व्यापार
क्लोजिंग बेल: बाजार में तेजी का सिलसिला जारी, मिडकैप-स्मॉलकैप ने किया कमाल
9 Jun, 2025 04:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
Closing Bell: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील बातचीत में उत्साहजनक घटनाक्रम, भारतीय रिजर्व बैंक के मजबूत मॉनिटरी पॉलिसी उपाय और साथ ही मजबूत अमेरिकी रोजगार आंकड़े के पॉजिटिव सेंटीमेंट के दम पर भारतीय शेयर बाजार में तेजी दर्ज की गई. सभी 13 प्रमुख सेक्टरों में तेजी रही, जिसमें फाइनेंस और प्राइवेट बैंक लगभग 1 फीसदी चढ़े. स्मॉल और मिड कैप के शेयरों सहित व्यापक इंडेक्स में भी तेजी देखी गई.
हरे निशान में सेक्टोरल इंडेक्स
भारतीय शेयर बाजार में लगातार चौथे सेशन में तेजी जारी रही. 9 जून को निफ्टी 25,100 पर पहुंच गया. रियल्टी को छोड़कर अन्य सभी सेक्टरोल इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए, जिसमें आईटी, पीएसयू बैंक में 1-1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.
क्लोजिंग बेल
सेंसेक्स 256.22 अंक या 0.31 फीसदी बढ़कर 82,445.21 पर बंद हुआ और निफ्टी 100.15 अंक या 0.40 फीसदी बढ़कर 25,103.20 पर क्लोज हुआ.
लगभग 2667 शेयरों में तेजी आई, 1374 शेयरों में गिरावट आई और 126 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में 1-1 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.
टॉप गेनर्स
निफ्टी पर टॉप गेनर शेयरों की लिस्ट में बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एक्सिस बैंक, जियो फाइनेंशियल, ट्रेंट शामिल रहे. जबक आईसीआईसीआई बैंक, टाइटन कंपनी, एमएंडएम, भारती एयरटेल और इटरनल में गिरावट दर्ज की गई. बीएसई के 30 शेयरों में से 23 हरे निशान में बंद हुए.
मार्केट हाइलाइट्स
हिंदुस्तान कॉपर के साथ महत्वपूर्ण मिनिरल सप्लाई चेन के लिए एग्रीमेंट ज्ञापन के बाद राइट्स के शेयरों में 3% की उछाल दर्ज की गई.
एमसीएक्स के शेयरों में लगभग 4 फीसदी की तेजी आई, इलेक्ट्रिसिटी डेरिवेटिव्स के लॉन्च के लिए सेबी की मंजूरी पर लाइफ टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया.
प्रमोटर्स परिवार ब्लॉक डील के जरिए से सुजलॉन एनर्जी में 1.45 फीसदी हिस्सेदारी बेच सकता है. शेयर में 2 फीसदी की उछाल दर्ज की गई.
रिलायंस इंडस्ट्रीज से 700 करोड़ रुपये के एलओए पर एफकॉन्स इंफ्रा के शेयरों में 6 फीसदी की तेजी आई.
निवेशकों को 4 लाख करोड़ का मुनाफा
बीएसई-लिस्टेड फर्मों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के 451 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 455 लाख करोड़ रुपये हो गया, जिससे निवेशक एक दिन में लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ.
पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स और निफ्टी 50 में 2 फीसदी से अधिक की उछाल आई है और निवेशक लगभग 12 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई है.
मेटल शेयरों में तेजी
अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में चल रही प्रगति ने मेटल शेयरों में तेजी को सपोर्ट दिया है. मांग में उछाल की उम्मीद के बीच क्यूएसआर शेयरों ने भी निवेशकों को आकर्षित किया है, क्योंकि टैक्स कटौती और रेपो दर में कटौती से शहरी भारत में खर्च बढ़ने की उम्मीद है.
Suzlon Energy के प्रमोटरों की बल्ले-बल्ले: हालिया ब्लॉक डील के बाद 90 दिन में ₹2184 करोड़ की कमाई
9 Jun, 2025 04:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हाल ही में विंड एनर्जी सेक्टर की प्रमुख कंपनी Suzlon Energy ने शेयर बाजार में बड़ा धमाका किया है. अक्सर सुर्खियों में बने रहने वाली इस कंपनी को लेकर फिर एक अपडेट है. दरअसल कंपनी के प्रमोटर ग्रुप, यानी तान्ति परिवार ट्रस्ट एक ब्लॉक डील के जरिए तकरीबन 20 करोड़ शेयर बेच सकते हैं. इस डील की कुल वैल्यू करीब 1,295 करोड़ रुपये है. इस खबर के बाद ये जानना अहम होगा कि इस डील के बाद कंपनी के प्रमोटर ग्रुप को कितना फायदा होने वाला है साथ ही यह भी समझने की कोशिश करेंगे कि इस डील के पीछे वजह क्या है?
तीन महीने में हुई हजारों करोड़ की कमाई
तान्ति परिवार ने पिछले तीन महीने में ही कंपनी से हजारों करोड़ रुपये की कमाई कर ली है. इसको आसानी से समझते हैं. तीन महीने पहले यानी 8 मार्च को कंपनी का मार्केट कैप 75,010 करोड़ रुपये के आस पास था. आज, यानी 9 जून को कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 91,798 करोड़ रुपये हो गया. कंपनी के प्रमोटर ग्रुप में तान्ति परिवार की हिस्सेदारी 13.25 फीसदी है. इस आधार पर केवल तीन महीने में प्रमोटर ग्रुप को तकरीबन 2,184 करोड़ रुपये का मुनाफा दे दिया है. यानी बढ़ते मार्केट कैप के साथ कंपनी के प्रमोटर्स का मुनाफा भी तेजी से बढ़ा है.
ब्लॉक डील क्या है और क्यों की गई?
