियों के स्टेबल टेक-रेट और प्रॉफिट को चुनौती दे सकती है.
जोमैटो-स्विगी को कैसे पहुंच सकता है नुकसान?
जोमैटो और स्विगी की ऑनलाइन फूड डिलीवरी की कहानी एक दशक पुरानी है और अब स्टेबल टेक रेट ऑफर करती हैं. इसमें शॉर्ट टर्म में 5 फीसदी एडजस्टेड EBITDA का लक्ष्य है. ट्रायल-आउट वॉल्यूम को छोड़कर, रैपिडो का तेज स्केल-अप स्थिर ऑपरेशन एनवायरमेंट को रिस्क में डाल सकता है
एलारा सिक्योरिटीज ने कहा कि इटरनल के रेवेन्यू ग्रोथ में 200 बेसिस प्वाइंट की गिरावट और फूड डिलीवरी सेगमेंट में 10 फीसदी वैल्यूएशन मल्टीपल के कारण, इसका एडजस्टेड कंसोलिडेटेड टारगेट प्राइस 300 रुपये से 6 फीसदी घटकर 282 रुपये हो सकता है.
कम कमीशन रेट स्ट्रक्चर
रैपिडो ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी में उतरने के लिए अपने कमीशन रेट स्ट्रक्टर की घोषणा की है. यह स्ट्रक्चर जोमैटो और स्विगी के मुकोबले प्रतिस्पर्धी है, क्योंकि रैपिडो एवरेज ऑर्डर वैल्यू (AOV) के आधार पर रेस्टोरेंट पार्टनर से 8-15 फीसदी का कमीशन रेट वसूलेगा. यह स्विगी और जोमैटो के लिए 21-22 फीसदी के मिक्स कमीशन रेट के मुकाबले कम है.
ऑर्डर चार्ज
रिपोर्ट के अनुसार, रैपिडो ने 400 रुपये से कम के ऑर्डर पर 25 रुपये और 400 रुपये से अधिक के ऑर्डर पर 50 रुपये का शुल्क तय किया है. यह सर्विसेज बेंगलुरु से पायलट बेस पर शुरू की जाएंगी. रैपिडो का यह कदम ONDC और OLA से अलग है, जहां लास्ट मील कनेक्टिविटी एक इश्यू था.
विशाल राइडर नेटवर्क
रैपिडो के पास 40 लाख राइडर नेटवर्क है, जिसमें प्रतिदिन 30-35 लाख राइड्स हैं, जो आंशिक रूप से लॉजिस्टिक्स को सपोर्ट करता है. यह इटरनल के 4.4 लाख और स्विगी के 5.3 लाख राइडर बेस से बिल्कुल उलट है.
ऑनलाइन फूड डिलीवरी के बिजनेस में उतरने वाले नए प्लेयर (ONDC और डायरेक्ट ऑर्डरिंग प्लेटफॉर्म) लास्ट मील कंट्रोल और 3P लॉजिस्टिक्स पर निर्भरता के कारण स्केल-अप करने में असफल रहे हैं. लगातार एग्जीक्यूशन और स्केल पर रैपिडो मौजूदा कंपनियों की स्टेबल टेक-रेट और मुनाफे को चुनौती दे सकती है.
चीन को पछाड़ भारत की आर्थिक चमक: विश्व बैंक की रिपोर्ट में 6.3% ग्रोथ का अनुमान
11 Jun, 2025 10:14 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच वर्ल्ड बैंक ने भारत की इकोनॉमी पर अपना भरोसा बरकरार रखा है. वर्ल्ड बैंक ने मंगलवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निर्यात पर बने दबाव के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक ग्रोथ के अनुमान को 6.3 फीसदी पर बरकरार रखा. इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. विश्व बैंक ने अप्रैल में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया था, जो जनवरी में 6.7 फीसदी था.
ग्लोबल ग्रोथ में गिरावट की आशंका
विश्व बैंक की ताजा वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के अनुसार बढ़े हुए व्यापार तनाव और नीति अनिश्चितता के चलते इस साल वैश्विक वृद्धि में गिरावट आने की आशंका है, जो 2008 के बाद से सबसे धीमी गति हो सकती है. ग्लोबल ग्रोथ को 2025 में 2.3 फीसदी तक रहने अनुमान लगाया गया है.
