व्यापार
म्यूचुअल फंड खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान
3 Jul, 2024 05:01 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
म्यूचुअल फंड आज के दौर में निवेश का सबसे बेहतर विकल्प बन कर उभर रहा है. अब केवल बड़े नहीं बल्कि छोटे शहरों के लोग भी म्यूचुअल फंड में जमकर निवेश कर रहे हैं. अगर आप भी म्यूचुअल फंड खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले क्या देखते है. नवी म्यूचुअल फंड ने हाल ही में म्यूचुअल फंड निवेशकों और गैर-निवेशकों के बीच एक स्टडी की है.इस स्टडी के मुताबिक म्यूचुअल फंड निवेशकों की पहली प्राथमिकता रिटर्न होती है. मतलब म्यूचुअल फंड खरीदते समय लोग सबसे पहले मुनाफे के बारे में सोचते हैं. इस स्टडी में युवा वयस्कों को सूचना पर आधारित निवेश को लेकर निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने में अधिक वित्तीय साक्षरता और गलतफहमियों को दूर करने के महत्व को दिखाती है.फंड चुनने में 2 में से 1 निवेशक के लिए रिटर्न सबसे पहली प्राथमिकता है. यह एक्टिव यानी सक्रिय और इंडेक्स फंड दोनों के लिए लागू है. इंडेक्स फंड के निवेशकों में हर 3 में से 1 निवेशक इंडेक्स फंड की अवधारणा को पूरी तरह से नहीं समझते हैं. स्टडी के अनुसार, कम फीस और दोस्तों व परिवार के सकारात्मक अनुभवों के कारण इंडेक्स फंड को प्राथमिकता दी जाती है.
इन पर होती है निर्भरता
80 फीसदी निवेशक, निवेश की जानकारी के लिए अपने सोशल नेटवर्क और “फिन-फ्लुएंसर” पर भरोसा करते हैं. अध्ययन की कुछ प्रमुख गलतफहमियों की नीचे जानकारी दी गई है.
म्यूचुअल फंड निवेश के लिए व्यापक वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता होती है स्टडी में भाग लेने वाले 60 फीसदी से अधिक का मानना है कि म्यूचुअल फंड निवेश के लिए व्यापक वित्तीय ज्ञान की आवश्यकता होती है, जो संभावित निवेशकों को रोकता है.
निवेश शुरू करने के लिए बड़ी एकमुश्त राशि की आवश्यकता है.यह भी मिथक कि निवेश शुरू करने के लिए एक साथ बड़ी राशि की आवश्यकता होती है. यह मिथक हर 3 संभावित निवेशकों में से 1 को निवेश करने से रोकता या हतोत्साहित करता है. जबकि असलियत यह है कि कई म्यूचुअल फंड बहुत कम राशि के साथ निवेश की अनुमति देते हैं.
निवेश ऐप बंद होने पर निवेश सुरक्षित नहीं है
लगभग 50 फीसदी नॉन-यूजर्स को डर है कि अगर निवेश ऐप बंद हो गया तो उनका निवेश सुरक्षित नहीं रहेगा.नवी की स्टडी के निष्कर्ष निवेशकों को सशक्त बनाने के लिए अधिक वित्तीय साक्षरता पहल की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हैं. म्यूचुअल फंड हाउस यूजर्स के अनुकूल शैक्षिक संसाधन और उपकरण विकसित और प्रदान कर सकते हैं, जो आम गलतफहमियों को दूर करते हुए म्यूचुअल फंड की अवधारणा और निवेश प्रक्रिया को सरल बनाते हैं. ऐसे विश्वसनीय और भरोसेमंद संसाधनों तक पहुंच युवा निवेशकों के लिए बाधाओं को काफी हद तक कम कर सकती है, जिससे उन्हें अधिक सूचना आधारित निवेश का निर्णय लेने की अनुमति मिल सकती है.