ब्लॉक डील शेयर बाजार का एक ऐसा लेनदेन होता है, जिसमें एक बड़े निवेशक को एकमुश्त बड़ी मात्रा में शेयर बेचे या खरीदे जाते हैं. इसमें आमतौर पर पब्लिक इन्वेस्टर्स शामिल नहीं होते. सुजलॉन में हुई यह ब्लॉक डील भी इसी प्रकार की होगी, जिसमें तान्ति परिवार ट्रस्ट अपने 20 करोड़ शेयर बेच सकता है. इस ब्लॉक डील के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं. पहला, यह एक फंड जुटाने का प्लान हो सकता है, जिससे परिवार अपने ट्रस्ट, CSR या निजी निवेश के लिए पूंजी जुटा सके.
दूसरा, कंपनी के शेयरों में जबरदस्त तेजी आई है और यह 52-वीक हाई पर ट्रेड कर रहा है- ऐसे में मुनाफा बुक करना एक व्यावसायिक निर्णय हो सकता है. तीसरा, यह होल्डिंग डाइवर्सिफिकेशन का हिस्सा भी हो सकता है ताकि परिवार की संपत्ति सिर्फ एक कंपनी में सीमित न रहे. आइए इस परिवार के बारे में थोड़ा जानने की कोशिश करते हैं.
कौन है तान्ति परिवार?
तान्ति परिवार, खासकर तुलसी तान्ति और गिरीश तान्ति, भारत में विंड एनर्जी की क्रांति लाने वाले लोगों में गिने जाते हैं. तुलसी तान्ति ही सुजलॉन एनर्जी के संस्थापक थे, उन्हें विंड मैन के नाम से भी जाना जाता था. 1 अक्टूबर, 2022 को उनका निधन हो गया. उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत उस समय की जब भारत में रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर बहुत ज्यादा जागरूकता नहीं थी.
बिजली बिल ने रखी सुजलॉन की पौध
असल में तुलसी तान्ति एक टेक्सटाइल कंपनी चला रहे थे और उन्हें बिजनेस में बिजली की लागत बहुत ज्यादा लग रही थी. 10 इंप्लाइज वाली टेक्सटाइल कंपनी को सैलरी देने के बाद बचा हुआ प्रॉफिट बिजली बिल को भरने में खप जाता था. इस समस्या के समाधान की तलाश में उन्होंने विंड एनर्जी का रास्ता चुना और यहीं से जन्म हुआ Suzlon Energy का. उनका यह कदम न सिर्फ उनकी कंपनी के लिए फायदेमंद रहा, बल्कि देश के लिए भी एक नया ऊर्जा विकल्प सामने आया. उनके छोटे भाई गिरीश तान्ति, जो अब कंपनी के Vice Chairman हैं, उन्होंने कंपनी की रणनीतिक दिशा और अंतरराष्ट्रीय विस्तार में अहम भूमिका निभाई है. गिरीश तान्ति ने यूरोप, अमेरिका और एशिया के कई देशों में कारोबार को बढ़ाने में योगदान दिया है.
तीन महीने में 35 फीसदी चढ़ चुका है भाव
कंपनी के शेयर का भाव 3 मार्च, 2025 को 49.71 रुपये पर था. आज, यानी 9 जून को शेयर का भाव 67 रुपये के आस पास है. इस आधार पर कंपनी के शेयर 3 महीने में 35 फीसदी तक ऊपर जा चुके हैं. 9 जून को कंपनी के शेयर 2 फीसदी तक चढ़ कर 68.29 रुपये के स्तर पर पहुंच गए थे. कुछ समय बाद कंपनी के शेयर 67.12 रुपये पर कारोबार करने लगे. एक दिन में कंपनी के शेयर में अब तक (दोपहर 01:50) तकरीबन 0.57 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम: महिलाएं शुरू करेंगी खुद का बिजनेस, सरकार दे रही 5 लाख का ब्याज फ्री लोन
9 Jun, 2025 11:17 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके बिजनेस के सपनों को पूरा करने के लिए एक शानदार योजना लेकर आई है, जिसका नाम है लखपति दीदी योजना. इस योजना के तहत महिलाएं बिना किसी ब्याज के 5 लाख रुपये तक का लोन ले सकती हैं. यह योजना खास तौर पर उन महिलाओं के लिए बनाई गई है जो अपना छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं या अपने मौजूदा बिजनेस को बढ़ाना चाहती हैं. आइए आपको इस स्कीम की पूरी डिटेल बताते हैं.
लखपति दीदी योजना को केंद्र सरकार की ओर डिजाइन किया गया है. इसका मकसद महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है. इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को कम ब्याज या बिना ब्याज के लोन देती है ताकि वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकें. चाहे आप छोटी दुकान खोलना चाहें सिलाई का काम शुरू करना चाहें या कोई और छोटा-मोटा बिजनेस करना चाहें यह योजना आपके लिए मददगार हो सकती है. इस योजना का लक्ष्य है कि महिलाएं सालाना 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा कमा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें.
किसे मिलेगा लाभ
इस स्कीम का लाभ कोई भी महिला ले सकती है जो स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी हो. स्वयं सहायता समूह एक ऐसा समूह होता है, जिसमें महिलाएं मिलकर छोटे-मोटे व्यवसाय या बचत के लिए काम करती हैं. इसके अलावा कुछ बुनियादी शर्तें पूरी करनी होती हैं. जैसे कि आपका भारतीय नागरिक होना और कुछ जरूरी दस्तावेज जमा करना.
कैसे मिलेगा लोन?
लखपति दीदी योजना के तहत लोन लेने के लिए आपको अपने नजदीकी बैंक या स्वयं सहायता समूह के कार्यालय में संपर्क करना होगा. वहां आपको एक आवेदन पत्र भरना होगा और अपने बिजनेस प्लान के बारे में जानकारी देनी होगी. अगर आपका आवेदन मंजूर हो जाता है, तो आपको 5 लाख रुपये तक का लोन बिना ब्याज के मिल सकता है. इस लोन को चुकाने के लिए आपको आसान किस्तों का विकल्प भी दिया जाता है, ताकि आपको ज्यादा परेशानी न हो.
क्या हैं इस योजना के फायदे?