औद्योगिक उत्पादन नरम
रिपोर्ट में कहा गया कि इस उथल-पुथल के कारण सभी क्षेत्रों और आय समूहों में लगभग 70 फीसदी अर्थव्यवस्थाओं की ग्रोथ के अनुमान में कटौती की गई है. इसमें भारत के बारे में कहा गया है कि 2024-25 में वृद्धि धीमी हो गई, जो आंशिक रूप से औद्योगिक उत्पादन ग्रोथ में नरमी को दर्शाती है. हालांकि, कंस्ट्रक्शन और सर्विस गतिविधियों में ग्रोथ स्थिर रही और ग्रामीण क्षेत्रों में लचीली मांग के कारण कृषि उत्पादन में सुधार हुआ है.
ग्लोबल ट्रेड टेंशन
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 फीसदी की दर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रह सकता है. विश्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में ग्रोथ के अनुमान को जनवरी के अनुमानों की तुलना में 0.4 फीसदी घटा दिया गया है, क्योंकि प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में कमजोर गतिविधि और बढ़ती वैश्विक व्यापार बाधाओं के कारण निर्यात में कमी आई है. विश्व बैंक को उम्मीद है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2025 में 4.5 फीसदी और अगले साल 4 फीसदी रहेगी.
भारत-ETFA मुक्त व्यापार: सितंबर से मिलेगा लाभ, चार यूरोपीय देश राजी
10 Jun, 2025 03:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह EFTA ने भारत के साथ पिछले साल मार्च में किए FTA को इस साल सितंबर से लागू करने पर सहमति व्यक्त की है. EFTA यानी यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन चार देशों का समूह है. इस समूह में आइसलैंड, लिश्टेंसटाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. इस समूह ने पिछले साल भारत के साथ FTA यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया था. सोमवार को केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह समूह भारत के साथ FTA को इस साल सितंबर से लागू करने को तैयार है.
भारत को क्या फायदा?
मार्च 2024 में हुए इस समझौते से भारत को कई फायदे होंगे. मसलन, इन देशों को होने वाला निर्यात बढ़ेगा, जिसका प्रत्यक्ष और परोक्ष असर भारतीय अर्थव्यवस्था और रोजगार पर दिखेगा. इसके अलावा इस डील का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगले 15 वर्षों के भीतर इन देशों की तरफ से भारत में 100 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा.
कौनसे प्रोडक्ट होंगे सस्ते?
FTA का एक बड़ा असर यह देखने को मिलेगा कि इससे इन देशों से आयात किए जाने वाले उत्पाद भारत में सस्ते मिलेंगे. मसलन, स्विस घड़ियां, चॉकलेट जैसे उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी आएगी. इन चारों देशों में संसद के स्तर पर भी सौदे को मंजूरी मिल चुकी है.
पीयूष गोयल क्या बोले?
रिपोर्ट के मुताबिक उद्योग व वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देने के लिए आधिकारिक यात्रा पर हैं. गोयल ने सोमवार को स्विट्जरलैंड में कहा कि स्विस कंपनियों ने दवा, साइबर सुरक्षा और मशीनरी विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में भारत में निवेश में रुचि दिखाई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हुई कि स्विस उद्योग भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते के कार्यान्वयन की प्रतीक्षा कर रहा है.
इस अनमोल मैटेरियल की कमी से दुनिया परेशान, कार-फोन उत्पादन में देरी और चिकित्सा क्षेत्र पर भी असर
10 Jun, 2025 03:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रेयर अर्थ इस समय यह नाम चर्चा में है. चीन द्वारा इस मैटेरियल पर आयात बैन लगाने के बाद दुनिया भर के कई देशों सहित भारत में भी इसकी भारी कमी हो गई है. बैन के चलते इसकी कीमत और महत्व सोने चांदी जैसे महंगे मेटल से भी ज्यादा कीमती हो गई है. इसकी कीमत इतनी ज्यादा है कि अगर चीन का प्रतिबंध ज्यादा दिन तक चलता है तो आप अपने मन की कार या डिजिटल गैजेट खरीदने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. पिछले हफ्ते चीन द्वारा बैन लगाने के बाद से ही दुनिया भर के ऑटोमोबाइल सेक्टर में हलचल मच गई है. तो आइए जानते हैं कि यह इतनी महत्वपूर्ण क्यों है और किन चीजों को बनाने में इसका उपयोग किया जाता है.
क्या होता है रेयर अर्थ
रेयर अर्थ एलिमेंट्स(REEs) उन 17 केमिकल एलिमेंट्स का ग्रुप है जो आपस में काफी मिलते-जुलते हैं. इनमें 15 लैन्थेनाइड्स जैसे नियोडिमियम, सेरियम, लैंथेनम और स्कैन्डियम और इट्रियम शामिल हैं. ये अक्सर इन्हीं मिनरल में मिलते हैं. हालांकि इन्हें “रेयर” कहा जाता है, लेकिन ये धरती की परत में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, बस इनका उच्च मात्रा में मिलना मुश्किल होता है.