अगर आप भी 2 सिम यूजर है तो जाने यह बात, वरना देना पड़ेगा एक्स्ट्रा चार्ज
3 Jul, 2024 04:49 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दूरसंचार नियामक ट्राई ने हाल ही में बीते 14 जून को उन खबरों को सिरे से नकार दिया जिनमें कहा गया था कि वह कई सिम और मोबाइल नंबर रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने के बारे में सोच रहा है. टेलीकॉम रेगुलेट्री अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधनों का एकमात्र संरक्षक होने के नाते दूरसंचार विभाग ने सितंबर 2022 में नियामक से संपर्क किया था.इस दौरान देश में फोन नंबर संसाधनों के कुशल प्रबंधन और विवेकपूर्ण उपयोग के लिए संशोधित राष्ट्रीय नंबरिंग योजना पर ट्राई से सिफारिशें मांगी गई थीं. बयान के मुताबिक, ट्राई ने राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (एनएनपी) के संशोधन पर अपना परामर्श पत्र जारी किया जिसका मकसद दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधनों के आवंटन और उपयोग को प्रभावित करने वाले सभी कारकों का आकलन करना है.ट्राई (TRAI) ने कहा कि इसका उद्देश्य ऐसे संशोधन प्रस्तावित करना भी है, जो आवंटन नीतियों और उपयोग प्रक्रियाओं को बेहतर बनाएंगे, ताकि वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए टीआई संसाधनों का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित हो सके. दूरसंचार नियामक ने कहा कि यह अटकलें कि ट्राई कई सिम या फोन नंबर संसाधन रखने के लिए ग्राहकों पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है, बिल्कुल गलत है. ऐसे दावे निराधार हैं और केवल जनता को गुमराह करते हैं.
तेल कंपनियों ने जारी किए पेट्रोल-डीजल के दाम
3 Jul, 2024 01:10 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
रोजाना सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल के दाम अपडेट होते हैं। ऐसे में आप भी अगर बिना ताजा कीमत जानें टंकी फुल करवाते हैं तो आपके साथ फ्रॉड हो सकता है।आपको बता दें कि सभी शहरों में फ्यूल प्राइस अलग होते हैं। इस वजह से लेटेस्ट रेट चेक करने के बाद ही टंकी फुल करवानी चाहिए।कई लोगों के मन में सवाल आता है कि आखिर सभी शहरों में तेल की कीमत अलग क्यों होती है। इसका जवाब है वैट। जी हां, पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं आता है। इस पर राज्य सरकार द्वारा वैट लगाया जाता है। वैट की दरें हर राज्य में अलग होती है। इस वजह से फ्यूल प्राइस भी सभी शहरों में अलग होती है।
इन बैंकों में एफडी पर मिलेगा अब ज्यादा ब्याज, नई दरें एक जुलाई से लागू
3 Jul, 2024 01:06 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
निजी क्षेत्र का एक्सिस बैंक अब तीन करोड़ रुपये के जमा पर 17-18 महीने की अवधि के लिए अपने ग्राहकों को 7.20 फीसदी ब्याज देगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 7.75 फीसदी है। दो साल की अवधि के एफडी पर 7.10 फीसदी ब्याज मिलेगा। बैंक सामान्य नागरिकों को एफडी पर तीन से 7.2 फीसदी के बीच ब्याज दे रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह दर 3.50 फीसदी से 7.75 फीसदी के बीच है।बैंक एक जुलाई से अपने ग्राहकों को तीन करोड़ रुपये तक की एफडी पर 3.75 से लेकर 6.50 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर सर्वाधिक 8.75 फीसदी है, जो 0.50% ज्यादा है।बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, एक जुलाई से उसने भी एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव लागू कर दिया है। इसके तहत तीन करोड़ रुपये से कम के जमा पर बैंक अपने ग्राहकों को 15 महीने से दो साल की अवधि के लिए 7.20 फीसदी तक ब्याज देगा। एक साल की अवधि के जमा पर वह 6.7 फीसदी ब्याज दे रहा है। ब्याज की सबसे कम दर 3.50 फीसदी है। वरिष्ठ नागरिकों को बैंक 7.75 फीसदी तक ब्याज देगा।बैंक ऑफ इंडिया की नई दरें 30 जून से लागू हैं। यह वरिष्ठ नागरिकों को 666 दिन की अवधि के लिए जमा पर 7.80 फीसदी तक ब्याज दे रहा है। सामान्य नागरिकों को 7.3 फीसदी ब्याज मिल रहा है। उधर, पंजाब एंड सिंध बैंक ने कहा कि उसकी भी संशोधित ब्याज दरें एक जुलाई से ही लागू हैं। यह अपने ग्राहकों 666 दिन के जमा पर वरिष्ठ नागरिकों को 7.80 फीसदी ब्याज दे रहा है। सामान्य नागरिकों को यह 2.80 से 6.65 फीसदी तक ब्याज दे रहा है।
मजबूती के साथ खुला शेयर बाजार, पहली बार 80 हजार के पार पहुंचा सेंसेक्स, निफ्टी 24300 के करीब
3 Jul, 2024 01:00 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