इस योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि लोन पर कोई ब्याज नहीं देना पड़ता. इससे महिलाओं पर आर्थिक बोझ कम पड़ता है. साथ ही, यह योजना महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है. इसके जरिए न केवल महिलाएं अपने लिए आय का स्रोत बना सकती हैं, बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए भी योगदान दे सकती हैं. सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना से लाखों महिलाएं लखपति बनें और अपने जीवन को बेहतर बनाएं.
कैसे करें आवेदन?
लोन लेने के लिए आपको अपने नजदीकी बैंक, ग्रामीण विकास मंत्रालय के कार्यालय, या स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधि से संपर्क करना होगा. वहां आपको अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे. साथ ही, आपको यह बताना होगा कि आप लोन का इस्तेमाल किस तरह के बिजनेस के लिए करना चाहती हैं. सरकार और बैंक आपके आवेदन की जांच करेंगे और जल्द से जल्द लोन देने की प्रक्रिया शुरू करेंगे.
यूटयूब के आईओएस ऐप का नया अपडेट वर्जन लांच
8 Jun, 2025 06:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। पुराने आईफोन और आईपेड मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहे यूजर्स के लिए बुरी खबर है। ऐसे फोन्स के यूजर्स को अब यूटयूब चलाने में दिक्कत पेश आएगी। यूटयूब ने अपने आईओएस ऐप का नया अपडेट वर्जन 20.22.1 जारी कर दिया है, जो 3 जून 2025 से लागू हो चुका है। इस अपडेट के बाद अब यूटयूब ऐप केवल आईओएस या आईपेडओएस 16.0 और उससे ऊपर के वर्जन पर ही काम करेगा। इसका सीधा असर उन यूजर्स पर पड़ा है जो पुराने आईफोन और आईपेड मॉडल्स का इस्तेमाल कर रहे थे। आईफोन 6, आईफोन 7, आईफोन एसई (पहली जेनरेशन), आईपेडस मिनी 4 और आईपेडस एयर 2 जैसे डिवाइसेज़ अब यूटयूब ऐप को सपोर्ट नहीं करेंगे, क्योंकि ये डिवाइसेज़ आईओएस 16 तक अपडेट नहीं हो सकते।
इस बदलाव का मतलब है कि इन डिवाइसेज़ पर अब यूटयूब ऐप के जरिए न तो वीडियो स्ट्रीमिंग की जा सकेगी, न ही प्लेलिस्ट या अकाउंट एक्सेस किया जा सकेगा। यह फैसला लाखों यूजर्स के लिए झटका है जो अभी तक अपने पुराने उपकरणों पर यूटयूब का नियमित रूप से इस्तेमाल कर रहे थे। हालांकि, एक अस्थायी समाधान के तौर पर वे अपने ब्राउज़र, जैसे सफारी का उपयोग करके यूटयूब वेबसाइट देख सकते हैं, लेकिन यह ऐप जितना आसान और सुगम अनुभव नहीं देगा।
यूटयूब की ओर से इस बदलाव को लेकर सफाई दी गई है कि यह निर्णय नए फीचर्स और बेहतर परफॉर्मेंस सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। ऐसे में डेवलपर्स को मजबूरी में पुराने सिस्टम्स का सपोर्ट हटाना पड़ता है, ताकि वे भविष्य की तकनीकों और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बना सकें। कंपनी का कहना है कि पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम्स के लिए ऐप को मेंटेन करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि वे नई सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस तकनीकों को सपोर्ट नहीं कर पाते।
लोकप्रिय हैचबैक कार अल्ट्रोज का फेसलिफ्ट वर्जन लॉन्च
8 Jun, 2025 05:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स ने अपनी लोकप्रिय हैचबैक कार अल्ट्रोज का फेसलिफ्ट वर्जन लॉन्च कर दिया है। देशभर की डीलरशिप पर यह नई टाटा अल्ट्रोज फेसलिफ्ट पहुंचनी शुरू हो गई है। इसकी डिलीवरी भी जल्द ही शुरू होने जा रही है। ग्राहक अपनी नजदीकी टाटा डीलरशिप पर जाकर नई अल्ट्रोज की बुकिंग कर सकते हैं। इस अपडेटेड मॉडल की एक्स-शोरूम कीमत 6.89 लाख रुपये से शुरू होकर टॉप वेरिएंट के लिए 11.49 लाख रुपये तक जाती है। नई अल्ट्रोज के लुक्स में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। इसमें नया फ्रंट ग्रिल, डे-टाइम रनिंग लाइट्स, फुल-एलईडी स्प्लिट हेडलाइट्स और नया डिज़ाइन किया गया बंपर शामिल हैं। केबिन में भी इस फेसलिफ्ट मॉडल को पहले से ज्यादा मॉडर्न और प्रीमियम बनाया गया है। इसमें अब क्लीन डैशबोर्ड डिजाइन, 10.25-इंच ऑल-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, इलेक्ट्रिक सनरूफ, क्रूज कंट्रोल, रियर एसी वेंट्स, ऑटो एसी कंट्रोल, एम्बिएंट लाइटिंग और 360-डिग्री कैमरा जैसे एडवांस फीचर्स दिए गए हैं। इंजन ऑप्शन में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
कार में पहले की तरह ही 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन, 1.5-लीटर डीजल इंजन और सीएनजी वर्जन की सुविधा मिलती है। बाजार में इसका सीधा मुकाबला हुंडई आई 20, मारुति बलेनो और टोयोटा ग्लैंजा जैसी प्रीमियम हैचबैक कारों से होगा। इसके अलावा, फ्लश-फिटिंग इल्यूमिनेटेड डोर हैंडल और नए 16-इंच के 5-स्पोक अलॉय व्हील्स इसके प्रीमियम लुक को और निखारते हैं।
भारतीय बाजार में एक्सयूवी 9ई और बीई 6 को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया
8 Jun, 2025 04:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली । स्वदेशी कंपनी महिंद्रा की दो प्रमुख इलेक्ट्रिक एसयूवी, एक्सयूवी 9ई और बीई 6 को भारतीय बाजार में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। जानकारी के अनुसार, अब तक इन कारों की 10,000 से अधिक यूनिट्स की डिलीवरी हो चुकी है।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि औसतन हर 10 मिनट में इन एसयूवी की एक यूनिट बेची जा रही है। महिंद्रा ने इनकी डिलीवरी 20 मार्च 2025 से शुरू की थी और शुरुआती दौर में पूरी तरह से लोडेड पैक थ्री वर्जन पर ध्यान केंद्रित किया गया था। एक्सयूवी 9ई की मांग सबसे अधिक देखी जा रही है, खासकर इसके रेंज-टॉपिंग पैक थ्री वेरिएंट की। लॉन्च के दिन ही इन इलेक्ट्रिक कारों को 30,179 बुकिंग मिली थीं, जो इस सेगमेंट में एक रिकॉर्ड माना जा रहा है। बढ़ती मांग को देखते हुए कंपनी ने दोनों मॉडलों का उत्पादन तेज कर दिया है। महिंद्रा एक्सयूवी 9ई की लंबाई 4789 मिमी, चौड़ाई 1907 मिमी, ऊंचाई 1694 मिमी और व्हीलबेस 2775 मिमी है।
इसमें 663 लीटर का बूट स्पेस और 150 लीटर का फ्रंट ट्रंक यानी फ्रंक दिया गया है। यह दो बैटरी विकल्पों में आती है – 59 केडब्ल्यूएच और 79केडब्ल्यूएच। 59केडब्ल्यूएच वैरिएंट में 231 हॉर्सपावर की मोटर है जो 542 किमी की रेंज देती है, जबकि 79 केडब्ल्यूएच वैरिएंट में 286 हॉर्सपावर की मोटर है और इसकी रेंज 656 किमी है। दोनों मॉडल फास्ट चार्जिंग तकनीक से लैस हैं और 20 मिनट में 80 प्रतिशत तक चार्ज हो सकते हैं।
महिंद्रा बनी दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी
8 Jun, 2025 03:30 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
नई दिल्ली। लंबे समय तक नंबर-2 स्थान पर काबिज रही हुंडई और टाटा को पीछे छोड़ते हुए महिंद्रा ने दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने का स्थान हासिल किया है। मई 2025 के ऑटो इंडस्ट्री के बिक्री आंकड़े सामने आए हैं, जिनमें कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं।
मई महीने महिंद्रा ने 52,431 यूनिट्स की बिक्री की, जो पिछले साल के 43,218 की तुलना में 21.3प्रतिशत की बढ़त है। मारुति सुजुकी अब भी शीर्ष पर बनी हुई है, लेकिन उसे 5.6प्रतिशत की गिरावट का सामना करना पड़ा है। कंपनी ने मई 2025 में 1,35,962 यूनिट्स बेचीं, जबकि मई 2024 में यह संख्या 1,44,002 थी। हुंडई ने 43,861 यूनिट्स बेचीं, जिसमें 10.8प्रतिशत की गिरावट आई है। टाटा मोटर्स की बिक्री 41,557 यूनिट्स रही, जो 11प्रतिशत कम है। टोयोटा, किआ और एमजी मोटर ने इस महीने बिक्री में वृद्धि दर्ज की है। टोयोटा की बिक्री 22.2प्रतिशत, किआ की 14.4प्रतिशत और एमजी मोटर की 32.2प्रतिशत बढ़ी है। लेकिन सबसे बड़ा उछाल स्कोडा ने दिखाया है, जिसने 6,740 यूनिट्स बेचकर 133.7प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि हासिल की है। वहीं, होंडा, फॉक्सवैगन, रेनो, निसान, सिट्रोन और जीप को भारी गिरावट का सामना करना पड़ा है। होंडा की बिक्री में 18.1प्रतिशत, निसान में 38.8प्रतिशत और रेनो में 32.5 प्रतिशत की कमी आई है। कुल मिलाकर, मई 2025 में भारत में 3,49,713 कारें बिकीं, जो पिछले साल की तुलना में लगभग स्थिर हैं।
देश का पांचवां सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में LG इंडिया: पैरेंट कंपनी बेचेगी 15% हिस्सेदारी
7 Jun, 2025 03:33 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
LG Electronics ने भारत में अपने आगामी IPO को लेकर अहम जानकारी साझा की है. हाल ही में कंपनी ने स्पष्ट किया कि LG इंडिया यूनिट के 15% हिस्सेदारी की बिक्री की योजना पहले से बनी हुई है, लेकिन इक्विटी की कीमत यानी सेल वैल्यू को अगले 6 महीनों के भीतर तय किया जाएगा. कंपनी ने बयान में कहा कि लिस्टिंग का फैसला पूरी तरह से बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और डिमांड के अनुमान पर आधारित होगा.
मार्च में SEBI से मिली थी मंजूरी
बता दें कि भारतीय बाजार नियामक SEBI ने मार्च 2025 में इस IPO को हरी झंडी दे दी थी, लेकिन उसके तुरंत बाद बाजार में अस्थिरता के चलते लिस्टिंग को स्थगित करना पड़ा. फिलहाल IPO की लॉन्चिंग के लिए कोई निश्चित तारीख तय नहीं की गई है.
कब आएगा आईपीओ
LG इलेक्ट्रॉनिक्स के कोरियाई मूल कंपनी के CFO किम चांग ताए ने कहा, “हमारे बिजनेस प्रदर्शन और वित्तीय ढांचे को देखते हुए हम पर IPO लाने का तत्काल दबाव नहीं है.”
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय दो मुख्य बातों पर निर्भर करेगा:
1. भारत के बाजार में सही वैल्यूएशन सुनिश्चित करना 2. IPO लॉन्च के लिए समय की सही योजना बनाना
कंपनी ने गुरुवार को दोहराया कि पुष्टि होने के बाद या फिर 6 महीने के अंदर, शेयर सेल से जुड़ी विस्तृत जानकारी सार्वजनिक कर दी जाएगी.