चीन में दुनिया का सबसे ज्यादा 44 मिलियन टन रिजर्व है और पूरी दुनिया में वह इसका सबसे ज्यादा प्रोडक्शन भी करता है. इसी लिए इस पर उसका एकाधिकार भी है. चीन के बाद ब्राजील 21 mt, भारत 6.9 mt, ऑस्ट्रेलिया 5.7 mt, रूस 3.8 mt, वियतनाम 3.5 mt और अमेरिका 1.9 मिलियन टन का रिजर्व मौजूद है. भारत पूरी दुनिया में तीसरा ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा इसका भंडार है लेकिन इसका प्रोडक्शन मात्र 2900 टन है.
क्यों जरूरी है रेयर अर्थ
रेयर अर्थ आज की आधुनिक तकनीक और ग्रीन एनर्जी के लिए बहुत जरूरी है. इसका उपयोग कार बनाने से लेकर मोबाइल तक में होता है. इसमें मैग्नेटिक (चुंबकीय), ऑप्टिकल (प्रकाशीय) और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक (विद्युत-रासायनिक) गुण होते हैं.
कहां उपयोग होता है रेयर अर्थ
इसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, टीवी, बैटरी और सेंसर में होता है. वही ग्रीन एनर्जी में एयर टर्बाइन नियोडिमियम मैग्नेट) और इलेक्ट्रिक वाहन मोटर और बैटरी में होता है. इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में मिसाइल गाइडेंस सिस्टम, जेट इंजन, लेजर टारगेटिंग में, उपभोक्ता और औद्योगिक उत्पादों में एलईडी लाइट, कैटेलिटिक कनवर्टर और कांच की पॉलिश और रंग देने में, चिकित्सा में एमआरआई मशीन, कैंसर उपचार में उपयोगी रेडियोआइसोटोप में होता है.
बैन का क्या होगा असर
अगर चीन का बैन ज्यादा लंबा खिंचता है तो देश के अंदर ऑटोमोबाइल सेक्टर में चिप की कमी आ सकती है, जिसके कारण ग्राहकों को कार खरीदने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है. इसके अलावा देश के अंदर बन रही कई सैन्य योजनाएं लटक सकती हैं. इसके अलावा एलईडी लाइट, एमआरआई मशीन की भी कमी हो सकती है.
क्या कर रही है भारत सरकार
भारत अब रेयर अर्थ मैग्नेट के लिए चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने की तैयारी कर रहा है. 9 जून को बर्न में भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अब इन जरूरी मटेरियल्स को खुद देश में बनाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए सरकार उद्योग से जुड़े लोगों के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि चीन से आयात पर निर्भरता कम की जा सके. उन्होंने यह भी बताया कि जब तक भारत में पूरी व्यवस्था नहीं बन जाती, तब तक कुछ जरूरी सामान चीन से मंगाने की अस्थायी योजना भी बन रही है.
देश के सबसे बड़े निजी बैंक के CEO पर रिश्वत का आरोप: लीलावती ट्रस्ट ने HDFC बैंक के शशिधर जगदीशन को घेरा
10 Jun, 2025 01:32 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मुंबई का लीलावती अस्पताल चलाने वाले लीलावती ट्रस्ट और HDFC का झगड़ा अब और बड़ा होता जा रहा है. एक बार फिर लीलावती ट्रस्ट (लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल ट्रस्ट) ने HDFC बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन पर सीधा हमला बोला है. ट्रस्ट ने साफ कहा कि न ट्रस्ट का और न ही इसके परमानेंट ट्रस्टी प्रशांत किशोर मेहता का HDFC बैंक से किसी लोन को लेकर कोई लेना-देना है. ट्रस्ट ने कहा कि उन्होंने कभी बैंक से एक रुपया भी उधार नहीं लिया और न ही उनका उस कर्जदार कंपनी Splendour Gems Ltd से कोई रिश्ता है, जिसका जिक्र HDFC कर रहा है.
क्या है ट्रस्ट का आरोप?
लीलावती ट्रस्ट का कहना है कि HDFC के सीईओ ने 2.05 करोड़ की रिश्वत लेकर चेतन मेहता ग्रुप को ट्रस्ट पर अवैध रूप से कब्जा बनाए रखने में मदद की है. वहीं अब तक HDFC बैंक के सीईओ ने इस रिश्वत के आरोप को खारिज नहीं किया है. ट्रस्ट के मुताबिक, इस धोखाधड़ी और गड़बड़ी की वजह से 1,000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है और इसी के चलते CEO के खिलाफ सिविल और क्रिमिनल मानहानि के केस दर्ज किए गए हैं.