घरेलू शेयर बाजार में हफ्ते के तीसरे दिन बुधवार को रिकॉर्ड स्तरों पर कारोबार की शुरुआत हुई। इस दौरान पहली बार सेंसेक्स 80 हजार के पार पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 24300 के स्तर के करीब पहुंच गया। घरेलू शेयर बाजार में हफ्ते के तीसरे दिन बुधवार को रिकॉर्ड स्तरों पर कारोबार की शुरुआत हुई।बुधवार को सेंसेक्स पहली बार 80 हजार के पार पहुंच गया। वहीं, निफ्टी 24300 के स्तर के करीब पहुंच गया। सुबह 9 बजकर 36 मिनट पर सेंसेक्स 460.66 (0.57%) अंक मजबूत होकर 79,918.97 पर कारोबार करता दिखा। दूसरी ओर, निफ्टी 134.31 (0.56%) अंक चढ़कर 24,258.15 पर पहुंच गया।देश के प्रमुख निजी ऋणदाता एचडीएफसी बैंक में मजबूती से बाजार को बढ़त हासिल हुई। इससे भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए।
फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की ओर से यह संकेत दिए जाने के बाद कि अमेरिका अवस्फीतिकारी रास्ते (महंगाई घटने के रास्ते पर) पर वापस आ गया है, व्यापारियों में फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं। इससे एशियाई बाजारों में तेजी दिखी। जापान, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया में इक्विटी बेंचमार्क चढ़ गए, जबकि हांगकांग के शेयरों के फ्यूचर्स ने सकारात्मक शुरुआत का संकेत दिया।अमेरिकी शेयरों में मंगलवार को तेजी आई क्योंकि निवेशकों ने फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की ताजा टिप्पणी पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। पॉवेल ने हालिया आर्थिक आंकड़ों के अवस्फीतिकारी मार्ग (महंगाई घटने के रास्ते पर) की सराहना की।
बुधवार को व्यापक बाजार मिश्रित ढंग से कारोबार करते दिखे। बीएसई मिडकैप इंडेक्स 0.6% ऊपर और बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.6% की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। सेक्टर सूचकांकों में आज मिले-जुले रुख के साथ कारोबार हो रहा है, बैंकिंग क्षेत्र और वित्त क्षेत्र में सबसे ज्यादा खरीदारी देखी जा रही है। इस बीच, मीडिया सेक्टर और आईटी सेक्टर के शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा जा रहा है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.52 रुपये पर कारोबार करता दिखा। कमोडिटी बाजार में आज सोने की कीमतें 0.3% बढ़कर 71,766 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर कारोबार करती दिखीं।
नए कारोबार और निर्यात बढ़ने से भारत के सेवा क्षेत्र में आई मजबूती
3 Jul, 2024 12:53 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
अंतरराष्ट्रीय बिक्री में अभूतपूर्व विस्तार तथा नए ऑर्डरों में जोरदार वृद्धि के बीच देश के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर जून में तेज हुई जो मई में पांच महीने के निचले स्तर पर थी। एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई के 60.2 से बढ़कर जून में 60.5 पर पहुंच गया। परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर का अंक विस्तार का मतलब है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारत के सेवा क्षेत्र में गतिविधि वृद्धि जून में तेज हुई, सूचकांक 0.3 पीपीटी (प्रतिशत अंक) बढ़कर 60.5 हो गया, जिसमें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों नए ऑर्डरों में वृद्धि हुई। इसने सेवा क्षेत्र के फर्मों को अगस्त 2022 के बाद से सबसे तेज गति से अपने कर्मचारियों के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मांग की ताकत और नए व्यवसाय से विकास को बढ़ावा मिला। भारतीय सेवा प्रदाताओं को मिले नए ऑर्डर जून में लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम करीब तीन साल का हो गया है। अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स में भी रिकॉर्ड विस्तार हुआ। एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अमेरिका सभी जगहों से भारतीय सेवा क्षेत्र को काम मिला।ग्राहकों की सकारात्मकता ने भारत में सेवा प्रदाताओं को पहली वित्तीय तिमाही के अंत में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रोत्साहित किया। अगस्त 2022 के बाद से सेवा क्षेत्र में रोजगार का स्तर सबसे तेज गति से बढ़ा, क्योंकि नए कार्यों के लिए अल्पकालिक और स्थायी कर्मचारियों को लिया गया था।कीमत के मोर्चे पर देखें तो, उच्च भोजन, ईंधन और श्रम लागत के कारण सेवा प्रदाताओं के औसत खर्चों में मामूली वृद्धि दिखी। मुद्रास्फीति की गति फिर भी चार महीनों में सबसे कमजोर रही। इसके बाद, बिक्री मूल्य भी फरवरी के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़े।
जाने क्यों करवाना चाहिए मोबाइल इंश्योरेंस
2 Jul, 2024 04:03 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्या आप एक भी दिन बिना मोबाइल के रह सकते हो। इतना सोच कर ही एक डर लगने लगता है। अब यह कहना तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि आज के समय में मोबाइल का रोल हमारी लाइफ में बहुत जरूरी हो गया है।मार्केट में कई तरह के स्मार्टफोन मौजूद है। इनमें से कुछ तो इतने महंगे होते है कि लेने से पहले कई बार सोचना पड़ता है। अगर कभी महंगा फोन ले भी लेते हैं तो उसका ख्याल हम छोटे बच्चे की तरह रखते हैं। अब स्मार्टफोन का ध्यान रखने के लिए हम मोबाइल इंश्योरेंस भी ले सकते हैं।
मोबाइल इंश्योरेंस क्या है?