12.5 बिलियन डॉलर का हो सकता है वैल्यूएशन
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि LG Electronics इंडिया का संभावित वैल्यूएशन करीब 12.5 बिलियन डॉलर हो सकता है. फरवरी में कंपनी ने इस प्रक्रिया की शुरुआत की थी.
LG इंडिया देश की दूसरी सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी है. इसके प्रमुख कॉम्पिटिटर्स Havells India, Voltas, Whirlpool of India और Blue Star पहले से ही शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं. अगर यह लिस्टिंग होती है, तो LG Electronics इंडिया हुंडई मोटर्स इंडिया लिमिटेड के बाद दूसरी दक्षिण कोरियाई कंपनी होगी जो भारतीय शेयर बाजार में लिस्ट होगी.
$4.9 बिलियन की De Beers को खरीदने की होड़ में अनिल अग्रवाल, कतर और भारतीय फर्मों की दिलचस्पी
7 Jun, 2025 03:09 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हीरे की दिग्गज कंपनी De Beers में बड़ी हलचल मची है. खबर है कि भारतीय मूल के अरबपति अनिल अग्रवाल और कतरी निवेश फंड्स इस प्रतिष्ठित डायमंड कंपनी को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. De Beers की मालिक एंग्लो अमेरिकन (Anglo American) कंपनी ने हाल ही में कहा था कि वह अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा कर रही है और De Beers को बेचने की संभावना पर विचार कर रही है. इसके बाद से ही दुनियाभर के निवेशकों की नजर इस डील पर टिक गई है.
रिपोर्ट के अनुसार, अनिल अग्रवाल और कतरी निवेशक इस संभावित सौदे में हिस्सा लेने के लिए तैयारी कर रहे हैं. हालांकि अभी किसी भी पक्ष ने औपचारिक प्रस्ताव नहीं दिया है और बातचीत शुरुआती चरण में है. Anglo American अभी इस बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं ले पाई है.
सबसे पुरानी हीरा कंपनी
De Beers दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी हीरा कंपनियों में से एक है. इस कंपनी ने न सिर्फ ग्लोबल डायमंड मार्केट को दशकों तक नियंत्रित किया, बल्कि ‘हीरा सदा के लिए होता है’ जैसी ब्रांडिंग के जरिए लोगों की सोच पर भी गहरा प्रभाव डाला.
रिपोर्ट के मुताबिक अगर यह डील होती है, तो अनिल अग्रवाल की यह बड़ी वापसी होगी. उन्होंने इससे पहले वेदांता रिसोर्सेज के जरिए माइनिंग और कमोडिटी सेक्टर में अपनी मजबूत पकड़ बनाई थी.हालांकि, Anglo American की ओर से कहा गया है कि वे रणनीतिक समीक्षा की प्रक्रिया के तहत कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और De Beers की बिक्री की कोई गारंटी नहीं है.इस संभावित सौदे को लेकर निवेशकों और ग्लोबल मार्केट की निगाहें अब Anglo American की अगली चाल पर हैं.
क्या है प्लानिंग?
डी बीयर्स को एंग्लो अमेरिकन से अलग किया जा रहा है, क्योंकि लंदन में सूचीबद्ध यह खनन कंपनी तांबे और लौह अयस्क पर पुनः ध्यान केंद्रित कर रही है, लेकिन यह कदम वैश्विक स्तर पर हीरे की कीमतों पर दबाव के कारण उठाया गया है. दो सूत्रों ने बताया कि वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अग्रवाल, जिनकी जाम्बिया और दक्षिण अफ्रीका में खदानें हैं, एक बड़े समूह के हिस्से के रूप में इच्छुक पक्षों में से एक हैं.
एंग्लो और अग्रवाल दोनों ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने बताया कि केजीके ग्रुप और कापू जेम्स सहित भारतीय कंपनियां जो घरेलू कटिंग और पॉलिशिंग व्यापार पर हावी हैं और डी बीयर्स की सबसे बड़ी ग्राहक हैं ने भी रुचि दिखाई है.
केजीके ग्रुप और कापू जेम्स ने टिप्पणी के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया. एंग्लो अमेरिकन, जिसका डी बीयर्स के लिए बही मूल्य 4.9 बिलियन डॉलर है, पिछले दो वर्षों में 3.5 बिलियन डॉलर का नुकसान होने के बाद ने कहा कि उसने बिक्री या विभाजन और संभावित लिस्टिंग में मदद के लिए मॉर्गन स्टेनली, गोल्डमैन सैक्स और सेंटरव्यू जैसे वित्तीय सलाहकारों को रखा है.
मुकेश अंबानी ने किया खुलासा: IIT बॉम्बे में क्यों नहीं की पढ़ाई, ICT से अपने संबंध पर बोले
7 Jun, 2025 02:41 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत और एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी ने अपने अल्मा मैटर इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (ICT), मुंबई को 151 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा दान दिया है. यह ICT के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा अनुदान है. मुकेश अंबानी ने 1970 के दशक में इसी संस्थान से पढ़ाई की थी, जो पहले यूनिवर्सिटी डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (UDCT) के नाम से जाना जाता था. UDCT की स्थापना 1933 में मुंबई विश्वविद्यालय ने की थी. 2008 में इसे ICT का नाम दिया गया और यह डीम्ड यूनिवर्सिटी बना.
सबसे महंगी गुरु दक्षिणा
अंबानी ने अनीता पाटिल द्वारा लिखी गई किताब द डिवाइन साइंटिस्ट के लॉन्च के दौरान ICT को यह दान देने की घोषणा की. यह किताब पद्म विभूषण प्रोफेसर मन मोहन शर्मा के जीवन पर आधारित है, जिन्हें भारतीय केमिकल इंजीनियरिंग का एक महान गुरु माना जाता है. गुरु दक्षिणा की परंपरा के तहत, अंबानी ने प्रोफेसर शर्मा के निर्देश पर ICT को 151 करोड़ रुपये का अनुदान देने का फैसला किया.