बता दें चेतन मेहता लीलावती ट्रस्ट के मौजूदा ट्रस्टी मेहता भाइयों के चचेरे भाई हैं जो खुद भी पहले ट्रस्टी थे.
HDFC बैंक का जवाब
इससे पहले HDFC बैंक ने कहा था कि उनके अधिकारी और बैंक खुद कुछ “गलत मंशा वाले लोगों” के टारगेट पर हैं. बैंक ने कहा कि ये लोग कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि Splendour Gems Ltd से बकाया वसूली को रोका जा सके.
बता दें कि Splendour Gems Ltd कंपनी मेहता परिवार की है जो लीलावती ट्रस्ट में भी शामिल हैं.
बैंक ने बताई पूरी टाइमलाइन-
मेहता परिवार की इस कंपनी ने 1995 में HDFC बैंक और अन्य बैंकों से कर्ज लिया था.
2001 में ये कंपनी आधिकारिक तौर पर डिफॉल्टर घोषित की गई थी.
2004 में डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) ने HDFC बैंक को वसूली का सर्टिफिकेट दिया था. बावजूद इसके, मई 2025 तक कंपनी पर HDFC बैंक का 65.22 करोड़ का कर्ज बाकी है.
HDFC ने ये भी कहा कि Splendour Gems Ltd सिर्फ उनसे ही नहीं, बल्कि अन्य बैंकों और संस्थानों से भी कर्ज लेकर चुका नहीं रही है.
इस पूरे मामले में दो बातें मुख्य रूप से सामने हैं. एक, मेहता परिवार का HDFC बैंक से लिया गया कर्ज जिसे वो चुका नहीं रही (बैंक के अनुसार) और दूसरा HDFC बैंक के CEO पर मेहता परिवार का आरोप – जिसमें वो कह रहे हैं कि ट्रस्ट को अवैध रूप से कब्जे में रखने के लिए रिश्वत दी गई.
इस पर HDFC बैंक ने आरोप लगाया कि मेहता परिवार कर्ज चुकाने से बचने के लिए ये खेल रच रहा है.
भारतीय बैंकिंग सेक्टर में बड़ा उलटफेर: सरकारी बैंक अब प्राइवेट से आगे, जानिए कैसे हुआ संभव
10 Jun, 2025 01:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
2011 के बाद पहली बार, सरकारी बैंक ने लोन बढ़ोतरी में प्राइवेट बैंकों (PVB) को पीछे छोड़ दिया है. वित्त वर्ष 2025 के अंत में सरकारी बैंक ने प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को 4% से पीछे छोड़ दिया है. जिसमें PSB ने 13.1% साल-दर-साल लोन ग्रोथ दर्ज की, जबकि PVB के लिए ये 9% थी. बैंकों का मजबूत प्रदर्शन कई कैटेगरी में था, जिसमें मॉर्टेज और कॉर्पोरेट लोन के साथ ही ऑटो लोन जैसे कई लोन शामिल है.
ICICI बैंक का Price-To-Book (P/B) रेश्यो अभी के समय में लगभग 3.5 है. भारतीय स्टेट बैंक का Price-To-Book (P/B) लगभग 1.5 है जो दोनों बैंकों की ग्रोथ, प्रॉफिटेबिलिटी और रिस्क प्रोफाइल के बारे में दिखाता है.
सरकारी बैंकों ने प्राइवेट को ऐसे दी पटखनी
लोगों का झुकाव प्राइवेट सेक्टर के बैंकों पर कम और सरकारी बैंकों की ओर होता हुआ साफ दिखाई दे रहा है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईसीआईसीआई बैंक के ग्रुप सीएफओ अनिंद्य बनर्जी ने 19 अप्रैल को एअर्निंग एनालिस्ट कॉल के बाद कहा, “बहुत बड़े, सक्षम प्रतिस्पर्धी हैं, जिनकी कीमत भी हमसे काफी कम है. ये बढ़ोतरी के मामले में कुछ चुनौतियां पैदा करता है लेकिन मुझे लगता है कि ये जीवन का हिस्सा है. इसलिए, हमें आगे बढ़ते हुए इससे निपटना होगा और देखना होगा कि हम प्रॉफिटेबल बढ़ोतरी को बनाए रखने के लिए दूसरे लीवर कैसे चला सकते हैं.