इंश्योरेंस का ही एक प्रकार मोबाइल इंश्योरेंस है। इसे मोबाइल के लिए डिजाइन किया गया है। इस इंश्योरेंस पॉलिसी में फोन के डैमेज और खो जाने या चोरी हो जाने जैसे चीजों के लिए कवर किया जाता है। आप इस इंश्योरेंस को मोबाइल डिवाइस के स्टोर या फिर किसी इंश्योरेंस कंपनी के वेबसाइट और ऐप्स से खरीद सकते हैं।हालांकि, मोबाइल इंश्योरेंस लेना अनिवार्य नहीं है। लेकिन, अगर आप यह इंश्योरेंस लेते हैं तो यह एक तरह का फाइनेंशियली सेफगार्ड का रोल निभाएगा। एक्पर्ट भी कहते हैं कि मोबाइल इंश्योरेंस लेना एक स्मार्ट चॉयस होती है।
मोबाइल इंश्योरेंस क्यों खरीदें
जब फोन चोरी होता है तो डेटा के खो जाने के साथ ही वित्तीय बोझ भी बढ़ जाता है। ऐसे में फाइनेंशियली सेटबैक के लिए मोबाइल इंश्योरेंस बहुत जरूरी होता है। मोबाइल इंश्योरेंस इन सभी स्थितियों को कवरे करता है।एक्सीडेंट या फिर किसी वजह से फोन टूट जाए तो फोन को रिपेयर करना काफी महंगा पड़ता है। ऐसे में मोबाइल ब्रेकरेज के समय मोबाइल इंश्योरेंस काफी कारगार साबित होता है।स्मार्टफोन के टूट जाने के साथ ही उसे लिक्विड डैमेज से बचाना भी बहुत जरूरी है। कई बार पानी, मॉयचर और ह्यूमिडिटी की वजह से भी फोन खराब हो जाता है। मोबाइल इंश्योरेंस इस स्थिति को भी कवर करता है।एप्पल , सैमसंग , वन प्लस जैसे ब्रांड के फोन को रिपेयर करवाना काफी महंगा पड़ता है। ऐसे में इन फोन के लिए इंश्योरेंस करवाते हैं तो यह इंश्योरेंस इस तरह के रिपेयर बिल से हमें बचाता है।अगर फोन खो जाए और वारंटी पीरियड चालू है तब भी उसका कंपनसेशन नहीं मिलता है। लेकिन, मोबाइल इंश्योरेंस में पूरी तरीके से कंपनसेशन दिया जाता है।
मोबाइल इंश्योरेंस में क्या-क्या कवर होता है?
चोरी हो गया फोन को कवर किया जाता है।
अगर किसी दुर्घटना में फोन डैमेज हो जाता है तो उसे कवर किया जाता है।
लिक्विड डैमेज कवर होता है।
टेक्नीकल कोई दिक्कत आए तो वो भी कवर होता है।
स्मार्टफोन की स्क्रीन डैमेज भी कवर होती है।
स्मार्टफोन में आग लग जाए तो वह भी कवर होता है।
मोबाइल इंश्योरेंस में क्या कवर नहीं होता है?