मुकेश अंबानी ने कहा, जब वे हमें कुछ बताते हैं, तो हम बस सुनते हैं. उन्होंने मुझसे कहा, मुकेश, तुम्हें ICT के लिए कुछ बड़ा करना होगा. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि यह दान प्रोफेसर शर्मा के लिए है.
अंबानी ने UDCT कैंपस पहुंचना पवित्र अनुभव बताया और प्रोफेसर शर्मा को अपना सबसे सम्मानित गुरु, मार्गदर्शक और प्रेरणा का स्रोत बताया. उन्होंने अनीता पाटिल की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्ति के जीवन को लिखना आसान काम नहीं है.
खुद क्यों नहीं की IIT बॉम्बे में पढाई?
मुकेश अंबानी ने याद किया कि उन्होंने IIT बॉम्बे की बजाय UDCT को चुना था. उन्होंने बताया कि प्रोफेसर शर्मा का पहला व्याख्यान सुनने के बाद उनका विश्वास और मजबूत हो गया. उन्होंने कहा, मुझे लगा वे एक अलकेमिस्ट हैं, जो केवल धातुओं के नहीं बल्कि दिमागों के भी. उनके पास जिज्ञासा को ज्ञान में, ज्ञान को व्यावसायिक मूल्य में और उसे स्थायी बुद्धिमत्ता में बदलने की शक्ति है.मुकेश अंबानी ने भारतीय केमिकल इंडस्ट्री के विकास का श्रेय प्रोफेसर शर्मा को देते हुए उन्हें राष्ट्र गुरु कहा.
विदेशी पूंजी पर सख्त भारत, बैंकों में 15% से ज्यादा नहीं होगी फॉरेन ऑनरशिप: संजय मल्होत्रा ने किया स्पष्ट
7 Jun, 2025 11:18 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने साफ कर दिया है कि फिलहाल भारतीय बैंकों में विदेशी स्वामित्व की मौजूदा 15 फीसदी की सीमा में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की तरफ से बैंकों के स्वामित्व ढांचे और पात्रता से जुड़े मानकों की समीक्षा की जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की भावी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस सीमा पर पुनर्विचार किया जा सकता है.
अभी क्यों नहीं होगा बदलाव?
संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था फिलहाल ऐसे दौर में है, जहां ऐसे बैंक मालिकों और प्रबंधकों की जरूरत है, जो विश्वसनीय हों. हालांकि, इसके कुछ अपवाद मौजूद हैं, लेकिन मौजूदा नीति में कोई तत्काल परिवर्तन नहीं होगा. मल्होत्रा ने यहां आरबीआई मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रिजर्व बैंकों में स्वामित्व ढांचे और पात्रता मानदंड जैसे मुद्दों पर फिर से विचार कर सकता है.
केस-टू-केस बदलाव संभव
गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि मोटे तौर पर फिलहाल विदेशियों को भारतीय बैंकों में 15 फीसदी ऑनरशिप की अनुमति दी गई है. हालांकि, इस सीमा में केस-टू-केस भी फैसला किया जाता है. किसी मामले में अपवाद के रूप में यह सीमा 15 फीसदी से ऊपर भी जा सकती है. लेकिन, नियमों के रूप में इस मामले में किसी तरह के बदलाव का इरादा नहीं हैं.
ये मामले हैं अपवाद
सीएसबी बैंक में कनाडा की निवेशक फर्म फेयरफैक्स को 51 फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा हाल ही में जापान के एसएमबीसी को यस बैंक में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति दी गई है.
इकोनाॅमी के हित में फैसला
संजय मल्होत्रा ने कहा कि कि बैंकों के स्वामित्व ढांचे और पात्रता की शर्तों पर फिर से विचार कर सकते हैं. इस दौरान विदेशी स्वामित्व की सीमा को 15 फीसदी से ज्यादा करने की समीक्षा की जा सकती है. लेकिन, फिलहाल यह काम तुरंत नहीं होगा, इसमें समय लगेगा. मल्होत्रा ने आखिर में यह फैसला अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था बढ़ रही है, हमें अधिक बैंकों की जरूरत है. इसे ध्यान में रखते हुए, यदि स्वामित्व मानदंडों में बदलाव की जरूरत होगी, तो हम ऐसा जरूर करेंगे.
अब बटन वाले फोन से भी होगा UPI पेमेंट! PhonePe ला रहा खास ऐप, लाखों लोगों को मिलेगी सुविधा
7 Jun, 2025 10:38 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
ऑनलाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म फोनपे ने नए फीचर फोन में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पर आधारित पेमेंट सर्विस लाने के लिए जीएसपे (GSPay) के आईपी का अधिग्रहण किया है. जीएसपे ‘गपशप’ की टेक यूनिट है. फोनपे ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि वह अगली कुछ तिमाहियों में भारत में नए फीचर फोन के लिए अपना UPI पेमेंट ऐप लाने की योजना बना रहा है. नया ऐप आवश्यक यूपीआई सुविधाओं ऑफलाइन क्यूआर भुगतान और मोबाइल नंबर या अपने क्यूआर कोड के जरिए पैसा लेने की सुविधा देगा.
लाखों यूजर्स को मिलेगी मदद
फोनपे के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर समीर निगम ने कहा कि इस अधिग्रहण से लाखों फीचर फोन यूजर्स को डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम का हिस्सा बनाने में मदद मिलेगी. वर्ष 2024 में देशभर में 24 करोड़ से अधिक फीचर फोन यूजर्स थे. अगले पांच वर्षों में और 15 करोड़ फीचर फोन बाजार में आने का अनुमान है.
लॉन्च होगा ऐप
जीएसपे अधिग्रहण को फोनपे की मौजूदा सेवाओं के साथ इंटीग्रेटेड किया जाएगा, जो फीचर फोन के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा डेवलप यूपीआई 123पे प्लेटफॉर्म का लाभ उठाएगा. फोनपे ने कहा कि वह हाल ही में अधिग्रहित जीएसपे आईपी को अनुकूलित और विस्तारित करेगा और अगली कुछ तिमाहियों में भारत में नए फीचर फोन पर अपना खुद का फीचर-फोन आधारित यूपीआई भुगतान मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा.