खत्म हुआ 14 साल का वनवास
HDFC बैंक भी कई तिमाहियों से इसी मुद्दे को उठा रहा है. HDFC बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी श्रीनिवासन वैद्यनाथन ने अप्रैल में कहा था, “हमने पिछले 12 महीनों, 18 महीनों में देखा है कि बड़े कॉर्पोरेट लोन और बड़े एसएमई लोन में कॉम्पटिशन हो रहे हैं, सबसे ज्यादा सार्वजनिक सेक्टर के संस्थानों से आने वाले लोन. जहां बढ़ोतरी एक उद्देश्य है और जरूरी नहीं कि मार्जिन या रिटर्न हो. हमने देखा है कि उन पर प्राइस डिटरमिनेशन बहुत कम है.
98.2 लाख करोड़ रुपए का लोन पोर्टफोलियो
आरबीआई के आंकड़ों और बर्नस्टीन के एनलाइस्स से पता चला है कि 2011 की शुरुआत में पीएसयू और पीवीबी बैंकों की लोन बढ़ोतरी के बीच का अंतर लगभग 4% था. ये 2016 में 20% के उच्च स्तर पर पहुंच गया. कोविड की शुरुआत के साथ विकास अंतर कम होना शुरू हो गया जब यह फिर से 4% तक गिर गया. वित्त वर्ष 25 के अंत तक सरकारी बैंक के पास कुल 98.2 लाख करोड़ रुपए का लोन पोर्टफोलियो था. जिसकी मार्केट हिस्सेदारी 52.3% थी. इसकी तुलना में, प्राइवेट सेक्टर का लोन बेस्ड 75.2 लाख करोड़ रुपए था, जो कुल लोन का 40% था. जबकि 5 पीएसयू बैंकों ने अपने कॉर्पोरेट लोन में 10% की बढ़ोतरी की निजी बैंकों ने 4% से कम की बढ़ोतरी देखी गई.
सरकार की परियोजनाओं और बढ़ती मांग के चलते सीमेंट की कीमतें बढ़ेंगी, 6% तक की बढ़ोतरी से घर बनाना होगा महंगा
10 Jun, 2025 10:49 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप घर बनाने की योजना बना रहे हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. सीमेंट की कीमतों में जल्द ही बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे घर बनाने की लागत और महंगी हो सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि सीमेंट उद्योग में कीमतों में 5-6% की वृद्धि देखने को मिल सकती है, खासकर जून के महीने में सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है.
एक्सपर्ट राकेश अरोड़ा के मुताबिक, पूर्वी और दक्षिणी भारत में सीमेंट कंपनियां कीमतें बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. जनवरी से जून का समय सीमेंट उद्योग के लिए व्यस्त सीजन होता है, जब मांग और उत्पादन दोनों चरम पर होते हैं. इस दौरान कंपनियां कीमतें बढ़ाकर मानसून के कमजोर सीजन की तैयारी करती हैं. हालांकि, अप्रैल और मई में की गई कीमत वृद्धि का कुछ हिस्सा जून में वापस लिया गया, लेकिन जून में एक और बढ़ोतरी की कोशिश हो सकती है.
बढ़ोतरी की उम्मीद
उद्योग के लिए पहली तिमाही (Q1) में 5-6% की मात्रा वृद्धि की उम्मीद है. लेकिन, बड़ी कंपनियां जैसे अल्ट्राटेक और अंबुजा, जो हाल में कई अधिग्रहणों के जरिए विस्तार कर रही हैं, उनके लिए यह वृद्धि मध्यम-से-उच्च किशोर अंकों (mid-teens) में हो सकती है. उदाहरण के लिए, अल्ट्राटेक ने इंडिया सीमेंट्स और अंबुजा ने ओरिएंट, पेन्ना और सांघी जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया है. इससे इन कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी, लेकिन उद्योग की समग्र वृद्धि 6-7% के आसपास रहने की संभावना है.
हालांकि, पश्चिम बंगाल में प्रोत्साहन वापस लिए जाने से कुछ कंपनियों पर असर पड़ सकता है और इस मामले में कानूनी चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की शुरुआत इस साल जल्दी होने से पहली तिमाही में मांग थोड़ी कम रह सकती है. फिर भी, कीमतों में बढ़ोतरी की कोशिशें जारी रहेंगी. इस बढ़ोतरी का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. क्योंकि सीमेंट निर्माण का मुख्य घटक है. घर बिल्डिंग या अन्य निर्माण कार्यों की लागत बढ़ने से आम आदमी का बजट प्रभावित हो सकता है. विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आप जल्दी घर बनाने की सोच रहे हैं, तो कीमतें और बढ़ने से पहले सामग्री खरीद लें.