अगर फोन कैसे खोया इसकी जानकारी न हो।
फोन को जानबूझकर क्षति पहुंचाना।
मालिक के अलावा अगर कोई दूसरा व्यक्ति फोन का इस्तेमाल कर रहा है।
फोन में पहले से कोई खराबी हो।
मोबाइल इंश्योरेंस में मिलती है ये सुविधाएं
कई इंश्योरेंस में रिपेयर के लिए डोरस्टेप पिक-अप और ड्रॉप फैसेलिटी भी मिलती है।
कैशलेस प्रोसेस की भी सुविधी मिलती है।
कुछ इंश्योरेंस कंपनी नौ-क्लेम बोनस भी देती है।
एक से अधिक क्रेडिट कार्ड का ऐसे उठाएं लाभ
2 Jul, 2024 03:50 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज क्रेडिट कार्ड बहुत-से लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया है। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, भारत में साल 2023 के आखिर तक 9 करोड़ से अधिक एक्टिव क्रेडिट कार्ड थे। एक साल पहले के मुकाबले इसमें करीब 17 फीसदी का उछाल आया है। इसमें कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड हैं।हालांकि, एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखना अच्छा नहीं समझा जाता। कई लोग मानते हैं कि इससे फिजूलखर्ची की आदत बढ़ती है, आप कर्ज के जाल में भी फंस सकते हैं। और फिर एक से ज्यादा क्रेडिट कार्ड को मैनेज करना भी मुश्किल काम होता है। लेकिन, अगर आप आर्थिक नजरिए से अनुशासित हैं, तो एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखना आपके लिए फायदेमंद भी हो सकता है।
ब्याज मुक्त पैसों का मिलेगा लाभ
क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन और बिल पेमेंट की लास्ट डेट के बीच 18-55 दिन इंटरेस्ट-फ्री होते हैं। इस दौरान लेन-देन पर कोई ब्याज नहीं देना होता। बस ATM विड्राल इसका अपवाद है। आपको क्रेडिट कार्ड से खर्च होने वाली रकम को आखिरी तारीख तक चुका देना होता है। अगर आप अलग-अलग कार्ड के इंटरेस्ट-फ्री पीरियड के हिसाब से बड़े खर्च बांट दें, तो एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखने का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा सकते हैं।
नो-कास्ट EMI का उठाएं फायदा
फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर कई प्रोडक्ट्स नो-कास्ट EMI पर मिलते हैं। ऐसे ऑफर में EMI से सिर्फ खरीद देनी होती है, ब्याज नहीं। लेकिन, ये अक्सर अलग-अलग क्रेडिट कार्ड के लिए होते हैं। जैसे कि कोई प्रोडक्ट HDFC बैंक के क्रेडिट कार्ड से खरीदे जाने पर नो-कास्ट EMI मिलेगा, तो कोई SBI के। ऐसे में आपके एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रहेंगे, तो आप नो-कास्ट EMI ऑफर का बेहतर तरीके से लाभ उठा पाएंगे।
रिवॉर्ड पॉइंट के हिसाब से ट्रांजेक्शन
कई बैंक अपने क्रेडिट कार्ड को मुफ्त एयरपोर्ट लाउंज एक्सेस और पेट्रोल पंप पर फ्यूल सरचार्ज वापस मिलने जैसी सुविधाओं के साथ आते हैं। आपको अपने क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल इस हिसाब से करना चाहिए, ताकि आप रिवॉर्ड प्रोग्राम और बाकी बेनिफिट्स का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठा सकें। एक कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट खत्म हो जाने के बाद दूसरे क्रेडिट कार्ड से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं, ताकि हर खरीदारी पर रिवॉर्ड पॉइंट मिलते रहें। क्रेडिट कार्ड कार्ड चोरी होने या खोने पर दूसरा मिलने में वक्त लगेगा। अगर आपके पास एक से अधिक क्रेडिट कार्ड होंगे, तो आपका काम नहीं रुकेगा।
बिल पेमेंट के लिए रिमाइंडर सेट करें
एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखने पर उन्हें मैनेज करने में ज्यादा परेशानी होती है। कई बार बिल पेमेंट की लास्ट डेट चूकने का भी खतरा रहता है। इससे आपको भारी भरकम ब्याज देना पड़ेगा, साथ ही आपका सिबिल स्कोर भी खराब हो जाएगा। इस परेशानी से बचने के लिए आप सभी क्रेडिट कार्ड की ड्यू डेट के लिए मोबाइल पर रिमाइंडर सेट कर सकते हैं। इसके लिए आपके कई ऐप भी मिल जाएंगे, जिनसे क्रेडिट कार्ड को मैनेज करना आसान हो जाएगा।
कॉल-इंटरनेट महंगा कर ग्राहक से 15 फीसदी ज्यादा कमाएंगी कंपनियां
2 Jul, 2024 01:02 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