फीचर फोन ग्राहक भी कर सकेंगे डिजिटल पेमेंट
फीचर फोन पर फोनपे का ध्यान विभिन्न प्रकार के मोबाइल उपकरणों के बीच फुल पेमेंट इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करने की उनकी व्यापक रणनीति के अनुरूप है. समीर निगम ने कहा कि फीचर फोन यूजर्स के वर्ग को ऐतिहासिक रूप से डिजिटल वित्तीय उद्योग और व्यापक स्टार्टअप इकोसिस्टम द्वारा कम सर्विस दी गई है. हमें उम्मीद है कि हम इन फीचर फोन ग्राहकों के करोड़ों लोगों को भारत के बढ़ते डिजिटल भुगतान बाजार में भाग लेने में सक्षम बना सकते हैं.
छोटे कर्जदारों को RBI का तोहफा: गोल्ड लोन के नियम आसान, ₹2.5 लाख तक पर क्रेडिट अप्रेजल की जरूरत नहीं
7 Jun, 2025 10:32 AM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोने के बदले मिलने वाले लोन (Gold Loan) को लेकर नए नियमों की घोषणा कर दी है. नए नियमों के तहत आम लोगों को अधिक फायदा मिलने वाला है और साथ ही यह प्रक्रिया अब और भी पारदर्शी बन जाएगी. अब जो लोग 2.5 लाख रुपये तक का लोन लेना चाहते हैं, उन्हें अपने सोने की कुल कीमत का 85 फीसदी तक लोन मिल सकेगा. नए नियम से पहले RBI ने ये सीमा सिर्फ 75 फीसदी रखी थी. इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो छोटी रकम के लिए लोन लेना चाहते हैं.
वहीं 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये के बीच के लोन के लिए यह सीमा 80 फीसदी होगी और 5 लाख रुपये से ऊपर के लोन के लिए LTV (Loan-to-Value) रेशियो पहले की तरह 75 फीसदी ही रहेगा. इसी के साथ-साथ आरबीआई ने कई सख्ती नियम भी पेश किए हैं. जिसके तहत गिरवी रखे जाने वाली सोने की लिमिट और पात्रता जैसे तमाम बिंदु शामिल हैं- आइए एक एक कर सभी की जानकारी देते हैं.
सभी को नहीं मिलेगा गोल्ड लोन
RBI ने यह भी साफ कर दिया है कि बैंक तभी गोल्ड लोन देंगे जब यह पूरी तरह सुनिश्चित हो जाए कि गिरवी रखा गया सोना या चांदी लोन लेने वाले की ही संपत्ति है. इसके लिए व्यक्ति को या तो खरीद की रसीद देनी होगी या फिर एक खुद का डिक्लेरेशन देना होगा कि वह संपत्ति का मालिक है. अगर संपत्ति का मालिकाना हक तय नहीं हो पाया तो बैंक लोन नहीं देगा.
कितना रख सकेंगे गिरवी?
इसके अलावा RBI ने यह भी तय किया है कि कोई भी व्यक्ति एक किलो से ज्यादा सोने के गहने या दस किलो से ज्यादा चांदी के गहने गिरवी नहीं रख सकेगा. सोने के सिक्कों की अधिकतम सीमा 50 ग्राम और चांदी के सिक्कों की सीमा 500 ग्राम रखी गई है. यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बड़ी मात्रा में सोने का गलत इस्तेमाल न हो सके और आम लोग ज्यादा पारदर्शी तरीके से इसका फायदा उठा सकें.
RBI ने यह भी निर्देश दिया है कि जब भी कोई व्यक्ति अपना लोन पूरी तरह चुका देता है तो बैंक को उसके गिरवी रखे हुए सोने या चांदी को उसी दिन वापस करना होगा या फिर अधिकतम 7 कार्यदिवस के भीतर लौटाना होगा. इससे ग्राहकों को समय पर उनकी संपत्ति मिल सकेगी और कोई अनावश्यक देरी नहीं होगी.
केवल फिजिकल सोना-चांदी पर ही मिलेगा लोन
आरबीआई के नए नियमों के तहत यह भी कहा गया है कि अब केवल असली (फिजिकल) सोने या चांदी पर ही लोन मिलेगा. डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ETF या म्यूचुअल फंड के बदले अब लोन नहीं दिया जाएगा. साथ ही 2.5 लाख रुपये तक के लोन पर अब क्रेडिट स्कोर या लंबी जांच की जरूरत नहीं होगी. इससे गरीब और मध्यमवर्गीय लोग आसानी से इस सुविधा का फायदा उठा सकेंगे. इन सभी नियमों को लागू करने की आखिरी तारीख 1 अप्रैल 2026 रखी गई है.
हालांकि, जो लोन पहले से जारी हैं, उन पर पुराने नियम ही लागू रहेंगे. RBI का ये कदम खासतौर पर ग्रामीण और कस्बों में रहने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है, जहां लोग अकसर जरूरत के वक्त सोने के बदले लोन लेते हैं. अब ये प्रक्रिया और भी सुरक्षित, आसान और भरोसेमंद बन जाएगी.
'कर्मचारियों से माफी, पर मैं चोर नहीं', विजय माल्या ने किंगफिशर के पतन का ठीकरा 'प्रणब दा' पर फोड़ा!
6 Jun, 2025 06:16 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
लंदन में रह रहे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने एक बार फिर किंगफिशर एयरलाइंस की डूबने की कहानी पर बयान दिया है.किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने को लेकर सालों से खामोश रहे विजय माल्या ने अब चुप्पी तोड़ते हुए एक बड़ा दावा किया है. यूके में निर्वासित जीवन जी रहे कारोबारी ने कहा कि जब उनकी एयरलाइन गंभीर वित्तीय संकट में थी, तब उन्होंने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. लेकिन उस वक्त के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने न तो कोई जवाब दिया और न ही कोई सहयोग किया. माल्या ने कहा, “मैं इस बात के लिए माफी मांगता हूं कि किंगफिशर फेल हुई, लेकिन मैं चोर नहीं हूं.”