बेरोजगारी की मार: इस सेक्टर में 10 लाख से अधिक लोग होंगे प्रभावित, भारी उठापटक की आशंका
10 Jun, 2025 10:44 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
तकनीक लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है, लेकिन इसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं. केबल टीवी नेटवर्क इंडस्ट्री इसका एक उदाहरण है. केबल टीवी का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. इंटरनेट के इस्तेमाल से लोगों की नौकरियां खतरे में हैं. करीब करीब 5.77 लाख लोगों का रोजगार खत्म हो चुका है और आने वाले समय में 10 लाख से अधिक लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.
डेन नेटवर्क्स के सीईओ एसएन शर्मा ने कहा कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में इस क्षेत्र से जुड़े करीब 10 लाख लोग अपनी नौकरी खो सकते हैं. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव संजीव शंकर ने बताया कि इस सेक्टर को बचाने के लिए पेश की गई रिपोर्ट बहुत महत्वपूर्ण है. यह रिपोर्ट बताती है कि सेक्टर के सामने क्या चुनौतियां हैं, खासकर इंटरनेट से मिलने वाली सामग्री के कारण. कुछ लोग केबल टीवी और इंटरनेट दोनों का उपयोग कर रहे हैं. सरकार इस बदलती स्थिति पर नजर रखे हुए है.
लोग टीवी क्यों देखें?
संजीव शंकर ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि लोग केबल टीवी क्यों देखें, खासकर जब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बेहतर सामग्री उपलब्ध है. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी सामग्री केबल टीवी पर क्यों नहीं आ रही है.
हाल ही में आई रिपोर्ट 28,000 केबल टीवी ऑपरेटरों से बातचीत के आधार पर तैयार की गई है. यह सेक्टर करीब 35 साल पुराना है, फिर भी इससे जुड़े लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं. आशीष फेरवानी ने बताया कि 2017 में केबल टीवी सब्सक्रिप्शन 152 मिलियन था, जो अब घटकर 111 मिलियन रह गया है. 2018-19 की तुलना में 2023-24 में डीटीएच में 31 प्रतिशत की कमी आई है. 2018 से अब तक 40 प्रतिशत केबल सब्सक्राइबर कम हुए हैं.
लोग ओटीटी की ओर क्यों जा रहे हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, ओटीटी पर टीवी से बेहतर सामग्री उपलब्ध है, जिसके कारण लोग इंटरनेट की ओर बढ़ रहे हैं. 2024 में 111 मिलियन सब्सक्राइबर हैं, जो 2030 तक घटकर 71-81 मिलियन हो सकते हैं. 2018 से 2024 के बीच 31 प्रतिशत रोजगार (37,835) कम हुए हैं, जो 1,20,557 से घटकर 87 रह गए हैं. पायरेसी के कारण 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस बीच, भारत में इंटरनेट सब्सक्रिप्शन 1 बिलियन को पार कर चुका है, जिसमें 945 मिलियन ब्रॉडबैंड हैं.
एआईडीसीएफ क्या है?
अखिल भारतीय डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) भारत में डिजिटल मल्टी सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) का प्रमुख संगठन है. यह संगठन केबल टीवी के पूर्ण डिजिटाइजेशन, ब्रॉडबैंड और अन्य डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देता है, ताकि सच्चे डिजिटल भारत का सपना पूरा हो. यह फेडरेशन सरकार, नीति निर्माताओं, नियामकों और तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर काम करता है. एआईडीसीएफ के सदस्यों का दावा है कि उनकी बाजार हिस्सेदारी करीब 80% है. यह संगठन 340 मिलियन घरों में 100% टेलीविजन पहुंच और विश्वसनीय, उच्च-गुणवत्ता वाली डिजिटल सामग्री व ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करने का लक्ष्य रखता है.
औद्योगिक मांग और वैश्विक तनाव ने बढ़ाई चांदी की चमक, भाव ₹1.08 लाख के पार, निवेशक मालामाल
9 Jun, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
चांदी की चमक में लगातार निखार आ रहा है. सोमवार को चांदी का भाव रिकॉर्ड 1,08,100 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया. इसके साथ ही MCX पर फ्यूचर सिल्वर का भाव भी ऑल टाइम हाई पर 1.06 लाख रुपये प्रति किलो पहुंच गया. विशेषज्ञों का मानना है चांदी की कीमत में आ रहे उछाल के पीछे वैश्विक स्तर पर जारी राजनीतिक तनाव के साथ ही चांदी की बढ़ती औद्योगिक मांग भी है. चांदी को लेकर पिछले कुछ दिनो में ऐसे अनुमान भी आए हैं, जो बताते हैं कि चांदी की कीमत 1.20 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है.