दूरसंचार कंपनियों ने मोबाइल फोन पर बात करना और इंटरनेट का इस्तेमाल करना महंगा कर ग्राहकों से अच्छी खासी कमाई करने की योजना बनाई है। रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग ने कहा, अनुमान है कि सभी मोबाइल और डाटा प्लान की कीमतें बढ़ाने से इन कंपनियों को हर ग्राहक से करीब 15 फीसदी ज्यादा कमाई हो सकती है।रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, ढाई साल बाद दूरसंचार कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। इससे इनके कर पूर्व लाभ में 20-22 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। इससे इन कंपनियों की प्रति ग्राहक कमाई (एआरपीयू) 2024-25 में 15 फीसदी बढ़कर 220 रुपये पहुंच सकती है। 2022-23 में यह औसतन 191 रुपये रही थी। एजेंसी ने कहा, एआरपीयू में हर एक रुपये की वृद्धि से दूरसंचार उद्योग का कर पूर्व लाभ 1000 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है।एआरपीयू में 15% की बढ़ोतरी से टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने और नेटवर्क विस्तार में मदद मिलेगी। साथ ही, कंपनियों के कर्ज में भी कमी आएगी।
जानें क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर के फीचर
2 Jul, 2024 12:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
क्रेडिट कार्ड आज के समय में इसके यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोग धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल करते हैं पर दिक्कत तब आती है जब क्रेडिट कार्ड का बिल देना हो और पैसों न हो। अब ऐसे में पहले तो देरी से बिल का भुगतान करने की सोचते हैं पर फिर सिबिल स्कोर खराब होने का डर रहता है।अब बिना सिबिल स्कोर खराब किये और कोई उधार लिये बिना क्रेडिट कार्ड का बिल कैसे भरें? इसका जवाब है क्रेडिट कार्ड बैलेंस ट्रांसफर फीचर। यह फीचर आपके लिए भी काफी मददगार साबित हो सकता है।
बैलेंस ट्रांसफर के फीचर
बैलेंस ट्रांसफर फीचर का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास दो क्रेडिट कार्ड होने चाहिए। इसमें आप एक क्रेडिट कार्ड का बिल का भुगतान दूसरे कार्ड से कर सकते हैं। इसे प्रोसेस को ही बैंलेंस ट्रांसफर कहते हैं।अब दूसरे कार्ड से पेमेंट करने के लिए भी आपको ब्याज देना होगा। हालांकि, यह ब्याज लेट फीस या फिर लोन से काफी कम है।
ऐसे होता है बैलेंस ट्रांसफर ?
बैलेंस ट्रांसफर करने के दो तरीके होते हैं। पहले तरीके में आपको बैंक के कस्टमर केयर को कॉल करके फिर उनसे बैलेंस ट्रांसफर करवाना होगा। वहीं, दूसरे तरीके में आप खुद बैंक के वेबसाइट और ऐप की मदद से बैलेंस ट्रांसफर करवा सकते हैं।दूसरे तरीके में आपको क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स देनी होगी जिस पर बैलेंस ट्रांसफर करना है और अमाउंट भी देना होगा। इसमें आप बैलेंस चुकाने का तरीका भी चुन सकते हो। आप बैलेंस ट्रांसफर चुकाने के लिए एकमुश्त या फिर ईएमआई में से कोई एक ऑप्शन सेलेक्ट कर सकते हो।
गिरावट के साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 211 अंक टूटा, निफ्टी 24100 के करीब
2 Jul, 2024 12:35 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
मंगलवार को प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सर्वकालिक उच्च स्तरों से पीछे हट गए। सेंसेक्स दिन के उच्च स्तर 79,855 से 600 अंक से अधिक गिरकर 79,236 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 शुरुआती सत्र में 24,200 के स्तर को छूने के बाद 24,100 पर आ गया।सेंसेक्स पैक से, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस और भारती एयरटेल बढ़त के साथ खुले, जबकि टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक लाल निशान में खुले।मंगलवार को प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सर्वकालिक उच्च स्तरों से पीछे हट गए। सेंसेक्स दिन के उच्च स्तर 79,855 से 600 अंक से अधिक गिरकर 79,236 पर आ गया, जबकि निफ्टी 50 शुरुआती सत्र में 24,200 के स्तर को छूने के बाद 24,100 पर आ गया।सेंसेक्स पैक से, इंफोसिस, एचसीएल टेक, टीसीएस और भारती एयरटेल बढ़त के साथ खुले, जबकि टाटा मोटर्स, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस और आईसीआईसीआई बैंक लाल निशान में खुले।कोटक महिंद्रा के शेयरों में 2% की गिरावट आई, जब अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग ने कहा कि ऋणदाता ने एक फंड बनाया और उसकी देखरेख की, जिसका इस्तेमाल हिंडनबर्ग के निवेशकों ने अदाणी शेयरों को शॉर्ट करने के लिए किया।आईटी स्टॉक, जो पिछले सत्र में 2% बढ़े थे, सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की नई उम्मीद के कारण 0.7% बढ़ गए। एम्फैसिस, विप्रो और इंफोसिस इस समूह में शीर्ष पर रहे।