बच सकती थी एयरलाइन
उन्होंने आरोप लगाया कि संकट के दौर में सरकार की खामोशी और बेरुखी ने उनकी एयरलाइन की मुश्किलें और बढ़ा दीं. माल्या का कहना है कि अगर समय पर सहयोग मिला होता या नेतृत्व से संवाद हुआ होता, तो शायद किंगफिशर एयरलाइंस को बचाया जा सकता था. उनके मुताबिक, उन्हें जानबूझकर चुप रहने को कहा गया और उनकी अपीलों की अनदेखी की गई.
एयरलाइन को सिस्टम में मारा
उन्होंने यह भी कहा कि एयरलाइन की विफलता सिर्फ बिजनेस की वजह से नहीं हुई, बल्कि यह राजनीतिक उपेक्षा का नतीजा थी. माल्या के अनुसार, किंगफिशर को सिस्टम ने ही मरने दिया.
माल्या ने बताया कि उन्हें किंग ऑफ गुड टाइम्स का टैग उन्होंने खुद नहीं दिया, बल्कि मीडिया ने गढ़ा. उन्होंने यूबी ग्रुप के तहत शराब, पेंट, फार्मा, रेसिंग, एयरलाइंस जैसे क्षेत्रों में बिजनेस बढ़ाया. बर्गर पेंट्स का अधिग्रहण किया और 1988 में वह भारत के पहले ग्लोबल उद्योगपतियों में से एक बन गए. 2005 में किंगफिशर एयरलाइंस शुरू की, जो भारत में पहली प्रीमियम एयरलाइन थी.
माल्या का दावा है कि उन्होंने हर लोन पर पर्सनल गारंटी दी थी. सरकार द्वारा 14,100 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि कर्ज लगभग 6,203 करोड़ रुपये ही था. पॉडकास्ट में उन्होंने कहा कि अगर मैंने बैंक को धोखा दिया होता, तो ये पैसा कहां से वसूल हो जाता? उन्होंने एयरलाइन के लिए लिए गए लोन को F1, RCB, और प्राइवेट लाइफ में खर्च करने के आरोपों को झूठा बताया. उनके मुताबिक F1 टीम ने उल्टा एयरलाइन को फंड ट्रांसफर किया था. चार बार सेटलमेंट ऑफर दिए, लेकिन बैंकों ने CBI के डर से ठुकरा दिए.
कितना है कर्ज
गौरतलब है कि विजय माल्या पर भारत में बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. वह वर्तमान में ब्रिटेन में हैं और भारत सरकार उनकी वापसी के लिए कानूनी कार्रवाई कर रही है.
क्या भारत लौटना चाहेंगे माल्या?
पॉडकॉस्ट में माल्या साफ कहा कि अगर निष्पक्ष ट्रायल की गारंटी मिले, तो जरूर लौटूंगा. उनका मानना है कि भारत में कोई भी सिस्टम भ्रष्टाचार से अछूता नहीं और मीडिया ट्रायल ने उन्हें दोषी साबित कर दिया.
चोकसी के खातों पर SEBI का ताला: इनसाइडर ट्रेडिंग जुर्माने के ₹2.1 करोड़ ऐसे वसूलेगा नियामक!
6 Jun, 2025 06:11 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
हीरे के कारोबार से जुड़े और लंबे वक्त से भारत से भागे मेहुल चोकसी को SEBI ने बड़ा झटका दिया है. SEBI ने गीतांजलि जेम्स के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के मामले में 2.1 करोड़ रुपए की बकाया राशि वसूलने के लिए फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के बैंक खातों और शेयरों, म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को जब्त करने का आदेश दिया है.
SEBI ने ये कदम 15 मई को चोकसी को जारी किए गए डिमांड नोटिस के बाद उठाया गया है, जिसमें 15 दिनों के भीतर भुगतान न करने पर संपत्ति के साथ-साथ बैंक खातों को भी जब्त करने की चेतावनी दी गई थी.चोकसी द्वारा गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों के उल्लंघन के मामले में जनवरी 2022 में सेबी द्वारा लगाए गए जुर्माने का पेमेंट करने में विफल रहने के बाद यह डिमांड नोटिस जारी किया गया.
14,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी
मेहुल चोकसी, जो गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर होने के साथ-साथ प्रमोटर ग्रुप के सदस्य भी थे और नीरव मोदी के मामा हैं. इन दोनों पर सरकारी स्वामित्व वाले पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 14,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप है. ये मामला 2018 की शुरुआत में सामने आया था, जिसके बाद चोकसी और नीरव मोदी देश छोड़कर फरार हो गए थे.
बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था
अप्रैल में, भारतीय जांच एजेंसी ने चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था. पिछले साल जब वो इलाज कराने के लिए बेल्जियम गया था तब उसे वहां पाया गया था. वो भारत छोड़ने के बाद 2018 से एंटीगुआ में रह रहा था. नीरव मोदी को मार्च 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह उस देश की जेल में है. 4 जून को जारी किए गए अटैचमेंट नोटिस में सेबी ने कहा कि 2.1 करोड़ रुपए के लंबित बकाए में 1.5 करोड़ रुपए का शुरुआती जुर्माना और 60 लाख रुपये का ब्याज शामिल है.
मेहुल चोकसी पर चला SEBI का हंटर
बकाया वसूलने के लिए सेबी ने सभी बैंकों, डिपॉजिटरीज – सीडीएसएल और एनएसडीएल , म्यूचुअल फंड्स को चोकसी के खातों से किसी भी तरह की डेबिट की अनुमति नहीं देने को कहा है. हालांकि, क्रेडिट की अनुमति दी गई है. इसके अलावा सेबी ने बैंकों को डिफॉल्टर के लॉकर समेत सभी खाते अटैच करने का निर्देश दिया है.