ऑल इंडिया सराफा एसोसिएशन के मुताबिक चांदी की कीमत में सोमवार को 1000 रुपये का जोरदार उछाल देखने को मिला है. सराफा एसोसिएशन ने बताया कि शुक्रवार को चांदी का भाव 3,000 रुपये की तेजी के साथ 1,07,100 रुपये प्रति किलो पहुंच गया. इसके बाद शनिवार का चांदी का भाव 1,07,100 पर सपाट रहा. वहीं, सोमवार को 1,000 रुपये के उछाल के साथ 1,08,100 रुपये प्रति किलो पहुंच गया.
क्यों बढ़ रहा चांदी का भाव?
कारोबारियों का कहना है कि मजबूत निवेशक मांग प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की कमजोरी, वैश्विक राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ ही ईवी और सोलर सेक्टर में बढ़ती मांग की वजह से चांदी की कीमतों में उछाल आया है.
सोने के भाव का क्या हुआ?
चांदी के विपरीत सोने के दाम में सोमवार को हल्की गिरावट देखने को मिली. 99.9 फीसदी प्योरिटी गोल्ड की कीमत 280 रुपये कमी के साथ 97,780 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा. इससे पहले शनिवार को सोने का भाव 1,630 रुपये टूटकर 98,060 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा था.
क्या है एक्सपर्ट की राय?
HDFC सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का कहना है कि सोमवार को सोना अपने दायरे के निचले स्तर पर स्थिर रहा. खासतौर पर अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वार्ता ने इक्विटी मार्कट और उद्योगों में उम्मीद जगाई है. वहीं, मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के वाइस प्रेसिडेंट राहुल कलंत्री ने कहा कि चांदी की कीमतों में जोरदार तेजी आई और वैश्विक स्तर पर यह 13 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. वहीं, घरेलू बाजार में यह ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई है.
गेम चेंजर! एलन मस्क की Starlink अब गांवों में, ₹3000 में हाई-स्पीड इंटरनेट की सौगात
9 Jun, 2025 05:44 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के दूरदराज इलाकों में तेज इंटरनेट पहुंचाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink अब भारत में लॉन्चिंग के बेहद करीब पहुंच चुकी है. CNBC आवाज की रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अगले 12 महीनों के भीतर भारत में अपनी सेवाएं शुरू कर सकती है. इसकी संभावित कीमत 3000 रुपये प्रति महीना तय की गई है, जिसमें अनलिमिटेड डेटा मिलेगा. इसके अलावा, 33000 रुपये का एक बार का खर्च Starlink रिसीवर किट के लिए देना होगा.
सरकार की ओर से मिली बड़ी मंजूरी
Starlink को 6 जून को भारत के टेलीकॉम मंत्रालय से जरूरी लाइसेंस मिल चुका है. यह मंजूरी भारत के ब्रॉडबैंड बाजार में कंपनी की एंट्री के लिए एक अहम पड़ाव मानी जा रही है. इस मंजूरी के बाद Starlink अब Reliance Jio की सैटेलाइट यूनिट और Bharti Airtel की OneWeb के साथ भारत की तीन बड़ी सैटेलाइट इंटरनेट कंपनियों में शामिल हो गई है.
Starlink की तकनीक Low-Earth Orbit (LEO) सैटेलाइट्स पर आधारित है, जिससे कंपनी भारत में 600–700 Gbps तक की बैंडविड्थ देने का दावा कर रही है. इसका सीधा फायदा उन इलाकों को मिलेगा, जहां आज भी फाइबर नेटवर्क या मोबाइल इंटरनेट सीमित या अस्थिर हैं.
पहले के मुकाबले अब कीमतें हुईं सस्ती
Starlink की भारत में एंट्री को लेकर पहले जो कीमतें सामने आई थीं, उनके मुताबिक पहले साल में यूजर को लगभग 1.58 लाख रुपये खर्च करना पड़ता. लेकिन अब यह कीमत घटकर लगभग 66,000 रुपये (₹3,000 x 12 + ₹33,000) रह गई है, जो कि Starlink की बांग्लादेश में हाल ही में शुरू हुई सेवा की कीमत से मेल खाती है.