बिना एटीएम कार्ड के ऐसे निकाले कैश
2 Jul, 2024 12:31 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
आज के समय में भले ही हम पेमेंट करने के लिए यूपीआई (UPI) करना पसंद करते हैं। लेकिन, कई बार हमें कैश की जरूरत पड़ जाती है और इसके लिए हमें एटीएम (ATM) जाना होता है। अब आप कैश विड्रॉल करने के लिए एटीएम गए , लेकिन डेबिट कार्ड (Debit Card) ले जाना भूल गए।ऐसी स्थिति में आपको क्या करना चाहिए? आपको डेबिट कार्ड लेने के लिए वापस जाने की जरूरत नहीं है। आप बिना एटीएम कार्ड के भी कैश विड्रॉल कर सकते हैं। कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है।
बिना एटीएम कार्ड के कैसे विड्रॉ करें कैश
आपको बिना एटीएम कार्ड के कैश विड्रॉ करने के लिए यूपीआई बेस्ड ऐप्स जैसे भीम (BHIM), पेटीएम (Paytm), गूगल पे (GPay), फोन पे (PhonePay) आदि का इस्तेमाल करना होगा।
आपको एटीएम पर जाकर कार्डलैश विड्रॉ के ऑप्शन को सेलेक्ट करना होगा।
अब आपको यूपीआई ऐप ओपन करके क्यूआर कोड स्कैन करना होगा।
इसके बाद यूपीआई से ऑथेंटिकेशन हो जाने के बाद आप कैश निकाल सकते हैं।
कितना सेफ है यह तरीका
यूपीआई ऐप्स के जरिये कैश निकालने का यह तरीका काफी सिक्योर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस तरीके को लेकर कहा था कि यह काफी सुरक्षित तरीका है। इसमें कार्ड क्लोनिंग नहीं हो सकती है। इसका मतलब है कि यह आपको बैंकिंग फ्रॉड से बचाता है।यूपीआई के जरिये आप एक दिन में केवल 10,00 रुपये का कैश विड्रॉल कर सकते हैं। इसी के साथ-साथ अब कैश विड्रॉ करते समय पर्स से एटीएम कार्ड की जगह केवल स्मार्टफोन निकालना होगा। यह एक हद तक टाइम सेविंग तरीका भी है।
जून में रोजगार के अवसर में हुई वृद्धि
1 Jul, 2024 05:14 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार तेजी देखने को मिली है। जून में रोजगार के अवसरों में आई तेजी आई और इसका सकारात्मक असर मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर भी देखने को मिला। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ग्रोथ को लेकर आज एक सर्वे रिपोर्ट जारी हुई है।इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स के अनुसार जून में पीएमआई 58.3 फीसदी रहा। वहीं मई में मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई 57.5 फीसदी था। यह आंकड़ें बिजनेस कंडीशन में हुई इम्प्रूवमेंट को दर्शाता है। पीएम आई की भाषा में 50 से ऊपर का स्तर विस्तार होता है, जबकि 50 के नीचे का मतलब संकुचन है।
सर्वे में जारी रिपोर्ट के अनुसार जून में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी आई है। बिक्री और एक्सपोर्ट में आई तेजी ने मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ को बढ़ावा दिया है। लगातार आ रहे ऑर्डर को देखते हुए अब कंपनियां नियुक्ति की ओर ध्यान दे रही है। मार्च 2005 के बाद जून में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर देखने को मिले हैं।पिछले 19 सालों के मुकाबले जून 2024 में सबसे ज्यादा रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। इसके अलावा इनपुट खरीद गतिविधि में भी तेजी आई है। कच्चे माल की मांग में बढ़ोतरी और ट्रांसपोर्टेशन कोस्ट में भी आई तेजी की वजह से ऑपरेटिंग एक्सपेंस भी बढ़ गया है।जून में एक्सपोर्ट ऑर्डर में तेजी आई है। कई कंपनियों ने हायर इनफ्लो के लिए एशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, यूरोप, यूएस को जिम्मेदार ठहराया है।सर्वे रिपोर्ट के अनुसार आगामी सालों में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सकारात्मक तेजी देखने को मिलेगी। इस साल ऑर्डर बुक और डिमांड बुक में भी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलेगा।
जाने नकदी जरूरत के लिए गोल्ड लोन कितना सही
1 Jul, 2024 04:58 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