हालांकि Starlink को लाइसेंस मिल चुका है, लेकिन अभी भी TRAI की स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट सिफारिशों को DoT की मंजूरी मिलनी बाकी है. जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक सेवा का पूरा रोलआउट संभव नहीं है. Starlink पहले से ही जापान, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, भूटान और बांग्लादेश जैसे कई एशियाई देशों में सेवा दे रही है. भारत में कंपनी की एंट्री से डिजिटल डिवाइड कम होने की उम्मीद है.
बचत योजनाओं की जंग: बैंक FD vs पोस्ट ऑफिस स्कीम, कहां मिलेगा ज्यादा सुरक्षित और ऊंचा ब्याज?
9 Jun, 2025 05:39 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अगर आप कम रिस्क वाले निवेशक हैं और ऐसी बैंकों की तलाश में रहते हैं जहां FD पर ज्यादा ब्याज मिलता हो तो हम आपको यहां बताएंगे किन बैंकों में इस समय ज्यादा ब्याज मिल रहा है? बैंक FD के अलावा पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश कैसा रहेगा? फिर आपको उदाहरण से भी बताएंगे कि दोनों में से किसमें निवेश करना ज्यादा बेहतर होगा… चलिए जानते हैं. दरअसल ये जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि एक बार फिर रिजर्व बैंक ने ब्याज दर घटा दी है इसका मतलब बैंक भी अब FD पर कम ब्याज देंगे.
पोस्ट ऑफिस का टाइम डिपॉजिट
पोस्ट ऑफिस के 3 साल के टाइम डिपॉजिट पर फिलहाल जो ब्याज मिल रहा है, वह दर 30 जून 2025 तक ही वैध है. इसके बाद, जुलाई से सितंबर की तिमाही के लिए सरकार ब्याज दर की समीक्षा करेगी और उसे बदल भी सकती है. ऐसा हर तिमाही के बाद होगा. यहां जानें कितना ब्याज मिल रहा है:
अवधि (Tenure)
ब्याज दर (01.04.2025 से प्रभावी)
1 साल
6.9%
2 साल
7.0%
3 साल
7.1%
5 साल
7.5%
किस बैंक में कितना ब्याज दर?
यहां सरकारी, प्राइवेट और स्मॉल बैंक में से कुल 20 बैंक छांट कर निकालें हैं जहां सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है.
बैंक का नाम
अधिकतम FD दर (% प्रति वर्ष)
1 साल की FD दर
3 साल की FD दर
5 साल की FD दर
वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त ब्याज दर (% प्रति वर्ष)
नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक
9.00
7.00
8.75
8.00
0.50
यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.60
7.25
8.15
8.15
0.50
सुर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.40
7.90
8.40
8.00
0.40
शिवालिक स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.30
6.00
7.50
6.50
0.50
उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.25
6.25
8.25
7.75
0.50
जना स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.20
7.50
8.05
8.20
0.50
उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.05
7.90
7.20
7.20
0.50
इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक
8.05
7.90
7.75
7.25
0.50
एसबीएम बैंक
8.05
7.50
7.30
7.75
0.50
डीसीबी बैंक
7.75
7.10
7.25
7.25
0.50
बंधन बैंक
7.75
7.75
7.25
5.85
0.50–0.75
आरबीएल बैंक
7.75
7.50
7.50
7.10
0.50
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक
7.75
7.00
7.50
7.25
0.50
ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक
7.75
5.00
6.25
6.00
0.50
यस बैंक
7.50
7.00
7.50
7.50
0.50–0.75
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
7.50
6.85
6.75
6.75
0.50
फेडरल बैंक
7.50
7.00
7.10
7.10
0.50
इंडसइंड बैंक
7.25
7.00
7.00
6.75
0.50–0.75
बैंक ऑफ महाराष्ट्र
7.15
6.50
6.50
6.25
0.50
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक
7.00
6.25
6.25
6.00
0.50
दोनों में ज्यादा बेहतर कौन?
अगर आपके पास 1 लाख रुपये है और उसे आप पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट में 5 साल के लिए निवेश करते हैं तो 7.5% ब्याज मिलेगा और नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक में 5 साल के लिए FD करते हैं तो 8.0% ब्याज मिलेगा.
पोस्ट ऑफिस में निवेश करने पर 43,560 रुपये मिलेंगे यानी 1,43,560 रुपये
बैंक में FD करने पर 46,930 रुपये यानी 1,46,930 रुपये मिलेंगे
यह तो कैलकुलेशन हो गया लेकिन कहीं भी निवेश से पहले सारे दांव-पेंच समझ कर ही निवेश करें, चाहें तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लें.