पैसों की जरूरत के समय कर्ज लेना मुश्किल हो सकता है। नकदी की तुरंत जरूरत को देखते हुए दूसरे ऋण विकल्पों की खोज का रास्ता ही नजर आता है। नकदी की यह जरूरत गोल्ड लोन के साथ पूरी हो सकती है।सोना अपनी स्थायी कीमत और हर जगह स्वीकार्यता के कारण एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव में भी स्थिरता बनाए रखता है, जिससे यह लोन के लिए सुरक्षित विकल्प बन जाता है।सोने की स्थिरता ही गोल्ड लोन का आधार होती है और यह उधार देने वाले और लेने वाले दोनों को सुरक्षा का भरोसा देती है। सोना समय के साथ अपनी कीमत बनाए रखता है, जो आर्थिक अनिश्चितता में एक भरोसेमंद सुरक्षा प्रदान करता है।
RBI के अनुसार, ऋणदाता सोने के आभूषणों के मूल्य का अधिकतम 75% तक लोन प्रदान करते हैं। सोने की उच्च कीमत के कारण आपको अपने गिरवी रखे सोने पर अधिक मूल्य मिलता है।सोने की भौतिक उपस्थिति के कारण भारी-भरकम कागजी कार्रवाई और क्रेडिट मूल्यांकन की जरूरत नहीं होती, जिससे लोन की मंजूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आ जाती है।गोल्ड लोन आपकी सभी फंडिंग जरूरतों को पूरा कर सकता है।
गोल्ड लोन के फायदे
सभी के लिए आसानी से उपलब्ध
गोल्ड लोन पारंपरिक क्रेडिट विकल्पों की तुलना में ज्यादा लोगों के लिए उपलब्ध होता है। इसमें वेतनभोगी कर्मचारी, स्व-रोजगार वाले प्रोफेशनल, या ऐसे लोग जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री बहुत अच्छी नहीं है, उन्हें भी गोल्ड लोन मिल सकता है।बस शर्त यह है कि उनके पास गिरवी रखने के लिए सोना होना चाहिए। यह लचीलापन गोल्ड लोन को उन लोगों के लिए आकर्षक बनाता है जो पारंपरिक उधारदाताओं द्वारा निर्धारित कड़े मानदंडों को पूरा नहीं कर सकते।
पुनर्भुगतान में लचीलापन
गोल्ड लोन की एक खास विशेषता इसका पुनर्भुगतान में लचीलापन है। इसमें उधार लेने वालों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार पुनर्भुगतान अवधि चुनने की स्वतंत्रता होती है। आप अल्पकालिक या दीर्घकालिक लोन भुगतान योजनाएं चुन सकते हैं।इसके अलावा, कई गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां बिना भारी जुर्माना लगाए आंशिक भुगतान या समय से पहले लोन चुकाने की सुविधा देती हैं। इससे उधार लेने वालों को ज्यादा वित्तीय लचीलापन मिलता है।
कम लागत और निम्न ब्याज दर
गोल्ड लोन में कोलेटरल के रूप में रखे गए सोने की वजह से आमतौर पर दूसरे अनसिक्योर्ड/असुरक्षित ऋणों की तुलना में कम ब्याज दर होती है।सोना लोन देने वाली कंपनी के जोखिम को कम करता है, जिससे उन्हें उधार लेने वालों को ज्यादा आसान शर्तों पर लोन देने की सुविधा मिलती है।इसके अलावा, गोल्ड लोन पर तय ब्याज दरें होती हैं, जिससे पुनर्भुगतान की निश्चितता होती है और आप आसानी से अपने वित्तीय दायित्वों का अनुमान लगा सकते हैं।
गोल्ड लोन से जुड़ी चिंता
गोल्ड लोन लेने पर लोगों की पहली चिंता यह होती है कि कहीं वे अपनी कीमती संपत्ति का स्वामित्व और नियंत्रण तो नहीं खो देंगे। यह समझना जरूरी है कि गोल्ड लोन के लिए आपको अपने सोने का मालिकाना हक छोड़ने की जरूरत नहीं होती है।जब आप लोन के लिए अपना सोना गिरवी रखते हैं, तो यह लोन देने वाली कंपनी के पास सुरक्षित रूप से संग्रहीत रहता है, जब तक आप लोन का पूरा भुगतान नहीं कर देते।इस तरह, आप निश्चिंत रह सकते हैं कि लोन की पूरी अवधि के दौरान आपकी कीमती संपत्ति का स्वामित्व और नियंत्रण आपके पास ही रहेगा।
सस्ता हुआ कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर
1 Jul, 2024 04:45 PM IST | GRAMINBHARATTV.IN
कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बदलाव किया गया है। तेल विपणन कंपनियों की ओर से कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करने का फैसला किया गया है। 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमत में आज यानी 1 जुलाई से 30 रुपये की कटौती की गई है। दिल्ली में 19 किलोग्राम वाले कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की खुदरा बिक्री कीमत आज से 1646 रुपये हो गई है।हाल के महीनों में लगातार वाणिज्यिक सिलेंडर की कीमतों में कटौती की गई है। 1 जून को 19 किलोग्राम के वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 69.50 रुपये की कटौती की गई थी, जिससे कीमत घटकर 1,676 रुपये हो गई थी। इससे पहले 1 मई, 2024 को प्रति सिलेंडर 19 रुपये की एक और कटौती हुई थी। कीमतों में लगातार कटौती से चुनौतीपूर्ण आर्थिक माहौल में परिचालन लागत से जूझ रहे कारोबारों को राहत मिली है।